Class 8

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 242)

प्रश्न 1.
क्या अम्लीय वर्षा खेतों की मिट्टी (मृदा) तथा पौधों को भी प्रभावित करती है
उत्तर:
हाँ, अम्लीय वर्षा का प्रभाव खेतों की मिट्टी तथा पौधों पर भी पड़ता है । इससे मिट्टी प्रदूषित हो जाती है तथा पौधों पर भी अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 242)

प्रश्न 2.
वायमण्डल में co.की मात्रा कैसे बढ़ती है और इसका आधिक्य कैसे हो जाता है ?
उत्तर:
मानव अपनी आवश्यकता के लिए वनों को काटता जा रहा है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए वायुमंडल में उपस्थित CO2 का प्रयोग करते हैं । वनोन्मूलन के कारण CO2 की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि CO2 का प्रयोग करने वालें वृक्षों की संख्या घट जाती है । इस तरह मानवीय क्रियाकलाप वायुमंडल में CO2 के संचय में योगदान देते हैं। CO2 ऊष्मा को रोक लेती हैं तथा उसे वायुमंडल में नहीं जाने देती। इसके फलस्वरूप वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर:
जल संदूषण की विधियाँ :
(क) तेल रिसाव – तेल निकालते समय पेट्रोलियम के समुद्र में रिसने से और जहाजों के संचालन से समुद्री जल प्रदूषित होता है।
(ख) संश्लेषित अपमार्जक से – इनका कपड़े धोने में अत्यधिक प्रयोग करने से झाग उत्पन्न होते हैं, तथा यह जल को प्रदूषित करते हैं।
(ग) औद्योगिक इकाइयों द्वारा- फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा नदियों और झीलों में मिलकर जल को प्रदूषित करता है।
(घ) रेडियोधर्मी कचरे से – नाभिकीय रिएक्टर संयंत्रों से निकलने वाला कचरा जल को प्रदूषित करता है।

प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण को निम्न उपायों द्वारा कम किया जा सकता है –
(1) जन परिवहन का प्रयोग करके।
(2) घरों के आस-पास पेड़-पौधे लगाकर।
(3) निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करना या सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करना।
(4) कूड़ा-करकट तथा टायरों आदि के जलाने पर रोक लगाकर ।

प्रश्न 3.
स्वच्छ, पारशी जल सवैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
देखने में स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य नहीं होता क्योंकि ऐसे जल में सूक्ष्मजीव और अशुद्धियाँ हो सकती हैं। सूक्ष्मजीव रोगों के वाहक हो सकते हैं तथा हमारे शरीर के लिए अत्यन्त हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए जल फिल्टर किया हुआ अथवा उबला हुआ पीने योग्य होता

प्रश्न 4.
आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे शहर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर:
स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु उपाय –
(1) घरों में जल का संचरण करने से पहले उसका शोधन करना चाहिए।
(2) उद्योगों के अपशिष्ट को जल-स्रोतों में फेंकने से पहले उपचारित करना चाहिए ।
(3) औद्योगिक इकाइयों के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि प्रदूषित जल को सीधे ही नदियों अथवा झीलों में नहीं मिलाया जा सके।
(4) कम उपयोग, पुनः उपयोग, पुनः चक्रण हमारा मूल मंत्र होना चाहिए ।

प्रश्न 5.
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में निम्नलिखित अन्तर शुद्ध वायु –
(1) शुद्ध वायु स्वच्छ, ताजा एवं पारदर्शी होती है ।
(2) इसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित नहीं होते हैं ।
(3) इसमें दुर्गध नहीं होती ।
(4) धुओं और धूल के कण दिखाई नहीं देते हैं।

प्रदूषित वायु –
(1) ऐसी वायु गंदी और पारभासी होती है ।
(2) सूक्ष्मजीव उपस्थित होते हैं ।
(3) दुर्गध हो सकती है ।
(4) धुआँ तथा धूल के कण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 6.
उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है । अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
प्रदूषित वायु में उपस्थित सल्फर डाईऑक्साइड व नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसे वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल व नाइट्रिक अम्ल का निर्माण करती हैं। ये अम्ल वर्षा के साथ नीचे आते हैं । वर्षा में घुलं इन अम्लों के प्रभाव के कारण यह वर्षा अम्लीय वर्षा कहलाती है।

अम्लीय वर्षा के प्रभाव-
(1) अम्ल वर्षा का जल मिट्टी की अम्लीयता को भी बढ़ा देता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो जाती है।
(2) अम्लीय वर्षा का जल नदी, झीलों तथा अन्य जल-स्रोतों में जाकर उन्हें भी अम्लीय (दूषित) कर देता है । यह प्रदूषित जल अनेक रोगों का कारक बनता है।
(3) जब यह अम्लीय वर्षा ऐतिहासिक स्मारकों के ऊपर गिरती है तो इसमें उपस्थित अम्ल ऐतिहासिक स्मारक के संगमरमर के साथ रासायनिक अभिक्रिया करके उसे धीरे-धीरे क्षति पहुंचाता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी गैस पौधा-घर गैस नहीं है?
(क) कार्बन डाईऑक्साइड ।
(ख) सल्फर डाईऑक्साइड।
(ग) मेथेन ।
(घ) नाइट्रोजन ।
उत्तर:
(घ) नाइट्रोजन ।

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प्रश्न. 8.
पौधा घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधा-घर प्रभाव-सूर्य के प्रकाश की किरणें पृथ्वी की सतह को गर्म करती हैं । कुछ विकरित किरणें परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में लौट जाती हैं। कुछ भाग वायुमंडल में रुककर पृथ्वी को और गर्म करता है। सूर्य की ऊष्मा पौधा-घर (यह शब्द शीशा घर से लिया गया है, जहाँ हरे पौधे रखे जाते हैं) में प्रवेश करने के पश्चात् बाहर नहीं निकल पाती । यही रुकी हुई ऊष्मा पौधा घर को गर्म करती है । पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा रोके गए विकिरण यही कार्य करते हैं । इसी कारण इसे पौधा-घर प्रभाव कहते हैं । इस प्रक्रम के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है किन्तु CO2 व अन्य उत्तरदायी गैसों के कारण यह प्रक्रम अब जीवन के लिए खतरा बन गया है।

प्रश्न 9.
आपके द्वारा कक्षा में विश्व उष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए ।
उत्तर:
विश्व उष्णन :
विश्व ऊष्णन का अर्थ है- विश्व के तापमान में वृद्धि । पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में CO2 का उपयोग करते हैं, जिससे वायु में CO2 की मात्रा में कमी आ जाती है | CO2 की खपत करने वाले वृक्षों की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है, जिससे CO2 की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इस प्रकार CO2 के संचय के लिए मानव उत्तरदायी है | CO2 ऊष्मा को रोक लेती है, वायुमंडल में नहीं जाने देती । इसके फलस्वरूप वायुमंडल के ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसे वैश्विक ऊष्णन कहते हैं ।

मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा जलवाष्प जैसी अन्य गैसें भी इस प्रभाव में योगदान करती हैं | CO2 की भाँति इन्हें भी ‘पौधा-घर गैसें’ कहते हैं। विश्व ऊष्णन से उत्पन्न हो सकने वाली समस्याएँ – हिमनद पिघल जाएंगे, निम्न क्षेत्र डूब जाएंगे, वर्षा पर प्रभाव पड़ेगा । समुद्र तल ऊँचा उठेगा, इसके फलस्वरूप कृषि, वन तथा रहन-सहन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा । इस कारण विश्व ऊष्णन को रोकने के लिए उचित और शीघ्र उपाय लागू करने चाहिए ।

प्रश्न 10.
ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताजमहल-ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है। आगरा में स्थित ताजमहल पिछले दो दशकों से देशी-विदेशी पर्यटकों को सर्वाधिक आकर्षित कर रहा है । सफेद संगमरमर से बनी यह सफेद इमारत प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषक सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहे हैं । आगरा तथा इसके चारों ओर स्थित रबड़ प्रक्रम, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, रसायन और मथुरा तेल रिफाइनरी जैसे उद्योग सल्फर डाईऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के लिए उत्तरदायी हैं । ये प्रदूषक अम्लीय वर्षा का कारण हैं । स्मारक के संगमरमर का संक्षारण अम्ल वर्षा के कारण होता है । यह परिघटना ‘संगमरमर कैंसर’ भी कहलाती है । मथुरा तेल परिष्करणी से उत्सर्जित काजल कण जैसे निलम्बित कणों का संगमरमर को पीला करने में व्यापक योगदान है। ताजमहल की सुन्दरता के सुरक्षा उपायताजमहल की सुंदरता को यथावत् बनाए रखने हेतु सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत से उपाय किए हैं । ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के आदेश दिए हैं । न्यायालय द्वारा उद्योगों को संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलिया। गैस (16) जैसे स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं।

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प्रश्न 11.
जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर:
शैवालों की उपस्थिति के कारण कुछ तालाव दूर से देखने पर हरे प्रतीत होते हैं । इसका कारण उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेट जैसे रसायनों की अधिक मात्रा है। इनकी वृद्धि से जल में शैवाल की वृद्धि होती है । इस शैवाल के नष्ट होने पर अपघटित करने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक है। इस कारण जल में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे जलीय जीवों की उत्तरजीविता प्रभावित होती है।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विश्व ऊष्णन के लिए कौन-सी गैस जिम्मेदार है?
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) कार्बन डाईऑक्साइड
(द) ऑर्गन ।
उत्तर:
(स) कार्बन डाईऑक्साइड

2. रेफ्रिजरेटरों व एयर कण्डीशनरों से उत्सर्जित हानिकारक गैस का नाम है
(अ) कार्बन डाईऑक्साइड
(ब) ऑक्सीजन
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)
(द) कार्बन मोनोऑक्साइड ।
उत्तर:
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)

3. जल को शुद्ध करने के लिए सामान्यतया जो रसायन उपयोग में लेते हैं, वह है –
(अ) नाइट्रोजन गैस
(ब) विरजक चूर्ण
(स) पोटाश
(द) खाने का सोडा ।
उत्तर:
(ब) विरजक चूर्ण

4. ओजोन की परत का क्षरण करने वाला कारक है
(अ) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
(ब) कार्बन डाईऑक्साइड
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन
(द) फ्लोरीन ।
उत्तर:
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन

5. वायु में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग है –
(अ) 78%
(ब) 21%
(स) 1%
(द) 100%.
उत्तर:
(ब) 21%

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) वायु में कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन की मात्रा आयतन के अनुसार क्रमशः ……………. , ………. तथा ………… है।
(ख) कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड प्रमुख ………….. हैं।
(ग) नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल का वर्षा के साथ पृथ्वी पर आना ……………. कहलाता है।
(घ) पौधा घर प्रभाव के लिए उत्तरदायी मुख्य गैस ……………. है।
(ङ) गंगा कार्य परियोजना को सन् ………… में प्रारम्भ किया गया।
उत्तर:
(क) 0.3%,21%,78%
2. वायु प्रदूषक
3. अम्ल वर्षा
4. कार्बन डाईऑक्साइड
5. 1985

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
1. CFCS (क) जल प्रदूषण
2. CNG (ख) पर्यावरण संरक्षण
3. कागज उद्योग (ग) अम्ल वर्षा
4. तीन – R (घ) वायु प्रदूषण
5. ताजमहल क्षरण (ङ) प्रदूषण रहित इंधन

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
1. CFCS (घ) वायु प्रदूषण
2. CNG (ङ) प्रदूषण रहित इंधन
3. कागज उद्योग (क) जल प्रदूषण
4. तीन – R (ख) पर्यावरण संरक्षण
5. ताजमहल क्षरण (ग) अम्ल वर्षा

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सत्य / असत्य कथन

(क) कार्बन डाईऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, जलवाष्प प्रमुख पौधा घर गैसें हैं।
(ख) नाइट्रोजन गैस वैश्विक ऊष्णन का प्रमुख कारक है।
(ग) CFCs का उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एयरकण्डीशनरों तथा ऐरोसॉल फुहार में होता है।
(घ) पेट्रोलियम ईंधनों जैसे- पेट्रोल, डीजल तथा कोयले के जलने से हानिकारक वायु प्रदूषक उत्पन्न होते है।
(ङ) वन महोत्सव जुलाई माह में मनाया जाता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(घ) सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्मोग क्या है ?
उत्तर:
धुओं और धुंध का मिश्रण स्मोग कहलाता है।

प्रश्न 2.
सूर्य की विकिरणों को पकड़कर पर्यावरण को गर्म करने वाली गैस कौन-सी है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड ।

प्रश्न 3.
रक्त में ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली गैस का नाम लिखिए ।
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड ।।

प्रश्न 4.
जलवाहक रोगों के उदाहरण लिखिए ।
उत्तर:
पीलिया, हैजा, टाइफाइड ।

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प्रश्न 5.
वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा रेडियोएक्टिव कचरा ।

प्रश्न 6.
ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती

प्रश्न 7.
साफ ईंधनों के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) |

प्रश्न 8.
कौन-सा रोग वायु प्रदूषण के कारण फैलता है?
उत्तर:
श्वसन सम्बन्धी रोग । जैसे – अस्थमा ।

प्रश्न 9.
वाहनों के द्वारा कौन-सी गैसें उत्सर्जित होती हैं?
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, धुआँ इत्यादि ।

प्रश्न 10.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन का क्या दुष्प्रभाव है?
उत्तर:
यह ओजोन परत को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 11.
भीड़-भाड़ वाली सड़कों से गुजरते वक्त आपको प्रायः खाँसी आ जाती है, क्यों? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वाहनों से निकले धुएँ एवं सड़कों पर उड़ने वाले धूल-कणों के हमारे श्वसन तंत्र में पहुँचने के कारण खाँसी उत्पन्न होती है।

प्रश्न 12.
अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों, धुआँ उगलते ईंटे के भट्टों एवं फैक्ट्रियों के पास से होकर गुजरने पर आपको क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दम घुटना, सांस लेने में कठिनाई, आँखों में जलन, चिड़चिड़पन आदि।

प्रश्न 13.
श्वसन समस्याओं के दिन-प्रतिदिन बढ़ने का क्या कारण है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन बढ़ता वायु प्रदूषण।

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प्रश्न 14.
आयु किस प्रकार वायु प्रदूषण को करने में सहभागिता कर सकते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(i) वृक्षारोपण करके। (ii) धुआँ उत्पन्न करने वाले ईंधनों पर निर्भरता कम करके।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु के संघटक क्या हैं ?
उत्तर:
वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इसमें 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन उपस्थित है । इसमें 1% अन्य गैसें जैसे कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जल-कण, आर्गन, मैथेन, ओजोन आदि उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 2.
‘गर्म जल भी एक प्रदूषक है।’ इस वाक्य की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
गर्म जल भी एक प्रदूषक है : यह वाक्य निःसंदेह सत्य है । यह जल अधिकांशत: विद्युत संयंत्रों तथा उद्योगों से निष्काषित होने के पश्चात् नदियों में बहाया जाता है। यह जल जलाशयों के ताप में वृद्धि कर देता है, जिससे जल में रहने वाले पौधे व जीव-जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
‘धूम-कोहरा’ मानव मात्र को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
धूम-कोहरा- सर्दियों में वायुमण्डल में धुंध और धुएँ की मोटी परत कोहरा बनाती है जिसे धूम कोहरा कहते धुएँ में नाइट्रोजन ऑक्साइड उपस्थित हो सकते हैं । जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे के संयोग से धूम कोहरा बनाते हैं। इसके कारण मनुष्यों में रोग उत्पन्न हो सकते हैं । दमा, खाँसी तथा बच्चों में सांस के साथ घरघराहट मुख्य बीमारियाँ हैं।

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प्रश्न 4.
वायु प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से हैं ? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण : अपद्रव्यों द्वारा वायु का ऐसा संदूषण है जिसका हानिकारक प्रभाव सजीव एवं निर्जीव दोनों पर हो सकता है।
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत :
(1) वाहनों से निकलने वाला धुआँ ।
(2) उद्योगों जैसे – कागज उद्योग, स्टील उद्योग, रसायन उद्योग ।
(3) पेट्रोलियम परिष्करण शालाओं से निकलने वाला धुआँ ।
(4) वनस्पति का कम होना ।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय-
(1) वाहनों में ईंधनों के लिये पूर्ण ज्वलनशील इंधनों जैसे डीजल आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि हानिकारक उत्पादन बनें।
(2) ज्वलनशील व्यर्थ ठोस भट्टियों में जलाना चाहिए।
(3) वनस्पति अधिक लगाना चाहिये तथा उसे अनावश्यक नहीं जलाना चाहिए ।

प्रश्न 5.
ओजोन परत के कम होने का क्या कारण है ? ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्बन के द्वारा वायुमंडल की ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो जाती है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है। यह पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यन्त हानिकारक है। जैसे – यह गैस मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है।

प्रश्न 6.
कुछ प्रमुख प्रदूषकों के नाम, उनके स्रोतों तथा उनके प्रभावों की सूची बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी

वायु प्रदूषक स्रोत प्रभाव
1. SO2, NO2 उद्योग अम्लीय वर्षा
2. CO, CO2 ईंधन का विश्व ऊष्यन
3. धूल व धुएँ अपूर्ण दहन अस्थमा

प्रश्न 7.
अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है ? इसके हानिकारक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
वायु में जब नाइट्रोजन तथा सल्फर के ‘ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वे वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमशः नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पूर्वी पर नीचे आते हैं, इसलिए इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्लीय वर्षा के कारण ऐतिहासिक स्मारकों भवनों आदि का संक्षारण हो जाता है। धरती की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है तथा अन्ततः यह बंजर भी हो सकती है।

प्रश्न 8.
पीने योग्य जल के गुण क्या हैं?
उत्तर:
(1) यह पारदर्शी, रंगहीन तथा गंधहीन होता है।
(2) इसमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली होती है।
(3) यह हानिकारक रसायनों एवं जीवाणुओं से मुक्त होता

प्रश्न 9.
जल को पीने योग्य किस प्रकार बनाते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
जल को पीने योग्य बनाने के लिए निम्न क्रियाविधि अपनानी चाहिए-
(1) जल को फिल्टर कर लें ।
(2) जल को उबालकर भी जीवाणुमुक्त करना चाहिए।
(3) जल को क्लोरीनीकरण द्वारा भी शुद्ध करना चाहिए।
इसके लिए विरंजक चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
प्रदूषित जल से होने वाले तीन प्रभावों को बताइए।
उत्तर:
(1) दूषित जल पीने से उदर रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड आदि हो जाते हैं ।
(2) तेलीय प्रदूषण के कारण मछलियों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन नही मिलती तथा वे बडी संख्या में मृत होने लगती हैं।
(3) विषाणु, जीवाणुयुक्त, तथा नील-हरे शैवालों से युक्त प्रदूषित जल को पीने से पालतू पशुओं में अनेक रोग हो जाते हैं।

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प्रश्न 11.
जल प्रदूषण को किस प्रकार नियन्त्रित किया जाता है?
उत्तर:
(1) कारखानों से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट पदार्थों एवं गर्म जल को जलाशयों, नदियों तथा समुद्रों में नही गिराना चाहिए ।
(2) कीटनाशकों का प्रयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उस खेत का जल पीने वाले जलाशयों में बहकर न जाए।
(3) कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों को उपचारित करके ही नदियों में गिराया जाना चाहिए।

प्रश्न 12.
जल की बचत के लिए क्या-क्या उपाय कर सकते हैं।
उत्तर:
जल एक अनमोल संसाधन है। इसका उपयोग अत्यन्त समझदारी से करना चाहिए। इसके लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं-
(1) जल को व्यर्थ में बहाना नहीं चाहिए, उपयोग न होने पर नल को तुरन्त बंद कर देना चाहिए ।
(2) हमें जल को उपयोग करते समय तीन उपयोगों कम उपयोग (Reduce) पुनः उपयोग (Reuse), पुनः चक्रण (Recycle) को ध्यान में रखना चाहिये ।
(3) घरों में सब्जियों को धोने के लिए प्रयुक्त जल का उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है ।
(4) वर्षा जल को संग्रहित किया जा सकता है।

प्रश्न 13.
यदि हम प्रदूषित जल पिएँ तो क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जो पेयजल हमें देखने में स्वच्छ लगता है, उसमें ”रोगवाहक सूक्ष्मजीव तथा अपद्रव्य मिले होते हैं, ये हमारे शरीर में पहुंचकर स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं, इसलिए जल को पीने योग्य बनाने के लिए उसे फिल्टर करके या उबालकर पीना चाहिए । घर में उपयोग करने वाले जल को उबालना या फिल्टर करना चाहिए, ऐसा करने से उसमें उपस्थित जीवाणु समाप्त हो जाते हैं । प्रदूषित जल पीने से शरीर रोगी बन जाएगा, हैजा, टाइफाइडे, पीलिया आदि जैसे रोग हो सकते हैं।

प्रश्न 14.
नल तालाब, नदी, कुएँ तथा झील के जल के नमूनों को एकत्र करने का प्रयास कीजिए प्रत्येक को काँच के अलग-अलग बर्तनों में उड़ेलिए इनकी गंध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

स्थान जहाँ से जल लिया गया है गंध अम्लीयता रंग
नल का जल
तालाब का जल
नदी का जल
कुएँ का जल
झोल का जल

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से है?
उत्तर:
जल प्रदूषण :
जल में विषाक्त पदार्थ जैसे – कारखानों का अपशिष्ट उत्पाद, रासायनिक पदार्थ, वाहित मल, कूड़ा-करकट आदि के मिलने से जल दूषित हो जाता है । इसे जल प्रदूषण कहते हैं।

जल प्रदूषण के कारक :
(अ) घरेलू अपशिष्ट –

  • मानव और जन्तुओं का मल-मूत्र.
  • अपमार्जक,
  • जीवाणु,
  • जैविक पदार्थ (खाद्य पदार्थ) ।

(ब) औद्योगिक अपशिष्ट : उद्योगों से निकलने वाली हानिकारक धातुएँ जैसे – पारा, सौसा, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक, जिन्हें अपनदी, तालाबों या अन्य जल स्रोतों में प्रवाहित किया जाता है तो जल-प्रदूषित हो जाता है।

(स) जल-ऊष्मा :
मानव के क्रियाकलापों द्वारा पानी के ताप की वृद्धि जल-ऊष्मा कहलाती है। ऊष्मीय शक्तिधर आदि गर्म जल जलाशयों में बहा देते हैं जिससे जलाशयों का जल अचानक गर्म हो जाता है और जलीय जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

(द) पीड़कनाशी और उर्वरक : खेतों से पानी अपने साथ उर्वरक, पीड़कनाशी, कीटनाशी आदि कई रसायन जलाशयों तक बहा ले जाता है। डीडीटी जैसे पीड़कनाशी अनिम्नीकरण । पदार्थ हैं। यह भी जल प्रदूषण के कारक हैं।

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वायु तथा जल का प्रदूषण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ वायु प्रदूषण (Air pollution) : अशुद्धियों का वायु में मिलकर उसे प्रदूषित करना ।

→ प्रदूषक (Pollutants) : पदार्थ जो वायु और जल को संदषित करते हैं ।

→ मिलावट (Contamination) : जहरीले पदार्थों और सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति, जिससे मानव में रोग उत्पन्न होते

→ पेयजल (Potable water) : पीने योग्य शुद्ध जल ।

→ वैश्विक उष्णन (Global warming) : वायु में CO2 तथा अन्य कुछ गैसों की मात्रा में वृद्धि होने के कारण वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं ।

→ पौधा घर प्रभाव (Green House effect) : वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड परत द्वारा ऊष्मीय प्रभाव वाली अवरक्त किरणों के प्रगृहीत (trap) होने के कारण वायुमंडल के गर्म हो जाने को पौधाघर प्रभाव कहते हैं।

→ अम्ल वर्षा (Acid rain) : वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइटोजन डाइऑक्साइड गैसें वायमंडल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं । ये वर्षा को अम्लीय बनाकर बारिश के साथ पृथ्वी पर बरसते हैं । इसे अम्ल वर्षा कहते हैं ।

→ जल प्रदूषण (Water Pollution) : जल में होने वाले अवांछित परिवर्तन जिससे वह प्रयोग हेतु नहीं रहता।

→ रिड्यूस (Reduce) : अपशिष्ट उत्पन्न करने वाले साधनों का कम से कम उपयोग करना।

→ रियूज (Reuse) : किसी वस्तु का बार-बार विभिन्न प्रकार से उपयोग करना।

→ रिसाइकल (Recycle) : किसी वस्तु के चक्रीकरण द्वारा पुन: उपयोग हेतु बनाना।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

HBSE 8th Class Science तारे एवं सौर परिवार InText Questions and Answers

पहेली बुझो

(पृष्ठ संख्या – 216)

प्रश्न 1.
चन्द्रमा अपनी आकृति में प्रतिदिन परिवर्तन क्यों करता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा अपने पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की ओर परावर्तित कर देता है । इसीलिए हम चन्द्रमा के उसी भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुंचता है ।

(पृष्ठ संख्या – 218)

प्रश्न 2.
मैंने सुना है कि हम पृथ्वी से चन्द्रमा के पीछे की ओर के भाग को कभी नहीं देखते । क्या यह सही है ?
उत्तर:
हाँ । यह सही है।

प्रश्न 3.
क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं?
उत्तर:
नहीं । ध्वनि संचरण के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है । चन्द्रमा पर कोई वायुमण्डल उपस्थित नहीं है, इसलिए चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुनाई नहीं देता है ।

(पृष्ट संख्या – 220)

प्रश्न 4.
मैं यह जानना चाहता हूँ कि हम दिन के समय तारों को क्यों नहीं देख पाते । वे हा रात में ही क्यों दिखाई देते हैं ?
उत्तर:
तारे दिन के समय भी आकाश में स्थित होते हैं, परन्तु सूर्य के तीव्र प्रकाश के कारण वे हमें दिखाई नहीं देते।

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(पृष्ठ संख्या – 221)

प्रश्न 5.
मेरे बावाजी ने मुझे बताया था कि आकाश में एक ऐसा तारा है जो एक ही स्थान पर स्थिर विखाई देता है । यह कैसे सम्भव होता है ?
उत्तर:
एक ऐसा तारा ध्रुव तारा है जो पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। यह गति करता हुआ प्रतीत नहीं होता।

(पृष्ठ संख्या – 226)

प्रश्न 6.
सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर क्यों नहीं होती?
उत्तर:
ग्रह केवल अपनी कक्षा में ही गति करते हैं । इस कारण सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर नहीं होती।

(पृष्ठ संख्या – 226)

प्रश्न 7.
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है । क्या इस कारण से पृथ्वी सूर्य का उपग्रह है
उत्तर:
सामान्यतः तारों (सूर्य) की परिक्रमा करने वाले पिण्ड को ग्रह कहते हैं । ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिण्डों को उपग्रह कहते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 227)

प्रश्न 8.
क्या शुक्र पर सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता होगा ?
उत्तर:
शुक्र ग्रह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूर्णन करता है । अत: वहाँ सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता है।

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(पृष्ठ संख्या – 228)

प्रश्न 9.
यदि मेरी आयु 13 वर्ष है तो मैंने सूर्य की कितनी परिक्रमा कर ली है?
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा एक वर्ष में करती है। इस प्रकार 13 वर्ष की आयु पर मैंने सूर्य की 13 परिक्रमा कर ली हैं।

HBSE 8th Class Science प्रकाश Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1-3 में सही उत्तर का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन सौर परिवार का सदस्य नहीं है ?
(क) क्षुदग्रह
(ख) उपग्रह
(ग) तारामण्डल
(घ) धूमकेतु ।
उत्तर:
(ग) तारामण्डल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन सूर्य का ग्रह नहीं है?
(क) सीरियस
(ख) बुध
(ग) शनि
(घ) पृथ्वी ।
उत्तर:
(क) सीरियस

प्रश्न 3.
चन्द्रमा की कलाओं का घटने का कारण यह है कि
(क) हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।
(ख) हमारी चन्द्रमा से दूरी परिवर्तित होती रहती है ।
(ग) पृथ्वी की छाया चन्द्रमा के पृष्ठ के केवल कुछ भाग को ही हुँकती है।
(घ) चन्द्रमा के वायुमण्डल की मोटाई नियत नहीं है ।
उत्तर:
(क) हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) सूर्य से सबसे अधिक दूरी वाला ग्रह …………… है।
(ख) वर्ण में रक्ताभ प्रतीत होने वाला ग्रह …………… है।
(ग) तारों के ऐसे समूह को जो कोई पैटर्न बनाता है …………… कहते हैं।
(घ) ग्रह की परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंड को …………… कहते हैं।
(ङ) शूटिंग स्टार वास्तव में …………… नहीं है।
(च) क्षुद्रग्रह …………… तथा …………… की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं।
उत्तर:
(क) नेप्च्यून
(ख) मंगल
(ग) तारामण्डल
(घ) उपग्रह
(ङ) तारे
(च) मंगल, बृहस्पति ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों पर सत्य (T) अथवा असत्य (F) अंकित कीजिए –
(क) ध्रुवतारा सौर परिवार का सदस्य है।
(ख) बुध सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है ।
(ग) यूरेनस सौर परिवार का दूरतम ग्रह है।
(घ) INSAT एक कृत्रिम उपग्रह है।
(ङ) हमारे सौर परिवार में नौ ग्रह हैं।
(च) ‘ओरॉयन’ तारामण्डल केवल दूरदर्शक द्वारा देखा जा सकता है।
उत्तर:
(क) ध्रुवतारा सौर परिवार का सदस्य है। (F)
(ख) बुध सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है । (T)
(ग) यूरेनस सौर परिवार का दूरतम ग्रह है। (T)
(घ) INSAT एक कृत्रिम उपग्रह है। (T)
(ङ) हमारे सौर परिवार में नौ ग्रह हैं। (F)
(च) ‘ओरॉयन’ तारामण्डल केवल दूरदर्शक द्वारा देखा जा सकता है। (F)

