Class 10

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type Questinos)

प्रश्न 1.
दो जीवाश्म ईंधनों के नाम दीजिए।
उत्तर-

  • कोयला,
  • पेट्रोलियम।

प्रश्न 2.
पर्यावरण संरक्षण हेतु आप किस तकनीक का प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
तीन आर (Reduce, Recycle तथा Reuse) का।

प्रश्न 3.
चिपको आन्दोलन कहाँ प्रारम्भ हुआ?
उत्तर-
उत्तराखण्ड के ‘रेनी’ ग्राम में सन् 1970 में।

प्रश्न 4.
जल संग्रहण (Water Harvesting) क्या है ?
उत्तर-
जल संग्रहण का अर्थ है कि वर्षा के पानी को एकत्र करके बाद में उपयोग करना।

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प्रश्न 5.
प्रदूषण क्या है ?
उत्तर-
प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले अथवा शुद्ध रूप में पाए जाने वाले पदार्थों में धूल कण तथा अन्य नुकसानदेह पदार्थों का मिश्रण प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 6.
CFC का पूरा नाम बताएँ।
उत्तर-
क्लोरोफ्लोरो कार्बन।

प्रश्न 7.
गंगा सफाई योजना किस सन् में अपनाई गई थी?
उत्तर-
सन् 1985.

प्रश्न 8.
कोलीफॉर्म क्या है ?
उत्तर-
कोलीफार्म एक जीवाणु वर्ग है जो जल प्रदूषण के कारण मानव की आँत में पाया जाता है।

प्रश्न 9.
खुदाई से किस प्रकार प्रदूषण बढ़ता है ?
उत्तर-
खुदाई में धातु निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातुमल निकलता है।

प्रश्न 10.
समुद्री जल से हमें क्या मिलता है ?
उत्तर-
आयोडीन हमें समुद्री जल से प्राप्त होता है।

प्रश्न 11.
सौर ऊर्जा हमें किस प्रकार मिलती है ?
उत्तर-
सौर ऊर्जा हमें सौर किरणों के रूप में सीधे सूर्य से मिलती है एवं पेड़-पौधों के द्वारा हम उसे ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 12.
तीन विषैली गैसों के नाम बताएँ।
उत्तर-
नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें हैं।

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प्रश्न 13.
तीन मुख्य खनिज संसाधनों के नाम बताएँ।
उत्तर-
कॉपर, आयरन तथा मैंगनीज।

प्रश्न 14.
ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्रोतों के उदाहरण दो।
उत्तर-
लकड़ी, जल तथा सौर ऊर्जा ।

प्रश्न 15.
ऊर्जा के अनवीनीकरणीय स्रोतों के दो उदाहरण दें।
उत्तर-
कोयला एवं पेट्रोलियम ।

प्रश्न 16.
जल संभर प्रबंधन में किस पर जोर दिया जाता है?
उत्तर-
मृदा एवं जलसंरक्षण पर।

प्रश्न 17.
वन्य संपदा संरक्षण के दो उपाय बताओ।
उत्तर-

  1. प्राकृतिक आवासों में मानव दखल को रोका जाए।
  2. शिकार को वर्जित किया जाए।

प्रश्न 18.
भारत की वर्षा किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
मानसून पर।

प्रश्न 19.
टिम्बर का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-
इमारती लकड़ी।

प्रश्न 20.
वनों से प्राप्त उत्पादों की सूची बनाइए।
उत्तर-
लकड़ी, फल, फूल, शहद, ईंधन, माँस, ऊन, हाथी-दाँत आदि।

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प्रश्न 21.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा का क्या प्रतिशत है ?
उत्तर-
78%.

प्रश्न 22.
जल प्रदूषण के दो कारण लिखिए।
उत्तर-

  1. वाहित मल विसर्जन
  2. परमाणु भट्टी से निकला जल।

प्रश्न 23.
जल प्रदूषण के दो प्रभाव बताइए।
उत्तर-

  • प्रदूषित जल प्रयोग करने से भयंकर बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं।
  • जलीय जीवों की मृत्यु।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमें संसाधनों के प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
संसाधन सीमित होते हैं। हमें अनेक दैनिक वस्तुएँ प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होती हैं। यदि हम इन संसाधनों का उपयोग अल्प समय में कर लेंगे तो अपनी भावी पीढ़ी को इन संसाधनों से वंचित रहना पड़ेगा। इसीलिए हमें संसाधनों का प्रयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए।

प्रश्न 2.
संपोषणीय विकास से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
संपोषणीय विकास की संकल्पना मनुष्य की वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित तो करती ही है साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करती है। आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित है अतः संपोषित विकास से जीवन के सभी आयाम में परिवर्तन निहित हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में प्रत्येक के तीन लाभों की सूची बनाइए:
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों का दोहन, तथा
(ii) हमारे प्राकृतिक संसाधनों का लम्बी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन। (CBSE 2019)
उत्तर-
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों के दोहन के लाभ –
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करना।
(b) बिना किसी जवाबदेही के अधिक लाभ अर्जित करना।
(iii) आधुनिकीकरण व औद्योगिकरण को तीव्रता से बढ़ाना।

(ii) प्राकृतिक संसाधनों की लम्बी अवधि के प्रबंधन के लाभ
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों को बनाए रखना।
(b) इससे प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन पर रोक लगेगी।
(c) पर्यावरण को भी कम-से-कम क्षति होगी।

प्रश्न 4.
“वन जैव विविधता के तप्त स्थल (Hotspots) है” इस कथन को समझाइए।
उत्तर-
जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या है। किसी स्थान विशेष पर पाए जाने वाले दुर्लभ प्राणिजात एवं पादपजात जैव विविधता के तप्तस्थल कहलाते हैं। ऐसे विशिष्ट स्थल केवल वनों में ही पाए जाते हैं। ये स्थल हमारी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं।

प्रश्न 5.
(i) वन संरक्षण तथा
(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण में प्रत्येक के दो-दोलाभ लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(i) वन संरक्षण के लाभ
(a) वन संरक्षण से बाढ़ तथा भूमि कटाव को रोकने में सहायता मिलती है।
(b) वन संरक्षण से उस स्थान की ‘जैव विविधता’ भली प्रकार बनी रहती है।
(c) वन संरक्षण बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी रोकने में सहायक है।

(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण
(a) इनके संरक्षण से पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में सहायता मिलती है।
(b) जंगली प्राणियों के संरक्षण से खाद्य श्रृंखलाएँ तथा खाद्य जाल सुरक्षित रहते हैं।

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प्रश्न 6.
पर्यावरण संरक्षण में वनों की तीनभूमिकाओं की सूची बनाइए। वन किस प्रकार अपक्षयित (नष्ट) हो जाते हैं? वनोन्मूलन के पर्यावरण पर दो दुष्परिणामों का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
पर्यावरण संरक्षण में वनों की भूमिका

  • वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं जिससे पर्यावरण में जल-चक्र संतुलित रहता है।
  • वन वन्यजीवों तथा पक्षियों को वास-स्थान प्रदान करते हैं।
  • वन मृदा की उर्वरता बनाये रखने में सहायक होते हैं तथा अधिक वर्षा के समय भूमि कटाव को भी रोकते हैं।

वनों के अपक्षयित होने के कारण-औद्योगीकरण तथा शहरीकरण के चलते वनों का धीरे-धीरे नाश हो रहा है। जनसंख्या बढ़ने के साथ उसके रहने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता पड़ती है और यह वनों के विनाश का मुख्य कारण बनती है। इसवेह अतिरिक्त जंगल में प्रतिवर्ष लगने वाली आग तथा अतिचारन के कारण भी वनों का प्रतिशत कम होता जा रहा है।

वनोन्मूलन के दुष्परिणाम-

  • पेड़ों के अधिक कटने से मृदा अपरदन होता है तथा जल-चक्र भी प्रभावित होता है।
  • वनोन्मूलन से वायुमण्डल में CO2, गैस की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण अधिक हरितग्रह प्रभाव उत्पन्न होता है तथा वायुमण्डल का तापक्रम बढ़ने लगता है।

प्रश्न 7.
पारिस्थितिक विशेषज्ञों के अनुसार वनारोपण का क्या प्रभाव होगा?
उत्तर-
वनारोपण के निम्नलिखित प्रभाव होंगे –

  • वनों की वृद्धि से वायुप्रदूषण में कमी होगी।
  • वनों की वृद्धि से मृदा अपरदन कम होता है तथा वर्षा अधिक होती है।
  • कुछ वन वन भूमि की शुद्धता में वृद्धि करते हैं जिससे सल्फर तथा नाइट्रोजन के यौगिकों का ऑक्सीकरण होता है।
  • अम्लीय आर्द्र भूमि चीड़ के वृक्षों द्वारा उत्पन्न की जाती है जो भूमि की अम्लीयता को बढ़ाती है।

प्रश्न 8.
चिपको आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? (मा. शि. बोर्ड 2012)
अथवा
चिपको आन्दोलन क्या था? (CBSE 2016)
उत्तर-
गढ़वाल के रेनी नामक गाँव की महिलाओं ने वनों के ठेकेदार द्वारा काटे जाने का विरोध किया। उन्होंने पेड़ों से लिपटकर उनकी रक्षा की। उनके इस प्रयास से स्थानीय वन उजड़ने से बच गए। इस घटना को चिपको आन्दोलन नाम दिया गया।

प्रश्न 9.
वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए आप क्या उपाय सुझाएँगे ?
उत्तर-

  • प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा करना।
  • विलुप्त प्रजातियों को प्रजनन द्वारा बढ़ावा देना।
  • शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना।
  • वृक्षों की कटाई को रोका जाना।

प्रश्न 10.
भू-जल की उपलब्धता में काफी कमी क्यों आई है?
उत्तर-
इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  • पेड़ों का काटा जाना।
  • भू-जल का अत्यधिक मात्रा में दोहन।
  • उद्योगों से पेय जल प्रदूषण।
  • अपर्याप्त वर्षा |

प्रश्न 11.
जल संग्रहण किसे कहते हैं? सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण से संबंधित दो प्रमुख लाभों की सूची बनाइए। भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो.कारण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जल संग्रहण से अभिप्राय है जल तथा जल के भूमिगत स्रोतों को मनुष्य की प्राप्ति के लिए बनाए रखना। वर्षा के जल को भूमिगत जलाशयों, गड्ढे खोद कर, झीलों का निर्माण करके व छत पर बनी टंकियों में एकत्रित करके किया जाना चाहिए ताकि उस जल का उपयोग गरमी तथा सूखे के दिनों में किया जा सके।

सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण के दो लाभ-

  • सूखे के दिनों में एकत्रित जल को सभी लोगों में वितरित किया जा सकता है ताकि किसी के लिए जल का अभाव न हो।
  • इस जल द्वारा भीषण गर्मीयों में फसलों को भी न्यूनतम मात्रा में जल से सिंचित किया जा सकता है।

भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो कारण-

  1. नलकूपों द्वारा अत्यधिक मात्रा में फसलों की सिंचाई के लिए भूजल का उपयोग।
  2. स्थानीय लोगों द्वारा जल संग्रहण के पुराने तरीकों को त्याग देने के कारण।
  3. सिंचाई के लिए अधिक माँग वाली फसलों का विषयांतर।

प्रश्न 12.
बांध क्या होता है? हम बड़े बांध क्यों बनाना चाहते हैं? बड़े बांधों का निर्माण करते समय किन तीन समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों में शांति बनी रहे, उनका उल्लेख कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
किसी नदी के जल को, ऊँचाई पर बहुत बड़े कुंड-रूपी संरचना में एकत्र करने की प्रक्रिया को बांध कहते हैं। बड़े बाँध द्वारा जल संग्रहण पर्याप्त मात्रा में किया जा सकता है जिसका प्रयोग न केवल सिंचाई वरन् विद्युत का अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।

बड़े बांधों के निर्माण करते समय हमें निम्नलिखित समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए

  • बांध बनाने के कारण विस्थापित हुए किसानों तथा आदिवासी लोगों को पुनः स्थापित करना।
  • बांध के निर्माण के समय होने वाले खर्च पर नियंत्रण रखना।
  • बांध बनने से पर्यावरण का नुकसान कम से कम होना चाहिए।

प्रश्न 13.
‘जल संरक्षण की खादिन संरचना’ का नामांकित चित्र बनाकर जल संरक्षण के कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर-
अनुच्छेद 16.3.2. का अध्ययन करें।

प्रश्न 14.
वर्षा जल संग्रहण के दो तरीके तथा दो लाभ बताइए।
उत्तर-
वर्षा जल संग्रहण के उपाय
(i) खाली भूमि पर तालाब बनवाए जाएँ।
(ii) शहरों में भूमिगत टैंकों में छतों से आने वाला वर्षा जल संग्रहीत किया जाए।

वर्षा जल संग्रहण के लाभ –
(i) वर्ष भर पेय जल की उपलब्धता,
(ii) कृषि के लिए सिंचाई जल की प्राप्ति।

प्रश्न 15.
गंगा प्रदूषण के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-

  • कचरा एवं मल का प्रवाह-नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा एवं मल को नाले एवं नालियों द्वारा गंगा जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
  • उद्योग अपशिष्ट-विभिन्न नगरों में स्थित छापेखाने, कागज मिलों, कपड़ा मिलों से निकली गन्दगी गंगा में छोड़ दी जाती है।

प्रश्न 16.
बड़े बाँधों के निर्माण के विरोध के क्या कारण हैं ? (नमूना प्रश्न पत्र 2012)
उत्तर-

  • सामाजिक कारण-बड़ी संख्या में जनजीवन को विस्थापित करना एवं उनका पुर्नवास कराना।
  • आर्थिक कारण-इन पर जनता का बहुत धन खर्च होता है।
  • पर्यावरणीय कारण-इनके निर्माण के कारण बड़ी मात्रा में वन विनाश होता है तथा प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 17.
राजस्थान में कार्यान्वित वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र को समझाइए।
उत्तर-
‘खादिन’ का प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र की विशेषता है कि यह ढालू खेत के निचले भाग में निर्मित काफी लम्बा (100 मी से 300 मी) मिट्टी का बना तटबंध होता है। अपवाह क्षेत्र में जल ढलानों पर नीचे की ओर बहता है और बंध द्वारा रुककर जलाशय बना लेता है। एकत्र जल की कुछ मात्रा को कुँयें बनाकर भूमि में प्रवेश करा दिया जाता है। इन जलाशयों के सूखने पर भी इनमें काफी नमी होती है, जहाँ फिर कृषि की जाती है।

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प्रश्न 18.
जल के भौम जल संग्रहण के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जल के भौम जल के रूप में संग्रहण के निम्नलिखित लाभ है-

  • यह वाष्प बनकर उड़ता नहीं है।
  • इसके लिए अधिक भूमि क्षेत्र की आवश्यकता नहीं व होती है।
  • यह पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित होता है।
  • इससे भूमि जल स्तर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 19.
जीवाश्मी ईंधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-

  1. पृथ्वी पर जीवाश्मी ईंधनों के स्रोतों (कोयला एवं पेट्रोलियम) की मात्रा सीमित है।
  2. जीवाश्मी ईंधनों के जलाने से वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 20.
कोयला तथा पेट्रोलियम के उपयोग को कम करने के दो उपाय बताइए।
उत्तर-

  1. कोयला द्वारा निर्मित विद्युत उत्पादन तथा । इसकी खपत को कम करना चाहिए।
  2. व्यक्तिगत वाहनों के स्थान पर सामूहिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 21.
वायु में CO2, की मात्रा बढ़ने से क्या प्रभाव होते हैं?
उत्तर-

  • फसल के पैदावार क्रम में परिवर्तन होता है।
  • वैश्विक ऊष्मायन प्रभाव उत्पन्न होता है।
  • ध्रुवीय बर्फ पिघलती है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत किस प्रकार बनती है? पृथ्वी पर सभी जीवन स्वरूपों के लिए इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए। 1980 के दशक में वायुमण्डल में ओज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट क्यों आई? (CBSE 2020)
उत्तर-
आजोन परत का निर्माण-वायुमण्डल के ऊपरी भाग में सूर्य की पराबैंगनी विकिरणों के उपयोग से ऑक्सीजन गैस ओज़ोन में परिवर्तित होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन 1
ओज़ोन परत का महत्त्व-पृथ्वी पर सभी जीवों को ओज़ोन परत सूर्य के प्रकाश की हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से बचाती है। इसलिए सभी जीव इन विकिरणों से होने वाले रोगों से बच जाते हैं।
ओजोन परत का ह्रास-मनुष्य द्वारा अत्यधिक मात्रा में क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) रसायनों के उपयोग करने के कारण 1980 के दशक में वायुमण्डल में आज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट आई।

प्रश्न 23.
CO2 में उत्सर्जन के विनियमन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक का पता लगाइए।
उत्तर-
क्योटो प्रोटोकाल में CO2 के उत्सर्जन विनियमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों में चर्चा की गई। इस समझौते के अनुसार औद्योगिक राष्ट्रों को अपने CO2 तथा अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में 5.2% की कमी लाने के लिए कहा गया था। आस्ट्रेलिया एवं आइसलैंड के लिए यह मानक क्रमश: 8% तथा 10% निर्धारित किया गया है। क्योटो प्रोटोकाल समझौता जापान में क्योटो शहर में दिसम्बर 1997 में हुआ था। इसे 16 फरवरी, 2005 को लागू किया गया। दिसम्बर 2006 तक 169 देशों ने इस समझौते का अनुमोदन किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘नमामि गंगे परियोजना’ पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर-
भारत सरकार ने गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नमामि गंगे नामक संरक्षण मिशन शुरू किया था। इस अभियान की शुरूवात 2014 में की गई थी। गंगा नदी को सन् 2020 तक प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के तहत केन्द्रीय हिस्सेदारी के साथ 8 राज्यों और 47 शहरों को कार्यान्वित किया गया है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय निगरानी केन्द्र तथा 4 स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

इस मिशन के द्वारा गंगा नदी के मुख्य घटकों जैसे की नालों के गंदे जल का उपचार, नदी भूतल साफ-सफाई, नदी में से माद हटाना, नदी के आस-पास का विकास करना, जैव-विविधता संरक्षण, वनीकरण बनाना, ग्राम परियोजना इत्यादि शामिल है। राष्ट्रीय गंगा परिषद ने 2016 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का जगह ली थी। इस मिशन के तहत अब तक लगभग 313 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनकी लागत 25,000 करोड़ रुपये है।

प्रश्न 2.
वन्य प्राणियों के जीवन की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कानून एवं नियम अस्तित्व में आए हैं ?
उत्तर-
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा वन्य प्राणियों के जीवन की सुरक्षा के लिए अनेक नियम व कानून बनाए गए हैं-

  • वन्य पक्षी एवं प्राणी सुरक्षा नियम, 1912
  • मद्रास वन्य हाथी सुरक्षा नियम, 1873
  • अखिल भारतीय हाथी सुरक्षा नियम, 1879
  • बंगाल राइनो सुरक्षा कानून, 1932.
  • वन्य प्राणियों हेतु भारतीय बोर्ड की स्थापना, 1952.
  • राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य प्राणी विज्ञानशालाओं की स्थापना।
  • असम गैंडा सुरक्षा कानून 1954.
  • जैव मंडल सुरक्षा हेतु भारतीय राष्ट्रीय मानव तथा जैव-मण्डलीय समिति, 1972.
  • विलुप्त होती जा रही प्रजातियों जैसे मगरमच्छ तथा बाघों के संरक्षण हेतु परियोजना 1973.
  • राष्ट्रीय वन्य जीवन क्रियाकलाप नियम, 1982.

प्रश्न 3.
वनों को किस प्रकार हानि होती है ? वन विनाश के प्रभाव तथा वन विनाश को रोकने के उपाय सुझाइए।
उत्तर-
वन हमारे प्राकृतिक संसाधन हैं। वनों की हानि के लिए मनुष्य सबसे अधिक जिम्मेदार है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं जैसे कृषि भूमि, भवन निर्माण, उद्योगधन्धे, आखेट, ईधन आदि के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की है जिससे प्राकृतिक संतुलन खतरे में पड़ गया है। बढ़ती आबादी एवं विकास कार्यक्रमों के कारण वन भूमि सिकुड़ती जा रही है।

वन विनाश के निम्नलिखित प्रभाव हैं-

  • प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होना,
  • वन्य जीवों की संख्या में कमी,
  • सूखे की स्थिति उत्पन्न होना,
  • जलवायु में परिवर्तन,
  • मृदा अपरदन में वृद्धि।

वन विनाश को रोकने के निम्न उपाय किए जा सकते है-

  • खाली भूमि पर पुनः वन रोपण,
  • वनों की कटाई पर प्रतिबन्ध,
  • वनों को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित कर इन्हें हानि पहुँचाने वालों को दण्ड का प्रावधान,
  • जैव विविधता को बढ़ावा देना,
  • पशुओं के चारण पर रोक,
  • व उत्पादों के विकल्पों की खोज।

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प्रश्न 4.
सार्वसूचक (Universal indicator) की सहायता से अपने घर में आपूर्ति पानी का pH ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
सार्वसूचक एक pH सूचक है, जो pH के विभिन्न मान वाले विलयनों में विभिन्न रंग प्रदर्शित करता है। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं। ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। क्षारकों का स्वाद कड़वा होता है। यह लाल लिटमस को नीला कर देते हैं लिटमस एक प्राकृतिक सूचक होता है।

पानी के नमूनों को अलग-अलग परखनली या बीकर में लेकर इसमें लिटमस कागज डालने पर कागज में आने वाले परिवर्तनों से पानी के नमूने की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है। यदि रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता तो वह जल का नमूना उदासीन होता है। उदासीन जल का pH मान 7 होता है। इससे कम मान अम्लता को तथा अधिक मान क्षारकता को प्रदर्शित करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. मानव की आँत में कौन सा जीवाणु होता है जो गंगा जल को दूषित करता है ?
(a) राइजोबियम
(b) कोलीफॉर्म
(c) फीताकृमि
(d) प्लाज्मोडियम
उत्तर-
(b) कोलीफॉर्म।

2. IUCN का अर्थ है-
(a) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस
(b) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कंट्री नेचर
(c) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कॉउन्सिल नेचुरल रिसॉर्सेस
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस।

3. पर्यावरण को बचाने के लिए है –
(a) 3R’
(b) 5 Rs.
(c) 3 Ps.
(d) 5 Ps.
उत्तर-
(a) 3R’.

4. प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होता है-
(a) भोजन
(b) सीमेण्ट
(c) पत्थर
(d) ये सभी।
उत्तर-
(d) ये सभी।

5. संसाधन प्रबंधन का अर्थ है कि उनका उपयोग
(a) गाँव में रहने वाले करें
(b) शहर में रहने वाले करें
(c) सभी वर्गों में समान रूप से हो
(d) सिर्फ उद्योगपति करें।
उत्तर-
(c) सभी वर्गों में समान रूप से हो।

6. सन् 1970 के गढ़वाल में ‘रेनी’ नामक गाँव में पेड़ों को बचाने के लिए कौन सा आन्दोलन चलाया गया?
(a) पर्यावरण बचाओ आन्दोलन
(b) चिपको आन्दोलन
(c) खेजड़ी बचाओ आन्दोलन
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(b) चिपको आन्दोलन।

7. किस वर्ष खेजड़ली गाँव में 363 लोगों ने ‘खेजड़ी वृक्षों’ को बचाने हेतु अपने जीवन का बलिदान दिया ?
(a) 1741
(b) 1831
(c) 1713
(d) 1841.
उत्तर-
(c) 1713.

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8. भारत में जल संग्रहण की पुरानी पद्धति है-
(a) खादिन एवं कुल्ह
(b) बंधारस एवं ताल
(c) अहार तथा पाइन
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

9. जल संग्रहण है-
(a) जलीय नहरों का शाखान्वयन
(b) नदियों का शाखान्वयन
(c) वर्षा जल का संग्रहण
(d) गंदे जल का संग्रहण ।
उत्तर-
(c) वर्षा जल का संग्रहण।

10. चिपको आंदोलन किस वर्ष प्रारम्भ हुआ ?
(a) 1970
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1995.
उत्तर-
(a) 1970.

11. गंगा कार्य योजना किस वर्ष प्रारम्भ हुई थी ?
(a) 1980
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1995.
उत्तर-
(b) 1985.

12. सरदार सरोवर बाँध किस नदी पर निर्मित हुआ?
(a) नर्मदा
(b) गंगा
(c) नर्मदा
(d) तावा।
उत्तर-
(c) नर्मदा।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद ……………………….. की परत का निर्माण होता है।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. श्वसन एक ……………………….. रासायनिक अभिक्रिया है।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी,

3. लोहे की वस्तुओं पर जंग उनकी खुली सतह पर ……………………….. एवं ……………………….. के कारण लगती हैं।
उत्तर-
ऑक्सीजन, नमी,

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

4. तेल एव वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अपचयन से बचाव हेतु हम इनमें ……………………….. प्रवाहित कर देते हैं।
उत्तर-
नाइट्रोजन,

5. मैग्नीशियम को वापयु की उपस्थिति में जलाने पर ……………………….. प्राप्त होगा।
उत्तर-
मैग्नीशियम ऑक्साइड।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

सूची A तथा सूची B को मिलान कीजिए।

सूची A सूची B
1. कुल्ह (i) उत्तरप्रदेश
2. चिपको आन्दोलन (ii) वन
3. तालाब (iii) हिमाचल प्रदेश
4. तप्त स्थल (iv) कागज उद्योग
5. गंगा सफाई योजना (v) 1985
6. वन पर आधारित (vi) उत्तराखंड

उत्तर-

सूची A सूची B
1. कुल्ह (iii) हिमाचल प्रदेश
2. चिपको आन्दोलन (vi) उत्तराखंड
3. तालाब (i) उत्तरप्रदेश
4. तप्त स्थल (ii) वन
5. गंगा सफाई योजना (v) 1985
6. वन पर आधारित (iv) कागज उद्योग

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

(b)

सूची A, सिंचाई प्रणाली सूची B, राज्य
1. खादिन (i) महाराष्ट्र
2. ताल (ii) केरल
3. कुल्ह (iii) तमिलनाडु
4. एरिस (iv) राजस्थान
5. पाइन (v) हिमाचल प्रदेश
6. सुरंगम (vi) बिहार

उत्तर-

सूची A, सिंचाई प्रणाली सूची B, राज्य
1. खादिन (iv) राजस्थान
2. ताल (i) महाराष्ट्र
3. कुल्ह (v) हिमाचल प्रदेश
4. एरिस (iii) तमिलनाडु
5. पाइन (vi) बिहार
6. सुरंगम (ii) केरल

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पर्यावरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किसी जीवधारी के आस-पास का आवरण जो उसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करता है, पर्यावरण कहलाता है।

प्रश्न 2.
किसी वन की खाद्य श्रृंखला का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पेड़-पौधे व घास → हिरण → भेड़िया → शेर।

प्रश्न 3.
मानव निर्मित एक अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लास्टिक।

प्रश्न 4.
जैव निम्नीकरणीय पदार्थ क्या हैं ?
उत्तर-
ऐसे अपशिष्ट पदार्थ जिनका सूक्ष्म जीवों द्वारा आसानी से अपघटन हो जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 5.
प्रकृति में संतुलन स्थायित्व किस प्रकार संभव हो पाता है ?
उत्तर-
सभी जीवों तथा भौतिक कारकों में परस्पर अन्योन्य क्रियाओं से।

प्रश्न 6.
पारितंत्र के जैविक तथा अजैविक घटकों में से प्रत्येक का एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
जैविक घटक → उत्पादक (हरे पौधे)।
अजैविक घटक → वायु।

प्रश्न 7.
उत्पादक क्या होते हैं ?
उत्तर-
सभी हरे पौधे जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्वयं भोजन संश्लेषित कर लेते हैं।

प्रश्न 8.
जीवमण्डल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर पाये जाने वाले सभी प्राकृतिक क्षेत्र तथा उसमें पाए जाने वाले सभी जीवधारी मिलकर जीवमण्डल कहलाते हैं।

प्रश्न 9.
दो सूक्ष्म जीवधारियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. जीवाणु तथा
  2. कवक।

प्रश्न 10.
शाकाहारी उपभोक्ता क्या हैं ?
उत्तर-
पेड़-पौधों तथा उनके उत्पादक को खाने वाले उपभोक्ता।

प्रश्न 11.
मानव निर्मित पारितंत्रों के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर-

  1. धान का खेत,
  2. बगीचा।

प्रश्न 12.
जनसंख्या को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किसी भी प्रजाति के एक स्थान पर पाए जाने वाले जीवों की कुल संख्या जनसंख्या कहलाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 13.
क्या जैविक एवं अजैविक घंटक एक-दूसरे पर आश्रित हैं ?
उत्तर-
हाँ, ये एक दूसरे को प्रभावित भी करते हैं।

प्रश्न 14.
जीवमण्डल को किस रूप में माना जाता है?
उत्तर-
जीवमण्डल को सबसे बड़े पारितंत्र के रूप में माना जाता है।

प्रश्न 15.
सर्वाहारी क्या हैं ?
उत्तर-
ऐसे जन्तु जो पेड़-पौधों एवं जन्तु दोनों को खा सकते हैं।

प्रश्न 16.
विभिन्न आहार श्रृंखलाएँ मिलकर क्या बनाती हैं ?
उत्तर-
आहार जाल।

प्रश्न 17.
एक तालाब की आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पादप प्लवक → सूक्ष्म कीट → छोटी मछली → बड़ी मछली।

प्रश्न 18.
निम्नलिखित खाद्य श्रृंखला में यदि शेर को 100 जूल ऊर्जा प्राप्त थी तो हरे पौधे को कितनी ऊर्जा प्राप्त थीं? (CBSE 2017)
हरे पौधे → हिरण → शेर
उत्तर-
चूंकि प्रत्येक पोषी स्तर पर ऊर्जा का केवल 10% भाग ही अगले स्तर के उपभोक्ता को उपलब्ध हो पाता है। इसलिए हरे पौधे को 10,000 जूल ऊर्जा प्राप्त थी जो हिरण में घटकर 1,000 जूल हो गई और शेर में 100J हो गई।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 1

प्रश्न 19.
दो प्राणी प्लवकों के नाम लिखें।
उत्तर-
डेफ्निया, साइक्लोप्स।

प्रश्न 20.
पृथ्वी पर अनन्तिम ऊर्जा का स्रोत क्या है?
उत्तर-
सूर्य।

प्रश्न 21.
ऊर्जा प्रवाह का प्रथम चरण कौन सा है?
उत्तर-
हरे पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण।

प्रश्न 22.
पौधों के कार्बनिक पदार्थों का स्त्रोत क्या है?
उत्तर-
वायुमण्डल।

प्रश्न 23.
(अ) ओजोन परत सूर्य से आने वाली कौन-सी विकिरण से सुरक्षा प्रदान करती है?
(ब) डिस्पोजेबल प्लास्टिक कप की अपेक्षा कागज़ के डिस्पोजेबल कप के इस्तेमाल के क्या लाभ हैं? [राज. 2015]
उत्तर-
(अ) पराबैंगनी किरणों से।
(ब)डिस्पोजेबल प्लास्टिक कप की अपेक्षा कागज के डिस्पोजेबल कप प्रकृति में जीवाणुओं द्वारा आसानी से अपघटित हो जाते हैं जिससे कि प्रकृति में कोई प्रदूषण नहीं होता।

प्रश्न 24.
सबसे खतरनाक अपशिष्ट का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लास्टिक।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषकों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [CBSE 2015]
जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषकों में अन्तर
उत्तर-

जैव निम्नीकरणीय प्रदूषक अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषक
1. ये सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित हो जाते हैं। 1. ये सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित नहीं होते हैं।
2. इनका चक्रीकरण सम्भव है। 2. इनका चक्रीकरण संभव नहीं है।
3. ये अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं। उदाहरण-फल तथा सब्जियों के छिलके, घरेलू मल-मूत्र, कागज, कृषि अपशिष्ट, लकड़ी, कपड़ा आदि। 3. ये कम मात्रा में उत्पन्न होते हैं। उदाहरण – प्लास्टिक, शीशा, पीड़कनाशी, डी. डी.टी, पारा, चमड़ा आदि।

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प्रश्न 2.
अपशिष्ट के निपटारे की समस्या को कम करने में हम किस प्रकार सहायता कर सकते हैं ? तीन विधियाँ सुझाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
अपशिष्ट निपटारे की प्रमुख तीन विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  • पुनः चक्रण (Recycling) : इस्तेमाल की गई पुरानी वस्तुओं को इकट्ठा कर उन्हें संबंधित उद्योगों को पुन: चक्रण के लिए देना। जैसे- कागज, काँच की वस्तुएँ, प्लास्टिक की वस्तुएँ। हमें नई वस्तुओं की अपेक्षा पुनः चक्रित वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देनी चाहिए।
  • कम्पोस्ट बनाना-रसोई के बचे हुए भोजन, फलों, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्तियों आदि को गड्ढे में दबाकर कम्पोस्ट बनाना चाहिए। यह एक उत्तम खाद का कार्य करता है।
  • जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।

प्रश्न 3.
पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न घटकों के उदाहरण दीजिए। [राज. 2015]
उत्तर-
किसी भी पारिस्थितिक तंत्र के दो घटक होते हैं –
1. अजैविक घटक-इसमें जल, वायु, प्रकाश, ताप, मृदा, आदि सम्मिलित हैं।
2. जैविक घटक-ये निम्न प्रकार के हैं –

  • उत्पादक – सभी हरे पौधे।
  • उपभोक्ता – ये प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक आदि होते हैं।
  • अपघटक – ये सूक्ष्म जीव, जीवाणु, कवक होते हैं।

प्रश्न 4.
पारितंत्र की परिभाषा लिखिए। किसी पारितंत्र में ऊर्जा-प्रवाह दर्शाने के लिए ब्लॉक आरेख खींचिए।
उत्तर-
पारितंत्र-पारितंत्र जैव तथा अजैव घटकों से मिलकर बना एक स्वव्यवस्थित इकाई है, जो एक-दूसरे पर निर्भर करता है। जैव घटक-पेड़-पौधे व अन्य जीव। अजैव घटक-वायु, जल, सूर्य का प्रकाश, मिट्टी आदि।
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प्रश्न 5.
जीवोम या बायोम का निर्माण कैसे होता है? किसी एक बायोम का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जैविक तथा अजैविक घटकों के बीच पारस्परिक क्रियाएँ होती रहती हैं फलस्वरूप ऊर्जा एवं पदार्थों का आदान-प्रदान चलता रहता है; जिसे हम पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं। किसी भौगोलिक क्षेत्र में समस्त पारिस्थितिक तंत्र एक साथ मिलकर एक और बड़ी इकाई का निर्माण करते हैं जिसे जीवमण्डल. कहते हैं।
उदाहरण-वन बायोम में अनेक तालाब, झीलें, वन, घास मैदान पारितंत्र स्थित होते हैं।

प्रश्न 6.
(a) पारितंत्र किसे कहते हैं ?
(b) किन्हीं दो प्राकृतिक पारितंत्रों की सूची बनाइए।
(c) हम तालाबों और झीलों की सफाई नहीं करते, परन्तु किसी जलजीवशाला को नियमित सफाई की आवश्यकता होती है ? क्यों (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) पारितंत्र किसी क्षेत्र के जैव, अजैव घटकों, प्राणियों, पेड़-पौधों, जीव जंतुओं के आपसी संबंधों का एक संगठन है।
(b) दो प्राकृतिक परितंत्र-झील, तालाब ।
(c) तालाब प्राकृतिक पारितंत्र है जबकि जलजीवशाला मानव निर्मित पारितंत्र है। तालाब में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव हैं जो अपमार्जक का कार्य करते हैं, पर जलजीवशाला में ऐसा नहीं है। इसलिए जलजीवशाला को साफ करना आवश्यक है, तालाब को नहीं।

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प्रश्न 7.
उत्पादक तथा उपभोक्ता में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
उत्पादक एवं उपभोक्ता में अन्तर-

उत्पादक (Producers) उपभोक्ता (Consumers)
1. ये सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में पर्णहरित द्वारा अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। 1. ये अपना भोजन स्वतः नहीं बना सकते हैं।
2. ये सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलते हैं। 2. ये पौधों से प्राप्त ऊर्जा का प्रयोग करते हैं।
3. ये एक ही प्रकार के होते हैं।

उदाहरण-सभी हरे पौधे।

3. ये प्राथमिक द्वितीयक अथवा तृतीयक हो सकते हैं। उदाहरण-सभी जन्तु एवं अपघटक।

प्रश्न 8.
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर-

स्वपोषी (Autotrophs) परपोषी (Heterotrophs)
1. ये अपना भोजन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में स्वयं बना लेते हैं। 1. ये अपना भोजन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से स्वपोषी से प्राप्त करते हैं।
2. ये सौर ऊर्जा को रासाय- निक ऊर्जा में बदलते हैं। 2. ये सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में नहीं बदल सकते।
3. इन्हें उत्पादक कहते हैं। उदाहरण-सभी हरे पेड़-पौधे। 3. इन्हें उपभोक्ता कहते हैं। उदाहरण-सभी जन्तु  एवं अपघटक।

प्रश्न 9.
जीवाणु एवं कवक अपघटक क्यों कहलाते हैं ? पर्यावरण के लिए अपघटकों का महत्व लिखिए।
उत्तर-
जीवाणु एवं कवक अपघटक कहलाते हैं क्योंकि ये मृत पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के शरीरों में उपस्थित जटिल कार्बनिक यौगिकों को सरल पदार्थों में अपघटित कर देते हैं।

पर्यावरण के लिए अपघटकों का महत्व निम्न प्रकार है-

  • अपघटक पदार्थों के चक्रण की क्रिया में योगदान करते हैं।
  • ये पर्यावरण की स्वच्छता के लिए योगदान करते हैं।

प्रश्न 10.
(a) नीचे दिए गए जीवों की आहार श्रृंखला का सृजन कीजिए-कीट, बाज, घास, साँप, मेंढक।
(b) इस सृजित आहार श्रृंखला के तृतीय पोषी के जीव का नाम लिखिए। होगी?
(c) इस आहार श्रृंखला के किस जीव में अजैवनिम्नीकरण रसायनों की सांद्रता अधिकतम होगी?
(d) इससे संबद्ध परिघटना का नाम लिखिए।
(e) यदि इस प्रकार श्रृंखला में मेंढकों का 10000 जूल ऊर्जा उपलब्ध है, तो साँपों को कितनी ऊर्जा उपलब्ध (CBSE 2020)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 3
(b) मेंढक और साँप
(c) बाज में।
(d) जैव-आवर्धन (Biological Magnification).
(e) चूंकि 10% नियम के अनुसार अगले पोषी स्तर पर भोजन की मात्रा का केवल 10% ही जैव मात्रा में बदल पाता है और अगले स्तर के उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हो पाता है इसलिए साँपों को उपलब्ध ऊर्जा .
= 10,000 J का 10% = 10,000x\(\frac{10}{100} \) = 1000J

प्रश्न 11.
यदि सूर्य से पौधे को 20,000 जूल ऊर्जा उपलब्ध हो तो निम्नलिखित आहार श्रृंखला में शेर को कितनी ऊर्जा उपलब्ध होगी ? गणना कीजिए
पौधे हिरण→ शेर ।
उत्तर-
पौधे → हिरण → शेर
लिंडमान के ऊर्जा प्रवाह के 10% नियम के अनुसार ऊर्जा की केवल 10% मात्रा ही एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर पर स्थानान्तरित होती है। अतः पौधे से हिरण को 200 जूल तथा हिरण से शेर को केवल 20 जूल ऊर्जा प्राप्त होगी।

प्रश्न 12.
एक पारितंत्र में ऊर्जा प्रवाह का आरेखी चित्र बनाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 4

प्रश्न 13.
पर्यावरणीय प्रदूषण क्या है? तीन अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषकों के नाम लिखिए जो मानव के लिए हानिकारक हैं।
उत्तर-
जल, वायु एवं मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों में अवांछनीय परिवर्तन जिसके कारण ये प्रयोग हेतु नहीं रह जाते, इन परिवर्तनों को वातावरणीय प्रदूषण कहते हैं। डी.डी.टी., सीसा, प्लास्टिक अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषक हैं, जो मानव को अधिक हानि पहुँचाते हैं।

प्रश्न 14.
सुपोषण को समझाइए।
उत्तर-
जलाशयों में मल-मूत्र के अत्यधिक विसर्जन से जल प्लवकों की अधिक वृद्धि होने लगती है। प्लवकों की बढ़ती संख्या के कारण जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा में कमी होने लगती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण जल प्लवक मर कर सड़ने लगते हैं फलस्वरूप जल में घुली अधिकांश ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आने लगती है। अतः जलाशय में पोषकों का अत्यधिक संभरण तथा शैवालों की वृद्धि तथा ऑक्सीजन की मात्रा में होती कमी की प्रक्रिया सुपोषण (Eutrophication) कहलाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 15.
अम्ल वर्षा क्या है ? संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर-
अम्ल वर्षा (Acid Rain)-प्रदूषित वायु में उपस्थित सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल से क्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल पृथ्वी पर आते हैं, इसे अम्ल वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा, फसलों, पेड़-पौधों तथा इमारतों को हानि पहुँचाती है। यह जल को प्रदूषित करती है जिससे जलीय जीव-जन्तुओं को हानि पहुँचती है। इससे कृषि उत्पादकता में कमी होती है।

प्रश्न 16.
वैश्विक तापन या पौधघर प्रभाव किसे कहते हैं?
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम) के जलने से उत्पन्न CO2, तथा मेथेन गैसें पृथ्वी से होने वाली ऊष्मीय विकिरण को रोक लेती हैं। इसके फलस्वरूप पृथ्वी का ताप बढ़ता है, इसे पौधघर प्रभाव या हरित गृह प्रभाव कहते हैं। इसके कारण मौसम में परिवर्तन होने के साथ-साथ पहाड़ों से बर्फ तीव्रता के साथ पिघल रही है और समुद्र जल के स्तर में वृद्धि हो रही है जिसके भविष्य में घातक परिणाम हो सकते हैं।

प्रश्न 17.
अम्लीय वर्षा, घनी आबादी और बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के चारों ओर वाले क्षेत्रों में क्यों होती
उत्तर-
घनी आबादी तथा फैक्ट्रियों के चारों ओर के क्षेत्र में वायु को प्रदूषित करने वाली गैसों CO2, SO3, एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है। अतः ये गैसें वर्षा जल के साथ मिलकर अम्ल वर्षा उत्पन्न करती हैं। क्योंकि ये प्रदूषक घनी आबादी वाले क्षेत्रों एवं फैक्ट्रियों से अधिक उत्पन्न होते हैं अतः अम्ल वर्षा इन क्षेत्रों में अधिक होती है।

प्रश्न 18.
वायुमण्डल के उच्चतर स्तर पर ओजोन किस प्रकार बनती है ? ओजोन परत के अपक्षय के लिए उत्तरदायी यौगिक कौन से हैं ?
उत्तर-
वायुमण्डल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी विकिरण (UV-Rays) के प्रभाव से ऑक्सीजन के अणुओं से ओजोन का निर्माण होता है। उच्च ऊर्जा वाली पराबैंगनी विकिरण किरणें ऑक्सीजन अणुओं को विघटित कर स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु बनाती है। ऑक्सीजन के ये स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओजोन बनाते हैं
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 5
क्लोरोफ्लुओरो कार्बन्स (CFCs) यौगिक ओजोन के अवक्षय के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं।

प्रश्न 19.
(a) किसी आधार श्रंखला में सामान्यतः तीन या चार पोषी स्तर ही होते हैं। व्याख्या कीजिए।
(b) जैव आवर्धन किसे कहते हैं ? व्याख्या कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) किसी आहार श्रृंखला में सामान्यत : तीन या चार पोषी स्तर होते हैं क्योंकि प्रत्येक स्तर या चरण पर ऊर्जा का ह्रास इतना अधिक होता है कि चौथे स्तर के बाद उपयोगी ऊर्जा की मात्रा बहत कम हो जाती है।

(b) जैव-आवर्धन (Biological magnification) : अनेक प्रकार की फसलों को रोग एवं पीड़कों से बचाने के लिए पीड़कनाशक एवं रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो बहकर मिट्टी अथवा जल स्त्रोत में चले जाते हैं। मिट्टी, से पौधों में तथा जलाशयों से जलीय पौधों और जंतुओं में, फिर आहार श्रृंखला के द्वारा खाद्यान्न-जैसे-गेहूँ, चावल, फल, सब्जियों से हमारे शरीर में, ये रसायन संचित हो जाते हैं, इसे ‘जीव-आवर्धन’ कहते हैं।

जैसे-जैसे पोषी स्तर में ऊपर की ओर बढ़ते हैं, जैवआवर्धन की मात्रा बढ़ती जाती है। चूँकि मनुष्य आहार श्रृंखला में शीर्ष पर है इसलिए हमारे शरीर में यह रसायन मात्रा में संचित हो जाते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी जलीय पारितंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वच्छ जल का तालाब जलीय पारितंत्र का एक अच्छा उदाहरण है। तालाब के पारितंत्र में निम्नलिखित घटक होते हैं
जैविक घटक-ये निम्नलिखित हैं-
1. उत्पादक-एजोला, ट्रापा, हाइड्रिला, वैलिसनेरिया एवं अनेक सूक्ष्म शैवाल उत्पादक हैं जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बनाते हैं।
2. उपभोक्ता-केपियोड, जलीय सूक्ष्म कीट, लार्वा निम्फ तथा प्राणी प्लवक तालाब में प्राथमिक उपभोक्ता हैं जो उत्पादकों को खाते हैं, ये स्वयं द्वितीयक उपभोक्ताओं जैसेछोटी मछलियाँ, मेंढ़क तथा क्रस्टेशियन्स, द्वारा खाये जाते हैं। द्वितीयक उपभोक्ताओं को बड़ी मछली, जलीय पक्षी आदि तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता खाते हैं। तालाब की तली में अनेक जीवाणु एवं जलीय कवक होते है जो पौधों और जन्तुओं के मृत शरीरों का अपघटन करते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 6
अजैविक घटक-जल, जल में घुलित विभिन्न गैसें, जल का ताप, सूर्य का प्रकाश, एवं तालाब की भौगोलिक स्थिति आदि अजैविक घटक हैं।

प्रश्न 2.
खाध जाल तथा आहार श्रृंखला में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
खाद्य जाल तथा आहार श्रृंखला में अन्तर आहार श्रृंखला (Food Chain)
1. यह किसी पारिस्थितिक तंत्र में भोजन तथा ऊर्जा के प्रवाह को प्रदर्शित करती है।
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2. इसमें ऊर्जा का प्रवाह एक दिशीय होता है।
3. इसमें पोषण स्तर सीमित है।
4. ये बहुत छोटी होती है।

खाद्य जाल (Food Web) –
1. इसमें अनेक खाद्य शृंखलाएँ आपस में जुड़ी होकर एक जाल बनाती हैं।
2. इसमें ऊर्जा का प्रवाह बहुमुखी होता है।
3. इसमें पोषण स्तर पारितंत्र में प्राकृतिक संतुलन को प्रदर्शित करते हैं।
4. यह बहुत बड़ा है।
→ शेर+ सारस
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 8

प्रश्न 3.
पारिस्थितिक पिरामिड क्या है? पारिस्थितिक पिरामिड जीवमंडल में पोषण रीति की संरचना को किस प्रकार प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर-
पारिस्थितिक पिरामिड (Ecological Pyramid)-किसी भी पारितंत्र में उत्पादकों, विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या, जीव भार, तथा संचित ऊर्जा के पारस्परिक सम्बन्धों के ग्राफीय निरूपण को पारिस्थितिक पिरामिड कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 9

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 10
पारिस्थितिक पिरामिड विभिन्न पोषी स्तरों को इस प्रकार प्रदर्शित करते है कि पारिस्थितिक पिरामिड का चौड़ा आधार उत्पादकों (जैसे-पौधों) को प्रदर्शित करता है तथा शीर्ष भाग उच्चतम उपभोक्ता को प्रदर्शित करता है। पारिस्थितिक पिरामिड के आधार से जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, पिरामिड का आकार पतला होता जाता है तथा शीर्ष पर उच्चतर उपभोक्ता को प्रदर्शित करता है। पिरामिड की प्रत्येक कड़ी पोषी स्तर को प्रदर्शित करती है।

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प्रश्न 4.
एक वन में प्रचलित आहार श्रृंखला
घास → हिरण → शेर में क्या होगा यदि-
(i) सभी शेरों को हटा दिया जाए।
(ii) सभी हिरणों को हटा दिया जाए।
(iii) सम्पूर्ण घास निकाल दी जाए।
उत्तर-
(i) यदि वन से सभी शेरों को हटा दिया जाए तो वन में शेर द्वारा खाए जाने वाले हिरणों की संख्या अत्यधिक बढ़ जाएगी। इस प्रकार हिरणों की संख्या बढ़ने से घास के उत्पादन में कमी होने लगेगी जिससे, घास खाने वाले अन्य जीवों पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।

(ii) हिरण शेरों का भोजन है। यदि वन से हिरणों को हटा दिया जाए तो शेरों के लिए भोजन उपलब्ध नहीं होगा और वे भोजन के अभाव में भूखे मर जाएँगे। शेरों की संख्या कम हो जाएगी। इसके साथ ही घास की संख्या बढ़ जाएगी।

(iii) घास वन में उत्पादक का कार्य करती है, यह हिरणों के साथ-साथ अनेक शाकाहारियों का भोजन है। यह प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में O2 उत्पादित करके वातावरण को स्वच्छ करती है। यदि घास को हटा दिया जाए तो प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से वन के विभिन्न जीवधारियों पर प्रभाव पड़ेगा। भोजन के अभाव में हिरणों तथा शेरों दोनों की संख्या में कमी आएगी।

प्रश्न 5.
ऊर्जा के सम्बन्ध में कौन-सी आहार श्रृंखलाएँ लाभप्रद हैं ?
उत्तर:
उत्पादक स्तर पर आहार श्रृंखला से अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। हम जितना उत्पादक स्तर (पौधों) के समीप होंगे हमें उतनी ही अधिक ऊर्जा प्राप्त होगी। इसलिए ऊर्जा के संदर्भ में द्विचरण आहार श्रृंखला या तीन चरण आहार श्रृंखलाएँ लाभप्रद होंगी।
द्विचरण आहार श्रृंखला : उत्पादक → मानव
हरी सब्जियाँ, फल, अनाज अधिक लाभप्रद होते हैं क्योंकि इन्हें खाने से हमें अधिकाधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। शाकाहारी होने के कारण हमें पौधों से सीधे ही ऊर्जा प्राप्त हो जाती है।

तीन चरण आहार श्रृंखला
उत्पादक → बकरी → मानव उपर्युक्त आहार श्रृंखला में पौधों द्वारा उत्पन्न ऊर्जा भोजन के रूप में पहले बकरी द्वारा ग्रहण की जाती है। इस ऊर्जा का काफी अंश बकरी द्वारा अपनी क्रियाओं के लिए खर्च कर दिया जाता है। शेष ऊर्जा संचित होती है जो दूध या माँस के रूप में मानव को प्राप्त होती है। अतः तीसरे चरण में कम ऊर्जा उपलब्ध होती है। इसलिए खाद्य श्रृंखला जितनी लम्बी होगी, अन्तिम उपभोक्ता को उतनी ही कम ऊर्जा की प्राप्ति होगी।

प्रश्न 6.
एक आहार श्रृंखला की सहायता से समझाइए कि हानिकारक कीटनाशकों का जैव आवर्धन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
जब फसलों पर रासायनिक पदार्थों (जैसे-डी. डी.टी.) आदि का छिड़काव फसल की कीटों से रक्षा करने के लिए किया जाता है तो इनकी कुछ मात्रा मृदा में चली जाती है। इनकी कुछ मात्रा जल में घुलकर वर्षा जल के साथ जलाशयों में पहुँच जाती है। पौधों द्वारा भी इसका कुछ भाग अवशोषित कर लिया जाता है।

पौधों एवं जन्तुओं के माध्यम से इन रसायनों की मात्रा का हमारे शरीर में भी संचयन होता है जो कि जैव आवर्धन कहलाता है। माना कि एक झील के पानी में 0.02 ppm कीटनाशक (डी.डी.टी.) था। जन्तु प्लवकों में यह 5 ppm और फिर मछलियों में 240 ppm कीटनाशक सान्द्रित हुआ। इस प्रकार हम देखते हैं कि जैसे हम खाद्य श्रृंखलाओं में आगे बढ़ें कीटनाशक का सान्द्रण भी बढ़ता जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 11

प्रश्न 7.
मानव शरीर पाँच महत्वपूर्ण घटकों से मिलकर बना है जिसमें से जल एक प्रमुख घटक है। प्रत्येक मानव के लिए भोजन एवं पेयजल आवश्यक है। भोजन कृषि द्वारा पौधों से प्राप्त होता है। अधिक उपज प्राप्त करने के लिए खेतों में पीड़कनाशियों को बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। इन पीड़कनाशियों को पौधे मृदा से जल एवं खनिजों के साथ अवशोषित कर लेते हैं तथा जलाशयों से यही पीड़कनाशी जलीय पादपों और जीवों के शरीरों में पहुँच जाते हैं। चूंकि यह पीड़कनाशी जैव निम्नीकरणीय नहीं हैं अतः यह रसायन प्रत्येक पोषी स्तर पर क्रमिक रूप से संचित होते जाते हैं। इन रसायनों की अधिकतम सांद्रता हमारे शरीरों में संचित हो जाती है और हमारे मस्तिष्क और शरीर को अत्यधिक प्रभावित करती है। (CBSE 2020)
(a) मानवों के शरीर में पीड़कनाशियों की सांद्रता अधिकतम क्यों पायी जाती है ?
उत्तर-
मानवों के शरीर में पीड़कनाशियों की सांद्रता अधिकतम इसलिए है क्योंकि आहार श्रृंखला में मनुष्य शीर्षस्थ है और पोषी स्तर में ऊपर की ओर जाने पर जैव-आवर्धन की मात्रा बढ़ती जाती है।
(b) कोई ऐसी विधि लिखिए जिसका अनुप्रयोग करके हम पीड़कनाशियों का भोजन द्वारा अपने शरीर में प्रवेश कुछ सीमा तक कम कर सकते हैं।
उत्तर-
पीड़कनाशियों का भोजन द्वारा अपने शरीर में प्रवेश कम करने की एक विधि है-
(i) फलों व सब्जियों के छिलके निकाल कर खाना चाहिए।
(ii) जैविक कृषि (खेती) के उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए।
(कोई एक) (c) किसी आहार-श्रृंखला के विभिन्न चरण निरूपित करते हैं:
(a) आहार जाल (b) पोषी स्तर (c) पारितंत्र
(d) जैव आवर्धन।
उत्तर-
(b) पोषी स्तर
(d) किसी पारितंत्र में प्रचलित विभिन्न आहार श्रंखलाओं के संदर्भ में मानव है, कोई :
(a) उपभोक्ता
(b) उत्पादक
(c) उत्पादक एवं उपभोक्ता
(d) उत्पादक और अपमार्जक।
उत्तर-
(a) उपभोक्ता।

प्रश्न 8.
आप कचरे की मात्रा को किस प्रकार कम कर सकते हैं? (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
कचरे की मात्रा को कम करने के लिए निम्नलिखित विधियाँ प्रयुक्त की जा सकती हैं-

  • पुनः चक्रण-कचरे में छंटाई करके ऐसे पदार्थ को अलग कर लिया जाता है जिनका पुनः चक्रण सम्भव है। जैसे-काँच की खाली बोतलें, प्लास्टिक के सामान, आदि। इन पदार्थों को स्थानीय निकाय कर्मियों के हवाले कर दिया जाता है। ये कर्मी इन पदार्थों को पुन: चक्रण के लिए कारखानों में भेज देते हैं।
  • भूमि भराव-ठोस कचरे को शहर के आस-पास की खाली भूमि में भराव के लिए उपयोग किया जाता है।
  • जलाने से-कुछ कचरे को जलाने से इसकी मात्रा में कमी की जा सकती है जैसे-कागज, लकड़ी आदि।
  • बायो गैस तथा खाद के उत्पादन द्वारा-जैव अपघटनी कचरे से बायोगैस तथा खाद का उत्पादन किया जा सकता है। इससे कचरे के निपटान के साथ-साथ ऊर्जा का उत्पादन भी होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. किसी पारितंत्र के घटक हैं
(a) उत्पादक
(b) उपभोक्ता
(c) अपघटक
(d) यह सभी।
उत्तर-
(d) यह सभी।

2. निम्न में से उत्पादक हैं-
(a) हरे पौधे
(b) कवक
(c) जीवाणु
(d) यह सभी।
उत्तर-
(a) हरे पौधे।

3. हरे पादप किस पोषी स्तर में आते हैं?
(a) प्रथम
(b) द्वितीय
(c) तृतीय
(d) चतुर्थ।
उत्तर-
(a) प्रथम।

4. निम्न में से कौन-सी एक सही आहार श्रृंखला है?
(a) घास → मेंढ़क → बाज → सर्प
(b) घास → टिड्डा → मेंढ़क → सर्प
(c) पादप → हिरन → गाय → मेंढ़क
(d) घास → चिड़िया → हिरन → बाज।
उत्तर-
(b) घास → टिड्डा → मेढक → सर्प।

5. निम्नलिखित में कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र है –
(a) वन
(b) समुद्र
(c) गेहूँ का खेत
(d) तालाब।
उत्तर-
(c) गेहूँ का खेत।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

6. सबसे बड़ा पारितंत्र है
(a) रेगिस्तान
(b) महासागर
(c) वन
(d) झील।
उत्तर-
(b) महासागर।

7. एक पारितंत्र में मानव है
(a) शाकाहारी
(b) उत्पादक
(c) मांसाहारी
(d) सर्वाहारी।
उत्तर-
(d) सर्वाहारी।

8. प्रकृति में कितने प्रकार के पारिस्थितिक पिरैमिड पाए जाते हैं ?
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार।
उत्तर-
(c) तीन।

9. ऊर्जा का पिरामिड होता है-
(a) सदैव सीधा
(b) सदैव उल्टा
(c) उल्टा व सीधा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सदैव सीधा।

10. पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह होता है-
(a) एक-दिशीय
(b) द्विदिशीय
(c) उत्क्रमणीय
(d) बहुमुखी।
उत्तर-
(a) एक-दिशीय।।

11. निम्नलिखित में से कौन अजैव निम्नीकरणीय है ?
(a) कपड़ा
(b) लकड़ी
(c) फलों के छिलके
(d) चमड़ा।
उत्तर-
(d) चमड़ा।

12. ओजोन परत को हानि पहुँचाने वाला रसायन है –
(a) DDT
(b) CFCs
(c) O2
(d)CO2.
उत्तर-
(b) CFCs.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks)

1. ……………………………… कारक में अजीवित अंश सम्मिलित होते हैं।
उत्तर-
अजैविक,

2. जो जीव उत्पादक द्वारा उत्पादित भोजन पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से निर्भर करते हैं, ……………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
उपभोक्ता,

3. एक स्थलीय पारितंत्र में हरे पौधे की पत्तियों द्वारा प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा का लगभग ……………………………… प्रतिशत भाग खाद्य ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
उत्तर-
1%,

4. वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते हैं, ……………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
जैव निम्नीकरणीय।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

(a) निम्न प्रश्नों में सूची A को सूची B से मिलान कीजिए।

सूची A सूची B
1. हरे पौधे (i) सर्वाहारी
2. प्रकाश (ii) जलीय पारितंत्र
3. कुत्ता (iii) उत्पादक
4. जीवाणु (iv) अजैविक घटक
5. महासागर (v) सबसे बड़ा पारितंत्र
6. जीवमण्डल (vi) अपघटक

उत्तर-

सूची A सूची B
1. हरे पौधे (iii) उत्पादक
2. प्रकाश (iv) अजैविक घटक
3. कुत्ता (i) सर्वाहारी
4. जीवाणु (vi) अपघटक
5. महासागर (ii) जलीय पारितंत्र
6. जीवमण्डल (v) सबसे बड़ा पारितंत्र

(b)

सूची A सूची B
1. सर्वाहारी (i) हरी घास
2. मृतोपजीवी (ii) शेर
3. परजीवी (iii) हिरन
4. शाकाहारी (iv) जूं
5. परभक्षी (v) कवक
6. उत्पादक (vi) कुत्ता

उत्तर-

सूची A सूची B
1. सर्वाहारी  (vi) कुत्ता
2. मृतोपजीवी  (v) कवक
3. परजीवी (iv) जूं
4. शाकाहारी (iii) हिरन
5. परभक्षी (ii) शेर
6. उत्पादक (i) हरी घास

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
शारीरिक कार्यों को करने हेतु किस ऊर्जा की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
पेशीय ऊर्जा।

प्रश्न 2.
उत्तम ईधन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो ईधन प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक कार्य करे, सरलता से प्राप्त हो, भंडारण तथा परिवहन सरल हो तथा मूल्य में कम हो, उसे उत्तम ईंधन कहते हैं।

प्रश्न 3.
जीवाश्मी ईंधन के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
कोयला, पेट्रोलियम ।

प्रश्न 4.
जीवाश्मी ईधन के जलने पर किन-किन । अधातुओं के ऑक्साइड बनते हैं ?
उत्तर-
कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर।

प्रश्न 5.
जिन संयंत्रों में ईधन को जलाकर ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं, उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तापीय विद्युत संयंत्र।

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प्रश्न 6.
बाँध बनाकर नदियों के पानी की किस ऊर्जा का किसमें रूपान्तरण होता है ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में रूपांतरण।

प्रश्न 7.
किस ईधन को ‘जैव मात्रा’ कहते हैं ? ।
उत्तर-
जो ईंधन पादप और जंतु उत्पाद हो उसे जैव मात्रा कहते हैं।

प्रश्न 8.
चारकोल किस प्रकार बनता है ? .
उत्तर-
लकड़ी को वायु की सीमित मात्रा में जलाकर चारकोल बनाया जाता है।

प्रश्न 9.
पवनों का प्रवाह कैसे होता है ?
उत्तर-
सूर्य के विकिरणों से भूखंडों तथा जलाशयों के असमान तप्त होने के कारण वायु में गति उत्पन्न होती है तथा पवनों का प्रवाह होता है।

प्रश्न 10.
पवन ऊर्जा फार्म किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब किसी विशाल क्षेत्र में अनेक पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं तो उस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फार्म कहते हैं।

प्रश्न 11.
ऊर्जा के अनवीकरणीय व नवीकरणीय स्त्रोत क्या हैं। [राज. 2015]
उत्तर-
अनवीकरणीय-ऐसा ईंधन जिसे प्रयोग करने के पश्चात दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। जैसे-पैट्रोल, डीजल आदि। नवीकरणीय स्रोत-ऐसा ईंधन जिसे प्रयोग करने के पश्चात् दोबारा प्राप्त किया जा सकता उसे नवीकरणीय स्रोत कहते हैं। जैसे-जल ऊर्जा, सौर ऊर्जा।

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प्रश्न 12.
पवन ऊर्जा के लिए पवनों की चाल कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
15 किमी/घण्टा।

प्रश्न 13.
पवन चक्कियों में टूट-फूट की संभावना किन कारणों से होती है ? |
उत्तर-
अंधड़, चक्रवात, धूप, वर्षा आदि से।

प्रश्न 14.
सौर भट्टियों में किस प्रकार का दर्पण प्रयोग किया जाता है। इस उपकरण में बहुत अधिक उच्च तापमान कैसे प्राप्त किया जाता है?
(CBSE 2016)
उत्तर-
सौर भट्टियों में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है। सूर्य की समांतर किरणें इस अवतल दर्पण पर पड़ती हैं तो यह दर्पण उनको परावर्तित करके फोकस बिंदु पर फोकस कर देता है, इसी कारण इस दर्पण के फोकस बिंदु पर उच्च ताप (लगभग 3000°C तक) प्राप्त कर लिया जाता है। इस उच्च तापमान का उपयोग सौर भट्टी में धातु उपक्रमों के लिए किया जाता है।

प्रश्न 15.
महासागरों में जल का स्तर किस कारण चढ़ता और गिरता है ? (नमूना प्रश्न पत्र 2013)
उत्तर-
चंद्रमा के गुरुत्वीय खिंचाव के कारण।

प्रश्न 16.
नाभिकीय ऊर्जा किस कारण से उत्पन्न होती है?
उत्तर-
नाभिकीय विखंडन से।

प्रश्न 17.
हमारे देश में नाभिकीय विद्युत संयंत्र कहाँ-कहाँ प्रतिष्ठित हैं ?
उत्तर-
तारापुर (महाराष्ट्र), राणा प्रताप सागर (राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरौरा (उत्तर प्रदेश), काकरापार (गुजरात) और कैगा (कर्नाटक)।

प्रश्न 18.
नाभिकीय संलयन के लिए कितना तापमान आवश्यक होता है ?
उत्तर-
107K.

