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HBSE 9th Class Maths Important Questions and Answers

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

HBSE 9th Class Science खाद्य संसाधनों में सुधार Intext Questions and Answers

(पृष्ठ संख्या – 229)

प्रश्न 1.
अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
अनाज; जैसे गेहूँ, चावल, मक्का , बाजरा व ज्वार से कार्बोहाइड्रेट; दालों; जैसे चना, मटर, उड़द, मूंग, अरहर, मसूर से प्रोटीन; फलों व सब्जियों से विटामिन व खनिज लवण, कुछ मात्रा में प्रोटीन, वसा व कार्बोहाइड्रेट भी प्राप्त होते हैं। ये सभी तत्त्व हमारे विकास, वृद्धि तथा स्वास्थ्य के लिए होते हैं।

(पृष्ठ संख्या – 230)

प्रश्न 1.
जैविक व अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जैविक कारक; जैसे रोग, कीट तथा निमेटोड और अजैविक कारक; जैसे सूखा, क्षारता, जलाक्रांति, गर्मी, ठंड व पाला आदि से फसल उत्पादन कम हो जाता है।

प्रश्न 2.
फसल सुधार के लिए ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण क्या हैं?
उत्तर:
चारे वाली फसलों के लिए सघन शाखाएँ ऐच्छिक गुण हैं। अन्न के लिए बौने पौधे उपयुक्त हैं ताकि इन फसलों को उगाने के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो। इस प्रकार सस्य विज्ञान वाली किस्में अधिक उत्पादन करने में सहायक होती हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

(पृष्ठ संख्या-231)

प्रश्न 1.
वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत् पोषक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
वृहत् पोषक-ऐसे पोषक जिनकी पौधों को अधिक मात्रा में आवश्यकता हो, वृहत् पोषक कहलाते हैं। इनकी अधिक मात्रा में आवश्यकता के कारण इन्हें वृहत् पोषक कहते हैं; जैसे सल्फर, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम।

प्रश्न 2.
पौधे अपना पोषक कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
पौधे भूमि से घोल के रूप में इन पोषकों को ग्रहण करते हैं। खाद और उर्वरक में भी यही पोषक होते हैं जिन्हें पौधे आसानी से और अधिक मात्रा में ग्रहण कर लेते हैं।

(पृष्ठ संख्या-232)

प्रश्न 1.
मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक के उपयोग की तुलना कीजिए।
उत्तर:
मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक की उपयोगिता में अंतर निम्नलिखित है

खाद

  1. इसकी अधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है।
  2. इसका सतत उपयोग हानिकारक नहीं है।
  3. इनके उपयोग से उत्पादन हमेशा बढ़ता है।
  4. इनके उपयोग और उत्पादन प्राप्त करने में समय अधिक लगता है।
  5. इनका उपयोग करना महंगा नहीं।
  6. इनका स्थानान्तरण व भण्डारण असुविधाजनक होता है।

उर्वरक

  1. इसकी कम मात्रा की आवश्यकता पड़ती है।
  2. इसका सतत उपयोग हानिकारक है।
  3. इनके अनावश्यक उपयोग से उत्पादन घट सकता है।
  4. इनके उपयोग से अधिक उत्पादन कम समय में मिल सकता है।
  5. इनका उपयोग करना महंगा है।
  6. इनका स्थानांतरण व भण्डारण सुविधाजनक होता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

(पृष्ठ संख्या – 235)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थिति में सबसे अधिक लाभ होगा? क्यों?

  • किसान उच्च कोटि के बीज का उपयोग करें, सिंचाई ना करें अथवा उर्वरक का उपयोग ना करें।
  • किसान सामान्य बीजों का उपयोग करें, सिंचाई करें तथा उर्वरक का उपयोग करें।
  • किसान अच्छी किस्म के बीज का प्रयोग करें, सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ।

उत्तर:
उपरोक्त तीनों परिस्थितियों में तीसरी परिस्थिति (c) ही उत्तम है क्योंकि इसमें बीजों की गुणवत्ता भी उत्तम है अर्थात् उच्च उत्पादन देने वाली है।

सिंचाई पौधों के पोषण के लिए सहायक है, उर्वरक पौधों के पोषकों की आपूर्ति करते हैं जो पौधे के विकास, वृद्धि और उत्पादन के लिए आवश्यक है। फसल संरक्षण, फसलों को हानियों से बचाता है और निःसंदेह इससे फसल उत्पादन बढ़ता है। अतः (c) परिस्थिति ही किसान के लिए श्रेष्ठ है।

(पृष्ठ संख्या- 235)

प्रश्न 1.
फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण क्यों अच्छा समझा जाता है?
उत्तर:
फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ; जैसे समय पर फसल उगाना, उचित क्यारियाँ तैयार करना, अंतराफसलीकरण तथा फसल-चक्र खरपतवार के नियंत्रण में सहायक होती हैं। किसी प्रकार के कीटनाशक, खरपतवार नाशक आदि जहरीले रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

जैव नियंत्रण विधियों में प्रतिरोध क्षमता वाली किस्मों का उपयोग तथा ग्रीष्मकाल में हल चलाकर हानिकारक कीटों व अन्य जीवों को मारा जाता हैं। इस प्रकार मृदा प्रदूषण नहीं होता और इन विधियों पर अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना पड़ता। अतः आर्थिक दृष्टि से भी ये उपयोगी हैं।

प्रश्न 2.
भंडारण की प्रक्रिया में कौन-से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
भंडारण की प्रक्रिया में दो प्रकार के कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी होते हैं

  • जैविक कारक-जैसे कीट, कृंतक, कवक, चिंचड़ी और जीवाणु आदि।
  • अजैविक कारक-भण्डारण के स्थान पर उपयुक्त नमी व ताप का अभाव।

(पृष्ठ संख्या – 236)

प्रश्न 1.
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों?
उत्तर:
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए संकरण विधि का प्रयोग किया जाता है ताकि संकर पशु का दुग्धस्रवण काल व रोगों की प्रतिरोधकता बढ़ जाए।

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(पृष्ठ संख्या – 237)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथन की विवेचना कीजिए – “यह रुचिकर है कि भारत में कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने के लिए सबसे अधिक सक्षम है। अल्प रेशे के खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।”
उत्तर:
कुक्कुट में यह गुण है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें रेशेदार पदार्थ कम हों और जो मनुष्य के उपयोग के लिए अच्छे नहीं माने जाते अर्थात् गुणवत्ता के आधार पर ये पदार्थ मानव उपयोग के लिए अधिक उपयोगी नहीं होते, उन्हें उच्च प्रोटीन वाले पशु प्रोटीन में बदलने की क्षमता रखते हैं। कुक्कुट के अंडे व मांस प्रोटीन से भरपूर होते हैं और ये मानव के लिए उच्च कोटि का प्रोटीन आहार माना जाता है।

(पृष्ठ संख्या – 238)

प्रश्न 1.
पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में क्या समानता है?
उत्तर:
पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में काफी समानता है

  • दोनों को साफ-सुथरे, हवादार व नमी रहित आवास की आवश्यकता होती है।
  • दोनों को उचित व संतुलित आहार दिया जाता है।
  • दोनों को बीमारियाँ लगती हैं जिनका उपयुक्त समय पर टीकाकरण किया जाता है और बीमारी होने पर चिकित्सकों द्वारा . उपचार किया जाता है।
  • दोनों का आधार आर्थिक महत्त्व है अर्थात् दोनों को आर्थिक लाभ पाने के लिए पाला जाता है।
  • दोनों की उच्च उत्पादी नस्लों को पाला जाता है ताकि उत्पादन अधिक मिले। अतः दोनों में प्रबंधन प्रणाली के आधार पर काफी समानता है।

प्रश्न 2.
ब्रौलर तथा अडे देने वाली लेअर में क्या अंतर है? इनके प्रबंधन के अंतर को भी स्पष्ट करें।
उत्तर:
ब्रौलर को मांस के लिए पाला जाता है, जबकि लेअर को अंडे पाने के लिए पाला जाता है। दोनों में यही प्रमुख अंतर है। ब्रौलर की अच्छी वृद्धि तथा अच्छी आहार दक्षता के लिए इन्हें प्रोटीन, वसा व विटामिन से भरपूर भोजन दिया जाता है। भोजन इनके मांस, पंख व कम मृत्यु दर को ध्यान में रखकर दिया जाता है, जबकि लेअर में इस प्रकार के भोजन की कम आवश्यकता होती है। ब्रौलर की आवास पोषण और पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाली मुर्गियों से भिन्न होती हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

(पृष्ठ संख्या – 239)

प्रश्न 1.
मछलियाँ कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
मछलियाँ प्राप्त करने की दो विधियाँ हैं

  • प्राकृतिक स्रोत से,
  • मछली पालन या मछली संवर्धन से।

मछलियाँ ताजे जल (अलवणीय जल) और समुद्री जल (लवणीय जल) दोनों में पाई जाती हैं। ताजे पानी में पाई जाने वाली मछलियाँ कटला, रोहु, मुलेट, मिलिटस आदि हैं जबकि समुद्री मछलियों में पॉमफ्रेट, मैकर्ल, टुना, सारडाइन, बाम्बेडक आदि हैं। समुद्री जल में मुलेट, भेटकी, पर्लस्पॉट, प्रॉन, मस्सल और ऑएस्टर का संवर्धन किया जाता है। मछली पालन ताजे जल या अलवणीय जल में किया जाता है।

प्रश्न 2.
मिश्रित मछली संवर्धन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
मिश्रित मछली संवर्धन से अधिक मछली संवर्धन किया जाता है। इस संवर्धन में अकेले तालाब में 5 या 6 मछलियों की स्पीशीज़ का उपयोग किया जाता है। इन मछलियों का चयन इस आधार पर किया जाता है कि आहार के लिए इनमें संघर्ष न हो और आहार पाने की आदत अलग-अलग हो

  • तालाब के हर भाग में स्थित आहार का उपयोग हो जाता है।
  • मिश्रित मछली संवर्धन से खरपतवार का जैविक विधि से नियंत्रण हो जाता है।
  • बिना स्पर्धा के भोजन लेने के कारण तालाब में मछली उत्पादन बढ़ता है।

(पृष्ठ संख्या-240)

प्रश्न 1.
मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन-से ऐच्छिक गुण होने चाहिएँ?
उत्तर:
मधु उत्पादन वाली मधुमक्खी में यह ऐच्छिक गुण होना स्वाभाविक है कि वह मधु उत्पादन बढ़ाने में सक्षम हो। इटेलियन मक्खी में मधु एकत्रित करने व छत्ते की सुरक्षा दोनों गुण पाए जाते हैं। यह निर्धारित छत्ते में काफी समय तक रहती हुई प्रजनन तेजी के साथ करती है इससे मधु उत्पादन बढ़ता है।

प्रश्न 2.
चरागाह क्या है और ये मधु उत्पादन से कैसे संबंधित है?
उत्तर:
चरागाह ऐसा प्राकृतिक घास का मैदान होता है जहाँ पशुओं के लिए घास व अन्य फूलों वाले पौधे काफी मात्रा में उगते हैं। इन्हीं फूलों से मधुमक्खियाँ मकरंद व पराग को एकत्रित कर शहद बनाती हैं। चरागाह में उगने वाले फूलों के द्वारा शहद का स्वाद निर्धारित होता है; जैसे ब्रूस के फूलों का शहद, नीम के फूलों का शहद और यूक्लिपटिस के फूलों का शहद । स्वाद के आधार पर मधु की गुणवत्ता भी निर्धारित की जाती है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

HBSE 9th Class Science खाद्य संसाधनों में सुधार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करो जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके।
उत्तर:
उच्च फसल उत्पादन संकरण विधि द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। पादप संकरण का मुख्य उद्देश्य वांछित गुणों वाली ऐसी नई किस्मों का विकास एवं उपयोग करना है, जो पादप-रोगों तथा पीड़कों के प्रतिरोधी हों। प्रजनक इन उन्नत किस्मों को विकसित करते हैं। इसमें कृत्रिम विधियों से पहले ही उपलब्ध दो भिन्न किस्मों में परस्पर क्रॉस-प्रजनन (Cross-Breeding) कराया जाता है।

इस तकनीक द्वारा एक किस्म के वांछित गुणों को दूसरी किस्म में संचारित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि हमारे पास दो फसलें हैं, जिनमें से एक फसल में पीड़कों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है, जबकि दूसरी किस्म में भारी उत्पादन क्षमता है, अर्थात् उसके हर पौधे से अच्छी उपज होती है।

जब पीड़क प्रतिरोधी पौधे का अच्छी उपज वाले पौधे से क्रॉस अथवा संकरण करते हैं, तो संतति पौधे में पहली दोनों किस्मों के गुणों का समावेश हो जाता है। इस प्रकार हमारे पास उच्च उपज देने वाले संकर बीज प्राप्त हो जाते हैं जिनका उपयोग कर अधिक फसल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। हरित क्रांति में संकर बीजों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

प्रश्न 2.
खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
खाद और उर्वरक में कोई वृहत् पोषक अवश्य होता है। फसलें भूमि से लगातार पोषकों को ग्रहण करती रहती हैं जिससे भूमि में इन पोषकों की कमी आ जाती है। इन्हीं पोषकों की कमी को पूरा करने के लिए खेतों में खाद और उर्वरक मिलाए जाते हैं। यदि इस कमी को पूरा न किया जाए तो भूमि की उपजाऊ शक्ति घट जाती है और धीरे-धीरे भूमि बंजर बन जाती है। भूमि में इन पोषकों की कमी फसल चक्रण द्वारा भी पूरी की जा सकती है।

प्रश्न 3.
अंतराफसलीकरण तथा फसल-चक्र के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
अंतराफसलीकरण व फसल-चक्र के लाभ निम्नलिखित हैं

  • भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है अर्थात् भूमि बंजर नहीं बनती।
  • एक ही समय में एक से अधिक फसल उत्पाद मिल सकते हैं।
  • पीड़क और खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
  • फसल उत्पादन बढ़ने से किसान की आय बढ़ जाती है।
  • फसल उत्पादन असफल होने का जोखिम भी घट जाता है।

प्रश्न 4.
आनुवंशिक फेरबदल क्या है? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर:
फसलों की उच्च पैदावार, इनकी नस्लों के गुणों पर निर्भर करती है। यदि फसलों की नस्लों में सुधार लाना है तो ऐच्छिक गुणों वाले जीन डाले जाते हैं क्योंकि जीन ही निर्धारित करते हैं कि पौधों के गुण क्या होंगे अर्थात् इनकी उपज अधिक होगी या कम। अतः जीन में परिवर्तन आनुवंशिक फेरबदल कहलाता है। इसकी तकनीक के द्वारा आज उन्नत किस्म के बीज तैयार कर कृषि प्रणाली में पैदावार कई गुणा बढ़ाई जा सकी है। विशेषकर इस तकनीक का किसानों और बागवानों को अत्यधिक लाभ पहुंचा है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 5.
भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है?
उत्तर:
भंडार गृहों में अनाज को हानि पहुँचाने वाले कारक निम्नलिखित हैं
(क) जैविक कारक
1. कृतक, पक्षी तथा अन्य जंतु-चूहे, गिलहरी आदि खेतों, घरों तथा गोदामों में रखे खाद्यान्नों को हानि पहुँचाते हैं। इनके बालों, पंखों तथा मल-मूत्र से खाद्यान्नों को नुकसान पहुंचता है।

2. सूक्ष्मजीव-विभिन्न जीवाणु तथा फफूंदी खाद्यान्नों में रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप उनकी संरचना में परिवर्तन कर देते हैं और इस प्रकार ये अनाज को हानि पहुंचाते हैं।

3. कीट-कई प्रकार के कीट कच्चे खाद्यान्न; जैसे अनाज, दालों आदि को क्षति पहुँचाते हैं। वे इन्हें अपने मल-मूत्र से दूषित कर देते हैं।

4. एंजाइम ये जैव उत्प्रेरक हैं, जो कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये अधिक समय तक भंडारित किए गए फल, सब्जियों आदि को खराब कर देते हैं।

(ख) अजैविक कारक-भंडारित अनाज को हानि पहुँचाने वाले अजैविक कारक निम्नलिखित है

1. नमी – भंडारण करते समय खाद्य पदार्थ में अधिक नमी नहीं होनी चाहिए। खाद्य पदार्थ में नमी की मात्रा उसके भार के 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए। खाद्यान्नों में अधिक नमी होने पर

  • इसके दानों का आकार बढ़ जाता है।
  • सूक्ष्मजीव तथा एंजाइम बहुत अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
  • कीटों द्वारा संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
  • नमी वाली वायु में फफूंदी आदि के उगने की संभावना अधिक होती है।

2. तापमान कम ताप पर एंजाइम, कीट तथा अन्य सूक्ष्मजीव अधिक सक्रिय नहीं होते। इस कारण विकारी खाद्य पदार्थों को शीत भंडारों में रखते हैं।

3. भंडारण के लिए बर्तन-भंडारण में प्रयुक्त बर्तन सीसा, धातु या तांबे के बने हुए नहीं होने चाहिएँ, क्योंकि ये विषैले होते हैं तथा इनसे खाद्यान्न के विषाक्त होने की संभावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 6.
किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं?
उत्तर:
पशुपालन प्रणालियाँ किसानों के लिए निम्नलिखित प्रकार से लाभदायक होती हैं

  • किसान को दुधारू पशुओं से दूध की प्राप्ति होती है।
  • पशुपालन द्वारा प्राप्त ड्राफ्ट पशु बोझा ढोने व कृषि कार्यों में सहायक होते हैं।
  • पशुपालन से किसानों को आर्थिक लाभ होने के कारण व्यावसायिक कार्य मिलता है।
  • पशु कृषि से किसानों की अतिरिक्त व वर्ष भर आय होती रहती है।
  • किसान द्वारा पाले गए पशुओं से प्राप्त गोबर व मूत्र से बायोगैस व जैविक खाद तैयार की जाती है।
  • पशुपालन से ऊन, मांस, खालें व हड्डियाँ प्राप्त होती हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 7.
पशुपालन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
पशुपालन के दो प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं
1. खाद्य पदार्थों को प्राप्त करना-पशुपालन का प्रमुख उद्देश्य खाद्य उत्पादन करना है जिसमें दूध और मांस का उत्पादन प्रमुख है। इसके अतिरिक्त पशुपालन से ऊन, खालें व हड्डियों की भी प्राप्ति होती है। इस प्रकार पशुपालन का यह उद्देश्य आर्थिक कारणों से जुड़ा है।

