Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 12 ध्वनि
HBSE 9th Class Science ध्वनि Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या-182)
प्रश्न 1.
किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ माध्यम के द्वारा हमारे कानों तक पहुँचता है।
(पृष्ठ संख्या-182)
प्रश्न 1.
आपके विद्यालय की घंटी, ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर:
विद्यालय की घंटी कंपन के द्वारा ध्वनि उत्पन्न करती है क्योंकि जब घंटी को हथौड़े से पीटा जाता है तो घंटी में कंपन उत्पन्न होता है।
प्रश्न 2.
ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि की तरंगें माध्यम के कणों की गति द्वारा अभिलक्षित की जाती हैं, जिनके द्वारा यांत्रिक कार्य करना संभव है। इसीलिए ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें कहते हैं।
प्रश्न 3.
मान लीजिए आप अपने मित्र के साथ चंद्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएँगे?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। चंद्रमा पर माध्यम उपलब्ध नहीं है, इसीलिए चंद्रमा पर ध्वनि का संचरण न होने के कारण, ध्वनि सुनाई नहीं देती।
(पृष्ठ संख्या-186)
प्रश्न 1.
तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है
(a) प्रबलता,
(b) तारत्व।
उत्तर:
(b) तारत्व।
प्रश्न 2.
अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है?
(a) गिटार,
(b) कार का हॉर्न।
उत्तर:
(b) कार के हॉर्न का।
(पृष्ठ संख्या -186)
प्रश्न 1.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति, आवर्तकाल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
- तरंगदैर्ध्य दो क्रमागत संपीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसे ग्रीक अक्षर 2 (लैम्डा) से निरूपित किया जाता है।
- आवृत्ति प्रति सेकंड दोलनों की संख्या आवृत्ति कहलाती है।
- आवर्तकाल-एक दोलन में लिया गया समय आवर्तकाल कहलाता है।
- आयाम-लोलक में मध्य बिंदु (स्थिति) के किसी भी ओर अधिकतम दूरी आयाम कहलाती है।
प्रश्न 2.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर:
υ = λ v या
वेग = तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
प्रश्न 3.
किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
तरंग की आवृत्ति, (v) = 220 Hz
तरंग का वेग (υ) = 440 m/s
जबकि υ = λ x v
440 m/s = λ x 220 Hz
λ = \(\frac { 440 }{ 220 } \) = 2m
λ = 2m उत्तर
प्रश्न 4.
किसी ध्वनि स्रोत से 450m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
हल
तरंग की आवृत्ति (v) = 500 Hz
समय (T) = ?
हम जानते हैं कि
(v) = \(\frac { 1 }{ T } \)
T = \(\frac { 1 }{ v } \)
T = \(\frac { 1 }{ 500 } \) = 0.002 सेकंड
T = 0.002 सेकंड उत्तर
(पृष्ठ संख्या-187)
प्रश्न 1.
ध्वनि की प्रबलता और तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता-ध्वनि की उत्तेजना के दर्जे को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। यह हल्के और तेज कंपनों पर निर्भर करती है। ध्वनि की तीव्रता-किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।
(पृष्ठ संख्या-188)
प्रश्न 1.
वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर:
लोहे में ध्वनि सबसे तेज चलती है। 25°C पर वायु में ध्वनि की चाल 346 m/s, जल में 1531 m/s और लोहे में 5950 m/s है।
(पृष्ठ संख्या-189)
प्रश्न 1.
कोई प्रतिध्वनि 3s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 ms-1हो तो स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच कितनी दूरी होगी?
हल:
यहाँ पर
ध्वनि का वेग (v) = 342 m/s
प्रतिध्वनि सुनने में लगा समय (t) = 3s
ध्वनि द्वारा तय दूरी = वेग x समय
= 342 x 3 m = 1026 m
अतः ध्वनि स्रोत व परावर्तक तल के बीच दूरी = \(\frac { 1026 }{ 2 } \) m = 513 m उत्तर
(पृष्ठ संख्या-190)
प्रश्न 1.
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर:
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए होती हैं ताकि ध्वनि परावर्तन के बाद हॉल के सभी भागों में पहुँच सके।
(पृष्ठ संख्या-191)
प्रश्न 1.
सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास क्या है?
उत्तर:
20 Hz से 20,000 Hz.
प्रश्न 2.
निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?