प्रश्न 6.
स्तम्भ ‘अ’ के शब्दों का स्तम्भ ‘ब’ के एक या अधिक पिंड या पिंडों के समूह से उपयुक्त मिलान कीजिए-

स्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ ‘ब’
(क) आंतरिक ग्रह (a) शनि
(ख) बाह्य ग्रह (b) ध्रुवतारा
(ग) तारा मण्डल (c) सप्तऋषि
(घ) पृथ्वी के उपग्रह (d) चन्द्रमा
(e) पृथ्वी
(f) ओरॉयन
(g) मंगल

उत्तर:

स्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ ‘ब’
(क) आंतरिक ग्रह (g) मंगल, (e) पृथ्वी
(ख) बाह्य ग्रह (a) शनि
(ग) तारा मण्डल (c) सप्तऋषि, (f) ओरॉयन
(घ) पृथ्वी के उपग्रह (d) चन्द्रमा

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प्रश्न 7.
यदि शुक्र सांध्य तारे के रूप में दिखाई दे रहा है तो आप इसे आकाश के किस भाग में पाएंगे?
उत्तर:
आकाश के पश्चिम भाग में पाएंगे।

प्रश्न 8.
सौर परिवार के सबसे बड़े ग्रह का नाम लिखिए।
उत्तर:
बृहस्पति ।

प्रश्न 9.
तारामण्डल क्या होता है ? किन्हीं दो तारामण्डलों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
तारों के वे समूह जो पहचानने योग्य आकृति बनाते हैं, उन्हें तारामण्डल कहते हैं ।
प्रमुख तारामण्डलों के नाम निम्न हैं-
(क) लिओमेजर
(ख) ओरॉयन
(ग) सप्तऋषि (ग्रेट बीयर)
(घ) कैसियोपिया ।

प्रश्न 10.
सप्तर्षि तथा ओरॉयन तारामण्डल के प्रमुख तारों की आपेक्षिक स्थितियाँ दर्शाने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -1

प्रश्न 11.
ग्रहों के अतिरिक्त सौर परिवार के अन्य दो सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
उल्का, धूमकेतु।

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प्रश्न 12.
व्याख्या कीजिए कि सप्तऋषि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति आप कैसे ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -2
आकाश में सप्तऋषि तारामण्डल एक निश्चित बिन्दु के चारों ओर घूर्णन करता प्रतीत होता है । यह बिन्दु एक तारा है जिसे ध्रुव तारा कहते हैं । यह तारा स्थिर प्रतीत होता है क्योंकि यह पृथ्वी के घूर्णन के कारण अन्य तारे, ध्रुव तारे के चारों ओर घूर्णन करते प्रतीत होते हैं। ऊपर दी गई व्यवस्था में सप्तऋर्षि रात्रि में प्रत्येक तीन व्यवस्था में नजर आता है किन्तु ध्रुव तारा एक निश्चित अवस्था में दिखाई देता है।

प्रश्न 13.
क्या आकाश में सारे तारे गति करते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, सारे तारे गति नहीं करते। उदाहरणस्वरूप ध्रुव तारा अन्य तारों के समान गति नहीं करता है।

प्रश्न 14.
तारों के बीच की दूरियों को प्रकाश वर्ष में क्यों व्यक्त करते हैं ? इस कथन से क्या तात्पर्य है कि कोई तारा पृथ्वी से आठ प्रकाश वर्ष दूर है?
उत्तर:
पृथ्वी तथा तारों के बीच की दूरियाँ मिलियन अथवा बिलियन किलोमीटर से भी अधिक हैं, इस कारण इनको किलोमीटर में लिखना मुश्किल है । इसलिए एक बड़े प्रकाश वर्ष मात्रक से तारों के बीच की दूरियों को व्यक्त करते हैं । प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी प्रकाश वर्ष कहलाती है।
जब एक तारा 8 प्रकाश वर्ष दूर है तो इसका अर्थ यह है कि प्रकाश अपने वेग 3 × 10<sup>8</sup> m/s से 8 साल में पृथ्वी तक उस तारे से पहुँचेगा।
1 प्रकाश वर्ष = 9.46 × 1015 मीटर
8 प्रकाश वर्ष = 8 × 9.46 × 1015 मीटर
= 75.6 × 1015 मीटर
अर्थात् तारा पृथ्वी से 75.6 × 1016 मीटर की दूरी पर है।

प्रश्न 15.
बृहस्पति की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या की 11 गुनी है । बृहस्पति तथा पृथ्वी के आयतनों का अनुपात परिकलित कीजिए । बृहस्पति में कितनी पृथ्वियाँ समा सकती हैं ?
उत्तर:
माना कि पृथ्वी की त्रिज्या = r
प्रश्नानुसार बृहस्पति की त्रिज्या = 11r मीटर
पृथ्वी का आयतन : बृहस्पति का अनुपात
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -3
अत: बृहस्पति में लगभग 1300 पृथ्वियाँ समा सकती हैं।

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प्रश्न 16.
बूझो ने सौर परिवार का निम्नलिखित आरेख खींचा । क्या यह आरेख सही है ? यदि नहीं तो इसे संशोधित कीजिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -3
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार -5

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से आन्तरिक ग्रह है –
(अ) शक्र
(ब) शनि
(स) बृहस्पति
(द) यूरेनस ।
उत्तर:
(अ) शक्र

2. सूर्य से निकटतम ग्रह है
(अ) शुक्र
(ब) बुध
(स) शनि
(द) मंगल ।
उत्तर:
(ब) बुध

3. भारत का प्रथम कृत्रिम उपग्रह है
(अ) इन्सै ट – I
(ब) I.R.S. – I
(स) कल्पना – I
(द) आर्यभट्ट ।
उत्तर:
(द) आर्यभट्ट ।

4. सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है
(अ) शनि
(ब) बृहस्पति
(स) मंगल
(द) बुध ।
उत्तर:
(ब) बृहस्पति

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) उस दिन को जब चन्द्रमा की पूर्ण चक्रिका दिखाई देती है ……………… कहते हैं।
(ख) पहचाने जाने योग्य आकृतियों वालें तारों के समूह को ……………… कहते हैं।
(ग) ………………. तारामण्डल की आकृति बड़ी कलछी या प्रश्न चिन्ह जैसी प्रतीत होती है।
(घ) सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिण्डों से मिलकर ……………… बना है।
उत्तर:
(क) पूर्णिमा
(ख) तारामण्डल
(ग) ग्रेट बीयर
(घ) सौर परिवार।

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
1. सूर्य (क) परिक्रमण पथ
2. पृथ्वी (ख) धूमकेतु
3. कक्षा (ग) तारा
4. हेली (घ) कृत्रिम उपग्रह
5. आर्यभट्ट (ङ) ग्रह

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
1. सूर्य (ग) तारा
2. पृथ्वी (ङ) ग्रह
3. कक्षा (क) परिक्रमण पथ
4. हेली (ख) धूमकेतु
5. आर्यभट्ट (घ) कृत्रिम उपग्रह

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सत्य / असत्य कथन

(क) रात्रि के आकाश में सबसे प्रदीप्त पिण्ड मंगल है।
(ख) पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के कारण चन्द्रमा की कलाएँ बनती हैं।
(ग) सूर्य हमारे सौर मण्डल का सबसे बड़ा प्रदीप्त पिण्ड
(घ) बुध सौर मण्डल का सबसे छोटा तथा सूर्य का निकटतम ग्रह है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी से सूर्य की दूरी कितनी है ?
उत्तर:
किलोमीटर !

प्रश्न 2.
सूर्य के ग्रहों के नाम उनकी दूरी के अनुसार लिखिए।
उत्तर:
सौर परिवार के ग्रह : बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, तथा नेप्च्यून ।

प्रश्न 3.
विभिन्न मौसमों में कौन-सा ग्रह रंग बदलता है?
उत्तर:
मंगल ग्रह ।

प्रश्न 4.
‘प्रकाश वर्ष’ क्या है?
उत्तर:
प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को प्रकाश वर्ष कहते हैं।

प्रश्न 5.
‘ग्रह’ की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर:
वे ठोस आकाशीय पिण्ड जो सूर्य के चारों ओर अण्डाकार पथ में चक्कर लगाते हैं, ग्रह कहलाते हैं ।

प्रश्न 6.
किस कारण ध्रुव तारा विशिष्ट है?
उत्तर:
यह उत्तर दिशा को दर्शाता है तथा यह स्थिर रहता है, अन्य तारे इसके चारों ओर परिक्रमा लगाते नजर आते हैं।

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प्रश्न 7.
हैले धूमकेतु कब देखा गया ?
उत्तर:
सन् 1986 में ।

प्रश्न 8.
पृथ्वी के सबसे निकटतम कौन-सा ग्रह है?
उत्तर:
मंगल ग्रह ।

प्रश्न 9.
सूर्य के सबसे निकटतम तथा दूरस्थ ग्रह कौन-सा
उत्तर:
निकटतम ग्रह बुध तथा दूरस्थ ग्रह नेप्च्यून है ।

प्रश्न 10.
कृत्रिम उपग्रहों के कोई दो उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रहों के उपयोग – सुदूर संवेदन तथा अनुसंधान, संचार के लिए ।

प्रश्न 11.
चन्दमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करने में कितने घूर्णन पूर्ण करता है?
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करने में एक घूर्णन पूर्ण करता है।

प्रश्न 12.
किसी बड़े कमरे के बीच में खड़े होकर घूर्णन कीजिए। कमरे में रखी वस्तुएँ किस दिशा में गति करती प्रतीत होती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हमारी गति की विपरीत दिशा में।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि पृथ्वी सौरमण्डल का अनोखा ग्रह है?
उत्तर:
जीवन के लिये आवश्यक ऑक्सीजन और जल पृथ्वी में उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध है। पृथ्वी का तापमान भी जीवन के लिए उचित है। इसके चारों तरफ ओजोन परतें हैं, ये परतें सजीवों को सूर्य की हानिकारक विकिरणों से बचाती हैं ! इसलिय पृथ्वी पर जीवन संभव है । इसी कारण पृथ्वी नारमाटान का अनोखा ग्रह है।

प्रश्न 2.
तारे तथा ग्रह में क्या अन्तर है?
उत्तर:
तारे तथा ग्रह में निम्नलिखित अन्तर हैंतारे –
(1) तारे असंख्य होते हैं ।
(2) तारे टिमटिमाते हैं ।
(3) तारों का आकार बड़ा होता है, किन्तु ये पृथ्वी से अधिक दूर होने के कारण छोटे दिखाई देते हैं ।
(4) तारों का अपना प्रकाश होता है।

ग्रह –
(1) मुख्य ग्रह केवल नौ हैं ।
(2) ग्रह टिमटिमाते नहीं हैं।
(3) ग्रह तारों की अपेक्षा काफी छोटे होते हैं।
(4) ग्रहों का अपना प्रकाश नहीं होता । ग्रह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने के कारण चमकते हैं।

प्रश्न 3.
तारा और उल्का तारा में अंतर लिखिए –
उत्तर:
तारा तथा उल्का तारा में निम्नलिखित अन्तर हैं –
तारा –
(1) तारों का आकार बहुत बड़ा होता है ।
(2) तारा गर्म गैसों जैसे- हाइड्रोजन और हीलियम से बनता है ।
(3) यह नाभिकीय क्रियाओं के कारण प्रकाश उत्सर्जित करता है।

उल्का तारा –
(1) टूटता तारा आकार में धूलकण से भी छोटा हो सकता है ।
(2) टूटता तारा चट्टानों और धातु कणों से बनता है।
(3) यह वायुमंडल में घर्षण के कारण उत्पन्न ऊर्जा से दीप्त होता है।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक उपग्रह तथा कृत्रिम उपग्रह के बीच अंतर लिखिए ।
उत्तर:
प्राकृतिक उपग्रह तथा कृत्रिम उपग्रह में अन्तर निम्न प्रकार हैंप्राकृतिक उपग्रह-
(1) इन उपग्रहों में अन्वेषण कार्य की कोई व्यवस्था नहीं होती ।
(2) ये उपग्रह, ग्रहों से निकले हुए पदार्थों से बनते हैं।

कृत्रिम उपग्रह –
(1) इन उपग्रहों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए अन्वेषण कार्य किया जा सकता है ।
(2) इनका निर्माण मानव ने किया है।

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प्रश्न 5.
तारामण्डल कैसियोपिया के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
उत्तरी आकाश में एक प्रमुख तारामण्डल कैसिसोपिया है, जो सर्दियों में रात्रि के प्रथम प्रहर में दिखाई देता है। यह अंग्रेजी के अक्षर अथवा M के बिगड़े रूप जैसा दिखाई देता है।

प्रश्न 6.
ध्रुव तारे को छोड़कर सभी तार पूर्व से पश्चिम की ओर चलते प्रतीत होते हैं। कारण दीजिए ।
उत्तर:
पृथ्वी अपनी अक्ष पर घूमती है इसके कारण आकाश में तारों की आभासी गति होती है । पृथ्वी अपनी अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर घूमती है जिसके कारण हमें आकाश के तारे उसकी विपरीत दिशा में (पूर्व से पश्चिम की ओर) चलते प्रतीत होते हैं। ध्रुव तारा हमें आकाश में स्थिर इस कारण दिखाई पड़ता है कि वह पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के ठीक ऊपर होता है जो सदैव एक ही जगह पर रहती है और समय के साथ परिवर्तित नहीं होती।

प्रश्न 7.
धूमकेत के बारे में बताइए।
उत्तर:
धूमकेतु भी सौर परिवार का सदस्य है, ये अत्यन्त परवलीय कक्षाओं में सर्य की परिक्रमा करते हैं परन्त इनका सूर्य के परितः शक्रमः कान सामान्यतः काफी ज्यादा होता है । धूमकेतु चमकीले सिर व लम्बी पूंछ वाले होते हैं तथा पूँछ सदैव ही सूर्य से दूर की ओर होती है । बहुत से धूमकेतु ज्ञात हैं जो कि निश्चित समय अंतराल के उपरान्त दिखाई देते हैं । हैले धूमकेतु लगभग 76 वर्ष के अंतराल में दिखाई देता है, इसे सन् 1986 में पिछली बार देखा गया था ।

प्रश्न 8.
क्षुद्रग्रह क्या हैं ?
उत्तर:
मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच बहुत बड़ा अन्तराल है, इस अन्तराल को बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे पिंडों ने घेर रखा है जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इन्हें छुद्रग्रह कहते हैं। इन्हें केवल बड़े दूरदर्शकों द्वारा ही देखा जा सकता है।

प्रश्न 9.
ओरॉयन तारामण्डल के बारे में बताइए ।
उत्तर:
यह तारा मण्डल सर्दियों में मध्य रात्रि में देखा जा सकता है इसमें सात अथवा आठ चमकीले तारे होते हैं यह आकाश में सर्वाधिक भव्य तारामण्डलों में गिना जाता है। ओरॉयन को शिकारी भी कहते हैं । इसके तीन मध्य के तारे शिकारी की बेल्ट (पेटी) को निरूपित करते हैं। चार चमकीले तारे चतुर्भुज के रूप में दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
आकाश के किस भाग में तथा वर्ष के किस समय में निम्नलिखित तारे तथा तारामण्डल विखाई देते हैं? सप्तऋषि, ध्रुव तारा ।
उत्तर:
(1) सप्तऋषि – सप्तऋषि तारामण्डल ग्रीष्मकाल में आकाश के उत्तरी भाग में दिखाई देता है। इस तारामण्डल को ‘बिग डिपर’, ग्रेट बीयर’ भी कहते हैं । इसमें सात सुस्पष्ट तारे होते हैं । यह बड़ी कलछी अथवा प्रश्नचिन की भाति प्रतीत होता है । इस कलछी की हत्थी में तीन कटोरी में चार तारे होते हैं।
(2) ध्रुव तारा – ध्रुव तारा सारे वर्ष ही दिखाई देता है और वह आकाश में पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव (Northpole) : के ठीक ऊपर होता है।

प्रश्न 11.
कृत्रिम उपग्रह क्या हैं? इनके क्या उपयोग है?
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह – ये मानव निर्मित उपग्रह होते हैं। इनका प्रमोचन पृथ्वी से किया जाता है । ये पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा की तुलना में कहीं अधिक निकट रहकर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। भारत ने बहुत से पग्रहों का निर्माण तथा प्रमोचन किया है। आर्यभट्ट भारत का प्रथम उपग्रह था । कुछ अन्य भारतीय उपग्रह इन्सैट (INSAT), IRS, कल्पना-1, EDUSAT आदि
उपयोग – कृत्रिम उपग्रहों का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, रेडियो तथा टेलीविजन संकेतों के प्रेषण में किया जाता है ! इनका उपयोग दूरसंचार तथा सुदूर संवेदन के लिए भी होता है।

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प्रश्न 12.
मंगलयान पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत का पहला मंगल कक्षित्र (ऑर्बिटर) मिशन-मंगलयान, 5 नवम्बर 2013 को प्रक्षेपित किया। यह 24 सितम्बर 2014 को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुँच गया।
इस प्रकार भारत अपने प्रथम प्रयास में ही इस कार्य को करने वाला विश्व का प्रथम देश बना।

प्रश्न 13.
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिन क्या हैं? चन्द्रमा की कलाएँ क्या होती हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब चन्द्रमा की पूर्ण चक्रिका दिखाई देती है, उस दिन को पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा के पश्चात् प्रत्येक रात्रि को चन्द्रमा का चमकीला भाग घटता चला जाता है। पन्द्रहवें दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता। यह दिन अमावस्या कहलाता है। अगले दिन चन्द्रमा का एक छोटा भाग आकाश में दिखाई देता है, इसे बालचन्द्र कहते हैं। इसके पश्चात् फिर प्रतिदिन चन्द्रमा बड़ा होता जाता है। पन्द्रहवें दिन एक बार फिर से हम चन्द्रमा का पूरा दृश्य देखते हैं। पूरे माह तक दिखने वाले चन्द्रमा के प्रदीप्त भाग की विभिन्न आकृतियों को चन्द्रमा की कलाएँ कहते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सीरियस क्या है? इनका प्रेक्षण कैसे करोगे?
उत्तर:
सीरियस : आकाश में उपस्थित अधिक चमकीला तारा सीरियस (लुब्धक) औरॉयन के निकट दिखाई देता है। सीरियस का प्रेक्षण : सीरियस को ढूंढने के लिए ओरॉयन के मध्य के तीन तारों से गुजरने वाली रेखा की कल्पना कीजिए तथा इसके अनुदिश पूर्व दिशा की ओर देखिए । इस रेखा के अनुदिश एक अत्यन्त चमकीला तारा स्पष्ट नजर आता है । यह सीरियस है।

प्रश्न 2.
उल्का को परिभाषित कीजिए । यह पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने पर क्यों जल जाती है ? यदि उल्का जले बगैर पृथ्वी पर गिर जाए तो क्या होगा । स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उल्का : वे आकाशीय पिण्ड जिन्हें हम एक क्षण के लिए रात के समय आकाश में प्रकाश की एक चमकती हुई लकीर के रूप में देखते हैं।
जलने का कारण : ये वायुमंडल में प्रवेश करते समय घर्षण के कारण जल जाते हैं । यदि ये नहीं जलते हैं तो उल्का पिण्ड के रूप में पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं तथा ज्वालामुखी व अन्य अधिक बड़े पैमाने के विनाश को उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 3.
सौर परिवार क्या है ? सूर्य एवं इसके सौर परिवार का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
सौर परिवार- सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों द्वारा मिलकर सौर परिवार बनता है । सूर्य के सौर परिवार में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार इनके क्रम इस प्रकार हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून । इनके विवरण निम्नवत् हैं –
(1) बुध – यह सौर परिवार का बसे छोटा ग्रह है तथा यह सूर्य के बहुत निकट है । इसे सूर्योदय के तुरन्त पहले अथवा सूर्यास्त के तुरन्त पश्चात् क्षैतिज रेखा पर देखा जा सकता है । इसका कोई उपग्रह नहीं है।

(2) शुक्र – यह पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह है । रात्रि में सबसे अधिक चमकीला है । कभी-कभी शुक्र ग्रह पूर्वी आकाश में सूर्योदय से पूर्व दिखाई देता है । कभी-कभी सूर्यास्त के तुरन्त बाद यह पश्चिमी आकाश में दिखाई देता है। इस कारण इसे प्रभात तारा (Morning star) अथवा सांध्य तारा भी कहते हैं ! यद्यपि यह तारा नहीं है।

(3) पृथ्वी – इस ग्रह पर जीवन का अस्तित्व है जिस पर हम रहते हैं । अन्तरिक्ष से देखने पर पृथ्वी के पृष्ठ पर जल तथा भूमि से प्रकाश के परावर्तित होने के कारण यह नीली-हरी प्रतीत होती है । पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा है । पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है । इसका अपने अक्ष पर झुकाव पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है।

(4) मंगल – पृथ्वी की कक्षा के बाहर पहला ग्रह मंगल है, यह हल्का रक्ताभ प्रतीत होता है इसीलिए इस ग्रह को लाल ग्रह भी कहते हैं । मंगल के दो छोटे प्राकृतिक उपग्रह

(5) गृहस्पति – यह सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है । इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 318 गुना है। यह अपने अक्ष पर बहुत तेज गति से घूर्णन करता है। बृहस्पति के बहुत से उपग्रह हैं । बृहस्पति के चारों – ओर धुंधले वलय हैं परन्तु बहुत अधिक चमकीला होने के कारण इसे आसानी से देख सकते हैं।

(6) शनि – बृहस्पति के परे शनि ग्रह है जो रंग में पीला प्रतीत होता है । इसे हम दूरदर्शक द्वारा आसानी से देख सकते हैं । शनि के भी बहुत से प्राकृतिक उपग्रह है। इस ग्रह का घनत्व जल के घनत्व से भी कम है ।

(7) यूरेनस – इसे केवल बड़े दूरदर्शक द्वारा ही देखा जा सकता है । यह पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करता है । इसकी घूर्णन अक्ष अत्यन्त झुकी हुई हैं । इसके परिणामस्वरूप यह कक्षीय गति करते समय अपने पृष्ठ पर लुढ़कता सा प्रतीत होता है ।

(8) नेब्यून – यह भी सौर परिवार का बाह्य ग्रह है। इसे केवल बई दूरदर्शक द्वारा ही देखा जा सकता है। नोट – सौर परिवार के प्रथम चार ग्रह – बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल को आन्तरिक ग्रह तथा बृहस्पति, शनि, यूरेनस एवं नेप्च्यून को बाह्यग्रह कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

तारे एवं सौर परिवार Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ खगोलीय पिण्ड (Celestial objects) : आकाश में पाए जाने वाले पिण्ड जैसे – ग्रह, चन्द्रमा, तारे आदि खगोलीय पिण्ड कहलाते हैं।

→ उपग्रह (Satellite) : किसी ग्रह की परिक्रमा करने वाले पिण्ड को उपग्रह कहते हैं।

→ ग्रह (Planets) : वे ठोस आकाशीय पिण्ड जो सूर्य के चारों ओर अण्डाकार पथ में चक्कर लगाते रहते हैं। इनका अपना प्रकाश नहीं होता ।

→ क्षुद्रग्रह (Asterolds) : मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के अंतराल के बीच घूमने वाले छोटे-छोटे पिण्ड ।

→ धूमकेतु (Comets) : गैस तथा धूल से बना एक आकाशीय पिण्डु, जो प्रकाश के एक चमकीले गोले की तरह दिखाई पड़ता है । इसकी अत्यधिक लम्बी प्रकाशमय पूँछ होती है । लम्बी पूँछ होने के कारण इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं।

→ उल्काएँ (Meteors) : यह छोटे-छोटे पिण्ड होते हैं जो कभी-कभी पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश कर जाते हैं। वह उल्का जो पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने पर पूर्णतया नहीं जलती तथा पृथ्वी की सतह पर पहुंच जाती है, उसे उल्का पिण्ड कहते हैं।

→ कृत्रिम उपग्रह (Artificial satellite) : मानव द्वारा पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया मशीनी उपग्रह।

→ प्रकाश वर्ष (Light year) : ग्रहों की दूरी नापने की एक इकाई।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

HBSE 8th Class Science प्रकाश InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 200)

प्रश्न 1.
यदि मैं वर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुविश डालूँ तो क्या होगा?
उत्तर:
इस स्थिति में, आपतन कोण शून्य अंश होगा, इसलिए परावर्तन के पश्चात् किरण समान पथ के अनुदिश अर्थात् अभिलम्ब की दिशा में लौट जायेगी ।

(पृष्ठ संख्या – 203)

प्रश्न 2.
मेरे मन में एक प्रश्न है । यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य वर्पण पर आपतित हों, तो क्या वे फिर परावर्तित हो सकती हैं ?
उत्तर:
हाँ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

HBSE 8th Class Science प्रकाश Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं । क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, हम अंधेरे कमरे में रखी वस्तुओं को नहीं देख सकते क्योंकि कमरे में पड़ी वस्तुओं पर कोई प्रकाश नहीं पड़ रहा है और न ही वे स्वयं प्रकाश उत्सर्जित कर रही हैं । कमरे के बाहर की वस्तुएँ दिखाई दे सकती हैं, यदि उन पर प्रकाश की किरणें आपतित हों या वे अपना प्रकाश उत्सर्जित करें।

प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं ?
उत्तर:
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तरनियमित परावर्तन –
(1) परावर्तित किरणें समान्तर होती हैं।
(2) यह परावर्तन समतल और चिकने पृष्ठ पर होता हैं।

विसरित परावर्तन –
(1) परावर्तित किरणें असमान्तर होती हैं ।
(2) यह परावर्तन विषम एवं अनियमित पृष्ठ पर होता है।

प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा? प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज ।
(ख) चाँक पाउडर ।
(ग) गत्ते का पृष्ठ ।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल ।
(ङ) दर्पण ।
(च) कागज का टुकड़ा।
उत्तर:
(क) पॉलिशयुक्त लकड़ी की मेज : नियमित परावर्तन । कारण – लकड़ी की मेज पर पृष्ठ पॉलिश होने की वजह से समतल व चिकनी सतह है।
(ख) चॉक पाउडर : विसरित परावर्तन । कारण – चॉक पाउडर रूक्ष पृष्ठ प्रदान करता है ।
(ग) गत्ते का पृष्ठ : विसरित परावर्तन । कारण – यह अनियमित सतह है।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल : नियमित परावर्तन। कारण – जल से तल समतल बन जाता है।
(ङ) दर्पण : नियमित परावर्तन । कारण – दर्पण का पृष्ठ समतल होता है।
(च) कागज का टुकड़ा : नियमित परावर्तन/विसरित परावर्तन । कारण – क्रमशः यदि कागज समतल है । यदि कागज रूक्ष है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर:
परावर्तन के नियम –
(1) आपतन कोण = परावर्तन कोण ।
(2) आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण सभी एक तल में होते हैं ।।

प्रश्न 5.
यह वशनि के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं । एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक मेज पर एक सफेद शीट फैलाइए । इस पर MM’ एक सीधी रेखा खींचिए । इस रेखा के अनुदिश समतल दर्पण की एक पट्टी ऊध्वाधर स्थिति में रखें। अब टॉर्च की सहायता से प्रकाश किरण इस तरह डालें कि इससे निकलने वाला पुंज मेज के समान्तर हो।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -1
आपतित और परावर्तित किरणों का एक सुन्दर पैटा प्राप्त होता है । एक पेंसिल से किसी भी पतित किरण पर तीन बिंदु A,B,C अंकित करें और इसकी संगत परावर्तित किरण पर बिन्दु D, E, F अंकित करें । टॉर्च बन्द कर दें । दर्पण हटा लें । अब बिन्दुओं को मिलाकर दर्पण तक बढ़ाएँ | ABC रेखा MM’ को O पर मिलाती है । इसी तरह DEF रेखा भी MM’ को O पर मिलाती है | OA आपतित किरण है जबकि OF परावर्तित किरण है । O पर अभिलम्ब ON खींचकर यह सिद्ध होता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में हैं।

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) एक समतल दर्पण के सामने 1 मीटर दूर खड़ा व्यक्ति अपने प्रतिबिम्ब से …………………. मीटर दूरी पर दिखाई देता है।
(ख) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाए हाथ से अपने …………………. कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान ……………. हाथ से छुआ गया है।
(ग) जब आप मंद प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइज ………………. हो जाता है।
(घ) रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकओं की संख्या ………………… होती है।
उत्तर:
(क) 2
(ख) बायें, बायें
(ग) बड़ा
(घ) अधिक।

सही विकल्प छाँटिए

प्रश्न 7.
आफ्तन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता
(क) सदैव
(ख) कभी-कभी
(ग) विशेष दशाओं में
(घ) कभी नहीं।
उत्तर:
(क) सदैव

प्रश्न 8.
समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब होता है:
(क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित ।
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।
(ग) वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित ।
(घ) वास्तविक, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।
उत्तर:
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैलाइडोस्कोप- यह एक खिलौना है जिससे अनेक प्रतिबिम्ब बनाये जा सकते हैं। बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) दर्पण में तीन आयताकार पट्टियों को प्रिज्म की आकृति में जोड़ा जाता है और एक मोटे चार्ट पेपर से बने बेलनाकार ट्यूब में लगा दिया जाता है । ट्यूब के एक सिरे के केन्द्र पर छिद्रयुक्त एक गत्ते की डिस्क लगाते हैं और दूसरे सिरे पर समतल काँच की वृत्ताकार प्लेट, दर्पण को छूते हुए दृढ़तापूर्वक चिपका देते हैं । इसके ऊपर कुछ रंगीन कांच के टुकड़े रखकर घिसे हुए काँच की प्लेट से बन्द कर देते हैं । अब बहुमूर्तिदर्शी तैयार हो जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -2