2. कृषि कार्य में सहायता करना-पशुपालन का दूसरा प्रमुख उद्देश्य कृषि कार्य में सहायता प्रदान करना है। बैल, ऊंट, खच्चर आदि पश कृषि कार्यों जैसे हल जोतने व बोझा ढोने के काम आते हैं। छोटे किसान कृषि कार्यों के लिए आज भी पशुओं पर आधारित हैं।

प्रश्न 8.
उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में क्या समानताएँ हैं?
उत्तर:
कुक्कुट पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन में एक प्रमुख समानता यही है कि पैदावार देने वाले जंतुओं में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता, पर्यावरण के अनुकूल और उच्च पैदावार देने वाली नस्ल के हों। तीनों प्रकार के जीव पालन का मुख्य उद्देश्य उच्च उत्पादन के द्वारा अधिक धनार्जन करना है। तीनों को कृषि कार्य के साथ सहायक व्यवसाय के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे कृषक को अतिरिक्त आमदनी होती है और इसमें अलग से पूरा समय देने की आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न 9.
प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है?
उत्तर:
कुछ आर्थिक महत्त्व वाली समुद्री जल मछलियों को समुद्र में संवर्धन किया जाता है ताकि मछलियों की मांग को पूरा किया जा सके। इसे प्रग्रहण मत्स्यन ‘मेरीकल्चर’ कहते हैं। तालाबों में प्राकृतिक वातावरण प्रदान किये जाने वाला मत्स्य पालन ‘जल संवर्धन’ कहलाता है। तालाबों में मछलियाँ अलवणीय जल या ताजे जल में पाली जाती हैं। जबकि समुद्री संवर्धन में मछलियाँ लवणीय जल में पाली जाती हैं।

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 9th Class Science प्राकृतिक सम्पदा Intext Questions and Answers

(पृष्ठ संख्या-217)

प्रश्न 1.
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमंडल से हमारा वायुमंडल कैसे भिन्न है?
उत्तर:
हमारे वायुमंडल में जीवन वायु (प्राण वायु-ऑक्सीजन) के घटक विद्यमान हैं जबकि शुक्र और मंगल पर इसका अभाव है।

प्रश्न 2.
वायुमंडल एक कंबल की तरह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
वायुमंडल में स्थित वायु कुचालक है, जो वायुमंडल के औसत तापमान को दिन-रात व वर्ष-भर नियंत्रित रखती है; जैसे कंबल शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकता है। ठीक उसी प्रकार वायुमंडल पृथ्वी की सतह की गर्मी को बाहर जाने से रोकता है और न ही तापमान को अचानक बढ़ने देता है। अतः वायुमंडल कंबल की तरह कार्य करता है।

प्रश्न 3.
वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के वायुमंडल के असमान विधियों से गर्म होने के कारण कहीं पर उच्च दाब का क्षेत्र और कहीं पर निम्न दाब का क्षेत्र विकसित हो जाता है। दाब के इस अंतर के कारण वायु प्रवाह होता है, इसे पवन या समीर कहते हैं।

प्रश्न 4.
बादलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
वायुमंडल में जलवाष्प जब ठंडे क्षेत्रों से गुजरते हैं तो जलवाष्प पानी की बूंदों के रूप में संघनित हो जाते हैं। जल की यही बूंदें जमा होकर बादल बनाती हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

प्रश्न 5.
मनुष्य के तीन क्रियाकलापों का उल्लेख करें जो वायु प्रदूषण में सहायक हैं।
उत्तर:
मनुष्य के निम्नलिखित क्रियाकलापों से वायु प्रदूषण होता है

  • जीवाश्म ईंधन के जलने से प्रदूषक बनते हैं, जो वायु में मिलकर वायु को प्रदूषित करते हैं।
  • वाहनों से निकलने वाले धुएँ से भी वायु प्रदूषित होती है।
  • मनुष्य द्वारा स्थापित कल-कारखानों से निकलने वाली गैसें वायु में मिलकर वायु को प्रदूषित करती हैं।

(पृष्ठ संख्या-219)

प्रश्न 1.
जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जल प्रत्येक सजीव की मूलभूत आवश्यकता है। प्रत्येक जीव के शरीर का 75 प्रतिशत भाग जल होता है। जल से ही जीवों के शरीर में जैव रासायनिक प्रक्रियाएँ संचालित होती हैं। सभी कोशिकीय प्रक्रियाओं के लिए जलीय माध्यम का होना अनिवार्य है। जीवों के शरीर में पदार्थों का संवहन जल के माध्यम से होता है और उत्सर्जन का कार्य भी जल के द्वारा होता है। स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए मीठे जल की आवश्यकता होती है। अनेकों जीवों का वास स्थान जल ही है।

प्रश्न 2.
जिस गाँव/शहर/नगर में आप रहते हैं वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है?
उत्तर:
गाँव, नगर और शहरों में उपलब्ध शुद्ध जल के स्रोत भूमिगत जल, तालाब, झील और नदियाँ हैं। विशेषकर पर्वतों से आने वाली नदियों में बर्फ के पिघलने से जल मिलता है। तालाब, झीलों आदि में भी अधिकतर वर्षा का ही जल होता है।

प्रश्न 3.
क्या आप किसी क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर:
सीवर का मल-जल अधिकतर जल-स्रोतों (नदियों, नहरों, झीलों) में डाल दिया जाता है, जिससे जल प्रदूषित होता है। नदियों के किनारे बसे बड़े-बड़े शहरों और नगरों के सीवर मल-जल, सीधे नदियों के जल में डाल दिए जाते हैं। इसी प्रकार गंगा के किनारे बसे लोग अधजले शव या बिना जले शवों को गंगा के जल में फेंक देते हैं, जिससे गंगा का जल प्रदूषित हो रहा है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

(पृष्ठ संख्या-222)

प्रश्न 1.
मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
चट्टानों के टूटने व पिसने-घिसने से मृदा या मिट्टी का निर्माण होता है। मिट्टी के निर्माण में चट्टानों के छोटे-छोटे टुकड़े, ताजी व गली-सड़ी पत्तियाँ, मृत जीव अवशेष व रेत के कण आदि मिलने से होता है। मृदा की ऊपरी परत को बनने में कम-से-कम 300 से 800 वर्ष का समय लगा है। मृदा निर्माण की प्रक्रिया सतत् है।

प्रश्न 2.
मृदा अपरदन क्या है?
उत्तर:
मिट्टी का किन्हीं भी कारणों से कट जाना या बह जाना, मिट्टी का अपरदन कहलाता है। मिट्टी अनेकों कारणों से कटती है; जैसे

  1. बाद मृदा अपरदन का प्रमुख कारण बाढ़ है, जिसके कारण मृदा एक स्थान से दूसरे स्थान पर बह जाती है।
  2. तेज हवाएँ-मृदा अपरदन का दूसरा प्रमुख कारण तेज गति से बहती हवाएँ हैं।
  3. वनों की कटाई-बढ़ती जनसंख्या तथा औद्योगीकरण के कारण वनों की कटाई अधिक होती है, जिस कारण मृदा-अपरदन बढ़ता है।
  4. अनियंत्रित तथा अत्यधिक पशुओं की चराई-अनियंत्रित तथा अत्यधिक पशुओं की चराई से मृदा-अपरदन बढ़ता है।
  5. खेती के अवैज्ञानिक तरीकों से अधिकतर किसान खेतों में लगातार एक ही प्रकार की फसल उगाते रहते हैं, जिससे उपजाऊ शक्ति कम होने के कारण मृदा का अपरदन बढ़ता है।
  6. खेती के लिए भूमि की गहरी जुताई से-खेती के लिए भूमि की गहरी जुताई से भी मृदा अपरदन बढ़ता है।

प्रश्न 3.
अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
उत्तर:
अपरदन को रोकने के निम्नलिखित तरीके हैं
1. घास लगाकर-घास के पत्ते तथा जड़ें पानी की गति को कम कर देते हैं, जिससे जल मिट्टी के कणों को बहाकर नहीं ले जा पाता।

2. खेत समतल करके ढलवाँ जगह को छोटे-छोटे समतल टुकड़ों में बाँटकर खेती करने से भी पानी की गति कम हो जाती है, जिससे भूमि का कटाव नहीं होता है।

3. वृक्ष लगाकर-वृक्षों की जड़ें मिट्टी को बाँधे रखती हैं, जिससे पानी मिट्टी को बहाकर नहीं ले जा पाता।

4. खेती के उचित ढंग ढलान की दिशा में हल न चलाकर दाएँ-बाएँ हल चलाने से जल की गति कम हो जाती है, जिससे मिट्टी नहीं कटती।

5. बाँध बनाकर-ढलान पर बने बाँध तेजी से बहते हुए पानी के वेग को कम करते हैं, जिससे कटाव नहीं होता।

6. सीढ़ीनुमा खेत बनाकर-पहाड़ी प्रदेशों में ढलान के विरुद्ध सीढ़ियाँ बनाकर खेती करनी चाहिए।

7. खाद डालकर-भूमि में खाद डालने से भूमि की जल रोकने की शक्ति बढ़ जाती है, जिससे कटाव नहीं होता।

8. वायुरोधक लगाकर-जहाँ रेतीली भूमि हो तथा तेज हवाएँ चलती हों, वहाँ खेत के चारों ओर घने पौधे लगा देने चाहिएँ ताकि तेज वायु मिट्टी के कणों को उड़ाकर न ले जा सके।

9. खेतों की मेड़ों को ऊँचा बनाकर खेतों की मेड़ें ऊँची हो जाने से खेतों का पानी खेतों से बाहर नहीं जा पाता और भूमि का कटाव भी नहीं हो पाता।

10. विशेष फसलें उगाकर-मूंगफली जैसी विशेष फसलों को उगाकर भी भूमि कटाव को कम किया जा सकता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

(पृष्ठ संख्या-226)

प्रश्न 1.
जल-चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
जल-चक्र के क्रम में जल की निम्नलिखित तीन अवस्थाएँ पाई जाती हैं

  • द्रव अवस्था में जल,
  • वाष्प अवस्था में जल तथा,
  • ठोस अवस्था में बर्फ।

वाष्पों से बादल बनते हैं, यही बादल वर्षा के रूप में पृथ्वी पर बरसते हैं और कई बार बादलों का जल जमकर बर्फ अर्थात् ओलों का रूप ले लेता है। पहाड़ों की चोटियों पर पड़ी बर्फ भी ठोस रूप में जल ही है, जो पिघलकर द्रव अवस्था में नदियों में आती है और वाष्प बनकर वायु में मिल जाती है।

प्रश्न 2.
जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दीजिए जिनमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों पाए जाते हों।
उत्तर:
नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स।

प्रश्न 3.
मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिनसे वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर:
मनुष्य की गतिविधियों से वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा निम्नलिखित प्रकार से बढ़ती है

  • ईंधन के दहन द्वारा।
  • वाहनों में पेट्रोलियम पदार्थों के इस्तेमाल से।
  • श्वसन क्रिया में भी CO2 उत्पन्न होती है।

प्रश्न 4.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य से विभिन्न तरंगदैर्यों का प्रकाश प्राप्त करती है। वायुमंडल की ओज़ोन परत पराबैंगनी विकिरणों को सोखकर अन्य तरंगदैर्यों को जाने देती है, परंतु पृथ्वी की सतह पर पड़ने वाले प्रकाश में से कुछ भाग अवरक्त प्रकाश के रूप में परावर्तित होकर वापस चला जाता है।

CO2 के अणुओं में पृथ्वी की सतह से परावर्तित अवरक्त विकिरणों को सोख लेने की क्षमता है। अतः वायुमंडल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड किसी कंबल के समान अवरक्त प्रकाश को प्रगृहीत कर सकती है, जिसके कारण वायुमंडल गर्म हो जाता है। वायुमंडल के इस प्रकार गर्म होने को ग्रीन हाउस प्रभाव या पौधा घर प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 5.
वायुमंडल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
O2 (ऑक्सीजन) तथा O3 (ओज़ोन)।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

HBSE 9th Class Science प्राकृतिक सम्पदा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
जीवन वायुमंडल पर ही आधारित है क्योंकि

  • वायुमंडल पृथ्वी के औसत तापमान को बनाए रखता है।।
  • वायुमंडल में जीवन वायु के रूप में ऑक्सीजन पाई जाती है।
  • वायुमंडल की ओज़ोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को बचाती है।
  • वायुमंडल उल्काओं से पृथ्वी को बचाता है, जिससे जीवन की भी सुरक्षा होती है।
  • हरे पौधों के लिए प्रकाशसंश्लेषण क्रिया में प्रयुक्त होने वाली CO2 गैस भी वायुमंडल में ही पाई जाती है।
  • वायुमंडल में जल, जलवाष्पों के रूप में पाया जाता है, जो जीवन का आधार है। अतः वायुमंडल जीवन के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 2.
जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर:
जीवन के लिए जल अनिवार्य है क्योंकि मनुष्य की सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं।

प्रश्न 3.
जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र हैं?
उत्तर:
मिट्टी जीवन का आधार है। सभी जीवधारी मिट्टी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर करते हैं। पौधे मिट्टी से पोषण प्राप्त करते हैं जिनमें खनिज और जल प्रमुख हैं और सभी जंतु पौधों पर निर्भर करते हैं। पौधों से ही जंतुओं को भोजन व सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिलती है। पौधों के बिना प्राणियों का जीवन संभव ही नहीं है और पौधे मिट्टी के बिना जीवित नहीं रह सकते। जलीय जीव भी मिट्टी पर निर्भर करते हैं क्योंकि पौधों से ही ये अपने जीवन की आवश्यकताएँ पूरी करते हैं।

प्रश्न 4.
आपने टेलीविजन पर और समाचार-पत्र में मौसम संबंधी रिपोर्ट को देखा होगा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?
उत्तर:
हाँ, मौसम के पूर्वानुमान में हम सक्षम हैं। मौसम संबंधी आँकड़े भू-कक्षा में स्थापित कृत्रिम उपग्रहों के माध्यम से प्राप्त कर, आने वाले समय में मौसम का अनुमान सहज से लगाया जा सकता है। INSAT- 1B के द्वारा प्रत्येक आधे-आधे घंटे पश्चात् चित्र व सूचनाएँ प्राप्त की जाती हैं। इन्हीं चित्रों से मौसम की भविष्यवाणी की जाती है, जो काफी कारगर सिद्ध हुई हैं।

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प्रश्न 5.
हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण-स्तर को बढ़ा रहे हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?
उत्तर:
हाँ, मानव की इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण स्तर को घटाने में मदद मिलेगी; जैसे

  • वाहनों को जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम पर न चलाकर सौर ऊर्जा पर आधारित बैटरी से चलाने पर वायु प्रदूषण कम होगा।
  • घरों में कोयले व एल०पी०जी० जैसे ईंधनों के उपयोग के स्थान पर सौर ऊर्जा का उपयोग भोजन पकाने, पानी को गर्म करने में, आदि से प्रदूषण नहीं होगा।
  • कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर कंपोस्ट खाद का उपयोग करने से मृदा प्रदूषण नहीं होगा।
  • उद्योग-धंधों का कचरा सीधे जल-स्रोतों में मिलाने की बजाए ट्रीटमैंट प्लांट के द्वारा केवल उपयोगी पदार्थ उपयोग करने से जल प्रदूषण कम होगा।

प्रश्न 6.
जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जंगल पर्यावरण संतुलन में महत्त्वपूर्ण घटक हैं। जंगल वायु की रचना (78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन) को संतुलित करते हैं। जंगलों के अभाव में यह संतुलन बिगड़ जाता है। वायु में CO2 और ठोस कणों की मात्रा बढ़ने से तापमान बढ़ जाता है, जबकि अधिक वन होने से वायु शुद्ध और शीतल रहती है। वन प्रदूषण घटता है।

वन मृदा अपरदन को रोकने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर गुणवत्ता में सुधार लाते हैं। वनों के कटने से भूमि बंजर बन जाती है। वातावरण का तापमान बढ़ जाता है।

अधिक वनों से वर्षा भी अधिक होती है। जल-स्रोतों में जल की मात्रा बढ़ती है और उपयोगी मृदु जल अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है। भूमिगत जल-स्तर में सुधार आता है। अतः जंगल वायु, मृदा और जलीय स्रोतों की गुणवत्ता सुधारते हैं।

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

HBSE 9th Class Science हम बीमार क्यों होते हैं Intext Questions and Answers

(पृष्ठ संख्या-200)

प्रश्न 1.
अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ बताइए।
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ निम्नलिखित हैं

  • सामुदायिक स्वच्छता,
  • संतुलित आहार।

प्रश्न 2.
रोगमुक्ति की कोई दो आवश्यक परिस्थितियाँ बताइए।
उत्तर:

  • स्वच्छ पर्यावरण,
  • उचित आदतें व व्यायाम करना।

प्रश्न 3.
क्या उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर एक जैसे हैं अथवा भिन्न हैं? क्यों?
उत्तर:
उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर लगभग एक-समान ही हैं, क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य को रखना या रोगमुक्त होना लगभग एक-समान स्थितियाँ हैं।

(पृष्ठ संख्या-203)

प्रश्न 1.
ऐसे तीन कारण लिखिए जिससे आप सोचते हैं कि आप बीमार हैं तथा चिकित्सक के पास जाना चाहते हैं। यदि इनमें से एक भी लक्षण हो तो क्या आप फिर भी चिकित्सक के पास जाना चाहेंगे? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
बीमार होने को परिलक्षित करने वाले अनेक कारण हो सकते हैं जैसे
(1) खाँसी होना,

(2) बुखार आना,

(3) शरीर में कमजोरी होना। यदि उपरोक्त लक्षण कम समय के लिए दिखाई दें तो चिकित्सक के पास तुरंत जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा-तंत्र इन कारणों को शीघ्र समाप्त कर बीमारी के प्रभाव से मुक्त कर देता है। परंतु यदि खाँसी दीर्घकालिक हो तो फेफड़ों संबंधी विकार हो सकता है।

बुखार लंबे समय तक आए तो टी.बी. जैसी भयानक बीमारी होने की संभावना हो सकती है। शरीर में पोषण की कमी से कमज़ोरी हो सकती है। ऐसी परिस्थितियों में चिकित्सक के पास जाना ही उचित है, ताकि बीमारी के सही कारण का पता लग सके और उसका निदान हो सके।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसके लंबे समय तक रहने के कारण आप समझते हैं कि आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा? तथा क्यों?