प्रश्न 19.
CNG का पूरा नाम लिखिए। (मा. शि बोर्ड 2012)
उत्तर-
संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas).

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 20.
समाप्य और असमाप्य ऊर्जा स्रोत किस दूसरे नाम से जाने जाते हैं?
उत्तर-
समाप्य-अनवीकरणीय स्रोत, असमाप्यनवीकरणीय स्रोत।

प्रश्न 21.
यदि आप अपने भोजन को गर्म करने के लिए किसी भी ऊर्जा स्त्रोत का उपयोग कर सकते हैं, तो आप किस ऊर्जा स्त्रोत को प्राथमिकता देंगे ?अपने चयन का एक कारण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
प्राकृतिक गैस क्योंकि उसका कैलोरी मान अधिक है तथा इसको जलाने से धुआँ नहीं होता है। यह ऊर्जा का स्वच्छ स्त्रोत है।

प्रश्न 22.
जीवाश्म ईंधन की मुख्यतः रचना क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा युक्त कार्बन यौगिकों के वे अणु जिनका निर्माण मूलतः सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए वनस्पतियों के द्वारा हुआ था उन्हें जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

प्रश्न 23.
कोयले को वायु की अनुपस्थिति में जलाने से प्राप्त होने वाले दो उत्पाद लिखो।
उत्तर-

  • कोक,
  • कोलतार।

प्रश्न 24.
तीन शोधित ईधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोल गैस, पेट्रोल, डीजल।

प्रश्न 25.
जैव द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
पौधों तथा जंतुओं के शरीर में उपस्थित पदार्थों को जैव द्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 26.
बायोगैस (जैव गैस) को उत्कृष्ट (उत्तम) ईंधन क्यों माना जाता है ? (CBSE 2019)
उत्तर-
बायोगैस को उत्कष्ट (उत्तम) ईंधन इसलिए माना जाता है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता तथा यह बिना आवाज किए जलता है।।

प्रश्न 27.
ईंधन के रूप में गोबर के उपलों की कोई दो हानियाँ लिखिए।
उत्तर-

  • इनका अपूर्ण दहन होने के कारण धुआँ उत्पन्न होता है।
  • गोबर में उपस्थित लाभप्रद तत्व नष्ट हो जाते हैं जो मिट्टी की उर्वरकता के लिये आवश्यक होते हैं।

प्रश्न 28.
दो कम ज्वलन ताप वाले द्रवों के नाम बताइए।
उत्तर-
ऐल्कोहॉल तथा पेट्रोल।

प्रश्न 29.
घरों में उपयोग किए जाने वाले ईंधनों के उदाहरण दें।
उत्तर-
लकड़ी, गोबर, कोयला, चारकोल तथा द्रवित पेट्रोलियम गैस (L.P.G.) आदि।

प्रश्न 30.
किन्हीं चार अर्धचालकों के नाम बताइए जिनसे सौर सेल बनाए जाते हैं ? (मा. शि बोर्ड 2012)
उत्तर-
सिलिकॉन, गैलियम, सेलेनियम, जर्मेनियम।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 31.
किस महीने में पवन प्रवाह सबसे कम तथा सबसे तेज होता है ?
उत्तर-
सबसे कम – जनवरी सबसे अधिक – जुलाई

प्रश्न 32.
सबसे पहला व्यापारिक सौर सेल कब बनाया गया है ?
उत्तर-
सन् 1954 में।

प्रश्न 33.
सौर पैनल क्या होते हैं ?
उत्तर-
सौर सेलों के समूह को सौर पैनल कहते हैं। इसमें बड़ी संख्या में सौर सेलों को एक विशेष क्रम में जोड़ दिया जाता है।

प्रश्न 34.
सौर पैनलों के दो लाभ लिखिए।
उत्तर-

  1. सड़कों पर प्रकाश करने में
  2. जल पंप चलाने में।।

प्रश्न 35.
बाँध के एकत्रित पानी में कौन सी ऊर्जा होती है ?
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 36.
ऊर्जा संरक्षण का नियम क्या है ?
उत्तर-
“ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। केवल इसको एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।”

प्रश्न 37.
ऊर्जा के अपरंपरागत स्रोतों के उदाहरण बताइए।
उत्तर-

  • जल,
  • वायु।

प्रश्न 38.
सौर ऊर्जा पर आधारित दो संयंत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • सोलर कुकर,
  • सोलर सैल।

प्रश्न 39.
पवन चक्र की सीमायें क्या हैं। (RBSE 2016)
उत्तर-
पवन चक्र केवल उन्हीं क्षेत्रों में कार्य कर सकता है जहाँ पर्याप्त मात्रा में पवन बहती है।

प्रश्न 40.
थर्मल पावर स्टेशन पर ऊर्जा प्राप्ति का साधन क्या होता है ?
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 41.
भारत में ज्वारीय तरंगों से ऊर्जा कहाँ-कहाँ प्राप्त की जा रही है ?
उत्तर-
गुजरात, कच्छ की खाड़ी एवं कैम्बे तथा पश्चिम बंगाल के पूर्वी सागरीय तट पर स्थित सुंदर वन।

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लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer type Questions)

प्रश्न 1.
जीवाश्मी ईंधन से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कैसे घटाया जा सकता है?
उत्तर-

  1. अधिक पेड़ों को उगाकर।
  2. दहन प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाकर।
  3. कारखानों में ऊँची चिमनियाँ लगाकर।
  4. वाहनों में CNG का प्रयोग अधिकता में करके।
  5. आवासीय बस्तियों से कारखानों और फैक्ट्रियों को दूर स्थापित करके।

प्रश्न 2.
जल ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण प्रतिबन्ध बताइए। इसका एक लाभ भी लिखें।
उत्तर-
जल ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण प्रतिबन्ध यह है कि पन-चक्की को चलाने के लिए बहता हुआ जल प्रत्येक स्थान पर अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं होता। इसलिए कार्य करने के लिए जल ऊर्जा का उपयोग केवल उन्हीं स्थानों पर हो सकता है जहाँ बहता हुआ जल अधिक मात्रा में उपलब्ध हो। जल ऊर्जा का महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसके उपयोग से पर्यावरण का प्रदूषण नहीं होता।

प्रश्न 3.
जल विद्युत संयंत्र में होने वाले ऊर्जारूपान्तरण लिखिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
जल विद्युत संयंत्र में किसी ऊँचे स्थान पर जल का भंडारण किया जाता है। यह एकत्रित जल ऊँचाई से अत्यन्त वेग द्वारा टरबाइन को घुमाने के लिए छोड़ा जाता है जिसके परिणामस्वरूप टरबाइन जेनरेटर द्वारा विद्युत का उत्पादन करता है। इस प्रकार जल की स्थितिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा और उसके बाद विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।

जल विद्युत संयंत्र की सीमाएँ-

  • नदी के प्रवाह में परिवर्तन, जिसके कारण बहुत बड़ा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है।
  • उस प्रदेश का जल तंत्र तथा वन्य जीवन नष्ट हो सकता है।

प्रश्न 4.
जल ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए बनाए गए बाँधों से सम्बन्धित समस्याएँ लिखिए।
उत्तर-

  • जल ऊर्जा प्राप्त करने के लिए बाँधों का निर्माण कुछ सीमित क्षेत्रों में ही किया जाता है।
  • बाँधों के निर्माण से पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है।
  • बाँध के जल में डूबने के कारण बड़े-बड़े परिस्थितिक तन्त्र नष्ट हो जाते हैं।
  • विस्थापन के कारण लोगों के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति की समस्या उत्पन्न होती है।
  • जल में डूबे पेड़-पौधों और वनस्पतियों के सड़ने से विघटन के द्वारा विशाल मात्रा में मेथेन गैस उत्पन्न होती है, जो ग्रीन हाउस प्रभाव का कारण बनती है।

प्रश्न 5.
जैव गैस प्लांट में गोबर का प्रयोग करने के दो कारण लिखिए।
उत्तर-

  • गोबर को उपलों के रूप में जलाने से अत्यधिक , धुआँ उत्पन्न होता है जिससे वायु प्रदूषित होती है। गोबर गैस प्लांट में जैव गैस बनती है जिससे वायु प्रदूषित नहीं होती।
  • गोबर को सीधे ही उपलों के रूप में जलाने से उसमें उपस्थित नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस जैस पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जैव गैस प्लांट में गोबर को प्रयुक्त करने से साफ-सुथरा ईंधन प्राप्त होने के पश्चात् अवशिष्ट स्लरी को खेतों में खाद के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 6.
तीन ऐसे कारक बताइए जो पवन को गतिशील करने के लिए उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
पवन को गतिशील करने के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं

  1. पृथ्वी के भूमध्य रेखीय क्षेत्रों तथा ध्रुवीय क्षेत्रों पर आपतित सूर्य की किरणों में तीव्रता में अन्तर का होना,
  2. गर्म वायु तथा ठण्डी वायु के घनत्व में अन्तर का होना तथा
  3. पृथ्वी का घूर्णन।

प्रश्न 7.
भारत में पवन ऊर्जा के उपयोग हेतु बनाई गई योजनाएँ क्या हैं ?
उत्तर-
भारत में पवन ऊर्जा के उपयोग हेतु बनाई गई योजनाएँ-भारत में उपलब्ध पवन ऊर्जा की क्षमता का लाभ उठाने हेतु विस्तृत योजनाएँ बनाई गई हैं। इनमें से कुछ योजनाओं को तो विद्युत उत्पादन हेतु लागू भी किया जा चुका है। भारत में पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन हेतु संयन्त्र गुजरात प्रदेश के ओखा नामक स्थान पर स्थित है। इसकी उत्पादन क्षमता 1 मेगावॉट (1 M W) है। दूसरा पवन ऊर्जा संयन्त्र गुजरात के पोरबन्दर स्थित लांबा नामक स्थान पर है। यह 200 एकड़ से भी अधिक भूमि पर फैला हुआ है। इसमें 50 पवन ऊर्जा चालित टर्बाइन लगी हैं जिनकी क्षमता 200 करोड़ यूनिट विद्युत उत्पन्न करने की है।

प्रश्न 8.
(अ) नाभिकीय ऊर्जा प्रदान करने वाले दो तत्वों के नाम बताइए।
(ब) ज्वार-भाटा किसे कहते हैं? [राज. 2015]
उत्तर-
(अ)

  • यूरेनियम
  • प्लूटोनियम।

(ब) ज्वार-भाटा-घूर्णन गति करती पृथ्वी पर मुख्य रूप से चन्द्रमा के गुरुत्वीय खिचाव के कारण सागरों से जल का स्तर चढ़ता व गिरता रहता है। इस घटना को ज्वार-भाटा कहते हैं।

प्रश्न 9.
सौर ऊष्मक युक्तियों में काँच की पट्टी का क्या महत्व है?
उत्तर-
ऊष्मारोधी बॉक्स में काली पट्टी की ऊपरी सतह को किसी काँच की पट्टी से ढक दिया जाता है। काँच की पट्टी का यह विशेष गुण है कि यह सौर प्रकाश में विद्यमान अवरक्त किरणों को अपने भीतर से गुजरने देती है। काँच की पट्टी के पार गुजरने के बाद उसकी तरंगदैर्ध्य अधिक हो जाती है। काँच की पटटी उन अवरक्त विकिरणों को बाहर नहीं जाने देती जिनकी तरंगदैर्ध्य अधिक हो तथा जिनका उत्सर्जन उन वस्तुओं से हो रहा हो जो तुलनात्मकता रूप से निम्न ताप परे हैं।

प्रश्न 10.
सौर ऊर्जा का दैनिक कार्यों में प्रमुख पारम्परिक उपयोग बताओ।
उत्तर-
सौर ऊर्जा पारम्परिक रूप में निम्नलिखित दैनिक कार्यों के लिए उपयोग की जा रही है

  • कपड़े सुखाने में।
  • फसल काटने के बाद अनाज में से नमी की मात्रा कम करने में।
  • सब्जियाँ, फल और मछली सुखाने में।

प्रश्न 11.
सौर भट्टी किसे कहते हैं? इसकी बनावट तथा लाभ लिखिए।
उत्तर-
जिस भट्टी को सौर ऊर्जा द्वारा गर्म किया जाता है, उसे सौर भट्टी कहते हैं। बनावट-सौर भट्टी में छोटे-छोटे हजारों दर्पणों का प्रयोग किया जाता है। उन्हें इस प्रकार लगाया जाता है कि एक बहुत बड़ा अवतल परावर्तक तैयार हो जाए। इसके फोकस पर एक भट्टी रख दी जाती है। सूर्य की किरणें दर्पण से परावर्तित होकर फोकस बिन्दु पर मिल जाती हैं जिस कारण परावर्तन के पश्चात् भट्टी का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह तापमान इतना अधिक बढ़ाया जा सकता है कि इससे लोहा भी पिघल जाता है।

लाभ-

  • धातुओं को पिघलाकर विभिन्न वस्तुएँ तैयार की जा सकती हैं।
  • धातुओं को काटा और जोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 12.
पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत क्या है ? ऊर्जा के इस स्रोत को व्यापारिक स्तर पर उपयोग करने की आवश्यकता क्यों हुई ?
उत्तर-
पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे विशाल स्रोत सूर्य है। सूर्य द्वारा दी गई ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। पृथ्वी पर प्रतिदिन पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश द्वारा दी गई ऊर्जा संसार के सभी देशों द्वारा एक वर्ष में उपयोग की गई कुल ऊर्जा का 50,000 गुना है। व्यापारिक स्तर पर ऊर्जा के इस स्रोत का उपयोग करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी कि जीवाश्म ईंधनों के ज्ञात भण्डार बहुत कम रह गए हैं जो कुछ ही दशकों में समाप्त हो जायेंगे। इस ऊर्जा के संकट को दूर करने के लिए मानव ने ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की खोज की। इनमें से सूर्य की ऊर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है।

प्रश्न 13.
भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग बढ़ाने हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए हैं ? .
उत्तर-
भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ाने हेतु प्रयास-भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ाने हेतु निम्नलिखित प्रयास किए जा रहे-

  1. भारत में भोजन पकाने के लिए सौर कुकरों के उपयोग को बढ़ाया जा रहा है। भारत सरकार के गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत विभाग (Department of Non-Conventional Energy Sources) अर्थात् DNES द्वारा सोलर कुकरों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  2. भारत में पानी गर्म करने हेतु सोलर जल ऊष्मकों के उपयोग को बढ़ाया जा रहा है। आजकल बहुत से औद्योगिक प्रतिष्ठानों की छतों पर सोलर जल ऊष्मकों को लगाया जा रहा है।

प्रश्न 14.
सौर ऊर्जा तापन युक्तियों के अवगुण बताइए। .
उत्तर-
सभी सौर तापन युक्तियों का एक प्रमुख अवगुण यह है कि इनकी दिशा थोड़ी-थोड़ी देर बाद बदलनी पड़ती है जिससे कि इन पर सूर्य का प्रकाश सीधा पड़े। आजकल ऐसी व्यवस्था की गई है कि ये स्वयं धीरे-धीरे घूमती रहें और इन पर सूर्य का प्रकाश पूरे दिन गिरता रहे। रात के समय सौर ऊर्जा उपलब्ध न होने के कारण इन सौर तापन युक्तियों का उपयोग नहीं किया जा सकता। दिन में आसमान में बादल छा जाने के कारण इन सौर तापन युक्तियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 15.
अर्द्धचालक क्या हैं? इनकी चालकता किस प्रकार बढ़ाई जा सकती है?
उत्तर-
अर्धचालक ऐसे पदार्थ हैं जिनमें सामान्यतया विद्युत का प्रवाह नहीं हो सकता है। सिलिकॉन, जर्मेनियम आदि अर्धचालकों के उदाहरण हैं। विद्युतरोधियों की तुलना में अर्धचालकों में कुछ सीमा तक विद्युत का चालन सम्भव है। अर्धचालकों में कुछ अपद्रव्य (अशुद्धि) मिला देने पर उनकी चालकता बहुत अधिक बढ़ जाती है।

प्रश्न 16.
सामान्यतया प्राकृतिक गैस कहाँ पाई जाती है? इसको साफ-सुथरा ईंधन क्यों कहते हैं?
उत्तर-
प्राकृतिक गैस मुख्यतः मीथेन होती है जो कि खनिज तेल के साथ उपस्थित होती है। कई स्थानों पर इनके कूप होते हैं। यह भूमि के नीचे पेट्रोलियम के ऊपर पाई जाती है-

  • यह गैस आसानी से जलती है तथा इससे ऊष्मा भी उत्पन्न होती है।
  • इसके जलाने से कोई धुआँ उत्पन्न नहीं होता और न ही किसी प्रकार की विषैली गैसें निकलती हैं।
  • इसके जलाने पर कुछ भी शेष नहीं रहता।

प्रश्न 17.
सौर सेल महँगे क्यों होते हैं? इनका उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?
उत्तर-
सौर सेल निर्माण हेतु सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है। प्रकृति में सौर सेलों को बनाने में उपयोग होने वाले विशिष्ट श्रेणी के सिलिकॉन की उपलब्धता सीमित है। सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके पैनेल बनाने में चाँदी का उपयोग किया जाता है जिससे इसकी लागत बढ़ जाती है। उच्च लागत तथा कम दक्षता होने पर भी इनका उपयोग बहुत से वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक अनुप्रयोगों में किया जाता है। मानव निर्मित उपग्रहों में सौर सेलों का उपयोग प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है। रेडियो, संचार तन्त्रों, टी.वी. रिले केन्द्रों आदि में सौर पैनेल उपयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 18.
एल.पी.जी. को अच्छा इंधन क्यों समझा जाता है?
उत्तर-

  • L.PG का कैलोरी मान अधिक (46kJ/g) है।
  • यह गैस धुआँ रहित ज्वाला के साथ जलती है क्योंकि इसमें कोई विषैली गैस उत्पन्न नहीं होती है अर्थात् इससे वायु प्रदुषण नहीं होता है।
  • यह ऊष्मा उत्पन्न करने का कम खर्च वाला साधन है।

प्रश्न 19.
L.P.G के घटक बताओ। इस ईधन को कोयले से अच्छा क्यों समझा जाता है?
उत्तर-
यह द्रवित ब्यूटेन तथा आइसो ब्यूटेन का मिश्रण है। इसके रिसाव का पता लगाने के लिए इथाइल मरकेप्टन (C2H5SH) की थोड़ी सी मात्रा इसमें डाली जाती है।

निम्नलिखित गुणों के कारण इसे उत्तम ईंधन माना जाता है।

  • इसमें वाष्पशील न होने वाले पदार्थों की बहुत कम मात्रा होती है।
  • इसका ऊष्मीय कैलोरी मान अधिक होता है तथा इससे वायु प्रदूषण नहीं होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
गोलीय परावर्तक युक्त सौर कुकर का नामांकित चित्र बनाकर वर्णन कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
गोलीय परावर्तक युक्त सौर कुकर (Solar CookerContaining Spherical Reflector) इस प्रकार के सौर कुकर में उच्च ताप प्राप्त करने के लिए सूर्य की किरणों को फोकस किया जाता है। इस कार्य के लिए अवतलाकार दर्पण या परवलयिक दर्पण का प्रयोग किया जाता है। जब सूर्य के प्रकाश की समान्तर किरणें गोलीय परावर्तक के पृष्ठ पर गिरती हैं, तो वे इसके फोकस F पर केन्द्रित हो जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 1
सूर्य की प्रकाश किरणों के एक ही स्थान पर केन्द्रित होने के कारण वहाँ अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण उस स्थान का ताप अधिक हो जाता है, यदि पकने वाली वस्तु को फोकस पर रखा जाए तो बर्तन गर्म हो जाता है तथा भोजन पकना आरम्भ हो जाता है। इसमें सामान्य सौर कुकर से अधिक ताप प्राप्त होता है, इसलिए इसे रोटियाँ सेंकने तथा सब्जियाँ तलने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
(a) सौर सेल पैनल का वर्णन कीजिए।
(b) एक पवन चक्की के कार्य सिद्धान्त के विषय में लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) सौर सेल पैनल-जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को एक साथ किसी विशेष प्रकार के बोर्ड पर लगाकर ऊँचे स्थान पर खड़ा कर दिय जाता है तो इस अवस्था को सौर सेल पैनल कहते हैं। इन सभी सौर सेलों से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा काफी अधिक मात्रा में विभवान्तर (voltage) उत्पन्न कर सकते हैं। सौर सेल पैनलों का उपयोग कृत्रिम उपग्रहों में तथा सुदूर (दूर-दराज) के स्थानों पर विद्युत की आपूर्ति के लिए किया जाता है। सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग होता है क्योंकि सिल्वर विद्यत का उत्तम चालक है जिसकी प्रतिरोधकता कम होती है। सिल्वर सौर सेलों की गुणवत्ता में वृद्धि करता है।
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(b) पवन चक्की का कार्य सिद्धान्त-पवन चक्की एक संयंत्र है जिससे पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत बनाई जाती है। इसमें पवन के तेज वेग से पवन चक्की के पंखों को घूर्णन गति दी जाती है। इसलिए पवन का न्यूनतम वेग 15km/h होना चाहिए। इस घूर्णन गति से जनित्र के टरबाईन को घुमाया जाता है। टरबाईन की गतिज ऊर्जा को फिर जनित्र द्वारा विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है। पवन चक्की की पंखुड़ियों की घूर्णी गति का उपयोग कुओं से जल खींचने के लिए, आटे की चक्की, पानी के पम्प चलाने आदि में भी किया जाता है। वह विशाल क्षेत्र जहाँ बहुत-सी पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं उसे पवन ऊर्जा फॉर्म कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 3.
सौर जल ऊष्मक का नामांकित चित्र बनाकर उसकी क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सौर जल ऊष्मक (Solar Water Heater)इस युक्ति के द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग करके जल को गर्म किया जाता है। यह एक ऊष्मारोधी बक्से B का बना होता है जिसकी आन्तरिक सतह को काला कर दिया जाता है। इसमें अन्दर की ओर काले रंग की पुती हुई ताँबे की ट्यूबें T कुण्डली के रूप में लगी होती हैं। संवहन तथा विकिरण द्वारा ऊष्मा की हानि को रोकने के लिए बक्से के ऊपर शीशे का एक ढक्कन लगा देते हैं। ताँबे की इन ट्यूबों को मकान की छत के ऊपर लगा देते हैं, जिससे इन्हें पूरे दिन सूर्य का पर्याप्त प्रकाश मिल सके।
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कार्यविधि (Working) सबसे पहले ठण्डे पानी को पाइप P के रास्ते भण्डारण टैंक में प्रवेश कराते हैं। इसके पश्चात् यह पानी पाइप M से होकर ताँबे की ट्यूबों T में चला जाता है। ये ताँबे की ट्यूबें सूर्य से आने वाली ऊर्जा का अवशोषण करके गर्म हो जाती हैं। जब यह ठण्डा पानी इन गर्म ताँबे की ट्यूबों से गुजरता है, तो वह भी गर्म हो जाता है। गर्म जल हल्का होने के कारण ताँबे की ट्यूब के दूसरे सिरे से निकल कर पाइप N के रास्ते से होता हुआ पाइप S में चला जाता है जहाँ इस जल का उपयोग कर लिया जाता है।

प्रश्न 4.
सौर तापन युक्तियों के डिजाइन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।।
उत्तर-
सौर तापन युक्तियाँ (Solar Thermal Devices)-सौर तापन यक्तियों को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि वे सूर्य की ऊर्जा को अधिक से अधिक संग्रहीत कर सकें।
1. काले रंग की सतह का उपयोग-काले रंग की पुती सतहों का उपयोग करने का कारण यह है कि काली सतहों द्वारा प्रकाश में उपस्थित ऊष्मा का अवशोषण अत्यधिक होता है, इस कारण से सौर कुकर जैसी तापन युक्तियों के अन्दर की सतह काली बनायी जाती हैं।
2. काँच के ढक्कन का उपयोग-सौर कुकर द्वारा अवशोषित ऊष्मीय ऊर्जा जब उस सतह द्वारा उत्सर्जित होती है तब बक्से पर लगा काँच का ढक्कन इन अवरक्त किरणों को बक्से से बाहर नहीं जाने देता, अत: बॉक्स के अन्दर की ऊष्मा अन्दर ही रह जाती है।
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3. परावर्तक का उपयोग-सौर तापन युक्ति की दक्षता बढ़ाने के लिए इसमें एक परावर्तक तल लगा दिया जाता है जो कि एक समतल दर्पण होता है। इसके कारण अधिक से अधिक ऊष्मीय किरणें सौर तापन युक्ति के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं। अधिक ताप प्राप्त करने के लिए इनमें गोलीय परावर्तक का प्रयोग करते हैं।

सौर तापन युक्ति की दक्षता विद्युत प्रचालित युक्ति से कम होती है। इसके निम्नलिखित तीन कारण हैं-

  1. सौर ऊर्जा का केवल कुछ भाग ही पृथ्वी की सतह तक पहुँच पाता है, अधिकांश भाग पृथ्वी की ऊपरी सतह द्वारा अन्तरिक्ष में परावर्तित हो जाता है तथा पृथ्वी के वायुमण्डल में उपस्थित धूल, ओजोन आदि द्वारा अवशोषित हो जाता है, जबकि विद्युत प्रचालित युक्ति में दी गयी विद्युत ऊर्जा पूर्णतः ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है।
  2. सौर तापन युक्ति में उपयोग की जाने वाली कृष्ण सतह अपने ऊपर आपतित सौर ऊर्जा को पूर्णतः अवशोषित नहीं कर पाती हैं क्योंकि आदर्श कृष्ण सतह का होना असम्भव है।
  3. सौर तापन युक्ति में ऊष्मा का कुछ भाग चालन, संवहन तथा विकिरण द्वारा क्षय हो जाता है, जबकि विद्युत प्रचालित युक्ति में यह ऊष्मा क्षय बहुत कम होता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अनुच्छेद और संबधित पढ़ी गयी संकल्पनाओं के आधार पर प्रश्न संख्या (a) से (d) के उत्तर दीजिए-
भारत में सौर शक्ति एक तीव्र विकसित होता हुआ उद्योग है। 31 जुलाई, 2019 तक देश की सौर प्रतिष्ठापित क्षमता 30.071 GW तक पहँच गई थी। भारत में प्रतिष्ठापित सौर शक्ति संयंत्रों की प्रति MW पूँजी लागत सबसे कम है। जनवरी 2019 में सौर विद्युत् जनन कुल उपयोग होने वाले विद्युत जनन का लगभग 3.4% रिकॉर्ड की गई। निम्नलिखित तालिका में पिछले छः वर्षों में वार्षिक सौर शक्ति जनन को दर्शाया गया है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 5
हमारा देश भाग्यशाली है कि वर्ष के अधिकांश भाग में सौर ऊर्जा प्राप्त होती रहती है। ऐसा अनुमान है कि भारत 5000 ट्रिलियन kWh के तुल्य ऊर्जा से अधिक ऊर्जा एक वर्ष में सूर्य से प्राप्त करता है।
(a) सौर सेल क्या हैं ? (CBSE 2020)
उत्तर-
सौर सैल वह उपकरण हैं जो सौर ऊर्जा में परिवर्तित करता है। यह सिलिकॉन-बोरॉन और सिलिकॉन आर्सेनिक परत की एक संरचना है।

(b) धूप में रखे जाने पर किसी प्रारूपी सौर सेल से कितनी बोल्टता विकसित और कितनी विद्युत उत्पन्न की जा सकती है?
उत्तर-
0.5-1.0 V तक वोल्टता विकसित होती है तथा 0.7ω विद्युत उत्पन्न होती है।

(c) भारत में सौर ऊर्जा द्वारा शक्ति जनन का भविष्य उज्जवल है। इसका कारण दीजिए।
उत्तर-
भारत में सौर ऊर्जा शक्ति जनन का भविष्य उज्जवल है क्योंकि वर्ष के अधिकांश भाग में सौर ऊर्जा प्राप्त होती रहती है। ऐसा अनुमान है कि, भारत 5000 ट्रिलियन kWh के तुल्य ऊर्जा से अधिक ऊर्जा एक वर्ष में सूर्य से प्राप्त करता है।

(d) सौर सेलों के दो लाभों को सूचीबद्ध कीजिए।

प्रश्न 6.
जीवाश्मी ईंधन को अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के रूप में क्यों वर्गीकृत किया गया है? इन स्रोतों के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
उत्तर-
जीवाश्मी ईंधन आज से लाखों-करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर होने वाले परिवर्तनों के कारण बने थे। भौगोलिक तथा वातावरणीय परिवर्तनों के कारण जीव-जन्तु एंव पेड़-पौधे मिट्टी की सतह के नीचे दब गए थे। पृथ्वी तल के दबाव और भीतरी गर्मी के कारण वे जीवाश्मी ईंधन में परिवर्तित हो गए थे।

मनुष्य अपने उपयोग हेतु भूमि से लगातार इनका दोहन करते आ रहे हैं। प्रयोग के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नही किया जा सकता इसलिए इन्हें जीवाश्मी अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत माना जाता है। भूमि के नीचे निरन्तर इनकी कमी होती जा रही है। पेट्रोल तो हमारे देश में सन् 2020 तक समाप्त हो जाएगा और कोयला लगभग 250 वर्ष पश्चात् नही रहेगा। इस कारण से इनका प्रयोग अत्यन्त सोच-समझकर करना चाहिए।

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प्रश्न 7.
सौर सेलों के उपयोग बताइए।
उत्तर-
सौर सेलों के उपयोग-सौर सेलों का उपयोग दुर्गम तथा दूरस्थ स्थानों में विद्युत ऊर्जा उपलब्ध कराने में अत्यन्त प्रभावशाली सिद्ध हुआ है। सौर सेलों के महत्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं –

  1. सौर सेलों का उपयोग कृत्रिम उपग्रहों तथा अन्तरिक्ष यानों में विद्युत उपलब्ध करने के लिए किया जाता है। वास्तव में, सभी कृत्रिम उपग्रह तथा अन्तरिक्ष यान मुख्यतः सौर पैनलों के द्वारा उत्पादित विद्युत ऊर्जा पर ही निर्भर करते हैं।
  2. भारत में सौर सेलों का उपयोग सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था करने में, सिंचाई के लिए जलपम्पों को चलाने तथा रेडियो व टेलीविजन सैटों को चलाने में किया जाता है।
  3. सौर सेलों का उपयोग समुद्र में स्थित द्वीप स्तम्भों में तथा तट से दूर निर्मित खनिज तेल के कुएँ खोदने वाले संयन्त्रों को विद्युत शक्ति प्रदान करने में किया जाता है।
  4. आजकल सौर सेलों का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक घड़ियों तथा कैलकुलेटरों को चलाने में भी किया जाता है।

प्रश्न 8.
सौर ऊर्जा का दोहन करने की प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सौर ऊर्जा का दोहन करने की विधियाँ-सौर ऊर्जा का दोहन करने की दो विधियाँ हैं-
1. प्रत्यक्ष विधि-सौर ऊर्जा का प्रत्यक्ष रूप में दोहन (उपयोग) या तो ऊष्मा के रूप में एकत्र करके किया जा सकता है (जैसे-सौर कुकर में) या उसे सीधे ही विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके किया जा सकता है (जैसे-सौर सेलों में)। इस प्रकार, सौर ऊर्जा प्रत्यक्ष रूप में (या सीधे) उपयोग में लाई जा सकती है।

2. अप्रत्यक्ष विधि-सौर ऊर्जा का अप्रत्यक्ष रूप से दोहन (उपयोग) उसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके किया जा सकता है, जैसे-पौधों के द्वारा प्रकाश संश्लेषण क्रिया में।

सौर ऊर्जा को अप्रत्यक्ष रूप में उपयोग करने की विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  • पवन ऊर्जा का उपयोग,
  • समुद्री लहरों की ऊर्जा का उपयोग तथा
  • सागर की विभिन्न गहराइयों पर जल के ताप में अन्तर का उपयोग।

प्रश्न 9.
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण विद्युत संयंत्र के कार्य का सिद्धांत लिखिए। वर्णन कीजिए कि यह संयंत्र किस पकार कार्य करता है? इसके ठीक से कार्य करने के लिए एक आवश्यक शर्त लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण विद्युत संयंत्र का सिद्धांत-सागरों या महासागरों के पृष्ठ एवं गहराई में स्थित जल के तापमान के अंतर के द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy) कहते हैं। (OTEC) ऊर्जा संयंत्र के कार्य-OTEC संयंत्र में पृष्ठ (सतह) के तप्त (गर्म) जल से अमोनिया जैसे वाष्पशील द्रवों को उबाला जाता है और इनसे बनी वाष्प से टरबाइन को घुमाया जाता है। महासागर की गहराइयों से ठंडे जल को पंपों से खींचकर वाष्प को ठंडा करके फिर से द्रव अवस्था में संघनित कर लिया जाता है।

OTEC संयंत्र ठीक से कार्य करें इसके लिए आवश्यक शर्ते निम्न हैं-

  • समुद्री किनारों पर दिन में अच्छी धूप हो।
  • इसके कारण समुद्र के जल के ऊपरी सतह और भीतरी सतह के बीच तापमान में काफी अंतर हो जाता है। इससे संयंत्र को अधिक उष्मीय ऊर्जा मिलती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. बायोगैस में उपस्थित मीथेन गैस का प्रतिशत होता-
(a) 25%
(b) 50%
(c) 75%
(d) 100%.
उत्तर-
(c) 75%.

2. सौर सेल बनाने में प्रयुक्त होता है-
(a) कार्बन
(b) सिलिकॉन
(c) सोडियम
(d) कोबाल्ट।
उत्तर-
(b) सिलिकॉन।

3. निम्नलिखित में से कौन जैव मात्रा ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है ?
(a) लकड़ी
(b) गोबर गैस
(c) कोयला
(d) नाभिकीय ऊर्जा।
उत्तर-
(d) नाभिकीय ऊर्जा।

4. LPG का कैलोरी मान है –
(a) 46kJ/g
(b) 96kJ/g
(c) 146kJ/g
(d) 196k/g.
उत्तर-
(a) 46kJ/g.

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5. निम्न में से कौन सा अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है ?
(a) पवन ऊर्जा
(b) सौर ऊर्जा
(c) जीवाश्मी ईंधन
(d) जल ऊर्जा ।
उत्तर-
(c) जीवाश्मी ईंधन।

6. परमाणु संयंत्रों में प्रयुक्त ईधन है –
(a) जल
(b) प्लूटोनियम
(c) जीवाश्मी ईंधन
(d) बायो गैस।
उत्तर-
(b) प्लूटोनियम।

7. सौर पैनल में किस धातु के प्रयोग होने के कारण वे महँगे होते हैं?
(a) ताँबा
(b) सोना
(c) चाँदी
(d) प्लेटिनम।
उत्तर-
(c) चाँदी।

8. स्वच्छ ईंधन है-.
(a) CNG
(b) डीजल
(c) जीवाश्मी ईंधन
(d) पेट्रोलियम।
उत्तर-
(a) CNG.

9. महासागरों से हमें कौन सी ऊर्जा प्राप्त होती है?
(a) ज्वारीय ऊर्जा
(b) तरंग ऊर्जा
(c) महासागर तापीय ऊर्जा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

10. प्राकृतिक रूप में ठोस ईंधन कौन सा है?
(a) कोक
(b) कोयला
(c) CNG
(d) LPG.
उत्तर-
(b) कोयला।

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11. पृथ्वी के वायुमंडल के ऊपरी भाग के प्रत्येक वर्ग मीटर द्वारा कितनी ऊर्जा प्रति सेकंड प्राप्त की जाती है?
(a) 1.36k
(b) 13.6 kJ
(c) 136kJ
(d) 130kJ.
उत्तर-
(a) 1.36 kJ.

12. ऊर्जा का वास्तविक एकमात्र स्रोत क्या है?
(a) सूर्य
(b) जल
(c) यूरेनियम
(d) जीवाश्मी ईंधन।
उत्तर-
(a) सूर्य।

13. सौर सेलों का संयोजन कहलाता है –
(a) सौर प्लेट
(b) सौर पट्टी
(c) सौर पैनल
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) सौर पैनल।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks)

1. बायो गैस में …………………………. प्रतिशत मीथेन गैस होती है।
उत्तर-
75%,

2. जीव जन्तुओं व पेड़-पौधों के अवशेष जो लाखों वर्षों से पृथ्वी के अन्दर दबे हुए हैं, …………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
जीवाश्म,

3. सूर्य के प्रकाश की गर्मी से सागर के जल में तापान्तर से प्राप्त ऊर्जा …………………………. कहलाती है।
उत्तर-
महासागरीय तापीय ऊर्जा,

4. किसी बड़े नाभिक का दो छोटे नाभिकों में विखण्डित होना ………………………….कहलाता है।
उत्तर-
नाभिकीय विखण्डन,

5. जिन स्थानों पर अनेक पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं, उस क्षेत्र को …………………………. कहते हैं।
उत्तर-
पवन ऊर्जा फॉर्म।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

सूची A का सूची B से मिलान कीजिए-

(a)

सूची A सूची B
1. राकेट ईंधन (i) मीथेन
2. जीवाश्य ईंधन (ii) कोयला
3. मार्श गैस (iii) ऑक्सीजन
4. प्राण वायु (iv) हाइड्रोजन

उत्तर-

सूची A सूची B
1. राकेट ईंधन (iv) हाइड्रोजन
2. जीवाश्य ईंधन (ii) कोयला
3. मार्श गैस (i) मीथेन
4. प्राण वायु (iii) ऑक्सीजन

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

(b)

सूची A सूची B
1. सेलेनियम (i) फास्फोरस नाइट्रोजन
2. स्लरी (ii) हाइड्रोजन
3. नाभिकीय विखण्डन (iii) सौर सेल
4. नाभिकीय संलयन (iv) यूरेनियम
5. भूतापीय ऊर्जा (v) सूर्य
6. सौर पैनल (vi) तप्त स्थल

उत्तर-

सूची A सूची B
1. सेलेनियम (iii) सौर सेल
2. स्लरी (i) फास्फोरस नाइट्रोजन
3. नाभिकीय विखण्डन (iv) यूरेनियम
4. नाभिकीय संलयन (ii) हाइड्रोजन
5. भूतापीय ऊर्जा (vi) तप्त स्थल
6. सौर पैनल (v) सूर्य

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उत्तर दिशा की ओर संकेत करने वाले चुम्बकीय सिरे को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
उत्तरी ध्रुव।

प्रश्न 2.
दक्षिण दिशा की ओर संकेत करने वाले चुम्बकीय सिरे को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
दक्षिणी ध्रुव।

प्रश्न 3.
चुम्बकीय क्षेत्र कैसी राशि है ?
उत्तर-
चुम्बकीय क्षेत्र में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं।

प्रश्न 4.
चुम्बक के ध्रुवों में आकर्षण व प्रतिकर्षण किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
चुम्बक के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित एवं असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 5.
चुम्बकीय क्षेत्र से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
किसी चुम्बक के आस-पास के क्षेत्र में चुम्बक के आकर्षण या विकर्षण का प्रभाव जहाँ तक दिखाई दे उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 6.
चुम्बकीय क्षेत्र की आपेक्षिक प्रबलता अधिकतम कहाँ होती है ?
उत्तर-
चुम्बक के ध्रुव पर।

प्रश्न 7.
मुक्त अवस्था में लटकाने पर चुम्बक किस-किस दिशा को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
उत्तर और दक्षिण दिशा को।

प्रश्न 8.
विद्युत द्वारा बनाए गए चुम्बक को क्या कहते
उत्तर-
विद्युत चुम्बक।

प्रश्न 9.
किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर क्या होता है ?
उत्तर-
तार के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 10.
चुम्बकीय बल रेखायें किस ध्रुव से निकलती हुयी प्रतीत होती हैं ?
उत्तर-
उत्तरी ध्रुव (North pole)

प्रश्न 11.
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किस ओर होती है ?
उत्तर-
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्षेत्र के किसी बिन्दु पर रखी गयी कम्पास सुई के दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर खींची गयी रेखा की दिशा में होती है।

प्रश्न 12.
किसी परिनालिका के बीच सभी बिंदुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र कैसा होता है ?
उत्तर-
सभी बिंदुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र एक समान होता है।

प्रश्न 13.
परिनालिका में विद्युत धारा प्रवाह बंद करने पर क्या होता है ?
उत्तर-
चुम्बकीय प्रभाव समाप्त हो जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 14.
परिनालिका में धारा की दिशा बदलने पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
ध्रुवों की स्थिति परस्पर बदल जाती है।

प्रश्न 15.
तार के फेरों की संख्या पर चुम्बकीय शक्ति किस प्रकार निर्भर करती है ?
उत्तर-
तारों की संख्या बढ़ाने पर चुम्बकीय क्षेत्र की शक्ति बढ़ जाती है।

प्रश्न 16.
किस क्रोड से अधिक शक्तिशाली चुम्बक बनता है ?
उत्तर-
नर्म लोहे के क्रोड से।

प्रश्न 17.
यदि स्वतन्त्रता पूर्वक लटकी परिनालिका में विद्युत धारा की दिशा बदल दी जाये तो क्या होता है?
उत्तर-
विद्युत धारा की दिशा बदल देने पर परिनालिका 180° से घूम जायेगी।

प्रश्न 18.
धारावाही चालक पर आरोपित बल की दिशा किस नियम से निकाली जाती है?
उत्तर-
फ्लेमिंग के वामहस्त नियम से।

प्रश्न 19.
धारावाही चालक की लम्बाई बढ़ाने पर चालक पर लगने वाले बल पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल बढ जायेगा।

प्रश्न 20.
चुम्बकीय क्षेत्र में रखे चालक पर लगने वाले बल पर क्या प्रभाव पड़ेगा जब चालक में बहने वाली धारा को बढ़ा दिया जाये? .
उत्तर-
चालक पर बल बढ़ जायेगा।

प्रश्न 21.
विद्युत धारा का मान बढ़ाने पर विद्युत चुम्बकीय शक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय शक्ति अधिक हो जाती है।

प्रश्न 22.
नर्म लौह क्रोड एवं कुंडली को मिलाकर क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आर्मेचर।

प्रश्न 23.
गैल्वेनोमीटर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गैल्वेनोमीटर एक ऐसा उपकरण है जो किसी परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति संसूचित करता है।

प्रश्न 24.
प्रत्यावर्ती धारा (ac) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसी विद्युत धारा जो समान-समान अंतरालों के पश्चात् अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।

प्रश्न 25.
हमारे देश में धनात्मक और ऋणात्मक तारों के बीच कितना विभव होता है ?
उत्तर-
220VI .

