Class 8

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

HBSE 8th Class Science कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पष्ठ संख्या – 90)

प्रश्न 1.
मुर्गी का अंडा आसानी से दिखाई दे जाता है। क्या यह एकल कोशिका है अथवा कोशिकाओं का एक समूह ?
उत्तर:
मुर्गी का अंडा एक एकल कोशिका है। आकार में बड़ा होने से इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है।

(पृष्ठ संख्या – 92)

प्रश्न 2.
अपनी आकृति बदलने से अमीबा को क्या लाभ होता है ?
उत्तर:
अमीबा की बदलती हुई आकृति पादाभ के बनने के कारण होती है जो उसे गति प्रदान करने एवं भोजन ग्रहण करने में सहायता करता है।

(पृष्ठ संख्या – 93)

प्रश्न 3.
क्या हाथी की कोशिकाएँ चूहे की कोशिकाओं से बड़ी होती हैं ?
उत्तर:
आवश्यक नहीं है कि हाथी की कोशिकाएँ चूहे की कोशिकाओं से बहुत अधिक बड़ी हों। कोशिका के साइज का सम्बन्ध उसके प्रकार्य से है। तंत्रिका कोशिकाएँ हाथी व चूहे दोनों में ही लम्बी व शाखान्वित होती हैं। वह संदेश के स्थानान्तरण का कार्य करती हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

(पृष्ठ संख्या – 94)

प्रश्न 4.
पौधों को कोशिका भित्ति की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर:
पौधों में कोशिका झिल्ली के अतिरिक्त एक बाहरी मोटी परत होती है जो कोशिका भित्ति कहलाती है। यह संरचना पौधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। पादप कोशिकाओं को ताप में परिवर्तन, तीव्र गति से चलने वाली वायु, वायुमण्डलीय नमी इत्यादि विभिन्न परिवर्तनों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है। वह इन परिवर्तनों से प्रभावित होते हैं क्योंकि वे चल नहीं सकते।

(पृष्ठ संख्या – 95)

प्रश्न 5.
पहेली जानना चाहती है कि क्या पौधों, जंतु और जीवाणु की कोशिका में केन्द्रक की संरचना एक समान होती है?
उत्तर:
नहीं। पौधों में कोशिका भित्ति होती है जबकि जन्तु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती। जीवाणु की कोशिका में केन्द्रक बहुकोशकीय जीवों की भाँति सुसंगठित नहीं होता है।

HBSE 8th Class Science कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न कथन सत्य (T) है अथवा असत्य (F)
(क) एककोशिक जीव में एक ही कोशिका होती है।
(ख) पेशी कोशिका शाखान्वित होती है।
(म) किसी जीव की मूल संरचना अंग है।
(घ) अमीबा की आकृति अनियमित होती है।
उत्तर:
(क) एककोशिक जीव में एक ही कोशिका होती है। (T)
(ख) पेशी कोशिका शाखान्वित होती है। (F)
(म) किसी जीव की मूल संरचना अंग है। (F)
(घ) अमीबा की आकृति अनियमित होती है। (T)

प्रश्न 2.
मानव तंत्रिका कोशिका का रेखाचित्र बनाइए। तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा क्या कार्य किया जाता है ?
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -1
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य
उत्तर:
तंत्रिका कोशिका का कार्य : तंत्रिका कोशिका संदेश प्राप्त करके उसका स्थानान्तरण करती है जिसके द्वारा यह शरीर में नियंत्रण एवं समन्वयन का कार्य करती है।

प्रश्न 3.
निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखिए –
(क) कोशिका द्रव्य
(ख) कोशिका का केन्द्रक।
उत्तर:
(क) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) : यह कोशिका झिल्ली एवं केन्द्रक के बीच पाए जाने वाला एक जैली जैसा पदार्थ है। कोशिका द्रव्य में कोशिका के अन्य संघटक अथवा कोशिकांग पाए जाते हैं। यह कोशिकांग माइट्रोकांड्रिया, गॉल्जीकाय, राइबोसोम आदि हैं। यह मुख्यत: C, H, O तथा N से मिलकर बना होता है। ये तत्व मुख्य रूप से रासायनिक तत्वों; जैसे – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व जल के रूप में पाये जाते हैं।

(ख) कोशिका का केन्द्रक (Nucleus of cell) : यह कोशिका के मध्य भाग में स्थित प्रमुख गोलाकार या अण्डाकार संरचना है। यह सभी कोशिकीय गतिविधियों का नियंत्रण केन्द्र है। केन्द्रक के मुख्य अवयव हैं –
(a) क्रोमेटिन पदार्थ – यह एक धागेनुमा संरचना के रूप में पाए जाते हैं। यह आनुवंशिक पदार्थ है।
(b) केन्द्रिका – इसमें अधिकतर R.N.A. होता है। यह प्रोटीन निर्माण कार्य करती है।
केन्द्रक के कार्य- कोशिकीय कार्यों पर नियंत्रण माँ-बाप के गुणों को बच्चों में भेजना।

प्रश्न 4.
कोशिका के किस भाग में कोशिकांग पाए जाते
उत्तर:
कोशिका के कोशिकांग, कोशिका द्रव्य में पाये जाते हैं। कोशिका द्रव्य, केन्द्रक एवं कोशिका झिल्ली के बीच पाया जाता है। प्रश्न 5. पादप कोशिका एवं जन्तु कोशिका के रेखाचित्र बनाकर उनमें तीन अंतर लिखिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -2

पादप कोशिका जंतु कोशिका
1. तारककाय अनुपस्थित । तारककाय उपस्थित।
2 बड़ी केन्द्रीय रिक्तिका होती है। अनेक छोटी-छोटी रिक्तिकायें होती हैं।
3. कोशिका भित्ति उपस्थित होती है। कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 6.
यूकरियोट्स तथा प्रोकैरियोट्स में अन्तर लिखिए।
उत्तर:

यूकैरियोट्स प्रोकरियोट्स
1. इनमें सत्य केन्द्रक होता है। इनमें केन्द्राभ पाया जाता है।
2. इनमें झिल्लीयुक्त कोशिकांग पाये जाते हैं। इनमें झिल्लीयुक्त कोशिकांग नहीं होते ।
3. गुणसूत्र एक से अधिक डी.एन.ए. के बने होता है। गुणसूत्र एकल तथा डी. एन.ए, और आर.एन.ए. का बना होता है।

प्रश्न 7.
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ? उनका कार्य बताइए।
उत्तर:
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र केन्द्रक द्रव्य में पाए जाते हैं। क्रोमोसोम के कार्य-
(1) जीन के धारक।
(2) आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानान्तरित करना।
(3) विभाजन में सहायक।

प्रश्न 8.
‘सजीवों में कोशिका मूलभूत संरचनात्मक इकाई है’। समझाइए।
उत्तर:
जिस प्रकार भवन निर्माण में ईंटों का आकार व प्रकार एक समान होता है परन्तु भवनों की आकृति, डिजाइन एवं साइज अलग होते हैं। इसी तरह सभी सजीव केवल कोशिकाओं के बने होते हैं, परन्तु एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। सभी सजीवों के शरीर का निर्माण कोशिकाओं से होता है। इस कारण कोशिका को ‘संरचनात्मक इकाई’ कहते हैं। एककोशिकीय जीवों में समस्त जैविक क्रियाओं को एक ही कोशिका सम्पन्न करती है, इसके विपरीत बहुकोशिकीय जीवों में कोशिकाएँ निश्चित कार्य को करने के लिए विशिष्टीकृत हो जाती हैं। कोशिकाएँ कोशिकांगों के कारण विशिष्ट कार्य करती हैं, इस कारण कोशिका को सजीवों की संरचनात्मक इकाई कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 9.
बताइए कि क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक केवल पादप कोशिकाओं में ही क्यों पाए जाते हैं?
उत्तर:
क्लोरोप्लास्ट हरे रंग के वर्णक होते हैं। पौधों की पत्तियों के क्लोरोप्लास्ट में उपस्थित क्लोरोफिल प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है, इस कारण हरित लवक केवल पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाई से बाईं ओर –
4. यह कोशिका द्रव्य से एक झिल्ली द्वारा अलग होता है।
3. कोशिका द्रव्य के बीच रिक्त स्थान।
1. सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक इकाई।

ऊपर से नीचे की ओर –
2. यह प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
1. कोशिका झिल्ली और केन्द्रिका झिल्ली के बीच का पदार्थ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -3
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -4

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

HBSE 8th Class Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कोशिका की खोज की –
(अ) रॉबर्ट हुक ने
(ब) रॉबर्ट ब्राउन ने
(स) फ्लेमिंग ने
(द) जेनर ने।
उत्तर:
(अ) रॉबर्ट हुक ने

2. मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है –
(अ) तंत्रिका कोशिका
(ब) रुधिर कोशिका
(स) पेशी कोशिका
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) तंत्रिका कोशिका

3. आनुवांशिक गुण को जनक से अगली पीढ़ी में ले जाने का कार्य करते हैं –
(अ) तारककाय
(ब) कोशिका झिल्ली
(स) रिक्तिका
(द) गुणसूत्र।
उत्तर:
(ब) कोशिका झिल्ली

4. हरे रंग के प्लैस्टिड्स को कहते हैं –
(अ) हरितलवक
(ब) कोशिका द्रव्य
(स) रिक्तिका
(द) केन्द्रक।
उत्तर:
(अ) हरितलवक

5. जन्तु कोशिका में अनुपस्थित होती है
(अ) प्लाज्मा झिल्ली
(ब) कोशिका भित्ति
(स) कोशिका द्रव्य
(द) केन्द्रक।
उत्तर:
(ब) कोशिका भित्ति

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) ……………. ने 1665 में कॉर्क के स्लाइस का सामान्य आवर्धक यंत्र की सहायता से अध्ययन किया।
(ख) …………… संदेश प्राप्त कर उनका स्थानान्तरण करती हैं।
(ग) सजीव कोशिका के समग्र संघटक को ……………. के नाम से जाना जाता है।
(घ) हरे रंग के प्लैस्टिड्स को ……………. कहते हैं।
(ङ) पत्तियों के क्लोरोप्लास्ट में उपस्थित क्लोरोफिल . ………….. के लिए आवश्यक है।
उत्तर:
(क) रॉबर्ट हुक
(ख) तंत्रिका कोशिका
(ग) जीवद्रव्य
(घ) हरित लवक
(ङ) प्रकाश संश्लेषण।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) अमीबा (क) जीवाणु कोशिका
(ii) सबसे छोटी (ख) शुतुर्मुर्ग का अंडा
(iii) सबसे बड़ी कोशिका (ग) केन्द्रक में धागेनुमा संरचना
(iv) गुणसूत्र (घ) एककोशिक जीव
(v) क्लोरोफिल (ङ) प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) अमीबा (घ) एककोशिक जीव
(ii) सबसे छोटी (क) जीवाणु कोशिका
(iii) सबसे बड़ी कोशिका (ख) शुतुर्मुर्ग का अंडा
(iv) गुणसूत्र (ग) केन्द्रक में धागेनुमा संरचना
(v) क्लोरोफिल (ङ) प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

सत्य/असत्य कथन

(क) कोशिका मूलभूत संरचनात्मक इकाई है।
(ख) प्रत्येक अंग पुनः छोटे भागों से बना होता है जिसे कोशिका कहते हैं।
(ग) क्लोरोफिल एक हरा रंजक पदार्थ है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
(घ) जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति पायी जाती है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका की खोज किसने की?
उत्तर:
राबर्ट हुक ने।

प्रश्न 2.
सजीव की मूलभूत संरचनात्मक इकाई क्या है?
उत्तर:
कोशिका।

प्रश्न 3.
मुर्गी का अंडा किस प्रकार की कोशिका है?
उत्तर:
एकल कोशिका।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
बहुकोशिक जीव किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह जीव जिनका शरीर एक से अधिक कोशिकाओं का बना होता है, बहुकोशिक जीव कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
एककोशिक जीव किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक कोशिका वाले जीवों को एककोशिक जीव कहते है।

प्रश्न 6.
मनुष्य के रक्त में पाई जाने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएँ किस प्रकार की संरचना रखती हैं?
उत्तर:
एक-कोशिकीय संरचना

प्रश्न 7.
मनुष्य के शरीर में एक-कोशिकीय संरचना का नाम लिखिए जो अपनी आकृति बदल सकती है।
उत्तर:
मनुष्य के रक्त में पाई जाने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) अपनी आकृति बदल सकती हैं।

प्रश्न 8.
सबसे छोटी कोशिका का नाम क्या है? इसका साइज बताइए।
उत्तर:
जीवाणु कोशिका। साइज 0.1 – 0.5 माइक्रोमीटर।

प्रश्न 9,
सबसे बड़ी कोशिका का नाम क्या है? इसका साइज बताइए।
उत्तर:
शुतुमुर्ग का अंडा। साइज = 170 mm × 130 mm

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 10.
ऊतक किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक अंग पुनः छोटे भागों से बना होता है जिसे ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 11.
कोशिका के मूल घटक क्या हैं?
उत्तर:
कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य एवं केन्द्रक।

प्रश्न 12.
केन्द्रक क्या है?
उत्तर:
कोशिका के केन्द्र में घनी एवं गोलाकार संरचना होती है, जिसे केन्द्रक कहते हैं।

प्रश्न 13.
कोशिका द्रव्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
केन्द्रक एवं कोशिका झिल्ली के मध्य एक जेली के समान पदार्थ होता है, जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एककोशिक जीव एवं बहुकोशिक जीव में अन्तर स्पष्ट कीजिए। किसी एक एककोशिक जीव का चित्र बनाइए।
उत्तर:

एककोशिक जीव बहुकोशिक जीव
वह जीव जिनका शरीर एक कोशिका से बना होता है, एककोशिक जीव कहलाते हैं। वह जीव जिनका शरीर एक से अधिक कोशिकाओं का बना होता है, बहुकोशिक जीव कहलाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -5

प्रश्न 2.
एककोशिक जीव के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
एक कोशिक जीव जैसे अमीबा भोजन का अंतर्ग्रहण करता है तथा पचाता है और श्वसन, उत्सर्जन, वृद्धि एवं प्रजनन भी करता है। प्रश्न 3. अमीबा की आकृति अनियमित होती है। टिप्पणी कीजिए। उत्तर- अमीबा की कोई सुनिश्चित आकृति नहीं होती। यह अपनी आकृति बदलता रहता है। इसके मुख्य शरीर से बाहर की ओकर परिवर्ती लंबाई के प्रवर्ध उभरते हुए दिखाई देते हैं। इन्हें पादाभ कहते हैं। यह प्रवर्ध अमीबा की गति के समय अथवा भोजन का अधिग्रहण करते समय बनते एवं बिगड़ते रहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
कोशिका झिल्ली के कार्य बताइए।
उत्तर:
कोशिका के विभिन्न संघटक कोशिका झिल्ली द्वारा परिबद्ध होते हैं। यह झिल्ली पौधों एवं जंतुओं की कोशिका को आकृति प्रदान करती है।

प्रश्न 5.
मुर्गी का एक अंडा उबालने पर कैसा दिखाई देता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक सफेद पदार्थ केन्द्र के पीले भाग को घेरे हुए है। सफेद भाग ऐल्ब्यूमिन है जो उबालने पर ठोस में परिवर्तित हो जाता है। पीला भाग योक है, यह एक एकल कोशिका का भाग है। यह आवर्धक उपकरण के बिना भी देखा जा सकता है।

प्रश्न 6.
प्याज की झिल्ली की कोशिकाओं का रेखाचित्र बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -6

प्रश्न 7.
कोशिका भित्ति तथा प्लाज्मा झिल्ली में अंतर बताइये।
उत्तर:
कोशिका भित्ति –
(1) यह सैल्युलोज की बनी होती है।
(2) यह केवल कवक, जीवाणु तथा पादप कोशिकाओं में उपस्थित होती है।

प्लाज्मा झिल्ली –
(1) यह प्रोटीन की बनी होती है।
(2) यह सभी कोशिकाओं में उपस्थित होती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 8.
क्या होगा यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली प्रोटीन तथा लिपिड्स से बनी सजीव वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली होती है। यह कोशिका को निश्चित आकार में बनाए रखती है। इनमें पुनरुद्भवन क्षमता होती है। अतः यह टूट-फूट से होने वाली क्षति से कोशिका को बचाती है। टूटने या फटने पर इसका पुनः निर्माण हो जाता है।

प्रश्न 9.
कोशिका के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर:
(1) यह ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक है।
(2) यह पदाथों के स्रावण में सहायता करती है।
(3) यह पाचन में सहायता करती है।
(4) यह आवश्यक पदार्थो के संश्लेषण में सहायता करती है।

प्रश्न 10.
कोशिका भित्ति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। उत्तर- पौधों में कोशिका झिल्ली के अतिरिक्त एक बाहरी मोटी परत होती है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं। कोशिका झिल्ली को आबद्ध करने वाली यह अतिरिक्त संरचना पौधों की कोशिकाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 11.
मनुष्य की गाल (कपोल) कोशिकाओं का चित्र बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य -7

प्रश्न 12.
जीन क्या है? इसका कार्य बताइए।
उत्तर:
जीन सजीव में आनुवांशिक की इकाई है। यह जनक से संतति को आनुवांशिक लक्षण के स्थानांतरण का नियंत्रण करते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 13.
निम्नलिखित शब्दों को स्पष्ट कीजिए
(क) जीवद्रव्य
(ख) हरितलवक
उत्तर:
(क) जीवद्रव्य: सजीव कोशिका के समग्न संघटक को जीवद्रव्य के नाम से जाना जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य और केन्द्रिका द्रव्य दोनों सम्मिलित होते हैं। जीवद्रव्य कोशिका का जीवित पदार्थ कहलाता है।

(ख) हरितलवक: पौधों की पत्ती की कोशिकाओं में उपस्थित हरे रंग के प्लैस्टिड्स को हरितलवक (क्लोरोप्लास्ट) कहते हैं। वे पत्तियों को हरा रंग प्रदान करते हैं। पत्तियों के हरितलवक में उपस्थित क्लोरोफिल प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका की संरचना का वर्णन करो।
उत्तर- कोशिका की संरचना (Structure ofacell): कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई है। सभी कार्यों को पूरा करने के लिए इसके कई घटक होते हैं। मुख्य रूप से कोशिका के तीन भाग होते हैं – (1) कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) :
इसे प्लाज्मा झिल्ली भी कहा जाता है। यह लचकीली और पतली झिल्ली होती है। पादप कोशिकाओं में इसके ऊपर एक और परत उपस्थित होती है, जबकि जंतु कोशिका में यह सबसे बाहरी परत बनाती है।
कोशिका झिल्ली के कार्य –
(अ) यह भीतरी भागों की सुरक्षा करती है।
(ब) यह कोशिका को आकार देती है।
(स) यह पदार्थों का काशिका में आवागमन नियमित करती है।

(2) केन्द्रक : कोशिका के मध्य में पाई जाने वाली गोलाकार या वृत्ताकार संरचना जो कोशिका का नियंत्रण केन्द्र है, केन्द्रक कहलाता है।
केन्द्रक के भाग –
(क) केन्द्रिका झिल्ली : यह सरंध्र झिल्ली है, जो कोशिका द्रव्य को केन्द्रक के घटक से अलग करती है।
(ख) केन्द्रिका द्रव्य : केन्द्रक में पाए जाने वाला द्रव्य – केन्द्रिका द्रव्य कहलाता है।
(ग) केन्द्रिका : केन्द्रक में पाई जाने वाली न्यूक्लीय प्रोटीन, आर. एन. ए. की बनी गोलाकार संरचना केन्द्रिका कहलाती है।
(घ) क्रोमैटिन पदार्थ : कोशिका द्रव्य में धागे जैसी संरचनाओं का जाल-सा होता है, यह क्रोमोसोम का एक रूप है, इसमें जीन्स उपस्थित होते हैं।
केन्द्रक के कार्य : क्रोमैटिन पदार्थ अनुवशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाता है। इसमें सभी मूल क्रियाओं की जानकारी होती है।

(3) कोशिका द्रव्य : कोशिका झिल्ली के भीतर जैली जैसा द्रव्य पाया जाता है। इसमें छोटी-छोटी संरचनाएँ पाई जाती हैं जो विभिन्न कार्य करने में सहायक होती हैं। इन संरचनाओं को कोशिकांग कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 2.
कोशिका अंगकों के नाम तथा कार्य बताइये?
उत्तर:
(1) प्लाज्मा झिल्ली : यह कोशिका में पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करती है।
(2) माइटोकॉण्ड्यिा : यह भोज्य पदार्थों के जैव रासायनिक ऑक्सीकरण से युक्त ऊर्जा को ए, टी. पी. में संचित करता है। ए, टी. पी. को गतिज ऊर्जा जैविक क्रियाओं में प्रयुक्त होती है।
(3) लाइसोसोम : यह बाह्य तथा अन्त:कोशिकीय पदाथों का पाचन करते हैं। क्षतिग्रस्त कोशिका को नष्ट कर देते हैं।
(4) कोशिका भित्ति : यह पादप कोशिका की सुरक्षा करती है।
(5) राइबोसोम्स : यह प्रोटीन संश्लेषण करती है।

कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ कोशिका (Cell) – सजीव की संरचनात्मक, क्रियात्मक एवं आनुवंशिक इकाई।

→ ऊतक (Tissue) – कोशिकाओं का समूह, जो एक ही प्रकार के कार्य करता है।

→ आभासी पॉव (Pseudopodia) – यह अमीबा की अंगुलियों जैसी असमान आभासी संरचनाएँ हैं।

→ कोशिका झिल्ली – कोशिका झिल्ली एक कोशिका को दुसरी कोशिका एवं घेरे हये माध्यम से अलग करती है। यह सरंध्र होती है तथा विभिन्न पदार्थों का कोशिका में आवागमन का नियमन करती है।

→ जीवद्रव्य (Protoplasm) – केन्द्रक और कोशिका झिल्ली के बीच पाए जाने वाला द्रव्य, जीवद्रव्य कहलाता है।

→ अंगक (Organcells) – ये सूक्ष्म संरचनाएँ जीवद्रव्य में पाई जाती हैं।

→ कोशिका भित्ति (CellWall) – पौधों में कोशिका झिल्ली के अतिरिक्त एक बाहरी मोटी परत।

→ केन्द्रक (Nucleus) – कोशिका के केन्द्र में घनी एवं गोलाकार संरचना।

→ गुणसूत्र (Chromosomes) – केन्द्रक में उपस्थित धागे के समान संरचनाएँ।

→ धानी (Vacuole) – अंगक जो द्रव्य से भरे होते हैं।

→ वर्णक (Plastids) – छोटी रंगदार संरचनाएँ जो केवल पौधों में पाई जाती हैं।

→ जीन (Gene) – क्रोमोसोम पर उपस्थित बिन्दु जैसी इकाइयाँ जो गुणों की आनुवांशिकता की उत्तरदायी हैं।

→ लाइसोसोम (Lysosome) – छोटी, गोलाकार, एकहरी झिल्ली द्वारा आवरित संरचना।

→ गॉल्जी उपकरण (GolgiApparatus) – यह चिकनी सपाट झिल्ली द्वारा सीमित थैलियों द्वारा बना होता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षणF

HBSE 8th Class Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 77)

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का उद्देश्य उन जन्तुओं को संरक्षित करना है जिनकी संख्या कम है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 77)

प्रश्न 2.
वनोन्मूलन से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे संभव हो सकता है?
उत्तर:
वनोन्मूलन के कारण पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है, जिसकी वजह से जलचक्र में परिवर्तन होने से वर्षा में कमी आती है। दूसरी ओर वनोन्मूलन के कारण मिट्टी की जल को रोकने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम हो जाती है, जिससे जलप्रवाह के कारण बाढ़ आती है।

(पृष्ठ संख्या – 81)

प्रश्न 3.
मैंने सुना है कि कुछ विशेष क्षेत्री स्पीशीज विलुप्त हो सकती हैं। क्या यह सच है ?
उत्तर;
हाँ। बढ़ती हुई जनसंख्या तथा इनके आवास (जंगलों के) नष्ट होने से नयी स्पीशीज के प्रवेश से विशेष क्षेत्री स्पीशीज के प्राकृतिक आवास पर प्रभाव पड़ सकता है तथा इनके अस्तित्व को भी खतरा हो सकता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

(पृष्ठ संख्या – 82)

प्रश्न 4.
चिड़ियाघर और वन्यप्राणी अभयारण्य में क्या अन्तर है?
उत्तर:
चिड़ियाघर में कृत्रिम वातावरण होता है तथा यहाँ जंतुओं का प्रदर्शन मनोरंजन के लिए होता है। किन्तु वन्य प्राणी अभयारण्य का वातावरण प्राकृतिक होता है तथा यह विस्तृत जंगली भू-भाग पर फैला होता है।

(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 5.
क्या इस वन में बाघ अभी भी पाए जाते हैं ? मुझे उम्मीद है कि मैं बाघ देख सकता हूँ।
उत्तर:
बाघ उन स्पीशीज में से एक हैं, जो धीरे-धीरे हमारे वनों से विलुप्त होते जा रहे हैं परन्तु सतपुड़ा आरक्षित क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है, अत: यह संरक्षण का अनूठा उदाहरण है।

(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 6.
क्या केवल बड़े जन्तुओं को ही विलुप्त होने का खतरा है ?
उत्तर:
केवल बड़े जन्तुओं को ही विलुप्त होने का खतरा नहीं है, बल्कि छोटे प्राणियों के विलुप्त होने की संभावना अधिक है। अक्सर हम साँप, मेंढक, छिपकली, चमगादड़ तथा उल्लू इत्यादि को निर्दयता से मार डालते हैं और पारितंत्र में उनके महत्व के विषय में सोचते भी नहीं हैं। उनको मारकर हम स्वयं को हानि पहुंचा रहे हैं। यद्यपि ये आकार में छोटे हैं परन्तु पारितंत्र में उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वे आहार जाल एवं आहार श्रृंखला के भाग हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

(पृष्ठ संख्या – 83)

प्रश्न 7.
क्या ‘संकटापन्न’ स्पीशीज का भी कोई रिकार्ड
उत्तर:
हाँ। रेड डाटा बुक ऐसी पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जन्तुओं और अन्य स्पीशीज के लिए विभिन्न रेड डाटा पुस्तकें हैं।

प्रश्न 8.
क्या होगा जब हमारे पास लकड़ी ही नहीं बचेगी ? क्या लकड़ी का कोई विकल्प उपलब्ध है ? मैं जानता हूँ कि कागज एक महत्त्वपूर्ण उत्पाद है जो हमें वनों से प्राप्त होता है। मुझे आश्चर्य है यदि कागज का कोई और विकल्प उपलब्ध हो। (पृष्ठ संख्या-84)
उत्तर:
लकड़ी के न होने से हमें ईंधन, भोजन और आवास की समस्या होगी। कागज व लकड़ी का कोई विकल्प नहीं है। हाँ, हम कागज को पुननिर्माण प्रक्रिया से दोबारा प्राप्त कर सकते हैं। यदि प्रत्येक छात्र प्रतिदिन एक कागज बचाये तो वर्ष में हजारों पेड़ बचाये जा सकते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 84)

प्रश्न 9.
क्या वनोन्मूलन का कोई स्थायी हल है ?
उत्तर:
पुनर्वनारोपण। इसका तात्पर्य काटे गये वृक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नये वृक्षों का रोपण करना है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

HBSE 8th Class Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं ………….. कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ……………… कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ………………. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर:
(क) वन्यजीव अभयारण्य
(ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज
(ग) जलवायु।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए
(क) वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र।
(ख) चिड़ियाघर एवं अभयारण्य
(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर:
(क) वन्यप्राणी उद्यान : एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है। जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र : वन्य जीवन, पौधे और जन्तु संसाधनों तथा उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारम्परिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ख) चिड़ियाघर : मानव निर्मित ऐसा स्थान जहाँ जन्तुओं का संरक्षण किया जाता है। चिड़ियाघर में वन्य प्राणी अपनी इच्छा से भ्रमण नहीं कर सकते। इसमें अधि कतर जीव कैद में रहते हैं। अभयारण्य : वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास को संरक्षण में रखा जाता है। अभयारण्य जन्तुओं को एक प्राकृतिक आवास प्रदान कराते हैं, जिसमें जीव किसी भी प्रकार की कैद में नहीं होता है।

(ग) संकटापन्न स्पीशीज : वे जन्तु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं। जैसे- सफेद चीता, शेर हाथी आदि। विलुप्त स्पीशीज : वे जन्तु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं। जैसे-डायनासोर।

(घ) वनस्पतिजात : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह।
प्राणिजात : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए –
(क) वन्यप्राणी
(ख) पर्यावरण
(ग) गाँव- (ग्रामीण क्षेत्र)
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च)अगली पीढ़ी
उत्तर :
वनोन्मलन का प्रभाव –
(क) वन्यप्राणी : जंगली जानवर भोजन और आवास के लिए जंगलों पर पूर्णतया निर्भर हैं। वनोन्मूलन से उनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं, भोजन के लिए भी परेशान हो जाते हैं। इस कारण उनके अस्तित्व पर खतरा बन सकता है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।

(ख) पर्यावरण : वनोन्मूलन से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है जिससे प्रकृति में असंतुलन आ गया है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(ग) गाँव (ग्रामीण क्षेत्र) : अधिकतर कृषि गाँव में होती है। वनोन्मूलन के कारण वर्षा तथा मिट्टी की उत्पादन क्षमता में कमी आ जायेगा तथा प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ेंगी, जिससे ग्रामीण जीवन काफी हद तक प्रभावित होगा।

(घ) शहर (शहरी क्षेत्र): शहरों में उद्योगों की संख्या अधिक है और वाहन भी बहुत मात्रा में चलते हैं, यदि वनोन्मूलन होगा तो कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वातावरण में बढ़ जाएमी तथा वायु प्रदूषण होगा ऐसे में शहरी जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।

(छ) पृथ्वी : वनोन्मूलन से विश्व ऊष्णन का खतरा बढ़ जायेगा अर्थात् पृथ्वी का तापमान व प्रदुषण बढ़ जाएगा। वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन होता है। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है। धीरे-धीरे भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है।

(च) अगली पीढ़ी : वनोन्मूलन के कारण दुर्लभ जंतु प्रजातियाँ एवं वनस्पति नष्ट हो जाती हैं, जिन्हें अगली पीढ़ी केवल चित्रों में ही देख सकती है। अगली पीढ़ी को अनेक संसाधनों की कमी से भी जूझना पड़ेगा।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि –
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए?
उत्तर :
(क) यदि हम वृक्षों की कटाई करते रहे तो उस क्षेत्र में वर्षा कम होगी, बाढ़ अधिक आएगी तथा आर्द्रता घटेगी। इससे उस क्षेत्र का भूमिगत जल स्तर नीचे जाएगा।