  • यदि आप पीलिया रोग से ग्रस्त हैं।
  • यदि आपके शरीर पर जूं (Lice) हैं।
  • यदि आप मुँहासों से ग्रस्त हैं।

उत्तर:
उपरोक्त में से यदि हम पीलिया से ग्रसित हों तो इसका स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ने की प्रबल संभावना होती है। पीलिया रोग का संबंध हमारे यकृत से होता है जो शरीर की एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथि है जिसका शरीर में अत्यधिक योगदान है। अतः पीलिया से ग्रसित व्यक्ति का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है। जूं से या मुँहासे से होने वाले विकारों का शरीर के स्वास्थ्य पर इतना अधिक बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

(पृष्ठ संख्या-2107)

प्रश्न 1.
जब आप बीमार होते हैं तो आपको सुपाच्य तथा पोषणयुक्त भोजन करने का परामर्श क्यों दिया जाता है?
उत्तर:
बीमार व्यक्ति को आसानी से पचने वाला सुपाच्य व पोषणयुक्त भोजन लेने का परामर्श इसलिए दिया जाता है ताकि भोजन आसानी से पच सके और शरीर में जिन पोषक तत्त्वों की कमी हुई है उनकी पूर्ति हो सके।

प्रश्न 2.
संक्रामक रोग फैलने की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
संक्रामक या छूत के रोग निम्नलिखित विधियों द्वारा फैलते हैं
1. वायु द्वारा अनेक रोगों के रोगाणु छींकने, खाँसने, बोलने, थूकने या मल-मूत्र त्यागने के द्वारा वायु में फैल जाते हैं। वायु के द्वारा ये रोगाणु सांस लेने की क्रिया द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे रोगी बना देते हैं।

2. जल द्वारा हैजा, तपेदिक, पेचिश आदि रोगों के रोगाणु पीने वाले जल में मिलकर शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। दूषित जल में बर्तन धोने, फल-सब्जियों के धोने से भी रोगों का संक्रमण होता है। रोगी व्यक्ति के कपड़े जल-स्रोतों के पास धोने से या मल विसर्जन के द्वारा रोगाणु जल में प्रवेश कर लेते हैं जो शरीर में पहुँच कर रोग का कारण बन जाते हैं।

3. भोजन द्वारा भोजन और अन्य दूषित खाने वाले खाद्य पदार्थों के द्वारा रोगाणु शरीर में पहुँच कर व्यक्ति को रोगी बना देते हैं। बासी और ठंडा भोजन अधिक नुकसानदायक है।

4. व्यक्तिगत संपर्क द्वारा रोगी के कपड़ों, बिस्तरों, बर्तन, तौलिए या सीधे संपर्क द्वारा संक्रामक रोग स्वस्थ व्यक्ति तक पहुँच कर हानि पहुँचाते हैं।

5. जंतुओं द्वारा कुछ जंतु मक्खी, मच्छर, चूहा आदि रोगवाहक की भूमिका निभाते हैं। भोजन को दूषित कर या सीधे शरीर में पहुँच कर रोगाणु रोग का कारण बन जाते हैं। मलेरिया मच्छर के काटने और हैजा मक्खी के द्वारा तथा प्लेग चूहे के द्वारा फैलता है।

प्रश्न 3.
संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए आपके विद्यालय में कौन-कौन सी सावधानियाँ आवश्यक हैं?
उत्तर:
विद्यालय में संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने आवश्यक हैं

  1. पेयजल का क्लोरीनेशन कर रोगाणुनाशक किया जाना चाहिए।
  2. विद्यालय की कैंटीन में सभी खाद्य पदार्थों को ढककर रखना चाहिए।
  3. बासी व गले-सड़े खाद्य पदार्थों व फलों के बेचने पर रोक होनी चाहिए।
  4. यदि किसी विद्यार्थी को कोई संक्रामक रोग हो जाए तो रोगमुक्ति तक उसे विद्यालय में अन्य बच्चों के साथ क्लास व खेल के मैदान में मिलने-जुलने की पाबंदी होनी चाहिए।
  5. बच्चों को व्यक्तिगत व सामुदायिक स्वच्छता के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।
  6. विद्यालय में सभी बच्चों का संक्रामक रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
प्रतिरक्षीकरण क्या है?
उत्तर:
शरीर में उत्पन्न रोगरोधी शक्ति को प्रतिरक्षा कहते हैं; जैसे किसी रोगजनक को थोड़ी मात्रा में टीकाकरण द्वारा शरीर में प्रविष्ट कराया जाता है। इस रोगजनक का सामना हमारी रुधिर कोशिकाओं से होता है। दोनों की प्रक्रिया स्वरूप कुछ विशिष्ट रासायनिक पदार्थ उत्पन्न होता है। यही पदार्थ शरीर के रोगाणुओं को नष्ट करके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न करते हैं। इसे शरीर की प्रतिरक्षा (Immunity) कहते हैं और इस प्रक्रिया को प्रतिरक्षीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
आपके पास में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण के कौन-से कार्यक्रम उपलब्ध हैं? आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी स्वास्थ्य संबंधी मुख्य समस्या है?
उत्तर:
हमारे नगर के स्वास्थ्य केंद्र में निम्नलिखित कार्यक्रम टीकाकरण के लिए उपलब्ध हैं

  1. राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम,
  2. राष्ट्रीय हैज़ा उन्मूलन कार्यक्रम,
  3. राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम,
  4. राष्ट्रीय पोलियो उन्मूलन अभियान,
  5. राष्ट्रीय बाल संक्रामक रोग उन्मूलन अभियान (बच्चों का टीकाकरण)।

प्रायः सभी शहरों और नगरों में पर्यावरणीय स्वच्छता, सामुदायिक स्वच्छता और शुद्ध पेयजल संबंधी समस्याएँ पाई जाती हैं। नगरों व शहरों में कूड़े-कचरे के उचित निपटान के अभाव में पर्यावरण दूषित हो रहा है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है। वायु-प्रदूषण और जल-प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ रही हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

HBSE 9th Class Science हम बीमार क्यों होते हैं Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पिछले एक वर्ष में आप कितनी बार बीमार हुए? बीमारी क्या थी?
(a) इन बीमारियों को हटाने के लिए आप अपनी दिनचर्या में क्या परिवर्तन करेंगे?
(b) इन बीमारियों से बचने के लिए आप अपने पास-पड़ोस में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे? ।
उत्तर:
हर व्यक्ति कभी-न-कभी छोटी या बड़ी बीमारी से ग्रसित हो सकता है। कुछ ही व्यक्ति ऐसे हो सकते हैं जिन्हें वर्ष-भर में कोई बीमारी न हो, परंतु फिर भी किन्हीं कारणों से स्वास्थ्य प्रभावित हो ही सकता है। एक विद्यार्थी भी इसी प्रकार बीमारी से परेशान हो सकता है; जैसे मलेरिया, दस्त लगना, वायरल बुखार, आँखों में जलन होना, उल्टियाँ लगना आदि। उदाहरण के लिए यदि कोई विद्यार्थी मलेरिया से पीड़ित रहा हो तो वर्ष-भर में कई बार उसका प्रकोप शरीर पर पड़ा होगा। पिछले एक वर्ष में मैं दो बार बीमार हुआ। प्रथम बार मुझे मलेरिया हुआ तथा दूसरी बार वायरल बुखार।

(a) बीमारियों से बचाव के लिए सर्वप्रथम तो प्रतिरक्षा-तंत्र का योग्य होना आवश्यक है। इनसे बचाव के लिए मैं संतुलित तथा पौष्टिक भोजन खाना पसंद करूँगा। मच्छरों से बचाव के लिए मैं मच्छरदानी तथा शरीर पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करूँगा। मच्छर घर में भी प्रवेश न कर सके इसके लिए घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगवाने का प्रबंध करूँगा।

(b) पास-पड़ोस में साफ-सफाई रखकर, गड्ढों और नालियों में पानी खड़ा न होने देने से बेकार घास-फूस या झाड़ियों आदि को नष्ट कर मच्छरों की संख्या बढ़ने पर रोक लगा सकते हैं।

प्रश्न 2.
डॉक्टर/नर्स/स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा रोगियों के संपर्क में अधिक रहते हैं। पता करो कि वे अपने-आपको बीमार होने से कैसे बचाते हैं?
उत्तर:
डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा रोगियों के संपर्क में अधिक समय तक रहते हैं। बीमारियों के रोगाणुओं से बचने के लिए उनके द्वारा निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं

  1. प्रतिदिन, धुले हुए साफ वस्त्र पहनना इनकी आदत है।
  2. डॉक्टर, रोगी का परीक्षण करते समय मुँह और नाक ढाँप कर रखते हैं, ताकि सांस द्वारा शरीर में रोगाणु प्रवेश न कर पाएँ।
  3. नर्स और अन्य कर्मचारी रोगी को टीका लगाते समय तथा मरहम पट्टी करते समय हाथों पर रबड़ के दस्ताने पहनकर रखते हैं, ताकि उनके शरीर का रोगी के साथ सीधा संपर्क न हो।
  4. रोगी का निरीक्षण करने के उपरांत डॉक्टर या अन्य व्यक्ति अपने हाथों को रोगाणुनाशक घोल से धोते हैं।
  5. अस्पताल के सभी कर्मचारी सामान्य सफाई की ओर विशेष ध्यान देते हैं। कमरों के फर्श को फिनायल के घोल से साफ़ किया जाता है।
  6. अस्पताल के कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा किया जाता है।

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प्रश्न 3.
अपने पास-पड़ोस में एक सर्वेक्षण कीजिए और पता लगाइए कि सामान्यतः कौन-सी तीन बीमारियाँ होती हैं? इन बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए अपने स्थानीय प्रशासन को तीन सुझाव दीजिए।
उत्तर:
पास-पड़ोस के सर्वेक्षण से पता लगाने पर मालूम हुआ कि निम्नलिखित तीन बीमारियाँ सामान्यतः हो जाती हैं

  1. पेचिश और उल्टियाँ लगना,
  2. मलेरिया,
  3. खाँसी-जुकाम।

इन बीमारियों से बचने के लिए तीन सुझाव निम्नलिखित प्रकार से हैं

  1. खाने-पीने की वस्तुओं और पेयजल को दूषित होने से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
  2. हमारे परिवेश में मच्छर न फैलें, इसलिए खड़े पानी, नालियों आदि में कीटनाशकों का छिड़काव नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
  3. पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए कूड़े-कचरे का उचित प्रकार से व वैज्ञानिक ढंग से निपटारा किया जाना आवश्यक है।

प्रश्न 4.
एक बच्चा अपनी बीमारी के विषय में नहीं बता पा रहा है। हम कैसे पता करेंगे कि

  • बच्चा बीमार है?
  • उसे कौन-सी बीमारी है?

उत्तर:
यदि एक बच्चा अपनी बीमारी के विषय में कुछ बता पाने में असमर्थ है तो उसके शरीर में होने वाले बदलाव या खराबी देखकर यह तय किया जाता है कि बच्चा स्वस्थ है या बीमार। उसके शरीर में दिखाई देने वाले लक्षण, रोगी होने का संकेत देते हैं। इन्हीं लक्षणों के आधार पर प्रयोगशाला में विभिन्न परीक्षण करवाकर बीमारी के बारे में सुनिश्चित किया जा सकता है। लक्षण किसी विशेष रोग के बारे में पक्के संकेत होते हैं। इन्हीं के आधार पर ही चिकित्सक बीमारी का अनुमान लगाते हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित किन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति पुनः बीमार हो सकता है? क्यों?

  • जब वह मलेरिया से ठीक हो रहा है।
  • वह मलेरिया से ठीक हो चुका है और वह चेचक के रोगी की सेवा कर रहा है।
  • मलेरिया से ठीक होने के बाद चार दिन उपवास करता है और चेचक के रोगी की सेवा कर रहा है?

उत्तर:
यदि किसी व्यक्ति को एक बार चेचक हो जाए तो उसे पुनः चेचक होने की संभावना नहीं रहती। चेचक बार-बार होने से, उसी रोग से बचने की विश्वस्त विधि है क्योंकि हमारे शरीर में रोगाणु प्रतिरक्षा-तंत्र मजबूत हो जाता है। केवल मलेरिया का प्रकोप पुनः होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि प्लाजमोडियम परजीवी मानव शरीर में अपनी उपस्थिति बनाए रखते हैं और अनुकूल वातावरण मिलने पर अपनी संख्या बढ़ाकर मलेरिया का कारण बन जाते हैं। इसीलिए मलेरिया उन्मूलन के लिए बार-बार कुछ अंतराल उपरांत दवाई दी जाती है।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में आप बीमार हो सकते हैं? क्यों?

  • जब आपकी परीक्षा का समय है?
  • जब आप बस तथा रेलगाड़ी में दो दिन तक यात्रा कर चुके हैं?
  • जब आपका मित्र खसरा से पीड़ित है।

उत्तर:

  • परीक्षा के समय परीक्षार्थी तनाव से ग्रसित हो सकता है क्योंकि परीक्षा का डर हमारे स्नायु-तंत्र को प्रभावित करता है जिसके कारण तनाव बढ़ जाता है।
  • बस या रेलगाड़ी में दो दिन या इससे भी अधिक यात्रा करने पर व्यक्ति उस समय तक बीमार नहीं होता जब तक उसे किसी रोग का संक्रमण न हो। लंबी यात्रा करने के उपरांत यात्री थकावट अवश्य महसूस करता है।
  • खसरा एक संक्रामक रोग है। खसरे के रोग से पीड़ित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से इस रोग का संक्रमण हो सकता है। इसीलिए खसरा से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क से बचना ही उचित है।

प्रश्न 7.
यदि आप किसी एक संक्रामक रोग के टीके की खोज कर सकते हो तो आप किसको चुनते हैं?

  • स्वयं की?
  • अपने क्षेत्र में फैले एक सामान्य रोग की। क्यों?

उत्तर:
यदि हम किसी एक संक्रामक रोग के टीके की खोज कर सकते हैं तो हम अपने क्षेत्र में फैले एक सामान्य रोग के टीके की खोज करेंगे ताकि अधिक-से-अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

HBSE 9th Class Science ध्वनि Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या-182)

प्रश्न 1.
किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ माध्यम के द्वारा हमारे कानों तक पहुँचता है।

(पृष्ठ संख्या-182)

प्रश्न 1.
आपके विद्यालय की घंटी, ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर:
विद्यालय की घंटी कंपन के द्वारा ध्वनि उत्पन्न करती है क्योंकि जब घंटी को हथौड़े से पीटा जाता है तो घंटी में कंपन उत्पन्न होता है।

प्रश्न 2.
ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि की तरंगें माध्यम के कणों की गति द्वारा अभिलक्षित की जाती हैं, जिनके द्वारा यांत्रिक कार्य करना संभव है। इसीलिए ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें कहते हैं।

प्रश्न 3.
मान लीजिए आप अपने मित्र के साथ चंद्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएँगे?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। चंद्रमा पर माध्यम उपलब्ध नहीं है, इसीलिए चंद्रमा पर ध्वनि का संचरण न होने के कारण, ध्वनि सुनाई नहीं देती।

(पृष्ठ संख्या-186)

प्रश्न 1.
तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है
(a) प्रबलता,
(b) तारत्व।
उत्तर:
(b) तारत्व।

प्रश्न 2.
अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है?
(a) गिटार,
(b) कार का हॉर्न।
उत्तर:
(b) कार के हॉर्न का।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

(पृष्ठ संख्या -186)

प्रश्न 1.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति, आवर्तकाल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:

  • तरंगदैर्ध्य दो क्रमागत संपीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसे ग्रीक अक्षर 2 (लैम्डा) से निरूपित किया जाता है।
  • आवृत्ति प्रति सेकंड दोलनों की संख्या आवृत्ति कहलाती है।
  • आवर्तकाल-एक दोलन में लिया गया समय आवर्तकाल कहलाता है।
  • आयाम-लोलक में मध्य बिंदु (स्थिति) के किसी भी ओर अधिकतम दूरी आयाम कहलाती है।

प्रश्न 2.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर:
υ = λ v या
वेग = तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति

प्रश्न 3.
किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
तरंग की आवृत्ति, (v) = 220 Hz
तरंग का वेग (υ) = 440 m/s
जबकि υ = λ x v
440 m/s = λ x 220 Hz
λ = \(\frac { 440 }{ 220 } \) = 2m
λ = 2m उत्तर

प्रश्न 4.
किसी ध्वनि स्रोत से 450m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
हल
तरंग की आवृत्ति (v) = 500 Hz
समय (T) = ?
हम जानते हैं कि
(v) = \(\frac { 1 }{ T } \)
T = \(\frac { 1 }{ v } \)
T = \(\frac { 1 }{ 500 } \) = 0.002 सेकंड
T = 0.002 सेकंड उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

(पृष्ठ संख्या-187)

प्रश्न 1.
ध्वनि की प्रबलता और तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता-ध्वनि की उत्तेजना के दर्जे को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। यह हल्के और तेज कंपनों पर निर्भर करती है। ध्वनि की तीव्रता-किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।

(पृष्ठ संख्या-188)

प्रश्न 1.
वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर:
लोहे में ध्वनि सबसे तेज चलती है। 25°C पर वायु में ध्वनि की चाल 346 m/s, जल में 1531 m/s और लोहे में 5950 m/s है।

(पृष्ठ संख्या-189)

प्रश्न 1.
कोई प्रतिध्वनि 3s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 ms-1हो तो स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच कितनी दूरी होगी?
हल:
यहाँ पर
ध्वनि का वेग (v) = 342 m/s
प्रतिध्वनि सुनने में लगा समय (t) = 3s
ध्वनि द्वारा तय दूरी = वेग x समय
= 342 x 3 m = 1026 m
अतः ध्वनि स्रोत व परावर्तक तल के बीच दूरी = \(\frac { 1026 }{ 2 } \) m = 513 m उत्तर

(पृष्ठ संख्या-190)

प्रश्न 1.
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर:
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए होती हैं ताकि ध्वनि परावर्तन के बाद हॉल के सभी भागों में पहुँच सके।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

(पृष्ठ संख्या-191)

प्रश्न 1.
सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास क्या है?
उत्तर:
20 Hz से 20,000 Hz.