प्रश्न 10.
मानव नेत्र का एक नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मानव नेत्र का नामांकित चित्र –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -3

प्रश्न 11.
गुरमीत लेजर टॉर्च के द्वारा पाठ्य-पुस्तक क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया । क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
लेजर टॉर्च की किरण आँख के रेटिना को क्षति पहुँचा सकती है । अतः अध्यापक ने लेजर टॉर्च का उपयोग करने से मना किया ।

प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर:
नेत्र प्रकृति की बहुमूल्य देन हैं । नेत्रों की उचित देखभाल अत्यन्त आवश्यक है, हम अपने नेत्रों की देखभाल निम्न तरीकों से कर सकते हैं
(1) स्वस्थ और साफ आँखों के लिए विटामिनयुक्त भोजन लेना चाहिए ।
(2) सूर्य या किसी शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को सीधा नहीं देखना चाहिए । सूर्य ग्रहण को नग्न आँखों से नहीं देखना चाहिए।
(3) बहुत तेज अथवा मंद प्रकाश में नहीं पढ़ना चाहिए।
(4) चलते हुए वाहन में किताब या अखबार नहीं पढ़ना चाहिए ।
(5) साफ जल से प्रतिदिन नेत्रों की सफाई करनी चाहिए ।
(6) बहुत गर्मी वाले दिनों में धूप के चश्मे का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण, आपतित किरण से 90 डिग्री का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर:
यदि ∠i = आपतन कोण
∠r = परावर्तन कोण
तो ∠i + ∠r = 90° (प्रश्नानुसार)
पर ∠i = ∠r = (परावर्तन के नियमानुसार)
या 2∠i = 90°
∠i = \(\frac{90°}{2}\) = 45°

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 14.
यदि दो समान्तर समतल दर्पण एक-दूसरे से 40 सेमी. के अंतराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिम्ब बनेंगे?
उत्तर:
यदि दो समतल दर्पण 40 सेमी. की दूरी पर समान्तर रखे हों तो –
n = \(\frac{360°}{θ}\) = -1 समान्तर दर्पणों के लिए, θ = 0°
इस कारण n = \(\frac{360°}{θ}\) = -1 = ∞ – 1 = ∞ (अनन्त)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -4

प्रश्न 15.
दो दर्पण एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हैं । प्रकाश की एक किरण एक दर्पण पर 30 डिग्री के कोण पर आपतित होती है जैसाकि चित्र में दर्शाया गया है । दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाली परावर्तित किरण बनाइए ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -5
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -6

प्रश्न 16.
चित्र में वर्शाए अनुसार बूझो एक समतल वर्पण के ठीक सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे आकर खड़ा होता है । क्या यह स्वयं को वर्पण में देख सकता है? क्या वह PQ तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब भी देख सकता है?
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -7
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -8

बूझो स्वयं को नहीं देख सकता क्योंकि वह दर्पण की सीमा के बाहर है । उसे P और Q के प्रतिबिम्ब सरलता से दिखाई देंगे।

प्रश्न 17.
(a) A बिन्दु पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
(b) क्या स्थिति B से पहेली प्रतिबिम्ब को देख सकती है?
(c) क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है ?
(d) जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिम्ब किस ओर खिसक जाता है ?
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -9
उत्तर:
(a)A का प्रतिबिम्ब । पर दर्पण के पीछे समान दूरी पर बनता है, यह आभासी व A के बराबर आकार का है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -10
(b) स्थिति B से पहेली C का प्रतिबिम्ब देख सकती है।
(c) स्थिति C से बूझो A का प्रतिबिम्ब देख सकता है।
(d) जब स्थिति B से पहेली स्थिति C पर जाती है तो प्रतिबिम्ब आगे की ओर खिसकता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आपतन कोण एवं परावर्तन कोण में परावर्तन के समय सम्बन्ध होता है
(अ) आपतन कोण > परावर्तन कोण
(ब) आपतन कोण < परावर्तन कोण
(स) आपतन कोण = परावर्तन कोण
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) आपतन कोण = परावर्तन कोण

2. अभिलम्ब पर आपतित किरण के लिए परावर्तन कोण का मान होगा –
(अ) 90°
(ब) 0°
(स) 45°
(द) 180°
उत्तर:
(ब) 0°

3. वृक तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती, इस बिन्दु को कहते हैं
(अ) अंध बिन्दु
(ब) स्वच्छ मण्डल
(स) दृष्टि पटल
(द) परितारिका ।
उत्तर:
(अ) अंध बिन्दु

4. विटामिन A की कमी से होने वाला रोग है
(अ) रतौंधी
(ब) बेरी-बेरी
(स) स्क र्वी
(द) रिकेट्स।
उत्तर:
(अ) रतौंधी

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी पृष्ठ पर पड़ने वाली प्रकाश-किरण को ……………… कहते हैं।
(ख) पृष्ठ से परावर्तन के पश्चात् वापस आने वाली प्रकाश-किरण को …………….. कहते हैं।
(ग) आपतित किरण तथा अभिलम्ब के बीच के कोण को …………… कहते हैं।
(घ) चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को …………………. कहते हैं।
उत्तर-(क) आपतित किरण (ख) मरावर्तित किरण (ग) आपतन कोण (घ) नियमित परावर्तन।

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
1. शंकु (क) प्रतिबिम्ब बनता है
2. शलाका (ख) आइरिस
3. रेटिना (ग) तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही
4. अंध बिन्दु (घ) प्रतिबिम्ब नहीं बनता
5. परितारिका (ङ) मंद प्रकाश के लिए सुग्राही

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
1. शंकु (ग) तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही
2. शलाका (ङ) मंद प्रकाश के लिए सुग्राही
3. रेटिना (क) प्रतिबिम्ब बनता है
4. अंध बिन्दु (घ) प्रतिबिम्ब नहीं बनता
5. परितारिका (ख) आइरिस

सत्य / असत्य कथन

(क) आँख के पारदर्शी अग्रभाग को कार्निया या स्वच्छ मण्डल कहते हैं।
(ख) पुतली के साइज को परितारिका से नियंत्रित किया जाता है।
(ग) अंध बिन्दु पर सबसे अच्छा प्रतिबिम्ब बनता है।
(घ) रेटिना में शंकु एवं शलाकाएँ पायी जाती हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस उपकरण का प्रयोग परावर्तन के नियम को सिद्ध करने के लिए किया जाता है ?
उत्तर:
किरण स्ट्रीक उपकरण का ।

प्रश्न 2.
किस यंत्र का उपयोग करके एक बौना व्यक्ति भीड़ में से ऊपर देख सकता है ?
उत्तर:
पेरिस्कोप द्वारा।

प्रश्न 3.
पार्श्व परिवर्तन क्या है?
उत्तर:
समतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब के दाई ओर का भाग बाई ओर तथा बाईं ओर का भाग दाईं ओर बनता है।

प्रश्न 4.
अंब बिन्दु क्या है ?
उत्तर:
दृक् तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती । यह बिन्दु अंध बिन्दु कहलाता

प्रश्न 5.
मंद प्रकाश के लिए कौन-सी संवेदन कोशिकाएँ है।
उत्तर:
शलाकाएँ।

प्रश्न 6.
वास्तविक प्रतिबिम्ब क्या है?
उत्तर:
वास्तविक प्रतिबिम्ब वह बिन्दु है जहाँ पर परावर्तन या अपवर्तन के बाद प्रकाश किरण वास्तव में मिलती है। यह सदैव उल्टा होता है ।

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प्रश्न 7.
आभासी प्रतिबिम्ब क्या है?
उत्तर:
आभासी प्रतिबिम्ब वह बिन्दु है जहाँ पर परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश किरण मिलती प्रतीत होती है, यह बिन्दु आभासी प्रतिबिम्ब है । यह हमेशा सीधा होता है।

प्रश्न 8.
हमें किस प्रकार का दर्पण चाहिए, यदि प्रतिबिम्ब समान आकार का प्राप्त करना है ?
उत्तर:
समतल दर्पण ।

प्रश्न 9.
हमें वस्तुओं के दिखाई देने का क्या कारण है?
उत्तर:
वस्तु से आने वाला प्रकाश जब हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है, तब वस्तुएँ दिखाई देती हैं।

प्रश्न 10.
प्रकाश का सात रंगों में विभाजन होने की क्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाश का विक्षेपण ।

प्रश्न 11,
जब प्रकाश किरण किसी दर्पण से टकराती है तो वह किस प्रकार का व्यवहार करती है?
उत्तर:
प्रकाश किरण दर्पण से टकराने के पश्चात् दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।

प्रश्न 12.
किसी पृष्ठ पर पड़ने वाली प्रकाश किरण क्या कहलाती है?
उत्तर:
आपतित किरण।

प्रश्न 13.
जब किसी अनियमित पृष्ठ पर प्रकाश किरणें आपतित होती हैं तो परावर्तन किस प्रकार का होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
अनियमित परावर्तन।

प्रश्न 14.
जब किसी चिकने पृष्ठ पर प्रकाश किरणें आपतित होती हैं तो परावर्तन किस प्रकार का होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
नियमित परावर्तन।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आभासी प्रतिबिम्ब तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है?
उत्तर:
आभासी प्रतिबिम्ब –
(1) ये सदा सीधे बनते हैं।
(2) इन्हें पर्दे पर नहीं लिया जा सकता ।
(3) प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिन्दु पर मिलती प्रतीत होती हैं।

वास्तविक प्रतिबिम्ब –
(1) ये सदैव उल्टे बनते हैं ।
(2) इन्हें पर्दे पर लिया जा सकता है ।
(3) प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद वास्तव में एक बिन्दु पर मिलती हैं।

प्रश्न 2.
परावर्तन क्या है ? परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर:
परावर्तन : दो माध्यमों को अलग-अलग करने वाली सतह से प्रकाश किरण टकराकर वापस उसी माध्यम में लौट जाती है । यह परिघटना ही परावर्तन है । इसमें प्रकाश माध्यम को न बदलकर मार्ग को बदल देता है।

प्रश्न 3.
एक काँच पट्टिका में प्रकाश विक्षेपण क्यों नहीं होता।
उत्तर:
एक काँच पट्टिका से निकलने वाली निर्गत किरणें एक-दूसरे के समान्तर हो जाती हैं । इस कारण प्रकाश विक्षेपण नहीं होता ।

प्रश्न 4.
समतल दर्पण पर से लम्बवत् प्रकाश किरण उसी मार्ग से क्यों वापस जाती है?
उत्तर:
परावर्तन के नियम के अनुसार आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है । जब किरण लम्बवत् आपतित है, आपतन कोण शून्य है इसलिए परावर्तन कोण भी शून्य होगा । इस कारण किरण जो लम्बवत आपतित है, उसी मार्ग से वापस लौटती है ।

प्रश्न 5.
प्रकाश का परावर्तन कितने प्रकार का होता है? समझाइए ।
उत्तर:
प्रकाश का परावर्तन निम्नलिखित दो प्रकार का होता है
(1) नियमित परावर्तन – जब प्रकाश किसी समतल चिकने पृष्ठ जैसे समतल दर्पण पर आपतित होता है तो प्रकाश की प्रत्येक किरण एक निश्चित दिशा में परावर्तित होती है, इसे नियमित परावर्तन कहते हैं।
(2) विसरित परावर्तन – जब प्रकाश किरण किसी खुरदरे सतह पर आपतित होती है तो ये किरणें भिन्न-भिन्न दिशाओं में परावर्तित होती है, इसे विसरित या अनियमित परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न 6.
कम प्रकाश के होने पर हम किसी वस्तु के सही रंगों का पता क्यों नहीं लगा पाते?
उत्तर:
कम प्रकाश होने पर शलाकाएँ तो सुग्राही होती हैं परन्तु शंकु कोशिकाएँ उतनी नहीं । शंकु कोशिकाओं के द्वारा ही रंगों की उचित अनुक्रिया होती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 7.
क्या प्राथमिक प्रकाश के सभी वर्गों हेतु दृष्टिपटल की शंकु कोशिकाओं की सुग्राहिता बराबर होती है ?
उत्तर:
नहीं, शंकु कोशिकाएँ प्राथमिक रंग लाल, हरा तथा नीले प्रकाश के लिए अलग-अलग संवेदी होती हैं। जब लाल प्रकाश दृष्टि पटल पर आपतित होता है तो केवल वही कोशिकाएँ संवेदी हो जाती हैं जो लाल रंग के लिए उत्तरदायी है, शेष कोशिकाएं सर्वदा नहीं होता है।

प्रश्न 8.
प्रदीप्त पिण्ड से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर:
जो पिण्ड दूसरी वस्तुओं के प्रकाश में चमकते हैं उन्हें प्रदीप्त पिण्ड कहते हैं । जैसे- चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश में परावर्तन के कारण चमकता है अत: यह एक प्रदीप्त पिण्ड है। स्वयं चमकने वाले पिण्ड दीप्त पिण्ड कहलाते हैं।

प्रश्न 9.
समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनना केवल आरेख द्वारा दर्शाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -11

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए आपतन कोण तथा परावर्तन कोण बराबर होते हैं
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -12
(i) आपतन कोण – आपतन कोण i आपतित किरण व अभिलम्ब के बीच बनता है ।
∠AON = ∠i
(ii) परावर्तन कोण – परावर्तन कोण r परावर्तित किरण व अभिलम्ब के बीच बनता है ।
∠BON = ∠r
सम्बन्ध ∠AON = ∠BON
∠i = ∠r

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रश्न 2.
मानव नेत्र का वर्णन कीजिए । नेत्र का कार्य क्या
उत्तर:
मानव नेत्र (Human Eye):
नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है । इसके द्वारा मानव सभी वस्तुओं को देख सकता है। मानव की आँख एक कैमरे की भांति कार्य करती है। नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं
(1) तृढ़ पटल (Sclerotic) : मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है, यह बाहर से एक दृढ़ व अपारदर्शी श्वेत परत से ढका रहता है। इस परत को दृढ़ पटल कहते हैं। इसके द्वारा नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है ।
(2) रक्त पटल (Choroid) : दृढ़ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्तक पटल कहते हैं । यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करता है, इसे कोराइड भी कहते हैं।
(3) कॉर्निया – नेत्र गोलक के पृष्ठ का पारदर्शी उभार एक पतली पारदर्शी झिल्ली से ढका रहता है जिसे स्वच्छ पटल अथवा कॉर्निया कहते हैं । आँख में प्रविष्ट होने वाला प्रकाश सर्वप्रथम कॉर्निया से ही गुजरता है।
(4) आइरिस – कॉर्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसे आइरिस कहते हैं।
(5) पुतली अथवा तारा (Pupil) – आइरिस के बीच में एक छोटा-सा छिद्र होता है जिसे पुतली अथवा नेत्र तारा कहते हैं । कॉर्निया से आया प्रकाश पुतली से होकर लेन्स पर आपतित होता है । पुतली की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अन्धकार में यह अपने आप बड़ी व अधिक प्रकाश में अपने आप छोटी हो जाती है, इस प्रकार यह नेत्र में जाने वाले प्रकाश को नियन्त्रित करती है ।
(6) नेत्र-लेन्स (Eye-lens)- पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेन्स होता है, जिसे नेत्र लेन्स कहते हैं । इसके माय क पिछले भाग की त्रिज्या अगले भाग को अपेक्षा अधिक होती है। नेत्र लेन्स मांसपेशियों के तोर बीच टिका रहता है जिन्हें एमाल्यूमा सिलियरी माँसपेशियाँ कहा जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश -13
(7) जलीय द्रव (Aqueous humour)- कॉर्निया व नेत्र-लेन्स के बीच जल के समान एक नमकीन पारदर्शी द्रव भरा रहता है, जिसे जलीय द्रव कहते हैं।
(8) काचाभ वब (Vitreous humour)-लेन्स के पीछे दृश्य पटल तक का स्थान एक गाढ़े पारदर्शी द्रव से भरा रहता है जिसे काचाभ द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक उच्च होता है।
(9) दृष्टि पटल (Retina)- रक्तक पटल के नीचे की ओर स्थित पारदर्शी झिल्ली को रेटिना कहते हैं, इसे दृष्टि पटल भी कहा जाता है । यह बहुत सारी प्रकाश शिराओं की एक फिल्म होती है । रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रूप, रंग एवं आकार आदि का मस्तिष्क को ज्ञान इन्हीं शिराओं द्वारा होता है।
(10) पीत बिन्दु तथा अन्ध बिन्तु (Yellow spot and Dark spot)- रेटिना के मध्य में एक पीला भाग होता है. इसकी सुग्राहिता सबसे अधिक होती है । इस भाग को पीत बिन्दु कहते हैं। जिस स्थान पर प्रकाश की सुनाहिता शून्य होती है, उसे अन्ध बिन्दु कहते हैं।

नेत्र का कार्य (Working of eye):
जब हमारी पलकें खुली होती हैं तब हमारे सामने रखी वस्तु से चली किरणें कॉर्निया पर आपतित होती हैं । यहाँ से किरणें अपवर्तित होकर रेटिना पर आपतित होती हैं तथा रेटिना पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है । प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश शिराओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है । मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 3.
नेत्र में किस प्रकार के दोष उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
1. निकट दृष्टि दोष :- कुछ मनुष्य पास रखी वस्तु को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं परन्तु दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाते हैं।
2. दूर दृष्टि दोष :- कुछ मनुष्य निकट रखी वस्तुओं को स्पष्ट से नहीं देख पाते हैं जबकि दूर स्थित वस्तु को आसानी से देख पाते हैं।

मोतियाबिन्द – कभी-कभी (विशेष रूप से वृद्धावस्था में) नेत्रदृष्टि धुंधली हो जाती है, इसका कारण नेत्र लैंस के धुंधला होने के कारण होता है तथा दृष्टि कमजोर हो जाती है । इस दोष को मोतियाबिन्द कहते हैं । इस दोष के निवारण के लिए अपारदर्शी लेंस को हटाकर नया कृत्रिम लेंस लगा दिया जाता है ।

प्रश्न 4.
प्रकाश के परावर्तन को किसी क्रियाकलाप द्वारा समझाइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप:- किसी मेज या ड्राइंग बोर्ड पर सफेद कागज की शीट लगाइए। एक कंघा लीजिए और इसके बीच के एक दांत को छोड़कर सभी खुले स्थानों को बन्द कर दीजिए। इस कार्य के लिए आप काले कागज की एक पट्टी प्रयोग कर सकते है। कंधे को कागज की शीट के लम्बवत् पकड़िए। एक टॉर्च की सहायता से कंधे के खुले स्थान पर एक ओर प्रकाश डालिए। टॉर्च तथा कंधे के थोड़े से समायोजन के पश्चात् आप कंधे के दूसरी ओर कागज की शीट के अनुदिश प्रकाश की एक किरण देखेंगे।

कंघे तथा टॉर्च को इस स्थिति में स्थिर रखिए। प्रकाश किरण गमन पथ के सामने समतल दर्पण की एक पट्टी रखिए। जब कागज की पूरी शीट को मेज के ऊपर फैलाते हैं, तो यह एक तल को निरूपित करती है। आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण ये सभी इस तल में होते है। जब कागज को मोड़ा जाता है तो इसमें एक नया तल बनता है जो उस तल से भिन्न होता है। जिसमें आपतित किरण तथा अभिलम्ब स्थित है। तब हम परावर्तित किरण नहीं देख पाते। यह दर्शाती है कि आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण ये सभी एक तल में होते हैं। यह परावर्तन का एक अन्य नियम है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

प्रकाश Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ अभिलम्ब (Normal)- आपतन बिन्दु पर लम्बवत् रूप से खींची गई रेखा ।

→ प्रकाश का स्रोत (Source of light)- एक ऐसा पिंड, जो प्रकाश उत्सर्जित करता है।

→ आपतन कोण (Angle of incidence) – आपतित किरण और अभिलम्ब के बीच का कोण जो आपतन बिन्दु पर बनता है, आपतन कोण कहलाता है।

→ परावर्तन कोण (Angle of reflection)- परावर्तित किरण और अभिलम्ब के बीच का वह कोण जो परावर्तन बिन्दु पर मिलता है. परावर्तन कोण कहलाता है।

→ वर्पण (Mirror)- समतल और पॉलिश की गई पृष्ठ जो प्रकाश का परावर्तन करती है।

→ पर्दा (Screen)- श्वेत शीट अथवा पृष्ठ जिस पर प्रतिबिंब बनता है ।

→ आपतित किरण (Incident ray) – प्रकाश के स्रोत से पृष्ठ पर पड़ती किरण ।

→ कैलाइडोस्कोप (Keleiodeoscope) – यंत्र जो बहुमुखी परावर्तन पर आधारित होता है तथा जिससे विभिन्न डिजाइन बनाए जाते हैं।

→ प्रकाश का विक्षेपण (Dispersion of light)- प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना ।

→ रंगों की पहचान (Perception of colour)- मानव नेत्र में शंकु और शल्काएँ हैं, जो प्रकाश संवेदी हैं । रंगों के प्रति शंकु संवेदक होते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 184)

प्रश्न 1.
मुझे आश्चर्य है कि उन्हें इस समानता को ज्ञात करने में इतने वर्ष क्यों लगे?
उत्तर:
वैज्ञानिक खोजें अनेक व्यक्तियों के अथक परिश्रम का फल ही तो हैं, जो कि काफी समय ले सकती हैं।

(पृष्ठ संख्या – 192)

प्रश्न 2.
मेरी दादी ने मुझे बताया था कि पृथ्वी किसी सांड के एक सींग पर टिकी है तथा जब सांड़ इसे दूसरे सींग पर ले जाता है, तो भूकम्प आता है। यह कैसे सत्य हो सकता है?
उत्तर:
नहीं । पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में होने वाली हलचल के कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 192)

प्रश्न 3.
पृथ्वी के अन्दर भूकम्पन के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी की परत एक खण्ड में नहीं है । यह टुकड़ों में विभाजित है । प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते हैं । यह प्लेटे निरन्तर गति करती रहती है । जब ये प्लेटें एक-दूसरे से रगड खाती हैं अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है, तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है । यह विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकम्प के रूप में दिखाई देता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

(पष्ठ संख्या – 193)

प्रश्न 4.
यदि वैज्ञानिक भूकम्प के बारे में इतना अधिक जानते हैं तो क्या वे आने वाले भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकते हैं?
उत्तर:
नहीं । यह संभव नहीं है कि वैज्ञानिक भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकें।

(पृष्ठ संख्या – 193)

प्रश्न 5.
मैंने कहीं पढ़ा था कि भूमिगत विस्फोटों से भी भूस्पन्द उत्पन्न हो सकते हैं।
उत्तर:
अधिकांश भूकंपन पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं किन्तु पृथ्वी पर भूस्पन्दन ज्वालामुखी के फटने अथवा किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने अथवा किसी भूमिगत नाभिकीय विस्फोट के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1 तथा 2 में सही विकल्प चुनिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है?
(क) प्लास्टिक का पैमाना
(ख) ताँबे की छड़
(ग) फूला हुआ गुब्बारा
(घ) ऊनी वस्त्र ।
उत्तर:
(ख) ताँबे की छड़

प्रश्न 2.
जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं तो छड़
(क) तथा कपड़ा दोनों धनावेश अर्जित कर लेते हैं।
(ख) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।
(ग) तथा कपड़ा दोनों ऋणावेश अर्जित कर लेते हैं।
(घ) ऋणावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है ।
उत्तर:
(ख) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों के सामने सही के सामने ‘T’ तथा गलत के सामने ‘F’ लिखिए-
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है।
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता।
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है।
उत्तर:
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। (F)
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है। (T)
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता। (F)
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है। (F)

प्रश्न 4.
सर्दियों में स्वेटर उतारते समय चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
घर्षण के कारण स्वेटर उतारते समय आवेशित हो जाता है । इन आवेशों के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के कारण चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है साथ ही चिंगारी भी दिखाई देती है।

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प्रश्न 5.
जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छुते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जब हम किसी आवेशित वस्तु को छूते हैं तो आवेश शरीर से होकर पृथ्वी में चला जाता है, क्योंकि मानव शरीर विद्युत का चालक है । इस कारण वस्तु अपना आवेश खो देती है । इसे भूसम्पर्कण भी कहते हैं।

प्रश्न 6.
उस पैमाने का नाम लिखिए जिस पर भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है । इस पैमाने पर किसी भूकम्प की माप 3 है, क्या इसे भूकम्पलेखी (सीसमोग्राफ्री) से रिकार्ड किया जा सकेगा? क्या इससे अधिक हानि होगी?
उत्तर:
भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा को मापने वाला पैमाना ‘रिक्टर पैमाना’ है । 3 रिक्टर तीव्रता वाले भूकम्प को सीसमोग्राफ्री द्वारा रिकार्ड किया जा सकेगा । 3 रिक्टर तीव्रता का भूकम्प महसूस किया जा सकता है, यह अत्यन्त दुर्बल होता है, इससे बहुत कम हानि होती है ।

प्रश्न 7.
तड़ित से अपनी सुरक्षा के तीन उपाय सुझाइए।
उत्तर:
तड़ित से सुरक्षा के तीन उपाय निम्न हैं –
(1) यदि आप वन में हैं तो छोटे वृक्ष के नीचे शरण लें।
(2) यदि आप किसी ऐसे खुले क्षेत्र में हैं, जहाँ कोई शरणस्थल नहीं है तो सभी वृक्षों से काफी दूर पर खड़े रहें। जमीन पर न लेटें, बल्कि जमीन पर सिमटकर नीचे बैठे । अपने हाथों को घुटनों पर तथा सिर को हाथों के बीच रखें।
(3) तड़ित झंझावात के समय छाता लेकर न चलें ।

प्रश्न 8.
आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
समान आवेश वाली वस्तुएँ (सजातीय वस्तुएँ) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं, इसलिए दोनों आवेशित गुब्बारे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। अलग आवेश वाली (विजातीय) वस्तुएँ एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं, इस कारण अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे को अपनी ओर आकर्षित करता है।

प्रश्न 9.
चिन की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है।
उत्तर:
विद्युतदर्शी नामक उपकरण का उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में किया जाता है। यह इस सिद्धान्त पर कार्य करता है कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। एक सरल विद्युतदर्शी को निम्न प्रकार बनाया जा सकता है

  • मुरब्बे की एक खाली बोतल तथा बोतल के मुँह के आकार से कुछ बड़ा गत्ते का टुकड़ा लेते हैं।
  • गत्ते में एक छेद बनाते हैं जिसमें होकर धातु की पेपर क्लिप घुसाई जा सके।
  • चित्रानुसार पेपर क्लिप को खोल लेते हैं।
  • एल्युमिनियम की पन्नी की लगभग 4 सेमी x 1 सेमी आकार की दो पटिटयाँ काटते हैं।
  • चित्रानुसार इन्हें पेपर क्लिप पर लटकाते हैं।
  • ढक्कन में पेपर क्लिप को इस प्रकार घुसाते हैं कि यह गत्ते के लम्बवत रहे।
  • अब किसी रिफिल को आवेशित करके इसे पेपर क्लिप के सिरे पर स्पर्श कराते हैं।

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प्रेक्षण व निष्कर्ष :
धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक होती हैं। एल्युमिनियम की पन्नी की पटिटयाँ पेपर क्लिप से होते हुए आवेशित रिफिल से आवेश प्राप्त करती हैं। समान आवेश वाली पटिटयाँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं। इससे रिफिल पर आवेश की पुष्टि होती है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ -1

प्रश्न 10.
भारत के उन तीन राज्यों (प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक सम्भावित हैं ?
उत्तर:
अधिक भूकम्प आशंकित क्षेत्र –
(1) कश्मीर घाटी
(2) कच्छ का रन
(3) राजस्थान तथा सिंधु गंगा के मैदान ।

प्रश्न 11.
मान लीजिए आप घर से बाहर है तथा भूकम्प के झटके लगते हैं । आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे?
उत्तर:
भूकम्प के झटकों से सुरक्षा के उपाय:
यदि आप कार, बस या वाहन में हैं तो उससे बाहर न निकलें तथा तुरन्त वाहन को खुले स्थान पर ले जाएँ । भवनों, वृक्षों तथा ऊपर जाती विद्युत लाइनों से दूर किसी खुले स्थान पर जायें और जमीन पर लेट जाये । भू-स्पदन के समाप्त होने से पहले बाहर न निकलें।

प्रश्न 12.
मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है । क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं । तड़ित झंझा के समय छतरी लेकर जाना उचित नहीं है । छतरी को लेकर जाना अधिक घातक है, क्योंकि ऊँचे भवन, विद्युत तार, काले रंग की वस्तुएँ तड़ित झंझा को आकर्षित करती हैं।

HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. रेशम से काँच की छड़ रगड़ने पर छड़ पर अर्जित आवेश है –
(अ) धनावेश
(ब) ऋणावेश
(स) दोनों
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) धनावेश

2. कोई वस्तु आवेशित है या नहीं इसे पता लगाने के लिये उपयोग में आने वाले यन्त्र का नाम है
(अ) भूसम्पर्कण
(ब) विद्युत विसर्जन
(स) विद्युत दर्शी
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) विद्युत दर्शी

3. पृथ्वी के केन्द्रीय भाग को कहते हैं –
(अ) भूपर्पटी
(ब) आन्तरिक क्रोड
(स) प्रावार
(द) बाह्य क्रोड ।
उत्तर:
(ब) आन्तरिक क्रोड

4. पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है । इन क्षेत्रों को कहते हैं –
(अ) भ्रंश क्षेत्र
(ब) भूकम्पलेखी
(स) भूस्पन्दन क्षेत्र
(द) तड़ित झंझा क्षेत्र ।
उत्तर:
(अ) भ्रंश क्षेत्र

5. भारत के अतिभूकम्प – आशंकित क्षेत्र हैं-
(अ) कश्मीर घाटी
(ब) पश्चिमी तथा कन्द्रीय हिमालय
(स) समस्त उत्तर पूर्व
(द) उपरोक्त सभी ।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) समान आवेश एक-दूसरे को ………….. करते हैं।
(ख) विद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं;…………. तथा ……………….।
(ग) किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने की प्रक्रिया को ……………… कहते हैं।
(घ) आवेशों के संचयन से ……………. उत्पन्न होती है।
(ङ) यदि तड़ित झंझा होती है तो इसके साथ सदैव …………. तथा …………… की संभावना रहती है।
उत्तर:
(क) प्रतिकर्षित
(ख) धनावेश, ऋणावेश
(ग) भूसम्पर्कण
(घ) तड़ित
(ङ) तड़ित, चक्रवात।

सुमेलन

कॉलम – I कॉलम – II
1. तड़ित (क) सुरक्षा युक्ति
2. विद्युत धारा (ख) आवेश को पृथ्वी में भेजना
3. भूसम्पर्कण (ग) बादलों में आवेश का एकत्र होना
4. तड़ित चालक (घ) पृथ्वी की प्लेटें
5. भूकम्प (ङ) आवेशों का संचरण

उत्तर:

कॉलम – I कॉलम – II
1. तड़ित (ग) बादलों में आवेश का एकत्र होना
2. विद्युत धारा (ङ) आवेशों का संचरण
3. भूसम्पर्कण (ख) आवेश को पृथ्वी में भेजना
4. तड़ित चालक (क) सुरक्षा युक्ति
5. भूकम्प (घ) पृथ्वी की प्लेटें

सत्य / असत्य कथन
(क) तड़ित एक विशाल स्तर की चिंगारी है जिसके साथ, ध्वनि भी उत्पन्न होती है।
(ख) जब प्लास्टिक की रिफिल को पॉलिथीन के साथ रगड़ते हैं तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं।
(ग) समान प्रकार के आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(घ) ऊँचे टावरों पर विद्युत बल्ब जलाकर इन्हें तड़ित से बचाया जा सकता है।
(ङ) तड़ित झंझा के समय हमें विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या मानव शरीर विद्युत का चालक है ?
उत्तर:
हाँ । मानव शरीर विद्युत का चालक है ।

प्रश्न 2.
भूकम्प की शक्ति का मापन किस पैमाने के द्वारा किया जाता है ?
उत्तर:
रिक्टर पैमाना ।

प्रश्न 3.
तड़ित चालक क्या है?
उत्तर:
यह एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है ।

प्रश्न 4.
भूकम्प का कारण क्या है?
उत्तर:
भूपर्पटी के भीतर गहराई में विक्षोभ के कारण भूकम्प आते हैं।

प्रश्न 5.
अंश क्षेत्र किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है । ये क्षेत्र भ्रंश क्षेत्र कहलाते हैं ।

प्रश्न 6.
यदि एक काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ा जाता है तो वह किस प्रकार का आवेश प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
काँच धनात्मक आवेश, सिल्क ऋणात्मक आवेश प्राप्त करता है।

प्रश्न 7.
भू-सम्पर्कण से क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी आवेशित वस्तु के आवेश को पृथ्वी में स्थानान्तरित करने को भू-सम्पर्कण कहते हैं।

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प्रश्न 8.
विद्युत चालक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर:
वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत सुगमतापूर्वक एक भाग से दूसरे भाग तक चली जाती है, ऐसे पदार्थों को विद्युत चालक कहते हैं।

प्रश्न 9.
अंश क्षेत्र से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भकम्प आने की सम्भावना अधिक होती है । इन क्षेत्रों को भ्रंश क्षेत्र कहते

प्रश्न 10.
आवेशन की प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
धातुओं को आपस में रगड़ने अथवा एक दूसरे के निकट या सम्पर्क में लाने पर उनमें दूसरी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का जो गुण उत्पन्न हो जाता है, उसे वस्तुओं का आवेशन कहते हैं।

प्रश्न 11.
जब ऊनी कपड़े से रगड़े हुये दो गुब्बारे एक दूसरे को पास लाए जाते हैं तो क्या होता है ?
उत्तर:
वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं ।

प्रश्न 12.
क्या होता है जब प्लास्टिक की कंघी को सूखे बालों में रगड़ा जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक की कंघी एवं बालों पर आवेश उत्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 13.
प्लास्टिक के स्केल को बालों पर रगड़ने के तुरन्त पश्चात् इसे कागज की कतरन के ऊपर लाने पर क्या होता है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कागज की कतरन स्केल की ओर आकर्षित होती है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर के भीतर तड़ित से किस प्रकार बचा जा सकता है ?
उत्तर:
तड़ित से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं –
(1) कम्प्यूटर, टी.वी. जैसे विद्युत उपकरणों के प्लगों को साकेट से निकाल देना चाहिए ।
(2) बहते जल के सम्पर्क से बचने के लिए तड़ित झंझा के समय स्नान से बचना चाहिए ।
(3) तड़ित झंझा के समय टेलीफोन के तारों, विद्युत तारों तथा धातु के पाइपों को छूना नहीं चाहिए।

प्रश्न 2.
तड़ित झंझा किस प्रकार उत्पन्न होती है?
उत्तर:
बादलों में एकत्रित आवेश जब एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तब उसका विसर्जन होता है । इन परिस्थितियों में बादलों के नीचे के भाग में धन आवेश का एक छोटा क्षेत्र अपने नीचे स्थित पृथ्वी की सतह पर प्रेरण द्वारा ऋण आवेश उत्पन्न करता है । विपरीत आवेशा के बीच अत्यधिक आकर्षण बल, वायु के विद्युतरोधन को तोड़ने के लिए पर्याप्त होता है । एक बार विद्युतरोधन टूटने पर, बादल के नीचे के भाग का समस्त धन आवेश वायु के एक संकरे अंतराल (गैप) से पृथ्वी की ओर तीव्र गति से प्रवाह करता है । यह अन्तराल एक चालक पथ उत्पन्न कर देता है, जिससे और अधिक आवेश को प्रवाहित होने के लिए मार्ग मिल जाता है । बादल के निचले भाग में एकत्रित ऋण आवेश की विशाल मात्रा बहुत ही कम समय में इस चालक पथ से होकर गुजरती है । वायु के इस अन्तराल में विद्युत ऊर्जा के कारण वायु इतने उच्च ताप तक गर्म हो जाती है कि यह प्रकाश की तरह दमक उठती है । यह दमक तड़ित है ।

प्रश्न 3.
किसी भूकम्प की तीव्रता को किस प्रकार मापा जाता है।
उत्तर:
किसी भी भूकम्प की तीव्रता की माप रिक्टर पैमाने द्वारा की जाती है । जिन भूकम्पों का मान रिक्टर पैमाने पर 3 तक होता है, वे बहुत हल्के भूकम्प होते हैं तथा कोई क्षति नहीं पहुंचाते । कभी-कभी तो ऐसे भूकम्पों का पता ही नहीं चलता है । परन्तु रिक्टर पैमाने पर 7 या इससे अधिक मान वाले भूकम्प अत्यन्त भीषण होते हैं जो पूरे के पूरे गाँवों या नगरों को गिराकर तबाह कर सकते है।

प्रश्न 4.
भूकम्प आने के कारण लिखिए ।
उत्तर:
भूकम्प आने के कारण-
(1) अधिकांश भूकम्प पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं ।
(2) ज्वालामुखी के फटने से भी भूकम्प आते हैं ।
(3) किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने से भी भूकम्प आ सकता है ।
(4) भूमिगत नाभिकीय विस्फोट भी भूकम्प को जन्म दे सकता है।

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प्रश्न 5.
भूकम्प क्या होता है ? लिखिए।
उत्तर:
भूकम्प जो बहुत कम समय तक रहता है, पृथ्वी का कम्पन अथवा कोई झटका होता है । यह पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होता है । भूकम्प हर समय लगभग सभी जगह आते रहते हैं । प्राय इन्हें महसूस नहीं किया जाता है । विशाल भूकम्प अत्यन्त कम होते हैं । ये पुलों, बांधों तथा लोगों को अपार क्षति पहुंचा सकते हैं । इनसे जीवन तथा सम्पत्ति की विशाल हानि हो सकती हैं । भूकम्पों से बाढ़, भूस्खलन तथा सुनामी भी आ सकते हैं।

प्रश्न 6.
भूकम्प से बचाव हेतु घरों का डिजाइन किस प्रकार का होता है?
उत्तर:
भूकम्प से बचाव के लिए भवनों के ढाँचे सरल हों इसके लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
(1) किसी योग्य आर्किटेक्ट एवं संरचना इंजीनियर से परामर्श करना ।
(2) अत्यधिक भूकम्पी क्षेत्रों में भवन निर्माण में भारी पदार्थों की अपेक्षा मिट्टी अथवा इमारती लकड़ी का उपयोग अधिक अच्छा रहता है।
(3) अलमारियों आदि को दीवारों के साथ कसना।
(4) दीवार घड़ी, फोटो फ्रेम आदि को दीवार पर लटकाते समय सावधानी पूर्वक लटकाना जिससे भूकम्प के आने पर ये लोगों के ऊपर न गिरें ।
(5) ऊँची इमारतों में अग्निशमन के सभी उपकरण कार्यकारी स्थिति में होने चाहिए ।

प्रश्न 7.
बताइए क्या होगा यदि
(क) दो गुब्बारों को ऊनी वस्त्र से रगड़ कर एक-दूसरे के समीप स्वतंत्र लटकाया गया।
(ख) उपरोक्त प्रक्रिया दो खाली रिफिलों के साथ की गयी।
(ग) आवेशित रिफिल को स्वतंत्र लटके आवेशित गुब्बारे के समीप लाया गया।
(घ) पॉलिथीन के साथ प्लास्टिक की रिफिल के साथ रगड़ा जाता है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(क) गुब्बारे समान आवेश के कारण एक-दूसरे से प्रतिकर्षित होते हैं।
(ख) दोनों रिफिल आवेशित हो जाती हैं।
(ग) गुब्बारा रिफिल की ओर विपरीत आवेश के कारण अकर्षित होता है।
(घ) पॉलिथीन व प्लास्टिक की – रिफिल दोनों आवेशित हो जाते हैं।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भवनों को तड़ित के प्रभाव से किस प्रकार बचाया जा सकता है ? समझाइए ।
उत्तर:
तड़ित चालक एक ऐसी युक्ति है, जिसका उपयोग करने से भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाया जा सकता किसी भवन के निर्माण के समय उसकी दीवारों में, उस भवन की ऊंचाई से अधिक लम्बाई की धातु की एक छड़ स्थापित कर दी जाती है । इस छड़ का एक सिरा वायु में खुला रखा जाता है तथा दूसरे सिरे को जमीन में काफी गहराई तक दबा देते हैं । धातु की छड़ विद्युत आवेश को भूमि तक पहुँचने के लिए एक सरल पथ प्रदान करती है, जिससे भवन को कोई क्षति नहीं होती।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ -2

प्रश्न 2.
भूकम्पलेखी की संरचना तथा प्रयोग लिखिए ।
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर भूस्पन्द तरंगें उत्पन्न करते हैं।
ये तरंगें भूकम्पी तरंगें कहलाती हैं । भूकम्पलेखी नामक उपकरण द्वारा इन तरंगों को रिकॉर्ड किया जाता है। यह उपकरण मात्र एक कंपायमान छड़ अथवा लोलक होता है जो भूस्पन्द आने पर कम्पन (दोलन) करने लगता है। इसके कम्पायमान तंत्र के साथ एक पेन जुड़ा रहता है। ये पेन इसके नीचे गति करने वाले कागज की पट्टी पर भूकम्पी तरंगों को रिकॉर्ड करता रहता है । इन तरंगों का अध्ययन करके वैज्ञानिक भूकम्प का सम्पूर्ण मानचित्र बना सकते हैं। वे भूकम्प की क्षति पहुँचा सकने की क्षमता का अनुमान भी लगा सकते हैं।

कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ तड़ित (Lighting) : दो बादलों अथवा बादलों और पृथ्वी के बीच घर्षण के कारण ऋणात्मक और धनात्मक आवेशों के आपस में मिलने पर उत्पन्न उज्ज्वल चमकीली धारियाँ जो आकाश में फैलती हैं, तड़ित कहलाती हैं।

→ आवेश (Charge) : किसी वस्तु पर असंतुलित विद्युत की मात्रा आवेश कहलाती है।

→ विद्युतदर्शी (Electroscope) : वह युक्ति जिसके द्वारा किसी वस्तु के आवेशित या अनावेशित होने का पता लगाया जाता है।

→ अनावेशित (Discharged) : जब कोई वस्तु अपना आवेश खो देती है तो वह अनावेशित कहलाती है।

→ भूसम्पर्कण (Earthing) : आवेशित वस्तु से पृथ्वी की ओर आवेश संचरण की प्रक्रिया।

→ विद्युत विसर्जन (ElectricDischarge) : धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेशों के मिलने पर उत्पन्न चिनगारी एवं ध्वनि।

→ तड़ित चालक (Lightning Conductor) : युक्ति जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है।

→ भूकम्प (Earthquake) : पृथ्वी में यकायक कंपन या झटका उत्पन्न होना।

→ भूकम्पमापी (richter Scale) : भूकम्प की तीव्रता मापने वाला पैमाना।

→ भूकम्प लेखी (Seismography) : भूकम्प का आंकलन करने वाला उपकरण।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 178)

प्रश्न 1.
विद्युत लेपन के क्रियाकलाप को करने के पश्चात् पहेली ने इलेक्ट्रोडों को आपस में बदलकर क्रियाकलाप को दोहराया । आपके विचार से इस बार वह क्या प्रेक्षण करेगी?
उत्तर:
पहेली को गैस के बुलबुले प्राप्त होंगे।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) विद्युत चालन करने वाले अधिकांश द्रव ………….., ………….. तथा ………….. के विलयन होते हैं।
(ख) किसी विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर ………….. प्रभाव उत्पन्न होता है।
(ग) यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ………….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है।
(घ) विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ………….. कहते हैं।
उत्तर:
(क) अम्ल, क्षार, लवण
(ख) रासायनिक
(ग) ऋण
(घ) विधुतलेपन ।

प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते
उत्तर:
हाँ । संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को विलयन में डुबोते हैं, तो विद्युत धारा के प्रवाहित होने के कारण चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्योंकि चुम्बकीय सुई का विक्षेपन विद्युत धारा पर निर्भर करता है। विद्युत धारा का प्रभाव जितना अधिक होगा, चुम्बकीय सुई का विक्षेपण भी उतना ही अधिक होगा।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

प्रश्न 3.
ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में वर्शाए अनुसार करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित हो सके।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -1
उत्तर:
1. टोंटी का पानी, 2. नींबू का पानी, 3. कॉपर सल्फेट का जलीय विलयन।

प्रश्न 4.
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप सम्भावित कारणों की सूची बना सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -2
उत्तर:
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था से बल्ब न जलने के निम्न संभावित कारण हो सकते हैं- हो सकता है कि विद्युत धारा दुर्बल हो । इसके लिए एल. ई. डी. का उपयोग किया जा सकता है जो दुर्बल विद्युत धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है । इसका कारण यह भी हो सकता है कि बीकर में विद्युत अपघट्य न हों । ग्लूकोज विलयन, ऐल्कोहल अथवा आसुत जल न होने पर भी बल्ब नहीं जलेगा।

प्रश्न 5.
दो द्रवों ‘A’ तथा ‘B’ के विद्युत चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया । यह देखा गया कि संपरीक्षित्र का बल्ब द्रव ‘A’ के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव ‘B’ के लिए अत्यन्त धीमा दीप्त हुआ । आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि
(1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’से अच्छा चालक है।
(2) द्रव ‘B’, द्रव ‘A’ से अच्छा चालक है।
(3) दोनों द्रवों की चालकता समान है।
(4) द्रवों की चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर:
(1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’ से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है ? यदि नहीं तो इसे चालक बनाने के लिए हम क्या कर सकते
उत्तर:
शुद्ध जल विद्युत का चालन नहीं करता । शुद्ध जल को चालक बनाने के लिए अम्ल, क्षार या लवण को जल में मिलाकर उसका विलयन प्राप्त किया जाता है। यदि हम उसमें नमक, चीनी या कुछ बूंदें सल्फ्यूरिक अम्ल की मिला दें तो जल विद्युत का चालन करेगा ।

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प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं । व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर:
नल का जल विद्युत का सुचालक है । विद्युत के झटके से बचने के लिए फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं।

प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है । वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप वर्शाती है। क्या आप कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
साधारण पानी की अपेक्षा समुद्र के पानी में लवणों की मात्रा अधिक होती है । साधारण पानी में विद्युत का चालन नहीं होता किन्तु समुद्र का पानी विद्युत का चालन आसानी से कर सकता है । इस कारण चुम्बकीय सुई समुद्र के पानी में अधिक विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 9.
क्या तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के लिए विद्युत तारों की मरम्मत करना सुरक्षित होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
तेज वर्षा के समय बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत तारों की मरम्मत करने पर करंट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश का जल लवणों का विलयन है, इसलिए विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल । इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया । उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप वर्शाती है । इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर:
यह नि:संदेह सत्य है कि आसुत जल की भांति वर्षा का जल भी शुद्ध है । किन्तु वातावरण में बहुत सी अशुद्धियाँ हैं; जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड । ये अशुद्धियाँ वर्षा के जल को चालक बना देती है। जिस कारण सपराक्षित्र से परीक्षण करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युतलेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
विद्युतलेपित वस्तुएँ निम्नलिखित हैं
(1) लोहे के ऊपर टिन का विद्युत लेपन किया जाता है।
(2) कृत्रिम गहने वाली सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युत लेपन किया जाता है ।
(3) गैस के बर्नर, साइकिल के रिम तथा स्नानगृह के नल पर विद्युत लंपन किया जाता है।

प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है । एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है । कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित किया जाए ? कारण भी लिखिए।
उत्तर:
अशुद्ध कॉपर की छड़ एनोड का कार्य करती है, इसलिए उसे बैटरी के धन टर्मिनल से जोड़ना चाहिए। जब कॉपर सल्फेट में विद्युत प्रवाह किया जाता है, धनायन कैथोड की ओर गति करते हैं और शुद्ध धातु कैथोड़ पर जमा हो जाती है, अशुद्धियाँ एनोड तल के नीचे बैठ जाती हैं।

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HBSE 8th Class Science विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की –परत निक्षेपित करना कहलाता है-
(अ) विद्युतलेपन
(ब) इलेक्ट्रोड
(स) हीनचालक
(द) सुचालकता ।
उत्तर:
(अ) विद्युतलेपन

2. पहियों के रिम पर लेपन होता है…
(अ) लोहे का
(ब) सिल्वर का
(स) क्रोमियम का
(द) कॉपर का ।
उत्तर:
(स) क्रोमियम का

3. जल के विद्युत अपघटन द्वारा बन टर्मिनल पर प्राप्त होने वाली गैस है –
(अ) ऑक्सीजन व हाइड्रोजन दोनों
(ब) हाइड्रोजन
(स) ऑर्गन
(द) ऑक्सीजन।
उत्तर:
(द) ऑक्सीजन।

4. साधारण लवण को आसुत जल में घोलने पर आसुत जल बन जाता है
(अ) चालक
(ब) अचालक
(स) न चालक न ही अचालक
(द) कोई नहीं ।
उत्तर:
(अ) चालक

5. निम्न में से विद्युत धारा का चालन नहीं होता है –
(अ) आलू
(ब) आसुत जल
(स) समुद्री जल
(द) कुओं का जल ।
उत्तर:
(ब) आसुत जल

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) …………… के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।
(ख) नमक का घोल विद्युत का …………….. है।
(ग) आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण ………………. होता है।
(घ) उद्योगों में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत विलपित करने के लिए ……………. का व्यापक रूप में उपयोग किया जाता है।
(ङ) जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर ……………… की परत निक्षेपित कर दी जाती है।
उत्तर:
(क) विद्युत धारा
(ख) चालक
(ग) हान चालक
(घ) विद्युत लेपन
(ङ) जिंक

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम’ब’
(i) तौबा (क) अचालक
(ii) रबड़ (ख) हीन चालक
(iii) आसुत जल (ग) एनोड
(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड (घ) सुचालक
(v) धन टर्मिनल से (ङ) कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम’ब’
(i) तौबा (घ) सुचालक
(ii) रबड़ (क) अचालक
(iii) आसुत जल (ख) हीन चालक
(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड (ङ) कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड
(v) धन टर्मिनल से (ग) एनोड

सत्य / असत्य कथन

(क) ऐलुमिनियम विद्युत का चालन करता है।
(ख) प्लास्टिक विद्युत का सुचालक है।
(ग) बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर दीप्त हो जाता है।
(घ) आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण हीन चालक है।
(ङ) टिन लोहे से अधिक क्रियाशील होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(छ) असत्य।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सुचालक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित होने देते हैं, वे विद्युत के सुचालक कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
हीन चालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो सुचालक के नाम लिखिए।
उत्तर:
ताँबा तथा ऐलुमिनियम

प्रश्न 4.
किन्हीं दो अचालक के नाम लिखिए।
उत्तर:
रबड़ तथा प्लास्टिक

प्रश्न 5.
बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह दीप्त क्यों होता है?
उत्तर:
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।

प्रश्न 6.
किन द्रवों के द्वारा विद्युत का चालन किया जा सकता है?
उत्तर:
अम्ल, क्षार एवं लवण द्वारा।

प्रश्न 7.
विद्युत लेपन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

प्रश्न 8.
कॉपर लेपन के लिए लगभग कितने वोल्ट की बैटरी की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
10 वोल्ट की बैटरी।

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प्रश्न 9.
इलेक्ट्रोड्स क्या होते हैं?
उत्तर:
चालक छड़, प्लेटें आदि जिनमें से धारा विद्युत अपघट्य में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है, इलेक्ट्रोड्स कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
आभूषण बनाने वाली सस्ती धातुओं पर किसका विद्युत लेपन करते हैं?
उत्तर:
चाँदी तथा सोने का।

प्रश्न 11.
खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले डिब्बों में लोहे के ऊपर किसका विद्युत लेपन किया जाता है?
उत्तर:
टिन का।

प्रश्न 12.
लोहे को जंग से बचाने के लिए इस पर किस धातु की परत निक्षेपित कर दी जाती है?
उत्तर:
जिंक की।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एल. ई. डी. क्या है ? इसे परिपथ से कैसे जोड़ा जाता है?
उत्तर:
एल.ई.डी. (LED) :
यह (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) एक संपरीक्षित्र है । यह दुर्बल विद्युत धारा होने पर भी दीप्त होता है । एल.ई.डी. के साथ दो तार जुड़े होते हैं, इन्हें लीड्स कहते हैं। दोनों तारों में से एक तार दूसरे तार की अपेक्षा थोड़ा लम्बा होता है । परिपथ में जोड़ते समय एल.ई.डी. के लम्बे तार को सदैव बैटरी के धन टर्मिनल से तथा छोटे तार को बैटरी के ऋण टर्मिनल से जोड़ा जाता

प्रश्न 2.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र किस प्रकार बनाया जा सकता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
माचिस की खाली डिबिया से ट्रे निकालिए। ट्रे पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक विद्युत तार के कुछ फेरे लपेटिए। ट्रे के भीतर एक छोटी चुंबकीय सुई रखिए। अब तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी के एक टर्मिनल से जोड़िए। तार के दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। तार का एक दूसरा टुकड़ा भोकर गैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़िए (चित्र)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -3
दोनों तारों के स्वतंत्र सिरों को क्षणमात्र के लिए एक दूसरे से स्पर्श कराइए। चुंबकीय सुई को तुरंत विक्षेप दिखाना चाहिए। आपका तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित्र तैयार है।

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प्रश्न 3.
विद्युत के सुचालक तथा विद्युत के हीन चालक से क्या समझते हो?
उत्तर:
वे पदार्थ जो अपने से होकर विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से होने देते हैं, सुचालक कहलाते हैं; जैसे-लोहा, ताँबा आदि । वे पदार्थ जो अपने में से होकर विद्युतधारा को आसानी से प्रवाहित होने नहीं देते । वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं जैसे – आसुत जल, शहद आदि।

प्रश्न 4.
आसुत जल को किस प्रकार विद्युत का चालक बनाया जा सकता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक साफ व सूखे प्लास्टिक के बीकर में थोड़ा आसुत जल लेकर यह प्रेक्षित करते हैं कि आसुत जल विद्युत चालन नहीं करता है । अब एक चम्मच साधारण नमक (NaCl) लेकर इसे आसुत जल में घोलते हैं । इसके पश्चात् इसका पुनः परीक्षण करते हैं तो यह पाते हैं कि आसुत जल में साधारण नमक मिश्रित करने पर यह विद्युत का चालन आसानी से करने लगता है ।

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि अम्ल, क्षार तथा लवण के विलयन विद्युत का चालन करते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के तीन स्वच्छ हक्कन लीजिए। प्रत्येक में लगभग दो चाय के चम्मच के बराबर आसुत जल भरिए। एक ढक्कन के आसुत जल में कुछ बूंदें नींबू के रस या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मिलाइए। अब दूसरे ढक्कन के आसुत जल में कास्टिक सोडा या पोटेशियम आयोडाइड जैसे क्षारक की कुछ बूदें मिलाइए। तीसरे ढक्कन के आसुत जल में थोड़ी सी चीनी डालकर घोलिए। परीक्षण कीजिए, इन विलयनों में से सभी विलयन क्रमशः (अम्ल, क्षार एवं लवण) विद्युत का चालन करते हैं।

प्रश्न 6.
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
(i) इलेक्ट्रोडों पर धातु का निक्षेपण हो सकता है।
(ii) रासायनिक प्रभाव के फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर गैस के बुलबुले बन सकते हैं।
(iii) किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं।
(iv) विलयनों के रंग में परिवर्तन हो सकते हैं।

प्रश्न 7.
विद्युत लेपन के उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत लेपन के उपयोग-
(i) लोहे को संक्षारण से बचाने के लिए क्रोमियम अथवा निकिल से विलेपित किया जाता है ।
(ii) साइकिल के हैंडल, पहिए के रिम, कारों के तमाम भाग क्रोमियम से विलेपित होते हैं ताकि वे चमकदार व आकर्षक बन सके ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -4
(iii) लोहे पर टीन की पतली परत विलेपित करने से टीन के डिब्बे तैयार किए जाते हैं ।
(iv) कृत्रिम आभूषण, जो सस्ती धातुओं से बनते हैं, उन्हें आकर्षक बनाने के लिए सोने अथवा चाँदी से विलेपित करते हैं।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा बताइए कि नींबू का रस या सिरका विद्युत का सुचालक है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बेकार फेंकी गई बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के कुछ ढक्कन एकत्र करके उन्हें साफ करिए। एक ढक्कन में एक चाय के चम्मच के बराबर नींबू का रस या सिरका उड़ेलिए। अपने संपरीक्षित्र को इस ढक्कन के समीप लाकर उसके सिरों को नींबू के रस या सिरके में डुबोइए। ध्यान रखिए कि दोनों सिरे परस्पर 1 cm के अधिक दूरी पर न हों लेकिन इसी के साथ-साथ वे एक दूसरे को स्पर्श भी न करें। ऐसा करने से संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है। अर्थात् नींबू का रस या सिरका विद्युत का चालन करता है।
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प्रश्न 2.
कुछ पदार्थों के उदाहरण दीजिए एवं बताइए कि उनमें संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को डुबोने से चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है अथवा नहीं एवं यह भी बताइए कि ये सुचालक है अथवा हीनचालक। (क्रियाकलाप)
उत्तर:

पदार्थ चुम्बकीय सुई विक्षेप वर्शाती है, हाँ / नहीं सुचालक / हीनचालक
1. नींबू का रस हाँ सुचालक
2. सिरका हाँ सुचालक
3. टोंटी का पानी हाँ सुचालक
4. वनस्पति तेल नहीं हीनचालक
5. दूध नहीं हीनचालक
6.शहद नहीं हीनचालक
7. इंधन नहीं हीनचालक
8. अम्ल विलयन हाँ सुचालक
9. क्षार विलयन हाँ सुचालक
10. लवण विलयन हाँ सुचालक

प्रश्न 3.
जल से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर होने वाली अभिक्रिया एक प्रयोग द्वारा दर्शाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दो बेकार सेलों से सावधानीपूर्वक कार्बन की छड़ें निकालिए। उनकी धातु की टोपियों को रेगमाल से साफ करके इन पर ताँबे के तार लपेटिए और उन्हें एक बैटरी से जोडिए। इन दो छड़ों को इलेक्ट्रोड कहते हैं। (कार्बन की छड़ों के स्थान पर आप लगभग 6cm लम्बी लोहे की कीलें भी ले सकते हैं)। किसी काँच के गिलास या प्लास्टिक के कटोरे में एक प्याला जल भरिए। जल को और अधिक चालक बनाने के लिए, इसमें एक छोटा चम्मच भरकर साधारण नमक या नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाइए। अब इस विलयन में इलेक्ट्रोडों को डुबोइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि कार्बन की छड़ों की धातु की टोपियाँ जल से बाहर रहें। 3-4 मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए। गैस के बुलबुले इलेक्ट्रोड पर निकलते हैं। जब जल से विद्युत धारा गुजरती है तो ऑक्सीजन
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -6
एवं हाइड्रोजन गैसों के बुलबुले दिखाई देते हैं। ऑक्सीजन गैस बैटरी के धनात्मक सिरे से जुड़े हुए इलेक्ट्रोड पर जाती है एवं हाइड्रोजन गैस दूसरे इलेक्ट्रोड पर जाती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

प्रश्न 4.
एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत किस प्रकार निक्षेपित कर दी जाती है? एक प्रयोग द्वारा प्रदर्शित कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कॉपर सल्फेट तथा लगभग 10 cm × 4cm साइज की ताँबे की दो प्लेट लीजिए। किसी स्वच्छ तथा सूखे बीकर में 250 mL आसुत जल लीजिए। इसमें चाय की दो चम्मच भरकर कॉपर सल्फेट घोलिए। अधिक चालक बनाने के लिए कॉपर सल्फेट विलयन में कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डालिए। ताँबे की प्लेटों को रेगमाल से साफ कीजिए। इन्हें पानी में धोकर सुखाइए। ताँबे की प्लेटों को एक बैटरी के टर्मिनलों से संयोजित कीजिए और उन्हें कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोइए (चित्र)
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव -7
परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित होने दीजिए। अब विलयन में से इलेक्ट्रोडों को हटाइए, एक इलेक्ट्रोड पर नीले रंग की परत जमा हो जाती है। जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट, कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है। स्वतंत्र कॉपर (ताँबा) बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्राड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर निक्षेपित हो जाता है। लेकिन विलयन से कॉपर के क्षय की पूर्ति कैसे होती है?

