Class 10

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 5 जैव प्रक्रम

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very ShortAnswer Type Questions)

प्रश्न 1.
किन्हीं दो एककोशिक जीवों के नाम लिखिए। (मा.शि.बोर्ड 2012)
उत्तर-अमीबा, पैरामीशियम।

प्रश्न 2. पोषण क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा के स्रोत को भोजन के रूप में शरीर के अन्दर लेना पोषण, कहलाता है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी पर ऊर्जा का अन्तिम स्रोत क्या है ?
उत्तर-
सूर्य।

प्रश्न 4.
कवक अपना भोजन कहाँ से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
सड़े-गले मृत कार्बनिक पदार्थों से।

प्रश्न 5.
श्वसन क्रिया में उत्पन्न ऊर्जा किस रूप में संचित होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 6.
अमीबा में किस प्रकार का पाचन होता है ?
उत्तर-
अमीबा में अन्त:कोशिकीय पाचन होता है।

प्रश्न 7.
मनुष्य के पाचन का प्रकार क्या है ?
उत्तर-
मनुष्य में पाचन बाह्य कोशिकीयं प्रकार का होता है।

प्रश्न 8.
प्रकाश-संश्लेषी जीवाणु में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है?
उत्तर-
स्वपोषी।

प्रश्न 9.
परजीवी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे जीव जो भोजन दूसरे जीवों से प्राप्त करते हैं किन्तु उन्हें मारते नहीं है।

प्रश्न 10.
हमारे शरीर में CO2, का परिवहन किसके द्वारा होता है?
उत्तर-
रुधिर द्वारा बाइकार्बोनेट के रूप में।

प्रश्न 11.
मनुष्य के दो अन्तःपरजीवियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
फीताकृमि तथा प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी)।

प्रश्न 12.
पित्त रस का निर्माण कहाँ होता है तथा यह कहाँ एकत्र होता है ?
उत्तर-
पित्त रस का निर्माण यकृत में होता है तथा यह पित्ताशय में एकत्र होता है।

प्रश्न 13.
माँ के रुधिर से भ्रूण को पोषण प्रदान करने वाली संरचना का नाम लिखिए। राज. 2015]
उत्तर-
अपरा (Placenta)।

प्रश्न 14.
रुधिर प्लाज्मा किसका वहन करता है?
उत्तर-
प्लाज्मा, भोजन, CO2, तथा नाइट्रोजनी वर्ण्य पदार्थों का विलीन रूप में वहन करता है।

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प्रश्न 15.
रसारोहण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पौधों में जड़ों द्वारा अवशोषित जल व खनिजों का ऊपर की ओर चढ़ना रसारोहण कहलाता है।

प्रश्न 16.
वृक्क के अतिरिक्त मनुष्य में अन्य उत्सर्जी अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • यकृत,
  • त्वचा,
  • फेफड़े।

प्रश्न 17.
मछली, मच्छर, केंचुआ तथा कुत्ते के श्वसनांगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मछली-क्लोम, मच्छर-श्वास नलिका, केंचुआ-त्वचा, कुत्ता-फेफड़े।

प्रश्न 18.
वाष्पोत्सर्जन क्या है ?
उत्तर-
पौधे के वायवीय भागों से जल का जलवाष्प के रूप में उड़ना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है।

प्रश्न 19.
रन्धों के दो कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. रन्ध्रों के द्वारा गैसों का विनिमय होता है।
  2. रन्ध्रों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होता है।

प्रश्न 20.
मनुष्य का रुधिर लाल क्यों दिखाई देता
उत्तर-
मनुष्य का रुधिर हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण लाल दिखाई देता है।

प्रश्न 21.
पौधों की पत्तियाँ हरी क्यों दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
पर्णहरित की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 22.
जठर ग्रन्थियाँ कहाँ पायी जाती हैं ?
उत्तर-
आमाशय में।

प्रश्न 23.
पेसमेकर यन्त्र का कार्य लिखिए।
उत्तर-
हृदय गति के असामान्य हो जाने पर पेसमेकर हृदय स्पंदन को नियमित करता है।

प्रश्न 24.
उत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उपापचय के फलस्वरूप बने नाइट्रोजनी वर्म्य पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाना उत्सर्जन कहलाता है।

प्रश्न 25.
केशिका गुच्छ कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर-
बोमैन सम्पुट (Bowman’s capsule) में।

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प्रश्न 26.
रन्ध्र कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर-
कोमल तनों एवं पत्तियों पर।

प्रश्न 27.
पौधे के संवहन बण्डल में कौन-से ऊतक पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जाइलम तथा फ्लोएम।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सजीवों के चार लक्षण लिखिए।
उत्तर-

  1. सजीव गति करते हैं।
  2. इनमें श्वसन होता है।
  3. ये पोषण एवं पाचन करते हैं।
  4. इनमें वृद्धि होती है।

प्रश्न 2.
पोषण, गैस-विनिमय तथा उत्सर्जन के सन्दर्भ में एक कोशिकीय जीविता क्यों उत्तम है ? ..
उत्तर-
किसी भी एक कोशिकीय जीव की पूरी सतह पर्यावरण के सम्पर्क में रहती है अतः इन्हें भोजन ग्रहण करने के लिए, गैसों का आदान-प्रदान करने के लिए या वयं पदार्थों के निष्कासन के लिए किसी विशेष अंग की आवश्यकता नहीं होती है। अतः इनमें ऊर्जा का व्यय भी कम होता है।

प्रश्न 3.
पोषण किसे कहते हैं ? विभिन्न प्रकार की पोषण विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पोषण-जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा के स्रोत को भोजन के रूप में शरीर के अन्दर लेना पोषण कहलाता है।
पोषण के प्रकार –
I. स्वपोषी पोषण
II. विषमपोषी पोषण
1. मृतोपजीवी पोषण
2. प्राणी समभोजी पोषण
3. परजीवी पोषण
4. सहजीवी पोषण
5. परभक्षी पोषण।

प्रश्न 4.
परपोषी जीव किस प्रकार स्वपोषी जीवों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर-
स्वपोषी (Autotrophic) जीव अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। इसका कुछ भाग तो पौधों द्वारा स्वयं उपयोग कर लिया जाता है और शेष भाग संचित कर लिया जाता है। विषमपोषी अपना भोजन स्वयं तैयार नहीं करते हैं और स्वपोषियों द्वारा संचित भोजन को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 5.
पोषण सभी जीवों के लिए आवश्यक है। क्यों?
अथवा
जीव को भोजन की क्यों आवश्यकता होती हैं?
उत्तर-
सभी जीवों को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। प्रोटीन शरीर की टूट-फूट की मरम्मत के लिए आवश्यक होती है। यह उचित वृद्धि और परिवर्धन के लिए भी आवश्यक है। इसीलिए सभी जीवों के लिए भोजन आवश्यक है।

प्रश्न 6.
भोजन के पाचन में पित्त रस की क्या भूमिका
अथवा
पित्त रस भोजन को पचाने में किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर-
पित्त रस का स्रावण यकृत से होता है। यह निम्न प्रकार भोजन को पचाने में सहायक है-

  • यह आंत्र में भोजन की अम्लीयता को समाप्त करके माध्यम को क्षारीय बनाता है जिससे कि आंत्र में एन्जाइम भोजन का पाचन कर सके।
  • यह वसा अणुओं को छोटी-छोटी ग्लोब्यूल, में तोड़ देता है जिससे वसाओं का पाचन सुगम हो जाता है।

प्रश्न 7.
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम में होने वाली मुख्य तीन घटनाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (मा. शि. बोर्ड. राज. 2012)
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम के दौरान निम्नलिखित घटनाएँ होती हैं-
1. क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना-यह प्रक्रिया क्लोरोप्लास्ट के ग्रेना भाग में होती है। ग्रेना में उपस्थित क्लोरोफिल अणु प्रकाश ऊर्जा अवशोषित करके इलेक्ट्रॉन निष्कासित करते हैं।

2. प्रकाश द्वारा जल के अणुओं का प्रकाशीय अपघटन होता है जिससे ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन आयन बनते हैं। ऑक्सीजन वायुमण्डल में चली जाती है।

3. उपरोक्त दोनों क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न इलेक्ट्रॉन तथा हाइड्रोजन आयनों से परिपाचन पदार्थ का निर्माण होता है जो क्लोरोप्लास्ट के स्ट्रोमा भाग में कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन कर देता है।

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प्रश्न 8.
पत्ती की अनुप्रस्थ काट के आरेख में उन कोशिकाओं को प्रदर्शित कीजिए जिनमें क्लोरोफिल पाया जाता है ?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 1

प्रश्न 9.
अमीबा में पोषण की विधि लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
एक कोशिकीय जीव होने के कारण अमीबा में भोजन कोशिका की सम्पूर्ण सतह से ग्रहण किया जाता है। यह सूक्ष्म कीटों तथा डायटम्स को खाता है। जल में तैरते हुए भोज्य कण जब अमीबा के सम्पर्क में आते हैं तो अमीबा में पादाभ उत्पन्न हो जाते हैं। ये पादाभ भोजन कण को चारों ओर से घेर लेते हैं और एक रिक्तिका बना लेते हैं जिसे खाद्यधानी कहते हैं। खाद्यधानी में भोजन कणों का पाचन कर लिया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 2

प्रश्न 10.
यकृत के कार्य लिखिए।
उत्तर-
यकृत के निम्नलिखित कार्य हैं-

  1. यकृत पित्त रस का स्रावण करता है, जो आमाशय से आये भोजन को क्षारीय बनाता है, वसा के इमल्सीकरण में सहायक होता है, भोजन को सड़ने से रोकता है एवं आहार नाल में क्रमाकुंचन गति को उद्दीपित करता है।
  2. यकृत ग्लाइकोजन के रूप में भोजन का संचय करता है।
  3. यकृत में ग्लूकोजिनोलाइसिस की क्रिया होती है जिसमें आवश्यकता पड़ने पर ग्लाइकोजन से ग्लूकोज बनता है।
  4. यकृत में ग्लाइकोनियोजेनेसिस की क्रिया होती है जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अमीनो एवं वसीय अम्लों से ग्लूकोज का निर्माण होता है।
  5. यकृत वसा एवं विटामिन्स का संचय करता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित को किस रूप में संग्रहित किया जाता है?
(i) पौधों में अनुपयोगी कार्बोहाइड्रेट
(ii) मनुष्यों में भोजन से उत्पन्न ऊर्जा। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) पौधों में अनुपयोगी कार्बोहाइड्रेट मंड के रूप में संग्रहित रहता है।
(ii) मनुष्यों में भोजन से प्राप्त ऊर्जा ATP या ADP के रूप में संग्रहित रहती है।

प्रश्न 12.
तालिका के रूप में स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण के बीच तीन विभेदनकारी अभिलक्षणों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-

स्वपोषी पोषण विषमपोषी पोषण
(i) भोजन प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्वयं बनाया जाता है। भोजन स्वयं न बनाकर दूसरे जीवों से प्राप्त किया जाता है।
(ii) प्रायः क्लोरोफिल वाले हिस्से में होता है-हरे पौधे एवं शैवाल। क्लोरोफिल का अभाव प्रायः कवक, जन्तुओं एवं कुछ जीवाणुओं में।
(iii) सौर ऊर्जा को रासा यनिक ऊर्जा (भोजन) में बदलते हैं। रासायनिक ऊजां का भोजन के रूप में उपभोग करते हैं।
(iv) भोजन स्टार्च के रूप में संचित होता है। भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित होता है।

प्रश्न 13.
“जैव-विकास तथा जीवों का वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।” इस कथन की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
जैव विकास से अभिप्राय, क्रमिक परिवर्तनों द्वारा प्रारम्भिक निम्न कोटि के सरल जीवों से जटिल जीवों की उत्पत्ति है। वर्गीकरण में इन्हीं जीवों को समानता तथा विभिन्नता के आधार पर समूहों और उपसमूहों में रखा जाता है। दो जीवों (प्रजातियों) में जितनी अधिक समानतायें पायी जाती हैं, वह उतनी ही एक-दूसरे से सम्बन्धित होती हैं। अतः वर्गीकरण की सहायता से दो जीवों के बीच में सम्बन्ध पता किया जा सकता है। अतः जैव विकास और वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।

प्रश्न 14.
जैव-विकास क्या है? इसे प्रगति के समान नहीं माना जा सकता। एक उपयुक्त उदाहरण की सहायता से व्याख्या कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
प्रारम्भिक निम्न कोटि के सरल जीवों से क्रमिक परिवर्तनों द्वारा उच्च कोटि एवं जटिल जीवों की उत्पत्ति को जैव-विकास कहते हैं। जैव-विकास को प्रगति के समान नहीं माना जा सकता, क्योंकि जैव-विकास से सरल जीवों से जटिल जीवों की उत्पत्ति/उद्भव होती है परन्तु सरलतम जीव भी जटिल जीवों के साथ अस्तित्व में रहते हैं। उदाहरण के लिए, मानव का विकास चिंपैंजी से नहीं हुआ है, परन्तु दोनों के ही पूर्वज समान थे।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 15.
निश्वसन तथा उच्छवसन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
निश्वसन-वह प्रक्रिया जिसमें वातावरण से वायु अन्दर खींची जाती है, निश्वसन कहलाती है। उच्छवसन-वह प्रक्रिया जिसमें फेफड़ों से वायु बाहर निकाली जाती है, उच्छवसन कहलाती है।

प्रश्न 16.
किसी कीट की प्रत्येक कोशिका में वायु कैसे प्रवेश करती है?
अथवा
कीट किस प्रकार श्वसन करते हैं?
उत्तर-
कीटों में श्वसन वायु नलिकाओं द्वारा होता है जिन्हें देकिया (Trachea) कहते हैं। ट्रेकिया वायु को सीधे ही कोशिकाओं तक पहुँचाती है। वातावरण से वायु ट्रेकिओल्स में प्रवेश करती है जहाँ से यह कोशिकाओं और ऊतकों में पहुँचती है।

प्रश्न 17.
पौधों में श्वसन क्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर-
पौधों में ऑक्सी तथा अनॉक्सी दोनों प्रकार का श्वसन पायो जाता है। ऑक्सी श्वसन वायु की उपस्थिति में होता है। इसमें रन्ध्रों द्वारा ऑक्सीजनयुक्त वायु उपरन्ध्रीय गुहा में प्रवेश करती है तथा CO2, युक्त वायु बाहर निकलती है। यह प्रक्रिया पौधों में लगातार होती रहती है जिसमें गैसीय विनिमय दो चरणों में होता है-

  • श्वसनी कोशिकाओं तथा अन्त:कोशिकीय वायु के बीच गैसों का विनिमय।
  • वातावरणीय वायु तथा अन्त:कोशिकीय वायु में विनिमय।

प्रश्न 18.
वातरन्ध्र क्या हैं ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर-
वातरन्ध्र (Lenticels)-वातरन्ध्र पौधों के तनों में पाये जाने वाले सूक्ष्म छिद्र हैं जो बाह्य त्वचा के फटने पर बनते हैं और गैसों का विनिमय करते हैं। वातरन्ध्रों के निर्माण के समय कॉर्क कैम्बियम बाहर की ओर कॉर्क न बनाकर पतली भित्ति वाली मृदुतकीय कोशिकाओं को बनाता है जिन्हें पूरक कोशिकाएँ कहते हैं। इन पूरक कोशिकाओं के निर्माण के कारण बाह्य त्वचा टूट जाती है, और वातरन्ध्र बन जाते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 3

प्रश्न 19.
मनुष्य में श्वास लेने की क्रियाविधि के दो आधारों को समझाइए।
उत्तर-
मनुष्य में श्वासोच्छ्वास की क्रिया दो चरणों में पूर्ण होती है-
1. निश्वसन (Inspiration)-वायुमण्डलीय वायु को खींचकर पंकड़ों में भरने की क्रिया निश्वसन कहलाती है। इस क्रिया के लिए मस्तिष्क के श्वसन केन्द्र से उद्दीपन प्राप्त होता है। इसके कारण बाह्य इंटरकास्टल पेशियाँ संकुचित होती हैं जिससे पसलियाँ बाहर की ओर झुक जाती हैं। इसी समय डायफ्राम की अरीय पेशियाँ संकुचित तथा उदर पेशियाँ शिथिल हो जाती हैं, जिससे वक्षीय गुहा का आयतन बढ़ जाता है। इसके साथ ही फेफड़े का आयतन भी बढ़ जाता है, फलस्वरूप श्वास मार्ग से होती हुई वायु फेफड़ों में भर जाती है।

2.निःश्वसन (Expiration)-फेफड़ों की वायु का बाहर निकाला जाना नि:श्वसनं कहलाता है। मस्तिष्क के श्वसन केन्द्र से उद्दीपन प्राप्त होने पर अन्तः इंटरकास्टल पेशियाँ, संकुचित डायफ्राम की पेशियाँ शिथिल तथा उदर गुहा की पेशियाँ संकुचित होती हैं, फलस्वरूप वक्षीय गुहा के साथ फेफड़ों का आयतन कम हो जाता है। अतः फेफड़ों की वायु श्वसन मार्ग से होती हुई बाहर निकल जाती है।

प्रश्न 20.
निश्वसन तथा निःश्वसन में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
निश्वसन एवं निःश्वसन में अन्तर-

निश्वसन (Inspiration) निःश्वसन (Expiration)
1. इसमें ऑक्सीजन युक्त वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है। 1. इसमें CO2 युक्त वायु फेफड़ों से बाहर निकलती है।
2. इसमें बाह्य अन्तरापर्युक पेशियों तथा डायफ्राम की अरीय पेशियों में संकुचन होता है। 2. इसमें अन्तः अन्तरापर्शक पेशियों तथा अरीय पेशियों में संकुचन होता है।
3. इसमें डायफ्राम चपटा तथा स्टर्नम नीचे की ओर झुक जाता है। 3. इसमें डायफ्राम गुम्बद नुमा तथा स्टर्नम ऊपर खिसक जाता है।
4. इसमें पसलियाँ बाहर और आगे की ओर खिसकती है। 4. इसमें पसलियाँ भीतर और पीछे की ओर खिसकती है।
5. इसमें प्लूरल गुहाओं का आयतन बढ़ जाता है। 5. इसमें प्लूरल गुहाओं का आयतन कम हो जाता है।

प्रश्न 21.
कठिन व्यायाम का श्वसन दर पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्यों ?
उत्तर-
सामान्य अवस्था में मनुष्य की श्वास दर (Breathing rate) 15-18 प्रति मिनट होती है। कठिन परिश्रम या व्यायाम के बाद यह दर बढ़कर 20-25 प्रति मिनट हो जाती है। इसका कारण है कि व्यायाम के समय अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अत्यधिक ऊर्जा प्राप्ति के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसीलिए कठोर व्यायाम के बाद श्वास दर बढ़ जाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 22.
प्रकाश संश्लेषण तथा श्वसन में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण तथा श्वसन में अन्तर-

प्रकाश संश्लेषण(Photosynthesis) श्वसन  (Respiration)
1. यह एक सृजनात्मक क्रिया है। 1. यह एक विघटनात्मक क्रिया है।
2. यह क्लोरोफिल युक्त पादप कोशिकाओं में होती है। 2. यह सभी जीवित भागों में होती है।
3. यह क्रिया सूर्य के प्रकाश पर निर्भर है। 3. इसमें प्रकाश की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं होता।
4. इसमें CO2 ग्रहण की जाती है तथा O2 निकलती 4. इसमें O2 ग्रहण की जाती है तथा CO2 निकलती
5. इसमें ऊर्जा अवशोषित की होती है। 5. इसमें ऊर्जा उत्सर्जित जाती है।
6. इस क्रिया में शुष्क भार में वद्धि होती है। 6. इस क्रिया में शुष्क भार में कमी होती है।

प्रश्न 23.
पौधों में परिसंचरण के सम्बन्ध में वहन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पत्तियों द्वारा बनाए गए भोजन को पौधे के विभिन्न भागों में पहुँचाने की प्रक्रिया को वहन कहते हैं। यह परिसंचरण की भाँति ही आवश्यक है क्योंकि पौधे के प्रत्येक भाग को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसे पौधे इस भोजन से प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 24.
मनुष्य के फेफड़ों का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 4

प्रश्न 25.
धमनी एवं शिरा में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
धमनी एवं शिरा में अन्तर-

धमनी (Arteries) शिरा (Veins)
1. ये मोटी और लचीली दीवार वाली नलिकाएँ हैं। 1. ये पतली और दृढ़ दीवार वाली संकरी नलिकाएँ हैं।
2. ये शुद्ध रुधिर को हृदय से शरीर में विभिन्न अंगों में पहुँचाती हैं (पल्मोनरी धमनी को छोड़कर)। 2. ये अशुद्ध रुधिर को शरीर के अंगों से हृदय में लाती हैं (पल्मोनरी शिरा को छोड़कर)।
3. इनमें वाल्व अनुपस्थित होते हैं। 3. वाल्व उपस्थित होते हैं।
4. इनमें रुधिर का बहाव तीव्र व झटके के साथ होता है। 4. इनमें रुधिर का बहाव सामान्य व धीरे-धीरे होता है।
5. ये अधिक गहराई में उपस्थित होती हैं। 5. ये माँस में कम गहराई पर स्थित होती हैं।

प्रश्न 26.
खुला परिसंचरण तथा बन्द परिसंचरण तन्त्र में अन्तर कीजिए। .
उत्तर-
खला परिसंचरण तथा बन्द परिसंचरण तन्त्र में अन्तर

खुला परिसंचरण बन्द परिसंचरण
1. इसमें रुधिर किसी प्रकार की वाहनियों में नहीं बहता है। 1. इसमें रुधिर महीन, लचीली धमनियों एवं शिराओं में बहता है।
2. इसमें रुधिर आंतरांगों के आस-पास पाया जाता है। 2. इसमें रुधिर हृदय से विभिन्न अंगों को पम्प किया जाता है।
3. इसमें किसी प्रकार का दाब उत्पन्न नहीं होता है। 3. इसमें रुधिर दाब उत्पन्न होता है।

प्रश्न 27.
शरीर में O2 तथा CO2 के परिवहन व्यवस्था का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य का हृदय अपने एक चक्र में रुधिर को दो बार पम्प करता है जिसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं। फेफड़ों में उपस्थित वायु कूपिकाओं से ऑक्सीजन लेकर फुफ्फुस महाशिरा हृदय में खुलती है। ऑक्सीजनयुक्त रुधिर हृदय से अब महाधमनी द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों को भेजा जाता है। शरीर के ऊतकों से CO2 युक्त रुधिर शिराओं से महाशिरा में आता है जो CO2 युक्त रुधिर को पुनः हृदय में लाती है। CO2 युक्त रुधिर अब हृदय फुफ्फुस धमनी द्वारा फेफड़ों में भेज देता है। फेफड़ों में जाकर CO2 वायु कूपिकाओं में चली जाती है जहाँ से CO2 वायु के साथ बाहर निकाल दी जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 5

प्रश्न 28.
रुधिर एवं लसीका में भेद कीजिए।
उत्तर-
रुधिर एवं लसीका में अन्तर-

रुधिर (Blood) लसीका (Lymph)
1. यह लाल रंग का होता है। 1. यह रंगहीन या हल्के पीले रंग का होता है।
2. इसमें रुधिर कणिकाएँ RBCs, WBCs तथा बिम्बाणु उपस्थित होती हैं। 2. इसमें कणिकाएँ अनुप स्थित होती हैं।
3. इसमें हीमोग्लोबिन होता है। 3. इसमें हीमोग्लोबिन नहीं होता है।
4. यह हृदय से अंगों तक तथा अंगों से हृदय तक बहता है। 4. यह केवल एक ही दिशा में बहता है अर्थात् ऊतकों से हृदय की ओर।
5. इसमें श्वसन वर्णक, ऑक्सीजन, CO2 एवं  वर्ण्य पदार्थ होते हैं। 5. इसमें अल्प मात्रा में प्रोटीन होते हैं।

प्रश्न 29.
फ्लोएम में भोजन का संवहन किस प्रकार होता है? फ्लोएम ऊतक का चित्र खींचिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
फ्लोएम द्वारा पत्तियों में निर्मित खाद्य पदार्थों का पौधे के विभिन्न भागों को स्थानान्तरण होता है। फ्लोएम द्वारा खाद्य पदार्थों का स्थानान्तरण ATP की ऊर्जा का उपयोग करके होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 6
ऊर्जा द्वारा फ्लोएम का परासरण दाब बढ़ जाता है जिससे जल इसमें प्रवेश कर जाता है। यह दाब पदार्थों को फ्लोएम से उस ऊतक तक ले जाता है जहाँ दाब कम होता है। यह फ्लोएम को पादप की आवश्यकतानुसार पदार्थों का स्थानान्तरण करता है।

प्रश्न 30.
मानवों में वहन तंत्र के दो प्रकारों की सूची बनाइए तथा इनमें से किसी एक के कार्य लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
मानवों में वहन तंत्र के दो प्रकार –

  • रक्त परिवहन,
  • लसीका परिवहन तंत्र।

मनुष्य में दो वहन तंत्र के कार्य हैं-

  1. यह ऑक्सीजन, प्रोटीन्स, खनिज आदि को शरीर के – एक भाग से दूसरे भाग में पहुँचाता है।
  2. यह विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों को विभिन्न अंगों से मुख्य उत्सर्जी अंगों तक पहुँचाता है।

प्रश्न 31.
डायलिसिस क्या है ? नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
अपोहन या डायलिसिस (Dialysis)- यदि किसी लवण एवं मंड के विलयन को सैलोफेन की थैली में भरकर उसे आसवित जल में लटका दिया जाए तो लवण के आयन सैलोफेन से होते हुए आसवित जल में प्रवेश कर जाते हैं और स्टार्च थैली के अन्दर ही रह जाता है। यह प्रक्रिया डायलिसिस कहलाती है।

नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला इसीलिए कहा जाता है क्योंकि नेफ्रॉन की प्यालेकार संरचना बोमैन सम्पुट में उपस्थित केशिका गुच्छ की दीवारों से रुधिर छनता है।  रुधिर में उपस्थित प्रोटीन के अणु बड़े होने के कारण नहीं ) छन पाते जबकि ग्लूकोज एवं लवण अणु छोटे होने के कारण छन जाते हैं। इस प्रकार नेफ्रॉन डायलिसिस की थैली की 7 तरह कार्य करता है। वृक्कों के अनियमित कार्य करने पर डायलिसिस विधि द्वारा रोगी में वृक्क का कार्य कराया जाता है।

प्रश्न 32.
पौधों और जन्तुओं में वर्त्य पदार्थ क्या हैं?
अथवा
पौधों और जन्तुओं के उत्सर्जी पदार्थ बताइए।
उत्तर-
जन्तुओं में उत्सर्जी पदार्थ-CO2 पित्तवर्णक, नत्रजनी पदार्थ, अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल, लवण व जल। पौधों के उत्सर्जी पदार्थ-अमोनिया जो पत्तियों में एकत्र होती है, गोंद, रेजिन, घुलनशील वर्ण्य पदार्थ।

प्रश्न 33.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं? इसके दो कार्य लिखिए।
अथवा
(a) स्थानान्तरण किसे कहते हैं? पादपों के लिए यह क्यों आवश्यक है?
(b) स्थानान्तरण के फलस्वरूप पादपों में पदार्थ कहाँ पहुँचते हैं? (CBSE 2019)
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन एक जैव प्रक्रम है इसमें पानी की अत्यधिक मात्रा पौधों के वायवीय भाग (प्रायः पत्तियों की सतह पर अवस्थित रन्ध्र) द्वारा जल वाष्प में परिवर्तित होती है। इसके निम्नलिखित कार्य हैं-

  • जड़ों से पानी एवं खनिज को पत्तियों तक पहुँचाना (परिवहन में सहायक)।
  • पौधों को गर्मियों में ठंडा रखना, वातावरण को ठंडा करना।
  • पत्तियों द्वारा निर्मित कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज को पौधों के अन्य भागों में स्थानान्तरित करना।

अथवा
(a) स्थानान्तरण से अभिप्राय है, पौधे के सभी भागों में आवश्यक पदार्थों; जैसे-जल, खनिज, भोज्य पदार्थ, पादप हॉर्मोन की पूर्ति करना एवं वर्ण्य पदार्थों को इकट्ठा कर उन्हें पौधे से अलग करने में सहायता करना ताकि पौधे स्वस्थ एवं व्यवस्थित जीवन प्राप्त कर सकें।
(b) स्थानान्तरण के फलस्वरूप जल एवं खनिज जाइलम के रास्ते पौधों के ऊपरी भाग में एवं भोज्य पदार्थ फ्लोइम के द्वारा पौधों के विशिष्ट भाग, जड़/तना/पत्ती/बीज/फल में एकत्र होते हैं।

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प्रश्न 34.
मानव में परिसंचरण तंत्र के निम्नलिखित घटकों में से प्रत्येक का एक कार्य लिखिए-(CBSE 2016)
(a) रुधिर वाहिनियाँ,
(b) लिम्फ,
(c) हृदय
उत्तर-
(a) रुधिर वाहिनियाँ-ये पूरे शरीर में रक्त को लेकर जाती हैं।
(b) लिम्फ-इसकी लिम्फोसाइड कोशिकाएँ रोगोत्पादक पदार्थों, जीवाणुओं आदि को नष्ट करती हैं।
(c) हृदय-यह पूरे शरीर में रुधिर को पम्प करता है अर्थात् रुधिर का परिसंचरण करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रकाश-संश्लेषण क्या है? प्रकाश-संश्लेषण की क्रियाविधि का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
(नमूना प्रश्न-पत्र 2012) पौधे अपना भोजन कैसे बनाते हैं ? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis)प्रकाश-संश्लेषण वह प्रक्रिया है, जिसमें हरे पौधे क्लोरोफिल की सहायता से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में जल एवं CO2, द्वारा भोजन (ग्लूकोज) का निर्माण करते हैं।
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प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया दो प्रावस्थाओं में पूर्ण होती हैं-
प्रकाशिक अभिक्रिया (Light Dependent Reaction)-यह प्रकाश की उपस्थिति में तथा क्लोरोप्लास्ट के ग्रेना में होती है। इस अभिक्रिया में-
(i) सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके क्लोरोफिल अणु उत्तेजित होकर इलेक्ट्रॉन मुक्त करते हैं। ये इलेक्ट्रॉन विभिन्न पथों से होकर इलेक्ट्रॉनग्राही NADP तक पहुँचते हैं। इन पथों में कई स्थानों पर ATP का भी निर्माण होता है।
(ii) प्रकाश के द्वारा ही जल का प्रकाशिक अपघटन होता है जिससे यह हाइड्रोजन तथा हाइड्रॉक्सिल आयनों में टूट जाता है।
4H2O → H+ + 4OH

(iii) 4H+ तथा 4 इलेक्ट्रॉनों को NADP ग्रहण करके NADPH, बनाता है।
4H++ 4e + 2NADP → 2NADPH2

(iv) 4OH संघनित होकर पानी तथा ऑक्सीजन बनाते हैं।
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उपर्युक्त क्रिया में ऑक्सीजन वायु में मुक्त हो जाती है तथा इलेक्ट्रॉन क्लोरोफिल को पुनः उत्तेजित करने में काम आते हैं। इस प्रकार प्रकाशिक अभिक्रिया से ATP, NADPH2 तथा O2 बनते हैं।

B. अप्रकाशिक अभिक्रिया (Light Independent Reactions)-इस क्रिया में प्रकाश की उपस्थिति या अनुपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं होता है। यह क्रिया हरितलवक के ग्रेना में होती है। इसमें CO,, ATP तथा . NADPH, के संयोग से ग्लूकोज का निर्माण होता है।
6CO2 + 12ATP + 12NADPH2 → C6H12O6 + 12 ADP+ 12 NADP

प्रश्न 2.
(a) मानव उत्सर्जन तंत्र का निर्माण करने वाले अंगों के नाम लिखिए।
(b) मानव शरीर में मूत्र किस प्रकार बनता है, का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) मानव उत्सर्जन तंत्र का निर्माण करने वाले अंग हैं-एक जोड़ा वृक्क, एक मूत्रवाहिनी, एक मूत्राशय तथा एक मूत्रमार्ग।

(b) कार्यविधि (मूत्र बनने की क्रियाविधि)-वृक्काणु में स्थित कोशिक गुच्छ इस क्रिया का प्रारंभ करते हैं जो निम्नलिखित चरणों में होते हैं –

  • निस्यंदन या छानना-रक्त में उपस्थित नाइट्रोजनी वर्ण्य; जैसे-यूरिया और यूरिक अम्ल। कोशिका गुच्छ द्वारा छाना जाता है जो नलिका के आकार में छनकर जमा हो जातेहै।
  • चयनित पुनः अवशोषण-प्रारंभिक निस्यंदन के पश्चात् कुछ पदार्थ; जैसे-ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, लवण तथा प्रचुर मात्रा में जल, शेष रह जाते हैं। जैसे-जैसे ये पदार्थ मूत्र के साथ इस नलिका में प्रवाहित होते हैं, इन पदार्थों का चयनित पुनः अवशोषण होता है। जल की मात्रा आवश्यकतानुसार ही अवशोषित होती है। प्रत्येक वृक्क में बनने वाला मूत्र एक लंबी नलिका, मूत्रवाहिनी (Ureter) में प्रवेश करता है। जो वृक्क को मूत्राशय से जोड़ती है। मूत्राशय (Urinary Bladder) में मूत्र मूत्रवाहिनी द्वारा एकत्र होता है।

प्रश्न 3.
कारण दीजिए
(a) अलिंद की तुलना में निलय की पेशीय भित्तियाँ मोटी होती हैं।
(b) पौधों में परिवहन निकाय धीमा होता है।
(c) जलीय कशेरुकियों में रुधिर परिसंचरण स्थलीय कशेरुकियों में रुधिर परिसंचरण से भिन्न होता है।
(d) दिन में जाइलम में जल और खनिजों की गति रात्रि की तुलना में अधिक होती है।
(e) शिराओं में वाल्व होते हैं जबकि धमनियों में नहीं होते। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) अलिंद की तुलना में निलय की पेशीय भित्तियाँ मोटी होती हैं क्योंकि निलय संपूर्ण शरीर में रुधिर भेजता है, जबकि अलिंद विभिन्न अंगों से आए रक्त को ग्रहण करता है। के कारण अलिंद में रक्त दाब कम होता है।