(ख) किसी जंतु का आवास बाधित होने पर उनके अस्तित्व पर खतरा बढ़ेगा तथा वे संकटापन्न स्पीशीज में आ सकते हैं। आवास न होने से वे शहरों व गाँवों की ओर आयेंगे जिससे मानव-जीवन भी प्रभावित होगा।

(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित होने पर नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देंगी तथा मृदा में ह्यूमस की कमी होगी। इस भूमि की उर्वरता अपेक्षाकृत कम हो जाएगी। धीरे-धीरे यह उर्वरा भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। यह प्रक्रिया मरुस्थलीकरण कहलाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए –
(क)हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं, क्यों?
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर होते हैं। कैसे?
(घ) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
(क) जीवन के निर्वाह के लिए जैव विविधता आवश्यक है। यदि जैव विविधता संरक्षित नहीं होगी तो पृथ्वी पर जीवन चक्र प्रभावित हो जाएगा। सम्पूर्ण विश्व को खाद्य पदार्थ प्रदान करने के लिए जैव विविधता का संरक्षण करना चाहिए।

(ख) वनों के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं, इस कारण संरक्षित वन भी वन्य-जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं।

(ग) कुछ आदिवासियों का जीवन-निर्वाह वनों पर ही निर्भर होता है। जंगलों में कुछ आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं, जो कि भोजन व आवास के लिए वनों पर निर्भर हैं। वनों के उत्पाद व लकड़ी बेचकर वे अपना जीवन-यापन करते हैं।

(घ) वनोन्मूलन के कारक –
(1) कृषि भूमि के लिए
(2) पशुओं के अतिचारण के लिए
(3) घरों एवं कारखानों के निर्माण के लिए।
(4) सड़कों और बांधों के निर्माण के लिए।

वनोन्मूलन के प्रभाव : वनोन्मूलन के मुख्य दुष्प्रभाव निम्न हैं –
(1) अधिक बाढ़ आने का खतरा
(2) ऑक्सीजन/ कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन
(3) भूस्खलन
(4) जलवायु परिवर्तन
(5) वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना
(6) स्थलीय जल में कमी
(7) भूमि की उर्वरता में कमी।

(ङ) रेड डाटा पुस्तक-इस पुस्तक में सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(च) प्रवास-कुछ स्पीशीजों द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास ज्यादातर पक्षियों में पाया जाता है। जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष एक निश्चित समय में जलवायु परिवर्तन के कारण उड़कर जाते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण उनका आवास उनके जीवन-यापन के लिए अनुकूल नहीं होता।

प्रश्न 6.
फैक्ट्रियों एवं आवास की मांग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
नहीं। इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत नहीं है। वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि-

  • वृक्ष पर्याप्त मात्रा में वर्षा लाने तथा प्रकृति में जलचक्र बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष बाढ़ को रोकने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष अत्यधिक उपजाऊ ऊपरी मृदा की अपरदन द्वारा हानि से बचाने के लिए आवश्यक हैं।
  • वृक्ष वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वन उनके प्राकृतिक आवास को बनाये रखते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
अपने क्षेत्र में हरियाली बनाये रखने के लिए उपाय –

  • वृक्षों को काटने पर अपने प्रयासों तथा सरकारी कानून की सहायता से रोकथाम
  • सड़क के दोनों ओर वृक्ष लगाना।
  • घरों के बाहर पौधे लगाना।
  • विशेष क्षेत्रों में उद्यान बनाना।

प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई ? समझाइए।
उत्तर :
पेड़-पौधे पर्यावरण में जलचक्र बनाये रखने के लिए मुख्य कारक हैं। यदि पोधे, मृदा से जल का शोषण नहीं करेंगे और बादल बनाने के लिए अपनी पत्तियों से जल का वाष्पन भी नहीं करेंगे तो बादल नहीं बनेंगे एवं वर्षा भी नहीं होगी।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर :
छात्र अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में जानकारी प्राप्त कर भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाएँ। राजस्थान के दो प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान के विषय में जानकारी छात्रों की सुविधा हेतु दी जा रही है-
(1) घाना पक्षी अभयारण्य : इसे केवला देव राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं। यह भरतपुर के दक्षिण पूर्व में स्थित है। यहाँ विदेशी प्रवासी पक्षी एवं 300 से अधिक जातियों के भारतीय पक्षी पाये जाते हैं। सफेद सारस ठंड के मौसम में यहाँ आते हैं। स्थानीय पक्षी हंस, शुक-कोयल आदि भी यहाँ पाये जाते हैं।

(2) रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान : यह पार्क अरावली एवं विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के मिलने के स्थान पर स्थित है। यह सवाई माधोपुर के पास ऐतिहासिक दुर्ग रणथम्भौर के पास अत्यन्त विशाल क्षेत्र में फैला है। 1974 में यहाँ बाघों की गिरती संख्या को देखते हुए उसकी रोकथाम हेतु बाघ परियोजना प्रारम्भ की गई। यहाँ चीतल, सांभर, नील गाय, जल पक्षी, चिन्कारा आदि पाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
हमें कागज की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर:
एक टन कागज प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। वृक्षों की बचत – के लिए कागज की बचत अत्यन्त आवश्यक है। कागज की बचत हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं – हम कागज का पुन: उपयोग कर सकते हैं तथा कागज का पुनः चक्रण 5-7 बार उपयोग हेतु किया जा सकता है। यदि कोई छात्र दिन में मात्र 1 कागज की बचत करता है तो हम एक वर्ष में अनेक वृक्ष बचा सकते हैं। इसके द्वारा हम न केवल वृक्षों को बचाएंगे अपितु कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं। इसी के साथ-साथ कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले हानिकारक रसायनों में कमी आएगी।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिए –
ऊपर से नीचे की ओर –
1. विलुप्त स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक
2 पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ

बाई से दाई ओर –
2. पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं।
3. विलुप्त हुई स्पीशीज
4. एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली स्पीशीज
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण -1
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण -2

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

HBSE 8th Class Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. हमारी सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए कौन-सी परियोजना प्रारम्भ की –
(अ) बाघ परियोजना
(ब) उद्यान परियोजना
(स) संकटापन्न परियोजना
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) बाघ परियोजना

2. भारतीय विशाल गिलहरी का नाम है
(अ) सिसोन
(ब) विसन
(स) किसोन
(द) किसन।
उत्तर:
(ब) विसन

3. वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज़ का रिकार्ड रखा जाता है –
(अ) यलो डाटा बुक
(ब) व्हाइट डाटा बुक
(स) ब्लैक डाटा बुक.
(द) रेड डाटा बुक।
उत्तर:
(द) रेड डाटा बुक।

4. भारत का प्रथम आरक्षित वन है –
(अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
(ब) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
(स) घाना पक्षी अभयारण्य
(द) पंचमढ़ी उद्यान
उत्तर:
(अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

5. वनों को काटने से किस गैस की वायुमंडल में वृद्धि हो जाती है-
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) कार्बन डाइऑक्साइड
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) कार्बन डाइऑक्साइड

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

रिक्त स्थान पूर्ति

(i) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधों को भोजन बनाने के लिए ……………. की आवश्यकता होती है।
(ii) ……………. के संरक्षण के उद्देश्य से जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(iii) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के …………… एवं जीव-जंतु …………. कहलाते हैं।
(iv) ………….. में सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है।
उत्तर:
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) जैव विविधता
(iii) वनस्पतिजात, प्राणिजात
(iv) रेड डाटा पुस्तक।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ख’
(i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं। (क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
(ii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है। (ख) राष्ट्रीय उद्यान
(iii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। (घ) वन्यजीव अभ्यारण्य

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ख’
(i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं। (घ) वन्यजीव अभ्यारण्य
(ii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है। (क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
(iii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। (ख) राष्ट्रीय उद्यान

सत्य / असत्य कथन

(क) वनोन्मूलन से पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
(ख) भूमि पर वृक्षों की कमी से मृदा अपरदन नहीं होता।
(ग) जैव विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(घ) एक जाति के सदस्यों में विभिन्न लक्षण पाये जाते हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वनोन्मूलन के दो प्राकृतिक कारक बताइये।
उत्तर:
(1) दावानल
(2) भीषण सूखा।

प्रश्न 2.
ह्यूमस क्या है ?
उत्तर:
मृदा में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से बना भुर-भुरे काले रंग का पदार्थ घूमस कहलाता है।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय उद्यान से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, राष्ट्रीय उद्यान कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
भारत का पहला आरक्षित क्षेत्र कौन-सा है ?
उत्तर:
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान।

प्रश्न 5.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में किस पेड़ की सर्वोत्तम किस्म मिलती है?
उत्तर:
टीक (सागौन)।

प्रश्न 6.
वनस्पतिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
स्पीशीज की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
सजीवों की समष्टि का वह समूह है जो एक दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं, स्पीशीज कहलाती हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 9.
अभयारण्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं, अभयारण्य कहलाते

प्रश्न 10.
संकटापन्न जंतु किसे कहते हैं।
उत्तर:
वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं, संकटापन्न जन्तु कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
संकटापन्न जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) सुनहरी बिल्ली
(2) काली बतख
(3) सफेद आँख वाली बतख
(4) गुलाबी सिर वाली बतखा

प्रश्न 12.
किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर:
डाइनासॉर।

प्रश्न 13.
पारितंत्र की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंत, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे- जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र पारितंत्र (Ecosystem) कहलाता है।

प्रश्न 14.
प्रवासी पक्षी से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
ऐसे पक्षी जो उड़कर सुदूर क्षेत्रों तक लम्बी यात्रा करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वनोन्मूलन के प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित कारक बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्राकृतिक कारक
(i) दावानल
(ii) भीषण सूखा।

मानव-निर्मित कारक-
(i) कृषि के लिए भूमि प्राप्त करना
(ii) घरों एवं कारखानों का निर्माण
(iii) फर्नीचर बनाने में
(iv) लकड़ी का ईंधन के रूप में उपयोग।

प्रश्न 2.
मरुस्थलीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
भूमि पर वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन अधिक होता है। मृदा की ऊपरी परत हटाने से नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देने लगती हैं। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा इसकी उर्वरता भी अपेक्षाकृत कम होती है। धीरे-धीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन से वन्य प्राणी-जीवन भी प्रभावित होता है। कैसे? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वनोन्मूलन के कारण वन्य प्राणियों को उचित भोजन व आवास से सम्बन्धित समस्याओं से जूझना पड़ेगा। जिससे उनके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है तथा वे मानव निर्मित क्षेत्रों की ओर आयेंगे जिससे सम्पूर्ण जीवन-चक्र प्रभावित हो सकता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 4.
जैव विविधता को प्रभावित करने वाले कारक बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जैव विविधता को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
(1) विभिन्न कारणों से जीवों को मारना या शिकार करना।
(2) चिकित्सकीय उपयोग के पेड़ों व घासको काटना।
(3) भूमि के प्रयोग के लिए वनों को जलाना।
(4) आवास के लिए वनों को काटना।
(5) सड़क मार्ग बनाने के लिए वनों को काटना।

प्रश्न 5.
विशेष क्षेत्री प्रजाति से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
पौधे एवं जन्तुओं की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से पाई जाती है, उसे विशेष क्षेत्री प्रजाति कहते हैं। जैसे पंचमढ़ी जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र में साल और जंगली आम के पेड़ विशेष क्षेत्री वनस्पति प्रजाति हैं। विशालकाय गिलहरी यहाँ की विशेष क्षेत्री जंतु प्रजाति है।

प्रश्न 6.
देश में बहुत से राष्ट्रीय उद्यान तथा संरक्षित क्षेत्र बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
भारत में बहुत से राष्ट्रीय उद्यान तथा संरक्षित क्षेत्र बनाने का उद्देश्य दुर्लभ प्रजातियों के वन्य प्राणियों के जीवन भंडार को सुरक्षित रखना है, ताकि ये दुर्लभ प्राणी पृथ्वी से पूरी तरह विलुप्त न हो जायें। इनका मुख्य उद्देश्य वन्य प्राणियों तथा उनके प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करना है।

प्रश्न 7.
जैव विविधता को कैसे संरक्षित किया जा सकता
उत्तर:
(1) लोगों को शिक्षित करके।
(2) शिकार करने पर रोक लगाकर।
(3) राष्ट्रीय पार्क तथा अभयारण्य की स्थापना करके।
(4) वन्य जीवन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों को लागू करके।
(5) आधुनिक जैव तकनीकी अपनाकर, जिससे दुर्लभ और संकटापन्न जातियों को बचाया जा सके।

प्रश्न 8.
वन्यप्राणी अभयारण्य से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
ये कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित रहते हैं। इन स्थानों पर जन्तुओं अथवा प्राणियों को मारना या शिकार करना अथवा पकड़ना पूर्णत: निषिद्ध होता है तथा यहाँ पर संकटापन्न जन्तुओं को सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाता है। जैसे-पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभयारण्य में काले हिरण, हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, कच्छ मगरमच्छ, अजगर, गैंडा आदि संकटापन्न वन्यप्राणियों को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 9.
पाँच राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान – उत्तराखण्ड।
(2) संजय राष्ट्रीय उद्यान – महाराष्ट्र।
(3) पेरियार राष्ट्रीय उद्यान – केरल।
(4) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – मध्य प्रदेश।
(5) वमुघाटा राष्ट्रीय उद्यान – कर्नाटक।

प्रश्न 10.
जंतु चिड़ियाघर में अधिक आराम से हैं अथवा प्राकृतिक आवास में। व्याख्या कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
चिड़ियाघर में लम्बे वृक्ष तथा झाड़ियाँ अधिक उगायी जाती हैं, तालाबों एवं कृत्रिम झीलों की संख्या भी अधिक होती है। फिर भी ये सुविधाएँ पूर्ण नहीं हैं। गर्मियों में जंतुओं को ठंडक में रखने तथा ठंड में गर्म रखने का प्रबंध भी चिड़ियाघरों में किया जाता है। परन्तु जंतु अपने प्राकृतिक आवासों में स्वच्छंद व खुश रह सकते हैं। प्रश्न 11. बाघ परियोजना क्या है ? समझाइए। . उत्तर-हमारी सरकार द्वारा बाघों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट-टाइगर अथवा बाघ परियोजना प्रारम्भ की गयी है। इसका उद्देश्य अपने देश में बाघों की उत्तरजीविता एवं संवर्धन करना है। बाघ उन स्पीशीज में से एक है जो धीरे-धीरे वनों से विलुप्त होते जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत बाघों को संरक्षित किया गया है। सतपुड़ा – आरक्षित क्षेत्र में इनकी वृद्धि भी हुई है।

प्रश्न 12.
पारितंत्र के निर्माण में कौन-कौन से घटक होते हैं? क्या छोटे प्राणी भी पारितंत्र को प्रभावित कर सकते है।
उत्तर:
पारितंत्र के निर्माण में प्राणी, पौधे एवं सूक्ष्म जीव जैविक घटक के रूप में तथा अजैव घटक के रूप में जलवायु, भूमि , डेल्टा आदि सहयोग देते हैं। पारितंत्र को छोटे-छोटे प्राणी भी प्रभावित करते हैं। जैसे – यदि हम मेंढक, छिपकली आदि को समाप्त कर दें, तो ये हमारे आहार जाल व आहार श्रृंखला को प्रभावित करेंगे क्योंकि इन जीवों पर आश्रित रहने वाले अन्य सजीव भी नष्ट हो जाएँगे जिससे पारितंत्र असंतुलित हो जाएगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य जीवन का संरक्षण बहुत आवश्यक है। क्यों ?
उत्तर:
वन्य जीवन का संरक्षण प्रकृति में जीन भंडार को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। अर्थात् इस पृथ्वी से जानवरों तथा पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिए आवश्यक है। प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखने के लिए भी वन्य जीवन का संरक्षण आवश्यक है, उदाहरण के लिए यदि हम वन में शेरों तथा बाघों जैसे माँसाहारी जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें संरक्षित करते हैं तो वे हिरणों जैसे शाकाहारी जानवरों की संख्या पर नियंत्रण रखेंगे जो वन के हरे पौधों को खाते हैं। इससे वन के पौधे अधिक हानि से बचेंगे तथा पारिस्थितिक संतुलन बना रहेगा। आर्थिक दृष्टि से भी वन्य जीवन हमारे लिए उपयोगी है। देशी-विदेशी पर्यटक हमारे देश में उन्हें देखने आते हैं. जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। कुछ जंतु जैसे – पश्चिम बंगाल का एक सींग वाला गैंडा, शाही बंगाली शेर आदि केवल भारत में ही पाए जाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 2.
भारत में वन्य जीवों की सुरक्षा व बचाव की कौन-कौन-सी परियोजनाएँ हैं ?
उत्तर:
भारत में कछ वन्य जीव परियोजनाएँ –
(1) बाघ परियोजना : यह परियोजना केन्द्रीय सरकार द्वारा देश में आरक्षित बाघों को सुरक्षा देने के लिए प्रारम्भ की गई। इसके अंतर्गत बाघ आश्रय स्थल बनाए गए हैं।
(2) हिमालय कस्तूरी मृग परियोजना : यह परियोजना कस्तूरी मृग को बचाने के लिए चलाई गई।
(3) घड़ियाल प्रजनन परियोजना : यह परियोजना घड़ियाल की प्रजातियों को बचाने के लिए चलाई गई।
(4) मणिपुर मग शृंगहिरन परियोजनाः यह परियोजना मणिपुर के मृग शृंगहिरनों के संरक्षण हेतु चलाई गई।
(5) हाथी परियोजना : भारत में हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए यह परियोजना चलाई गई।
(6) गैंडा परियोजना : पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में गैंडों के संरक्षण के लिए यह परियोजना शुरू की गई।

प्रश्न 3.
कागज का पुनः चक्रण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
कागज को वनों द्वारा प्राप्त किया जाता है 1 टन कागज को प्राप्त करने के लिए पूर्णरूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। इस कारण से हमें कागज की बचत करनी चाहिए। उपयोग के लिए कागज का 5 से 7 बार तक पुनः चक्रण किया जा सकता है। हमें कागज की बचत करनी चाहिए तथा इसका पुन: उपयोग एवं पुनः चक्रण करना चाहिए। इसके द्वारा हम न केवल वृक्षा को बचाएँगे बल्कि कागज़ उत्पादन के प्रयोग में आने वाले जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं तथा कागज उत्पादन के लिये प्रयोग किये जाने वाले हानिकारक रसायनों में भी कमी आएगी। कागज का पुनः चक्रण करने से वनोन्मूलन में कमी आती है। कागज का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है इसके लिए पुनर्वनरोपण आवश्यक है। पुनर्वनरोपण में काटे गए वक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नए वृक्षों का रोपण किया जाता है। रोपण वाले वृक्ष सामान्यतः उसी – स्पीशीज के होते हैं जो उस वन में पाए जाते हैं। हमें कम से कम उतने वृक्ष तो अवश्य लगाने चाहिए जितने हम काटते हैं।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ वनोन्मूलन (Deforestation) : वनों को काटना।

→ मरुस्थलीकरण (Desertification) : मृदा अपरदन के कारण उर्वर भूमि का अनुउपजाऊ होना।

→ जैव विविधता (Biodiversity) : पृथ्वी पर पाये जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पर्यावरण से संबंध।

→ प्राणिजात (Fauna) : किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले जीव-जन्त।

→ वनस्पतिजात (Flora) : किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौध।

→ अभयारण्य (Sanctuary) : वे क्षेत्र जहाँ वन्य जीव-जन्तुं सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं।

→ राष्ट्रीय उद्यान (National Park) : वन्य जंतुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वह स्वतंत्र रूप से आवास एवं। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

→ जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र (Biospherereservearea) : वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र। के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवन यापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

→ संकटापन्न स्पीशीज (Endangered Species) : वे जंतु, जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा जो विलुप्त हो सकते हैं।

→ विलुप्त (Extinct) : वे जीव जिनका पृथ्वी से अस्तित्व समाप्त हो चका है।

→ पारितंत्र (Ecosystem) : इसमें सभी पौधे. जीव. सक्ष्मजीव तथा अजैव घटक आते हैं।

→ रेड डाटा पुस्तक (Red Data Book) : वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रखा जाता है।

→ स्पीशीज (Species) : सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम हो।

→ प्रवास (Migration) : जीवन-यापन करने के लिए स्पीशीज द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना।

→ पुनर्वनरोपण (Reforestation) : नष्ट किए गए वनों को पुनः स्थापित करने के लिए रोपण।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

HBSE 8th Class Science दहन और ज्वाला InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 64)

प्रश्न 1.
हमें बताया गया था कि भोजन हमारे शरीर के लिए एक ईंधन है।
उत्तर:
हाँ, भोजन हमारे शरीर के लिए एक ईंधन है क्योंकि भोजन हमारे शरीर में ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर अपघटित होता है और इस अभिक्रिया से ऊष्मा उत्पन्न होती है।

(पृष्ठ संख्या – 66)

प्रश्न 2.
हमने पढ़ा है कि सूर्य अपनी ऊष्मा और प्रकाश दोनों उत्पन्न करता है । क्या यह भी एक प्रकार का दहन है?
उत्तर:
सूर्य में प्रकाश और ऊष्मा दोनों नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

HBSE 8th Class Science दहन और ज्वाला Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
बहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए ।
उत्तर:
दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ –
1. ऑक्सीजन की उपस्थिति
2. ईंधन या ज्वलनशील की उपस्थिति
3. पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप ।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का ……………….. होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ……………….. है।
(ग) जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ……………….. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ……………….. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर:
(क) प्रदूषण
(ख) एलपीजी
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।

प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है?
उत्तर:
सीएनजी के दहन के परिणामस्वरूप कोई भी हानिकारक गैस जैसे – नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड आदि उत्पन्न नहीं होतीं । ये गैसें ही मुख्य रूप से वायु प्रदूषण का कारण होती हैं । पेट्रोल जलने के दौरान जले कार्बन कण छोड़ती है, जो दमा जैसे श्वास रोग उत्पन्न करते हैं, जबकि सीएनजी जलने पर ऐसे कण नहीं छोड़ती है। अत: मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग
से वायु प्रदूषण कम होता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर:

लकड़ी एल.पी.जी.
1. इसका ऊष्मीय मान कम होता है। 1. इसका ऊष्मीय मान उच्च होता है।
2. लकड़ी का ज्वलनांक अधिक होता है। 2. एल.पी.जी. का ज्वलनांक कम होता है।
3. यह धुएँ के साथ जलती है। 3. यह बिना धुआँ किए जलती है।
4. लकड़ी के जलने पर CO2 तथा कम वायु में CO (कार्बन मोनोक्साइड) गैसें उत्पन्न होती हैं। 4. इसके जलने पर कोई विषैली गैस उत्पन्न नहीं होती है।
5. ठोस और भारी होने के कारण इसे भण्डारित करना आसान नहीं होता है। 5. इसको आसानी से भण्डारित किया जा सकता है।
6. इसको जलाने पर राख अवशेष बनती है। 6. इसको जलाने पर अवशेष नहीं बचता है।

प्रश्न 5.
कारण बताइए-
(क) विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता ।
(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर:
(क) जल विद्युत का सुचालक है। इसीलिए विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं करते । इससे विद्युत झटका लगने से जान जाने का खतरा होता है ।
(ख) लकड़ी की अपेक्षा एलपीजी आसानी से जलती है और अधिक ऊष्मा उत्पन्न करती है । एलपीजी के दहन से लकड़ी की तुलना में वायु प्रदूषण नगण्य ही होता है ।
(ग) कागज का ज्वलन ताप कम होता है, जबकि ऐलुमिनियम पाइप के साथ कागज लपेटने पर दहन के लिए यह आवश्यक है कि ऐलुमिनियम को उसके ज्वलन ताप तक गर्म किया जाये, जिसके लिए ज्यादा मात्रा में ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा कागज का टुकड़ा आग आसानी से नहीं पकड़ता ।

प्रश्न 6.
मोमबत्ती की चाला का चिह्नित चित्र बनाइये ।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला -1

प्रश्न 7.
ईंधन के ऊष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
उत्तर:
ईधन का ऊष्मीय मान किलोजूल प्रति किलोग्राम के पदों में व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है।
उत्तर:
CO2 गैस वायु से भारी होती है । इसलिए यह जलती हुई वस्तु के चारों ओर आवरण कर ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है तथा वातावरण से ऑक्सीजन के प्रवाह को वस्तु तक नहीं पहुंचने देती तथा जलने वाली वस्तु का ताप उसके ज्वलन ताप से काफी हद तक कम कर देती है, जिस कारण आग बुझ जाती है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर:
हरी पत्तियों का ज्वलन ताप सूखी पत्तियों से अधिक होता है, क्योंकि हरी पत्तियों में नमी की मात्रा अधिक होती है तथा हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परन्तु सुखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है तथा इनके ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है।

प्रश्न 10.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों ?
उत्तर:
स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी अदीप्त, नीले क्षेत्र का उपयोग करते हैं, क्योंकि ज्वाला का बाह्य पूर्ण दहन क्षेत्र सबसे अधिक ऊष्मा वाला होता है। सोना और चाँदी का गलनाक बहुत अधिक होता है। इसलिए उन्हें पिघलन के लिए अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 Kg. ईधन का पूर्णतया दहन किया गया । उत्पन्न ऊष्मा का मान 1,80,000 Kj. था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
उत्तर:
ईधन की मात्रा (द्रव्यमान) = 4.5 Kg.
4.5 Kg. ईंधन जलाने पर प्राप्त ऊष्मा = 180,000 KJ
1 Kg. ईधन को पूर्णतया दहन करने पर उत्पन्न ऊष्मा = 180,000
4.5 = 40,000 KJ.
ईंधन का ऊष्मीय मान – 40,000 kJ/kg.