दूसरे इलेक्ट्रोड से जो ताँबे की प्लेट से बना है, समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है। इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम हुआ, वह विलयन में पुन: स्थापित हो जाता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसका अर्थ हुआ कि इस विद्युतलेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड को स्थानांतरित होता जाता है।

विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ विद्युत अपघटन (Electrolysis) : वह प्रक्रिया जिसमें विद्युत चालक द्रव में से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर द्रव संघटकों में अपघटित होता है।

→ विद्युत चालक (Conductor) : वे तत्व जो विद्युत धारा का चालन आसानी से कर देते हैं।

→ विद्युत कुचालक (Insulator) : वे तत्व जिनमें विद्युत धारा का चालन न हो सके।

→ विद्युत लेपन (Electroplating) : विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

→ कैथोड (Cathode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के -ve सिरे से जुड़ा हो।

→ एनोड (Anode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के +ve सिरे से जुड़ा हो।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

HBSE 8th Class Science ध्वनि InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 160)

प्रश्न 1.
जब हम बोलते हैं तो क्या हमारे शरीर का कोई भाग कंपित होता है ?
उत्तर:
हाँ। बोलने पर हमारा वाक्यंत्र ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कषित होता है।

(पृष्ठ संख्या – 165)

प्रश्न 2.
मैं चकित हूँ कि मेरी आवाज मेरे अध्यापक से भिन्न क्यों है ?
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कम्पन की आवत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कम्पन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

HBSE 8th Class Science ध्वनि Textbook Questions and Answers

सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
ध्वनि संचरित हो सकती है।
(क) केवल वायु या गैसों में
(ख) केवल ठोसों में
(ग) केवल द्रवों में
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।
उत्तर:
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि की आवृत्ति न्यूनतम होने की सम्भावना है
(क) छोटी लड़की की
(ख) छोटे लड़के की
(ग) पुरुष की
(घ) महिला की।
उत्तर:
(ख) छोटे लड़के की।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F लिखिए –
(क) ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
(ख) किसी कपित वस्तु के प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं।
(ग) यदि कंपन का आयाम अधिक है तो ध्वनि मंद होती है।
(घ) मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है।
(ङ) कंपन की आवृत्ति जितनी कम होगी, तारत्व उतना ही अधिक होगा।
(च) अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं।
(छ) ध्वनि प्रदूषण आशिक श्रवण अशक्तता उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
(क) T, (ख) F (ग) E (घ) T. (ङ) E (च) F (छ) T.

प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को …………………. कहते हैं।
(ख) प्रबलता कंपन के ………………. से निर्धारित की जाती है।
(ग) आवृत्ति का मात्रक ……………………. है।
(घ) अवांछित ध्वनि को …………….. कहते हैं।
(ङ) ध्वनि की तीक्ष्णता कंपनों की ………………. से निर्धारित की जाती है।
उत्तर:
(क) आवर्तकाल,
(ख) आयाम
(ग) हर्ट्स,
(घ) शोर,
(ङ) आवृत्ति।।

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प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकंड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल और आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हलः
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -1

प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कंपन प्रति सेकंड की औसत दर से कंपित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कंपन का आवर्तकाल कितना है ?
हल:
आवृत्ति = 500
कंपन = 500 Hz,
आवर्तकाल = ?
हम जानते हैं, आवर्तकाल = \(\frac{1}{500}\)
= 2 ×10-3 सेकण्ड

प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययंत्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपित होता है –
(क) ढोलक (ख) सितार (ग) बाँसुरी
उत्तर:

वाद्य यंत्र कंपित भाग
ढोलक तानित झिल्ली
सितार तानित तार
बाँसुरी वायु स्तम्भ

प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अन्तर है ? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है ?
उत्तर:
संगीत –
(क) यह प्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य समस्याओं से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है।
(ग) यह सुखद है।

शोर –
(क) यह अप्रिय ध्वनि है।
(ख) स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है।
(ग) यह कष्टप्रद है। यदि संगीत अत्यंत प्रबल हो जाए तो यह शोर बन जाता है।

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प्रश्न 9.
अपने वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत –
(1) वाहनों का शोर।
(2) लाउडस्पीकर, विवाह जैसे सामाजिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम।
(3) फेरी वाले, जुलूस।
(4) रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन।
(5) रसोई के कुछ उपकरण, कूलर, वैक्यूम क्लीनर, वाशिग मशीन इत्यादि।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:
शोर प्रदूषण के मानव पर दुष्प्रभाव –
(1) नींद कम आना।
(2) चिंता जैसे विकार उत्पन्न होना।
(3) उच्च रक्तचाप होना।
(4) आंशिक श्रवण अशक्तता इत्यादि।

प्रश्न 11.
आपके माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम माता-पिता को सड़क से तीन गली दूर वाला मकान खरीदने का सुझाव देंगे। क्योंकि सड़क के पास वाले मकान में कई हानियाँ हैं;
जैसे –
(1) वाहनों से निकला धुआँ वायु प्रदूषण उत्पन्न करता है।
(2) सड़क पर चलते हुए वाहनों से अत्यधिक शोर होता है।
(3) ट्रैफिक बाधा के समय हॉों से ध्वनि प्रदूषण होता है।

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प्रश्न 12.
मानव वाक्यंत्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -2
जब फेफडे वाय को बलपर्वक झिरी से बाहर निकालते हैं, तो वाक्-तन्तु कपित होते हैं, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक्-तन्तुओं से जुड़ी माँसपेशियाँ तन्तुओं को – तना हुआ या ढीला कर सकती हैं। जब वाक् तंतु तने हुए और पतले होते हैं तब वाक् ध्वनि का प्रकार उस वाक ध्वनि से भिन्न होता है, जब वाक् तन्तु मोटे और ढीले होते हैं।

प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं।
उत्तर:
प्रकाश की चाल, ध्वनि की अपेक्षा काफी अधिक होती है। ध्वनि की चाल 332 मी/से होती है तथा प्रकाश की चाल 3 × 108 मी/से होती है। इसलिए प्रकाश ध्वनि से तेज चलता है। इस कारण एक साथ उत्पन्न होने के बावजूद आकाश में तड़ित, मेघगर्जन की अपेक्षा पहले दिखाई देती है।

HBSE 8th Class Science ध्वनि Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आवृत्ति को व्यक्त करते हैं –
(अ) प्रति सेकंड में
(ब) हर्टज में
(स) डेसीबल में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) प्रति सेकंड में

2. अप्रिय ध्वनि को कहते हैं –
(अ) सुस्वर ध्वनि
(ब) संगीत
(स) शोर
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) शोर

3. निम्न में से किसमें ध्वनि संचरित नहीं हो सकती है
(अ) वायु में
(ब) निर्वात् में
(स) जल में
(द) ठोस में।
उत्तर:
(ब) निर्वात् में

4. सामान्य वार्तालाप में ध्वनि की प्रबलता होती है
(अ) 10 db
(ब) 30 db
(स) 80 db
(द) 60 db.
उत्तर:
(ब) 30 db

5. मानव में ध्वनि उत्पन्न होती है
(अ) आहार नाल द्वारा
(ब) जीभ द्वारा
(स) कंठ द्वारा
(द) उपरोक्त सभी द्वारा।
उत्तर:
(स) कंठ द्वारा

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रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी वस्तु को अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को ……….. कहते हैं।
(ख) मंजीरा एक ……………….. है।
(ग) मानवों में ध्वनि ………….. द्वारा उत्पन्न होती है।
(घ) ध्वनि को संचरण के लिए कोई ………….. की आवश्यकता होती है।
(ङ) ………… आवृत्ति एक दोलन प्रति सेकंड के बराबर होती है।
उत्तर:
(क) कंपन
(ख) वाद्ययंत्र
(ग) वाक्यंत्र अथवा कंठ
(घ) माध्यम
(ङ) Hz

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) तबला (क) वाक्यंत्र
(ii) कंठ (ख) Hz
(iii) आवृत्ति (ग) अप्रिय ध्वनि
(iv) ध्वनि की प्रबलता (घ) वाद्य यंत्र
(v) शोर (ङ) डेसिबल

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) तबला (घ) वाद्य यंत्र
(ii) कंठ (क) वाक्यंत्र
(iii) आवृत्ति (ख) Hz
(iv) ध्वनि की प्रबलता (ङ) डेसिबल
(v) शोर (ग) अप्रिय ध्वनि

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सत्य / असत्य कथन

(क) बाक्यंत्र श्वासनली के ऊपरी सिरे पर होता है।
(ख) पुरुषों में वाक्-तंतुओं की लम्बाई लगभग 15 mm होती है।
(ग) ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है।
(घ) आवृत्ति को सेमी. में मापा जाता है।
(ङ) 80 dB से अधिक प्रबल शोर शरीर के लिए कष्टदायक होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कंपन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं।

प्रश्न 2.
आयाम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कपित वस्तु द्वारा मध्य स्थिति से अधिकतम तय की गई दूरी आयाम कहलाती है।

प्रश्न 3.
कंपन के आयाम तथा प्रबलता में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
कंपन का आयाम अधिक होने पर ध्वनि की प्रबलता अधिक होती है।

प्रश्न 4.
मानवों में ध्वनि किसके द्वारा उत्पन्न होती है?
उत्तर:
वाकयंत्र या कंठ (Larynx) द्वारा।

प्रश्न 5.
पुरुषों के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 20 mm

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प्रश्न 6.
महिलाओं के वाक्-तंतुओं की लंबाई बताइए।
उत्तर:
लगभग 15 mm

प्रश्न 7.
ध्वनि को संरचण के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कोई माध्यम की।

प्रश्न 8.
क्या ध्वनि निर्वात में संचरित हो सकती है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 9.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
कंपित वस्तुओं के द्वारा।

प्रश्न 10.
आवृत्ति क्या है?
उत्तर:
प्रति सेकंड होने वाले दोलनों की संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 11.
आवृत्ति की इकाई क्या है?
उत्तर:
हर्ट्स (Hz)

प्रश्न 12.
आवर्तकाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक दोलन को पूरा करने में लगा समय वस्तु का आवर्तकाल कहलाता है।

प्रश्न 13.
ध्वनि के तारत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
तारत्व ध्वनि का वह गुण है जिसके कारण ध्वनि बारीक या मोटी सुनाई देती है।

प्रश्न 14.
उन दो जानवरों के नाम लिखिए जो 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की तरंगों के लिए संवेदनशील
उत्तर:
कुत्ता एवं चमगादड़।

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प्रश्न 15.
मानव कानों के लिए श्रवण की आवृत्ति का परास क्या है?
उत्तर:
20 Hz से 20,000 Hz तक।

प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है ?
उत्तर:
डेसीबल (dB).

प्रश्न 17.
ध्वनि किस मात्रा पर हानिकारक हो सकती है?
उत्तर:
80 डेसीबल से अधिक होने पर।

प्रश्न 18.
पूर्ण बढ़ छड़ में ध्वनि की चाल क्या होगी?
उत्तर:
पूर्ण दृढ छड़ में ध्वनि की चाल अनन्त होती है।

प्रश्न 19.
भिनभिनाते मच्छर अथवा गरजते शेर में से किसकी आवृत्ति अधिक होगी?
उत्तर:
भिनभिनाते मच्छर की ध्वनि की आवृत्ति अधिक होगी।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु की एक प्लेट को दीवार से बिना छुए एक स्थान पर लटकाते हैं। इस पर आधारित निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए (क्रियाकलाप)
(क) प्लेट पर किसी छड़ी से चोट मारने पर क्या ध्वनि सुनाई पड़ती है।
(ख) चोट मारने के तुरंत बाद इसे हाथों से कसकर पकड़ने पर क्या होता है?
(ग) प्लेट के ध्वनि उत्पन्न करना बंद करने पर क्या इसमें कंपन अनुभव होता है?
उत्तर:
(क) हाँ। प्लेट के कंपन्न अनुभव किये जा सकते है। कपन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
(ख) प्लेट को हाथों से कसकर पकड़ा जाए तो कोई ध्वनि सुनाई नहीं देती क्योंकि कंपन बंद होने के कारण ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है।
(ग) ध्वनि उत्पन्न करना बंद होने पर कोई भी कंपन्न अनुभव नहीं होता है।

प्रश्न 2.
एक पेंसिल बॉक्स पर रबड़ का एक छल्ला चढ़ाकर बॉक्स तथा तानित रबड़ के बीच दो पेंसिल लगाते हैं। इसके बाद रबड़ के छल्ले को बीच में से खींचकर छोड़ने पर क्या होता है? स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कस कर तानित एक रबड़ के छल्ले को कर्षित करते हैं या बीच से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है। जब यह कंपन बंद कर देता है तो ध्वनि बंद हो जाती है।

प्रश्न 3.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धातु की एक थाली लेकर इसमें कुछ जल डालते हैं। एक चम्मच से इसके किनारे पर आघात करने पर ध्वनि सुनाई देती है। थाली पर पुनः आघात करने पर थाली में कंपन होता है। फिर से आघात करने पर कंपित थाली जल में तरंगें।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -3
अतः हम कह सकते हैं कि कंपायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न करती है।

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प्रश्न 4.
कंपन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की अपनी माध्य स्थिति के इधरउधर या आगे-पीछे होने वाली गति को कंपन कहते हैं। जब कसकर तने हुए एक रबड़ के छल्ले को कर्षित (Pluck) करते हैं या बीच में से खींचकर छोड़ते हैं तो यह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है तथा कंपन के बंद होने पर ध्वनि बंद हो जाती है।

प्रश्न 5.
ध्वनि की प्रबलता से आप क्या समझते हैं ? यह किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता हमारे कानों की आपेक्षिक संवेदनशीलता की माप होती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि उत्पन्न करने वाले कंपनों के आयाम के वर्ग के समानुपातिक है। उदाहरण के लिए, यदि आयाम दुगुना हो जाए तो प्रबलता 4 के गुणक में बढ़ जाती है। प्रबलता को डेसिबल (db) मात्रक में व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 6.
ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
जब ध्वनि के कारण किसी माध्यम में कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह विक्षोभ माध्यम के कणों में गति उत्पन्न कर देता है, ये कण अपने समीपवर्ती माध्यम के अन्य कणों में उसी प्रकार गति उत्पन्न कर देते हैं। यह प्रक्रिया इसी प्रकार माध्यम के अन्य कणों में फैलती जाती है तथा विक्षोभ हमारे कानों तक पहुँच जाता

प्रश्न 7,
व्याख्या कीजिए कि आवृत्ति ध्वनि का तारत्व निर्धारित करती है।
उत्तर:
आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कंपन की आवृत्ति अधिक है तो हम कहते हैं कि ध्वनि तीखी है। यदि कंपन की आवृत्ति कम है तो हम कहते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है। उदाहरण के लिए ढोल मंद आवृत्ति से कंपित होता है इसलिए यह कम तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, सीटी की आवृत्ति अधिक होती है और इसलिए अधिक तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करती है। पक्षी उच्च तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है।

प्रश्न 8.
सिद्ध कीजिए कि किसी दोलन करने वाली वस्तु के लिए आवृत्ति x आवर्तकाल – 1
उत्तर:
यदि दालन करने वाली वस्तु की आवृत्ति = n
1 सेकण्ड में किया गया कम्पन = n
n कम्पन में वस्तु द्वारा लिया गया समय = 1 सेकण्ड
1 कम्पन करने में वस्तु द्वारा लगा समय = \(\frac{1}{n}\) सेकण्ड
क्योंकि कम्पन में लगा समय ‘T’ आवर्तकाल कहलाता है।
अतः \(\frac{1}{n}\) = T अर्थात् n = \(\frac{1}{T}\)
इसलिए n × T = 1
अर्थात् आवृत्ति × आवर्तकाल = 1

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प्रश्न 9.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 200 हर्ट्ज़ है। इसका आवर्तकाल कितना होगा?
उत्तर:
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प्रश्न 10.
मानव का हृदय औसत रूप में एक मिनट में 75 बार धड़कता है, उसकी आवृत्ति परिकलित कीजिए।
उत्तर:
1 मिनट में धड़कनों की संख्या = 75
मानव हृदय की आवृत्ति = 75 बार / मिनट
= \(\frac{75}{60}\) / सेकंड = 1.25 सेकंड-1

प्रश्न 11.
अपश्रव्य तरंगें, श्रव्य तरंगें तथा पराश्रव्य तरंगों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अपश्रव्य तरंगें : जिन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्स से कम होती है उन्हें अपश्रव्य तरंगें कहते हैं।
श्रव्य तरंगें : जिन तरंगों से उत्पन्न ध्वनि को मनुष्य द्वारा सुना जा सकता है, श्रव्य तरंगें कहलाती हैं। इनकी आवृत्ति 20 हर्ट्स से 20,000 हर्ट्स तक होती है।
पराश्रव्य तरंगें : इन तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्स से अधिक होती है। मनुष्य द्वारा पराश्रव्य तरंगें नहीं सुनी जा सकतीं। कुत्ता एवं चमगादड़ पराश्रव्य तरंगों के प्रति संवेदनशील हैं।

प्रश्न 12.
मच्छरों द्वारा उत्पन्न ध्वनि शेर की दहाड़ से भिन्न क्यों होती है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता वस्तु के आयाम पर निर्भर करती है। मच्छरों में ध्वनि पंखों की फरफराहट द्वारा उत्पन्न होती है जबकि शेर की दहाड़ गले में उपस्थित वाक्-तंतुओं से उत्पन्न होती है। मच्छरों में ध्वनि का आयाम कम होता है। इसलिए दोनों ध्वनियाँ अलग-अलग तथा पहचानने योग्य होती हैं।

प्रश्न 13.
ध्वनि प्रदूषण कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण को कम करने के निम्नलिखित उपाय हैं-
(1) वायुयान के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों एवं घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
(2) स्वचालित वाहनों के हार्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
(3) ध्वनि प्रदूषण से होने वाले प्रभावों से अवगत कराना चाहिये।
(4) सड़कों तथा घरों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
काँच का एक खाली गिलास लीजिए। इसमें एक ‘सेल फोन’ रखिए। अपने किसी मित्र से इस सेल फोन’ पर किसी दूसरे ‘सेल फोन’ से टेलीफोन करने के लिए कहिए। घंटी की ध्वनि ध्यानपूर्वक सुनिए। अब गिलास के किनारों को अपने हाथों से सटा कर पकड़िए। अब अपने मुँह को हाथों के बीच की खाली जगह पर सटा कर रखिए।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -5
ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

अपने मित्र को फिर टेलीफोन करने के लिए संकेत दीजिए। गिलास में से वायु को मुँह द्वारा खींचते हुए घंटी की आवाज को सुनिए।
गिलास में से वायु बाहर खींचने पर घंटी की ध्वनि धीमी हो जाती है?
गिलास को अपने मुँह से हटाइए। ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है।
गिलास में वायु की मात्रा कम होने पर घंटी की प्रबलता में कमी आ जाती है।
यदि गिलास में से सारी वायु बाहर खींच पाते तो ध्वनि पूरी तरह सुनाई देना बंद हो जाती है। इसका कारण यह है कि ध्वनि को संचरण (एक जगह से दूसरी जगह जाने) के लिए कोई माध्यम चाहिए। जब किसी बर्तन में से वायु पूरी तरह निकाल दी जाती है तो कहा जाता है कि वर्तन में निर्वात है। ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।

प्रश्न 2.
मानव कान (कण) संरचना तथा ध्वनि के सुनने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
कान (कर्ण) के बाहरी भाग की आकृति कीप (फनल) जैसी होती है। जब ध्वनि इसमें प्रवेश करती है तो यह एक नलिका से गुजरती है जिसके सिरे पर एक पतली तानित झिल्ली होती है। इसे कण पटह (eardrum) कहत कर्ण पटह एक तानित रबड़ की शीट के समान होता है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कंपित करते हैं (चित्र)। कर्ण पटह कंपनों को आंतर कर्ण (inner ear) तक भेज देता है। वहाँ से संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि को सुनते हैं।
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प्रश्न 3.
ध्वनि की प्रबलता उसके आयाम पर निर्भर करती है। इस कथन को एक प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक धातु का गिलास और एक चाय का चम्मच लीजिए। चम्मच को धीमे से गिलास के किनारे से टकराइए। उत्पन्न हुई ध्वनि को सुनिए। अब गिलास पर चम्मच से जोर से आघात कीजिए तथा फिर से उत्पन्न ध्वनि को सुनिए। गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है। अब गिलास के किनारे को छूते हुए थर्मोकोल की एक छोटी सी गेंद लटकाइए (चित्र)। गिलास को कंपित कराइए। देखिए कि गेंद कितनी दूर विस्थापित होती है। गेंद का विस्थापन गिलास के कंपन के आयाम की माप है। ध्वनि की प्रबलता इसके आयाम पर निर्भर करती है। जब किसी कंपित वस्तु का आयाम अधिक होता है तो इसके द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रबल होती है। जब आयाम कम होता है तो उत्पन्न ध्वनि मंद होती है। अब गिलास को पहले धीमे तथा बाद में अधिक बल से आघात कीजिए। दोनों स्थितियों में गिलास के HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि -7

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 4.
श्रव्य तथा अश्रव्य ध्वनियों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर:
ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित की जा सकती है, श्रव्य ध्वनि कहलाती है एवं ऐसी ध्वनि जो मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकती है, अश्रव्य ध्वनि कहलाती है।
लगभग 20 कंपन प्रति सेकंड (20 Hz) से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान सुन नहीं सकता अर्थात् 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ मानव कान द्वारा संसूचित नहीं की जा सकी। ऐसी ध्वनियों को अश्रव्य कहते हैं। उधर लगभग 20,000 कंपन प्रति सेकंड (20 kHz) से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ भी मानव कान द्वारा संसूचित नहीं होती। अत: मानव कानों के लिए श्रव्य की आवृत्ति का परास (Range) लगभग 20 Hz से 20,000 Hz तक है। इसका अर्थ यह है कि हम केवल 20 Hz – 20 kHz के बीच की आवृत्ति वाली ध्वनियाँ ही सुन सकते हैं।

प्रश्न 5.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख कारण बताइए एवं इससे क्या हानियाँ हैं? इसको सीमित करने के उपाय लिखिए।
उत्तरः
ध्वनि प्रदूषण : वातावरण में अत्यधिक या अवांछित ध्वनियों को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण : वाहनों की ध्वनियाँ, विस्फोट जिसमें पटाखों का फटना भी सम्मिलित है, मशीनें, लाउडस्पीकर आदि। ऊँची आवाज में चलाए गए टेलिविजन तथा ट्रांजिस्टर (रेडियों), रसोईघर के कुछ उपकरण (appliances), कूलर (Coolers), वातानुकूलक (AC) आदि, सभी ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं।

ध्वनि प्रदूषण से हानियाँ : ध्वनि प्रदूषण अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्थाओं का कारण बन सकता है। इससे निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं

  • अनिद्रा
  • अति तनाव (उच्च रक्त-चाप)
  • चिन्ता
  • श्रवण क्षमता में कमी (अस्थायी अथवा स्थायी)

ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय :

  • ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए हमें ध्वनि के स्रोतों पर नियंत्रण करना चाहिए। इसके लिए वायुयानों के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू उपकरणों में रवशामक युक्तियाँ (silencer) लगानी चाहिए।
  • ध्वनि उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों को आवासीय क्षेत्रों से दूर संचालित करना चाहिए।
  • ध्वनि उत्पन्न करने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
  • स्वचालित वाहनों के हॉर्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
  • टेलिविजन तथा संगीत निकायों की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
  • ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए सड़कों तथा भवनों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए, जिससे कि ध्वनि आवासों तक न पहुँच पाए।

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ध्वनि Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ कम्पन (Vibration) : किसी वस्तु की माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे की गति।

→ आयाम (Amplitude) : कम्पन के दौरान माध्य स्थिति के एक ओर अधिकतम विस्थापन।

→ स्वर यंत्र (Larynx) : मानव में ध्वनि का अंग।

→ बाक् तंतु (Vocal cords) : स्वर यंत्र में दो युग्म पेशीय तंत।

→ संगीत (Musical sound) : वह ध्वनि जो कानों पर मधुर प्रभाव डालती है।

→ कर्ण पटह (Eardnim) : कान के बाहरी भाग में उपस्थित नलिका के सिरे पर एक पतली तनित झिल्ली।

→ दोलन (Vibrating body) : वह वस्तु जो माध्य स्थिति के इधर-उधर या आगे-पीछे गति करती है।

→ आवृत्ति (Frequency) : प्रति सेकेण्ड होने वाले दोलनों की संख्या।

→ हर्ट्स (Hertz) : आवृत्ति का मात्रक।

→ शोर (Noise) : अप्रिय ध्वनि।

→ तीक्ष्णता (Loudness) : ध्वनि का गुण जो दोलन/कम्पन के आयाम और आवृत्ति पर निर्भर करता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

HBSE 8th Class Science घर्षण InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 152)

प्रश्न 1.
क्या हम पृष्ठों पर पॉलिश करके अथवा अत्यधि क मात्रा में स्नेहक पदार्थों का प्रयोग करके घर्षण को घटाकर शून्य कर सकते हैं ?
उत्तर
कोई पृष्ठ पूर्णत: चिकना नहीं होता, उसमें कुछ अनियमितताएँ अवश्य होती हैं, इस कारण घर्षण पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकता है ।

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HBSE 8th Class Science घर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) घर्षण एक-दूसरे के सम्पर्क में रखी दो वस्तुओं के पृष्ठों के बीच ………………. का विरोध करता है ।
(ख) घर्षण पृष्ठों के ……….. पर निर्भर करता है।
(ग) घर्षण से ……………. उत्पन्न होती है ।
(घ) कैरम बोर्ड पर पाउडर छिड़कने से घर्षण ………………. हो जाता है।
(ङ) सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से ……………….. होता है।
उत्तर:
(क) गति,
(ख) चिकनेपन (प्रकृति),
(ग) ऊष्मा,
(घ) कम,
(ङ) कम ।

प्रश्न 2.
चार बच्चों को लोटनिक, स्थैतिक तथा सी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करने के लिए कहा गया । उनकी व्यवस्था नीचे दी गयी है। सही व्यवस्था का चयन कीजिए –
(क) लोटनिक, स्थैतिक, सी
(ख) लोटनिक, सी, स्थैतिक
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक
(घ) सपी, स्थैतिक, लोटनिक
उत्तर:
(ग) स्थैतिक, सपी, लोटनिक

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प्रश्न 3.
आलिदा अपनी खिलौना कार को संगमरमर के सूखे फर्श, संगमरमर के गीले फर्श, फर्श पर बिछे समाचारपत्र तथा तौलिए पर चलाती है । कार पर विभिन्न पृष्ठों द्वारा लगे घर्षण बल का बढ़ता क्रम होगा
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचारपत्र, तौलिया
(ख) समाचारपत्र, तौलिया, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(ग) तौलिया, समाचारपत्र, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(घ) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, तौलिया, समाचारपत्र
उत्तर:
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचारपत्र, तौलिया

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते हैं । उस पर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरम्भ कर देती है । इस पर लगे घर्षण बल की दिशा दर्शाइए।
उत्तर:
किताब के नीचे खिसकने पर घर्षण बल की दिशा ऊपर की ओर होगी, क्योंकि घर्षण बल सदैव गति की, दिशा के विपरीत कार्य करता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए । इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन । अपने उत्तर का कारण बताइए ।
उत्तर:
साबुन का पानी गिरने से गीले फर्श पर चलना कठिन हो जाता है । फर्श पर फैले साबुन के पानी के कारण हमारे पैर तथा फर्श के बीच कार्यरत घर्षण बल कम हो जाता है, जिससे फर्श पर पैर की पकड़ ढीली पड़ जाती

प्रश्न 6.
खिलाड़ी कीलदार जूते (स्पाइक्स) क्यों पहनते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
स्पाइक्स के कारण पैर व मैदान की सतह के मध्य घर्षण बल बढ़ जाता है तथा सतह पर दौड़ना आसान हो जाता है और फिसलने का भय नहीं रहता ।