(b) पौधों में परिवहन वाष्पोत्सर्जन पर निर्भर करता है और वाष्पोत्सर्जन क्रिया दिन में तेजी से होती है क्योंकि जब रंध्र खुले होते हैं तब वाष्पोत्सर्जन कर्षण, जाइलम में जल की गति के लिए मुख्य प्रेरक बल होता है।

(c) स्थलीय कशेरुकियों में ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इनमें दोहरा परिसंचरण होता है जबकि जलीय कशेरुकियों के हृदय में केवल दो चेंबर होते हैं और एक चक्र में एक बार ही रक्त हृदय में जाता है अर्थात् इकहरा परिसंचरण होता है क्योंकि इनमें उच्च ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

(d) दिन में जाइलम में जल और खनिजों की गति रात्रि की तुलना में अधिक होती है क्योंकि दिन में रंध्र खुले होते हैं और वाष्पोत्सर्जन कर्षण, जाइलम में जल की गति के लिए मुख्य प्रेरक बल होता है।

(e) शिराओं में वाल्व होते हैं जो यह सुनिश्चित करता है कि, अलिंद में संकुचन के समय रक्त उल्टी दिशा में न प्रवाहित हो जाए।

प्रश्न 4.
(a) जलीय जीवों और स्थलीय जीवों की साँस लेने की दरों में अंतर क्यों होता है? व्याख्या कीजिए।
(b) मानव श्वसन-तंत्र का आरेख खींचिए और उस पर ग्रसनी, श्वासनली, फुफ्फुस, डायाफ्राम तथा कूपिका कोश का नामांकन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) जलीय जीवों में श्वास दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा द्रत गति से होती है। जलीय जीव श्वसन हेतु जल में विलेय ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में विलेय ऑक्सीजन की मात्रा सीमित होती है। स्थलीय जीव वायु से लेते हैं, जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा काफी अधिक होती है। ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु जलीय जीव की तुलना में स्थलीय को लाभ होता है क्योंकि वह ऑक्सीजन वायु द्वारा घिरा होता है जिससे वह किसी भी मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण कर सकता है।

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प्रश्न 5.
रन्ध्र क्या हैं ? इनके खुलने तथा बन्द होने की क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रन्ध्र (Stomata)-रन्ध्र विशेष प्रकार के छिद्र हैं जो दो वृक्काकार रक्षक कोशिकाओं (guard cells) से घिरे होते हैं। रन्ध्र मुख्यतः पत्तियों पर तथा कुछ कोमल तनों पर भी उपस्थित होते हैं। रन्ध्रों से होकर जल वाष्प के रूप में उड़ता है। इस क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। रन्ध्रों का खुलना तथा बन्द होना रक्षक कोशिकाओं की क्रियाशीलता पर निर्भर करता है। प्रत्येक रक्षी कोशिका की बाह्य भित्ति पतली तथा भीतरी भित्ति मोटी होती है।

रक्षक कोशिका में हरितलवक उपस्थित होते हैं। दिन के समय सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में रक्षक कोशिकाओं में ग्लूकोज का निर्माण होता है तथा CO2 की कमी से कोशिकाओं का pH बढ़ता है, फलस्वरूप कोशिका का परासरण दाब बढ़ जाता है। रक्षक कोशिकाओं में समीपवर्ती कोशिकाओं से जल प्रवेश करता है जिससे वे फूल जाती हैं। ऐसा होने से रक्षक कोशिका की भीतरी भित्ति में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे रन्ध्र खुल जाते हैं। रात्रि के समय रक्षक कोशिकाओं में ग्लूकोज का निर्माण बन्द हो जाता है तथा CO2, का स्तर बढ़ जाता है जिससे कोशिका की अम्लीयता बढ़ जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 10
‘कोशिका से जल समीपवर्ती कोशिकाओं में जाने लगता है जिससे वे पिचक जाती हैं और भीतरी भित्ति शिथिल हो जाती है और रन्ध्र बन्द हो जाते हैं। चूँकि रन्ध्र दिन में खुलते हैं अतः दिन के समय वाष्पोत्सर्जन क्रिया होती है।

प्रश्न 6.
मनुष्य की आहारनाल का सचित्र वर्णन कीजिए। (मा. शि. बोर्ड. राज. 2012)
उत्तर-
मनुष्य की आहारनाल (Elementary Canal in Human)-मनुष्य की आहार नाल 8 से 10 मीटर लम्बी होती है जो मुख से लेकर गुदा तक फैली होती है।
आहार नाल को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है-
1. मुख एवं मुखगुहा (Mouth and Buccal cavity)-मुख एक अनुप्रस्थ दरार के रूप में होता है जो दो माँसल होठों द्वारा घिरा होता है। यह अन्दर की ओर मुखगुहा में खुलता है। मुखगुहा के फर्श पर एक जिह्वा तथा दाएँबाएँ एवं सामने जबड़े उपस्थित होते हैं। जबड़ों में गर्तदन्ती, विषमंदन्ती तथा द्विवारदन्ती दाँत लगे होते हैं। मुखगुहा में लार ग्रन्थियों की नलिकाएँ खुलती हैं।

2. ग्रसनी (Pharynx)-मुखगुहा पीछे की ओर ग्रसनी में खुलती है। ग्रसनी मुखगुहा तथा ग्रासनली के बीच का छोटा-सा भाग होता है। यह घाटीद्वार (glottis) द्वारा श्वासनली में और ग्रसिका (gullet) द्वारा ग्रासनली में खुलता है।

3. ग्रासनली (Oesophagus)-यह पतली तथा लम्बी नलिका है। इसमें अनुलम्ब पेशीय वलय पाये जाते हैं। इसका पश्च भाग डायफ्राम को भेदकर उदर गुहा में प्रवेश करता है।

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4. आमाशय (Stomach)-इसे तीन भागों-कार्डियक, फण्डिक तथा पाइलोरिक आमाशय में बाँटा जाता है। ग्रासनली तथा आमाशय के जुड़ने के स्थान पर कार्डियक अवरोधनी वाल्व उपस्थित होता है।
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5. छोटी आँत (Small intestine)-यह आहार नाल का संकरा तथा लम्बा भाग होता है। इसकी लम्बाई लगभग 6.5 मीटर होती है। आहार नाल का U-आकार का भाग जो आमाशय तथा छोटी आंत के बीच स्थित होता है, ग्रहणी (duodenum) कहलाता है। जिस स्थान पर आमाशय ग्रहणी में खुलता है वहाँ पायलोरिक अवरोधनी वाल्व होता है।

6. बड़ी आँत (Large intestine)- यह आहार नाल का अन्तिम भाग है। वह स्थान जहाँ छोटी आँत, बड़ी आँत से जुड़ती है, वहाँ इलियोसीकल वाल्व पाया जाता है। बड़ी आँत के चार भाग होते हैं-आरोही कोलन, अनुप्रस्थ कोलन अवरोही कोलन तथा पेल्विक कोलन। बड़ी आँत का पश्च छोर मलाशय में खुलता है।

7. मलाशय (Rectum)-यह एक थैले के आकार की रचना है। इसका अन्तिम भाग गुदानाल कहलाता है जो गुदा (anus) द्वारा बाहर खुलता है। गुदानाल के अन्त में गुदा अवरोधनी पायी जाती है।

प्रश्न 7.
(a) रुधिर के किन्हीं अवयवों का उल्लेख कीजिए।
(b) शरीर में ऑक्सीजन-प्रचुर रुधिर के गमन का पथ लिखिए।
(c) अलिंद और निलय के बीच वाल्वों का कार्य लिखिए।
(d) धमनी और शिरा के संघटनों के बीच कोई एक संरचनात्मक अन्तर लिखिए।
अथवा
(a) उत्सर्जन की परिभाषा लिखिए।
(b) वृक्क में उपस्थित आधारी निस्यंदन एकक का नाम लिखिए।
(c) मानव के उत्सर्जन तंत्र का आरेख खींचिए और उस पर उत्सर्जन तंत्र के उस भाग का नामांकन कीजिए
(i) जो मूत्र तैयार करता है।
(ii) जो लम्बी नलिका है और वृक्क से मूत्र संचित करती है।
(iii) जिसमें मूत्र त्यागने तक मूत्र भण्डारित रहता है। (CBSE 2018)
उत्तर-
(a) रुधिर के दो अवयव लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिका है।
(b) शरीर में ऑक्सीजन प्रचुर रुधिर सबसे पहले बायें अलिंद में एकत्र होता है। फिर रक्त बायें अलिंद से बायें निलय में प्रवेश करता है। इस दौरान बायाँ अलिंद संकुचित हो जाता है तथा बायाँ निलय शिथिल हो जाता है। बायें निलय की भित्ति मोटी होती है। जब यह संकुचित होता है तो ऑक्सीजनित रुधिर धमनियों द्वारा शरीर के सम्पूर्ण अंग तंत्रों तक पहुँच जाता है।
“बायाँ अलिंद → बायाँ निलय → महाधमनी → धमनियाँ अंग तंत्र।

(c) अलिंद और निलय के बीच वाल्व रक्त के वापस प्रवाह को रोकता है।
(d) धमनियों की भित्ति मोटी, मजबूत व लचीली होती है, क्योंकि हृदय रुधिर को अधिक दाब से प्रवाहित करता है जिससे धमनियों पर दबाव पड़ता है। शिराओं की भित्ति पतली होती है।
अथवा
(a) शरीर से हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
(b) वृक्क में आधारी निस्यंदन एकक का नाम नेफ्रॉन
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 12
(i) वृक्क
(ii) मूत्रवाहिनी
(iii) मूत्राशय।

प्रश्न 8.
मनुष्य के आमाशय में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है ? (मा. शि. बो. राज., 2015)
उत्तर-
आमाशय में भोजन का पाचन-आमाशय में भोजन पहुँचने पर इसकी क्रमाकुंचन गति से भोजन की लुग्दी (chyme) बन जाती है। आमाशय की दीवारों में उपस्थित जठर ग्रन्थियाँ जठर रस (gastric juice) का स्रावण करती हैं। जठर रस में 97-99% जल, 0.2% श्लेष्म, 0.5% HCl तथा पेप्सिन, जठर लाइपेज एवं रेनिन एन्जाइम होते हैं। वयस्क मनुष्य में रेनिन का अभाव होता है। HCl की उपस्थिति के कारण जठर रस अम्लीय प्रकृति (ph लगभग 2-3.5) का होता है।

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निष्क्रिय पेप्सिनोजन को सक्रिय पेप्सिन में बदलता है तथा भोजन के साथ आये जीवाणु एवं सूक्ष्म जीवों को मारता है। यह भोजन को सड़ने से रोकता है तथा भोजन के कड़े भागों को घोलता है।
1. पेप्सिन एन्जाइम प्रोटीन को प्रोटिओजेज तथा पेप्टोन्स में बदल देता है।
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2. जठर लाइपेज वसाओं का आंशिक पाचन करता है।
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3. रेनिन एन्जाइम प्रोरेनिन के रूप में स्रावित होता है। यह HCl के प्रभाव से सक्रिय रेनिन में बदल जाता है। रेनिन दूध की कैसीन प्रोटीन को अघुलनशील कैल्सियम पैरा-कैसीनेट में बदलता है। आमाशय में भोजन 3-4 घण्टे तक रुकता है। जठर निर्गमी अवरोधनी द्वारा अधपचा भोजन धीरे-धीरे ग्रहणी में धकेला जाता है।

प्रश्न 9.
मनुष्य की छोटी आँत्र में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है? (मा. शि. बोर्ड. राज., 2012)
अथवा
मनुष्य की आहार नाल में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट का पाचन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
छोटी आँत्र में भोजन का पाचन- भोजन का पाचन मुख्यतः छोटी आँत्र के ग्रहणी भाग में होता है। ग्रहणी में पित्त रस तथा अग्न्याशयी रस भोजन में मिल जाते हैं। छोटी आँत्र में स्थित लिबरकुहन की दरारों से आन्त्रीय रस का स्रावण होता है।

पित्त रस वसा का इमल्सीकरण करता है। यह (लुग्दी) काइम की अम्लता को समाप्त करके इसे क्षारीय बनाता है तथा आँत्र की क्रमाकुंचन गति को बढ़ाता है। पित्त लवण कोलेस्ट्रॉल को घुलनशील बनाए रखता है। अग्न्याशयी रस का pH 7.5-8.3 होता है, जिसमें 96% जल तथा शेष पाचक एन्जाइम तथा लवण होते हैं।

इसमें निम्नलिखित एन्जाइम होते हैं-

I. प्रोटीन पाचक एन्जाइम निम्न हैं-

1. ट्रिप्सिन-इसका स्रावण निष्क्रिय ट्रिप्सिनोजन के – रूप में होता है। यह आन्त्रीय एन्टेरोकाइनेज की उपस्थिति में सक्रिय ट्रिप्सिन में बदल जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 16
2. काइमोट्रिप्सिन-यह निष्क्रिय काइमोट्रिप्सिन के रूप में स्रावित होता है और पेप्सिन के प्रभाव से सक्रिय काइमोट्रिप्सिन में बदल जाता है।
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II. कार्बोहाइड्रेट पाचक एन्जाइम-अग्न्याशयी रस में अग्न्याशयी एमिलेस एन्जाइम पॉली सैकेराइड को डाइ सैकेराइड में बदलता है।
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III. वसा पाचक एन्जाइम-अग्न्याशयी लाइपेज या स्टिऐप्सिन इमल्सीकृत वसा का पाचन करता है।
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IV. न्यूक्लिएजेज-ये न्यूक्लिक अम्लों का पाचन करते-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 20
आन्त्रीय रस का pH 7.5-8.3 तक होता है और यह क्षुद्रान्त्र की ग्रन्थियों से स्रावित होता है। इसमें निम्न एन्जाइम होते हैं
(I) प्रोटीन पाचक एन्जाइम-इन्हें सामूहिक रूप से इरैप्सिन कहते हैं। ये पॉली-पेप्टाइड्स को अमीनो अम्लों में तोड़ते हैं।
(II) कार्बोहाइड्रेट पाचक एन्जाइम निम्न हैं1. माल्टेज-यह माल्टोज शर्करा को ग्लूकोज में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 21
2. लैक्टेज-यह लैक्टोज शर्करा को ग्लूकोज तथा गैलेक्टोज. में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 22
3. सुक्रेज-यह सुक्रोज को ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 23
III. वसा पाचक एन्जाइम-अवशेष वसा का पाचन आन्त्रीय लाइपेज करता है।
IV. न्यूक्लिओटाइड्स का पाचन-न्यूक्लिओटाइडेज न्यूक्लिओटाइड्स को न्यूक्लिओसाइड्स तथा फॉस्फेट में तोड़ता है तथा न्यूक्लिओसाइडेज न्यूक्लिओसाइड्स को नाइट्रोजनी क्षारकों तथा शर्करा में तोड़ते हैं।

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प्रश्न 10.
मनुष्य में पायी जाने वाली पाचक ग्रन्थियों तथा उससे प्रभावित हॉर्मोन्स के नाम तथा प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर-
मनुष्य के पाचन तन्त्र में निम्नलिखित पाचक ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं –

  1. लार ग्रन्थि-इसका स्राव मुख गुहा में खुलता है। इसमें टायलिन एन्जाइम पाया जाता है। टायलिन भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट को माल्टोज शर्करा में परिवर्तित करता है।
  2. यकृत एवं पित्ताशय-यकृत में स्थित पित्ताशय से पित्त रस स्रावित होता है। यद्यपि इसमें कोई एन्जाइम नहीं होता है परन्तु फिर भी यह पाचन क्रिया को सुगम बनाता है।
  3. जठर ग्रन्थि-ये आमाशय की दीवार में स्थित होती है और जठर रस का स्रावण करती है। इसमें पेप्सिन, जठर लाइपेज तथा रेनिन एन्जाइम होते हैं। पेप्सिन प्रोटीन का, जठर लाइपेज वसा का तथा रेनिन, कैसीन प्रोटीन का पाचन करते हैं।
  4. अग्न्याशय-इससे ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन, एमिलेस, लाइपेज तथा न्यूक्लिएज एन्जाइम स्रावित होते हैं।
  • ट्रिप्सिन प्रोटीन का पाचन करता है।
  • काइमोट्रिप्सिन प्रोटीन्स को पेप्टोन्स तथा पॉली पेप्टाइड में तोड़ता है।
  • एमिलेस स्टार्च को माल्टोज में परिवर्तित करता
  • लाइपेज इमल्सीकृत वसा को वसीय अम्लों तथा ग्लिसरॉल में परिवर्तित करता है।
  • न्यूक्लिएज RNA तथा DNA को इनके घटक अणुओं में तोड़ते हैं।

प्रश्न 11.
मनुष्य के श्वसन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
मनुष्य का श्वसन तन्त्र-मनुष्य में श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है। मनुष्य के श्वसन को फुफ्फुसीय श्वसन (pulmonary respiration) कहते हैं। मनुष्य के श्वसन तन्त्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है
1. श्वसन मार्ग
2. फेफड़े।

1. श्वसन मार्ग-श्वसन मार्ग से होकर वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है तथा बाहर जाती है। साँस लेने तथा निकालने की क्रिया श्वासोच्छ्वास (breathing) कहलाती है। वायु मार्ग के निम्नलिखित भाग हैं-

  • नासा मार्ग-एक जोड़ी बाह्य नासाद्वार नासिका के अग्र छोर पर स्थित होते हैं। नासाद्वार से ग्रसनी तक के पथ को नासा मार्ग कहते हैं। यह नासा पट द्वारा दो भागों में बँटा होता है।
  • ग्रसनी-इस भाग में नासा मार्ग तथा मुख ग्रहिका दोनों खुलते हैं। ग्रसनी का नासाग्रसनी कण्ठ द्वार द्वारा वायुनाल में खुलता है।
  • स्वर यन्त्र-यह श्वासनाल का सबसे ऊपरी भाग है। स्वर यन्त्र में वाक् रज्जु उपस्थित होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 24

 

  • ट्रेकिया-वायुनाल ग्रीवा से होकर वक्ष गुहा में प्रवेश करती है। वायुनाल की भित्ति में उपास्थि के बने C आकार के छल्ले होते हैं जो इसे पिचकने से रोकते हैं।
  • श्वसनी-वक्षगुहा में प्रवेश करने के पश्चात् वायुनाल दो श्वसनियों में विभाजित हो जाती है। प्रत्येक श्वसनी अपनी ओर के फेफड़ों में प्रवेश करती है।

2. फेफड़े (Lungs)-वक्षगुहा में दो फेफड़े हृदय के पार्यों में स्थित होते हैं। प्रत्येक फेफड़ा गुलाबी, कोमल एवं स्पंजी रचना है। प्रत्येक फेफड़ा प्लूरल कला से घिरा होता है। – फेफड़ों में महीन नलिकाओं का जाल फैला रहता है। इस जाल को श्वसनी वृक्ष कहते हैं। श्वसनी की छोटी शाखाओं को श्वसनिका कहते हैं। ये श्वसनिकाएँ पुनः विभाजित होकर द्वितीयक एवं तृतीयक श्वसनिकाएँ बनाती हैं। अन्ततः ये वायु कूपिकाओं में खुलती हैं। वायु कूपिकाएँ गैस-विनिमय के लिए सतह धरातल उपलब्ध कराती हैं।

प्रश्न 12.
मनुष्य के हृदय की संरचना तथा इसकी क्रिया-विधि का वर्णन कीजिए। (नमूना प्रश्न-पत्र 2012) (RBSE 2015, 17)
उत्तर-
मनुष्य का हृदय वक्ष गुहा में बाईं ओर स्थित होता है। इसका आकार बन्द मुटठी के बराबर होता है। मनुष्य के हृदय के चार भाग होते हैं-दो अलिंद तथा दो निलय। इन्हें दायाँ अलिंद, बायाँ अलिंद, दायाँ निलय तथा बायाँ निलय में विभेदित कर सकते हैं। अलिंद ऊपर की ओर तथा निलय नीचे की ओर होता है। दायाँ अलिंद दाएँ निलय में तथा बायाँ अलिंद बाएँ निलय में खुलता है। बाएँ अलिंद तथा बाएँ निलय के बीच द्विवलनी कपाट तथा दाएँ अलिंद तथा दाएँ निलय के बीच त्रिवलनी कपाट होता है। बाएँ निलय का सम्बन्ध अर्द्धचन्द्राकार वाल्व द्वारा महाधमनी से तथा दाएँ निलय का सम्बन्ध अर्द्धचन्द्राकार वाल्व द्वारा फुफ्फुसीय महाधमनी से होता है। दाएँ अलिंद से महाशिरा आकर मिलती है तथा बाएँ अलिंद से फुफ्फुस शिरा आकर मिलती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 25
हृदय की क्रियाविधि-हृदय के अलिंद तथा निलय में संकुचन (systole) एवं शिथिलन (diastole) क्रियाएँ होती हैं। ये क्रियाएँ एक लयबद्ध तरीके से होती हैं। हृदय की एक धड़कन के साथ एक हृदय चक्र (Cardiac cycle) पूर्ण होता है।

एक चक्र पूर्ण होने में निम्न अवस्थाएँ होती-

  1. शिथिलन-इस अवस्था में दोनों अलिंद शिथिल अवस्था में रहते हैं जिससे दोनों अलिंदों में रुधिर एकत्र होता है।
  2. अलिंद संकुचन-इस अवस्था में अलिंद निलय कपाट खुल जाते हैं और रुधिर निलयों में चला जाता है। दायाँ अलिंद सदैव बाएँ अलिंद से कुछ पहले संकुचित होता है।
  3. निलय संकुचन-निलयों के संकुचन के समय अलिंद-निलय कपाट बन्द हो जाते हैं एवं महाधमनियों के अर्द्धचन्द्राकार कपाट खुल जाते हैं जिससे रुधिर महाधमनियों में चला जाता है।
  4. निलय शिथिलन-संकुचन के पश्चात् निलयों में शिथिलन होता है। और अर्द्ध चन्द्राकार कपाट बन्द हो जाते हैं तथा अलिंद निलय कपाट खुल जाते हैं। इससे रुधिर पुनः अलिंद से निलयों में आ जाता है

प्रश्न 13.
रक्त दाब (Blood Pressure) किसे कहते हैं ? इसे मापने के लिए किस यन्त्र का उपयोग किया जाता है तथा इसे किस प्रकार मापते हैं?
उत्तर-
रक्त दाब (Blood Pressure)-रुधिर वाहिकाओं की भित्ति के विरुद्ध जो दाब उत्पन्न होता है उसे रक्त दाब कहते हैं। यह दाब शिराओं की अपेक्षा धमनियों में बहुत. अधिक होता है। धमनी के अन्दर रुधिर का दाब निलयप्रकंचन (Systole) के दौरान प्रकंचन दाब तथा निलय अनुशिथिलन (diastole) के दौरान धमनी के अन्दर का दाब अनुशिथिलन दाब कहलाता है। सामान्य प्रकुंचन दाब लगभग 120 mm (पारे के) तथा अनुशिथिलन दाब लगभग 80 mm (पारे के) होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 26
जाती है रुधिर दाब का मापन रुधिर दाबमापी (Sphygmomanometes) – द्वारा किया जाता है। उच्च रुधिर दाब को अति तनाव भी कहते हैं और इसका कारण धमनिकाओं का सिकुड़ना है। इससे रुधिर प्रवाह में प्रतिरोध बढ़ जाता है। इससे धमनी फट सकती है तथा आन्तरिक रक्तस्त्रवण हो सकता है।

प्रश्न 14.
मनुष्य के उत्सर्जी तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (Rbse 2017)
उत्तर-
मनुष्य के नुख्या उत्सर्जी अंग वृक्क (Kidney)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 27
हैं। वृक्क संख्या में दो होते हैं जो रीढ़ की हड्डी के इधर-उधर देहगुहा में स्थित होते हैं। प्रत्येक वृक्क सेम के बीज के आकार का तथा भूरे रंग की संरचना है। प्रत्येक वृक्क लगभग 10 सेमी लम्बा, 6 सेमी चौड़ा तथा 2.5 सेमी मोटा होता है। दायाँ वृक्क बाएँ की अपेक्षा कुछ नीचे स्थित होता है। सामान्यतः एक वयस्क पुरुष के वृक्क का भार 125-170 ग्राम होता है, परन्तु स्त्री के वृक्क का भार 115-155 ग्राम होता है। वृक्क का बाहरी किनारा उभरा हुआ होता है किन्तु भीतरी किनारा फँसा हुआ होता है जिससे मूत्र नलिका निकली होती है। इस स्थान को हाइलस कहते हैं। मूत्र नलिका एक पेशीय थैलेनुमा मूत्राशय में खुलती है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) ATP
(ii) परासरण नियमन
(iii) होमियोस्टैसिस।
उत्तर-
(i) ATP- अधिकांश कोशिकीय प्रक्रमों के लिए ए.टी.पी. (Adenosine Triphosphate) ऊर्जा मुद्रा है। श्वसन क्रिया में विमोचित ऊर्जा का उपयोग ADP तथा अकार्बनिक फॉस्फेट से ATP अणु बनाने में किया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 28
इन ATP का प्रयोग शरीर की विभिन्न क्रियाओं के संचालन में किया जाता है। ATP के एक उच्च ऊर्जा बन्ध के खण्डित होने से 30.5 kJ/mol के तुल्य ऊर्जा मुक्त होती है।

(ii) परासरण नियमन (Osmoregulation)- प्रत्येक प्राणी का उसके पयावरण के साथ जल एवं लवणों का एक निकट का सम्बन्ध रहता है। शरीर के अन्दर जल एवं लवणों का एक अनुकुलतम सान्द्रण बनाए रखना अत्यन्त आवश्यक है। इसे परासरण नियमन कहते हैं। मानव शरीर में वृक्क परासरण नियमन का कार्य करता है। अमीबा में कुंचनशील रिक्तिका यह कार्य करती है।

(iii) होमियोस्टैसिस (Homeostasis)-वृक्क शरीर में उत्सर्जी पदार्थों के उत्सर्जन के अतिरिक्त शरीर में जल, अम्ल, क्षार तथा लवणों का सन्तुलन बनाये रखने में भी सहायक होते हैं। वृक्क शरीर में जल की अतिरिक्त मात्रा को मूत्र द्वारा बाहर निकालते हैं। अमोनिया रुधिर में H की अधिकता को कम करके रुधिर में अम्ल-क्षार सन्तुलन बनाने में सहायक है। अतः शरीर में जल, ताप, लवणों एवं अन्य क्रियाओं की समानता बने रहने को होमियोस्टैसिस कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. पौधों में प्रकाश-संश्लेषण क्रिया सम्पन्न होती है-
(a) माइटोकॉण्ड्रिया में
(b) हरितलवक में
(c) केन्द्रक में
(d) जड़ में।
उत्तर-
(b) हरितलवक में।

2. निम्नलिखित में से स्वपोषी है –
(a) मनुष्य
(b) फफूंद
(c) हरा शैवाल
(d) अमरबेल।
उत्तर-
(c) हरा शैवाल।

3. लार में उपस्थित एन्जाइम है-.
(a) लाइपेज
(b) टायलिन
(c) पेप्सिन
(d) रेनिन।
उत्तर-
(b) टायलिन।

4. वायवीय श्वसन में ग्लूकोज के विखण्डन से उत्पन्न ATP की संख्या होती है –
(a) 2
(b) 8
(c) 16
(d) 38.
उत्तर-
(d) 38.

5. कोशिका की ऊर्जा मुद्रा है
(a) ATP
(b) RNA
(c) DNA
(d) ADP.
उत्तर-
(a) ATP.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

6. मनुष्य में सामान्य प्रकुचन रुधिर दाब तथा अनुशिथिलन रुधिर दाब क्रमशः होता है –
(a) 100 एवं 60
(b) 120 एवं 80
(c) 140 एवं 100
(d) 160 एवं 120.
उत्तर-
(b) 120 एवं 80.

7. मनुष्य द्वारा निश्वसन में फेफड़ों द्वारा खींची गयी वायु में ऑक्सीजन का प्रतिशत होता है –
(a) 16%
(b) 21%
(c) 0.03%
(d) 78%
उत्तर-
(b)21%.

8. मनुष्य के रुधिर में पाया जाने वाला श्वसन वर्णक है-
(a) हीमोसायनिन
(b) क्लोरोफिल
(c) हीमोग्लोबिन
(d) जैन्थोफिल।
उत्तर-
(c) हीमोग्लोबिन।

9. उत्सर्जन की क्रिया में भाग लेने वाली वृक्क की इकाई
(a) केशिका
(b) रुधिराणु
(c) कूपिका
(d) वृक्काणु।
उत्तर-
(d) वृक्काणु।

10. प्रकाश-संश्लेषण में पौधे द्वारा निकाली गयी O2 आती
(a) CO2 से
(b) जल से
(c) ग्लूकोज से
(d) ATP से।
उत्तर-
(b) जल से।

11. रुधिर से मूत्र का पृथक्करण होता है
(a) यकृत में
(b) वृक्क में
(c) आमाशय में
(d) मूत्राशय में।
उत्तर-
(b) वृक्क में।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सप्राण या जीवित वस्तुओं को ……………………………… कहते हैं।
उत्तर-
सजीव,

2. मनुष्य के शरीर में परिवहनं मुख्यतः ……………………………… द्वारा होता है।
उत्तर-
रूधिर,

3. शरीर में विभिन्न पदार्थों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचरण ……………………………… कहलाता है।
उत्तर-
परिवहन,

4. पौधों के हरे भागों से जल का जलवाष्प के रूप में उड़ना ……………………………… कहलाता है।
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन,

5. मानव पाचन तंत्र ……………………………… तथा उससे सम्बन्ध ……………………………… का बना होता है।
उत्तर-
आहारनाल, ग्रंथियाँ।

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समेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
(a)

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. घास (i) मृतोपजीवी
2. हिरण (ii) उत्पादक (स्वपोषी)
3. अमर बेल (iii) मांसाहारी
4. बाघ (iv) शाकाहारी
5. कवक (v) परजीवी
6. मनुष्य (vi) सर्वाहारी

उत्तर-

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. घास (ii) उत्पादक (स्वपोषी)
2. हिरण (iv) शाकाहारी
3. अमर बेल (v) परजीवी
4. बाघ (iv) शाकाहारी (iii) मांसाहारी
5. कवक (i) मृतोपजीवी
6. मनुष्य (vi) सर्वाहारी

(b)

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. पर्णहरित (i) ऊर्जा ग्रह
2. हीमोग्लोबिन (ii) ऊर्जा मृदा
3. एन्जाइम (iii) जैविक उत्प्रेरक
4. ए.टी.पी (iv) श्वसन वर्णक
5. माइटोकॉन्ड्रिया (v) प्रकाश संश्लेषी वर्णक
6. रुधिर (vi) तरल ऊतक

उत्तर-

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. पर्णहरित (v) प्रकाश संश्लेषी वर्णक
2. हीमोग्लोबिन (iv) श्वसन वर्णक
3. एन्जाइम (iii) जैविक उत्प्रेरक
4. ए.टी.पी (ii) ऊर्जा मृदा
5. माइटोकॉन्ड्रिया (i) ऊर्जा ग्रह
6. रुधिर (vi) तरल ऊतक

(c)

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. जाइलम (i) मनुष्य
2. फ्लोएम (ii) ऊतक द्रव्य
3. दोहरा परिसचरण (iii) खाद्य पदार्थ
4. एकल परिसंचरण (iv) जल व लवण
5. लसीका तंत्र (v) मछली
6. कूपिका (vi) श्व सन सतह

उत्तर-

स्तम्भ I स्तम्भ II
1. जाइलम (iv) जल व लवण
2. फ्लोएम (iii) खाद्य पदार्थ
3. दोहरा परिसचरण (i) मनुष्य
4. एकल परिसंचरण (v) मछली
5. लसीका तंत्र (ii) ऊतक द्रव्य
6. कूपिका (vi) श्व सन सतह

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर-
तत्वों के गुणों के आधार पर।

प्रश्न 2.
डॉबेराइनर ने तत्वों का वर्गीकरण कब किया था?
उत्तर-
सन् 1817 में।

प्रश्न 3.
डॉबेराइनर के त्रिक की क्या विशेषता है?
उत्तर-
इसकी विशेषता यह है कि त्रिक के मध्य तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्वों के परमाणु भार का लगभग माध्य है।

प्रश्न 4.
अष्टक नियम की परिभाषा क्या है? (RBSE 2016)
उत्तर-
जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु भार के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है तो प्रत्येक आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणों के समान होते हैं।

प्रश्न 5.
न्यूलैंड्स कितने द्रव्यमान तक के तत्वों का वर्गीकरण कर पाया? .
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान 40 तक।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 6.
मेन्डेलीफ का आवर्त नियम लिखिए।
उत्तर-
तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 7.
लघु एवं दीर्घ आवर्त किसे कहते हैं? .
उत्तर-
पहले तीन आवर्तों को तत्वों की संख्या कम होने के कारण लघ आवर्त कहते हैं तथा तत्वों की अधिकता के कारण चौथे से सातवें तक के आवर्तों को दीर्घ आवर्त कहते हैं।

प्रश्न 8.
निष्क्रिय तत्व क्या हैं?
उत्तर-
निष्क्रिय तत्व वे होते हैं जो अन्य तत्वों से संयोजित होने के लिए सक्रिय नहीं होते। ऐसे तत्व के सबसे बाहरी कोश में 8 इलेक्ट्रॉन विद्यमान होते हैं।

प्रश्न 9.
समूहों के गुण लिखिए।
उत्तर-

  • परमाणु का निश्चित संख्या अन्तराल,
  • इलेक्ट्रॉनों की संरचना,
  • संयोजकता,
  • परमाणु भार,
  • धात्वीय प्रकृति,
  • रासायनिक गुण।

प्रश्न 10.
आवर्त सारणी का आधुनिक रूप क्या है?
उत्तर-
बोहर ने ज्ञात तत्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते — क्रम में रखकर एक सारणी बनाई जिसे आवर्त सारणी का दीर्घ रूप या आधुनिक रूप कहते हैं।

प्रश्न 11.
दीर्घ आवर्त सारणी का आधार क्या है?
उत्तर-
परमाणु संख्या और इलेक्ट्रॉन का वितरण।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 12.
निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के किस समूह में हैं?
उत्तर-
सभी निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के शून्य समूह में हैं।

प्रश्न 13.
दीर्घ आवर्त सारणी में क्या दोष हैं?
उत्तर-
इसमें हाइड्रोजन की स्थिति निश्चित नहीं है तथा यह परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण नियमित नहीं दिखाती।

प्रश्न 14.
परमाणु का आकार कम कब होता है?
उत्तर-
जब नाभिक में बढ़ा धन आवेश इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर आकृष्ट करता है तब परमाणु के आकार में कमी आती है।

प्रश्न 15.
वैद्युत ऋणात्मकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी परमाणु के द्वारा इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करने की प्रवृत्ति उसकी वैद्युत ऋणात्मकता कहलाती है।

प्रश्न 16.
Ei, Be, B, Na को बढ़ती आयनन ऊर्जा के क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर-
Na <Li<B

प्रश्न 17.
(i) समस्थानिक किसे कहते हैं?
(ii) आधुनिक आवर्त नियम लिखिए।
(iii) दो उत्कृष्ट गैसों के नाम लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
(i) वो तत्व जिनमें प्रोटॉन की संख्या समान परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न होती है, समस्थानिक कहलाते हैं।
(ii) तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।
(iii) आर्गन व क्रिप्टॉन।

प्रश्न 18.
Lit, Nat, K+ में किसकी आयनिक त्रिज्या सबसे कम है?.
उत्तर-
Lit.