प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा संकता है ? विवेचना कीजिए ।
उत्तर:
नहीं, जंग लगने की प्रक्रिया में धातु वातावरण की ऑक्सीजन व नमी से क्रिया कर ऑक्साइड बनाती है जो उसके पृष्ठ पर दिखाई देती है, जबकि दहन प्रक्रम में वस्तु ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलती है । दहन एक तीव्र प्रक्रिया है जबकि जंग लगना धीमी प्रक्रिया है। साथ ही दहन ऊष्मा के साथ ज्वाला भी उत्पन्न करता है। जबकि जंग केवल ऊष्मा उत्पन्न करता है। इस कारण जंग लगने की प्रक्रिया का दहन नहीं कहा जा सकता ह।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया । आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती चाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा । किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ।
उत्तर:
रमेश के बीकर का जल पहले गर्म होगा क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग (नीला क्षेत्र) अन्य भागों की तुलना में सबसे अधिक गर्म होता है ।

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. मैग्नीशियम जलकर (दहन होकर) क्या बनाता है?
(अ) मैग्नीज,
(ब) मैग्नीशियम ऑक्साइड
(स) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
(द) मैग्नीशियम क्लोराइड ।
उत्तर:
(ब) मैग्नीशियम ऑक्साइड

2. मोमबत्ती के आंशिक दहन वाले मध्य भाग का रंग होता है
(अ) काला
(ब) नीला
(स) पीला।
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) नीला

3. ईंधन के ऊष्यीय मान का मात्रक है –
(अ) न्यूटन
(ब) Kg/KJ
(स) °C
(द) KJ/Kg
उत्तर:
(द) KJ/Kg

4. पेट्रोल का ऊष्मीय मान है –
(अ) 55,000 KJ/Kg.
(ब) 45,000 KJ/Kg
(स) 6,000-8.000 KJ/Kg
(द) 1,50,000 KJ/Kg.
उत्तर:
(ब) 45,000 KJ/Kg

5. ज्वलनशील पदार्थों का ज्वलन ताप होता है –
(अ) बहुत कम
(ब) बहुत अधिक
(स) न बहुत अधिक न बहुत कम
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(अ) बहुत कम

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

6. ईंधन के अपूर्ण दहन से बनने वाली गैस है
(अ) कार्बन डाईऑक्साइड
(ब) हाइड्रोजन
(स) कार्बन मोनोक्साइड
(द) सल्फर डाइऑक्साइड।
उत्तर:
(स) कार्बन मोनोक्साइड

रिक्तस्थान पूर्ति

(क) वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई पदार्थ जलने लगता है, उसका ……………. कहलाता है।
(ख) ईधन के ऊष्मीय मान को ……………. मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
(ग) ईंधन का अपूर्ण दहन ……………. गैस देता है।
(घ) वायु में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अधिक मात्रा ……………. का कारण बनती है।
उत्तर:
(क) ज्वलन-ताप
(ख) किलोजूल प्रति किलोग्राम
(ग) कार्बन मोनोक्साइड
(घ) विश्व ऊष्णन।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) मिट्टी का तेल (क) द्रव ईंधन
(ii) लकड़ी का कोयला (ख) विश्व ऊष्णन का कारण
(iii) पेट्रोल (ग) अम्ल वर्षा का कारण
(iv) कार्बन डाइऑक्साइड (घ) ज्वाला देता है
(v) सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड (ङ) ज्वाला नहीं देता

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) मिट्टी का तेल (घ) ज्वाला देता है
(ii) लकड़ी का कोयला (ङ) ज्वाला नहीं देता
(iii) पेट्रोल (क) द्रव ईंधन
(iv) कार्बन डाइऑक्साइड (ख) विश्व ऊष्णन का कारण
(v) सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड (ग) अम्ल वर्षा का कारण

सत्य / असत्य कथन

(क) मोमबत्ती ज्वाला के साथ जलती है जबकि कोयला नहीं।
(ख) ईधन के ऊष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम मात्रक द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
(ग) ईंधन के अपूर्ण दहन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।
(घ) पृथ्वी के वातावरण के तापमान में वृद्धि अम्ल वर्षा कहलाती है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई तीन तरल ईंधनों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
डीजल, पेट्रोल, केरोसिन तेल (मिट्टी का तेल) आदि ।

प्रश्न 2.
दहन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वह रासायनिक प्रक्रम जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके ऊष्मा प्रदान करता है, दहन कहलाता है।

प्रश्न 3.
ज्वलन ताप की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर:
वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई पदार्थ आग पकड़ लेता है एवं जलने लगता है, उस पदार्थ का ज्वलन ताप कहलाता है।

प्रश्न 4.
किन्हीं दो ज्वलनशील पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोल एवं द्रवित पेट्रोलियम गैस।

प्रश्न 5.
विद्युत द्वारा लगी आग बुझाने के लिए किस प्रकार के अग्निशामक का उपयोग होता है।
उत्तर:
कार्बन ट्रेटा क्लोराइड नामक अग्निशामक ।

प्रश्न 6.
दहन के प्रकार लिखिए ।
उत्तर:
तीव्र दहन, स्वतः दहन एवं विस्फोट।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 7.
तीन दहन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब गैस तेजी से जलने लगती है तथा ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करती है, तब यह दहन तीव्र दहन कहलाता है।

प्रश्न 8.
स्वतः दहन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसे पदार्थ जो कमरे के ताप पर वायु में जल उठते हैं । जैसे- फॉस्फोरस । यह स्वतः दहन कहलाता है।

प्रश्न 9.
मोमबत्ती की ज्वाला के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ठंडा अंदरूनी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, बाह्य अदीप्त क्षेत्र।

प्रश्न 10.
किसी ईंधन के ऊष्मीय मान से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी ईंधन के 1 किलोग्राम के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा, उसका ऊष्मीय मान कहलाती है।

प्रश्न 11.
विश्व ऊष्णन किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के वातावरण के तापमान में वृद्धि विश्व ऊष्णन कहलाती है।

प्रश्न 12.
विश्व ऊष्णन का कारण क्या है?
उत्तर:
वायु में कार्बन डाईऑक्साइड की बढ़ी मात्रा को विश्व ऊष्णन का कारण माना जाता है।

प्रश्न 13.
अम्लीय वर्षा के लिए कारक दो गैसों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
परिभाषा लिखिए-
(1) बहन
(2) दाह्य
उत्तर:
(1) दहन : ऐसा प्रक्रम जिसमें पदार्थ को ऑक्सीजन में जलाने से ऊष्मा पैदा होती है ।
(2) दाह्य : दहन की क्रिया में जिस पदार्थ का दहन होता है । दाह्य कहलाता है।

प्रश्न 2.
कुछ दाह्य और अदाह्य पदार्थों के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दाह्य पदार्थ- लकड़ी, कागज, मिट्टी का तेल, स्ट्रा, काष्ठ कोयला एवं माचिस की तीलियाँ। अदाह्य पदार्थ- लोहे की कीलें, पत्थर का टुकड़ा एवं

प्रश्न 3.
एक लकड़ी के कोयले का जलते हुए टुकड़े को एक लोहे की प्लेट पर रखकर एक पारदर्शक प्लास्टिक जार से ढकने पर क्या होता है और क्यों? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कुछ समय बाद लकड़ी का कोयला जलना बंद हो जाता है क्योंकि इस पर प्लास्टिक जार ढकने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

प्रश्न 4.
कागज के बने कप में कागज के बिना जले पानी कैसे उबल जाता है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कागज के कप में पानी को गर्म करते समय बर्नर द्वारा दी गई ऊष्मा कागज के कप में उसमे रखे हुए पानी को स्थानान्तरित हो जाती है जिससे पानी का ताप बढ़ता जाता है तथा अन्त में पानी उबलने लगता है । कागज को प्रदान की जाने वाली ऊष्मा तुरन्त ही जल को स्थानान्तरित होने के कारण कागज अपने ज्वलन ताप तक नहीं पहुँच पाता तथा कागज जलने से बचा रहता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 5.
आग उत्पन्न करने के लिए क्या आवश्यकताएँ
उत्तर:
आग उत्पन्न करने के लिए निम्नलिखित तीन आवश्यकताएँ हैं-
(i) इंधन
(ii) वायु (ऑक्सीजन आपूर्ति हेत)
(iii) ऊष्मा (ईधन का ताप उसके ज्वलन ताप से अधिक करने हेतु)।

प्रश्न 6.
आग बुझाने के लिए सामान्यतया जल का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
आग लग जाने पर जल डालने पर जलने वाले पदार्थ का ज्वलन ताप कम हो जाता है, ऐसा करने से आग का फैलना रुक जाता है । जलं वाष्प, ज्वलनशील पदार्थ को घेर लेता है जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाता है तथा आग बुझ जाती है । आग बुझाने हेतु वायु का प्रवाह रोक कर या ईंधन का ताप कम करके आग पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जाता है।

प्रश्न 7.
तेल या पेट्रोल में लगी आग को हम जल द्वारा नहीं बुझा सकते क्यों ?
उत्तर:
जल तेल से भारी होता है अत: तेल में लगी आग में जल को डालने पर जल नीचे चला जाता है तथा तेल ऊपर तैरकर जलता रहता है, अतः इसके लिए हम जल के स्थान पर कार्बन डाइऑक्साइड (Co) का उपयोग करते हैं जो ऑक्सीजन से भारी होने के कारण आग को एक कम्बल की भांति आवरण रूप दे देती है। इससे ईंधन एवं ऑक्सीजन (वायु से प्राप्त होने वाली) का सम्पर्क टूट जाता है जिससे आग पर नियंत्रण हो जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 8.
दहन के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
दहन निम्नलिखित प्रकारों का होता है-
(i) तीन दहन- कुछ पदार्थ बहुत छोटी सी चिंगारी द्वारा ही जलने लगते हैं; जैसे- गैस लाइटर द्वारा गैस का जलना आदि । इस प्रकार के दहन को तीव्र दहन कहते हैं ।
(ii) स्वतः दहन- कुछ पदार्थ बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के, अचानक लपटों के साथ जल उठते हैं, इस प्रकार का दहन स्वतः दहन कहलाता है। जैसे – फॉस्फोरस का कमरे के ताप पर जलना आदि ।
(iii) विस्फोट- इस प्रकार का दहन पटाखों में पाया जाता है । पटाखों के जलने पर आकस्मिक अभिक्रिया होने के कारण ऊष्मा, प्रकाश एवं ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 9.
दहन क्रिया में कौन से पदार्थ ज्वाला प्रदान करते (क्रियाकलाप),
उत्तर:
दहन क्रिया में सभी पदार्थ ज्वाला प्रदान नहीं करते हैं । दहन के समय वाष्पित होने वाले पदार्थ ज्वाला का निर्माण करते हैं । जैसे – मिट्टी के तेल का लैम्प, मोमबत्ती का पिघला हुआ मोम ज्वाला देते हैं, क्योंकि इनका वाष्पीकरण होता है । कोयला जलकर ज्वाला नहीं देता है क्योंकि यह वाष्पित नहीं होता है ।

प्रश्न 10.
सुनार फूंकनी का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर:
सुनार फूंकनी से ज्वाला के सबसे ऊपरी भाग को फॅक कर सोने पर मारते हैं, जिस कारण आग की प्रबलता बढ़ जाती है तथा सोना और चाँदी पिघलने लगते हैं । फूंक मारने के कारण । अधजले कार्बन के कण भी जलने लगते हैं और ऊष्मा अधिक प्राप्त होती है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला -2

प्रश्न 11.
स्पष्ट कीजिए –
(1) ज्वलनशील पदार्थ
(2) ईंधन का ऊष्मीय मान ।
उत्तर:
(1) ज्वलनशील पदार्थ : ऐसे पदार्थ जिनका ज्वलन-ताप बहुत कम होता है और ज्वाला के साथ सरलतापूर्वक आग पकड़ लेते हैं, ज्वलनशील पदार्थ कहलाते हैं । उदाहरण- पेट्रोल, ऐल्कोहल, द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) आदि ।
(2) ईंधन का ऊष्मीय मान : किसी ईंधन के किलोग्राम के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊष्मा की मात्रा उसका ऊष्मीय मान कहलाती है । ईंधन का ऊष्मीय मान किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 12.
एक बंद कमरे में कोयला जलाकर सोने से क्या खतरा होता है?
उत्तर:
एक बंद कमरे में कोयले को ऑक्सीजन पूर्णतया नहीं मिलने पर इसका अपूर्ण दहन कार्बन मोनोक्साइड देता है, जिससे कमरे में सो रहे व्यक्तियों की मृत्यु भी हो सकती है।

प्रश्न 13.
अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा के जल में घुल जाते हैं तथा अम्ल बनाते हैं । ऐसी वर्षा अम्लीय वर्षा कहलाती है । अम्लीय वर्षा फसलों, भवनों एवं मृदा के लिए अत्यन्त हानिकारक होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि दहन के लिए वायु आवश्यक है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्रयोग-एक जलती मोमबत्ती को मेज के ऊपर रखिए। काँच की चिमनी को मोमबत्ती के ऊपर लकड़ी के दो गुटकों की सहायता से इस प्रकार रखिए कि वायु का चिमनी में प्रवेश होता
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला -3
रहे (चित्र (a))। देखिए, ज्वाला को क्या होता है। अब लकड़ी के गुटके हटा कर चिमनी को मेज पर टिका दीजिए (चित्रं (b)) पुनः ज्वाला को देखिए। अंत में एक काँच की प्लेट चिमनी के ऊपर रख दीजिए। (चित्र (c))| ज्वाला को पुन: देखिए। तीनों स्थितियों में क्या होता है? निष्कर्ष-हम पाते हैं कि दहन के लिए वायु आवश्यक है। अवस्था (a) में मोमबत्ती निर्बाध रूप से जलती है, जबकि वायु चिमनी में नीचे से प्रवेश कर सकती है। अवस्था (b) में, जब चिमनी में नीचे से वायु प्रवेश नहीं कर पाती तो ज्वाला में कम्पन होता है और धुआँ उत्पन्न होता है। अवस्था (c) में, ज्वाला बुझ जाती है क्योंकि उसे वायु उपलब्ध नहीं हो पाती।

प्रश्न 2.
मोमबत्ती की ज्वाला के सभी क्षेत्रों का चित्र सहित स्पष्टीकरण कीजिए।
उत्तर:
ज्वाला के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं –
(1) गहरा आंतरिक क्षेत्र : यह ज्वाला का भीतरी ठंडा क्षेत्र है । इसमें मोम की गर्म वाष्प होती है ।
(2) दीप्त क्षेत्र : मध्य भाग चमकीला होता है । इस क्षेत्र में कार्बन के आधे जले कण होते हैं । इन कणों के चमकने से यह क्षेत्र चमकीला है । यह कण ज्वाला से धुएँ और काजल के रूप में उत्पन्न होते हैं।
(3) अदीप्त क्षेत्र : यह ज्वाला का सबसे बाहरी भाग है। जिसका रंग फीका नीला होता है । इस भाग में ऑक्सीजन ईंधन से मिलकर पूर्ण दहन करती है। यह सबसे बाहरी अदीप्त भाग है, जिसका तापमान सबसे अधिक होता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला -4

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 3.
ईंधन को विस्तार से समझाइए ।
उत्तर:
ईंधन :
घरेलू और औद्योगिक उपयोगों से संबंधित ऊष्मा ऊर्जा के मुख्य स्रोत (काष्ठ, कोयला, पेट्रोल, मिट्टी का तेल इत्यादि) ईंधन कहलाते हैं । अच्छा ईंधन वह है जो आसानी से उपलब्ध हो जाए और सस्ता हो । अच्छा ईंध न वायु में सामान्य रूप से सुगमतापूर्वक जलता है, यह अधि क मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है । यह जलने के पश्चात् कोई अवांछनीय पदार्थ नहीं छोड़ता । संभवत: ऐसा कोई भी ईंधन नहीं है जिसे आदर्श ईंधन माना जा सके।

प्रश्न 4.
ऊष्मीय मान को समझाइए । कुछ ईंधनों के ऊष्मीय मानों को लिखिए। उत्तर-ऊष्मीय मान-किसी ईंधन के 1 किलोग्राम के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा, उसका ऊष्मीय मान कहलाती है । ईंधन के ऊष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम (KI/Kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है । कुछ ईंधनों के ऊष्मीय मान निम्नवत् हैं-

ईधन ऊष्मीय मान (kj/kg)
गोबर के उपले 6,000-8,000
लकड़ी 17,000-22,000
कोयला 25,000-33,000
पेट्रोल 45,000
मिट्टी का तेल 45,000
डीजल 45,000
मेथेन 50,000
सीएनजी 50,000
एलपीजी 55,000
जैव गैस 35,000-40,000
हाइड्रोजन 1,50,000

प्रश्न 5.
ईंधन के दहन से कौन-कौन से हानिकारक उत्पाद उत्पन्न होते हैं? समझाइए।
उत्तर:
ईंधन का बढ़ता हुआ उपभोग पर्यावरण पर अत्यन्त हानिकारक प्रभाव डालता है, इनमें से कुछ निम्नवत् हैं-
(1) लकड़ी, कोयले एवं पेट्रोल जैसे कार्बन ईंधन बिना जले कार्बन कण छोड़ते हैं । ये सूक्ष्म कण दमा एवं श्वास रोग उत्पन्न करते हैं।
(2) ईंधनों का अपूर्ण दहन होने पर यह कार्बन मोनोक्साइड गैस देते हैं । यह अत्यंत विषैली गैस है।
(3) अधिकांश ईंधनों के दहन के परिणामस्वरूप पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है । वायु में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अधिक मात्रा को ही विश्व ऊष्णन (Glabal warming) का कारण माना जाता है।
(4) कोयले तथा डीजल के दहन होने पर सल्फर डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित होती है जो कि दमघोंटू और संक्षारक गैस है । इसके अतिरिक्त पेट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं । सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल में घुल जाते हैं तथा अम्ल बनाते हैं जो वर्षा के जल से मिलकर अम्लीय वर्षा करते हैं, जो कि फसलों, मृदा के लिए अत्यंत हानिकारक होती है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

दहन और ज्वाला Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ दहन (Combustion) : रासायनिक प्रक्रम, जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऊष्मा देते हैं।

→ दाह्य पदार्थ (Combustible Substance) : वे पदार्थ जो जलने पर प्रकाश और ऊष्मा देते हैं, दाह्य पदार्थ कहलाते हैं।

→ अदाह्य पदार्थ (Non Combustible substance) : वे पदार्थ जो जलने पर न तो प्रकाश देते हैं और न ही ऊष्मा देते हैं, अदाह्य पदार्थ कहलाते हैं।

→ ज्वलन ताप (Ignition Temperature) : वह न्यूनतम ताप, जिस पर कोई पदार्थ जलने लगता है।

→ ज्वलनशील पदार्थ (Flammable Substance) : ऐसे पदार्थ जिनका ज्वलन-ताप बहुत कम होता है और जो ज्वाला के साथ सरलतापूर्वक आग पकड़ लेते हैं, ज्वलनशील पदार्थ कहलाते हैं।

→ अग्निशामक (Fire Extinguisher) : आम बुझाने वाला यत्र ।

→ तीव्र दहन (Rapid Combustion) : दहन जिसमें गैस तेजी से जलने लगती है एवं ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करती हैं, तीव्र दहन कहलाता है।

→ स्वतः दहन (Spontaneous Combustion) : दहन जिसमें पदार्थ बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के अचानक लपटों के साथ जल उठता है, स्वतः दहन कहलाता है।

→ विस्फोट (Explosion) : अभिक्रिया जिसमें बनी गैस बड़ी मात्रा में निकलकर ऊष्मा, प्रकाश और ध्वनि उत्पन्न करती है, विस्फोट कहलाती है।

→ ईंधन (Fuel) : वे पदार्थ जो पूर्ण दहन करने पर ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं।

→ ऊष्मीय मान (CalorificValue) : किसी ईंधन के 1 किलोग्राम के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा, उसका ऊष्मीय मान कहलाती है।

→ विश्व ऊष्णन (Global Warming) : पृथ्वी के वातावरण में धीमी गति से होने वाली ताप की वृद्धि ।

→ अम्ल वर्षा (Acid Rain) : जब सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल में घल जाते हैं एवं अम्ल बनाते हैं, तब ऐसी वर्षा अम्ल वर्षा कहलाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 56)

प्रश्न 1.
क्या हम अपने सभी प्राकृतिक संसाधनों का निरन्तर उपयोग कर सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं। हम अपने सभी प्राकतिक संसाधनों का निरन्तर उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि प्रकृति में कुछ स्रोत असीमित मात्रा में हैं; जैसे- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि जबकि कुछ स्रोत सीमित मात्रा में हैं; जैसे- वन, वन्यजीव, खनिज आदि।

(पृष्ठ संख्या – 57)

प्रश्न 2.
कोयला हमें कहाँ से प्राप्त होता है और यह कैसे बनता है ?
उत्तर:
कोयला हमें पृथ्वी की अंदरूनी सतह अर्थात् खानों से प्राप्त होता है । प्राकृतिक आपदाओं के कारण, वन पृथ्वी के अन्दर समा जाते हैं तथा मिट्टी उनके ऊपर जमा हो जाती है। पृथ्वी के भीतर उच्च ताप तथा दाब के कारण ये मृत पेड़-पौधे धीरे-धीरे कार्बनीकरण की प्रक्रिया द्वारा कोयले के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 61)

प्रश्न 3.
क्या प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस बनाई जा सकती है?
उत्तर:
नहीं । प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का निर्माण नहीं किया जा सकता, क्योकि इनका बनना बहुत धीमी प्रक्रिया है तथा इनके बनने के लिए आवश्यक दशाएँ प्रयोगशाला में उत्पन्न नहीं की जा सकती।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग बहुत लाभदायक है क्योंकि इनका वितरण हर जगह आसानी से पाइप लाइन द्वारा किया जा सकता है । इन दोनों का मुख्य गुण है, जलने पर वायु प्रदूषण नहीं फैलाते । इनकी ऊष्मा की उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है । इन्हें घरों तथा फैक्टरियों में सीधे ही प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम का कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर:
बिटुमेन, पेट्रोलियम का उत्पाद है जो सड़क के निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है?
उत्तर:
कोयले का निर्माण : लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व जब मृत वनस्पति मिट्टी की सतह के नीचे फँसकर इकट्ठी हो गई, तो निचले स्तर के उच्च ताप व दाब के कारण ये धीरे-धीरे कोयले के रूप में परिवर्तित हो गए है। कोयले के निर्माण की यह धीमी प्रक्रिया ‘कार्बनीकरण’ कहलाती है।

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) ………………….. तथा ………………….. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम ………………….. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन ………………….. है ।
उत्तर:
(क) कोयला, पेट्रोलियम,
(ख) परिष्करण
(ग) सीएनजी।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं।
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है ।
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है।
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(ङ) असत्य ।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन मृत जीवों के अवशेषों से प्राप्त होते हैं । इनको बनने की प्रक्रिया में लाखों वर्ष व्यतीत हो जाते हैं। इस कारण जीवाश्म ईंधन काफी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं तथा मानव के द्वारा यह अत्यधिक मात्रा में प्रयोग में लाए जाते हैं और समाप्त हो सकते हैं । इसी कारण जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोक के अभिलक्षण : यह कठोर, सरंध्रयुक्त और काले रंग का होता है। यह विद्युत तथा ऊष्मा दोनों का कुचालक है। कोक के उपयोग : यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है, जो जलने पर धुंआ नहीं छोड़ता है । यह कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने तथा धातुओं जैसे- कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि के निष्कर्षण के काम आता है ।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का निर्माण :
पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से होता है । मृत्यु के पश्चात् ये सागर की गहराई में जाकर तली तक पहुंच जाते हैं तथा धीरे-धीरे ये रेत और मिट्टी से ढंकने लगते हैं । करोड़ों वर्षों के बाद उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण यह हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं । ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्रयुक्त चट्टानों से रिसकर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते रहते हैं, जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं । इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं, चूंकि तेल व गैस जल से हल्के होते हैं, अत: यह जल के साथ मिश्रित नहीं होते तथा ऊपर तैरने लगते है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 2004 से 2010 तक भारत में विद्युत की कुल कमी को दिखाया गया है । इन आंकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए । वर्ष में कमी प्रतिशतता को.Y- अक्ष पर तथा वर्ष को x- अक्ष, पर आलेखित करिए।

वर्ष कमी %
2004 7.8
2005 8.6
2006 9.0
2007 9.5
2008 9.9
2009 11.2

उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम -1

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

HBSE 8th Class Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाध न है
(अ) सूर्य का प्रकाश
(ब) वायु
(स) पेट्रोलियम
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) पेट्रोलियम

2. मृत पेड़-पौधों के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने को कहते हैं –
(अ) हाइड्रोजनीकरण
(ब) कार्बनीकरण
(स) ऑक्सीकरण
(द) अपचयन ।
उत्तर:
(ब) कार्बनीकरण

3. सीएनजी का पूरा नाम है –
(अ) संपीडित प्राकृतिक गैस
(ब) कोयला प्राकृतिक गैस
(स) कोलतार प्राकृतिक गैस
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।

4. पेन्ट एवं सड़क निर्माण में पेट्रोलियम का निम्न में से कौन-सा घटक प्रयुक्त होता है ।
(अ) एलपीजी
(ब) डीजल
(स) पैराफिन मोम
(द) बिटुमेन
उत्तर:
(द) बिटुमेन

5. PCRA द्वारा सलाह दी जाती है –
(अ) वाहन चलाने के सम्बन्ध में
(ब) वाहन चलाते समय पेट्रोल/डीजल बचाने के सम्बन्ध में
(स) अधिक पेट्रोल डीजल उपयोग करने के सम्बन्ध में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) वाहन चलाते समय पेट्रोल/डीजल बचाने के सम्बन्ध में

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) संसाधन जो प्रकृति द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं, ……………. संसाधन कहलाते हैं।
(ख), मृत वनस्पति के धीमे प्रकम द्वारा कोयले में परिवर्तन को ……………. कहते हैं।
(ग) कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय ………………. प्राप्त होती है।
(घ) प्राकृतिक गैस को …………… दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में भंडारित किया जाता है।
उत्तर:
(क) प्राकृतिक
(ख) कार्बनीकरण
(ग) कोयला गैस
(घ) उच्च।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) सूर्य का प्रकाश (क) पेट्रोलियम
(ii) कोयला (ख) अक्षय प्राकृतिक संसाधन
(iii) काला सोना (ग) कोलतार
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव (घ) समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) सूर्य का प्रकाश (ख) अक्षय प्राकृतिक संसाधन
(ii) कोयला (घ) समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन
(iii) काला सोना (क) पेट्रोलियम
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव (ग) कोलतार

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

सत्य / असत्य कथन

(क) कोक एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है।
(ख) प्राकृतिक गैस को निम्न दाब पर सीएनजी के रूप में भंडारित किया जाता है।
(ग) बिटुमेन का उपयोग स्नेहन के रूप में किया जाता है।
(घ) कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईधन हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अक्षय प्राकृतिक संसाधन क्या हैं ?
उत्तर:
वे संसाधन जो प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं और मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त नहीं होते, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण : सूर्य का प्रकाश, वायु आदि ।

प्रश्न 2.
समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे संसाधन जो प्रकृति में सीमित मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण : कोयला, पेट्रोलियम आदि।

प्रश्न 3.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
खनिज, जल, सूर्य का प्रकाश, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल आदि।

प्रश्न 4.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ मानव-निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक, रेशा, संश्लेषित रबर, मोटर टायर, बैटरी आदि।

प्रश्न 5.
जीवाश्म ईंधन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन : ऐसे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा में दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में परिवर्तित हुए, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 6.
यदि कोयले को वायु में जलाया जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
कार्बन-डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होगी ।

प्रश्न 7.
कार्बनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 8.
कोक कैसा पदार्थ है?
उत्तर:
कोक एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है।

प्रश्न 9.
कोक के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कोक का उपयोग निम्नलिखित है-
(i) इस्पात के औद्योगिक निर्माण में।
(ii) धातुओं के निष्कर्षण में।

प्रश्न 10.
बिटुमेन किस काम आता है?
उत्तर:
इसका उपयोग सड़क के निर्माण में किया जाता

प्रश्न 11.
कोयला गैस कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर:
कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय कोयला गैस प्राप्त होती है।

प्रश्न 12.
परिष्करण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
पेट्रोलियम के प्रभाजों को पृथक् करने का प्रक्रम परिष्करण कहलाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 13.
सीएनजी का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर:
संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas)

प्रश्न 14.
घरों में उपयोग की जाने वाली पेट्रोलियम गैस का नाम लिखिए।
उत्तर:
एलपीजी (द्रवित पेट्रोलियम गैस) ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार लिखिए ।
उत्तर:
प्रकृति में पाये जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया है
(1) अक्षय प्राकृतिक संसाधन – ये संसाधन प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा समाप्त नहीं हो सकते है। उदाहरण- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि ।
(2) समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन – प्रकृति में इन स्रोतों की मात्रा सीमित है तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा ये समाप्त हो सकते हैं । उदाहरण- वन, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि ।

प्रश्न 2.
कोलतार क्या है ? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर:
यह काले रंग वाला गाढ़ा द्रव है । यह लगभग 200 । पदार्थों का मिश्रण है। कोलतार से प्राप्त उत्पादों का उपयोग प्रारम्भिक पदार्थों के रूप में होता है। दैनिक जीवन में काम आने वाले विभिन्न पदार्थों के औद्योगिक निर्माण में तथा उद्योगों, जैसे – संश्लेषित रंग, औषधि, पेन्ट, प्लास्टिक, छत. के निर्माण के लिए सामग्री इत्यादि में इसका उपयोग होता है। नैफ्थलीन की गोलियाँ भी कोलतार से प्राप्त की जाती हैं।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? इसके परिष्करण से कौन-कौन से पदार्थ प्राप्त होते हैं ?
उत्तर:
पेट्रोलियम गहरे रंग का तेलीय द्रव है, इसकी गंध अप्रिय होती है। पेट्रोलियम को जीवाश्मी ईंधन भी कहते हैं । पेट्रोलियम के परिष्करण से पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, डीजल, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम आदि प्राप्त होते हैं ।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक गैस महत्वपूर्ण क्यों है तथा इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर:
यह एक बहुत महत्वपूर्ण जीवाश्म ईंधन है, क्योंकि इसे पाइप द्वारा कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। प्राकृतिक गैस को उच्च दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में स्टोर किया जाता है।.CNG का प्रयोग कुछ समय से परिवहन वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 5.
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) द्वारा पेट्रोल – डीजल बचत के लिए दिए गए सुझावों को लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं –
(1) जहाँ तक सम्भव हो गाड़ी एक समान एवं मध्यम गति से चलानी चाहिए ।
(2) यातायात लाइटों पर अथवा जहाँ प्रतीक्षा करनी हो, गाड़ी का इंजन बंद कर देना चाहिए ।
(3) गाड़ी का नियमित रख-रखाव सुनिश्चित करना चाहिए।
(4) टायरों में हवा का दबाव उचित रखना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के भण्डार का चित्र बनाइये।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम -2

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को उपयोग सहित लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम के विभिन्न संघटक –
1. द्रवित पेट्रोलियम गैस : इसका उपयोग घरों और उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
2. मिट्टी का तेल : इसका प्रयोग स्टोव, लैम्प और जेट वायुयान के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।
3. पेट्रोल : इसका प्रयोग मोटरकारों में, वैमानिक ईंधन के रूप में तथा शुष्क धुलाई के लिए विलायक के रूप में होता है।
4. डीजल : विद्युत जनित्रों तथा भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है ।
5. स्नेहक तेल : वाहनों के इंजन में स्नेहन के लिए प्रयुक्त होता है।
6. पैराफिन मोम : मरहम, मोमबत्ती, वैसलीन इत्यादि में।
7. बिटुमेन : पेन्ट तथा सड़क निर्माण में ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

कोयला और पेट्रोलियम Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ ईंधन (Fuel) : ऐसे पदार्थ जो पूर्ण दहन करने पर ऊष्मा देते हैं, ईंधान कहलाते हैं।

→ अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।

→ समाप्त होने वाले संसाधन (Exhaustible Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में सीमित मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले संसाधन कहलाते हैं।

→ जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) : ईंधन जिनका निर्माण सजीव प्राणियों के मृत अवशेषों (जीवाश्मों) से होता है, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं।

→ कोयला (Coal) : एक जीवाश्म ईंधन जो कार्बनीकरण का उत्पाद है ।

→ कार्बनीकरण (Carbonisation) : मृदा के नीचे दबी हुई मृत वनस्पति’ के उच्च ताप और दाब के कारण, धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने के क्रम को ‘कार्बनीकरण’ कहते हैं।

→ कोयले का प्रक्रमण (Destructive distillation of Coal) : कोयले को 1000 °C ताप से अधिक पर गर्म करने का प्रक्रम ‘प्रक्रमण’ कहलाता है।

→ परिष्करण (Refining) : पेट्रोलियम से अशुद्धियों को दूर करने तथा प्रभाजों को पृथक् करने का प्रक्रम ? ‘परिष्करण’ कहलाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

HBSE 8th Class Science पदार्थ: धातु और अधातु InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 47)

प्रश्न 1.
क्या कॉपर में भी जंग लगता है? मैंने कॉपर के बर्तनों की सतह पर हरा पदार्थ जमा हुआ देखा है ?
उत्तर:
जब कॉपर के बर्तन को लम्बे समय तक नम वायु में खुला रखा जाता है तो उस पर एक हल्की हरी परत जम जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर हाइड्रॉक्साइड [Cu(OH)2] और कॉपर कार्बोनेट [CuCO3] का मिश्रण होता है। अभिक्रिया निम्नलिखित है –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -1

(पृष्ठ संख्या – 52)

प्रश्न 2.
मैंने सुना है पौधों में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह उनमें किस रूप में पाया जाता है?
उत्तर :
पौधों में मैग्नीशियम, मैग्नीशियम ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है। प्रश्न 3. डॉक्टर ने मेरे शरीर में आयरन की कमी बताई है। मेरे शरीर में आयरन कहाँ है ? (पृष्ठ संख्या-52) उत्तर : आयरन, शरीर के रक्त में पाया जाता है । मानव शरीर का अधिकांश आयरन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है ?
(क) जिंक
(ख) फॉस्फोरस
(ग) सल्फर
(घ) ऑक्सीजन।
उत्तरः
(क) जिंक ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
उत्तर :
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) फॉस्फोरस बहुत …………………… अधातु है।
(ख) धातुएँ ऊष्मा और …………………… की …………………… होती हैं।
(ग) आयरन, कॉपर की अपेक्षा …………………… अभिक्रियाशील है।
(घ) धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर …………………… गैस बनाती हैं।
उत्तर:
(क) अभिक्रियाशील
(ख) विद्युत, सुचालक
(ग) अधिक
(घ) हाइड्रोजन ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 4.
यदि कथन सही है तो ‘T’ और यदि गलत है तो कोष्ठक में ‘F’ लिखिए-
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं।
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।
उत्तर:
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं। (F)
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है। (T)
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है। (F)
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं। (F)