प्रश्न 26.
विद्युत मोटर व विद्युत जनित्र में सिद्धान्ततः क्या अन्तर है ?
उत्तर-
विद्युत मोटर में विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में तथा विद्युत जनित्र में यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।

प्रश्न 27.
MRI का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
MRI-चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिंबन होता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 28.
जनित्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनित्र वह युक्ति है जो यांरिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।

प्रश्न 29.
विद्युत चुम्बकों का प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?
उत्तर-
रेडियो, स्पीकरों, कम्प्यूटरों आदि में विद्युत चुम्बकों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 30.
विद्युत द्वारा बनाये गये चुम्बक को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
विद्युत चुम्बक।

प्रश्न 31.
किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर पर क्या होता है ?
उत्तर-
तारों के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 32.
विद्युत कुचालकों के दो उदाहरण दो। उत्तर-लकड़ी, रबड़।

प्रश्न 33.
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
चुम्बकीय प्रभाव से विद्युत प्रभाव को उत्पन्न करने को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।

प्रश्न 34.
किन्हीं चार उन यंत्रों के नाम लिखो जिनमें विद्युत चुम्बक प्रयोग होता है ? [RBSE 2015]
उत्तर-

  1. विद्युत स्पीकर
  2. टेलीग्राफ
  3. कम्प्यूटर
  4. रेडियो।

प्रश्न 35.
किसी कुण्डली में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं में परिवर्तन के कारण उसमें प्रेरित विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इस मूल परिघटना का मान लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण।

प्रश्न 36.
प्रेरित धारा की दिशा किस नियम से निकाली जाती है ?
उत्तर-
फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम से।

प्रश्न 37.
घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिये कौन-सी दो सावधानियाँ बरतनी चाहिए? [राज. 2015]
उत्तर-
फ्यूज तथा M.C.V.।

प्रश्न 38.
शार्ट सर्किट किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
शार्ट सर्किट विद्युन्मय एवं उदासीन तारों के सीधे सम्पर्क में आने के कारण होता है।

प्रश्न 39.
विद्युत धारा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
विद्युत धारा दो प्रकार की होती है

  • ए. सी. (प्रत्यावर्ती धारा),
  • डी. सी. (दिष्ट धारा)।

प्रश्न 40.
फ्यूज कैरियर क्या होता है ?
उत्तर-
यह चीनी मिट्टी का एक खोल होता है, जिसमें ताँबे के दो प्वाइंट होते हैं। इन दोनों को फ्यूज की तार द्वारा जोड़ देते हैं। इस खोल को फ्यूज कैरियर कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer type Questions)

प्रश्न 1.
पृथ्वी एक बड़े चुम्बक की तरह व्यवहार क्यों करती है ?
उत्तर-
पृथ्वी एक बहुत बड़े छड़ चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है। इसके चुम्बकीय क्षेत्र को तल से 3 x 104 किमी ऊँचाई तक अनुभव किया जा सकता है। चुम्बकीय क्षेत्र के निम्नलिखित कारण माने जाते हैं-

  1. पृथ्वी के भीतर पिघली हुई अवस्था में विद्यमान धात्विक द्रव्य लगातार घूमते हुए बड़े चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है।
  2. पृथ्वी के केन्द्र में लोहा व निकिल हैं, पृथ्वी के लगातार घूमने से इनका चुम्बकीय व्यवहार प्रकट होता है।
  3. पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण इसका चुम्बकत्व प्रकट होता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के प्रतिरूप खींचिए
(i) वृत्ताकार कुण्डली में प्रवाहित धारा,
(ii) धारावाही परिनालिका। [RBSE 2015]
उत्तर-
(i)
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प्रश्न 3.
(a) किसी धारावाही वृत्ताकार पाश (लूप) के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण इस पाश के भीतर और बाहर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का पैटर्न खींचिए।
(b) इस पाश के भीतर और बाहर के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम का नाम लिखिए और इस नियम का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
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(b) दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम (Right Hand Thumb Rule)- के द्वारा पाश के भीतर और बाहर के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात की जाती है जो इस प्रकार है: यदि दाहिने हाथ में धारावाही चालक को इस प्रकार पकड़े हुए हैं कि आपका अंगूठा विद्युत धारा की ओर संकेत करता है, तो अंगुलियाँ चालक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र की रेखाओं में लिपटी होंगी।
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प्रश्न 4.
चुम्बकीय क्षेत्र में किसी धारावाही विद्युत चालक द्वारा लगने वाले बल की दिशा निर्धारित करने वाला नियम बताइए। यह बल कैसे प्रवाहित होगा यदि
(i) धारा के प्रवाह को दुगुना किया जाए ?
(ii) जब धारा की दिशा विपरीत होती है। (CBSE 2017)
उत्तर-
फ्लेमिंग का वाम-हस्त का नियम। बल F = BIL.
(i) जब धारा का परिमाण दुगुना होता है तो बल का परिमाण भी दुगुना हो जाता है।
(ii) जब बल की दिशा विपरीत होती है तो प्रवाहित धारा की दिशा भी विपरीत हो जाती है।

प्रश्न 5.
चिकित्सा विज्ञान में चुम्बकत्व का क्या महत्व
उत्तर-
मानव शरीर में अत्यन्त कम चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह शरीर के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र के विभिन्न भागों के प्रतिबिम्ब प्राप्त करने का आधार बनता है। इसके लिए चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्ब (MRI) की सहायता से विशेष प्रतिबिम्ब लिये जाते हैं।

प्रश्न 6.
तार की वृत्तीय कुंडली में विद्युत धारा के प्रवाह द्वारा कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है। इस क्षेत्र की स्थापना की पहचान कैसे की जा सकती है? इस चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा की पूर्व उक्ति किस नियम से की जा सकती है?
उत्तर-
वृत्तीय कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसके केन्द्र बिन्दु पर एक छोटी चुम्बकीय सुई रखने पर यदि यह सुई घूमने लगती है तो पता चलता है कि कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित हो चुका है। इस क्षेत्र की दिशा का पता हम मैक्सवेल के दाहिने हाथ के नियम से लगा सकते हैं। इस नियमानुसार, “किसी धारावाही चालक को हम अपने दाएँ हाथ से इस प्रकार पकड़ें कि यदि अंगूठा धारा की दिशा को प्रदर्शित करे तो अंगुलियों की लपेटें चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करेंगी।”

प्रश्न 7.
(a) यदि एक चालक तार जिस पर विद्युतरोधी कवर चढ़ा है, एक कुण्डली के रूप में है तथा यह कुण्डली चालक के तारों द्वारा एक गैल्वेनोमीटर G के साथ जुड़ी हुई है। अब यदि इस कुण्डली में एक छड़ चुंबक का S ध्रुव उसके एक तरफ से:
(i) तेजी से कुण्डली के भीतर डाला जाए
(ii) तेजी से कुण्डली से बाहर निकाला जाए
(iii) उसे कुण्डली के एक तरफ स्थिर रख दिया जाए। प्रत्येक स्थिति में आप क्या देखेंगे? यदि यही क्रियाएँ S ध्रुव के साथ दोहराई जाएँ तो आप क्या प्रेक्षण करेंगे?
(b) इस परिघटना से कौन-सा प्रक्रम जुड़ा है ? उसकी परिभाषा लिखिए।
(c) उस नियम को लिखिए जो इनमें से प्रत्येक स्थिति में विद्युत धारा की दिशा बताता है। (CBSE 2016)
उत्तर-
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(a)
(i) जब छड़ चुम्बक का उत्तरी सिरा कुंडली में डाला जाता है, तब गैल्वेनोमीटर में वामावर्त विक्षेपण होता है।
(ii) जब छड़ चुम्बक को कुंडली को कुंडली में स्थिर रखा जाता है, गैल्वेनोमीटर में कोई विक्षेपण नहीं होता।
(iii) जब छड़ चुम्बक को खींचकर बाहर निकाला जाता है, तो गैल्वेनोमीटर में दक्षिणावर्त विक्षेपण होता है।

परिणामतः यह निष्कर्ष निकलता है कि जब कुंडली में छड़ चुम्बक को गति करायी जाती है तो गैल्वेनोमीटर में विक्षेपण होता है अर्थात् कुंडली में एक प्रकार की विद्युत धारा उत्पन्न होती है, जो गैल्वेनोमीटर में विक्षेपण उत्पन्न करती है।

परिघटना-विद्युत चुम्बकीय प्रेरण।
यदि यही क्रिया S ध्रुव के साथ दोहराई जाएगी तो G में विक्षेप पहले से विपरीत होगा :

  • जब S ध्रुव को कुण्डली के भीतर ले जाते हैं तो G की सुई दक्षिणावर्त (बाईं तरफ) मुड़ जाती है।
  • जब S ध्रुव को कुण्डली से बाहर निकालते हैं तो G की सुई वामावर्त (दाईं तरफ) मुड़ जाती है।
  • जब S ध्रुव को कुण्डली के पास स्थिर रखा जाता है तो G की सुई 0 (शून्य) पर ही रहती है।

(b) इस परिघटना वैद्युत चुंबकीय प्रेरण प्रक्रम से जुड़ा है। इस क्रिया में चालक कुण्डली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी चालक को परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र में रखने के कारण उस चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, वैद्युत चुंबकीय प्रेरण कहलाता है।

(c) इस नियम का नाम है फ्लेमिंग का दक्षिण-हस्त नियम जो इस प्रकार है :
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फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम के अनुसार, ‘अपने दाहिने हाथ की तर्जनी, मध्यमा तथा अँगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनों एक-दूसरे के परस्पर लंबवत् हो। यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा की ओरर संकेत करती है तथा अँगूठा चालक की गति की दिशा की ओर संकेत करता है तो मध्यमा चालक में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा दर्शाती है।

प्रश्न 8.
वोल्टमीटर व ऐमीटर से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
वोल्टमीटर-अधिक प्रतिरोध वाले तार से युक्त साधित्र को वोल्टमीटर कहते हैं। यह उन दो बिन्दुओं के बीच जोड़ा जाता है जिनके बीच विभवान्तर ज्ञात करना होता है तथा इसे परिपथ में समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।
ऐमीटर-ऐमीटर, एक परिपथ में बहने वाली धारा को मापने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसे श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है, ऐमीटर का प्रतिरोध बहुत कम होता है। इस कारण से ऐमीटर को बहुत कम प्रतिरोध वाला गैल्वेनोमीटर भी कहते हैं।

प्रश्न 9.
a. c. जनित्र का मूल सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर-
‘किसी जनित्र में तार का एक लूप चुम्बकीय क्षेत्र में घूर्णन करता है। एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा हुआ तार का एक आयताकार लूप होता है। लूप को जैसे ही क्षैतिज अक्ष के परितः घुमाया जाता है, लूप से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लक्स परिवर्तित होता है तथा प्रेरित धारा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 10.
विद्युत तारों में आग क्यों लगती है ?
उत्तर-
निम्नलिखित कारणों से तारों में आग लग जाती है-

  • तारों के संयोजन ढीले होने के कारण।
  • स्विच खराब हो।
  • तारों की अधिकतम क्षमता से अधिक वोल्टेज या धारा प्रवाहित हो जाए।
  • तार खराब हो।
  • तार अधिक गर्म हो जाए।

प्रश्न 11.
प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में कौनी-सी धारा अधिक उपयोगी है और क्यों?
उत्तर-
प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा की तुलना में अधिक उपयोगी है, इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  1. इसे उत्पन्न करना आसान है।
  2. यह सस्ती है।
  3. इसे एक स्थान से दसरे स्थान तक ले जाना आसान होता है।

प्रश्न 12.
दिष्ट धारा मोटर की शक्ति को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है ?
उत्तर-

  • कुंडली पर तारों के फेरों की संख्या को बढ़ाकर।
  • कुंडली के तलीय क्षेत्र को बढ़ाकर ।
  • चुम्बकीय क्षेत्र की शक्ति बढ़ाकर।
  • मृदु लोहे के केन्द्रक का प्रयोग करके।
  • एक ही मृदु लौह केन्द्रक पर कुंडलियाँ लपेट कर।

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प्रश्न 13.
दिक् परिवर्तक क्या है? यह दिष्ट धारा कैसे उत्पन्न करता है ?
उत्तर-
विभक्त वलय संचालक दो विभक्त वलयों का समूह है जो चुम्बक अथवा बाह्य प्रतिरोध से सम्पर्क रखने वाले ब्रुश से जोड़ा जाता है। यह प्रत्येक 180° के घूर्णन के बाद धारा की दिशा को उलट देता है। ऐसा विभक्त वलय के आयताकार कुंडली में सिरे के साथ सम्पर्क में परिवर्तन के द्वारा होता है।

प्रश्न 14.
विद्युत चुम्बक के उपयोग लिखिए।
उत्तर-
विद्युत चुम्बक बहुत उपयोगी होता है। इसके कुछ प्रमुख उपयोग निम्न लिखित हैं-

  • विद्युत मोटरों और जनरेटरों के निर्माण में इनका प्रयोग होता है।
  • विद्युत उपकरणों जैसे-विद्युत घण्टी, पंखों, रेडियो, कम्प्यूटरों आदि में इनका प्रयोग किया जाता है।
  • इस्पात की छड़ों का चुम्बक बनाने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
  • चट्टानों को तोड़ने में इनका प्रयोग होता है।
  • अयस्कों में से चुम्बकीय एवं अचुम्बकीय पदार्थों को अलग करने के लिए इनका प्रयोग होता है।

प्रश्न 15.
डायनमो तथा विद्युत मोटर में क्या अन्तर हैं?
उत्तर-
डायनमो तथा विद्युत मोटर में प्रमुख अन्तर निम्न हैं-

जनित्र या डायनमो विद्युत मोटर
1. डायनमो यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊ में परिवर्तित करता है। 1. विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
2. डायनमो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। 2. विद्युत मोटर धारा के चुम्बकीय प्रभाव के आधार पर कार्य करता है जिसके अनुसार चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित धारावाही चालक पर एक बल लगता है।
3. इसमें चुम्बकीय क्षेत्र में कुंडली को घुमाकर प्रेरित वि. वा. ब. उत्पन्न किया जाता है। 3. इसमें चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित कुंडली में धारा प्रवाहित करते हैं जिससे कुंडली घूमने लगती है।

प्रश्न 16.
विद्युत मोटर के झटकों को किस प्रकार नियन्त्रित किया जाता है?
उत्तर-
विद्युत मोटरों में कुंडली 0° और 180° पर अधिकतम बल प्रकट होता है परन्तु 90° और 270° पर कोई बल प्रकट नहीं हो पाता इसलिए कुंडली में झटके उत्पन्न होते हैं। इस झटकों को नियन्त्रित करने के लिए मृदु लोहे के टुकड़े के कुछ अंश पर तार को कई बार लपेटा जाता है।

प्रश्न 17.
धारामापी (गैल्वेनोमीटर) किसे कहते हैं?
उत्तर-
गैल्वेनोमीटर वह उपकरण है जो किसी परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति को बताता है। यदि इससे प्रवाहित धारा शून्य हो तो इसका संकेतक शून्य पर रहता है। यह अपने शून्य चिन्ह के बायीं या दायीं तरफ विक्षेपित हो सकता है। यह विक्षेप विद्युत धारा की दिशा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 18.
एक घरेलू विद्युत परिपथ में 5 एम्पियर का फ्यूज है। 100 W (220V) के अधिकतम बल्बों की संख्या होगी जिनका इस परिपथ में सुरक्षित उपयोग कर सकें? [RBSE 2015]
उत्तर-
एक बल्ब के लिये उपयोगी धारा-
I1 = \(\frac{P}{V}=\frac{100}{220}=\frac{10}{22} A \)
माना कुल बल्बों की संख्या = N
अतः उपयोगी कुल धारा = NI1
= N\(\frac{10}{22}\) …………………..(1)
विद्युत परिपथ में 5 एम्पियर का फ्यूज है
\(\text { N. } \frac{10}{22}\) = 5
N = \(\frac{5 \times 22}{10}\) = 11 बल्ब .

प्रश्न 19.
ट्रांसफॉर्मर से क्या अभिप्राय है? ट्रांसफॉर्मर किस काम में लाए जाते हैं?
उत्तर-
ट्रांसफॉर्मर एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा की वोल्टता को कम या अधिक किया जा सकता है। जो ट्रांसफॉर्मर विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं, उन्हें उच्चायी ट्रांसफॉर्मर तथा जो वोल्टता में कमी करते हैं, उन्हें अपचायी ट्रांसफॉर्मर कहते हैं। पावर स्टेशनों पर उच्चायी ट्रांसफॉर्मर लगे होते हैं जो विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं तथा इस अधिक वोल्टता की विद्युत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। शहरों में उपबिजलीघरों में अपचायी ट्रांसफॉर्मर द्वारा अधिक प्रत्यावर्ती वोल्टता को कम वोल्टता में बदला जाता है तथा घरों में 220 वोल्ट तथा कारखानों में 440 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा उपयोग में लायी जाती है।

प्रश्न 20.
वे कौन से कारक हैं, जिन पर उत्पन्न विद्युत धारा निर्भर करती है?
उत्तर-

  • कुंडली में लपेटों की संख्या-यदि कुंडली में लपेटों की संख्या बहुत अधिक होगी तो उत्पन्न विद्युत धारा भी अधिक होगी। लपेटों की संख्या कम होने पर इसमें भी कमी हो जाएगी।
  • चुम्बक की शक्ति-बन्द कुंडली की ओर शक्तिशाली चुम्बक बढ़ाने या पीछे हटाने से विद्युत धारा पर अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। चुम्बक की शक्ति अधिक होनी चाहिए।
  • चुम्बक को कुंडली की ओर बढ़ाने की गति-यदि चुम्बक को कुंडली की ओर तेजी से बढ़ाया जाए तो बन्द कुंडली में विद्युत का प्रेरण अधिक होता है।

प्रश्न 21.
शॉर्ट सर्किट क्या होता है? इससे क्या हनियाँ हो सकती हैं?
उत्तर-
शार्ट सर्किट-किसी विद्युत यन्त्र में धारा का कम प्रतिरोध से होकर प्रवाहित हो जाना शॉर्ट सर्किट कहलाता है।
हानियाँ-

  1. प्रतिरोध कम होने के कारण तारें अधिक गर्म हो जाती हैं और उनके ऊपर चढ़ा रोधी पदार्थ जल जाता है।
  2. विद्युत उपकरण बेकार हो सकता है।
  3. इससे घरों, दुकानों में आग लग सकती है।
  4. विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता है।
  5. तारों के ऊपर चढ़े रोधी पदार्थ जल जाने पर तारें नंगी हो जाती हैं, जिससे विद्युत शॉक लग सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
(a) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को कभी भी प्रतिच्छेदित क्यों नहीं करती ? व्याख्या कीजिए।
(b) किसी धारावाही परिनालिका के भीतर के चुम्बकीय क्षेत्र को एकसमान कहा जाता है। क्यों ?
(c) फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।
(d) व्यावसायिक मोटरों की शक्ति में वृद्धि करने वाले दो कारकों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कहीं भी एक-दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती। किसी बिन्दु पर प्रतिच्छेद करने का अर्थ है कि दिक्सूचक, यदि किसी बिन्दु पर रखी जाए तो वह दो दिशाओं में एक साथ विक्षेपित हो, जो असंभव है।

(b) चूँकि धारावाही परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ समांतर सरल रेखाओं की भाँति होती हैं। इसलिए धारावाही परिनालिका के भीतर चुम्बकीय एक समान क्षेत्र होता है।

(c) फ्लेमिंग का वामहस्त नियम-इस नियम अनुसार यदि हम अपने बाएं हाथ के अंगूठे, तर्जनी तथा मध्यमा उंगलियों को परस्पर लंबवत फैलाएँ तो तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, मध्यमा विद्युत धारा की दिशा बताए तथा अंगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा।
(d)

  • विद्युत धारावाही कुंडली में फेरों की संख्या बढ़ाकर,
  • स्थायी चुम्बकों के स्थान पर विद्युत चुम्बक का प्रयोग करके।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 2.
धारावाही परिनालिका में चुम्बकीय बल रेखाएँ खींचिए। [RBSE 2015] (CBSE 2018,19)
उत्तर-
धारावाही परिनालिका में चुम्बकीय बलरेखाएँ (Magnetic Lines of Force of Current Carrying Solenoid) यदि किसी चालकीय तार को बेलननुमा कुंडली के रूप में इस प्रकार लपेटा जाए कि उसका व्यास उसकी लम्बाई की तुलना में बहुत छोटा हो, तो इस प्रकार की व्यवस्था को परिनालिका (solenoid) कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव 7
जब परिनालिका में धारा प्रवाहित की जाती है, तो वह दण्ड-चुम्बक की भाँति व्यवहार करने लगती है अर्थात् परिनालिका के चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है। बल रेखाओं से स्पष्ट है कि धारावाही परिनालिका की अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र लगभग एक समान होता है। बल रेखाएँ जहाँ पर पास-पास होती हैं वहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र प्रबल होता है। चुम्बकीय बल रेखाएँ परिनालिका के दक्षिणी ध्रुव से अन्दर की ओर जाती हैं और उत्तरी ध्रुव से बाहर की ओर निकलती हैं।

प्रश्न 3.
एक धारावाही परिनालिका छड़ चुम्बक के समान व्यवहार करती है। इस कथन की व्याख्या कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
धारावाही परिनालिका की छड़ चुम्बक से समानता (Resemblance of Current Carrying Solenoid with Magnetic rod) धारावाही परिनालिका एवं छड़ चुम्बक में निम्नलिखित समानताएँ होती हैं-

  1. छड़ चुम्बक एवं धारावाही परिनालिका दोनों को स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाए जाने पर दोनों के अक्ष उत्तर एवं दक्षिण दिशाओं में रुकते हैं।
  2. दोनों ही लोहे के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
  3. छड़ चुम्बक एवं धारावाही परिनालिका दोनों के समान ध्रुवों में प्रतिकर्षण एवं असमान ध्रुवों में आकर्षण होता है।
  4. छड़ चुम्बक एवं धारावाही परिनालिका दोनों के निकट कम्पास सुई विक्षेपित हो जाती है।
  5. छड़ चुम्बक एवं स्वतन्त्रतापूर्वक लटकी धारावाही परिनालिका के निकट कोई तार लाने पर दोनों ही विक्षेपित हो जाते हैं।

धारावाही परिनालिका में धारा प्रवाहित करने पर उसका अक्ष सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में रुकता है। यद्यपि धारावाही परिनालिका छड़ चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है, लेकिन इन दोनों के चुम्बकीय क्षेत्र में असमानता होती है। छड़ चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता इसके सिरों पर अधिकतम तथा मध्य में शून्य होती है जबकि धारावाही परिनालिका का चुम्बकीय क्षेत्र लगभग एक समान (uniform) होता है। केवल परिनालिका के सिरों पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता थोड़ी कम होती है।

प्रश्न 4.
प्रयोगों के द्वारा विद्युत चुम्बकीय प्रेरण को कैसे प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) – सन् 1820 में ऑर्टेड ने यह खोज की थी कि विद्युत धारा के साथ चुम्बकीय क्षेत्र सदैव सम्बन्धित रहता है, अर्थात् जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। सन् 1830 में फैराडे ने यह विचार दिया कि जब गतिमान आवेश (अर्थात् विद्युत धारा) से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है तो गतिमान चुम्बकीय क्षेत्र से विद्युत धारा

उत्पन्न होनी चाहिए। इसके लिए फैराडे ने एक चुम्बक तथा धारामापी जुड़ी हुई एक कुंडली ली तथा उन्होंने चुम्बक को कुंडली के अन्दर गुजारा देखा कि जिस क्षण चुम्बक कुंडली से गुजरा, उसी क्षण धारामापी में विक्षेप उत्पन्न हुआ (जबकि कुंडली के साथ कोई बैटरी नहीं जुड़ी थी)। स्पष्ट था कि कुंडली के अन्दर चुम्बक के गुजरने से कुंडली में क्षण भर के लिए धारा प्रवाहित हुई जिससे धारामापी में विक्षेप उत्पन्न हुआ। इस प्रकार फैराडे ने एक नई घटना की खोज की, जिसे विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।

इस घटना के सम्बन्ध में फैराडे ने अनेक प्रयोग किए जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव 8
प्रयोग 1.
चित्र में तार की एक कुंडली के दोनों सिरे एक धारामापी से जुड़े हैं तथा NR S क्रमश: एक दण्ड-चुम्बक के उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों को प्रदर्शित करते हैं।

इस प्रयोग के प्रेक्षण निम्न प्रकार हैं-
(i) जब हम एक दण्ड-चुम्बक के उत्तरी ध्रुव N को कुंडली की ओर तेजी से गति कराते हैं, तो धारामापी में क्षणिक विक्षेप उत्पन्न होता है, जो यह बताता है कि चुम्बक की गति के प्रभाव से कंडली में क्षणिक विद्यत धारा प्रवाहित होती है। इस धारा की दिशा इस प्रकार होती है कि चुम्बक के N ध्रुव के पास वाला कुंडली का तल उत्तरी ध्रुव की भाँति कार्य करता है (चित्र ब)।

जब हम चुम्बक के उत्तरी ध्रुव N को कुंडली से दूर की ओर तेजी से गति कराते हैं, तो धारामापी में पुनः क्षणिक, परन्तु विपरीत दिशा में विक्षेप उत्पन्न होता है जो यह बताता है कि चुम्बक की गति के प्रभाव से कुंडली में क्षणिक, परन्तु पहले की विपरीत दिशा में धारा प्रवाहित होती है। इसका अर्थ यह है कि अब चुम्बक के N ध्रुव के पास वाला कुंडली का तल दक्षिणी ध्रुव की भाँति कार्य करता है (चित्र ब)।

इसी प्रकार यदि हम चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव S को कुण्डली की ओर अथवा कुंडली से दूर की ओर गति कराएँ तो धारामापी में क्षणिक विक्षेप पहले से विपरीत दिशाओं में उत्पन्न होते हैं अर्थात् कुंडली में धारा की दिशा पहले से विपरीत दिशा में होती है। इस प्रकार चुम्बक के S ध्रुव के पास वाला कुंडली का तल क्रमशः दक्षिणी तथा उत्तरी ध्रुव की भाँति कार्य करता है, (चित्र स, द)।

(ii) यदि चुम्बक को कुंडली की ओर अथवा कुंडली से दूर की ओर गति कराते हुए यकायक रोक दिया जाता है, तो धारामापी में विक्षेप तुरन्त ही शून्य हो जाता है अर्थात् कुण्डली में धारा बन्द हो जाती है। स्पष्ट है कि कुंडली में धारा तभी तक बहती है जब तक कि चुम्बक कुंडली के सापेक्ष गति करता रहता है।

(iii) जितनी तेजी से चुम्बक कुंडली के सापेक्ष गति करता है उतनी ही अधिक कुंडली में धारा की प्रबलता होती है अर्थात् उतना ही अधिक धारामापी में विक्षेप होता है।

(iv) कुण्डली में फेरों की संख्या बढ़ाने पर अथवा कुंडली के अन्दर एक नर्म लोहे की क्रोड रखने पर अथवा अधिक शक्तिशाली चुम्बक लेने पर धारामापी में विक्षेप बढ़ जाता है अर्थात् कुंडली में धारा की प्रबलता बढ़ जाती है।

(v) कुंडली के साथ उच्च प्रतिरोध जोड़ने पर कुंडली में प्रवाहित धारा की प्रबलता घट जाती है|

(vi) यदि चुम्बक को स्थिर रखकर कुंडली को चुम्बक के समीप लाएँ अथवा चुम्बक से दूर ले जाएँ तो भी धारामापी में विक्षेप उत्पन्न होता है जो यह बताता है कि कुंडली में विद्युत धारा, कुंडली व चुम्बक के बीच ‘आपेक्षिक गति’ से उत्पन्न होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुम्बक गतिशील है अथवा कुंडली अथवा दोनों।

निष्कर्ष-उपर्युक्त प्रेक्षणों से यह निष्कर्ष निकलता है कि “जब किसी चुम्बक तथा कुंडली के बीच आपेक्षिक गति होती है तब कुंडली में एक विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है, जिसे प्रेरित विद्युत वाहक बल (induced e.m.f.) कहते हैं। यदि कुंडली एक बन्द परिपथ (Closed circuit) में हैं, तो प्रेरित विद्युत वाहक बल के कारण कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिसे प्रेरित धारा (induced current) कहते हैं।

इस घटना को विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण (electro-magnetic induction)- कहते हैं।” उल्ले खनीय है कि विद्युत वाहक बल परिपथ के प्रतिरोध पर निर्भर नहीं करता, परन्तु प्रेरित वैद्युत धारा परिपथ के प्रतिरोध पर ओम के नियम के अनुसार निर्भर करती है। यदि कुंडली खुले परिपथ (open circuit) में है तो प्रेरित विद्युत वाहक बल तो होगा, परन्तु विद्युत धारा नहीं (क्योंकि परिपथ का प्रतिरोध अनन्त है) वास्तव में, विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण की घटना में विद्युत वाहक बल प्रेरित होता है न कि सीधे विद्युत धारा।

प्रश्न 5.
(a) विद्युत्-चुम्बक क्या होता है ? इसके कोई उपयोग लिखिए।
(b) विधुत्-चुम्बक कैसे बनाया जाता है ? इसे दर्शाने के लिए नामांकित आरेख खींचिए।
(c) विधुत-चुम्बक बनाने में नर्म लौह क्रोड का उपयोग किए जाने के उद्देश्य का उल्लेख कीजिए।
(d) यदि किसी विधुत-चुम्बक का पदार्थ निश्चित है तो उस विद्युत-चुम्बक की प्रबलता में वृद्धि करने के दो उपाय लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) विद्युत धारावाही परिनालिका के भीतर चुम्बकीय पदार्थ, जैस नर्म लोहा विद्युत चुम्बक की तरह कार्य करता है। विद्युत चुम्बक का प्रयोग विद्युत घंटियों, टेलीफोन रिसिवर, माइक्रोफोन आदि में किया जाता है।
(b) इसके दो उपयोग हैं-

  • विद्युत घंटी में (Electric bell),
  • विद्युत मोटर में।

(c) नर्म लोहे का उपयोग विद्युत चुम्बक द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण बनाने के लिए किया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव 9

(d) विद्युत चुम्बक की प्रबलता निम्न प्रकार से बढ़ाई जा सकती है :

  • परिनालिका में कुंडली के फेरों की संख्या बढ़ाकर।
  • परिनालिका में प्रवाहित धारा का मान बढ़ाकर।।

प्रश्न 6.
घरों में विद्युत के क्या-क्या खतरे हैं ? इन खतरों से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
उत्तर-
विद्युत से खतरे, बचाव तथा सावधानियाँ (Electrical Hazards, Preventions And Precautions)- विद्युत से खतरे-घरेलू वायरिंग के दोषपूर्ण होने के कारण उससे लगे उपकरण में तथा संयोजक तारों में आग लग सकती है। विद्युत के उपयोग में थोड़ी सी असावधानी होने पर ही दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। विद्युत परिपथ को कहीं से छू जाने पर मनुष्य को तीव्र झटका लगता है। कभी-कभी यह झटका इतना तेज होता है कि छू जाने वाले मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है।

विद्युत से खतरों के कारण-विद्युत से खतरों के कारण निम्नलिखित हैं-

  • यदि स्विच में खराबी है, तो इससे आग लगने तथा विद्युत उपकरणों के जलने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
  • यदि संयोजन तारों का सम्बन्ध ठीक से कसा हुआ नहीं है तब तारों में आग लग सकती है।
  • यदि विद्युत परिपथ में लगे उपकरण भूसंपर्कित नहीं हैं, तो उन्हें छू जाने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है।

विद्युत खतरों से बचाव एवं सावधानियाँ –

  1. आग लगने पर तुरन्त मेन स्विच को बन्द कर देना चाहिए।
  2. प्रत्येक जोड़ विद्युतरोधी टेप (Insulation tape) से ढका होना चाहिए।
  3. प्लग टॉप, सॉकेट में भली-भाँति कसा होना चाहिए अर्थात् उसे ढीला नहीं छोड़ना चाहिए।
  4. स्विच को कभी भी गीले हाथ से नहीं छूना चाहिए।
  5. फ्यूज तार तथा स्विच को सदैव गर्म तार से श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।
  6. पावर विद्युत युक्तियों (जैसे-हीटर, प्रेस आदि) को उपयोग में लाते समय उनके बाहरी आवरण को कभी भी हाथ से नहीं छूना चाहिए।
  7. स्विच, प्लग, सॉकेट तथा जोड़ों पर सभी संयोजन (Combinations) अच्छी तरह कसे होने चाहिए।
  8. विद्युत परिपथ में यदि कोई खराबी ठीक करनी हो, तो रबर के दस्ताने तथा रबर के जूते पहन लेने चाहिए तथा इसके लिए उपयोग में लाए जाने वाले पेंचकस, प्लास, टेस्टर सभी पर रबर चढ़ी होनी चाहिए।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 7.
घरेलू परिपथ का नामांकित चित्र बनाइये तथा विद्युत के संचरण में ट्रॉसफॉर्मर की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिये,
उत्तर-
ट्रांसफॉर्मर एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा की वोल्टता को कम या अधिक किया जा सकता है। जो ट्रांसफॉर्मर विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं, उन्हें उच्चायी ट्रांसफॉर्मर तथा जो वोल्टता में कमी करते हैं, उन्हें अपचायी ट्रांसफार्मर कहते हैं। पावर स्टेशनों पर उच्चायी ट्रांसफार्मर लगे होते हैं जो विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं तथा इस अधिक वोल्टता की विद्युत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। शहरों में उपबिजलीघरों में अपचायी ट्रांसफॉर्मर द्वारा अधिक प्रत्यावर्ती वोल्टता को कम वोल्टता में बदला जाता है तथा घरों में 220 वोल्ट तथा कारखानों में440 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा उपयोग में लायी जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव 10

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. किस उपकरण द्वारा किसी परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति संसूचित की जाती है?
(a) वोल्टमीटर
(b) ऐमीटर
(c) गैल्वेनोमीटर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) गैल्वेनोमीटर।

2. हमारे देश में उत्पन्न प्रत्यावर्ती धारा कितने सेकण्ड पश्चात् अपनी दिशा उत्क्रमित करती है ?
(a) \(\frac{1}{10} \) सेकण्ड में
(b) \(\frac{1}{100} \) सेकण्ड में
(c) \(\frac{1}{1000} \) सेकण्ड में
(d) \(\frac{1}{10000} \) सेकण्ड में
उत्तर-
(b) \(\frac{1}{100} \) सेकण्ड में |

3. उच्च शक्ति के विद्युत साधित्रों के बाहरी आवरण को घरेलू परिपथ की भूतार से जोड़ना कहलाता है –
(a) अतिभार
(b) लघुपथन
(c) भू-संपर्कित
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) भू-संपति ।

4. समान चुम्बकीय ध्रुव क्या करते हैं?
(a) प्रतिकर्षित
(b) आकर्षित
(c) दोनों
(d) इसमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) प्रतिकर्षित।

5. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ होती हैं
(a) सरल
(b) वक्र
(c) बन्द वक्र
(d) त्रिभुजाकार ।
उत्तर-
(c) बन्द वक्र।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

6. किसी विद्युत धारावाही चालक से सम्बद्ध चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किस हस्त अंगुष्ठ नियम से जानी जा सकती है?
(a) दक्षिण
(b) वाम
(c) दक्षिण एवं वाम
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) दक्षिण।

7. कुंडली को चुम्बक के साक्षेप स्थिर रखने पर गैल्वेनोमीटर में कितना विक्षेप होता है?
(a) अधिकतम
(b) शून्य
(c) स्थिर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) शून्य।

8. जेनरेटर कौन-से प्रकार की धारा उत्पन्न करते हैं?
(a) ac
(b) dc
(c) ac तथा dc
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) ac तथा dc.

9. विद्युत धारावाही तार किसकी तरह व्यवहार करती
(a) चुम्बक
(b) विद्युत
(c) लोहे
(d) प्रतिरोध।
उत्तर-
(a) चुम्बक।

10. स्थायी चुम्बक बनाए जाते हैं-
(a) ताँबे के
(b) नर्म लोहे के
(c) इस्पात के
(d) पीतल के।
उत्तर-
(c) इस्पात के।

11. सामान्यतया विद्युन्मय तार (Live wire) प्रयोग करना चाहिए
(a) काले रंग का
(b) हरे रंग का
(c) लाल रंग का
(d) किसी भी रंग का।
उत्तर-
(c) लाल रंग का।

12. विद्युत मोटर में रूपान्तरण होता है-
(a) रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में
(b) विद्युत ऊर्जा का यान्त्रिक ऊर्जा में
(c) विद्युत ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा में
(d) विद्युत ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में
उत्तर-
(b) विद्युत ऊर्जा का यान्त्रिक ऊर्जा में।

13. परिनालिका द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय बल क्षेत्र निर्भर करता है-
(a) परिनालिका के फेरों की संख्या पर
(b) परिनालिका से प्रवाहित धारा पर
(c) परिनालिका के पदार्थ पर
(d) उपर्युक्त सभी पर।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी पर।

14. दिक्परिवर्तक विभक्त वलय का उपयोग
(a) प्रत्यावर्ती धारा जनित्र में होता है
(b) दिष्ट धारा जनित्र में होता है
(c) प्रत्यावर्ती धारा मोटर में होता है
(d) उपर्युक्त सभी में।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी में।

15. प्रेरित धारा की दिशा निम्न में से किससे प्राप्त होती है
(a) फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम से
(b) फ्लेमिंग के वाम-हस्त नियम से
(c) दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम से
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) फ्लेमिंग के दक्षिण हस्त नियम से।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

16. फ्यूज के तार का गलनांक
(a) कम होता है
(b) अधिक होता है
(c) न कम न अधिक होता है
(d) कुछ भी हो सकता है।
उत्तर-
(a) कम होता है।

17. घरेलू परिपथ में, फ्यूज को निम्न में से किस तार के साथ लगाया जाता है
(a) भू-सम्पर्क तार
(b) उदासीन तार
(c) विद्युन्मय तार
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) विद्युन्मय तार।।

18. विद्युत उपकरणों को भूसंपर्कित किया जाता है ताकि
(a) तीव्र विद्युत आघात न लगे
(b) विद्युत व्यर्थ न हो।
(c) लघुपथन से बचा जा सके
(d) अतिभारण से बच सकें।
उत्तर-
(a) तीव्र विद्युत आघात न लगे।

19. विद्युन्मय तार और उदासीन तार का आपस में बिना किसी प्रतिरोध से सम्पर्क में आने से –
(a) लघुपथन हो जाता है।
(b) कोई क्षति नहीं होती है
(c) अतिभारण हो जाता है
(d) आग लग जाती है।
उत्तर-
(a) लघुपथन हो जाता है।

20. सी वलय (slip ring) का उपयोग निम्न में से किसमें होता है –
(a) ac जनित्र
(b) dc जनित्र
(c) ac मोटर
(d) dc मोटर।
उत्तर-
(a) ac जनित्र।

रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए

1. विद्युत मोटर के घूमने वाले भाग को ………………………. कहते हैं।
उत्तर-
आर्मेचर।

2. एक विद्युत जनित्र वास्तव में ऊर्जा का …………… करने की युक्ति है।
उत्तर-
रूपान्तरित

3. धारावाही तार के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह नियम ………………………. ने प्रतिपादित किया।
उत्तर-
ऑर्टेड।

4. विद्युत चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करने के लिए किसी चुम्बक तथा कुंडली में परस्पर सापेक्ष गति से ………………………. उत्पन्न करनी पड़ती है।
उत्तर-
धारा।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

5. विद्युत फ्यूज विद्युतधारा के ………………………. पर कार्य करता
उत्तर-
ऊष्मीय प्रभाव।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये

कॉलम-(x) कॉलम-(y)
(i) चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा (A) फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम
(ii) चुम्बकीय बल की दिशा (B) मध्य में चुम्बकीय क्षेत्र शून्य
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता (C) विद्युत जनरेटर
(iv) परिनालिका (D) दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम
(v) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (E) काला या हरा
(vi) उदासीन तार (F) विद्युत धारा का अधिकतम होना
(vii) लघुपथन (G) फ्लेमिंग का दक्षिण हस्त नियम
(viii) प्रेरित धारा की दिशा (H) टेस्ला या ऑस्टेंड

उत्तर-

कॉलम-(x) कॉलम-(y)
(i) चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा (D) दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम
(ii) चुम्बकीय बल की दिशा (A) फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता (H) टेस्ला या ऑस्टेंड
(iv) परिनालिका (B) मध्य में चुम्बकीय क्षेत्र शून्य
(v) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (C) विद्युत जनरेटर
(vi) उदासीन तार (E) काला या हरा
(vii) लघुपथन (F) विद्युत धारा का अधिकतम होना
(viii) प्रेरित धारा की दिशा (G) फ्लेमिंग का दक्षिण हस्त नियम

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer type Questions)

प्रश्न 1.
आबनूस की छड़ को बिल्ली की खाल के साथ रगड़ने पर कौन-सा आवेश उत्पन्न होता है?
उत्तर-
ऋणात्मक आवेश।

प्रश्न 2.
विद्युत के समान और असमान आवेश एक-दूसरे पर क्या प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
विद्युत के समान आवेशों में प्रतिकर्षण तथा असमान आवेशों में आकर्षण बल उत्पन्न होता है।

प्रश्न 3.
विद्युत को कितने भागों में बाँटा जाता है ?
उत्तर-
विद्युत को दो भागों में बाँटा जाता है-

  1. स्थिर विद्युत,
  2. चल विद्युत।

प्रश्न 4.
संसार के सबसे छोटे आवेश का मान क्या होता है?
उत्तर-
इलेक्टॉन के आवेश के बराबर (1.6×10-19C) होता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 5.
आवेश का मात्रक लिखिए?
उत्तर-
कूलाम।

प्रश्न 6.
वोल्टमीटर का धन ध्रुव बैटरी के किस ध्रुव से जोड़ा जाता है ?
उत्तर-
धनात्मक से।

प्रश्न 7.
एक वोल्ट को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
यदि किसी चालक से एक कूलॉम आवेश प्रवाहित होने में एक जूल कार्य हो, तो उस चालक के सिरों के बीच विभवान्तर 1 वोल्ट होगा।

प्रश्न 8.
विद्युत धारा के परिभाषित कीजिये। किसी विद्युत बल्ब के तन्तु में IA की धारा 30 सेकण्ड तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाप ज्ञात कीजिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
विधुत धारा-किसी चालक में विद्युत धारा का मान चालक से होकर प्रवाहित आवेश की मात्रा जो एकांक समय में जा रही है के बराबर होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 1
I =\(\frac{Q}{t}\)
दिया है- I = 1A, t= 30 सेकण्ड
Q = I x t
= 1A X 30 सेकण्ड
= 30 एम्पियर-सेकण्ड

प्रश्न 9.
ओम के नियम से हमें किन-किन राशियों का ज्ञान होता है ?
उत्तर-

  • विभवान्तर,
  • प्रतिरोध,
  • परिपथ की धारा।

प्रश्न 10.
ओम के नियम के सत्यापन में चालक के लिये विभवान्तर (V) तथा धारा (I) के मध्य कैसा ग्राफ प्राप्त होता है?
उत्तर-
सीधी रेखा।

प्रश्न 11.
किसी तार का प्रतिरोध किन-किन कारकों पर निर्भर करता है? (RBSE 2015]
उत्तर-
लम्बाई, अनुप्रस्थ क्षेत्रफल तथा ताप पर।

प्रश्न 12.
ओम के नियम से संबधित दिए गए परिपथ में युक्ति X व Y का मान लिखितए। (RBSE 2017)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 2
उत्तर-
X – अमीटर, Y – वोल्टमीटर।

प्रश्न 13.
किसी प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर की उससे विद्युत धारा पर निर्भरता का अध्ययन करने के लिए निम्नलिखित कौन-सी व्यवस्था (परिपथ) सही है और क्यों? (CBSE 2019)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 3
उत्तर-
व्यवस्था (परिपथ) A सही है। क्योंकि ऐमीटर कि A को श्रेणीक्रम में तथा वोल्टमीटर V को पार्यक्रम में जोड़ा जाता है। साथ ही ऐमीटर A और वोल्टमीटर V के (+ ve) टर्मिनल को बैटरी के (+ ve) से तथा (- ve) टर्मिनल को प्रा (- ve) से जोड़े जाते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 14.
किसी चालक तार के प्रतिरोध की गणना किस सूत्र से की जाती है ?
उत्तर-
R= ρ\(\frac{l}{a}\)
जहाँ R→ चालक का प्रतिरोध,l → चालक की लम्बाई, p→ प्रतिरोधकता, a → चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल।

प्रश्न 15.
विद्युत धारा को बढ़ाने व घटाने में किसका ही प्रयोग किया जाता है ? .
उत्तर-
धारा नियन्त्रक का।

प्रश्न 16.
तीन ऐसे चालकों के नाम लिखो जिनमें कम प्रतिरोध हो।
उत्तर-

  1. चाँदी,
  2. ताँबा,
  3. ऐलुमिनियम।

प्रश्न 17.
दो ऐसे चालकों के नाम लिखो जिन का के प्रतिरोध अधिक है।
उत्तर-

  1. कांसटेनन
  2. नाइक्रोम।

प्रश्न 18. विद्युत प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है ? (CBSE 2019)
उत्तर-
किसी चालक का वह गुण जिसके कारण विद्युत धारा के प्रवाह में रुकावट उत्पन्न होती है उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।

प्रश्न 19.
प्रतिरोध बढ़ाने पर विद्युत धारा पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
विद्युत धारा, प्रतिरोध बढ़ाने पर कम हो जाती है।

प्रश्न 20.
किसी तार का प्रतिरोध R व प्रतिरोधकता p है। यदि इसे मूल लम्बाई से तीन गुना खींचकर बढ़ा दिया जाए तो नई प्रतिरोधकता क्या होगी?
उत्तर-
प्रतिरोधकता p ही रहेगी क्योंकि किसी एक ही धातु के मोटे या पतले तार के लिए प्रतिरोधकता का मान एक समान रहता है।

प्रश्न 21.
प्रतिरोधकता का मात्रक क्या होता है? [RBSE 2015]
उत्तर-
ओम-मीटर।

प्रश्न 22.
अधिक विभवान्तर प्राप्त करने के लिए सेलों को किस क्रम में जोड़ते हैं ?
उत्तर-
श्रेणीक्रम में।

प्रश्न 23.
घरों में प्रयुक्त किए जाने वाले संयन्त्रों को किस क्रम में जोड़ा जाता है ?
उत्तर-
समान्तर क्रम में।

प्रश्न 24.
श्रेणीक्रम में जुड़े प्रतिरोधकों के तुल्य प्रतिरोध का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
तुल्य प्रतिरोध R=R1 +R2+R1 +…………….

प्रश्न 25.
समान्तर क्रम में जुड़े प्रतिरोधकों के तुल्य प्रतिरोध का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
समान्तर क्रम (पार्श्वक्रम) में जुड़े प्रतिरोधकों के तुल्य प्रतिरोधकों के लिए सूत्र ।
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}+\ldots \)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 26.
यदि समान प्रतिरोध R वाले n तारों को (i) समान्तर क्रम में, (ii) श्रेणी क्रम में जोड़ा जाए तो प्रत्येक दशा में तुल्य प्रतिरोध क्या होगा ?
उत्तर-

  • समान्तर क्रम में \(\frac{\mathrm{R}}{n}\)
  • श्रेणी क्रम में n R

प्रश्न 27.
प्रतिरोधकों के श्रेणीक्रम में जुड़े होने पर कौन-सी भौतिक राशि परिवर्तित नहीं होती है ?
उत्तर-
विद्युत धारा।

प्रश्न 28.
प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में संयोजित करने पर कौन-सी भौतिक राशि परिवर्तित नहीं होती है?
उत्तर-
वोल्टता।

प्रश्न 29.
दिये गये परिपथ का तुल्य प्रतिरोध लिखिए। (RBSE 2017)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 4
उत्तर-
R = 1+2+3 = 6Ω

प्रश्न 30.
पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध सबसे छोटे प्रतिरोध से छोटा होता है क्यों?
उत्तर-
प्रतिरोध के सूत्र R = ρl/A से R∝ 1/A
चूँकि पार्श्व क्रम में अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ जाता है इसलिए तुल्य प्रतिरोध सबसे कम होता है। .

प्रश्न 31.
1 किलोवाट घण्टा कितने जूल विद्युत ऊर्जा के समान होता है ?
उत्तर-
1 किलोवाट घण्टा = 3.6 x 106 जूल।

प्रश्न 32.
विद्युत शक्ति के मात्रकों को लिखिए।
उत्तर-
वॉट, किलोवॉट तथा मेगावॉट।

प्रश्न 33.
1 मेगावॉट में कितने वॉट तथा किलोवॉट होते हैं?
उत्तर-
1 मेगावॉट = 106 वॉट
1 मेगावॉट = 103 किलोवॉट।

प्रश्न 34.
1 किलोवॉट कितने वॉट के बराबर होता है?
उत्तर-
1000 वॉट।

प्रश्न 35.
किलोवॉट-घण्टा को साधारण भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
यूनिट।

प्रश्न 36.
विद्युत शक्ति किसे कहते हैं ? इसका सूत्र क्या है ?
उत्तर-
किसी चालक में जिस दर से विद्युत ऊर्जा खर्च होती है उसे चालक की विद्युत शक्ति कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 5

प्रश्न 37.
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव क्या है ?
उत्तर-
किसी भी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का एक भाग सदैव ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 38.
220 V पर 1 kW विद्युत हीटर या 100 W बल्ब में से किसका प्रतिरोध अधिक होगा ?
उत्तर-
100 W बल्ब का
∴ R= \( \frac{\mathrm{V}^2}{\mathrm{P}}\)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 39.
कोई विद्युत बल्ब 220 V के जनित्र से संयोजित है। यदि बल्ब से 0.5 A धारा प्रवाहित होती है तो बल्ब की शक्ति का माल लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
शक्ति = विभवान्तर x धारा
=220Vx0.5=110W
अतः बल्ब की शक्ति 110 w है। .

प्रश्न 40.
फ्यूज तार को किस प्रकार जोड़ा जाता है ? इसका लाभ क्या है ?
उत्तर-
फ्यूज तार को परिपथ के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। यह अचानक अधिक धारा प्रवाहित होने की स्थिति में स्वयं जल कर विद्युत उपकरणों को सुरक्षित रखता है।

प्रश्न 41.
विद्युत धारा के प्रकार बताइए।
उत्तर-
विद्युत धारा के दो प्रकार हैं –

  1. a.c. (प्रत्यावर्ती धारा),
  2. d.c. (दिष्ट धारा)।

प्रश्न 42.
दिष्ट धारा के मुख्य स्त्रोत क्या हैं?
उत्तर-
शुष्क सेल, बैटरी आदि।

प्रश्न 43.
फ्यूज किस मिश्रधातु का बना होता है? इसकी क्या विशेषता होनी चाहिए?
उत्तर-
फ्यूज लैड तथा टिन से बनी मिश्रातु से बना होता है, इसका गलनांक कम होना चाहिए।

प्रश्न 44.
शार्ट सर्किट से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
शार्ट सर्किट में मुख्य तारों में सीधा सम्पर्क हो जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer type Questions)

प्रश्न 1.
किसी चालक के सिरों का विभवान्तर किन बातों पर निर्भर करता है ? आवश्यक सूत्र देकर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
ओम का नियम लिखिए। . (RBSE 2015, 17)
उत्तर-
ओम के नियमानुसार, किसी चालक के सिरों के बीच विभवान्तर V= I. R
जहाँ I = चालक में प्रवाहित धारा
R = चालक का प्रतिरोध
अतः चालक के सिरों का विभवान्तर V, चालक में प्रवाहित धारा I व प्रतिरोध R दोनों पर निर्भर करता है तथा यह दोनों के अनुक्रमानुपाती होता है।

प्रश्न 2.
A तथा B तारों की लम्बाई तथा प्रतिरोध समान हैं। इनमें से कौन मोटा है, यदि A की प्रतिरोधकता B की प्रतिरोधकता से अधिक है।
हल :
∵ प्रतिरोध R = ρ\(\frac{l}{\mathrm{~A}} \)
अतः R= ρA\(\frac{l}{\mathrm{~A}_1}\)
तथा R=ρB\(\frac{l}{\mathrm{~A}_2}\)
अतः
\(\rho_{\mathrm{A}} \frac{l}{\mathrm{~A}_1}=\rho_{\mathrm{B}} \frac{l}{\mathrm{~A}_2} \text { या } \frac{\rho_{\mathrm{A}}}{\rho_{\mathrm{B}}}=\frac{\mathrm{A}_1}{\mathrm{~A}_2} \)
∴ PA >PB अतः A1>A2,
इस प्रकार A तार B से मोटा होगा।

प्रश्न 3.
दो चालक जो एक ही पदार्थ से बने है, उनके लिये Vतथा I के मध्य ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है तो बताइये किस चालक का प्रतिरोध अधिक होगा क्यों?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 6
हल : दिये गये ग्राफ में रेखा की प्रवणता
tan θ = \(\frac{\text { विभवान्तर }}{\text { धारा }}=\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\text { प्रतिरोध (R) } \)
अतः प्रतिरोध ∝ कोण
चालक (A) का प्रतिरोध चालक (B) के प्रतिरोध से अधिक होगा।

प्रश्न 4.
धातुओं और मिश्रधातुओं तथा र, जैसे विद्युतरोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता किस कोटि की होती है? ताप के परिवर्तन से इसमें क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर-
धातुओं एवं मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता अत्यन्त कम होती है जिसका परिसर 10-8Ωm से 10-6Ωm है। ये विद्युत की अच्छी चालक हैं। रबड़ तथा काँच जैसे विद्युत् रोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता 1012 से 1017Ωm कोटि की होती है। किसी पदार्थ का प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता दोनों ही ताप में परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते हैं।

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प्रश्न 5.
किसी प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा (I) पर उस प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर (V) की निर्भरता का अध्ययन करते समय प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए किसी छात्र ने धारा के विभिन्न मानों के लिए 5 पाठ्यांक लेकर V और I के बीच ग्राफ खींचिए। यह बिंदु से गुजरने वाली सरल रेखा था। यह ग्राफ क्या सूचित करता है? इस ग्राफ का उपयोग करके प्रतिरोध का प्रतिरोध निर्धारित करने की विधि लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
V और I के बीच का सरल रेखा प्राप्त होना यह सूचित करता है कि V ∝ I
अर्थात् \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}} \) = स्थिरांक (Constant) है। i.e. \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}} \) = R जो ओम के नियम को सत्यापित करता है।
सरल रेखा पर स्थित दो बिंदु A तथा B लेते हैं। दोनों बिंदुओं से X-अक्ष तथा Y-अक्ष पर लंब डालते है।
∴ प्रतिरोध R = सरल रेखा की ढाल = \(\frac{\mathrm{V}_2-\mathrm{V}_2}{\mathrm{I}_2-\mathrm{I}_1} \)
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अथवा
उस स्थिति में आप किसी छात्र को क्या सुझाव देंगे जब वह पाता है कि परिपथ खुला होने पर भी अमीटर और वोल्टमीटर के संकेतक/सुइयाँ पैमानों पर अंकित शून्य चिन्हों के संपाती नहीं हैं? प्रयोगशाला में अतिरिक्त अमीटर/वोल्टमीटर उपलब्ध नहीं हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
चूँकि परिपथ खुला होने पर भी अमीटर और वोल्टमीटर के संकेतक/सुइयाँ इनके पैमाने पर अंकित शून्य चिन्हों के संपाती नहीं है इसका अर्थ यह है कि इनमें शून्यांक त्रुटि है। हमें इनका शून्य त्रुटि (चिन्ह सहित) नोट करना चाहिए और उसके लिए आवश्यक संशोधन करना चाहिए।

प्रश्न 6.
ओम के नियम को स्थापित करने के लिए एक परिपथ चित्र बनाइए।
उत्तर-
परिपथ चित्र निम्नवत् हैबैटरी
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प्रश्न 7.
निक्रोम के किसी तार के लिए V-I ग्राफ नीचे आरेख में दर्शाया गया है। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं? इस प्रकार के ग्राफ को प्राप्त करने के लिए नामांकित परिपथ आरेख खींचिए। (CRSE 2020)
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उत्तर-
चूँकि ग्राफ मूलबिंदु से गुजरने वाली एक सरल रेखा है साथ ही \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}} \) = स्थिरांक (Constant) है। या V∝ 1 है।
अतः यह ‘ग्राफ ओम के नियम का सत्यापन करता है जिसके लिए परिपथ आरेख निम्नलिखित है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 10

प्रश्न 8.
(a) किसी चालक,जिसकी आकृति तार जैसी है, का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है, उनकी सूची बनाइए।
(b)धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक तथा काँच विद्युत का कुचालक क्यों होता है? कारण कीजिए।
(c) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्राधुओं का उपयोग क्यों किया जाता है? कारण दीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
(a)
(i) चालक का प्रतिरोध सीधे अनुपातिक है चालक की लंबाई से। ..
R∝l
(ii) चालक का प्रतिरोधक के चालक के व्यापक प्रतिनिधित्व में व्युत्क्रमानुपाती है।
R∝\(\frac{1}{\mathrm{~A}} \)
(iii) प्रतिरोधक चालक के (material) पर निर्भर करता है।
R = p\(\frac{1}{A} \)
(iv) प्रतिरोध और प्रतिरोधकता तापमान पर भी निर्भर करती है।
(b) धातुओं में ग्लास की तुलना में अधिक मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) होते हैं जो कि धारा को प्रवाहित करने में सहायक हैं।
(c) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्राधुओं का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि मिश्राधुओं की विद्युत चालकता और पिघलने की क्षमता कम होती है। .