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प्रश्न 7.
इकबाल को हल्की पेटिका धकेलनी है तथा सीमा को उसी फर्श पर भारी पेटिका धकेलनी है । कौन अधिक घर्षण बल अनुभव करेगा और क्यों ?
उत्तर:
सीमा अधिक घर्षण बल अनुभव करेगी, क्योंकि घर्षण हमेशा आरोपित बल का विरोध करता है। आरोपित बल जितना ज्यादा होगा उसी के समानुपाती घर्षण बल होगा। चूँकि भारी पेटिका को धकेलने के लिए ज्यादा बल की आवश्यकता होती है, इसलिए उस पर घर्षण बल – अधिक अनुभव होता है।

प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए, सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम क्यों होता है ?
उत्तर:
जब कोई वस्तु गतिशील नहीं होती अर्थात् विराम अवस्था में होती है तब वस्तु और धरती की सतह के बीच उन दोनों के पृष्ठों की अनियमितताओं के कारण घर्षण अधिक होगा । परन्तु जब वस्तु गति की स्थिति में होती है, तो अनियमितताओं के एक-दूसरे में फँसने का अधिक समय नहीं मिलता, इस कारण सपी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

प्रश्न 9.
वर्णन कीजिए, घर्षण किस प्रकार शत्रु एवं मित्र दोनों हैं?
उत्तर:
घर्षण शत्रु निम्न प्रकार से है
(1) यह टूट-फूट का उत्तरदायी है।
(2) ऊष्मा के रूप में ऊर्जा व्यय होती है।
(3) मशीन की कार्यक्षमता कम करता है ।
(4) मशीनों के पुजों में स्नेहक लगाने से काफी मात्रा में धन व्यय होता है।

घर्षण मित्र निम्न प्रकार से है
(1) घर्षण के बिना चलना सम्भव नहीं है, क्योंकि इस दशा में हमारा पैर सतह पर केवल फिसलेगा ।
(2) घर्षण के बिना दो वस्तुओं का चिपकना संभव नहीं है ।
(3) गतिमान वस्तुओं के ब्रेक घर्षण के बिना कार्य नहीं करते ।
(4) ब्लैक बोर्ड या कागज पर घर्षण के बिना लिखना भी संभव नहीं है।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए, तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं ?
उत्तर:
किसी तरल पर लगने वाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है । तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की अर्थात् धारारेखीय बनाई जाती है क्योंकि यदि वाहन उच्च वेग से गति करेगा तो भी उसके चारों ओर हवा का प्रवाह धारारेखीय ही रहेगा और विक्षुब्ध नहीं होगा। इस कारण वाहन की गति नियमित रहती है।

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HBSE 8th Class Science घर्षण Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. घर्षण कम करने वाले पदार्थों को कहते हैं
(अ) कर्षण
(ब) स्नेहक
(स) अंत:बंधित पदार्थ
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) स्नेहक

2. पहिए घर्षण के मान को –
(अ) शून्य कर देते हैं
(ब) कम कर देखें हैं
(स) अधिक कर देते हैं
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) कम कर देखें हैं

3. तरलों द्वारा लगाए गये घर्षण बल को कहते हैं
(अ) स्पर्शीय बल
(ब) लोटनिक बल
(स) कर्षण
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(स) कर्षण

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4. तरल नाम संयुक्त रूप से दिया गया है
(अ) गैसों व ठोसों को
(ब) गैसों व द्रवों को
(स) ठोस व द्रवों को
(द) गैस, द्रव व ठोस तीनों को।
उत्तर:
(ब) गैसों व द्रवों को

5. घर्षण सम्पर्क में आने वाले दो पृष्ठों में किसके कारण होता है –
(अ) चिकनाई
(ब) नियमितता
(स) अनियमितता
(द) अ एवं ब दोनों ।
उत्तर:
(स) अनियमितता

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) ………….. सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है।
(ख) घर्षण सम्पर्क में आने वाले दो पृष्ठों की …………. के कारण होता है।
(ग) यदि पृष्ठ रुक्ष हो तो घर्षण बल ………….. होता है।
(घ) घर्षण कम करने वाले पदार्थो को ……….. कहते हैं।
(ङ) लोटनिक घर्षण सी घर्षण से ……………. होता है।
उत्तर:
(क) घर्षण बल
(ख) अनियमितताओं
(ग) अधिक
(घ) स्नेहक
(ङ) कम

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) घर्षण कम करने वाला पदार्थ (क) घर्षण में वृद्धि हो जाती है।
(ii) तरल द्वारा लगाया गया घर्षण बल (ख) स्नेहक
(iii) पृष्ठों को बलपूर्वक दबाने पर (ग) घर्षण
(iv) ऊष्मा उत्पन्न होने का कारण (घ) कर्षण ।

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) घर्षण कम करने वाला पदार्थ (ख) स्नेहक
(ii) तरल द्वारा लगाया गया घर्षण बल (घ) कर्षण ।
(iii) पृष्ठों को बलपूर्वक दबाने पर (क) घर्षण में वृद्धि हो जाती है।
(iv) ऊष्मा उत्पन्न होने का कारण (ग) घर्षण

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सत्य / असत्य कथन

(क) यदि हम दाईं दिशा में बल लगाते हैं तो घर्षण बाई दिशा में कार्य करता है।
(ख) सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कुछ अधिक होता है।
(ग) घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते हैं।
(घ) लोटनिक घर्षण सपी घर्षण से अधिक होता है।
(ङ) तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण क्या है ?
उत्तर:
जब कोई एक वस्तु दूसरी वस्तु की किसी सतह पर सरकती है तो एक बल उत्पन्न करती है, जो गति का विरोध करता है । यह बल घर्षण बल कहलाता है।

प्रश्न 2.
बारिश के दिनों में हम आसानी से क्यों फिसल जाते हैं?
उत्तर:
जूतों तथा आर्द्र तल के मध्य घर्षण कम होने के कारण हम आसानी से फिसल जाते हैं।

प्रश्न 3.
कमानीदार तुला क्या है?
उत्तर:
कमानीदार तुला ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा किसी वस्तु पर लगने वाले बल को मापा जाता है।

प्रश्न 4.
क्या यह सत्य है कि घर्षण स्व:अनुकूलित होता
उत्तर:
जब तक वस्तु गतिमान होती है, घर्षण बल स्वयं को इस प्रकार अनुकूलित करता है कि यह लगाए गए बल के समान और उलट दिशा में हो ।

प्रश्न 5.
सीमेंट फर्श अथवा गीली मिट्टी में से कौन अधिक चिकनी है ?
उत्तर:
गीली मिट्टी ।

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प्रश्न 6.
बर्फ से ढंके रास्तों पर रेत क्यों डाली जाती है?
उत्तर:
रेत डालने से घर्षण बल बढ़ जाता है और बर्फीली सड़कों पर चलना आसान हो जाता है ।

प्रश्न 7.
स्नेहक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
घर्षण कम करने वाले पदार्थ स्नेहक कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
पहिए वृत्ताकार (गोल) क्यों होते हैं ?
उत्तर:
पहिए सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदल देते हैं।

प्रश्न 9.
लोटनिक घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर लुढ़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 10.
सपी घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य सतह पर फिसलती है तो उनकी सम्पर्क सतहों के बीच लगने वाले घर्षण बल को सी घर्षण बल कहते हैं ।

प्रश्न 11.
कर्षण क्या है ?
उत्तर:
तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है। स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
यदि बल बार्टी दिशा में लगाया जाता है तो घर्षण बल दायी दिशा में कार्य करता है। यदि बल दार्थी दिशा में लगाया गया है तो घर्षण बल बाटै दिशा में कार्य करता है। दोनों स्थितियों में घर्षण पुस्तक की गति का विरोध करता है। घर्षण बल सदैव ही लगाए गए बल का विरोध करता है।

प्रश्न 2.
क्या कारण है कि वाहनों के टायर में उचित हवा भरने से ईंधन की बचत होती है ?
उत्तर:
हम जानते हैं कि सी घर्षण की तुलना में लोटनिक घर्षण का मान कम होता है । यदि टायरों में सही मात्रा में हवा भरी हो, तो वे बिना फिसले लुढ़कते हैं । इस कारण घर्षण में ऊर्जा हानि कम होती है तथा ईंधन की बचत होती है।

प्रश्न 3.
स्थैतिक घर्षण क्या है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की स्थिरावस्था में उस पर लग रहे बाह्य बलों को प्रतिसंतुलित करने वाला घर्षण बल, स्थैतिक घर्षण बल कहलाता है ।

प्रश्न 4.
हम श्यामपट्ट पर.क्यों लिख पाते हैं ?
उत्तर:
जब चॉक द्वारा श्यामपट्ट पर लिखते हैं तो श्यामपट्ट का खुरदरा पृष्ठ रगड़ द्वारा चॉक के कुछ कणों को उतार देता है जो श्यामपट्ट से चिपक जाते हैं और इस प्रकार श्यामपट्ट पर लिखाई हो जाती है।

प्रश्न 5.
घर्षण किस प्रकार ऊष्मा पैदा करता है?
उत्तर:
घर्षण के द्वारा ऊष्मा उत्पन्न होती है । इसका सत्यापन निम्न उदाहरणों द्वारा किया जा सकता है
(1) हाथों को परस्पर रगड़ने से हाथ गर्म हो जाते हैं ।
(2) माचिस की तीली रगड़ने से आग उत्पन्न होती है।
(3) मिक्सर का जार, कुछ देर चलने के बाद गर्म हो जाता है।

प्रश्न 6.
सर्पा घर्षण क्या है ? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु पर फिसलती है तो उसके संपर्क सतहों के मध्य लगने वाला घर्षण बल सी घर्षण कहलाता है ।
उदाहरण – जब लकड़ी का एक ब्लाक जमीन पर खांचा अथवा धकला जाता ह तब यह बल सी घर्षण बल कहलाता है।

प्रश्न 7.
गतिज घर्षण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब वस्तु पर लगाया गया बल सीमांत घर्षण से अधिक हो तो वस्तु गति करने लगती है. इस स्थिति में वस्तु पर प्रभावी बल परिमाण में वस्तु पर लगे बल तथा सीमांत घर्षण बल के अन्तर के बराबर होगा । इसी प्रकार जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर गति करती है तो उस समय उत्पन्न घर्षण को गतिज घर्षण कहते हैं । गतिज घर्षण का मान सीमान्त घर्षण से थोड़ा कम होता है।

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प्रश्न 8.
सीमांत घर्षण क्या है?
उत्तर:
यदि वस्तु पर लगाया गया बल बढ़ाते जाएँ तो घर्षण बल एक सीमांत मान तक बढ़ता है । यह सीमांतमान, सीमांत घर्षण कहलाता है । इस अवस्था में, वस्तु क्षैतिज सतह पर सरकने वाली ही होती है।

प्रश्न 9.
तरल घर्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि वायु एवं जल वस्तुओं की गति का विरोध करते हैं अर्थात् ये वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं । गैसों एवं द्रवों को तरल नाम दिया गया है । तरल इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं, इसे कर्षण भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
मशीनों में स्नेहक का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
स्नेहक दो सतहों के मध्य एक पतली परत के रूप में फैल जाता है तथा गति, सतह व स्नेहक की परत के बीच होती है जिससे शुष्क घर्षण, आर्द्र घर्षण में बदल जाता है । इसलिये मशीनों के विभिन्न अंगों के बीच घर्षण कम करने हेतु स्नेहक का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
वाहनों के पहियों पर अनियमित प्रक्षेप (उभार) होते हैं, क्यों ?
उत्तर:
पहियों में अनियमित उभार घर्षण बल बढ़ाने के लिए किए जाते हैं । यदि पहियों में ये उभार न हों तो पहिए व सड़क के बीच घर्षण बल कम हो जाएगा और वाहन को ब्रेक लगाकर रोकने का प्रयास करने पर वह फिसल जाएगा।

प्रश्न 12.
लोटनिक घर्षण से क्या तात्पर्य है? यह किस प्रकार घर्षण को कम कर देता है?
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु के पृष्ठ पर लुढ़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं । लोटन द्वारा घर्षण कम हो जाता है तथा किसी वस्तु को दूसरी वस्तु पर सरकने की तुलना में लोटन करना आसान होता है। यही कारण है कि पहिए लगा हुआ समान खींचने में सुविधाजनक होता है; क्योंकि लोटनिक घर्षण का मान सी घर्षण से कम होता है । इसी कारण मशीनों में सपी घर्षण को बॉल वियरिंग का उपयोग करके लोटनिक घर्षण में परिवर्तित कर दिया जाता है ।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल क्या है ? घर्षण को किस प्रकार कम किया जा सकता है ?
उत्तर:
घर्षण बल : जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की किसी सतह पर सरकती है तो एक बल उत्पन्न होता है, जो गति का विरोध करता है । यह बल घर्षण बल कहलाता है। घर्षण को निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है –
(1) स्नेहक का प्रयोग : घर्षण कम करने के लिए स्नेहक जैसे तेल या ग्रीस का उपयोग किया जाता है, जब दो सतहों के मध्य ग्रीस या तेल लगाया जाता है तो सतह की अनियमितताएँ पृथक् रहती हैं और पूर्णतया अंत:प्रथित – नहीं हो पातीं । इस प्रकार सतहें उनके मध्य कम घर्षण के साथ गति कर सकती हैं।

(2) बारारेखीय आकृति प्रदान करके : जब वाहन “उच्च वेग के साथ गति करते हैं तो इन्हें वायु प्रतिरोध (वर्षण) का सामना करना पड़ता है। वाहन की गति पर वायु प्रतिरोध का प्रभाव कम करने के लिए इन्हें आगे से धारारेखीय आकृति प्रदान कर दी जाती है।

(3) सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदलकर : लोटनिक घर्षण सी घर्षण की तुलना में कम होता है। इस कारण हम सी घर्षण को लोटनिक घर्षण में बदल देते हैं । यह व्यवस्था बाल वियरिंग द्वारा की जाती है।

(4) सतह पर पॉलिश करके : घर्षण कम करने के लिए सतहों पर पॉलिश की जाती है । सतह का अनियमित भाग पॉलिश से भर जाता है तथा इस प्रकार घर्षण कम हो जाता

प्रश्न 2.
यदि घर्षण न हो तो यह जीवन को किस प्रकार प्रभावित करेगा।
उत्तर-
घर्षण के न होने पर निम्नलिखित परिस्थितियाँ उत्पन्न होंगी-

  • ब्लैकबोर्ड पर नहीं लिखा जा सकेगा।
  • माचिस की तीली को नहीं जला पाएंगे ।
  • मशीनों के विभिन्न पुजों का घूमना सम्भव नहीं होगा ।
  • वाहन पर ब्रेक लगाने से, वाहन रुकेंगे नहीं तथा वे सड़क पर फिसलने लगेंगे ।
  • वाहन में गति आरम्भ नहीं की जा सकेगी।
  • हम कागज पर नहीं लिख पाएंगे।

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प्रश्न 3.
रोलर पर रखे सामान को खींचना सुविधाजनक होता है। स्पष्ट कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर लुड़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं। लोटन घर्षण कम कर देता है। किसी वस्तु को दूसरी वस्तु पर सरकने की तुलना में लोटन करना सदैव आसान होता है। यही कारण है कि रोलर पर रखे सामान को खींचना सुविधाजनक होता है। उदाहरण के लिए भारी मशीनों को उनके नीचे लकड़ी के लट्ठे रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
तरल घर्षण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वायु से होकर गति करने वाली वस्तुओं पर वायु घर्षण बल लगाती है। इसी प्रकार जल तथा अन्य द्रव भी इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते है। गैसों तथा द्रवों को तरल कहा जाता है। तरल इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं। तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते हैं। किसी तरल पर लगने वाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है। घर्षण बल वस्तु की आकृति तथा तरल की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। जब वस्तुएँ किसी तरल में गति करती हैं तो उन्हें उन पर लगे घर्षण बल पर पार पाना होता है। इस प्रक्रिया में उनकी ऊर्जा का क्षय होता है।

घर्षण Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ घर्षण (Friction) : संपर्क में रखे दो पृष्ठों के बीच सापेक्ष गति का प्रतिरोध ।

→ स्नेहक (Lubricant) : घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते हैं।

→ लोटनिक घर्षण (Rolling friction) : दो वस्तुओं के परस्पर पृष्ठों पर लुढ़कने से उत्पन्न गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं ।

→ सी घर्षण (Sliding friction) : एक वस्तु का दूसरे वस्तु पर सरकने से उत्पन्न प्रतिरोध बल को सी घर्षण कहते हैं।

→ तरल घर्षण (Fluid friction) : तरल में डूबी वस्तुओं पर तरल द्वारा लगाया गया बल ।

→ स्थैतिक घर्षण (Staticfriction) : किसी रुकी हुई वस्त की विराम अवस्था में लगा बल स्थैतिक घर्षण कहलाता है।

→ धारारेखीय (Streamline) : एक विशिष्ट आकृति जिसमें वायु और जल में घर्षण कम होता है ।

→ कर्षण (Traction) : तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण कहते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 128)

प्रश्न 1.
मैंने कक्षा VIमें पढ़ा है कि चुंबक एक लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करता है । क्या आकर्षण भी एक खिंचाव (अभिकर्षण ) है? किसी चुंबक के दो समान धुवों के बीच प्रतिकर्षण के बारे में आप क्या सोचते हैं ? यह खिंचाव (अभिकर्षण) है या धक्का (अपकर्षण)?
उत्तर:
आकर्षण व प्रतिकर्षण क्रमशः खिंचाव व अपकर्षण दोनों के ही रूप हैं।

(पृष्ठ संख्या – 130)

प्रश्न 2.
क्या इसका अर्थ यह है कि यदि किसी वस्तु पर विपरीत दिशाओं में लगने वाले बल बराबर हैं तो उस पर लगने वाला नेट बल शून्य होगा ?
उत्तर:
हाँ । दोनों विपरीत बल समान हों तो एक-दूसरे के प्रभाव को नष्ट करते हैं ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

(पृष्ठ संख्या – 131)

प्रश्न 3.
मैंने बच्चों को एक-दूसरे से, रबड़ के टायर या किसी घेरे को धकेल कर तेज चलाने की होड़ लगाते देखा है । अब मैं समझ गया हूँ कि धक्का देने पर टायर की चाल क्यों बढ़ जाती है।
उत्तर:
धक्का लगाने का अर्थ है बल आरोपित करना । हम जान चुके हैं कि बल द्वारा गति में परिवर्तन होता है। अत: लगातार धक्का देने से टायर की चाल बढ़ जाती है।

(पृष्ठ संख्या – 139)

प्रश्न 4.
जल-संभरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले पाइपों के लीक करते हुए जोड़ों या सूराखों से मैंने पानी के फुव्वारों को बाहर आते देखा है । क्या यह पानी द्वारा पाइप की दीवारों पर लगाए जाने वाले वाब के कारण नहीं है?
उत्तर:
हाँ । जल का दाब पाइप के अन्दर पाइप की दीवारों पर पड़ता है, जिससे जल सूराख आदि से स्थान मिलने पर बाहर निकलने लगता है।

(पृष्ठ संख्या – 141)

प्रश्न 5.
यदि मेरे सिर का क्षेत्रफल 15cm × 15 cm हो तो मेरे सिर पर वायु कितना बल लगा रह है ?
उत्तर:
एक 15 cm × 15 cm क्षेत्रफल तथा वायुमण्डल की ऊँचाई के बराबर ऊँचाई के स्तम्भ में वायु के कारण लगने वाला बल लगभग 225 kg द्रव्यमान के किसी पिंड पर लगने वाले गुरुत्व बल (2250N) के बराबर होता है।

(पृष्ठ संख्या – 141)

प्रश्न 6.
इस गुरुत्व बल के नीचे हम दबकर पिचक क्यों नहीं जाते?
उत्तर:
इसका कारण है कि हमारे शरीर के अन्दर का दाब भी वायुमण्डलीय दाब के बराबर है और यह बाहर के दाब को संतुलित कर देता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धक्के के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो उदाहरण –
1. क्रिकेट मैच में क्षेत्ररक्षक गेंद को धक्का मारकर रोकता है ।
2. दरवाजे को खोलना या बंद करना ।

खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो उदाहरण –
1. कुएँ से पानी की बाल्टी को खींचना।
2. ब्रेक (खींचकर) लगाकर चलती हुई गाड़ी को रोकना।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर:
(1) फूले हुए गुब्बारे को हथेलियों के बीच दबाने से उसकी आकृति में परिवर्तन आ जाता है ।
(2) फोम की गद्दी वाले सोफों पर बैठने से, गद्दी की आकृति बदल जाती है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कश्चनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को ……………… पड़ता है।
(ख) एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ……………….. करती है।
(ग) सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………………. पड़ता है।
(घ) किसी चुंबक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुंबक के उत्तरी ध्रुव को ………………. करता है ।
उत्तर:
(क) खींचना
(ख) आकर्षित
(ग) धकेलना
(घ) प्रतिकर्षित ।

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प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है । तब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है । इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्रकथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पेशीय / सम्पर्क / असम्पर्क / गुरुत्व / घर्षण / आकृति / आकर्षण ।
(क) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण, इसकी ……………. में परिवर्तन होता है।
(ख) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……………. बल का उदाहरण है।
(ग) तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ……………. बल का उदाहरण है।
(घ) जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ……………. तथा वायु के ……………. के कारण होते हैं।
उत्तर:
(क) आकृति
(ख) पेशीय
(ग) संपर्क
(घ) गुरुत्व, घर्षण ।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए । प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है, उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अँगुलियों से दबाना ।
(ख) दंत मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार ।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना ।
उत्तर:

स्थिति बल का कारक बल प्रभावित वस्तु परिणाम
(क) अंगुलियाँ नींबू रस का स्राव
(ख) अंगुलियाँ दंत मंजन की ट्यूब पेस्ट का बाहर निकलना
(ग) लटकता भार कमानी कमानी का लंबा होना
(घ) टाँग का पेशीय बल खिलाड़ी का शरीर ऊँची कूद

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 6.
एक औजार बनाते समय कोई लोहार लोहे के गर्म टुकड़े को हथौड़े से पीटता है । पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
पीटने के बल के कारण लोहे के टुकड़े की आकृति बदल जाती है पीटने के कारण लगने वाला पेशीय बल, जो संपर्क बल का एक उदाहरण है, जिससे लोहे का टुकड़ा चपटा हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े से रगड़कर एक दीवार पर दबाया गया । यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है । दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर:
दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी स्थिरवैद्युत बल है ।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ में पानी से भरी एक प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं । बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए । विचार-विमर्श कीजिए कि बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता?
उत्तर:
प्लास्टिक की बाल्टी पर लगने वाले बल
(1) धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)
(2) बाजूओं का पेशीय बल तनाव बल (ऊपर की और) दोनों बलों के लगने से बाल्टी की गति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आता । इसका कारण है कि दोनों बल समान हैं और एक-दूसरे से विपरीत दिशा में कार्य करते हैं । इसलिए यह एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं । बाल्टी के भार के कारण मांसपेशियाँ खिंच जाती

प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया । प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर निम्नलिखित बल कार्य करते हैं
(क) ईंधन के जलने से उत्सर्जित गैसों का निर्मोचित बल (ऊपर की ओर) ।
(ख) धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर) ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु (नोजल) को पानी में रखकर इसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रापर में पानी के चढ़ने का कारण है
(क) पानी का दाब
(ख) पृथ्वी का गुरुत्व
(ग) रबड़ के बल्ब की आकृति
(घ) वायुमंडलीय दाब ।
उत्तर:
(घ) वायुमंडलीय दाब ।

HBSE 8th Class Science बल तथा दाब Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से सम्पर्क बल है –
(अ) स्थिरवैद्युत बल
(ब) गुरुत्वाकर्षण बल
(स) चुम्बकीय बल
(द) घर्षण बल ।
उत्तर:
(द) घर्षण बल ।

2. निम्नलिखित में सही सूत्र है –
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -1
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -2

3. पेशीय बल है
(अ) सम्पर्क बल
(ब) घर्षण बल
(स) असम्पर्क बल
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(अ) सम्पर्क बल

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

4. दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल को कहते हैं।
(अ) गुरुत्व बल
(ब) घर्षण बल
(स) स्थिरवैद्युत बल
(द) अ.और ब दोनों ।
उत्तर:
(अ) गुरुत्व बल

5. 100 kg द्रव्यमान के किसी पिंड का भार होगा –
(अ) 10 न्यूटन
(ब) 1000 न्यूटन
(स) 100 न्यूटन
(द) 10000 न्यूटन ।
उत्तर:
(ब) 1000 न्यूटन

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किसी वस्तु पर लगने वाले अभिकर्षण या अपकर्षण को …………….. कहते हैं।
(ख) किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल्ल ………………… जाते हैं।
(ग) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को ………….. बल कहते हैं।
(घ) स्थिरवैद्युत बल ……………. बल का उदाहरण है।
(ङ) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को………………, कहते हैं।
उत्तर:
(क) बल
(ख) जुड़
(ग) पेशीय
(घ) असम्पर्क
(ङ) दाब

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) वस्तु पर लगने वाला धक्का (क) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल
(ii) वस्तु पर लगने वाला खिंचाव (ख) वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण
(iii) पेशीय बल (ग) अपकर्षण
(iv) घर्षण बल (घ) अभिकर्षण
(v) दाब (ङ) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) वस्तु पर लगने वाला धक्का (घ) अभिकर्षण
(ii) वस्तु पर लगने वाला खिंचाव (ग) अपकर्षण
(iii) पेशीय बल (ङ) मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल
(iv) घर्षण बल (ख) वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण
(v) दाब (क) किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

सत्य / असत्य कथन

(क) किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल जुड़ जाते हैं।
(ख) बल द्वारा किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है।
(ग) घर्षण बल की दिशा सदैव गति की दिशा के ओर होती है।
(घ) चुंबक द्वारा किसी लोहे के टुकड़े पर लगाया गया बल सम्पर्क बल है।
(ङ) गुरुत्व बल एक आकर्षण बल है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं।

प्रश्न 2.
बल लगने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
बल लगने के लिए कम से कम दो वस्तुओं में अन्योन्य क्रिया होनी आवश्यक है।

प्रश्न 3.
यदि किसी वस्तु पर एक ही दिशा में बल लगाए जाएँ तो इस पर लगने वाला बल किसके बराबर होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
उन बलों के जोड़ के बराबर।

प्रश्न 4.
यदि किसी वस्तु पर दो बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं, तो इस पर लगने वाला कुल बल किसके बराबर होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दोनों बलों के अंतर के बराबर।

प्रश्न 5.
किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन किसके द्वारा लाया जा सकता है?
उत्तर:
बल द्वारा।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 6.
एक उदाहरण दीजिए जिसमें बल लगाने पर भी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं होता।
उत्तर:
किसी दीवार को धकेलना।

प्रश्न 7.
पेशीय बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को पेशीय बल कहते हैं।

प्रश्न 8.
वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण कौन-सा बल है?
उत्तर:
घर्षण बल।

प्रश्न 9.
चुंबक द्वारा किसी लोहे के टुकड़े पर लगाया गया बल किस प्रकार का है?
उत्तर:
असम्पर्क बल।

प्रश्न 10.
स्थिरवैद्युत बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल स्थिरवैद्युत बल कहलाता है।

प्रश्न 11.
गुरुत्व बल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया गया बल गुरुत्व बल कहलाता है।

प्रश्न 12.
दाब क्या है?
उत्तर:
किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।

प्रश्न 13.
दाब, बल एवं क्षेत्रफल में क्या संबंध हैं?
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -3

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 14.
एक उदाहरण दीजिए जो स्पष्ट करता है कि वायु प्रत्येक दिशा में दाब लगाती है।
उत्तर:
एक सूराख हुए गुब्बारे को फुलाने की कोशिश करना।

प्रश्न 15.
एक उदाहरण दीजिए जिससे स्पष्ट होता है कि गैसें जिस बर्तन में रखी जाती हैं उसकी दीवारों पर दाब डालती
उत्तर:
साइकिल की ट्यूब में पंक्चर होना।

प्रश्न 16.
वायुमंडल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु के आवरण को वायुमंडल कहते हैं।

प्रश्न 17.
वायुमंडलीय दाब किसे कहते हैं?
उत्तर:
पथ्वी तल पर वायु द्वारा लगाए गये दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर बल के प्रभाव लिखिए ।
उत्तर:
बल के वस्तु पर निम्नलिखित प्रभाव हैं –
(1) किसी रुकी हुई वस्तु को गतिशील बनाया जा सकता है।
(2) गतिशील वस्तु की चाल को परिवर्तित किया जा सकता है।
(3) गतिशील वस्तु की दिशा को बदला जा सकता है।
(4) किसी वस्तु की आकृति को बदला जा सकता है।
(5) इनमें से कुछ प्रभावों को अथवा सभी को उत्पन्न कर सकता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की स्थिरावस्था को बल (धक्का या खिंचाव) द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक मेज किसी कमरे में स्थिर अवस्था में रखी हुई है । इसे खींचकर अथवा धक्का देकर उसकी स्थिति में परिवर्तन किया जा सकता है, परन्तु दूसरी ओर समान बल लगाकर एक स्थिर दीवार की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है । इस प्रकार बल लगाकर किसी वस्तु की विरामावस्था में परिवर्तन किया जा सकता है ।

प्रश्न 3.
यदि किसी गतिशील वस्तु पर बल लगाया जाए तो उसकी चाल में क्या परिवर्तन होगा ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बल के कारण किसी वस्तु की चाल में परिवर्तन हो जाता है । यदि लगाया गया बल गति की दिशा में हो तो वस्तु की चाल बढ़ जाती है, किन्तु यदि लगाया गया बल गति की दिशा के विपरीत हो तो वस्तु की चाल कम हो जायेगी अथवा वह रुक जायेगी ।