- अवश्रव्य ध्वनि,
- पराश्रव्य ध्वनि।
उत्तर:
- अवश्रव्य ध्वनि का परास = 20 Hz से कम।
- पराश्रव्य ध्वनि का परास = 20 kHz से अधिक।
(पृष्ठ संख्या-193)
प्रश्न 1.
एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02 s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
प्रेषण तथा संसूचन में लगा समय (t) = 1.02 s
खारे पानी में ध्वनि की चाल (v) = 1531m/s
पराध्वनि द्वारा तय की गई कुल दूरी = 2x पनडुब्बी से चट्टान की दूरी
= 2d
जहाँ d = पनडुब्बी से चट्टान की दूरी
कुल दूरी (20) = चाल x समय = 1531m/s x 1.02 = 1561.62 m
d = \(\frac { 1561.62 }{ 2 } \) = 780.81 m
d = 780.81 m उत्तर
HBSE 9th Class Science ध्वनि Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
ध्वनि-ऊर्जा का वह रूप जिससे हमें सुनाई दे, ध्वनि कहलाती है। ध्वनि के पैदा होने के लिए किसी वस्तु में कंपन का पैदा होना जरूरी है। उदाहरण के तौर पर जब हम बोलते हैं तो हमारे गले में स्वर-तंत्र कांपते हैं। जब सितार या सारंगी बजती है तो उसकी तारें कांपती हैं। जब घंटी बजती है तो उसमें भी कंपन पैदा होता है। घंटी में कंपन को हाथ लगाकर महसूस किया जा सकता है। इस प्रकार ध्वनि कंपन पैदा होने से पैदा होती है।
प्रश्न 2.
एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
ध्वनि स्रोत अपने सामने की वायु को धक्का देकर संपीडित करती है और इस प्रकार उच्च दाब का क्षेत्र संपीडन बनता है। यह संपीडन वस्तु से दूर आगे की ओर गति करता है, जब कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो निम्न दाब का क्षेत्र विरलन बनता है। अतः वस्तु के कंपन से वायु में लगातार संपीडन और विरलन होते हैं। इन्हीं संपीडन और विरलन से तरंग बनती हैं।
प्रश्न 3.
किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। इसके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। इसे निम्नलिखित प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जा सकता है प्रयोग-चित्र में दिखाए अनुसार एक विद्युत घंटी को एक बेलजार में कार्क के द्वारा लटकाओ। बेलजार को एक निर्वात पंप से जोड़ो। विद्युत घंटी का स्विच ऑन करो। घंटी की आवाज सुनाई देती है। अब निर्वात पंप से बेलजार की वायु धीरे-धीरे निकालो। हमें घंटी की आवाज धीरे-धीरे ही कम होती अनुभव होती है। बेलजार में पूर्ण निर्वात होने पर घंटी की आवाज सुनाई देनी बंद हो जाती है। अतः प्रयोग से सिद्ध होता है कि निर्वात में ध्वनि संचरण नहीं होता। ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। बेलजार में वायु माध्यम था। इसीलिए विद्युत घंटी की ध्वनि सुनाई दे रही थी।
प्रश्न 4.
ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर:
ध्वनि की तरंगों में माध्यम के कणों का विस्थापन विक्षोभ के संचरण की दिशा के समांतर होता है। कण एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति नहीं करते। वे केवल अपनी विराम अवस्था के आगे-पीछे दोलन करते हैं। इसीलिए ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य होती हैं।
प्रश्न 5.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर:
ध्वनि का तारत्व। किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को हमारा मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व कहते हैं। तारत्व ही ध्वनि को पहचानने में हमारी मदद करता है।
प्रश्न 6.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है, ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
सामान्य ताप पर ध्वनि की चाल 344 मीटर प्रति सेकंड और प्रकाश का वेग 3 लाख कि०मी० प्रति सेकंड है। तड़ित और गर्जन दोनों एक ही समय में उत्पन्न होते हैं, परंतु दोनों की चाल में अंतर के कारण, चमक पहले और गर्जन बाद में सुनाई देती है।
प्रश्न 7.
किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 m/s लीजिए।
हल:
वायु में ध्वनि का वेग (υ) = 344 m/s
मनुष्य की पहली आवृत्ति, (v1) = 20 Hz
मनुष्य की दूसरी आवृत्ति, (v2) = 20 kHz = 20,000 Hz
पहली तरंगदैर्ध्य (λ1) = \(\frac{v}{v_1}\) = \(\frac { 344 }{ 20 } \)
= 17.2 m उत्तर
दूसरी तरंगदैर्ध्य (λ2) = \(\frac{v}{v_2}\) = \(\frac { 344 }{ 20,000 } \)m उत्तर
प्रश्न 8.
दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
माना पाइप की लंबाई = 1 मी०
सामान्य ताप पर ध्वनि की वायु में चाल (υ1) = 346 m/s
वायु में लिया गया समय = = \(\frac { 1m }{ 346m } \)s = 1/346s ………………(i)
सामान्य ताप पर ध्वनि की ऐलुमिनियम में चाल (υ2) = 6420 m/s
ऐलुमिनियम में लिया गया समय = = \(\frac { 1m }{ 6420m } \)S = 1/6420s ……………….(ii)
दोनों समयों में अनुपात = \(\frac { 1 }{ 346 } \) : \(\frac { 1 }{ 6420 } \) = 18.55 : 1 उत्तर
प्रश्न 9.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
हल:
ध्वनि की आवृत्ति (v) = 100 Hz
1 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = 100
60 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = 100 x 60 = 6000 उत्तर
प्रश्न 10.
क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं। इन नियमों को बताइए।
उत्तर:
हाँ, ध्वनि परावर्तन के नियमों का प्रकाश की तरह ही पालन करती है। ध्वनि ठोस या द्रव की सतह से परावर्तित होती है। नियम –
(1) परावर्तक सतह पर खींचे गए अभिलंब और ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तित होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
(2) आपतित ध्वनि, अभिलंब और परावर्तित ध्वनि की दिशा एक ही तल में होती है। ध्वनि परावर्तन के लिए पालिश किए हुए या खुरदरे बड़े आकार के अवरोधकों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 11.
ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी-
- जिस दिन तापमान अधिक हो,
- जिस दिन तापमान कम हो?
उत्तर:
जिस दिन तापमान अधिक हो।
प्रश्न 12.
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग निम्नलिखित हैं
- रात्रि के समय चमगादड़ ध्वनि परावर्तन के द्वारा ही अपने गमन पथ का एहसास करते हैं।
- पराध्वनि का उपयोग गुर्दे की छोटी पत्थरी को बारीक कणों में तोड़ने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 13.
500 मीटर ऊंची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 ms-2 तथा ध्वनि की चाल = 340 ms-1)।
हल:
यहाँ पर u= 0, s = 500 m, g= 10 m/s2
परन्तु s =ut + \(\frac { 1 }{ 2 } \)gt2 = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 10 x t2 = 5t2
= 500 या 1 = 10s
पानी के तल से मीनार की चोटी की दूरी = 500 m
ध्वनि की चाल = 340 m/s
समय = = \(\frac { 500 }{ 340 } \) = 1.47s
= 1.47s
ध्वनि को ऊपर आने में लगा कुल समय = 10 + 1.47 = 11.47s उत्तर
प्रश्न 14.
एक ध्वनि तरंग 339 m/s की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्ध्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
हल:
यहाँ पर
ध्वनि तरंग की चाल = 339 m/s
तरंगदैर्ध्य = 1.5 cm = \(\frac { 15 }{ 10 } \) = \(\frac { 15 }{ 1000 } \)m
आवृत्ति = = \(\frac { 339 }{ 15 } \) x 1000 = 22600 Hz
यह ध्वनि अवश्रव्य है क्योंकि मनुष्य 20,000 Hz से ऊपर की ध्वनि को नहीं सुन सकता। उत्तर
प्रश्न 15.
अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
अनुरणन-बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि निर्बंध होता है, अनुरणन कहलाता है। कम करने के उपाय-सभा भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों; जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर, पर्दे, गत्ता, घास-फूस की दीवारों का उपयोग कर अनुरणन कम किया जा सकता है। सीटों के पदार्थों का उचित चुनाव भी ध्वनि अवशोषण का कार्य करता है।
प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की उत्तेजना के दर्जे को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। यह उत्तेजना का दर्जा स्रोत के तेज या हल्के कंपनों पर निर्भर करता है। जब कंपन अधिक तेज होते हैं, तब ध्वनि प्रबलता अधिक तथा जब कंपन हल्के होते हैं तो ध्वनि प्रबलता भी कम होती है। ध्वनि की प्रबलता अथवा मृदुता मूलतः उसके आयाम से ज्ञात की जाती है। अधिक ऊर्जा वाली ध्वनि में प्रबलता भी अधिक होती है।
प्रश्न 17.