प्रश्न 9.
12w,6V का एक बल्ब 12V बैटरी से किस प्रकार चलाया जा सकता है?
उत्तर-
12W, 6V का अर्थ है कि लैम्प 6V की विद्युत आपूर्ति के साथ 12W शक्ति का उपयोग करता है परन्तु 6V से अधिक विभवान्तर होने पर यह जल जाएगा। यदि 12V आपूर्ति का प्रयोग करता है तो अतिरिक्त 6V को लैम्प के साथ श्रेणीक्रम में एक प्रतिरोध का प्रयोग करना होगा।

प्रश्न 10.
अतिचालकता से क्या अर्थ है? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
कुछ धातुओं का निम्न ताप पर प्रतिरोध समाप्त हो जाता है, इस घटना को अति चालकता कहते हैं। पहरण के लिए जब पारे के तापमान को 4.125 तक कम किया गया तो पारे का प्रतिरोध लुप्त हो जाता है। इस तापमान पर पारा अतिचालक बन जाता है। अतिचालकता का आविष्कार एक डच वैज्ञानिक एच. कामरलिंग ओनेस ने किया।

प्रश्न 11.
समान्तर संयोजन के नियम लिखिए।
उत्तर-
समान्तर संयोजन के नियम (Rules of Parallel Combination)-

  1. समान्तर क्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधकों के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है।
  2. समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों में प्रवाहित धाराएँ उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं।
  3. समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रम के योग के बराबर होता है।

प्रश्न 12.
यह दर्शाइए कि तीन प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 92 है, को आप किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
(i) 13.5Ω
(ii) 6Ω प्राप्त हो? (CBSE 2017, 18)
उत्तर
(i) \(I=\frac{9 \times 9}{9+9}=\frac{9 \times 9}{2(9)}=4.5 \Omega+9 \Omega=13.5 \Omega \)
दो 6 Ω के प्रतिरोधकों को समांतर संयोजित किया गया और एक को श्रेणी में
(ii) 2 प्रतिरोधकों को श्रेणी में संयोजित किया गया
= (9+9)Ω=18Ω
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प्रश्न 13.
आपके पास ओम के तीन प्रतिरोधक तथा E वोल्ट की बैटरी है। इन तीन प्रतिरोधों को बैटरी से किस प्रकार जोड़ेगे जिससे अधिकतम धारा प्राप्त हो? विद्युत परिपथ का आरेख बनाकर अपने उत्तर की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए तथा बैटरी द्वारा परिपथ में प्रवाहित धारा ज्ञात कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
अधिकतम विद्युत धारा प्राप्त करने के लिए प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में बैटरी से जोड़ना होगा
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 12
माना इनका परिणामी RΩ है
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{r}+\frac{1}{r}+\frac{1}{r} \)
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{3}{r} \)
\(\mathrm{R}=\frac{r}{3} \Omega \)
ओम के नियमानुसार, V = IR
E = I x \(\frac{r}{3} \)
⇒ I = \(\frac{3 \mathrm{E}}{r}\)

प्रश्न 14.
विद्युत धारा किस प्रकार ऊष्मा उत्पन्न करती है?
उत्तर-
किसी धात्विक चालक में बहुत बड़ी संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉन यादृच्छिक गति करते हैं। जब चालक को विद्युत स्रोत से जोड़ा जाता है, तो मुक्त इलेक्ट्रॉन उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होते हैं, जिससे इलेक्ट्रॉन चालक के परमाणुओं से टकराते हैं। इस टक्कर के कारण मुक्त इलेक्टॉनों की गति ऊर्जा चालक के परमाणुओं में स्थानांतिरत हो जाती है। परमाणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ती है और इस कारण चालक के ताप में वृद्धि हो जाती है और ऊष्मा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 15.
जूल का ऊष्मीय या तापन नियम क्या है?[राज. 2015] (CBSE 2018)
उत्तर-
जूल के ऊष्मीय नियमानुसार किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा निम्नलिखित आधारों पर निर्भर करती है-

  • उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होती है- H∝ i2
  • उत्पन्न ऊष्मा चालक के प्रतिरोध R के समानुपाती होती है- H∝R
  • उत्पन्न ऊष्मा चालक में प्रवाहित हो रही धारा के समय के समानुपाती होती है H∝R
    उपर्युक्त तीनों को मिलाने पर H∝i2 Rt

प्रश्न 16.
विद्युत तापन का उपयोग प्रकाश उत्पन्न करने में होता है, उदाहरण देकर समझाइए। या विद्युत बल्बों में भरी जाने वाली दो गैसों के नाम बताइये तथा स्पष्ट कीजिये कि इन गैसों को विद्युत बल्ब में क्यों भरा जाता हैं।[राज. 2015]
उत्तर-
विद्युत तापन का उपयोग बल्ब/ ट्यूब में प्रकाश उत्पन्न करने में किया जाता है। बल्ब के तन्तु को उत्पन्न ऊष्मा को जितना सम्भव हो सके रोककर रखना पड़ता है जिससे वह अत्यन्त गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करे परन्तु पिघले नहीं। इस कारण से बल्ब के तन्तुओं को बनाने के लिए टंगस्टन (गलनांक 3380°C) का उपयोग किया जाता है जो उच्च गलनांक की एक प्रबल धातु है। बल्बों में रासायनिक दृष्टि से अक्रिय गैस ऑर्गन भरी जाती है जिससे तन्तु की आयु में वृद्धि हो जाती है। तन्तु द्वारा प्रयोग की जाने वाली ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा के रूप में प्रकट होता है परन्तु एक अल्प भाग विकरित प्रकाश के रूप में परिलक्षित होता है।

प्रश्न 17.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100W: 220V तथा दूसरे का 60W: 220V है, किसी विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220V है, तो दोनों बल्बों द्वारा विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती हैं? (CBSE 2018)
उत्तर-
(a) जूल का तापन नियम = I2RT
(b)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 13

प्रश्न 18.
एक प्रतिरोध तार के श्रेणीक्रम में ऐमीटर तथा समान्तर क्रम में वोल्टमीटर जोड़कर प्रवाहित करने पर कुछ समय बाद तार गर्म हो जाता है, परन्तु ऐमीटर या वोल्टमीटर गर्म नहीं होता है, क्यों?
उत्तर-
ऐमीटर में प्रवाहित धारा, तार से प्रवाहित धारा के बराबर होती है परन्तु इसका प्रतिरोध R, तार के प्रतिरोध R से बहुत कम होता है जिसके कारण ऐमीटर में ऊर्जा क्षय IR, तार में ऊर्जा क्षय IPR से बहुत कम होता है। वोल्टमीटर के सिरों पर विभावान्तर तार के विभवान्तर V के बराबर होता है परन्तु प्रतिरोध र तार के प्रतिरोध से बहुत अधिक होता है। इससे वोल्टमीटर में ऊर्जा क्षय, तार में ऊर्जा क्षय से बहुत कम होता है।

प्रश्न 19.
ऐमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ देने पर क्या होगा?
उत्तर-
ऐमीटर का प्रतिरोध अन्य युक्तियों के स्थान पर नगण्य होता है, जब ऐमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है तब परिपथ का कुल विभवान्तर ऐमीटर के सिरों के बीच भी कार्य करता है, जिससे ऐमीटर में उच्च धारा प्रवाहित होती है तथा उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होने के कारण वह जल जाता है।

प्रश्न 20.
धातु के दो प्रतिरोधकों के समान्तर व श्रेणीक्रम संयोजनों के V-I ग्राफ चित्र में प्रदर्शित हैं। कौन-सा ग्राफ समान्तर संयोजन को प्रकट करता है? कारण सहित समझाइये।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 14
हल : चित्र में प्रदर्शित V-I ग्राफ का ढाल R = , है, Q का ढाल P से अधिक है। अतः 0 का प्रतिरोध P के प्रतिरोध से अधिक है। श्रेणी संयोजन से तुल्य प्रतिरोध समान्तर संयोजन की अपेक्षा अधिक होता है अतः Q श्रेणी संयोजन तथा P समानान्तर संयोजन को प्रदर्शित करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 21.
किसी दिये गये धातु के तार के दो विभिन्न तापों T1 व T2पर धारा वोल्टेज (I-V) ग्राफचित्र में प्रदर्शित है, बताइये कि कौन सा ताप अधिक है, क्यों?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 15
हल : ग्राफ V-I का ढाल =\(\frac{I}{V}=\frac{1}{R} \)
चूँकि T2 रेखा का ढाल T1 से कम है।
∴ T2 रेखा का प्रतिरोध > T1 रेखा का प्रतिरोध
∴ प्रतिरोध ∝ ताप के
अतः T2 ताप > T1 ताप से

प्रश्न 22.
किसी प्रतिरोधक, जिसका प्रतिरोधक (R) है, से प्रवाहित विद्युत.धारा (I) और उसके सिरों के बीच तदनुरूपी विभवान्तर (V) के मान नीचे दिए गए अनुसार हैं:
v(वोल्ट) 0.5 1.0 1.5 2.0 2.5 3. 40 5.0
I(ऐम्पियर) 0.1 0.2 0.3 0.4 0.5 0.6 0.8 1.0
धारा (I) और विभवान्तर (V) के बीच ग्राफखींचिए और प्रतिरोधक का प्रतिरोध (R) ज्ञात कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
प्रतिरोध (R) = स्लोप रेखा
= \(=\frac{1-0.5}{0.2-0.1}=\frac{0.5}{0.1}=5 \Omega\)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 16

प्रश्न 23.
(a) जूल के तापन नियम के लिए गणितीय व्यंजक लिखिए। (b) दो घंटे में 40 V विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) H = I2Rt
जहाँ, H = उत्पन्न ऊष्मा
I = प्रवाहित धारा,
R = प्रतिरोध और
t= समय है।

(b) दिया है : V=40V
Q = 96000 कूलॉम
t = 2 घंटे  = 2x 60 x 60=7200S
H = ?
∴ \(\mathrm{I}=\frac{\mathrm{Q}}{t}=\frac{96000}{7200} \)
∴\(\mathrm{H}=\mathrm{VIt}=40 \times \frac{96000}{7200} \times 7200 \)
7200 =40 x 96000
=3840000 J=3.84 x 106J

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer type Questions)

प्रश्न 1.
‘विद्युत धारा’ से क्या तात्पर्य है ? किसी धातु में आवेश का प्रवाह किस रूप में होता है ?
उत्तर-
विद्युत धारा (Electric Current)-किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की समय दर को विद्युत धारा या विद्युत धारा की तीव्रता कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 17

इसका मात्रक ऐम्पियर अथवा कूलॉम/सेकण्ड है। यह अदिश राशि होती है। परमाणु संरचना के अनुसार धातुओं की बाह्य कक्षाओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर नाभिकीय आकर्षण बल अपेक्षाकृत कम होता है क्योंकि ये नाभिक से दूर होते हैं। सामान्य ताप पर ये इलेक्ट्रॉन थोड़ी-सी ऊर्जा लेकर परमाणु से अलग होकर पदार्थ में मुक्त रूप से विचरण करते हैं परन्तु धातु को छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं। धातु के सिरों के मध्य विभवान्तर लगाने पर इन इलेक्ट्रॉन की गति नियमित हो जाती है जिसके फलस्वरूप आवेश धातु में एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर स्थानान्तरित होने लगता है अर्थात् विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है।

प्रश्न 2.
विद्युत परिपथ में निम्न विद्युत यंत्रों के उपयोग लिखिए-
(i) ऐमीटर,
(ii) वोल्टमीटर,
(iii) धारा नियन्त्रक,
(iv) कुंजी,
(v) सेल या बैटरी,
(vi) संयोजन तार।
उत्तर-
(i) ऐमीटर विद्युत परिपथ में धारा का मापन करता है।
(ii) वोल्टमीटर दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के काम आता है।
(iii) धारा नियन्त्रक विद्युत परिपथ में प्रतिरोध को कम या अधिक करने के काम आता है।
(iv) कुंजी परिपथ को पूरा करने अथवा तोड़ने के काम आती है।
(v) सेल या बैटरी परिपथ में विद्युत ऊर्जा का स्रोत होता है।
(vi) संयोजन तार विभिन्न यन्त्रों को परिपथ में जोड़ने के काम आता है।

प्रश्न 3.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर-
चालकों में विद्युत धारा प्रवाहित होने से ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह परिणाम सदा अच्छा नहीं होता है क्योंकि हमारे द्वारा दी गई ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है और इससे परिपथ के अवयवों में ताप बहुत अधिक बढ़ जाता है। विद्युत धारा के नियंत्रित कष्मीय प्रभाव के महत्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं।
1. विद्युत बल्ब-विद्युत बल्ब में टंगस्टन की पतली तार का फिलामेंट लगाया जाता है जिसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है। इसका गलनांक 3380°C से भी काफी अधिक होता है। जब इससे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तो यह ऊष्मा के कारण दीप्त होकर प्रकाश का उत्सर्जन करने लगता है। बल्बों में प्रायः नाइट्रोजन या ऑर्गन गैस भरी जाती है। जिससे उसके फिलामेण्ट की आयु बढ़ जाती है।

2. विद्युत तापीय साधित्र-विद्युत चालित इस्तरी, सोल्डरिंग, आयरन, टोस्टर, केतली आदि ऐसे उपकरण हैं जो कि विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित हैं। इन्हें ऐसे पदार्थों से निर्मित किया जाता है जिनकी प्रतिरोधकता अति उच्च होती है। इनमें नाइक्रोम नामक मिश्रधातु का उपयोग किया जाता है। जिससे बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है।

3. विद्युत फ्यूज-विद्युत के परिपथों में फ्यूज का प्रयोग बहुत किया जाता है। इसे युक्ति के श्रेणीक्रम में लगाया जाता है। जो अनावश्यक रूप से उच्च विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देता है। नियत मान से अधिक माप की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह पिघल जाता है। इसमें f विद्युत साधित्रों को होने वाली क्षति नहीं पहुँचती तथा परिपथ  में आग नहीं लगती।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 4.
समान्तर क्रम में प्रतिरोधों को किस प्रकार जोड़ा जाता है। प्रतिरोधों के इस संयोजन के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
जब दो या दो से अधिक प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाए कि उन सबका एक सिरा एक बिन्दु से तथा दूसरा सिरा किसी दूसरे बिन्दु से जुड़े तो इस प्रकार के संयोजन को समान्तर क्रम कहते हैं। माना R1, R2 R3, तीन प्रतिरोधों को बिन्दुओं A तथा B के बीच समान्तर क्रम में जोड़ा गया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 18
माना प्रतिरोध R1,R2, तथा R3, में धाराओं का मान क्रमशः I1,I2, तथा I3, हो, तो ओम के नियमानुसार
I =V/R1 ………..(i)
I =V/R2 ……………………. (ii) ,
I =V/R3 …………………… (iii)
जहाँ V बिन्दुओं A तथा B के बीच विभवान्तर हो, तो समीकरण (i), (ii) तथा (iii) को जोड़ने पर,
\(I_1+I_2+I_3=\frac{V}{R_1}+\frac{V}{R_2}+\frac{V}{R_3} \)
यदि बिन्दु A पर आने वाली कुल धारा का मान 1 हो, तो प
\(\begin{aligned}
&1=l_1+l_2+l_3 \\
&=V\left(\frac{V}{R_1}+\frac{V}{R_2}+\frac{V}{R_3}\right)
\end{aligned} \) …………………. (iv)
यदि A तथा B के बीच तुल्य प्रतिरोध A हो तो, ओम के नियमानुसार I=V/R …………………………. (v)
समीकरण (iv) तथा (v) की तुलान करने पर
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}\)

प्रश्न 5.
(a) किसी प्रयोग की सहायता से आप यह निष्कर्ष किस प्रकार निकालेंगे कि V वोल्ट की किसी बैटरी से श्रेणीक्रम में संयोजित तीन प्रतिरोधकों R1, R2, और R3, के परिपथ के प्रत्येक भाग से समान धारा प्रवाहित होती है?
(b) नीचे दिए गए परिपथ का अध्ययन करके, निम्नलिखित ज्ञात कीजिए :
(i) 12Ω प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा
(ii) A1 और A2 के पाठ्यांको में अंतर, यदि कोई है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 19
(CBSE 2019)
उत्तर-
(a) उद्देश्य-यह दर्शाया कि श्रेणीक्रम में संयोजित प्रतिरोधों की विद्युत धारा का मान प्रत्येक भाग में समान रहती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 20
विधि-(a) चित्रानुसार परिपथ तैयार कर लेते हैं।
(b) इसके लिए 1Ω,2Ω,3Ω, आदि प्रतिरोधों का उपयोग करते हैं इस क्रियाकलाप में 6V की बैट्री का उपयोग करते हैं।
(c) कुंजी को प्लग में लगाकर ऐमीटर का पाठ्यांक नोट करते हैं।
(d) अब एमीटर को दो प्रतिरोधों के बीच कहीं भी परिवर्तित कर देते हैं।
प्रेक्षण-हम पाते हैं कि ऐमीटर में विद्युत धारा का मान अपरिवर्तित रहता है। यह परिपथ में ऐमीटर की स्थिति पर निर्भर नहीं करता है।
निष्कर्ष-श्रेणीक्रम संयोजन में परिपथ के हर एक भाग में विधुत धारा (1) समान ही रहती है अर्थात् R1, R2, R3, आदि से समान विधुत धारा (I) प्रवाहित होती है। (b) मान कि R1 = 24Ω, R2 = 24Ω, और R3 = 125Ω है।
अब पार्श्व क्रम में तुल्य प्रतिरोध (Rp) :
\(\frac{1}{R_p}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}=\frac{1}{24}+\frac{1}{24}=\frac{2}{24}\)
Rp = \(\frac{24}{2}\) = 12 Ω

चूँकि 24Ω के दो प्रतिरोध और R3 ( = 12 Ω) से श्रेणी क्रम में जुड़े हुए हैं।
∴ परिपथ का कुल प्रतिरोध (R) = 12 Ω + 12 Ω = 24Ω
(i) 12 Ω प्रतिरोध से प्रवाहित धारा
= I = \(\frac{V}{R}=\frac{6}{24}=\frac{1}{4} \) = 0.25 A
(ii) A1 और A2 के पाठ्यांकों में कोई अंतर नहीं होगा क्योंकि श्रेणीक्रम में जुड़े प्रत्येक से समान धारा प्रवाहित होती है।

प्रश्न 6.
(a) विद्युत शक्ति की परिभाषा दीजिए। वोल्टता V के स्त्रोत के सिरों से संयोजित R प्रतिरोध का कोई विद्युत साधित्र धारा I लेता है। धारा और प्रतिरोध के पदों में शक्ति के लिए व्यंजक व्युपन्न कीजिए।
(b) 100W; 220V और 60W; 220V अनुमतांक के दो विद्युत बल्ब पार्श्व में 220V के विद्युत मेंस से संयोजित हैं। बल्बों द्वारा मेंस से ली गई धारा ज्ञात कीजिए। (CBSE 2019)
(a) कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। विद्युत ऊर्जा के उपयुक्त होने अथवा क्षयित की दर को भी विद्युत शक्ति कहत हैं ‘
विधुत शक्ति = \(\frac{\mathrm{W}}{t}=\frac{\mathrm{Q} \times \mathrm{V}}{t}=\mathrm{V}=\left(\frac{\mathrm{Q}}{t}\right)\) = VI
(b) 100W, 220V अनुमतांक वाले प्रथम लैम्प द्वारा ली गई धारा
I1 = \(\frac{P_1}{V}=\frac{100}{220}=\frac{5}{11} \mathrm{~A}\)
तथा 60 W, 220 V अनुमतांक वाले द्वितीय लैम्प द्वारा ली गई धारा
I2 = \(\frac{P_2}{V}=\frac{60}{220}=\frac{3}{11} \mathrm{~A}\)
पार्श्वक्रम संयोजन में दोनों लैम्पों द्वारा ली गई कुल धारा
= I1 +I2 = \(\frac{5}{11}+\frac{3}{11}=\frac{8}{11} \mathrm{~A} \) = 0.73A

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions) .

प्रश्न 1.
220 V की वोल्टता पर एक विद्युत उपकरण में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 0.4 A है तो घिण्टे में प्रवाहित विद्युत आवेश का मान क्या होगा ?
हल:
दिया है V= 220 V,
I = 0.4 A,
t= 1h = 3600 s
∴ प्रवाहित आवेश q=It = 0.4 x 3600 = 1440 कूलॉम

प्रश्न 2.
किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.25 ऐम्पीयर विद्युत धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती हैं। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए। [राज. 2015]
हल:
विद्युत बल्ब में धारा (I) = 0.25 A
समय (t) = 20 मिनट
=20 x 60 = 1200 सेकण्ड
(I) = \(\frac{q}{t} \) से
q = I x t = 0.25 x 1200
= 300 कूलॉम उत्तर

प्रश्न 3.
किसी चालक में धारा का मान 200 मिली ऐम्पियर है। इसमें होकर प्रति सेकण्ड कितने इलेक्ट्रॉन गुजर रहे होंगे ? (इलेक्ट्रॉन का आवेश e = 1.6 x 1-19 कूलॉम)
हल : प्रश्नानुसार,
धारा, i = 200 मिली ऐम्पियर
= 200 x 10-3 ऐम्पियर
समय,t = 1 सेकण्ड
इलेक्ट्रॉन का आवेश, e = 1.6 x 10-19 कूलॉम
माना n इलेक्ट्रॉन गुजर रहे होंगे।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 21
अतः प्रति सेकण्ड 1.25 x 1018 मुक्त इलेक्ट्रॉन गुजरेंगे।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 4.
ताँबे के एक तार में होकर 2.5x 1018 मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रति सेकण्ड प्रवाहित हो रहे हैं। चालक में धारा का मान ज्ञात कीजिए। (e = 1.6x 10-19 कूलॉम)
हल :
चालक में विद्युत आवेश = प्रति सेकण्ड प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या x एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश
या q =ne= 2.5 x 1018 × 1.6 x 10-19
=4.0 x 10-1 कूलॉम = 0.4 कूलॉम
∵ प्रवाहित आवेश, q =i x t
∴ 0.4 =i x 1 या i = 0.4 ऐम्पियर
∴ विद्युत धारा, i. =0.4 ऐम्पियर

प्रश्न 5.
एक धनावेशित तथा एक ऋणावेशित गोले को ताँबे के तार से जोड़ने पर गोलों के उदासीन होने में 1.0 मिली सेकण्ड का समय लगता है तथा इस समय में तार से होकर 200 माइक्रो कूलॉम आवेश गुजर जाता है। तार में प्रवाहित धारा का औसत मान ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार,
1. समय, 1 = 1.0 मिली सेकण्ड = 1.0 x 10-3 सेकण्ड
2. आवेश, q= 200 माइक्रो कूलॉम = 200 x 10-6 कूलॉम
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 22

प्रश्न 6.
एक चालक में होकर 0.5 कूलॉम का आवेश प्रवाहित होने में 3.0 जूल ऊर्जा का ह्रास होता है। चालक के सिरों का विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार, आवेश q= 0.5 कूलॉम
ऊर्जा की कमी = कार्य W = 3.0 जूल
हम जानते हैं कि
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 23

प्रश्न 7.
एक चालक के सिरों का विभवान्तर 1.5 वोल्ट है तथा उसमें धारा प्रवाहित होने से 20 सेकण्ड में 15 जूल ऊर्जा प्राप्त होती है। चालक में प्रवाहित धारा की गणना कीजिए।
हल:
20 सेकण्ड में प्रवाहित आवेश
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 24

प्रश्न 8.
एक प्रतिरोधक में 0.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने से 2.5 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता है। तार के सिरों पर 1.0 वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए उसमें कितनी धारा प्रवाहित करनी होगी?
हल:
प्रश्नानुसार,
विद्युत धारा (i) = 0.5 ऐम्पियर
प्रथम विभवान्तर V = 2.5 वोल्ट
द्वितीय विभवान्तर V’ = 1.0 वोल्ट
∵ ओम के नियम से,
V=iR
∴ R = \(\frac{\mathrm{V}}{i}=\frac{2.5}{0.5} \) = 5 ओम
पुनः 1 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए R का मान 5 ओम ही रहेगा।

i=\(\frac{V^{\prime}}{R}=\frac{1}{5}\) = 0.2 ऐम्पियर
अतः 0.2 ऐम्पियर की विद्युत धारा प्रवाहित करनी पड़ेगी।

प्रश्न 9.
एक चालक में 0.5 A धारा प्रवाहित होती है तथा उसके सिरों का विभवान्तर 2 वोल्ट है, चालक का प्रतिरोध बताइये।
हल:
प्रश्नानुसार, चालक में प्रवाहित धारा I = 0.5A
विभवान्तर V =2 Volt
चालक का प्रतिरोध R = ?
ओम के नियमानुसार R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{2}{0.5} \)
I 0.5 अतः चालक का प्रतिरोध 4 ओम होगा।

प्रश्न 10.
एक सेल का विद्युत वाहक बल 1.45 वोल्ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध 0.5 ओम है। इस सेल से 2.4 ओम का बाह्य प्रतिरोध जोड़ने से सेल का विभवान्तर कितना रह जायेगा ?
हल:
बाह्य प्रतिरोध में विद्युत धारा,
i = \(\frac{\mathrm{E}}{\mathrm{R}+\mathrm{r}}=\frac{1.45}{(2.4+0.5)}\) ऐम्पियर
= \(\frac{1.45}{2.9} \) =0.5 ऐम्पियर
ओम के नियम से,
विभवान्तर V= iR= 0.5 x 2.4 वोल्ट = 1.2 वोल्ट उत्तर

प्रश्न 11.
15 C आवेश को दो बिन्दुओं के बीच विस्थापित करने में कितना कार्य किया जाएगा, जबकि इन बिन्दुओं के बीच 12V का विभवान्तर है ? हल : दिया है विस्थापित आवेश q= 15 C तथा
बिन्दुओं के बीच विभवान्तर V = 12V
∴ सूत्र V= 6 से,
किया गया कार्य W=QV = 15 C x 12V = 180 J

प्रश्न 12.
कोई विद्युत हीटर किसी स्रोत से 4 A की धारा लेता है तो इसके सिरों के बीच विभवान्तर 60 V होता है। यदि विभवान्तर को बढ़ाकार 120 V कर दिया जाए तो हीटर कितनी धारा लेगा ?
हल:
प्रथम स्थिति में-
हीटर द्वारा ली गई धारा I1 = 4A
हीटर के सिरों का विभवान्तर V1 =60V

द्वितीय स्थिति में –
विभवान्तर V2 =120V
ली गई धारा I2 = ?
प्रथम दशा से, ‘
हीटर की कुण्डली का प्रतिरोध
R = \(\frac{V_1}{I_1}=\frac{60}{4} \) = 15 Ω
ओम के नियमानुसार कुण्डली का प्रतिरोध नियत रहेगा।
∴ द्वितीय दशा में R= \(\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{I}_2}\)
∴ हीटर द्वारा ली गई धारा I2 = \(\frac{\mathrm{V}_2^2}{\mathrm{R}}=\frac{120 \mathrm{~V}}{150 \Omega}\) = 8 A

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प्रश्न 13.
एक धातु का विशिष्ट प्रतिरोध 40 x 10-8 ओम मीटर है। बताइए कि 2 x 10-4 वर्ग मीटर परिच्छेद क्षेत्रफल की तार की एक कुण्डली बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? जबकि धातु का प्रतिरोध 4.8 ओम है।
हल:
प्रश्नानुसार, धातु का विशिष्ट प्रतिरोध
ρ = 40 x 10-8 Ω m
तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
A = 2 x 10-4 वर्ग मीटर
प्रतिरोध R = 4.8Ω
चालक तार की लम्बाई = ?
∵ ρ = \(\frac{\mathrm{RA}}{l}\) अत: l = \(\frac{\mathrm{RA}}{\rho}\)
∴ l = \(\frac{4.8 \times 2 \times 10^{-4}}{40 \times 10^{-8}}\)
= 2.4 x 103 मीटर
अत: चालक तार की लम्बाई (l) = 2.4 x 103 मीटर
अतः 2.4 x 103 मीटर लम्बे तार की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 14.
यदि किसी तार को खींचकर उसकी लम्बाई तीन गुनी कर दी जाय तो उसका प्रतिरोध कितना होगा?
हल:
प्रश्नानुसार, l1 = l ,l2,=3l,
R1 =R, R2 = ?
∵ तार का आयतन समान रहेगा अतः
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 25

प्रश्न 15.
नाइक्रोम का विशिष्ट प्रतिरोध 9.5 x 10-7 ओम-मीटर है। इस धातु के बने तथा 0.5 मिमि व्यास के तार की कितनी लम्बाई लेने से 19 ओम का प्रतिरोध प्राप्त होगा?
हल:
प्रश्नानुसार, नाइक्रोम का विशिष्ट प्रतिरोध, p= 9.5 x 10-7 ओम-मीटर
तार का व्यास = 0.5 मिमी = 5x 10-4 मीटर
प्रतिरोध, R = 19 ओम
तार की त्रिज्या r = \(\frac{\text { व्यास }}{2}=\frac{5 \times 10^{-4}}{2}\)
= 2.5 x 10-4 मीटर
∴ तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A = πr²
∵ R = \(\frac{\rho l}{\mathrm{~A}}\) (सूत्र)
∴ l = \(\frac{R A}{\rho}=\frac{19 \times 3.14 \times\left(2.5 \times 10^{-4}\right)^2}{9.5 \times 10^{-7}}\)
= \(\frac{19 \times 3.14 \times 2.5 \times 2.5}{95}\) = 3.925 मीटर
∴ तार की लम्बाई = 3.925 मीटर

प्रश्न 16.
समान लम्बाई के दो तारों के व्यासों का अनुपात 2 : 3 है। यदि पहले तार का प्रतिरोध 3.6 ओम हो, तो दूसरे तार का प्रतिरोध कितना होगा?
हल:
किसी तार का प्रतिरोध, R = P\(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
अब यदि उनके प्रतिरोध R1 व R2 हों, तो
R1 = ρ\(\frac{l}{A_1}\) तथा R2 = ρ\(\frac{l}{A_2} \)
\(\frac{\mathrm{R}_1}{\mathrm{R}_2}=\frac{\mathrm{A}_2}{\mathrm{~A}_1}=\frac{\pi r_2^2}{\pi r_1^2}=\frac{\mathrm{r}_2^2}{\mathrm{r}_1^2}\)
दिया है; व्यासों का अनुपात = \(\frac{2 r_1}{2 r_2}=\frac{r_1}{r_2}=\frac{2}{3}\)
\(\frac{\mathrm{R}_1}{\mathrm{R}_2}=\frac{(3)^2}{(2)^2}=\frac{9}{4}\) या R2 = \(\frac{4}{9} \mathrm{R}_1\)
R2 = \(\frac{4}{9} \times 3.6=1.6 \) ओम
उत्तर अतः दूसरे तार का प्रतिरोध 1.6 ओम होगा।

प्रश्न 17.
दो विभिन्न धातुओं के तार समान लम्बाई और समान व्यास के हैं। इन तारों के प्रतिरोध 2 ओम तथा 2.5 ओम हैं। पहले तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध 4.4 x 10-7 ओम-मीटर है , तो दूसरे तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार पहले तार का प्रतिरोध, R1 = 2.0 ओम
दूसरे तार का प्रतिरोध, R2 = 2.5 ओम
पहले तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ρ1 = 4.4 x 10-7 ओम-मीटर
माना दूसरे तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ρ2 है।

R1 = ρ1 \(\frac{l_1}{\mathrm{~A}_1} \) , तथा R2= ρ1 \(\frac{l_2}{\mathrm{~A}_2} \),
जबकि l1, और l2, लम्बाइयाँ तथा A1 और A2 तारों के परिच्छेद क्षेत्रफल हैं। .
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प्रश्न 18.
एक परिपथ में 10Ω, 6Ω, तथा 4Ω के तीन प्रतिरोधक श्रेणी क्रम में संयोजित हैं । पूरे संयोजन का विभवान्तर 10 वोल्ट है। प्रत्येक में धारा एवं विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल : परिपथ में कुल धारा
I = \(\frac{V}{R}=\frac{V}{R_1+R_2+R_3}\)
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∵ श्रेणी क्रम में संयोजन में सभी प्रतिरोधों में समान धारा बहती है।
∵10Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V1 = IR1 = 0.5 ऐम्पियर x 10 ओम = 5.0 वोल्ट
6Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V2 = IR2 = 0.5 ऐम्पियर x 6 ओम = 3.0 वोल्ट 4Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V3 = IR3 = 0.5 ऐम्पियर x 4 ओम = 2.0 वोल्ट

प्रश्न 19.
संलग्न चित्र में AB के मध्य तुल्य प्रतिरोध तथा धारा का मान बताइए। [राज. 2015]
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 28
हल : 2Ω तथा 2Ω के दो प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं अतः इनका
तुल्य प्रतिरोध R1 = 2+2=40Ω
R2 = 2+2 = 4Ω
4Ω तथा 4Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं ।
अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}\)
∴\(\frac{1}{R}=\frac{1}{4}+\frac{1}{4}=\frac{1}{2} \)
∴ R=2Ω
अत: A तथा B के मध्य तुल्य प्रतिरोध R = 2 Ω होगा।
प्रवाहित धारा (I) = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{6}{2}\) = 3A

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प्रश्न 20.
दिए गए परिपथ चित्र संयोजन में 100 प्रतिरोध से प्रवाहित धारा I, ज्ञात कीजिए। (CBSE 2019)
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उत्तर-चूँकि 5Ω व 10Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं
अतः तुल्य प्रतिरोध \(\frac{1}{\mathrm{R}_{\mathrm{eq}}}=\frac{1}{5}+\frac{1}{10}\)
Req = 10/3Ω
I = \(\frac{12}{10} \times 3 \) = 3.6 A
∴ I1 x 5 = I2= x 10 (पार्श्वक्रम में विभवान्तर समान होता है)
∴ I1 = I2
∴ I = I1 + I2
3.6 = 2 I2 + I1
=3 I2 = 3.6
I2 = 1.2A
अत: A तथा B के मध्य तुल्य प्रतिरोध R=2Ω होगा। उत्तर

प्रश्न 21.
तीन प्रतिरोधों के मान क्रमशः 1 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम हैं। इन्हें 1.5 वोल्ट के विद्युतवाहक बल की सेल से जोड़ने पर परिपथ में कुल कितनी धारा प्रवाहित होगी, यदि प्रतिरोधों को (क) श्रेणीक्रम में, (ख) समान्तर क्रम में जोड़ा जाय ? (सेल का आन्तरिक प्रतिरोध नगण्य
हल :
(क) श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध
R=R1+R2+R3
= 1+3+6= 10 ओम
परिपथ में धारा i = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{1.5}{10} \) = 0.15 ऐम्पियर उत्तर
(ख) समान्तर क्रम में जोड़ने पर, \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{1}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6} \text { या } \frac{1}{R}=\frac{6+2+1}{6}=\frac{9}{6}\)
∴ R= \(\frac{6}{9} \) ओम
∴ परिपथ में धारा i= \(\frac{1.5}{\frac{6}{9}}=\frac{13.5}{6} \) = 2.25 ऐम्पियर उत्तर

प्रश्न 22.
(a) किसी उपयुक्त परिपथ आरेख की सहायता से यह सिद्ध कीजिए कि पार्श्वक्रम में संयोजित प्रतिरोधों के समूह के तुल्य प्रतिरोध का पृथक प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता हैं।
(b) किसी परिपथ में 120 के दो प्रतिरोधक 67 की बैटरी के सिरों से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। बैटरी से ली गई धारा ज्ञात कीजिए।(CBSE 2019)
उत्तर-
(a) दिया गया चित्र दर्शाता है. कि एक परिपथा जिसमें तीन प्रतिरोधक R1 R2, और R3, पार्यक्रम में संयोजित है परिपथ में प्रवाहित कुल धारा तीनों प्रतिरोधकों में I1 I2 और I3 में विभाजित हो जाएगी।
अतः I= I1 +I2+I3
प्रत्येक प्रतिरोधक में ओम का नियम लागू करने पर,
I1 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_1} ; \mathrm{I}_2=\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_2} ; \mathrm{I}_3=\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_3}\)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 30
माना परिपथ में तुल्य प्रतिरोध Req है।
पूरे परिपथ में ओम का नियम लागू करने पर,
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 31
(b)R1 =R2= 12Ω, V=6V
पार्श्वक्रम मे संयोजित करने पर तुल्य प्रतिरोध R है।
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2} \Rightarrow \frac{1}{12}+\frac{1}{12}=\frac{1}{6} \)

प्रश्न 23.
निम्न परिपथ में (i) कुल प्रतिरोध, (ii) कुल धारा का परिकलन कीजिए।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 32
हल : (i) कुल प्रतिरोध
10Ω व 10Ω के दोनों प्रतिरोध समान्तर क्रम में जुड़े हैं
अतः तुल्य प्रतिरोध \(\frac{1}{\mathrm{R}^{\prime}}=\frac{1}{10}+\frac{1}{10}=\frac{2}{10}=\frac{1}{5}\)
या R’ = 5 Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित होंगे अतः ।
R=R+5=5+5=10Ω
(ii) कुल धारा I= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{10}{10}\) =1A

प्रश्न 24.
बिन्दु A तथा B के मध्य तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 33
हल:
विशेष तथ्य-ऐसी समस्या को तार समस्या कहते है तथा तार को एक नम्बर दिया जाता है। तार जिन बिन्दुओं पर सम्पर्क करता है उसे उस तार का नम्बर दे दिया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 34
तीनों प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं। अत:
\( \frac{1}{\mathrm{R}^{\prime}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3}\)
\(=\frac{1}{2}+\frac{1}{6}+\frac{1}{8}=\frac{12+4+3}{24}=\frac{19}{24} \)
\(\mathrm{R}^{\prime}=\frac{24}{19}=1.2631 \Omega\)

प्रश्न 25.
एक ही कुण्डली 100 w, 200 V को दो समान भागों में काटकर दोनों भागों को समान्तर क्रम में 220V के स्रोत से जोड़ा जाता है। क्रम में जोड़ने पर प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊर्जा की गणना कीजिए।
हल:
कुण्डली का प्रतिरोध \(\frac{V_2}{P}=\frac{(200)^2}{100}=400 \Omega\)
प्रत्येक अलग भाग का प्रतिरोध = 220 Ω
समान्तर क्रम में संयोजित होने पर कुल प्रतिरोध
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{200}+\frac{1}{200}=\frac{2}{200}=\frac{1}{100} \) या R = 100Ω
अतः प्रति सेकण्ड मुक्त ऊर्जा = \(\frac{(200)^2}{100}=400 \) जूल।

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प्रश्न 26.
एक बल्ब पर 5V, 100mA अंकित है। बल्ब का
(i) प्रतिरोध,
(ii) शक्ति का परिकलन कीजिए।
हल :
(i) प्रतिरोध R= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{5}{100 \times 10^{-3}}\)
= \(\frac{5000}{100}=50 \Omega\)

(ii) शक्ति P= VI सूत्र से,
P=5 x 100 x 10-3 = 0.5 वॉट

प्रश्न 27.
(a) 100W, 220 V तथा 10w, 200 v अनुमतांक के दो लैंप 200V की आपूर्ति से पार्श्व में संयोजित हैं। इस परिपथ से प्रवाहित कुल धारा परिकलित कीजिए।
(b) दो प्रतिरोधकों x अथवा Y, जिनके प्रतिरोध क्रमशः 2Ω और 3Ω हैं, को पहले पार्श्व में और फिर श्रेणी में संयोजित किया गया है। प्रत्येक प्रकरण में आपूर्ति की वोल्टता 5V हैं-
(i) प्रत्येक प्रकरण में प्रतिरोधकों के संयोजन को दर्शाने के लिए परिपथ आरेख खींचिए।
(ii) प्रतिरोधकों के श्रेणी संयोजन में 3Ω के प्रतिरोधक के सिरों पर वोल्टता परिकलित कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) 100W; 220V वाले लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा
P1 = VI1
⇒ I1= \(\frac{P_1}{V}=\frac{100}{220} \)
⇒ I1 = \(\frac{5}{11} \mathrm{~A} \)
10W, 220V वाले लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा का मान
I1 = \(=\frac{P_2}{V}=\frac{10}{220}=\frac{1}{22} A \)
परिपथ में प्रवाहित कुल धारा
\( \mathrm{I}=\mathrm{I}_1+\mathrm{I}_2=\frac{5}{11}+\frac{1}{22}=\frac{10+1}{22}=\frac{11}{22}=\frac{1}{2} \mathrm{~A}=0.5 \mathrm{~A}\)

(b)
(i) पार्श्व क्रम में
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 35
(ii) श्रेणी क्रम में : तुल्य प्रतिरोध
Rs =R1 + R2
= 22+32=50 V=5V
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{5}{2}\) = 1A
सभी प्रतिरोधकों X तथा Y से समान धारा (I = 1A) प्रवाहित होगी।

प्रश्न 28.
किसी विद्युत इस्तरी में अधिकतम तापन दर के लिये 840 वॉट की दर से ऊर्जा उपयुक्त होती है। विद्युत स्त्रोत की वोल्टता 220 V है। विद्युत धारा तथा प्रतिरोध के मान परिकलित कीजिये। राज. 2015]
हल :
वैद्युत शक्ति (P) = 840
वॉट विभवान्तर (V)= 220V
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प्रश्न 29.
परिपथ में दर्शाए अनुसार 6V की किसी बैटरी से 20Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत लैम्प 4Ω प्रतिरोध के चालक से संयोजित है। निम्नलिखित का मान परिकलित कीजिए-
(a) परिपथ का कुल प्रतिरोध,
(b) परिपथ में प्रवाहित धारा,
(c)
(i) विद्युत लैम्प और
(ii) चालक के सिरों पर विभवान्तर तथा
(d) लैम्प की शक्ति। (CBSE 2019)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 37
उत्तर-
V= 6V1, R1 = 20Ω,R, =4Ω
(a) तुल्य प्रतिरोध R =R1 +R2
=20+4=24Ω

(b) परिपथ में प्रवाहित धारा
\(I=\frac{V}{R}=\frac{6}{24}=\frac{1}{4} \) = 0.25 ऐम्पियर

(c) लैम्प के सिरों पर विभवान्तर :
v = IR = \(\frac{6}{24}\) x 20 = 5V
चालक के सिरों पर विभवान्तर = 0.25 x 4 = 1.00V

(d) लैम्प की शक्ति
P =VI⇒ P = 5x \(\frac{1}{4}\) = 1.25 वाट

प्रश्न 30.
दो बल्ब, एक 40 वाट का व दूसरा 100 वाट का, 220 वोल्ट के विद्युत परिपथ में समान्तर क्रम जुड़े हैं।
(i) इसके विद्युत परिपथ का चित्र बनाइए।
(ii) विद्युत परिपथ में प्रवाहित विद्युतधारा का मान ज्ञात कीजिए।
(ii) जब दोनों बल्ब एक साथ एक घंटे के लिए जलाए जाते हैं तो उपयुक्त (खर्च हुई) ऊर्जा की गणना कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(i)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 37
(ii) माना कि P1 = 40W,V1 = 220V है। हमें ज्ञात करना है : I2 = ?
∴ P =V1
I1 = \(\frac{P_1}{V_1}=\frac{40}{220}=\frac{8}{11} \mathrm{~A}\)
P = 100W, V2 = 220V, I2 = ?
I2 = \(\frac{\mathrm{P}_2}{\mathrm{~V}_2}=\frac{100}{220}=\frac{5}{11} \mathrm{~A}\)
परिपथ से प्रवाहित होने वाली कुल विद्युत धारा
I = \(\mathrm{I}_1+\mathrm{I}_2=\frac{2}{11}+\frac{5}{11}=\frac{7}{11} \mathrm{~A}\)

(iii) 40w के बल्ब द्वारा खपत की गई ऊर्जा
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बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective type Questions)

1. निम्नलिखित में से कौन सा सम्बन्ध ओम का नियम नहीं हैं
(a) V ∝ I
(b) \(\frac{\mathrm{V}^2}{\mathrm{I}} \) = नियतांक
(c) V=IR
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(b) \(\frac{\mathrm{V}^2}{\mathrm{I}} \) = नियतांक ।

2. प्रतिरोध का मात्रक होता है-
(a) ऐम्पियर
(b) ओम
(c) ओम-मीटर
(d) वाट।
उत्तर-
(b) ओम।

3. किसी तार की प्रतिरोधकता निर्भर करती है
(a) तार की लम्बाई पर
(b) अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(c) पदार्थ पर
(d) (a), (b) व (c) तीनों पर ।
उत्तर-
(d) (a), (b) व (c) तीनों पर ।

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4. 50W, 250v के एक लैंप में प्रवाहित विद्युत धारा का मान है-
(a) 0.2A
(b) 5A
(c) 2A
(d) 2.5A.
उत्तर-
(a) 0.2A.

5. टंगस्टन का गलनांक क्या है ?
(a) 1380°C
(b) 2380°C
(c) 3380°C
(d) 4480°C.
उत्तर-
(c)3380°C

6. एक इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होता है?
(a) 2.6 x 10-19 कूलॉम
(b) 1.6 x 10-19 कूलॉम
(c) 3.6 x 106 कूलॉम
(d) 1.6 x 10-19 कूलॉम।
उत्तर-
(b) 1.6 x 10-19 कूलॉम।

7. कार्य करने की दर को कहते हैं :
(a) विभवान्तर
(b) विभव
(c) ताप
(d) शक्ति ।
उत्तर-
(d) शक्ति ।

8. फ्यूज को किसी संयन्त्र के साथ किस क्रम में जोड़ा जाता है?
(a) समान्तर
(b) श्रेणी
(c) दोनों में जोड़ा जा सकता है
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) श्रेणी।

9. विद्युत आवेश का SI मात्रक है:
(a) वॉट
(b) किलोवॉट
(c) ऐम्पियर
(d) कूलॉम।
उत्तर-
(d) कूलॉम।

10. ऐमीटर को परिपथ में सदा कैसे संयोजित किया जाता
(a) श्रेणीक्रम में
(b) पार्श्वक्रम में
(c) उपर्युक्त (a), (b), में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) श्रेणीक्रम में।

11. विभवान्तर को मापने वाला यन्त्र है –
(a) ऐमीटर
(b) वोल्टमीटर
(c) गैल्वेनोमीटर
(d) विद्युत मीटर।
उत्तर-
(b) वोल्टमीटर।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

12. प्रतिरोधकता का SI मात्रक है –
(a) वोल्ट
(b) ओम-मीटर
(c) ऐम्पियर
(d) ओम।
उत्तर-
(b) ओम मीटर

13. किसी विद्युत धारा के सतत व बन्द परिपथ को कहते हैं:
(a) विद्युत परिपथ
(b) विद्युत मार्ग
(c) विद्युत गमन
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) विद्युत परिपथ।

14. 14 A को व्यक्त करते हैं :
(a) 10-3A से
(b) 10-10A से
(c) 10-9Aसे
(d) 10-6A से।
उत्तर-
(d) 10-6A से।

15. बल्ब में गैस भरने से उसके तन्तु की आयु पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(a) घट जाती है
(b) समान रहती है
(c) वृद्धि होती है
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(c) वृद्धि होती है।

16. यदि R1, R2 एवं R3 तीन प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में जोड़ा जाए तो कुल प्रतिरोध होगा
(a) R = R1 + R2+R3
(b) \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3}\)
(c) \(\frac{1}{\mathrm{R}}+\frac{1}{\mathrm{R}_1}=\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3} \)
(d) R= \(\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3} \)
उत्तर-
(b) \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3}\)

17. काँच की छड़ को रेशमी कपड़े से रगड़ने पर क्या उत्पन्न होता है ?
(a) धनात्मक आवेश
(b) विभवान्तर
(c) विभव
(d) दिष्ट धारा।
उत्तर-
(a) धनात्मक आवेश।

18. t समय में प्रतिरोध R में धारा I प्रवाहित होने पर किए गए कार्य का सूत्र है-
(a) W=IRt
(b) W=I2 Rt
(c) W = IR2t
(d) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर-
(b) W=I2 Rt

19. एक विद्युत प्रतिरोध का मान क्या होगा, यदि इसमें 220 V पर 20 A की धारा को प्रवाहित किया जाए?
(a) 1.10
(b) 112
(c) 2.22
(d) 222.
उत्तर-
(b) 112.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

20. 20 Ω, 5Ω, तथा 4Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़े जाएँ तो संयुक्त प्रतिरोध होगा :
(a) 2Ω
(b) 29Ω
(c) 0.5Ω
(d) उपर्युक्त कोई भी नहीं
उत्तर-
(a) 2Ω.

21. 100 W और 40w के दो बल्ब श्रेणी में संयोजित हैं। 100 W के बल्ब से 1A धारा प्रवाहित हो रही है। 40W के बल्ब से प्रवाहित धारा का मान होगाः (CBSE 2020)
(a) 0.4A
(b) 0.6A
(c) 0.8A
(d) 1A
उत्तर-
(d) 1 A.

22. mA और μA के साथ क्रमशः हैं : (CBSE 2020)
(a) 10-6 और 10-9A
(b) 10-3A और 10-6A
(c) 10-3A और 10-9A
(d) 10-6A और 10-3A
उत्तर-
(b) 10-3A और 10-6A

23. लंबाई । तथा एक समान अनुप्रस्थ-काट क्षेत्रफल ‘A’ के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध ‘R’ है। उसी पदार्थ के किसी अन्य चालक जिसकी लंबाई 2.51 प्रतिरोध 0.5R है, कि अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल होगा : (CBSE 2020)
(a) 5A
(b) 2.5A
(c) 0.5A
(d) FA.
उत्तर-
(a) 5A

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks)

1. विद्युत आदेश के प्रवाह की दर को …………………………. कहते है।.
उत्तर-
विद्युत धारा,

2. विद्युत धारा का मात्रक …………………………. होता है।.
उत्तर-
एम्पियर

3. किसी चालक का वह गण जिसके कारण वह अपने में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का विशेष करा है, …………………………. कहलाता है।
उत्तर-
प्रतिरोध,

4. विद्युत विभवान्तर का मात्रक …………………………. होता है।
उत्तर-
वोल्ट,

5. किसी विद्युत परिपथ में परिपथ के प्रतिरोध को परिवर्तित करने के लिए …………………………. का उपयोग किया जाता
उत्तर-
धारा नियंत्रक।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

1. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए.

कॉलम X कॉलम Y
(i) विद्युत धारा मापकयंत्र (a) जूल का तापीय नियम
(ii) विद्युत विभवान्तर मापकयंत्र (b) विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक
(iii) IR (c) ऐमीटर
(iv) I2Rt (d) वोल्टमीटर
(v) ओम-मीटर (e) ओम का नियम
(vi) यूनिट (KWR) (f) प्रतिरोधकता

उत्तर-

कॉलम X कॉलम Y
(i) विद्युत धारा मापकयंत्र (c) ऐमीटर
(ii) विद्युत विभवान्तर मापकयंत्र (d) वोल्टमीटर
(iii) IR (e) ओम का नियम
(iv) I2Rt (a) जूल का तापीय नियम
(v) ओम-मीटर (e) ओम का नियम (f) प्रतिरोधकता
(vi) यूनिट (KWR) (b) विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

2.
(I) निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 40

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 41

(II) निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 42

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नेत्र का कौन-सा भाग नेत्रदान में दान किया जाता है?
उत्तर-
कॉर्निया (दृष्टि पटल)।

प्रश्न 2.
मानव नेत्र (सामान्य) का दूर बिंदु कहाँ स्थित होता है?
उत्तर-
अनन्त पर।

प्रश्न 3.
चलचित्र में मानव नेत्र के किस गुण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
दृष्टि निर्बन्धता का।

प्रश्न 4.
दोनों नेत्रों का एक साथ दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है ?
उत्तर-
लगभग 180° ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

प्रश्न 5.
पुतली (Iris) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आँख के बीच के छिद्र को पुतली (Iris) कहते हैं।

प्रश्न 6.
आँख का लेंस क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
आँख का लेंस अपवर्तित किरणों को रेटिना पर पड़ने से पहले फोकस दूरी निर्धारित करता है।

प्रश्न 7.
कम प्रकाश में पुतली पर क्या प्रभाव पड़ता
उत्तर-
पुतली फैल जाती है।

प्रश्न 8.
रेटिना पर प्रतिबिम्ब कैसा बनता है ?
उत्तर-
रेटिना पर प्रतिबिम्ब उल्टा, छोटा और वास्तविक बनता है।

प्रश्न 9.
क्रिस्टलीय लेंस का कार्य क्या है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीय लेंस विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को रेटिना पर फोकसित करने के लिए आवश्यक दूरी में सूक्ष्म समायोजन करता है।

प्रश्न 10.
कौन सा जीव पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में भी देख सकता है?
उत्तर-
शहद की मक्खियाँ।

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प्रश्न 11.
नेत्रदान में कितना समय लगता है ?
उत्तर-
10 से 15 मिनट।

प्रश्न 12.
कौन से लोग नेत्रदान नहीं कर सकते ?
उत्तर-
एड्स, हेपेटाइटिस B या C , जलभित्ती, मस्तिष्क ‘ शोथ के संक्रमण से पीड़ित लोग नेत्रदान नहीं कर सकते।

प्रश्न 13.
अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, क्या कहलाती है? [RBSE 2015]
उत्तर-
समायोजन क्षमता।

प्रश्न 14.
निकट दृष्टिदोष के क्या कारण है ?
उत्तर-
(i) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अधिक होना। अथवा
(ii) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना।

प्रश्न 15.
नेत्र लेंस को निकट की वस्तु देखने पर यह कैसे समायोजित हो जाता है ?
उत्तर-
लेंस पतला हो जाता है।

प्रश्न 16.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना से पहले बनता है।

प्रश्न 17.
निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के दोष निवारण के लिये कौन-सा लेंस प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर-
अवतल लेंस।।

प्रश्न 18.
एक विद्यार्थी कक्षा में तीसरी पंक्ति में बैठा हुआ है, जिसे अध्यापक द्वारा बोर्ड पर लिखा संदेश स्पष्ट दिखायी नहीं पड़ता है तो बताइए कि विद्यार्थी किस दोष से पीड़ित है?
उत्तर-
निकट दृष्टि दोष।

प्रश्न 19.
दूर दृष्टिदोष के क्या कारण हैं?
उत्तर-

  • अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाना,
  • नेत्र गोलक का छोटा हो जाना।

प्रश्न 20.
एक व्यक्ति के चश्में में उत्तल लेंस लगा है। बताइए उस व्यक्ति की आँख में कौन सा दोष है ?
उत्तर-
व्यक्ति की आँख में दूर दृष्टि दोष है।

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प्रश्न 21.
दूर दृष्टि दोष से युक्त नेत्र के लिये प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है?
उत्तर-
रेटिना के बाद बनता है।

प्रश्न 22.
एक विद्यार्थी पुस्तक को स्पष्ट रूप से नहीं पढ़ पाता है तो बताइए उसे कौन-सा दोष है?
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष है।

प्रश्न 23.
जरा दूर-दृष्टिता का क्या कारण है ?
उत्तर-
यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण होता है।

प्रश्न 24.
जरा दूर-दृष्टिता के निवारण के लिये किस प्रकार के लेंस का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
द्विफोकसी लेंस का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऊपर का भाग अवतल लेंस की तरह तथा नीचे का भाग उत्तल लेंस की भाँति कार्य करता है।

प्रश्न 25.
वृद्धावस्था में कुछ लोगों को मोतियाबिन्दु क्यों हो जाता है?
उत्तर-
उनकी आँख के लेंस पर पारभासक या अपारदर्शक झिल्ली जमने के कारण मोतियाबिन्दु हो जाता है।

प्रश्न 26.
आजकल चश्में के स्थान पर नेत्र दोषों को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
उत्तर-
कॉन्टेक्ट लेंसों के प्रयोग या शल्य चिकित्सा के द्वारा नेत्र दोषों को सुधारा जा सकता है।’

प्रश्न 27.
तारों के टिम-टिमाने का मुख्य कारण क्या
उत्तर-
वायुमण्डलीय अपवर्तन।

प्रश्न 28.
वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच कितना समयान्तराल होता है?
उत्तर-
2 मिनट।

प्रश्न 29.
यदि पृथ्वी पर वायुमंडल न होता तो आकाश का रंग कैसा दिखता ?
उत्तर-
काला। .