प्रश्न 2.
निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?

  • अवश्रव्य ध्वनि,
  • पराश्रव्य ध्वनि।

उत्तर:

  • अवश्रव्य ध्वनि का परास = 20 Hz से कम।
  • पराश्रव्य ध्वनि का परास = 20 kHz से अधिक।

(पृष्ठ संख्या-193)

प्रश्न 1.
एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02 s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
प्रेषण तथा संसूचन में लगा समय (t) = 1.02 s
खारे पानी में ध्वनि की चाल (v) = 1531m/s
पराध्वनि द्वारा तय की गई कुल दूरी = 2x पनडुब्बी से चट्टान की दूरी
= 2d
जहाँ d = पनडुब्बी से चट्टान की दूरी
कुल दूरी (20) = चाल x समय = 1531m/s x 1.02 = 1561.62 m
d = \(\frac { 1561.62 }{ 2 } \) = 780.81 m
d = 780.81 m उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

HBSE 9th Class Science ध्वनि Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
ध्वनि-ऊर्जा का वह रूप जिससे हमें सुनाई दे, ध्वनि कहलाती है। ध्वनि के पैदा होने के लिए किसी वस्तु में कंपन का पैदा होना जरूरी है। उदाहरण के तौर पर जब हम बोलते हैं तो हमारे गले में स्वर-तंत्र कांपते हैं। जब सितार या सारंगी बजती है तो उसकी तारें कांपती हैं। जब घंटी बजती है तो उसमें भी कंपन पैदा होता है। घंटी में कंपन को हाथ लगाकर महसूस किया जा सकता है। इस प्रकार ध्वनि कंपन पैदा होने से पैदा होती है।

प्रश्न 2.
एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-1
ध्वनि स्रोत अपने सामने की वायु को धक्का देकर संपीडित करती है और इस प्रकार उच्च दाब का क्षेत्र संपीडन बनता है। यह संपीडन वस्तु से दूर आगे की ओर गति करता है, जब कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो निम्न दाब का क्षेत्र विरलन बनता है। अतः वस्तु के कंपन से वायु में लगातार संपीडन और विरलन होते हैं। इन्हीं संपीडन और विरलन से तरंग बनती हैं।

प्रश्न 3.
किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। इसके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। इसे निम्नलिखित प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जा सकता है प्रयोग-चित्र में दिखाए अनुसार एक विद्युत घंटी को एक बेलजार में कार्क के द्वारा लटकाओ। बेलजार को एक निर्वात पंप से जोड़ो। विद्युत घंटी का स्विच ऑन करो। घंटी की आवाज सुनाई देती है। अब निर्वात पंप से बेलजार की वायु धीरे-धीरे निकालो। हमें घंटी की आवाज धीरे-धीरे ही कम होती अनुभव होती है। बेलजार में पूर्ण निर्वात होने पर घंटी की आवाज सुनाई देनी बंद हो जाती है। अतः प्रयोग से सिद्ध होता है कि निर्वात में ध्वनि संचरण नहीं होता। ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। बेलजार में वायु माध्यम था। इसीलिए विद्युत घंटी की ध्वनि सुनाई दे रही थी।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-2

प्रश्न 4.
ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर:
ध्वनि की तरंगों में माध्यम के कणों का विस्थापन विक्षोभ के संचरण की दिशा के समांतर होता है। कण एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति नहीं करते। वे केवल अपनी विराम अवस्था के आगे-पीछे दोलन करते हैं। इसीलिए ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य होती हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 5.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर:
ध्वनि का तारत्व। किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को हमारा मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व कहते हैं। तारत्व ही ध्वनि को पहचानने में हमारी मदद करता है।

प्रश्न 6.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है, ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
सामान्य ताप पर ध्वनि की चाल 344 मीटर प्रति सेकंड और प्रकाश का वेग 3 लाख कि०मी० प्रति सेकंड है। तड़ित और गर्जन दोनों एक ही समय में उत्पन्न होते हैं, परंतु दोनों की चाल में अंतर के कारण, चमक पहले और गर्जन बाद में सुनाई देती है।

प्रश्न 7.
किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 m/s लीजिए।
हल:
वायु में ध्वनि का वेग (υ) = 344 m/s
मनुष्य की पहली आवृत्ति, (v1) = 20 Hz
मनुष्य की दूसरी आवृत्ति, (v2) = 20 kHz = 20,000 Hz
पहली तरंगदैर्ध्य (λ1) = \(\frac{v}{v_1}\) = \(\frac { 344 }{ 20 } \)
= 17.2 m उत्तर
दूसरी तरंगदैर्ध्य (λ2) = \(\frac{v}{v_2}\) = \(\frac { 344 }{ 20,000 } \)m उत्तर

प्रश्न 8.
दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
माना पाइप की लंबाई = 1 मी०
सामान्य ताप पर ध्वनि की वायु में चाल (υ1) = 346 m/s
वायु में लिया गया समय = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-3 = \(\frac { 1m }{ 346m } \)s = 1/346s ………………(i)
सामान्य ताप पर ध्वनि की ऐलुमिनियम में चाल (υ2) = 6420 m/s
ऐलुमिनियम में लिया गया समय = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-3 = \(\frac { 1m }{ 6420m } \)S = 1/6420s ……………….(ii)
दोनों समयों में अनुपात = \(\frac { 1 }{ 346 } \) : \(\frac { 1 }{ 6420 } \) = 18.55 : 1 उत्तर

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प्रश्न 9.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
हल:
ध्वनि की आवृत्ति (v) = 100 Hz
1 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = 100
60 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = 100 x 60 = 6000 उत्तर

प्रश्न 10.
क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं। इन नियमों को बताइए।
उत्तर:
हाँ, ध्वनि परावर्तन के नियमों का प्रकाश की तरह ही पालन करती है। ध्वनि ठोस या द्रव की सतह से परावर्तित होती है। नियम –
(1) परावर्तक सतह पर खींचे गए अभिलंब और ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तित होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।

(2) आपतित ध्वनि, अभिलंब और परावर्तित ध्वनि की दिशा एक ही तल में होती है। ध्वनि परावर्तन के लिए पालिश किए हुए या खुरदरे बड़े आकार के अवरोधकों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 11.
ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी-

  • जिस दिन तापमान अधिक हो,
  • जिस दिन तापमान कम हो?

उत्तर:
जिस दिन तापमान अधिक हो।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 12.
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग निम्नलिखित हैं

  • रात्रि के समय चमगादड़ ध्वनि परावर्तन के द्वारा ही अपने गमन पथ का एहसास करते हैं।
  • पराध्वनि का उपयोग गुर्दे की छोटी पत्थरी को बारीक कणों में तोड़ने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 13.
500 मीटर ऊंची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 ms-2 तथा ध्वनि की चाल = 340 ms-1)।
हल:
यहाँ पर u= 0, s = 500 m, g= 10 m/s2
परन्तु s =ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \)gt2 = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 10 x t2 = 5t2
= 500 या 1 = 10s
पानी के तल से मीनार की चोटी की दूरी = 500 m
ध्वनि की चाल = 340 m/s
समय = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-3 = \(\frac { 500 }{ 340 } \) = 1.47s
= 1.47s
ध्वनि को ऊपर आने में लगा कुल समय = 10 + 1.47 = 11.47s उत्तर

प्रश्न 14.
एक ध्वनि तरंग 339 m/s की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्ध्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
हल:
यहाँ पर
ध्वनि तरंग की चाल = 339 m/s
तरंगदैर्ध्य = 1.5 cm = \(\frac { 15 }{ 10 } \) = \(\frac { 15 }{ 1000 } \)m
आवृत्ति = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-6 = \(\frac { 339 }{ 15 } \) x 1000 = 22600 Hz
यह ध्वनि अवश्रव्य है क्योंकि मनुष्य 20,000 Hz से ऊपर की ध्वनि को नहीं सुन सकता। उत्तर

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प्रश्न 15.
अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
अनुरणन-बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि निर्बंध होता है, अनुरणन कहलाता है। कम करने के उपाय-सभा भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों; जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर, पर्दे, गत्ता, घास-फूस की दीवारों का उपयोग कर अनुरणन कम किया जा सकता है। सीटों के पदार्थों का उचित चुनाव भी ध्वनि अवशोषण का कार्य करता है।

प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की उत्तेजना के दर्जे को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। यह उत्तेजना का दर्जा स्रोत के तेज या हल्के कंपनों पर निर्भर करता है। जब कंपन अधिक तेज होते हैं, तब ध्वनि प्रबलता अधिक तथा जब कंपन हल्के होते हैं तो ध्वनि प्रबलता भी कम होती है। ध्वनि की प्रबलता अथवा मृदुता मूलतः उसके आयाम से ज्ञात की जाती है। अधिक ऊर्जा वाली ध्वनि में प्रबलता भी अधिक होती है।

प्रश्न 17.
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चमगादड़, उच्च आवृत्ति के स्पंदों (अल्प समय के ध्वनि संकेत) को उत्सर्जित करते हैं। वे अपने रास्ते में आने वाले अवरोधों या कीटों से उत्पन्न प्रतिध्वनि को सुनते हैं। प्रतिध्वनि को पहुंचने में लगने वाले समय से वे परावर्तक स्रोत की दूरी का अनुमान लगा लेते हैं। इस प्रकार चमगादड़ अपना भोजन खोजने में ध्वनि का उपयोग करते हैं।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-7

प्रश्न 18.
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर:
वस्तुओं को साफ करने के लिए उन्हें मार्जन विलयन में रखकर विलयन में पराध्वनि तरंगों को प्रेषित किया जाता है। तरंगों की उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, चिकनाई तथा गंदगी के कण अलग होकर नाचे गिर जाते हैं और वस्तु साफ हो जाती है। इस विधि द्वारा ऐसी वस्तुओं को भी साफ किया जाता है, जिन्हें उनके विषम आकार के कारण साफ करना आसान न हो।

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प्रश्न 19.
सोनार की कार्य-विधि तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कार्य-विधि-SONAR-Sound Navigation And Ranging ऐसी युक्ति है, जिसमें ध्वनि तरंगें उत्पन्न कर तथा परावर्तित कर ध्वनि तरंगों का लघु समयांतर कर मापा जाता है। इस तकनीक में पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। सोनार में एक प्रेषित व संसूचक होता है। इसे जहाज या नाव की तली पर लगाया जाता है। प्रेषित द्वारा ध्वनि तरंगें उत्पन्न व प्रेषित की जाती हैं और जल में गमन करती हुई पिंड से टकराकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। ध्वनि तरंगों के प्रेषण और अभिग्रहण में लगे समय की गणना कर, ज्ञात ध्वानि चाल के द्वारा पिंड की स्थिति का अनुमान लगा लिया जाता है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-8
उपयोग-इसके उपयोग निम्नलिखित हैं-

  1. समुद्र की गहराई व तेल कुएँ की गहराई ज्ञात करने में।
  2. मछलियों के झुंडों की दूरी ज्ञात करने में।
  3. शत्रु की पनडुब्बी या टारपीडों का पता लगाने के लिए।
  4. उद्योगों में विशाल गार्डरों, ब्लॉकों तथा शीटों में संभावित दरारों या दोषों का पता लगाने में।
    इनमें सोनार-युक्ति का उपयोग किया जाता है। डूबे हुए जहाज का भी इसके द्वारा पता लगाया जा सकता है।

प्रश्न 20.
एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार-युक्ति संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625 s हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
हल:\(\)
पनडुब्बी से वस्तु की दूरी (d) = 3625 m
प्रतिध्वनि दुगुना रास्ता तय करती है
2d = 2 x 3625 = 7250 m
समय (t) = 5 s
जल में ध्वनि की चाल = \(\frac{2 d}{\mathrm{t}}\) = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-9 = \(\frac{7250}{5}\) =1450 m/s
अतः जल में ध्वनि की चाल = 1450 m/s उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 21.
किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन
उत्तर:
पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉकों (पिंडों) में दरारों तथा अन्य दोषों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र जो बाहर से दिखलाई नहीं देते, भवन या पुल की संरचना की मजबूती को कम कर देते दूरी हैं। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-10
है। दोष होने पर पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं। इस कार्य के लिए इन ध्वनि तरंगों का सीधे उपयोग नहीं किया जा सकता, जिनकी तरंगदैर्ध्य अधिक हो क्योंकि ये तरंगें दोषयुक्त स्थान के कोनों से मुड़कर संसूचक तक पहुँच जाती हैं और दोष का पता लगाने के स्थान पर भ्रम की स्थिति बन जाती है।

प्रश्न 22.
मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य का बाह्य कान परिवेश से ध्वनि तरंगों को एकत्रित कर मध्य कान के पर्दे पर पहुँचा देता है, जिसके कारण पर्दे के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है। अंदर की ओर दाब कम होता है। इस दाब के अंतर के कारण कान का पर्दा कंपन करने लगता है। मध्य कान में तीन अस्थियाँ-मुग्दरक, निहाई, वलयक इन कंपनों को कई गुणा बढ़ाकर आंतरिक कान में संचरित कर देती हैं। आंतरिक कान में कर्णावत द्वारा इन कंपनों को विद्युत संकेतों में बदल कर श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क में भेज दिया जाता है, जिसे मस्तिष्क ध्वनि संदेश में पहचान लेता है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि img-11

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या-164)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र 11.1)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-1
हल-यहाँ पर
बल (F) = 7N
विस्थापन (s) = 8 m
किया गया कार्य (W) = ?
किया गया कार्य (w) = बल (F) x विस्थापन (s)
= 7 x 8 N.m
= 56 J उत्तर

(पृष्ठ संख्या-165)

प्रश्न 1.
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु विस्थापित हो तो कार्य किया गया माना जाता है, अर्थात्
किया गया कार्य (W) = बल (F) – विस्थापन (s)

प्रश्न 2.
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो कार्य का व्यंजक निम्नलिखित होगा
किया गया कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (s)
अर्थात् जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।

प्रश्न 3.
1J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित हो तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल कहलाता है। अर्थात्
1 J = 1 N x 1 m

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 4.
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
हल-यहाँ पर
बल (F) = 140 N
विस्थापन (s) = 15 m
:. किया गया कार्य (w) = F x s
= 140 x 15 N.m.
= 2100 J उत्तर

(पृष्ठ संख्या – 169)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे v वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 के बराबर होती है।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो। उत्तर-m द्रव्यमान तथा एक समान वेग v से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान निम्नलिखित होगा
गतिज ऊर्जा (E) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2

प्रश्न 3.
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 Jहै। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
उत्तर:
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है। यदि इसके वेग को दो गुना (10 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (22) चार गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 100 J हो जाएगी। परंतु यदि इसके वेग को तीन गुना (15 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (32) नौ गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 225 J हो जाएगी।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-2

(पृष्ठ संख्या – 174)

प्रश्न 1.
शक्ति क्या है?
उत्तर:
कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं। यदि कोई अभिकर्ता (एजेंट) t समय में W कार्य करता हो तो उसकी शक्ति का मान होगा
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-3
शक्ति का मात्रक वाट (W) है।

प्रश्न 2.
1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1 वाट उस अभिकर्ता की शक्ति होती है जो 1 सेकंड में 1 जूल कार्य करता है अर्थात्
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-4

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 3.
एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?
हल-यहाँ पर
किया गया कार्य (W) = 1000 J
समय (t) = 10s
शक्ति (P) = ?
हम जानते हैं कि
P = \(\frac { W }{ t } \)
= \(\frac { 1000 }{ 10 } \) Js-1
= 100 W (वाट) उत्तर

प्रश्न 4.
औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कुल उपयोग हुई ऊर्जा और कुल दिए गए समय के अनुपात को, औसत शक्ति कहते हैं अर्थात्
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-5

HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
  3. एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
  5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
  7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर:

  1. सूमा के तालाब में तैरने पर कार्य हो रहा है, क्योंकि वह बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।
  2. एक गधे द्वारा पीठ पर बोझा उठाने से कार्य नहीं हुआ माना जाता है क्योंकि उसका विस्थापन शून्य है।
  3. किसी पवन चक्की द्वारा कुएँ से पानी उठाने में कार्य हुआ माना जाता है ककि वह बल की दिशा में विस्थापित होती है।
  4. किसी हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होने पर कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि विस्थापन शून्य है।
  5. ट्रेन को खींच रहे इंजन की दशा में कार्य हुआ माना जाता है क्योंकि ट्रेन इंजन की दिशा में विस्थापित हो रही होती है।
  6. अनाज के दानों के सूर्य की धूप में सूखने पर किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इस दशा में भी विस्थापन शून्य होता है।
  7. जो पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है उसके द्वारा किया गया कार्य माना जाता है क्योंकि पाल-नाव वायु द्वारा बल लगाने पर बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 2.
एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि पिंड का विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 3.
एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक बैटरी द्वारा बल्ब जलने पर रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 4.
20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। हल यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 20 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 2 ms-1
वस्तु की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा (E1) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)mu2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 20 x (5)2
= 250 J
वस्तु की अंतिम गतिज ऊर्जा (E2) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)m (v)2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 20 (2)2J
= 40 J
अतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= E1 – E2
= 250 J – 40 J = 210 J उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 5.
10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर Aबिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 10 kg
गुरुत्व बल (g) = 9.8 ms-2
ऊँचाई (h) = 0
:. गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य (W) = mgh
= 10 x 9.8 x 0
= 0 उत्तर
अतः गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है क्योंकि विस्थापन क्षैतिज है।

प्रश्न 6.
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।
उत्तर:
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है, परंतु यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है क्योंकि यह ऊर्जा गतिज ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होती रहती है। पृथ्वी के बिल्कुल निकट पूर्ण स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में बदल जाती है तथा पृथ्वी पर पहंचते ही फिर स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 7.
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
उत्तर:
जब हम साइकिल चलाते हैं तो हमारी मांसपेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है तथा मांसपेशीय ऊर्जा हमें भोजन से रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होने के बाद प्राप्त होती है।

प्रश्न 8.
जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
उत्तर:
जब हम अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण घर्षण के विरुद्ध नष्ट हो जाता है जिस कारण किया गया कार्य शून्य माना जाता है।