प्रश्न 4.
यदि किसी गतिशील वस्तु को अपनी हथेली से रोक लें तो क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
गतिशील वस्तु के सामने हथेली रखने पर वस्तु की चाल घट जाती है। हथेली वस्तु पर बल लगाती है। हथेली को रखे रहने पर वह गतिशील वस्तु विराम की अवस्था में आ जाती है। प्रश्न 5. यदि किसी गेंद को धक्का देकर चलाएँ एवं उसके सामने एक पैमाना रख दें तो क्या होगा? (क्रियाकलाप) उत्तर, पैमाने से टकराकर गेंद की दिशा बदल जाती है। यह स्पष्ट करती है कि गतिशील वस्तु पर बल आरोपित करने पर उसकी दिशा बदल जाती है।

प्रश्न 6.
क्या बल किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है, उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
हाँ, बल लगाने से किसी वस्तु की आकृति परिवर्तित हो सकती है, जैसे – यदि हम एक फूले हुए गुब्बारे को हथेलियों के बीच दबाएँ तो उसकी आकृति बदल जाती है । रबड़ की गेंद को दबाने पर भी उसकी आकृति बदल जाती है।

प्रश्न 7.
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बल –
(1) घर्षण बल : जो दो सतहों के बीच लगता है।
(2) चुम्बकीय बल : दो चुम्बकीय क्षेत्रों के बीच या चुम्बकीय ध्रुव तथा किसी चुम्बकीय पदार्थ के बीच लगने वाला बल ।
(3) स्थिरवैद्युत बल : दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाला बल ।
(4) गुरुत्वाकर्षण बल : द्रव्यमान रखने वाली किन्हीं दो वस्तुओं के बीच बल ।

प्रश्न 8.
घर्षण बल क्या है ? यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
घर्षण बल – दो वस्तुओं की सतह के बीच कार्य करने वाला बल घर्षण बल होता है। यह बल गति की अवस्था में परिवर्तन कर देता है । इसकी दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है। यह एक सम्पर्क बल है।

प्रश्न 9.
दो चुम्बकों के बीच किस प्रकार बल कार्य करता है ? समझाइए । (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दो चुम्बकों के समान धुवों में आपस में प्रतिकर्षण होता है जबकि असमान ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह बल बिना सम्पर्क में आए कार्य कर सकता है, यह एक प्रकार का असम्पर्क बल है । इसी प्रकार लोहे व चुम्बक के मध्य कार्य करने वाला बल भी असम्पर्क बल होगा।

प्रश्न 10.
यदि एक प्लास्टिक की स्ट्रॉ को काटकर उसके एक भाग को कागज की शीट से रगड़ते हैं एवं इसके बाद इसे स्ट्रॉ के दूसरे भाग के समीप लाने पर क्या होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
स्ट्रा का प्रथम भाग (जो कागज की शीट से रगड़ा जाता है) स्ट्रॉ के दूसरे भाग को आकर्षित करने लगता है। क्योंकि कागज की शीट से रगड़ा जाने पर स्ट्रा स्थिरर्वद्युत आवेश उपार्जित कर लेता है।

प्रश्न 11.
गुरुत्व बल को असंपर्क बल क्यों कहा जाता
उत्तर:
गुरुत्व बल में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं होती है किन्तु पृथ्वी का गुरुत्व बल लगता है । इस कारण गुरुत्व बल को असंपर्क बल कहा जाता है। जैसे – पेड़ों से. पत्ते गिरते हैं, नदियों से पानी नीचे की ओर बहता है, चंद्रमा धरती के चारों तरफ घूमता है । इन उदाहरणों में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 12.
दाब किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं । अर्थात्
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -4
क्षेत्रफल अतः क्षेत्रफल का मान जितना कम होगा उतना ही अधिक दाब लगता है । उदाहरण के लिए -कील के नुकीले सिरे का क्षेत्रफल बहुत कम होता है, इस कारण से कम बल द्वारा ही यह आसानी से किसी दीवार या लकड़ी में ठुक जाती है ।

प्रश्न 13.
कंधे पर लटकाने वाले थैलों में चौड़ी पट्टियाँ क्यों लगाई जाती हैं ?
उत्तर- कंधे पर लटकाने वाले थैलों की बनी चौड़ी पट्टियों के कारण कंधे पर पट्टियों का क्षेत्रफल अधिक हो जाता है जिससे कि कंधे पर कम दाब आरोपित होता उदाहरण के लिए बच्चों के स्कूल बैग की पट्टियाँ चौड़ी बनाई जाती हैं जिससे कि उनके कंधों पर दाब कम आरोपित होता है तथा बच्चे आसानी से बैग उठा सकते हैं।

प्रश्न 14.
वायुमंडलीय दाब से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
हमारे चारों ओर वायु का जो आवरण है उसे वायुमंडल कहते हैं । वायुमंडलीय वायु पृथ्वी के तल से कई किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है । इस वायु द्वारा लगाए गए दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। यदि हम एक इकाई क्षेत्रफल की कल्पना करें और इसके ऊपर वायु से भरा एक लम्बा बेलन खड़ा हुआ मानें तब इस बेलन में वायु का भार वायुमण्डलीय दाब के बराबर होगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी में दिये गए कार्यों को अपकर्षण तथा अभिकर्षण के रूप में पहचानिए एवं प्रत्येक दशा में कार्य को धक्का देना / चयन करना / खींचना / ठोकर मारना / उठाना / झुकाना / उड़ाना / फेंकना / बंद करना / प्रहार करना / ऊपर उठाना के रूप में पहचानिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सारणी में दी गयी वस्तुओं पर बल के प्रभाव का गति की अवस्था में परिवर्तन एवं आकृति में परिवर्तन दर्शाइए- (क्रियाकलाप)
उत्तर-
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -6

प्रश्न 3.
किसी वस्तु पर बल लगाने से होने वाले लाभ तथा हानियाँ उदाहरण देकर लिखिए ।
उत्तर:
बल लगाने के लाभ –
(1) स्थिर वस्तु को गतिमान बनाया जा सकता है ।
उदाहरण : खिलौने को बल लगाकर हिलाया जा सकता है ।

(2) गतिमान वस्तु की चाल को कम किया जा सकता है ।
उदाहरण : बल लगाकर साइकिल की गति कम की जा सकती है।

(3) गतिमान वस्तु की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है ।
उदाहरण : बल्लेबाज गेंद को हिट करके उसकी दिशा तथा चाल दोनों को बदल देता है।

(4) किसी वस्तु की आकृति को बदला जा सकता है।
उदाहरण : फूले हुए गुब्बारे को दबाने पर उसकी आकृति में परिवर्तन लाया जा सकता है।

बल लगाने से हानियाँ –
(1) घर्षण बल के कारण वाहनों के पहिए घिस जाते हैं अथवा टूट-फूट जाते हैं।
(2) घर्षण बल से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हानिकारक होती है । तेज गति से चलती मशीनों में यह ऊष्मा उनकी कार्य क्षमता को कम करती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4,
किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है। इस कथन को एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
पारदर्शी काँच की एक नली लीजिए। नली की लम्बाई लगभग 25 सेंटीमीटर तथा इसका व्यास लगभग 5-7.5 सेंटीमीटर होना चाहिए। एक अच्छी, पतली रबड़ की शीट भी लीजिए। नली के एक सिरे पर रबड़ की शीट को तान कर बाँध दीजिए। नली को ऊर्ध्वाधर स्थिति में रखते हुए बीच में से पकड़िए एवं इसमें कुछ मात्रा में पानी भरिए। ऐसा करने से रबड़ शीट बाहर की ओर फूल जाती है। नली में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई नोट करके नली में कुछ पानी और भरिए, जिससे रबड़ शीट का फुलाब बढ़ जाता है। इससे सिद्ध होता है कि किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -7

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए कि द्रव बर्तन की दीवारों पर दाब डालता है।
(क्रियाकलाप) उत्तर- प्लास्टिक की एक बोतल लीजिए। चित्र में दर्शाए अनुसार बोतल के पेंदे के पास कुछ सेंटीमीटर लम्बी काँच की एक बेलनाकार नली लगाइए। ऐसा करने के लिए काँच की नली के एक सिरे को थोड़ा सा गर्म कीजिए और फिर जल्दी से बोतल के पेंदे के समीप घुसा दीजिए। सुनिश्चित कीजिए कि जोड़ के पास से पानी न रिसे। यदि पानी रिसता है तो इसको पिघले मोम से अच्छी प्रकार बद कीजिए। काँच की नली के मुँह को एक पतली रबड़ की शीट से बंद कीजिए। अब बोतल को पानी से आधा भरिए। कुछ समय पश्चात् काँच की नली के मुंह पर लगाई गई रबड़ की शीट फूल जाती है। बोतल में कुछ पानी और डालिए। रबड़ की शीट का फुलाव बढ़ जाता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -8

प्रश्न 6.
एक प्रयोग द्वारा प्रदर्शित कीजिए कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालते हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्लास्टिक की एक खाली बोतल लीजिए। बोतल के पेंदे के पास चारों दिशाओं में चार सूराख कीजिए। ध्यान दीजिए कि सूराख पेंदे से समान ऊँचाई पर हों। अब बोतल को पानी से भरिए। हम देखते हैं कि सूराखों से निकलता पानी बोतल से बराबर की दूरी पर गिरता है। यह दर्शाता है कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालते हैं।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -9

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 7.
वायुमंडलीय दाब की अधिकता को सिद्ध करने के लिए एक प्रयोग कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक अच्छी रबड़ का एक चूषक (sucker) लीजिए। यह रबड़ के एक छोटे प्याले की भाँति दिखाई देता है। इसको किसी समतल चिकने पृष्ठ पर जोर से दबाइए।

जब हम चूषक को दबाते हैं तो कप तथा पृष्ठ के बीच की अधिकांश वायु बाहर निकल जाती है। चूषक पर वायुमंडलीय दाब लगता है इसलिए यह पृष्ठ के साथ चिपक जाता है। चूषक को पृष्ठ से खींचकर अलग करने के लिए लगाया गया बल इतना अधिक होना चाहिए कि यह वायुमंडलीय दाब पर पार पा सके। वास्तव में, यदि चूषक तथा पृष्ठ के बीच में से समस्त वायु को निकाल दिया जाए तो किसी भी मनुष्य के लिए चूषक पृष्ठ से खींच कर अलग करना संभव नहीं होगा। इससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि वायुमंडलीय दाब कितना अधिक होता है।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब -10

बल तथा दाब Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ बल (Force) : किसी वस्तु पर लगने वाला धक्का या खिंचाव ।

→ पेशीय बल (Muscular Force) : मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाला बल

→ सम्पर्क बल (Contact Force) : वस्तु पर लगने वाला बल जब वह सम्पर्क में हो।

→ घर्षण बल (Friction Force) : वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण।

→ चुंबकीय बल (Magnetic Force) : एक चुंबक का दूसरी चुंबक पर बगैर सम्पर्क में आए लगाया गया बल।

→ स्थिर वैद्युत बल (Electrostatic Force) : एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दूसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल।

→ गुरुत्व बल (Force of Gravity) : पृथ्वी-द्वारा किसी वस्तु पर लगाए बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं ।

→ दाब (Pressure) : किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल।

→ वायुमंडल (Atmosphere) : पृथ्वी पर वायु का आवरण।

→ वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure) : वायु द्वारा आरोपित दाब।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

HBSE 8th Class Science किशोरावस्था की ओर InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 113)

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन जिनसे जनन परिपक्वता आती है, की अवधि कब तक रहती है?
उत्तर:
किशोरावस्था की अवधि लगभग 11 वर्ष से शुरू होकर 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

प्रश्न 2.
क्या बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि का कोई विशेष नाम है?
उत्तर:
इस अवधि का विशेष नाम किशोरावस्था है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

(पृष्ठ संख्या – 114)

प्रश्न 3.
यौवनारम्भ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले अन्य परिवर्तन-
(1) लम्बाई में वृद्धि होना ।
(2) शरीर के आकार का बदलना ।
(3) आवाज का बदलना ।
(4) तैलग्रन्थियों की क्रियाशीलता में वृद्धि ।
(5) जनन अंगों का विकास ।
(6) मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता प्राप्त करना ।

(पृष्ठ संख्या – 115)

प्रश्न 4.
क्या जननकाल एक बार प्रारम्भ होने के बाद जीवन पर्यन्त तक चलता रहता है या कभी समाप्त होता है?
उत्तर:
पहेली को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। शरीर के सभी अंग समान दर से वृद्धि नहीं करते। कभी-कभी किशोर के हाथ अथवा पैर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा बड़े दिखाई देते हैं। परन्तु शीघ्र ही दूसरे भाग भी वृद्धि कर शारीरिक अनुपात को संतुलित कर देते हैं फलतः शरीर सुडौल हो जाता है।

(पृष्ठ संख्या – 116)

प्रश्न 5.
मेरे अनेक सहपाठियों की फटी आवाज है । अब मैं जान गया हूँ ऐसा क्यों हैं ?
उत्तर:
किशोरावस्था में लड़कों की स्वरयंत्र की पेशियों में कभी-कभी अनियंत्रित वृद्धि हो जाती है, जिस कारण आवाज फटने या भर्राने लगती है।

(पृष्ठ संख्या – 117)

प्रश्न 6.
बूझो और पहेली दोनों ही जानना चाहते हैं कि यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारंभ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारम्भ हार्मोन के द्वारा होता है।

(पृष्ठ संख्या – 117)

प्रश्न 7.
पहेली और बूझो अब समझ गए हैं कि यौवनारम्भ व्यक्ति में जनन अवधि का प्रारम्भ है जब व्यक्ति जनन की क्षमता प्राप्त करता है । परन्तु, वे जानना चाहते हैं कि क्या जनन-काल एक बार प्रारंभ होने के बाद जीवन पर्यन्त चलता रहता है या कभी समाप्त होता है ?
उत्तर:
स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ 10 से 12 वर्ष की आयु से हो जाता है तथा यह अधिकांशत: 40 से 50 वर्ष तक की आयु तक चलता रहता है।

(पृष्ठ संख्या – 118)

प्रश्न 8.
पहेली कहती है कि स्त्रियों में जनन काल की अवधि रजोदर्शन से रजोनिवृत्ति तक होती है । क्या वह सही है ?
उत्तर:
हाँ, वह बिल्कुल सही है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

(पृष्ठ संख्या – 118)

प्रश्न 9.
मैंने अपनी माँ और चाची को बातें करते सुना कि मेरी चचेरी बहन का होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की। मुझे यह जानने की उत्सुकता है कि इस बात का निर्धारण कैसे होता है कि निषेचित अंडाणु लड़के में अथवा लड़की में विकसित होगा ?
उत्तर:
निषेचित अंडाणु, जन्म लेने वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है । यह गुणसूत्रों के द्वारा ज्ञात होता है । सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं. इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग गुण -सूत्र हैं जिन्हें x एवं Y कहते हैं । स्त्री में दो X गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा । यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -1

(पृष्ठ संख्या – 120)

प्रश्न 10.
क्या अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं? क्या जनन प्रक्रिया में उनका कोई योगदान है ?
उत्तर:
हाँ, जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं । उदाहरण के लिए मेंढक में थाइराइड द्वारा स्रावित हार्मोन थायरॉक्सिन कायांतरण का नियमन करता है।

(पृष्ठ संख्या – 120)

प्रश्न 11.
यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन’ न हो तो क्या उन्हें थायरॉक्सिन की कमी के कारण ‘गॉयटर’ हो जाएगा?
उत्तर:
हाँ, थायरॉक्सिन की कमी के कारण घेघा (गॉयटर) हो जायेगा।

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HBSE 8th Class Science किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर:
हार्मोन ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर:
किशोरावस्था जीवनकाल की वह अवधि है, जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिनके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है । यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है । किशोरों को “टीनेजर्स’ (Teenagers) भी कहा जाता है ।

प्रश्न 3.
ऋतुस्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्त्री में ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ हो जाता है। यह सामान्य रूप से प्रत्येक 28 से 30 दिनों के बाद 40-45 वर्ष की आयु तक चलता रहता है । यह गर्भधारण की अवस्था में नहीं होता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है । यह मासिक धर्म अथवा ऋतुस्राव कहलाता है।

प्रश्न 4.
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय लड़कों में होने वाले परिवर्तन-
(1) हाथ और पैर पर रोम आ जाते हैं।
(2) जांघों के मध्य जननांगी क्षेत्र का रंग गहरा हो जाता है ।
(3) त्वचा तैलीय हो जाती है और चेहरे पर मुहाँसे निकल आते हैं।
(4) आवाज फटने लगती है ।
(5) काँख एवं जाँघों के मध्य जननागी क्षेत्र में बाल निकल आते हैं।
(6) चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ निकल आती हैं।

यौवनारम्भ के समय लड़कियों में होने वाले परिवर्तन:
(1) काँख एवं जांघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल निकल आते हैं।
(2) हाथ एवं चेहरे पर महीन रोम आने लगते हैं ।
(3) त्वचा तैलीय होने लगती है तथा चेहरे पर मुहाँसे निकलने लगते हैं।
(4) स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है ।
(5) स्तनाग्र की त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है ।
(6) रजोधर्म होने लगता है।

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प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम वर्शाए गए हों।
उत्तर:

अंतःस्रावी ग्रंथि हार्मोन
1. पीयूष ग्रंथि वृद्धि हार्मोन, थाइरोट्रोपिक हार्मोन
2. थायरॉइड ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन
3. वृषण टेस्टोस्टेरान
4. अंडाशय ऐस्ट्रोजन
5. अग्न्याशय इंसुलिन
6. अधिवृक्क ऐडिनेलिन

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर:
लिंग हार्मोन:
नर में वृषण द्वारा तथा मादा में अंडाशय के द्वारा सावित, हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं । यह मादा और नर लिंग में भिन्न होते हैं, इसलिए इन्हें यह नाम दिया गया है ।
(1) नर लिंग हार्मोन : यह वृषण द्वारा स्रावित होता है । इस हार्मोन से लड़के के चेहरे के बालों की वृद्धि होती है तथा यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता पैदा करता है। टेस्टोस्टेरॉन नर लिंग हार्मोन है।।
(2) मावा लिंग हार्मोन : यह अंडाशय द्वारा सावित होते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है तथा यह गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि पर नियंत्रण रखते हैं। ऐस्ट्रोजन मादा लिंग हार्मोन है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए
(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि में उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है ।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भलीभाँति विकसित होती है ।
उत्तर:
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि में उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके
(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लम्बाई बढ़ती है ।
उत्तर:
(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचिंत
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय
उत्तर:
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ

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प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए –
(क) ऐडम्स ऐपल
(ख) गौण लैंगिक लक्षण
(ग) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण
उत्तर:
(क) ऐडॅम्स ऐपल : यौवनारम्भ में लड़कों के स्वरयंत्र अथवा लैरिन्कस के बढ़ने के कारण जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नजर आता है, उसे ऐडम्स ऐपल (कंठमणि) कहते हैं ।
(ख) गौण लैंगिक लक्षण : कुछ लक्षण लड़के और लड़की को भिन्न करने में मदद करते हैं ऐसे लक्षणों को गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं । जैसे – युवावस्था में लड़कियों के स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल आने लगते हैं, लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते हैं । लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते

(ग) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण : सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र लिंग गुणसूत्र हैं, जिन्हें x तथा Y कहते हैं । स्त्री में दो x गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है । अंडाणु तथा शुक्राणु में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है।

जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा । यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली: शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर –
1. अंतःस्रावी ग्रन्थियों का दूसरा नाम ।
2. स्वर पैदा करने वाला अंग ।
3. स्त्री हार्मोन ।

बाई से दाईं ओर –
4. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन ।
5. मेंढक में लार्वा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन ।
6. अंतःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा सावित पदार्थ ।
7. किशोरावस्था को कहा जाता है।
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उत्तर:
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HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लम्बाई के आँकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियाँ दोनों की लम्बाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज पर खींचिए । इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते है ?

आयु (वर्षो में) लम्बाई (सेमी. में)
लड़के लड़कियाँ
0 53 53
4 96 92
8 114 110
12 129 133
16 150 150
20 173 165

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -4
उत्तर:
उपर्युक्त ग्राफ से पता चलता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लम्बाई में वृद्धि लगभग समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है ।

HBSE 8th Class Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ सामान्यतः होता है –
(अ) 10 से 12 वर्ष के बीच
(ब) 18 से 20 वर्ष के बीच
(स) 45 से 50 वर्ष के बीच
(द) 28 से 30 वर्ष के बीच ।
उत्तर:
(अ) 10 से 12 वर्ष के बीच

2. अग्नाशय द्वारा नावित होने वाला हार्मोन है –
(अ) टेस्टोस्टेरॉन
(ब) ऐस्ट्रोजन
(स) इन्सुलिन
(द) थायरॉक्सिन ।
उत्तर:
(स) इन्सुलिन

3. यदि युग्मनज में दो गुणसूत्र हों तो वह होगा
(अ) नर
(ब) मादा
(स) न नर न मादा
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) मादा

4. पीयूष ग्रन्थि होती है –
(अ) मस्तिष्क में
(ब) गले में
(स) हृदय में
(द) वृषण में ।
उत्तर:
(अ) मस्तिष्क में

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5. निम्न में स्वी हार्मोन है –
(अ) टेस्टोस्टेरॉन
(ब) थायरॉक्सिन
(स) इन्सुलिन
(द) ऐस्ट्रोजन ।
उत्तर:
(द) ऐस्ट्रोजन ।

6. लारवा से वयस्क बनने के परिवर्तन को कहते हैं –
(अ) जीवाणु संक्रमण
(ब) कायांतरण
(स) रजोदर्शन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ब) कायांतरण

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) किशोरावस्था लगभग ……………. वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।
(ख) …………… में स्वरयंत्र में वृद्धि का प्रारंभ होता है।
(ग) यौवनारम्भ के साथ ही वृषण ………….. का स्रावण प्रारंभ कर देता है।
(घ) वृषण एवं अंडाशय ……… हार्मोन स्रावित करते हैं।
(ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने को …………….. कहते हैं।
उत्तर:
(क) 11
(ख) यौवनारम्भ
(ग) टेस्टोस्टरॉन
(घ) लैंगिक
(ङ) रजोनिवृत्ति

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) स्वरयंत्र (क) वृषण से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(ii) टेस्टोस्टेरॉन (ख) थायरॉइड ग्रंथि का रोग ।
(iii) एस्ट्रोजन (ग) गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरा भाग
(iv) रजोनिवृत्ति (घ) अंडाशय से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(v) गॉयटर (ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने की स्थिति

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) स्वरयंत्र (ग) गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरा भाग
(ii) टेस्टोस्टेरॉन (क) वृषण से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(iii) एस्ट्रोजन (घ) अंडाशय से स्रावित लैंगिक हार्मोन
(iv) रजोनिवृत्ति (ङ) ऋतुस्राव के रुक जाने की स्थिति
(v) गॉयटर (ख) थायरॉइड ग्रंथि का रोग ।

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सत्य / असत्य कथन

(क) यौवनारम्भ में स्वरयंत्र में वृद्धि का प्रारंभ होता है।
(ख) किशोरावस्था में स्वेद एवं तैलग्रंथियों का स्राव बढ़ जाता है।
(ग) ऋतुस्राव लगभग 21 से 24 दिन में एक बार होता है।
(घ) ऋतुस्राव के रुक जाने को रजोदर्शन कहते हैं।
(ङ) पुरुष में एक x तथा एक Y लिंग गुण सूत्र होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
(ङ) सत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किशोरावस्था से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनन परिक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है।

प्रश्न 2.
किशोरों को ‘टीनेजर्स’ भी क्यों कह जाता है?
उत्तर:
चूंकि विशोरावस्था की अवधि अंग्रेजी के “teens” (Thirteen से Eighteen या Nineteen वर्ष की आयु) तक होती है, अत: किशोरों को ‘टीनेजर्स’ (Teenagers) भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
स्वरयंत्र या लैरिन्कस क्या है? इसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
स्वरयंत्र या लैरिन्क्स लड़कों में गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरे भाग के रूप में दिखाई देने वाला भाग है जिसे ऐडम्स ऐपल (कंठमणि) कहते हैं।

प्रश्न 4.
किशोरावस्था में किन ग्रंथियों का स्राव बढ़ जाता
उत्तर:
स्वेद एवं तैलग्रंथियों का।

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प्रश्न 5.
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन किनके द्वारा नियंत्रित होते हैं?
उत्तर:
हार्मोन द्वारा।

प्रश्न 6.
हार्मोन किन ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं?
उत्तर:
अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा।

प्रश्न 7.
वृषण एवं अंडाशय कौन-से हार्मोन स्रावित करते हैं?
उत्तर:
लैंगिक हार्मोन।

प्रश्न 8.
रजो दर्शन क्या है?
उत्तर:
पहला ऋतुस्राव यौवनारम्भ में होता है जिसे रजोदर्शन कहते हैं।

प्रश्न 9.
रजोनिवृत्ति किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऋतुसाव के रुक जाने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 10.
ऋतुस्राव चक्र का नियंत्रण किसके द्वारा होता है?
उत्तर:
हार्मोन द्वारा।

प्रश्न 11.
मनुष्य की कोशिकाओं के केन्द्र में कितने गुण सूत्र पाये जाते हैं?
उत्तर:
23 जोड़े गुणसूत्र।

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प्रश्न 12.
पुरुष में पाये जाने वाले लिंग गुणसूत्रों के नाम लिखिए?
उत्तर:
एक x तथा एक Y गुणसूत्र।

प्रश्न 13.
स्त्री में पाये जाने वाले लिंग गुण सूत्रों के नाम लिखिए?
उत्तर:
दो x गुण सूत्र।

प्रश्न 14.
कौन-सी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन जननांगों को उनके हर्मोन उत्पन्न करने के लिए उद्दीपित करते हैं?
उत्तर:
पीयूष ग्रंथि।

प्रश्न 15.
थायरॉइड ग्रंथि के रोग का नाम लिखिए?
उत्तर:
गॉयटर (घंधा)।

प्रश्न 16.
थायरॉक्सिन हार्मोन का उपादन कौन सी ग्रंथि करती है?
उत्तर:
थायरॉइड ग्रंथि।

प्रश्न 17.
अग्नाशय कौन-सा हर्मोन स्रावित करता है जो मः गुमेह रोग को नियंत्रित करता है?
उत्तर:
इन्सुलिन हार्मोन।

प्रश्न 18.
वृद्धि हार्मोन को नावित करने वाली ग्रंथि का नाम बताइए?
उत्तर:
पीयूष ग्रंथि।

प्रश्न 19.
कायांतरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
लारवा से वयस्क बनने के इस परिवर्तन को कायांतरण कहते हैं।

प्रश्न 20.
कीटों में कायांतरण का नियंत्रण कौन-सा हार्मोन करता है?
उत्तर:
कीट हार्मोन।

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प्रश्न 21.
संतुलित आहर का क्या अर्थ है?
उत्तर:
भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, विटामिन एवं खनिज का पर्याप्त मात्रा में समावेश।

प्रश्न 22.
AIDS किस विषाणु द्वारा होता है?
उत्तर:
HIV.

