Haryana State Board HBSE 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण
HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण InText Questions and Answers
पहेली बूझो
(पृष्ठ संख्या – 242)
प्रश्न 1.
क्या अम्लीय वर्षा खेतों की मिट्टी (मृदा) तथा पौधों को भी प्रभावित करती है
उत्तर:
हाँ, अम्लीय वर्षा का प्रभाव खेतों की मिट्टी तथा पौधों पर भी पड़ता है । इससे मिट्टी प्रदूषित हो जाती है तथा पौधों पर भी अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।
(पृष्ठ संख्या – 242)
प्रश्न 2.
वायमण्डल में co.की मात्रा कैसे बढ़ती है और इसका आधिक्य कैसे हो जाता है ?
उत्तर:
मानव अपनी आवश्यकता के लिए वनों को काटता जा रहा है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए वायुमंडल में उपस्थित CO2 का प्रयोग करते हैं । वनोन्मूलन के कारण CO2 की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि CO2 का प्रयोग करने वालें वृक्षों की संख्या घट जाती है । इस तरह मानवीय क्रियाकलाप वायुमंडल में CO2 के संचय में योगदान देते हैं। CO2 ऊष्मा को रोक लेती हैं तथा उसे वायुमंडल में नहीं जाने देती। इसके फलस्वरूप वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।
HBSE 8th Class Science वायु तथा जल का प्रदूषण Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर:
जल संदूषण की विधियाँ :
(क) तेल रिसाव – तेल निकालते समय पेट्रोलियम के समुद्र में रिसने से और जहाजों के संचालन से समुद्री जल प्रदूषित होता है।
(ख) संश्लेषित अपमार्जक से – इनका कपड़े धोने में अत्यधिक प्रयोग करने से झाग उत्पन्न होते हैं, तथा यह जल को प्रदूषित करते हैं।
(ग) औद्योगिक इकाइयों द्वारा- फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा नदियों और झीलों में मिलकर जल को प्रदूषित करता है।
(घ) रेडियोधर्मी कचरे से – नाभिकीय रिएक्टर संयंत्रों से निकलने वाला कचरा जल को प्रदूषित करता है।
प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण को निम्न उपायों द्वारा कम किया जा सकता है –
(1) जन परिवहन का प्रयोग करके।
(2) घरों के आस-पास पेड़-पौधे लगाकर।
(3) निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करना या सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करना।
(4) कूड़ा-करकट तथा टायरों आदि के जलाने पर रोक लगाकर ।
प्रश्न 3.
स्वच्छ, पारशी जल सवैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
देखने में स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य नहीं होता क्योंकि ऐसे जल में सूक्ष्मजीव और अशुद्धियाँ हो सकती हैं। सूक्ष्मजीव रोगों के वाहक हो सकते हैं तथा हमारे शरीर के लिए अत्यन्त हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए जल फिल्टर किया हुआ अथवा उबला हुआ पीने योग्य होता
प्रश्न 4.
आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे शहर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर:
स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु उपाय –
(1) घरों में जल का संचरण करने से पहले उसका शोधन करना चाहिए।
(2) उद्योगों के अपशिष्ट को जल-स्रोतों में फेंकने से पहले उपचारित करना चाहिए ।
(3) औद्योगिक इकाइयों के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि प्रदूषित जल को सीधे ही नदियों अथवा झीलों में नहीं मिलाया जा सके।
(4) कम उपयोग, पुनः उपयोग, पुनः चक्रण हमारा मूल मंत्र होना चाहिए ।
प्रश्न 5.
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में निम्नलिखित अन्तर शुद्ध वायु –
(1) शुद्ध वायु स्वच्छ, ताजा एवं पारदर्शी होती है ।
(2) इसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित नहीं होते हैं ।
(3) इसमें दुर्गध नहीं होती ।
(4) धुओं और धूल के कण दिखाई नहीं देते हैं।
प्रदूषित वायु –
(1) ऐसी वायु गंदी और पारभासी होती है ।
(2) सूक्ष्मजीव उपस्थित होते हैं ।
(3) दुर्गध हो सकती है ।
(4) धुआँ तथा धूल के कण दिखाई देते हैं।
प्रश्न 6.
उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है । अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
प्रदूषित वायु में उपस्थित सल्फर डाईऑक्साइड व नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसे वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल व नाइट्रिक अम्ल का निर्माण करती हैं। ये अम्ल वर्षा के साथ नीचे आते हैं । वर्षा में घुलं इन अम्लों के प्रभाव के कारण यह वर्षा अम्लीय वर्षा कहलाती है।
अम्लीय वर्षा के प्रभाव-
(1) अम्ल वर्षा का जल मिट्टी की अम्लीयता को भी बढ़ा देता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो जाती है।
(2) अम्लीय वर्षा का जल नदी, झीलों तथा अन्य जल-स्रोतों में जाकर उन्हें भी अम्लीय (दूषित) कर देता है । यह प्रदूषित जल अनेक रोगों का कारक बनता है।
(3) जब यह अम्लीय वर्षा ऐतिहासिक स्मारकों के ऊपर गिरती है तो इसमें उपस्थित अम्ल ऐतिहासिक स्मारक के संगमरमर के साथ रासायनिक अभिक्रिया करके उसे धीरे-धीरे क्षति पहुंचाता है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी गैस पौधा-घर गैस नहीं है?
(क) कार्बन डाईऑक्साइड ।
(ख) सल्फर डाईऑक्साइड।
(ग) मेथेन ।
(घ) नाइट्रोजन ।
उत्तर:
(घ) नाइट्रोजन ।
प्रश्न. 8.
पौधा घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधा-घर प्रभाव-सूर्य के प्रकाश की किरणें पृथ्वी की सतह को गर्म करती हैं । कुछ विकरित किरणें परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में लौट जाती हैं। कुछ भाग वायुमंडल में रुककर पृथ्वी को और गर्म करता है। सूर्य की ऊष्मा पौधा-घर (यह शब्द शीशा घर से लिया गया है, जहाँ हरे पौधे रखे जाते हैं) में प्रवेश करने के पश्चात् बाहर नहीं निकल पाती । यही रुकी हुई ऊष्मा पौधा घर को गर्म करती है । पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा रोके गए विकिरण यही कार्य करते हैं । इसी कारण इसे पौधा-घर प्रभाव कहते हैं । इस प्रक्रम के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है किन्तु CO2 व अन्य उत्तरदायी गैसों के कारण यह प्रक्रम अब जीवन के लिए खतरा बन गया है।
प्रश्न 9.
आपके द्वारा कक्षा में विश्व उष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए ।
उत्तर:
विश्व उष्णन :
विश्व ऊष्णन का अर्थ है- विश्व के तापमान में वृद्धि । पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में CO2 का उपयोग करते हैं, जिससे वायु में CO2 की मात्रा में कमी आ जाती है | CO2 की खपत करने वाले वृक्षों की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है, जिससे CO2 की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इस प्रकार CO2 के संचय के लिए मानव उत्तरदायी है | CO2 ऊष्मा को रोक लेती है, वायुमंडल में नहीं जाने देती । इसके फलस्वरूप वायुमंडल के ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसे वैश्विक ऊष्णन कहते हैं ।
मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा जलवाष्प जैसी अन्य गैसें भी इस प्रभाव में योगदान करती हैं | CO2 की भाँति इन्हें भी ‘पौधा-घर गैसें’ कहते हैं। विश्व ऊष्णन से उत्पन्न हो सकने वाली समस्याएँ – हिमनद पिघल जाएंगे, निम्न क्षेत्र डूब जाएंगे, वर्षा पर प्रभाव पड़ेगा । समुद्र तल ऊँचा उठेगा, इसके फलस्वरूप कृषि, वन तथा रहन-सहन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा । इस कारण विश्व ऊष्णन को रोकने के लिए उचित और शीघ्र उपाय लागू करने चाहिए ।
प्रश्न 10.
ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताजमहल-ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है। आगरा में स्थित ताजमहल पिछले दो दशकों से देशी-विदेशी पर्यटकों को सर्वाधिक आकर्षित कर रहा है । सफेद संगमरमर से बनी यह सफेद इमारत प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषक सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहे हैं । आगरा तथा इसके चारों ओर स्थित रबड़ प्रक्रम, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, रसायन और मथुरा तेल रिफाइनरी जैसे उद्योग सल्फर डाईऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के लिए उत्तरदायी हैं । ये प्रदूषक अम्लीय वर्षा का कारण हैं । स्मारक के संगमरमर का संक्षारण अम्ल वर्षा के कारण होता है । यह परिघटना ‘संगमरमर कैंसर’ भी कहलाती है । मथुरा तेल परिष्करणी से उत्सर्जित काजल कण जैसे निलम्बित कणों का संगमरमर को पीला करने में व्यापक योगदान है। ताजमहल की सुन्दरता के सुरक्षा उपायताजमहल की सुंदरता को यथावत् बनाए रखने हेतु सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत से उपाय किए हैं । ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के आदेश दिए हैं । न्यायालय द्वारा उद्योगों को संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलिया। गैस (16) जैसे स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं।
प्रश्न 11.
जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर:
शैवालों की उपस्थिति के कारण कुछ तालाव दूर से देखने पर हरे प्रतीत होते हैं । इसका कारण उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेट जैसे रसायनों की अधिक मात्रा है। इनकी वृद्धि से जल में शैवाल की वृद्धि होती है । इस शैवाल के नष्ट होने पर अपघटित करने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक है। इस कारण जल में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे जलीय जीवों की उत्तरजीविता प्रभावित होती है।
HBSE 8th Class Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. विश्व ऊष्णन के लिए कौन-सी गैस जिम्मेदार है?
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) कार्बन डाईऑक्साइड
(द) ऑर्गन ।
उत्तर:
(स) कार्बन डाईऑक्साइड
2. रेफ्रिजरेटरों व एयर कण्डीशनरों से उत्सर्जित हानिकारक गैस का नाम है
(अ) कार्बन डाईऑक्साइड
(ब) ऑक्सीजन
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)
(द) कार्बन मोनोऑक्साइड ।
उत्तर:
(स) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)
3. जल को शुद्ध करने के लिए सामान्यतया जो रसायन उपयोग में लेते हैं, वह है –
(अ) नाइट्रोजन गैस
(ब) विरजक चूर्ण
(स) पोटाश
(द) खाने का सोडा ।
उत्तर:
(ब) विरजक चूर्ण
4. ओजोन की परत का क्षरण करने वाला कारक है
(अ) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
(ब) कार्बन डाईऑक्साइड
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन
(द) फ्लोरीन ।
उत्तर:
(स) क्लोराफ्लोरो कार्बन
5. वायु में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग है –
(अ) 78%
(ब) 21%
(स) 1%
(द) 100%.
उत्तर:
(ब) 21%
रिक्त स्थान पूर्ति
(क) वायु में कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन की मात्रा आयतन के अनुसार क्रमशः ……………. , ………. तथा ………… है।
(ख) कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड प्रमुख ………….. हैं।
(ग) नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल का वर्षा के साथ पृथ्वी पर आना ……………. कहलाता है।
(घ) पौधा घर प्रभाव के लिए उत्तरदायी मुख्य गैस ……………. है।
(ङ) गंगा कार्य परियोजना को सन् ………… में प्रारम्भ किया गया।
उत्तर:
(क) 0.3%,21%,78%
2. वायु प्रदूषक
3. अम्ल वर्षा
4. कार्बन डाईऑक्साइड
5. 1985
सुमेलन
कॉलम – I | कॉलम – II |
1. CFCS | (क) जल प्रदूषण |
2. CNG | (ख) पर्यावरण संरक्षण |
3. कागज उद्योग | (ग) अम्ल वर्षा |
4. तीन – R | (घ) वायु प्रदूषण |
5. ताजमहल क्षरण | (ङ) प्रदूषण रहित इंधन |
उत्तर:
कॉलम – I | कॉलम – II |
1. CFCS | (घ) वायु प्रदूषण |
2. CNG | (ङ) प्रदूषण रहित इंधन |
3. कागज उद्योग | (क) जल प्रदूषण |
4. तीन – R | (ख) पर्यावरण संरक्षण |
5. ताजमहल क्षरण | (ग) अम्ल वर्षा |
सत्य / असत्य कथन
(क) कार्बन डाईऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, जलवाष्प प्रमुख पौधा घर गैसें हैं।
(ख) नाइट्रोजन गैस वैश्विक ऊष्णन का प्रमुख कारक है।
(ग) CFCs का उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एयरकण्डीशनरों तथा ऐरोसॉल फुहार में होता है।
(घ) पेट्रोलियम ईंधनों जैसे- पेट्रोल, डीजल तथा कोयले के जलने से हानिकारक वायु प्रदूषक उत्पन्न होते है।
(ङ) वन महोत्सव जुलाई माह में मनाया जाता है।
उत्तर:
(क) सत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
(घ) सत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
स्मोग क्या है ?
उत्तर:
धुओं और धुंध का मिश्रण स्मोग कहलाता है।
प्रश्न 2.