प्रश्न 5.
नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है । इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अन्तर कीजिए
उत्तर:

क्र. गुण धातु अधातु
1. दिखावट चमकीली विभिन्न रंगों में
2. कठोरता कक्ष ताप पर ठोस और कठोर कक्ष ताप पर ठोस, तरल और गैस तथा भुरभुरी
3. आघातवर्धनीयता आघातवर्धनीय होती हैं। पीटकर शीटें बनाई जा सकती हैं भगुर होती है, चोट मारने पर टूट जाती है
4. तन्यता खींचकर तार बनाया जा सकता है। यह अतन्य होती हैं।
5. ऊष्माचालन उपस्थिति अनुपस्थित
6. विद्युतचालन विद्युत चालक होती हैं। ग्रेफाइट को छोड़कर सभी कुचालक होती हैं।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए –
(क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।
(ख) निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से = विस्थापित नहीं कर सकता ।
(घ) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
उत्तर:
(क) अन्य धातुओं की अपेक्षा धातुएँ अधिक आघातवर्धनीय होती हैं । इसलिए ऐलुमिनियम की पतली चादरें (शीट) बनाई जा सकती हैं । साथ ही एल्युमिनियम संक्षारण विरोधी धातु भी है। इस कारण ऐलुमिनियम की पन्नी का प्रयोग खाद्य सामग्री लपेटने में किया जाता है।

(ख) धातुएँ ऊष्मा और विद्युत दोनों की सुचालक होती हैं। इसलिए निमन्जन छड़ें धातुओं की बनाई जाती हैं।

(ग) कॉपर, जिंक से कम सक्रिय होता है और सिर्फ अधिक अभिक्रियाशील ही कम अभिक्रियाशील को विस्थापित कर सकता है। इसलिए उसे विस्थापित नहीं कर सकता ।

(घ) सोडियम और पोटैशियम दोनों अधिक क्रियाशील धातुएँ हैं । ये वातावरण और जल के साथ काफी तीव्रता से क्रिया करती हैं और जल उठती हैं । इसलिए वायु तथा नमी से अलग रखने के लिए इन्हें मिट्टी के तेल में रखा जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 7.
क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम के पात्र में रख सकते हैं । स्पष्ट करिए ।
उत्तर:
नहीं । नींबू के अचार में सिट्रिक अम्ल होता है, जिससे इसकी प्रकृति अम्लीय होती है । अम्लीय पदार्थ ऐलुमिनियम पात्रों में संचित नहीं किए जाते, क्योंकि अम्ल और ऐलुमिनियम अभिक्रिया करके विषैला पदार्थ बनाते हैं, जो स्वास्थ्य विरोधी होते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे दी गई सारणी के कॉलम ‘I’ में कुछ पदार्थ दिये गये हैं । कॉलम II’ में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम ‘I’ के पदार्थ का कॉलम ‘II’ से सही मिलान करिए –

कॉलम – I कॉलम – II
1. गोल्ड 1. थर्मामीटर
2. आयरन 2. बिजली के तार
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 4. आभूषण
5.कॉपर 5. मशीनें
6. मर्करी 6. ईधन

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
1. गोल्ड 4. आभूषण
2. आयरन 5. मशीनें
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 6. ईधन
5.कॉपर 2. बिजली के तार
6. मर्करी 1. थर्मामीटर

प्रश्न 9.
क्या होता है जब –
(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है?
(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है? संबंधित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
(क) जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है तो कॉपर सल्फेट जल तथा सल्फर डाइ ऑक्साइड उत्पन्न होती है ।
Cu + 2H2SO4 → CusO4+ 2H2O↑+SO2

(ख) आयरन, कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है. यह आयरन सल्फेट तथा कॉपर बनाता है।
CuSO4 + Fe → FeSO4+Cu

प्रश्न 10.
सलोनी ने लकड़ी के कोयले का जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया –
(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी ?
(ख) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
(क) गैस की प्रकृति लाइम जल (चूने का पानी) या जलती हुई माचिस की तीली से ज्ञात की जा सकती है । चूने का पानी दूधिया हो जायेगा या माचिस की तीली बुझ जाएगी।
(ख) C + O2(g) → CO2(g)
कार्बन ऑक्सीजन कार्बन डाई ऑक्साइड

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 11.
एक दिन रीता अपनी माँ के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई । उसकी माँ ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए । अगले दिन जब वे आभूषण वापस लाईं तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है । क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं ?
उत्तर:
सुनार आभूषण साफ करने के लिए एक्वारीजिया (Aquaregia) नामक’ विलयन का उपयोग करते हैं क्योंकि सोना इस विलयन में घुल जाता है, इसलिए सोने के भार में कमी आ जाती है । एक्वारीजिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के तीन भाग तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) के एक भाग को मिलाकर बनाया जाता है ।

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कॉपर के बर्तन पर जमने वाली हरी पर्त होती है?
(अ) कॉपर हाइड्रॉक्साइड
(ब) कॉपर कार्बोनेट
(स) कॉपर हाइड्रॉक्साइड एवं कॉपर कार्बोनेट का मिश्रण
(द) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) कॉपर हाइड्रॉक्साइड एवं कॉपर कार्बोनेट का मिश्रण

2. जो धातु ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं, उन्हें कहते हैं
(अ) गाने वाली धातु
(ब) ध्वनि स्रोत
(स) ध्वानिक
(द) इनमे से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) ध्वानिक

3. ऐसी धातु जो कमरे के तापमान पर द्रव है-
(अ) पोटैशियम
(ब) लोहा
(से) सोडियम
(द) पारा (मर्करी) ।
उत्तर:
(द) पारा (मर्करी) ।

4. निम्न में आघातवर्धनीय नहीं है
(अ) लोहा
(ब) ताँबा
(स) सोना
(द) कोयला।
उत्तर:
(द) कोयला।

5. वह अधातु जो वायु में खुला रखने पर आग पकड़ लेती है, वह है –
(अ) सोडियम
(ब) पोटैशियम
(स) जिंक
(द) फॉस्फोरस।
उत्तर:
(द) फॉस्फोरस।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) धातुओं का गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर शीट में …………………. परिवर्तित किया जा सकता है, …………………. कहलाता है।
(ख) अधातु ऊष्मा तथा विद्युत के …………………. हैं।
(ग) सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को …………………. कर देता है।
(घ) जिंक, कॉपर और आयरन से …………………. अभिक्रियाशील है।
उत्तर:
(क) आघातवर्धनीयता
(ख) कुचालक
(ग) लाल
(घ) अधिक।

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
(i) जिंक सल्फेट (क) Cu(OH)2
(ii) कॉपर सल्फेट (ख) FeSO4
(iii) आयरन सल्फेट (ग) ZnSO4
(iv) कॉपर हाइड्राक्साइड (घ) CuSO4

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
(i) जिंक सल्फेट (ग) ZnSO4
(ii) कॉपर सल्फेट (घ) CuSO4
(iii) आयरन सल्फेट (ख) FeSO4
(iv) कॉपर हाइड्राक्साइड (क) Cu(OH)2

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

सत्य / असत्य कथन

(क) धातुओं का वह गुण जिससे उन्हें खींचकर तारों में परिवर्तित किया जा सकता है, तन्यता कहलाता है।
(ख) ऐलुमिनियम एक अधातु है।
(ग) फॉस्फोरस एक अधातु है।
(घ) अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आघातवर्धनीयता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर चादरें (शीटें) बनाई जाती हैं, आघातवर्धनीयता कहलाती है।

प्रश्न 2.
तन्यता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनके तार खींचे जा सकते हैं, तन्यता कहलाती है।

प्रश्न 3.
किन धातुओं से विद्युत तार बनाये जाते हैं?
उत्तर:
कॉपर (तांबा), ऐलुमिनियम ।

प्रश्न 4.
आभूषण बनाने में स्वर्ण (गोल्ड) को वरीयता क्यों दी जाती है ?
उत्तर:
स्वर्ण (गोल्ड) मुलायम होने के कारण आसानी से सांचे में ढाला जा सकता है ।

प्रश्न 5.
धातुओं का प्रयोग मशीनें बनाने में क्यों होता है?
उत्तर:
धातुएँ कठोर होती हैं और अधिक तापमान पर अपना अस्तित्व बनाये रखती हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 6.
धातुओं को लोहार किस प्रकार ढालता है?
उत्तर
लोहार धातुओं को अपनी भट्टी में रक्ततप्त गर्म करके हथौड़े से प्रहार कर ढालता है।

प्रश्न 7.
वो ऐसी धातुएँ जिन्हें चाकू से सरलतापूर्वक काटा जा सकता है, उन्हें लिखिए
उत्तर;
(i) पोटैशियम
(ii) सोडियम

प्रश्न 8.
धातुएँ आभूषणों में क्यों उपयोगी होती हैं?
उत्तर:
धात्विक चमक के गुण के कारण ।

प्रश्न 9.
थर्मामीटर में कौन-सी धातु का प्रयोग होता है?
उत्तर:
मरकरी (पारा) ।

प्रश्न 10.
सल्फ्यूरस अम्ल का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।

प्रश्न 11.
फॉस्फोरस को वायु में खुला रखने पर इस पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर;
फॉस्फोरस को वायु में खुला रखने पर यह आग पकड़ लेता है।

प्रश्न 12.
धातु की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करने पर कौन सी गैस उत्पन्न होती है?
उत्तर:
हाइड्रोजन गैस।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 13.
ताँबे की छीलन को आयरन सल्फेट विलयन में डालने पर क्या होता है?
उत्तर:
कोई अभिक्रिया नहीं होती क्योंकि ताँबा आयरन की अपेक्षा कम अभिक्रियाशील होता है।

प्रश्न 14.
एक लोहे की कील को जिंक सल्फेट के विलयन में डालने पर क्या होता है? ।
उत्तर:
कोई क्रिया नहीं होती।।

प्रश्न 15.
आयरन की जंग के विलयन का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस विलयन की प्रकृति बताइए।
उत्तर:
आयरन की जंग की विलयन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है अर्थात आयरन की जंग (जलीय आयरन आक्साइड) का विलयन क्षारीय प्रकृति का है।

प्रश्न 16.
जल को शुद्ध करने में किस अधातु का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
अजान ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु एवं अधातु शब्दों को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
धातु : वे पदार्थ जो कठोर, आघातवर्ध्य, तन्य, व विद्युत के सुचालक होते हैं. धात कहलाते हैं। जैसे – आयरन, कॉपर, ताँबा आदि ।
अधातु : वे पदार्थ जो दिखने में मलिन एवं नरम होते हैं तथा हथौड़े के प्रहार से टूटकर चूरा हो जाते हैं तथा ऊष्मा व विद्युत के कुचालक होते हैं, अधातु कहलाते हैं। जैसे – कोयला, सल्फर, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस आदि ।

प्रश्न 2.
विभिन्न पदार्थों की आधातवर्धनीयता निर्धारित कीजिए- लोहे की कील, कोयले का टुकड़ा, ऐलुमिनियम की तार एवं पेंसिल लेड। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(i) लोहे की कील को हथौड़े से पीटने पर वह चपटी हो गयी, अर्थात् यह आघातवर्धनीयता है।
(ii) कोयले के टुकड़े को हथौड़े से पीटने पर इसके टुकड़े – हो गये अर्थात् यह आघातवर्धनीयता नहीं है।
(iii) ऐलुमिनियम के तार को हथौड़े से पीटने पर यह चपटा . हो गया अर्थात् यह आघातवर्धनीयता है।
(iv) पेंसिल लेड को हथौड़े से पीटने पर इसके टुकड़े हो गये अर्थात् यह आघातवर्धनीयता नहीं हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पदार्थों की विद्युत चालकता बताइएलोहे की छड़/कील, गंधक, कोयला एवं ताँबे के तार (क्रियाकलाप)
उत्तर:

पदार्थ सुचालक/कुचालक
लोहे की छड़/कील सुचालक
गंधक कुचालक
कोयला कुचालक
ताँबे की तार कुचालक

प्रश्न 4.
धातुएँ ध्वानिक होती हैं। इसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धातुओं को जब कठोर सतह से टकराया जाता है तो एक निनाद ध्वनि उत्पन्न होती है, जैसे दो बर्तनों को बजाने पर ध्वनि उत्पन्न होती है । अतः धातु गायन ध्वानियाँ उत्पन्न करते हैं । इसी कारण से धातुओं को ध्वानिक कहते हैं।

प्रश्न 5.
चांदी के आभूषण कुछ समय बाद काले क्यों हो जाते हैं ? जबकि चाँदी ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती।।
उत्तर:
चाँदी ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करती, परन्तु यह वायु में उपस्थित सल्फर यौगिकों से अभिक्रिया करके सिल्वर सल्फाइड की काली परत बनाती है । इसी कारण चांदी से निर्मित आभूषण कुछ समय बाद काले पड़ने लगते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 6.
सल्फर व ऑक्सीजन की अभिक्रिया के बारे में बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सल्फर एवं ऑक्सीजन की अभिक्रिया होने पर सल्फर डाईऑक्साइड गैस बनती है । जब सल्फर डाई ऑक्साइड को जल में विलेय करते हैं तो सल्फ्यूरस अम्ल प्राप्त होता है, अभिक्रिया निम्नवत् है –
सल्फर डाईऑक्साइड (SO2) + जल (H2O) → सल्फ्यूरस अम्ल (H2SO3)
सल्फ्यूरस अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है । सामान्यत: अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 7.
क्या धातु एवं अधातु जल के साथ क्रिया करते हैं ? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-धातुओं की जल के साथ क्रिया-कुछ धातु जैसे-सोडियम जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करते हैं जिससे सोडियम ऑक्साइड बनता है, किन्तु अधिकतर धातुओं की जल के साथ क्रिया नहीं होती है । आयरन जल के साथ बहुत धीमी क्रिया करता है । अधातुओं की जल से क्रिया- सामान्य रूप से जल व अधातु की अभिक्रिया नहीं होती है इसीलिए कुछ अधातु जो वायु में सक्रिय हो जाती हैं, उन्हें जल में रखा जाता है। जैसे – फॉस्फोरस एक अत्यन्त सक्रिय अधातु है जिसे जल में रखा जाता है।

प्रश्न 8.
धातुओं व अम्लों की अभिक्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर:
धातुएँ सामान्यतया अम्लों के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं । इसके परीक्षण के लिए यदि इस गैस को जलाया जाता है तो यह पॉप ध्वनि के साथ जलती है। सामान्यतया अधातुओं की अम्लों के साथ अभिक्रिया नहीं होती है । धातुओं के साथ अम्ल निम्न प्रकार अभिक्रिया करते हैं –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -2

प्रश्न 9.
सोडियम धातु जल से किस प्रकार अभिक्रिया करता है? इसके विलयन का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस विलयन की प्रकृति बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर- सोडियम अत्यधिक क्रियाशील धातु है, यह जल के साथ क्रिया करके ऊष्मा उत्पन्न करता है एवं सोडियम ऑक्साइड बनाता है। इसका विलयन लाल लिटमस पत्र को नौला कर देता है। यह विलयन क्षारीय होता है।

प्रश्न 10.
किसी धातु जैसे ऐलुमिनियम के टुकड़े को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में डालने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है? इसका निर्धारण हम किस प्रकार कर सकते है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है। इसका निर्धारण हम परखनली के मुँह के निकट एक जलती हुई माचिस की तीली ले जाकर करते है, जिसकी पॉप ध्वनि उत्पन्न होती है। यह ध्वनि हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति दर्शाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 11.
यदि कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक का टुकड़ा छड़ डाला जाए, तो क्या होगा?
उत्तर:
जिंक कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन में से विस्थापित कर देता है।
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu

प्रश्न 12.
अधातुएँ किस उपयोग में आती हैं ?
उत्तर:
अधातुओं के कुछ उपयोग-
1. अधातुएँ जल शुद्धिकरण में प्रयोग होती हैं ।
2. अधातुएँ औषधि निर्माण में प्रयुक्त होती हैं ।
3. अधातुएँ पटाखे आदि बनाने में प्रयुक्त होती हैं ।
4. अधातुओं का प्रयोग उर्वरकों में भी होता है, जो पौधों की वृद्धि में सहायक हैं।

प्रश्न 13.
धातुओं के प्रमुख उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
धातुओं के प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं –
1. धातुओं का उपयोग मशीनों, कारों, रेलगाड़ियों आदि में किया जाता है ।
2. इनका उपयोग बॉयलर में किया जाता है।
3. उपग्रह निर्माण में इनका उपयोग होता है ।
4. औद्योगिक साजो सामान, खाना बनाने के पात्रों में इनका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
यदि कॉपर सल्फेट के विलयन में एक लोहे की कील डाली जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
लोहा (Fe) कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रिया होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन से विस्थापित कर देता है एवं विलयन का रंग लाल हो जाता है।
Fe + CuSO → FeSO4 + Cu

प्रश्न 15.
यदि जिंक सल्फेट के विलयन में ताँबे की कील डाली जाए, तो क्या होगा?
उत्तर:
ताँबा (Cu) जिंक की अपेक्षा कम अभिक्रियाशील होता है अत: इसमें कोई क्रिया नहीं होती।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं एवं अधातुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धातु एवं अधातु में अन्तर-

धातुएँ अधातुएँ
1. धातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की सुचालक होती हैं। 1. अधातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की कुचालक होती हैं (ग्रेफाइट को छोड़कर)
2. धातुएँ चमकदार होती हैं एवं उन पर पॉलिश की जा सकती है। 2. अधातुएँ सामान्यत: चमकदार नहीं होतीं एवं उन पर पॉलिश नहीं की जा सकती ।
3. धातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक सामान्यत: निम्न होते हैं। 3. अधातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक अपेक्षाकृत उच्च होते हैं।
4. धातुएँ आघातवर्धनीय तथा तन्य होती हैं। 4. अधातुएँ आघातवर्धनीय एवं तन्य नहीं होती हैं।
5. धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। 5. अधातुएँ अम्लीय या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
6. धातुएँ ठोस होती है। (मर्करी को छोड़कर, मर्करी एक द्रव धातु है) 6. अधातुएँ ठोस, द्रव एवं गैस हो सकती हैं।

प्रश्न 2.
धातुओं एवं अम्लों की अभिक्रियाएँ कैसे होती हैं, समझाइए।
उत्तर:
सक्रिय धातुएँ जैसे जिक, मैग्नीशियम, लोहा आदि अभिक्रियाशील श्रृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, तनु हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक अम्ल जैसे खनिज अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन का विस्थापन करती हैं –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -3
ऐसी धातुएँ जो हाइड्रोजन के नीचे स्थित हैं, तनु खनिज अम्लों के साथ हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करतीं । उदाहरणार्थ : कॉपर तनु HCl के साथ कोई भी अभिक्रिया नहीं करता ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु

प्रश्न 3.
निम्नलिखित थातु एवं अधातु तनु Hcl एवं तनु H2SO, से सामान्य ताप पर एवं गर्म करने पर अभिक्रिया करते हैं अथवा नहीं, बताइए।
उत्तर:
धातु और अधातुओं की अम्लों से अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है-
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु -4
अधातु सामान्यत: अम्लों से अभिक्रिया नहीं करते, परन्तु धातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं, और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं, जो ‘पॉप’ ध्वनि के साथ जलती है । कॉपर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से गर्म करने पर भी अभिक्रिया नहीं करता । परन्तु यह सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कर लेता है।

पदार्थ: धातु और अधातु Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ आघातवर्धनीयता (Malleability) :- धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर शीट (चादर) में परिवर्तित किया जा सके ।

→ चालकता (Cunductance) :- धातुओं का वह गुण जिसके द्वारा ऊष्मा या विद्युत का चालन हो सके ।

→ तन्यता (Ductility) :- धातुओं का वह गुण जिससे उन्हें खींचकर तारों में परिवर्तित किया जा सके ।

→ ध्वानिक (Sonorus) :- धातुओं का वह गुण जिससे वे टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करते हैं ।

→ चमकीलापन (Lustre) :- पदार्थों में चमकती सतह का गुण ।

→ धातु (Metal) :- वे पदार्थ जो ऊष्मां और विद्युत के सुचालक हैं, धातु कहलाते हैं।

→ अधातु (Non-metal) :- वे पदार्थ जो ऊष्मा और विद्युत के कुचालक हैं, अधातु कहलाते हैं।

→ अम्लीय ऑक्साइड (Acidic oxide) :- अधातुओं के ऑक्साइड, जिन्हें जल में घोलकर अम्ल बनाते हैं।

→ क्षारीय ऑक्साइड (Basic oxide) :- धातुओं के ऑक्साइड, जिन्हें जल में घोलकर क्षार बनाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या -33)

प्रश्न 1.
क्या नाइलॉन के रेशे सचमुच इतने मजबूत होते हैं कि हम उससे पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने की रस्सी का निर्माण कर सकते हैं ?
उत्तर:
हाँ, नाइलॉन के रेशे इतने मजबूत होते हैं । एक नाइलॉन का तार, इस्पात के तार से भी अधिक प्रबल होता है। इस कारण से उससे पैराशूट तथा चट्टानों पर चढ़ने वाली रस्सी का निर्माण किया जा सकता है।

(पृष्ठ संख्या -35)

प्रश्न 2.
मेरी माँ जल के लिए सदैव पेट (PET) बोतलें और चावल तथा चीनी संचयन के लिए पेट जार खरीदती हैं । मैं जानने के लिए उत्सुक हूँ कि आखिर यह पेट है. क्या ?
उत्तर:
पेट एक प्रकार का पॉलिएस्टर है, जो कि वजन में, हल्का, मजबूत, सस्ता तथा विद्युत का कुचालक है । इसलिए इससे निर्मित जारों, बोतलों आदि का प्रयोग चावल तथा चीनी संचयन के लिए किया जाता है । यह आसानी से मुड़ता नहीं है, किन्तु आसानी से साफ हो जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

(पृष्ठ संख्या -35)

प्रश्न 3.
ओह ! अब मैं समझी कि मेरी माँ रसोईघर में काम करते समय पॉलिएस्टर से बने वस्त्र क्यों नहीं पहनती?
उत्तर:
पॉलिएस्टर से बने वस्त्र गर्म करने पर पिघल जाते हैं एवं पहनने वाले व्यक्ति के शरीर से चिपक जाता है।

HBSE 8th Class Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर:
ऐसे रेशे जो मानव के द्वारा रासायनिक प्रक्रमों द्वारा बनाए जाते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं । संश्लेषित रेशों की कच्ची सामग्री पेट्रोरसायनों से मिलती है। जो जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम आदि से बनते हैं, अत: ये कृत्रिम रेशे भी कहलाते हैं । ऐक्रिलिक और पॉलिएस्टर रेयान तथा नाइलॉन प्रमुख संश्लेषित रेशे हैं।

प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित (✓) कीजिए-
रेयॉन एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योकि –
(क) इसका रूप रेशम समान होता है।
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।
(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।
उत्तर:
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है। ✓

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 3.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) संश्लेषित रेशे …………………….. अथवा …………………….. रेशे भी कहलाते हैं।
(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो …………………….. कहलाता है।
(ग) संश्लेषित रेशे की भाँति प्लास्टिक भी एक ……………………. .है।
उत्तर:
(क) कृत्रिम, मानव निर्मित
(ख) पेट्रोरसायन
(ग) बहुलक ।

प्रश्न 4.
नाइलॉन रेशों से निर्मित दो वस्तुओं के नाम बताइए जो नाइलॉन रेशे की प्रबलता दर्शाती हों।
उत्तर:
(1) पैराशूट
(2) पहाड़ों पर चढ़ाई में प्रयुक्त रस्सी । ये नाइलॉन की प्रबलता को दर्शात हैं ।

प्रश्न 5.
खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के तीन प्रमुख लाभ बताइए ।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -1
प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के प्रमुख लाभ :
(1) प्लास्टिक पात्र हल्के, मजबूत तथा लम्बे समय तक चलने वाले होते है ।
(2) प्लास्टिक पात्र सभी सम्भव । आकारों व रंग-रूप में उपलब्ध होते हैं ।
(3) प्लास्टिक पात्र ऊष्मा व विद्युत के कुचालक होते हैं, यह भोजन, पानी और वायु से क्रिया नहीं करते।

प्रश्न 6.
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:

थर्मोप्लास्टिक थर्मोसेटिंग प्लास्टिक
1. गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाते हैं। 1. गर्म करने पर विकृत नहीं होते हैं।
2. इन्हें आसानी से मोड़ा जा सकता है। 2. इन्हें आसानी से मोड़ा नहीं जा सकता है।
3. ये ऊष्मा के सुचालक होते हैं। 3. ये ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
4. इनका उपयोग कषियाँ, खिलौने और विभिन्न प्रकार के पात्रों को बनाने में किया जाता है। 4. इसका उपयोग बिजली के स्विच, विभिन्न बर्तनों के हत्थे, रसोई के बर्तन बनाने में किया जाता है।
5. इनका पुन: उपयोग किया जा सकता है। 5. इनका पुन: उपयोग संभव नहीं है।
6. उदाहरण- पी.वी.सी., पॉलिथीन। 6. उदाहरण-बैकलाइट, मेलामाइन।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 7.
समझाइए, थमोंसेटिंग प्लास्टिक से निम्नलिखित क्यों बनाए जाते हैं-
(क) डेगची के हत्थे
(ख) विद्युत प्लग/स्विच/ प्लग बोर्ड ।
उत्तर:
(क) डेगची के हत्थे : यह थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के बनाए जाते हैं क्योंकि यह ऊष्मारोधी होते हैं तथा ऊष्मा और अग्नि को आसानी से सह लेते हैं ।
(ख) विद्युत प्लग/स्विच/प्लग बोर्ड : थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (जैसे-बैकेलाइट) विद्युत के कुचालक होते हैं, इसलिए विद्युत प्लग, स्विच, प्लग बोर्ड आदि बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित पदार्थों को “पुनः चक्रित किये जा सकते हैं” और “पुनः चक्रित नहीं किये जा सकते हैं” में वर्गीकृत कीजिए – टेलीफोन यंत्र, प्लास्टिक खिलौने, कुकर के हत्थे, सामग्री लाने वाले थैले, बॉल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत स्विच।
उत्तर:
पुनः चक्रित किए जा सकते हैं: प्लास्टिक खिलौने, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पैन, प्लास्टिक के कटोरे, प्लास्टिक की कुर्सियों, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण आदि ।
पुनः चक्रित नहीं किए जा सकते हैं : टेलीफोन यंत्र, कुकर के हत्थे, विद्युत स्विच आदि ।

प्रश्न 9.
राणा गर्मियों के लिए कमीजें खरीदना चाहता है । उसे सूती कमीजें खरीदनी चाहिए या संश्लेषित ? कारण सहित राणा को सलाह दीजिए।
उत्तर:
राणा को गर्मियों के लिए सूती कमीज खरीदनी चाहिए । क्योंकि सूती कमीजें छिद्रयुक्त होती हैं तथा सूती कमीजें पसीना सोखकर शरीर को सूखा रखती हैं। किन्तु संश्लेषित कमीजे न तो पसीना सोखती हैं और न ही छिद्रयुक्त होती हैं । अत: यह गर्मियों में पहनने के लिए उपयुक्त नहीं होती।

प्रश्न 10.
उदाहरण देकर प्रदर्शित कीजिए कि प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है।
उत्तर:
प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है क्योंकि यह वस्तु जल या नमी के साथ क्रिया नहीं करती है ।
उदाहरण :
(1) पानी प्लास्टिक की बोतलों में रखा जाता है ।
(2) अचार तथा अन्य खाने योग्य पदार्थ प्लास्टिक से निर्मित पात्रों में रखे जाते हैं ।
(3) अनेक औषधियों तथा रसायनों को भी प्लास्टिक में संचित किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 11.
क्या दाँत साफ़ करने के ब्रुश का हैण्डल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के बनाने चाहिए ? अपना उत्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नहीं, दाँत साफ करने के बुश के हैण्डल व शूक अलग पदार्थों के बने होने चाहिए । इसका कारण है कि हैंण्डल सहारे (पकड़ने) के लिए होता है, इसे सख्त और मजबूत होना चाहिए । शूक दाँतों की सफाई के लिए है, इन्हें नरम, लचकीले व मजबूत होने चाहिए।

प्रश्न 12.
“जहाँ तक संभव हो प्लास्टिक के उपयोग से बचिए”, इस कथन पर सलाह दीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक बहुत उपयोगी पदार्थ होते हुए भी पर्यावरण हितैषी नहीं है । यह न जल्दी जलकर नष्ट होता है और न ही प्राकृतिक जीवाणुओं द्वारा आसानी से अपघटित होता है । लापरवाही के कारण इधर-उधर फेंकी गई पॉलिथीन की थैलियाँ नालियों को रोक देती हैं, उदाहरण के लिए लोग चिप्स, बिस्कुट और अन्य रैपरों में आने वाले खाद्य सामानों के उपयोग के बाद प्लास्टिक को सड़क, उद्यान या पिकनिक स्थान पर फेंक देते हैं । खाद्य अपशिष्ट खाने के प्रक्रम में पश पॉलिथीनकी थैलियाँ और रैपर निगल जाते हैं यह प्लास्टिक पदार्थ इन पशुओं के श्वसन तंत्र में बाधा उत्पन्न करते हैं अथवा आमाशय में जमकर एक अस्तर बनाते हैं, जिससे यह उनकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है । इसलिए हमें इसका उपयोग करते समय 5R सिद्धांतों को याद रखना चाहिए-पुन: उपयोग कीजिए (Reuse), पुनः प्राप्त कीजिए (Recover), पुनः चक्रित काजिए (Recycle), उपयोग कम कीजिए (Reduce), उपयोग ना करना (Refuse)।

प्रश्न 13.
कॉलम ‘अ’ के पदों का कॉलम ‘ब’ में दिए गए वाक्य खण्डों से सही मिलान कीजिए-