प्रश्न 19.
वैद्युत ऋणात्मकता किस अवस्था में सारणी में घटती है?
उत्तर-
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर।

प्रश्न 20.
आयनन ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु की तटस्थ अवस्था से उसकी बाह्यतम कक्षा से इलेक्ट्रॉन अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को उस तत्व की आयनन ऊर्जा कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 21.
आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्त एवं समूहों की संख्या लिखिए। [राज. 2015]
उत्तर-
आवर्त – सात ।
समूह – अठारह

प्रश्न 22.
मेन्ड्रेलीफ की आवर्त सारणी में समूहों तथा आवतों की संख्या लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में नौ समूह तथा सात आवर्त हैं।

प्रश्न 23.
उन तत्वों को बताइए जिनकी खोज मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी बनने के बाद हुई।
उत्तर-
स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga) तथा जर्मेनियम (Ge) आदि ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें आवर्त सारणी बनने के बाद खोजा गया था।

प्रश्न 24.
उपधातु.क्या होती है?
उत्तर-
वे तत्व जो धातुओं तथा अधातुओं दोनों के अभिलाक्षणिक गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
किसी आवर्त में बाईं से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार किस प्रकार बदलता है?
उत्तर-
किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार घटता जाता है परन्तु आवर्त के अन्तिम तत्व का परमाणु आकार अपने से पहले तत्व से अधिक होता है।

प्रश्न 26.
शून्य समूह के तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
उक्ता हीलियम (He), नीऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr), जीनॉन (Xe), रेडॉन (Rn)।

प्रश्न 27.
न्यूलैंड्स अष्टक नियम के क्या दोष थे?
उत्तर-
यह नियम केवल Ca जिसका परमाणु द्रव्यमान 40 है तक ही सीमित रहा। इसके बाद के भारी तत्व इस नियम से वर्गीकृत नहीं किये जा सके।

प्रश्न 28.
किसी आवर्त और समूह में तत्वों के धात्विक गुण किस प्रकार बदलते हैं?
उत्तर-
आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर धात्विक गुण घटता है तथा वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है।

प्रश्न 29.
किसी समूह में सबसे नीचे पाये जाने वाले तत्व में कौन-सा गुण अधिक होता है?
उतर-
धात्विकता का गुण।

प्रश्न 30.
संशोधित आवर्त सारणी में किन-किन आवों में उपसमूह नहीं हैं?
उतर-
तेर संशोधित आवर्त सारणी के प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सप्तम आवर्तों में उपसमूह नहीं होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 31.
निम्नलिखित के नाम बताइए-
(i) आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में स्थित कोई धातु,
(ii) हैलोजेन परिवार में स्थित कोई दो अधातु,
(ii) सर्वाधिक सक्रिय हैलोजेन।
उत्तर-
(i) ऐलुमिनियम,
(ii) क्लोरीन तथा ब्रोमीन,
(iii) फ्लु ओरीन।

प्रश्न 32.
आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर निम्नलिखित में क्या परिवर्तन होता है?
(1) परमाणु आकार,
(ii) धात्विक गुण,
(iii) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या। [राज. 2015]
उत्तर-
(i) परमाणु आकार – घटता है।
(ii) धात्विक गुण – घटता है।
(iii) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या – बढ़ती है।

प्रश्न 33.
आवर्त सारणी के दीर्घ रूप में कौन-कौन से तत्वों को रखा गया है?
उत्तर-
आवर्त सारणी के तल में परमाणु संख्या 58 से 71 तक लैन्थेनॉइड तथा 90 से 103 तक ऐक्टिनॉइड के तत्वों को दो श्रेणियों में रखा गया है।

प्रश्न 34.
तीन तत्वों A,B,C में से A और C के परमाणु भार 35.5 तथा 127 हैं। डॉबेराइनर के त्रिक के आधार पर B का परमाणु भार ज्ञात करो।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 1

प्रश्न 35.
निम्नलिखित को बढ़ती आयमिक त्रिज्या के क्रम में व्यवस्थित कीजिए-. ..’,
Al3+,Mg2+,Na+,O2-,F
उत्तर-
Al3+ < Mg2+<Na+,F <O2-

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या की अपेक्षा परमाणु सँख्यो को अच्छा आधार क्यों माना गया है?
उत्तर-
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है। नाभिक तत्व के केन्द्र में स्थित है तथा इसमें प्रोटॉन व न्यूट्रॉन स्थित होते हैं। वास्तव में तत्वों के गुण इलेक्ट्रॉनिक वितरण से सम्बन्धित हैं, जैसे-जैसे परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक वितरण भी परिवर्तित होता जाता है। इस कारण से परमाणु संख्या तत्वों के वर्गीकरण का अच्छा आधार है।

प्रश्न 2.
आवर्तिता से क्या तात्पर्य है? क्या किसी एक समूह के तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं? इस कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
आवर्तिता -किसी निश्चित समय के बाद तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति, आवर्तिता कहलाती है। आवर्त सारणी में तत्वों के गुणों में प्रदर्शित समता-विषमता का अध्ययनं करना आवर्ती गुण के नाम से जाना जाता है। गुण इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करते हैं जो नाभिक के चारों ओर लगातार गति करते हैं। बाह्यतम कक्ष में समान इलेक्ट्रॉन संख्या वाले तत्व समान गुण प्रकट करते हैं। किसी भी वर्ग के सभी तत्वों के गुण समान होते हैं, जैसे-लीथियम और सोडियम के सबसे बाहरी कक्ष में एक-एक इलेक्ट्रॉन है, इसलिए इनके गुण समान हैं।

प्रश्न 3.
संक्रमण तत्व किन्हें कहते हैं? इनकी विभिन्न. श्रेणियाँ बताइए।
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी के s ब्लॉक तथा p-ब्लॉक के मध्य के तत्वों को संक्रमण तत्व कहते हैं। इन तत्वों में परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ-साथ इलेक्ट्रॉन भरे जाने का क्रम, बाह्यतम कक्ष से पहली कक्ष के d-उपक्ष से सम्बन्धित होता है। इसलिए इन्हें d- ब्लॉक तत्व कहते हैं। इसमें III-B, IV-B (4), V-B (5),VI-B (6), VII-B (7), VIII (8, 9, 10) तथा II-B आदि दस ऊर्ध्वाधर श्रेणियाँ हैं।

प्रश्न 4.
मेन्डेलीफका आवर्त नियम क्या है? मेन्डेलीफ आवर्त सारणी की दो विशेषताएँ लिखिए। .
उत्तर-
मेन्डेलीफ का आवर्त नियम-इस नियम के अनुसार, “तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।”
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी की दो विशेषताएँ-

  • प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने बढ़ते परमाणु भारों के क्रम में व्यवस्थित हैं।
  • एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 5.
निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए
(i) लैन्थेनॉइड्स
(ii) ऐक्टिनॉइड्स।
उत्तर-
(i) लैन्थेनॉइड्स-परमाणु क्रमांक 58 से 71 वाले तत्वों (Ce से Lu) के गुण समान होते हैं। परमाणु क्रमांक 57 वाले तत्व लैन्थेनम (La) के बाद आते हैं, अतः इन्हें लैन्थेनॉइड्स कहा जाता है।
(ii) ऐक्टिनॉइड्स-परमाणु क्रमांक 90 से 103 वाले तत्वों (Th से Lr) के गुण समान होते हैं। ये परमाणु क्रमांक 89 वाले तत्व ऐक्टिनियम (Ac) के बाद आते हैं, अतः इन्हें ऐक्टिनॉइड्स कहा जाता है।

प्रश्न 6.
नये तत्वों की खोज में मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की क्या उपयोगिता है?
उत्तर-
मेन्डेलीफ ने अपनी मूल आवर्त सारणी में नये तत्वों के लिये कई खाली स्थान छोड़ दिये थे तथा इन तत्वों के गुणों के बारे में जानकारी भी दी थी। इस सारणी के ज्ञान से ही नये तत्वों को खोजने में काफी सहायता मिली। इन तत्वों की खोज के बाद पाये गये इन तत्वों के गुण मेन्डेलीफ के द्वारा बताये गये गुणों के समान ही थे। उदाहरण- स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga), जर्मेनियम (Ge), आदि की खोज काफी समय बाद हुई थी।

प्रश्न 7.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित हैं।
  2. एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते
  3. प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर तत्वों की ऋण विद्युत संयोजकता कम होती है जबकि धन विद्युत संयोजकता बढ़ती जाती है।
  4. तत्वों का परमाणु भार उसका मौलिक गुण होता है।
  5. आवर्त सारणी में रिक्त स्थानों के तत्वों के गुणधर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।

प्रश्न 8.
आवर्त सारणी के चतुर्थ समूह में आयनिक त्रिज्या का क्रम स्पष्ट कीजिए तथा आयनन विभव पर इसके प्रभाव का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
आवर्त सारणी के चतुर्थ समूह में परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ समान आवेश धनायनों की आयनिक त्रिज्याओं में वृद्धि होती हैं क्योंकि तत्वों के बाह्य कोश की मुख्य क्वाण्टम संख्या में वृद्धि होती है, जैसे –

आयन C4+ Si4+ Sn4+
आयनिक त्रिज्या (Å में) 0.16 0.40 0.69

आयनन विभव का मान जितना कम होता हैं परमाणु त्रिज्या उतनी ही बड़ी होती है अर्थात् आयनन विभव के घटने पर आयनिक त्रिज्या बढ़ती है।

प्रश्न 9.
आवर्त सारणी के एक ही आवर्त में परमाणु आकार किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर-
आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर चलने पर तत्वों के परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ-साथ तत्वों के परमाणुओं के आकार घटते हैं।

Li Be B C N O F
1.23 0.89 0.80 0.77 0.75 0.73 0.72 (Å में)

प्रश्न 10.
लघु आवर्त तथा दीर्घ आवर्त से क्या तात्पर्य है? आवर्त सारणी में कितने लघु आवर्त तथा कितने दीर्घ आवर्त होते हैं।
उत्तर-
लघ आवर्त जिन आवों में तत्वों की संख्या 8 होती है। उन्हें लघु आवर्त कहते हैं। दीर्घ आवर्त जिन आवर्तों में तत्वों की संख्या 8 से अधिक होती है, उन्हें दीर्घ आवर्त कहते हैं। आवर्त सारणी में प्रथम तीन आवर्त (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) लघु आवर्त कहलाते हैं। इनमें प्रथम आवर्त में दो तत्व हैं, जबकि द्वितीय व तृतीय आवर्त में आठ-आठ तत्व हैं। आवर्त सारणी में बाद के चार आवर्त (चतुर्थ, पंचम, षष्ठम तथा सप्तम) दीर्घ आवर्त कहलाते हैं। इनमें चतुर्थ व पंचम आवों में 18-18 तत्व हैं, जबकि षष्ठम आवर्त में 32 तत्व हैं और सप्तम आवर्त अपूर्ण है।

प्रश्न 11.
बेरियम (परमाणु क्रमांक 56) की आवर्त सारणी में स्थिति की विवेचना कीजिए तथा निम्नलिखित के उत्तर दीजिए
(i) यह धातु है या अधातु।
(ii) यह सीजियम से बड़ा है या छोटा।
(iii) इसकी संयोजकता क्या है?
(iv) बेरियम क्लोराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
Ba (परमाणु क्रमांक 56)= 2, 8, 18, 18, 8, 2। यह छठे आवर्त तथा II A समूह में स्थित है। (∵ कोशों की – संख्या 6 है तथा संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 है।)

  • यह धातु है क्योंकि यह आवर्त सारणी में बाईं ओर – तथा समूह में नीचे की ओर स्थित है।
  • यह सीजियम (Cs) से छोटा होता है क्योंकि आवर्त में बाईं से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार घटता है। Ba तथा Cs एक ही आवर्त में स्थित हैं तथा Ba, Cs के दाईं ओर स्थित है।
  • इसमें 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं। यह दो इलेक्ट्रॉनों को त्यागकर द्विसंयोजक धनायन बना सकता है।
  • बेरियम क्लोराइड का सूत्र BaCl2 है।

प्रश्न 12.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है? समझाइए-(i) धात्विक गुण, (ii) हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता।
उत्तर-
(i) धात्विक गुण-एक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु का आकार कम होता है जबकि आयनन विभव में वृद्धि होती है अतः धनविद्युती गुण या धात्विक गुणों में कमी आती है, जैसे-द्वितीय आवर्त में Li एवं Be कार्बन से अधिक धनविद्युती हैं तथा कार्बन फ्लुओरीन की तुलना में अधिक धनविद्युती है। सामान्यतः आवर्त सारणी के निचले भाग के तत्व अधिक धात्विक तथा ऊपरी दाएँ भाग के तत्व अधिक अधात्विक होते हैं।

(ii) हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता-हाइड्रोजन के अनुसार संयोजकता प्रथम वर्ग 1 से 4 तक बढ़ती है तथा उसके उपरान्त 4 से 1 तक घटती है।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 13.
निम्नलिखित गुण एक आवर्त तथा वर्ग में किस प्रकार परिवर्तित होते हैं
(i) धात्वीयता,
(ii) परमाणु आकार या परमाणु त्रिज्या,
(iii) विद्युत ऋणात्मकता,
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता।
उत्तर-
(i) धात्वीयता-किसी आवर्त में आगे की ओर जाने पर धात्विक लक्षण क्रमशः घटता जाता है और अधात्विक लक्षण क्रमशः बढ़ता है। किसी वर्ग में नीचे की ओर जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है तथा अधात्विक गुण घटता है।
(ii) परमाणु आकार-आवर्त में आगे की ओर जाने से परमाणु आकार (परमाणु त्रिज्या) घटता है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने से परमाणु आकार बढ़ता है।
(iii) विद्युत ऋणात्मकता-आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है। शून्य वर्ग को छोड़कर तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर इसका मान घटता है।
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता-आवर्त में आगे की ओर जाने से इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर यह घटती है।

प्रश्न 14.
किसी आवर्त के तत्वों की ऋणविद्युती प्रकृति तथा हाइड्रोजन के प्रति संयोजकता में किस प्रकार परिवर्तन होता है?
उत्तर-
ऋणविद्युती प्रकृति में परिवर्तन-किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों की ऋणविद्युती प्रकृति या विद्युत-ऋणात्मकता परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ-साथ क्रमशः बढ़ती है।

तत्व Li Be B C N O F
विद्युत् ऋणात्मकता 1.0 1.5 2.0 2.5 3.0 3.5 4.0

संयोजकता में परिवर्तन-किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर हाइड्रोजन के सापेक्ष तत्वों की संयोजकताएँ क्रमशः 1 से 4 तक बढ़ती हैं। पुनः 4 से 1 तक क्रमशः घटती हैं।
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प्रश्न 15.
निम्नलिखित गुण एक आवर्त तथा वर्ग में किस प्रकार परिवर्तित होते हैं
(a) परमाणु आकार
(b) विद्युत ऋणात्मकता।
उत्तर-
(a) परमाणु आकार-आवर्त में आगे की ओर जाने से परमाणु आकार (परमाणु त्रिज्या) घटता है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने से परमाणु आकार बढ़ता है।
(b) विद्युत ऋणात्मकता-आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है।(शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर इसका मान घटता है।

प्रश्न 16.
यह कैसे सत्यापित किया जा सकता है कि आधुनिक आवर्त सारणी विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है?
अथवा
किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8,4 है :
(a) आधुनिक आवर्त सारणी में इस तत्व की समूह संख्या और आवर्त संख्या लिखिए।
(b) इस तत्व का नाम और इसका एक भौतिक गुणधर्म लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के आधार पर रखा है जिसमें विभिन्न तत्वों के परमाणु जिनके बाहरी कोष की संख्या समान है, उन्हें एक ही आवर्त में रखा गया है तथा जिनके अंतिम कोष में इलेक्ट्रॉन संख्या समान है, उन्हें एक ही समूह में रखा गया हैं अतः आधुनिक आवर्त सारणी विभिन्न तत्वों के परमाणु के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है।
अथवा
(a) आधुनिक आवर्त सारणी में इस तत्व को समूह (ग्रुप) 14 तथा 3 आवर्त में रखा गया है।
(b) यह तत्व सिलिकॉन है। यह एक उपधातु है।

प्रश्न 17.
तत्वों के समूह की संयोजकता के आधार पर, प्रत्येक के लिए कारण सहित पुष्टि करते हुए, नीचे दिए गए यौगिकों के आण्विक-सूत्र लिखिए।
(i) समूह (ग्रुप) 1 के तत्वों का ऑक्साइड
(ii) समूह 13 के तत्वों का हैलाइड
(iii) समूह 2 के तत्व A और समूह 17 के तत्व B के संयोजन से बने यौगिक।
उत्तर-
(i) समूह 1 के तत्वों के अंतिम कोष में एक इलेक्ट्रॉन है। अत: इनकी संयोजकता एक है। इसलिए M2O ऑक्साइड बनायेंगे।
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(ii) समूह 13 के तत्वों की संयोजकता 3 है क्योंकि अंतिम कोष में 3 इलेक्ट्रॉन है। अतः ये M2O3, प्रकार के हैलाइड बनायेंगे।
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(iii) समूह 2 के तत्व A की संयोजकता 2 है तथा समूह 17 के तत्व B की संयोजकता 1 है। अतः इनके संयोग से बना तत्व AB2, होगा।
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प्रश्न 18.
उस तत्व X का नाम, प्रतीक और इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए जिसकी परमाणु संख्या 11 है।
अथवा
क्या नीचे दिए गए तत्वों के समूह डॉबेराइनर के प्रिक के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं?
(a) Na, Si, CI
(b) Be, Mg, Ca : इन तत्वों के परमाणु द्रव्यमान इस प्रकार हैं –
Be-9,Na-23, Mg-24, Si-28, CI-35, Ca-40 प्रत्येक प्रकरण में अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
यह सोडियम तत्व है जिसका प्रतीक Na है तथा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है।।
अथवा
(a) नहीं, क्योंकि इन तत्वों के गुण अलग-अलग हैं। हालांकि S1, का परमाणु द्रव्यमान Be और Ca के औसत द्रव्यमान के बराबर है।
(b) हाँ, क्योंकि इनके गुण समान है तथा Mg (मैग्नीशियम) का द्रव्यमान Be तथा Ca का औसत द्रव्यमान है।

प्रश्न 19.
आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्तों और समूहों की संख्या लिखिए।
(i) किसी आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर, तथा
(ii) किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक अभिलक्षणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में 7 आवर्त और 18 समूह होते हैं।
(i) आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है जिससे तत्वों की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घटती जाती है।

Mg Al Si P S Cl
2,8,2 2,8,3 2,8,4 2,8,5 2, 8,6 2,8,7

(ii) समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर संयोजी इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता जाता है, क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं। इसलिए यह इलेक्ट्रॉन सुगमतापूर्वक निकल जाते हैं। अतः धात्विक अभिलक्षण आवर्त में बायीं से दायीं ओर घटता जाता है और समूह में ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ता जाता है।
Li(2,1)
Na (2,8, 1)

प्रश्न 20.
Na, Mg और AI आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व हैं जिनकी समूह संख्या क्रमशः 1, 2 और 13 है। इनमें से किस तत्व की
(a) संयोजकता अधिकतम,
(b) परमाणु त्रिज्या अधिकतम, तथा
(c) रासायनिक अभिक्रियाशीलता अधिकतम है? प्रत्येक के लिए अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
Na-2,8,1
Mg – 2, 8,2
Al-2, 8,3
(a) अधिकतम संयोजकता Al की होगी, क्योंकि इसके बाहरी कोश में 3 इलेक्ट्रॉन होते हैं। अत: यह तीन इलेक्ट्रॉन त्याग सकता है।
(b) Na की परमाणु त्रिज्या अधिकतम होगी, क्योंकि आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती हैं क्योंकि संयोजी इलेक्ट्रॉनों का नाभिकीय आवेश बढ़ जाता है, जिससे तत्वों का आकार घटता जाता है।
(c) रासायनिक अभिक्रियाशीलता Na की अधिकतम होती है, क्योंकि इसके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन होता है
और वह इसका आसानी से त्याग कर सकता है। आवर्त में बायें से दाईं ओर जाने पर तत्वों की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है।

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प्रश्न 21.
दीर्घाकार आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
दीर्घाकार आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • इस आवर्त सारणी में 7 आवर्त तथा 18 वर्ग हैं।
  • इसमें धातु तथा अधातु तत्वों को अलग-अलग स्थान पर रखा गया है।
  • अक्रिय गैस तत्वों को आंवर्त सारणी के दाईं ओर शून्य वर्ग में रखा गया है।
  • A तथा B उपवर्गों को अलग-अलग कर दिया गया है।
  • लैन्थेनॉइड तथा ऐक्टिनॉइड तत्वों को आवर्त सारणी के बाहर स्थान दिया गया है।

प्रश्न 22.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में तत्वों के निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है
(i) धात्विक गुण
(ii) आयनन विभव।
उत्तर-
(i) धात्विक गुण-एक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु का आकार कम होता है जबकि आयनन विभव में वृद्धि होती है। अतः धनविद्युती या धात्विक गुणों में कमी आती है, जैसे-द्वितीय आवर्त में Li तथा Be कार्बन से अधिक धनविद्युती हैं तथा कार्बन फ्लुओरीन की तुलना में अधिक धनविद्युती है।
(ii) आयनन विभव-द्वितीय आवर्त के तत्वों का आयनन विभव कम होता है, परन्तु वर्ग IA के तत्वों के आयनन विभव से अधिक होता है। द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर आयनन विभव बढ़ता जाता है।

प्रश्न 23.
तत्व X का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है-

K L M
2 8 6.

(i) आवर्त सारणी में तत्व X की वर्ग संख्या क्या है?
(ii) आवर्त सारणी में तत्व की आवर्त संख्या क्या है?
(iii) X के परमाणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या है?
(iv) X की संयोजकता क्या है?
(v) क्या यह धातु है या अधातु?
उत्तर-
(i) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं इसलिए आवर्त सारणी में तत्व X की वर्ग संख्या 6 + 10 = 16 है।
(ii) तत्व X में उनके परमाणु में 3 इलेक्ट्रॉन कोश (K, L और M) हैं। इसलिए तत्व X की आवर्त संख्या 3 है अर्थात् यह आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त का तत्व है।
(iii) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं।
(iv) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं इसलिए इसे अपना अष्टक पूरा करने तथा स्थायी होने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है। अतः तत्व की संयोजकता 2 हैं।
(v) वर्ग 16 के तत्व अधातु हैं इसलिए X अधातु है।

प्रश्न 24.
दो तत्व A तथा B आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त में क्रमशः समूह 2 और 13 में स्थित है। तालिका के रूप में, इन दोनों तत्वों की नीचे दी गई विशेषताओं की तुलना कीजिए। (CBSE 2016)
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(b) इनके परमाणुओं के आकार
(c) इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रवृत्ति
(d) इनके ऑक्साइडों के सूत्र
(e) इनके धात्विक लक्षण
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र
उत्तर-
(a) इनमें से A है Mg B = AI इलेक्ट्रॉनों की व्या A में 12 है। इलेक्ट्रॉनों की या B में 13 है।
(b) Mg के परमाणु का आकार AI के परमाणु से बड़ा होगा।
(c) Mg= 2, 8,2 यह दो इलेक्ट्रॉनों का त्याग करेगा।
(d) Al= 2, 8,3 यह 3 इलेक्ट्रॉनों का त्याग करता है।
Mg की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति अधिक होती है। इनके ऑक्साइड सूत्र हैं –
Mgo – मैग्नीशियम ऑक्साइड
Al2O3 – ऐल्युमीनियम ऑक्साइड
(e) Mg का धात्विक लक्षण AI से ज्यादा होता है, क्योंकि यह 2 इलेक्ट्रॉनों का त्याग आसानी से करता है। .
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र MgCl2, AlCl2.

प्रश्न 25.
दो तत्त्व ‘P’ और ‘Q’ आधुनिक आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के क्रमश: समूह-1 और समूह-2 के सदस्य हैं। इनके निम्नलिखित लक्षणों/गुणधर्मों की तालिका के रूप में तुलना कीजिए : [CBSE.2015]
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(b) इनके परमाणुओं का साइज़
(c) इनकी धात्विक प्रवृत्ति
(d) इनकी इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति
(e) इनके ऑक्साइडों के सूत्र ए
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र।
उत्तर-
(a)

समूह-1 समूह-2
समूह-1 के तत्वों में सह संयोजी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है। समूह – 2 के तत्वों के सह संयोजी कोश में 2 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है।

(b) परमाणु का साइज-समूह एक के तत्वों के परमाणु गों का आकार समूह दो के तत्वों की तुलना में बड़ा होता है।
(c) धात्विक प्रकृति-दोनों समूह के तत्व धातु होते हैं। समूह एक के तत्वों का धात्विक गुण समूह 2 के तत्वों की तुलना में अधिक होता है। ..
(d) इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रकृति-समूह एक के तत्वों की इलैक्ट्रॉन त्यागने की प्रकृति समूह दो की तुलना में अधिक होती है।

(e) ऑक्साइडों के सूत्र-समूह-1- P2O
समूह-2-QO
(f) समूह-1 -PCl
समूह-2-QCl

प्रश्न 26.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी का सिद्धान्त लिखिए। इसकी एक उपलब्धि व दो कमियाँ लिखें।
उत्तर-
मेन्डेलीफ़ की आवर्त सारणी का सिद्धान्ततत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन होते हैं। उपलब्धि-मेन्डेलीफ के आवर्त नियम में उस समय तक न खोजे गये तत्वों, जैसे-गैलियम (Ga), स्कैण्डियम (Sc), और जर्मेनियम (Ge), के लिये आवर्त सारणी में रिक्त स्थान छोड़ दिये व उनके गुणों के बारे में भी बताया था, जो बाद में सही सिद्ध हुये।

कमियाँ-

  1. मेन्डेलीफ ने हाइड्रोजन की सही स्थिति के बारे में नहीं बताया।
  2. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में अक्रिय गैसों की स्थिति स्पष्ट नहीं थी।

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प्रश्न 27.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है.
(i) धनविद्युती गुण
(ii) ऑक्साइडों की प्रकृति।
उत्तर-
(i) धनविद्युती गुण-द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर क्षार धातु (Li) से हैलोजेन फ्लु ओरीन (F) तक तत्वों का धनविद्युती लक्षण या विद्युत्-धनात्मक गुण क्रमशः घटता है। .
(ii) ऑक्साइडों की प्रकृति-द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों के ऑक्साइडों का क्षारीय गुण क्रमशः घटता है।
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प्रश्न 28.
पहले समूह के किन्हीं दो तत्वों के नाम और उनके इलेक्ट्रॉन-विन्यास लिखिए। इन इलेक्ट्रॉन-विन्यासों में आपको क्या समानता दिखाई देती है? इन तत्वों में से किसी एक तत्व के ऑक्साइड का सूत्र लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
वह दो तत्व जो पहले समूह में आते हैं, वह हैं, Li और Na
Li लीथियम 2,1 Na
सोडियम 2,8,1
इन दोनों के संयोजी कोश में सिर्फ एक ही इलेक्ट्रॉन है। सोडियम के ऑक्साइड का सूत्र है
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प्रश्न 29.
आधुनिक आवर्त सारणी में आठ तत्वों की स्थितियाँ नीचे दिए अनुसार हैं। यहाँ तत्वों की परमाणु संख्या कोष्ठक में दर्शायी गयी है। (CBSE 2016)
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(i) Ca का इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखें।
(ii) Rb में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या का अनुमान लगाइए।
(iii) Sr में कोशों की संख्या क्या है?
(iv) अनुमान लगाइए कि K धातु है अथवा अधातु।
(v) इन तत्वों में किसका आकार सबसे बड़ा है?
(vi) Be,Ca,Mg और Rb को इनके परमाणु के साइज के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-
(i) Ca का इलेक्ट्रॉन विन्यास है. K L M N 28.8 2
(ii) Rb में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
(iii) Sr में कोशों की संख्या = 5
(iv) K धातु है, क्योंकि यह अपने बाहरी कोश में से एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है।
(v) इन तत्वों में से Rb का आकार सबसे बड़ा है।
(vi) Be

प्रश्न 30.
कोई तत्व ‘X’ आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त 3 तथा समूह 13 में स्थित है।
(a) ‘X’ में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा इसकी संयोजकता निर्धारित कीजिए।
(b) ‘x’ की तत्व ‘Y’ (परमाणु संख्या = 8) से अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का अणुसूत्र लिखिए।
(c) ‘X’ की क्लोरीन (CI) से अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का नाम और सूत्र लिखिए। (Cbse 2016)
उत्तर-
(a) X= 13, 2, 8,3
संयोजकता इलेक्ट्रॉन तथा संयोजकता = 3
(b)Y=8, 2, 6 संयोजकता = 2.
X2Y3
(c) XCl3

प्रश्न 31.
कोई तत्व P (परमाणु संख्या 20) किसी अन्य तत्व Q (परमाणु संख्या 17) से अभिक्रिया करके कोई यौगिक बनाता है। नीचे दिए गए प्रश्नों का कारण सहित उत्तर दीजिए : आधुनिक आवर्त सारणी में P और की स्थितियाँ, तथा P और Q की अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का अणु सूत्र लिखिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
P परमाणु संख्या 20
P=2,8,8,2
P की स्थिति : समूह ऊर्ध्व स्तंभ-2
क्षैतिज पंक्ति -4
Q की स्थिति-परमाणु संख्या 17
Q=2,8,7
ऊर्ध्व स्तंभ-7
क्षैतिज पंक्ति-3
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प्रश्न 32.
आधुनिक आवर्त सारणी के ऊर्ध्व स्तम्भों और क्षैतिज पंक्तियों के नाम लिखिए। किसी ऊर्ध्व स्तम्भ में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक अभिलक्षण में क्या परिवर्तन होता है? किसी क्षैतिज पंक्ति में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या के साइज में क्या परिवर्तन होता है? उपर्युक्त दोनों प्रकरणों के उत्तरों के पक्ष में कारण दीजिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं, जिन्हें समूह कहा जाता है तथा 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं, जिन्हें आवर्त कहते हैं। किसी ऊर्ध्व स्तम्भ में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक अभिलक्षण में वृद्धि होती हैं क्योंकि तत्वों में कोशों की सख्या बढ़ती है जिससे नाभिक और संयोजी इलेक्ट्रॉन के बीच आकर्षण कम हो जाता है जिससे तत्व आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग कर देते हैं।

आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है क्योंकि आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर कोशों की संख्या समान रहती है। जिससे प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ता जाता है। नाभिकीय आवेश बढ़ने से तत्व का नाभिक इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर अधिक आकर्षण बल से खींचता है। अतः तत्वों का आकार घटता जाता है।

प्रश्न 33.
आधुनिक आवर्त सारणी के संदर्भ में तत्वों के गुणधर्म में आवर्तिता क्या है? समान समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान क्यों होते हैं? किसी आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर तत्वों की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति में क्या परिवर्तन होता है? इस परिवर्तन का कारण लिखिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार, तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में क्षैतिज पंक्तियों में व्यवस्थित करने पर नियमित अन्तर में गुणों की पुनरावृत्ति होती है, इसे गुणों में आवर्तिता कहते हैं। समान समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं, क्योंकि इनके बाहरी कोश में समान इलेक्ट्रॉन होते हैं।
किसी आवर्त में बार्थी ओर से दायीं ओर जाने पर तत्वों के इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। क्योंकि आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी के प्रमुख दोष लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के दोषमेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में अनेक दोष पाए गए। मुख्य दोष निम्न थे-
1. हाइड्रोजन का स्थान (Position of hydrogen)मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान अनिश्चित है। हाइड्रोजन प्रथम समूह के क्षारीय धातु तथा सप्तम समूह के हैलोजनों तत्वों से गुणों में समानता प्रदर्शित करता है। अतः यह निश्चित नहीं हो पाया कि हाइड्रोजन को प्रथम समूह में रखा जाए अथवा सप्तम समूह में।

2. समस्थानिकों का स्थान (Position of isotopes)आवर्त सारणी में समस्थानिकों को कोई स्थान नहीं दिया गया है। परमाणु क्रमांक के आधार पर वर्गीकरण करने पर यह दोष दूर हो गया।