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यौवनारम्भ के समय हमारी लम्बाई में वृद्धि किस प्रकार होती है ? समझाइए ।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय लड़के-लड़कियों में अनेक परिवर्तन होते हैं उनमें से लम्बाई में वृद्धि भी एक परिवर्तन है । इस समय में लम्बाई में अचानक वृद्धि होती है जिसे हम आसानी से देख सकते हैं । इस समय शरीर की लम्बी अस्थियों की अर्थात् हाथ व पैरों की अस्थियों की लम्बाई में वृद्धि हो जाती है, इससे व्यक्ति लम्बा हो जाता है । प्रारम्भ में लड़कियाँ, लड़कों की अपेक्षा अधिक तीव्रता से बढ़ती हैं, परन्तु 18 वर्ष तक अपनी अधिकतम लम्बाई तक पहुँच जाती हैं । अलग-अलग व्यक्तियों की लम्बाई में वृद्धि की दर भी अलग-अलग होती है । कुछ यौवनारम्भ में तीव्र गति से बढ़ते हैं तथा बाद में यह गति धीमी हो जाती है, जबकि कुछ धीरे-धीरे वृद्धि करते हैं।

प्रश्न 2.
एक लड़का जिसकी आयु वर्ष हैतथा लंबाई 120 cm है। वृद्धि काल की समाप्ति पर उसकी अनुमानित लंबाई क्या होगी? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
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प्रश्न 3.
टीनेजर्स में चेहरे पर मुहाँसे और फुन्सियाँ क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर:
किशोरावस्था में स्वेद एवं तैलग्रंथियों का स्राव बढ़ने लगता है । इन ग्रंथियों की क्रियाशीलता के कारण कुछ व्यक्तियों के चेहरे पर मुहाँसे तथा फुन्सियाँ होने लगती हैं।

प्रश्न 4.
नलिका-विहीन ग्रंथियाँ क्या हैं ?
उत्तर:
कुछ ग्रंथियाँ जैसे स्वेदग्रंथि, तैलग्रंथि तथा लारग्रंथि अपना स्राव वाहियों द्वारा स्रावित करती हैं । अंत:स्रावी ग्रंथियाँ हार्मोनों को सीधे रुधिर प्रवाह में निर्मोचित करती हैं । इन्हें नलिका विहीन ग्रंथियाँ कहते हैं।

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प्रश्न 5.
यौवनारम्भ के समय जननांगों में किस प्रकार से विकास होता है ?
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय नर जननांग जैसे कि वृषण एवं शिश्न पूर्णतया विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन प्रारम्भ हो जाता है । लड़कियों के अंडाशय के आकार में वृद्धि हो जाती है। अंडाशय से अण्डाणुओं का निर्मोचन शुरू हो जाता है।

प्रश्न 6.
टेस्टोस्टेरॉन क्या है तथा इसके प्रमुख कार्य क्या
उत्तर:
‘टेस्टोस्टेरॉन’ नर लैंगिक हार्मोन है । यह वृषण द्वारा स्रावित होता है । इसके मुख्य कार्य –
(1) नर युग्मक ‘शुक्राणुओं’ का उत्पादन ।
(2) पुरुषों में सहायक लैंगिक अंगों तथा द्वितीयक लैंगिक लक्षणों; जैसे – दाढ़ी-मूंछ तथा आवाज को नियंत्रित करना ।

प्रश्न 7.
ऐस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ऐस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन में निम्न अंतर हैऐस्ट्रोजन –
(1) यह मादा हार्मोन है, जो अंडाशय द्वारा स्रावित होता है ।
(2) यह हार्मोन द्वितीयक मादा लक्षणों का विकास करता है।
जैसे- स्तनों का विकास।

टेस्टेस्टेरॉन –
(1) यह नर हार्मोन है जो वृषण द्वारा स्रावित होता है ।
(2) यह हार्मोन द्वितीयक नर लक्षणों का विकास करता है ।
जैसे – दाढ़ी-मूंछ का उगना ।

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प्रश्न 8.
स्त्री लैंगिक हार्मोन का नाम एवं कार्य लिखिए।
उत्तर:
स्वी लैंगिक हार्मोन एस्ट्रोजन होता है –
एस्ट्रोजन के कार्य –
(1) सहायक लैंगिक अंगों तथा द्वितीयक लैंगिक लक्षणों जैसे – स्तनग्रंथियों तथा आवाज आदि का नियंत्रण करना।
(2) मादा युग्मक (अर्थात् अंडाणु) के उत्पादन पर नियंत्रण करना ।

प्रश्न 9.
मानव में जननकाल का निर्धारण कब एवं कैसे होता है।
उत्तर:
मानव में किशोरावस्था में जब वृषण तथा अंडाशय युग्मक उत्पादित करने लगते हैं तब वे जनन के योग्य हो जाते हैं। स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ यौवनारम्भ (10 से 12 वर्ष की आयु) से हो जाता है तथा सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता है । यौवनारम्भ पर अण्डाणु परिपक्व होने लगते हैं । अण्डाशयों में एक अण्डाणु परिपक्व होता हैं तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अन्तराल पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्माचित होता है । इस अवधि में गभाशय की दीवार मोटी हो जाती है जिससे वह अडाशय के निषेचन के पश्चात् युग्मनज को ग्रहण कर सके जिसके बाद गर्भ धारण हो सके । पुरुषों में जननकाल स्त्रियों की अपेक्षा अत्यधिक समय तक रहता है।

प्रश्न 10.
रजोधर्म या ऋतुस्राव तथा आवर्तचक्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की आंतरिक मोटी भित्ति रक्तवाहिनियों के साथ टूटकर रक्तस्राव के रूप में योनि मार्ग से बाहर आती है । यह रजोधर्म कहलाता है। अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाली चक्रीय प्रक्रियाएँ जो हर 28 वें दिन के रजोधर्म के बाद आवर्त होती हैं, उन्हें आवर्त चक्र या रजोधर्म कहते हैं ।

प्रश्न 11.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर लिखिए।
उत्तर:
रजोदर्शन –
(1) यौवनावस्था में पहला ऋतुस्राव।
(2) 10 – 12 वर्ष की आयु में प्रारम्भ होता है ।
(3) जनन काल का आरम्भ ।

रजोनिवृत्ति –
(1) ऋतुस्राव की समाप्ति ।
(2) 45-50 वर्ष की आयु में होता है ।
(3) जनन काल की समाप्ति।

प्रश्न 12.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
थायरॉक्सिन हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की उपस्थिति आवश्यक है। भोजन में आयोडीन की कमी होने से मनुष्य को गॉयटर नामक रोग हो जाता है।

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प्रश्न 13,
ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जो समुचित वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
भोजन में प्रोटीन, कार्बोडाइड्रेट्स, वसा, विटामिन एवं खनिज का पर्याप्त मात्रा में समावेश होना चाहिए जो समुचित वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। रोटी, चावल, दाल, सब्जियाँ, दूध एवं फल एक संतुलित आहार है।

प्रश्न 14.
नियमित व्यायाम करने के क्या लाभ हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
ताजी हवा में टहलना एवं खेलना शरीर को चुस्त एवं स्वस्थ रखता है। नियमित व्यायाम करने से हमारा शरीर रोग प्रतिरोधी हो जाता है।

प्रश्न 15.
किशोरों को नशीले पदार्थों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
नशीले पदार्थ शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। किशोर अवस्था में मन और शरीर अधिक क्रियाशील होता है। किसी के बहकावे में आकर कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किशोरावस्था व्यक्ति की मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता से किस प्रकार संबधित है?
उत्तर:
किशोरावस्था व्यक्ति के सोचने के ढंग से परिवर्तन की अवधि भी है। पहले की अपेक्षा किशोर अधिक स्वतंत्र एवं अपने प्रति अधिक सचेत होता है। उनमें बौद्धिक विकास भी होता है तथा वे सोचने-विचारने में काफी समय लेते हैं। वास्तव में किसी व्यक्ति के जीवन में यह वह समय है जब उसके मस्तिष्क की सीखने की क्षमता सर्वाधिक होती है। कभी-कभी, यद्यपि, किशोर शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों के प्रति अपने आपको ढालने हेतु प्रयास करता हुआ स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है। परन्तु किशोर होने के नाते आपको समझना चाहिए कि असुरक्षित महसूस करने का कोई कारण नहीं है। ये परिवर्तन प्राकृतिक हैं जो शारीरिक वृद्धि के कारण उत्पन्न हो रहे हैं।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं। हार्मोन रासायनिक पदार्थ हैं। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों अथवा अंतःस्रावी तंत्र द्वारा स्रावित किए जाते हैं। यौवनारम्भ के साथ ही वृषण पौरुष हर्मोन अथवा टेस्टोस्टेरॉन का स्रवण प्रारम्भ कर देता है। यह लड़कों में परिवर्तनों का कारक है। उदाहरण के लिए चेहरे पर बालों का आना। लड़कियों में यौवनारम्भ के साथ ही अंडाशय स्त्री हर्मोन अथवा एस्ट्रोजन उत्पादित करना प्रारम्भ कर देता है जिससे स्तन विकसित हो जाते हैं। दुग्धस्रावी ग्रंथियाँ अथवा दुग्ध ग्रंथियाँ स्तन के अंदर विकसित होती हैं। इन हार्मोनों के उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है जो पीयूष ग्रंथि अथवा पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित किया जाता है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 3.
संतति का लिंग-निर्धारण किस प्रकार होता है। विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निषेचित अंडाणु अथवा युग्मनज में, जन्म लेने वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है। यह संदेश निषेचित अंडाणु में धागे-सी संरचना अर्थात गुणसूत्रों में निहित होता है। गुणसूत्र प्रत्येक कोशिका के केंद्रक में उपस्थित होते हैं। सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23-जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग-सूत्र हैं जिन्हें x एवं Y कहते हैं। स्त्री में दो गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है। युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अनिषेचित अंडाणु में सदा एक x गुणसूत्र होता है। परन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिनमें एक प्रकार में x गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है।
जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -6

प्रश्न 4.
एक चित्र द्वारा मनुष्य के शरीर में अंत: स्रावी ग्रंथियों की स्थिति प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर -7

प्रश्न 5.
निम्नलिखित हार्मोन के कार्य लिखिए
(क) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन
(ख) ऐस्ट्रोजन हार्मोन
(ग) थायरॉक्सिन हार्मोन
(घ) एड्रिनेलिव हार्मोन
(ङ) वृद्धि हार्मोन
(च) कीट हार्मोन
उत्तर:
(i) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के कार्य:

  • लड़कों के चेहरे पर बाल आना
  • शुक्राणुओं का उत्पादन
  • द्वितीयक लैंगिक लक्षणों जैसे- दाड़ी-मूंछ एवं आवाज का नियंत्रित होना।

(ii) ऐस्ट्रोजन हार्मोन के कार्य:

  • लड़कियों में स्तन का विकास
  • दुग्धस्रावी ग्रंथियों का स्तन के अंदर विकास
  • अंडाणु के उत्पादन पर नियंत्रण।

(iii) थायराक्सिन हार्मोन के कार्य:

  • पाचन में सहायक
  • मांसपेशियों के कार्य में सहायक
  • मस्तिष्क के विकास में सहायक।

(iv) एड्रिनेलिन हार्मोन के कार्य:

  • क्रोध, चिंता एवं उत्तेजना की अवस्था में तनाव के संयोजन का कार्य।

(v) वृद्धि हार्मोन के कार्य:

  • व्यक्ति की सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक।

(vi) कीट हार्मोन के कार्य:

  • कीटों में कायांतरण का नियंत्रण।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 6.
कीट एवं मेंढक में जीवन-चक्र पूर्ण करने में हार्मोन के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेशम के कीट के जीवन-चक्र में इल्ली को वयस्क शलभ बनने तक अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है। इसी प्रकार मेंढक के जीवन-चक्र में टैडपोल को भी वयस्क मेंढक बनने के लिए अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है। लारवा से वयस्क बनने के इस परिवर्तन को कार्यातरण कहते है। कीटों में कायांतरण का नियंत्रण कीट हार्मोन द्वारा होता है। मेंढक में थायरॉइड द्वारा स्रावित हार्मोन थायरॉक्सिन इसका नियमन करता है। थायरॉक्सिन के उत्पादन के लिए जल में आयोडीन की उपस्थिति आवश्यक है। यदि जल में जिसमें टैडपोल वृद्धि कर रहे हैं, पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं है तो टैडपोल वयस्क मेंढक में परिवर्धित नहीं हो सकते।

किशोरावस्था की ओर Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ किशोरावस्था (Adolescence) : जीवनकाल की वह अवधि है जब जनन परिपक्वता आती है।

→ यौवनारम्भ (Puberty) : 11 से 18 या 19 वर्ष की वह अवस्था जिसमें जनन चक्र का आरंभ होता है ।

→ स्वरयंत्र (Voice box) : मनुष्य के गले में उपास्थि से बना भाग, जो आवाज पैदा करता है ।

→ हार्मोन (Hormones) : रासायनिक पदार्थ जो शरीर की क्रियात्मक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

→ पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland) : मास्टर ग्रन्थि जो मस्तिष्क में उपस्थित होती है ।

→ इंसुलिन (Insulin) : रक्त में शक्कर के स्तर को नियंत्रित रखने वाला हार्मोन ।

→ टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) : यौवनारम्भ में वृषण द्वारा स्रावित नर हार्मोन ।

→ ऐस्ट्रोजन (Estrogen) : यौवनारम्भ में अंडाशय द्वारा स्रावित मादा हार्मोन, जो स्तनों का विकास करता है ।

→ थायरॉक्सिन (Thyroxin) : थाइरॉइड ग्रन्थि द्वारा स्रावित हार्मोन जो गले में स्थित होता है।

→ एड्रिनेलिन (Adrenalin) : रक्त में लवण की मात्रा के संतुलन के लिए एड्रीनल ग्रन्थि का स्राव ।

→ संतुलित आहार (Balanced diet) : वह आहार जिसमें सभी संतुलित आहार उचित अनुपात में हों।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन InText Questions and Answers

पहेली बूझो

(पृष्ठ संख्या – 101)

प्रश्न 1.
शुक्राणु में पूँछ किस काम आती है ?
उत्तर:
पूँछ की सहायता से शुक्राणु अंडवाहिनी में तैरकर अंडाणुओं तक पहुँचता है।

(पृष्ठ संख्या – 103)

प्रश्न 2.
मछली और मेंढक एक साथ सैकड़ों अंडे क्यों देते हैं जबकि मुर्गी एक समय में केवल एक अंडा ही देती है।
उत्तर:
यद्यपि यह जन्तु सैकड़ों अंडे देते हैं तथा लाखों शक्राण निर्मोचित करते हैं. सारे अंडों का निषेचन नहीं होता और वह नये जीव नहीं बन पाते । इसका कारण यह है कि अंडे एवं शुक्राणु निरन्तर जल की गति, वायु एवं वर्षा से प्रभावित होते रहते हैं, तालाब में कुछ जंतु ऐसे भी होते हैं- जो इन अंडों को खाते हैं । अतः अंडकोशिकाओं एवं शुक्राणुओं का बड़ी संख्या में उत्पन्न होना आवश्यक है ताकि उनमें से कुछ में निषेचन सुनिश्चित किया जा सके।

(पृष्ठ संख्या – 104)

प्रश्न 3.
एक एकल कोशिका किस प्रकार एक बड़ा जीव बन सकता है?
उत्तर:
निषेचन के द्वारा युग्मनज बनता है जो कि भ्रूण में परिवर्तित होना प्रारम्भ कर देता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर:
यह जीवों में योग्यता है कि वे अपने जैसे जीव पैदा कर सकते हैं । प्रजाति की वृद्धि के लिए जनन अत्यन्त आवश्यक है। यह जैविक प्रक्रम पृथ्वी पर निरन्तरता को सुनिश्चित करता है, इससे गुण और आनुवंशिकता एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में स्थानान्तरित होती है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए ।
उत्तर:
निषेचन (Fertilization):
वृषण के द्वारा नर युग्मक उत्पन्न होते हैं, जो शुक्राणु कहलाते हैं । जब शुक्राणु, फैलोपियन ट्यूब में से होते हुए अंडाणु के संपर्क में आते हैं तो इनमें से एक शुक्राणु अंडाणु के साथ संलयित हो जाता है । शुक्राणु और अंडाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है । निषेचन के समय शुक्राणु तथा अंडाणु संलयित होकर एक हो जाते हैं । निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है ।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए –
(क) आंतरिक निषेचन होता है
(i) मादा के शरीर में ।
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर:
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वह है –
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर:
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केन्द्रकों की संख्या होती है –
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार ।
उत्तर:
(iii) एक ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) हैं अथवा असत्य (F). संकेतिक कीजिए –
(क) अंडप्रजक जंतु विकसित शिशु को जन्म देते हैं।
(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है ।
(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
(घ) वह कोशिका जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है ।
(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(ङ) सत्य
(च) असत्य
(छ) असत्य
(ज) सत्य
(झ) सत्य
(ज) असत्य ।

प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर:

युग्मनज (Zygote) गर्भ (Foetus)
1. यह एक निषेचित अण्डाशय कोशिका है। 1. यह भ्रूण का एक बहुकोशिकीय चरण है।
2. अंडाणु तथा शुक्राणु का संलयन युग्मनज कहलाता है। 2. यह भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए । जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन : जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है। अलैंगिक जनन कहलाता है।

अलैंगिक जनन की विधियाँ-
1. मुकुलन (Budding) : इस क्रिया में नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है । शरीर का केन्द्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है तथा उनमें से एक केन्द्रक मुकुल में आ जाता है । मुकुल पैतृक जीव से अलग होकर वृद्धि करता है तथा पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। हाइड्रा तथा यीस्ट में अलैंगिक जनन की यह सामान्य प्रक्रिया है ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -1

2. द्विखण्डन (Binary fission) : जनन की यह विधि प्रोटोजोआ (अमीबा, पैरामीशियम आदि) में होती है । जनक जीव खंडित होकर नये दो जीवों को जन्म देता है। अमीबा में कोशिका अपनी वृद्धि के अधिकतम आकार में पहुँचती है तो पहले अमीबा का केन्द्रक लम्बा हो जाता है और दो भागों में विभाजित हो जाता – है। इसके पश्चात् अमीबा का कोशिका द्रव्य दो भागों में विभाजित हो जाता है। एक भाग केन्द्रक के चारों ओर रहता है, इस प्रकार दो संतति अमीबा बनते हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -2

प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोषण होता है ?
उत्तर:
भ्रूण का रोपण गर्भाशय में होता है।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कायांतरण – कायांतरण एक जीव वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें किसी जीव के पैदा होने के या अंडे से निकलने के बाद कोशिकाओं की बढ़ोत्तरी से उसके शारीरिक ढाँचे में कम समय में बड़े परिवर्तन आ जाते हैं।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -3
चित्र से स्पष्ट है कि मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं, जिनमें से तीन चरण स्पष्ट हैं- (1) अंडा (2) टैडपोल लारवा (3) वयस्क । मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है- गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। मेंढक तथा रेशमकीट में कायांतरण होता है।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर:

आंतरिक निषेचन बाहा निषेचन
1. नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है। 1. नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के बाहर होता है।
2. नर मादा शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है। 2. दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
3. इनका विकास शरीर के अंदर होता है जैसे – मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी। 3. विकास शरीर के बाहर होता है। जैसे – मेंढक, मछली ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए –
बाई से दाई ओर –
1. यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं ।
3. वृषण में उत्पादित होते हैं।
4. हाइड्रा का अलैंगिक जनन

ऊपर से नीचे की ओर –
1. यह मादा युग्मक है ।
2. नर और मादा युग्मक का मिलना ।
4. एक अंडप्रजक जन्तु।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -4
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -5

HBSE 8th Class Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. शुक्राणु व अंडाणु के संलयन को कहते हैं
(अ) जनन
(ब) निषेचन
(स) जरायुज
(द) मुकुलन।
उत्तर:
(ब) निषेचन

2. निम्नलिखित में नर जननांग का भाग नहीं है –
(अ) वृषण
(ब) शिश्न
(स) शुक्रवाहिनी
(द) अण्डवाहिनी ।
उत्तर:
(द) अण्डवाहिनी ।

3. बाह्य निषेचन निम्नवत् में से किसमें होता है
(अ) मेंढक
(ब) मुर्गी
(स) गाय
(द) कुत्ता ।
उत्तर:
(अ) मेंढक

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

4. निम्नलिखित में अंडप्रजक जंतु है –
(अ) मनुष्य
(ब) कुत्ता
(स) गाय
(द) तितली ।
उत्तर:
(द) तितली ।

5. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है –
(अ) पैरामीशियम में
(ब) अमीबा में
(स) यीस्ट में
(द) अ और ब दोनों में ।
उत्तर:
(स) यीस्ट में

रिक्त स्थान पूर्ति

(क) इस प्रकार का जनन जिसमें नर तथा मादा युग्मक …………… का संलयन होता है …………… कहलाता है।
(ख) अंडाशय मादा युग्मक उत्पन्न करते हैं जिसे …………… कहते हैं।
(ग) वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है …………… कहलाता है।
(घ) वे जंतु जो अंडे देते हैं …………… जंतु कहलाते हैं।
(ङ) कुछ विशेष परिवर्तनों के साथ टैडपोल का वयस्क …………… में रूपांतरण कहलाता है।
उत्तर:
(क) लैंगिक जनन
(ख) अंडाणु
(ग) आंतरिक निषेचन
(घ) अंडप्रजक
(ङ) कायांतरण।

सुमेलन

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) वृषण (क) शिशु को जन्म देने वाले जंतु
(ii) अंडाशय (ख) नर जनन अंग
(iii) निषेचन (ग) अंडे देने वाले जंतु
(iv) जरायुज जंतु (घ) मादा जनन अंग
(v) अंडप्रजक जंतु (ङ) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन

उत्तर:

कॉलम ‘अ’ कॉलम ‘ब’
(i) वृषण (ख) नर जनन अंग
(ii) अंडाशय (घ) मादा जनन अंग
(iii) निषेचन (ङ) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन
(iv) जरायुज जंतु (क) शिशु को जन्म देने वाले जंतु
(v) अंडप्रजक जंतु (ग) अंडे देने वाले जंतु

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

सत्य/असत्य कथन

(क) वृषण नर युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें शुक्राणु कहते हैं।
(ख) जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है।
(ग) वे जंतु जो अंडे देते हैं, जरायुज जंतु कहलाते हैं।
(घ) हाइड्रा में मुकुलन पाया जाता है।
(ङ) बाह्य निषेचन वाले जंतुओं में भ्रूण का विकास मादा के शरीर के अंदर होता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) सत्य
(ग) असत्य
(घ) सत्य।
(ङ) असत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जाति की निरंतरता बनाने के लिए कौन सा प्रक्रम आवश्यक है?
उत्तर:
जनन।

प्रश्न 2.
जनन की विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) लैंगिक जनन
(ii) अलैंगिक जनन।

प्रश्न 3.
लैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वह जनन जिसमें नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है, लैंगिक जनन कहलाता है।

प्रश्न 4.
शुक्राणु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वृषण नर युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें शुक्राणु कहते हैं।

प्रश्न 5.
नर जनन अंग क्या हैं?
उत्तर:
वृषण, शुक्राणु नलिका एवं शिश्न।

प्रश्न 6.
मादा जनन अंग क्या हैं?
उत्तर:
अंडाशय, अंडवाहिनी एवं गर्भाशय।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 7.
अंडाणु किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंडाशय मादा युग्मक उत्पन्न करते हैं जिन्हें अंडाणु कहते हैं।

प्रश्न 8.
जनन प्रक्रम का पहला चरण बताइए।
उत्तर:
शुक्राणु और अंडाणु का संलयन।

प्रश्न 9.
निषेचन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
शुक्राणु और अंडाणु का संलयन निषेचन कहलाता

प्रश्न 10.
आंतरिक निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है, आंतरिक निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 11.
बाह्य निषेचन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वह निषेचन जिसमें नर एवं मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है, बाह्य निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 12.
ऐसे प्राणियों के नाम लिखिए जिनमें बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर:
मछली एवं स्टारफिश।

प्रश्न 13.
रेशम कीट के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंडा → लारवा → प्यूपा → वयस्क।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 14.
मेंढक के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंडा-टैडपोल (लारवा) → वयस्क।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
लैंगिक जनन-इस जनन में नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है। अलैंगिक जनन-इस जनन में केवल एक ही जनक नए जीव को जन्म देता है।

प्रश्न 2.
नर शुक्राणु तथा मादा अंडाणु में चार अंतर बताइए।
उत्तर:

नर शुक्राणु मादा अंडाणु
1. यह एक नर युग्मक है । यह एक मादा युग्मक है ।
2. पूर्ण विकसित शुक्राणु अंडा निषेचन करता है । निषेचन के बाद दूसरा विकास विभाजन होता है ।
3. ये अधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं । यह केवल एक ही बनता है ।
4. यह गतिमान होता है तथा सिर और पूँछ में बँटा होता है । यह गतिमान नहीं होता गोल होता है ।

प्रश्न 3.
मानव के मादा जनन तंत्र तथा नर जनन तंत्र के नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर:
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -6

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
नर जनन-तंत्र तथा मादा जनन-तंत्र में क्या अन्तर
उत्तर:
नर जनन-तंत्र :
(1) वृषण शुक्राणु उत्पन्न करता है।
(2) मादा जनन तंत्र से कम जटिल है ।
(3) वृषण, वृषणकोश में शरीर के बाहर पाया जाता है।
(4) मूत्र तथा शुक्राणु के लिए एक ही रन्ध्र पाया जाता है। ।

मावा जनन-तंत्र:
(1) अंडाशय अंडा उत्पन्न करता है।
(2) नर जनन तत्र से अधिक जटिल है ।
(3) अडाशय जोड़े के रूप में पेट में पाए जाते हैं ।
(4) मूत्राशय तथा योनि के लिए अलग-अलग निष्कासन छिद्र होता है।

प्रश्न 5.
मानव नर जननांग के विभिन्न भागों के नाम लिखिए । शुक्राणु की संरचना को समझाइए।
उत्तर:
मानव नर जननांग के मुख्य अंगों में एक जोड़ा वृषण, दो शुक्राणु नलिकाएँ तथा एक शिश्न (लिंग) होता है। शुक्राणु की संरचना-मानव में वृषण नर युग्मक उत्पन्न करता है, जिन्हें शक्राण कहते हैं । इसकी संख्या लाखों में होती है। ये बहुत सूक्ष्म होते हैं । इनमें एक सिर, एक मध्य भाग व एक पूँछ पाई जाती है।

प्रश्न 6.
मुर्गी में आन्तरिक निषेचन के बावजूद यह अण्डे देती है। क्यों?
उत्तर:
मुर्गी में निषेचन होने उपरान्त युग्मनज बनता है, यह लगातार विभाजित होता रहता है एवं अण्डवाहिनी के नीचे की ओर बढ़ता रहता है तथा इस पर नीचे बढ़ने के साथ-साथ एक सुरक्षित पर्त बनती जाती है । कठोर कवच (परत) के पूर्ण रुप से बनने के बाद मुर्गी अण्डे का निर्मोचन करती है । मुर्गी के अण्डे को चूजा बनने में लगभग तीन सप्ताह का समय लगता है ।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 7.
जरायुज एवं अण्डप्रजक जंतु से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जरायुज जंतु :
वे जंतु जो सीधे ही शिशु को जन्म देते हैं, जरायुज जंतु कहलाते हैं। जैसे- गाय, बिल्ली , कुत्ता आदि अण्डे उत्पन्न नहीं करते; इनकी मादा विकसित शिशु को जन्म देती हैं । इन्हें जरायुज जंतु कहते हैं। अण्डप्रजक जंतुः – वे जंतु जो अण्डे देते हैं, अण्डप्रजक जंतु कहलाते हैं। जैसे -मेंढक, तितली आदि।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन क्या है तथा यह कैसे होता -है? इसके महत्व सहित लिखिए।
उत्तर:
लैंगिक जनन : जीव उत्पत्ति की वह प्रक्रिया, जिसमें नर तथा मादा का होना आवश्यक होता है।
लैंगिक जनन की प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में नर एवं मादा युग्मक बनाते हैं जो संलयित होकर युग्मनज बनाते हैं। यह युग्मनज विकसित होकर एक नया. जीव बनाता है।
लैंगिक जनन का महत्व :
(1) जीन के नये युग्मक बनते हैं जिसके कारण आनुवंशिक विविधता का विकास होता है।
(2) लैंगिक जनन से जनन संतति में विविधता का विकास होता है ।
(3) नये जीवों में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।

प्रश्न 2.
मेंढक में कायांतरण की क्रिया को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
कायांतरण-टैडपोल लारवा जिसमें मछली के गुण पाए जाते हैं। उससे वयस्क मेंढक में परिवर्तन कायांतरण कहलाता है । मेंढक में अण्डे से प्रारम्भ करके वयस्क बनने तक की क्रिया में तीन अवस्थाएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं- (i) अण्डा (ii) टैडपोल (लारवा) (iii) वयस्क मेंढक में मादा अण्डे पानी में देती है जहाँ शुक्राणुओं द्वारा इनका बाह्य निषेचन होता है । निषेचन के बाद अण्डों से टैडपोल (लारवा) निकलते हैं । इनकी प्रकृति जलीय जीव मछली जैसी होती है । इसमें मेंढक के गुण नहीं होते हैं। टैडपोल में परिवर्तन कई प्रकार से होते हैं, जो वयस्क मेंढक का निर्माण करते हैं ।
HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन -7

प्रश्न 3.
मानव में भ्रूण परिवर्धन की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
मानव में निषेचन मादा के भीतर होता है जिससे युग्मनज बनता है जिसके विकसित होने पर भ्रूण बनता है। युग्मनज लगातार विभाजित होकर कोशिकाओं के गोले में बदल जाता है जिसके पश्चात् कोशिकाएँ समूहों में आती हैं तथा विभिन्न ऊतकों एवं अंगों में परिवर्धित हो जाती हैं । इस विकसित हुई संरचना को भ्रूण कहते हैं । भ्रूण गर्भाशय की दीवार में रोपित होकर विकसित होता रहता है । गर्भाशय में भ्रूण का लगातार विकास होता जाता है। धीरे-धीरे विभिन्न शारीरिक अंग जैसे कि हाथ, पैर, सिर, आँखें आदि विकसित हो जाते हैं । भ्रूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके, गर्भ कहलाता है । जब गर्भ का विकास पूर्ण हो जाता है तब माँ नवजात शिशु को जन्म देती है।

HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

जंतुओं में जनन Class 8 HBSE Notes in Hindi

→ लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) : वह प्रक्रिया जिसमें नर और मादा युग्मक का संलयन होता है।

→ अंडाणु (Ovum) : अंडाशय में उत्पन्न मादा युग्मक।

→ गर्भाशय (Utenus) : वह भाग जहाँ शिश का विकास होता है।

→ निषेचन (Frization) : शक्राण और अंडाण का संलयन।

→ आंतरिक निषेचन (Internairertilization) : वह निषेचन जो मादा के शरीर के अंदर होता है।

→ बाह्य निषेचन (External Fertilization) : वह निषेचन जिसमें नर एवं मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है।

→ भ्रूण (Embryo) : ऊतकों व अंगों की विकसित रचना ।

→ गर्भ (Foetus) : भ्रूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके।

→ जरायुज जंतु (Viviparous Animals) : वे जंतु जो सीधे ही शिशु को जन्म देते हैं।

→ अंडप्रजक जंतु (Oviparous Animals) : वे जंतु जो अंडे देते हैं।

→ कायांतरण (Metamorphosis) : टैडपोल लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया।

→ अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) : जनन का वह प्रकार जिसमें केवल एक जीव भाग लेता है ।

→ मुकुलन (Budding) : अलैंगिक जनन का प्रकार, जिसमें मुकुल द्वारा नये जीव का विकास होता है।

→ द्विखंडन (Binary Fission) : वह अलैंगिक जनन जिसमें जीव विभाजित होकर दो संतति उत्पन्न करता है।