प्रश्न 30.
प्रिज्म में कितने आधार और पृष्ठ होते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म में दो त्रिभुजाकार आधार तथा तीन आयताकार पार्श्व पृष्ठ होते हैं।

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प्रश्न 31.
प्रिज्म कोण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रिज्म के दो पार्श्व फलकों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।

प्रश्न 32.
सर्वप्रथम सूर्य का स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए काँच के प्रिज्म का उपयोग किसने किया था ?
उत्तर-
आइजक न्यूटन।

प्रश्न 33.
इन्द्रधनुष आकाश में किस दिशा में दिखाई देता है ?
उत्तर-
सूर्य के विपरीत दिशा में।

प्रश्न 34.
इन्द्रधनुष बनने का कारण क्या है ?
उत्तर-
वायुमण्डल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदों के द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण इन्द्रधनुष बनता

प्रश्न 35.
स्पेक्ट्रम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को स्पेक्ट्रम कहते हैं।

प्रश्न 36.
प्रकाश स्पेक्ट्रम में पाए जाने वाले वर्णों को क्रम से लिखिए।
उत्तर-
बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल।

प्रश्न 37.
प्रिज्म में से श्वेत प्रकाश के गुजरने पर कौन-सा रंग सबसे अधिक विक्षेपित होता है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग।

प्रश्न 38.
विचलन कोण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रिज्म द्वारा अपवर्तन होने पर प्रिज्म की विशेष आकृति के कारण निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से एक कोण बनाती है। इस कोण को विचलन कोण कहते हैं।

प्रश्न 39.
विक्षेपण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश के अवयवी वर्गों में विभाजित हो जाने को विक्षेपण या वर्ण विक्षेपण कहते हैं।

प्रश्न 40.
जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन किस कारण करती हैं ?
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव के कारण।

प्रश्न 41.
पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल न होने पर आकाश किस रंग का दिखाई देगा?
उत्तर-
वायुमण्डल की अनुपस्थिति में प्रकीर्णन न हो पाने के कारण आकाश का रंग काला दिखाई देगा।

प्रश्न 42.
खतरे का संकेत लाल बनाने का क्या कारण है ? या सूर्योदय के समय रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है, इसलिये इसका प्रकीर्णन कम होता है अतः दूर से देखने पर भी रंग की तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। इसीलिये ये लाल रंग के होते हैं।

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प्रश्न 43.
स्वच्छ आकाश के नीले रंग का मुख्य कारण क्या है? [CBSE 2015]
उत्तर-
प्रकाश का प्रकीर्णन।

प्रश्न 44.
अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखायी देता है?
उत्तर-
काला, अत्यधिक ऊँचाई पर प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
दृष्टि पटल का कार्य लिखिए।
उत्तर-
नेत्र के उचित कार्य के लिए दृष्टि पटल (Retina) अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। ये नेत्र गोलक का भीतरी पर्दा है जिसका रूप अत्यन्त कोमल झिल्ली के समान होता है। इस पर असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएँ होती हैं। इस पर दण्ड और शंकु जैसी रचनाएँ होती हैं जो प्रकाश और रंगों के प्रति संवेदनशील होती हैं। यही प्रकाश की संवेदना को संकेतों के रूप में मस्तिष्क तक दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से भेजती हैं जिससे दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर लिखिए।

उत्तर-
मनुष्य की आँख व फोटोग्राफिक कैमरे में अन्तर

मनुष्य की आँख फोटोग्राफिक कैमरा
1. यह सजीव है। 1. यह निर्जीव है।
2. पेशियों की सहायता से इसकी उत्तलता को कम या अधिक किया जा सकता है। 2. इसकी उत्तलता को कम या अधिक नहीं किया जा सकता।
3. इसमें लेंस, एक्वस एवं विट- रस ह्यूमर मिलकर संयुक्त लेंस का कार्य करते हैं। 3. इसमें एक या अनेक लेंसों का प्रयोग किया जाता है।
4. पुतली के द्वारा लेंस को नियन्त्रित किया जाता है। 4. एक छिद्र के द्वारा लेंस द्वार को छोटा या बड़ा किया जाता है।

प्रश्न 3.
कौन-कौन व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं?
उत्तर-

  • किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति
  • किसी भी लिंग के व्यक्ति
  • चश्मा लगाने या चश्मा न लगाने वाले
  • मोतियाबिन्दु का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति
  • उच्च रक्त चाप से पीड़ित
  • दमे के रोगी
  • मधुमेह रोगी।

प्रश्न 4.
हमारी आँखें किस प्रकार किसी वस्तु की लम्बाई, चौड़ाई और गहराई को प्रकट करती हैं?
उत्तर-
हमारी आँखें सिर के सामने की ओर स्थित रहती हैं। इससे हमारा दृष्टि क्षेत्र अवश्य कुछ कम हो जाता है परन्तु इससे त्रिविमीय चित्र भली-भाँति दिखाई पड़ते हैं। हमारी-आँखों के बीच कुछ सेन्टीमीटर का अन्तर होता है इसलिए दोनों आँखों से किसी भी वस्तु का थोड़ा सा भिन्न प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। हमारा मस्तिष्क दोनों प्रतिबिम्बों का संयोजन करके एक प्रतिबिम्ब बना देता है जिससे उस वस्तु की निकटता या दूरी का ज्ञान हो पाता है। इससे लम्बाई, चौड़ाई और गहराई का ज्ञान हो सकता है।

प्रश्न 5.
सिनेमा की रील में सभी लोग स्वाभाविक रूप से हिलते-डुलते क्यों दिखाई देते हैं जबकि वास्तव में वे स्थिर ही होते हैं।
उत्तर-
मनुष्य की आँख का एक विशेष गुण है कि रेटिना पर बने बिम्ब की संवेदना एक सेकण्ड के सोलहवें भाग तक बनी रहती है। यदि इस वेग से जल्दी एक सी तस्वीरें आँख के सामने से गुजारी जाएँ तो वे चलती-फिरती और सहज रूप से गति करती प्रतीत होती हैं। सिनेमा की रील फिल्म में एक सेकण्ड में 24 या इससे अधिक तस्वीरें ली जाती हैं तथा जब ये तस्वीरें आँख के सामने से गुजरती हैं तो वे चलती-फिरती दिखाई देती हैं।

प्रश्न 6.
नेत्रदान करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो जाना चाहिए।
  2. नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार का विरूपण नहीं होता।
  3. नेत्रदान समीपवर्ती नेत्र बैंक को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम दिवगंत व्यक्ति के घर या निकटवर्ती अस्पताल में 10-15 मिनट में नेत्र निकाल लेती है।

प्रश्न 7.
रेटिमा से मस्तिष्क तक संकेत कैसे पहुँचते हैं ?
उत्तर-
पुतली से प्रकाश किरणें नेत्र में प्रवेश कर अभिनेत्र लेंस के माध्यम से रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती हैं। रेटिना पर बहुत अधिक संख्या में प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो सक्रिय होकर विद्युत सिग्नल उत्पन्न करती हैं। ये सिग्नल दृक् तंत्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिए जाते हैं और मस्तिष्क उनकी व्याख्या कर लेता है।

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प्रश्न 8.
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का क्या अर्थ है ? (RBSE 2017)
उत्तर-
यदि वस्तु नेत्र के अधिक समीप हो तो वह स्पष्ट दिखाई नहीं देती है अतः वह निकटतम बिन्दु जिस पर स्थित वस्तु को नेत्र अपनी अधिकतम समंजन क्षमता लगाकर स्पष्ट देख सकता है, नेत्र का निकट बिन्दु कहलाता है। नेत्र से निकट बिन्दु तक की दूरी स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है। सामान्य नेत्र के लिए यह दूरी 25 cm होती है।

प्रश्न 9.
मोतियाबिन्दु किसे कहते हैं ? इसका उपचार क्या है ?
उत्तर-
आँख के लेंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लेंस के पार की प्रकाश की किरणों के गुजरने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लेंस पूर्णतः अपारदर्शी भी बन जाता है। शल्य चिकित्सा के द्वारा उस खराब लेंस को बाहर निकाल दिया जाता है। उसके स्थान पर उचित शक्ति का कॉन्टेक्ट लेंस लगाने या शल्य चिकित्सा के बाद चश्मा लगाने से ठीक दिखाई देने लगता है।

प्रश्न 10.
जब किसी व्यक्ति की आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं तथा आँख के लेंस का लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति की आँख के इस दोष को क्या नाम दिया जाता है? इस दोष को ठीक करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का चश्मा लगाया जाता है, इस लेंस का वर्णन करें।
उत्तर-
इस दोष का नाम जरा दूरदृष्टिता है। इस दोष को ठीक करने के लिए द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। इस लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस हा… है जो कि दूर की वस्तुओं को ठीक से देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेंस के नीचे वाले भाग में उत्तल लेंस होता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने के लिए उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
क्या होता है जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी काँच के प्रिज्म से होकर अपवर्तित होता है? प्रिज्म से अपवर्तन के पश्चात् किस वर्ण का विचलन अधिकतम होता है और किसका न्यूनतम? क्या हो सकता है यदि किसी दूसरे सर्वसम प्रिज्म को पहले प्रिज्म के सापेक्ष उल्टी स्थिति में रखा जाए? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
अथवा
किसी छात्र को अपनी दृष्टि के संशोधन के लिए-0.5D क्षमता के चश्मों की आवश्यकता होती है।
(i) उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जिससे यह छात्र पीड़ित है। (RBSE 2016)
(ii) संशोधक लेंस की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
(iii) इस दृष्टि दोष के दो कारणों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब कोई श्वेत प्रकाश पुंज किसी प्रिज्म से अपवर्तित होता है तो श्वेत प्रकाश पुंज सात रंगों में VIBGYOR में विभक्त होता है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। बैंगनी रंग का विचलन अधिकतम; लाल रंग का विचलन न्यूनतम होता यदि प्रिज्म के सामने दूसरा प्रिज्म उल्टा रख दिया जाय तो विभक्त रंगों की पट्टी पुनः मिलकर श्वेत प्रकाश पुंज के रूप में निकलती है।

अथवा.
(i) छात्र के लेंस की क्षमता – 0.5 D है अतः वह मायोपिया-निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है।
(ii) वह अवतल लेंस का चश्मा प्रयोग करता है जिसकी फोकस दूरी 200 सेमी है।
(iii) दोष के कारण-लेंस का मोटा होना, नेत्र गोलक का लम्बा होना।

प्रश्न 12.
(a) कोई व्यक्ति निकट दृष्टि दोष तथा दीर्घ दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित है।।
(i) इस दोष को किस प्रकार लेंस संशोधित कर सकते हैं?
(ii) इस प्रकार के लेंस किस प्रकार बनाए जाते हैं?
(b) किसी व्यक्ति को दीर्घ दृष्टि दोष के संशोधन के लिए + 3D के लेंस तथा निकट दृष्टि दोष के लिए – 3D के लेंस की आवश्यकता होती है। इन दोषों को संशोधित करने वाले इन लेंसों की फोकस दूरियाँ परिकलित कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) द्विफोकसी लेंस द्वारा निकट दृष्टि तथा दीर्घ दृष्टि दोनों प्रकार के दोषों को दूर किया जा सकता है।
(ii) द्विफोकसी लेंस में ऊपरी भाग अवतल लेंस होता है जो दूर की वस्तुओं को देखने के लिए होता है तथा नीचे के भाग में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है जो नज़दीक की वस्तुओं को देखने तथा पढ़ने के लिए होता है।
(b) दीर्घ दृष्टि दोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f)
P= +3D
f1 = \(\frac{1}{P_1}=+\frac{1}{3} m=+\frac{100}{3} \mathrm{~cm}\) = +33.3cm
निकट दृष्टिदोष संशोधन के लेंस की फोकस दूरी (f):
P=-3D
f2 = \(\frac{1}{P_2}=-\frac{1}{3} m=-\frac{100}{3} \mathrm{~cm} \) = -33.3cm

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प्रश्न 13.
प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? क्या कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के समीप होता है। क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुज़रता है। क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है। कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर नहीं कर सकता क्योंकि यह परिघटना सूर्य के प्रकाश के किरणों की वायुमंडल के कणों द्वारा प्रकीर्णन के कारण ही होती है और चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता है।

प्रश्न 14.
(i) मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियों का महत्व लिखिए। उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जो वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्तियों को सुस्पष्ट देख सकने के लिए किस प्रकार के लेंसों की आवश्यकता होती है?
(ii) अक्षय अपनी कक्षा में अंतिम पंक्ति में बैठे हुए, ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्दों को स्पष्ट नहीं देख पा रहा था। जैसे ही शिक्षक महोदय को पता चला उन्होंने कक्षा में घोषणा की, कि क्या पहली पंक्ति में बैठा हुआ कोई छात्र अक्षय से अपनी सीट बदलना चाहेगा? सलमान तुरन्त ही अपनी सीट अक्षय से बदलने के लिए तैयार हो गया। अब अक्षय को ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई देने लगा। यह देखकर शिक्षक महोदय ने अक्षय के माता-पिता को संदेश भेजा कि वे शीघ्र ही अक्षय के नेत्रों का परीक्षण करवाएँ। उपयुक्त घटना के संदर्भ में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) अक्षय किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इस दोष के संशोधन के लिए किस प्रकार का लेंस उपयोग किया जाता है?
(b) शिक्षक महोदय और सलमान द्वारा प्रदर्शित मूल्यों का उल्लेख कीजिए।
(c) आपके विचार से अक्षय को शिक्षक महोदय और सलमान के प्रति अपनी कृतज्ञता किस प्रकार प्रकट करनी चाहिए? [CBSE 2015]
उत्तर-
(i) पक्ष्माभी पेशियों का महत्व-पक्ष्माभी पेशियाँ लेंस की फोकस दूरी को परिवर्तित करके बिम्ब (वस्तु) का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाती है।
वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के कारण नेत्र दोष-जरा दूर दृष्टिता दोष निवारण-द्वि फोकसी लैन्स की आवश्यकता होती है।
(ii)
(a) अक्षय निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है तथा इसके निवारण के लिये अवतल लैंस की आवश्यकता पड़ती है।
(b) दया तथा विषय की उपयोगिता।
(c) हमारे अनुसार शिक्षक महोदय तथा सलमान ने अक्षय की समस्या को समझ कर सामाजिकता तथा अपने कर्तव्यों का एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रश्न 15.
यह दर्शाने के लिए किसी क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि किस प्रकार एक प्रिज्म द्वारा विपाटित श्वेत प्रकाश को अन्य सर्वसम प्रिज्म द्वारा पुनर्योजित करके पुनः श्वेत प्रकाश प्राप्त किया जा सकता है। श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम के पुनर्योजन को दर्शाने के लिए किरण आरेख भी खींचिए। (CBSE 2016, 17)
उत्तर-विधि :
(1) समान काँच पदार्थ तथा समान अपवर्तन कोण के दो प्रिज्म P1 और P2 लीजिए।
(2) दूसरे प्रिज्म P2 को प्रिज्म P1 के सापेक्ष उल्टा करके चित्र (नीचे) में दर्शाए अनुसार रखिए।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार 1
(3) श्वेत प्रकाश का एक पतला किरण पुंज प्रिज्म P1 पर डालिए तथा प्रिज्म P2 से आने वाले निर्गत किरण पुंज का प्रेक्षण किसी पर्दे अथवा दीवार पर कीजिए। पर्दे/दीवार पर श्वेत प्रकाश की चित्ती दिखाई देती है। पहला प्रिज्म P1 श्वेत प्रकाश को इसके सात-वर्ण के अवयवों में विक्षेपित अथवा विभाजित कर देता है। जब ये वर्ण उल्टे प्रिज्म P2 पर पड़ते हैं, तो वह उन्हें श्वेत प्रकाश में संयोजित कर देता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नेत्र का सचित्र वर्णन कीजिए तथा नेत्र द्वारा रेटिना पर प्रतिबिम्ब का बनना किरण आरेख द्वारा स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2018, 19)
उत्तर-
मानव नेत्र (Human Eye) नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। इसके द्वारा मानव सभी वस्तुओं को देख सकता है। मानव. की आँख एक कैमरे की भाँति कार्य करती है। नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार 2
(1) दृढ़ पटल (Sclerotic)-मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है. यह बाहर से एक दढ व अपारदर्शी श्वेत परत से ढका रहता है। इस परत को दढ पटल कहते हैं. इसके द्वारा नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है।

(2) रक्तक पटल (Choroid)-दढ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्तक पटल कहते हैं। यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करता है, इसे कोरॉइड भी कहते हैं।

(3) कॉर्निया (Cornea)-यह आँख में प्रकाश का अपवर्तन करती है। यह एक कठोर पारदर्शी गोलीय संरचना होती है।

(4) परितारिका अथवा आइरिस (Iris)-कॉर्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसे परितारिका कहते हैं। यह परितारिका वृत्तीय आकृति की तथा काले-भूरे रंग की होती है। .

(5) पुतली अथवा तारा (Pupil)-आइरिस के बीच में एक छोटा सा छिद्र होता है जिसे पुतली अथवा नेत्र तारा कहते हैं। यह गोल तथा काली दिखाई देती है। कॉर्निया से आया प्रकाश पुतली से होकर लेंस पर आपतित होता है। पुतली की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अन्धकार में यह अपने आप बड़ी व अधिक प्रकाश में अपने आप छोटी हो जाती है, इस प्रकार यह नेत्र में जाने वाले प्रकाश को नियन्त्रित करती है।

(6) नेत्र-लेंस (Eye-lens)-पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेंस होता है, जिसे नेत्र लेंस कहते हैं। इसके पिछले भाग की वक्रता त्रिज्या अगले भाग की अपेक्षा अधिक होती है। इसका माध्य अपवर्तनांक लगभग 1.44 होता है। नेत्र लेंस माँसपेशियों के बीच टिका रहता है, जिन्हें सिलियरी माँसपेशियों कहा जाता है।

(7) जलीय द्रव (Aqueous humour)-कॉर्निया व नेत्र लेंस के बीच जल के समान एक नमकीन पारदर्शी द्रव भरा रहता है, जिसे जलीय द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक 1.336 होता है।

(8) काचाभ द्रव (Vitreous humour)-लेंस के पीछे दृश्य पटल तक का स्थान एक गाढ़े पारदर्शी द्रव से भरा रहता है जिसे काचाभ द्रव कहते हैं। इसका अपवर्तनांक उच्च होता है।

(9) दृष्टि पटल (Retina)-रक्तक पटल के नीचे की ओर स्थित पारदर्शी झिल्ली को रेटिना कहते हैं, इसे दृष्टि पटल भी कहा जाता है। यह बहुत सारी प्रकाश शिराओं की एक फिल्म होती है। रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रूप, रंग एवं आकार आदि का ज्ञान मस्तिष्क को इन्हीं शिराओं द्वारा होता है।

(10) पीत बिन्दु तथा अन्ध बिन्दु (Yellow spot and Dark spot)-रेटिना के मध्य में एक पीला भाग होता है। इसकी सुग्राहता सबसे अधिक होती है। इस भाग को पीत बिन्दु कहते हैं। जिस स्थान पर प्रकाश की सुग्राहिता शून्य होती है, उसे अन्ध बिन्दु कहते हैं।

नेत्र का कार्य (Working of eye)-जब हमारी पलकें खली होती हैं तब हमारे सामने रखी वस्त से चली किरणें कॉर्निया पर आपतित होती हैं। यहाँ से किरणें अपवर्तित होकर रेटिना पर आपतित होती हैं तथा रेटिना पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है। प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश सुग्राही कोशिकाओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है। मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 3.
(a) मानव नेत्र में नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए : पुतली, परितारिका, क्रिस्टलीय लेंस, पक्ष्माभी पेशियां।
(b) संसार के विकासशील देशों के लाखों व्यक्ति कॉर्निया-अंधता से पीड़ित हैं। इन व्यक्तियों को नेत्रदान द्वारा प्राप्त कॉर्निया के प्रत्यारोपण/प्रतिस्थापन द्वारा ठीक किया जा सकता है। आपके शहर के किसी परोपकारी समाज ने आपके पड़ोस में इसी तथ्य के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक अभियान का आयोजन किया है। यदि आपसे इस जीवन-लक्ष्य में भाग लेने के लिए कहा जाए, तो आप इस पुण्य कार्य में किस प्रकार सहयोग देंगे?
(i) इस प्रकार के अभियानों को आयोजित करने का उद्देश्य लिखिए।
(ii) मृत्यु के पश्चात् अपने नेत्रों को दान करने के लिए प्रेरित करते समय आप लोगों को क्या तर्क देंगे? ऐसे दो तर्कों की सूची बनाइए।
(iii) उन दो मूल्यों की सूची बनाइए, जो उन व्यक्तियों में विकसित हो जाते हैं, जो इस प्रकार के कार्यों में भाग लेकर सक्रिया योगदान देते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a)

  1. पुतली-जब नेत्रों में प्रकाश प्रवेश करता है, तो ज्यादातर प्रकाश का अपवर्तन कॉर्निया की बाहरी सतह पर होता है।
  2. परितारिका-यह पुतली का व्यास बढ़ाने या घटाने में डायफ्राम की भाँति कार्य करता है।
  3. क्रिस्टलीय लेंस-यह रेटिना पर भिन्न-भिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को फोकस करने के लिए फोकस दूरी को समायोजित करता है।
  4. पक्ष्माभी पेशियाँ-जब यह पेशियाँ फैल जाती हैं, तो लेंस पतला हो जाता है, जिससे फोकस दूरी बढ़ जाती है। यह हमारी दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सहायता करता है। जब हम इन्हीं वस्तुओं को समीप से देखते हैं तो यह संकुचित हो जाता है जिससे नेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाती है और लेंस मोटा हो जाता है परिणामस्वरूप नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है। जिससे हम समीप की वस्तुओं को देख पाते हैं।

(b)
(i) इस तरह के संगठन का उद्देश्य आँखों को दान करके एक नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन को प्रकाश देना है।
(ii)
(1) एक व्यक्ति नेत्र दान करके, दो व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान कर सकता है।
(2) हमारी आँखें हमारे मृत होने के पश्चात् भी नेत्र दान किए गए व्यक्ति की आंखों के रूप में जीवित रह सकती हैं।
(iii) सामाजिक कल्याण, जागरूकता, कुछ ऐसे मूल्य हैं जो किसी व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं और ऐसे कार्यक्रमों में योगदान देते हैं।

प्रश्न 4.
दूर दृष्टि किसे कहते हैं ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है ? किरण आरेख द्वारा समझाइए।
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long Sightedness)-इस दोष में मनुष्य दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है, परन्तु पास की वस्तुएँ स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता। इसमें नेत्र का स्पष्ट बिन्दु निकट बिन्दु 25 सेमी से अधिक दूर हो जाता है।
इस दोष में प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर रेटिना के पीछे बनता है।
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दूर दृष्टि दोष के कारण (Reasons of Hypermetropia)- इस दोष के दो कारण हैं-

  1. नेत्र लेंस से रेटिना तक की दूरी का कम हो जाना अर्थात् नेत्र के गोले की लम्बाई का कम हो जाना।
  2. लेंस का पतला हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है।

दूर दृष्टि दोष का निवारण-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। प्रयुक्त उत्तल लेंस की फोकस दूरी इतनी होनी चाहिए कि स्वस्थ नेत्र के निकट बिन्दु से आने वाली किरणें, उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात् नेत्र लेंस पर आँख के अपने निकट बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हों जिससे कि इनका नेत्र लेंस से अपवर्तन होने पर वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन जाए। इससे नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।
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प्रश्न 5.
(a) निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित कोई छात्र 5 cm से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट नहीं देख पाता। इस दृष्टि दोष के उत्पन्न होने के दो संभावित कारणों की सूची बनाइए। किरण आरेखों की सहायता से व्याख्या कीजिए कि
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट क्यों नहीं देख पाता?
(ii) इस दृष्टि दोष के संशोधन के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का उपयोग करना चाहिए और इस लेंस के उपयोग द्वारा इस दोष का संशोधन किस प्रकार होता है?
(b) यदि इस प्रकरण में संशोधक लेंस की फोकस दूरी का संख्यात्मकमान 5 m है, तो नयी कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार इस लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) निकट दृष्टि दोष उत्पन्न होने के कारण
(1) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना अथवा
(2) नेत्र गोलक का सामान्य से लंबा हो जाना।
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट इसलिए नहीं देख पाता, क्योंकि ऐसे दोष युक्त व्यक्ति का दूर बिन्दु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है। इस स्थिति में किसी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर उसके सामने बनता है।
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(ii) यह दोष किसी उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस से ठीक किया जा सकता है।
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(b) चूँकि संशोधित लेन्स अवतल है इसलिए यदि F = – 5 m है तो P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{-5 m} \)
इस लेंस की क्षमता = – 0.20 डाइऑप्टर होगी।

प्रश्न 6.
(a) विचलन कोण की व्याख्या किरण आरेख खींचकर कीजिए।
(b)किसी कांच के प्रिज्म से गुजरने पर आपतित श्वेत प्रकाश अवयवी वर्ण स्पेक्ट्रम के रूप में विभक्त क्यों हो जाते हैं, व्याख्या कीजिए?
(c) इन्द्रधनुष का बनना नामांकित किरण आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2017, 18)
उत्तर-
(a) माना कि किसी एक रंग के प्रकाश की एक किरण PQ प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ AB पर गिरती है जो QR दिशा में परिवर्तित होकर RS दिशा में बाहर वायु में निकल जाती है। आपतित किरण PQ तथा निर्गत किरण RS को पीछे बढ़ाने पर वे बिन्दु D पर मिलती है। इन दोनों किरणों के बीच बना कोण δ ‘विचलन कोण’ कहलाता है।
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(b) किसी काँच के प्रिज्म से गुजरने वाली आपतित श्वेत प्रकाश किरण अवयवी वर्गों में विभक्त हो जाती है, इसे वर्ण विक्षेपण कहते हैं। इसका कारण यह है कि किसी पदार्थिक माध्यम में विभिन्न रंगों के प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती है, यद्यपि निर्वात में सभी रंगों की चाल समान होती है।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

प्रश्न 7.
प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से क्या तात्पर्य है? आवश्यक चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए। [RBSE 2015], (CBSE 2017)
उत्तर-
वर्ण विक्षेपण (Dispersion)-श्वेत प्रकाश की किरण जब किसी प्रिज्म के अपवर्तक फलक पर आपतित होती है तब प्रिज्म द्वारा वह अपने अवयवी रंगों में विभाजित हो जाती है । यह घटना वर्ण विक्षेपण (Dispersion) कहलाती है ।

प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of Light by Prism)-जब प्रिज्म में से कोई श्वेत प्रकाश की किरण गुजरती है तब वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुककर विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित हो जाती है, इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूह को स्पेक्ट्रम कहते हैं। इसका एक सिरा लाल तथा दूसरा सिरा बैंगनी होता है। सामान्यतया हमारी आँख को सात रंग समूहों के रूप में दिखाई पड़ते हैं। प्रिज्म के आधार की ओर से ये रंग बैंगनी (Violet), नीला (जम्बूकी नीला) (Indigo), आसमानी (Sky blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red) के क्रम में होते हैं। रंगों के इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द विबग्योर (VIBGYOR) से याद रखा जा सकता है।
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चित्रप्रिज्म द्वारा वर्ण विक्षेपण चित्र से स्पष्ट है कि लाल प्रकाश की किरण में विचलन सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश की किरण में विचलन सबसे अधिक होता है तथा अन्य रंगों की किरणों में विचलन, लाल व बैंगनी किरणों के बीच होता है। प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारणकिसी पारदर्शी पदार्थ जैसे काँच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक लाल रंग के लिए सबसे कम तथा बैंगनी रंग के लिए सबसे अधिक होता है। इसी कारण से श्वेत रंग के प्रकाश का प्रिज्म में से गुजरने पर वर्ण विक्षेपण हो जाता है। आयताकार गुटके में श्वेत रंग के प्रकाश का वर्ण विक्षेपण नहीं होता है। गुटके में आपतित किरण तथा निर्गत किरण परस्पर समान्तर हो जाती हैं।

आंकिक प्रश्न | (Numerical Questions)

प्रश्न 1.
एक निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति 15 सेमी दूर स्थित पुस्तक को पढ़ सकता है। पुस्तक को 25 सेमी दूर रखकर पढ़ने के लिए उसे कैसा व कितनी फोकस दूरी .. का लेंस अपने चश्मे में प्रयुक्त करना पड़ेगा?
हल : निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए ऐगा अवतल लेंस जिसकी फोकस दूरी 1 है, का प्रयोग करना होगा जो 25 सेमी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 15 सेमी पर बना दे।
इस प्रकार v= – 15 सेमी. u = -25 सेमी, f = ?
ये मान लेंस के सत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार 10

प्रश्न 2.
एक व्यक्ति 20 सेमी दूरी पर रखी पुस्तक पढ़ सकता है। यदि पुस्तक को 30 सेमी दूर रख दिया जाए, तो व्यक्ति को चश्मा प्रयुक्त करना पड़ता है। गणना कीजिए।
(i) प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी
(ii) प्रयुक्त लेंस का प्रकार। हलः दिया है- v= -20 सेमी, u=-30 सेमी, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{\mathrm{T}}{u} \) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{20}+\frac{1}{30}=\frac{3+2}{60}=-\frac{1}{60} \)
अतः प्रयुक्त लेंस की फोकस दूरी = – 60 सेमी

(ii) फोकस दूरी ऋणात्मक होने के कारण प्रयुक्त लेंस अवतल होगा।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति 100 सेमी से अधिक दूरी की वस्तु को नहीं देख सकता है। गणना करके बताइए कि सही दृष्टि पाने के लिए वह व्यक्ति किस फोकस दूरी वाले चश्मे का प्रयोग करेगा?
हल : दिया है- v : 100 सेमी, u = ∞ f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{100}-\frac{1}{\infty}=-\frac{1}{100}\)
अतः लेंस की फोकस दूरी (f) = 100 सेमी (अवतल लेंस)।

प्रश्न 4.
एक दूर दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति की आँख के लिए निकट बिन्दु की दूरी 0.50 मीटर है। इस व्यक्ति के दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में प्रयुक्त लेंस की प्रकृति, फोकस दूरी व क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है-
v=-0.50 मीटर, u = 0.25 मीटर, f = ?
उपरोक्त मान, लेंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में रखने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{-0.50}+\frac{1}{0.25}=-\frac{-1+2}{0.50}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\)
अतः लैंस की फोकस दूरी (1) = 0.50 मीटर, (उत्तल लेंस)।
लेंस की क्षमता P = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\) = 2 डाइऑप्टर

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु 50 cm है। नेत्र से 25 cm दूरी पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट देख सकने के लिए उस व्यक्ति को जिस संशोधक लेंस की आवश्यकता होगी, उसकी प्रकृति और क्षमता ज्ञात कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
दिया है-
व्यक्ति के नेत्र का निकट बिन्दु v= 50 cm
v=-50 cm; u=- 25 cm f= ?
लेंस सूत्र का प्रयोग करने पर,
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f} \Rightarrow \frac{1}{-50}-\frac{1}{-25}=\frac{1}{f} \)
⇒ \(\frac{-1}{50}+\frac{1}{25}=\frac{1}{f}\)
⇒ \(\frac{1}{f}=\frac{-1+2}{50}=\frac{1}{50}\)
⇒ f = +50 cm
लेंस की शक्ति, P= \(\frac{1}{f( मीटर में)\)
⇒ P = \(\frac{1 \times 100}{50} \) = +2D
इसलिए व्यक्ति को स्पष्ट देखने के लिए + 2 डाइऑप्टर क्षमता वाले उत्तल लेंस की आवश्यकता होगी।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. नेत्र गोलक का व्यास कितना होता है?
(a) लगभग 2.0 cm
(b) लगभग 2.3 cm
(c) लगभग 4.0 cm
(d) लगभग 4.3 cm.
उत्तर-
(b) लगभग 2.3 cm.

2. एक नेत्र का क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग कितना होता है?
(a) 120°
(b) 200°
(c) 150°
(d) 180°
उत्तर-
(a) 150°.

3. नेत्रदान मृत्यु के कितने घंटे के भीतर हो जाना चाहिए?
(a) 2-3 घंटों में
(b) 4-6 घंटों में
(c) 6-10 घंटों में
(d) 1 घंटे में। .
उत्तर-
(b)4-6 घंटों में।।

4. प्रिज्म के अवयवी वर्गों के स्पेक्ट्रम हेतु परिवर्णी शब्द
(a) ROYVIBG
(b) VIBGYOR
(c) GYORVIB
(d) BIVGYOR.
उत्तर-
(b) VIBGYOR.

5. कौन-सा प्रकाश सबसे कम कोण पर झुकता है ?
(a) बैंगनी प्रकाश
(b) हरा प्रकाश
(c) पीला प्रकाश
(d) लाल प्रकाश।
उत्तर-
(d) लाल प्रकाश।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

6. परितारिका किसके पीछे स्थित है ?
(a) पुतली
(b) रेटिना
(c) कॉर्निया
(d) नेत्र गोलक।
उत्तर-
(c) कॉर्निया।

7. दोपहर के समय सूर्य सफेद दिखाई देता है क्योंकि –
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है,
(b) प्रकाश के सभी वर्ण प्रकीर्णित हो जाते हैं,
(c) नीला रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है,
(d) लाल रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है।
उत्तर-
(a) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है।

8. जब नेत्र में प्रकाश किरणें प्रवेश करती हैं तब अधिक प्रकाश किससे अपवर्तित होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लेंस
(b) कॉर्निया के बाहरी तल
(c) पुतली
(d) आइरिस।
उत्तर-
(b) कॉर्निया के बाहरी तल।

9. आँख किस रंग के लिए अधिक सुग्राही होती है ?
(a) लाल
(b) गुलाबी
(c) हरा
(d) पीला।
उत्तर-
(c) हरा।

10. स्वस्थ आँख के लिए दूर बिन्दु स्थित होता है-
(a) 25 cm
(b) 50 cm
(c) 1 m
(d) अनन्त।
उत्तर-
(d) अनन्त।

11. स्वस्थ आँख के लिए निकटतम बिन्दु स्थित होता
(a) 25 cm पर
(b) 50 cm पर
(c) 1 m पर
(d) अनन्त पर।
उत्तर-
(b) 25 cm पर।

12. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य दिखाई देता है
(a) पीला
(b) लाल
(c) नीला
(d) काला।
उत्तर-
(b) लाल।

13. मानव नेत्र में उपस्थित लेंस है –
(a) उत्तल
(b) अवतल
(c) कोई लैंस नहीं
(d) समतल अवतल।
उत्तर-
(a) उत्तल।

14. प्रकाश के विक्षेपण से प्राप्त सात रंगों के समूह को कहते हैं –
(a) प्रतिबिम्ब
(b) स्पेक्ट्रम
(c) छाया
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) स्पेक्ट्रम।

15. निकट दृष्टिदोष के निवारण के लिए प्रयुक्त लेंस
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) समोत्तल लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(d) अवतल लेंस।

16. दूर दृष्टिदोष के निवारण के लिए उपयोग किया जाने वाला लेंस है –
(a) गोलीय बेलनाकार लेंस
(b) उत्तल लेंस
(c) द्विफोकसीय लेंस
(d) अवतल लेंस।
उत्तर-
(b) उत्तल लेंस।

17. निकट दृष्टि दोष का कारण है
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना
(b) नेत्र गोलक का छोटा होना
(c) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में अनियमित परिवर्तन
(d) आयु में वृद्धि होना।
उत्तर-
(a) नेत्र गोलक का बढ़ना।

18. एक व्यक्ति 1 मीटर से कम दूरी पर रखी वस्तुओं को साफ नहीं देख पाता। वह किस नेत्र दोष से पीड़ित
(a) दूर-दृष्टि दोष
(b) निकट-दृष्टि दोष
(c) जरा-दृष्टि दोष
(d) मोतियाबिंदु।
उत्तर-
(a) दूर-दृष्टिदोष।

19. तारों के टिमटिमाने का कारण है-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन
(b) वायुमंडलीय परावर्तन
(c) वायुमंडलीय प्रकीर्णन
(d) वायुमंडलीय विक्षेपण।
उत्तर-
(a) वायुमंडलीय अपवर्तन।

20. आकाश के नीले रंग का कारण है-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन
(b) प्रकाश का विक्षेपण
(c) प्रकाश का अपवर्तन
(d) प्रकाश का परावर्तन।
उत्तर-
(a) प्रकाश का प्रकीर्णन।

रिक्त स्थानों की पूर्तिकीजिए (Fill in the blanks)

1. किसी वस्तु को स्पष्ट रूप से आसानी से देखने के लिए इसे कम से कम …………………………………… दूर रखना चाहिए।
उत्तर-
2.5 cm,

2. …………………………………… रंग के धुए या कुहरे में सबसे कम प्रकाश का प्रकीर्णन होता है।
उत्तर-
लाल,

3. प्रकाश के अवयवी वर्गों के बैंड को …………………………………… कहते हैं।
उत्तर-
स्पेक्ट्रम,

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

4. वास्तविक व आभासी सूर्यास्त के बीच …………………………………… का समयान्तराल होता है।
उत्तर-
2 मिनट,

5. यदि वायुमण्डल न होता तो आकाश का रंग …………………………………… दिखाई देता।
उत्तर-
काला,

6. जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन …………………………………… के कारण करती है।
उत्तर-
टिण्डल प्रभाव।

समेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये

‘कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन (A) विद्युत सिग्नल
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना (B) प्रिज्म
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना (C) संमजन क्षमता
(iv) तारों का टिम-टिमाना (D) प्रर्कीणन
(v) विचलन कोण (E) वायुमण्डलीय अपवर्तन
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन (F) परितारिका

उत्तर-

‘कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) नेत्रिका लेंस की फोकस दूरी का परिवर्तन (C) संमजन क्षमता
(ii) श्वेत प्रकाश किरण का सात रंगों में विभाजित होना (D) प्रर्कीणन
(iii) नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करना (F) परितारिका
(iv) तारों का टिम-टिमाना (E) वायुमण्डलीय अपवर्तन
(v) विचलन कोण (B) प्रिज्म
(vi) रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब की सूचना का परिवर्तन (A) विद्युत सिग्नल

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये –

कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) पास की वस्तुयें न दिखना (A) निकट दृष्टि दोष
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना (B) प्रर्कीणन
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना (C) वर्णान्धता
(iv) रंगों में भेद न कर पाना (D) दूर दृष्टि दोष
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग (E) जरा-दूरदृष्टिता
(vi) इन्द्रधनुष (F) मोतियाबिन्दु

उत्तर-

कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) पास की वस्तुयें न दिखना (D) दूर दृष्टि दोष
(ii) दूर की वस्तुओं का न दिखना (A) निकट दृष्टि दोष
(iii) नेत्रिका लैन्स के आगे दूधिया पर्त बनना (F) मोतियाबिन्दु
(iv) रंगों में भेद न कर पाना (C) वर्णान्धता
(v) द्वि-फोकस लेंस का प्रयोग (E) जरा-दूरदृष्टिता
(vi) इन्द्रधनुष (B) प्रर्कीणन

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) 

प्रश्न 1.
क्या प्रकाश को आँखों से देखा जा सकता हैं ?
उत्तर-
नहीं, प्रकाश की उपस्थिति में अन्य वस्तुओं को देखा जा सकता है परन्तु प्रकाश स्वयं दिखाई नहीं देता।

प्रश्न 2.
प्रकाश किरण के तीक्ष्ण किनारों पर मुड़ने की घटना को क्या कहते हैं?
उत्तर-
विवर्तन।

प्रश्न 3.
विवर्तन की घटना को स्पष्ट करने के लिये प्रकाश किस रूप को प्रदर्शित करता है?
उत्तर-
तरंग (Wave)। .

प्रश्न 4.
प्रकाश के परावर्तन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
किसी चमकदार. सतह से प्रकाश किरणों के टकराकर वापस लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न 5.
प्रकाश का परावर्तन कितने प्रकार का होता हैं ?
उत्तर-
प्रकाश का परावर्तन दो प्रकार का होता है-

  • नियमित परावर्तन,
  • विसरित परावर्तन।

प्रश्न 6.
गोलीय दर्पण किसे कहते हैं ? |RBSE 2015]
उत्तर-
गोलीय दर्पण किसी चमकीले गोले का कटा हुआ भाग होता है जो अन्दर या बाहर से प्रकाश का परावर्तन कर सकता है।

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प्रश्न 7.
किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या और फोकस दूरी में क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर-
वक्रता त्रिज्या (R) = 2 x फोकस दूरी (f).

प्रश्न 8.
दर्पण सूत्र क्या है ?
उत्तर-
\(\frac{1}{f}= \frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)

प्रश्न 9.
किसी दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी गोलीय दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आकार तथा वस्तु के आकार के अनुपात को आवर्धन कहते हैं।

प्रश्न 10.
प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर-

  • आपतन कोण
  • तथा परावर्तन कोण r बराबर होते हैं।
  • आपतित किरण, दर्पण’ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 11.
समतल दर्पण की फोकसदूरी कितनी होती है ?
उत्तर-
समतल दर्पण की फोकस दूरी अनन्त होती है।

प्रश्न 12.
एक अवतल दर्पण के ध्रुव तथा फोकस बिन्दु के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा ?
उत्तर-
प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनेगा। यह सीधा, वस्तु से बड़ा तथा आभासी होगा।

प्रश्न 13.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आवर्धन कितना होता है?
उत्तर-
m = + 1 (आवर्धन)

प्रश्न 14.
गाड़ी की हैडलाइट में कौन-सा दर्पण प्रयुक्त किया जाता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।

प्रश्न 15.
किस दर्पण द्वारा आवर्धन धनात्मक परन्तु 1 से कम होता है?
उत्तर-
उत्तल दर्पण द्वारा।

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प्रश्न 16.
वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में प्रयुक्त गोलीय दर्पण का नाम लिखिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
उत्तल दर्पण।

प्रश्न 17.
प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो विचलित हो जाती है, इस क्रिया को अपवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 18.
जब प्रकाश की किरण वायु से पानी में प्रवेश करती है तब क्या होता है ?
उत्तर-
जब प्रकाश की किरण वायु (विरल माध्यम) से पानी (सघन माध्यम) में प्रवेश करती है तो यह अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है। इस कारण से अपवर्तन कोण, आपतित कोण से छोटा होता है।

प्रश्न 19.
अपवर्तन के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  • पानी में डूबे सिक्के का ऊपर उठा हुआ दिखाई देना।
  • पानी में डूबी लकड़ी टेढ़ी दिखाई देना।

प्रश्न 20.
प्रकाश के अपवर्तन में उसकी आवृत्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
आवृत्ति पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 21.
जब प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी चाल तथा पथ किस प्रकार प्रभावित होते हैं?
उत्तर-
जब प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है तो वह अभिलम्ब की ओर झुक जायेगी। माध्यम का घनत्व अधिक होने के कारण उसकी चाल कम हो जायेगी।

प्रश्न 22.
जब प्रकाश दो माध्यमों के अन्तरापृष्ठ पर अभिलम्बवत् आपतित होता है तो क्या होता है?
उत्तर-
प्रकाश के पथ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 23.
अपवर्तनाँक का प्रकाश के वेग से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1

प्रश्न 24.
एक ऐसे पदार्थ का नाम लिखो जिसका अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है। .
उत्तर-
हीरा, जिसका अपवर्तनांक 2.42 होता है।

प्रश्न 25.
अपवर्तनांक का क्या मात्रक होता है?
उत्तर-
अपवर्तनांक का कोई भी मात्रक नहीं होता है क्योंकि यह समान राशियों का अनुपात है।

प्रश्न 26.
अपवर्तनांक सम्बन्धी स्नैल का नियम लिखिये।
या
अपवर्तन का नियम लिखिये जो आपतन कोण और अपवर्तन कोण के बीच सम्बन्ध बताता है।
उत्तर-
जब कोई प्रकाश किरण किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है तो उसके आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) में एक निश्चित अनुपात होता है जिसे अपवर्तनांक कहते हैं।

प्रश्न 27.
छोटे अक्षरों को पढ़ने हेतु कौन-सा लेंस उपयोग किया जाता है?
उत्तर-
उत्तल लेंस।

प्रश्न 28.
दूर स्थित किसी वस्तु का उत्तल लेंस द्वारा किस प्रकार का प्रतिबिम्ब बनता है ?
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा तथा छोटा।

प्रश्न 29.
मुख्य फोकस व प्रकाशिक केन्द्र के बीच की दूरी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
फोकस दूरी (f).

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प्रश्न 30.
किस स्थिति में प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार के समान होता है ?
उत्तर-
जब वस्तु 2f पर हो।

प्रश्न 31.
जब वस्तु लेंस से अनन्त दूरी पर हो तो प्रतिबिम्ब कैसा बनता है ?
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा तथा आकार में वस्तु से छोटा होता है।

प्रश्न 32.
जब वस्तु F और प्रकाशिक केन्द्र के बीच में हो, तो उत्तल लेंस द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब कहाँ और कैसा बनेगा ?
उत्तर-
उत्तल लेंस के F व प्रकाशिक केन्द्र के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर काल्पनिक और सीधा बनेगा।

प्रश्न 33.
लेंस किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
एक ऐसा पारदर्शक माध्यम जो दो वक्र तलों से घिरा हुआ हो लेंस कहलाता है।
ये दो प्रकार के होते हैं-

  1. उत्तल लेंस,
  2. अवतल लेंस।

प्रश्न 34.
लेंस से दूरियाँ किस बिन्दु पर मापी जाती हैं?
उत्तर-
प्रकाशिक केन्द्र से।

प्रश्न 35.
किसी लेंस की क्षमता का क्या अर्थ है ? तथा इसका S.I. मात्रक लिखिये। [CBSE 2015]
उत्तर-
मीटर में व्यक्त की गई लेंस की फोकस दूरी (f) के व्युत्क्रम को लेंस की क्षमता (P) कहते हैं।
P = \(\frac{1}{f(\mathrm{~m} \text { में })} \text { या } \frac{100}{f(\mathrm{~cm} \text { में })} \)
तथा S.I. मात्रक डायोप्टर (D) होता हैं।

प्रश्न 36.
लेंस को सूत्र लिखिए।
उत्तर-
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

प्रश्न 37.
कौन सा लेंस अभिसारी लेंस कहलाता हैं?
उत्तर-
उत्तल लेंस।

प्रश्न 38.
किस लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं ?
उत्तर-
अवतल लेंस को।

प्रश्न 39.
अभिसारी लेंस की क्षमता धनात्मक होती है या ऋणात्मक ?
उत्तर-
अभिसारी लेंस की क्षमता धनात्मक होती है क्योंकि इसकी फोकस दूरी धनात्मक होती है।

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प्रश्न 40.
किस लेंस का आवर्धन सदैव 1 से कम होता
उत्तर-
अवतल लेंस का।।

प्रश्न 41.
सम्पर्क में रखे दो लेंसों की क्षमताएँ P1 व P2 हैं। संयुक्त लेंस की क्षमता क्या होगी?
उत्तर-
क्षमता P = P1 + P2.

प्रश्न 42.
एक उत्तल लेंस वस्तु का सीधा तथा आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। वस्तु कहाँ स्थित होगी ? ।
उत्तर-
मुख्य फोकस व लेंस के प्रकाशिक केन्द्र के मध्य रखी है।

प्रश्न 43.
5 cm ऊँची वस्तु उत्तल लेंस से 2f दूरी पर रखी है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई क्या होगी ?
उत्तर-
5 cm.

प्रश्न 44.
यदि किसी लेंस की क्षमता 0.25D है तो उस लेंस का नाम बताओ?
उत्तर-
अवतल लेंस।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ड्राइवर का रात्रि में किस प्रकार के प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए एवं क्यों? स्पष्ट कीजिये। (RBSE 2016)
उत्तर-
ड्राइवर को रात्रि में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिये। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करने से सामने से आने वाली वाहन के ड्राइवर की आँखों में रोशनी नहीं पड़ती, उसे सामने स्पष्ट दिखायी देता है। इस प्रकार से आपस में दुर्घटनाएँ होने से बच जाते हैं। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज रात में वाहन चलाने के लिए बहुत मदद करता है।

प्रश्न 2.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं

  • यह सीधा तथा आभासी होता है तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  • यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती है।
  • यह पार्श्व परिवर्तित होता है।

प्रश्न 3.
प्रतिबिम्ब से क्या तात्पर्य है ? आभासी तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है ? [RBSE 2015]
उत्तर-
प्रतिबिम्ब-दर्पण के सामने रखी वस्तु की दर्पण में जो आकृति बन जाती है उस आकृति को वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं। अतः जब प्रकाश किरणें किसी बिन्दु से चलकर परावर्तन के पश्चात् (दर्पण में) अथवा लेंस में अपवर्तित होकर किसी दूसरे बिन्दु पर मिलती हैं अथवा किसी दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो इस दूसरे बिन्दु को पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहते हैं।

प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं-

  1. वास्तविक प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु या वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन)के पश्चात् किसी बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो इस दूसरे बिन्दु पर बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब . कहते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
  2. आभासी प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन) के पश्चात् किसी दूसरे बिन्दु पर वास्तव में नहीं मिलती हैं, बल्कि दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो जहाँ से किरणें आती हुई प्रतीत होती हैं, बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं। इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
दर्पणों की पहचान किस प्रकार करते हैं?
उत्तर-
दर्पणों की पहचान दो प्रकार से करते हैं-
(i) स्पर्श करके-दर्पणों की पहचान के लिए समतल पैमाने का उपयोग करते हैं। पैमाने को दर्पण पर रखने से यदि पैमाना दर्पण को सभी जगह स्पर्श करे तो दर्पण समतल दर्पण होता है। यदि पैमाना दर्पण को किनारों पर स्पर्श करे तथा दर्पण के बीच का भाग कुछ दबा रह जाए तो दर्पण अवतल होता है। यदि पैमाना दर्पण के बीच के भाग का स्पर्श करे तथा किनारों पर उठा रहे तो दर्पण उत्तल है।
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(ii) प्रतिबिम्ब देखकर-किसी वस्तु को दर्पण से विभिन्न दूरियों पर रखने पर हर बार प्रतिबिम्ब वस्तु के बराबर ही बने तो दर्पण समतल है। यदि वस्तु को दर्पण के पास रखने पर प्रतिबिम्ब सीधा व बड़ा बने तो दर्पण अवतल है। यदि प्रतिबिम्ब प्रत्येक स्थिति में वस्तु से छोटा तथा सीधा बने तो दर्पण उत्तल है।

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प्रश्न 5.
उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अन्तर लिखिए। [RBSE 2011]
उत्तर –

उत्तल दर्पण अवतल दर्पण
1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल बाहर की ओर उभरा होता है। 1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल अन्दर की ओर फँसा होता है।
2. इसमें आभासी प्रति बिम्ब बनता है। 2. इसमें वास्तविक एवं आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिम्ब बनते हैं।
3. इसमें सीधा प्रतिबिम्ब बनता है। 3. इसमें प्रतिबिम्ब उल्टा तथा सीधा दोनों बनते है।
4. इसमें प्रतिबिम्ब छोटा बनता है। 4. इसमें प्रतिबिम्ब बड़ा, छोटा तथा वस्तु के आकार का अर्थात् तीनों प्रकार का बनता है।

प्रश्न 6.
(i) किसी गोलीय दर्पण के लिए आवर्धन का सूत्र लिखिए।
(ii) उस दर्पणं का नाम लिखिए, जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके।
(iii) उत्तल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
(i) आवर्धन m = HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 3
(ii) अवतल दर्पण
(iii) मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली प्रकाश की किरणें, दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उसे उत्तल दर्पण का मुख्य फोकस कहते है|

प्रश्न 7.
एक उत्तल दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर एक वस्तु पड़ी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 15 cm है तो वस्तु का जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है उसकी चार विशेषताएँ लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं –

  • प्रतिबिम्ब सीधा व आभासी होगा।
  • प्रतिबिम्ब वस्तु से आकार में छोटा बनता है।
  • प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
  • प्रतिबिम्ब दर्पण के P व F बिन्दुओं के बीच बनता है।

प्रश्न 8.
ऐसी दोस्थितियों का वर्णन कीजिए जिन पर किसी बिम्ब को रखने पर, एक अवतल दर्पण दोनों बार बिम्ब का बड़ा प्रतिबिम्ब बनाता है। इन दोनों प्रतिबिम्बों के बीच दो अंतर लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
यह दो स्थितियाँ हैं –

  1. जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने P व F बिन्दुओं के बीच रखते हैं।
  2. जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने F व C बिन्दुओं के बीच रखते हैं।

दोनों प्रतिबिम्बों में अंतर निम्न प्रकार हैं –

स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के वक्रता केंद्र से दूर बनता है।
स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब सीधा व काल्पनिक होता है। स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब उल्टा व वास्तविक बनता है।

प्रश्न 9.
अवतल दर्पण द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 10.
कोई बिम्ब 30 सेमी वक्रता त्रिज्या के अव तल दर्पण के सामने 12 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों की सूची बनाइए। (CBSE 2017)
उत्तर-

  1. यह प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा।
  2. यह प्रतिबिम्ब आभासी भी होगा।
  3. यह प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनेगा।
  4. यह प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा।

प्रश्न 11.
कोई बिम्ब 15 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के सामने 30 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-

  • यह प्रतिबिम्ब आभासी होगा।
  • यह हमेशा सीधा होगा।
  • यह हमेशा बिम्ब से आकार में छोटा होगा।
  • यह दर्पण के पीछे बनेगा।

प्रश्न 12.
यदि किसी गोलीय दर्पण द्वारा उसके सामने रखे बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही बिम्ब का सीधा और आकार में छोटा प्रतिबिम्ब बनता है, तो यह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए नामांकित किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।
उत्तल दर्पण द्वारा किरण आरेख :
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प्रश्न 13.
अपवर्तन के नियम लिखिए। (CBSE 2018,20)
उत्तर-
अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं-
(i) किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक ही रंग के प्रकाश के लिए आपतन कोण (i) की ज्या (sin) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sin) का अनुपात सदैव स्थिरांक होता है।
\(\frac{\sin i}{\sin r}\) = स्थिरांक = 1n2
स्थिरांक 1n2 को पहले माध्यम का दूसरे के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।

(ii) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं अपवर्तित किरण तीनों एक ही तल पर होते हैं।

प्रश्न 14.
परावर्तन और अपवर्तन में क्या अन्तर हैं? बताइए।
उत्तर –

परावर्तन अपवर्तन
1. किसी चमकीली सतह से टकराकर प्रकाश की किरण का वापस लौट जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है। 1. पारदर्शक माध्यम से प्रकाश का एक-दूसरे पारदर्शक माध्यम में प्रवेश करने पर अपने पथ से विचलित हो जाना, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
2. इसमें आपतन कोण तथा परावर्तन कोण सदा समान होते हैं। 2. इसमें आपतन कोण और अपवर्तित कोण छोटे-बड़े होते हैं।
3. परावर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें पुन: उसी माध्यम में वापस लौट आती हैं। 3. अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें दूसरे माध्यम में चली जाती हैं।

प्रश्न 15.
जल से भरे किसी बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर-
माना कि एक वस्तु O सघन माध्यम (जल) में रखी हुई है और देखने वाले की आँख विरल माध्यम (वायु) में वस्तु के ठीक ऊपर है। तब O से चलने वाली एक आपतित किरण OA जल तथा वायु के सीमा-पृष्ठ PQ पर अभिलम्बवत् गिरती है। इसके लिए आपतन कोण शून्य है। अतः अपवर्तन के नियमानुसार, अपवर्तन कोण भी शून्य होगा। अतः किरण सीधी AB दिशा में चली जाती है। दूसरी किरण OC, सीमा-पृष्ठ के बिन्दु C पर गिरती है। चूंकि किरण सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है, अतः अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब NCN’ से दूर हटती हुई दिशा CD में चली जाती है। अपवर्तित किरणें AB तथा CD पीछे बढ़ायी जाने पर बिन्दु I पर मिलती हैं।
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इस प्रकार आँख को ये किरणें बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होती हैं। अतः बिन्दु I, बिन्दु 0 का अपवर्तन द्वारा बना आभासी प्रतिबिम्ब है। चित्र में I, बिन्दु 0 की अपेक्षा ऊँचा है। अर्थात् जल से भरे बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम प्रतीत होती है।

प्रश्न 16.
दिए गए किरण चित्र में आपतन कोण का मान एवं अपवर्तित किरण का नाम लिखिए। (RBSE 2015)
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उत्तर-
आपतन कोण = 30°
अपवर्तित किरण – P

प्रश्न 17.
(a) काँच के स्लैब द्वारा प्रकाश के अपवर्तन को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख पर अपवर्तन कोण तथा स्लैब से गुजरते समय प्रकाश किरण के पाश्विक विस्थापन को भी अंकित कीजिए।
(b) यदि वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है, तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) .
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(b) जब वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक
ang=3/2
gna = \(\frac{1}{a^n g}=\frac{1}{(3 / 2)}=\frac{2}{3} \)

प्रश्न 18.
कोई छात्र किसी भली-भांति दूरस्थ बिम्ब के प्रतिबिम्ब को उत्तल लेंस द्वारा किसी पर्दे पर फोकसित करता है। तत्पश्चात् वह धीरे-धीरे बिम्ब को लेंस की ओर ले जाता है और हर बार वह लेंस को समायोजित करके बिम्ब के प्रतिबिम्ब को पर्दे पर फोकसित करता है।
(i) वह लेंस को किस दिशा में स्थानान्तरित करता है-पर्दे की ओर अथवा पर्दे से दूर?
(ii) प्रतिबिम्ब के आकार का क्या होता है-यह घटता है अथवा बढ़ता है?
(iii) जब वह बिम्ब को लेंस के अत्यधिक निकट ले जाता है तब पर्दे पर प्रतिबिम्ब कैसा होता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) वह लेंस को पर्दे से दूर स्थानान्तरित करता है।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार बढ़ता जाता है।
(iii) इस स्थिति में प्रतिबिम्ब अब पर्दे पर नहीं बनता क्योंकि अब प्रतिबिम्ब आभासी होता है।

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प्रश्न 19.
उत्तल लेंस द्वारा क्रमशः तथा 2f की दूरी पर रखी वस्तु के लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्बों की स्थिति, आकार, प्रकृति बताइए।
उत्तर-
(i) जब वस्तु फोकस पर रखी हो-जब वस्तु फोकस F1 पर रखी हो तो वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर अनन्त पर वास्तविक, वस्तु से बड़ा तथा उल्टा बनता है।
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(ii) जब वस्तु लेंस के फोकस तथा फोकस दूरी की दूरी के बीच स्थित हो-चित्र में AB वस्तु लेंस के फोकस F तथा उसकी फोकस दूरी की दो गुनी दूरी 2F के बीच स्थित है। प्रतिबिम्ब 2F और अनन्त के बीच लेंस के दूसरी ओर बनता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 10
यह प्रतिबिम्ब वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है।

प्रश्न 20.
उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस की पहचान कैसे करोगे?
उत्तर –

उत्तल लेंस अवतल लेंस
1. यह लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। 1. यह लेंस बीच में से पतला तथा किनारों पर मोटा होता है।
2. यह प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करता है। 2. यह प्रकाश पुंज को बिखेर देता है।
3. वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्त- विक, आभासी तथा उल्टा बनता है। 3. वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा बनता है।
4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब दायीं ओर गति करता है। 4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब भी बायीं ओर गति करता है।

प्रश्न 21.
लेंस पर आपतित होने के पश्चात् प्रकाश किरण का अपवर्तन किस प्रकार होता है? समझाइए।
उत्तर-
लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति निम्नलिखित किरणों द्वारा ज्ञात की जाती है

  1. मुख्य अक्ष के समान्तर आ रही किरण अपवर्तन के पश्चात् लेंस के मुख्य फोकस से होकर जाती है।
  2. प्रकाशीय केन्द्र से गुजरने वाली किरण अपने मार्ग से हटे बिना सीधी चली जाती है।
  3. मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर चली जाती है।

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प्रश्न 22.
किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिखिए। कोई छात्र 40 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है तथा कोई अन्य छात्र-20 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है। इन दोनों लेंसों की प्रकृति और क्षमता लिखिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
लेंस की क्षमता-किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपात को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
P (लेंस की क्षमता) =\(\frac{1}{f}\)
इसका S.I. मात्रक डाइऑप्टर (D) है।

(i) लेंस की फोकस दूरी (f) = 40 cm = 0.4 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{0.4}=\frac{10}{4}\) = + 2.5 D
प्रकृति-यह एक उत्तल लेंस है क्योंकि उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक (Positive) होती है।

(ii) इस लेंस की फोकस दूरी (f) = – 20 cm = -0.2 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{-0.2}=\frac{-10}{4}\) = – 5.0 D
प्रकृति-यह एक अवतल लेंस है क्योंकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक (Negative) होती है।

प्रश्न 23.
उत्तल लैंस द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइये।
उत्तर –
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प्रश्न 24.
4.0 सेमी ऊँचाई का कोई बिम्ब 20 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 30 सेमी दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और आकार ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ तथा मुख्य फोकस ‘F’ अंकित कीजिए। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का लगभग अनुपात भी ज्ञात कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
u= – 30,f= 20 सेमी, h = 4 सेमी
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
⇒ \(\frac{1}{v}-\frac{1}{(-30)}=\frac{1}{20}\)
⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{60}\)
⇒ v = 60 सेमी
m= \(\frac{v}{u}=\frac{h_i}{h_0}\) =-2= \(\frac{h_i}{4} \)
⇒ h1 = – 8 सेमी
अतः m = \(\frac{\mathrm{H}_{\text {प्रतिबिम्ब }}}{{ }^{H_{\text {विम्ब }}}}=\frac{8}{4}\) = 2:1
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
आपतित किरण, परावर्तित किरण, आपतन कोण, परावर्तन कोण तथा अभिलम्ब की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
(i) आपतित किरण-किसी दर्पण पर आकर आपतित होने वाली किरण. को आपतित किरण कहते हैं।
(ii) परावर्तित किरण-दर्पण पर टकराकर लौटने वाली प्रकाश किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।
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(ii) अभिलम्ब-जिस बिन्दु पर आपतित एवं परावर्तित किरणें मिलती हैं, उस बिन्दु पर खींचा गया लम्ब अभिलम्ब कहलाता है।
(iv) आपतन कोण-आपतित किरण तथा अभिलम्ब के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं।
(v) परावर्तन कोण-परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब के बीच बने कोण को परावर्तन कोण कहते हैं।