3. दुर्लभ मृदा तत्वों का स्थान (Position of rare earth elements) आवर्त सारणी में समूह के एक आवर्त में एक ही तत्व को स्थान दिया गया है लेकिन तृतीय समूह के छठवें आवर्त में 14 दुर्लभ मृदा तत्वों (Ce-,,Lu) को एक साथ रखा गया है। इन तत्वों के गुण आपस में अत्यधिक समान होते हैं।

4. ऐक्टिनॉइड्स का स्थान (Position of actinides) दुर्लभ मृदा तत्वों के समान तृतीय समूह के सप्तम आवर्त में 14 ऐक्टिनॉइड्स ( Th-Lu) को एक साथ रखा गया है।

5. आठवें समूह के तत्वों का स्थान (Position of eighth group elements)-आठवें समूह में एक खाने में तीन तत्वों को एक साथ रखा गया है जबकि अन्य समूहों में एक खाने में एक ही तत्व को रखा गया है।
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6. कुछ समान गुणों वाले तत्वों को पृथक् समूहों में स्थान (Some elements similar in properties placed in different groups)-कुछ समान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह के बजाए अलग-अलग समूहों में रखा गया है। उदाहरणार्थ, कॉपर तथा मरकरी, सिल्वर तथा थैलियम, बेरियम तथा लैड।

7. कुछ असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में स्थान (Some elements dissimilar in propertiés placed in same group)-कुछ असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में स्थान दिया गया है। उदाहरणार्थ, सिक्का धातुओं (Coinage metals) तथा क्षारीय धातु, मैंगनीज तथा हैलोजन।

8. कुछ अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणु भार वाले तत्वों से पहले रखना (Some elements with more atomic weight placed before to lighter elements)-कुछ अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणुओं वाले तत्वों से पहले स्थान दिया गया है।

उदाहरणार्थ-

  • आर्गन (39.9) को पोटैशियम (39.1) से पहले।
  • कोबाल्ट (58.9) को निकल (58.7) से पहले।
  • टेलुरियम (127.6) को आयोडीन (126.9) से पहले।
  • थोरियम (232.1) को प्रोटेक्टीनियम (231) से पहले रखा गया है।

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प्रश्न 2.
मेन्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी के दोष बताइए। दीर्घाकार अथवा प्रवर्तित आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी के दोष-परमाणु भार के बजाए परमाणु क्रमांक को आधार मानकर बनाई गई आवर्त सारणी में अनेक दोष स्वयं दूर हो गए।

उदाहरणार्थ-

  • समस्थानिकों को स्थान
  • अधिक परमाणु भार वाले तत्व की कम परमाणु भार वाले तत्व से पहले स्थिति।

लेकिन निम्न दोष अभी भी शेष हैं-

  1. हाइड्रोजन की स्थिति-हाइड्रोजन की स्थिति अनिश्चित है क्योंकि यह IA क्षारीय धातुओं तथा VIIA (हैलोजनों) दोनों उप-समूहों के तत्वों से गुणों में समानता प्रदर्शित करती है।
  2. असमान तत्वों को एक ही समूह में तथा समान तत्वों को विभिन्न समूहों में रखना-उदाहरणार्थ, IA तथा IB के तत्वों को एक ही समूह में तथा Cu, Hg तथा Pt को अलग-अलग समूहों में रखा गया है।
  3. आठवें समूहके साथ तीन तत्वों को रखना-आठवें समूह में एक ही आवर्त में एक साथ तीन तत्वों को रखा गया है। उदाहरणार्थ, Fe Co Ni, Ru Rh Pd, Os Ir Pt
  4. दुर्लभ मृदा तत्वों तथा ऐक्टिनॉइड्स की स्थिति-दुर्लभ मृदा तत्वों तथा ऐक्टिनॉइड्स को सारणी से पृथक् नीचे स्थान, दिया गया है।
  5. धातु तथा अधातुओं की स्थिति-एक ही समूह में धातु तथा अधातु दोनों को एक साथ रखा गया है।

दीर्घाकार अथवा प्रवर्धित आवर्त सारणी (Oblong Form or Extended Formof Periodic Table)-यह आवर्त सारणी बोर (Bohr) सारणी भी कहलाती है, क्योंकि यह बोर के द्वारा दिए गए परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के विन्यास पर आधारित है। रॉग (Raug), वर्नर (Werner), तथा बरी (Bury) ने इलेक्ट्रॉनों के विन्यास के आधार पर इस सारणी को प्रस्तुत किया जिसे दीर्घाकार अथवा प्रवर्धित आवर्त सारणी कहते हैं।

इस आवर्त सारणी में प्रथम दो आवतों को विभाजित कर दिया गया है तथा उप-समूहों को अलग करके 18 ऊवधिर (Vertical) खानों में विभाजित किया गया है जिन्हें समूह (Groups) कहते हैं। IA तथा IIA समूह के तत्वों को बाई तरफ रखा गया है। यह तत्व अत्यधिक धनात्मक प्रकृति के होते हैं। सारणी के दाई ओर IIHA, IVA, VA, VIA, VIIA तथा शून्य समूह के तत्वों को रखा गया है। VIIA समूह के हैलोजन तत्व अत्यधिक ऋणात्मक प्रकृति के होते हैं। आवर्त सारणी के मध्य भाग में संक्रमण तत्वों (IIIB से VIIB, VII, IB, IIB) को रखा गया है। लैन्थेनॉइड्स तथा ऐक्टिनॉइड्स को सारणी से नीचे अलग स्थान दिया गया है।

दीर्घाकार आवर्त सारणी की विशेषताएँ-

  1. यह सारणी सरल है तथा याद रखने में आसान है।
  2. इस आवर्त सारणी में तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा स्थिति में एक समन्वय है।
  3. इसमें उप-समूहों को अलग कर देने से भिन्न-भिन्न गुणों वाले तत्व एक ही समूह में नहीं हैं।
  4. इसमें धातु तथा अधातु सारणी में पृथक् हो गए हैं। धातु (धनात्मक) बाईं तरफ, अधातु (ऋणात्मक) दाईं तरफ तथा संक्रमण तत्व सारणी के मध्य भाग में स्थित हैं।
  5. परमाणु क्रमांक के बढ़ने पर तत्वों के गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है।

प्रश्न 3.
मेन्डेलीफ के आवर्त नियम का उल्लेख कीजिए। (Rbse 2017)
उत्तर-
रूसी रसायनशास्त्री डिमित्री एनवानोवीच मेन्डेलीफ (Dimitri Invanovich Mendeleev) – ने सन् 1869 में माना कि “तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।” इसके अनुसार यदि विभिन्न तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते हुये क्रमानुसार रखा जाए तो निश्चित अन्तर के बाद समान गुणों वाले तत्व प्रकट होते हैं।

मेन्डेलीफ ने 63 कार्ड लेकर उस समय उपलब्ध 63 तत्वों के नाम एवं गुण लिखकर समान गुणों वाले तत्वों के काड़ों को पृथक् करके उनको दीवार पर एक पिन से लगा दिया। तत्वों के परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित करने पर प्रत्येक वर्ग के सभी तत्व अनेक गुणों में समान थे। प्रत्येक सातवें तत्व के बाद आने वाले तत्व के गुण पहले वाले तत्व के समान पाए गए। इस आधार पर तत्वों की व्यवस्था धात्वीय गुण, घनत्व अथवा किसी अन्य गुण पर आधारित व्यवस्था से अच्छी पाई गई। इस प्रकार उन्होंने नियम दिया कि “तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।”
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 12

प्रश्न 4.
(a) मेन्डेलीफ के आवर्त नियम को चुनौती देने वाले किन्हीं तीन प्रेक्षणों की सूची बनाइए।
(b) आधुनिक आवर्त सारणी में,
(i) किसी आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर,
(ii) किसी समूह (ग्रुप) में ऊपर से नीचे जाने पर, तत्वों के धात्विक लक्षणों में किसी प्रकार विचरण होता है?
अथवा
चार तत्वों A, BC और D के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का तीन कोशों में वितरण इस प्रकार है कि इन तत्वों के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमशः 1, 3, 5 और 7 है। आधुनिक आवर्त सारणी में इन तत्वों की समूह (गुप) संख्या लिखिए। B और D परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा B और D के संयोग से बने योगिक का आण्विक सूत्र लिखिए। (Cbse 2019)
उत्तर-
(a) मैण्डलीव के नियम को चुनौती देने वाले तीन बिन्दु निम्नवत् हैं-

  • आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान विवादास्पद है, इसे एल्कली समूह के साथ एवं हेलोजन समूह के साथ रखा गया है।
  • समस्थानिकों को स्थान देना सम्भव नहीं है। .
  • कहीं-कहीं तत्वों के परमाणु भार का क्रम टूट गया है। अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणु भार वाले तत्वों से पहले रखा गया है। जैसे-सिलिकॉन (28Si) से पहले एल्युमिनियम (29Al) CO के बाद Ni को।
  • अंतिम समूह चौथे, पाँचवें एवं छठवें आवर्त में एक साथ तीन-तीन तत्वों को रखा गया है-Fe, Co, Ni.

(b) आधुनिक आवर्त सारणी में धात्विक लक्षणों में परिवर्तन

  • बायें से दायें जाने पर तत्वों के धात्विक गुण में कमी होती है क्योंकि तत्वों द्वारा इलेक्ट्रॉन को छोड़ने की प्रवृत्ति कम होती है। तत्वों के परमाणु के नाभिक में नाभिकीय बल बढ़ता है।
  • ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक गुण बढ़ते हैं क्योंकि नाभिकीय बल घटता है तथा इलेक्ट्रॉन के छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 13
∴ B, D.के संयोग से बने यौगिक का अणुसूत्र BD3 है।

प्रश्न 5.
(a) आधुनिक आवर्त सारणी का विकास डॉबेराइनर, न्यूलैण्ड तथा मेण्डलीफ के प्रारम्भिक प्रयासों के कारण हो पाया है। इन तीनों प्रयासों की एक-एक उपलब्धि और एक-एक सीमा की सूची बनाइए।
(b) उस वैज्ञानिक का नाम लिखिए जिसने सर्वप्रथम यहदर्शाया कि किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
(c) आधुनिक आवर्त नियम लिखिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
(a)
(1) डॉबेराइनर की उपलब्धि और सीमाइन्होंने तीन-तीन तत्वों के समूह बनाए। इन समूहों को डॉबेराइनर का त्रिक/त्रय कहा गया। डॉबेराइनर ने बताया कि इन तत्वों को इनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो परमाणुओं के द्रव्यमान का लगभग औसत होता है।
Li 6.9
Na 23
K 39
सीमा-डॉबेराइनर का सिद्धान्त प्रत्येक त्रिक पर लागू नहीं हो सका।
उदाहरण : यह सिद्धान्त N, P As पर लागू नहीं हो पाया।
वह उस समय उपस्थित तत्वों के तीन ही त्रय को पहचान पाया था।

(2) न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धान्त-न्यूलैंड्स ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया तथा यह बताया कि प्रत्येक आठवाँ तत्व पहले तत्व से गुणों में समानता दिखाता है।

सीमाएँ-
(i) यह सिद्धान्त केवल कैल्शियम तत्व तक ही लागू हो सका।
(ii) न्यूलैंड्स का अष्टक नियम केवल हल्के तत्वों के लिए ही लागू हो सका। यह नियम भारी परमाणु के भारी तत्वों का स्थान निर्धारित करने में असफल रहा।

(3) मेण्डलीफ की उपलब्धियाँ-

  • मेण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में भविष्य में ज्ञात होने वाले तत्वों के लिए अनुमानित रिक्त स्थान दिए हैं।
  • मेण्डलीफ की आवर्त सारणी के ज्ञान से ही नए तत्वों को खोजने में काफी सहायता मिली।

सीमाएँ-

  • मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को नियत स्थान नहीं दिया जा सका।
  • समस्थानिक मैण्डलीफ के आवर्त नियम के लिए एक चुनौती थी।

(b) हेनरी मोज्ले ने सर्वप्रथम दर्शाया कि किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्महै।
(c) आधुनिक आवर्त सारणी-इस नियम के अनुसार तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के अनुसार व्यवस्थित किया गया है।

आधुनिक आवर्त नियम-

  • तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुण उनके परमाणु संख्या के आवर्ती फलन होते हैं।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया गया है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह तथा 7 आवर्त हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धान्त कैसे तत्वों के लिए ठीक से लागू हो पाया
(a) भारी
(b) कठोर
(c) हल्के
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) हल्के।

2. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को क्या कहा गया –
(a) ग्रुप
(b) आवर्त
(c) रेखीय
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) आवर्त।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

3. समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार कैसे प्रभावित होता है –
(a) घटता है
(b) बढ़ता है
(c) समान रहता है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) बढ़ता है।

4. मेन्डेलीफ के वर्गीकरण का आधार है
(a) परमाणु संख्या
(b) परमाणु द्रव्यमान
(c) भौतिक अवस्था
(d) धातु एवं अधातु।
उत्तर-
(b) परमाणु द्रव्यमान।

5. आधुनिक आवर्त सारणी में समूहों की संख्या है –
(a) 8
(b) 18
(c) 7
(d) 17.
उत्तर-
(b) 18.

6. AI(परमाणुसंख्या 13) को किस समूह में रखा गया है –
(a) तीसरे
(b) 13वें
(c) दूसरे
(d) आठवें।
उत्तर-
(b) 13वें।

7. A, B और C डॉबेराइनर के त्रिक तत्व हैं। यदि A का परमाणु द्रव्यमान 7 तथा C का 39 है तो B का परमाणु द्रव्यमान होगा –
(a) 32
(b) 11
(c) 23
(d) 46.
उत्तर-
(c) 23.

8. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में किस तत्व को सही स्थान नहीं मिला?
(a) सोडियम
(b) पौटेशियम
(c) नीऑन
(d) हाइड्रोजन।
उत्तर-
(d) हाइड्रोजन।

9. L-कोश द्वितीय आवर्त में कितने तत्व हैं?
(a) 4
(b) 8
(c) 12
(d) 16.
उत्तर-
(b) 8.

10. F, CI, Br, I तथा A कौन-से समूह के तत्व हैं? .
(a) 2
(b) 7
(c) 12
(d) 17.
उत्तर-
(d) 17.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

11. निम्न में से किसमें अधिकतम अधात्विक गुण हैं ?
(a) Cl
(b) F
(c) Br
(d) I.
उत्तर-
(b) E

12. एक तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,8,1 है। इसके लिए कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इसकी संयोजकता – 1 है
(b) इसकी संयोजकता + 1 है
(c) यह I A समूह में उपस्थित है
(d) यह चौथे (IV) आवर्त में आता है।
उत्तर-
(c) यह IA समूह में उपस्थित है।

13. किसी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या हो सकती है –
(a) n2
(b) 2n2
(c) 5n2
(d) 4n2.
उत्तर-
(b) 2n2

14.
तत्वों का प्रथम आवर्ती वर्गीकरण किसने प्रस्तुत किया. था?
(a) डॉबेराइनर
(b) जे. ए. आर. न्यूलैंड्स
(c) मेन्डेलीफ
(d) लोथर मेयर।
उत्तर-
(c) मेन्डेलीफ।

15. आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के किस लक्षण पर आधारित है?
(a) संयोजकता
(b) परमाणु द्रव्यमान
(c) परमाणु आकार
(d) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।
उत्तर-
(d) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।

16. आवर्त सारणी का दीर्घाकार रूप आधारित है
(a) परमाणु भार परं
(b) परमाणु द्रव्यमान पर
(c) परमाणु क्रमांक पर
(d) परमाणु त्रिज्या पर।
उत्तर-
(c) परमाणु क्रमांक पर।

17. आधुनिक आवर्त सारणी को किसने विकसित किया था –
(a) लोथर मेयर
(b) नील बोर
(c) मेन्डेलीफ
(d) मोजले।
उत्तर-
(d) मोजले।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

18. मेन्डेलीफ का आवर्त नियम आधारित है
(a) संयोजकता पर
(b) परमाणु भार पर
(c) परमाणु क्रमांक पर
(d) परमाणु आयतन पर।
उत्तर-
(b) परमाणु भार पर।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी को ……………………. तथा ……………………. में बाँटा गया है।
उत्तर-
आवर्तों, वर्गों,

2. तीसरे आवर्त में Na; Mg व AI ……………………. है तथा P, S, Clव Ar ……………………. ।
उत्तर-
धातुएँ, अधातुएँ,

3. सारणी में तिरछी रेखा के दाईं ओर ……………………. स्थित हैं।
उत्तर-
अधातुएँ,

4. धातुओं के ऑक्साइड ……………………. तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः ……………………. होते हैं।
उत्तर-
क्षारकीय, अम्लीय,

5. आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं जिन्हें ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
समूह।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न को सुमेलित कीजिए –

कॉलम A कॉलम B कॉलम C
1. यूरेनियम समूह 17 सिक्का धातु
2. चाँदी ऑक्सीजन समूह गैस
3. एल्युमीनियम संक्रमण तत्व पीला ठोस
4. फ्लु ओरीन बोरॉन समूह रेडियोएक्टिव
5. सल्फर एक्टिनॉइड उभयधर्मी

उत्तर-
1. यूरेनियम – एक्टिनाइड – रेडियोएक्टिव
2. चाँदी – संक्रमण तत्व – सिक्का धातु
3. ऐल्युमीनियम – बोरॉन समूह – उभयधर्मी
4. फ्लु ओरीन – समूह 17 – गैस
5. सल्फर – ऑक्सीजन समूह – पीला ठोस।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
सहसंयोजक यौगिक विद्युत् के दुर्बल चालक क्यों होते हैं ?
उत्तर-
इन यौगिकों में आयन अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते जो विद्युत् चालन के लिए आवश्यक हैं अतः सहसंयोजक यौगिक विद्युत के दुर्बल चालक होते हैं।

प्रश्न 2.
यौगिकों में कितने प्रकार के सहसंयोजी आबन्ध उपस्थित रहते हैं ?
उत्तर-
यौगिकों में सहसंयोजी आबन्ध तीन प्रकार के होते हैं-

  • एकल सहसंयोजी आबन्ध,
  • द्वि-सहसंयोजी आबन्ध,
  • त्रि-सहसंयोजी आबन्ध।

प्रश्न 3.
शृंखलन क्या है ? .
उत्तर-
कार्बन तत्व का वह गुण जिसके कारण इसके परमाणु एक-दूसरे से जुड़कर एक दीर्घ श्रृंखला बना सकते हैं, श्रृंखलन कहलाता है।

प्रश्न 4.
किसी चक्रीय असंतृप्त कार्बन यौगिक का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
बेन्जीन (C6H6)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 1

प्रश्न 5.
एथीन का आण्विक सूत्र लिखिए और उसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 2

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 6.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य मेथेन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 3

प्रश्न 7.
कार्बन डाइऑक्साइड के लिए एक परीक्षण दीजिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 8.
सहसंयोजी आबन्ध किस प्रकार बनते हैं? (CBSE 2020)
उत्तर-
दो परमाणुओं के बीच सबसे बाहरी कक्ष के इलेक्ट्रॉन साझा करने से सहसंयोजी आबन्ध बनते हैं।

प्रश्न 9.
जन्तुओं तथा वनस्पतियों की वसाओं तथा तेलों में उपस्थित एस्टरों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
ग्लिसरॉइड्स।

प्रश्न 10.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथीन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 4

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 5

प्रश्न 11.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथाइन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 6

प्रश्न 12.
उस समजातीय श्रेणी के पहले दो सदस्यों के अणुसूत्र लिखिए जिसका प्रकार्यात्मक समूह-CI है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 7

प्रश्न 13.
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
07

प्रश्न 14.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन को जलाने पर उत्पन्न ज्वाला की प्रकृति क्या होती है ?
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन एक स्वच्छ नीली ज्वाला के साथ जलता है।

प्रश्न 15.
हीरे व ग्रेफाइट की संरचना कैसी होती है ?
उत्तर-
हीरा – प्रबल त्रिआयामी संरचना,
ग्रेफाइट – षट्कोणीय संरचना।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 16.
एथेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C2H6
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 8

प्रश्न 17.
प्रोपेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C3H8
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 9

प्रश्न 18.
ब्यूटेन का सूत्र लिखिए व संरचनाएँ बनाइए।
उत्तर-
सूत्र: C4H10
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 10

प्रश्न 19.
साइक्लोहेक्सेन का आण्विक और संरचना सूत्र लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
सूत्र : C6H12
संरचनाम
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 11

प्रश्न 20.
प्रोपेनोन में उपस्थित प्रकार्यात्मक समूह का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रोपेनोन में एल्कोहॉल समूह उपस्थित है।

प्रश्न 21.
ऐल्कोहॉल को वायु में जलाने पर क्या होता
उत्तर-
ऐल्कोहॉल वायु में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प, ऊष्मा तथा प्रकाश देता है।

प्रश्न 22.
उस एल्कोहॉल का नाम और संरचना लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 12

प्रश्न 23.
उस एल्कोहॉल का नाम और अणुसूत्र लिखिए जिसके एक अणु में 4 कार्बन परमाणु होते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 13

प्रश्न 24.
कार्बोक्सिलिक अम्ल की प्रकृति दुर्बल है अथवा प्रबल ?
उत्तर-
दुर्बल अम्ल।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 25.
एथेनॉल की ऑक्सीजन से अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
C2H5OH+O2 →CH3COOH+H2O.

प्रश्न 26.
ऑक्सीकरण कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन पदार्थों में ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है, उन्हें ऑक्सीकरण कारक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट अम्ल क्या हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीकरण कारक।

प्रश्न 28.
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम तथा संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम मेथेनॉइक अम्ल है। इसका संरचनात्मक सूत्र :HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 14 है।

प्रश्न 29.
संकलन अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संकलन अभिक्रिया ऐसी अभिक्रिया है जिसमें एक असन्तुष्ट हाइड्रोकार्बन किसी अन्य पदार्थ से मिलकर केवल एक यौगिक उत्पन्न करता है।

प्रश्न 30.
संकलन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 15

प्रश्न 31.
किण्वन क्या है?
उत्तर-
किण्वन वह क्रिया है जिसमें शक्कर तथा स्टार्च के अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं और साथ में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।

प्रश्न 32.
प्रतिहिम किसे कहते हैं ? इसका उपयोग कहाँ होता है ?
उत्तर-
ऐल्कोहॉल तथा जल के मिश्रण को प्रतिहिम कहते हैं। इसका उपयोग ठण्डे देशों में वाहनों के रेडिएटरों में होता है।

प्रश्न 33. साबुन कैसे बनता है ?
उत्तर-
साबुन, तेल अथवा वसा से बनता है जो वसा अम्ल या ग्लिसरॉल के एस्टर होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 34.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ? .
उत्तर-
वसा को विघटित करने की क्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 35.
ग्लिसरॉल का उपयोग कहाँ किया जाता
उत्तर-
ग्लिसरॉल का उपयोग औषधियों, विस्फोटक पदार्थ, रंग रोगन आदि में किया जाता है।

प्रश्न 36.
अपमार्जक किससे बनते हैं ?
उत्तर-
अपमार्जक पेट्रोलियम से प्राप्त हाइड्रोकार्बनों से बनते हैं।

प्रश्न 37.
साबुन पानी में घुलकर क्या बनाता है ?
उत्तर-
साबुन पानी में घुलकर मिसेल बनाता है।

प्रश्न 38.
किण्वन क्रिया किस तापमान पर होती है ?
उत्तर-
किण्वन क्रिया 20-30°C पर होती है।

प्रश्न 39.
ऐल्डिहाइड वर्ग का सामान्य सूत्र क्या है ?
उत्तर-
CnH2n+1 CHO.

प्रश्न 40.
प्रतिस्थायी अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरीन का हाइड्रोजन के परमाणुओं से विस्थापन को प्रतिस्थायी अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 41.
भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-
असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का।

प्रश्न 42.
जल किस कारण कठोर बनता है ?
उत्तर-
कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवणों के कार्बो नेट, सल्फेट तथा क्लोराइड के कारण।

प्रश्न 43.
कार्बोनायल यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड और कीटोन वर्ग को कार्बोनायल यौगिक कहते हैं, क्योंकि इनमें कार्बोनायल वर्ग (-CO या -C=0) विद्यमान होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए और इसके अणु में कार्बन और ऑक्सीजन के बीच आबन्ध की प्रकृति लिखिए। अथवा
प्रत्येक के लिए कारण देते हुए कार्बन के इन दो गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके कारण हमारे चारों ओर विशाल संख्या में कार्बन के यौगिक दिखाई देते हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
CO2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 16
कार्बन तथा ऑक्सीजन के मध्य द्विआबंध (संयोजी) होते हैं।
अथवा

  • कैटीनेशन-यह वह गुण है जिससे कार्बन अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ बन्ध बनाते हैं।
  • चर्तुसंयोजक-कार्बन की चार संयोजकता होने के कारण यह अन्य परमाणुओं के साथ बन्ध बनाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 2.
किम यौगिकों को (i) ऐल्केन, (ii) ऐल्कीन और (iii) ऐल्काइन कहते हैं? C4H10 इनमें से किससे संबंधित है? इस यौगिक के दो संरचनात्मक समस्थानिक खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(i) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n+2 होता है, उन्हें एल्केन कहते हैं।
(ii) जिनका यौगिक सूत्र CnH2n होता है, उन्हें एल्कीन कहते हैं।
(iii) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n-2 होता है, उन्हें ऐल्काइन कहते
C4H10 एल्केन है, जिसे ब्यूटेन कहते हैं।
C4H10 के संरचनात्मक सपस्थानिक हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 17

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से ऐल्कीन एवं एल्काइन की पहचान कीजिए :
(i) C2H6
(ii) C3H4
(iii) C3H6
(iv) C3H8
उत्तर-
(iii) ऐल्कीन है और (ii) एल्काइन है।

प्रश्न 4.
(a) कार्बन के दो विशिष्ट लक्षण लिखिए जिनके कारण वह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है। कार्बनिक यौगिकों में आबन्ध की प्रकृति लिखिए।
(b) एथेन के दो उत्तरोत्तर सदस्यों के सूत्र लिखिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(a)
(i) चतुःसंकलन.
(ii) श्रृंखलन . .
सहःसंयोजक बन्ध

(b) C3H8 और C4H10 प्रोपेन और ब्यूटेन

प्रश्न 5.
एथाइन की इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना का चित्रण कीजिए। एथाइन और ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। आपके विचार से इस कार्य के लिए एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जा सकता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
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एथाइन और आक्सीजन का मिश्रण दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग अवांछनीय पदार्थ बनने के कारण किया जाता है।

प्रश्न 6.
(i) क्या होता है जब मेथेन ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है?
(ii) क्या होता है जब मेथेन की क्रिया नाइट्रिक अम्ल से करते हैं?
उत्तर-
(i) मेथेन ओजोन के द्वारा ऑक्सीकृत होकर फॉर्मेल्डिहाइड बनाती है।
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(ii) मेथेन नाइट्रिक अम्ल से क्रिया कर नाइट्रोमिथेन बनाती है।
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प्रश्न 7.
संतृप्त व असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में अन्तर लिखें।
उत्तर-

संतृप्त हाइड्रोकार्बन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन
1. ये कम क्रियाशील होते हैं। 1. ये अधिक क्रियाशील होते हैं।
2. ये ब्रोमीन जल का रंग नहीं उड़ाते है। 2. ये ब्रोमीन जल का भूरा रंग उड़ा देते हैं।
3. ये ओजोन के साथ ओजोनाइट नहीं बनाते हैं। 3. ये ओजोन के साथ क्रिया करके ओजोनाइट बनाते हैं।
4. ये प्रतिस्थापित क्रियायें प्रदर्शित करते हैं। 4. ये मुख्यतः योगात्मक अभिक्रिया प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 8.
किसी परखनली में 3mL एथेनॉल लेकर उसे जल-ऊष्मक में धीरे-धीरे गर्म किया गया। इस विलयन में 5% क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट विलयन को पहले बूंद-बूंद करके और फिर आधिक्य में मिलाया गया।
(i) KMnO4 का 5% विलयन किस प्रकार बनाया जाता है?
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट की भूमिका का उल्लेख कीजिए। इसे आधिक्य में मिलाने पर क्या होता है?
(iii) इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) 5 ग्राम (KMnO4) को 95 mL गर्म पानी में घोल कर मिलाने से, 5% (KMnO4) का विलयन प्राप्त होगा।
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट (KMnO4) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। अधिक मात्रा में KMnO4 डालने पर विलयन का रंग बैंगनी हो जायेगा। इसका कारण यह है कि KMnO4 की अधिक मात्रा क्रिया में भाग नहीं लेती क्योंकि क्रिया के लिए एथेनॉल शेष नहीं बचती।
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प्रश्न 9.
(a)
(i) एथेनॉल,
(ii) एथेनॉइक अम्ल की संरचनाएँ खींचिए।
(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन की उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया क्यों माना जाता है? इस अभिक्रिया में उपयोग होने वाले ऑक्सीकरण का नाम लिखिए।
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल (C2H5OH) की संरचना
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(ii) एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) की संरचना
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(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया माना जाता है क्योंकि इस परिवर्तन में एथेनॉल के अणु में एक ऑक्सीजन के परमाणु का योग होता है तथा 2 हाइड्रोजन के परमाणुओं की हानि होती है। क्षारीय KMnO4 का विलयन इस अभिक्रिया में ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 10.
उन दो रासायनिक गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके आधार पर एथेनॉल और एथेनॉइक अम्ल के बीच विभेदन किया जा सकता है और व्याख्या कीजिए यह विभेदन किस प्रकार किया जा सकता है?
अथवा
असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में दो कार्बन परमाणुओं के बीच बहुआबंध होते हैं तथा यहयौगिक संकलन अभिक्रिया दर्शाते हैं। संतृप्त और असंतृप्त कार्बन यौगिकों में से कौन से यौगिक अधिक अभिक्रियाशील होते हैं? एथेन और में एथीन के बीच विभेदन करने के लिए एक परीक्षण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
रासायनिक गुणधर्मों के अनुसार एथेनॉल एवं एथेनाइँक अम्ल निम्न प्रकार से हैं-
(i) सोडियम के साथ एथेनॉल रासायनिक क्रिया करके सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है जबकि एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ सोडियम एसीटेट एवं जल बनाता है।
2Na + 2C2H5 OH → 2C2H5ONa + H2
NaOH + CH3COOH → CH3COONa +H2O

(ii) सोडियम कार्बोनेट के साथ एथेनॉइक अम्ल क्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, पानी एवं CO2, बनाता है जबकि एथेनॉल यह अभिक्रिया नहीं देता।
CH3COOH + Na2CO3 →CHCOONa + H2O + CO2,
अथवा
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक अभिक्रियाशील होते हैं क्योंकि कार्बन युगल में बहु आबन्ध होते हैं। जैसे-एथेन ब्रोमीन जल के साथ क्रिया नहीं करता जबकि एथीन के साथ करता है। एथेन स्वच्छ एवं नीली ज्वाला के साथ जलता है जबकि एथीन पीली ज्वाला के साथ काला धुआँ उत्पन्न करता है।

प्रश्न 11.
कोई यौगिक ‘X’ आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 443 K पर गर्म करने पर कोई असंतृप्त यौगिक ‘Y’ बनाता है। यौगिक ‘X’ सोडियम धातु से भी अभिक्रिया करता है जिसमें कोई रंगहीन गैस ‘Z’ निकलती है। ‘X’ ‘Y’ तथा ‘Z’ को पहचानिए। ‘Y’ उत्पन्न होने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए तथा न इसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका का उल्लेख भी कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
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सोडियम ऐथोक्साइड Z = H2, (हाइड्रोजन गैस) इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में काम करता है, जो एथेनॉल से जल को अलग करता हैं।

प्रश्न 12.
(a) कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक क्यों होते हैं?
(b) किसी ऐसे संतृप्त यौगिक का नाम और उसकी संरचना दीजिए जिसमें कार्बन परमाणु वलय के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस यौगिक में उपस्थित एकल आबन्धों की संख्या लिखिए।
उत्तर-
(a) कार्बन इलेक्ट्रॉन की साझेदारी करके सहसंयोजी आबंध बनाता है। चूंकि इलेक्ट्रॉन बंधित अवस्था में होते हैं, इसलिए कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं।
(b) वह श्रृंखला जिसमें कार्बन-कार्बन के मध्य एकल बंध उपस्थित होता है, उसे हम संतृप्त यौगिक कहते हैं। उदाहरण-साइक्लोहेक्सेन (C6H12)
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इस यौगिक में एकल आबंधों की संख्या = 18

प्रश्न 13.
क्या होता है जब (प्रत्येक प्रकरण में रासायनिक समीकरण भी लिखिए।)-
(a) एथेनॉल वायु में जलता है?
(b) एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के आधिक्य में 443k पर गर्म किया जाता है?
(c) एथेनॉल में सोडियम का टुकड़ा डाला जाता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+3H2O+ ऊर्जा
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प्रश्न 14.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए (CBSE 2017)
(i) CH3COOC2H5+NaOH →
(ii) CH3COOH+NaOH →
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उत्तर-
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प्रश्न 15.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए
(i) C2H5OH+O2
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(iii) CH3COOH + NaHCO3 → (CBSE 2017)
उत्तर –
(i) C2H5 OH+3O2 → 2CO2 +3H2O+ ऊर्जा
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(iii) CH3COOH+NaHCO3 → CH3COONa +H2O+CO2