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प्रश्न 9.
किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 “यूनिटें” व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
व्यय ऊर्जा = 250 यूनिट
= 250 kWh
= 250 x 1000 W x 3600 s
= 900000000 ws
= 9 x 10°J उत्तर

प्रश्न 10.
40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g= 10 ms-2)
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg
पिंड की पृथ्वी से ऊँचाई (h) = 5 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
पिंड की स्थितिज ऊर्जा (w) = mgh
= 40 x 5 x 10 J
= 2000 J
जब पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो आधे रास्ते में पिंड की आधी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाएगी। इसलिए आधे रास्ते में पिंड की गतिज ऊर्जा = \(\frac { 2000 }{ 2 } \) = 1000 J होगी। उत्तर

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प्रश्न 11.
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाएगा क्योंकि दोनों का विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 12.
क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
किसी पिंड पर बल की अनुपस्थिति में विस्थापन नहीं हो सकता है क्योंकि विस्थापन हमेशा असंतुलित बल के कारण होता है।

प्रश्न 13.
कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
मनुष्य द्वारा भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहने से किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इसमें विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 14.
एक विद्युत-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा ?
हल:
यहाँ पर
विद्युत-हीटर की शक्ति (P) = 1500 w
समय (t) = 10 घंटे
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
= \(\frac { 15000 }{ 1000 } \)
= 15 kWh उत्तर

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प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
गोलक अथवा पेंडुलम को जब हम उसकी मध्य स्थिति से एक ओर, माना बाईं ओर कुछ ऊपर तक ले जाते हैं तो हमारे द्वारा किया गया कार्य उसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।

जब गोलक को छोड़ दिया जाता है तो बाएँ-से-दाएँ से मध्य स्थिति तक पहुँचते-पहुँचते गोलक की सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। यह गतिज ऊर्जा गोलक को दाईं ओर उसी ऊँचाई तक ले जाती है जिससे उसकी गतिज ऊर्जा फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण गोलक फिर से दाएँ से मध्य स्थिति की ओर गति करने लगता है। यह क्रम चलता रहता है तथा गोलक या पेंडुलम से दाएँ-बाएँ गति करता रहता है।

कुछ समय पश्चात् गोलक विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि इस पर वायु का घर्षण बल कार्य करता है जिसके विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा नष्ट होती रहती है। यह ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-6

प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है, इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 है। इसे विराम अवस्था में लाने के लिए गतिज ऊर्जा जितना कार्य करना पड़ेगा।

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प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/n के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1500kg
कार का वेग (v) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{3600} \mathrm{~ms}^{-1}\)
= \(\frac { 50 }{ 3 } \)ms-1
अतः कार की गतिज ऊर्जा
= \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2
= 2 x 1500 x \(\frac { 50 }{ 3 } \) x \(\frac { 50 }{ 3 } \)J
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
= \(\frac { 15000 }{ 1000 } \) kWh
= 15 kWh उत्तर

प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
गोलक अथवा पेंडुलम को जब हम उसकी मध्य स्थिति से एक ओर, माना बाईं ओर कुछ ऊपर तक ले जाते हैं तो हमारे द्वारा किया गया कार्य उसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।

जब गोलक को छोड़ दिया जाता है तो बाएँ-से-दाएँ से मध्य स्थिति तक पहुँचते-पहुँचते गोलक की सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। यह गतिज ऊर्जा गोलक को दाईं ओर उसी ऊँचाई तक ले जाती है जिससे उसकी गतिज ऊर्जा फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण गोलक फिर से दाएँ से मध्य स्थिति की ओर गति करने लगता है। यह क्रम चलता रहता है तथा गोलक या पेंडुलम से दाएं-बाएँ गति करता रहता है।

कुछ समय पश्चात् गोलक विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि इस पर वायु का घर्षण बल कार्य करता है जिसके विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा नष्ट होती रहती है। यह ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-6

प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है, इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 है। इसे विराम अवस्था में लाने के लिए गतिज ऊर्जा जितना कार्य करना पड़ेगा।

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प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1500kg
कार का वेग (v) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{3600} \mathrm{~ms}^{-1}\)
= \(\frac { 50 }{ 3 } \)ms-1
अतः कार की गतिज ऊर्जा
= \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 1500 x \(\frac { 50 }{ 3 } \) x \(\frac { 50 }{ 3 } \) J
= 208333.3 J
इस प्रकार कार को रोकने के लिए किया जाने वाला कार्य = 208333.3J उत्तर

प्रश्न 18.
निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-7
उत्तर:
प्रथम अवस्था में किया गया कार्य शून्य है, दूसरी अवस्था में धनात्मक तथा तीसरी अवस्था में ऋणात्मक है।

प्रश्न 19.
सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
उत्तर:
हाँ, हम सोनी की बात से सहमत हैं, क्योंकि जब किसी वस्तु पर कई संतुलित बल लग रहें हो तो बल का कुल प्रभाव शून्य हो जाता है अर्थात् F= 0 इससे पता चलता है कि ma = 0, परंतु कभी शून्य नहीं होता। इसलिए त्वरण शून्य हो सकता है।

प्रश्न 20.
चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
हल:
यहाँ पर चार युक्तियों की कुल शक्ति (P) = 500 W x 4
= 2000 w
समय (t) = 10 घंटे
व्यय ऊर्जा = शक्ति समय
= 2000 W x 10h
= 20000 Wh
= \(\frac { 20000 }{ 1000 } \) kWh
= 20kWh उत्तर

प्रश्न 21.
मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?
उत्तर:
इसकी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

HBSE 9th Class Science बल तथा गति के नियम Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या – 131)

प्रश्न 1.
निम्न में किसका जड़त्व अधिक है
(a) एक रबड़ की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर ।
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपए का एक सिक्का एवं एक रुपए का सिक्का।
उत्तर:
(a) एक रबड़ की गेंद एवं उसी आकार के पत्थर में पत्थर का जड़त्व अधिक होगा।
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी में रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक होगा।
(c) पाँच रुपए के एक सिक्के एवं एक रुपए के एक सिक्के में से पाँच रुपए के सिक्के का जड़त्व अधिक होगा।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें। “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।” इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर:
फुटबॉल के एक खिलाड़ी द्वारा गेंद पर किक मारने पर उसका वेग परिवर्तित होगा तथा उसी टीम के खिलाड़ी द्वारा गेंद को गोल की ओर किक मारने पर उसका वेग पुनः परिवर्तित होगा। इसके बाद विपक्षी टीम के गोलकीपर द्वारा गेंद को पकड़ने . पर गेंद का वेग शून्य हो जाएगा तथा फिर उसके द्वारा अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर मारने पर चौथी बार गेंद का वेग परिवर्तित होगा। प्रत्येक अवस्था में मनुष्य द्वारा लगाया गया बाह्य बल गेंद को वेग प्रदान करता है।

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर:
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं क्योंकि पेड़ की शाखा को हिलाने पर शाखा गति अवस्था में आ जाती है परंतु जड़त्व के कारण पत्तियाँ स्थिर अवस्था में रहने की चेष्टा करती हैं, जिस कारण पत्तियाँ झड़ जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है, तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो हमारा नीचे का हिस्सा विरामावस्था में आ जाता है, परंतु ऊपरी हिस्सा गति जड़त्व के कारण गति करने की चेष्टा करता है, जिस कारण हम आगे की ओर झुक जाते हैं। परंतु जब कोई बस विरामावस्था से चलना शुरू करती है तो हमारा निचला हिस्सा बस के साथ गतिज अवस्था में आ जाता है, परंतु ऊपरी हिस्सा स्थिर जड़त्व के कारण स्थिर रहने की चेष्टा करता है, जिस कारण हम पीछे की ओर झुक जाते हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

(पृष्ठ संख्या-140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है, तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है ?
उत्तर:
गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के समान होती है। जब घोड़ा किसी गाड़ी को खींचता है तो वह पृथ्वी पर किसी बल माना F से क्रिया करता है तो पृथ्वी द्वारा उसे R प्रतिक्रिया दी जाती है जिसके दो घटक R cos A तथा R sin A हो जाते हैं। इनमें R cos A क्षैतिज भाग गाड़ी को आगे की ओर खींचने का काम करता है, जबकि R sin A ऊर्ध्वाधर भाग गाड़ी और सड़क के बीच घर्षण बल को कम करने का काम करता है। इस प्रकार गाड़ी को घोड़ा खींच पाता है।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है, स्पष्ट करें।
उत्तर:
गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया समान और विपरीत दिशा में होती है। जब फायर ब्रिगेड के किसी पाइप से तीव्र गति से अत्यधिक मात्रा व उच्च वेग से पानी निकलता है तो वह उस पाइप को उतने ही वेग से पीछे की ओर धकेलता है, जिस कारण अग्निशमन कर्मचारी को वह पाइप संभालना कठिन होता है।

प्रश्न 3.
एक 50g द्रव्यमान की गोली 4kg द्रव्यमान की राइफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। राइफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल:
यहाँ पर
गोली का द्रव्यमान (m1) = 50 g = 0.05 kg
राइफल का द्रव्यमान (m2) = 4 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u1) तथा राइफल का प्रारंभिक वेग (u2) क्रमशः शून्य है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम img-1
अर्थात् u1 = u2 = 0
गोली का अंतिम वेग (v1) = + 35 m/s
गोली की दिशा बाएँ से दाएँ परिपाटी के अनुसार चित्र में धनात्मक ली गई है।
माना राइफल का प्रतिक्षेपित वेग = v m/s
गोली छूटने से पहले गोली व राइफल का कुल संवेग = (4 + 0.05) kg x 0 m/s
= 0 kg ms-1
गोली छूटने के बाद गोली का संवेग = 0.05 kg x 35 ms-1 = 1.75 kg ms-1
गोली छूटने के बाद राइफल का संवेग = 4 kg x v ms-1
गोली छूटने के बाद गोली व राइफल का कुल संवेग = (1.75 + 4 v) kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियमानुसार
गोली छूटने के बाद का कुल संवेग = गोली छूटने से पहले का कुल संवेग
1.75 + 4v = 0
\(\frac { -1.75 }{ 4 } \) = – 0.44 ms-1 उत्तर
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि राइफल गोली की विपरीत दिशा में अर्थात दाईं से बाईं ओर प्रतिक्षेपित होगी।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 4.
100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 ms-1 और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें। हल-यहाँ पर
पहली वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 100 g = 0.1 kg
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान (m2) = 200 g = 0.2 kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 2 ms-1
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (u2) = 1 ms-1
अतः टक्कर से पहले दोनों वस्तुओं का कुल संवेग = m1 x u1 + m2 x u2
= (0.1 x 2 + 0.2 x 1) kg ms-1
= 0.4 kg ms-1
टक्कर के बाद पहली वस्तु का वेग (v1) = 1.67 ms-1
माना टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग (v2) = v ms-1
अतः टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का कुल संवेग = m1v1 + m2V2
= [0.1 x 1.67 + 0.2 x v2] kg ms-1
= [0.167 + 0.2 v2] kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार
टक्कर के बाद कुल संवेग = टक्कर से पहले कुल संवेग
0.167 + 0.2 v2 = 0.4
या 0.2 v2 = 0.4 – 0.167
या v2 = = \(\frac { 1.233 }{ 0.2 } \) = 1.165ms-1
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग = 1.165 ms-1 उत्तर

HBSE 9th Class Science बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
यहाँ पर वस्तु पर लगने वाला बाह्य असंतुलित बल (F) शून्य है अर्थात्
F = 0
ma = 0
परंतु m ≠ 0 इसलिए a = 0
इस अवस्था में गति करना संभव है परंतु गति सीधे पथ पर एक ही परिमाण व एक दिशा में होगी।

प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर:
जब किसी दरी या कार्पेट को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी अपने स्थान से हट जाती है तथा धूल के कण जड़त्व के कारण अपनी स्थिति बनाए रखना चाहते हैं, जिस कारण धूल के कण बाहर आ जाते हैं तथा दरी साफ हो जाती है।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर:
बसों अथवा कारों की छतों पर रखे सामान को रस्सी से बाँधना बुद्धिमानी माना जाता है, क्योंकि चलती हुई बसों अथवा कारों के अचानक रुकने या दिशा बदलने पर जड़त्व के कारण सामान गिरने से बच जाता है।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के प्रयासरत है। (सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर:
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 5.
एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो उस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)
हल:
यहाँ पर पहली अवस्था में प्रारंभिक वेग (u) = 0
तय की गई दूरी (s) = 400 m
त्वरण (a) = ?
समय (t) = 20s
सूत्रानुसार s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) at2
ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) at2 = s
0 x (20) + \(\frac { 1 }{ 2 } \)a x (20)2 = 400
0 + \(\frac { 1 }{ 2 } \)a x 400 =
200 a = 400
a = \(\frac { 400 }{ 200 } \) = 2 m/s2 उत्तर
दूसरी अवस्था में द्रव्यमान (m) = 7 टन
= 7 x 1000 = 7000 kg ( 1 टन = 1000 kg)
बल (F) = mx a
= 7000 kg x 2 m/s2
= 14000 N उत्तर

प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल:
यहाँ पर
पत्थर का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 20 ms-1
पत्थर का अंतिम वेग (v) = 0
पत्थर द्वारा तय दूरी (s) = 50 m
त्वरण (a) = ?
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2as
2 = \(\frac{\mathrm{v}^2-\mathrm{u}^2}{2 \mathrm{~s}}\) = \(\frac{(0)-(20)^2}{2(50)}\)
= \(\frac { -400 }{ 100 } \) = -4 m/s2
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि त्वरण गति के विरुद्ध कार्य कर रहा है।
अतः बर्फ व पत्थर के बीच लगने वाला घर्षण बल = 1 x (-4) = – 4N उत्तर

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें
(a) नेट त्वरण बल तथा
(b) रेल का त्वरण।
हल:
यहाँ पर
रेल इंजन का द्रव्यमान (m1) = 8000 kg
पांच डिब्बों का द्रव्यमान (m2) = 2000 kg x 5
= 10000 kg
डिब्बों सहित रेल इंजन का द्रव्यमान (m) = m1 + m2
= (8000 + 10000) kg = 18000 kg
इंजन द्वारा डिब्बों पर आरोपित बल (F1) = 40000 N
पटरी द्वारा डिब्बों पर आरोपित घर्षण बल (F2) = 5000 N
नेट त्वरण बल (F) = F1 – F2
= 40000 N – 5000 N
= 35000 N उत्तर

(a) नेट त्वरण बल = F1 – F2
= 40000N – 5000N
= 35000Nउत्तर

(b) रेल का त्वरण (a) = \(\frac{\mathrm{F}}{\mathrm{m}_2}\) = \(\frac{35000}{10000} \mathrm{~ms}^{-2}\)
= 3.5 ms-2 उत्तर

प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा? हल:
यहाँ पर
गाड़ी का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
गाड़ी पर लगने वाला त्वरण (a) = – 1.7 ms-2
अंतिम वेग (v) = 0
गाड़ी व सड़क के बीच लगने वाला बल (F) = m x a
= 1500 x (-1.7) N = -2550 N उत्तर
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गाड़ी की गति की दिशा के विपरीत कार्य करेगा।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) (\(\frac { 1 }{ 2 } \)) mv2
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर:
(d) mv।

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर:
यदि हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं तो बक्से पर लगने वाला घर्षण बल भी 200 N होगा।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
उत्तर:
यहाँ पर दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान तथा वेग समान है परंतु दोनों विपरीत दिशाओं में गतिशील होने के कारण टकराने के बाद जुड़ जाती हैं। इसलिए इनका सम्मिलित वेग शून्य (0) होगा।

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्त एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर:
किसी सड़क के किनारे खड़े ट्रक पर हमारे द्वारा बल लगाने पर ट्रक गतिशील नहीं हो पाएगा क्योंकि हमारे द्वारा लगाया गया बल, ट्रक द्वारा ट्रक व सड़क के बीच लगने वाले घर्षण बल से काफी कम होगा। यदि हमारा बल, घर्षण बल से बढ़ जाएगा तो ट्रक गतिशील हो जाएगा।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
हॉकी गेंद का द्रव्यमान (m) = 200g = 0.2 kg
हॉकी गेंद का प्रारंभिक वेग (v1) = 10 ms-1
प्रारंभिक संवेग = mv1
हॉकी गेंद वेग (v2) के साथ विपरीत दिशा में जाती है = -5 ms-1
अंतिम संवेग = mv2
संवेग परिवर्तन = mv1 – mV2
= 0.2 [10 – (-5)] = 0.2 (15) = 3kg ms-1
अतः हॉकी गेंद का संवेग परिवर्तन 3kg ms-1 है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 14.
10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 की वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके (टुकड़े) से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके (टुकड़े) द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें। हल-यहाँ पर
गोली का द्रव्यमान (m) = 10g
= \(\frac { 10 }{ 1000 } \)kg = 0.01 kg
गोली का प्रांरभिक वेग (u) = 150 ms-1
गोली का अंतिम वेग (v) = 0 ms-1
समय (t) = 0.03 s
त्वरण (a) = ?
दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि
= \(\frac{v-u}{t}\) = \(\frac{0-150}{0.30}\)ms-2
= – 5000 ms-2
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) at-2
= (150) (0.03) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) x (-5000) x (0.03)2
= 4.5 – 2.25 = 2.25 m उत्तर
बल (F) = ma
= 0.01 x ( – 5000) N
= – 50 N उत्तरी
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गति की विपरीत दिशा में कार्य करता है।

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1kg है, 10 ms-1 की वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके (टुकड़े) से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल:
यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
वस्तु का वेग (v1) = 10 ms-1
:. संघटन से पहले संवेग = m x v1
= 1 x 10 kg ms-1
= 10 kg ms-1
संघटन के बाद भी संवेग होगा = 10 kg ms-1
वस्तु और लकड़ी के टुकड़े का संयुक्त द्रव्यमान (m1) = 1 +5
= 6 kg
माना वस्तु और लकड़ी के टुकड़े का अंतिम वेग = v2 ms-1
संवेग संरक्षण नियमानुसार
m1v2 = 10
या 6 x V2 = 10
या v2 = \(\frac { 10 }{ 6 } \) ms-1 = 5 ms-1 उत्तर