प्रश्न 2.
जब अनंत से अवतल दर्पण की ओर किसी वस्तु को बढ़ाया जाए तो बिम्बों की स्थिति और उनकी प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(i) वस्तु अनंत पर-जब कोई वस्तु अनंत पर होती है तो उसका वास्तविक बिम्ब F पर बनता है। किरण मख्य अक्ष के समान्तर चल कर दर्पण से टकराकर परावर्तित होती है तथा फोकस F पर मिलती है। इस स्थिति में बिम्ब अति छोटा, वास्तविक और उल्टा बनता है।
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(ii) वस्तु अनंत व C के मध्य होने पर-वस्तु के C व अनंत के मध्य होने पर इसका वस्तु से छोटा, उल्टा एवं वास्तविक प्रतिबिम्ब F व C के बीच बनता है।
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(iii) जब वस्तु C पर हो-वस्तु के C पर होने पर वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा एवं समान आकार का बनता है।
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(iv) वस्तु F वC के बीच स्थित हो-जब वस्तु F व C के बीच हो तब AD मुख्य अक्ष के समांतर चलकर फोकस से गुज़रेगी तथा द्वितीय किरण की सहायता से वह वास्तविक, आवर्धित तथा उल्टा प्रतिबिम्ब बनाती है।
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(v) वस्तु F पर स्थित हो-जब वस्तु फोकस पर स्थित हो तो मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली किरण AD फोकस से गुजरेगी। दूसरी प्रकाशीय किरण की सहायता से , वह बहुत बड़ा, उल्टा और अनंत पर प्रतिबिम्ब बनाएगी।
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(vi) जब वस्तु P व F के बीच हो-जब कोई वस्तु P और F के बीच में हो तो किरण AD मुख्य अक्ष के समान्तर चलकर F से गुजरेगी तथा एक अन्य किरण E से टकराकर आभासी, सीधा और बड़ा बिम्ब बनाएगी।
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प्रश्न 3.
गोलीय दर्पण किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक के उपयोग लिखिए।
उत्तर-
गोलीय दर्पण (Spherical mirror)-गोलीय दर्पण किसी काँच के खोखले गोले के वे भाग होते हैं, जिनका एक तल पॉलिश किया हुआ होता है और दूसरा तल चमकदार होता है। चमकदार तल से प्रकाश का परावर्तन होता है।
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गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
(i) अवतल दर्पण (Concave mirror) तथा
(ii) उत्तल दर्पण (Convex mirror)।
(i) अवतल दर्पण (Concave mirror) इस दर्पण में उत्तल पृष्ठ (उभरे हुए पृष्ठ) पर चाँदी की पॉलिश की जाती है तथा प्रकाश का परावर्तन अवतल तल से होता है।
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(ii) उत्तल दर्पण (Convex mirror)-इस दर्पण से अवतल पृष्ठ (दबे हुए पृष्ठ) पर चाँदी की पॉलिश की जाती है तथा प्रकाश का परावर्तन उत्तल तल से होता है।

गोलीय दर्पण के उपयोग (Uses of Spherical Mirror)-
अवतल दर्पण के उपयोग (Uses of concave mirror) –

  • फोकस और ध्रुव के बीच रखी वस्तु का सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब बनने के कारण इस दर्पण को दाढ़ी बनाने के समय प्रयोग किया जाता है।
  • कान, नाक व गले की जाँच करने के लिए डॉक्टरों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
  • परावर्तक के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
  • परावर्तक दूरदर्शी में इसका प्रयोग किया जाता है।

उत्तल दर्पण के उपयोग (Uses of convex mirror)
(i) इस दर्पण द्वारा अधिक विस्तृत क्षेत्र का प्रतिबिम्ब कम स्थान में बनने के कारण इसे ट्रक चालक के पार्श्व में लगा दिया जाता है, जिससे पीछे की ओर के काफी क्षेत्र का स्पष्ट व सीधा प्रतिबिम्ब दिखायी पड़ता है। इस दर्पण का दृष्टि क्षेत्र विस्तृत होता है।
(ii) सड़क पर लगे लैम्पों के परावर्तक तल के रूप में इस दर्पण का प्रयोग करने से प्रकाश अधिक बड़े क्षेत्र में फैल जाता. है।

प्रश्न 4.
12 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए कहा गया है।
(i) दर्पण के सामने बिम्ब की दूरी का क्या परिसर होना चाहिए?
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा अथवा बड़ा? इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(ii) इस बिम्ब का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा, यदि इसे दर्पण के सामने 24 सेमी दूरी पर रख दिया जाए? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए इस स्थिति के लिए भी किरण आरेख खींचिए।
उपरोद किरण आरेखों में ध्रुव, मुख्य फोकस और वक्रता केन्द्र की स्थितियों को भी दर्शाइए। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) अवतल दर्पण में किसी भी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा यदि बिम्ब को दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखा जाए।
फोकस, f= 12 सेमी
बिम्ब की दूरी का परिसर ‘P’ बिन्दु व ‘F’ बिन्दु के बीच होना चाहिए अर्थात् बिम्ब की दूरी 0 सेमी < 12 सेमी के मध्य होनी चाहिए।
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से बड़ा तथा सीधा बनेगा।
किरण आरेख :
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(iii) इस अवस्था में प्रतिबिम्ब भी दर्पण के सामने 24 सेमी पर बनेगा। इस दूरी पर प्रतिबिम्ब, बिम्ब के ठीक नीचे उल्टा बनेगा। इस प्रतिबिम्ब का img
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प्रश्न 5.
(a) प्रकाश किरण आरेखों की रचना करते समय हम ऐसी दो किरणों को चुनते हैं, जिनकी दर्पण से परावर्तन के पश्चात् की दिशा ज्ञात करना सरल होता है। ऐसी दो किरणों की सूची बनाइए और अवतल दर्पण के प्रकरण में परावर्तन के पश्चात् इन किरणों के पथों का उल्लेख कीजिए। इन्हीं दो किरणों का उपयोग अवतल दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच स्थित किसी बिम्ब के प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकाश किरण आरेख खींचकर ज्ञात कीजिए।
(b) कोई अवतल दर्पण अपने सामने 20 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनता है। पर्दा बिम्ब से कितनी दूरी पर है? (CBSE 2017)
उत्तर-
(a)
(1) जब आपतित किरण मुख्य अक्ष के समानांतर होती है तो अपवर्तित किरण अवतल दर्पण के फोकस से होकर गुजरती है।
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(2) जब आपतित किरण अवतल दर्पण के फोकस से गुजरती है तो अपवर्तित किरण दर्पण के मुख्य अक्ष के समानान्तर होती है।
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(b) u=-20 cm, m = -3
m = –\(\left(\frac{v}{u}\right)\)
-3 = –\(\left(\frac{v}{-20}\right)\)
3x-20 = v
v= -60 सेमी
पर्दे की बिम्ब से दूरी = v-u = 60 – 20 =-40 सेमी

प्रश्न 6.
(a) यदि किसी दर्पण द्वारा उसके सामने स्थित बिम्ब का किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनता है, तो इस दर्पण की प्रकृति लिखिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए किरण आरेख भी खींचिए। इस प्रकार के दर्पणों का एक उपयोग लिखिए तथा इनका उपयोग क्यों किया जाता है, उसका उल्लेख कीजिए।
(b) गोलीय दर्पणों की वक्रता त्रिज्या की परिभाषा लिखिए। किसी गोलीय दर्पण की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी वक्रता त्रिज्या + 24 सेमी है। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) यदि किसी दर्पण द्वारा उसके सामने स्थित बिम्ब का किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनता है तो वह दर्पण उत्तल है। इस तरह के दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें

रेखाचित्र
बिम्ब की स्थिति :- अनंत तथा दर्पण के ध्रुव P के बीच
प्रतिबिम्ब की स्थिति – P तथा F के बीच दर्पण के पीछे
प्रतिबिम्ब की प्रकृति = आभासी, सीधा तथा छोटा।
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(b) गोलीय दर्पण के ध्रुव से वक्रता केन्द्र तक की दूरी वक्रता त्रिज्या कहलाती है। गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग है, उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। अगर किसी दर्पण की वक्रता त्रिज्या 24 सेमी है, तो उसकी फोकस दूरी R/2 होगी।
f= \(\frac{24}{2}\) = +12 cm, यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।

प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक, काँच के सापेक्ष वायु के अपवर्तनांक का व्युत्क्रम होता है। अथवा प्रकाश-किरणों की उत्क्रमणीयता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माना कि वायु में चलती एक प्रकाश-किरण OA एक काँच के गुटके PQRS पर गिरती है। यह किरण तल PQ पर अपवर्तित होकर काँच में AB दिशा में चली जाती है। इस प्रकार वायु में आपतित किरण OA है तथा काँच में अपवर्तित किरण AB है। यदि वायु में आपतन कोण i तथा काँच में अपवर्तन कोण । हो, तो वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक
ang = \(\frac{\sin i}{\sin r}\) …………………… (i)
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इसके विपरीत, यदि काँच के भीतर प्रकाश-किरण BA दिशा में चले तब वह तल PQ पर अपवर्तित होकर वायु में AO दिशा में जाएगी। इस स्थिति में काँच में आपतन कोण r होगा तथा वायु में अपवर्तन कोण i होगा। अतः जब प्रकाश-किरण काँच से वायु में जाती है तो काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक
gna = \(\frac{\sin r}{\sin i}\) ……………………….. (ii)
समीकरण (i) एवं (ii) की तुलना करने पर,
ang= \(\frac{1}{{ }_g n_a} \)
अर्थात् वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक, काँच के सापेक्ष वायु के अपवर्तनांक का व्युत्क्रम होता है। यदि वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक \(\frac{3}{2}\) है, तो काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक \(\frac{2}{3}\) होगा।

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प्रश्न 8.
पार्श्व विस्थापन से क्या तात्पर्य है? सिद्ध कीजिये कि दो समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके से निकलने वाली किरण आपतित किरण के समान्तर होती (CBSE 2020)
उत्तर-
पार्श्व विस्थापन (Lateral Displacement)जब कोई प्रकाश-किरण समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके पर गिरती है तो अपवर्तन के पश्चात् गुटके के दूसरे पृष्ट से बाहर निकलने पर उसकी दिशा में कोई अन्तर नहीं पड़ता, परन्तु उसके मार्ग में कुछ विस्थापन आ जाता है। इसे ‘पार्श्व विस्थापन’ कहते हैं।

माना कि कोई प्रकाश-किरण OA एक काँच के गुटके PQRS पर आपतन कोण i बनाती हुई गिरती है। गुटके के पहले पृष्ठ PQ पर अपवर्तन के पश्चात् यह किरण अभिलम्ब की ओर झुक जाती है तथा इसकी दिशा AB हो जाती है। माना कि अपवर्तन कोण r है। चूँकि गुटके के दोनों पृष्ठ समान्तर हैं, अतः किरण AB गुटके के दूसरे पृष्ठ SR पर आपतन कोण बनाती हुई गिरती है तथा अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब से दूर हट जाती है। माना वायु में निकलने पर निर्गत किरण BC, अभिलम्ब से निर्गत कोण e बनाती है।
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पृष्ठ PQ पर प्रकाश-किरण वायु से काँच में जा रही है। अत: वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक
ang = \(\frac{\sin i}{\sin r}\) ………………….. (i)
पृष्ठ SR पर किरण काँच से वायु में जा रही है। अतः काँच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 30
अतः स्पष्ट है कि दो समान्तर पृष्ठों वाले काँच के गुटके से निकलने वाली किरण आपतित किरण के समान्तर होती है।

प्रश्न 9.
(a) किसी अवतल लेंस द्वारा उसके सामने रखे किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(b) उपर्युक्त आरेख में बिम्ब-दूरी, प्रतिबिम्ब दूरी को इनके उचित चिह्न (नई कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार धनात्मक (+) अथवा ऋणात्मक (-) सहित दर्शाइए और उल्लेख कीजिए कि इस प्रकरण में ये दूरियाँ अवतल लेंस की फोकस दूरी () से किस प्रकार संबंधित हैं।
(c) उस लेंस की प्रकृति और क्षमता ज्ञात कीजिए, जो अपने प्रकाशिक केन्द्र से 40 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिम्ब का -1 आवर्धन का प्रतिबिम्ब बनाता है। (CBSE 2016)
उत्तर-
(a)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 31
(b) बिम्ब दूरी (u) = – u
प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = – v
फोकस दूरी (f) =-f
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

(c) दिया गया है – m = – 1, u = – 40 सेमी
m = \(\frac{v}{u}\)
⇒ -1 = \(\frac{v}{-40}\)
v = 40 सेमी
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
= \(\frac{1}{40}-\frac{1}{-40} \)
f = 20 सेमी = 0.2 मी.
P= \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.20}\) =5D
यह लेंस एक उत्तल लेंस हैं, क्योंकि उत्तल लेंस वास्तविक और उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है।

प्रश्न 10.
उत्तल लेंस के प्रकरण में बिम्ब दरी (u) के साथ प्रतिबिम्ब दूरी (v) में विचरण को दर्शाने वाली नीचे दी गयी प्रेक्षण तालिका का विश्लेषण कीजिए और परिकलन किए बिना ही निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
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(a) उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण लिखिए।
(b) उस प्रेक्षण की क्रम संख्या लिखिए जो सही नहीं है। यह निष्कर्ष आपने किस आधार पर निकाला है?
(c) कोई भी उचित पैमाना लेकर प्रेक्षण संख्या 4 के लिए प्रकाश किरण आरेख खींचिए और आवर्धन का लगभग मान ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) क्रम संख्या 3 से हमें यह ज्ञात होता है कि लेंस की त्रिज्या 30 cm है क्योंकि जब उत्तल लेंस में बिम्ब c पर रखा जाता है तो लैंस से बिम्ब और प्रतिबिम्ब की दूरी समान होती है। फोकस दूरी हमेशा त्रिज्या की आधी होती है तो इस लेंस की फोकस दूरी + 15 cm होगी।
(b) संख्या 6 सही नहीं है क्योंकि बिम्ब की दूरी F और P के बीच है। इस तरह की स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी होता है, लेकिन इस स्थिति में प्रतिबिम्ब वास्तविक है, क्योकि प्रतिबिम्ब की दूरी धनात्मक हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 33
m = \(\frac{v}{u} \)
v = +60 cm
u = -20 cm
m = \(\left(\frac{60}{-20}\right)\) =-3

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रेक्षण सारणी का विश्लेषण कीजिए जिसमें उत्तल लेंस की स्थिति में बिम्ब दूरी (u) के साथ प्रतिबिम्ब दूरी (v) का विचरण दर्शाया गया है, और बिना कोई परिकलन किए ही निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 34
(a) उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए।
(b) उस प्रेक्षण की क्रम संख्या लिखिए जो सही नहीं है। यह निष्कर्ष आपने किस आधार पर निकाला है।
(c) किसी उचित पैमाने को चुनकर क्रम संख्या 2 के प्रेक्षण के लिए किरण आरेख खींचिए। आवर्धन का लगभग मान भी ज्ञात कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) इस उत्तल लेंस की फोकस दूरी + 20 cm होगी, क्योंकि इस सारणी में तीसरी क्रम संख्या में बिम्ब और प्रतिबिम्ब दूरी समान है, तो हमें यह ज्ञात होता है कि R = 40
फोकस दूरी हमेशा इसकी आधी होती है इसलिए फोकस दूरी + 20 cm होगी।
(b) क्रम संख्या 6 सही नहीं है क्योंकि u =- 15 cm और इस केस में प्रतिबिम्ब आभासी बनता है न कि वास्तविक।
(c) HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 35
आवर्धन का लगभग मान
m = \( \begin{aligned}&\frac{v}{u} \\= &\frac{30}{-60}=-\frac{1}{2}=\end{aligned}\) = -0.5

प्रश्न 12.
अवतल लैंस द्वारा किसी वस्तु का निम्न स्थितियों में बना प्रतिबिम्ब कैसा होगा ? किरण आरेख भी बनाइए।
(a) जब वस्तु अनन्त पर हो।
(b) जब वस्तु 2F तथा F1 के मध्य हो।
उत्तर-
(a) जब वस्तु अनन्त पर हो-अनन्त से आने वाली मुख्य अक्ष के समान्तर किरणे अपवर्तन के पश्चात् अपसारित हो (फैल) जाती हैं तथा फोकस F1 से निकलती प्रतीत होती हैं अतः प्रतिबिम्ब सीधा, आभासी व अत्यधिक छोटा फोकस F1 पर बनता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 36
(b) जब वस्तु 2F व F1 के मध्य हो-वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, छोटा तथा फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र के बीच बनता है।
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आकिक प्रश्न (Numerical Questions)
उत्तल दर्पण पर आधारित प्रश्न (Problems on Based Convex Mirror)

विशेष तथ्य-
1. उत्तल दर्पण के प्रश्नों को हल करने के लिये चि परिपाटी
f= + (धनात्मक) तथा 0 = + (वस्तु का आकार)
v=+ (धनात्मक) I = + (प्रतिबिम्ब का आकार)
u= – (ऋणात्मक)
m = + (धनात्मक) सदैव 1 से छोटा
2. अज्ञात राशि का चिन्ह प्रश्न के हल करने में नहीं लिया जाता है वह प्रश्न हल करने के पश्चात् स्वयं निकल कर आता है।

प्रश्न 1.
25 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार, फोकस दूरी f= 25 सेमी
वक्रता. त्रिज्या R = ?
∴ वक्रता त्रिज्या R=2f
= 2 x 25
R=50 सेमी

प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण से 40 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 10 cm दूर बनता है। उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए तथा सम्बन्धित किरण आरेख भी बनाइए।
हल : वस्तु से दर्पण की दूरी u = – 40 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = 10 cm
माना दर्पण की फोकस दूरी f है, अतः
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
\( =\frac{1}{-40}+\frac{1}{10}\)
\(=\frac{-1+4}{40}=\frac{3}{40}\)
∴ फोकस दूरी f = \(\frac{40}{3}\) =13.3 cm
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प्रश्न 3.
एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 20 cm है। इस दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, उत्तल दर्पण की फोकस दूरी (f) = 20 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी (u) = – 25 cm
दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
∵ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
∴ \(\frac{1}{-25}+\frac{1}{v}=\frac{1}{20}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{20}+\frac{1}{25}=\frac{5+4}{100}=\frac{9}{100}\)
अतःv = \(\frac{100}{9} \) =+11.1cm
अतः प्रतिबिम्ब उत्तल दर्पण के पीछे 11.1 cm दूरी पर बनता है।

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प्रश्न 4.
एक उत्तल दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की लम्बाई का आधा बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार,
वस्तु की उत्तल दर्पण से दूरी u = – 25 cm
आवर्धन (m) = img
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∴ फोकस दूरी f= 25 cm

प्रश्न 5.
6 cm लम्बाई की एक कील उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूर रखी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 10 cm हो तो कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार,
वस्तु की लम्बाई h = 6 cm
कील की उत्तल दर्पण से दूरी = -20 cm
दर्पण की फोकस दूरी f= + 10cm
कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई v = ?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 40
h’= 2 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 6.67 cm दूरी पर 2 cm लम्बाई का बनेगा।

अवतल दर्पण पर आधारित प्रश्न । (Problems Based on Concave Mirror)
विशेष तथ्य
1. अवतल दर्पण के लिये चि परिपाटी
f= – (ऋणात्मक)
u = – (ऋणात्मक)
v = – लेकिन जब u m = लेकिन जब u 2. अज्ञात राशि का चिन्ह नहीं लेते, वह स्वयं प्रश्न को हल करते समय निकलकर आता है।

प्रश्न 6.
एक अवतल दर्पण से 20 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 30 cm दूर बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, दर्पण से वस्तु की दूरी u = -20 cm
प्रतिबिम्ब की दूरी v = -30 cm
फोकस दूरी (f) = ?
∴ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
= \(-\frac{1}{20}-\frac{1}{30}=\frac{-3-2}{60}=\frac{-5}{60}\)
‘या \(\frac{1}{f}=-\frac{1}{12}\) या f=-12cm
अतः अवतल दर्पण की फोकस दूरी 12 cm होगी।

प्रश्न 7.
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 25 cm है। दर्पण से 20 cm की दूरी पर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति बताइए।
हल : प्रश्नानुसार,
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 25 cm
अवतल दर्पण से वस्तु की दूरी u = – 20 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
∴ \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{-1}{20}+\frac{1}{v}=-\frac{1}{25}\)
∴ \(\frac{1}{v}=-\frac{1}{25}+\frac{1}{20}=\frac{-4+5}{100}=\frac{1}{100}\)
∴ v= 100 cm

अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm की दूरी पर बनेगा।
आवर्धन (m) = \(-\frac{v}{u}=-\frac{100}{-(20)}\) = 5
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm दूर, सीधा तथा वस्तु से 5 गुना बनता है। चूँकि प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। अतः प्रतिबिम्ब आभासी है।

प्रश्न 8.
एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 60 cm है। 4 cm लम्बी एक वस्तु दर्पण से 45 cm दूर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार ,
अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = – 60 cm
वस्तु की लम्बाई (h) = 4 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी u = – 45 cm
(i) अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – \(\frac{60}{2}\) =-30
∴ सूत्र \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\) से,
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 41
v=-90 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 90 cm दूर बनेगा।

(ii) माना प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है
\(\frac{h^{\prime}}{h}=-\frac{v}{u} \)
\(\frac{h^{\prime}}{u}=-\frac{90}{-45} \)
\(\frac{h^{\prime}}{u}=-\frac{2}{1} \)
या h= – 8 cm
अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई 8 cm होगी।

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प्रश्न 9.
12 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 4 cm लम्बी वस्तु कहाँ रखी जाए कि उसका 1 cm लम्बा.प्रतिबिम्ब बने ?
हल :
प्रश्नानुसार, अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 12 cm
वस्तु की लम्बाई h = 4 cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ = 1 cm
माना वस्तु को u cm दूर रखा जाए।

अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु से छोटा बन रहा है। इसलिए प्रतिबिम्ब उल्टा तथा वास्तविक होगा। अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई ऋणात्मक रखेंगे
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अतः अवतल दर्पण से वस्तु को 60 cm दूर रखा जाए।

प्रश्न 10.
कोई 6 सेमी लम्बा बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् स्थित है। दर्पण से बिम्ब की दूरी 45 सेमी है। दर्पण सूत्र का उपयोग करके बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति और आकार निर्धारित कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
अथवा
6 सेमी आकार का कोई बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के सामने 50 सेमी दूरी पर स्थित है। इस बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए पर्दै को लेंस से कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
हल :
दिया है, बिम्ब की ऊँचाई h = 6 सेमी, फोकस दूरी f=-30 सेमी
बिम्ब की दूरी (दर्पण से) v = – 45 सेमी
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अवतल दर्पण से बिम्ब की दूरी = – 90 सेमी। \
वस्तु का आकार = 6 सेमी,
प्रतिबिम्ब का आकार = ?
सूत्र आवर्धन m = –\(\frac{v}{u} \)
\(-\frac{90}{45}\) =-2
nc=-2 x 6 सेमी
= – 12 सेमी
प्रतिबिम्ब = वास्तविक, उल्टा एवं बड़ा होगा।
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अथवा
दिया है, f= 30 सेमी, u = – 50 सेमी, h = 6.0 सेमी AM
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प्रश्न 11.
किसी दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब, वास्तविक, उल्टा और -1 आवर्धन का है। यदि प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी 40 cm है, तो बिम्ब कहाँ स्थित है? यदि बिम्ब को दर्पण की ओर 20 cm स्थानांतरित कर दिया जाए, तो प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए तथा बिम्ब की नई स्थिति के लिए किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2016)
हल-
आवर्धन, m = – 1; प्रतिबिाय बास्तविक तथा उल्टा है; प्रतिबिम्ब की दूरी = – 40 cm
यह दर्पण अवतल है।
∵ प्रतिबिम्ब वास्तविक है।
\(\frac{-v}{u}=m \quad \Rightarrow \frac{-(-40)}{u}=-1\)
⇒ u = \(\frac{-(-40)}{-1}\)
⇒ u = -40 cm
∵ बिम्ब दर्पण के सामने 40 cm की दूरी पर स्थित है।
इस अवस्था में, बिम्ब और प्रतिबिम्ब दोनों दर्पण के सामने एक ही बिन्दु ‘C’ पर स्थिति है। जब बिम्ब को दर्पण की और 20 cm पर स्थानान्तरित किया जाता है तो वह दर्पण के ‘F’ बिन्दु पर स्थिति होगा। अब प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने अनंत दूरी (Infinity) पर बनेगा।
दर्पण सूत्र द्वारा,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}=\frac{1}{u} \Rightarrow \frac{1}{f}=\frac{1}{-40}+\frac{1}{-40} \)
⇒\(\frac{1}{f}=\frac{-1}{40}-\frac{1}{40} \Rightarrow \frac{1}{f}=\frac{-2}{40}=\frac{-1}{20} \)
⇒ f=-20 cm
दूसरी स्थिति :f=-20 cm; u = -20 cm; v= ?
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 47
∴ अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने अनंत पर बनेगा।

प्रश्न 12.
कोई 3 cm ऊँचाई का बिम्ब 12 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 18 cm दूरी पर स्थित है। इस दर्पण से किसी पर्दे को कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए ताकि इस पर्दे पर बिम्ब का स्पष्ट प्रतिबिम्ब दिखाई दे। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई भी परिकलित कीजिए। (CBSE 2017)
हल: f = -12
u = -18
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{-12}=\frac{1}{v}+\frac{1}{-18}\)
\(\frac{1}{18}-\frac{1}{12}=\frac{1}{v} \)
\(\frac{2-3}{36}=\frac{1}{v} \)
v = -36 cm
m = \(\frac{-v}{u}=\frac{-(-36)}{-18}\)
m = -2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 48
m = \(\frac{H_i}{3}\)
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = – 2 × 3
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = – 6 cm

प्रश्न 13.
किसी दर्पण से 30 cm दूरी पर स्थित मोमबत्ती की ज्वाला का प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने उसके ध्रुव से 60 cm दूरी पर स्थित पर्दे पर बनता है। दर्पण की प्रकृति क्या है? इसकी फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। यदि ज्वाला की ऊँचाई 2.4 cm है, तो इसके प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। उल्लेख कीजिए कि यह प्रतिबिम्ब सीधा होगा अथवा उल्टा। (CBSE 2017)
हल :
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
= \(\frac{1}{-60}+\frac{1}{-30}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{-1-2}{60}\)
∴ f=-20
m = \(-\left(\frac{v}{u}\right)=-\left(\frac{-60}{-30}\right)\)
m =-2
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प्रतिबिम्ब की ऊँचाई = 2 x (-2.4) =- 4.8 cm
यह एक अवतल दर्पण है। यह प्रतिबिम्ब उल्टा बनेगा।

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प्रश्न 14.
4 cm आकार का कोई बिम्ब 15.0 फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 25.0 cm दूरी पर स्थित है।
(i) इस दर्पण के सामने किसी पर्दे को कितनी दूरी पर रखा जाए ताकि उस पर बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब बने।
(ii) बनने वाले प्रतिबिम्ब का आकार ज्ञात कीजिए।
(ii) इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख दीजिए। (CBSE 2020)
हल : दिया है, बिम्ब का आकार, h1 = 4 cm
u=-25 cm,f=- 15 cm,v= ?
(i) दर्पण सूत्र द्वारा,
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 50
इसलिए इस प्रतिबिम्ब को प्राप्त करने के लिए पर्दे को दर्पण के सामने 37.5 cm दूरी पर रखना चाहिए।
(ii) प्रतिबिम्ब आकार (h2) = ?
\(\frac{h_2}{h_1}=\frac{-v}{u} \Rightarrow \frac{h_2}{4}=\frac{-\left(\frac{-75}{2}\right)}{-25}\)
∴ h2 = \(\frac{-75}{2 \times 25} \times 4\) = – 6cm
प्रतिबिम्ब का आकार 6 cm होगा, (-) चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब उल्टा बनता है।

(iii)
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विशेष तथ्य
1. उत्तल लेंस के लिये चिन्ह परिपाटी
f(फोकस दूरी) =+
u (वस्तु की दूरी) =
v (प्रतिबिम्ब की दूरी) = + लेकिन जब u O (वस्तु का आकार) =+ धनात्मक
प्रतिबिम्ब का आकार = – ऋणात्मक लेकिन जब m = – (ऋणात्मक) लेकिन जब u <fसे तब m = +
2. प्रश्न को हल करते समय अज्ञात राशि का चि नहीं रखते वह प्रश्न को हल करते समय स्वयं निकल कर आता है।

प्रश्न 15.
0.12 मीटर फोकस दूरी के उत्तल लेंस से वस्तु का 3 गुना वास्तविक प्रतिबिम्ब पर्दे पर प्राप्त करने के लिए वस्तु को लेंस से कितनी दूर रखना पड़ेगा?
हल : प्रश्नानुसार, उत्तल लेंस की फोकस दूरी,f= 0.12
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माना वस्तु को उत्तल लेंस से 4 मीटर दूर रखा जाए।
m=\(\frac{u}{v}\) =-3
वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए आवर्धन क्षमता ऋणात्मक लेते हैं जो विशेष तथ्य में स्पष्ट है।
या \(\frac{v}{u}=-\frac{3}{1}\)
या v=-3u
सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
या \(\frac{1}{0.12}=\frac{1}{-3 u}-\frac{1}{u}\)
या \(\frac{1}{0.12}=\frac{-1-3}{3 u} \)
या \(\frac{1}{0.12}=-\frac{4}{3 u} \text { या } u=\frac{-0.12 \times 4}{3}=-0.16 \)
अतः वस्तु को लेंस से 0.16 मीटर दूर रखा जायेगा।

प्रश्न 16.
एक उत्तल लेंस से 15 cm दूर रखी वस्तु का चार गुना बड़ा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार,
वस्तु की उत्तल लेंस से दूरी u = – 15 cm
आवर्धन (m)=-4
माना उत्तल लेंस की फोकस दूरी f cm है।
m = \(\frac{v}{u}\) = -4 ;
\(\frac{v}{-15}\) = -4
∴ v= 60 cm .
लेंस के सूत्र
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{60}-\frac{1}{-15}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{60}+\frac{1}{15}=\frac{5}{60}=\frac{1}{12}\)
f= 12 cm
अतः लेंस की फोकस दूरी 12 cm होगी।

प्रश्न 17.
(a) 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के आधे भाग को काले काग़ज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस 30 cm दूरी पर स्थित बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना सकता है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए।
(b) कोई 4 cm लम्बा बिम्ब 20 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखा है। बिम्ब की लेंस से दूरी 15 cm है। प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति और आकार ज्ञात कीजिए। [CBSE 2015]
हल:
(a) हाँ, क्योंकि बिम्ब से जाने वाली प्रकाश किरणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, केवल बनने वाले प्रतिबिम्ब की तीव्रता कम हो जाती है।
(b) बिम्ब की लम्बाई (O) = + 4 सेमी.
लैन्स की फोकस दूरी (f) = 20 सेमी.
बिम्ब की लैंस से दूरी = (u) = -15 सेमी.

लैन्स सूत्र से-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 53

आवर्धन के सूत्र m= \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{O}}=\frac{v}{u}\) = “से.
\(\frac{I}{4}=\frac{-60}{-15}\)
∴ I =4×4= 16 सेमी
अतः प्रतिबिम्ब आभासी सीधा व वस्तु से बड़ा बनता है।

प्रश्न 18.
एक मोमबत्ती तथा पर्दे के बीच की दूरी 90 cm है। इसके मध्य 20 cm फोकस दूरी वाला उत्तल लेंस कहाँ रखा जाए कि मोमबत्ती का वास्तविक, उल्टा प्रतिबिम्ब पर्दे पर बने।
हल:
प्रश्नानुसार, u+y= 90 cm
माना वस्तु से लेंस की दूरी u = – x cm
अतः लेंस से प्रतिबिम्ब (पर्दै) की दूरी
v = (90-x) cm
अतः लेंस के सूत्र से –
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 54
(x-60) (x-30) = 0
अतःx-60 = 0
∴ x = 60
अत: वस्तु की लेंस से दूरी 60 cm होगी।
प्रतिबिम्ब पर्दे की लेंस से दूरी 90 – x = 90 – 60 = 30 cm होगी।

विशेष तथ्य –
1. अवतल लेंस के लिये चिन्ह परिपाटी
f(फोकस दूरी) = — (ऋणात्मक)
(वस्तु की दूरी) = – (ऋणात्मक) ।
(प्रतिबिम्ब की दूरी) = – (ऋणात्मक)
वस्तु का आकार (O) = + धनात्मक
प्रतिबिम्ब का आकर (h’) = धनात्मक (+ 1)
m (आवर्धन) = + धनात्मक
2. अज्ञात राशि का चिन्ह नहीं लेते, वह स्वयं प्रश्न को हल करते समय निकलकर आता है।

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प्रश्न 19.
एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 15 cm है। इस लेंस से 10 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति बताइए।
हल:
प्रश्नानुसार, अवतल लेंस की फोकस दूरी (f)= – 15 cm
वस्तु की अवतल लेंस से दूरी (u) = – 10 cm
लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
लेंस के सूत्र
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 55
या v=-6 cm
ऋण चि से स्पष्ट है कि प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर बनता है तथा लेंस से 6 cm दूर, आभासी, छोटा व सीधा बनता है।

प्रश्न 20.
कोई बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के किसी अवतल लेंस से 60 सेमी दूरी पर स्थित है।
(i) लेंस सूत्र का उपयोग करके लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी ज्ञात कीजिए।
(ii) इस प्रकरण में बनने वाले प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों (प्रकृति, स्थिति, आकार, सीधा/उल्टा) की सूची बनाइए।
(iii) भाग (ii) में दिए गए अपने उत्तर की पुष्टि के लिए किरण आरेख खींचिए। (CBSE 2019)
हल:
(i) f=-30 सेमी, u =-60 सेमी लेंस सूत्र से,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(-\frac{1}{30}=\frac{1}{v}-\frac{1}{(-60)}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{-30}-\frac{1}{60}\)
⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{-2-1}{60}\)
v = \(-\frac{60}{3}\) = -20 सेमी

(ii) हम जानते हैं- m= \(\frac{h^{\prime}}{h}=\frac{v}{u}\)
m = \(\frac{-20}{-60}=\frac{1}{3}\)
इससे तात्पर्य है कि प्रतिबिम्ब आभासी, वस्तु की ओर प्रकाशीय केन्द्र व फोकस के मध्य, वस्तु के आकार का 1e3 बनेगा। प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा।
(iii)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 56

प्रश्न 21.
अनन्त से आने वाली किरणें जब अवतल लेंस पर पड़ती हैं तो लेंस से 30 सेमी. की दूरी पर प्रतिबिम्ब बनता हुआ प्रतीत होता है। जब इस लैंस के सामने 3 सेमी. ऊँचा बिम्ब, लेंस से 15 सेमी. की दूरी पर रखा जाता है तो बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं आकार की गणना कीजिये।
हल:
सर्वप्रथम –
u= – ∞
v=- 30 सेमी
f=?
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{-30}+\frac{1}{\infty}\)
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{30}\)
f=-30 cm
अत: h = 3 सेमी., h’ = ?
u=- 15 सेमी.

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अतः प्रतिबिम्ब लेंस से 10 सेमी. की दूरी पर उसी तरफ बनता है जिस तरफ बिम्ब रखा है। प्रतिबिम्ब का आकार 2 सेमी बनता हुआ प्रतीत होता है।

प्रश्न 22.
2.5 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘0’ से 15 cm दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और साइज़ ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘0’, मुख्य फोकस F तथा है. प्रतिबिम्ब की ऊँचाई अंकित कीजिए।
हल :
(i) h = 2.5 cm, u=-15 cm,
f= 10 cm, v=?, h = ?
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}, \frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{-15}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{3-2}{30} \Rightarrow \quad \frac{1}{v}=\frac{1}{30}\)
∴ v=30 cm
प्रतिबिम्ब की स्थिति में, लेंस के दूसरी तरफ 30 cm दूरी पर।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 58
प्रतिबिम्ब का आकार = 5 cm (उल्टा बनेगा)
(ii)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 59

प्रश्न 23.
यदि किसी लेंस की फोकस दूरी 0.2 मीटर हो तो उसकी क्षमता चिह्न सहित ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार, लेंस की फोकस दूरी (f) = 0.2
मीटर लेंस की क्षमता (P) = ?
∴ लेंगी :. लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{f(\text { मी) में }}=\frac{1}{0.2} \)
अतः P=+5 डायोप्टर

प्रश्न 24.
25 cm फोकस दूरी के अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल:
अवतल लेंस की क्षमता (P) = \(\frac{100}{f(\mathrm{~cm} \text { में) }}=\frac{100}{-25} \)
P=-4D

प्रश्न 25.
एक अभिसारी लैंस जिसकी क्षमता +2.5D है, जिसे एक अपसारी लैंस जिसकी क्षमता – 3.0 D है के सम्पर्क में रखा जाता है। इस संयोजन से बने लैंस की क्षमता तथा फोकस दूरी की गणना कीजिए।
हल : अभिसारी लैंस की क्षमता (P1) = + 2.5 D
अपसारी लैंस की क्षमता (P2) = – 3.0 D
संयोजन की क्षमता (P) = P1 + P2
=+2.5-3.0
=-0.5D
संयोजन की फोकस दूरी (F) = \(\frac{100}{P}\) सेमी.
= \(\frac{100}{-0.5}\) =-200 सेमी.

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. समतल दर्पण का आवर्धन होता है
(a) +1
(b)-1
(c) 0
(d).
उत्तर-
(a)
+1.

2. दूर स्थित किसी ऊँची इमारत के प्रतिबिम्ब को निश्चित रूप से किसके द्वारा देखा जा सकता है –
(a) अवतल दर्पण
(b) उत्तल दर्पण
(c) समतल दर्पण
(d) अवतल और समतल दर्पण।
उत्तर-
(b) उत्तल दर्पण।

3. टॉर्च, सर्चलाइट और वाहनों के अग्रदीपों में बल्ब लगाए जाते हैं –
(a) परावर्तक के ध्रुव एवं फोकस के बीच
(b) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट
(c) परावर्तक के फोकस एवं वक्रता केन्द्र के बीच
(d) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर।
उत्तर-
(b) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट।

4. अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा बनता है तब वस्तु की स्थिति होगी –
(a) वक्रता केन्द्र पर
(b) वक्रता केन्द्र से परे
(c) फोकस तथा वक्रता के बीच में
(d) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।
उत्तर-
(d) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

5. किसी वस्तु को अवतल दर्पण और फोकस के बीच रखा जाता है, प्रतिबिम्ब बनेगा –
(a) अनन्त पर
(b) दर्पण के पीछे
(c)F पर
(d) वक्रता केन्द्र पर ।
उत्तर-
(b) दर्पण के पीछे।

6. किसी गोलीय दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा बनता है जबकि आप कितनी भी दूर खड़े हों, दर्पण-
(a) समतल
(b) समतल या उत्तल
(c) उत्तल
(d) अवतल।
उत्तर-
(c) उत्तल।

7. साधारण दर्पण से परावर्तित होकर कौन-सा प्रतिबिम्ब बनता है –
(a) वास्तविक
(b) आभासी
(c) वास्तविक एवं आभासी दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) वास्तविक एवं आभासी दोनों।

8. यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 हो तो काँच में प्रकाश का वेग होगा –
(a) 2 x 108 m/s
(b) 3 x 108 m/s
(c) \(\frac{2}{3}\) x 108 m/s
(d) \(\frac{3}{2}[/latex x 108 m/s .
उत्तर-
(a) 2 x 108 m/s
∴ v=[latex]\frac{c}{\mu}=\frac{3 \times 10^8}{1.5}= \) = 1.5

9. कोई किरण पृष्ठ पर लम्बवत् आपतित होती है तब अपवर्तन कोण का मान है –
(a) 90°
(b)0°
(c) 45°
(d)60°.
उत्तर-
(b) 0°

10. एक काँच के गुटके (स्लैब) की क्षमता होगी-
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c) शून्य से कम
(d) शून्य से अधिक।
उत्तर-
(a) शून्य।

11. प्रकाश का वेग, न्यूनतम होता है-
(a) निर्वात में
(b) जल में
(c) वायु में
उत्तर-
(d) काँच में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

12. निर्वात में प्रकाश का वेग है
(a) 3 x 108 m/s
(b) 3 x 1010 m/s
(c) 3 x 1011 km/s
(d) 3 x 109 m/s
उत्तर-
(a) 3 x 108 m/s

13. किसी माध्यम में प्रकाश का वेग, वायु में प्रकाश के वेग से कम है तो इस माध्यम का अपवर्तनांक होगा –
(a) 1
(b) 1 से कम
(c) 1 से अधिक
(d) 1 से कम या अधिक कुछ भी हो सकता है।
उत्तर-
(c) 1 से अधिक।

14. \(\frac{\sin i}{\sin r}\) = n को किस नियम से जाना जाता है?
(a) जूल का नियम
(b) स्नैल का नियम
(c) न्यूटन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) स्नैल का नियम।

15. लेंस की क्षमता ज्ञात करने का सूत्र है –
(a) P=4f
(b) P = \(\frac{f}{2}\)
(c) P = \(\frac{1}{f}\)
(d) P= \(\frac{1}{2f}\)
उत्तर-
(c) P = \(\frac{1}{f}\)

16. किसी उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या होगी, जिसकी वक्रता त्रिज्या 40 cm है –
(a) 20 cm
(b) 10 cm
(c) 15 cm
(d) 3 cm.
उत्तर-
(c) 20 cm.

17. एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी 20 cm है, उसकी क्षमता है –
(a) +20 D
(b)-20 D
(c) +5D
(d)-5 D.
उत्तर-
(c) +5 D.

18. उत्तल लेंस द्वारा सूर्य का प्रतिबिम्ब बनता है –
(a) F पर
(b) 2 F से दूर
(c) F व 2F के मध्य
(d) 2F पर।
उत्तर-
(a) F पर।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

19. एक लेंस बीच में से मोटा तथा किनारों पर से पतला है तब यह लेंस कौन-सा होगा?
(a) अवतल
(b) साधारण दर्पण
(c) उत्तल
(d) प्रिज्म।
उत्तर-
(c) उत्तल।

20. एक उत्तल लेंस की क्षमता का चिह्न
(a) धनात्मक होता है
(b) शून्य होता है
(c) ऋणात्मक होता है
(d) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(a) धनात्मक होता है।

21. यदि उत्तल लेंस के सामने वस्तु अनन्त व 2F के बीच रखी हो तो उसका प्रतिबिम्ब बनेगा –
(a) वास्तविक, उल्टा और बिन्दु आकार का
(b) आभासी, सीधा और वस्तु के आकार का
(c) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा
(d) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बड़ा।
उत्तर-
(c) वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को समेलित कीजिए-

कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) उत्तल लेंस (A) फोकस दूरी धनात्मक
(ii) अवतल लेंस (B) फोकस दूरी शृणात्मक
(iii) लेंस की शक्ति (C) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u} \)
(iv) दर्पण (D) डाइऑप्टर
(v) लेंस (E) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u} \)

उत्तर-

कॉलम (X) कॉलम (Y)
(i) उत्तल लेंस (A) फोकस दूरी धनात्मक
(ii) अवतल लेंस (B) फोकस दूरी शृणात्मक
(iii) लेंस की शक्ति (D) डाइऑप्टर
(iv) दर्पण (C) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u} \)
(v) लेंस (E) \( \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u} \)

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. दर्पण सूत्र ………………………… होता है।
उत्तर-
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)

2. निर्वात में प्रकाश की चाल ………………………… होती है।
उत्तर-
3 x 108 m/s,

3. लेंस की क्षमता का मात्रक ………………………… होता है।
उत्तर-
डाइऑप्टर (D)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

4. गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच की दूरी को दर्पण की ………………………… कहते हैं।
उत्तर-
फोकस दूरी,

5. वाहनों के अग्रदीपों में प्रकाश का शक्तिशाली समान्तर किरण पुंज प्राप्त करने में ………………………… का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
अवतल दर्पण।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किस प्रकार के जनन में अधिक सफल विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर-
लैंगिक जनन में अधिक सफल विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2.
प्राणी की दूसरी पीढ़ी में क्या विशेषताएँ दिखाई देती हैं?
उत्तर-
अपने से पहली पीढ़ी से प्राप्त विभिन्नताएँ तथा उनसे कुछ नई विभिन्नताएँ, दूसरी पीढ़ी में दिखाई देती हैं।

प्रश्न 3.
जैव विकास प्रक्रम का आधार क्या बनता
उत्तर-
पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्त (variants) ।

प्रश्न 4.
क्या सभी स्पीशीज में सभी विभिन्नताओं के अस्तित्व बने रहने की सम्भावना एक समान होती है?
उत्तर-
नहीं, प्रकृति के अनुसार विभिन्नताएँ अलगअलग होंगी।

प्रश्न 5.
मानव के लक्षणों की वंशानुगति का नियम किस बात पर आधारित है?
उत्तर-
माता और पिता दोनों समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ अपनी सन्तान को स्थान्तरित या संचरित करते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 6.
मेण्डल के एक प्रयोग में बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद पुष्यों वाले मटर के पौधों से कराया गया। F1 संतति में क्या परिणाम प्राप्त होंगे? (CBSE 2018)
उत्तर-मेण्डल के प्रयोगानुसार जब बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद पुष्पों वाले मटर के पौधों से करवाया जाएगा तो F, संतति में सभी बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधे प्राप्त होंगे।

प्रश्न 7.
मेण्डल ने लम्बे मटर के पौधे और बौने मटर के पौधे लिए और इनमें संकरण द्वारा F1 संतति उत्पन्न की। उन्होंने इस संतति F2 में क्या प्रेक्षण किया? (CBSE 2018)
उत्तर-
F1 संतति के सभी मटर के पौधे लम्बे होंगे।

प्रश्न 8.
प्रभाविता क्या है?
उत्तर-
प्रथम पीढ़ी में प्रदर्शित लक्षण, प्रभाविता कहलाता है।

प्रश्न 9.
अप्रभाविता क्या है?
उत्तर-
प्रथम पुत्रीय पीढ़ी में छिपा रहने वाला लक्षण अप्रभाविता है।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए चित्र में कौन-सा लक्षण प्रभावी है व कौन सा अप्रभावी है ?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 1
पुष्प का गुलाबी रंग प्रभावी लक्षण है एवं सफेद रंग अप्रभावी है।

प्रश्न 11.
प्रोटीन का जीन क्या है?
उत्तर-
डी.एन.ए. का वह भाग जिसमें किसी प्रोटीन के संश्लेषण के लिए सूचना होती है, उसे प्रोटीन का जीन कहते हैं।

प्रश्न 12.
प्रत्येक कोशिका में गुणसूत्र की कितनी प्रतिकृति होती हैं?
उत्तर-
दो प्रतिकृति। एक नर से तथा दूसरी मादा से प्राप्त होती है।

प्रश्न 13.
पुरुषों में कौन-से लैंगिक गुणसूत्र पाये जाते
उत्तर-
पुरुषों में लैंगिक गुणसूत्र X तथा Y होते हैं।

प्रश्न 14.
स्त्रियों में कौन-से लैंगिक गुणसूत्र होते
उत्तर-
स्त्रियों में लैंगिक गुणसूत्र XX होते हैं।

प्रश्न 15.
यदि पक्षी हरी पत्तियों की झाड़ियों में लाल एवं हरे ,गों में से हरे भृगों को न देख सकें तो परिणाम क्या होगा?
उत्तर-
हरे ,गों की संतति लगातार बढ़ती जाएगी और लाल ,गों की संख्या लगातार कम होती जाएगी।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 16.
जैव विकास की परिकल्पना का सार क्या है?
उत्तर-
किसी समष्टि में कुछ जीवों की आवृत्ति पीढ़ियों में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
अभिलक्षण क्या है ?
उत्तर-
विशेष स्वरूप या विशेष प्रकार्य अभिलक्षण कहलाता है।

प्रश्न 18.
लैंगिक कोशिकाओं के डी. एन. ए. में कौन-से परिवर्तन नहीं किए जा सकते हैं?
उत्तर-
कायिक ऊतकों में होने वाले परिवर्तन।

प्रश्न 19.
किन दो वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर सिद्ध किया था कि जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ था जो जीवन के लिए आवश्यक थे ?
उत्तर-
स्टेनले मिलर तथा हेराल्ड यूरे ने।

प्रश्न 20.
अभिलक्षण के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  1. पौधों में श्वसन होता है।
  2. हमारे दो हाथ तथा दो पैर होते हैं।

प्रश्न 21.
जीवाश्म किसे कहते हैं ?
उत्तर-
चट्टानों में जीवधारियों के परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं।

प्रश्न 22.
समजात अंगों का एक उदाहरण लिखिए। (मा. शि. बो. 2012)
उत्तर-
पक्षी के पंख तथा मनुष्य का हाथ।

प्रश्न 23.
समवृत्ति अंगों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पक्षियों के पंख तथा तितली के पंख।

प्रश्न 24.
आनुवंशिकता किसे कहते हैं?
उत्तर-
जीवों में जनकीय लक्षणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशागत होने को आनवंशिकता कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 25.
विभिन्नता किसे कहते हैं?
उत्तर-
समान माता-पिता और समान जाति होने पर भी सन्तानों में रंग-रूप, बुद्धिमत्ता, कद आदि में अन्तर पाया जाता है। इसे विभिन्नता कहते हैं।

प्रश्न 26.
किसी परिवार में लड़कियों का बार-बार उत्पन्न होना कई लोगों की दृष्टि में माँ के कारण होता है। क्या आप इस बात से सहमत हैं?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि लिंग का निर्धारण पिता के गुणसूत्रों के कारण होता है।

प्रश्न 27.
बायोजेनेटिक नियम क्या है?
उत्तर-
जीव-जन्तु भ्रूण-विकास के समय अपने पूर्वजों के जातीय विकास की उत्तरोत्तर अवस्थाओं को दर्शाते हैं। इसे बायोजेनेटिक नियम कहते हैं।

प्रश्न 28.
सरीसृपों तथा स्तनधारियों के बीच संयोजक कड़ी का नाम लिखिए।
उत्तर-
बत्तख चौंच प्लेटीपस (Duckbilled Platepus)।

प्रश्न 29.
मानव शरीर में उपस्थित कुछ अवशेषी अंगों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  • निमेषक पटल की झिल्ली।
  • अकल दाढ़।
  • पुरुषों में चूचुक व छाती के बाल।

प्रश्न 30.
उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
जीवधारियों में अकस्मात होने वाले परिवर्तनों को उत्परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 31.
फॉसिल डेटिंग क्या है? (RBSE 2016)
उत्तर-
वह विधि जिसके द्वारा जीवाश्मों की आयु का निर्धारण किया जाता है, फॉसिल डेटिंग कहलाती है।

प्रश्न 32.
जंगली गोभी से किन-किन सब्जियों का विकास हुआ?
उत्तर-
पत्तागोभी, फूलगोभी, केल।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 33.
मनुष्य का जन्तु वैज्ञानिक नाम लिखिए।
उत्तर-
होमो सेपियन्स (Homo sapiens)।

प्रश्न 34.
जीन्स कहाँ स्थित होते हैं? उत्तर-गुणसूत्रों पर। प्रश्न 35. अर्धगुणसूत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
कोशिका विभाजन की मध्यावस्था के समय गुणसूत्रों के लम्बाई में विभाजित होने पर बने गुणसूत्रों को अर्धगुणसूत्र कहते हैं।

प्रश्न 36.
ट्रांसजीनी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-
ऐसे जीवधारी जो एक बाह्य डी.एन.ए. से जीन धारण करते हैं उन्हें ट्रांसजीनी जीव या आनुवंशिक रूपांतरित जीव कहते हैं।

प्रश्न 37.
एक संकर प्रसंकरण से आप क्या समझते
उत्तर-
जिस प्रसंकरण में केवल एक ही जोड़ी लक्षणों का चयन किया जाता है, एक संकर प्रसंकरण कहलाता है।

प्रश्न 38.
ए.आई.ओपेरिन ने कौन-सा मत प्रस्तुत किया था?
उत्तर-
ए. आई. ओपेरिन के अनुसार जीवन का उद्भव समुद्र के अन्दर रासायनिक पदार्थों के संयोजन से हुआ।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जैव विविधता क्या है? इसके विभिन्न स्तर कौन से हैं ?
उत्तर-
जैव विविधता (Biodiversity)-पृथ्वी पर जन्तुओं एवं पेड़-पौधों की लाखों प्रजातियाँ पायी जाती हैं। इन सभी में संरचनात्मक एवं क्रियात्मक अन्तर पाए जाते हैं, इन अन्तरों को ही जैव विविधता कहते हैं।

जैव विविधता के विभिन्न स्तर निम्नलिखित हैं-

  • आनुवंशिक विविधता
  • प्रजाति विविधता
  • पारितान्त्रिक विविधता।।

प्रश्न 2.
जीवों में विभिन्नताएँ किस प्रकार उत्पन्न होती
उत्तर-
जीवों में विभिन्नताएँ निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न होती हैं

  1. अन्तर्निहित प्रवृत्ति-लैंगिक जनन के दौरान पैतृक गुणसूत्र एवं मातृक गुणसूत्रों के बीच जीन विनिमय होता है इस दौरान युग्मक बनते समय कुछ परिवर्तन उत्पन्न हो जाते हैं इसलिए लैंगिक जनन में विविधता अन्तर्निहित हो जाती है।
  2. DNA की प्रतिकृति बनाने में उत्परिवर्तन-DNA की प्रतिकृति बनते समय इसमें कुछ त्रुटि रह जाती है। इसके फलस्वरूप संतति जीव में अत्यधिक विविधता उत्पन्न होती

प्रश्न 3.
आनुवंशिकता की परिभाषा लिखिए। आनुवंशिकता के सम्बन्ध में मेण्डल का क्या योगदान है?
उत्तर-
जीव-विज्ञान की वह शाखा जिसमें एक जीव के लक्षणों का उसकी संतति में वंशागत होने तथा उसमें उत्पन्न विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। ग्रेगर जॉन मेण्डल ने मटर के पौधों पर अपने प्रयोग किये तथा वंशागति के नियम प्रतिपादित किए। उन्होंने अपने कार्यों को सन् 1866 में “ब्रुन सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री” में प्रकाशित कराया। मेण्डल के कार्यों के आधार पर उन्हें आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 4.
मेण्डल के कार्य का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-
आस्ट्रिया के निवासी ग्रेगर जॉन मेण्डल (18221884) ने गिरजाघर के उद्यान में मटर के पौधों पर अनेकों प्रयोग किये। उन्होंने मटर के सात जोड़ी विपर्यासी लक्षणों को चुना, जैसे-पौधे की ऊँचाई, पुष्प का रंग, बीज की आकृति, पुष्पों की स्थिति, बीजों का रंग, फली का आकार, तथा फली का रंग। मेण्डल ने विभिन्न गुणों के पौधों के बीच संकरण के प्रयोग किये तथा तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि पौधों में पाये जाने वाले लक्षणों का नियन्त्रण विशेष इकाइयों (कारक) द्वारा होता है। ये कारक ही बाद में ‘जीन’ कहलाए। मेण्डल के योगदान के आधार पर इन्हें आनुवंशिकी का पिता या जनक कहते हैं।

प्रश्न 5.
मेण्डल के आनुवंशिकता के प्रभाविता (प्रबलता) के नियम को समझाइए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रभाविता का नियम-जब एक जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले पौधों के बीच संकरण कराया जाता है तो प्रथम पीढ़ी में इनमें से केवल एक लक्षण परिलक्षित अथवा प्रकट होता है तथा दूसरा छिप जाता है। प्रकट होने वाला लक्षण प्रभावी तथा छिपा हुआ लक्षण अप्रभावी होता है। समयुग्मजी समयुग्मजी पैतृक (शुद्ध लंबे पौधे) ।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 2

प्रश्न 6.
उस पादप का नाम लिखिए जिसका उपयोग मेण्डल ने अपने प्रयोगों में किया था। जब उन्होंने लम्बे और बौने पादपों का संकरण कराया तो उन्हें F1, और F2, पीढ़ियों में संततियों के कौन से प्रकार प्राप्त हुए? F2 पीढ़ी में उन्हें प्राप्त पौधों में अनुपात लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
मेण्डल ने अपने प्रयोगों में मटर (pisum sativum) के पादप का उपयोग किया। F1 पीढ़ी में सभी पादप लम्बे तथा F2 पीढ़ी में लम्बे तथा बौने दोनों प्रकार के पादप प्राप्त हुए। चूँकि F2 पीढ़ी में 3 पादप लम्बे तथा 1 पादप छोटा प्राप्त हुआ इसलिए F2 पीढ़ी में प्राप्त पादपों का अनुपात 3 : 1 है। .
अथवा
प्रत्येक का एक-एक उदाहरण देते हुए उपार्जित और आनुवंशिक लक्षणों के बीच दो अन्तरों की सूची बनाइए।
उत्तर-