सूर्य की विकिरणों को पकड़कर पर्यावरण को गर्म करने वाली गैस कौन-सी है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड ।
प्रश्न 3.
रक्त में ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली गैस का नाम लिखिए ।
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड ।।
प्रश्न 4.
जलवाहक रोगों के उदाहरण लिखिए ।
उत्तर:
पीलिया, हैजा, टाइफाइड ।
प्रश्न 5.
वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा रेडियोएक्टिव कचरा ।
प्रश्न 6.
ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती
प्रश्न 7.
साफ ईंधनों के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) तथा द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) |
प्रश्न 8.
कौन-सा रोग वायु प्रदूषण के कारण फैलता है?
उत्तर:
श्वसन सम्बन्धी रोग । जैसे – अस्थमा ।
प्रश्न 9.
वाहनों के द्वारा कौन-सी गैसें उत्सर्जित होती हैं?
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, धुआँ इत्यादि ।
प्रश्न 10.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन का क्या दुष्प्रभाव है?
उत्तर:
यह ओजोन परत को नष्ट करते हैं।
प्रश्न 11.
भीड़-भाड़ वाली सड़कों से गुजरते वक्त आपको प्रायः खाँसी आ जाती है, क्यों? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वाहनों से निकले धुएँ एवं सड़कों पर उड़ने वाले धूल-कणों के हमारे श्वसन तंत्र में पहुँचने के कारण खाँसी उत्पन्न होती है।
प्रश्न 12.
अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों, धुआँ उगलते ईंटे के भट्टों एवं फैक्ट्रियों के पास से होकर गुजरने पर आपको क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दम घुटना, सांस लेने में कठिनाई, आँखों में जलन, चिड़चिड़पन आदि।
प्रश्न 13.
श्वसन समस्याओं के दिन-प्रतिदिन बढ़ने का क्या कारण है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन बढ़ता वायु प्रदूषण।
प्रश्न 14.
आयु किस प्रकार वायु प्रदूषण को करने में सहभागिता कर सकते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
(i) वृक्षारोपण करके। (ii) धुआँ उत्पन्न करने वाले ईंधनों पर निर्भरता कम करके।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु के संघटक क्या हैं ?
उत्तर:
वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इसमें 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन उपस्थित है । इसमें 1% अन्य गैसें जैसे कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जल-कण, आर्गन, मैथेन, ओजोन आदि उपस्थित होते हैं।
प्रश्न 2.
‘गर्म जल भी एक प्रदूषक है।’ इस वाक्य की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
गर्म जल भी एक प्रदूषक है : यह वाक्य निःसंदेह सत्य है । यह जल अधिकांशत: विद्युत संयंत्रों तथा उद्योगों से निष्काषित होने के पश्चात् नदियों में बहाया जाता है। यह जल जलाशयों के ताप में वृद्धि कर देता है, जिससे जल में रहने वाले पौधे व जीव-जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 3.
‘धूम-कोहरा’ मानव मात्र को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
धूम-कोहरा- सर्दियों में वायुमण्डल में धुंध और धुएँ की मोटी परत कोहरा बनाती है जिसे धूम कोहरा कहते धुएँ में नाइट्रोजन ऑक्साइड उपस्थित हो सकते हैं । जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे के संयोग से धूम कोहरा बनाते हैं। इसके कारण मनुष्यों में रोग उत्पन्न हो सकते हैं । दमा, खाँसी तथा बच्चों में सांस के साथ घरघराहट मुख्य बीमारियाँ हैं।
प्रश्न 4.
वायु प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से हैं ? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण : अपद्रव्यों द्वारा वायु का ऐसा संदूषण है जिसका हानिकारक प्रभाव सजीव एवं निर्जीव दोनों पर हो सकता है।
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत :
(1) वाहनों से निकलने वाला धुआँ ।
(2) उद्योगों जैसे – कागज उद्योग, स्टील उद्योग, रसायन उद्योग ।
(3) पेट्रोलियम परिष्करण शालाओं से निकलने वाला धुआँ ।
(4) वनस्पति का कम होना ।
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय-
(1) वाहनों में ईंधनों के लिये पूर्ण ज्वलनशील इंधनों जैसे डीजल आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि हानिकारक उत्पादन बनें।
(2) ज्वलनशील व्यर्थ ठोस भट्टियों में जलाना चाहिए।
(3) वनस्पति अधिक लगाना चाहिये तथा उसे अनावश्यक नहीं जलाना चाहिए ।
प्रश्न 5.