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प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है। हल-यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100 kg
प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
अंतिम वेग (v) = 8 ms-1
समय (t) = 6s
पहले संवेग = mu = 100 x 5 = 500 kg ms-1 उत्तर
बाद में संवेग = mv = 100 x 8 = 800 kg ms-1 उत्तर हम जानते हैं कि
a = \(\frac { v-u }{ t } \) = \(\frac { 8-5 }{ 6 } \) = \(\frac { 3 }{ 6 } \) = 0.5ms-2
वस्तु पर आरोपित बल (F) = m x a
= 100 x 0.5 N= 50 N उत्तर

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं कि अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग-परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था। अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर:
अख्तर का विचार सही है क्योंकि कार का वेग और द्रव्यमान दोनों अधिक होने के कारण कार का संवेग उड़ते हुए कीड़े की अपेक्षा अधिक था। इसलिए कार ने उड़ते हुए कीड़े पर अधिक बल लगाया जिस कारण कीड़े की मौत हो गई।

प्रश्न 18.
एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें।
हल:
यहाँ पर
घंटी का द्रव्यमान (m) = 10 kg
घंटी का प्रारंभिक वेग (u) = 0 m/s
घंटी का अंतिम वेग (v) = ?
घंटी की ऊँचाई (s) = 80 cm = 0.8 m
त्वरण (a) = 10 ms-2
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2as
v2 – (0)2 = 2 (10) (0.8)
या v2 = 16
या v = \(\sqrt{16}\) = 4 ms-1
अतः घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग (p) = m.v.
= 10 x 4 = 40 kg ms-1 उत्तर

अतिरिक्त अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी-समय सारणी निम्नवत है
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम img-2
(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? शून्य है?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल:
(a) दूरी-समय सारणी से स्पष्ट होता है कि त्वरण लगातार बढ़ रहा है।
(b) वस्तु पर त्वरण बढ़ने के कारण बल भी बढ़ रहा है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम img-3

प्रश्न 2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms-2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते है? (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का लगाने पर उत्पन्न त्वरण (a) = 0.2 ms-2
:. प्रत्येक व्यक्ति द्वारा कार पर लगाया गया बल (F) = ma
= 1200 x 0.2 N
= 240 N उत्तर

प्रश्न 3.
500 g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 के वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल की गणना करें।
हल:
यहाँ पर
हथौड़े का द्रव्यमान (m) = 500 g = \(\frac { 500 }{ 1000 } \) kg
= 0.5 kg
हथौड़े का प्रारंभिक वेग (u) = 50 ms-1
समय (t) = 0.01s
हथौड़े का अंतिम वेग (v) = 0
त्वरण (a) = \(\frac { v-u }{ t } \) = \(\frac { 0-50 }{ 0.01 } \) ms-2
= -5000 ms-2
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है त्वरण मंदन का कार्य करता है।
कील के द्वारा हथौड़े पर लगाया गया बल (F)
= m x a
= 0.5 x (5000) N
= 2500 N उत्तर

प्रश्न 4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 45 में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
हल:
यहाँ पर
मोटरकार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
प्रारंभिक वेग (u) = 90 km/h
\(\frac { 90 x 1000 }{ 3600 } \) = 25ms-1
अंतिम वेग (v) = 18 km/h = \(\frac { 18 x 1000 }{ 3600 } \) = 5 ms-1
3600 समय (t) = 4s
त्वरण (a) = \(\frac { v-u }{ t } \) = \(\frac { 5-25 }{ 4 } \) = \(\frac { -20 }{ 4 } \)
= -5 ms-2 उत्तर
संवेग में परिवर्तन = mv – mu
= m (v-u)
= 1200 (5 – 25) = 1200 x (-20)
= – 24000 kg ms-1
लगने वाले बल का परिमाण (F) = m.a.
= 1200 x 5 = 6000 N उत्तर

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

HBSE 9th Class Science गुरुत्वाकर्षण Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या – 149)

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-विश्व का प्रत्येक पिंड अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण img-1
मान लीजिए M तथा m द्रव्यमान के दो पिंड A तथा B एक-दूसरे से d दूरी पर स्थित हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। मान लीजिए दोनों पिंडों के बीच आकर्षण बल F है। गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती है। अर्थात्
F α M x m ……………(i)
तथा दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है, अर्थात्
F α \(\frac{1}{d^2}\) ………………(ii)
समीकरणों (i) तथा (ii) से हमें प्राप्त होगा
F α \(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{m}}{\mathrm{d}^2}\) …………………(iii)
या F = G\(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{m}}{\mathrm{d}^2}\) …………….(iv)
जहाँ G एक आनुपातिकता स्थिरांक है और इसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहते हैं।

प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। हल
माना पृथ्वी का द्रव्यमान = Me
पृथ्वी पर रखी वस्तु का द्रव्यमान = m
पृथ्वी का अर्धव्यास = R
तो पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी वस्तु के बीच लगने वाला
गुरुत्वाकर्षण बल (F) = \(\frac{\mathrm{Me} \times \mathrm{m}}{\mathrm{R}^2}\) (जहाँ G गुरुत्वीय स्थिरांक है।) उत्तर

(पृष्ठ संख्या -152)

प्रश्न 1.
मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं, तब कहा जाता है कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।

प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है। इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे g से प्रदर्शित किया जाता है तथा इसका मात्रक ms-2 है।

(पृष्ठ संख्या-153)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर:
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में निम्नलिखित अंतर हैं

द्रव्यमान भार
1. किसी वस्तु में विद्यमान पदार्थ का परिमाण उसका द्रव्यमान कहलाता है। 1. जिस बल द्वारा पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर खींचती है, उसे पृथ्वी पर उस वस्तु का भार कहते हैं।
2. किसी वस्तु का द्रव्यमान शून्य नहीं हो सकता। 2. पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भार शून्य होता है।
3. द्रव्यमान एक अचर राशि है। 3. भार अचर राशि नहीं है। वस्तु का भार भूमध्य रेखा की अपेक्षा ध्रुवों पर अधिक होता है।
4. किसी वस्तु का द्रव्यमान भौतिक तुला द्वारा ज्ञात किया जाता है। 4. किसी वस्तु का भार कमानीदार तुला द्वारा ज्ञात किया जाता है।
5. द्रव्यमान को किलोग्राम में मापा जाता है। 5. भार को न्यूटन में मापा जाता है।
6. द्रव्यमान एक अदिश राशि है। 6. भार एक सदिश राशि है।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का \(\frac { 1 }{ 6 } \) गुना क्यों होता है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान 9.8 m/s2 है। चंद्रमा पर (g) का मान पृथ्वी पर (g) के मान का = गुना है, इसलिए चंद्रमा पर वस्तुओं का भार पृथ्वी की तुलना में कम होता है अर्थात् \(\frac { 1 }{ 6 } \) गुना होता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

(पृष्ठ संख्या-157)

प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर:
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है क्योंकि उसका प्रणोद एक छोटे क्षेत्रफल (डोरी के मध्य में) को प्रभावित करता है।

प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब किसी वस्तु को किसी तरल में डुबोया जाता है तो तरल उस वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं। उत्प्लावन बल का परिमाण तरल के घनत्व पर निर्भर करता है। इस घटना को उत्प्लावकता कहते हैं।

प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर:
पानी के घनत्व से कम घनत्व की वस्तुएँ पानी पर तैरती हैं जबकि पानी के घनत्व से अधिक घनत्व की वस्तुएँ पानी में डूबती हैं। उदाहरणतया समान द्रव्यमान की कील और कार्क को पानी पर रखने से कील पानी में डूब जाएगी क्योंकि उसका घनत्व पानी से अधिक है जबकि कार्क तैरता रहेगा क्योंकि उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण img-2

(पृष्ठ संख्या-158)

प्रश्न 1.
एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर:
किसी तुला द्वारा मापने पर यदि द्रव्यमान 42 kg आता है तो हमारा द्रव्यमान 42 kg ही होगा क्योंकि द्रव्यमान स्थिर रहता है।

प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी हैं। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर:
दोनों में लोहे की छड़ भारी है क्योंकि लोहे का घनत्व रुई की अपेक्षा अधिक होता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

HBSE 9th Class Science गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर:
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना बढ़ जाएगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर:
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है फिर भी एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती क्योंकि वस्तुओं का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में नगण्य होता है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण कितना होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 10°m है।)
हल:
यहाँ पर
पृथ्वी का द्रव्यमान (M.) = 6 x 1024kg
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6.4 x 106 m
गुरुत्वीय स्थिरांक (G) = 6.673 x 10-11 Nm2/kg2
गुरुत्वीय बल (g) = ?
हम जानते हैं कि
गुरुत्वीय बल (g) = \(\frac{\text { G. } \mathrm{M}_{\mathrm{e}} \times \mathrm{m}}{\mathrm{R}^2}\)
= \(\frac{6.673 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24} \times 1}{\left(6.4 \times 10^6\right)^2}\)
= 9.8 N उत्तर

प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर:
पृथ्वी, चंद्रमा को अधिक बल से आकर्षित करती है क्योंकि पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा की तुलना में अधिक है।

प्रश्न 5.
यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर:
चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, परंतु पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती क्योंकि चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में काफी कम है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दुगुनी तथा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दुगुने कर दिए जाएँ?
उत्तर:
(i) यदि एक वस्तु का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए तो दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल भी दुगुना हो जाएगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल द्रव्यमान के समानुपाती होता है।

(ii) यदि वस्तुओं के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल \(\frac { 1 }{ 4 } \) गुना हो जाएगा तथा यदि वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी कर दी जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल \(\frac { 1 }{ 9 } \) गुना हो जाएगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

(iii) यदि दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दुगुने कर दिए जाएँ तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल द्रव्यमानों से समानुपाती होता है।

प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के निम्नलिखित महत्त्व हैं

  • यह बल हमें पृथ्वी से बांधे रखता है।
  • यह बल पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा को गति में रखता है।
  • इसी बल के कारण सूर्य के चारों ओर ग्रह गति में रहते हैं।
  • चंद्रमा तथा सूर्य के इस बल के कारण ज्वार-भाटे आते हैं।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर:
जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है। इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण (g) कहते हैं। इसका मान 9.8 m/s2 होता है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर:
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम वस्तु का भार कहते हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
(संकेत : ध्रुवों पर g का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर:
नहीं, उसका मित्र खरीदे गए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि सोने का भार विषवुत् वृत्त पर ध्रुवों की अपेक्षा कम होता है।

प्रश्न 11.
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर:
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गेंद से धीमी गिरती है क्योंकि शीट का क्षेत्रफल, गेंद के क्षेत्रफल से अधिक होता है जिस कारण दाब कम हो जाता है।

प्रश्न 12.
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुना है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
हल:
यहाँ पर
वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान (m) = 10 kg
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s2
:. वस्तु का पृथ्वी पर भार (W) = m xg
= 10 x 9.8 N
= 98 N
उत्तर:
वस्तु का चंद्रमा पर द्रव्यमान (m) = 10 kg
चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण (g1) = 3 m/s2
:. वस्तु का चंद्रमा पर भार (W) = m g1
= 10 x \(\frac { 9.8 }{ 6 } \) N
= 16.3 N उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 13.
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल:
यहाँ पर
गेंद का प्रारंभिक वेग (u) = 49 m/s
गेंद का अंतिम वेग (v) = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 m/s2

(i) हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2gs.
= \(\frac{\mathrm{v}^2-\mathrm{u}^2}{2 \mathrm{~g}}\) = \(\frac{(0)^2-(49)^2}{2(-9.8)}\)
= \(\frac{-49 \times 49}{-19.6}\) = 122.5 m
अतः गेंद अधिकतम 122.5 m ऊँचाई तक जाएगी। उत्तर

(ii) जाने में लगा समय (t) = \(\frac { v-u }{ g } \)
= \(\frac { 0-49 }{ -9.8 } \)
अतः पृथ्वी पर आने में लगा समय = 5s + 5s = 10s उत्तर

प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 0 m/s
पत्थर का अंतिम वेग (v) = ?
मीनार की चोटी की ऊँचाई (s) = 19.6 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s2
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2gs
v2 – (0)2 = 2 x 9.8 x 19.6
या v2 = 19.6 x 19.6
या v = \( \sqrt{19.6 × 19.6} \) = 19.6 m/s
अतः पत्थर का अंतिम वेग 19.6 m/s होगा। उत्तर

प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा चली गई अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 40 m/s
पत्थर का अंतिम वेग (v) = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण (g) = -10 m/s2
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2gs
या s = \(\frac{v^2-u^2}{2 g}\) = \(\frac{(0)^2-(40)^2}{2(-10)}\)
= \(\frac{-40 \times 40}{-2 \times 10}\) = 80 m
अतः पत्थर द्वारा चली गई अधिकतम ऊँचाई = 80 m
पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 m + 80 m
+ 10 = 160 m उत्तर
पत्थर का नेट विस्थापन = शून्य उत्तर
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण img-3

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg । दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
हल:
यहाँ पर
पृथ्वी का द्रव्यमान (Me) = 6 x 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान (Ms) = 2 x 1030 kg
पृथ्वी व सूर्य के बीच की औसत दूरी (Rs) = 1.5 x 1011 m
गुरुत्वीय स्थिरांक (G) = 6.673 x 10-11 Nm2/kg2
:. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल (Fs) = \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{e}} \mathrm{M}_{\mathrm{s}}}{\left(\mathrm{R}_{\mathrm{s}}\right)^2}\) = \(\frac{6.673 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24} \times 2 \times 10^{30}}{\left(1.5 \times 10^{11}\right)^2} \mathrm{~N}\)
= \(\frac{6.673 \times 12 \times 10^{43}}{2.25 \times 10^{22}}\) N
= 35.59 x 1021 N उत्तर

प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
हल:
माना दोनों पत्थर ऊपर x m दूरी पर मिलते हैं। ऊपर से फेंके जाने वाले पत्थर के लिए
प्रारंभिक वेग (u) = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 ms-2
तय दूरी (s) = x m
हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \)gt2
x = (0) (t) + + (9.8)t2
x = 4.9t2
नीचे से फेंके जाने वाले पत्थर के लिए
प्रारंभिक वेग (u) = 25 m/s2
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 m/s2
तय दूरी (s) = (100 – x)m
हम जानते हैं कि
s = ut+ agt2
100 – x = 25 t+ \(\frac { 1 }{ 2 } \) (-9.8)t2
या 100 – 4.9t2 = 25t – 4.9t2
या 100 = 25t
या t = \(\frac { 100 }{ 25 } \) = 4s
अतः दोनों पत्थर 4s के बाद मिलेंगे उत्तर
ऊपर से दूरी (x) = 4.9 (4)2
= 4.9 x 16 = 78.4 m उत्तर
:. नीचे से दूरी = 100 – 78.4 = 21.6 m उत्तर

प्रश्न 18.
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s के पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई?
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई।
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
हल:
यहाँ पर
प्रारंभिक वेग (u) = ?
अंतिम वेग (v) = 0 m/s
गेंद द्वारा अधिकतम ऊँचाई तय करने में लगा समय (t) = \(\frac { 6s }{ 2 } \) = 3s
ऊपर जाते समय गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 m/s2
(a) हम जानते हैं कि
v = u + gt
या u = v-gt
= 0 – ( – 9.8) (3)
= 29.4 m/s
अतः गेंद का प्रारंभिक वेग (u) = 29.4 m/s उत्तर

(b) हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) gt2
= (29.4) (3) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) (-9.8) (3)2
= 88.2 – 44.1 = 44.1 m
अतः अधिकतम 44.1 m की ऊँचाई तय करेगी। उत्तर

(c) इस अवस्था के लिए ऊपर से नीचे की दूरी ज्ञात करेंगे।
u = 0
t = 4s – 35 = 1s
g = 9.8 m/s2
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) gt2
= 0 (1) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) (9.8) (1)2
= 4.9 m
अतः गेंद ऊपर से 4.9 m की दूरी पर होगी।
नीचे से गेंद की ऊँचाई = 44.1 – 4.9
= 39.2 m उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की ओर कार्य करता है।

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर ऊपर क्यों आ जाता है?
उत्तर:
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर पानी द्वारा ऊपर की ओर लगाए गए उत्प्लावन बल के कारण आता है।

प्रश्न 21.
50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा ?
हल:
यहाँ पर
पदार्थ का द्रव्यमान = 50 g
पदार्थ का आयतन = 20 cm3
:. पदार्थ का घनत्व = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण img-5
द्रव्यमान आयतन
= \(\frac { 50 }{ 20 } \) g cm-3
= 2.5 g cm-3
क्योंकि पदार्थ का घनत्व, पानी के घनत्व से अधिक है। इसलिए पदार्थ पानी में डूबेगा। उत्तर

प्रश्न 22.
500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
हल:
यहाँ पर
पैकेट का द्रव्यमान = 500 g
पैकेट का आयतन = 350 cm3
:. पैकेट का घनत्व = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण img-5
= \(\frac { 500 }{ 350 } \) g cm-3
= 1.43 g cm-3
क्योंकि पैकेट का घनत्व पानी के घनत्व (1 g cm-3) से अधिक है। इसलिए पैकेट पानी में डूबेगा। इस प्रकार पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान = आयतन – घनत्व
= 350 x 1 g
= 350 g उत्तर

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

HBSE 9th Class Science गति Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या – 110)

प्रश्न 1.
एक वस्तु के द्वारा कुछ दूरी तय की गई। क्या इसका विस्थापन शून्य हो सकता है? अगर हाँ, तो अपने उत्तर को उदाहरण के द्वारा समझाएँ।
उत्तर:
हाँ, किसी वस्तु द्वारा कुछ दूरी तय करने पर विस्थापन शून्य हो सकता है; जैसे माना कोई व्यक्ति चित्र में दिखाए अनुसार मूल बिंदु O से चलकर एक सरल रेखा के साथ बिंदु A तक 55 कि०मी० दूरी तय करता है तथा वापिस A से फिर O तक 55 कि०मी० दूरी तय करता है तो इस अवस्था में
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-1
व्यक्ति द्वारा तय की गई दूरी = 55 कि०मी० + 55 कि०मी०
= 110 कि०मी०
विस्थापन = शून्य

प्रश्न 2.
एक किसान 10 मीटर की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40 सेकंड में चक्कर लगाता है। 2 मिनट 20 सेकंड के बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा?
हल:
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-2
वर्गाकार खेत ABCD की भुजा = 10 मीटर
वर्गाकार खेत ABCD का परिमाप = 4 x भुजा
= 4 x 10 = 40 मीटर
सीमा का एक चक्कर लगाने में लिया गया समय = 40 सेकंड
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड = (2 x 60 + 20) सेकंड = 140 सेकंड
अब 40 सेकंड में किसान द्वारा तय दूरी = 40 मीटर
1 सेकंड में किसान द्वारा तय दूरी = \(\frac { 40 }{ 40 } \) मीटर = 1 मीटर
140 सेकंड में किसान द्वारा तय दूरी = 1 x 140 = 140 मीटर
यदि किसान मूल बिंदु A से चलना शुरू करता है तो वह 140 मीटर की दूरी तय करने के बाद बिंदु C पर होगा। इस प्रकार व्यक्ति का विस्थापन AC (वर्ग का विकर्ण होगा) अतः
∴ AC = \(\sqrt{(\mathrm{AB})^2+(\mathrm{BC})^2}\)
= \(\sqrt{(10)^2+(10)^2}\)
= \(\sqrt{100+100}\)
= \(\sqrt{200}\)
= \(\sqrt{2 \times 100}\)
= 10\(\sqrt{2}\) m
= 10 × 1.414 = 14.14 मी० उत्तर

प्रश्न 3.
विस्थापन के लिए निम्न में कौन सही है?