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(a) पॉलिएस्टर (i) काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
(b) टेपलॉन (ii) पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।
(c) रेयॉन (iii) न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
(d) नाइलॉन (iv) कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(a) पॉलिएस्टर (iv) कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
(b) टेपलॉन (iii) न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
(c) रेयॉन (i) काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
(d) नाइलॉन (ii) पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
“संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक हो रहा है ।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रेशे प्राकृतिक स्रोतों से मिलते हैं, किन्तु संश्लेषित रेशों का निर्माण पेट्रोरसायन से प्राप्त कच्चे माल से होता है । इससे स्पष्ट होता है कि संश्लेषित रेशों के निर्माण में वनों से प्राप्त कच्चा माल प्रयुक्त नहीं होता है। अतः य वनो क सरक्षण में सहायक है । इसके लिए जानवरों का शिकार भी नहीं करना पड़ता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 15.
यह प्रदर्शित करने हेतु एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत का कुचालक है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -2
चित्र के अनुसार एक बल्ब, बैटरी तथा थर्मोप्लास्टिक वस्तु को तांबे के तार द्वारा आपस में जोड़कर परिपथ तैयार कर लीजिए । इस दशा में बल्ब प्रकाशित नहीं होता है, इससे सिद्ध होता है कि थोप्लास्टिक विद्युत का कुचालक है।

HBSE 8th Class Science सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कृत्रिम रेशम है –
(अ) नाइलॉन
(ब) रेयॉन
(स) ऐक्रिलिक
(द) पॉलिएस्टर ।
उत्तर:
(ब) रेयॉन

2. प्लास्टिक जो गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाता है और सरलतापूर्वक मुड़ जाता है, कहलाता है
(अ) थोप्लास्टिक
(ब) बैकलाइट
(स) नाइलॉन
(द) रेयॉन ।
उत्तर:
(अ) थोप्लास्टिक

3. निम्नलिखित में से जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है –
(अ) कपड़ा (सूती)
(ब) कागज
(स) लकड़ी
(द) प्लास्टिक का बैग ।
उत्तर:
(द) प्लास्टिक का बैग ।

4. अग्निरोधक प्लास्टिक का उदाहरण है –
(अ) पी. वी. सी.
(ब) पॉलिथीन
(स) मेलामाइन
(द) नाइक्रोम ।
उत्तर:
(स) मेलामाइन

5. ऊनी वस्त्र के अपह्रासित होने का समय (लगभग) है
(अ) 10 से 30 दिन
(ब) 1 से 2 सप्ताह,
(स) 100 से 500 वर्ष
(द) लगभग एक वर्ष ।
उत्तर:
(द) लगभग एक वर्ष ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

रिक्त स्थान पूर्ति ।

(क) अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एकल इकाई बनाते हैं जो …………… कहलाती है।
(ख) टेरौलीन एक …………… है।
(ग) प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत के …………… हैं।
(घ) पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता, …………… कहलाता है।
उत्तर:
(क) बहुलक
(ख) पॉलिएस्टर
(ग) कुचालक
(घ) जैव अनिम्नीकरणीय।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(क) कागज़ (i) जैव अनिम्नीकरणीय
(ख) प्लास्टिक (ii) मानव-निर्मित रेशा
(ग) पेट (PET) (iii) पॉलिएस्टर
(घ) नाइलॉन (iv) जैव निम्नीकरणीय

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(क) कागज़ (iv) जैव निम्नीकरणीय
(ख) प्लास्टिक (i) जैव अनिम्नीकरणीय
(ग) पेट (PET) (iii) पॉलिएस्टर
(घ) नाइलॉन (ii) मानव-निर्मित रेशा

सत्य – असत्य

(क) रेयॉन प्राकृतिक स्रोत काष्ठ लुग्दी से प्राप्त किया जाता है।
(ख) रेयॉन एक मानव निर्मित रेशा है।
(ग) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक रेशा है।
(घ) प्लास्टिक का पनः चक्रण नहीं हो सकता।
उत्तर:
(क) सत्यं
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेशे कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
रेशे दो प्रकार के होते हैं-प्राकृतिक एवं कृत्रिम रेशे।

प्रश्न 2.
बहूलक किसे कहते है?
उत्तर:
अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एकल इकाई बनाती हैं, जिसे बहुलक कहते हैं।

प्रश्न 3.
बहुलक (पॉलीमर) शब्द किस ‘भाषा से लिया गया है?
उत्तर:
बहुलक यानि पॉलीमर शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘पॉली’ एवं ‘मर’ से मिलकर बना है। ‘पॉली’ का अर्थ अनेक तथा ‘मर’ का अर्थ भाग अथवा इकाई है।

प्रश्न 4.
क्या सेलुलोज एक प्राकृतिक बहुलक है ?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 5.
रेयॉन क्या है ?
उत्तर:
रेयॉन प्राकृतिक स्रोत काष्ठ लुगदी से तैयार किया जाता है, इसे मानव द्वारा निर्मित किया जाता है ।

प्रश्न 6.
रेयॉन के उपयोग बताइये?
उत्तर:
रेयॉन से वस्त्र, बिस्तर की चादरें और गलीचे बनाये जाते हैं।

प्रश्न 7.
नाइलॉन का प्रयोग कपड़ों के बनाने में बहुत अधिक क्यों प्रचलित हुआ?
उत्तर:
नाइलॉन रेशा, प्रबल, प्रत्यास्थ तथा हल्का होता है। यह चमकीला व धुलने में सुगम है, अत: इसका प्रयोग कपड़ों को बनाने में ज्यादा प्रचलित हुआ ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 8.
थर्मोप्लास्टिक के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) पी. वी. सी. (PVC) (ii) पॉलिथीन।

प्रश्न 9.
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए लाभदायक है या हानिकारक ?
उत्तर:
हानिकारक ।

प्रश्न 10.
टेफ्लॉन क्या है?
उत्तर:
यह एक विशिष्ट प्लास्टिक है, जिस पर तेल और जल चिपकता नहीं है, यह भोजन पकाने के पात्रों पर न चिपकने वाली परत लगाने के काम आता है।।

प्रश्न 11.
प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत की सुचालक है या कुचालक?
उत्तर:
प्लास्टिक ऊष्मा तथा विद्युत दोनों की कुचालक है।

प्रश्न 12.
“जैव निम्नीकरणीय” क्या है ?
उत्तर:
पदार्थ जो प्राकृतिक क्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाता है । जैव निम्नीकरणीय कहलाता है।

प्रश्न 13.
जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) एल्यूमिनियम के डिब्बे
(ii) प्लास्टिक।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 14.
ऊनी वस्त्र के अपह्रासित होने में लगने वाला लगभग समय बताइए।
उत्तर:
लगभग एक वर्ष।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1,
रेयॉन क्या है? इसके उपयोग पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
रेयॉन रेशम के गुणों वाला एक रेशा है जो मानव द्वारा निर्मित है । इसे काष्ठ लुगदी के रासायनिक उपचार से प्राप्त किया जाता है । इसे रेयॉन अथवा कृत्रिम रेशम भी कहते हैं।
उपयोग-
(1) रेयॉन को कपास के साथ मिलाकर रेशम की चादर बना सकते हैं।
(2) ऊन के साथ रेयॉन को मिलाकर कालीन या गलीचा तैयार किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेशों को उनकी सामर्थ्य के बढ़ते क्रम में लिखिए-
कपास का धागा, रेशम का धागा, ऊन का धागा एवं नाइलॉन का धागा
उत्तर:
उपर्युक्त रेशों में नाइलॉन के धागे की सामर्थ्य अधिकतम होती है। इनकी सामर्थ्य का बढ़ता क्रम निम्नलिखित है-
कपास का धागा < ऊन का धागा < रेशम का धागा < नाइलॉन का धागा।

प्रश्न 3.
नाइलॉन के प्रमुख गुण एवं उपयोग लिखिए। उत्तर-नाइलॉन के गुण –
1. नाइलॉन के रेशे बहुत अधिक हल्के तथा मजबूत होते हैं ।
2. इससे बने कपड़े में सिलवटें नहीं पड़ती हैं तथा अधिक समय तक स्थायी रहते हैं ।
3. ये कम पानी सोखते हैं तथा जल्दी सूख जाते हैं ।

नाइलॉन के उपयोग-
1. नाइलॉन रेशों का उपयोग मछली पकड़ने के जाल, पैराशूट का कपड़ा तथा वस्त्र आदि बनाने में किया जाता है ।
2. नाइलॉन के रस्से इस्पात से बने तारों से मजबूत होते हैं अत: इनका उपयोग चट्टानों पर चढ़ने के लिए रस्सियों के निर्माण में किया जाता है ।
3. नाइलॉन रेशों का उपयोग दाँत साफ करने के बुश, कारों की सीट के पट्टे आदि बनाने में किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 4.
संक्षिप्त वर्णन कीजिए-
(1) पॉलिएस्टर
(2) ऐक्रिलिक।
उत्तर:
(1) पॉलिएस्टर : पॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है। इस रेशे से बने कपड़ों में सिलवटें आसानी से नहीं पड़ती । यह आसानी से धुल जाता है । अतः यह एक बहुत उपयोगी पदार्थ है ।
(2) ऐक्रिलिक : ये अन्य प्रकार के संश्लेषित रेशे होते हैं। ये ऊन के सदृश दिखाई देते हैं। प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊन काफी महंगी होती है, किन्तु ऐक्रिलिक से बनी वस्तुएँ कपड़े से अपेक्षाकृत सस्ती होती हैं । ये अधिक टिकाऊ होते हैं।

प्रश्न 5.
पॉलिएस्टर के महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
पॉलिएस्टर के उपयोग-
(1) फॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है । इस रेशे से बने कपड़े में आसानी से सलवटें नहीं पड़ती हैं ।
(2) इसका उपयोग बोतलों, बर्तन आदि उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।
(3) पॉलिकॉट, पॉलिएस्टर तथ कपास का मिश्रण है जिससे कपड़े निर्मित किए जाते हैं।

प्रश्न 6.
संश्लेषित रेशों के गुणधर्म लिखिए।
उत्तर:
संश्लेषित रेशे अद्वितीय गुणधर्मों वाले होते हैं। इनके गुणधर्म निम्नलिखित हैं-
(i) ये शीघ्र सूखते हैं।
(ii) ये अधिक चलाऊ होते हैं।
(iii) ये कम महंगे होते हैं।
(iv) ये रेशे आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
(v) ये रख-रखाव में सुविधाजनक होते हैं।

प्रश्न 7.
प्राकृतिक रेशे एवं संश्लेषित रेशे में उनके जल सोखने के गुण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रेशे जैसे-सूत, ऊन, रेशम आदि अधिक मात्रा में जल सोखते हैं एवं देर से सूखते हैं जबकि संश्लेषित रेशे जैसे-नाइलॉन, पॉलिएस्टर आदि कम मात्रा में जल सोखते हैं एवं जल्दी सूख जाते हैं।

प्रश्न 8.
प्लास्टिक के प्रकार बताते हुए प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं
(1) थर्मोप्लास्टिक
(2) धर्मोसेटिंग प्लास्टिक

थर्मोप्लास्टिक के उदाहरण-
(i) पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC)
(ii) पॉलीथीन

थर्मासेटिंग प्लास्टिक के उदाहरण-
(i) मैलामाइन
(ii) बैकेलाइट

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 9.
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए क्यों हानिकारक है ?
उत्तर:
प्लास्टिक द्वारा निर्मित वस्तुएँ व सामान बहुत उपयोगी होते हैं, किन्तु प्लास्टिक द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट पर्यावरण हितैषी नहीं होते हैं, जलाने पर यह विषैली गैसें उत्पन्न करते हैं । भूमि पर डाल देने से यह जानवरों द्वारा खा लिए जाते हैं जो कि उनकी मृत्यु का कारण बन जाते हैं अथवा इन्हें अपघटित होने में कई वर्ष लग सकते हैं। ऐसा इनकी जैव अनिम्नीकरणीय प्रकृति के कारण होता है।

प्रश्न 10.
जैव निम्नीकरणीय एवं जैव अनिम्नीकरणीय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जैव निम्नीकरणीय : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं; जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं जैसे – सब्जी एवं फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन, कागज, सूती कपड़ा, लकड़ी आदि ।
जैव अनिम्नीकरणीय : वे पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होते है, जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं, जैसे – टिन, ऐल्यूमिनियम एवं अन्य धातुओं के डिब्बे, प्लास्टिक थैलियाँ आदि ।

प्रश्न 11.
‘4R सिद्धान्त’ क्या है ?
उत्तर:
4R सिद्धान्त से निम्न आशय है –
R- (Reduce) उपयोग कम करिए ।
R – (Reuse) पुनः उपयोग करिए ।
R – (Recycle) पुनः चक्रित करिए।
R- (Recover) पुनः प्राप्त करिए ।
ये आदतें प्रत्येक उत्तरदायी नागरिक को विकसित करनी चाहिए जो पर्यावरण के लिए लाभदायक व हितैषी हैं।

प्रश्न 12.
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
(i) प्लास्टिक की थैलियाँ जलाशयों में अथवा सड़क पर नहीं फेंकिए।
(ii) खरीददारी के लिए जाते समय एक सूती कपड़े का थैला या जूट का थैला लेकर जाना चाहिए।
(iii) प्लास्टिक के स्थान पर स्टील से बने डिब्बे को भोजन रखने के लिए प्रयोग में लाना चाहिए।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या होगा जब निम्न को वायु में जलाया जाए –
नाइलॉन, पॉलिएस्टर, ऐक्रिलिक रेशे ।
उत्तर:
उपर्युक्त रेशों को जलाने पर निम्न परिणाम प्राप्त होते हैं –
1. नाइलॉन : यह मुश्किल से जलता है । ज्वाला से रेशा सिकुड़ता है । यह गाँठ बनाता है । इसमें बाल जलने जैसी गंध आती है।
2. पॉलिएस्टर : यह नाइलॉन के समान गुण वाला है, किन्तु जलने पर काला धुआँ देता है ।
3. ऐक्रिलिक : यह ज्वाला से सिकुड़ता हुआ गाँठ बनाता है, इसकी गांठ का रंग काला होता है । यह काली धुएँ जैसी ज्वाला देता है ।

प्रश्न 2.
प्लास्टिक क्या है ? इनकी संरचना एवं गुण लिखिए ।
उत्तर:
प्लास्टिक संश्लेषित रेशों की भांति ही एक बहुलक संरचना है- प्लास्टिक में इकाइयों की व्यवस्था रेखीय व तिर्यक बद्ध (क्रास बद्ध) होती हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक -3
गुण –
(1) प्लास्टिक का पुनः चक्रण सम्भव है अर्थात् इसे पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है ।
(2) इसे आसानी से साँचे में ढालकर किसी भी आकार में निर्मित किया जा सकता है।
(3) यह विद्युत का कुचालक है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 3.
प्लास्टिक के अभिलाक्षणिक गुणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक के अभिलाक्षणिक गुण निम्नवत् हैं-
(i) प्लास्टिक अनभिक्रियाशील है : प्लास्टिक जल और वायु से अभिक्रिया नहीं करते। उनका संक्षारण आसानी से नहीं होता है, इनका उपयोग बहुत से रसायनों सहित, विभिन्न प्रकार के संचयन हेतु किया जाता है।
(ii) प्लास्टिक हल्का, प्रबल तथा चिरस्थायी है : प्लास्टिक अत्यन्त हल्का, प्रबल, चिरस्थायी है तथा इसे विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है । ये धातुओं की अपेक्षा अधिक सस्ते होते हैं, इस कारण से उद्योगों और घरेलू कार्यों में इनका उपयोग विस्तृत पैमाने पर किया जाता है।

(iii) प्लास्टिक कुचालक है : प्लास्टिक ऊष्मा एवं विद्युत के कुचालक हैं इसलिए बिजली के तार प्लास्टिक से ढके रहते हैं तथा खाना बनाने वाले पात्रों के हत्थे प्लास्टिक के बने होते हैं ।

प्रश्न 4.
जैव निम्नीकरणीय तथा जैव अनिम्नीकरणीय की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर:
जैव निम्नीकरणीय : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं, जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं ।
जैव अनिम्नीकरणीय : वे पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया द्वारा आसानी से विघटित नहीं होते, जैव अनिम्नीकरणीय प्रकृति वाले पदार्थ कहलाते हैं ।
उदाहरण-

अपशिष्ट के प्रकार अपघटित होने में लगने वाला लगभग समय पदार्थ की प्रकृति
सब्जी, फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन आदि । 1 से 2 सप्ताह जैव निम्नीकरणीय
कागज 10 से 30 दिन जैव निम्नीकरणीय
सूती कपड़ा 2 से 5 माह जैव निम्नीकरणीय
लकड़ी 10 से 15 वर्ष जैव निम्नीकरणीय
ऊनी वस्त्र लगभग 1 वर्ष जैव निम्नीकरणीय
टिन, ऐलुमिनियम और अन्य धातुओं के डिब्बे । 100 से 500 वर्ष जैव अनिम्नीकरणीय
प्लास्टिक थैलियाँ कई वर्ष जैव अनिम्नीकरणीय

संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ पेट (PET) : पॉलिएस्टर का खास रूप, जिससे बोतलें, जार, फिल्में और बर्तन आदि बनाए जाते हैं।

→ थर्मोप्लास्टिक (Thermoplastic) : प्लास्टिक की एक ऐसी किस्म जो गर्म होने पर आसानी से विकृत हो जाती हैं तथा बदलकर नया आकार ले लेती है ।

→ बहुलक (Polymer) : रासायनिक पदार्थों की छोटी इकाइयों से बनी बड़ी श्रृंखला ।

→ थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastic) : प्लास्टिक की ऐसी किस्म जो ऊष्मा देने पर नरम नहीं होती । इसे एक ही बार साँचे में ढाला जा सकता है।

→ नाइलॉन (Nylon) : मानव-निर्मित रेशे जिनका निर्माण कोयले, जल और वायु के संश्लेषण द्वारा किया जाता है।

→ जैव निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable Substance) : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया, जैसे जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाता है।

→ जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ (Non-biodegradable substance) : पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु

HBSE 8th Class Science सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या-15)

प्रश्न 1.
हमने अपनी माँ को गर्म (गुनगुने) दूध में थोड़ा-सा दही मिलाते हुए देखा है, जिससे दही जम जाता है। हमें आश्चर्य हुआ ऐसा क्यों?
उत्तर:
दही में लैक्टोबैसिलस नामक जीवाणु प्रमुख रूप से पाया जाता है, यह दूध को दही में परिवर्तित कर देता है।

(पृष्ठ संख्या-21)

प्रश्न 2.
शिशु एवं बच्चों को टीका क्यों लगाया जाता है?
उत्तर:
हमारे शरीर में जब रोगकारक सूक्ष्मजीव प्रवेश करते हैं, तब उनसे लड़ने के लिए हमारा शरीर प्रतिरक्षी उत्पन्न करता है, शरीर को यह स्मरण रहता है कि सूक्ष्मजीव अगर हमारे शरीर में पुनः प्रवेश करेगा तो उससे किस प्रकार लड़ा जाए। अतः यदि मृत अथवा निष्क्रिय सूक्ष्मजीवों को स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रविष्ट कराया जाए तो शरीर की कोशिकाएँ उसी के अनुसार लड़ने के लिये प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक को नष्ट कर देती हैं। यह प्रतिरक्षी हमारे शरीर में सदा के लिए बने रहते हैं तथा रोगकारक सूक्ष्मजीव से हमारी सदा के लिए सुरक्षा होती है, इस प्रकार टीका (वैक्सीन) कार्य करता है। हेजा, क्षय, चेचक तथा हैपेटाइटिस जैसी अनेक बीमारियों को वैक्सीन (टीके) द्वारा रोका जा सकता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

(पृष्ठ संख्या-23)

प्रश्न 3.
आप संचरणीय रोगों का फैलना किस प्रकार रोकते हैं?
उत्तर:
यदि कोई व्यक्ति संक्रामक रोग से पीडित है तो उसे खाँसते एवं छींकते समय अपने नाक एवं मुँह पर रूमाल रखना चाहिए इससे संचरणीय रोग फैलने से रुकते हैं । इसके अतिरिक्त संक्रमित व्यक्ति से पर्याप्त दूरी बनाकर भी संचरणीय रोगों का फैलना रोका जा सकता है।

(पृष्ठ संख्या-23)

प्रश्न 4.
अध्यापक हमसे ऐसा क्यों कहते हैं कि अपने आस-पास पानी एकत्रित न होने दें।
उत्तर:
मच्छर उत्पन्न होने का मुख्य कारण जल है, कूलरों, टायरों एवं फूलदानों इत्यादि में कहीं भी जल को एकत्र न होने दें। अपने आस-पास के स्थानों को स्वच्छ एवं शुष्क रखकर हम मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।

(पृष्ठ संख्या -25)

प्रश्न 5.
पहेली को आश्चर्य होता है कि भोजन ‘विष’ कैसे बन सकता है?
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों द्वारा संदूषित भोजन करने से खाद्य विषाक्त हो सकता है। हमारे भोजन में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीव कभी-कभी विषेला पदार्थ उत्पन्न करते हैं। यह भोजन को विषाक्त कर देते हैं जिसके सेवन से व्यक्ति भयंकर रूप से रोगी हो सकता है, अथवा कभी-कभी किसी रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। अत: यह आवश्यक है कि हम भोजन को संदूषित होने से बचाएँ।

(पृष्ठ संख्या -26)

प्रश्न 6.
थैलियों में आने वाला दूध संदूषित क्यों नहीं होता? मेरी माँ ने बताया कि यह दूध ‘पॉश्चरीकृत’ है। पॉश्चरीकरण क्या है?
उत्तर:
पॉश्चरीकृत दूध को बिना उबाले इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है। इसके लिए दूध को 70°C पर 15-30 सेकण्ड के लिए गर्म करते हैं, फिर एकाएक ठंडा करके उसका भण्डारण कर लिया । जाता है, ऐसा करने से दूध में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रुक जाती है। इस प्रक्रिया की खोज लुई पॉश्चर नामक वैज्ञानिक ने की थी, इसलिए इसे पॉश्चरीकरण कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

HBSE 8th Class Science सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(क) सूक्ष्मजीवों को ………………. की सहायता से देखा जा सकता है।
(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से ………………. का स्थिरीकरण करते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
(ग) एल्कोहल का उत्पादन ………………. नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
(घ) हैजा ………………. के द्वारा होता है।
उत्तर:
(क) सूक्ष्मदर्शी
(ख) नाइट्रोजन
(ग) यीस्ट
(घ) घरेलू मक्खी ।

प्रश्न 2.
सही शब्द के आगे (✓) का निशान लगाइए-
(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है
(i) चीनी
(ii) एल्कोहल ✓
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन ।।

(ख) निम्न में से कौन सा प्रतिजैविक है ?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन ✓
(iii) एल्कोहल
(iv) यीस्ट ।

(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर ✓
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलू मक्खी
(iv) तितली ।

(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है
(i) चींटी
(ii) घरेलू मक्खी ✓
(iii) ड्रेगन मक्खी
(iv) मकड़ी ।

(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है, इसका कारण है
(i) ऊष्णता
(ii) पीसना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि ✓
(iv) माढ़ने के कारण ।

(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है
(i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(ii) किण्वन ✓
(iv) संक्रमण

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 3.
कॉलम – I के जीवों का मिलान कॉलम – II में दिए गये उनके कार्य से कीजिए-

कॉलम – I कॉलम – II
(क) जीवाणु (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ख) राइजेबियम (ii) दही का जमना
(ग) लैक्टोबेसिलस (iii) ब्रेड की बेकिंग
(घ) यीस्ट (iv) मलेरिया का कारक
(ङ) एक प्रोटोज़ोआ (v) हैजा का कारक
(च) एक विषाणु (vi) AIDS का कारक
(vii) प्रतिजैविक उत्पादित करना

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
(क) जीवाणु (v) हैजा का कारक
(ख) राइजेबियम (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ग) लैक्टोबेसिलस (ii) दही का जमना
(घ) यीस्ट (iii) ब्रेड की बेकिंग
(ङ) एक प्रोटोज़ोआ (iv) मलेरिया का कारक
(च) एक विषाणु (vi) AIDS का कारक

प्रश्न 4.
क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं ? यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीव इतने छोटे होते हैं कि उन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है, यह केवल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखे जा सकते हैं। केवल कुछ सूक्ष्मजीव जैसे ब्रेड पर उगने वाले कवक को आवर्धक लेन्स की सहायता से देखा जा सकता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु -1

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों का वर्गीकरण उनके आकार के अनुसार मुख्यत: 4 वगों में किया गया है ।
1. जीवाणु – स्पाइटल जीवाणु, छड़नुमा जीवाणु।
2. कवक – पेनिसीलियम, एसपरजिलस।
3. प्रोटोजोआ – पैरामीशियम, अमीबा।
4. शैवाल – स्पाइरोगाइरा, क्लेमाइडामानस।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 6.
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(a) राइजोबियम जीवाणु
(b) एजोटोवैक्टर
(c) नीले हरे शैवाल ।

प्रश्न 7.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
1. ये कृषि में मृदा की उर्वरता में वृद्धि में सहायक होते हैं। जैसे-राइजोबियम जीवाण।
2. लेक्टोबैसिलस जीवाणु दूध को दही में परिवर्तित करते हैं।
3. यीस्ट किण्वन (या फर्मेंटेशन) में सहायक होते हैं, जिससे शराब और सिरका बनाया जाता है।
4. जीवाणुओं का प्रयोग औषधि बनाने में किया जाता है।
5. रोगों से बचाव के लिए टीके बनाने में उपयोग किया जाता है। जैसेपैनिसीलियम।
6. खाद्य पदार्थों जैसे मशरूम (कवक) के रूप में उपयोग होते हैं।
7. प्रतिजैविक अथवा एंटीबायोटिक बनाने में जीवाणु एवं कवकों का उपयोग किया जाता है। स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रोसाइक्लिन प्रमुख प्रतिजैविक हैं।
8. राइजोबियम जीवाणु तथा नौले-हरे शैवाल नाइट्रोजन स्थिरीकरण कर वायुमण्डल की नाइट्रोजन को ह्यूमस में बदलते हैं।
9. यीस्ट ब्रेड, पेस्ट्री एवं केक बनाने में सहायक होते हैं।
10. जीवाणु पनीर, अचार एवं अनेक खाद्य पदार्थों के उत्पादन में सहायक है।

प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों का संक्षिप्त विवरण दीजिये।
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियाँ
(i) कुछ सूक्ष्मजीव मानवों, पौधों तथा जानवरों में रोग उत्पन्न करते हैं। इन्हें रोगाणु कहते हैं।
(ii) कुछ सूक्ष्मजीव कपड़े तथा चमड़े को नष्ट करते हैं।
(iii) विषैले पदार्थ उत्पन्न करके भोजन को संदूषित करते हैं।
(iv) चिकनपॉक्स, पोलियो, खसरा व हेपेटाइटिस-ए रोग के कारक वायरस ह जबाक हजा, क्षय वटाइफायड रोग जीवाणुओं द्वारा होता है ।
(v) जीवाणु जन्तुओं में भी रोग उत्पन्न करते हैं । उदाहरण के लिए-एंधेक्स मनुष्य एवं मवेशियों में होने वाला भयंकर रोग है जो कि जीवाणु द्वारा होता है। गाय में खुर एवं मुँह का रोग भी वायरस द्वारा होता है । इसे खुरपका व मुँहपका कहते हैं ।
(vi) सूक्ष्मजीवों द्वारा गेहूँ, चावल, आलू, गन्ना, सेब, संतरा आदि भी रोग ग्रसित हो जाते हैं । रोग के कारण फसल की उपज में कमी आ जाता है ।

प्रश्न 9.
प्रतिजैविक क्या हैं ? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर:
प्रतिजैविक (Antibiotics):
सूक्ष्मजीवों द्वारा प्राप्त होने वाली ऐसी औषधि जो सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है या उनकी वृद्धि को रोकती है। इस प्रकार की औषधि प्रतिजैविक कहलाती है। स्ट्रेप्टोमायसिन, टेट्रासाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन प्रमुख प्रतिजैविक हैं। वे रक्त के अन्दर शरीर की कोशिकाओं को बिना हानि पहुंचाए जीवाणुओं को मारती हैं। प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियाँ रखनी चाहिए-
(1) प्रतिजैविक हमेशा डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए।
(2) डॉक्टर द्वारा परामर्श की गई सभी दवाओं का कोर्स पूरा करना चाहिए।
(3) सर्दी, जुकाम एवं फ्लू में प्रतिजैविक प्रभावशाली नहीं हैं क्योंकि ये रोग वायरस द्वारा फैलते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

विस्तारित अधिगम-क्रियाकलाप एवं परियोजनाएँ

प्रश्न 1.
खेत में चने अथवा सेम का एक पौधा समूल उखाड़िए। इसकी जड़ों का प्रेक्षण कीजिए। आपको कुछ जड़ों में कुछ गोल उभार दिखाई देंगे। यह जड़ों की ग्रंथिकाएँ हैं। एक जड़ का चित्र बनाकर ग्रंथिका दर्शाइए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु -2

प्रश्न 2.
जैम तथा जेली के लेबल एकत्र कीजिए। इसके ऊपर छपे संघटकों के नामों की सूची बनाइए।
उत्तर:
शर्करा मिश्रण, मिश्रित फलों का जूस, जैलिंग एजेंट, अम्लीय रेग्यूलेटर इसके अतिरिक्त उपर्युक्त मिश्रणों में संश्लेषित भोज्य रंग तथा कृत्रिम स्वाद भिन्न-भिन्न मात्रा में मिले होते हैं। छात्र स्वयं अन्य जैम एकत्र कर इनके संघटक ज्ञात कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
एक डॉक्टर से संपर्क कर पता लगाइए कि किसी प्रतिजैविक का बहुत अधिक प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए । इसकी संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
डॉक्टर की सलाह पर ही प्रतिजैविक दवाएँ लेनी चाहिए तथा उस दवा का कोर्स भी पूरा करना चाहिए। यदि आप प्रतिजैविक बिना आवश्यकता के ही प्रयोग करेंगे तो अगली बार यदि आप बीमार होंगे और आपको प्रतिजैविक की आवश्यकता होगी। तब, यह इतना प्रभावी नहीं होगा। इसके अलावा ज्यादा ली गई प्रतिजैविक शरीर में उपस्थित उपयोगी जीवाणु भी नष्ट कर देती हैं। सर्दी, जुकाम, फ्लू विषाणु द्वारा फैलते हैं इसलिए इनमें प्रतिजैविक असरदायी नहीं होते।

प्रश्न 4.
प्रोजेक्ट-स्वयं प्रयोगशाला में अध्यापक के साथ करें।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

HBSE 8th Class Science सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पादप रोग नींबू कैंकर होता है-
(अ) कवक द्वारा
(ब) वायरस द्वारा
(स) जीवाणु द्वारा
(द) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) जीवाणु द्वारा

2. चेचक के टीके की खोज की थी
(अ) अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने
(ब) लुई पाश्चर ने
(स) एडवर्ड जेनर ने
(द) राबर्ट कोच ने।
उत्तर:
(स) एडवर्ड जेनर ने

3. हमारे वायुमण्डल में नाइट्रोजन की प्रतिशतता है
(अ) 78%
(ब) 87%
(स) 21%
(द) 1%.
उत्तर:
(अ) 78%

4. मादा एडीस मच्छर वाहक है
(अ) डेंगू के वायरस का
(ब) मलेरिया परजीवी का
(स) उपर्युक्त दोनों का
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) डेंगू के वायरस का

5. पॉश्चरीकरण के लिए दूध को 15-30 सेकेण्ड तक गर्म किया जाता है –
(अ) 30°C पर
(ब) 150°C पर
(स) 70°C पर
(द) 200°C पर ।
उत्तर:
(स) 70°C पर

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

रिक्त स्थान पूर्ति

(i) एण्टं अमीबा …………………. रोग फैलाता है।
(ii) पेनिसिलीन की खोज …………………. ने की।
(iii) मछलियों के भोजन का मख्य स्रोत …………………. हैं।
(iv) सभी मशरूम …………………. नहीं होते।
(v) …………………. द्वारा त्वचा रोग रिंग-वॉर्म फैलता है।
उत्तर:
(i) अमीबी पेचिश।
(ii) अलेक्जेंडर फ्लेमिंग।
(iii) कवक।
(iv) खाने योग्य।
(v) कवक।

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
(क) चिकनपॉक्स (i) कवक
(ख) टाइफायड (ii) जीवाणु
(ग) मलेरिया (iiii) वायरस
(घ) गेहूँ की रस्ट (iv) प्रोटोजोआ

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
(क) चिकनपॉक्स (iiii) वायरस
(ख) टाइफायड (ii) जीवाणु
(ग) मलेरिया (iv) प्रोटोजोआ
(घ) गेहूँ की रस्ट (i) कवक

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

सत्य/असत्य

(क) लैक्टोबैसिलस नामक जीवाणु दूध को दही में परिवर्तित कर देता है।
(ख) स्ट्रेप्टोमाइसिन एक खाद्य परिरक्षक है।
(ग) लुइ पाश्चर ने चेचक के टीके की खोज की।
(घ) मादा एडीस मच्छर डेंगू के वायरस का वाहक है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शैवाल के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
(i) स्पाइरोगाइरा
(ii) क्लेमाइडोमोनस

प्रश्न 2.
सबसे पहले जीवाणु को कब और किसने देखा?
उत्तर:
1675 ई. में एन्टान बैन लियुवन हॉक ने देखा।

प्रश्न 3.
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) के जनक का नाम बताइये।
उत्तर:
लुई पाश्चर।

प्रश्न 4,
दो प्रतिजैविकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्ट्रेप्टोमाइसिन एवं टेट्रासाइक्लिन।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 5.
टीकाकरण द्वारा रोकी जाने वाली कुछ बीमारियों के नाम बताइये।
उत्तर:
हैजा, टी.बी., छोटी माता (खसरा) तथा हैपेटाइटिस।

प्रश्न 6,
ऐसी कौनसी बीमारियाँ हैं जिन्हें टीकाकरण द्वारा नहीं रोका जा सकता है?
उत्तर:
खाँसी, जुकाम, फ्लू, चिकनपॉक्स, क्षय रोग।

प्रश्न 7.
मलेरिया किस मच्छर के काटने के कारण होता
उत्तर:
मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर ।।

प्रश्न 8.
जीवाणु द्वारा कौन से रोग फैलाए जाते हैं ?
उत्तर:
टाइफायड, हैजा, तपेदिक (T.B.)