उपार्जित लक्षण आनुवंशिक लक्षण
(i) ये लक्षण जीव द्वारा अपने जीवनकाल में अपने शरीर में विकसित किये जाते हैं। ये लक्षण जीव को अपने माता-पिता से आनुवांशिक रूप में प्राप्त होते हैं।
(ii) ये लक्षण जनन कोशि- काओं के जीनों में परिवर्तन नहीं लाते हैं। ये लक्षण जनन कोशि काओं के जीनों में परिवर्तन लाते हैं।
(iii) उदाहरण : लम्बे समय तक भूखे रहने के कारण शरीर के भार में कमी होना। उदाहरण : बालों का रंग, आँख की पुतली का रंग।

प्रश्न 7.
किसी एकल जीव द्वारा अपने जीवनकाल में उपार्जित लक्षण अगली पीढ़ी में वंशानुगत क्यों नहीं होते? व्याख्या कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
एक जीव के ऐसे लक्षण (अथवा विशेषता) जो वंशानुगत नहीं होते परंतु वातावरण की प्रतिक्रियास्वरूप उसके द्वारा अपने जीवनकाल में उपार्जित किए जाते हैं, उपार्जित लक्षण कहलाते हैं। जीव के उपार्जित लक्षण उसकी भावी पीढ़ियों में वंशानुगत नहीं होते क्योंकि ये लक्षण उस व्यक्ति या जीव की जनन कोशिकाओं के डी.एन.ए. में परिवर्तन नहीं ला पाते।
उदाहरण : एक खिलाड़ी द्वारा अपने खेल को खेलने के लिए अपनी मांसपेशियों को विशेष प्रकार से तैयार करना। ऐसे लक्षणों को उपार्जित लक्षण कहते हैं।

प्रश्न 8.
किसी दिए गए हरे तने वाले गुलाब के पौधे को GG से दर्शाया गया है तथा भूरे तने वाले गुलाब के पौधे को gg से दर्शाया गया है। इन दोनों पौधों के बीच संकरण कराया गया है।
(a) नीचे दिए गए अनुसार अपने प्रेक्षणों की सूची बनाइए :
(i) इनकी F1 संतति में तने का रंग,
(ii) यदि F1 संतति के पौधों का स्व:परागण कराया जाए तो F2 संतति में भूरे तने वाले पौधों की प्रतिशतता,
(iii) F2 संतति में GG और Gg का अनुपात।
(b) इस संकरण की जांच के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
उत्तर-
(a)
(i) F1 संतति में तने का रंग हरा होगा।
(ii) F2 संतति में भूरे तने वाले पौधे की प्रतिशतता 25% होगी।
(iii) F2 संतति में GG और Gg का अनुपात 1 : 2 होगा।

(b) इस संकरण के आधार पर हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि गुलाब के पौधे में तने का हरे रंग का लक्षण प्रभावी लक्षण है जबकि तने के भूरे रंग का लक्षण अप्रभावी लक्षण है। ये दोनों लक्षण एक-दूसरे में समाते नहीं हैं परन्तु अगली संतति में एक-दूसरे से अलग-अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 9.
एक जीनी वंशागति तथा बहुजीनी वंशागति में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
एक जीनी वंशागति तथा बहुजीनी वंशागति में अन्तर-

एक जीनी वंशागति बहुजीनी वंशागति
1. एक जोड़ी जीन के माध्यम से एक जीनी वंशागति बनती है। 1. अनेक जोड़ी जीनों के माध्यम से बहुजीनी वंशागति बनती है।
2. जनक स्पष्टतः दो लक्षण प्ररूपी वर्गों के अन्तर्गत आते हैं। 2 शद्ध नस्ल वाले नक दो लक्षण प्ररूपी वर्गों के अन्तर्गत आते हैं।
3. प्रथम पीढ़ी की सभी संततियों में केवल प्रभावी लक्षण दिखाई देते हैं क्योंकि एक जीन पूर्ण रूप से दूसरे जीन पर प्रभावी होते हैं। 3. प्रथम पीढ़ी की संततियाँ किसी भी जनक के साथ मिलती-जुलती नहीं होती वरन् उनमें मध्यवर्ती लक्षण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
पौधों में मात्रात्मक वंशागति सम्बन्धी एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
इसके लिए नर एवं मादा पौधों या पुष्पों का चयन किया जा सकता है। कृत्रिम परागण द्वारा उनके निषेचन का नियन्त्रण भी किया जा सकता है। प्रत्येक संकरण से असंख्य संततियाँ उत्पन्न होती हैं। अतः परिणामों का सांख्यिकीय विश्लेषण करना आसान हो जाता है। गेहूँ के दानों का रंग गहरे लाल रंग से सफेद रंग के बीच मध्यवर्ती रंग, तीन जोड़ी जीनों के कारण उत्पन्न होता है।

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प्रश्न 11.
नयी जाति (स्पीशीज़) के उद्भव में कौन-से कारक सहायक हैं? समझाइए। [राज. 2015]
उत्तर-
नयी जाति के उद्भव में निम्नलिखित कारक सहायक हैं-

  • लैंगिक प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न परिवर्तन
  • आनुवंशिक अपवहन
  • प्राकृतिक चयन
  • दो उपसमष्टियों का एक-दूसरे से भौगोलिक प्रथक्करण। इसके कारण समष्टियों के सदस्य परस्पर प्रजनन नहीं कर पाते।

प्रश्न 12.
बहुभुक्षण (Starvation) के कारण यदि किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो क्या इस कारण से उसकी अगली पीढ़ी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव पड़ेगा? क्यों?
उत्तर-
यदि बहुभुक्षण (भोजन की कमी) के कारण किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो उसकी अगली पीढ़ी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका प्रभाव केवल कायिक ऊतकों पर ही होगा और कायिक ऊतकों पर होने वाले परिवर्तन लैंगिक कोशिकाओं के DNA में वंशागत नहीं होते हैं। अत: बहुभुक्षण का अगली पीढ़ी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 13.
उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? ये जैव विकास में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर-
जीवों में अकस्मात् लक्षणों में होने वाले परिवर्तनों को उत्परिवर्तन कहते हैं। उत्परिवर्तन वंशागत होते हैं तथा इनके द्वारा नई-नई जातियों की उत्पत्ति होती है। ह्यूगो डी वीज के उत्परिवर्तन सिद्धान्त के अनुसार नई जातियों की उत्पत्ति छोटी-छोटी क्रमिक भिन्नताओं के कारण नहीं होती बल्कि उत्परिवर्तन के फलस्वरूप नई जातियों की उत्पत्ति होती है। जैव विकास का मूल आधार विभिन्नताएँ होती हैं। विभिन्नताएँ पर्यावरण के प्रभाव से या जीन ढाँचों में परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न होती हैं। ह्यूगो डी वीज ने. वंशागत विभिन्नताओं की उत्पत्ति का मूल कारण उत्परिवर्तन को बताया। अत: उत्परिवर्तन जैव विकास में सहायक होते |

प्रश्न 14.
डार्विन कौन थे? उन्होंने जैव विकास के अध्ययन के सम्बन्ध में क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन (1809-1882) ब्रिटेन के एक प्रसिद्ध प्रकृतिवादी वैज्ञानिक थे। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में बीगल नामक जहाज पर विभिन्न देशों के विभिन्न जीवजन्तुओं का अध्ययन किया। उन्होंने विकास के सम्बन्ध में प्राकृतिक वरण (Natural selection) का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। उन्होंने 1859 में जैव विकास के सम्बन्ध में एक लेख अपनी पुस्तक प्राकृतिक वरण द्वारा जातियों की उत्पत्ति में प्रकाशित किया।

प्रश्न 15.
“अध्ययन के दो क्षेत्र-‘विकास’ और ‘वर्गीकरण’ परस्पर जुड़े हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
जीवों का वर्गीकरण उनकी कुछ मिलती-जुलती समानताओं तथा अंतरों पर आधारित है। जीवों की समानता उनके समूह निर्माण में सहायक है। समूहों से उनका वर्गीकरण सरलता से किया जा सकता है। कुछ जीवों में कुछ आधारभूत विशेषताएँ समान हो सकती हैं। दो संततियों में जितनी विशेषताएँ समान होंगी, वे संततियाँ उतनी ही निकटता से एक-दूसरे से संबंधित होंगी। जितना निकट संबंध उन दोनों संततियों में होगा उससे उनके एक ही पूर्वज के होने का प्रमाण मिलेगा। अतः हम यह कह सकते हैं कि संततियों का वर्गीकरण उनके जैव-विकासीय संबंधों को दर्शाता है।

प्रश्न 16.
समजात संरचनाएँ क्या होती हैं? कोई उदाहरण दीजिए। क्या यह आवश्यक है कि समजात संरचनाओं के पूर्वज सदैव ही समान हों? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
समजात संरचनाएँ-वे अंग जो मूल रूप से अलग-अलग जीवों में एक जैसी संरचना वाले होते हैं, परन्तु उनमें उनके कार्य अलग-अलग होते हैं, समजात संरचनाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण-मनुष्य की बाज, मेंढक की अगली टांगें, घोड़े की अगली टांगें आदि।हाँ, यह आवश्यक है कि समजात संरचनाओं वाले विभिन्न प्रकार के जीवों के पूर्वज सदैव समान होते हैं क्योंकि ऐसे जीव जैव विकास होने के कारण एक -दूसरे से अलग प्रकार के जीव बन गए, परन्तु अपने समान पूर्वजों के समजात अंगों को उसी रूप में अपनी अगली पीढ़ियों में ले जाते चले गए हैं।

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प्रश्न 17.
(a) निम्नलिखित का समजात अंग और समरूप अंग में वर्गीकरण कीजिए :
(i) ब्रोकोली और पत्तागोभी
(ii) अदरक और मूली
(iii) पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाहु
(ii) चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख।
(b) उस प्रमुख लक्षण का उल्लेख कीजिए जो दिए गए अंगों के युगल का वर्गीकरण समजात अथवा समरूप अंगों में करता है।
(CBSE 2020)
उत्तर-
(a)

  • ब्रोकोली और पत्तागोभी समजात अंग हैं।
  • अदरक और मूली समरूप अंग हैं।
  • पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाहु समजात अंग हैं।
  • चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख समरूप अंग हैं।

(b) यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना एक जैसी होती है, परन्तु वह कार्य अलग करते हैं तो वे समजात अंग होंगे। यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना अलग-अलग है, परन्तु वह अंग उन जीवों में कार्य एक जैसा करते हैं तो वे समरूप अंग होंगे।

प्रश्न 18.
“व्यक्ति-वृत्त में जाति-वृत्त की पुनरावृत्ति होती है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
जीवधारी के भ्रूणीय परिवर्तन के समय उसके विकास क्रम की पुनरावृत्ति होती है अतः इसे पुनरावृत्ति का सिद्धान्त (Recapitulation theory) कहते हैं। इस सिद्धान्त का प्रतिपादन अर्नेस्ट हेकल ने किया। इसके अनुसार, जीवधारी व्यक्ति वृत्त (भ्रूणीय विकास) में पूर्वजों के विकासीय इतिहास को दोहराता है। उदाहरण के लिए, किसी स्तनधारी भ्रूण के परिवर्तन के समय भ्रूणावस्था पहले मछली से, फिर उभयचर से तथा उसके बाद सरीसृप से मिलती है। हेकल के अनुसार, प्रत्येक जीव भ्रूण परिवर्तन या व्यक्ति वृत्त मे जाते-वृत्त की पुनरावृत्ति करता है। इस सिद्धान्त को हैकल का प्रजाति-आवर्तन नियम भी कहते हैं।

प्रश्न 19.
समजात तथा समवृत्ति अंगों में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए। (नमूना प्र. प. 2012, CBSE 2015)
उत्तर-
समजात तथा समवृत्ति अंगों में अन्तर-

समजात समवृत्ति अंग
(i) ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में एक समान होते है। ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में भिन्न होते हैं।
(ii) इन अंगों की कार्यिकी आकारिकी में अन्तर होता हैं। इन अंगों की कार्यिकी समान होने के कारण ये समान दिखाई देते हैं।
(ii) इनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं। इनके कार्य समान हो सकते हैं।
उदाहरण-मेंढ़क के अग्र पाद, पक्षी के पंख तथा मनुष्य के हाथ। उदाहरण-पक्षी तथा कीट के पंख।

प्रश्न 20.
समजात तथा समवृत्ति अंगों के चित्र द्वारा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 3

प्रश्न 21.
आर्कियोप्टेरिक्स को सरीसृप तथा पक्षी वर्ग के बीच की कड़ी क्यों माना जाता है?
उत्तर-
आर्कियोप्टेरिक्स में सरीसृप तथा पक्षियों दोनों के लक्षण समान पाये जाते थे। इसलिए इसे संयोजक कड़ी माना जाता है।

यह लक्षण निम्न प्रकार से हैं सरीसृपों के लक्षण-

  • इनकी पूँछ लम्बी होती थी।
  • जबड़े में दाँत उपस्थित थे।
  • लम्बे नुकीले नखरयुक्त तीन उँगलियाँ थीं।
  • शरीर छिपकली के समान था।

पक्षियों के गुण –

  • शरीर पर पंख उपस्थित थे
  • चोंच उपस्थित थी।
  • अग्र पाद पक्षियों की भाँति थे।

प्रश्न 22.
गोभी का रूपान्तरण विभिन्न सब्जियों में कैसे हुआ? समझाइए।
उत्तर-
लगभग 2000 वर्ष पूर्व से ही मनुष्य जंगली गोभी को एक खाद्य पौधे के रूप में उगाता रहा है। जंगली गोभी से ही मनुष्य ने चयन द्वारा विभिन्न सब्जियों को विकसित किया है। यह वास्तव में प्राकृतिक वरण न होकर कृत्रिम चयन था। कुछ किसान चाहते थे कि इसकी पत्तियाँ पास-पास हों, फलस्वरूप पत्ता गोभी का कृत्रिम चयन किया गया। कुछ किसान पुष्पों की ऊँचाई को रोकना चाहते थे अतः फूल गोभी विकसित हुई। कुछ ने फूले हुए तने के भाग का चयन किया जिससे गाँठ गोभी विकसित हुई। इसके अलावा कुछ लोगों ने चौड़ी पत्तियों का चयन किया जिससे ‘केल’ नामक सब्जी की उत्पत्ति हुई। .विकास को प्रगति के समान नहीं मानना चाहिए।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 23.
क्या ऐसा मानना उचित होगा कि मानव का विकास चिम्पैंजी से हुआ?
उत्तर-
नहीं, यह मानना उचित नहीं है। बहुत समय पूर्व मानव और चिम्पैंजी के पूर्वज एक समान थे या एक ही थे। वे पूर्वज न तो मानव जैसे थे और न ही चिम्पैंजी जैसे। एक ही पूर्वज से आदि मानव और आदि चिम्पैंजी का विकास हुआ था। समय एवं परिस्थितियों के अनुसार आदि मानव से आधुनिक मानव और आदि चिम्पैंजी से आधुनिक चिम्पैंजी का विकास हुआ।

प्रश्न 24.
जैव विकास हुआ है इसे निम्नलिखित द्वारा कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए : (CBSE 2018, RBSE 2016)
(a) समजात अंग;
(b) समरूप अंग;
(c) जीवाश्म
उत्तर-
(a) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना अलग-अलग जीवों में एक जैसी होती है परन्तु इनका इन जीवों में कार्य भिन्न-भिन्न होता है।
उदाहरण-मनुष्य की बांहे, घोड़े व शेर आदि की अगली टांगें एक-दूसरे के समजात अंग हैं। इनके बुनियादी ढाँचे से पता चलता है कि ये एक ही पूर्वजों से विकसित हुए हैं।

(b) समरूप अंग-वे अंग, जो अलग-अलग जीवों में कार्य तो एक जैसा करते हैं परन्तु उनकी मूल संरचना एक-दूसरे से भिन्न होती है, समरूप अंग कहलाते हैं।
उदाहरण-पक्षियों, चमगादड़ों तथा कीटों के पंख समरूप अंग हैं। इन अंगों के अध्ययन से पता चलता है कि इनमें तो समानता है परन्तु इनके डिज़ाइन और संरचना बहुत अलग है।

(c) जीवाश्म-लुप्त हुए जीवों के अंगों के कुछ अवशेष अथवा चट्टानों पर पाये जाने वाले उनके अंगों के छाप जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्मों के अध्ययन से जैव विकास होने के प्रमाण मिलते हैं तथा यह पता चलता है कि सरल जीवों से ही जटिल जीवों का विकास हुआ है। उदाहरण-आर्कियोप्टेरिक्स जीवाश्म के अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि उसमें कुछ गुण सरीसृप वर्ग के तथा कुछ गुण पक्षी वर्ग के विकसित हुए थे। इससे पता चलता है कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जाति उद्भवन से क्या तात्पर्य है? जाति उद्भवन के लिए उत्तरदायी चार कारकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन स्वपरागित स्पीशीज़ के पादपों के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
एक जाति के जीवों में जैव विकास में हुए परिवर्तनों के कारण, एक नई जाति के जीवों के बनने को जाति उद्भव कहते हैं।
जाति उद्भव के चार कारक :

  1. एक ही जाति के जीवों में परिवर्तनशील वातावरण में रहने के लिए अपने शरीर के लक्षणों में कुछ परिवर्तन लाना।
  2. एक ही जाति की समष्टियों का भौगोलिक रूप से विलग होना।
  3. एक ही जाति की समष्टियों में आनुवंशिक विचलन।
  4. एक ही जाति के जीवों में आए शारीरिक परिवर्तनों का अगली संतति में जाने के लिए प्राकृतिक चयन।

एक ही जाति की समष्टियों में आनुवांशिक विचलन, स्वपरागित स्पीशीज़ के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे पादपों में कभी भी आनुवांशिक विचलन संभव नहीं है।

प्रश्न 2.
मटर के उन दो स्थूल रूप से दिखाई देने वाले लक्षणों की सूची बनाइए जिनका अध्ययन मेण्डल ने अपने प्रयोगों में किया था। मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर-
मेण्डल द्वारा अध्ययन किए गए मटर के पौधे के स्थूल रूप से दिखाई देने वाले दो लक्षण है
(i) लम्बे तथा बौने पौधे।
(ii) गोल तथा झुर्शीदार बीज।
मेण्डल ने जब मटर के एक लम्बे पौधे का मटर के एक बौने पौधे के साथ संकरण करवाया तो उसने देखा की F1 संतति के सभी पौधे लम्बे होते हैं। जब F1 संतति के पौधों के बीच स्वनिषेचन करवाया गया तो F2 संतति में लम्बे तथा बौने पौधों का अनुपात 3 : 1 था। इससे पता चलता है कि लम्बे पौधे का लक्षण, बौने पौधे के लक्षण पर प्रभावी है अर्थात् प्रभावी लक्षण के सामने, F1 संतति में बौना लक्षण स्वयं को दर्शाने में सक्षम नहीं था।

उपरोक्त स्थिति को प्रवाह आरेख की सहायता से दर्शाया जा सकता है:
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प्रश्न 3.
मेण्डल के स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
उत्तर-
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment)-इसके अनुसार दो जोड़ी विपर्यासी (Contrasting) लक्षणों वाले दो पौधों के बीच संकरण (Cross) कराया जाता है तो इन लक्षणों का पृथक्करण स्वतन्त्र रूप से होता है। एक लक्षण की वंशागति दूसरे को प्रभावित नहीं करती है।

उदाहरण के लिए; जब मेण्डल ने गोल एवं पीले बीज वाले पौधे का संकरण झरींदार एवं हरे बीज वाले पौधे के साथ कराया तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे गोल एवं पीले बीज वाले उत्पन्न हुए। जब F1 पीढ़ी के पौधों में स्वपरागण होने दिया तो F2 पीढ़ी में चार प्रकार के पौधे उत्पन्न हुए जिन्हें आगे चैकरबोर्ड में दर्शाया गया है।
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इस चैकरबोर्ड से F2 पीढ़ी में निम्न परिणाम प्राप्त हुए-

  • 9 पौधे गोल एवं पीले बीज वाले,
  • 3 पौधे गोल एवं हरे बीज वाले,
  • 3 पौधे झुरींदार एवं पीले बीज वाले,
  • 1 पौधा झुरींदार एवं हरे बीज वाला।

अतः उपर्युक्त प्रयोग से लक्षणों का स्वतन्त्र अपव्यूहन प्रकट हो जाता है।

प्रश्न 4.
DNA की संरचना तथा महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल (DNA)-
डी.एन.ए. की खोज सर्वप्रथम फ्रेड्रिक मीशर ने की थी। सुकेन्द्रकी कोशिकाओं में यह केन्द्रक के अन्दर पाया जाता है। इसकी अल्प मात्रा माइटोकॉण्ड्रिया तथा क्लोरोप्लास्ट में भी होती है। डी.एन.ए. न्यूक्लिओटाइड एकलकों की बनी लम्बी शृंखलाओं का बना होता है। प्रत्येक न्यूक्लिओटाइड में एक पेन्टोज शर्करा (डिऑक्सीराइबोज) का अणु, एक फॉस्फोरिक अम्ल अणु तथा एक नाइट्रोजनी क्षारक (एडेनीन, ग्वानीन, साइटोसीन तथा थाइमीन में से कोई एक) होता है। DNA की आण्विक संरचना-वाटसन तथा क्रिक ने DNA की संरचना का द्वि-रज्जुकी मॉडल प्रस्तुत किया।

इस मॉडल के अनुसार-

  • DNA, द्विचक्राकार रचना (double helical structure) है, जिसमें पॉलीन्यूक्लिओटाइड की दोनों श्रृंखलाएँ एक अक्ष रेखा पर एक-दूसरे के विपरीत दिशा में कुंडलित अथवा रस्सी की भाँति ऐंठी हुई होती हैं।
  • दोनों श्रृंखलाओं का निर्माण फॉस्फेट एवं शर्करा के अनेक अणुओं के मिलने से होता है। नाइट्रोजनी क्षारक श्रृंखला के पार्श्व में होते हैं।
  • डी.एन.ए. के प्रत्येक अणु में पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रृंखलाएँ प्रतिसमान्तर होती हैं।
  • फॉस्फेट तथा शर्करा अणु एक सीढ़ी की भाँति रीढ़ बनाते हैं, जबकि क्षारक सीढ़ी में पग दण्डों का कार्य करते
  • दोनों शर्करा-फॉस्फेट श्रृंखलाओं के बीच दुर्बल हाइड्रोजन बन्ध होते हैं।
  • एडीनीन तथा थाइमीन के बीच द्वि-हाइड्रोजन बन्ध (≡) तथा ग्वानीन एवं साइटोसीन के बीच त्रि-हाइड्रोजन (=) बन्ध होते हैं।
  • डी.एन.ए. की दोनों श्रृंखलाएँ सर्पिलाकार रूप से ऐंठी हुयी होती हैं जिनका व्यास 20Ā होता है।
  • दो नाइट्रोजनी क्षारकों के बीच 3.4 A की दूरी होती
  • DNA के प्रत्येक मोड़ में 10 न्यूक्लिओटाइड जोड़ियाँ होती हैं।

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DNA का अणुमॉडल। DNA का महत्त्व –

  • डी.एन.ए. का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य, आनुवंशिक सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाना है।
  • डी.एन.ए. कोशिका की सभी जैविक क्रियाओं का नियन्त्रण करता है।
  • DNA प्रतिकृतिकरण द्वारा कोशिका विभाजन की क्रिया सम्पन्न होती है।
  • DNA से mRNA का संश्लेषण होता है जो प्रोटीन का संश्लेषण करने में सूचनाओं का वहन करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 5.
(a) यदि हम शुद्ध लम्बे (प्रभावी) मटर के पौधों का संकरण शुद्ध बौने (अप्रभावी) मटर के पौधों से कराएँ तो हमें F1,पीढ़ी के मटर के पौधे प्राप्त होते हैं। अब यदि हम F1, पीढ़ी के इन मटर के पौधों का स्वपरागण कराएँ, तो हमें F2, पीढ़ी के मटर के पौधे प्राप्त होते हैं।
(i) F1 पीढ़ी के पौधे कैसे दिखाई देते हैं?
(ii) F2 पीढ़ी में लम्बे पौधों और बौने पौधों का अनुपात क्या है?
(iii) उन पौधों के प्रकार का कारण सहित उल्लेख कीजिए जो F1 पीढ़ी में नहीं पाए गए, परन्तु F2 पीढ़ी में दृष्टिगोचर हो गए।
(b) समजात अंग क्या हैं? एक उदाहरण दीजिए। क्या यह आवश्यक है कि समजात अंगों के पूर्वज हमेशा समान हों? (CBSE 2019) (RBSE 2017)
उत्तर-
(a)
(i) F1 पीढ़ी के सभी पौधे लम्बे होंगे।
(ii) F2 पीढ़ी में लम्बे व बोने पौधों का अनुपात 3 : 1 होगा।
(iii) F1 पीढ़ी में बौने पौधे नहीं पाये गये थे, यह मेण्डल के प्रभावी नियमानुसार है। जिसमें प्रभावी लक्षण के सामने, अप्रभावी लक्षण दिखाई नहीं पड़ता है। लम्बे पौधे का लक्षण प्रभाव है, जबकि बौने पौधे का लक्षण अप्रभावी है।

(b) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना एक जैसी होती है, परन्तु अलग-अलग जीवों में उनके कार्य अलग-अलग होते हैं, उन्हें समजात अंग कहते हैं। उदाहरण-पक्षियों के पंख व मनुष्य की बाजू। हाँ, यह आवश्यक है कि समजात अंगों वाले जीवों के पूर्वज एक समान थे, तथा एक ही प्रकार के जीवों से उनके इन समजात अंगों में कुछ परिवर्तनों से नये प्रकार के जीवों का विकास हुआ है। यह आवश्यक है कि विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सजातीय संरचनाओं में हमेशा समान पूर्वज हों अन्यथा बुनियादी योजना, आंतरिक संरचना विकास या उत्पत्ति में कोई समानता नहीं होगी।

प्रश्न 6.
मनुष्य में लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है? आरेख बनाकर समझाइए। [RBSE 2017] (मा. शि. बोर्ड नमूना प्र. प. 2012)
उत्तर-
मनुष्य में लिंग निर्धारण (Sex Determination in Man)-मनुष्य में लिंग निर्धारण लिंग गुणसूत्रों द्वारा होता है। मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से 22 जोड़ी गुणसूत्र आटोसोम्स कहलाते हैं जबकि 23वाँ जोड़ा लिंग गुणसूत्र कहलाता है। पुरुषों में 23वें जोड़े के गुणसूत्रों में एक गुणसूत्र X तथा दूसरा गुणसूत्र Y होता है। स्त्रियों में 23 वें जोड़े के दोनों गुणसूत्र X (अर्थात् XX) होते हैं। X गुणसूत्र मादा सन्तान के लक्षण धारण करते हैं जबकि Y गुणसूत्र नर सन्तान के लक्षण धारण करते हैं; अन्य सभी ऑटोसोम्स दैहिक लक्षणों को धारण करते हैं।

युग्मक बनते समय पुरुष के आधे शुक्राणुओं में X गुणसूत्र तथा आधे शुक्राणुओं में Y गुणसूत्र होते हैं। मादा में केवल एक ही युग्मक (अण्डाणु) का निर्माण होता है, जिसमें ‘X’ गुणसूत्र स्थित होता है। जब पुरुष का ‘X’ गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु से निषेचन करता है तो पैदा होने वाली सन्तान लड़की (XX) होती है। यदि पुरुष का ‘Y’ गुणसूत्र वाला शुक्राणु, अण्डाणु से निषेचन करता है तो उत्पन्न होने वाली सन्तान लड़का (XY) होती है। लिंग निध परिण प्रक्रिया को आरेख में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 7.
“आनुवंशिकता का गुणसूत्र मत” की व्याख्या कीजिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
आनुवंशिकता का गुणसूत्र मत (Chromosomal Theory of Inheritance)-FCET 77891 arat (Sutton and Boveri) ने सन् 1902 में गुणसूत्रों द्वारा आनुवंशिकता के सम्बन्धों का अध्ययन किया तथा निम्नलिखित नियम प्रतिपादित किए-

  • एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण व कोशिका विभाजन के समय गुणसूत्र तथा मेण्डल के कारकों के बीच समानता होती है।
  • युग्मक निर्माण के समय दोनों जनकों से गुणसूत्र अलग होते हैं।
  • जीन्स गुणसूत्रों पर रैखिक क्रम में व्यवस्थित होते हैं।

अतः सट्न तथा बावेरी के अनुसार, जीन गुणसूत्र का एक भाग होता है। मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं तथा उन पर 30000-40000 जीन्स होते हैं। गुणसूत्रों पर जीन्स एक निश्चित बिन्दु पर होते हैं जिसे लोकस कहते हैं। आण्विक आधार पर जीन DNA का वह छोटे से छोटा खण्ड होता है जो एक प्रोटीन अणु का निर्माण करता है।

प्रश्न 8.
डार्विन के विकासवाद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin, 1819. 1882)-एक प्रकृति विज्ञानी थे। उन्होंने विभिन्न जीव-जन्तुओं का अध्ययन किया तथा अपनी पुस्तक “प्राकृतिक चयन द्वारा जातियों का विकास’ में लेख प्रस्तुत किए। उनके

विकास सिद्धान्त को प्राकृतिक वरण कहते हैं। यह निम्न तथ्यों पर आधारित है-

  • जीवों में सन्तान उत्पत्ति की प्रचुर क्षमता।
  • जीवन संघर्ष (अन्त:जातीय तथा अन्तराजातीय संघर्ष)।
  • प्राकृतिक वरण।
  • योग्यतम की उत्तरजीविता।
  • वातावरण के प्रति अनुकूलन।
  • नयी जातियों की उत्पत्ति ।

डार्विन ने बताया कि सभी जीवों में सन्तान उत्पन्न करने की अपार क्षमता होती है लेकिन उसकी सभी संततियाँ जीवित नहीं रहती। इसका कारण है जीवन संघर्ष। जीवों में आवास, भोजन एवं प्रजनन के लिए अन्तराजातीय तथा अन्तः जातीय संघर्ष होता है। जो जीव जीवन संघर्ष एवं पर्यावरण के लिए सफल होते हैं, वे जीवित रहते हैं। जीवों में अपने पर्यावरण के प्रति विभिन्नताएँ वंशानुगत होती हैं। यदि ये विभिन्नताएँ पर्यावरण के अनुकूल होती हैं तो जीव का प्राकृतिक चयन होता है व इस प्रकार नई जातियों की उत्पत्ति होती है।

प्रश्न 9.
लैमार्कवाद के मुख्य बिन्दुओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। लैमार्कवाद की क्या आलोचना थी?
उत्तर-
जीन बैप्टिस्ट डी लैमार्क (1744-1829) फ्रांस के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उन्होंने जैव विकास सम्बन्धी अपने विचारों को फिलोसोफिक जुलोजिक नामक पुस्तक में 1809 में प्रस्तुत किया।

लैमार्कवाद के प्रमुख आधार बिन्दु संक्षेप में निम्न प्रकार-
1. वातावरण का सीधा प्रभाव-लैमार्क के अनुसार जीवों पर उनके वातावरण का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी रचना तथा स्वभाव बदल जाता है।

2. अंगों का उपयोग तथा अनुपयोग-लैमार्क ने बताया कि जीवों में कुछ परिवर्तन उनकी आवश्यकता के अनुसार होते हैं। ऐसे अंगों का विकास अधिक होता है जिनका प्रयोग अधिक होता है। प्रयोग न किये जाने वाले अंग कमजोर होते जाते हैं और अन्ततः विलुप्त हो जाते हैं, इन्हें उपार्जित लक्षण कहते हैं।

3. उपार्जित लक्षणों की वंशागति-उपार्जित लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होते हैं तथा अन्त में नई जाति निर्मित होती है। उदाहरण के लिए; ऊँचे पेड़ों की पत्तियों को खाने के लिए जिराफ की लम्बी गर्दन का होना।

आलोचना-बीजमान (1892) ने लैमार्क की कड़ी आलोचना की। उन्होंने लगातार कई पीढ़ियों तक चूहों की पूँछ काटी और देखा कि सभी पीढ़ियों में चूहों की पूँछ में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और सिद्ध किया कि उपार्जित लक्षण वंशागत नहीं होते हैं।

प्रश्न 10.
भ्रूणीय अध्ययन कैसे विकास को प्रमाणित करते हैं ?
उत्तर-
नर तथा मादा युग्मकों के संयुग्मन के पश्चात् युग्मनज का निर्माण होता है। युग्मनज से भ्रूण तथा भ्रूण से नई संतति का विकास होता है। जन्म से पहले कशेरुकी प्राणियों के भ्रूणों में आश्चर्यजनक समानताएँ पायी जाती हैं. जैसे-
1. मेढ़क का भेक शिशु (Tadpole) लार्वा छोटी-सी मछली के समान पानी में उतरता दिखाई देता है। उसमें गलफड़ों की दरारों के अतिरिक्त पूँछ भी होती है। लेकि: वयस्क मेंढक एवं मछली के रूप, आकार एवं गुणों में अनेक विषमताएँ होती हैं।

2. कबूतर के अण्डे में जन्म से पहले उसके बच्चे की पक्षी की तरह चोंच नहीं होती, बल्कि सरीसृपों की तरह दाँत जैसी रचना होती है पर जन्म के समय उसमें चोंच होती है।

3. मेंढ़क, सरीसृप, पक्षी तथा मानव तक के अनेक कशेरुकियों के भ्रूणों में मछलियों की भाँति गलफड़ों की दरारें दिखाई देती हैं परन्तु बाद में ये फेफड़ों में बदल जाते हैं।

अर्नेस्ट हेकल ने ऐसे पर्यवेक्षणों के आधार पर जातिवृत्त पुनरावृत्ति का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। उनके अनुसार उच्च कशेरुकियों का विकास मछली जैसे समान पूर्वजों से जैव विकास की लम्बी प्रक्रिया से हुआ होगा। उनके अनुसार मत्स्य वर्ग से स्तनधारियों का प्रवर्तन हुआ होगा पर इसके बीच अन्य अवस्थाएँ आई होंगी, जैसे मत्स्य → उभयचर → सरीसृप → पक्षी → स्तनधारी।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. जब मटर के लम्बे पौधे का संकरण बौने पौधे के साथ कराया जाता है तो प्रथम पुत्रीय पीढ़ी में उत्पन्न पौधे होंगे –
(a) सभी लम्बे पौधे
(b) सभी बौने पौधे
(c) आधे लम्बे तथा आधे बौने पौधे
(d) तीन पौधे लम्बे तथा एक पौधा बौना।
उत्तर-
(a) सभी लम्बे पौधे।

2. निम्न में से परीक्षण संकरण (Test cross) है –
(a) Tt xTt
(b) TT xTt
(c)TT x TT
(d) Tt x TT.
उत्तर-
(d) Tt x TT.

3. जैव विकास के सिद्धान्त का मुख्य सम्बन्ध है
(a) स्वतः उत्पादन से
(b) वातावरण की स्थिति से
(c) विशिष्ट सृष्टि से
(d) धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तन से।
उत्तर-
(d) धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तन से।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

4. निम्नलिखित में से कौन-से समजात अंग हैं
(a) पक्षी एवं चमगादड़ के पंख
(b) चमगादड़ के पंख व मनुष्य के हाथ
(c) कीट एवं पक्षी के पंख
(d) तितली, पक्षी तथा चमगादड़ के पंख।
उत्तर-
(b) चमगादड़ के पंख व मनुष्य के हाथ।

5. निम्नलिखित में से कौन से समरूप अंग हैं
(a) चिड़िया के पंख एवं कीट के पंख
(b) मनुष्य के हाथ एवं चिड़िया के पंख
(c) घोड़े के अग्रपाद एवं ह्वेल के चप्पू
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(a) चिड़िया के पंख एवं कीट के पंख।

6. जीवाश्म कैसे बनते हैं –
(a) जन्तु के पूर्ण रूप से नष्ट हो जाने से
(b) जीव-जन्तुओं के चट्टानों में दब जाने से
(c) जीव-जन्तुओं के सड़ने से
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(b) जीव-जन्तुओं के चट्टानों में दब जाने से।

7. जैव विकास में उत्परिवर्तन का महत्त्व होता है-
(a) आनुवंशिक अपवहन
(b) जननिक पृथक्करण
(c) जननिक भिन्नताएँ
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) जननिक भिन्नताएँ।

8. जीवाश्मों की आयु का निर्धारण किस विधि से किया जाता है –
(a) एक्सरे विधि
(b) फॉसिल डेटिंग
(c) फॉसिल फोटोग्राफी
(d) एम. आर. आई. ।
उत्तर-
(b) फॉसिल डेटिंग।

9. योग्यतम की उत्तरजीविता सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया –
(a) लैमार्क ने
(b) डार्विन ने
(c) मेण्डल ने
(d) डी ब्रीज ने।
उत्तर-
(b) डार्विन ने।

10. जैव विकास का प्रमाण हो सकता है/सकते हैं
(a) जीवाश्म
(b) अवशेषी अंग
(c) समवृत्ति अंग
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

11. मेण्डल के द्विसंकर क्रॉस का F2 पीढ़ी में अनुपात था
(a) 1 : 1 : 1 : 1
(b) 12 : 2 : 1:1
(c) 9:3 : 3 : 1
(d) 4: 4: 4: 4.
उत्तर-
(c) 9:3 : 3 : 1.

12. पर्यावरणीय विभिन्नताएँ समावेशित होती हैं-
(a) डी. एन. ए. में
(b) आर. एन. ए. में
(c) प्रोटीन्स में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(b) आर. एन. ए. में।

13. निम्न में से किससे फूलगोभी का विकास हुआ
(a) कृष्य फूलगोभी से
(b) कृष्य बन्दगोभी से
(c) जंगली बन्दगोभी से
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) जंगली बन्दगोभी से।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. मेण्डल के अनुसार आनुवंशिक कारकों को ………………………………………. कहा जाता है।
उत्तर-
जीन,

2. जीवधारियों में पायी जाने वाली विशेष संरचनाएँ जो ………………………………………. का वहन करती हैं।
उत्तर-
जीन्स,

3. अनेक जीवधारियों में भ्रूण अपने ………………………………………. के लक्षण दर्शाते हैं।
उत्तर-
पूर्वजों,

4. डी.एन.ए. की खोज सर्वप्रथम ………………………………………. ने की।
उत्तर-
फ्रेड्रिक मीशर,

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

5. मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से 22 जोड़ी गुणसूत्र ………………………………………. कहलाते हैं जबकि 23 वाँ जोड़ा ………………………………………. गुणसूत्र कहलाता है।
उत्तर-
ओटोसोम्स, लिंग।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)
(i)

सूची A सूची B
1. उत्परिवर्तन (i) विकासवाद
2. डार्विन (ii) TT, tt
3. मेण्डल (iii) डी वीज
4. अवशेषी अंग (iv) लैमार्क
5. समयुग्मजी (v) कर्ण पल्लव की पेशियाँ
6. उपार्जित लक्षण (vi)मटर

उत्तर-

सूची A सूची B
1. उत्परिवर्तन (iii) डी वीज
2. डार्विन (i) विकासवाद
3. मेण्डल (vi) मटर
4. अवशेषी अंग (v) कर्ण पल्लव की पेशियाँ
5. समयुग्मजी (ii) TT, tt
6. उपार्जित लक्षण (iv) लैमार्क

(ii)
सूची A को सूची B से मिलाइए।

सूची A सूची B
1. डी.एन.ए. (i) जीव अवशेष
2. होमो सेपियंस (ii) घोड़े व मनुष्य के हाथ
3. जीवाश्म (iii) आनुवंशिकी के नियम
4. समजात अंग (iv) जीवन की उत्पत्ति सिद्धान्त
5. मेण्डल (v) आनुवंशिक पदार्थ
6. हल्डेन (vi) मानव

उत्तर-

सूची A सूची B
1. डी.एन.ए. (v) आनुवंशिक पदार्थ
2. होमो सेपियंस (vi) मानव
3. जीवाश्म (i) जीव अवशेष
4. समजात अंग (ii) घोड़े व मनुष्य के हाथ
5. मेण्डल (iii) आनुवंशिकी के नियम
6. हल्डेन (iv) जीवन की उत्पत्ति सिद्धान्त

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जीवों में जनन क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए।

प्रश्न 2.
DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribonuclic Acid)।

प्रश्न 3.
जनन की मूल घटना क्या है?
उत्तर-
DNA द्वारा प्रतिकृति बनाना।

प्रश्न 4.
किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का सम्बन्ध किससे है?
उत्तर-
जनन से।

प्रश्न 5.
गुणसूत्र कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
कोशिका में स्थित केन्द्रक में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 6.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
प्रजाति (Species) की उत्तरजीविता बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 7.
एककोशिकीय जीवों में वंश वृद्धि कैसे होती
उत्तर-
कोशिका विभाजन या विखण्डन द्वारा।

प्रश्न 8.
दो ऐसे जीवों के नाम लिखिए जिनमें पुनरुद्भवन द्वारा जनन होता है?
उत्तर-

  1. हाइड्रा,
  2. प्लेनेरिया।

प्रश्न 9.
ऊतक संवर्धन क्या है ?
उत्तर-
पौधे के किसी अंग या ऊतक का संवर्धन कराकर नये पौधे तैयार करना ऊतक संवर्धन कहलाता है।

प्रश्न 10.
मनुष्य में बनने वाली वे संरचनाएँ क्या हैं जिनमें गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है ?
उत्तर-
नर युग्मक तथा मादा युग्मक।

प्रश्न 11.
यौवनारम्भ (Puberty) किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह आयु जिससे लड़के एवं लड़कियों में द्वितीयक लक्षण प्रारम्भ होने लगते हैं, यौवनारम्भ कहलाती|

प्रश्न 12.
जनन कोशिकाओं में निषेचन से क्या बनता है?
उत्तर-
युग्मनज (Zygote)।

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प्रश्न 13.
निषेचन के पश्चात् निषेचित अण्ड कहाँ स्थापित होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 14.
लड़कों के किन्हीं दो द्वितीयक लक्षणों को लिखिए।
उत्तर-

  1. कंधे चौड़े होना,
  2. आवाज का भारी होना।

प्रश्न 15.
लड़कियों के कोई दो द्वितीयक लक्षण लिखिए।
उत्तर-

  • स्तनों का विकास,
  • नितम्बों का चौड़ा होना।

प्रश्न 16.
कलम द्वारा उगाये जाने वाले दो पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • गुलाब,
  • गन्ना ।

प्रश्न 17.
दो एकलिंगी पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • पपीता,
  • कद्।

प्रश्न 18.
भ्रूण को पोषण कहाँ से तथा किसके द्वारा प्राप्त होता है?
उत्तर-
भ्रूण को पोषण माँ से तथा अपरा (Placenta) के द्वारा पोषण प्राप्त होता है।

प्रश्न 19.
ऐसे जीव क्या कहलाते हैं जो शिशु को जन्म देते हैं?
उत्तर-
जरायुजी (Viviparous)।

प्रश्न 20.
कृत्रिम प्रवर्धन क्या है?
उत्तर-
वांछित गुणों वाले पौधों से कायिक प्रजनन द्वारा नये पौधे तैयार करना।

प्रश्न 21.
संकर प्रजनन क्या होता है?
उत्तर-
दो विभिन्न प्रजातियों के नर तथा मादा द्वारा लैंगिक जनन संकर प्रजनन कहलाता है।

प्रश्न 22.
बीजाण्ड कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
पुष्प में अण्डाशय के अन्दर।

प्रश्न 23.
परागण किसे कहते हैं?
उत्तर-
परागकोष से परागकणों का वर्तिकाग्र (Stigma) तक पहुँचना परागण कहलाता है।

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प्रश्न 24.
अण्ड-प्रजकों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  1. छिपकली,
  2. मुर्गी।

प्रश्न 25.
उभयलिंगी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-
वे जीव जिनमें नर एवं मादा युग्मक एक ही जीव द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, उभयलिंगी जीव कहलाते हैं।

प्रश्न 26.
पौधे के प्रमुख जननांग क्या हैं?
उत्तर-

  • पुंकेसर (Androecium),
  • स्त्रीकेसर (Gyanoecium)।

प्रश्न 27.
परागण के दो प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • स्व-परागण (SelfPollination),
  • पर-परागण (Cross Pollination)।

प्रश्न 28.
स्त्रीकेसर के कौन-से भाग होते हैं?
उत्तर-

  • अण्डाशय (Ovary),
  • वर्तिका (Style), तथा
  • वर्तिकाग्र (Stigma)।

प्रश्न 29.
अपरा (Placenta) क्या है? (RBSE 2017)
उत्तर-
भ्रूण को गर्भाशय से जोड़ने वाली एक नालवत् संरचना जो भ्रूण को पोषण उपलब्ध कराती है।

प्रश्न 30.
प्लेसेन्टा के दो कार्य लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-

  • भ्रूण को पोषण प्राप्त कराना।
  • उत्सर्जी पदार्थों को माँ के रुधिर में पहुँचाना।

प्रश्न 31.
IUCD क्या है ?
उत्तर-
IUCD (Intrauterian contraceptive device) नारी गर्भाशय में लगायी जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भनिरोधक का कार्य करती है।

प्रश्न 32.
दो यौन-संचारित रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • गोनोरिया,
  • सिफलिस।

प्रश्न 33.
दो गर्भ निरोधक युक्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • कण्डोम,
  • कॉपर ‘टी’।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज़ की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
जनन-जीवों द्वारा लैंगिक अथवा अलैंगिक प्रजनन विधियों द्वारा अपने ही जैसे जीवों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए अति आवश्यक है। जनन प्रक्रिया द्वारा किसी स्पीशीज़ की समष्टि में मृत्यु होने के कारण जीवों की संख्या घटने को पुनः पहले की संख्या के अनुपात के बराबर लाया जा सकता है। इस प्रकार जनन प्रक्रिया किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि को एक विशेष स्थान पर स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होती है।

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प्रश्न 2.
प्रोटीन संश्लेषण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
प्रोटीन संश्लेषण DNA के नियन्त्रण में कोशिका के अन्दर होता है। प्रोटीन्स एन्जाइमों के रूप में विभिन्न उपापचयी क्रियाओं का संचालन करते हैं। इन क्रियाओं द्वारा जीव में वृद्धि होती है। वृद्धि का अन्तिम परिणाम जनन होता है।

प्रश्न 3.
DNA का प्रतिकृतिकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
एक ही प्रजाति के जीवों में DNA की समान मात्रा पायी जाती है। संतति जीवों में DNA की मात्रा का सन्तुलन बनाए रखने के लिए DNA का प्रतिकृतिकरण होता है। DNA ही पुत्री पीढ़ियों में विभिन्न लक्षणों का नियमन करता है।

प्रश्न 4.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
जीवधारियों में अपने जनकों की अपेक्षा कुछ अन्तर उत्पन्न होना विभिन्नताएँ कहलाती हैं। इनके द्वारा जीव स्वयं को बदलते पर्यावरण के अनुरूप अनुकूलित कर लेता है। ऐसे जीव जिनमें लम्बे समय से विभिन्नता उत्पन्न नहीं हुई है, वे पर्यावरण के साथ तालमेल नहीं कर पाते हैं और वे प्रायः विलुप्त होने लगते हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
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प्रश्न 6.
अमीबा में द्विखण्डन को चित्र की सहायता से समझाइए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अमीबा एक कोशिकीय जीव है। इसकी कोशिका पहले लम्बी हो जाती है, साथ ही इसका जीवद्रव्य और केन्द्रक भी लम्बाई में फैल जाता है।
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अब इसके बीचों- बीच एक खाँच उत्पन्न होती है जो कोशिकाद्रव्य एवं केन्द्रक को दो भागों में विभाजित कर देती है। इस प्रकार दो सन्तति या पुत्री अमीबा बन जाते हैं।

प्रश्न 7.
उन दो प्रेक्षणों की सूची बनाइए जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि दी गयी स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाती है। (CBSE 2019)
उत्तर-
स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन को दर्शाने वाले दो प्रेक्षण-

  • कोशिका झिल्ली के मध्य भाग में एक खांच बनने लगती है।
  • केन्द्रक लम्बा होने लगता है तथा बीच में से पतला होने लगता है। अगली अवस्था में वह दो भागों में विभाजित होता दिखाई देता है। इन प्रेक्षणों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि दी गई स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाने के लिए तैयार है।

प्रश्न 8.
कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है, उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2016)
उत्तर-
इस प्रक्रिया का नाम मुकुलन प्रजनन विधि है।
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प्रश्न 9.
जीवों के जनन के संदर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिक जीवों में ‘पुनरुद्भवन’ की, प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है? (CBSE 2016)
उत्तर-
“पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन)-जब किसी छोटे प्राणी का शरीर कुछ विशेष टुकड़ों में बँट जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा एक नये जीव में विकसित हो जाता है तो इसे पुनर्जनन कहते हैं। प्लेनेरिया तथा हाइड्रा जैसे सरल एवं बहुकोशिकीय प्राणी पुनर्जनन दर्शाते हैं।

हाइड्रा में पुनरुद्भवन’-

  • यदि हाइड्रा का शरीर कई टुकड़ों में बंट जाता है तो प्रत्येक टुकड़ा अपने खोए हुए अंगों को पुनर्जीवित करके एक पूर्ण हाइड्रा में विकसित हो जाता है।
  • इन जीवों में अपने शरीर के अंग की कोशिकाओं से शरीर का पुनर्जनन, विकास तथा वृद्धि की प्रक्रिया द्वारा होता
  • हाइड्रा के शरीर की कोशिकाओं का कटा हुआ भाग एक संपूर्ण कोशिका/कोशिकाओं का गोला बनाने के लिए विभाजित होता रहता है।
  • तब कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के विशेष उत्तक बनाने लगती हैं जो फिर से जीव के पूरे शरीर का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 10.
प्लाज्मोडियम में बहुविखण्डन को समझाइए।
उत्तर-
प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी) में कोशिका के चारों ओर एक रक्षी आवरण बन जाता है। इस आवरण के अन्दर केन्द्रक अनेक बार विभाजित होता है। प्रत्येक पुत्री केन्द्रक के चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा भी एकत्र हो जाती है। अनुकूल मौसम में बाह्य आवरण फट जाता है तथा पुत्री केन्द्रक स्वतन्त्र जीव के रूप में बाहर निकल आते हैं।
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प्रश्न 11.
स्पाइरोगाइरा में अलैंगिक जनन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
स्पाइरोगाइरा (Spirogyra) में अलैंगिक जनन खण्डन द्वारा होता है। स्पाइरोगाइरा एक तन्तुवत् शैवाल है जिसमें आयताकार कोशिकाएँ एक लड़ी के रूप में व्यवस्थित होती हैं। जब स्पाइरोगाइरा का तन्तु टुकड़ों में टूट जाता है तो प्रत्येक खण्ड नये जीव में विकसित हो जाता है।
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प्रश्न 12.
हाइड्रा में मुकुलन को चित्र द्वारा समझाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
हाइड्रा में कायिक प्रजनन मुकुलन (Budding) द्वारा होता है। हाइड्रा में आधार से कुछ ऊपर की कुछ कोशिकाएँ विभाजित होकर एक बटन जैसी रचना बनाती हैं। इस रचना को कलिका कहते हैं। यह कलिका वृद्धि करती है और इसके अग्र भाग पर छोटे-छोटे स्पर्शक बन जाते हैं। यह अब एक शिशु हाइड्रा का रूप ले लेती है और मातृ जीव से अलग होकर स्वतन्त्र जीवन यापन करती हैं।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 13.
कायिक प्रवर्धन के लाभ लिखिए।
उत्तर-

  • इससे प्राप्त पौधे जनकों के समान लक्षणों वाले होते हैं अतः कायिक प्रवर्धन से वांछित पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
  • वे पौधे जो बीजों द्वारा उत्पन्न नहीं होते हैं उन्हें कायिक प्रवर्धन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
  • कम समय में अधिक संख्या में और बड़े पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं।
  • इन्हें प्रयोगशालाओं में तैयार किया जा सकता है।

प्रश्न 14.
ब्रायोफिल्लम् में कायिक जनन किस प्रकार होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
ब्रायोफिल्लम् में पत्तियों द्वारा कायिक प्रजनन होता है | इसमें पत्तियों के / किनारों की खाँचों से पर्णकलिका पर्णकलिकाएँ निकल आती हैं जिनमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। ये कलिकाएँ पत्तियों से विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।
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प्रश्न 15.
राइजोपस में अलैंगिक प्रजनन किस प्रकार होता है ? (CBSE 2020)
उत्तर-
राइजोपस (ब्रेड फर्कंद) का कायिक शरीर कवक जाल होता है। कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का विकास होता है जिनके शीर्ष पर गोलाकार संरचनाएँ बीजाणु-धानी बनाती हैं। इनमें बीजाणुओं का निर्माण (Spore formation) होता है। ये बीजाणु हवा द्वारा प्रकीर्णित होते हैं। प्रत्येक बीजाणु अंकुरण करके नये कवक जाल का निर्माण करता है।
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प्रश्न 16.
लैंगिक जनन में महत्त्वपूर्ण घटना क्या होती है? इसका क्या महत्त्व है? [CBSE 2015, 2017]
उत्तर-
लैंगिक जनन में नर तथा मादा युग्मकों का मिलन होता है। ये युग्मक गुणसूत्रों के अर्धसूत्रण से बनते हैं। युग्मों के संलयन के पश्चात् गुणसूत्रों की संख्या यथावत हो जाती है। ऐसा होने से नये संयोग बनते हैं।

प्रश्न 17.
पुष्प के विभिन्न भागों के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-
एक प्रारूपिक पुष्प में निम्नलिखित भाग पाए जाते हैं

  1. बाह्य दलपुंज (Calyx)-यह पुष्प के सबसे बाहर की ओर स्थित होते हैं। ये कलिका अवस्था में पुष्पीय अंगों की रक्षा करते हैं।
  2. दलपुंज (Corolla)-ये विभिन्न रंगों के होते हैं और परागण के लिए कीटों को आकर्षित करते हैं।
  3. पुंकेसर (Androecium)-ये पुष्प के नर जननांग हैं। पुंकेसर के परागकोष में परागकणों का निर्माण होता है।
  4. स्त्रीकेसर (Gyanoecium)-ये पुष्प के मादा जननांग हैं। इनमें अण्डपों का निर्माण होता है।

प्रश्न 18.
स्व-परागण तथा पर-परागण में क्या अन्तर है? (CBSE 2020)
उत्तर-
स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर

स्व-परागण (Self-Pollination) पर-परागण (Cross-Pollination)
1. इसमें एक पुष्प के परा गकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं। एक पुष्प के परागकण उसी जाति के किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं।
2. इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना कम होती है। इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना अधिक होती है।
3. इससे उत्पन्न बीज कम ओजस्वी होते हैं। इससे उत्पन्न बीज अधिक ओजस्वी होते हैं।
4. इस क्रिया से विभिन्न- ताओं की सम्भावना कम होती है। इस क्रिया से विभिन्नताओं की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 19.
वतिकाग्र पर परागकणों के अंकुरण का नामांकित चित्र बनाइए। (CBSE 2020)
उत्तर-
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 20.
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है, तब क्या होगा? समझाइये। (RBSE 2016)
उत्तर-
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है तो यह लगभग 1 दिन तक जीवित रहता है। अंडाश्य से प्रत्येक 1 माह एक अंड का मोचन होता है। गर्भाशय की अंदरूनी दीवार मोटी स्पंजी हो जाती है। निषेचन ना हो पाने की स्थिति में इस परत की आवश्यकता नहीं रहती, अत: इसकी परत धीरे-धीरे टूटकर योनि मार्ग से रक्त व म्यूकस के रूप में बाहर निकलती है। यह चक्र लगभग हर माह में होता है।

प्रश्न 21.
लड़कों एवं लड़कियों में उत्पन्न होने वाले तीन-तीन द्वितीयक लक्षणों को बताइए।
उत्तर-
लड़कों में-

  • दाढ़ी एवं मूंछ उगना।
  • जननांगों का विकसित होना ।
  • आवाज भारी होना।

लड़कियों में-

  1. स्तनों का विकास होना।
  2. जननांगों का विकास होना।
  3. आवाज पतली होना।

प्रश्न 22.
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्या हैं? उनके दो-दो कार्य लिखिए।
उत्तर-
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्रमशः वृषण तथा अण्डाशय हैं।
वृषण के कार्य-

  • शुक्राणुओं का निर्माण करना।
  • नर हॉर्मोन्स का स्रावण करना।

अण्डाशय के कार्य-

  • अण्डाणु का निर्माण करना।
  • मादा हॉर्मोन्स का स्रावण करना।

प्रश्न 23.
नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं?
उत्तर-
नर मानव में वृषण उदर गुहा के बाहर थैले जैसी रचना वृषण कोष (Scrotum) में पाये जाते हैं। शुक्राणु शरीर के ताप से 3°C कम ताप पर सक्रिय होते हैं। वृषण कोषों का ताप शरीर के ताप से निम्न होता है। इसीलिए वृषण शरीर से बाहर स्थित होते हैं।

प्रश्न 24.
अण्डाणु तथा शुक्राणु में क्या अन्तर है?
उत्तर-
अण्डाणु तथा शुक्राणु में अन्तर-