ओजोन परत के कम होने का क्या कारण है ? ओजोन परत का क्या कार्य है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्बन के द्वारा वायुमंडल की ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो जाती है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है। यह पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यन्त हानिकारक है। जैसे – यह गैस मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है।
प्रश्न 6.
कुछ प्रमुख प्रदूषकों के नाम, उनके स्रोतों तथा उनके प्रभावों की सूची बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सारणी
वायु प्रदूषक | स्रोत | प्रभाव |
1. SO2, NO2 | उद्योग | अम्लीय वर्षा |
2. CO, CO2 | ईंधन का | विश्व ऊष्यन |
3. धूल व धुएँ | अपूर्ण दहन | अस्थमा |
प्रश्न 7.
अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है ? इसके हानिकारक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
वायु में जब नाइट्रोजन तथा सल्फर के ‘ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वे वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमशः नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पूर्वी पर नीचे आते हैं, इसलिए इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्लीय वर्षा के कारण ऐतिहासिक स्मारकों भवनों आदि का संक्षारण हो जाता है। धरती की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है तथा अन्ततः यह बंजर भी हो सकती है।
प्रश्न 8.
पीने योग्य जल के गुण क्या हैं?
उत्तर:
(1) यह पारदर्शी, रंगहीन तथा गंधहीन होता है।
(2) इसमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली होती है।
(3) यह हानिकारक रसायनों एवं जीवाणुओं से मुक्त होता
प्रश्न 9.
जल को पीने योग्य किस प्रकार बनाते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
जल को पीने योग्य बनाने के लिए निम्न क्रियाविधि अपनानी चाहिए-
(1) जल को फिल्टर कर लें ।
(2) जल को उबालकर भी जीवाणुमुक्त करना चाहिए।
(3) जल को क्लोरीनीकरण द्वारा भी शुद्ध करना चाहिए।
इसके लिए विरंजक चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है।
प्रश्न 10.
प्रदूषित जल से होने वाले तीन प्रभावों को बताइए।
उत्तर:
(1) दूषित जल पीने से उदर रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड आदि हो जाते हैं ।
(2) तेलीय प्रदूषण के कारण मछलियों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन नही मिलती तथा वे बडी संख्या में मृत होने लगती हैं।
(3) विषाणु, जीवाणुयुक्त, तथा नील-हरे शैवालों से युक्त प्रदूषित जल को पीने से पालतू पशुओं में अनेक रोग हो जाते हैं।
प्रश्न 11.
जल प्रदूषण को किस प्रकार नियन्त्रित किया जाता है?
उत्तर:
(1) कारखानों से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट पदार्थों एवं गर्म जल को जलाशयों, नदियों तथा समुद्रों में नही गिराना चाहिए ।
(2) कीटनाशकों का प्रयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उस खेत का जल पीने वाले जलाशयों में बहकर न जाए।
(3) कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों को उपचारित करके ही नदियों में गिराया जाना चाहिए।
प्रश्न 12.
जल की बचत के लिए क्या-क्या उपाय कर सकते हैं।
उत्तर:
जल एक अनमोल संसाधन है। इसका उपयोग अत्यन्त समझदारी से करना चाहिए। इसके लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं-
(1) जल को व्यर्थ में बहाना नहीं चाहिए, उपयोग न होने पर नल को तुरन्त बंद कर देना चाहिए ।
(2) हमें जल को उपयोग करते समय तीन उपयोगों कम उपयोग (Reduce) पुनः उपयोग (Reuse), पुनः चक्रण (Recycle) को ध्यान में रखना चाहिये ।
(3) घरों में सब्जियों को धोने के लिए प्रयुक्त जल का उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है ।
(4) वर्षा जल को संग्रहित किया जा सकता है।
प्रश्न 13.
यदि हम प्रदूषित जल पिएँ तो क्या होगा? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
जो पेयजल हमें देखने में स्वच्छ लगता है, उसमें ”रोगवाहक सूक्ष्मजीव तथा अपद्रव्य मिले होते हैं, ये हमारे शरीर में पहुंचकर स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं, इसलिए जल को पीने योग्य बनाने के लिए उसे फिल्टर करके या उबालकर पीना चाहिए । घर में उपयोग करने वाले जल को उबालना या फिल्टर करना चाहिए, ऐसा करने से उसमें उपस्थित जीवाणु समाप्त हो जाते हैं । प्रदूषित जल पीने से शरीर रोगी बन जाएगा, हैजा, टाइफाइडे, पीलिया आदि जैसे रोग हो सकते हैं।
प्रश्न 14.