  • यह शून्य नहीं हो सकता है।
  • इसका परिमाण वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी से अधिक होता है।

उत्तर:
विस्थापन के लिए

  • और
  • दोनों गलत हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

(पृष्ठ संख्या – 112)

प्रश्न 1.
चाल एवं वेग में अंतर बताइए। उत्तर-चाल तथा वेग में अंतर निम्नलिखित हैं

चाल वेग
1. यह किसी भी दिशा में किसी वस्तु द्वारा एकांक समय 1. यह एक निश्चित दिशा में किसी वस्तु द्वारा एकांक समय अंतराल में तय की गई दूरी है। अंतराल में तय की गई दूरी है।
2. यह एक अदिश राशि है जिसमें केवल परिमाण होता है। 2. यह एक सदिश राशि है जिसमें परिमाण एवं दिशा दोनों होते हैं।
3. यह सदा धनात्मक होती है। 3. इसकी दिशा धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों होती है।

प्रश्न 2.
किस अवस्था में किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर होगा?
उत्तर:
यदि कोई वस्तु एक निश्चित दिशा में समान गति से गतिमान हो तो उस वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी चाल के बराबर होगा।

प्रश्न 3.
एक गाड़ी का ओडोमीटर क्या मापता है?
उत्तर:
गाड़ी का ओडोमीटर गाड़ी द्वारा चली गई दूरी को मापता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 4.
जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग कैसा दिखाई पड़ता है?
उत्तर:
जब कोई वस्तु एकसमान गति में होती है तो उसका मार्ग एक सरल रेखीय दिखाई देता है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-3

प्रश्न 5.
एक प्रयोग के दौरान, अंतरिक्षयान से एक सिग्नल को पृथ्वी पर पहुँचने में 5 मिनट का समय लगता है। पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से उस अंतरिक्षयान की दूरी क्या है? (सिग्नल की चाल = प्रकाश की चाल = 3 x 108 ms-1)
हल:
अंतरिक्षयान से पृथ्वी तक सिग्नल पहुँचने में लगा समय = 5 मिनट
= 5 x 60 = 300 सेकंड
सिग्नल की चाल = 3 x 108 ms-1
अंतरिक्षयान की पृथ्वी से दूरी = चाल x समय
= 3 x 108 x 300 m
= 9 x 1010m उत्तर

(पृष्ठ संख्या – 114)

प्रश्न 1.
आप किसी वस्तु के बारे में कब कहेंगे कि,

  1. वह एकसमान त्वरण से गति में है?
  2. वह असमान त्वरण से गति में है?

उत्तर:

  1. एकसमान त्वरण-यदि बराबर समयांतराल में किसी वस्तु के वेग में बराबर परिवर्तन हो तो वस्तु एकसमान त्वरण से गतिशील कहलाती है।
  2. असमान त्वरण-यदि किसी वस्तु का वेग असमान रूप से बदलता हो, तो उसे असमान त्वरण से गतिशील कहते हैं।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
एक बस की गति (चाल) 5s में 80 kmh-1 से घटकर 60 kmh-1 रह जाती है। बस का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल:
बस की प्रारंभिक चाल (u) = 80 kmh-1
= = \(\frac{80 \times 1000}{3600}\)ms-1 = \(\frac{200}{9}\)ms-1
बस की अंतिम चाल (v) = 60 kmh-1
= \(\frac{60 \times 1000}{3600}\)ms-1
= \(\frac{50}{3}\)ms-1
समय (t) = 5s
बस का त्वरण (a) = \(\frac{v-u}{t}\) = \(\frac{\left(\frac{50}{3}-\frac{200}{9}\right) \mathrm{ms}^{-1}}{5 \mathrm{~s}}\) = \(\frac{150-200}{9 \times 5}\)ms-2
\(\frac{-50}{45}=\frac{-10}{9}\)ms-2
= -1.1 ms-2 उत्तर

प्रश्न 3.
एक रेलगाड़ी स्टेशन से चलना प्रारंभ करती है और एकसमान त्वरण के साथ चलते हुए 10 मिनट में 40 kmh-1 की चाल प्राप्त करती है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल
रेलगाड़ी की प्रारंभिक चाल (u) = O
रेलगाड़ी की अंतिम चाल (v) = 40 kmh-1
= \(\frac{40 \times 1000}{3600}\)
= \(\frac{40 \times 1000}{3600}\)ms-1
समय (t) = 10
मिनट = 10 x 60s = 600s
∴ त्वरण (a) = \(\frac{v-u}{t}\) = \(\frac{\frac{100}{9}-0}{600}\)ms-1
= \(\frac{100}{9 \times 600}=\frac{1}{54}\) ~ 0.02 ms-2

(पृष्ठ संख्या -118)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के एकसमान व असमान गति के लिए समय-दूरी ग्राफ की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
एकसमान गति के लिए समय के साथ तय की गई दूरी का ग्राफ एक सरल रेखा होती है। ग्राफ में OB भाग यह दर्शाता है कि दूरी, एकसमान दर से बढ़ रही है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-4
असमान गति के लिए समय के साथ तय की गई दूरी का ग्राफ आरेखीय परिवर्तन दर्शाता है जैसे कि संलग्न चित्र में ग्राफ समय-दूरी की असमान गति दर्शाता है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-5

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका समय-दूरी ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?
उत्तर:
यदि किसी वस्तु का समय-दूरी ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा हो तो वस्तु की गति स्थिर होती है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-6

प्रश्न 3.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका चाल-समय ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?
उत्तर:
यदि किसी वस्तु का चाल-समय ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा हो तो वह वस्तु एकसमान चाल से गतिमान होगी।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-7

प्रश्न 4.
वेग-समय ग्राफ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है?
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि वस्तु द्वारा तय दूरी दर्शाती है।

(पृष्ठ संख्या-121)

प्रश्न 1.
कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है तथा 2 मिनट तक 0.1 ms-2 के एकसमान त्वरण से चलती है। परिकलन कीजिए-(a) प्राप्त की गई चाल तथा (b) तय की गई दूरी।
हल:
यहाँ पर
बस की प्रारंभिक चाल (u) = 0
बस की अंतिम चाल (v) = ?
त्वरण (a) = 0.1 ms-2
समय (t) = 2 मिनट = 2 x 60 s = 120 s
(a) बस की अंतिम चाल (v) = u + at
= 0 + 0.1 (120)
= 12 ms-1 उत्तर

(b) बस द्वारा तय की गई दूरी (s) = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \) at2
= 0 (120) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) (0.1) (120)2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x \(\frac { 1 }{ 10 } \) x 120 x 120 m
= 720 m उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
कोई रेलगाड़ी 90 kmh-1 की चाल से चल रही है। ब्रेक लगाए जाने पर वह – 0.5 ms-2 का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है। रेलगाड़ी विरामावस्था में आने से पहले कितनी दूरी तय करेगी?
हल:
यहाँ पर
रेलगाड़ी की प्रारंभिक चाल (u) = 90 kmh-1
= \(\frac{90 \times 1000}{3600}\) ms-1
= 25 ms-1
रेलगाड़ी की अंतिम चाल (v) = 0
त्वरण (a) = – 0.5 ms-2
दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2as
s = \(\frac{\mathrm{v}^2-\mathrm{u}^2}{2 \mathrm{a}}\)
= \(\frac{(0)^2-(25)^2}{2(-0.5)}\) = \(\frac{-625}{-1.0}\)
= 625 m उत्तर
अतः रेलगाड़ी विरामावस्था में आने से पहले 625 m की दूरी तय करेगी।

प्रश्न 3.
एक ट्रॉली एक आनत तल पर 2 ms-2 के त्वरण से नीचे जा रही है। गति प्रारंभ करने के 3s के पश्चात् उसका वेग क्या होगा?
हल:
यहाँ पर
ट्रॉली की प्रारंभिक चाल (u) = 0
ट्रॉली की अंतिम चाल (v) = ?
त्वरण (a) = 2 ms-2
समय (t) = 3s
हम जानते हैं कि
v = u+ at
= 0 + 2 (3)
= 6 ms-1 उत्तर
अतः 3s के पश्चात् ट्रॉली का वेग 6 ms-1 होगा।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 4.
एक रेसिंग कार का एकसमान त्वरण 4 ms-2 है। गति प्रारंभ करने के 10s के पश्चात् वह कितनी दूरी तय करेगी?
हल:
यहाँ पर
कार की प्रारंभिक चाल (u) = 0
त्वरण (a) = 4 ms-2
समय (t) = 10s
दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \)at2
= 0 x (10) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) (4) (10)2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 4 x 100 = 200 m उत्तर
अतः तय दूरी 200 m होगी।

प्रश्न 5.
किसी पत्थर को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर 5 ms-1 के वेग से फेंका जाता है। यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 ms-2 है, तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा?
हल:
यहाँ पर
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 5 m/s
पत्थर का अंतिम वेग (v) = 0
त्वरण (a) = -10 m/s2
अधिकतम ऊँचाई (s) = ?
अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में पत्थर द्वारा लिया गया समय (t) = ?
हम जानते हैं कि v2 – u2 = 2as
s = \(\frac{\mathrm{v}^2-\mathrm{u}^2}{2 \mathrm{a}}\) = \(\frac{(0)^2-(5)^2}{2(-10)}\)
= \(\frac{-25}{-20}\) = 1.25 m
v = u + at
t = \(\frac { v – u }{ a } \) = \(\frac { 0 – 5 }{ -10 } \) = 0.5 सेकंड उत्तर

HBSE 9th Class Science गति Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एक एथलीट वृत्तीय रास्ते पर, जिसका व्यास 200m है का एक चक्कर 40s में लगाता है। 2 मिनट 20 सेकंड के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा?
हल:
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-8
यहाँ पर
वृत्तीय रास्ते का व्यास = 200 m
वृत्तीय रास्ते की त्रिज्या (r) = \(\frac { 200 }{ 2 } \) = 100 m
वृत्तीय रास्ते की परिधि = 2πr
= 2 x \(\frac { 22 }{ 7 } \) x 100m
= \(\frac { 4400 }{ 7 } \) m
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड
= (2 x 60 + 20) s = (120 + 20)s = 140s
अतः एथलीट द्वारा 40s में तय दूरी = \(\frac { 4400 }{ 7 } \) m

एथलीट द्वारा 1s में तय दूरी = \(\frac { 4400 }{ 7 x 40 } \)

एथलीट द्वारा 140s में तय दूरी = \(\frac { 4400 }{ 7 x 40 } \) x 140m

= 2200 m उत्तर

यहाँ पर कुल समय 140s है इसमें एथलीट 3 पूर्ण चक्कर व एक आधा चक्कर पूरा करेगा यदि वह परिधि के एक बिंदु A से चलता है तो B बिंदु पर पहुंचेगा।
इस प्रकार विस्थापन (AB) = वृत्तीय रास्ते का व्यास
= 200 m उत्तर

प्रश्न 2.
300 m सीधे रास्ते पर जोसेफ जॉगिंग करता हुआ 2 min 50 s में एक सिरे A से दूसरे सिरे B पर पहुँचता है और घूमकर 1 min में 100 m पीछे बिंदु C पर पहुँचता है। जोसेफ की औसत चाल व औसत वेग क्या होंगे?
(a) सिरे A से सिरे B तक तथा
(b) सिरे A से सिरे C तक
हल-
(a) बिंदु A से B तक तय की गई कुल दूरी = 300 m
बिंदु A से B तक लिया गया कुल समय = 2 मिनट (min) 50 सेकंड (s)
= (2 x 60 + 50) सेकंड = 170 सेकंड
बिंदु A से B तक कुल विस्थापन = 300 – 0 = 300 m
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-9
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-10
= \(\frac { 300 }{ 170 } \) = 1.76 मिनट/सेकंड उत्तर

कुल विस्थापन – 300 मिनट
लिया गया कुल समय 170 सेकंड
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-11

(b) बिंदु A से C तक तय की गई कुल दूरी = AB + BC
= (300 + 100) m = 400 m
बिंदु A से C तक लिया गया कुल समय = 2 मिनट 30 सेकंड + 1 मिनट
= (2 x 60 + 30)s + 60s
= (150 + 60)s = 210s
बिंदु A से C तक कुल विस्थापन = 300 – 100 = 200 m
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-12
= \(\frac { 400m }{ 210s } \) = 1.90ms-1उत्तर
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-13
= \(\frac { 200m }{ 210s } \) = 0.952ms-1उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 3.
अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 kmh-1 पाता है। उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 40 kmh-1 है। अब्दुल की इस पूरी यात्रा में औसत चाल क्या है?
हल
माना घर से स्कूल की दूरी = x km
स्कूल जाते समय औसत चाल = 20 kmh-1
स्कूल से आते समय औसत चाल = 40 kmh-1
स्कूल जाने में लगा समय = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-20 = \(\frac { x }{ 20 } \)h
स्कूल से आने में लगा समय = HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-20 = \(\frac { x }{ 40 } \)h
जाने व आने से तय कुल दूरी = x + x = 2x km
जाने व आने में लगा कुल समय = \(\left(\frac{x}{20}+\frac{x}{40}\right)\)h
= \(\frac { 3x }{ 40 } \)h
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-14
= \(\frac{\frac{2 x}{3 x}}{40}\) = \(\frac{2 x \times 40}{3}\) = \(\frac { 80 }{ 3 } \)
= 26.67 km/h उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 4.
कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 ms-2 के नियत त्वरण से 8.0 s तक चलती है। इस समय अंतराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है?
हल:
यहाँ पर मोटरबोट की झील में प्रारंभिक चाल (u) = 0
त्वरण (a) = 3.0 ms-2
समय (t) = 8.0 s
दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \)at2
= 0(8) + \(\frac { 1 }{ 2 } \) (3) (8)2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 3 x 64 = 96m
अतः मोटरबोट झील में 96 m की दूरी तय कर लेगी। उत्तर

प्रश्न 5.
किसी गाड़ी का चालक 52 kmh-1 की गति से चल रही कार में ब्रेक लगाता है तथा कार विपरीत दिशा में एकसमान दर से त्वरित होती है। कार 5s में रुक जाती है। दूसरा चालक 30 kmh-1 की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे-धीमे ब्रेक लगाता है तथा 10s में रुक जाता है। एक ही ग्राफ पेपर पर दोनों कारों के लिए चाल-समय ग्राफ आलेखित करें। ब्रेक लगाने के पश्चात् दोनों में से कौन-सी कार अधिक दूरी तक जाएगी?
हल:
दोनों चालकों का चाल-समय ग्राफ चित्र में दिखाया गया है।
माना कि पहला चालक बिंदु A से तथा दूसरा चालक बिंदु B से चलना प्रारंभ करता है।
विराम की अवस्था से पहले पहली कार द्वारा चली गई दूरी,
= ∆AOC का क्षेत्रफल
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x आधार x ऊँचाई
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 5s x 52km/h
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x \(\frac{5}{3600}\) x 52km
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x \(\frac{5}{3600}\) x 52 x 1000km
= 36.11m
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-15
इसी प्रकार विरामावस्था में आने से पहले दूसरी कार द्वारा
चली गई दूरी = ∆BOD का क्षेत्रफल
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x आधार x ऊँचाई
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 10s x 30 km/h
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x \(\frac{10}{3600}\) x 30km
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x \(\frac{10}{3600}\) x 30 x 1000km/h
= 41.67 m
अतः उपर्युक्त हल से स्पष्ट है कि ब्रेक लगाने के बाद दूसरी कार अधिक दूरी तय करती है। उत्तर

प्रश्न 6.
चित्र में तीन वस्तुओं A, B तथा C के लिए दूरी-समय ग्राफ प्रदर्शित हैं। ग्राफ का अध्ययन करके निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(a) तीनों में से कौन सबसे तीव्र गति से गतिमान है?
(b) क्या ये तीनों किसी भी समय सड़क के एक ही बिंदु पर | होंगे?
(c) जिस समय B, A से गुज़रती है उस समय तक C कितनी दूरी तय कर लेती है?
(d) जिस समय B, C से गुज़रती है उस समय तक यह कितनी दूरी तय कर लेती है?
उत्तर:
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-16
(a) B सबसे तीव्र गति से गतिमान है, क्योंकि इसके समय-दूरी ग्राफ का ढाल A तथा C की अपेक्षा अधिक है।
(b) तीनों सड़क पर एक स्थान पर तभी मिल सकते हैं यदि उनको दर्शाने वाले समय-दूरी के ग्राफ एक बिंदु पर मिलें, परंतु ऐसा नहीं है। तीनों ग्राफ किसी एक बिंदु पर नहीं मिलते।
(c) जिस समय B, A से गुज़रती है उस समय C, 9 km की दूरी | तय कर लेती है।
(d) जब B, C से गुजरती है तो उस समय B, 6 km दूरी तय कर लेती है।