अण्डाणु (Ovum) शुक्राणु (Sperm)
1. यह मादा जनन कोशिका 1. यह नर जनन कोशिका
2. यह आकार में शुक्राणु से बड़ा होता है। 2. यह अण्डाणु से छोटा होता है।
3. यह प्रायः गोलाकार होता है। 3. यह पुच्छ युक्त होता है।
4. यह अचल होता है। 4. यह सचल होता है।

प्रश्न 25.
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
1. इस प्रकार जनन प्रायः उच्च श्रेणी के जीवों में होता है। 1. इस प्रकार का जनन प्रायः निम्न श्रेणी के जीवों में होता है।
2. इसमें नर तथा मादा जीवों की आवश्यकता होती 2. इसमें केवल एक जीव की आवश्यकता होती
3. इसमें निषेचन होता है। 3. इसमें निषेचन नहीं होता है।
4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न होते हैं। 4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न नहीं होते है।
5. इस क्रिया में बीजाणु नहीं बनते हैं। 5. इस क्रिया में बीजाणु बनते हैं।

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प्रश्न 26.
निम्न रेखाचित्र पर अंकित A, B, C, D तथा E के नाम तथा इनका एक-एक कार्य लिखिए।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 10
उत्तर-
A. फैलोपियन नलिका-निषेचन क्रिया सम्पन्न करना।
B. अण्डाशय-अण्ड का निर्माण करना।
C. गर्भाशय-गर्भ धारण करना।
D. गर्भाशय मुख-शुक्राणु को ग्रहण करना।
E. योनि-मैथुन क्रिया के लिए स्राव उत्पन्न करना।

प्रश्न 27.
लैंगिक संचारित रोग क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैंगिक संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases)- ऐसे रोग जो लैंगिक संसर्ग द्वारा संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में स्थानान्तरित होते हैं, लैंगिक संचारित रोग कहलाते हैं। उदाहरण-एड्स (AIDS), सिफिलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonnorhoea) आदि ।

प्रश्न 28.
(a) मनुष्य में उस अंग का नाम लिखिए जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है। उस हार्मोन का नाम लिखिए तथा उसका कार्य भी लिखिए।
(b) स्त्री के जनन तंत्र के उस अंग का नाम लिखिए जहाँ निषेचन होता है।
(c) विकसित होता भ्रूण माता के शरीर से किस प्रकार पोषण प्राप्त करता है? इसका वर्णन कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) मनुष्य का वह अंग जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हॉर्मोन भी उत्पन्न करता है : वृषण जो हार्मोन उत्पन्न हुआ है : टेस्टेस्टेरॉन हॉर्मोन। टेस्टेस्ट्रॉन के कार्य-यह हार्मोन लड़कों में किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों तथा जनन अंगों के परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। जैसे-किशोरों में चेहरे पर दाढ़ी-मूछों का विकसित होना आदि।
(b) स्त्री के जनन तंत्र का वह अंग जहाँ निषेचन होता है : अण्डवाहिका
(c) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लैसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।

प्रश्न 29.
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ लिखिए? इनमें से कौन-सी विधि पुरुष के लिए उपयोग नहीं की जा सकती? इन विधियों को अपनाने से एक परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ-

  • यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में पुरुष शिश्न को ढकने वाले कंडोम तथा स्त्रियाँ डायाफ्राम का प्रयोग करती हैं।
  • हार्मोन विधि (रासायनिक विधि)-इस विधि में स्त्रियों को गोलियाँ (मौखिक तथा यौनिक) दी जाती हैं जो उनके हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती हैं ताकि वह गर्भधारण न कर सकें।
  • शल्य विधि-इस विधि में शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रूक जाता है तथा स्त्रियों की अण्डवाहिनी को बाधित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंड गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता। हार्मोन विधि का प्रयोग पुरुषों द्वारा नहीं किया जा सकता।

इन विधियों को अपनाने से पस्विार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर प्रभाव-गर्भरोधक विधियों को अपना कर एक परिवार बच्चों की संख्या को सीमित कर सकते हैं जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी। ऐसे परिवारों में कम बच्चे होने से माता-पिता उनको अच्छी शिक्षा तथा अच्छा पोषण दे पायेंगे जिससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यही नहीं इन विधियों को अपनाने से बढ़ती जनसंख्या जैसी भयानक समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।

प्रश्न 30.
अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन के बीच एक अन्तर लिखिए। अलैंगिक जनन करने वाली अथवा लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ में से किसके द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग हो सकते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अलैंगिक जनन में केवल एक जनक भाग लेता
लैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों जनक भाग लेते हैं।
लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं क्योंकि लैंगिक जनन में दो प्रकार की जनन कोशिकाओं में डी.एन. ए. अणुओं की प्रतिकृति बनने के कारण, नई संतति में अधिक विभिन्नताएँ आती हैं, इसलिए उनमें उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं। नीचे दिए गए अनुच्छेद और पढ़ी गई सम्बन्धित संकल्पनाओं की व्याख्या के आधार पर

(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं

  • लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
  • लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।

(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 31.
मानव जनसंख्या की वृद्धि सभी मनुष्यों की चिन्ता का विषय है। किसी समष्टि में जीवन दर और मृत्यु दर उसके आकार को निर्धारित करते हैं। जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं। जनन के लिए लैंगिक परिपक्वता आनुक्रमिक होती है और यह तब होती है जब सामान्य शरीर में वृद्धि हो रही होती है। किसी सीमा तक लैंगिक परिपक्वता का यह अर्थ नहीं होता कि शरीर अथवा मस्तिष्क लैंगिक क्रिया अथवा बच्चे उत्पन्न करने योग्य हो गया है।

समष्टि के आकार को नियंत्रित करने के लिए मानव द्वारा विभिन्न गर्भनिरोध युक्तियाँ उपयोग की जा रही हैं।
(a) लड़के एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के दो सामान्य लक्षणों की सूची बनाइए।
(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या का क्या परिणाम होता है?
(c) गर्भ-निरोधन की कौन-सी विधि शरीर का हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है? .
(d) समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले दो कारक लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं

  • लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
  • लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।

(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।
(c) गर्भ-निरोधन की रासायनिक विधि, जिसमें स्त्री गोलियों के रूप में रासायनिक दवाइयाँ मुख द्वारा लेती है, जो हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है।
(d) जीवन दर व मृत्यु दर समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले कारक हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। [राज. 2015]
उत्तर-
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्न प्रकार हैं-
(i) विखण्डन (Fission)-यह अनेक एककोशिकीय जीवों जैसे प्रोटोजोअन्स (अमीबा, पैरामीशियम, लीशमानिया) तथा जीवाणुओं में होता है। इस प्रक्रिया में एककोशिकीय जीव विभाजित होकर दो नये जीवों को उत्पन्न करता है। उत्पन्न संतति जीव जनक कोशिका के लक्षण वाले होते हैं।

(ii) खण्डन (Fragmentation)- यह कुछ तन्तुवत् शैवालों (जैसे-स्पाइरोगाइरा) तथा कुछ कवकों में होता है। इस प्रक्रिया में जीव का तन्तुवत् शरीर अनेक खण्डों में टूट जाता है तथा प्रत्येक खण्ड नये जीव का निर्माण करता है।

(iii) द्वि-विखण्डन (Binary Fission)-इसमें जीव का शरीर विभाजित होकर दो पुत्री जीवों को जन्म देता है। जैसे पैरामीशियम, अमीबा, लीशमानिया आदि। विखण्डन में यह आवश्यक नहीं है कि समान आनुवंशिक पदार्थ पुत्री कोशिकाओं में पहुँचें, जबकि द्विविखण्डन में आनुवंशिक पदार्थ की समान मात्रा संतति में पहुँचती है।

(iv) बहु विखण्डन (Multiple Fission)-इसमें जनक कोशिका अपने ऊपर एक आवरण बना लेती है। इसके अन्दर केन्द्रक विभाजित होकर अनेक पुत्री केन्द्रक बनाता है। इनके चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा एकत्र हो जाती है, जिससे छोटी-छोटी असंख्य पुत्री कोशिकाएँ बन जाती हैं। अनुकूल मौसम में आवरण के फटने पर पुत्री कोशिकाएँ स्वतन्त्र हो जाती हैं। इस प्रकार का अलैंगिक जनन अमीबा, प्लाज्मोडियम आदि में पाया जाता है।

(v) मुकुलन (Budding)-इस विधि में जीव से एक छोटी कलिका निकलती है। यह कलिका मातृ जीव से पृथक् होकर संतति जीव में बदल जाती है। इस प्रकार का जनन हाइड्रा, यीस्ट आदि में पाया जाता है।

(vi) बीजाण निर्माण (Spore Formation)-इस प्रकार का अलैंगिक जनन राइजोपस, म्यूकर आदि में पाया जाता है। इसमें कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का निर्माण होता है। इन तन्तुओं के शीर्ष पर गोलाकार बीजाणुधानी बनती है। बीजाणुधानी में सूक्ष्म बीजाणुओं का निर्माण होता है। बीजाणुधानी के फटने पर बीजाणु वायु द्वारा प्रकीर्णित हो जाते हैं। बीजाणु अंकुरण करके नया कवक जाल बनाते हैं।

(vii) पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों में जीव का स्वस्थ कोशिका युक्त भाग नये जीव का निर्माण कर लेता है, इसे पुनरुद्भवन कहते हैं। प्लेनेरिया, स्पंजों, हाइड्रा आदि के शरीर को टुकड़ों में काट देने पर प्रत्येक टुकड़ा नये जीव का निर्माण कर लेता है।

(viii) कायिक जनन (Vegetative Propagation)अनेक पौधों में ऐसी संरचनाएँ होती हैं जिनसे नये पौधों का निर्माण हो जाता है। उदाहरण के लिए अदरक के प्रकन्द, आलू के कन्द, अरबी के घनकन्द, ब्रायोफिलम् की पर्ण कलिका इत्यादि। कत्रिम रूप से कायिक प्रजनन कलम. रोपण, कलिकायन, आदि विधियों द्वारा कराया जाता है।

प्रश्न 2.
पुनरुद्भवन क्या है? प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों के शरीर को छोटे-छोटे खण्डों में काट देने पर कटे हुए प्रत्येक खण्ड में नया जीव बनाने की क्षमता होती है। इस क्षमता को पुनरुद्भवन कहते हैं; जैसे-स्पंज, हाइड्रा, प्लेनेरिया आदि। प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन अथवा पुनर्जनन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा सम्पादित होता है। इन कोशिकाओं के क्रम प्रसरण द्वारा अनेक कोशिकाएँ बन जाती हैं। कोशिकाओं के इस समूह में परिवर्तन के दौरान विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ एवं ऊतक बनते हैं। यह परिवर्तन अत्यधिक व्यवस्थित रूप में
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 11
एवं क्रम से होता है जिसे परिवर्धन कहते हैं। परन्तु पुनरुद्भवन जनन के समान नहीं है। इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक जीव के किसी भी भाग को काटकर सामान्यतः नया जीव उत्पन्न नहीं होता है।

प्रश्न 3.
कृत्रिम कायिक प्रवर्धन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मानव द्वारा पौधों में कृत्रिम ढंग से कराये जाने वाले कायिक जनन को कृत्रिम कायिक प्रवर्धन कहते हैं। यह निम्न विधियों द्वारा सम्पन्न किया जाता है
(i) कलम लगाना (Cutting)-कुछ पौधों के परिपक्व तने के टुकड़ों (कलम) को भूमि में तिरछा गाड़ दिया जाता है। इससे कुछ दिनों बाद नया पौधा विकसित हो जाता है; जैसे-गुलाब, गन्ना, गुड़हल आदि।

(ii) दाब लगाना (Layering)-कुछ पौधों की नर्म शाखाओं पर छाल हटाकर वलय बनाकर इस स्थान को भूमि में दबा देने से इस स्थान से जड़ें निकल आती हैं और नये पौधे का निर्माण हो जाता है; जैसे- मोगरा, नीबू, बोगेनविलिया आदि।

(iii) गूटी लगाना (Gootee)-इसमें पौधे की एक वर्ष पुरानी शाखा पर एक वलय बनाकर हॉर्मोन युक्त क्ले मृदा को लपेट कर बाँध दिया जाता है। मृदा को नम रखने की भी व्यवस्था कर दी जाती है। वलय के स्थान से इसमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। अब इसे मातृ पौधे से काटकर अलग कर लिया जाता है; जैसे-अमरूद. फाइकस आदि।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

(iv) रोपण (Grafting)- इस विधि में वांछित लक्षणों वाले पौधे की शाखा का रोपण अवांछित लक्षण वाले पौधे के ऊपर किया जाता है। इसमें दोनों पौधों की समान शाखाओं को छीलकर आपस में चिपकाकर बाँध देते हैं। कुछ समय बाद ये दोनों शाखाएँ आपस में जुड़ जाती हैं। अब वांछित शाखा के निचले भाग तथा अवांछित शाखा के ऊपरी भाग को काटकर अलग कर देते हैं।

प्रश्न 4.
पौधों में परागण की विभिन्न विधियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पौधों में परागण वायु, जल, कीट तथा पक्षियों द्वारा होता है।
1. वायु द्वारा परागण (Anemophily)-अनेक पौधों में वायु द्वारा परागण होता है। ऐसे पौधों में पुष्प प्रायः छोटे, पूर्ण खुले हुए होते हैं। इनमें सुगंध, मकरंद एवं रंग का अभाव होता है। इन पुष्पों में परागकण हल्के होते हैं।

2. जल द्वारा परागण (Hydrophily)-प्रायः जल में उगने वाले पौधों, जैसे-कमल, हाइड्रिला, वैलिसनेरिया आदि में जल द्वारा परागकण मादा जननांग तक पहुँचते हैं। इन पौधों में परागकण तैरने वाले होते हैं। इनके मादा पुष्प में भी विशिष्ट अनुकूलन पाए जाते हैं।

3. कीटों द्वारा परागण (Entomophily)-अनेक कीट परागकणों के वाहक का कार्य करते हैं; जैसे-मधुमक्खी, बरं, तितली आदि। कीट परागित पुष्प सुगंध एवं मकरंद युक्त तथा चटकीले रंगों के होते हैं जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कीट मकरंद (Nectar) प्राप्ति के लिए इन पर बैठते हैं और परागकणों को अपने ऊपर चिपकाकर ले जाते हैं। जब ये दूसरे पुष्प पर जाते हैं, तो कुछ परागकण उस पर गिर जाते हैं और परागण हो जाता है; जैसे-सरसों, अंजीर, गूलर, साल्विया आदि।

4.जन्तु परागण (Zoophily)-अनेक जन्तु, जैसे-पक्षी, चमगादड़, घोंघे आदि भी अनेक पौधों में परागण क्रिया सम्पन्न कराते हैं; जैसे-सेमल, बिगोनिया, कदम्ब एवं अन्य फलदार पौधे।

प्रश्न 5.
निषेचन की परिभाषा देते हुए पौधों में इसकी क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
निषेचन (Fertilization)-नर तथा मादा युग्मकों के संलयन (fusion) को निषेचन कहते हैं।
परागण (Pollination) के पश्चात्, परागकण वर्तिकाग्र (Stigma) पर अंकुरण प्रारम्भ कर देते हैं। वर्तिकान से सरल पदार्थ अवशोषित करके परागकण से एक पराग नलिका निकलती है। यह पराग नलिका परागकण में स्थित जनन छिद्र से बाहर निकलती है। परागकण का वर्षी केन्द्रक पराग नलिका के अग्र छोर पर तथा दो नर केन्द्रक (युग्मक) इसके पीछे होते हैं। पराग नलिका वर्तिका (Style) के ऊतकों को भेदती हुई भ्रूण कोष (Embryo sac) में प्रवेश करती है। यह अपने दोनों नर केन्द्रकों को भ्रूण कोष में छोड़ देती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 12
परिपक्व भ्रूण कोष में एक अण्डकोशिका, दो सहायक कोशिका, तीन प्रतिव्यासांत (Antipodles) कोशिका तथा एक द्वितीयक केन्द्रक होता है। द्वितीयक केन्द्रक (2n) को छोड़कर अन्य सभी केन्द्रक अगुणित (n) होते हैं। द्वितीयक केन्द्रक का निर्माण दो ध्रुवीय केन्द्रकों के संलयन से होता पराग नलिका द्वारा भ्रूण कोष में छोड़े गये दोनों नर केन्द्रकों में से एक नर केन्द्रक अण्डकोशिका के केन्द्रक से संलयित होकर द्विगुणित युग्मनज (Zygote) बनाता है। दूसरा नर केन्द्रक द्वितीयक केन्द्रक से संलयित होकर त्रिगुणित (3n) भ्रूणपोष केन्द्रक बनाता है। युग्मनज से भ्रूण का तथा भ्रूणकोष केन्द्रक से भ्रूणपोष का विकास होता है।

प्रश्न 6.
पुरुष के जननांगों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुरुष के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. वृषण (Testes)-पुरुष में एक जोड़ी वृषण उदरगुहा से बाहर, थैले जैसी रचना वृषण कोश (Scrotal Sac) में स्थित होते हैं। प्रत्येक वृषण के अन्दर अनेक अत्यधिक पतली तथा कुण्डलित नलिकाएँ, शुक्राणु नलिकाएँ (Seminiferous tubules) होती हैं। इनमें स्थित शुक्रजनन कोशिकाएँ (Spermatocytes) शुक्राणुजनन की क्रिया द्वारा शुक्राणुओं (Sperms) का निर्माण करती हैं।

2. अधिवृषण (Epididymis)-अधिवृषण वृषणों के ऊपर स्थित अति कुण्डलित नलिकाएँ होती हैं। शुक्राणु वृषण से इन नलिकाओं में आते हैं।

3.शुक्रवाहिनी (Vas deferens)-अधिवृषण का अन्तिम छोर एक संकरी नली में खुलता है। इसे शुक्रवाहिनी कहते हैं। दोनों ओर की शुक्रवाहिनी उदर गुहा में प्रवेश करके शुक्राशय से मिल जाती हैं।

4. शुक्राशय (Seminal Vesicle)-यह थैलीनुमा रचना होती है। शुक्रवाहिनी उदरगुहा में पहुँचकर मूत्रनली के साथ लूप बनाती हुई शुक्रवाहिनी में खुलती है। शुक्राशय में शुक्राणु एकत्र होते हैं। शुक्राशय में पोषक तरल स्रावित होता है। शुक्राणुओं सहित इस तरल को वीर्य (semen) कहा जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 13
5. मूत्रमार्ग (Urethra)-शुक्राशय एक संकरी नली के द्वारा, जिसे स्खलन नलिका (ejaculatory duct) कहते हैं, मूत्राशय के संकरे मार्ग में खुलता है। पुरुष में मैथुन क्रिया के लिए मूत्र मार्ग एक मांसल अंग शिश्न (Penis) में स्थित होता है। बाद में यह एक छिद्र द्वारा बाहर खुलता है। इसे मूत्र जनन छिद्र कहते हैं। मैथुन के समय शिश्न भाग के द्वारा मादा की योनि में प्रवेश करके वीर्य को शरीर के अन्दर भेजने का कार्य करता है।

6. सहायक ग्रन्थियाँ (Assessory glands)-उपर्युक्त अंगों के अतिरिक्त पुरुषों में प्रोस्टेट (Prostate), काउपर्स (Cowper’s) तथा पीनियल (Penial) ग्रन्थियाँ उपस्थित होती हैं जो अपने-अपने स्राव वीर्य में स्रावित करती हैं तथा शुक्राणुओं की सुरक्षा करती हैं।

प्रश्न 7.
स्त्री के जनन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (CBSE 2017, 2018)
उत्तर-
स्त्री के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. अण्डाशय (Ovary)-स्त्री में एक जोड़ी अण्डाशय होते हैं। ये अण्डाकार, भूरे रंग की रचनाएँ हैं जो उदर गुहा में, गर्भाशय में दोनों ओर एक-एक करके स्थित होते हैं। अण्डाशय में अण्डजनन की क्रिया द्वारा अगुणित अण्ड (egg) का निर्माण होता है।

2. अण्डवाहिनी (Oviduct)-दोनों अण्डाशयों के समीप स्थित झालरदार मुखिका से एक-एक अण्डवाहिनी निकलती है जो मध्य भाग में फैलोपियन नलिका कहलाती है। दोनों ओर की नलिकाएँ गर्भाशय के ऊपरी भाग में खुलती हैं। अण्डाशय में मुक्त अण्ड अण्डवाहिनी के फैलोपियन भाग में आता है जहाँ अण्ड का निषेचन होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 14
3. गर्भाशय (Uterus)-गर्भाशय एक माँसल रचना है, जिसका ऊपरी भाग चौड़ा तथा निचला भाग संकरा होता है। दोनों ओर की अण्डवाहिनियाँ गर्भाशय के चौड़े भाग में ऊपर की ओर खुलती हैं। निषेचित अण्ड गर्भाशय की भीतरी भित्ति में निर्मित सूक्ष्मांकुरों (microvilli) में रोपित होता है तथा शिशु के जन्म तक भ्रूण का विकास इसी में होता है।

4. योनि (Vagina)- गर्भाशय का निचला भाग एक संकरी एवं लचीली माँसल नलिका में खुलता है जिसे योनि कहते हैं। मैथुन के समय पुरुष का वीर्य इसी नलिका में स्खलित होता है और गर्भाशय मुखिका से होते हुए शुक्राणु फैलोपियन नलिका में पहुँचता है।

5. भग (Vulva)-योनि बाहर की ओर एक छिद्र द्वारा खुलती है जिसे भग कहते हैं। इसे सुरक्षित रखने के लिए इसके दोनों ओर दो माँसल ओष्ठ होते हैं। दोनों ओष्ठों के जुड़ने के स्थान पर ऊपर की ओर एक भग शिश्न होता है।

6. बर्थोलिन ग्रन्थि (Bartholin’s gland)-यह एक विशेष प्रकार का तरल पदार्थ स्रावित करती है। यह स्राव मैथुन को सुगम बनाता है तथा शुक्राणुओं की जीवाणुओं से रक्षा करता है।

प्रश्न 8.
जनन स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? गर्भधारण रोकने के विभिन्न उपाय लिखिए। [CBSE 2015, 2016, 2019]
उत्तर-
जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health)- लैंगिक क्रिया द्वारा गर्भधारण की सम्भावना सदैव बनी रहती है। गर्भधारण की अवस्था में स्त्री के शरीर एवं भावनाओं की माँग एवं आपूर्ति बढ़ जाती है और यदि वह गर्भधारण के ‘लिए तैयार नहीं है तो इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अतः गर्भधारण को रोककर स्वास्थ्य को बनाए रखना जनन स्वास्थ्य कहलाता है। गर्भ धारण रोकने के उपाय-

  1. रोधक विधियाँ (Barrier Methods)-इसमें कंडोम तथा डायफ्राम का प्रयोग किया जाता है। ये युक्तियाँ शुक्राणुओं को अण्डाणु से मिलने में रोधक का कार्य करती हैं जिससे निषेचन नहीं होता है।
  2. रासायनिक विधियाँ (Chemical Methods)सगर्भता को रोकने में महिलाएँ दो प्रकार की गोलियों का उपयोग करती हैं-मुखीय गोलियाँ तथा योनि गोलियाँ। ये गोलियाँ शुक्राणुओं या अण्डाणुओं को निष्क्रिय कर देती हैं।
  3. शल्य विधियाँ (Operation Methods)-इस विधि में पुरुष नसबंदी (Vasectomy) या स्त्री नसबन्दी (Tubectomy) करायी जाती है।
  4. अन्तः गर्भ निरोधक विधियाँ (Intra-uterine Contraceptive Device)-चिकित्सकों द्वारा कॉपर ‘टी’ का रोपण गर्भाशय के अन्दर करने से गर्भधारण क्रिया नहीं होती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए(i) एड्स, (ii) सुजाक, (iii) आतशक।
उत्तर-
(i) एड्स (AIDS)-यह एक लैंगिक संचारित रोग है। इसे एक्वायर्ड इम्युनो डैफीशिएंसी सिण्ड्रोम (Ac quired Immuno Deficiency Syndrome) कहते हैं। यह एक विषाणु ह्यूमेन-इम्यूनो डैफीशिएंसी वाइरस (HIV) द्वारा होता है। यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति की लिम्फोसाइट (lymphocytes) कोशिकाओं को नष्ट करके शरीर की प्रतिरोधकता को समाप्त कर देता है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। यह रोगः असुरक्षित सहवास, संक्रमित सुई का प्रयोग, संक्रमित रुधिर आधान द्वारा संचारित होता है। इस रोग का परीक्षण एलिशा परीक्षण द्वारा किया जाता है। अभी तक इस रोग का इलाज पूर्ण रूप से नहीं किया जा सका है।

(ii) सुजाक (Gonorrhoea)-यह रोग यौन संक्रमित नर या मादा के साथ शारीरिक सम्बन्धों द्वारा संचारित होता है। यह विषाणु द्वारा होता है। रोगाणु कटी हुई त्वचा या घावों द्वारा शरीर में प्रवेश करके यौन अंगों तक पहुँच जाता है। इस रोग के प्रमुख लक्षण लम्बे समय तक बुखार, त्वचा में खुजली, जननांगों पर फुसियाँ निकलना आदि हैं। इसका एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा उपचार सम्भव है।

(iii) आतशक (Syphilis)- यह रोग स्पिरोचेट जीवाणु (Spirochete Bacterium) ट्रिपोनीमा पैलीडम (Treponema pallidum) द्वारा फैलता है। इस रोग में जनन तन्त्र, मूत्र नली आदि की झिल्ली प्रभावित होती हैं। इसका निदान किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
(a) “कण्डोम का उपयोग यौन क्रिया में सम्मिलित दोनों लिंगों (पुरुष एवं स्त्री) के लिए लाभकारी होता है।” दो कारण सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए।
(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ गर्भधारण को रोकने में किस प्रकार सहायता करती हैं?
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात किसे कहते हैं? किसी स्वस्थ समाज को यह किस प्रकार प्रभावित करता है? (किसी एक परिणाम का उल्लेख कीजिए)। [CBSE 2020]
उत्तर-
(a)

  • कण्डोम के उपयोग से दोनों लिंग यौन संक्रमित रोगों से बच जाते हैं।
  • कण्डोम स्त्री व पुरुष दोनों को अनचाही संतान होने के भय से मुक्ति दिलाता है।

(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ, मादा के अण्डाशय के हॉर्मोनों को नियन्त्रित करके अण्डोत्सर्ग क्रिया को रोक देती हैं जिसके कारण अण्डाणु निषेचन के लिए अण्डाशय से बाहर नहीं निकल पाता है।
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात का अर्थ है कि एक विशेष लिंग वाले भ्रूण का गर्भपात करवाना। हमारे देश में अधिकतर मादा भ्रूण का गर्भपात करवाया जाता रहीं है, परन्तु ऐसा करना अब एक कानूनी अपराध बन गया है। .. परन्तु इस प्रकार के गर्भपात यदि निरंतर होते रहे तो समाज में नर तथा मादा मनुष्यों के अनुपात का संतुलन बिगड़ जाएगा जो कि स्वस्थ समाज के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. अमीबा में जनन की अलैंगिक विधि है-
(a) विखण्डन
(b) बहुविखण्डन
(c) (a) व (b) दोनों
(d) युग्मक लयन ।
उत्तर-
(c) (a) व (b) दोनों।

2. मादा-मानव में निषेचन कहाँ होता है ?
(a) गर्भाशय में
(b) अण्डाशय में
(c) योनि में
(d) फैलोपियन नलिका में।
उत्तर-
(d) फैलोपियन नलिका में।

3. बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) मनुष्य में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में।
उत्तर-
(d) मॉस में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

4. तने द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) पोदीने में
(b) हल्दी में
(c) अदरक में
(d) सभी में।
उत्तर-
(d) सभी में।

5. पौधे के जननांग हैं-
(a) पुंकेसर
(b) स्त्रीकेसर
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) बाह्य दल।
उत्तर-
(c) (a) तथा (b) दोनों।

6. मनुष्य में अण्डाशयों की संख्या होती है
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार।
उत्तर-
(b) दो।

7. परागकणों का निर्माण होता है-
(a) परागकोष में
(b) भ्रणकोष में
(c) भ्रूणपोष में
(d) पुष्पासन में।
उत्तर-
(a) परागकोष में।

8. आलू में कायिक जनन होता है-
(a) जड़ से
(b) कन्द से
(c) तने से
(d) पुष्प से।
उत्तर-
(b) कन्द से।।

9. ब्रायोफिल्लम में कायिक जनन होता है
(a) जड़ कलिका से
(b) स्तम्भ कलिका से
(c) पूर्ण कलिका से
(d) शीर्ष कलिका से।
उत्तर-
(c) पूर्ण कलिका से।

10. अण्डाशय से अण्ड उत्सर्जन को कहते हैं-
(a) अण्डोत्सर्ग
(b) अण्डजनन ।
(c) रजोचक्र
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(a) अण्डोत्सर्ग।

11. किस रचना द्वारा गर्भस्थ भ्रूण माता से पोषण प्राप्त करता है-
(a) रुधिर वाहिनी
(b) गर्भनाल
(c) आमाशय
(d) अण्डवाहिनी।
उत्तर-
(b) गर्भनाल।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

12. नर हॉर्मोन है-
(a) टेस्टोस्टेरॉन
(b) प्रोजेस्ट्रॉन
(c) एस्ट्रोजन
(d) ऑक्सीटोसिन।
उत्तर-
(a) टेस्टोस्टेरॉन।

13. नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलयन से बनता-
(a) युग्मनज (Zygote)
(b) भ्रूण (Embryo)
(c) अण्डप (Carpel)
(d) ये सभी।
उत्तर-
(a) युग्मनज (Zygote)

14. द्विनिषेचन पाया जाता है-
(a) आवृत्तबीजी में
(b) अनावृत्तबीजी में
(c) शैवाल में
(d) फर्न में।
उत्तर-
(a) आवृतबीजी में।

15. एकलिंगी पुष्प पाए जाते हैं-
(a) सरसों में
(b) गुड़हल में
(c) तरबूज में
(d) अमरूद में।
उत्तर-
(c) तरबूज में।

16. लैंगिक जनन के लिए आवश्यक है-
(a) DNA का विघटन
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण
(c) प्रोटीन का प्रतिकृतिकरण
(d) ये सभी।
उत्तर-
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ………………………. प्रक्रिया स्पंजों, हाइड्रा आदि में मुख्य रूप से पायी जाती हैं।
उत्तर-
पुनरुद्भवन,

2. मनुष्य में गर्भ की अवधि ………………………. है।
उत्तर-
40 सप्ताह,

3. एक ही जीव में नर तथा मादा जननांगों का पाया जाना ………………………. कहलाती है।
उत्तर-
उभयलिंगता,

4. पुष्प में ………………………. तथा ………………………. पाये जाते हैं।
उत्तर-
नर जननांग, मादा जननांग,

5. हाइड्रा जैसे कुछ प्राणी जुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग ………………………. के लिए करते हैं।
उत्तर-
मुकुलन |

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सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न प्रश्नों में सही मिलान कीजिए|
(a)

सूची A सूची B
1. अपरा या ऑवल (i) अमीबा
2. द्विखण्डन (ii) स्तनधारी
3. कलम (iii) केंचुआ
4. द्विलिंगी (iv) नर जननांग
5. पुंकेसर (v) गुलाब
6. स्त्रीकेसर (vi) मादा जननांग

उत्तर:-

सूची A सूची B
1. अपरा या ऑवल (ii) स्तनधारी
2. द्विखण्डन (i) अमीबा
3. कलम (v) गुलाब
4. द्विलिंगी (iii) केंचुआ
5. पुंकेसर (iv) नर जननांग
6. स्त्रीकेसर (vi) मादा जननांग

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

(b)

सूची A सूची B
1. आलू (i) लैंगिक जनन
2. प्याज (ii) कन्द द्वारा कायिक जनन
3. राइजोपस (iii) मुकुलन
4. यीस्ट (iv) पुनर्जनन
5. · हाइड्रा (v) बीजाणु समासंघ
6. मनुष्य (vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन

उत्तर-

सूची A सूची B
1. आलू  (ii) कन्द द्वारा कायिक जनन
2. प्याज (iv) पुनर्जनन
3. राइजोपस (v) बीजाणु समासंघ
4. यीस्ट (iii) मुकुलन
5. · हाइड्रा (vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन
6. मनुष्य (i) लैंगिक जनन

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्थानीय हॉर्मोन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे हॉर्मोन्स जो स्रावित होने वाले स्थान. पर ही प्रयुक्त हो जाते हैं, स्थानीय हॉर्मोन कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
विशिष्ट रासायनिक संदेश वाहक किसे माना. जाता है?
उत्तर-
हॉर्मोन्स को।

प्रश्न 3.
युग्मानुबन्धन (Synaps) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तत्रिका कोशिकाओं के आपसी सम्बन्ध को युग्मानुबन्धन कहते हैं।

प्रश्न 4.
जड़ों का भूमि के अन्दर प्रवेश करना किस प्रकार की गति है?
उत्तर-
अनुवर्तनी।

प्रश्न 5.
तीन प्रकार के न्यूरॉन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. मोटर न्यूरॉन,
  2. संवेदी न्यूरॉन,
  3. बहुध्रुवी न्यूरॉन।

प्रश्न 6.
पत्तियों का पौधों से गिरना किस हॉर्मोन के प्रभाव के कारण होता है ?
उत्तर-
एब्सीसिक अम्ल ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 7.
कौन-सा रसायन सूचनाओं को एक तंत्रिका से दूसरी तंत्रिका पर स्थानान्तरित करता है ?
उत्तर-
ऐसीटिल कोलीन।

प्रश्न 8.
प्रतिवर्ती चाप कहाँ बनते हैं ?
उत्तर-
मेरुरज्जु में।

प्रश्न 9.
फेरोमोन्स क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे रासायनिक पदार्थ जो एक जीव द्वारा स्रावित होते हैं तथा दूसरे जीव पर प्रभाव डालते हैं, फेरोमोन्स कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
एड्रीनलीन हॉर्मोन का एक कार्य बताइए।
उत्तर-
यह आपातकालीन स्थिति में शरीर को संकट से बचने के लिए तैयार करता है।

प्रश्न 11.
प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन का कार्य बताइए।
उत्तर-
प्रोजेस्ट्रॉन गर्भाशय में भ्रूण के सही विकास के लिए आवश्यक होता है।

प्रश्न 12.
गुरुत्वानुवर्तन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वानुवर्तन (Geotropism)- जड़ों द्वारा गुरुव के प्रभाव से भूमि में नीचे की ओर वृद्धि करना, गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है।

प्रश्न 13.
फाइटोक्रोप तथा फाइटोहॉर्मोन्स में क्या अन्तर है?
उत्तर-
फाइटोक्रोम प्रकाश अवशोषक वर्णक हैं तथा ये पुष्पन व अंकुरण में सहायता करते हैं। फाइटो हॉर्मोन पौधों के वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 14.
प्रकाश किस प्रकार वृद्धि को प्रभावित करता
उत्तर-
हरितलवक प्रकाश का अवशोषण करके पौधों के लिए भोजन तैयार करने में सहायक होते हैं जो प्रकाश संश्लेषण विधि से पूर्ण होता है।

प्रश्न 15.
दीर्घ प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए लम्बे प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, दीर्घ प्रदीप्तिकाली गधे कहलाते हैं; जैसे-तम्बाकू।

प्रश्न 16.
अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए आल्य प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे कहलाते हैं; जैसे-गेहूँ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 17.
दिवस निरपेक्ष पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिनके पुष्पन पर प्रकाश की अवधि . का कोई प्रभाव नहीं होता है, दिवस निरपेक्ष पादप कहलाते हैं; जैसे-मिर्च।

प्रश्न 18.
पादप गतियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
पादप गतियाँ मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं

  1. अनुवर्तनी गतियाँ,
  2. अनुकुंचनी गतियाँ।

प्रश्न 19.
मस्तिष्क के किस भाग में बुद्धिमत्ता, वेतनता एवं इच्छा शक्ति का केन्द्र होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के प्रमस्तिष्क भाग में।

प्रश्न 20.
हाइपोथैलेमस का क्या कार्य है ?
उत्तर-
यह समस्थापन तथा पीयूष ग्रन्थि का नियमन करता है तथा यह संवेदी अंगों के लिए नियंत्रण केन्द्र होता है।

प्रश्न 21.
रसायनानुवर्तन क्या है? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
किसी रसायन के प्रति पादप गति को रसायनानुवर्तनी गति कहते हैं। उदाहरण-परागनली का वर्तिका में प्रवेश।

प्रश्न 22.
क्रेनियम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाला कंकाल जो तीन परतों का बना होता है, क्रेनियम (Cranium) कहलाता

प्रश्न 23.
तंत्रिका कोशिका (Neuron) के तीन भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. तंत्रिका काय (Cyton),
  2. तंत्रिकाक्ष (Axon),
  3. वृक्षाभ (Dendrite)।

प्रश्न 24.
मेडुला ओब्लोंगेटा का क्या कार्य है ?
उत्तर-
अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखना।

प्रश्न 25.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग बुद्धि तथा स्मरण का केन्द्र है ?
उत्तर-
प्रमस्तिष्क (cerebrum)। .

प्रश्न 26.
मस्तिष्क के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अग्र मस्तिष्क (Fore brain)।
  2. मध्य मस्तिष्क (Mid brain)।
  3. पश्च मस्तिष्क (Hind brain) ।

प्रश्न 27.
पौधे का प्रकाश की ओर वृद्धि करना किस हॉर्मोन के कारण होता है?
उत्तर-
ऑक्सिन।

प्रश्न 28.
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए।
उत्तर-
घेघा।

प्रश्न 29.
मादा हॉर्मोन का नाम लिखिए।
उत्तर-
एस्ट्रोजन।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अभिग्राहक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
अभिग्राहक प्राणियों में विशेष प्रकार की संरचना वाले तंत्रिका अंग हैं, जो प्रकाश, ध्वनि एवं गन्ध द्वारा बाह्य सूचनाओं का ज्ञान कराते हैं। इन्हें क्रमशः प्रकाशग्राही (photoreceptor), ध्वनिग्राही (Audio receptor) एवं गंधग्राही (olfactory receptor) कहते हैं। अभिग्राही सम्बन्धित क्रियाओं से उद्दीपन प्राप्त करके मस्तिष्क को प्रेषित करते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित का एक-एक कार्य लिखिए(a) डेन्ड्राइट (b) एक्सॉन (c) सिनेप्स।
उत्तर-
(a) डेन्ड्राइट शरीर की ग्राहियों में स्थित होते हैं। और संवेदनाओं को ग्रहण करते हैं।
(b) एक्सॉन डेन्ड्राइट द्वारा ग्रहण की गई सूचनाओं को न्यूरॉन के अन्तिम छोरों तक पहुँचाते हैं।
(c) सिनेप्स एक न्यूरॉन से सूचनाओं को दूसरे न्यूरॉन पर स्थानान्तरित करते हैं।

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए आरेख के (a) से (e) तक के भागों के नाम लिखिए।
(b) 11-(e)
आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं के क्रम का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) ग्राही,
(b) संवेदी तंत्रिका कोशिका,
(c) मेरुरज्जु,
(d) प्रतिसारण तंत्रिका कोशिका,
(e) प्रेरक तंत्रिका कोशिका।

आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं का क्रम :

  • ग्राही अंग द्वारा ऊष्मीय उद्दीपन को प्राप्त करना।
  • संवेदी तंत्रिका द्वारा उस उद्दीपन को विद्युत लहर के रूप में मेरुरज्जु तक ले जाना।
  • मेरुरज्जु की प्रतिसारण तंत्रिका द्वारा उसका विश्लेषण।
  • भुजा की पेशियों द्वारा उद्दीपन के प्रति कार्य करना।

प्रश्न 4.
अन्तर्मुखी क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
अन्तर्मुखी क्रिया सामान्यतः स्वतः होने वाली अनुक्रिया है। यह तंत्रिका प्रणाली युक्त जन्तुओं में पाया जाने वाला सामान्य व्यवहार का रूप है। उदाहरणार्थ, किसी व्यक्ति का हाथ गर्म वस्तु पर पड़ने पर वह तुरन्त हाथ हटा लेता है। वास्तव में इस प्रक्रिया का संदेश तंत्रिकाओं के माध्यम से रीढ़ की हड्डी से हाथ की माँसपेशियाँ तक पहुँचने वाली तंत्रिकाओं को सचेत कर देना है, जिसका – तात्कालिक परिणाम यह होता है कि माँसपेशियों में सिकुड़न होती है तथा हाथ खींच लिया जाता है।

प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती चाप को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 1

प्रश्न 6.
मानव मस्तिष्क का नामांकित चित्र बनाइए। (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 2

प्रश्न 7.
मानव प्रमस्तिष्क के विभिन्न भागों को चित्र द्वारा दर्शाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 3

प्रश्न 8.
मस्तिष्क के विभिन्न भाग विशिष्ट कार्यों से संबद्ध हैं। मानव मस्तिष्क के उस भाग का नाम लिंखिए जो निम्नलिखित कार्य करता है: .
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना
(b) वमन (उल्टी आना)
(c) किसी पेंसिल को उठाना
(d) साइकिल चलाना
उत्तर-
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना-अग्र-मस्तिष्क।
(b) वमन (उल्टी आना)-पश्चमस्तिष्क का मेडुला भाग।
(c) किसी पेंसिल को उठाना-अनुमस्तिष्क ।
(d) साइकिल चलाना-अनुमस्तिष्क।

प्रश्न 9.
कानों को सन्तुलन अंग क्यों कहते हैं ? .
उत्तर-
कान सुनने के अलावा सन्तुलन का कार्य भी करते हैं। अंतः कर्ण की अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं की तुम्बिका नलियाँ, सैक्युलस तथा यूट्रिकुलस शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करती हैं। यूट्रिकुलस तथा सैक्युलस के मैकुला तथा अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं के तुम्बिका (ampulla) में स्थित संवेदी कूटों द्वारा गतिक सन्तुलन नियन्त्रित होता है। जब शरीर एक ओर झुक जाता है तो तुम्बिकाओं में स्थित ऑटोकोनिया उसी ओर जाकर संवेदी कूटों को उद्दीपन प्रदान करते हैं। इससे तंत्रिका आवेग उत्पन्न होता है और मस्तिष्क में शरीर के झुकने की सूचना पहुँच जाती है। मस्तिष्क प्रेरक तंत्रिकाओं द्वारा सम्बन्धित पेशियों को सूचना भेजकर शरीर का सन्तुलन बनाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 10.
निम्नलिखित अंगों पर अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र का क्या प्रभाव पड़ता है-
(i) हृदय,
(ii) रक्त वाहिनियाँ,
(iii) नेत्र
(iv) ट्रेकिया,
(v) लार ग्रन्थियाँ,
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि,
(vii) मूत्राशय,
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ।
उत्तर
(i) हृदय-स्पंदन दर बढ़ जाती है।
(ii) रक्त वाहिनियाँ-संकुचित होने से, रुधिर दाब बढ़ जाता है।
(iii) नेत्र-उपतारा फैल जाता है।
(iv) ट्रेकिया-ट्रेकिया फैलने से, अधिक वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है।
(v) लार ग्रन्थियाँ-लार का स्रावण कम होता है।
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि-एड्रीनलीन हॉर्मोन का स्रावण प्रेरित करता है।
(vii) मूत्राशय-संकुचन कर, मूत्र त्याग को प्रेरित करता है।
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ-पसीना स्रावण को प्रेरित करता है।

प्रश्न 11.
शरीर में मस्तिष्क किस प्रकार सुरक्षित रहता
उत्तर-
मस्तिष्क शरीर का अत्यन्त कोमल अंग है। इसमें अरबों की संख्या में तंत्रिकाएँ (Neurons) उपस्थित होती हैं। इसको सुरक्षित रखने के लिए इसके ऊपर तीन आवरण या तंत्रिकाएँ (Menings) होती हैं।

ये निम्न हैं-

  • सबसे बाहर की ओर दृढ़तानिका या ड्यूरामेटर,
  • बीच वाली परतं जाल तानिका या एरेकोइड, तथा
  • सबसे अन्दर की ओर मृदुतानिका या पियामेटर होती है।

इन आवरणों के बीच-बीच में एक तरल भरा होता है जो मस्तिष्क की आघातों से सुरक्षा करता है।

प्रश्न 12.
तंत्रिका तंत्र कैसे कार्य करता है? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिकाओं के दूमिका सिरे ग्राही अंगों से सूचनाएँ ग्रहण करके इन्हें मेरुरज्जु में पहुँचाते हैं। यहाँ पर ये सूचनाएँ संसाधित होती हैं। इसके पश्चात् इनका स्थानान्तरण आवेग के रूप में कार्यकारी पेशियों को कर दिया जाता है जिससे वांछित क्रिया सम्पन्न होती है।

प्रश्न 13.
वृद्धि गति तथा स्फीति गति के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वृद्धि गति तथा स्फीति गति में अन्तर-

वद्धि गति स्फीति गति
1. यह एक दिशा से हो रहे उद्दीपन के प्रति अनु- क्रिया करती है। इसमें उद्दीपन की दिशा का कोई प्रभाव नहीं होता है।
2. यह कोशिकाओं की असमान वृद्धि के कारण होती है। स्फीति गति कोशिकाओं की स्फीति गति में परि वर्तन आने के कारण होती है।
3. वृद्धि गति अनुत्क्रमणीय होती है। स्फीति गति उत्क्रमणीय होती है।

प्रश्न 14.
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर कीजिए।
उत्तर-
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर

अनुवर्तनी गति(Tropic Movement) अनुचलन गति (Tactic Movement)
1. इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण करता है। इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण नहीं करता है।
2. यह स्थिर पौधों द्वारा प्रदर्शित वक्रता गति होती है। अतः यह अनुवर्तन गति होती है। इसमें सम्पूर्ण पादप या उसके किसी भाग में स्थान परिवर्तन होता है, अत: यह अनुचलन गति है।
3. उद्दीपन के आधार पर अनुवर्तनी गति अनेक प्रकार की हो सकती है। जैसे-प्रकाशानुवर्तन, गुरुत्वानुवर्तन, रसायना नुवर्तन आदि। उद्दीपन के आधार पर अनुचलन गति भी अनेक प्रकार की होती है। जैसे-प्रकाशानुचलन, ताप अनुचलन आदि।

प्रश्न 15.
बीजांकुरण में जड़ें सदैव भूमि की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। क्यों ? प्रयोग द्वारा समझाइए। (मा. शि. बो. 2012)
उत्तर-
बीजांकुरण में जड़ों का भूमि की ओर जाना धनात्मक गुरुत्वानुवर्तन तथा प्ररोह का ऊपर की ओर वृद्धि करना धनात्मक प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्रयोग-बुरादे या रेत में कुछ बीजों को अंकुरित कराते हैं। इनमें प्ररोह ऊपर की ओर तथा जड़ें नीचे की ओर वृद्धि करती हैं। यदि गमले को क्षैतिज लिटा दिया जाए तो भी जड़ें नीचे की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 4

प्रश्न 16.
शीर्ष प्रमुखता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
शीर्ष प्रमुखता (Apical Dominance)-यह ऑक्सिन नामक पादप हॉर्मोन्स का एक प्रमुख गुण है। ऑक्सिन प्ररोह शीर्ष में स्रावित होता है। इसके प्रभाव से प्ररोह पर स्थित कक्षस्थ कलिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और पौधों में शीर्ष वृद्धि अधिक होती है। यदि पौधे के शीर्ष भाग को काट दिया जाए तो इनमें उपस्थित ऑक्सिन हट जाता है और पार्श्व कलिकाएँ वृद्धि करने लगती हैं। इसे शीर्ष प्रमुखता कहते हैं। इसीलिए माली हेज लगाने के लिए शीर्ष कलिकाओं को काट देते हैं।

प्रश्न 17.
अनिषेक फलन क्या है ? इसमें ऑक्सिन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
अनिषेक फलन (Parynenocarpy)-बीज रहित फलों का निर्माण होना अनिषेक फलन कहलाता है। अनिषेक फलन ऑक्सिन द्वारा कृत्रिम रूप से प्रेरित किया जा सकता है। यदि अनिषेचित वर्तिकान पर निश्चित सान्द्रता वाले ऑक्सिन घोल का लेपन करके इसे परागण होने से रोक दिया जाता है तो ऐसा करने से फल का निर्माण तो होता है लेकिन इनमें बीजों का निर्माण नहीं होता है।

प्रश्न 18.
अपृतनाशन में ऑक्सिन की भूमिका लिखिए।
उत्तर-
फसल से अवांछनीय पौधों का उन्मूलन करना अपृतनाशन कहलाता है। कुछ ऑक्सिन्स जैसे-2-4-D, 2-4, 5T आदि का छिड़काव करने से कुछ द्विबीजपत्री पौधे (चौड़ी पत्ती । वाले) नष्ट हो जाते हैं। इनके छिड़कने से एकबीजपत्री पौधे,जैसे-गेहूँ, जौ, आदि पर कोई खास प्रभाव नहीं होता है।

प्रश्न 19.
हमारे शरीर में हॉर्मोन्स का महत्त्व बताइए।
उत्तर-
हॉर्मोन्स हमारे शरीर में वृद्धि, परिवर्धन, परिपक्वन एवं जनन की बहुत-सी क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं। ये विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं की दर तथा उनकी लयात्मक विविधताओं का एवं ऊर्जा व्यय का नियमन भी करते हैं। हॉर्मोन्स तंत्रिका तंत्र की क्रियाविधि का भी नियमन करते हैं। किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व और उसका आचरण मुख्यतः अन्तःस्रावी ग्रन्थियों पर ही निर्भर होता है।

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प्रश्न 20.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) सरल गलगंड,
(ii) अवटुवामनता,
(iii) मिक्सिडिया।
उत्तर-
(i) सरल गलगंड-यह आहार में आयोडीन की कमी के कारण होता है। इसकी कमी से थायरॉक्सिन के निर्माण में कमी हो जाती है, जिससे थायरॉइड ग्रन्थि फूल जाती है और गर्दन सूजी हुई दिखाई देती है।
(ii) अवटुवामनता-इसमें बालकों में वृद्धि कम होती है। बालक बौना तथा मन्द बुद्धि रह जाता है। यह थायरॉक्सिन के अल्प स्त्रावण से होता है।
(iii) मिक्सिडिया-थायरॉक्सिन के अल्प स्रावण से यह रोग वयस्कों में होता है। इससे हाथ-पैरों में सूजन हो जाती है।

प्रश्न 21.
पीयूष ग्रन्थि से स्रावित होने वाले चार हॉर्मोन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • वृद्धि हॉर्मोन (Growth hormone),
  • थायरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन (Thyroid stimulating hormone),
  • एड्रीनो कोर्टिकोट्रोपिक हॉर्मोन (Adreno cortico tropic hormone),
  • गोनेडो उद्दीपक हॉर्मोन (Gonado stimulating hormone)।

प्रश्न 22.
कोई गिलहरी आतंक की परिस्थिति में है। वह अपने शरीर को लड़ने के लिए अथवा वहाँ से भागने के लिए तैयार करती है। उसके शरीर में तत्काल होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए जिससे कि वह गिलहरी लड़ अथवा भाग सके। (CBSE 2020)
उत्तर-
ऐसे समय में गिलहरी की अधिवृक्क ग्रन्थि द्वारा एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है और फिर शरीर के सभी भागों में पहुँच जाता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन और श्वसन दर बढ़ जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर, गिलहरी के शरीर को इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।
अथवा
बहुकोशिकीय जीवों की कोशिकाओं के बीच संचार के साधन के रूप में विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर क्यों होता है? (CBSE 2020)
उत्तर-
विद्युत आवेग तंत्रिकाओं द्वारा अंगों तक जाता है इसलिए जीव के किसी अंग की सभी कोशिकाओं तक जल्दी से इसका संचार नहीं हो पाता, जबकि रासायनिक संचरण में हॉर्मोन का प्रवाह, रक्त परिवहन द्वारा होता है। ये हॉर्मोन किसी अंग की कोशिकाओं को कार्य करने के लिए जल्दी से प्रेरित करते हैं तथा रक्त परिसंचरण द्वारा उस अंग तक पहुँच भी जल्दी जाते हैं। इसलिए विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर माना जाता है।

प्रश्न 23.
पादप हॉर्मोन क्या होते हैं? निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी हॉर्मोन के नाम लिखिए।
(i) तने की वृद्धि में सहायक
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करना
(iii) वृद्धि का संदमन
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक (CBSE 2019)
उत्तर-
पादप हॉर्मोन-यह एक प्रकार के रसायन होते हैं जो पौधे के विकास एवं वृद्धि की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
(i) तने की वृद्धि में सहायक-जिबरेलिन हॉर्मोन।
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करनासाइटोकाइनिन हॉर्मोन।
(iii) वृद्धि का संदमन-एब्सिसिक अम्ल (ABA) हॉर्मोन।
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक- ऑक्सि हॉर्मोन।

प्रश्न 24.
अग्नाशय ग्रन्थि से स्रावित होने वाले हॉर्मोन का नाम तथा कार्य लिखिए। इसकी कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
अग्नाशय ग्रंथि से स्रावित होने वाले हॉर्मोनइन्सुलिन का कार्य रक्त में शर्करा का स्तर कम रखना होता है। इसकी कमी से मधुमेह नाम की बीमारी होती है।

प्रश्न 25.
अण्डाशय तथा वृषण से स्रावित हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. अण्डाशय से स्रावित हार्मोन-एस्ट्रोजन्स (Estrogens)। कार्य-ये जननांगों (गर्भाशय, योनि, स्तन आदि) के विकास को प्रेरित करते हैं। इनके कारण द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास होता है। यह रजोधर्म को प्रारम्भ करता है।
  2. वृषण से स्रावित हॉर्मोन-एण्ड्रोजन्स (Androgens)। कार्य-ये लैंगिक परिपक्वता, जननांगों के विकास, द्वितीयक लैंगिक लक्षण आदि के विकास में सहायक हैं। पुरुषों की भारी आवाज, अधिक मजबूत शरीर, दाढ़ी, मूंछ आदि इसी के प्रभाव से विकसित होते हैं।

प्रश्न 26.
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन का स्त्रावण किस ग्रन्थि से होता है ? इसके कार्य लिखिए।
उत्तर-
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन हॉर्मोन्स अधिवृक्क ग्रन्थि के मैडुला भाग से स्रावित होते हैं।

  • एडीनलीन या एपीनेफ्रीन प्रमुख हॉर्मोन है। यह ग्लाइकोजेनोलाइसिस तथा वसा के विघटन को प्रेरित करता है। यह हृदय स्पंदन दर, श्वास दर, ग्लूकोज की खपत एवं उपापचय दर को बढ़ाता है। यह संकट की अवस्था में शरीर को उग्र प्रतिक्रिया के लिए तैयार करता है।
  • नॉर-एड्रीनलीन या नॉर-एपीनेफ्रीन अल्प मात्रा में स्रावित होता है। यह रुधिर दाब बढ़ाता है तथा हृदय की संकुचनशीलता को नियन्त्रित करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया को उपयुक्त उदाहरण द्वारा समझाइए।(RBSE 2010, CBSE 2017)
उत्तर-
“बहुत सी क्रियाएँ बाह्य उद्दीपनों के कारण अनुक्रिया (response) के रूप में घटित होती हैं, इन्हें प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहते हैं।” काँटा चुभते ही पैर को झटके से ऊपर खींचना, गर्म वस्तु छू जाने पर हाथ खींचना, तीव्र प्रकाश में आँख की पुतली का सिकुड़ना, खाँसना, छींकना, पलक झपकना आदि प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण हैं।

प्रतिवर्ती क्रियाएँ रीढ़ रज्जु से नियन्त्रित होती हैं। मस्तिष्क को निकाल देने पर ये कुछ समय के लिए चलती रहती हैं। अतः प्रतिवर्ती क्रिया किसी उद्दीपन के प्रति अंग या अंगों के तंत्र द्वारा तीव्र गति से की जाने वाली स्वचालित अनुक्रिया है। __रीढ़ रज्जु से रीढ़ तंत्रिकाएँ निकलती हैं। प्रत्येक रीढ़ तंत्रिका पृष्ठ मूल तथा अधर मूल से मिलकर बनती है। पृष्ठ मूल में संवेदी तन्तु तथा अधर मूल में चालक तन्तु होते हैं। संवेदी अंग उद्दीपन को ग्रहण कर संवेदी तन्तुओं द्वारा रीढ़ रज्जु तक पहँचाते हैं, इसके फलस्वरूप रीढ़ रज्ज से अनक्रिया के लिए आवेश चालक तन्तओं द्वारा सम्बन्धित माँसपेशियों को मिलता है और अंग अनुक्रिया करता है।

इस प्रकार संवेदी अंगों से, संवेदनाओं को