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चमगादड़, उच्च आवृत्ति के स्पंदों (अल्प समय के ध्वनि संकेत) को उत्सर्जित करते हैं। वे अपने रास्ते में आने वाले अवरोधों या कीटों से उत्पन्न प्रतिध्वनि को सुनते हैं। प्रतिध्वनि को पहुंचने में लगने वाले समय से वे परावर्तक स्रोत की दूरी का अनुमान लगा लेते हैं। इस प्रकार चमगादड़ अपना भोजन खोजने में ध्वनि का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 18.
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर:
वस्तुओं को साफ करने के लिए उन्हें मार्जन विलयन में रखकर विलयन में पराध्वनि तरंगों को प्रेषित किया जाता है। तरंगों की उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, चिकनाई तथा गंदगी के कण अलग होकर नाचे गिर जाते हैं और वस्तु साफ हो जाती है। इस विधि द्वारा ऐसी वस्तुओं को भी साफ किया जाता है, जिन्हें उनके विषम आकार के कारण साफ करना आसान न हो।
प्रश्न 19.
सोनार की कार्य-विधि तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कार्य-विधि-SONAR-Sound Navigation And Ranging ऐसी युक्ति है, जिसमें ध्वनि तरंगें उत्पन्न कर तथा परावर्तित कर ध्वनि तरंगों का लघु समयांतर कर मापा जाता है। इस तकनीक में पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। सोनार में एक प्रेषित व संसूचक होता है। इसे जहाज या नाव की तली पर लगाया जाता है। प्रेषित द्वारा ध्वनि तरंगें उत्पन्न व प्रेषित की जाती हैं और जल में गमन करती हुई पिंड से टकराकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। ध्वनि तरंगों के प्रेषण और अभिग्रहण में लगे समय की गणना कर, ज्ञात ध्वानि चाल के द्वारा पिंड की स्थिति का अनुमान लगा लिया जाता है।
उपयोग-इसके उपयोग निम्नलिखित हैं-
- समुद्र की गहराई व तेल कुएँ की गहराई ज्ञात करने में।
- मछलियों के झुंडों की दूरी ज्ञात करने में।
- शत्रु की पनडुब्बी या टारपीडों का पता लगाने के लिए।
- उद्योगों में विशाल गार्डरों, ब्लॉकों तथा शीटों में संभावित दरारों या दोषों का पता लगाने में।
इनमें सोनार-युक्ति का उपयोग किया जाता है। डूबे हुए जहाज का भी इसके द्वारा पता लगाया जा सकता है।
प्रश्न 20.
एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार-युक्ति संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625 s हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
हल:\(\)
पनडुब्बी से वस्तु की दूरी (d) = 3625 m
प्रतिध्वनि दुगुना रास्ता तय करती है
2d = 2 x 3625 = 7250 m
समय (t) = 5 s
जल में ध्वनि की चाल = \(\frac{2 d}{\mathrm{t}}\) = = \(\frac{7250}{5}\) =1450 m/s
अतः जल में ध्वनि की चाल = 1450 m/s उत्तर
प्रश्न 21.
किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन
उत्तर:
पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉकों (पिंडों) में दरारों तथा अन्य दोषों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र जो बाहर से दिखलाई नहीं देते, भवन या पुल की संरचना की मजबूती को कम कर देते दूरी हैं। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता
है। दोष होने पर पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं। इस कार्य के लिए इन ध्वनि तरंगों का सीधे उपयोग नहीं किया जा सकता, जिनकी तरंगदैर्ध्य अधिक हो क्योंकि ये तरंगें दोषयुक्त स्थान के कोनों से मुड़कर संसूचक तक पहुँच जाती हैं और दोष का पता लगाने के स्थान पर भ्रम की स्थिति बन जाती है।
प्रश्न 22.
मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य का बाह्य कान परिवेश से ध्वनि तरंगों को एकत्रित कर मध्य कान के पर्दे पर पहुँचा देता है, जिसके कारण पर्दे के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है। अंदर की ओर दाब कम होता है। इस दाब के अंतर के कारण कान का पर्दा कंपन करने लगता है। मध्य कान में तीन अस्थियाँ-मुग्दरक, निहाई, वलयक इन कंपनों को कई गुणा बढ़ाकर आंतरिक कान में संचरित कर देती हैं। आंतरिक कान में कर्णावत द्वारा इन कंपनों को विद्युत संकेतों में बदल कर श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क में भेज दिया जाता है, जिसे मस्तिष्क ध्वनि संदेश में पहचान लेता है।