प्रश्न 9.
एन्क्स रोग का कारक क्या है ?
उत्तर:
एन्थ्रेक्स रोग. बेसीलस एन्थ्रेसिस नामक जीवाणु द्वारा फैलता है।

प्रश्न 10.
बेसीलस एन्थेसिस नामक जीवाणु की खोज किसने की?
उत्तर:
बेसीलस एन्थेसिस नामक जीवाणु की खोज राबर्ट कोच (1876) ने की।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 11.
डेंगू रोग के वायरस के वाहक का नाम क्या है?
उत्तर:
मादा एडीस मच्छर ।

प्रश्न 12.
किन्हीं दो सामान्य खाद्य परिरक्षकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) सोडियम बेंजोएट
(ii) सोडियम मेटाबाई सल्फाइट।

प्रश्न 13.
जल में उपस्थित मिट्टी के कणों को सूक्ष्मदर्शी से देखने पर क्या प्रतीत होता है?
उत्तर:
इसमें अति सूक्ष्मजीव गति करते हुए दिखाई देते है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सूक्ष्मजीव कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीव एककोशिक हो सकते हैं जैसे कि जीवाणु, कुछ शैवाल, प्रोटोजोआ अथवा बहुकोशिक जैसे कि शैवाल व कवक । ये सूक्ष्मजीव बर्फीली शीत, गर्म स्रोत, मरुस्थल, दलदल आदि में पाए जाते हैं । ये मनुष्य सहित अन्य सभी जन्तुओं के शरीर के अन्दर भी पाये जाते हैं । कुछ सूक्ष्म जीव दूसरे सजीवों पर आश्रित रहते हैं तथा कुछ स्वतंत्र रूप से भी पाए जाते हैं । अमीबा सूक्ष्मजीव अकेले रह सकता है तथा कवक एवं जीवाणु समूह में रहते हैं ।

प्रश्न 2.
विषाणु क्या हैं ?
उत्तर:
विषाणु (वायरस) अति सूक्ष्मजीव होते हैं, जोकि केवल परपोषी में ही गुणन करते हैं। जबकि जीवाणु पौधों में या जन्तु कोशिका में गुणन करते हैं। कुछ सामान्य रोग जैसे खाँसी, इन्फ्लुएंजा, जुकाम आदि विषाणु द्वारा होते हैं । कुछ विशेष रोग पोलियो एवं खसरा आदि के कारक भी विषाणु ही होते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 3.
कवक और शैवाल में क्या भिन्नता है?
उत्तर:

शैवाल कवक
1. इसका रंग हरी होता है। 1. यह हरे रंग के नहीं होते या रंगरहित होते हैं।
2. यह स्वपोषी होते हैं। 2. यह परपोषी होते हैं।
3. इनका आवास जलीय 3. इनका आवास मृतजीवी माध्यम होता है। या परजीवी होते हैं।

प्रश्न 4.
मित्रवत सूक्ष्मजीव से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
कुछ सूक्ष्मजीवों का उपयोग विभिन्न उपयोगी कार्यों, पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी किया जाता है इन्हें ही मित्रवत सूक्ष्मजीव कहा जाता है। इनका उपयोग दूध से दही बनाने में (लैक्टोबैसिलस जीवाणु द्वारा), कार्बनिक अपशिष्ट (सब्जियों के छिलके, जन्तु अवशेष आदि) का अपघटन करने में किया जाता है । जीवाणुओं का उपयोग औषधि उत्पादन एवं कृषि में मृदा की उर्वरता में वृद्धि करने में भी किया जाता है ।

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीव हमारे लिए औषधि के रूप में किस प्रकार प्रयुक्त होते हैं?
उत्तर:
कभी-कभी बीमारी ठीक करने के लिए डॉक्टर प्रतिजैविक यानि एंटीबायोटिक का उपयोग करते हैं जो कि सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न की जाती हैं । यह बीमारी उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती हैं । आजकल जीवाणु और कवक से अनेक प्रतिजैविक औषधियों का उत्पादन होता है, उदाहरण के लिएस्ट्रेप्टोमाइसिन,टेट्रासाइक्लिन तथा एरिथ्रोमाइसिन सामान्य रूप से उपयोग में आने वाली प्रतिजैविक हैं । पशु आहार व कुक्कुट आहार में भी प्रतिजैविक मिलाए जाते हैं जिससे पशुओं में सूक्ष्मजीवों का संचरण रूक जाता है।

प्रश्न 6.
प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
प्रतिरोधक क्षमता (Immunity): शरीर में होने वाले रोगों से बचाव का प्रबंध प्रतिरोधक क्षमता कहलाता है। यह रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं से, सुरक्षा प्रदान करती है। यदि रोगाणु शरीर में प्रवेश हो जाएँ तो शरीर उनका मुकाबला करता है, हमारे शरीर का सुरक्षा प्रबंध दो भागों में विभाजित है-

  1. स्थानीय सुरक्षा प्रबंध
  2. प्रतिरक्षा प्रबंध ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 7.
सूक्ष्मजीवों की मृदा की उर्वरता में वृद्धि में भूमिका बताइए?
उत्तर:
मृदा में सूक्ष्मजीवों के रूप में कुछ जीवाणु एवं नीले-हरे शेवाल पाये जाते हैं जो वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर सकते हैं। इस प्रकार नाइट्रोजन का संवर्धन होता है एवं उसकी उर्वरता में वृद्धि होती है।

प्रश्न 8.
हानिकारक सूक्ष्मजीव से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
कुछ सुक्ष्मजीव मनुष्य, जंतुओं एवं पौधों में रोग उत्पन्न करते हैं । रोग उत्पन्न करने वाले ऐसे सूक्ष्म जीवों को रोगाणु अथवा रोगजनक कहते हैं । कुछ सूक्ष्म जीव भोजन, कपड़े एवं चमड़े की वस्तुओं को संदूषित कर देते हैं।

प्रश्न 9.
कीट व जंतुओं को रोग वाहक क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
कुछ कीट व जंतु ऐसे होते हैं जो रोगकारक सूक्ष्म जीवों के रोग-वाहक का कार्य करते हैं । घरेलू मक्खी इसका एक उदाहरण है। मक्खी कूड़े एवं जंतु अपशिष्ट पर बैठती है, जिसके कारण रोगाणु उसके शरीर से चिपक जाते हैं । जब मक्खी बिना ढके भोजन पर बैठती है तो रोगाणुओं का स्थानान्तरण स्वच्छ भोजन पर हो जाता है। जो भी व्यक्ति ऐसा संदूषित भोजन करता है उसके बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है, इसीलिए भोजन को ढककर रखना चाहिए ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 10.
खाद्य विषाक्तन (Food Poisoning) से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों द्वारा संदूषित भोजन करने से खाद्य विषाक्तन हो जाता है। इसका कारण हमारे भोजन में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीव हैं जोकि कभी-कभी विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं, यह पदार्थ भोजन को विषाक्त बना देते हैं । इस प्रकार के भोजन को खाने से व्यक्ति भयंकर रूप से रोगग्रस्त हो जाते हैं ।

प्रश्न 11.
खाद्य परिरक्षक से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
नमक एवं खाद्य तेल का उपयोग सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिए सामान्य रूप से किया जाता है, अत: इन्हें परिरक्षक कहते हैं । नमक अथवा खाद्य तेल का प्रयोग अचार बनाने में किया जाता है जिससे कि सूक्ष्मजीवों की वृद्धि नहीं होती । सोडियम बेंजोएट तथा सोडियम मेटाबाइसल्फाइट सामान्य परिरक्षक हैं।

प्रश्न 12.
नमक द्वारा परिरक्षण किस प्रकार होता है, समझाइए।
उत्तर:
सामान्य नमक का उपयोग मांस व मछली के परिरक्षण के लिए काफी लम्बे समय से किया जा रहा है । जीवाणु की वृद्धि रोकने हेतु मांस एवं मछली को सूखे नमक द्वारा ढक देते हैं जिससे उनमें सूक्ष्मजीवों की वृद्धि नहीं हो पाती है । नमक का उपयोग आम, आँवला एवं इमली के परिरक्षण में भी किया जाता है।

प्रश्न 13.
नाइट्रोजन का स्थिरीकरण क्या है ? जीवाणुओं द्वारा यह क्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है?
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस उपलब्ध रहती है। इस नाइट्रोजन गैस को नाइट्रोजन के यौगिकों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कहते हैं। पौधे एवं जन्तु वायुमण्डल में उपस्थित नाइटोजन का उपयोग सीधे नहीं कर सकते हैं । मिट्टी में उपस्थित जीवाणु व नीले हरे शैवाल वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके इसे नाइट्रोजन योगिकों में परिवर्तित कर देते हैं । जिससे पौधे इसका उपयोग मिट्टी में से जड़ तंत्र द्वारा करते

प्रश्न 14.
गुथी हुई मैदा कुछ समय बाद फूल जाती है। कारण बताइए।
उत्तर:
इसका कारण यह है कि इसमें उपस्थित यीस्ट तीव्रता से जनन करके श्वसन के दौरान कार्बन डाईऑक्साइड गैस उत्पन्न करता है। गैस के बुलबुले खमीर वाली मैदा का आयतन बढ़ा देते है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 15.
पादप अवशिष्ट किस प्रकार के पदार्थ हैं?
उत्तर:
पादप अवशिष्ट जैव अपघटनीय है, जिनका अपघटन सूक्ष्मजीवों द्वारा होता है एवं ये खाद में परिवर्तित हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
400 mL जल में 2 चम्मच चीनी घोलकर आधा चम्मच यीस्ट पाउडर मिलाकर इसे 4 – 5 घंटे के लिए उष्ण स्थान पर ढंककर रखने पर इस विलयन को सूंघने पर किसकी गंध आती है एवं इसका क्या कारण है?
उत्तर:
इस विलयन को सूंघने पर एल्कोहल की गंध आती है। इसका कारण यह है कि प्रक्रिया के दौरान चीनी एल्कोहल में परिवर्तित हो जाती है। चीनी के एल्कोहल में परिवर्तन की यह प्रक्रिया किण्वन कहलाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य में सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले सामान्य रोगों की सारणी बनाइए।
उत्तर:
मनुष्य में सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले सामान्य रोग

मानव रोग रोगकारक सूक्ष्मजीव संचरण का तरीक बचाव के उपाय (सामान्य)
क्षयरोग जीवाणु वायु रोगी व्यक्ति को पूरी तरह से अन्य व्यक्तियों
खसरा (Measles) वायरस वायु से अलग रखना। रोगी की व्यक्तिगत वस्तुओं
चिकनपॉक्स वायरस वायु/सीधे संपर्क को अलग रखना। उचित समय पर टीकाकरण।
पोलियो वायरस वायु/जल व्यक्तिगत स्वच्छता एवं अच्छी आदतों को
हैजा जीवाणु जल/भोजन अपनाना। भलीभाँति पके भोजन, उबला पेयजल एवं टीकाकरण।
टाइफायड जीवाणु जल उबले हुए पेयजल का प्रयोग, टीकाकरण।
हैपेटाइटिस-ए वायरस जल मच्छरदानियों का प्रयोग, मच्छर भगाने वाले रसायन का प्रयोग, कीटनाशक का छिड़काव एवं मच्छर के प्रजनन रोकने के लिए जल को किसी भी स्थान पर एकत्र न रहने देना।
मलेरिया प्रोटोजोआ मच्छर बचाव के उपाय (सामान्य)

प्रश्न 2.
खाद्य परिरक्षण को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
खाद्य परिरक्षण (Food Preservation):
ऐसी विधि जिसके द्वारा खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाया जा सके तथा लंबे समय तक उसके पोषक तत्व ठीक रहें, जिससे वह आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाया जा सके, खाद्य परिरक्षण कहते हैं। खाद्य परिरक्षण की विधियाँ :
(1) नमक और चीनी द्वारा (By salt and sugar) : नमक और चीनी अच्छे परिरक्षक हैं। अचार, जैम, जैली, कैचअप, स्क्वैश आदि का परिरक्षण नमक और चीनी – डालकर किया जा सकता है ।

(2) अति ठंडा करना (Deep Freezing) : यह एक आसान तरीका है। इस विधि में खाद्य पदार्थ को 0°C से निम्न ताप तक ठंडा किया जाता है। इस विधि के द्वारा फल, सब्जियाँ, मांस, मछली को परिरक्षित किया जाता है।

(3)निर्जलीकरण और धूप में सुखाना (Dehydration and.Drying in sunlight) : फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा को कम करना निर्जलीकरण कहलाता है। फलों और सब्जियों को धूप में सुखाना सबसे पुरानी विधि है, इससे भोजन में पानी कम हो जाता है। सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रुक जाती है।

(4) रासायनिक परिरक्षण (Chemical Preservation) : कभी-कभी कुछ खाद्य पदार्थों को संदूषित होने से बचाने के लिए रसायनों की आवश्यकता पड़ती है, ऐसे रसायन खाद्य परिरक्षण रसायन कहलाते हैं। जैसे- सोडियम बैंजोएट, सोडियम मेटाबाइसल्फाइट आदि ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 3.
नाइट्रोजन-चक्र की सचित्र व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु -3
वायुमण्डल में 78% नाइट्रोजन गैस उपस्थित है, पौध एवं जन्तु वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का उपयोग सीधे नहीं कर सकते। मिट्टी में उपस्थित जीवाणु व नीले, हरे शैवाल वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजन यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं, जब नाइट्रोजन इस प्रकार यौगिकों में परिवर्तित हो जाती हैं तो पौधे इसका उपयोग मिट्टी से जड़ तंत्र द्वारा करते हैं। इसके पश्चात् अवशोषित नाइट्रोजन का उपयोग प्रोटीन एवं अन्य यौगिकों के संश्लेषण में करते हैं।

पौधे एवं जन्तुओं की मृत्यु के बाद मिट्टी में उपस्थित जीवाणु एवं कवक नाइट्रोजनी अपशिष्ट को नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं जो पौधों द्वारा पुनः उपयोग होता है, कुछ विशिष्ट जीवाणु नाइट्रोजनी यौगिकों को नाइट्रोजन गैस में बदल देते हैं जो वायुमण्डल में मिल जाती है। इसके परिणामस्वरूप वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग स्थिर रहती है।

सूक्ष्मजीव: मित्र एवं शत्रु Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ सूक्ष्मजीव (Micro-organism) : अत्यन्त छोटे जीव जिन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है । ये केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जा सकते हैं।

→ जीवाणु (Bacteria) : आकार में बहुत छोटे सूक्ष्मजीव जो हर जगह व्यापक रूप से पाए जाते हैं।

→ विषाणु (Virus) : केवल पोषी (host) के शरीर में ही प्रजनन करने वाले सूक्ष्मजीव जो घातक होते हैं ।

→ कवक (Fungi) : ये बहुकोशिकीय जीव होते हैं, ये खाद्य पदार्थों को संदूषित करते हैं।

→ प्रोटोजोआ (Protozoa) : पेचिश और मलेरिया जैसे रोग फैलाने वाला एककोशिकीय सूक्ष्मजीव।

→ खमीर (Yeast) : यह एक कोशिकीय कवक है जो किण्वन द्वारा बीयर, शराब और दूसरे पेय पदार्थ बनाने के काम आता है।

→ राइजोबियम (Rhizobium) : फलीदार पौधों की जड़-ग्रंथियों में पाये जाने वाला जीवाणु जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होता है।

→ वाहक (Carriers) : कीट अथवा दूसरे जीव जो रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों का संचरण करते हैं।

→ किण्वन (Fermentation) : चीनी के एल्कोहल में परिवर्तन होने की प्रक्रिया को किण्वन कहते हैं।

→ प्रति जैविक (Antibiotics) : ऐसी औषधि जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देती है अथवा उनकी वृद्धि को रोक देती है, प्रतिजैविक कहलाती है।

→ प्रतिरक्षी (Antibodies) : रोगाणु शरीर में प्रवेश करते हैं तो शरीर रोगाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षी उत्पन्न करता है।

→ रोगाणु (Pathogen) : ऐसे सूक्ष्मजीव जो रोग फैलाते हैं, रोगाणु कहलाते हैं।

→ संचरणीय रोग (Communicable diseases) : सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले ऐसे रोग जो एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में वायु, जल, भोजन अथवा कायिक संपर्क द्वारा फैलते हैं, संचरणीय रोग कहलाते हैं।

→ खाद्य परिरक्षक (Food Preservatives) : वे रसायन जिनका उपयोग खाद्य पदार्थों में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिए किया जाता है, खाद्य परिरक्षक कहलाते हैं।

→ पॉश्चरीकरण (Pasteurisation) : वह प्रक्रिया जिसमें दूध को 70°C पर 15-30 सैकेंड के लिए गर्म करते हैं फिर एकाएक ठंडा कर उसका भण्डारण कर लेते है, पॉश्चरीकरण कहलाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

HBSE 8th Class Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध InText Questions and Answers

पहेली बूझो 

(पृष्ठ संख्या – 1)

प्रश्न 1.
मैं जानना चाहता हूँ कि हम इन औजारों का उपयोग कहाँ और कैसे करते हैं ? खरपी, दराँती, बेलचा, हल इत्यादि।
उत्तर:
हम निम्नलिखित औजारों का उपयोग कृषि पद्धतियों में विभिन्न उपयोगों के लिए करते हैं। खुरपी : इसका उपयोग करके हम क्यारी बनाते हैं तथा मिट्टी खोदने व खरपतवार हटाने का कार्य भी करते हैं। दराँती : इसके प्रयोग द्वारा हम फसल को काटते हैं। बेलचा: इसके प्रयोग द्वारा मिटटी एवं अनाज को भरा जाता है। हल:- इसका उपयोग जुताई, खाद/उर्वरक मिलाने, खरपतवार हटाने तथा मिट्टी को खुरचने के लिए किया जाता है।

(पृष्ठ संख्या – 1)

प्रश्न 2.
क्योंकि हम सभी को भोजन की आवश्यकता होती है। अतः हम अपने देश के इतने अधिक लोगों को भोजन किस प्रकार उपलब्ध करा सकते हैं ?
उत्तर:
भोजन को बड़े स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए अनाज के उत्पादन की मात्रा बढ़ाई जाए तथा इसका प्रबंधन एवं वितरण आवश्यकतानुसार किया जाए।

(पृष्ठ संख्या – 2)

प्रश्न 3.
धान को शीत ऋतु में क्यों नहीं उगाया जा सकता ?
उत्तर:
धान को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है, अतः इसे केवल वर्षा ऋतु में ही उगाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

(पृष्ठ संख्या – 4)

प्रश्न 4.
एक दिन मैंने अपनी माँ को देखा कि माँ चने के कुछ बीज एक बर्तन में रखकर उसमें कुछ पानी डाल रही है। कुछ मिनट पश्चात् कुछ बीज पानी के ऊपर तैरने लगे। मुझे आश्चर्य हुआ कि कछ बीज पानी के ऊपर क्यों तैरने लगे?
उत्तर:
खराब बीज अन्दर से खोखले होने लगते हैं तथा हल्के हो जाते हैं। हल्के होने के कारण बीज पानी के ऊपर तैरने लगते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 5)

प्रश्न 5.
मेरे विद्यालय के समीप एक पौधशाला (नर्सरी) है। मैंने देखा कि पौधे छोटे-छोटे थैलों में रखे हैं। वे इस प्रकार क्यों रखे गए हैं ?
उत्तर:
धान जैसे कुछ पौधों के बीजों को पहले पौधशाला में उगाया जाता है। पौधे तैयार हो जाने पर उन्हें हाथों द्वारा खेत में रोपित कर देते हैं। कुछ वनीय पौधे एवं पुष्पी पौधे भी पौधशाला में उगाए जाते हैं। .

(पृष्ठ संख्या – 5)

प्रश्न 6.
मैंने एक खेत में उगने वाली स्वस्थ फसल के पौधों को देखा। जबकि पास के खेत में पौधे कमजोर थे। कुछ पौधे अन्य पौधों की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह से क्यों उगते हैं ?
उत्तर:
खेत में लगातार फसलों के उगाने से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद मिट्टी में मिलाई जाती है। कुछ पौधे खाद की कमी के कारण कमजोर रह जाते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 10)

प्रश्न 7.
क्या ये अन्य पौधे विशेष उद्देश्य के लिए उगाये गये हैं?
उत्तर:
खेत में कई अन्य पौधे प्राकृतिक रूप से फसल के साथ उग जाते हैं। इन अवांछित पौधों को खरपतवार कहते हैं। ये खरपतवार जल, पोषक तत्त्व, जगह और प्रकाश की स्पर्धा कर फसल की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं तथा कुछ खरपतवार कटाई में भी बाधा डालते हैं, ये मनुष्य एवं पशुओं के लिए कुछ विषेले भी हो सकते हैं। अत: इनकी निराई आवश्यक है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

(पृष्ठ संख्या -10)

प्रश्न 8.
क्या खरपतवारनाशी का प्रभाव इसको छिड़कने वाले व्यक्ति पर भी पड़ता है. ?
उत्तर:
खरपतवारनाशी हानिकारक रसायनों के बने होते हैं, इनके छिड़काव से किसान के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अत: इन रसायनों के प्रयोग के समय किसान को अपना मुँह एवं नाक कपड़े से ढंक लेने चाहिए।

(पृष्ठ संख्या – 11)

प्रश्न 9.
मैंने अपनी माँ को अनाज रखे लोहे के ड्रम में नीम की सूखी पत्तियाँ रखते देखा। मुझे आश्चर्य हुआ, क्यों?
उत्तर:
नीम की सूखी पत्तियाँ रखने से बीजों की कीट पीड़कों, जीवाणु एवं कवक से सुरक्षा हो जाती है।

HBSE 8th Class Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
उचित शब्द छाँटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी
(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को …………….. कहते हैं।
(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की …………….. होती है।
(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ……………….. लगेंगे।
(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से तथा …………….. आवश्यक हैं।
उत्तर:
(क) फसल
(ख) तैयारी
(ग) तैरने
(घ) जल, पोषक तत्त्व।

प्रश्न 2.
कॉलम ‘A’ में दिये गए शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ से कीजिए।

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) खरीफ फसल (a) मवेशियों का चारा
(ii) रबी फसल (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iii) रासायनिक उर्वरक (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र  एवं पादप अवशेष
(iv) कार्बनिक खाद (d) गेहूँ, चना, मटर
(e) धान एवं मक्का

उत्तर:

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) खरीफ फसल (e) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल (d) गेहूँ, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र  एवं पादप अवशेष

प्रश्न 3.
निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए –
(क) खरीफ फसल
(ख) रबी फसल
उत्तर:
(क) खरीफ फसल – (i) धान (ii) मक्का
(ख) रबी फसल – (i) गेहूँ (ii) चना

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 4.
निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए-
(क) मिट्टी तैयार करना
(ख) बुआई
(ग) निराई
(घ) श्रेशिंग
उत्तर:
(क) मिट्टी तैयार करना ( Preparation of soil):
यह प्रक्रिया फसल उगाने का प्रथम चरण है। इस प्रक्रिया में मिट्टी को पलटा जाता है व पोला किया जाता है। इस प्रकार पौधे की जड़ें मिट्टी में आसानी से साँस ले सकती हैं। पोली बनाई हुई मिट्टी में केंचुओं और सूक्ष्मजीवों को वृद्धि में सहायता मिलती है तथा ये मिट्टी को और अधिक पोला कर ह्यूमस बनाते हैं, इसके अतिरिक्त मिट्टी पलटने से पोषक पदार्थ ऊपर आ जाते हैं, इससे पौधों की वृद्धि भी होती है। इस क्रिया को ‘जुताई’ कहते हैं।

(ख) बुआई (Sowing):
बीजों को खेत में हाथों द्वारा या सीड-ड्रिल द्वारा बोया जाता है, खेत में बीज बोने की प्रक्रिया बुआई कहलाती है। यह फसल उत्पादन का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। बीज अच्छी किस्म के साफ एवं स्वच्छ होने से पैदावार भी अधिक होती है। उचित बीजों को चुनने के पश्चात इन बीजों को उचित गहराई तथा उचित दूरी पर बोना चाहिए ताकि प्रत्येक पौधे को पर्याप्त हवा, प्रकाश, खनिज एवं पानी मिल सके। खेतों में बुआई के दो तरीके हैं
(i) परम्परागत औजारों द्वारा : यह औजार कीप के आकार का होता है। बीज को कीप के अंदर डालकर दो या तीन नुकीले सिरे वाले पाइपों से गुजारा जाना है जोकि मिट्टी को भेदकर बीज को स्थापित कर देते हैं।
(ii) सीड-डिल द्वारा : ट्रैक्टर द्वारा संचालित सीड-ड्रिल आजकल बुआई के लिए उपयोग में लाया जाता है, इसके द्वारा बीज समान दूरी व समान गहराई पर बने रहते हैं बुआई के पश्चात् बीज मिट्टी द्वारा ढक जाते हैं। सीडडिल द्वारा बुआई करने से समय एवं श्रम दोनों की बचत हो जाती है तथा पक्षियों द्वारा बीजों को होने वाले नुकसान
से भी बचा जा सकता है।

(ग) निराई (Weeding):
खेत में प्राकृतिक रूप से फसल के साथ उगने वाले पौधे अवांछित होते हैं जो खरपतवार कहलाते हैं। इस खरपतवार को खेत से हटाने की क्रिया निराई कहलाती है। खरपतवार हटाने का सबसे सही समय फूल एवं बीज बनने से पहले होना चाहिए। यह अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि खरपतवार जल, पोषक तत्व, जगह और प्रकाश की स्पर्धा कर फसल की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं। इनको विभिन्न तरीकों से हटाया व नियत्रित किया जा सकता है। समय-समय पर इन पौधों को हाथ से जड़ सहित उखाड़कर अथवा भूमि के निकट से हटा दिया जाता है, यह कार्य खुरपी या हैरो की मदद से भी किया जाता है। रसायनों के उपयोग से भी खरपतवार नियंत्रण किया जाता है, यह रसायन खरपतवारनाशी कहलाते हैं। जैसे – 2, 4-D आदि।

(घ) शिंग (Threshing):
फसल की कटाई के पश्चात् फसल के दानों या बीजों को भूसे से अलग करना. श्रेशिंग कहलाता है। बड़े स्तर पर यह कार्य कॉम्बाइन मशीन द्वारा किया जाता है। छोटे खेत वाले किसान अनाज के दानों को फटककर (विनोइंग) अलग करते हैं।

प्रश्न 5.
स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:

उर्वरक खाद
1. यह एक अकार्बनिक लवण है। 1. यह एक कार्बनिक पदार्थ है।
2. इसका उत्पादन फैक्ट्री में होता है। 2. खाद खेतों में बनाई जाती है।
3. उर्वरक से मिट्टी को यूमस प्राप्त नहीं होता। 3. खाद से मिट्टी को यूमस प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है।
4. उर्वरक में पादप पोषक तत्त्व जैसे कि नाइट्रोजन, फॉस्फोरस प्रचुरता में होते हैं । 4. खाद में पादप पोषक तत्त्व तुलनात्मक रूप से कम होते हैं ।
5. यह पानी में घुलनशील होने के कारण इनका अवशोषण शीघ्र हो जाता है। 5 यह पानी में अघुलनशील होने के कारण इनका अवशोषण धीरे-धीरे होता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 6.
सिंचाई किसे कहते हैं ? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सिंचाई (Irrigation):
वृद्धि के लिए फसलों को को जल की आवश्यकता होती है, आवश्यकतानुसार ‘विभिन्न अंतराल पर खेत में जल देना सिंचाई कहलाता है।’ आधुनिक तरीकों से सिंचाई की विधि – जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियाँ निम्न हैं
(1) छिड़काव तंत्र (Sprinklersystem):
इस विधि का उपयोग असमतल भूमि के लिए किया जाता है। इस विधि में (चित्रानुसार) ऊर्ध्व पाइपों (नलों) के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं। यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। जब पम्प की सहायता से जल मुख्य पाइप म भजा जाता है तो वह घूमते हुए नोजल से बाहर निकलता है। इसका छिड़काव पौधों पर इस प्रकार होता है, जैसे वर्षा हो रही हो। यह छिड़काव बलुई मिट्टी के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -1
(ii) ड्रिप तंत्र ( Drip system):
इस विधि में जल बूंद-बूंद करके पौधों की जड़ों में गिरता है, इसलिए यह ड्रिप तंत्र कहलाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -2
इस विधि में एक मुख्य नली व उसकी सहायक नलियाँ होती हैं। इन सहायक नलियों के सिरे पर विशेष नोज़ल लगी होती है, इनके द्वारा जल बूंद-बूँद करके जड़ों में जाता है तथा पानी व्यर्थ नहीं जाता। यह विधि जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान सिद्ध हुई है।

प्रश्न 7.
यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
गेहूँ की फसल शीत ऋतु में होती है, यह एक रबी फसल है, इसे कम तापमान और कम पानी की आवश्यकता होती है। यदि गेहूँ को खरीफ़ अर्थात् वर्षा ऋतु में उगाया जाए तो इसको अधिक पानी मिलेगा, जिसको यह फसल सहन नहीं कर सकेगी। गेहूँ के पौधे को अधिक मात्रा में पानी मिलने की वजह से सड़कर खराब हो जायेंगे और फसल बर्वाद हो जाएगी।

प्रश्न 8.
खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
किसी भी खेत में फसल के भरपूर उत्पादन के लिए खेतों में खाद व उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम आदि सभी पोषक तत्व खाद व उर्वरकों में अत्यधिक मात्रा में होते हैं, यह मिट्टी की प्रकृति को क्षारीय अथवा अम्लीय बना देते हैं। अधिक उपयोग से जब मिट्टी की प्रकृति ही बदल जाएगी तो पैदावार भी ठीक नहीं होगी।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 9.
खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
खरपतवार :
फसल के साथ उगे हुए अवांछित पौधे खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार हटाने की प्रक्रिया ‘निराई’ कहलाती है। इनकी वृद्धि पर नियंत्रण हम निम्न विधियों द्वारा कर सकते हैं-
(i) जुताई : जुताई हल से की जाती है। फसलें उगाने से पहले मिट्टी को पलटना, पोला बनाना और समतल करना जुताई कहलाती है। इस क्रिया में खरपतवार उखड़ कर मिट्टी में मिल जाते हैं।
(ii) हाथ से उखाड़कर : खरपतवार को हाथों द्वारा उखाड़कर अथवा खुरपी द्वारा मिट्टी से अलग किया जा सकता है।
(iii) रासायनिक विधियों द्वारा : इस विधि में रासायनिक पदार्थों को उपज पर छिड़का जाता है। खेतों में इनका छिड़काव करने पर खरपतवार पौधे मर जाते हैं जबकि फसल को कोई हानि नहीं होती है। खरपतवारनाशी को जल में आवश्यकतानुसार मिलाकर स्प्रेयर (फुहारने का यंत्र) की सहायता से खेत में छिड़काव किया जाता है। यह पदार्थ खरपतवारनाशी कहलाते हैं, जैसे-2.4. D आदि।

प्रश्न 10.
निम्न बॉक्स को सही क्रम में इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -3
उत्तर:
5 → 6 → 4 → 7 → 2 → 3 → 1 →

प्रश्न 11.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर
1. सिंचाई का पारंपरिक तरीका,
2 बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना,
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है,
6. फसल पक जाने के बाद काटना

बाई से दाईं ओर
1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें,
4. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं,
5. रासायनिक पदार्थ जो पौधे को पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं,
7. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -4
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -5

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

HBSE 8th Class Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. खरपतवार हटाने को कहते हैं
(अ) कटाई
(ब) निराई
(स) बुआई
(द) थ्रेशिंग
उत्तर:
(ब) निराई

2. हार्वेस्टर का उपयोग होता है
(अ) खरपतवार हटाने में
(ब) सिंचाई करने में
(स) फसल को काटने में
(द) बीज की बुआई करने में।
उत्तर:
(स) फसल को काटने में

3. उचित समय एवं अंतराल पर फसल को जल देना कहलाता है
(अ) सिंचाई
(ब) थ्रेसिंग
(स) निराई
(द) बुआई
उत्तर:
(अ) सिंचाई

4. कल्टीवेटर का कार्य है
(अ) बुआई में
(ब) जुताई में
(स) निराई में
(द) सिंचाई में।
उत्तर:
(ब) जुताई में

5. फलीदार पौधों की फसल द्वारा भूमि में जिस तत्व की मात्रा बढ़ती है, वह है
(अ) फास्फोरस
(ब) पोटेशियम
(स) नाइट्रोजन
(द) ऑक्सीजन।
उत्तर:
(स) नाइट्रोजन

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

रिक्त स्थान पूर्ति

(i) उर्वरक एक ……………… लवण है।
(ii) ……………… कटाई के काम आती है।
(iii) छोटे खेत वाले किसान अनाज के दानों को ……………… कर अलग करते हैं।
(iv) ……………… रसायन खरपतवार को नष्ट करते हैं।
उत्तर:
(i) अकार्बनिक
(ii) दराँती
(iii) फटक(विनोइंग)
(iv) खरपतवारनाशी।

सुमेलन

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) रहट (a) कॉड लीवर तेल
(ii) ड्रिप तंत्र (b) सिंचाई का पारंपरिक तरीका
(iii) 2, 4-D (c) सिंचाई का आधुनिक तरीका
(iv) विटामिन-D (d) खरपतवरनाशी

उत्तर:

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) रहट (b) सिंचाई का पारंपरिक तरीका
(ii) ड्रिप तंत्र (c) सिंचाई का आधुनिक तरीका
(iii) 2, 4-D (d) खरपतवरनाशी
(iv) विटामिन-D (a) कॉड लीवर तेल

सत्य/असत्य कथन

(क) खाद से मिट्टी को घूमस प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है।
(ख) खरपतवार हटाने को जताई कहते हैं।
(ग) दानों को भूसे से अलग करना थ्रेसिंग कहलाता है।
(घ) बीजों को पीड़कों एवं सूक्ष्म जीवों से संरक्षित करने के लिए उचित भण्डारण आवश्यक है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘कृषि’ की परिभाषा बताएँ।
उत्तर:
कृषि (Agriculture): फसलों को खेतों में उगाने की प्रक्रिया कृषि कहलाती है।

प्रश्न 2.
“फसल’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
एक ही किस्म के पौधों को एक ही स्थान पर उगाया जाना फसल कहलाता है।

प्रश्न 3.
पौधों की उचित वृद्धि के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर:
पौधों की वृद्धि के लिए उत्तरदायी कारक
(i) वायु
(ii) सूर्य का प्रकाश
(iii) जल व. पोषक तत्व।

प्रश्न 4.
ऋतुओं के अनुसार उपज का वर्गीकरण कैसे किया गया है ?
उत्तर:
फसलें दो प्रकार की होती हैं –

  • रबी फसल
  • खरीफ फसल

प्रश्न 5.
खरीफ फसल कौन-से महीनों में होती है?
उत्तर:
भारत में सामान्यतः वर्षा ऋतु के अनुसार जून से सितम्बर तक होती है।

प्रश्न 6.
कौन-सी फसल शीत ऋतु में होती है ?
उत्तर:
रबी की फसल।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 7.
दो फलीदार पौधों के नाम बताओ।
उत्तर:

  • चना
  • मटर।

प्रश्न 8.
जुताई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
मिट्टी को उलटने-पलटने व पोला करने की प्रक्रिया जुताई कहलाती है।

प्रश्न 9.
‘कुदाली’ क्या है?
उत्तर:
यह एक सरल औजार है जिसका उपयोग खरपतवार निकालने एवं मिट्टी को पोला करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 10.
‘खाद एवं उर्वरक’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जो पदार्थ मिट्टी में पोषक स्तर बनाए रखने के लिए मिलाए जाते हैं, खाद एवं उर्वरक कहलाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 11.
सिंचाई के स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर:
कुएँ, जलकूप, तालाब/झील, नदियाँ, बाँध, नहर इत्यादि जल के स्रोत हैं।

प्रश्न 12.
सिंचाई के लिए प्रयुक्त होने वाली दो मुख्य आधुनिक विधियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:

  • छिड़काव तंत्र द्वारा
  • ड्रिप तंत्र द्वारा।

प्रश्न 13.
सीड-ड्रिल का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर:
उचित गहराई में बीज बोने के लिए सीड-ड्रिल का उपयोग होता है।

प्रश्न 14.
खरपतवारनाशी क्या होते हैं?
उत्तर:
ऐसे रसायन जो खरपतवार को नष्ट कर देते हैं, खरपतवारनाशी कहलाते हैं।

प्रश्न 15.
कॉम्बाइन (Combine) से आप क्या समझते
उत्तर:
यह कटाई और श्रेसिंग दोनों प्रक्रियाओं को साथ में आसानी से करने वाला यंत्र है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 16.
मछली से प्राप्त कॉड लीवर तेल में कौन-सा विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलता है?
उत्तर:
विटामिन DI

प्रश्न 17.
पौधों की सर्वाधिक वृद्धि के लिए कौन से पदार्थ आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं?
उत्तर:
पौधों की सर्वाधिक वृद्धि के लिए यूरिया एवं जैविक खाद आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सजीव भोजन ग्रहण क्यों करते हैं?
उत्तर:
सजीव विभिन्न जैविक प्रक्रमों जैसे-पाचन, श्वसन एवं उत्सर्जन के संपादन हेतु ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन ग्रहण करते हैं। भोजन पौधों अथवा जंतुओं या दोनों से प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 2.
‘कल्टीवेटर’ का उपयोग क्या है ?
उत्तर:
कल्टीवेटर : आजकल जताई ट्रैक्टर द्वारा संचालित कल्टीवेटर से की जाती है, इसके प्रयोग से श्रम व समय दोनों की बचत होती है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध -6
कल्टीवेटर को ट्रैक्टर द्वारा चलाते हुए

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 3.
खाद क्या है? यह कैसे प्राप्त की जाती है?
उत्तर:
खाद एक कार्बनिक (जैविक) पदार्थ है जो कि पौधों या जंतु अपशिष्ट से प्राप्त होती है। किसान पादप एवं जंतु अपशिष्टों को एक गड्ढे में डालते जाते हैं तथा इसका अपघटन होने के लिए खुले में छोड़ देते हैं। अपघटन कुछ सूक्ष्म जीवों द्वारा होता है। अपघटित पदार्थ खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
उर्वरक क्या हैं ? उदाहरण दीजिए?
उत्तर:
उर्वरक रासायनिक पदार्थ हैं जो विशेष पोषकों से समृद्ध होते हैं। इनका उत्पादन फैक्ट्रियों में किया जाता है।
उदाहरण – यूरिया, अमोनिया, सल्फेट, N.PK. (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम)

प्रश्न 5.
फसल चक्रण क्या है?
उत्तर:
फसल चक्रण:
फसल चक्रण का अर्थ है फसल का बदलना। प्रतिवर्ष नई फसल की पैदावार करना फसल चक्रण कहलाता है। इस प्रक्रिया से भूमि में विशेष पोषक तत्वों की कमी नहीं होती तथा कीट पीड़क भी अधिक नहीं पनप पाते। यदि एक ही फसल को एक ही भूमि पर बार-बार उगाया जाए तो उस भूमि पर कुछ विशेष पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

प्रश्न 6.
मिट्टी में खाद के उपयोग से क्या लाभ होता है?
उत्तर:
खाद के उपयोग से मिट्टी के गठन एवं जल अवशोषण क्षमता में वृद्धि होती है। मिट्टी में सभी पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है तथा खाद से निम्नलिखित लाभ होते हैं-
(1) मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
(2) इससे मित्र जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है।
(3) इसके द्वारा मिट्टी संरन्ध्र हो जाती है जिससे गैस विनिमय सुगमता से होता है।
(4) इससे मिट्टी का गठन सुधर जाता है।

प्रश्न 7.
फल, सब्जियों अथवा अनाजों को उपयोग में लाने से पहले धोया जाता है, क्यों ?
उत्तर:
इनके ऊपर पीड़कनाशकों की तह हो सकती है। इसलिए खेत से प्राप्त अनाज, फल, सब्जियों को धोकर प्रयोग में लाना चाहिए।

प्रश्न 8.
‘साइलो’ शब्द से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण करने के लिए उपयुक्त होने वाले पात्र, साइलों कहलाते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 9.
लगातार वर्षा का फसलों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
कुछ फसलों को पानी की कम आवश्यकता होती है, यदि वर्षा अधिक व लगातार होती रहेगी तो फसलें मर जाएँगी तथा अस्वस्थ-पैदावार होगी।

प्रश्न 10.
कृषि पद्धतियाँ (Agricultural Methods) क्या हैं ? विस्तार से समझाओ।
उत्तर:
कृषि पद्धतियाँ – फसल उगाने के लिए किसान द्वारा सामयिक अवधि में अपनाए गए कई क्रिया कलापों को कृषि पद्धतियाँ कहते हैं। यह क्रिया-कलाप निम्न हैं

  1. मिट्टी तैयार करना
  2. बुआई
  3. खाद एवं उर्वरक देना
  4. सिंचाई
  5. खरपतवार से सुरक्षा
  6. कटाई
  7. भण्डारण।

प्रश्न 11.
एक बीकर में कुछ मात्रा में पानी लेकर उसमें एक मुट्ठी गेहूँ डालने पर कुछ समय बाद क्या प्रतीत होता है?
उत्तर:
गेहूँ के कुछ दाने पानी में बँट जाते है जबकि कुछ दाने पानी में तैरते है क्यों यह अन्दर से खोखले होते है। इस विधि से, अच्छे व स्वस्थ बीजों की क्षतिग्रस्त बीजों – से आसानी से अलग किया जा सकता है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित खाद पदार्थों के स्रोत बताइए
दूध, माँस, शहद, कॉड लिवर तेल
उत्तर:

खाद पदार्थ स्रोत
दूध गाय, भैंस, बकरी
माँस बकरी, भेड, मुर्गी
शहद मधुमक्खी
कॉड लिवर तेल मछली

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फसल से क्या तात्पर्य है ? मोटे तौर पर फसलों को कितने प्रकार में बाँटा गया है उन्हें समझाइए।
उत्तर:
जब एक ही प्रकार के पौधे किसी स्थान पर अत्यधिक बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं तो इसे फसल कहते हैं। फसलें विभिन्न प्रकार की होती है, जैसे कि अन्न सब्जियाँ एवं फल। जिस मौसम में ये पौधे उगाए जाते हैं उसके आधार पर फसलों का वर्गीकरण किया जाता है। हमारे देश में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। इसके बावजूद मोटे तौर पर फसलों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है-
(i) खरीफ फसल : वह फसलें जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है, खरीफ फसल कहलाती है; जैसे- धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, कपास आदि। भारत में वर्षा ऋतु सामान्यत: जून से सितम्बर के बीच होती है, अतः ये सभी खरीफ की फसलें इन माहों में बोयी जाती हैं।
(ii) रबी फसल : शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें रबी फसलें कहलाती हैं; जैसे- गेहूँ, चना, मटर, सरसों आदि रबी की फसलों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
पौधों की सिंचाई (जल देना) क्यों आवश्यक है, सिंचाई के स्रोत लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक जीव को जल की आवश्यकता होती है। पौधों की जड़ों द्वारा जल का अवशोषण किया जाता है जिसके साथ-साथ खनिजों एवं उर्वरकों का भी अवशोषण होता है। पौधों में लगभग 90% जल होता है। जल की आवश्यकता के कारण निम्नवत् हैं0

(1) बीजों के अंकुरण के लिए जल आवश्यक है।
(2) जल में घुले पोषक तत्वों का स्थानान्तरण पौधे के प्रत्येक भाग में होता है।
(3) यह फसल की पाले एवं गर्म हवा से रक्षा करता है।
(4) मिट्टी की नमी को बनाए रखता है जिससे कि स्वस्थ फसल की प्राप्ति होती है।

इसके लिए विभिन्न समय अन्तराल पर खेत में जल देना चाहिए, इसे सिंचाई कहते हैं। सिंचाई का समय एवं बारम्बारता फसलों, मिट्टी एवं ऋतु में भिन्न-भिन्न होती है। सिंचाई के स्रोत :- कुएँ, तालाब/झील, नदियाँ, जलकूप, बाँध एवं नहर इत्यादि सिंचाई के स्रोत हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 3.
कृषि उत्पादों के भण्डारण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
फसल को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसे नमी, कीट, चूहों तथा सूक्ष्म जीवों से बचाना तथा उसका भण्डारण आवश्यक है। भण्डारण से पहले दानों (बीजों) को धूप में सुखाना आवश्यक है क्योंकि यदि ताजी काटी गई फसल के दानों को सुखाए बिना भण्डारित किया गया हो तो उनके खराब होने की सम्भावना बहुत अधिक हो जाती है।

धूप में सुखाए जाने से बीजों की नमी में कमी आ जाती है तथा उनकी कोट, पीड़कों, जीवाणु, कवक आदि से सुरक्षा हो जाती है। आजकल किसान अपनी फसल उत्पादों को जूट के बोरों, धातु के बड़े पात्रों (Bins) में रखते हैं जिससे वे सुरक्षित बने रहते हैं। उच्च पैमाने पर भण्डारण हेत साइलो और भण्डारगृहों का प्रयोग दानों को सुरक्षित रखने के – लिए किया जाता है। इससे ये चूहे एवं कीटों से सुरक्षित रहते हैं। नीम की सूखी पत्तियाँ घरों में अनाज के भण्डारण में उपयोग में लायी जाती हैं। बड़े भण्डार गृहों में अनाज को पीडकों एवं सूक्ष्म जीवों से सुरक्षित रखने के लिए उन पर रासायनिक उपचार भी किया जाता है।

फसल उत्पादन एवं प्रबंध Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ फसल (Crops) : किसी एक स्थान पर एक ही किस्म के पौधों को बड़ी मात्रा में उगाने को फसल कहते हैं।

→ कृषि पद्धतियाँ (Agricultural Methods) : फसल उगाने के लिए किसान द्वारा सामयिक अवधि में अपनाए गए क्रिया-कलापों को कृषि पद्धतियाँ कहते हैं।

→ जुताई (Ploughing) : वह क्रिया, जिसमें फसल उगाने से पहले मिट्टी को पलटना, पोला बनाना और समतल करना पड़ता है, जुताई कहलाती है ।

→ बुआई (Sowing) : मिट्टी में बीज बोने की विधि बुआई कहलाती है ।

→ उर्वरक (Fertilizers) : वे पदार्थ जिन्हें मिट्टी में पोषक स्तर बनाए रखने के लिए मिलाते हैं, उर्वरक कहलाते|

→ सिंचाई (Irrigation) : पौधों के वृद्धि एवं परिवर्द्धन के लिए आवश्यकतानुसार पानी देने की क्रिया सिंचाई| कहलाती है।

→ खरपतवार (Weeds) : फसल के साथ उगे हुए अवांछित पौधों को खरपतवार कहते हैं।

→ खरपतवारनाशी (Weedicide) : वे रसायन जिनसे खरपतवार को नियंत्रित करते हैं, खरपतवारनाशी कहलाते|

→ कटाई (Harvesting) : फसल के पकने पर काटे जाने की प्रक्रिया कटाई कहलाती है।

→ निराई (Weeding) : खरपतवार को खेत से निकालने की प्रक्रिया को निराई कहते हैं ।

→ भंडारण (Storage) : फसल के दानों को बड़े-बड़े भंडारगृहों में एकत्रित किया जाना, भंडारण कहलाता है।

→ भंडारगृह (Granaries) : बड़े-बड़े खुले हॉल जहाँ अनाज के दानों को बड़े पैमाने पर एकत्र किया जा सके ।

→ पशुपालन (Animal husbandry) : पशुओं के उचित भोजन, आवास और देखभाल को पशु-पालन कहते हैं।

→ श्रेशिंग (Threshing) : भूसे से अनाज के दानों को पृथक् करने की विधि थ्रेशिंग कहलाती है।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

Haryana State Board HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

HBSE 8th Class Hindi टोपी Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर:
गवरइया और गवरा के बीच आदमी के कपड़े पहनने को लेकर बहस हो रही थी। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। उसका यह भी कहना था कि कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती ढंक जाती है।

गवरइया का मन टोपी पहनने को करता था। एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिल गया। इसी से उसकी टोपी बनने की इच्छा पूरी होने का अवसर मिल गया।

प्रश्न 2.
गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।
उत्तर:
गवरइया – आदमी को देखते हो? कैसे रंग-बिरंगे कपड़े पहनता है। कितना फबता है उन पर कपड़ा।
गवरा – खाक फबता है! कपड़ा पहन लेने के बाद बाद तो आदमी और बदसूरत लगने लगता है।
गवरइया – लगता है आज तुम लटजीरा चुग आए हो?
गवरा – कपड़ा पहन लेने से आदमी की कुदरती खूबसूरती ढंक जाती है।
गवरइया – कपड़े केवल अच्छा लगने के लिए ही नहीं, मौसम की मार से बचने के लिए भी पहनता है आदमी।
गवरा – कपड़ा पहनते ही पहनने वाले की औकात पता चल जाती है। आदमी-आदमी की हैसियत में भेद हो जाता है।
गवरइया – मेरा मन भी टोपी पहनने का करता है।
गवरा – टोपी तू पाएगी कहाँ से?टोपी तो आदमी का राजा पहनता है। मेरी मान तू इस , चक्कर में पड़ ही मत।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

प्रश्न 3.
टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।
उत्तर:
टोपी बनवाने के लिए गवरइया सबसे पहले धुनिया के पास गई। उससे रुई धुनवा कर वह उसे लेकर कोरी के पास जा पहुंची। उसे कोरी से कतवा लिया। कते सूत को लेकर वह बुनकर के पास गई। उस कते सूत से उसने बुनकर से कपड़ा बुनवाया। कपड़े को लेकर वह दर्जी के पास गई। उसने उस कपड़े से दो सुंदर सी टोपियाँ सिल दीं। एक टोपी अपने पास रखकर दूसरी टोपी गवरइया को दे दी। इस प्रकार गवरइया की टोपी तैयार हो गई।

प्रश्न 4.
गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुदने क्यों -जड़ दिए?
उत्तर:
गवरइया की टोपी पर दर्जी ने खुश होकर अपनी ओर से पाँच फुदने भी जड़ दिए। इससे टोपी बहुत सुंदर लगने लगी।

लेख से आगे

1. किसी कारीगर से बातचीत कीजिए और परिश्रम का उचित मूल्य नहीं मिलने पर उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी? ज्ञात कीजिए और लिखिए।
उत्तर:
यदि कारीगर को उसके परिश्रम का उचित मूल्य न मिले तो वह बेमन से काम करता है। यदि वह मोची को जूते की. मरम्मत का उचित मूल्य नहीं देंगे तो जूते में कोई-न-कोई कमी उभर आती है और वह पैर में चुभती रहती है। कारीगर को काम का पूरा पैसा मिलना ही चाहिए तभी वह फुर्ती के साथ काम करता है।

2. गवरइया की इच्छा पूर्ति का क्रम घूरे पर रुई के मिल जाने से प्रारंभ होता है। उसके बाद वह क्रमशः एक-एक कर कई कारीगरों के पास जाती है और उसकी टोपी तैयार होती है। आप भी अपनी कोई इच्छा चुन लीजिए। उसकी पूर्ति के लिए योजना और कार्य-विवरण तैयार कीजिए।
उत्तर:
मेरे मन में भी एक इच्छा उत्पन्न हुई कि मैं घर के बने पकौड़े खाऊँ।
इसके लिए मैं सब्जीवाले के पास गया। उससे गोभी और आलू खरीदकर लाया। घर में तेल था पर बेसन नहीं था। दुकानदार से बेसन खरीदकर लाया। अब मैंने गोभी-आलू को भली प्रकार धोकर साफ किया और सही आकार में काटा।

इतना काम हो जाने पर मैंने माँ को पुकारा और पकौड़े बनाने का अनुरोध किया। माँ ने गैस जलाकर कढ़ाई में तेल चढ़ा दिया। बेसन का घोल बनाकर आलू-गोभी मिला दिए। उसने मेरे और अपने लिए खूब मात्रा में पकौड़े तल लिए। अब मेरी इच्छा पूरी हुई।

3. गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।
उत्तर:
किसी भी काम में सफलता के लिए उत्साह की बहुत आवश्यकता होती है। बिना उत्साह के कोई काम सफल नहीं होता। उत्साह से मन में काम के प्रति चाव पैदा होता है। उत्साह ही हमें कार्य में प्रवृत्त करता है। उत्साह से ही हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। उत्साह के अभाव में निराशा उत्पन्न हो जाती है।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

अनुमान और कल्पना

1. टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने क्यों पहुँची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुंह से अपनी बड़ाई सुन चुकी थी। लेकिन राजा से उसकी कोई बहस हुई ही नहीं थी। फिर भी वह राजा को चुनौती देने को पहुँची। कारण का अनुमान लगाइए।
उत्तर:
गवरइया को तो राजा को नीचा दिखाना था। गवरा ने कहा था कि टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है। टोपी उछलते देर नहीं लगती। यही कारण था कि वह फुदनेदार टोपी पहनकर वह राजा से मुकाबला करते उसके महल के कंगूरे पर जा पहुंची। वह यह जताना चाहती थी कि उसकी टोपी राजा की टोपी से बेहतर है। वह राजा पर यह व्यंग्य भी करना चाहती थी कि कारीगरों से बेगार कराना ठीक नहीं है।

2. यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार कैसा होता?
उत्तर:
यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तो तब गवरइया अपनी सुंदर टोपी दिखाकर राजा को चिढ़ाने नहीं जाती। कारीगर भी अपने श्रम का उचित मूल्य पाकर राजा का काम भी पूरा मन लगाकर करते। तब राजा को किसी प्रकार की शिकायत करने का मौका नहीं आता।

3. चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा बागा बुन रहा था चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्बे सिल रहा था। उन चारों ने राजा का काम रोककर गवरड्या का काम क्यों किया?
उत्तर:
यद्यपि चारों कारीगर राजा के लिए विभिन्न कार्य कर रहे थे, पर उन सभी ने राजा का काम रोककर पहले गवरइया का काम किया।

इसका कारण यह था कि राजा का काम बेगार था। उससे उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला था। जब गवरइया के काम करने पर प्रत्येक को उसका आधा हिस्सा मिला। इतना पाकर सभी उत्साहित हो गए।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

लेख से आगे

1. गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरड्या गौरैया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण के अनुसार इस शब्द की वर्तनी लिखी गई है। कुंदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे-मुलुक-मुल्क, खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मल्हार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होने वाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसे-टेम-टाइम, टेसन/टिसन-स्टेशन।
उत्तर:
सिरापा – सिर से पाँव तक
अपन – अपना
गफश – गफ्स
इत्ते – इतने
चाम – चमड़ा
पखने – पंख
जुरती – जुटना
पाखी – पक्षी.
हुलस – उल्लास
टहलुओं – सेवकों

2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे-कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
1. आँखों में चमक आना = अंदर की खुशी झलकना। नौकरी मिलते ही राकेश की आँखों में चमक आ गई।
2. ओझल हो जाना = गायब हो जाना। सिपाही को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया।
3. टोपी उछलना = बेइज्जती होना। भरी सभा में मेरी टोपी उछल गई और तुम चुप रहे।
4. लगुए-भगुए होना = साथ चलकर लाभ उठाने वाले। तुम इन लगुए-भगुओं से बचकर रहना वरना बहुत किरकिरी हो जाएगी।
5. माथे का पसीना पोंछना – घबराहट दिखाई देना। वह इतना घबरा गया है कि माथे का पसीना पोछ रहा है।
6. ठंडी ह भरना = पछताना। मुझे नौकरी छोड़कर ठंडी आह भरनी पड़ रही है।
7. राग अलापना – अपनी बात कहते रहना। तुम एक ही राग अलापते जा रहे हो, कुछ मेरी भी सुनो।
8. आँख में उँगली डालकर देखना – साफ-साफ देखना। यह स्थिति आँख में उँगली डालकर देखने से ही पता चलेगी।

HBSE 8th Class Hindi टोपी Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
धुनिया कैसा था?उसकी दशा कैसी थी? उसने गवरइया को क्या कहकर भगाना चाहा?
उत्तर:
धुनिया बेचारा बूढ़ा था। जाड़े का मौसम था। उसकी दशा खराब थी। उसके तन पर वर्षों पुरानी तार-तार हो चुकी एक मिर्जई पड़ी हुई थी। वह काँपते हुए बोला, “तू जाती है कि नहीं! देखती नहीं, अभी मुझे राजा जी के लिए रजाई बनानी है। एक तो यहाँ का राजा ऐसा है जो चाम का दाम चलाता है। ऊपर से तू आ गई फोकट की रुई धुनवाने।” यह कहकर उसने गवरइया को भगाना चाहा।

प्रश्न 2.
कोरी की अवस्था कैसी थी?उसने क्या कहकर गवरड्या का काम करने से मना कर दिया?
उत्तर:
कोरी की कमर झुकी हुई थी। उसने बदन पर धन्जी-धजी हो चुका एक धुस्सा डाल रखा था। वह बड़ी अनिच्छा से बोला, “तुम लोग यहाँ से भागते हो कि नहीं। देखते नहीं, अभी मुझे राजा जी के अचकन के लिए सूत कातने हैं। मुझे फुर्सत नहीं है मुफ्त में मल्लार गाने की।” यह कहकर उसने गवरइया का काम करने से मना कर दिया।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