प्रश्न 16.
दो कार्बन यौगिकों के अणुसूत्र C4H8 और C3H8 है। इनमें से किस यौगिक की संकलन अभिक्रिया दर्शाने की अधिक संभावना हो सकती है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। इस प्रकरण में संकलन अभिक्रिया की प्रक्रिया की व्याख्या के लिए रास क समीकरण भी दीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
C4H8, यह एक असंतृप्त पौगिक है और CHA एक संतृप्त यौगिक है। असंतृप्त यौगिक हमेशा संकलन अभिक्रिया देते हैं, क्योंकि इनमें द्विआबन्ध होता है।
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प्रशन 17.
एथेनॉइक अम्ल की निम्नलिखित के साथ अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण दीजिए
(a) सोडियम
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(c) एथेनॉल
प्रत्येक अभिक्रिया में बने प्रमुख उत्पाद का नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
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प्रश्न 18.
किसी एल्डिहाइड और किसी कीटोन दोनों को समान अणु सूत्र, जैसे C3H6O द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इनकी संरचनाएँ और नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच के संबंध का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
क्योंकि दोनों अवयवों का समान अणुसूत्र है इसलिए हम इनको संरचनात्मक समावयव कहेंगे। इस एल्डिहाइड का नाम = प्रोपेनल
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प्रश्न 19.
किसी परखनली, जिसमें अणुसूत्र C2H6O का कोई कार्बन यौगिक ‘X’ भरा है, में सोडियम धातु का टुकड़ा गिराए जाने पर तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस, ‘Y’ बाहर निकलती है। परखनली के मुख पर जलती तीली लाने पर यह गैस पॉप ध्वनि से जलती है। ‘x’ और ‘Y’ को पहचानिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। जब आप ‘x’ को आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं, तो जो उत्पाद बनता है, उसका नाम और संरचना लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
X= एथेनॉल, C2H5OH
Y=H2 गैस
2C2H5OH + 2Na→2C2H5ONa + H2
एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर एथीन बनता है।
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प्रश्न 20.
एथेनॉइक अम्ल के सोडियम एथेनॉएट में परिवर्तन को दर्शाने के लिए तीन विभिन्न अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए तथा प्रत्येक प्रकरण में इन समीकरणों को संतुलित भी कीजिए। एथेनॉइक अम्ल तथा सोडियम एथेनॉएट के अतिरिक्त अन्य सभी अभिकर्मकों और उत्पादों के नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
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प्रश्न 21.
CNG का पूरा नाम लिखिये एवं इसके प्रमुख . घटक की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
उत्तर-
CNG-Compressed Natural Gas – CNG का मुख्य घटक मेथेन CH4, है। इसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना निम्न है
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प्रश्न 22.
ऐस्टरीकरण किसे कहते हैं? इसके निर्माण की विधि व सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रिया लिखिये।
उत्तर-
ऐस्टरीकरण अभिक्रिया (Estrification Reaction)-ऐथेनॉइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके ऐस्टर बनाते हैं। यह अभिक्रिया ऐस्टरीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
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प्रश्न 23.
एथेनॉइक अम्ल के कोई दो गुणधर्म बताइये तथा इसकी निम्न के साथ अभिक्रिया समझाइये।
(a) एस्टरीकरण
(b) क्षार के साथ अभिक्रिया
(c) सोडियम कार्बोनेट से क्रिया।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म-
1. एथेनॉइक अम्ल को ऐसीटिक अम्ल कहा जाता है तथा यह कार्बोक्सिलिक अम्ल के समूह से सम्बन्ध रखता है।
2. शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290K होता है।
(a) एस्टरीकरण अभिक्रिया-एथेनॉइक अम्ल किसी · अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर बनाते हैं।
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(b) क्षारक के साथ अभिक्रिया-खनिज अम्ल की भाँति एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रॉक्साड (NaOH) से अभिक्रिया करके सोडियम एथेनोएट बनाता है।
NaOH+CH3COOH→ CH3COONa+H2O
(c) सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, जल एवं कार्बन डाईऑक्साइड का निर्माण करता है।
2CH3COOH+Na2CO3 → 2CH3COONa +H2O + CO2

प्रश्न 24.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके पुनः ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहा जाता है क्योंकि इससे साबुन तैयार किया जाता है।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इस श्रेणी का सूत्र बताइये तथा इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना लिखें। (RBSE 2017)
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन-हाइड्रोजन व कार्बन से बने वे यौगिक जिनमें एकल बन्ध पाया जाता है, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इस श्रेणी का सूत्र CnH2n+2 होता है। इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना निम्नवत् है –
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प्रश्न 2.
कार्बन के अपररूपों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
कार्बन के अनेक अपररूप हैं। कार्बन के परमाणुओं के परस्पर आबन्धन के तरीकों के आधार पर ही इनमें अन्तर होता है।
1. हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबन्धित होता है जिससे एक दृढ़ त्रिआयामी संरचना बनती है।
2. ग्रेफाइट में कार्बन के प्रत्येक परमाणु का आबन्धन कार्बन के तीन अन्य परमाणुओं के साथ एक ही तल पर होता है जिससे षट्कोणीय व्यूह मिलता है। इनमें से एक आबन्ध द्विबन्धी होता है जिसके कारण कार्बन की संयोजकता पूर्ण होती है। ग्रेफाइट की रचना में षट्कोणीय तल एक-दूसरे के ऊपर व्यवस्थित होते हैं।
3. शुद्ध कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब एवं ताप पर उपचारित करके हीरे को संश्लेषित किया जाता है। ये संश्लिष्ट हीरे आकार में छोटे होते हैं।
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4. फुलेरीन कार्बन अपररूप का अन्य वर्ग है। सबसे पहले C-60 की पहचान की गई जिसमें कार्बन के परमाणु फुटबाल के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस अणु को अमेरिकी आर्किटेक्ट बकमिसटर फुलर के नाम पर फुलेरीन नाम दिया गया है।

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प्रश्न 3.
मेथेन, एथेन और एथीन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(1) मेथेन-सूत्र : CH4
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(2) एथेन-सूत्र : C2H6
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(3) एथीन-सूत्र : C2H4.
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प्रश्न 4.
विवृत श्रृंखला, शाखित श्रृंखला तथा वलय संरचना में प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
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उदाहरण-
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प्रश्न 5.
समजातीय सीरीज की परिभाषा दीजिये। इसके प्रमुख गुण बताइये। ऐसी समजातीय श्रेणी का नाम बतायें जो निम्नलिखित सामान्य सूत्रों द्वारा प्रदर्शित होती है [RBSE 2015; CBSE 2019]
CnH2n -2, CnH2n +2
CnH2n, तथा CnH2n +1OH
प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य का संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
समजातीय श्रेणी-कार्बनिक यौगिकों को एक ही क्रियात्मक समूह वाले, रासायनिक दृष्टि के समान एवं एक ही सामान्य सूत्र से निरूपति किए जा सकने वाले यौगिकों के समूहों में बाँटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक समूह को समजातीय श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी में रखे गए निकटतम दो सदस्यों के आण्विक सूत्रों में (-CH2) ग्रुप का अन्तर होता है। एक समजातीय श्रेणी के प्रत्येक स को समजातीय कहते हैं।

समजातीय श्रेणी के प्रमुख गुण-
1. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
2. दो संलग्न सदस्यों में एक कार्बन परमाणु तथा 2 हाइड्रोजन परमाणुओं का अन्तर होता है।
3. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के रासायनिक गुण एक समान होते हैं।
4. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के भौतिक गुणों में थोड़ा सा अन्तर होता है।
5. दो संलग्न सदस्यों के आण्विक द्रव्यमान में अन्तर 14 amu होता है।
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प्रश्न 6.
(a) बेन्जीन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) बेन्जीन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित त्रिबंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से एधन कौनसी है? इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(i) C2H2
(ii) C2H4
(iii) C2H6 (RBSE 2016)
उत्तर-
(i) C2H2
(b) वेन्जीन के संग्चना पत्र में तीन ‘दबंध और एक एकल बंध होता है। इसमें कोई त्रिबंध नहीं होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 51
(c) C2H6.7 एकल बंध

प्रश्न 7.
(a) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से ऐथीन कौन सी है। उसमें उपस्थित द्विबंध की संख्या लिखिए।
(i) C2H2,
(ii) C2H4
(iii) C2H6(RBSE 2016)
उत्तर-
(a) C6H12 :
(b) साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में 16 एकल बंध होते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 52
(c) C2H4 इसमें एक द्वि-आबन्ध होता है।

प्रश्न 8.
(a) नीचे दिए गए परिवर्तनों को कार्यान्वित कीजिए-
(i) एथेनॉल को एथीन में,
(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में।
(b) संकलन अभिक्रिया और प्रतिस्थापन अभिक्रिया के बीच विभेदन कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल को एथीन में –
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इस अभिक्रिया में सांद्र H2SO4 अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है।

(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में –
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इस अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4, का विलयन ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है।
(b)

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 9.
उस यौगिक का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए जो सभी एल्कोहॉली पेय पदार्थों का महत्त्वपूर्ण अवयव है। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण तथा उत्पाद का नाम लिखिए, जल यह यौगिक
(i) सोडियम धातु से अभिक्रिया करता है।
(ii) गर्म सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करता
अथवा
मेथेन क्या है? इसकी इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना खींचिए। इस यौगिक में बनने वाले आबन्धों का प्रकार लिखिए। इस प्रकार के यौगिक
(i) विद्युत के कुचालक तथा
(ii) कम गलनांक और कम क्वथनांक वाले क्यों होते हैं? क्या होता है जब इस यौगिक का ऑक्सीजन में दहन होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
सभी एल्कोहाल का महत्त्वपूर्ण अवयव C2H5OH है।
उपयोग-इसका उपयोग विभिन्न दवाओं जैसे-टिंचर आयोडीन, कफ सीरप आदि बनाने में किया जाता है।
(i)
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अथवा
मीथेन एक संतप्त हाइड्रोकार्बन है जिसमें एक कार्बन परमाणु से चार हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं और कार्बन का अष्टक पूर्ण करते हैं।
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इस यौगिक में सभी बन्ध संयोजी बन्ध हैं।
(i) ये विद्युत के कुचालक होते हैं क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
(ii) इनके गलनांक व क्वथनांक कम होते हैं क्योंकि इनमें संयोजी बंध होते हैं। जब इसका ऑक्सीजन में दहन होता है तो CO2, जल व ऊष्मा उत्पन्न होती है।
CH4 + 2O2,→ CO2, +2H2O+ ऊष्मा

प्रश्न 10.
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन क्या होते हैं? इनका नामकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन कार्बन के वे यौगिक हैं जिनमें कार्बोनिल (>C = 0) समूह उपस्थित होता है। ऐल्डिहाइड में ऑक्सीजन के अलावा कार्बोनिल समूह एक ओर ऐल्किल समूह से तथा दूसरी ओर हाइड्रोजन समूह से जुड़ा रहता है। कीटोन में कार्बोनिल समूह दो एल्किल समूहों से जुड़ा रहता है। दोनों एल्किल समूह समान या भिन्न हो सकते हैं, जैसे-
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यहाँ R तथा R’ ऐल्किल समूह को व्यक्त करते हैं।

ऐल्डिहाइड तथा कीटोन का नामकरण-ऐल्केन (alkane) के नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर al (अल) अनुलग्न लगाने पर ऐल्डिहाइड का नाम प्राप्त होता है, जैसे- फॉर्मेल्डिहाइड, मेथेन से व्युत्पन्न होता है अतः इसको मेथेनल (Methanal) कहते हैं। ऐल्केन नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर -one (ओन) अनुलग्न लगाकर संगत कीटोन का नाम प्राप्त होता है। ऐसीटोन एक सरलतम कीटोन है जो प्रोपेन से व्युत्पन्न होता है। अतः इसको प्रोपेनोन (Propanone) कहते हैं।

प्रश्न 11.
कुछ यौगिकों को हाइड्रोकार्बन क्यों कहा जाता है? ऐल्केन, ऐल्कीन और ऐल्काइन की समजातीय श्रेणियों का सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य की संरचना भी खींचिए। ऐल्कीन को ऐल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया का नाम लिखिए और रासायनिक समीकरण द्वारा इस अभिक्रिया के होने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को भी दर्शाइए। (CBSE 2017)
उत्तर-
जो यौगिक हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बनते हैं उनको हम हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
ऐल्केन सूत्र = CnH2n + 2
ऐल्कीन सूत्र = CnH2n
ऐल्काइन सूत्र = CnH2n – 2
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प्रश्न 12.
कुछ प्रमुख क्रियात्मक समूहों को उदाहरण सहित सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 61

प्रश्न 13.
कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म लिखिए। प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है। (RBSE 2017)
उत्तर-
कार्बन यौगिकों के प्रमुख रासायनिक गुणधर्म निम्नवत् हैं-
(1) दहन-कार्बन अपने सभी अपररूपों में ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करता है और ऊष्मा तथा प्रकाश के साथ CO, उत्पन्न करता है। उदाहरण के लिए,
C+ O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+ 3H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन स्वच्छ ज्वाला के साथ जलते हैं और असंतृप्त कार्बन काले धुएँ वाली पीली ज्वाला उत्पन्न करते हैं।

(2) ऑक्सीकरण-कार्बन यौगिकों को दहन के द्वारा सरलता से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट ऐल्कोहॉलों को अम्लों में ऑक्सीकृत कर देते हैं-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 62

प्रतिस्थापन अभिक्रिया-संतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिकतर अभिकर्मकों की उपस्थिति में क्रिया नहीं करते परन्तु सूर्य के प्रकाश के उपस्थित होने पर क्लोरीन का हाइड्रोकार्बन में संकलन होता है। क्लोरीन अति तीव्र अभिक्रिया में एक-एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं का प्रतिस्थापन करती है जिस कारण उच्च समजातीय एल्केन के साथ अनेक उत्पादों का निर्माण होता है जो निम्न प्रकार है- .
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 63

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 14.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सांद्र H2SO4, के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ” बनाता है जो निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतृप्त यौगिक ‘R’ बनाता ‘R’ के एक अणु दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। P, Q और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
यौगिक P C2H5OH एथेनॉल है।
यौगिक Q CH2 = CH2 एथीन है।
यौगिक R CH3 – CH3 एथेन है।

रासायनिक समीकरण-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 64

प्रश्न 15.
निम्नलिखित पदों की व्याख्या कीजिए –
(i) एस्टरीकरण
(ii) साबुनीकरण ।
(iii) विकार्बोक्सिलीकरण (CBSE 2017)
उत्तर-
(i) एस्टरीकरण-ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सि लिक अम्ल की परस्पर अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त जो यौगिक बनता है, उसे एस्टर कहते हैं तथा इस अभिक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 65

(ii) साबुनीकरण-जब किसी तेल या वसा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करते हैं तो तेल या वसा संगत अम्ल के सोडियम लवण (साबुन) तथा ग्लिसरॉल में बदल जाते हैं। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 66

(iii) विकार्बोक्सिलीकरण-एथेनोइक अम्ल के सोडियम लवण (सोडियम एथेनोएट) को सोडालाइम (3 भाग NaOH + 1 भाग Cao) के साथ गर्म करने पर मेथेन गैस बनती है। चूँकि इस अभिक्रिया में कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) से एक CO2 अणु निकल जाता है, अतः इस . अभिक्रिया को विकार्बोक्सिलीकरण कहते हैं
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 67

प्रश्न 16.
एथेनॉइक अम्ल की रासायनिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल कुछ धातुओं तथा धातु कार्बोनेट तथा हाइड्रॉक्साइड बाईकार्बोनेट से क्रिया करता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 68
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से क्रिया
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 69

प्रश्न 17.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2
बुदबुदाहट के साथ CO2 , गैस निकलती है।
जब CO2, गैस को Ca(OH)2 के विलयन से गुजारा जाता है तो चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 + CO2 →CaCO3, + H2O .

प्रश्न 18.
कार्बनिकं व अकार्बनिक यौगिकों के गुणों में अन्तर लिखो।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 70

प्रश्न 19.
साबुन और अपमार्जकों में अन्तर लिखिए। (CBSE 2017,20)
उत्तर-
साबुन तथा अपमार्जक में अन्तर-

साबुन (Soap) अपमार्जक (Detergent)
1. साबुन लम्बी श्रृंखला वाले वसा अम्लों का सोडियम लवण होता है। 1. संश्लिष्ट अपमार्जक, लम्बी शृंखला वाले’बेंजीन, सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण’ या लम्बी श्रेणी वाले ऐल्काइल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण’ होता है।
2 साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाता।। 2. अपमार्जक कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करता है।
3. साबुन को वनस्पति तेल या जन्तु वसा से बनाया जाता है। 3. संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रोकार्बन से बनते है।
4. साबुन जल प्रदूषण नहीं फैलाता। 4. अपमार्जक जल प्रदूषण  फैलाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर क्या बनाता है –
(a) ऋणायन
(b) धनायन
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) ऋणायन।

2. सिरके में उपस्थित कार्बनिक अम्ल है
(a) प्रोपेनॉइक अम्ल
(b) मेथेनॉइक अम्ल
(c) एथेनॉइक अम्ल
(d) ब्यूटेनॉइक अम्ल।
उत्तर-
(c) एथेनॉइक अम्ल।।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

3. दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनने वाला आबन्ध कहलाता है –
(a) सहसंयोजी
(b) सर्वतोन्मुखी
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सहसंयोजी।

4. ऐसीटिक अम्ल के कितने प्रतिशत विलयन को सिरका कहा जाता है-
(a)2-3%
(b) 3- 4%
(c) 7-9%
(d) 10-12%.
उत्तर-
(b) 3-4%.

5. श्रृंखलन से कौन-सा तत्व बन्ध बनाने की क्षमता रखता-
(a) हीलियम
(b) हाइड्रोजन
(c) ऑक्सीजन
(d) कार्बन।
उत्तर-
(d) कार्बन।

6. तिहरे बन्ध वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को कहते हैं –
(a) ऐल्केन
(b) ऐल्कीन
(c) ऐल्काइन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) ऐल्काइन।

7. ऐल्डिहाइड के प्रकार्यात्मक समूह का सूत्र है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 71
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 72

8. आयनिक यौगिकों के गलनांक एवं क्वथनांक होते
(a) निम्न
(b) उच्च
(c) मध्यम
(d) अति निम्न।
उत्तर-
(b) उच्च।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

9. समजातीय श्रेणी के उत्तरोत्तर यौगिकों में अन्तर होता-
(a)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 73
(b) -CH2
(c)-CH3
(d) =C=
उत्तर-
(b) –CH2

10. ऐल्काइन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n,
उत्तर-
(c) CnH2n

11. ऐल्कीन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n.
उत्तर-
(a) Cn H2n-2.

12. ऐल्कोहॉल किसके साथ हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता
(a) Zn के साथ
(b) Fe के साथ
(c) AI के साथ
(d) Na के साथ।
उत्तर-
(d) Na के साथ।

13. निम्न में से कौन-सा यौगिक ब्रोमीन जल को रंगहीन करता है –
(a) C3H8
(b) C3H4
(c) C4H10
(d) CCl4.
उत्तर-
(b) C3H4 .

14. साबुनीकरण अभिक्रिया का अध्ययन करते समय आप बीकर में जब समान मात्रा में किसी रंगहीन वनस्पति तेल में NaOH का 20% जलीय विलयन मिलाते हैं, तो क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) मिश्रण का रंग गहरा भूरा हो गया है।
(b) बीकर में तीव्र बुदबुदाहट हो रही है।
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।
(d) बीकर का बाहरी पृष्ठ ठंडा हो गया है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ऐल्कीनो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n.

2. ऐल्कोहॉलो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n+1 OH.

3. यदि हाइड्रोकार्बनों में त्रिआबन्ध उपस्थित होता है तो ऐसे हाइड्रोकार्बनों को ………………………………. कहते हैं।
उत्तर-
ऐल्काइन,

4. एथेनॉल वायु में नीली लौ के साथ जलकर ………………………………. तथा ……………………………….. बनाता है।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड, जल

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

5. साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में ………………………………. एकल बंध होते हैं।
उत्तर-
161

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित करें –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 74
उत्तर-
1. (d), 2. (e,i) 3. (f), 4. (a,g) 5. (b, c).

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
धातुओं के कुछ भौतिक गुण लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
धातुएँ भारी, चमकदार, तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। ये ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्यता से क्या तात्पर्य है? –
उत्तर-
किसी पदार्थ को हथौड़े से पीटने पर पतली चादर में परिवर्तित हो जाने के गुण को आघातवर्ध्यता कहते हैं।

प्रश्न 3.
कौन-सी धातु सामान्य ताप पर तरल होती है? (RBSE 2016)
उत्तर-
पारा (Hg)।

प्रश्न 4.
एक्वा-रेजिया क्या है?
उत्तर-
एक्वा रेजिया सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल को 3 : 1 के अनुपात में मिलाकर बना ताजा मिश्रण है जो सोने व प्लैटिनम को गला सकता है।

प्रश्न 5.
तरल अधातु का नाम बताइए।
उत्तर-
ब्रोमीन।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में सबसे कम क्रियाशील धातुओं को छाँटिए-K, Zn, Ag,Au
उत्तर-
Au.

प्रश्न 7.
आयनिक यौगिकों के कठोर होने का क्या कारण है?
उत्तर-
धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 8.
किसी शुद्ध धातु की अपेक्षा उसके मिश्रातु की विद्युत चालकता एवं गलनांक कैसा होता है?
उत्तर-
विद्युत चालकता एवं गलनांक कम होता है।

प्रश्न 9.
किन्हीं दो धातुओं के नाम लिखिए जो हाइड्रोजन से संयुक्त होकर हाइड्राइड बना सकती हैं।
उत्तर-
सोडियम (Na) तथा कैल्सियम (Ca)।

प्रश्न 10.
दो ऑक्साइडों के नाम लिखिए जो न तो अम्लीय हैं और न ही क्षारीय।
उत्तर-
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)।

प्रश्न 11.
किस अधातु का गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होता है तथा वह अत्यन्त कठोर भी होती है ?
उत्तर-
हीरा (कार्बन)।

प्रश्न 12.
नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं का इलैक्ट्रोनिक विन्यास लिखिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
नाइट्रोजन — परमाणु क्रमांक 7 (2, 5)
क्लोरीन – परमाणु क्रमांक 17 (2, 8, 7)

प्रश्न 13.
नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं के मध्य इलैक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण से सोडियम क्लोराइड का बनना दर्शाइए। (RBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 1

प्रश्न 14.
मिश्रातु क्या होती है?
उत्तर-
किसी धातु का अन्य धातु या अधातु से बना समांगी मिश्रण मिश्रातु कहलाता है।

प्रश्न 15.
अधातुएँ विद्युत का चालन क्यों नहीं करती हैं?
उत्तर-
अधातुओं के पास मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, इस कारण से ये विद्युत का चालन नहीं करती हैं। ये इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करती हैं तथा ऋणायन बनाती हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 16.
गोल्ड तथा सिल्वर प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में क्यों पाए जाते हैं?
उत्तर-
गोल्ड तथा सिल्वर बहुत ही कम अभिक्रियाशील हैं, इसलिए ये स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं।

प्रश्न 17.
अभी तक कितने तत्व ज्ञात हैं? किन दो वर्गों में इन सभी तत्वों को बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
अभी तक कुल 114 तत्व ज्ञात हैं। इन तत्वों को इनके गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में बाँटा जा सकता है।

प्रश्न 18.
वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर कौन-सी परत बन जाती है? इस परत का क्या उपयोग है?
उत्तर-
वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत बन जाती है। यह परत धातु को संक्षारित होने से बचाती है।

प्रश्न 19.
धातु तथा अधातु किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं?
उत्तर-
धातु तथा अधातु एक धातु से दूसरी अधातु पर इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा अभिक्रिया करते हैं। .धातुओं का निष्कर्षण (Extraction of Metals)

प्रश्न 20.
अयस्क के संवर्धन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
खनिजों से अवांछित अशुद्धियों को दूर करना अयस्कों का संवर्धन कहलाता है।

प्रश्न 21.
उन धातुओं के नाम बताइए जो अपचायक की भाँति प्रयोग पाई जाती हैं।
उत्तर-
उच्च याशील धातुएँ, जैसे-सोडियम, कैल्सियम अपचायक की भाँति प्रयोग में लाई जाती हैं।

प्रश्न 22.
धातु ऑक्साइड का ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा अपचयित होना कौन-सा प्रक्रम कहलाता है?
उत्तर-
ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा धातु ऑक्साइड का अपचयन ऐलुमिनो थर्मिट प्रक्रम अथवा थर्मिट प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 23.
पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक पायी जाने वाली धातु का नाम बताइए। इस धातु के महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर-
ऐलुमिनियम। इसका महत्त्वपूर्ण अयस्क बॉक्साइट है।

प्रश्न 24.
अशुद्ध धातुओं के शोधन में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली विधि कौन-सी है?
उत्तर-
विद्युत-अपघटनी शोधन।

प्रश्न 25.
विद्युत-अपघटनी शोधन द्वारा शुद्ध की जाने वाली प्रमुख धातुएँ कौन-सी हैं?
उत्तर-
कॉपर, जिंक, टिन, निकिल, सिल्वर तथा सोना।

प्रश्न 26.
कॉपर के एक अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर-
क्यूप्रस सल्फाइड (Cu2S)।

प्रश्न 27.
विद्युत-अपघटनी परिष्करण द्वारा परिष्कृत की जाने वाले तीन धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), टिन (Sn).

प्रश्न 28.
उन धातु ऑक्साइडों के नाम बताइए जो कार्बन के साथ गर्म किए जाने पर धात्विक अवस्था में अपचयित नहीं होते हैं।
उत्तर-
Cr2O3, Mn3O4 अपचायक Al है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 29.
गालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
गालक वे पदार्थ हैं जो अयस्क में उपस्थित अम्लीय अशुद्धियों को गलनीय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 30.
निस्तापन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
निस्तापन वह प्रक्रम है जिसमें कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है।

प्रश्न 31.
सोने के आभूषणों में ताँबा क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर-
शुद्ध सोना मुलायम होता है जिससे आभूषण नहीं बनाये जा सकते, इस कारण सोने को कठोरता प्रदान करने के लिए सोने में थोड़ा ताँबा मिलाया जाता है।

प्रश्न 32.
पीतल के अवयव घटक लिखिए।
उत्तर-
ताँबा तथा जस्ता।

प्रश्न 33. नाइट्रोजन के ऑक्साइड के नाम लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन के तीन ऑक्साइड N2O, NO एवं NO2, हैं।

प्रश्न 34.
पीतल किन धातुओं से मिलकर बनती है?
उत्तर-
पीतल कॉपर व जिंक धातु से मिलकर बनती है।

प्रश्न 35.
किस प्रकार के अयस्कों का भर्जन करते है?
उत्तर-
सल्फाइड अयस्कों का भर्जन करते हैं जिससे ये ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं।

प्रश्न 36.
धातुकर्म के विभिन्न पदों को लिखें।
उत्तर-
धातुकर्म के विभिन्न पद निम्न हैं –

  1. अयस्क का पीसना (Pulverisation)
  2. सान्द्रण (Concentration)
  3. अपचयन (Reduction)
  4. शोधन (Purification)।

प्रश्न 37.
किसी एक अम्लीय व क्षारीय गालक का उदाहरण दें।
उत्तर-
अम्लीय गालक – SiO2
क्षारीय गालक – CaO.

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों को धातुओं अथवा अधातुओं में वर्गीकृत करते समय विचारणीय गुण बताइए।
उत्तर-
तत्वों को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत करते समय निम्नलिखित गुण आवश्यक रूप से विचारणीय होते-

  • चमक,
  • चालकता,
  • कठोरता,
  • वायु में जलना,
  • तन्यता,
  • ध्वनि,
  • अम्लों व जल के साथ अभिक्रिया।

प्रश्न 2.
उपधातुएँ क्या हैं? किन्हीं पाँच उपधातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
कुछ पदार्थ धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, ऐसे पदार्थों को उपधातु कहते हैं। निम्नलिखित पाँच धातुएँ उपधातुएँ हैं आर्सेनिक (As), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), एंटीमनी (Sb), टेलुरियम (Te)।

प्रश्न 3.
जल में विलेय धातु ऑक्साइडों के उदाहरण दीजिए। जल में घोलने पर धातु ऑक्साइड क्या बनाते हैं?
उत्तर-
सोडियम ऑक्साइड तथा पोटैशियम ऑक्साइड जल में विलेय धातु ऑक्साइड हैं।
Na2O(s)+H2O(l) → 2NaOH
K2O (s) + H2O (l) → 2KOH
धातु ऑक्साइड जल में विलेय होकर क्षार बनाते हैं।

प्रश्न 4.
टाइटेनियम धातु की विशेषता क्या है जिसके कारण इसे सामरिक महत्त्व की धातु कहा जाता है?
उत्तर-
टाइटेनियम धातु अल्प अभिक्रियाशील धातु है इसकी तनाव सहने की क्षमता अत्यधिक होती है, यही कारण है कि इसका प्रयोग नाभिकीय संयन्त्रों, सैन्य उपकरणों, गैस टरबाइनों व जेट इंजनों आदि में होता है। यह धातु शीघ्रता से क्षरित नहीं होती है।

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रियाओं का समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन की क्रिया
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर-
(i) आयरन धातु भाप के साथ क्रिया करके आयरन ऑक्साइड व हाइड्रोजन बनाती है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
(ii) जल के साथ कैल्सियम व पोटैशियम की क्रिया होने पर सम्बन्धित हाइड्रॉक्साइड बनते हैं तथा हाइड्रोजन गैस निकलती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 2

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 6.
सक्रियता श्रेणी किसे कहते हैं? इसकी एक उपयोगिता लिखें।
उत्तर-
सक्रियता श्रेणी (Activity series) धातुओं की क्रियाशीलता को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो सूची (श्रेणी) प्राप्त होती है, उसे सक्रियता श्रेणी कहते हैं। सक्रियता श्रेणी निम्नवत् है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3
उपयोगिता-इसकी सहायता से हमें तत्वों की क्रियाशीलता की जानकारी होती है।

प्रश्न 7.
विभिन्न धातुओं की जल के साथ अभिक्रियाओं का वर्णन करो। ..
उत्तर-
विभिन्न धातुओं की जल साथ अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं
(i) सोडियम धातु जल के साथ ताव अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।
2Na (s) +2H2O(l) → 2NaOH (aq)+H2 (g)
(ii) मैग्नीशियम धातु ठण्डे जल की बजाय गर्म जल से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 4
ऐलुमिनियम ठण्डे व गर्म जल से अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु यह भाप के साथ अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
2Al (s) +3H2O (g) → Al2O3 (s) +3H2 (g)
रक्त तप्त आयरन भाप से अभिक्रिया करके आयरन (II, III) ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
धातुएँ, जैसे-लैड, कॉपर, गोल्ड, चाँदी, जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं।

प्रश्न 8.
(a) निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए
(i) कैल्सियम धातु जल से अभिक्रिया करती है।
(ii) सिनाबार को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(iii) मैंगनीज डाइऑक्साइड को ऐलुमिनियम पाउडर के साथ गर्म किया जाता है।
(b) मिश्रधातु क्या हैं? मिश्रधातुओं के दो गुणधर्मों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 5
(b) दो या दो से अधिक धातुओं अथवा एक धातु व एक अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं।

मिश्रधातु के दो गुणधर्म-
(i) मिश्रधातु धातुओं की तुलना में अधिक शक्तिशाली होती है।
(ii) मिश्रधातु वायु में रखने पर संक्षारित नहीं होती है।

प्रश्न 9.
अधातु क्या हैं ? इनका दैनिक जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
वे तत्व जो धातुओं की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, अधातु कहलाते हैं। कमरे के ताप पर अधातुएँ या तो ठोस होती हैं या गैस। इनमें केवल ब्रोमीन ही द्रव रूप में होती है। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन आदि अधातुओं के उदाहरण हैं।

दैनिक जीवन में अधातुओं का महत्त्व-

  • वायु में ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही हम सभी साँस लेते हैं तथा यह गैस ज्वलन में सहायक होती है।
  • हाइड्रोजन का उपयोग वनस्पति घी एवं अमोनिया के निर्माण में किया जाता है।
  • नाइट्रोजन का उपयोग अमोनिया, उर्वरकों तथा नाइट्रिक अम्ल के उत्पादन में किया जाता है।
  • सल्फर का उपयोग बारूद बनाने में तथा कवकनाशी दवाइयाँ बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 10.
मिश्रधातु किसे कहते हैं? इसके बनाने के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। अथवा मिश्रधातु किसे कहते हैं? दो उदाहरण दीजिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
मिश्रधातु या मिश्रातु-किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ मिलकर बनाया गया समांगी मिश्रण, मिश्रातु कहलाता है। उदाहरण के लिए; पीतल, कांसा, सोल्डर, स्टील आदि सभी मिश्रातु हैं।

मिश्रातुओं के उपयोग-

  1. मिश्रातु बनाने से कठोरता बढ़ जाती है, जैसे-लोहे में कार्बन की मात्रा मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाया जाता है जो लोहे से अधिक कठोर होता है। सोने में ताँबा मिलाने से उसकी कठोरता बढ़ जाती है।
  2. संक्षारण रोकने के लिए मिश्रातु उपयोगी है, जैसे-लोहे तथा जिंक से बनी मिश्रातु पर जंग नहीं लगता।
  3. घरों में मिश्रातुओं का उपयोग बहुत अधिक होता है। घरों के बर्तन, पंखे, अलमारी आदि में मिश्रातुओं का प्रयोग होता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित की व्याख्या कीजिए
(a) सोडियम क्लोराइड एक आयनी यौगिक है जो ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता है जबकि यह पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है।
(b) नाइट्रिक अम्ल में डुबोने पर ऐलुमिनियम की सक्रियता कम हो जाती है।
(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम जैसी धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) सोडियम क्लोराइड ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता परन्तु पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है क्योंकि सोडियम क्लोराइड के आयन उसकी कठोर संरचना के कारण गतिशील नहीं होते। विद्युत चालन के लिए आयनों का गतिशील होना आवश्यक है। पिघली और जलीय अवस्था में आयन गति के लिए मुक्त होते हैं अतः वे विद्युत संचालित करते हैं।

(b) नाइट्रिक अम्ल एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है इसलिए ऐलुमिनियम को इसमें डुबाने पर, ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत जम जाती है, जिसके कारण इसकी सक्रियता कम हो जाती है।

(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम धातुएँ प्रकृति में मुक्तावस्था में नहीं पाई जाती हैं क्योंकि अधिक क्रियाशील होने के कारण ये अन्य तत्वों के साथ अभिक्रिया करके यौगिकों का निर्माण करती हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 12.
सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि, सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि से किस प्रकार भिन्न है? उनके लिए भी समान प्रक्रिया क्यों नहीं अपनायी जाती है? इन धातुओं के निष्कर्षण की प्रक्रिया का नाम लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर –

सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण (K, Na, Ca, Mg तथा AI) सक्रियता श्रेणी में मध्य में स्थित धातुओं का निष्कर्षण (Zn, Fe, Pb)
1. इस प्रकार की धातुएँ बहुत अधिक क्रिया- शील होती हैं। 1. इस प्रकार की वस्तुएँ मध्यम क्रियाशील होती हैं।
2. इन धातुओं को वैद्युत अपघटन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। 2. इन धातुओं के यौगिकों(कार्बोनेट तथा सल्फा- इड) के पहले ऑक्साइड में बदला जाता है फिर उनका अपघटन करके धातु को प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन या भर्जन कहा जाता है।

इन धातुओं के लिए समान प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती क्योंकि सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ अपघटित नहीं किया जा सकता। कार्बन के साथ अपघटित होने की अवस्था में ये धातुएँ कार्बन से क्रिया करके कार्बाइड यौगिक बना देंगी जिससे हम धातु प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

प्रश्न 13.
वात्या भट्टी में हेमेटाइट अयस्क से आयरन के निष्कर्षण में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
लोहे के अयस्क, कोक, चूने के पत्थर को भट्टी में एक साथ रखकर उच्च ताप दिया जाता है। इस उच्च ताप के कारण चूने का पत्थर निम्न रासायनिक अभिक्रिया के रूप में विघटित हो जाता है-
CaCO3 → CaO+CO2,
कैल्सियम ऑक्साइड, सिलिकन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है तथा कैल्सियम सिलिकेट द्रवित रूप में बनाता है।
CaO + SiO2 → CaSiO3
इस प्रकार प्राप्त सिलिकन ऑक्साइड से मुक्त लोहे के ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है।

प्रश्न 14.
धातु शोधन की गलनिक पृथक्करण विधि क्या है?
उत्तर-
धातु शोधन की इस विधि में एक ढलावदार भट्टी का प्रयोग किया जाता है, अशुद्ध धातु को भट्टी के ऊपरी भाग में एक जाली के ऊपर रखा जाता है। भट्टी के ताप को इस प्रकार बढ़ाया जाता है कि वह गलनांक के ऊपर स्थिर रहे। ताप के कारण धातु पिघलकर नीचे आ जाती है तथा अशुद्धियाँ जाली पर शेष रह जाती हैं। टिन, लेड बिस्मथ आदि धातुएँ इसी प्रकार शोधित की जाती हैं।

प्रश्न 15.
खनिज तथा अयस्क में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

खनिज अयस्क
1. उन प्राकृतिक पदार्थों को जिनमें धातुओं के यौगिक पाए जाते हैं, खनिज कहलाते हैं। 1. जिन खनिजों से धातुएँ सुविधापूर्वक प्राप्त की जा सकती हैं, उन्हें अयस्क कहते हैं।
2. कुछ खनिजों में आपत्तिजनक अशुद्धियाँ होती हैं जो धातु के निष्कर्षण को बाधित करती हैं। 2. इनमें किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक अशुद्धि नहीं होती है।
3. सभी खनिजों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। 3. सभी अयस्कों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

प्रश्न 16.
कुछ आयनिक यौगिकों के नामों को उनके सूत्र तथा उनमें उपस्थित आयनों के साथ लिखिए। .
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6

प्रश्न 17.
Ca, Pb,AI,Na,Mg एवं Cuमें से किन-किन धातुओं को विद्युत अपघटनी विधि द्वारा निष्कर्षित किया जाता है और क्यों?
उत्तर-
ऐसी धातुएँ जो अत्यधिक क्रियाशील एवं अत्यधिक धनविद्युती प्रकृति की होती हैं वह अच्छी अपचायक होती हैं। अतः ऐसी धातुओं का निष्कर्षण रासायनिक अपचयन द्वारा नहीं किया जा सकता है। इनका निष्कर्षण केवल विद्युत अपघटनी विधि से ही करते हैं। इस कारण Ca, AI, Na तथा Mg का निष्कर्षण विद्युत अपघटनी विधि से करते हैं।

प्रश्न 18.
प्रमुख मिश्रातुओं के नाम, उनके घटक तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर-
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प्रश्न 19.
जंग लगाना किसे कहते हैं? लोहे पर जंग लगने की परिस्थितियों की जाँच के लिए किसी क्रियाकलाप का नामांकित आरेख सहित वर्णन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
किसी लोहे की वस्तु को काफी समय तक नम वायु में रखने पर, इसके ऊपर भूरे रंग की आयरन ऑक्साइड की परत बनने के प्रक्रम को जंग लगना कहते हैं। (पाठ्य पुस्तक में क्रियाकलाप 3.14 देखिए)।

प्रश्न 20.
जंग लगने से बचाने के कुछ उपायों को बताइए।
उत्तर-
जंग लगने से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं-

  1. तेल या ग्रीस की तह आदि लोहे पर जमा पीतल दी जाए तो नम वायु लोहे के सम्पर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगती है।
  2. लोहे की सतह पर रंग-रोगन करके जंग लगने से बचाया जा सकता है। बसों, कारों, स्कूटर आदि पर एनमल की तह जमाई जाती है।
  3. लोहे पर जस्ते की परत जमा कर (यशदलेपन) इसे जंग लगने से बचाया जाता है, जैसे-लोहे की बाल्टियाँ, चादरों आदि पर यह प्रक्रिया अपनायी जाती है।
  4. निकिल, क्रोमियम आदि धातुओं की तह विद्युत् लेपन के द्वारा लोहे की सतह पर चढ़ाने से जंग नहीं लगती है, जैसे-वाहनों के रिम, हैंडिल आदि।

प्रश्न 21.
निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए।
उत्तर-
हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन के ताप तक गर्म करके उसमें से नमी एवं वाष्पशील पदार्थों को अलग करने की क्रिया को निस्तापन कहते हैं जबकि हवा की मुक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
धातुओं के महत्त्वपूर्ण गुणधर्म लिखिए।
उत्तर-
धातुओं के महत्त्वपूर्ण गुणधर्म निम्नलिखित हैं-

  • धातुएँ ऊष्मा व विद्युत की सुचालक होती हैं तथा लैड व पारा ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
  • धातुओं में चमक होती है, इन पर पॉलिश की जा सकती है।
  • इनमें आघातवर्धनीयता होती है अर्थात् इन्हें पीटकर चादरों में बदला जा सकता है।
  • इनमें तन्यता होती है अर्थात् इन्हें खींचकर इनके तार बनाए जा सकते हैं।
  • इनमें कठोरता होती है परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) धातुएँ होकर भी नरम हैं।
  • धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में रहती हैं। केवल पारा द्रव अवस्था में रहता है।
  • धातुओं का घनत्व उच्च होता है परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) धातुएँ हल्की हैं।
  • धातुएँ प्रबल होती हैं तथा इनके गलनांक व क्वथनांक उच्च होते हैं। परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) के गलनांक व क्वथनांक निम्न होते हैं।
  • धातुएँ कठोर सतह से टकराकर ध्वनि उत्पन्न करती हैं।

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प्रश्न 2.
धातुओं एवं अधातुओं के बीच कैसे विभेद करेंगे? (CBSE 2017)
उत्तर-
धातुओं एवं अधातुओं के गुणों में विभेद भौतिक गुणों में विभेद –
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रासायनिक गुणों में विभेद

धातुएँ अधातुएँ
1. धातुओं द्वारा क्षारीय ऑक्साइड का निर्माण होता है जिसमें से कुछ क्षार बनाती हैं। 1. अधातुएँ अम्लीय एवं उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
2. धातुएँ धनात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं। 2. अधातुएँ ऋणात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं।
3. धातुएँ अपचायक हैं। 3. अधातुएँ ऑक्सीकारक हैं।
4. धातुएँ जलीय विलयन में धनायन बनाती हैं। 4. अधातुएँ जलीय विलयन में ऋणायन बनाती हैं।

प्रश्न 3.
धातु एवं अधातु किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं? समझाइए।
उत्तर-
धातु एवं अधातु अपने संयोजक कक्ष में पाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर अभिक्रिया करते हैं, उदाहरण के लिए-सोडियम का परमाणु क्रमांक 11 है अतः इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8 1 है। इसके सबसे बाहरी कक्ष में केवल 1 इलेक्ट्रॉन है। यदि यह अपना एक इलेक्ट्रॉन सबसे बाहरी कक्ष से त्याग देता है तब यह Na’ (सोडियम धनायन) प्रदान करता है। दूसरी ओर क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 17 है जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8 7 है। इस प्रकार क्लोरीन के सबसे बाहरी कोश में 7 इलेक्ट्रॉन हैं अतः यह 1 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अपना अष्टक पूर्ण कर सकता है। इससे क्लोराइड ऋणायन Cl प्राप्त होता है।
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प्रश्न 4.
अधातु क्या हैं? इनके रासायनिक गुणधर्मों को बताइए।
उत्तर-
जो तत्व धातुओं की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, अधातु कहलाते हैं। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कार्बन, सल्फर, क्लोरीन आदि अधातुओं के उदाहरण हैं अधातुओं के रासायनिक गुणधर्म-अधातुएँ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करके, ऋण आवेशित आयन (ऋणायन) बनाती हैं। अतः इनको ऋण विद्युत तत्व कहते हैं।
Cl+e → Cl
0+2e → O2-

(i) ऑक्सीजन से अभिक्रिया-अधातुएँ ऑक्सीजन से क्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं।
C(s) + O2(g) → CO2(g)
अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय या उदासीन होते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड अम्लीय ऑक्साइड है जोकि जल में घुलकर अम्ल बनाती है तथा इसका जलीय विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
CO2(g)+ H2O(l) → H2CO3(aq) (कार्बोनिक अम्ल)

(ii) अम्लों से क्रिया-अधातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं। तनु अम्लों से अधातुओं द्वारा हाइड्रोजन का विस्थापन तभी सम्भव है जबकि अभिक्रिया द्वारा उत्पन्न प्रोटॉनों (H+) को इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति की जाए।
H2SO4(aq) → 2H+ (aq) + SO42-(aq)
2H+ (aq) + 2e →H2(g)
धातुएँ इलेक्ट्रान को ग्रहण करने वाली होती हैं।

(iii) क्लोरीन से अभिक्रिया-अधातुएँ क्लोरीन से अभिक्रिया करके क्लोराइड बनाती हैं। ये सह संयोजी यौगिक के रूप में होती हैं जो सामान्यतया वाष्पशील द्रव या गैस होती हैं।
P4(s) + 6Cl2(g) → 4PCl3(g) (फॉस्फोरस ट्राइक्लोराइड)

(iv) हाइड्रोजन से अभिक्रिया-अधातुएँ हाइड्रोजन से क्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं।
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प्रश्न 5.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखकर व्याख्या कीजिए कि क्या होता है जब-
(i) मरक्यूरिक ऑक्साइड को गरम किया जाता है।
(ii) क्यूप्रस ऑक्साइड और क्यूप्रस सल्फाइड के मिश्रण को गरम किया जाता है।
(iii) ऐलुमिनियम की मैंगनीज डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करायी जाती है।
(iv) फेरिक ऑक्साइड को ऐलुमिनियम के साथ अपचयित किया जाता है।
(v) जिंक कार्बोनेट का निस्तापन होता है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) जब मरक्यूरिक ऑक्साइड को 300 °C पर गरम किया जाता है तो यह विघटित हो जाती है तथा पारा धातु (Hg) प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11

(ii) क्यूप्रस ऑक्साइड और क्यूप्रस सल्फाइड के मिश्रण को जब ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम किया जाता है तो ताँबा धातु और सल्फर डाइऑक्साइड गैस प्राप्त होते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

(iii) जब ऐलुमिनियम की मैंगनीज डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करायी जाती है तो MnO, का अपचयन होता है तथा Mn धातु प्राप्त होती है। A1 धातु एक अपचायक का कार्य करता है।
3MnO2(s) + 4AI(s) →3Mn(1) + 2Al2O3 (s)

(iv) फेरिक ऑक्साइड को जब ऐलुमिनियम के साथ अपचयित किया जाता है तो Fe2O3, का अपचयन होता है तथा पिघला हुआ तरल Fe (लोहा) धातु प्राप्त होती है।
Fe2O3 (s) + 2Al(s) → 2Fe(l) + Al2O3 (s)

(v) जिंक कार्बोनेट की विस्थापन अभिक्रिया से कार्बोनेट अयस्क, जिंक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।
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प्रश्न 6.
(i) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा मैग्नीशियम क्लोराइड में आबन्ध बनना दर्शाइए तथा इस यौगिक में उपस्थित आयनों की पहचान कीजिए।
(ii) आयनी यौगिक ठोस होते हैं। इसका कारण दीजिए।
(iii) किसी धातु पर भाप की क्रिया को दर्शाने के लिए प्रायोगिक व्यवस्था का नामांकित आरेख खींचिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
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(ii) आयनी यौगिकों के विपरीत आवेशित आयन परस्पर – अधिक मात्रा के वैद्युत बल के कारण काफी पास पाए जाते हैं, इसलिए आयनिक यौगिक ठोस होते हैं।
(iii)
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प्रश्न 7.
कारण बताइए-
(a) प्लेटिनम, सोना तथा चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम पोटैशियम को केरोसिन तेल के अन्दर . संग्रहित किया जाता है।
उत्तर-
(a) प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये संक्षारित भी नहीं होती। ये धातएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं; इसलिए आभूषणों के विभिन्न डिजाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।
(b) सोडियम एवं पोटैशियम धातु का ज्वलन ताप (Ignition Temperature) अत्यन्त ही कम होता है, वायु के सम्पर्क में आते ही यह आग पकड़ लेता है। सोडियम, पोटैशियम का वायु से सम्पर्क रोकने के लिए सोडियम एवं पोटैशियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 8.
अयस्क किसे कहते हैं? ताँबे के परिष्करण की विद्युत अपघटनी विधि का सचित्र वर्णन करें। (CBSE 2018)
उत्तर-
अयस्क (Ores)-जिन खनिजों में किसी विशेष धातुं की मात्रा अधिक रूप से होती है, जिसे निकालना लाभकारी होता है, उन्हें अयस्क कहते हैं।
तांबे के परिष्करण की विद्युत् अपघटनी विधि-इस विधि में अशुद्ध धातु को ऐनोड बनाते हैं तथा उसी धातु की शुद्ध धातु की पट्टी को कैथोड की तरह प्रयुक्त करते हैं। इन दोनों इलेक्ट्रोडों को एक उपयुक्त वैद्युत अपघटनी विश्लेषित्र में रखते हैं जिसमें उसी धातु का लवण घुला रहता है। अधिक क्षारकीय धातुएँ विलयन में रहती हैं तथा कम क्षारकीय धातुएँ ऐनोड पंक में चली जाती हैं।

उदाहरण-ताँबे का शोधन इस विधि से करते हैं। अशुद्ध कॉपर ऐनोड के रूप में तथा शुद्ध कॉपर पत्ती कैथोड के रूप में लेते हैं। कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन वैद्युत अपघटनी होता है तथा वैद्युत अपघटन के परिणामस्वरूप शुद्ध कॉपर ऐनोड से कैथोड की तरफ स्थानान्तरित हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 16
फफोलेदार कॉपर से अशुद्धियाँ ऐनोड पंक के रूप में जमा होती हैं। इनमें ऐण्टिमनी, सिलीनियम, टेल्यूरियम, चाँदी, सोना तथा प्लैटिनम मुख्य धातुएँ होती हैं। इस विधि से प्राप्त धातु में 99.98% शुद्धता होती है।

प्रश्न 9.
(a) थर्मिट प्रक्रिया किसे कहते हैं? इस प्रक्रिया का उपयोग कहाँ किया जाता है? इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(b) इस प्रक्रिया में उपयोग होने वाली धातु ऐलुमिनियम का, धातु की सक्रियता श्रेणी में स्थान कहाँ पर है?
(c) इस प्रक्रिया में उपचयित तथा अपचयित होने वाले पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(a) जब ऐलुमिनियम धातु को आयरन ऑक्साइड के साथ गर्म करके अभिक्रिया करवाई जाती है तो इसे थर्मिट प्रक्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया में गर्म तरल लोहा धातु प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया का उपयोग रेलवे लाइनों की वैल्डिंग करके मरम्मत करने में किया जाता है।
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(b) ऐलुमिनियम धातु, धातुओं की सक्रियता श्रेणी में अधिक क्रियाशील श्रेणी में आती है।
(c) इस प्रक्रिया में आयरन ऑक्साइड का अपचयन होता है तथा आयरन (लोहा) धातु प्राप्त होती है। ऐलुमिनियम धातु का उपचयन होता है और उससे Al2O3 प्राप्त होता है।

प्रश्न 10.
कार्बन, सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम के ऑक्साइडों से इनकी निजी धातुओं को अपचयित नहीं कर सकती हैं, क्यों? धातुओं की सक्रियता श्रेणी में इन धातुओं को कहाँ रखा गया है? इन धातुओं को इनके अयस्कों से किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? कोई एक उदाहरण लेकर रासायनिक समीकरणों सहित धातु को निष्कर्षित करने की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम धातुएँ, कार्बन से अधिक क्रियाशील हैं, इसलिए इनके ऑक्साइड कार्बन से अपचयित नहीं हो पाते जिसके कारण ये धातुएँ प्राप्त नहीं हो पाती हैं। इन धातुओं को सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर रखा गया है क्योंकि ये अधिक क्रियाशील धातुएँ हैं। इन धातुओं को इनके अयस्कों से वैद्युत अपचयन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।

ऐलुमिनियम धातु का उसके ऑक्साइड अयस्क से निष्कर्षण करना-एक विशेष प्रकार के विद्युत सैल में तरल ऐलुमिनियम ऑक्साइड में से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इसके अपचयन से हमें ऐलुमिनियम धातु तरल रूप में ऋण टर्मिनल (कैथोड) पर प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 18

प्रश्न 11.
कोई धातु X जिसका उपयोग थर्मिट प्रक्रिया में होता है, ऑक्सीजन में गर्म किए जाने पर कोई ऑक्साइड Y बनाती है जो प्रकृति में उभयधर्मी है। X और Y को पहचानिए। ऑक्साइड Y की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रियाओं के सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब ऐलुमिनियम को ऑक्सीजन में गर्म किया जाता है तो ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है जो प्रकृति में उभयधर्मी है।
4Al2 + 3O2 → 2Al2O3
‘X’ ऐलुमिनियम धातु है।
‘Y’ ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) है।
ऐलुमिनियम ऑक्साइड की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया
Al2O3 + 6HCl → 2Alcl3 + 3H2O ऐलुमिनियम ऑक्साइड की सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया-
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O

प्रश्न 12.
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण कारण सहित लिखिए।
(b) दो ऐसी धातुओं के नाम लिखिए जो पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। वह धातुओं की क्रियामाला में किस स्थान पर स्थित हैं? (c) जो धातु, धातुओं की क्रियामाला में सबसे ऊपर पायी जाती है उन्हें उनके ऑक्साइडों से कार्बन के साथ क्रिया अपचयित करके प्राप्त क्यों नहीं किया जा सकता?
उत्तर-
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण-
(i) इनका गलनांक व क्वथनांक उच्च होता हैं क्योंकि उनके विपरीत आवेशित आयन परस्पर अधिक वैद्युत आकर्षण बल के कारण जुड़े रहते हैं।
(ii) अपने जल के विलयन के रूप में यह विद्युत धारा के सुचालक होते हैं क्योंकि विलयनों के रूप में इनके आयन स्वतन्त्र होकर विद्युत धारा को प्रवाहित कर पाते हैं।
(b) सोना तथा प्लेटिनम धातु पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। ये धातुएँ, धातुओं की क्रियामाला में नीचे की ओर स्थित होती हैं।
(c) इन धातुओं के ऑक्साइड कार्बन के साथ क्रिया करके अपने कार्बाइड यौगिक बनाते हैं, इसलिए इनके ऑक्साइडों का अपचयन कार्बन द्वारा नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 13.
एक धातु M प्रकृति में अपने कार्बोनेट अयस्क के रूप में पाया जाता है। इसका उपयोग लोहे के जस्तीकरण के लिए भी किया जाता है। इस धातु M को पहचानिए तथा इसके इस अयस्क का नाम लिखिए। इस अयस्क से इस धातु को कैसे प्राप्त किया जा सकता है? (CBSE 2018)
उत्तर-
धातु M जस्ता (जिंक) है। इसका संकेत Zn है। इसका कार्बोनेट अयस्क (ZnCO3) है जिसे कैलेमाइन अयस्क कहते हैं।
इस अयस्क से Zn धातु प्राप्त करना-
(i) पहले जिंक कार्बोनेट अयस्क को निस्तापन क्रिया द्वारा जिंक ऑक्साइड यौगिक में बदला जाता है। जब जिंक कार्बोनेट को उच्च ताप पर वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह विघटित होकर जिंक ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19
(ii) अब जिंक ऑक्साइड को कार्बन (कोक) के साथ गर्म करने पर ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है, तथा जिंक धातु प्राप्त हो जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 20

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. इनमें से सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है-
(a) सीसा
(b) पारा
(c) सोडियम
(d) लोहा।
उत्तर-
(c) सोडियम।

2. निम्न धातुओं में से कौन-सी धातु प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती है –
(a) सोडियम
(b) गोल्ड
(c) पोटैशियम
(d) ऐलुमिनियम।
उत्तर-
(b) गोल्ड।

3. जब धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती हैं तो एक आवाज उत्पन्न होती है। इन धातुओं को कहते हैं –
(a) ध्वनिक
(b) सोनोरस
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) उपर्युक्त दोनों।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

4. कौन-सी धातु ठण्डे या गर्म जल से क्रिया नहीं करती
(a) Na
(b) Ca
(c) Mg
(d) Fe.
उत्तर-
(d) Fe.

5. निम्न में से कौन-सी धातुएँ मुक्त अवस्था में प्रकृति में पायी जाती हैं –
(i) Cu
(ii) Au
(iii) Zn
(iv) Ag
(a) (i), (ii)
(b)(i), (iii)
(c) (ii), (iv)
(d) (iii), (iv).
उत्तर-
(c) (ii), (iv).

6. सोने और प्लैटिनम को गलाने वाले अम्ल का नाम है
(a) सान्द्र HCL
(b) एक्वा-रेजिया
(c) सान्द्र नाइट्रिक अम्ल
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) एक्वा-रेजिया।

7. पृथ्वी की भूपर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में मिलने वाली धातु है –
(a) आयरन
(b) कॉपर
(c) ऐलुमिनियम
(d) मर्करी।
उत्तर-
(c) ऐलुमिनियम।

8. कौन-सी अधातु चमकयुक्त होती है ?
(a) सल्फर
(b) ऑक्सीजन
(c) नाइट्रोजन
(d) आयोडीन।
उत्तर-
(d) आयोडीन।

9. कौन-सी अधातु द्रव अवस्था में होती है –
(a) कार्बन
(b) ब्रोमीन
(c) फॉस्फोरस
(d) सल्फर। .
उत्तर-
(b) ब्रोमीन।

10. ऐलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनने की प्रक्रिया को कहते हैं –
(a) ऐनोडीकरण
(b) कैथोडीकरण
(c) तन्यता
(d) कठोरता।
उत्तर-
(a) ऐनोडीकरण।

11. Fe2O3 + 2Al → 2Fe + Al2O3 + ऊष्मा, इस अभिक्रिया का क्या नाम है-
(a) ऐनोडीकरण
(b) थर्मिट
(c) यशदलेपन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) थर्मिट।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

12.कॉपर को खुला छोड़ देने पर उस पर हरे रंग की परत जम जाती है। इसका कारण है –
(a) CuSO4
(b) CuCO3
(c) Cu(NO3)2
(d)CuO.
उत्तर-
(a) CuSO4

13. यशदलेपन में किस धातु की परत चढ़ाई जाती है –
(a) ताँबा
(b) ऐलुमिनियम
(c) जस्ता.
(d) चाँदी।
उत्तर-
(c) जस्ता।

14. सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर-
(c) भर्जन।

15. कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर-
(a) निस्तापन।

16. अमलगम एक मिश्रातु है जो एक या एक से अधिक धातुओं का –
(a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है |
(b) सोडियम के साथ मिश्रण होता है |
(c) कैल्सियम के साथ मिश्रण होता है |
(d) पोटैशियम के साथ मिश्रण होता है।
उत्तर-
(a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है।

17. निम्न में से उदासीन ऑक्साइड है
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) सल्फर डाइऑक्साइड
(d) सल्फर ट्राइऑक्साइड।
उत्तर-
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड।

18. जंग लगने के लिए
(a) केवल वायु की आवश्यकता होती है
(b) केवल जल की आवश्यकता होती है
(c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है
(d) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता नहीं होती है।
उत्तर-
(c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

19. अयस्क से गैंग को दूर करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) भर्जन
(c) समृद्धीकरण
(d) अपचयन।
उत्तर-
(c) समृद्धीकरण।

20. सीसा एवं टिन की मिश्रातु को कहते हैं
(a) अमलगम
(b) सोल्डर
(c) काँसा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) सोल्डर।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर धातुएँ ……………………………… बनाती हैं।
उत्तर-
क्षारकीय ऑक्साइड,

2. भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्वों या यौगिकों को …………………………….. कहते हैं।
उत्तर-
खनिज,

3. रेल की पटरी और मशीन के पुों की दरारों को …………………………….. द्वारा जोड़ा जाता है।
उत्तर-
थर्मिट अभिक्रिया,

4. सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम धातुएँ, …………………………….. से अधिक क्रियाशील हैं।
उत्तर-
कार्बन,

5. अधातुएँ ऊष्मा की …………………………….. होती हैं, केवल ग्रेफाइट अधातु ऊष्मा की …………………………….. है।
उत्तर-
कुचालक, सुचालक।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित कीजिये।

कॉलम (1) (धातु) कॉलम (ii) (धातु के अयस्क)
1. ऐलुमिनियम (a) कैलेमाइन (Calamine)
2. आयरन (b) डोलोमाइट (Dolomite)
3. लेड (c) सिनेबार (Cinnabar)
4. मरकरी (d) हीमेटाइट (Haematite)
5. जिंक (e) गैलेना (Galena)
6. कैल्सियम (f) बॉक्साइट (Bauxite)

उत्तर-

कॉलम (1) (धातु) कॉलम (ii) (धातु के अयस्क)
1. ऐलुमिनियम (f) बॉक्साइट (Bauxite)
2. आयरन  (d) हीमेटाइट (Haematite)
3. लेड  (e) गैलेना (Galena)
4. मरकरी (c) सिनेबार (Cinnabar)
5. जिंक (a) कैलेमाइन (Calamine)
6. कैल्सियम (b) डोलोमाइट (Dolomite)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 2.
निम्न को समेलित करें –

कॉलम-I कॉलम-II
1. विद्युत अपघटनी अपचयन (a) एल्युमीनियम
2. कार्बन से अपचयन (b) जिंक
3. एल्युमीनियम से अपचयन (c) सोडियम
(d) आयरन
(e) मैग्नीशियम
(f) क्रोमियम

उत्तर-
1. विद्युत अपघटनी अपचयन → (a) एल्युमीनियम, (c) सोडियम
2. कार्बन से अपचयन → (b) जिंक, (d) आयरन
3. एल्युमीनियम से अपचयन → (e) मैग्नीशियम, (f) क्रोमियम

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अम्लों का लिटमस पर प्रभाव क्या होता है?
उत्तर-
अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।

प्रश्न 2.
लिटमस किस रंग का रंजक है?
उत्तर-
बैंगनी रंग का।

प्रश्न 3.
लिटमस किससे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-
थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (Lichen) पौधे से।

प्रश्न 4.
गंधीय सूचक क्या हैं ?
उत्तर-
जिन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है, उन्हें गंधीय सूचक कहते हैं।

प्रश्न 5.
गंधीय सूचकों के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
बारीक कटी प्याज, लौंग का तेल, तनु वैनीला एसेंस।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
हाइड्रोजन गैस किस प्रकार की ध्वनि से जलती
उत्तर-
फट-फट (Pop sound) की ध्वनि से।

प्रश्न 7.
चूने के पानी में CO2 गैस को प्रवाहित करने से क्या होता है ?
उत्तर-
चूने का पानी दूधिया हो जाता है।

प्रश्न 8.
चूने के पानी से अधिक CO2 गुजारने से चूने के पानी का दूधियापन किस कारण समाप्त हो जाता है ?
उत्तर-
जल में विलयशील Ca(HCO3)2 के कारण।

प्रश्न 9.
अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय प्रकृति के।

प्रश्न 10.
ताँबे के बर्तन में दूध-दही क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर-
ताँबे के बर्तन में दूध-दही रखने पर वे बर्तनों के साथ अम्ल अभिक्रिया करके विषैले यौगिक (लवण) बनाते हैं।

प्रश्न 11.
अम्लों में विद्युत प्रवाह किस कारण होता है?
उत्तर-
आयनों के कारण।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 12.
अधिक आर्द्र गैस को किसकी सहायता से शुष्क किया जाता है ?
उत्तर-
कैल्सियम क्लोराइड की सहायता से।

प्रश्न 13.
हाइड्रोजन आयन को किस रूप में दर्शाया जाता है ?
उत्तर-
H+ (aq) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+)।

प्रश्न 14.
अम्लों को तनु करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
जल में सान्द्र अम्ल को धीरे-धीरे मिलाना चाहिए।

प्रश्न 15.
जल में अम्ल या क्षार घुलने की प्रक्रिया ऊष्माशोषी है या ऊष्माक्षेपी ?
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी।

प्रश्न 16.
तनुकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सान्द्रता (H3O+/OH ) में इकाई आयतन की कमी हो जाती है जिसे तनुकरण कहते हैं।

प्रश्न 17.
अनेक सूचकों के मिश्रण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सार्वत्रिक सूचक।

प्रश्न 18.
हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है ?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) ।

प्रश्न 19.
हमारे शरीर में सबसे कठोर पदार्थ कौन-सा
उत्तर-
दाँतों का इनैमल (कैल्सियम फॉस्फेट)।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 20.
अम्लीय ऑक्साइड के नाम लिखिये जिनके द्वारा अम्लीय वर्षा होती है। (RBSE 2016)
उत्तर-
सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2)।

प्रश्न 21.
अम्ल की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
अम्ल वे यौगिक हैं जो पानी में घुलकर हाइड्रोनियम (H3O+) को उत्पन्न करते हैं।
HCI+H2O → H3O+ + Cl

प्रश्न 22.
क्षार की आधुनिक परिभाषा क्या है?
उत्तर-
वे यौगिक जो पानी में घुलकर OH आयन प्रदान करते हैं, उन्हें क्षार कहते हैं, जैसे
K2O+ H2O → 2K+ + 2OH

प्रश्न 23.
उदासीनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी अम्ल का H+ और क्षार का OH परस्पर मिलकर अनायनित जल अणु तैयार करे, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण के लिए- .
HNO3 +KOH → KNO3 + H2O

प्रश्न 24.
किसी क्षार को जल में मिलाने पर क्या होता
उत्तर-
OH जलीय आयनों की वृद्धि।
pH स्केल (pH-Scale)

प्रश्न 25.
दो संश्लेषित सूचकों के नाम लिखिये। [राज. 2015]
उत्तर-
मेथिल ऑरेंज, फीनॉल्फ्थेलिन।

प्रश्न 26.
जठर रस pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर-
लगभग 1.2.

प्रश्न 27.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर-
लगभग 14.

प्रश्न 28.
हमारा शरीर कितने pH परास के बीच कार्य करता है?
उत्तर-
हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच काम करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 29.
किसकी pH अधिक होगी
(i) रक्त अथवा आसुत जल?
(ii) जठर रस अथवा नींबू का रस? [राज. 2015]
उत्तर-
(i) आसुत जल (pH = 7)
(ii) जठर रस (pH = 1.2)

प्रश्न 30.
मुँह में दाँतों का क्षय कब आरम्भ होता है ?
उत्तर-
pH का मान 5.5 से कम हो जाने पर दाँतों का क्षय आरम्भ हो जाता है।

प्रश्न 31.
कोई विलयन ‘X’ pH पत्र पर उसकी कोई बूंद गिराने पर नारंगी रंग देता है, जबकि कोई अन्य विलयन ‘Y’ pH पत्र पर उसकी बूंद गिराने पर हल्का नीला रंग देता है। इन दोनों विलयनों की प्रकृति क्या है? ‘X’ और ‘Y’ विलयनों के pH निर्धारित कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
‘X’ विलयन की प्रकृति अम्लीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर वह नारंगी रंग देता है। ‘X’ विलयन का pH मान 3 से 5 के बीच हो सकता है, तथा यह हल्का अम्लीय है। Y’ विलयन की प्रकृति क्षारीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर यह हल्का नीला रंग देता है। Y’ विलयन का pH मान 8 से 11 के बीच हो सकता है तथा यह हल्का क्षारीय है।

प्रश्न 32.
बेकिंग पॉउडर किसे कहते हैं ?(CBSE 2020)
उत्तर-
मीठा सोडा व टारटेरिक अम्ल के मिश्रण को बेकिंग पाउडर कहते हैं।

प्रश्न 33.
अग्निशमन यन्त्रों में किन रसायनों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन, सोडियम कार्बोनेट व सल्फ्यूरिक अम्ल का ।

प्रश्न 34.
विरंजक चूर्ण किस प्रकार के चूने से तैयार किया जाता है ? _
उत्तर-
विरंजक चूर्ण, बूझे हुए चूने [Ca(OH)2] से तैयार किया जाता है।

प्रश्न 35.
विरंजक चूर्ण को यदि वायु में खुला छोड़ दिया जाए तो क्या होगा?
उत्तर-
वायु के सम्पर्क में आने पर विरंजक चूर्ण अपघटित हो जाता है तथा क्लोरीन मुक्त होती है।

प्रश्न 36.
बिना बुझे हुए चूने का रासायनिक नाम क्या है ?
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड (CaO).