नल तालाब, नदी, कुएँ तथा झील के जल के नमूनों को एकत्र करने का प्रयास कीजिए प्रत्येक को काँच के अलग-अलग बर्तनों में उड़ेलिए इनकी गंध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
स्थान जहाँ से जल लिया गया है | गंध | अम्लीयता | रंग |
नल का जल | ✗ | ✗ | ✗ |
तालाब का जल | ✓ | ✓ | ✓ |
नदी का जल | ✓ | ✓ | ✓ |
कुएँ का जल | ✗ | ✗ | ✗ |
झोल का जल | ✗ | ✗ | ✗ |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जल प्रदूषण क्या है ? इसके मुख्य स्रोत कौन-से है?
उत्तर:
जल प्रदूषण :
जल में विषाक्त पदार्थ जैसे – कारखानों का अपशिष्ट उत्पाद, रासायनिक पदार्थ, वाहित मल, कूड़ा-करकट आदि के मिलने से जल दूषित हो जाता है । इसे जल प्रदूषण कहते हैं।
जल प्रदूषण के कारक :
(अ) घरेलू अपशिष्ट –
- मानव और जन्तुओं का मल-मूत्र.
- अपमार्जक,
- जीवाणु,
- जैविक पदार्थ (खाद्य पदार्थ) ।
(ब) औद्योगिक अपशिष्ट : उद्योगों से निकलने वाली हानिकारक धातुएँ जैसे – पारा, सौसा, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक, जिन्हें अपनदी, तालाबों या अन्य जल स्रोतों में प्रवाहित किया जाता है तो जल-प्रदूषित हो जाता है।
(स) जल-ऊष्मा :
मानव के क्रियाकलापों द्वारा पानी के ताप की वृद्धि जल-ऊष्मा कहलाती है। ऊष्मीय शक्तिधर आदि गर्म जल जलाशयों में बहा देते हैं जिससे जलाशयों का जल अचानक गर्म हो जाता है और जलीय जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
(द) पीड़कनाशी और उर्वरक : खेतों से पानी अपने साथ उर्वरक, पीड़कनाशी, कीटनाशी आदि कई रसायन जलाशयों तक बहा ले जाता है। डीडीटी जैसे पीड़कनाशी अनिम्नीकरण । पदार्थ हैं। यह भी जल प्रदूषण के कारक हैं।
वायु तथा जल का प्रदूषण Class 8 HBSE Notes in Hindi
→ वायु प्रदूषण (Air pollution) : अशुद्धियों का वायु में मिलकर उसे प्रदूषित करना ।
→ प्रदूषक (Pollutants) : पदार्थ जो वायु और जल को संदषित करते हैं ।
→ मिलावट (Contamination) : जहरीले पदार्थों और सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति, जिससे मानव में रोग उत्पन्न होते
→ पेयजल (Potable water) : पीने योग्य शुद्ध जल ।
→ वैश्विक उष्णन (Global warming) : वायु में CO2 तथा अन्य कुछ गैसों की मात्रा में वृद्धि होने के कारण वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है । इसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं ।
→ पौधा घर प्रभाव (Green House effect) : वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड परत द्वारा ऊष्मीय प्रभाव वाली अवरक्त किरणों के प्रगृहीत (trap) होने के कारण वायुमंडल के गर्म हो जाने को पौधाघर प्रभाव कहते हैं।
→ अम्ल वर्षा (Acid rain) : वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइटोजन डाइऑक्साइड गैसें वायमंडल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं । ये वर्षा को अम्लीय बनाकर बारिश के साथ पृथ्वी पर बरसते हैं । इसे अम्ल वर्षा कहते हैं ।
→ जल प्रदूषण (Water Pollution) : जल में होने वाले अवांछित परिवर्तन जिससे वह प्रयोग हेतु नहीं रहता।
→ रिड्यूस (Reduce) : अपशिष्ट उत्पन्न करने वाले साधनों का कम से कम उपयोग करना।
→ रियूज (Reuse) : किसी वस्तु का बार-बार विभिन्न प्रकार से उपयोग करना।
→ रिसाइकल (Recycle) : किसी वस्तु के चक्रीकरण द्वारा पुन: उपयोग हेतु बनाना।