प्रश्न 3.
बुनकर ने क्या बहाना बनाया था?
उत्तर:
बुनकर बहाना बनाते हुए बोला-“हटते हो कि नहीं यहाँ से! देखते नहीं, अभी मुझे राजा जी के लिए बागा बुनना है। अभी थोड़ी देर बाद ही राजा जी के कारिंदे हाजिर हो जाएंगे। साव करे भाव तो चबाव करे चाकर।” इतना कहकर बुनकर अपने काम में मशगूल हो गया।

प्रश्न 4.
वर्जी ने गवरइया का काम किस प्रकार किया?
उत्तर:
दर्जी मुंहमांगी मजूरी मिलने पर टोपी बनाने को तैयार हो गया। ‘कच्च-कच्च’ उसकी कैंची चल उठी और चूहे की तरह ‘सरं-सरं’ उसकी सूई कपड़े के भीतर-बाहर होने लगी। बड़े मनोयोग से उसने दो टोपियाँ सिल दीं। खुश होकर दर्जी ने अपनी ओर से एक टोपी पर पाँच {दने भी जड़ दिए। कँदनेवाली टोपी पहनकर तो गवरइया जैसे आगे में न रही। डेढ़ टाँगों पर ही लगी नाचने, फुदक-फुदककर लगी गवरा को दिखाने, “देख मेरी टोपी सबसे निराली…पाँच फुदनेवाली।”

प्रश्न 5.
जब गवरइया महल के कंगूरे पर बैठी तब राजा क्या करवा रहा था?
उत्तर:
उस वक्त राजा अपने चौबारे पर टहलुओं से खुली धूप में फुलेल की मालिश करवा रहा था। राजा उस वक्त अधनंगा बदन और नंगे सिर था। एक टहलुआ सिर पर चंपी कर रहा था, तो दूसरा हाथ-पाँव की उँगलियाँ फोड़ रहा था, तो तीसरा पीठ पर मुक्की मार रहा था तो चौथा पिंडली पर गुदी काढ़ रहा था।

प्रश्न 6.
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है

  • यदि उत्साहपूर्वक कोई काम किया जाए तो उसमें अवश्य सफलता मिलती है।
  • किसी से अपना काम बेगार में नहीं करवाना चाहिए। पूरी मजदूरी चुकानी चाहिए।

टोपी गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. “कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती बँक जो जाती है।” गवरा बोला, “अब तू ही सोच! अभी तो तेरी सुघड़ काया का एक-एक कटाव मेरे सामने है, रोंवें-0वें की रंगत मेरी आँखों में चमक रही है। अब अगर तू मानुस की तरह खुद को सरापा ढंक ले तो तेरी सारी खूबसूरती ओझल हो जाएगी कि नहीं?”
“कपड़े केवल अच्छा लगने के लिए नहीं, गवरइया बोली, “मौसम की मार से बचने के लिए भी पहनता है आदमी।”
प्रश्न:
1. बातचीत किस-किसके मध्य हो रही है?
2. गवरा ने कपड़े न पहनने के पक्ष में क्या-क्या तर्क दिए?
3. गवरइया ने कपड़े पहनने के पक्ष में क्या कहा?
उत्तर:
1. यह बातचीत गवरइया और गवरा के बीच हो रही है।
2. गवरा कपड़े पहनने न पहनने के पक्ष में ये तर्क देता है

  • इससे कुदरती सुंदरता ढंक जाती है।
  • इससे सुघड़ काया दिखाई नहीं देती।

3. गवरइया कपड़े पहनने के पक्ष में यह कहती है कि कपड़े केवल अच्छा लगने के लिए ही नहीं पहने जाते, अपितु इनको पहनकर आदमी मौसम की मार से भी बच जाता है।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

2. “टोपी तू पाएगी कहाँ से?” गवरा बोला, “टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है। जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती। अपनी टोपी सलामत रहे, – इसी फिकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ..मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।”

गवरा था तनिक समझदार, इसलिए शक्की। जबकि गवरइया थी जिद्दी और धुन की पक्की। ठान लिया सो ठान लिया, उसको ही जीवन का लक्ष्य मान लिया। कहा गया है-जहाँ चाह, वहीं राह। मामूल के मुताबिक अगले दिन दोनों घूरे पर चुगने निकले। चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिला। “मिल गया… मिल गया… मिल गया…” गवरइया मारे खुशी के घूरे पर लोटने लगी।
प्रश्न:
1. गवरइया ने क्या इच्छा प्रकट की थी?
2. गवरा ने क्या कहकर गवरइया को हतोत्साहित किया?
3. गवरा और गवरइया के स्वभाव में क्या अंतर था?
4. गवरइया की इच्छा की पूर्ति का क्या साधन मिल गया?
उत्तर:
1. गवरइया ने टोपी पहनने की इच्छा प्रकट की थी।
2. गवरा ने यह कहकर गवरइया को टोपी पहनने के प्रति हतोत्साहित किया

  • टोपी तो आदमियों का राजा ही पहनता है।
  • टोपी के लिए कितनों का टाट उल्ट जाता है।
  • टोपी बड़ी जल्दी उछल जाती है।
  • टोपी के लिए दूसरों की खुशामद करनी पड़ती है।

3. गवरा समझदार और शक्की था जबकि गवरइया जिद्दी और धुन की पक्की थी।
4. एक दिन गवरइया को घूरे पर चुगते-चुगते रुई का फाहा मिल गया। इसी रुई के फाहे से उसकी टोपी बन गई।

टोपी Summary in Hindi

टोपी पाठ का सार

एक गवरइया (गौरैया) और एक गवरा (नर गौरैया) थे। दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते थे। एक दिन दोनों में मनुष्य के द्वारा कपड़े पहनने पर बहस छिड़ गई। गवइया कपड़ों को सुंदरता और मौसम की मार से बचने का साधन मानती थी जबकि गवरा इसका विरोध कर रहा था। उसके अनुसार कपड़ों से सुघड़ काया दिखाई नहीं देती और मौसम की मार को झेलने की ताकत भी चली जाती है। गवरइया को आदमी के सिर की टोपी भा गई। उसने टोपी पाने की जिद ठान ली। अगले दिन गवरइया को रुई का फाहा मिल गया तो वह खुश हो उठी। यह उसे टोपी का जुगाड़ प्रतीत हुआ। वह रुई का फाहा लेकर एक धुनाई के पास चली गई और रुई के फाते का धुनने की प्रार्थना करने लगी।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 18 टोपी

धुनिया ने कहा कि उसे राजा के लिए रजाई बनानी है, मैं मुफ्त में रुई नहीं धुनता। इस पर गवरइया ने कहा कि तुम रुई का आधा हिस्सा ले लेना। यह प्रस्ताव सुनकर धुनिया तुरंत तैयार हो गया। उसने रुई धुन दी तथा आधी रुई ले ली। फिर गवरा-गवरइया एक कोरी के पास धुनी रुई से सूत कतवाने के लिए गए। उसने भी राजा की अचकन के लिए सूत कातने की बात कही। गवरइया ने उसे भी उसे आधा सूत अपने पास रख लेने का प्रस्ताव दिया। वह भी मान गया।

उसने काफी महीन और लच्छेदार सूत कात दिया। इसी शर्त पर उन्होंने बुनकर कपड़ा भी बुनवा लिया। उसने भी आधा कपड़ा अपने पास रख लिया। अब गवरइया कपड़े को लेकर दर्जी के पास पहुँची। दर्जी ने पहले तो कहा कि वह राजा के नवजात बेटे के छब्बे सिलने में व्यस्त है, पर गवरइया ने उसे भी एक टोपी अपने पास रखने का लालच दिया। उसने मन से दो टोपियाँ सिल दी। खुश होकर उसने एक टोपी पर पाँच फुदने भी जड़ दिए। टोपी पहनकर गवरइया नाचने-फुदकने लगी।

अब अपनी टोपी की शान राजा को दिखाने चल दी। वह राजा के महल के कंगूरे पर जा बैठी, उस समय राजा अपने सेवकों से मालिश करवा रहा था। वह नंगे सिर था। गवरइया कंगूरे पर से ही चिल्लाई-“मेरे सिर पर टोपी, राजा के सिर पर टोपी नहीं…..” यह सुनकर राजा ने दोनों हाथों से सिर को ढंक लिया।

उसकी आज्ञा पर एक सिपाही ने गुलेल से गवरइया की टोपी नीचे गिरा दी। टोपी की खूबसूरती देखकर राजा दंग रह गया। अब वह इस टोपी के बनाने वाले की खोज में जुट गया। दर्जी, कोरी, धुनिया सभी को बुलाया गया। धुनिया ने कारण बताते हुए कहा कि गवरइया ने जिस-जिससे काम करवाया, आधा हिस्सा दिया। आपके यहाँ से कुछ भी नहीं मिलता। तमाम बेगार करवाने, सख्ती से लगान वसूलने के बावजूद राजा का खजाना खाली ही रहता था। राजा ने कहा-गवरइया की टोपी को वापस कर दो। गवरइया टोपी पहनकर चली गई। उसने राजा को डरपोक बताया।

टोपी शब्दार्थ

भिनसार – प्रात:काल, सवेरा (morning)। खोते – घोंसले (nest)। झुटपुटा – सवेरे या शाम का समय जब प्रकाश इतना कम हो कि कोई चीज साफ दिखाई न दे, वह समय जब कुछ-कुछ अँधेरा और कुछ-कुछ उजाला हो। लटजीरा = चिचड़ा, एक पौधा (Dimlight aplant)। सरापा – सिर से पाँव तक पहना जाने वाला वस्त्र (Total Cover cloths)। सकत – शक्ति, सामर्थ्य (power)। लफड़ा – उलझन, झंझट (Trouble)। फकत – केवल (only)। अपनः – अपना (own)। फिकर – चिंता, फिक्र (worry)। मत नहीं। मामूल – वह बात जो रोज की जाए, हमेशा की तरह (Daily) कपड़ा बुनते हुए जुलाहे जिससे बाने का सूत फेंकते हैं (Ainstrument)। गफश = गफ्स, घना बुना हुआ। दबीज – मोटा, मजबूर: (hick)। बेगार = बिना मजदूरी का काम (Labour without payment)। मूजी = दृष्ट (Cruelhi फँदने – सत, ऊन आदि का फल या गुच्छा (Cotton)। हुलस – उल्लास, खुशी (Happiness)। इत्ते-सारे – इतने सारे (Too much)। टहलुआ नौकर (servant)। फुलेल = खुशबूदार तेल (scented)। (वनेदार – गुच्छेदार (flowery)। फवगुद्दी = एक छोटी चिड़िया, गौरैया (A bird)। घूरे – कूड़े-करकट का ढेर। चिहाकर = चौंककर, चकित होकर (surprised)। मनुहार = मनाना (flattery)। चाम • त्वचा, चमड़ा (skin)। फोकट = मूल्यरहित, मुफ्त (Free)। उजरत – मजदूरी, मेहनत का बदला, पारिश्रमिक। मल्लार – मल्हार, संगीत का एक राग (a song)। मुलुक – मुल्क, देश (country)। लगुए-भगुए = पीछे चलने वाला (follower), मेल-जोल का व्यक्ति। मशगूल = व्यस्त (busy)। सेंत-मेंत का काम = वह काम जिसके लिए कुछ देना न पड़ा हो (without profit). बिना लाभा पखने – पंख (feather)। खमा – क्षमा (forgiveness)। नायाब – बहुमूल्य, बेशकीमती (valuable)। हुनरमंद. कुशल, गुणी कारीगर (expert)। मानिंद = जैसा, अनुरूप, सरीखा। नफासत = सज्जा, सजा-सँवरा (beautiful)। जुरती – जुटना, एकत्र होना, प्राप्त होना (collected)। पाखी – पक्षी, चिड़िया (bird)। लशकरी – पलटन, सेना (force)। लवाजिमा – यात्रा आदि में साथ रहने वाला सामान। नगीना – सुंदर (beautiful)। अकबकाना = भौंचक्का होना, घबराना (surprised)।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 17 बाज और साँप

Haryana State Board HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 17 बाज और साँप Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 17 बाज और साँप

HBSE 8th Class Hindi बाज और साँप Textbook Questions and Answers

शीर्षक और नायक

प्रश्न 1.
लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को ही क्यों चुना होगा? क्या यही कहानी किसी और पात्रों द्वारा भी कही जा सकती है? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो नायकों ‘बाज और साँप’ के आधार पर रखा है। लेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को ही निम्नलिखित कारणों से चुना होगा

  • दोनों एक-दूसरे के शत्रु हैं।
  • बाज जहाँ साहस-वीरता का प्रतीक है, वहीं साँप आलस्य एवं कायरता का प्रतीक है।
  • लेखक इन दो विरोधी भावों का संघर्ष दिखाकर साहसपूर्ण जीवन को प्रतिष्ठित करना चाहता था। किन्हीं अन्य नायक-नायिका की संभावना की चर्चा विद्यार्थी आपस में करें।

कहानी से

प्रश्न 1.
घायल होने के बाद भी बाज़ ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है?” विचार प्रकट कीजिए।
उतर:
घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि ‘मुझे कोई शिकायत नहीं है।’ उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने अपनी जिंदगी को भरपूर भोगा। जब तक उसके शरीर में ताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसने उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

HBSE 8th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 16 पानी की कहानी

प्रश्न 2.
बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
उत्तर:
बाज जिंदगी भर आकाश में उड़ता रहा, उसने आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा। बाज साहसी था। अत: कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक संघर्ष करना चाहता था। वह मरने से पहले अंतिम बार आकाश में उड़ लेना चाहता था। अत: उसने इसके लिए एक अतिम प्रयास किया, भले ही वह असफल हो गया।

प्रश्न 3.
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर भी उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
उत्तर:
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। उसके लिए उड़ने और रेंगने में कोई अंतर न था। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप को भी लगा कि इस आकाश के रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकास में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया।

प्रश्न 4.
बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?
उत्तर:
बाज के लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया था क्योंकि वे बाज के साहसी, बीस्ता एवं स्वतंत्रता-प्रिय रूप को सलाम करना चाहती थीं। वे बाज के जीवन को अन्य लोगों के लिए प्रेरक के रूप में स्थापित करना चाहती थीं। वे बाज के जीवन को अमर मानती थीं।

प्रश्न 5.
घायल बाज को देखकर सांप खुश क्यों हुआ होगा?
उत्तर:
साँप का शत्रु बाज है। बाज साँप को खा जाता है। जब बाज घायल हो गया तब साँप का खुश होना स्वाभाविक था क्योंकि उसका शत्रु मरने वाला था।

कहाची से आगे

प्रश्न 1.
कहानी में से वे पंकिायाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्थावता को प्रेरणा मिलती हो।
उत्तर :
“यदि तुम्हें स्वतंत्रता इतनी प्यारी है तो इस चट्टान के किनारे से ऊपर क्यों नहीं उड़ जाने की कोशिश करते। हो सकता है कि तुम्हारे पैरों में अभी इतनी ताकत बाकी हो कि तुम आकाश में उड़ सको। कोशिश करने में क्या हर्ज है?”

प्रश्न 2.
लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।
उत्तर :
लहरों का गीत सुनने के बाद माँप ने यह सोचा होगा कि उसके शत्रु बाज का जीवन व्यर्थ नहीं था। पर उसने फिर से उड़ने की कोशिश नहीं की होगी क्योंकि पहले प्रयास में ही उसे कटु अनुभव हो चुका था। वह तो मरते-मरते बचा था। वह दुबारा अपनी जान को जोखिम में नहीं डाल सकता था।

प्रश्न 3.
क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं ? विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर :
हाँ, पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा। वे अपनी उड़ान में किसी भी प्रकार की बाधा सहन नहीं करते। वे उड़ने में आनंद की अनुभूति करते हैं। स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव होता है। इसके विपरीत थोपे गए अस्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव नहीं होता।

प्रश्न 4.
मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। मनुष्य की इस इच्छा का परिणाम क्या हुआ? आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है?
उत्तर :
मनुष्य ने भी पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा अपने मन में संजो कर रखी है। उसकी इच्छा का परिणाम यह हुआ कि उसने हवाई जहाज का आविष्कार कर दिखाया। आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर आदि से करता है।

अनुमान और कल्पना

यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती ? अपनी कल्पना से लिखिए।
विद्यार्थी स्वयं करें।

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
मुहावरे :

  1. हिम्मत बाँधना-पुलिस के आने पर ही घर के लोगों की हिम्मत बँधी।
  2. अंतिम साँस गिवना-रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम साँसें गिन रहा है।
  3. मन में आशा जागना-संत की बातें सुनकर मेरे मन में आशा जाग गई।
  4. कसर बाकी न रखना-तुम्हारा काम पूरा करने में मैं कोई कसर बाकी न रखूगा।
  5. प्राण हथेली पर रखकर घूमना-वीर पुरुष अपने प्राण हथेली पर रखकर घूमते हैं।

2. ‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। ‘देह’ ‘देने वाला’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है। देने वाला के अर्थ में ‘द’, ‘पद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे-सुखद. सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर:

  • द – सुखद, दुखद
  • दाता – अन्नदाता धनदात.
  • आई – दुखदाई, कष्टदाई
  • देह – आरामदेह, कष्टदेह

HBSE 8th Class Hindi बाज और साँप Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
जहाँ साँप रहता था, वहाँ कैसा प्राकृतिक दृश्य था?
उत्तर:
समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत की अंधेरी गुफा में एक साँप रहता था। समुद्र की तूफ़ानी लहरें धूप में चमकती, झिलमिलाती और दिनभर पर्वत की चट्टानों से टकराती रहती थीं। पर्वत की अंधेरी घाटियों में एक नदी भी बहती थी। अपने रास्ते पर बिखरे पत्थरों को तोड़ती, शोर मचाती हुई यह नदी बड़े जोर से समुद्र की ओर लपकती जाती थी। जिस जगह पर नदी और का मिलाप होता था, वहाँ लहरें दूध के झाग-सी सफ़ेद दिखाई देती थीं।

प्रश्न 2.
गुफा में बैठा साँप क्या देखता रहता था? वह मन ही मन खुश क्यों होता था?
उत्तर:
अपनी गुफा में बैठा हुआ साँप सब कुछ देखा करता–लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी-मेढ़ी बल खाती हुई नदी की गुस्से से भरी आवाजें। वह मन ही मन खुश होता था कि इस गर्जन-तर्जन के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है। कोई उसे दुख नहीं दे सकता। सबसे अलग, सबसे दूर, वह अपनी गुफा का स्वामी है। न किसी से लेना, न किसी को देना। दुनिया की भाग-दौड़, छीना-झपटी से वह दूर है। साँप के लिए यही सबसे बड़ा सुख था।

प्रश्न 3.
चट्टान की खोखल में बैठा साँप क्या सोचता रहा? फिर उसने क्या प्रयास किया और उसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
चट्टान की खोखल में बैठा हुआ साँप बड़ी देर तक बाज की मृत्यु और आकाश के लिए उसके प्रेम के विषय में सोचता रहा-
“आकाश की असीम शून्यता में क्या ऐसा आकर्षण छिपा है, जिसके लिए बाज ने अपने प्राण गंवा दिए? वह खुद तो मर गया लेकिन मेरे दिल का चैन अपने साथ ले गया। न जाने आकाश में क्या खजाना रखा है? एक बार तो मैं भी वहाँ जाकर उसके रहस्य का पता लगाऊँगा, चाहे कुछ देर के लिए ही हो। कम-से-कम उस आकाश का स्वाद तो चख लूँगा।”

यह कहकर साँप ने अपने शरीर को सिकोड़ा और आगे रेंगकर अपने को आकाश की शून्यता में छोड़ दिया। धूप में क्षण भर के लिए साँप का शरीर बिजली की लकीर-सा चमक गया। किंतु जिसने जीवन भर रेंगना सीखा था, वह भला क्या उड़ पाता? नीचे छोटी-छोटी चट्टानों पर धप्प से साँप जा गिरा। ईश्वर की कृपा से बेचारा बच गया, नहीं तो मरने में क्या कसर बाकी रही थी।

प्रश्न 4.
बाज के मरने के बाद साँप के आश्चर्य का ठिकाना क्यों न रहा? किसका गीत गूंज रहा था?
उत्तर:
साँप के आश्चर्य का ठिकाना तब नहीं रहा जब उसने सुना, चट्टानों के नीचे से एक मधुर, रहस्यमय गीत की आवाज उठ रही है। पहले उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। कितु कुछ देर बाद गीत के स्वर अधिक साफ सुनाई देने लगे। वह अपनी गुफा से बाहर आया और चट्टान से नीचे झाँकने लगा। सूरज की सुनहरी किरणों में समुद्र का नीला जल झिलमिला रहा था। चट्टानों को भिगोती हुई समुद्र की लहरों में गीत के स्वर फूट रहे थे। लहरों का यह गीत दूर-दूर तक गूंज रहा था।
साँप ने सुना, लहरें मधुर स्वर में गा रही हैं।

प्रश्न 5.
बाज ने मरने से पूर्व एक बार क्या प्रयास किया? उसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर:
याज में एक नई आशा जग उठी। वह दूने उत्साह से अपने पायल शरीर को घसीटता हुआ चट्टान के किनारे तक खींच लाया। खुले आकाश को देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। उसने एक गहरी, लंबी साँस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा।

किंतु उसके टूटे पंखों में इतनी शक्ति नहीं थी कि उसके शरीर का बोझ संभाल सकें। पत्थर-सा उसका शरीर लुढ़कता हुआ नदी में जा गिरा। एक लहर ने उठकर उसके पंखों पर जमे खून को धो दिया, उसके थके-मांदे शरीर को सफेद फेन से ढक दिया, फिर अपनी गोद में समेटकर उसे अपने साथ सागर की ओर ले चली।

बाज और साँप गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. एक दिन एकाएक आकाश में उड़ता हुआ खून से लथपथ एक बाज साँप की उस गुफा में आ गिरा। उसकी धरती पर कितने ही जख्मों के निशान थे, पंख खून से सने थे और वह अधमरा-सा जोर-शोर से हाँफ रहा था। ज़मीन पर गिरते ही उसने एक दर्द भरी चीख मारी और पंखों को फड़फड़ाता हुआ धरती पर लोटने लगा। डर से साँप अपने कोने में सिकुड़ गया। किंतु दूसरे ही क्षण उसने भाँप लिया कि बाज जीवन की अंतिम साँसें गिन रहा है और उससे डरना बेकार है। यह सोचकर उसकी हिम्मत बँधी और वह रेंगता हुआ उस घायल पक्षी के पास जा पहुँचा। उसकी तरफ कुछ देर तक देखता रहा, फिर मन ही मन खुश होता हुआ बोला-“क्यों भाई, इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली?”
प्रश्न:
1. एकाएक क्या हुआ?
2. गिरने वाले की क्या दशा थी?
3. साँप की क्या हालत हुई?
4. साँप बाज से क्या बोला?
उत्तर :
1. एक दिन एकाएक आकाश में उड़ता हुआ बाज घायलावस्था में साँप की गुफा में आ गिरा।
2. बाज के शरीर पर जख्मों के निशान थे, पंख खून से सने थे और वह अधमरा होकर हाँफ रहा था।
3. बाज को देखकर पहले तो साँप अपने कोने में सिकुड़ गया, किंतु दूसरे ही क्षण उसने समझ लिया कि अंतिम साँस गिनते इस बाज से डरना व्यर्थ है। अत: उसमें हिम्मत का संचार हुआ।
4. साँप रेंगता हुआ घायल बाज के पास पहुँचा और मन ही मन खुश होते हुए बोला-क्यों भाई, इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली।

2. “सो उड़ने का यही आनंद है-भर पाया मैं तो! पक्षी भी कितने मूर्ख हैं। धरती के सुख से अनजान रहकर आकाश की ऊँचाइयों को नापना चाहते थे। किंतु अब मैंने जान लिया कि आकाश में कुछ नहीं रखा। केवल ढेर-सी रोशनी के सिवा वहाँ कुछ भी नहीं, शरीर को सँभालने के लिए कोई स्थान नहीं, कोई सहारा नहीं। फिर वे पक्षी किस बूते पर इतनी डींगें हाँकते हैं, किसलिए धरती के प्राणियों को इतना छोटा समझते हैं। अब मैं कभी धोखा नहीं खाऊँगा, मैंने आकाश देख लिया और खूब देख लिया। बाज तो बड़ी-बड़ी बातें बनाता था, आकाश के गण गाते थकता नहीं था। उसी की बातों में आकर मैं आकाश में कूदा था। ईश्वर भला करे, मरते-मरते बच गया। अब तो मेरी यह बात और भी पक्की हो गई है कि अपनी खोखल से बड़ा सुख और कहीं नहीं है। धरती पर रेंग लेता हूँ, मेरे लिए यह बहुत कुछ है। मुझे आकाश की स्वच्छंदता से क्या लेना-देना ? न वहाँ छत है, न दीवारें हैं, न रेंगने के लिए जमीन है। मेरा तो सिर चकराने लगता है। विल काँप-काँप जाता है। अपने प्राणों को खतरे में डालना कहाँ की चतुराई है?”
प्रश्न :
1. ‘सो उड़ने का यही आनंद है-भर पाया मैं तो!’-यह किसने, किससे कहा?
2. साँप ने क्या बात जान ली थी?
3. साँप ने क्या निश्चय प्रकट किया?
4. साँप के लिए सुख की बात क्या है?
उत्तर:
1. यह बात साँप ने अन्य उड़ने वाले पक्षियों को लक्ष्य करके कही थी।
2. साँप ने यह बात जान ली थी कि इस आकाश में कुछ भी नहीं रखा है। वहाँ रोशनी के सिवाय कुछ भी नहीं है। वहाँ तो शरीर को सँभालने तक के लिए कोई स्थान या सहारा तक नहीं
3. साँप ने यह निश्चय प्रकट किया कि अब मैं आकाश के नाम पर कोई धोखा नहीं खाऊँगा। बाज इसके बारे में बड़ी-बड़ी बातें करता था, पर वास्तविकता इसके उलट है।
4. साँप के लिए यही सुख की बात है कि वह अपनी खोखल में रहे, धरती पर रेंग ले।

बाज और साँप Summary in Hindi

बाज और साँप पाठ का सार

समुद्र के किनारे एक ऊँचे पर्वत की अँधेरी गुफा में एक साँप रहता था। पर्वत की अँधेरे घाटियों में एक नदी भी बहती थी। अपनी गुफा में बैठा साँप सब कुछ देखा करता था। नदी की गरजती लहरों के मध्य भी वह स्वयं को सुखी और सुरक्षित मानता था। वह सबसे अलग था। एक दिन आकाश में उड़ता हुआ खून से लथपथ एक बाज उस साँप की गुफा में आ गिरा।

वह अधमरी अवस्था में था। वह पंखों को फड़फड़ाता धरती पर लोटने लगा। डर के मारे साँप अपने कोने में सिकुड़ गया। पर जब उसने सोचा बाज तो मरने ही वाला है अत: उससे डरना व्यर्थ है। यह सोचकर उसकी हिम्मत बँधी और वह रेंगता हुआ घायल पक्षी के पास जा पहुँचा।

उसने मन में खुश होते हुए बाज से पूछा-“इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली?” बाज ने आह भरकर कहा-“मेरी आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैंने जिंदगी का सब सुख भोग लिया है। तुम्हारा यह दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगी भर आकाश में उड़ने का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे?” साँप बोला-“आकाश में रखा ही क्या है। क्या मैं इस आकाश में रेंग सकता हूँ? मेरे लिए तो गुफा ही भली।”

अचानक बाज ने अपना झुका हुआ सिर ऊपर उठाया। चट्टान की दरारों से पानी गुफा में टपक रहा था। गुफा में भयानक दुर्गध फैली थी। बाज के मुँह से एक करुण चीख फूट पड़ी-“काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।” साँप ने बाज से कहा-तुम इस चट्टान के किनारे से ऊपर क्यों नहीं उड़ जाने की कोशिश करते। हो सकता है तुम्हारे पैरों में इतनी ताकत बाकी हो कि तुम आकाश में उड़ सको। बाज में आशा जाग गई। वह अपने घायल शरीर को चट्टान के किनारे तक खींच लाया। वह अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा। वह नदी में जा गिरा। समुद्र की लहर ने उसके जमे खून को धो दिया, सफेद फेन ने उसके शरीर को ढक दिया।

फिर लहर उसे सागर की ओर ले चली। धीरे-धीरे बाज आँखों से ओझल हो गया। साँप बड़ी देर तक बाज की मृत्यु और आकाश के लिए उसके प्रेम के विषय में सोचता रहा। फिर साँप ने अपने शरीर को सिकोड़ा और आगे रेंगकर अपने को आकाश की शून्यता में छोड़ दिया। छोटी चट्टानों पर धम्म से साँप जा गिरा। ईश्वर की कृपा से वह बच गया। साँप हँसते हुए कहने लगा-“यदि उड़ने का यह आनंद है तो मैं भर पाया। पक्षी भी कितने मूर्ख हैं। आकाश में कुछ नहीं रखा।

वहाँ शरीर को संभालने के लिए कोई स्थान नहीं है। पक्षी तो डींगें हाँकते रहते हैं। भला मुझे आकाश की स्वच्छंदता से क्या लेना-देना। अपने प्राणों को खतरे में डालना कहाँ की चतुराई है ? बाज तो बड़ा अभागा था जिसने आकाश की आजादी को प्राप्त करने में अपने प्राणों की बाजी लगा दी।” तभी उसने लहरों का स्वर सुना। मानो वे कह रही थीं-हमारा गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर रखे हुए घूमते हैं। वे बाज को निडर बताते हुए उसके साहसी जीवन का गुणगान कर रही थीं।

बाज और साँप शब्दार्थ

पर्वत – पहाड़ (Mountain), गर्जन – तेज आवाज़ (Roar), सुरक्षित = बचाव (Safe), जख्म – घाव (Wounds), दुर्गंध – बदबू (Bad smell), वियोग = अलगाव (Departure), व्याकुल = बेचैन (Restless), शक्ति = ताकत (Power), ओझल – गायब (Disappear), असीम – सीमारहित (endless), शून्यता = खालीपन (emptiness), स्वच्छंदता – खुलापन (Freeness), रहस्यमय – रहस्य भरा (Mysterious), साहस = हिम्मत (Courage), वीरता – बहादुरी (Bravery)।