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 37.
विरंजक चूर्ण को पानी में क्यों मिलाया जाता है ?
उत्तर–
पानी को जीवाणुरहित बनाने के लिए।

प्रश्न 38.
प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने के लिए किसे और कितना गर्म करना पड़ता है ?
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस को बनाने के लिए जिप्सम को 373 K तक गर्म किया जाता है।

प्रश्न 39.
धावन सोडा किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
धावन सोडा पारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस आकार का होता है।

प्रश्न 40.
साधारण नमक किससे बनता है ?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) की अभिक्रिया से।

लघु उत्तरीय प्रश्न (ShortAnswer Type Questions)

प्रश्न 1.
अम्लों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर-
अम्लों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद खट्टा होता है।
  • ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
  • ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
  • ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करते हैं।
  • ये क्षारकों के साथ क्रिया करके लवण एवं पानी बनाते हैं।

प्रश्न 2.
क्षारों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर-
क्षारों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्लों के साथ क्रिया करके लवण व पानी बनाते हैं।
  • ये फीनॉल्पथेलीन के घोल को गुलाबी कर देते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित यौगिकों को दुर्बल एवं प्रबल अम्ल एवं क्षारक में वर्गीकृत कीजिए
(i) CH3COOH
(ii) NH4OH
(iii) NaOH
(iv) Ca(OH)2
(v) HCN
(vi) HClO4
(vii) H3PO4
(viii) H2SO4
(ix) HCl.
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 4.
आपको तीन परखनलियाँ A, B तथा C दी गई हैं। उनमें क्रमशः आसुत जल, एक अम्लीय विलयन तथा एक क्षारीय विलयन डाले गए हैं। आपको केवल नीले लिटमस पत्र की कतरनें दी गई हैं, इससे आप तीनों की पहचान किस प्रकार करेंगे? (CBSE 2016)
उत्तर-

  • सबसे पहले तीनों लिटमस पत्र की कतरनों को प्रत्येक परखनली में डाला।
  • परखनली A में रखा विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है जो यह दर्शाता है कि इस परखनली में रखा विलयन अम्लीय है।
  • यदि शेष दो विलयनों के रंगों में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होता तो इससे स्पष्ट होता है कि किसी एक विलयन में आसुत जल है तथा अन्य में क्षारीय विलयन है।
  • अब परखनली A का लिटमस पत्र जो नीले रंग से लाल में परिवर्तित हो गया था को शेष दो विलयन में बारी-बारी से डाला।
  • यदि परखनली B में रखा विलयन लाल लिटमस पत्र को पुनः नीले रंग में परिवर्तित कर देता है तो इससे स्पष्ट होता हे कि इस परखनली में क्षारीय विलयन है।
  • परखनली C में लाल लिटमस पत्र के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा अतः इस परखनली में आसुत जल है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
नेटल पौधे के डंकनुमा बालों के स्पर्श होने के कारण उत्पन्न पीड़ा को इसी के समीप पाये जाने वाले डॉक पौधे की पत्तियों का रस रगड़कर दूर करते हैं। इसका क्या कारण है?
उत्तर-
नेटल के पौधे में मेथेनॉइक अम्ल होता है जो शरीर में पीड़ा पहुँचाता है। चूंकि डॉक की पत्ती के रस की प्रकृति क्षारीय होती है, यह अम्ल के प्रभाव को समाप्त कर देता है और पीड़ा दूर हो जाती है।
pH- स्केल

प्रश्न 6.
लवण विलयनों के pH मान पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण का pH मान 7 होता है एवं ये उदासीन होते हैं। प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण के pH का मान 7 से कम होता है एवं ये अम्लीय होते हैं तथा प्रबल क्षारक एवं दुर्बल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है एवं ये क्षारकीय होते हैं।
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण NaCl, NaSO4, KCl व KNO3, आदि हैं। इन्हें जल में घोलने पर प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक बनाते हैं तथा ये पूरी तरह एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं।
∴ pH=7 .

(b) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक के लवण NH4Cl, BaCl2, ZnSO4 व CuSO4 हैं। प्रबल अम्ल दुर्बल क्षारक को प्रभावित करता है। अतः pH<7.

(c) दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण Na2CO3, CH3COONa आदि हैं। प्रबल क्षारक दुर्बल अम्ल को प्रभावित करता है। अतः pH>7
(d) दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण COONH4 का विलयन लगभग उदासीन होता है।
∴ pH = 7 (लगभग)

प्रश्न 7.
उन अम्लों एवं क्षारकों की पहचान कीजिए जिनसे सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनता है। अपने उत्तर के समर्थन में रासायनिक समीकरण लिखिए। उल्लेख कीजिए कि क्या यह यौगिक अम्लीय अथवा बारीय अथवा उदासीन है। इसका pH मान भी लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट; दुर्बल कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) तथा प्रबल सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) के क्षार से बनता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2
यह यौगिक एक क्षारीय यौगिक है क्योंकि यह प्रबल क्षार NaOH से बनता है। इसका pH मान 7 से थोड़ा सा अधिक है।

प्रश्न 8.
pH स्केल किसे कहते हैं? स्पष्ट करो कि मुँह का pH परिवर्तन दन्तक्षय का कारण है। (RBSE 2016)
उत्तर-
किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने हेतु एक स्केल विकसित किया गया है जिसे pH स्केल कहते हैं। . मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का इनैमल (दन्तवल्क) संक्षारित होने लगता है। दाँतों का इनमल कैल्सियम फॉस्फेट से बना होता है जोकि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात् मुँह में अवशिष्ट शर्करा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 9.
अम्ल एवं क्षारक की शक्ति किस पर निर्भर करती है? प्रबल एवं दुर्बल अम्ल क्या हैं?
उत्तर-
अम्ल एवं क्षारक की शक्ति विलयन में क्रमश: (H+) आयन तथा (OH) आयन की संख्या पर निर्भर करती है। अधिक संख्या में + आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं। कम संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
धावन सोडा, जलीय विलयन में अम्लीय अथवा क्षारीय कैसे होता है ?
उत्तर-
धावन सोडा आसानी से पानी में घुल जाता है, इससे क्षारीय घोल बनता है। इसकी जाँच के लिए यदि लाल लिटमस के घोल में इसे डाला जाए तो वह नीले रंग का हो जाता है अतः धावन सोडा का घोल क्षारीय होता है।

प्रश्न 11.
खाने के सोडा के दो महत्त्वपूर्ण गुणधर्म दीजिए।
उत्तर-
खाने का सोडा सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस है जो पानी के साथ क्षारीय घोल बनाता है तथा गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट में बदल जाता है एवं CO2, गैस उत्पन्न होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3

प्रश्न 12.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र एवं इसकी जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया को लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र CaSO4.\(1 / 2\)H2O है। प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफेद चूर्ण है . जो जल में मिलाने पर यह पुनः जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ प्रदान करता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

प्रश्न 13.
उत्फुल्लन (Eflorescence) की प्रक्रिया क्या है? एक ऐसे यौगिक का नाम लिखिए जो उत्फुल्लन की क्रिया दर्शाता हो, अभिक्रिया भी लिखें।
उत्तर-
सोडियम कार्बोनेट को जब वायु में खुला छोड़ देने हैं तो सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3, 10H2O) से जल के 9 अणु निकल जाते हैं, यह एकल हाइड्रेट (Na2CO3, H2O) के रूप में शेष रहता है। गर्म करने पर यह अपने सारे क्रिस्टलीय जल को खो देता है तथा Na2CO3, के रूप में शेष रहता है। अतः हवा में खुला रखने पर यौगिक में से जल के अणु की स्वतः मुक्त हो जाने की प्रक्रिया उत्फुल्लन (Efflorescence) कहलाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 14.
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और सन्तुलित कीजिये
(i) NaOH (aq) +Zn (s) →
(ii) CaCO3(s)+H20(l) +CO2(g) →
(iii) HCl(aq) + H2O(l)
अथवा
लवण जल (ब्राइन) के विद्युत अपघटन के समय एनोड पर कोई गैस ‘G’ मुक्त होती है। जब इस गैस ‘G’ को बुझे हुए चूने से प्रवाहित किया जाता है, तो कोई यौगिक ‘C’ बनता है जिसका उपयोग पीने के जल को जीवाणुओं से मुक्त करने के लिए किया जाता है।
(i) ‘G’ और ‘C’ के सूत्र लिखिए।
(ii) होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(iii). यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम क्या है? इसका रासायनिक नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
अथवा
(i) G का सूत्र = Cl2(क्लोरीन गैस) \
C का सूत्र = CaoCl2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6
(iii) यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम विरंजक चूर्ण है।
यौगिक ‘C’ का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड है।

प्रश्न 15.
क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पादों की सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक उत्पाद का एक महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
अथवा
सोडियम कार्बोनेट से धोने का सोडा किस प्रकार बनाया जाता है? इसका रासायनिक समीकरण लिखिए। इस लवण के प्रकार का उल्लेख कीजिए। यह जल की जिस प्रकार की कठोरता को दूर करता है, उसका नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पाद –
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कास्टिक सोडा) NaOH उपयोग-इसका उपयोग साबुन तथा अपमार्जक बनाने में किया जाता है।
(ii) क्लोरीन गैस (Cl2) उपयोग-इसका उपयोग पी.वी.सी. यौगिक (एक प्रकार का प्लास्टिक) बनाने में किया जाता है।
(iii) हाइड्रोजन गैस (H2) उपयोग-इसका उपयोग राकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
अथवा
निर्जल सोडियम कार्बोनेटं को पानी के साथ गर्म करके क्रिस्टलन विधि द्वारा, धोने का सोडा बनाया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 7
धावन सोडा एक क्षारीय लवण है। यह जल की स्थायी कठोरता दूर करता है।

प्रश्न 16.
सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होने वाला कोईलवण ‘P’ गर्म किए जाने पर किसी अन्य लवण ‘0’ में परिवर्तित हो जाता है जिसका उपयोग जल की
कठोरता को दूर करने में किया जाता है तथा कोई गैस ‘R’ – उत्सर्जित होती है। इस गैस ‘R’ को ताजा बने चूने के पानी में से प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है। ‘P’, ‘Q’ और ‘R’ को पहचानिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए रासायनिक समीकरण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब बेकिंग सोडा (NaHCO) को जल के साथ गर्म किया जाता है या मिलाया जाता है तो निम्नलिखित अभिक्रिया प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8
सोडियम कार्बोनेट को जल की कठोरता दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। उत्सर्जित गैस कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
अतः लवण ‘P’ बेकिंग सोडा (NaHCO3) है।
लवण ‘Q’ सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) है जिसका प्रयोग जल की कठोरता को दूर करने के लिए किया जाता गैस ‘R’ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 17.
टूटी हड्डियों को सहारा देने के लिए डॉक्टर किसी श्वेत पाउडर का उपयोग करते हैं।
(a) इस पाउडर का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए।
(b) इस पाउडर को किस प्रकार बनाया जाता है।
(c) जब इस श्वेत पाउडर को पानी के साथ गूंथा जाता है, तो एक कठोर ठोस पिण्ड प्राप्त होता है। इस परिवर्तन के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(d) इस श्वेत पाउडर का कोई एक और उपयोग ‘लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) पाउडर का नाम-कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट, रासायनिक सूत्र- CaSO4\(\frac{1}{2} \) H2O
(b) जिप्सम को 100° (373 K) पर गर्म करके इस पाउडर को तैयार किया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 9
(d) इसका उपयोग घर के अन्दर की दीवारों तथा छत की सतह को समतल व सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 18.
दो परखनलियों A और B जिनमें क्रमशः तनु HCIऔर NaOH विलयन भरे हैं, में नीले लिटमस का विलयन मिलाया गया है। इनमें से किस परखनली के रंग में परिवर्तन दिखाई देगा? इस रंग परिवर्तन का उल्लेख कीजिए और इसका कारण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
परखनली A में नीले लिटमस के विलयन का रंग लाल हो जाएगा क्योंकि इस परखनली में तनु HCl अम्ल है। अम्ल नीले लिटमस को लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं | HCl एक प्रबल अम्ल है। इसी कारण इसे किसी विलयन में मिलाने पर H+ आयन की सांद्रता बढ़ जाती है जिससे pH मान कम हो जाता है।

प्रश्न 19.
पकौड़ों को स्वादिष्ट और खस्ता बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी लवण का pH मान 9 है। इस लवण को पहचानिए तथा इसके निर्माण के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। (CBSE 2018)
उत्तर-
पकौड़ों को स्वादिष्ट तथा खस्ता बनाने के लिए बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण (NaHCO3) का उपयोग किया जाता है। लवण के निर्माण का रासायनिक समीकरण- .
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इस लवण के दो उपयोग

  • इसका उपयोग, धावन सोडा के निर्माण में किया जाता है।
  • इसका उपयोग आग बुझाने के संयंत्र में किया जाता है।

प्रश्न 20.
एसीटिक अम्ल को जब एक परखनली में लिखे गये सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के पाउडर पर डालते हैं तो तेज बुलबुलों के साथ एक गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए, तथा इस गैस को पहचानने के लिए एक प्रयोग लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
उत्पन्न होने वाली गैस CO2 है। जब CO2 गैस को चूने के पानी में से गुजारते हैं तो यह दूधिया हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

प्रश्न 21.
उस समय आप क्या प्रेक्षण करते हैं जब आप एसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें उस परखनली में मिलाते हैं जिसमें भरा है
(i) फिनॉल्पथैलिन
(ii) आसुत जल
(iii) सार्वत्रिक सूचक
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) फिनॉल्फ्थैलिन रंगहीन रहता है, क्योंकि फिनॉल्पथैलिन अम्ल क्षारीय पदार्थों के साथ रंग में परिवर्तन • दर्शाता है।
(ii) आसुत जल में ऐसीटिक अम्ल घुल जाता है।
(iii) सार्वत्रिक सूचक नारंगी रूप में बदल जाता है।
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण रंगहीन हो जाता
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी अम्ल और किसी क्षार के बीच प्रमुख अन्तर लिखिए।
उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से पद उदासीनीकरण की व्याख्या कीजिए तथा-
(i) अम्लीय
(ii) क्षारीय और
(iii) उदासीन लवणों का बनना स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं। ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। इनका pH मान 7 से कम होता है। क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। इनका pH मान 7 से अधिक होता है। जब अम्ल क्षार के साथ क्रिया करके लवण तथा जल बनाता है तो इन दोनों के बीच होने वाली इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण क्रिया कहते हैं। सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिखा जा सकता है- .
क्षार + अम्ल → लवण + जल
उदाहरण –
NaOH (aq) + HCI (aq) →NaCl (aq) + H2O (l)

(i) जब एक प्रबल अम्ल एक दुर्बल क्षार से अभिक्रिया करता है, तो बनने वाला लवण अम्लीय लवण होता है।
उदाहरण:
H2SO4+Cuo → CuSO4+ H2O

(ii) जब एक दुर्बल अम्ल एक अधिक प्रबल. क्षार से अभिक्रिया करता है तो बनने वाला लवण क्षारीय लवण होता है।
उदाहरण:
NaOH+CH3COOH → CH3COONa + H2O

(iii) जब एक प्रबल अम्ल एक प्रबल क्षार से अभिक्रिया करता है तो बनने वाला लवण उदासीन लवण होता है। उदाहरण ::… .
NaOH + HCl → NaCl+ H2O

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित लवणों के रासायनिक सूत्र लिखिए
(i) सोडियम सल्फेट ।
(ii) कैल्सियम सल्फेट
(iii) कॉपर सल्फेट
(iv) सोडियम क्लोराइड
(v) सोडियम नाइट्रेट
(vi) सोडियम कार्बोनेट
(vii) अमोनियम क्लोराइड
(viii) पोटैशियम सल्फेट।
उत्तर-

लवण का रासायनिक सूत्र
(i)  सोडियमा सल्फेट Na2SO4
(ii) कैल्सियम सल्फेट CaSO4
(iii) कॉपर सल्फेट CuSO4
(iv) सोडियम क्लोराइड Nacl
(v) सोडियम नाइट्रेट , NaNO3,
(vi) सोडियम कार्बोनेट NaNO3
(vii) अमोनियम क्लोराइड Na2CO3
(vii) पोटैशियम सल्फेट K2SO4

प्रश्न 3.
केवल रासायनिक समीकरण लिखिए –
(i) बुझे हुए चूने के साथ क्लोरीन क्रिया करती है।
(ii) विरंजक चूर्ण की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करायी जाती है।
(iii) जिप्सम को 373 K ताप पर गर्म किया जाता है।
(iv) चूने में पानी डाला जाता है।
(v) धावन सोडा को वायु में रखा जाता है।
उत्तर –
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प्रश्न 4.
क्षारक क्या हैं? क्षारकों के गुण तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जल में विलेय होने पर जो यौगिक हाइड्रॉक्साइड आयन उत्पन्न करते हैं, क्षार कहलाते हैं; जैसे-सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)]2 आदि। सभी क्षारकों को क्षार नहीं कहा जा सकता परन्तु सभी क्षार, क्षारक होते हैं। क्षारकों का एक उदाहरण ऐन्टैसिड है जोकि ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड तथा मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड से बनता है।

मसालेदार तला भुना हुआ भोजन अधिक मात्रा में ग्रहण कर लेने पर आमाशय में अम्लता बढ़ जाती है जिसे ऐन्टैसिड के द्वारा दूर किया जाता है। क्षारकों के सामान्य गुण-क्षारकों का स्वाद तीखा एवं कड़वा होता है, स्पर्श चिकना होता है तथा प्रबल क्षार त्वचा पर संक्षारक प्रभाव डालता है। सूचकों पर इनकी क्रिया निम्न प्रकार होती है-

  • लाल लिटमस को नीला कर देता है तथा नीले लिटमस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • फिनॉल्पथेलीन तथा हल्दी के विलयन में क्षार मिलाने पर वह लाल रंग के हो जाते हैं एवं मेथिल ऑरेंज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • क्षारक गर्म करने पर जल उत्पन्न करते हैं तथा ऑक्साइड बनाते हैं।

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अम्लों के साथ क्षारक अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं। अम्ल तथा क्षारकों के बीच यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।

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क्षारकों के जलीय विलयन हाइड्रॉक्साइड (OH) देते हैं, प्रबल क्षारक जल में पूर्णतया विघटित हो जाते हैं, जबकि तनु क्षारक कम मात्रा में विघटित होते हैं।

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उपयोग-क्षारकों को विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है, जैसे-ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग वस्त्र उद्योग तथा ऐन्टैसिड बनाने में, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग क्लीनिंग एजेण्ट तथा अमोनियम लवण बनाने में, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का प्रयोग सफेदी, ब्लीचिंग पाउडर, चमड़ा उद्योग, खारे जल के शोधन आदि में तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग, साबुन, रेयान, कागज आदि उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 5.
(i) हाइड्रोजन आयन [H+] की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ii) अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल को जल में मिलाया जाता है न कि जल को अम्ल में। कारण दीजिये।
(iii) संतरा और इमली में पाये जाने वाले अम्लों के नाम लिखिए।
(iv) क्लोर-क्षार प्रक्रिया किसे कहते हैं। (CBSE, RBSE 2017)
उत्तर-
(i) H+(aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। H+(aq) की जितनी सान्द्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगा। जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता।

(ii) जल में घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आसफलित होकर बाहर आ सकता है। इससे स्थानीय ताप बढ़ जाता है, जिसके कारण उपयोग किया जाने वाला काँच का पात्र भी टूट सकता है।

(iii) संतरा-सिट्रिक अम्ल
इमली-टार्टरिक अम्ल

(iv) सोडियम नोराइड के जलीय विलयन (लवण जल) में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है, इसे क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं।
2NaCl(aq) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + Cl2 (g) + H2 (g)

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प्रश्न 6.
हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने में प्रयुक्त स्केल का नाम लिखिये। अम्लीय वर्षा का कारण व इसके दो कुप्रभावों को लिखिए।
उत्तर-
हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने में pH-स्केल प्रयुक्त किया जाता है। वर्षा के जल की pH मान 5.6 से कम हो जाती है तो वह अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहलाती है।

अम्लीय वर्षा के कुप्रभाव-

  1. अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता है तो नदी के जल के pH का मान कम हो जाता है। ऐसी नदी में जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है।
  2. अम्लीय वर्षा के कारण संगमरमर से बना ताजमहल काला पड़ने लगा है क्योंकि कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) वर्षा में उपस्थित अम्ल से क्रिया कर लेता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. विलयन में किस आयन के निर्माण के कारण पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है-
(a) H+
(b) Cl
(c) OH
(d) SO4-2
उत्तर-
(a) H+.

2. हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है –
(a) H2SO4
(b) HNO3
(c) HCl
(d)NaOH.
उत्तर-
(c) HCl.

3. अम्ल –
(a) का स्वाद कड़वा होता है
(b) लाल लिटमस को नीला करता है
(c) कार्बोनेट को विघटित करता है
(d) का स्पर्श फिसलने वाला होता है।
उत्तर-
(c) कार्बोनेट को विघटित्त करता है।

4. तनु अम्ल से अभिक्रिया कर कौन-सा पदार्थ CO2 उत्पन्न नहीं करेगा –
(a) संगमरमर
(b) चूना
(c) चूना पत्थर
(d) मीठा सोडा।
उत्तर-
(b) चूना।

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5. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के जलीय विलयन में उपस्थित है –
(a) H3O+ + Cl
(b) Cl+OH
(c) अनायनित HCl
(d) H3O+ + OH
उत्तर-
(b) Cl+OH.

6. निम्न में से कौन-सा क्षार नहीं है-
(a)NaOH
(b) KOH
(c)NH4OH
(d) C2H5OH.
उत्तर-
(d) C2H5OH.

7. जब पानी में थोड़ी मात्रा में किसी अम्ल को मिलाते हैं तो होने वाली परिघटनाएँ हैं –
(A) तनुकरण
(B) उदासीनीकरण
(C) H3O+ आयन बनना
(D) लवण निर्मित होना
इनमें से सही कथन है-
(a)A और C
(b)B और D
(c) A और B
(d) C और D
उत्तर-
(a) A और C

8. वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, कहलाते हैं –
(a) गंधीय सूचक
(b) संश्लेषित सूचक
(c) लिटमस
(d) ये सभी सूचक।
उत्तर-
(a) गंधीय सूचक।

9. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है, यह क्रिया है-
(a) जल-अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन।
उत्तर-
(c) उदासीनीकरण।

10. किसी विलयन की pH किसकी माप है
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सान्द्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) दोनों (a) व (b).

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11. रक्त का pH मान है-
(a) 0
(b) 2
(c) 4
(d) 7.4.
उत्तर-
(d) 7.4.

12. pH चार्ट के अन्तिम सिरों पर दिखने वाले दो रंग हैं
(a) लाल और नीला
(b) लाल तथा हरा
(c) हरा और लाल
(d) नारंगी तथा हरा (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) लाल और नीला।

13. चार छात्र A,B,C,D जल,नींबू पानी तथा तनुसोडियम बाइकार्बोनेट के विलयनों का pH निकालते हैं। उन्होंने प्रेक्षणों द्वारा प्राप्त pH के नामों को अवरोही क्रम में इस प्रकार व्यवस्थित किया विलयन
A . जल, नींबू पानी, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन जल, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, नींबू पानी – नींबू पानी, जल, सोडियम बाइकार्बोनेट
विलयन D
सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, जल,
नींबू पानी छात्र द्वारा सही क्रम है
(CBSE 2016)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
उत्तर-
(d) D

14. आपके विद्यालय के आस-पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिए गए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर, वह उसे कठोर जल बना देगा –
(a) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड
(b) पौटेशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड
(c) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड (CBSE 2016)
उत्तर-
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड

15. कोई छात्र 25 mL धारिता की चार परखनलियों P, Q, R और S लेकर प्रत्येक परखनली में 10 mL आसुत जल भरता है। वह इन परखनलियों में चार भिन्न लवणों का एक-एक चम्मच इस प्रकार मिलाता है-P में KCl; Q में NaCl; Rमें CaCl, तथा S में MgCl, I तत्पश्चात वह प्रत्येक परखनली में साबुन के विलयन के नमूने का लगभग 2 ml डालता है। प्रत्येक परखनली के पदार्थों की भली-भाँति हिलाने पर उसे जिन परखनलियों में भरपूर झाग मिलने की सम्भावना है, वे परखनलियाँ हैं-
(a) P और Q
(b) R और S
(c) P, Q और R
(d) P, Q और S (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) P और Q

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. चूना-पत्थर, खड़िया और संगमरमर ………………….. के विभिन्न रूप हैं।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. जलीय कॉपर सल्फेट का सूत्र ………………….. है।
उत्तर-
CuSO4.5H2O,

3. जिप्सम का सूत्र ………………….. है।
उत्तर-
CaSO4 . 2H2O,

4. क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में ………………….. उत्सर्जित करते हैं।
उत्तर-
हाइड्रॉक्साइड आयन (OH),

5. वर्षा के जल की pH मान 5.6 से कम हो जाता है तो वह ………………….. कहलाती है।
उत्तर-
अम्लीय वर्षा।

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सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित करें

A B
(1) जिप्सम (a) CaoCl2
(2) बेकिंग सोडा (b) MgSO4.7H2O
(3) ब्लीचिंग पाउडर (c) CasO4. \(\frac{1}{2}\)H2O
(4) एप्सम लवण (d) CaO
(5) बिना बुझा हुआ चूना (e) CaSO4.2H2O
(6) प्लास्टर ऑफ पेरिस (f) NaHCO3,

उत्तर-

A B
(1) जिप्सम (e) CaSO4.2H2O
(2) बेकिंग सोडा (f) NaHCO3,
(3) ब्लीचिंग पाउडर (a) CaoCl2
(4) एप्सम लवण (b) MgSO4.7H2O
(5) बिना बुझा हुआ चूना (c) CasO4. \(\frac{1}{2}\)H2O
(6) प्लास्टर ऑफ पेरिस (d) CaO

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
द्रव्यमान के संरक्षण नियम को लिखिए।
उत्तर-
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश, यही द्रव्यमान के संरक्षण का नियम है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है ?
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रिया के पहले और उसके पश्चात् प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या यदि समान रहती है तो उसे सन्तुलित समीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
जल के निर्माण के लिए संयोजन अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
2H2 (g) + O2 (g) → 2H2O (l)

प्रश्न 4.
2Mg + O2 →? उपरोक्त अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
2Mg +O2 → 2MgO

प्रश्न 5.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1
उपर्युक्त अभिक्रिया का प्रयोग कहाँ होता है ?
उत्तर-
श्वेत-श्याम फोटोग्राफी में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 6.
संक्षारण के कारण चाँदी व ताँबे पर कैसे रंग की परत चढ़ जाती है?
उत्तर-
चाँदी पर-काली तथा ताँबे पर-हरी।

प्रश्न 7.
क्यूप्रिक सल्फेट विलयन में लोहे का टुकड़ा डालने पर किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया होती है ?
उत्तर-
प्रतिस्थापन अभिक्रिया
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 2

प्रश्न 8.
दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है
Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
उत्तर-
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 9.
जंग लगने के लिए आवश्यक कारक कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर-

  • धातु की खुली सतह,
  • ऑक्सीजन की उपस्थिति,
  • नमी की उपस्थिति।

प्रश्न 10.
भोजन के पाचन में किस प्रकार की अभिक्रिया होती है ?
उत्तर-
भोजन के पाचन में वियोजन अभिक्रिया होती है।

‘प्रश्न 11.
रेडॉक्स अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
MnO2 +4HCl → MnCl2 + 2H2O+Cl2

प्रश्न 12.
फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों को गर्म करने पर होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3

प्रश्न 13.
प्राकृतिक गैस का दहन करने पर क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
CO2, H2O और ऊर्जा।

प्रश्न 14.
जंग क्या है ? इसका सूत्र लिखिए।
उत्तर-
जंग मुख्यतः हाइड्रेटेड आयरन (HI) ऑक्साइड (Fe2O3,xH2O) है।

प्रश्न 15.
उस अभिक्रिया का नाम बताइए जिसमें अविलेय लवण प्राप्त होता है?
उत्तर-
अवक्षेपण अभिक्रिया।

प्रश्न 16.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 4
उत्तर-
आयनिक वियोजन (क्योंकि यौगिक आयनों में अपघटित हो रहा है)

प्रश्न 17.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 5
उत्तर-
योगात्मक अभिक्रिया (क्योंकि दो यौगिकों का संयोजन हो रहा है)।

प्रश्न 18.
CH4 + Cl2 →CH3Cl + HCI
उत्तर-
प्रतिस्थापन अभिक्रिया (क्योंकि इसमें एक परमाणु दूसरे के द्वारा विस्थापित हो रहा है)।

प्रश्न 19.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
उत्तर-
ऊष्मीय वियोजन (क्योंकि इसमें NH4Cl गर्म करने पर विघटित हो रहा है)।

प्रश्न 20.
NH4Cl ⇌ NH4+ + Cl
उत्तर-
आयनिक वियोजन अभिक्रिया (क्योंकि NH4Cl का आयनों में वियोजन हो रहा है)।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक अभिक्रियाओं के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रियाओं के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-

  • भोजन पकाना,
  • अंगूर का किण्वन,
  • श्वसन क्रिया,
  • शरीर द्वारा भोजन को पचाना,
  • गर्मियों में कमरे के ताप पर दूध का फट जाना।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और संतुलित कीजिए
(i) NaOH(aq) +Zn(s)
(ii) CaCO3(s) +H2O(l) +CO2(g) →
(iii) HCl(aq) +H2O → (CBSE 2020)
उत्तर –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7

प्रश्न 3.
निम्नलिखित समीकरणों को सन्तुलित कीजिए
(i) H2SO4 (aq) + NaOH (ag) →NaSO4 (aq) +H2O(l)
(ii) Ba(OH)2 (aq) + HBr (aq) → BaBr2 (aq) +H2O(l)
(iii) BaCl2 (aq) +Al2(SO4)3 (aq) → AlCl3 (aq) + BaSO4(↓)
(iv) Pb(NO3)2 (aq) + Fe2(SO4)3 (aq) → Fe(NO3)3 (aq) + PbSO4,(↓)
(v) CH4 (g) + O2 (g) →CO2 (g) + H2O(l)
उत्तर-
(i) H2SO4 (aq) + 2NaOH (ag) →Na2SO4 (aq) +2H2O(l)
(ii) Ba(OH)2 (aq) + 2HBr (aq) → BaBr2 (aq) + 2H2O(l)
(iii) 3BaCl2 (aq) +Al2(SO4)3 (aq) → 2AlCl3 (aq) + 3BaSO4(↓)
(iv) 3Pb(NO3)2 (aq) + Fe2(SO4)3 (aq) → 2Fe(NO3)3 (aq) + 3PbSO4(↓)
(v) CH4 (g) + 2O2 (g) → CO2 (g) + 2H2O(l)

प्रश्न 4.
जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल से क्रिया पर गैस X बनती है|
(i) गैस X का नाम दीजिए।
(ii) अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(iii) गैस X की पहचान कैसे करेंगे ? [राज. 2015]
उत्तर-
(i) गैस X = H2, गैस
(ii) Zn + H2SO4 →ZnSO4 +H2
(iii) जब जलती हुई मोमबत्ती को हाइड्रोजन गैस के पास ले जाते हैं, तो यह फट-फट की ध्वनि के साथ जलती गर्म करने पर है|

प्रश्न 5.
किसी चायना डिश में 1 ग्राम कॉपर चूर्ण को लेकर गर्म किया गया। इसे गर्म करने पर क्या परिवर्तन होते हैं? क्या गर्म पदार्थ पर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने पर इसमें कोई दिखाई देने योग्य परिवर्तन होता है? प्रत्येक प्रकरण में बनने वाले पदार्थों के नाम और रंग तथा होने वाली अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
कॉपर चूर्ण गर्म करने पर ठोस काले रंग के कॉपर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। ” कॉपर ऑक्साइड में H2 गैस प्रवाहित करने पर पुन: भूरे रंग की कॉपर धातु प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 8

प्रश्न 6.
किसी चायना डिश में 2g सिल्वर क्लोराइड लेकर उसे कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है। इस प्रकरण में आप क्या प्रेक्षण करेंगे? होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण दीजिये। इस रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार को पहचानकर लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
चायना डिश में रखे सिल्वर क्लोराइड का विघटन हो जायेगा तथा चमकदार सिल्वर प्राप्त होगी।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

प्रश्न 7.
प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए। ‘
उत्तर-
वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें प्रकाश का अवशोषण होता है, प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। ये अभिक्रियाएँ प्रकाश की उपस्थिति में ही होती हैं।
उदाहरण के लिए-
(i) प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हरे पौधे जल व CO2 की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10
(ii) H2 तथा Cl2 की क्रिया द्वारा HCl का बनना।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 8.
दिखाई देने वाले रंग में होने वाले परिवर्तन का उल्लेख कारण सहित कीजिए जबकि-
(i) सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में खुला रखा जाता है।
(ii) ऑक्सीजन की उपस्थिति में कॉपर के चूर्ण को अत्यधिक गर्म किया जाता है।
(iii) कॉपर सल्फेट विलयन में जिंक का टुकड़ा गिराया जाता है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) जब सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में खुला रखा जाता है तो चमकदार सफेद चाँदी प्राप्त होती है। यह एक विघटन अभिक्रिया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12
(ii) कॉपर चूर्ण का भूरा रंग काले रंग वाले कॉपर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
2Cu(s)+O2(g) →2CuO(s) कॉपर (II) ऑक्साइड (काला)

(iii) नीले रंग का कॉपर सल्फेट विलयन, रंगहीन जिंक सल्फेट में बदल जाता है तथा जिंक के टुकड़े पर कुछ मात्रा में भूरे रंग का कॉपर धातु जमा हो जाता है। यह एक प्रतिस्थापन अभिक्रिया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13

प्रश्न 9.
नीचे दी गई प्रत्येक अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए तथा प्रत्येक अभिक्रिया के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण भी लिखिए-
(i) वह अभिक्रिया जिसमें मिश्रण गरम हो जाता है।
(ii) वह अभिक्रिया जिसमें कोई अविलेय पदार्थ बनता है। [CBSE 2020]
उत्तर-
(i) ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया _
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 14
(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15