प्रश्न 7.
20 मीटर की ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है। यदि उसका वेग 10 ms-2 की एकसमान त्वरण की दर से बढ़ता है तो यह किस वेग से धरातल से टकराएगी? कितने समय पश्चात् वह धरातल से टकराएगी?
हल:
यहाँ पर
गेंद का प्रारंभिक वेग (u) = 0
ऊंचाई (s) = 20 m
त्वरण (a) = 10 ms-2
गेंद का अंतिम वेग (v) = ?
समय (t) = ?
हम जानते हैं कि
v2 – u2 = 2as
v2 = u2 + 2as
= (0)2 + 2(10) (20) = 400
1400 = 20 m/s
या v = \(\sqrt{400}\) = 20m/s
अब a = \(\frac { v – u }{ t } \)
या t = \(\frac { v – u }{ a } \) = \(\frac { 20 – 0 }{ 10 } \)
= 2s

अतः धरातल पर टकराने से पहले गेंद का वेग 20 m/s होगा तथा वह 2s में धरातल से टकराएगी। उत्तर

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 8.
किसी कार का चाल-समय ग्राफ चित्र में दर्शाया गया है
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-17
(a) पहले 4s में कार कितनी दूरी तय करती है? इस अवधि में कार द्वारा तय की गई दूरी को ग्राफ में छायांकित क्षेत्र द्वारा दर्शाइए।
(b) ग्राफ का कौन-सा भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है?
उत्तर:
(a) पहले 4s में कार द्वारा तय दूरी का क्षेत्र OAB है। जो कि लगभग एक समकोण त्रिभुज है इसलिए पहले 4s में कार द्वारा तय दूरी = \(\frac { 1 }{ 2 } \) x OA x AB = \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 4 x 6 = 12 m कार द्वारा तय दूरी चित्र में OAB छायांकित है।

(b) ग्राफ में 6s के बाद की चाल कार की एकसमान गति को दर्शाती है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-18

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्थाएँ संभव हैं और प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दें
(a) कोई वस्तु जिसका त्वरण नियत हो, परंतु वेग शून्य हो।
(b) कोई वस्तु किसी निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लंबवत् हो।
उत्तर:
(a) हाँ, यह स्थिति संभव है। जब किसी वस्तु को पृथ्वी तल से ऊपर की ओर फेंका जाता है तो अधिकतम ऊँचाई पर वस्तु का वेग शून्य होता है परंतु त्वरण (पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण) स्थिर रहता है।
(b) हाँ, यह स्थिति भी संभव है। वृत्तीय पथ पर एकसमान वेग से चल रही वस्तु इसका एक उदाहरण है।
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति img-19

प्रश्न 10.
एक कृत्रिम उपग्रह 42250 km त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में घूम रहा है। यदि वह 24 घंटे में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसकी चाल का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कृत्रिम उपग्रह की वृत्ताकार कक्षा की त्रिज्या (r) = 42250 km
पृथ्वी की परिक्रमा करने में उपग्रह द्वारा लिया गया समय (t) = 24 घंटे
= 24 x 3600 s
= 86400s
कृत्रिम उपग्रह की चाल = \(\frac { 2πr }{ t } \)
= \(\frac{2 \times 3.14 \times 42250}{86400}\) km/s
= 3.07 km/s उत्तर

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

HBSE 9th Class Science जीवों में विविधता Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या-91)

प्रश्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?
उत्तर:
संसार में विभिन्न तरह के पेड़-पौधे और जंतु पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, संसार में जहाँ पर बैक्टीरिया सूक्ष्मदर्शी से देखे जाने वाले सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, वहीं पर दूसरी ओर, नीले व्हेल जैसे 30 मीटर लंबे जीव भी पाए जाते हैं। जबकि कैलिफोर्निया में 100 मीटर लंबे रेडवुड पेड़ भी पाए जाते हैं। इनकी आयु, संरचना आदि भी भिन्न-भिन्न होती है। कुछ जीवों की संरचना सरल तथा कुछ जीवों की संरचना जटिल होती है। इसलिए जीवन के इन विभिन्न रूपों के अध्ययन को सरल बनाने के लिए इनकी समानताओं तथा असमानताओं के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जाता है।

प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. संसार में एक तरफ बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मदर्शी से देखे जाने वाले सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं तो दूसरी तरफ 30 मीटर लंबी नीली व्हेल पाई जाती है।
  2. कैलिफोर्निया में 100 मीटर लंबे रेडवुड के पेड़ पाए जाते हैं जबकि लाइकेन केवल छोटे से धब्बों के रूप में भी दिखाई देते हैं।
  3. कछुआ 300 वर्ष तक जीवित रहता है, जबकि कुछ कीट जैसे मच्छर का जीवन केवल कुछ ही दिनों का होता है।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

(पृष्ठ संख्या-92)

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है?

  1. उनका निवास स्थान,
  2. उनकी कोशिका संरचना।

उत्तर:
2. उनकी कोशिका संरचना।

प्रश्न 2.
जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया?
उत्तर:
यूनानी विचारक एरिस्टोटल ने जीवों के वर्गीकरण उनके स्थल, जल एवं वायु में रहने के आधार पर किया था।

प्रश्न 3.
किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है?
उत्तर:
जंतुओं और वनस्पतियों को कोशिका में पाई जाने वाली कोशिका भित्ति के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। वनस्पतियों में कोशिका भित्ति पाई जाती है, जबकि जंतुओं में नहीं पाई जाती।

(पृष्ठ संख्या-93)

प्रश्न 1.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
पृथ्वी पर सबसे पहले विकसित जीवों को आदिम जीव कहते हैं; जैसे अमीबा। दूसरे प्रकार के जीव अर्थात् निम्न जीवों से विकसित जीवों को उन्नत जीव कहते हैं।

प्रश्न 2.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?
उत्तर:
हाँ, उन्नत और जटिल जीव एक ही होते हैं क्योंकि पुराने जीवों में जटिलताओं के साथ विकास हुआ। अतः सरल जीव उन्नत जीवों में बदल गए।

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(पृष्ठ संख्या-96)

प्रश्न 1.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या हैं?
उत्तर:
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण का आधार कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत व तरीके और शारीरिक संगठन हैं।

प्रश्न 2.
प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे?
उत्तर:
प्लांटी।

प्रश्न 3.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जाएगा?
उत्तर:
सबसे कम – जाति (स्पीशीज)
सबसे अधिक – जगत (किंगडम)

(पृष्ठ संख्या-99)

प्रश्न 1.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है?
उत्तर:
थैलोफाइटा वर्ग में।

प्रश्न 2.
टेरिडोफाइटा और फैनरोगैम में क्या अंतर है?
उत्तर:
टेरिडोफाइटा-ये निम्न वर्ग के पौधे हैं। इनका शरीर जड़, तने व पत्तों में विभक्त होता है। उनमें संवहन तंत्र पाया जाता है। इनके जननांग बहुकोशिक होते हैं। इनमें निषेचन के बाद भ्रूण बनता है; जैसे फर्नस। फैनरोगैम-ये उच्च-कोटि के पौधे हैं। इनमें जड़, तना, पक्षी, फल, फूल व बीज पाए जाते हैं। इनमें लैंगिक जनन द्वारा बीज बनते हैं; जैसे गेहूँ, सरसों आदि।

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प्रश्न 3.
जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:

जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) एंजियोस्पर्म (आवृतबीजी)
1. इनमें बीज ढके हुए नहीं होते। 1. इनके बीज ढके हुए होते हैं।
2. इनके बीज फल के बाहर होते हैं। 2. इनके बीज फलाभित्ति के अंदर होते हैं।
3. ये अधिकतर पर्वतीय पौधों में पाए जाते हैं।
उदाहरण-पाइनस (चीड़), साइकस।
3. ये प्रायः सभी वर्ग के मैदानी पौधों में होते हैं। उदाहरण-मटर, गेहूँ।

(पृष्ठ संख्या-105)

प्रश्न 1.
पोरीफेरा और सीलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है?
उत्तर:
पोरीफेरा और सीलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में निम्नलिखित अंतर हैं

पोरीफेरा सीलेंटरेटा
1. ये अत्यंत सरल बहुकोशीय जंतु हैं। 1. ये जटिल बहुकोशीय जंतु हैं।
2. पूरा शरीर छिद्रमय होता है। 2. इनका शरीर छिद्रमय नहीं होता।
3. ये फूलदान के आकार के चपटे, गोल व शाखित होते हैं। 3. इनके शरीर में टेंटाकलस पाए जाते हैं।
4. ये स्थिर होते हैं। 4. ये स्थिर या जल में तैरते हुए पाए जाते हैं।
5. इनमें कंकाल स्पैंजिन तंतुओं का बना होता है। उदाहरण-साइकॉन, स्पांजिल़ा । 5. इनका बाह्य कंकाल चूने का बना होता है। उदाहरण-हाइड्रा, फाइसेलिया।

प्रश्न 2.
एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
एनीलिडा और आर्थोपोडा के जंतुओं में निम्नलिखित अंतर हैं

एनीलिडा (सखंड कृमि) आर्थोपोडा (संधिपाद कृमि)
1. इसमें जीवों की संख्या कम है। 1. यह सबसे बड़ा जंतु संघ है।
2. इनमें बाह्य कंकाल नहीं पाया जाता। 2. इनमें बाह्य कंकाल पाया जाता है।
3. इनमें खुला परिसंचरण नहीं होता। 3. इनमें खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।
4. इनकी आँखें संयुक्त नहीं होती। 4. इनकी आँखें संयुक्त होती हैं।
5. इनमें शरीर सिर, धड़ और वक्ष में नहीं बँटा होता। 5. इनका शरीर सिर, धड़, वक्ष में बँटा होता है।
6. ये द्विलिंगी होते हैं।
उदाहरण-केंचुआ, जोंक, नेरीस।
6. ये एकलिंगी होते हैं।
उदाहरण-तितली, मक्खी, मकड़ी, झींगा आदि।

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प्रश्न 3.
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है?
उत्तर:
जल-स्थलचर और सरीसृप जंतुओं में अंतर निम्नलिखित हैं

जल-स्थलचर जंतु सरीसृप जंतु
1. ये अलवण जल और नमी वाले स्थानों पर पाए जाते हैं। 1. ये प्रायः स्थलीय होते हैं।
2. इनकी त्वचा शल्क रहित होती है। 2. इनकी त्वचा पर शल्क पाए जाते हैं।
3. इनमें श्वसन क्लोम, फेफड़ों और त्वचा द्वारा होता है। 3. इनमें श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा होता है।
4. इनमें नेत्र गोलक इधर-उधर घुमाया जा सकता है। 4. इनमें ऐसा नहीं होता।
5. ये असम रक्त प्राणी हैं। उदाहरण-मेंढक, बूफो, हाइला आदि । 5. ये शीत रक्त प्राणी हैं। उदाहरण-छिपकली, गिरगिट, साँप, आदि ।

प्रश्न 4.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में निम्नलिखित अंतर हैं

पक्षी वर्ग स्तनपायी
1. इनके शरीर पर पंख पाए जाते हैं। 1. इनके शरीर पर बाल पाए जाते हैं।
2. पक्षी अंडे देते हैं। 2. ये बच्चों को जन्म देते हैं।
3. इसकी चोंच में दाँत नहीं होते। 3. इनके मुँह में दाँत होते हैं।
4. इनका शरीर धारा रेखीय होता है। 4. इनमें ऐसा नहीं होता।
5. इसकी हड्डियाँ खोखली होती हैं। 5. इसकी हड्डियाँ ठोस होती हैं।
6. इनके फेफड़ों में वायुकोष पाए जाते हैं। उदाहरण-तोता, कबूतर, कौआ। 6. इनके फेफड़ों में वायुकोष नहीं पाए जाते।उदाहरण-मनुष्य, गाय, चमगादड़।

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

HBSE 9th Class Science जीवों में विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
जीवों के वर्गीकरण से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं

  • वर्गीकरण से जीवों का अध्ययन सरल हो जाता है।
  • वर्गीकरण से जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंधों के बारे में जानकारी मिलती है।
  • वर्गीकरण से जीवों की समानता और विभिन्नताओं के बारे में जानकारी मिलती है।
  • यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं के लिए आधार का कार्य करता है।
  • वर्गीकरण जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?
उत्तर:
जीवों के वर्गीकरण में कोशिकीय संरचना और कार्य वर्गीकरण के आधारभूत लक्षण हैं। इन्हीं लक्षणों का पदानुक्रम विकास होता है। जीवों के अंगों द्वारा कार्य करने का लक्षण ही वर्गीकरण का प्रमुख लक्षण हो सकता है।

प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
व्हिटेकर द्वारा प्रस्तुत जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. मोनेरा-इन एककोशीय प्रोकैरियोटिक जीवों में कोशिका भित्ति पाई जाती है। ये स्वपोषी अथवा विषमपोषी दोनों प्रकार के हो सकते हैं। उदाहरण-जीवाणु, नील-हरित शैवाल, माइकोप्लाज्मा।

2. प्रोटिस्टा-ये एककोशीय यूकैरियोटिक स्वपोषी और विषमपोषी दोनों प्रकार के होते हैं। इनमें गमन के लिए सीलिया, फ्लैजेला पाए जाते हैं।
उदाहरण-पैरामीशियम एककोशिक शैवाल, प्रोटोजोआ, डाइएटम आदि।

3. पंजाई या कवक-ये विषमपोषी यूकैरियोटिक जीव हैं। ये गले, मरे, सड़े कार्बनिक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं। इन्हें मृतजीवी भी कहते हैं। इनमें काइटिन नामक जटिल शर्करा की बनी हुई कोशिका भित्ति होती है। उदाहरण-यीस्ट, मशरूम, एगेरिकस आदि।

4. प्लांटी-ये कोशिका भित्ति वाले बहुकोशिक यूकैरियोटिक जीव स्वपोषी होते हैं, जो प्रकाशसंश्लेषण क्रिया में पर्णहरिम का उपयोग करते हैं।
उदाहरण-सभी हरे पौधे।

5. एनिमेलिया-ये सभी बहुकोशिकीय यूकैरियोटिक विषमपोषी जीव होते हैं इनमें कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती।

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प्रश्न 4.
पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन-से हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर:
पादप जगत के प्रमुख वर्ग:

  • थैलोफाइटा,
  • ब्रायोफाइटा,
  • टेरिडोफाइटा,
  • जिम्नोस्पर्म,
  • एंजियोस्पर्म।

इनके वर्गीकरण का आधार पादपं शरीर के प्रमुख घटकों का विकसित एवं विभेदित होना या नहीं होना है। वर्गीकरण का अगला स्तर पादप शरीर में जल और अन्य पदार्थों को संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की उपस्थिति के आधार पर होता है और तीसरी वर्गीकरण प्रक्रिया का आधार पौधों द्वारा बीजों को धारण करना या न करना है।

प्रश्न 5.
जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है?
उत्तर:
अधिकतर पौधों का शरीर भोजन बनाने की क्षमता के अनुसार विकसित होता है जबकि जंतुओं का शरीर बाहर से भोजन ग्रहण करने के अनुसार विकसित होता है। यही जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण का मुख्य आधार है क्योंकि पौधे स्वपोषी और जंतु परपोषी कहलाते हैं।

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प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सभी कशेरुकाओं में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं

  1. नोटोकार्ड,
  2. पृष्ठनलीय कशेरुक दंड एवं मेरुरज्जु,
  3. त्रिकोरिक शरीर,
  4. युग्मित क्लोम थैली,
  5. देहगुहा।

सभी कशेरुकी जंतु द्विपार्श्वसममिति त्रिकोरिक, देहगुहा वाले जंतु हैं, इन्हें पाँच वर्गों में बाँटा गया है

1. मत्स्य:

  • ये जलीय जंतु हैं जो मीठे और लवणीय दोनों प्रकार के जल में पाए जाते हैं,
  • ये अंडे देने वाले असमतापी जीव हैं,
  • इनका शरीर शल्कों से ढका होता है,
  • इनका शरीर धारारेखीय होता है,
  • श्वसन के लिए इनमें गलफड़े पाए जाते हैं,
  • इनका हृदय द्विकक्षीय होता है,
  • इनके शरीर पर पंख पाए जाते हैं।

उदाहरण-टॉरपीडो, रोहू, शार्क, ट्यूना, स्कॉलियोडॉन, समुद्री घोड़ा, ऐनाबस।

2. ऐंफिबिया (उभयचर वर्ग):

  • ये अलवण जल और नमी वाले स्थानों पर पाए जाते हैं,
  • शरीर शल्क रहित होता है,
  • इनमें दो जोड़ी पंचांगुलि पाद होते हैं,
  • श्वसन क्लोम, फेफड़ों या त्वचा द्वारा होता है,
  • इनका हृदय तीन कक्षीय होता है।
    उदाहरण-मेंढक, टोड, हाइला।

3. रेप्टीलिया वर्ग (सरीसृप वर्ग):

  • ये अधिकतर स्थलीय होते हैं,
  • इनकी त्वचा पर शल्क होते हैं,
  • श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा होता है,
  • हृदय तीन कक्षीय होता है (कुछ में चार कक्षीय; जैसे मगरमच्छ में),
  • ये एकलिंगी होते हैं।
    उदाहरण हेमिडैक्टाइलस (छिपकली), कैमेलिऑन (गिरगिट), ड्रैको (उड़न छिपकली)।

4. एवीज़ वर्ग (पक्षी वर्ग):

  • ये विश्वव्यापी हैं,
  • अग्रपाद पंखों में परिवर्तित हैं,
  • शरीर पंखों में ढका होता है,
  • कंकाल खोखला होता है,
  • इनकी चोंच में दाँत नहीं होते,
  • श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है। फेफड़ों में वायुकोष पाए जाते हैं,
  • हृदय चार कक्षीय है।
    उदाहरण-कबूतर, मोर, चिड़िया, शुतुरमुर्ग आदि।

5. मैमेलिया वर्ग (स्तनपायी):

  • ये प्रायः स्थलीय होते हैं,
  • इनके शरीर पर बाल पाए जाते हैं,
  • श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा होता है,
  • हृदय चार कक्षीय है,
  • ये स्तनों द्वारा अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं,
  • ये एकलिंगी होते हैं।
    उदाहरण-कंगारू, चूहा, व्हेल, गिलहरी, हाथी, खरगोश, चमगादड़, चिपैंजी, मनुष्य आदि।

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