प्रश्न 10.
CuO+H2O →Cu+H2O अभिक्रिया में कारण सहित बताइए [राज. 2015]
(i) उपचयित पदार्थ
(ii) अपचयित पदार्थ
(iii) उपचायक पदार्थ
(iv) अपचायक पदार्थ।
उत्तर-
(i) H2, उपचयित पदार्थ है क्योंकि हाइड्रोजन में ऑक्सीजन का संयोग हो रहा है।
(ii) अपचयित पदार्थ Cuo है क्योंकि ऑक्सीजन, कॉपर ऑक्साइड में से निष्कासित हो रही है।
(iii) Cuo उपचायक पदार्थ है क्योंकि Cuo हाइड्रोजन के उपचयन हेतु आवश्यक ऑक्सीजन दे रहा है।
(iv) H3 अपचायक पदार्थ है क्योंकि हाइड्रोजन, कॉपर . ऑक्साइड के निष्कासन के लिए उत्तरदायी है।

प्रश्न 11.
(a) निम्नलिखित अभिक्रियाओं का विभिन्न प्रकारों में वर्गीकरण कीजिए
(i) AgNO3(aq) + NaCl(aq) →AgCI(s) +NaNO3(aq)
(ii) Cao(s) + H2O → Ca(OH)2(aq)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 16
(iv) Zn + CuSO4 → ZnSO4 +Cu
(b) निम्नलिखित कथन को सन्तुलित रासायनिक समीकरण के रूप में रूपान्तरित कीजिए – “बेरियम क्लोराइड, ऐल्युमिनियम सल्फेट से अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम क्लोराइड और बेरियम सल्फेट बनाता है।” (CBSE 2019)
उत्तर-
(a)
(i) द्विविस्थापन अभिक्रिया,
(ii) संयोजन अभिक्रिया,
(iii) अपघटन अभिक्रिया,
(iv) विस्थापन अभिक्रिया।

(b)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 17

प्रश्न 12.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को संयोजन, वियोजन, विस्थापन तथा द्विविस्थापन के रूप में वर्गीकृत कीजिए
(i)2KClO3 (s) →2KCl(s) +3O2,(g)
(ii) 2KNO3 (s) → 2KNO2 (s) +O2(g)
(iii) MgO (s)+C(s) →CO (g)+Mg(s)
(iv) Zn (s) + 2HCl(aq) →ZnCl2 (aq) + H2(g)
(v) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn(NO3)2 (aq) +2Ag(s)
उत्तर-
(i) वियोजन अभिक्रिया,
(ii) वियोजन अभिक्रिया,
(iii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(iv) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(v) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 13.
जब किसी परखनली में लेड (II) नाइट्रेट का विलयन लेकर उसमें पौटेशियम आयोडाइड का विलयन मिलाते हैं, तो कोई अवक्षेप बनता है-
(a) इस अवक्षेप का क्या रंग होता है? अवक्षेपित यौगिक का नाम लिखिए।
(b) इस अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(c) अभिक्रिया के इन दो प्रकारों की सूची बनाइए जिनमें इस अभिक्रिया को रखा जा सकता है। [CBSE 2019]
उत्तर-
(a) पीले रंग का अवक्षेप प्राप्त होता है। अवक्षेपित यौगिक का नाम लैड आयोडाइड (PbI2) है।
(b) Pb(NO3)2(aq) + 2KI(aq) → PbI2↓ + 2KNO3(aq)
(c) अभिक्रिया के दो प्रकार जिनमें इस अभिक्रिया को रखा जा सकता है।
(i) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया

प्रश्न 14.
नीचे दिए गए प्रत्येक प्रकरण में होने वाली अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए और उसके लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) जिंक सिल्वर नाइट्रेट से अभिक्रिया करके जिंक नाइट्रेट और सिल्वर बनाता है।
(b) पोटैशियम आयोडाइड लैड नाइट्रेट से अभिक्रिया करके पौटेशियम नाइट्रेट और लैड आयोडाइड बनाता है। [CBSE 2019]
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 18

प्रश्न 15.
दी गई अभिक्रिया
MnO2,+4HCl → MnCl2 + 2H2O+Cl2
(a) उपरोक्त के उस यौगिक का नाम लिखिए जिसका
(i) उपचयन,
(ii) अपचयन हुआ है।
(b) उपरोक्त के आधार पर उपचयन और अपचयन की परिभाषा लिखिए। [CBSE 2018]
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 19
(a)
(i) HCl यौगिक का उपचयन .
(ii) MnO2 यौगिक का अपचयन
(b) उपचयन-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का योग अथवा हाइड्रोजन की हानि हो तो ऐसी अभिक्रिया को उपचयन कहते हैं। अपचयन-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का योग अथवा ऑक्सीजन की हानि होती है तो ऐसी अभिक्रिया को अपचयन कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 16.
क्या होता है, जब सोडियम सल्फेट का विलयन बेरियम क्लोराइड के विलयन में मिलाया जाता है। इसका सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। यह अभिक्रिया किस प्रकार की है? [CBSE 2017]
उत्तर-
इस अभिक्रिया में BaSO4, (बेरियम सल्फेट) के सफेद अवक्षेप बनते हैं।
Na2So (aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।

प्रश्न 17.
संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? बिन बुझे चूने व जल की संयोजन अभिक्रिया लिखिए। [RBSE 2016]
उत्तर-
वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के अणु बनाते हैं, संयोजन या योगात्मक अभिक्रिया कहलाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 20

प्रश्न 18.
संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? कोयले के दहन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। राज.2015]
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया- जब किसी अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, तो ऐसी अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरणार्थ- कोयले का दहन
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 21

प्रश्न 19.
वियोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? कैल्सियम कार्बोनेट के ऊष्मीय वियोजन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। [राज. 2015]
उत्तर-
वियोजन अभिक्रियाएँ-ऐसी रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें कोई पदार्थ छोटे-छोटे पदार्थों या यौगिकों में विघटित हो जाता है, वियोजन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ- कैल्सियम कार्बोनेट ऊष्मा के द्वारा विघटित होकर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइ
ऑक्साइड बनाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 22

प्रश्न 20.
(a) वसायुक्त खाद्य पदार्थों को विकृतगंधिता से बचाने के लिए क्या किया जाता है?
(b) CuO+H2 → Cu+H2O
उपरोक्त अभिक्रिया में किस पदार्थ का उपचयन हो रहा है व किसका अपचयन? [RBSE 2017]
उत्तर-
(a) वसायुक्त खाद्य पदार्थ को विकृतगंधिता से बचाने के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाता है।
(b) इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण व कॉपर का अपचयन हो रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रस्तुत अभिक्रियाओं के प्रकार लिखिए-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 23
उत्तर-
(i) आयनिक वियोजन अभिक्रिया,
(ii) योगात्मक अभिक्रिया,
(iii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(iv) ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया,
(v) आयनिक वियोजन अभिक्रिया,
(vi) उभय अपघटन अभिक्रिया,
(vii) ऊष्मीय अपघटन अभिक्रिया,
(viii) ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया,
(ix) योगात्मक अभिक्रिया,
(x) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 2.
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है ? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में अन्तर-

संयोजन अभिक्रिया वियोजन अभिक्रिया
1. इन अभिक्रियाओं में दो या दो से अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक पदार्थ बनाते हैं। 1. इन अभिक्रियाओं में एक यौगिक वियोजित होकर दो या दो से अधिक सरल पदार्थ बनाता है।
2. ये अभिक्रियाएँ एक या अनेक तत्वों के आपसी संयोजन से विभिन्न ऊर्जाओं की उपस्थिति में पूर्ण होती हैं।
उदाहरण- (i) NH3 + HCl →NH4Cl
2. ये अभिक्रियाएँ प्रायः ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत् या उत्प्रेरकों के कारण ही सम्भव हो पाती हैं; परन्तु ये संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत होती हैं। उदाहरण-
(i) CaCO3 → CaO + CO2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए तथा अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए-
(i) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (aq)
(ii) जिंक का नेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(iii) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
उत्तर-
(i) 2KBr (aq) + Bal2, (aq) → 2KI (aq) + BaBr2, (aq) (द्विविस्थापन अभिक्रिया)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 24
(iii) H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g) (संयोजन अभिक्रिया)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को सन्तुलित करके प्रत्येक अभिक्रिया के प्रकार बताइए
(i) CH4Cl+ Cl2 → CH3Cl + HCl
(ii) Na + Cl2 → NaCl
(iii) H2SO4 + NaOH →Na2SO4 + H2O
(iv) Ba(OH)2, + HBr → BaBr2 + H2O
(v) BaCl2 + Al2 (SO4)3 → AlCl3 + BaSO4
उत्तर-
(i) 2CH4Cl+ Cl2 → 2CH3Cl + HCl (प्रतिस्थापन अभिक्रिया)
(ii) 2Na + Cl2 → 2NaCl (योगात्मक अभिक्रिया)
(iii) H2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 + 2H2O (उदासीनीकरण अभिक्रिया)
(iv)Ba(OH)2 + 2HBr → BaBr2 + 2H2O (उदासीनीकरण अभिक्रिया)
(v) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 →2AlCl2 + 2BaSO4 (द्विविस्थापन अभिक्रिया)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. किस गैस के उपस्थित होने पर मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है –
(a) CO2
(b) CO
(c) H2
(d) O2.
उत्तर-
(d) O2

2. अभिक्रिया के तीर का सिरा किस ओर होता है –
(a) अभिकारक
(b) अवक्षेप
(c) गैस
(d) उत्पाद।
उत्तर-
(a) अभिकारक।

3. दानेदार जिंक पर तनु HCl डालने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है –
(a) H2
(b) SO2
(c) Cl2
(d) O2
उत्तर-
(a) H2.

4. कौन-सा चिह्न उत्पाद के अवक्षेप के रूप में प्राप्त होने पर लगाया जाता है –
(a) ↑
(b) →
(c) ←
(d)↓.
उत्तर-
(d) ↓

5. दाब, उत्प्रेरक, ताप आदि को अभिक्रिया में तीर के निशान के साथ कैसे दिखाया जाता है –
(a) ऊपर
(b) नीचे
(c) आगे
(d) ऊपर या नीचे।
उत्तर-
(d) ऊपर या नीचे।

6. आयरन की भाप के साथ अभिक्रिया करने पर प्राप्त यौगिक है/हैं –
(a) Fe2O3
(b) Fe3O4.
(c) Feo
(d) Fe2O3 और Fe3SO4
उत्तर-
(b) Fe3O4.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

7. कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करके बुझा हुआ चूना बनाता है।
CaO(s) + H2 O(I)→ Ca(OH)2 (aq)
इस अभिक्रिया का वर्गीकरण अभिक्रियाओं के किस प्रकार में किया जा सकता है? (A) संयोजन अभिक्रिया (B) ऊष्मा उन्मोची अभिक्रिया (C) ऊष्माशोषी अभिक्रिया (D) उपचयन अभिक्रिया। निम्न में से सही विकल्प कौन-सा है?
(a) A और C
(b) C और D
(c) A, C और D
(d)A और B
उत्तर-
(d) A और B.

8. जब हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को कॉपर सल्फेट के नीले विलयन से प्रवाहित किया जाता है तो कॉपर सल्फाइड का काला अवक्षेप प्राप्त होता है तथा इस प्रकार बना सल्फ्यूरिक अम्ल विलयन में रह जाता है यह अभिक्रिया निम्नलिखित में से किसका उदाहरण है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) विस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
उत्तर-
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया।

9. CaO+H2O → Ca(OH)2 उपर्युक्त अभिक्रिया है-
(a) अपघटन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
(c) संयोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(c) संयोजन अभिक्रिया।

10. CuSO4 (aq) +Zn(s) → ZnSO4 (aq) + Cu (s) उपर्युक्त अभिक्रिया है –
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) विस्थापन अभिक्रिया
(c) अपघटन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(b) विस्थापन अभिक्रिया।

11. शाक-सब्जियों का विघटित होकर कम्पोस्ट बनाना कैसी अभिक्रिया है ?
(a) ऊष्माशोषी
(b) ऊष्मासंवेदी
(c) ऊष्माक्षेपी
(d) ऊष्मारोधी।
उत्तर-
(c) ऊष्माक्षेपी।

12. नम वायु में ताँबे की बाहरी सतह पर किस रंग की परत चढ़ जाती है –
(a) भूरी
(b) काली
(c) लाल
(d) हरी।
उत्तर-
(d) हरी।

13. निम्न अभिक्रिया Fe2O3, +3CO → 2 Fe + 3CO2, में अपचयित पदार्थ है-
(a) CO
(b) Fe
(c) CO2
(d) Fe2O3.
उत्तर-
(d) Fe2O3.

14. C2H12O6 (aq) + 6O6 (aq) + 6H2O(l) → 6CO2(aq) +12H2O (l) + ऊर्जा, इस रासायनिक अभिक्रिया का विशेष नाम है –
(a) उत्सर्जन
(b) पाचन
(c) श्वसन
(d) प्रजनन
उत्तर-
(c) श्वसन।

15. अपघटन अभिक्रिया का उदाहरण है
(a) 2SO2+O2 → 2SO3
(b) 2KClO3 → 2KCl+3O2
(c) Mg + 2HCl → MgCl2+H2
(d) HCl + NaOH→ NaCl+H2O.
उत्तर-
(b) 2KCIO3, → 2KCl+3O2.

16. Cl2 +2KI → 2KCI+I2 एक-
(a) संयोजन अभिक्रिया है
(b) अपघटन अभिक्रिया है
(c) विस्थापन अभिक्रिया है
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
उत्तर-
(c) विस्थापन अभिक्रिया है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद ………………………. की परत का निर्माण होता है।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. श्वसन एक ……………………. रासायनिक अभिक्रिया है।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी,

3. लोहे की वस्तुओं पर जंग उनकी खुली सतह पर …………………. एवं ……………….. के कारण लगती है।
उत्तर-
ऑक्सीजन, नमी,

4. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों के उपचयन से बचाव हेतु हम इनमें………..प्रवाहित कर देते हैं।
उत्तर-
नाइट्रोजन,

5. मैग्नीशियम को वायु की उपस्थिति में जलाने पर ………….. प्राप्त होगा।
उत्तर-
मैग्नीशियम ऑक्साइड।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न को सुमेलित कीजिए-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 25

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

HBSE 10th Class Science अनुवांशिकता एवं जैव विकास Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मेण्डल के एक प्रयोग में लम्बे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्य बैंगनी रंग के थे, परन्तु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है कि लम्बे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी –
(a) TT WW
(b) TT WW
(c) Tt WW
(d) Tt Ww.

प्रश्न 2. समजात अंगों का उदाहरण है –
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते का अग्रपाद
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू तथा घास के उपरिभूस्तारी
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
विकासीय दृष्टि से हमारी किससे अधिक समानता है
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिम्पैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु।
उत्तर-
1. (c),
2. (d),
3. (a)

प्रश्न 4.
एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
उपर्युक्त परिस्थिति में नेत्रों का हल्का रंग प्रभावी लक्षण है। अत: यह लक्षण जनकों से भावी पीढ़ी की सन्तानों में स्थानान्तरित हो सकता है। प्रभावी लक्षण उसी अवस्था में अथवा कुछ परिवर्तन के साथ भावी पीढ़ी में चले जाते हैं। इनमें अप्रभावी लक्षण भी उपस्थित होते हैं। ये अप्रभावी लक्षण प्रभावी लक्षणों की अनुपस्थिति में सन्तान में प्रदर्शित हो सकते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 5.
जैव विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर संबंधित है?
उत्तर-
दो जातियों के बीच जितने अधिक अभिलक्षण समान होंगे उनका सम्बन्ध भी उतना ही निकट का होगा। जितनी अधिक समानताएँ उनमें होंगी उनका उद्भव भी निकट अतीत में समान पूर्वजों से हुआ होगा। उदाहरण के लिए; एक भाई एवं बहिन अति निकट सम्बन्धी हैं। उनसे पहली पीढ़ी में उनके पूर्वज समान थे अर्थात् वे एक ही माता-पिता की सन्तान हैं। लड़की के चचेरे/ममेरे भाई बहिन भी उनसे सम्बन्धित हैं लेकिन उसके अपने भाई से कम निकट का सम्बन्ध है। इसका मुख्य कारण है कि उनके पूर्वज समान हैं, अर्थात् दादा-दादी जो उनसे दो पीढ़ी पहले के हैं, न कि एक पीढ़ी पहले के। अब हम इस बात को भली प्रकार समझ सकते हैं कि जाति/जीवों का वर्गीकरण उनके विकास के सम्बन्धों का प्रतिबन्ध है।

प्रश्न 6.
समजात तथा समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
समजात अंग-ऐसे अंग जो उत्पत्ति एवं मूल रचना में समान होते हैं तथा जिनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं। उदाहरण-घोड़े के अग्रपाद, चमगादड़ एवं पक्षी के पंख, मनुष्य के हाथ आदि। समरूप अंग-ऐसे अंग जिनकी उत्पत्ति तथा मूल रचना भिन्न-भिन्न होती हैं किन्तु कार्य समान होते हैं, समवृत्ति अंग कहलाते हैं।
उदाहरण-तितली के पंख एवं चमगादड़ के पंख, आदि।

प्रश्न 7.
कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर-
माना कुत्ते की त्वचा का काला रंग (W), भूरे रंग (w) पर प्रभावी लक्षण है। इसे निम्न प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है-
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 1
अत: F2 पीढ़ी में तीन कुत्ते काले एवं एक कुत्ता भूरा है। यह प्रोजेक्ट दर्शाता है कि काला रंग भूरे पर प्रभावी है।

प्रश्न 8.
विकासीय सम्बन्ध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जीवाश्म विकास के पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हैं। ये किसी जीव के विकास काल की सापेक्ष जानकारी एवं विकास की विलुप्त कड़ियों की भी जानकारी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए; आर्कियोप्टेरिक्स नामक जीवाश्म में पक्षियों एवं सरीसृपों दोनों के गुण पाये जाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ है। अतः जीवाश्म विकास की कड़ियों को खोलने में सहायक हैं। जीवाश्मों की आयु का निर्धारण चट्टान में पाये जाने वाले रेडियोधर्मी तत्वों और इसके रेडियोधर्मिताविहीन समस्थानिक तत्वों के अनुपात से किया जाता है।

प्रश्न 9.
किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति पदार्थों से हुई है?
उत्तर-
हम जानते हैं कि अनेकों अकार्बनिक पदार्थ तथा कार्बनिक पदार्थ विशिष्ट परिस्थितियों में मिलकर जीन का निर्माण करते हैं जो आनुवंशिकता की इकाई हैं। हाल्डेन तथा मिलर एवं यूरे ने अपने प्रयोग द्वारा प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया कि प्रारम्भिक जीव की उत्पत्ति अकार्बनिक पदार्थों से हुई। अकार्बनिक अणुओं से कुछ जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ जिसके फलस्वरूप वे सरल कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित हुये तथा अमीनों अम्ल जैसे पदार्थों का निर्माण हुआ जो जीवन का आधार होते हैं।

प्रश्न 10.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर-
लैंगिक जनन की प्रक्रिया में संयुग्मन करने वाले युग्मक (gametes) विभिन्न जनकों से आते हैं। इनके मिलने से युग्मनज (zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज से सम्पूर्ण संतति जीव विकसित होता है। युग्मकों का निर्माण डी. एन. ए. के प्रतिकृतिकरण के द्वारा सम्भव होता है और डी. एन. ए. के प्रतिकृति होने के समय इसमें अनेक विभिन्नताएँ उत्पन्न हो जाती हैं जो नये जीव में वंशानुगत होती हैं। इसीलिए लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं।

अलैंगिक जनन में उत्पन्न विभिन्नताएँ जीव के जनन द्रव्य में न होकर केवल प्लाज़्मा द्रव्य में होती हैं अतः ये स्थायी नहीं होती हैं। यदि किसी प्रकार की विभिन्नता उत्तम है तो यह जीव के विकास व उत्तरजीविता के अधिक अवसर प्रदान करेगी। यह नयी स्पीशीज के उद्भव का मुख्य कारक है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 11.
संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर-
सामान्यतया विकसित जीवधारियों की कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के गुणसूत्रों के दो जोड़े होते हैं। इसे 2n से प्रदर्शित करते हैं और ऐसी कोशिकाओं को द्विगुणित कहते हैं। द्विगुणित जनन कोशिकाओं में युग्मक निर्माण के समय अर्द्धसूत्री विभाजन होता है। इसके फलस्वरूप अगुणित (n) युग्मकों का निर्माण होता है।

संतति निर्माण के समय जनक युग्मक मिलकर द्विगुणित युग्मनज (Zygote) बनाते हैं। युग्मनज से सन्तान का विकास होता है। इसमें एक युग्मक माता (मादा) से तथा दूसरा युग्मक पिता (नर) से आता है। अतः स्पष्ट है कि सन्तान की उत्पत्ति में नर एवं मादा द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की हिस्सेदार होती है तथा ये युग्मक ही आनुवंशिक पदार्थ का वहन करते हैं।

प्रश्न 12.
केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं ? |
उत्तर-
हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं क्योंकि जो विभिन्नताएँ एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी हैं, वे वर्तमान पर्यावरण के अनुकूल हैं और प्राकृतिक चयन द्वारा अपने अस्तित्व को बनाये रखती हैं। ये विभिन्नताएँ समय व्यतीत होने के साथ-साथ समष्टि की मुख्य विशेषता के रूप में स्थापित हो जाती हैं। जीवधारी इन विभिन्नताओं के कारण स्वयं को वातावरण से अनुकूलित किए रहते हैं। यह जीवधारी सफल होते हैं और अपनी संतति को निरन्तर सृष्टि में बनाये रखते हैं।

HBSE 10th Class Science अनुवांशिकता एवं जैव विकास  InText Questions and Answers

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 157)

प्रश्न 1.
यदि एक ‘लक्षण-A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण-B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?
उत्तर-
लक्षण-B’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है। यह लक्षण-A’ प्रजनन वाली समष्टि से 50 प्रतिशत अधिक है इसलिए ‘लक्षण-B’ पहले उत्पन्न हुआ होगा।

प्रश्न 2.
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?
उत्तर-
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी जाति (species) की उत्तरजीविता की सम्भावना बढ़ जाती है। जाति की उत्तरजीविता का आधार वातावरण में घटने वाला प्राकृतिक चयन ही होता है। समय के साथ उनमें जो प्रगति की प्रवृत्ति दिखाई देती है उसके साथ उनके शारीरिक अधिकल्प में जटिलता की वृद्धि भी हो जाती है। विभिन्नताएँ जैव विकास का आधार हैं।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 161)

प्रश्न 1.
मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर-
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के दो विपर्यासी लक्षणों को चुना, जैसे कि मटर के लम्बे पौधे जो लम्बे पौधों को उत्पन्न करते थे तथा बौने पौधे जो बौने पौधों को ही उत्पन्न करते थे। जब मेण्डल ने लम्बे पौधे तथा बौने पौधे के बीच संकरण कराया तो प्रथम संतति (F) में सभी पौधे लम्बे थे। इससे स्पष्ट हो गया कि पौधे के लम्बेपन का लक्षण बौनेपन लक्षण पर प्रभावी हो गया तथा बौनापन अप्रभावी होने के कारण छिपा रह गया।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 3
जब F1 पीढ़ी के पौधों में मेण्डल ने स्वपरागण होने दिया और इससे प्राप्त बीजों को उगाने पर देखा कि लम्बे और बौने पौधे 3 : 1 के अनुपात में उत्पन्न हुए। इस प्रयोग से ज्ञात हो गया कि लक्षण प्रभावी एवं अप्रभावी होते हैं। उपर्युक्त विवरण के आधार पर ही मेण्डल का प्रथम नियम, प्रभाविता का नियम स्थापित हुआ।

प्रश्न 2.
मेण्डल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं? [CBSE 2015]
उत्तर-
मेण्डल ने अपने प्रयोगों में दो जोड़ी विपर्यासी (contrasting) लक्षणों का चयन किया, जैसे-पीले एवं गोल तथा हरे एवं झुर्शीदार बीज वाले पौधे। जब उन्होंने पीले एवं गोल (RRYY) बीज वाले पौधे का क्रॉस हरे एवं झुर्शीदार (rryy) बीज वाले पौधे के साथ कराया तो प्रथम पुत्री पीढ़ी में सभी पौधे पीले तथा गोल बीज वाले थे। जब F, पीढ़ी के पौधों के बीच उन्होंने स्वपरागण होने दिया तो F, पीढ़ी में चार प्रकार के पौधे उत्पन्न हुए-

  • पीले एवं गोल बीज वाले,
  • पीले एवं झुरींदार बीज वाले,
  • हरे एवं गोल बीज वाले,
  • हरे एवं झुर्रादार बीज वाले।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 4
F2 पीढ़ी में उपर्युक्त पौधों का अनुपात 9: 3:3:1 था। इस प्रयोग से स्पष्ट होता है कि बीजों के रंग एवं आकृति की वंशानुगत पीढ़ी एक-दूसरे से प्रभावित नहीं होती। ये लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं। इसे मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम भी कहते हैं।

प्रश्न 3.
एक ‘A’ रुधिर वर्ग वाला पुरुष एक स्त्री जिसका रुधिर वर्ग ‘0’ है से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘0’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है? यदि आपसे कहा जाए कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग ‘A’ अथवा ‘0’ प्रभावी लक्षण है? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए। .
उत्तर-
‘A’ तथा ‘0’ रुधिर वर्ग में कौन-सा लक्षण प्रभावी है, यह बताने के लिए यह सूचना कि पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है, पर्याप्त नहीं है। रुधिर वर्ग का निर्धारण रुधिर में उपस्थित प्रतिजन (Antigen) तथा प्रतिरक्षी (antibody) की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर किया जाता है। ‘A’ रुधिर वर्ग में ‘A’ प्रतिजन व ‘b’ प्रतिरक्षी पाया जाता है, जबकि ‘O’ रुधिर वर्ग में कोई प्रतिजन नहीं पाया जाता परन्तु ‘a’ एवं ‘b’ दोनों प्रतिरक्षी अवश्य पाए जाते हैं। al, a तथा a° जीन प्रतिजन के लिए उत्तरदायी होते हैं।

a bb क्रमशः a° पर प्रभावी होते हैं।’A’ रुधिर वर्ग वाले पुरुष की जीन संरचना a° a° तथा ‘0’ रुधिर वाली स्त्री की जीन संरचना a° a° होने पर पुत्री पिता से a° तथा माता से a° जीन अर्थात् दोनों सुप्त जीन प्राप्त करने के कारण ‘O’ रुधिर वर्ग वाली होती है। उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि ‘A’ प्रभावी होगा।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 4.
मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता
उत्तर-
मानव में उपस्थित लिंग गुणसूत्रों (Sex chromosomes) द्वारा बच्चे के लिंग का निर्धारण किया जाता है

  • पुरुषों में दोनों लिंग गुणसूत्रों में से एक गुणसूत्र X तथा दूसरा गुणसूत्र Y होता है।
  • स्त्री में दोनों लिंग गुणसूत्र समान अर्थात् XX होते
  • पुरुष दो प्रकार के शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। आधे शुक्राणु X गुणसूत्रों को तथा आधे शुक्राणु Y गुणसूत्रों को धारण करते हैं।
  • स्त्री में केवल एक अण्डाणु बनता है, जिसमें X गुणसूत्र होता है।
  • जब X गुणसूत्र युक्त शुक्राणु, अण्डाणु (X) में संलयन करता है तो उत्पन्न होने वाली सन्तान लड़की (XX) होती है।
  • जब Y गुणसूत्र युक्त शुक्राणु, अण्डाणु (X) से संलयन करता है तो उत्पन्न होने वाली सन्तान लड़का (XY) होता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 165)

प्रश्न 1.
वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर-
किसी एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की समष्टि में संख्या निम्नलिखित तरीकों से बढ़ सकती है-
(i) यदि व्यष्टि में विशिष्ट लक्षण पर्यावरण के अनुकूल हो और इसका प्राकृतिक चयन होता रहे तब इस लक्षण वाले जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है। उदाहरणार्थ, लाल शृंग की समष्टि में हरे रंग वाले भृग का उत्पन्न होना। पक्षी हरे रंग के भंगों को पत्तियों के बीच में पहचान नहीं पाते हैं और भंग शिकार होने से बच जाते हैं, जबकि लाल भुंग आसानी से पहचाने जा सकते हैं और पक्षियों के शिकार हो जाते हैं। इस प्रकार हरे रंग के ,गों की संख्या समष्टि में बढ़ जाती है।

(ii) आकस्मिक दुर्घटना के कारण जब किसी समष्टि के अत्यधिक सदस्य समाप्त हो जाते हैं तो जीन पूल (gene pool) सीमित रह जाता है। इससे समष्टि का रूप बदल जाता है। इसे जीनी अपवहन (Genetic Drift) कहते हैं। ऐसा प्रायः महामारियों, परभक्षण, प्रलय आदि के कारण होता है।

प्रश्न 2.
एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतया अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते, क्यों ?
उत्तर-
उपार्जित लक्षणों के प्रभाव केवल कायिक कोशिकाओं पर ही होते हैं अर्थात् इनका समावेशन आनुवंशिक पदार्थ (डी. एन. ए.) में नहीं होता है। आनुवंशिक पदार्थ में होने वाले परिवर्तन ही अगली पीढ़ी में वंशानुगत हो सकते हैं, अतः उपार्जित लक्षण सामान्यतया अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते हैं।

प्रश्न 3.
बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता की दृष्टि से चिन्ता का विषय क्यों है ? ..
उत्तर-
बाघों की संख्या में लगातार हो रही कमी यह दर्शाती है कि बाघ प्राकृतिक चयन में पिछड़ रहे हैं अर्थात् उनमें प्रकृति के अनुकूल परिवर्तन नहीं हो रहे हैं जो कि समष्टि में इनकी संख्या बढ़ा सके। छोटी समष्टि पर दुर्घटनाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है जिससे जीवों की आवृत्ति प्रभावित हो सकती है। अतः बाघों की घटती संख्या चिन्ता का विषय है क्योंकि इनका प्रकृति के अनुकूल परिवर्तन न कर सकने के कारण बाघों की प्रजाति कभी भी विलुप्त हो सकती है। बाघों के संरक्षण हेतु टाइगर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत इन्हें सुरक्षित राष्ट्रीय उद्यानों में रखा गया है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 166)

प्रश्न 1.
वे कौन से कारक हैं, जो नई स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं? [CBSE 2015]
उत्तर-
नई जाति के उद्भव (speciation) में निम्नलिखित कारक सहायक हैं-

  • लैंगिक प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न परिवर्तन,
  • दो उपसमष्टियों का एक-दूसरे से भौगोलिक पृथक्करण। इसके कारण समष्टियों के सदस्य परस्पर प्रजनन नहीं कर पाते हैं।
  • आनुवंशिक अपवहन।
  • प्राकृतिक चयन।

प्रश्न 2.
क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं ?
उत्तर-
जाति उद्भव (speciation) में भौगोलिक पृथक्करण (Geographical isolation) ही प्रमुख कारण है। विशेष रूप से अलैंगिक जनन करने वाले पादपों में एक जीवधारी भौतिक परिस्थितियों में जीवित रहता है परन्तु कुछ जीवधारी यदि निकटवर्ती भौगोलिक पर्यावरण में विस्थापित हो जाते हैं जिनमें विभिन्न भौतिक परिवर्तनीय लक्षण हों तो वे जीवित नहीं रहेंगे। यदि जीवित रह रहे जीवधारियों में अलैंगिक जनन होता है तत्पश्चात् वे अन्य पर्यावरण में विस्थापित होते हैं तो भी भिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में जीवित नहीं रह पाएँगे।

प्रश्न 3.
क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि अलैंगिक जनन के लिए दूसरे जीव की आवश्यकता नहीं है। यह एकल जीव द्वारा ही सम्पन्न होता है। अतः भौगोलिक पृथक्करण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 171)

प्रश्न 1.
उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय सम्बन्ध निर्धारण के लिए करते हैं?
उत्तर-
लगभग 2000 वर्ष पूर्व जंगली बन्दगोभी को खाद्य पौधे के रूप में उगाया जाने लगा था, यह एक कृत्रिम चयन था न कि प्राकृतिक चयन। इसलिए कुछ किसानों का अनुमान था कि इस गोभी में पत्तियाँ आपस में निकट होनी चाहिए। अतः उन्होंने परस्पर संकरण द्वारा उस बंदगोभी को प्राप्त किया जिसका हम आजकल प्रयोग करते हैं। कुछ किसानों ने पत्तियों को पुष्पों के निकट प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। अतः उन्होंने प्रयास करके इस प्रकार का पौधा प्राप्त किया। इस पौधे को आधुनिक फूलगोभी का नया नाम दिया गया। इस प्रकार बन्दगोभी एवं फूलगोभी दोनों निकट स्पीशीज हैं जो उद्विकास से विकसित स्पीशीज हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 2.
क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर-
ऐसे अंग जिनकी उत्पत्ति एवं मूल रचना समान होती है किन्तु कार्य भिन्न होते हैं, समजात (homologous) अंग कहलाते हैं। चूँकि तितली एवं चमगादड़ के पंखों के कार्य (उड़ना) तो समान हैं लेकिन उनकी उत्पत्ति एवं मूल रचना समान नहीं है अतः ये समजात अंग नहीं हैं। ये समवृत्ति अंग है।

प्रश्न 3.
जीवाश्म क्या हैं? वह जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं? [CBSE 2015]
उत्तर-
प्राचीनकाल के जीवों के अवशेष, जो प्राचीन काल में पृथ्वी पर पाये जाते थे, किन्तु अब जीवित नहीं हैं, जीवाश्म कहलाते हैं। ये अवशेष प्राचीन समय में मृत जीवों के सम्पूर्ण, अपूर्ण, अंग या अन्य भाग के अवशेष या उन अंगों के ठोस मिट्टी, शैल तथा चट्टानों पर बने चिन्ह होते हैं जिन्हें पृथ्वी को खोदने से प्राप्त किया गया है।

ये चिन्ह इस बात का प्रतीक हैं कि ये जीव करोड़ों वर्ष पूर्व जीवित थे लेकिन वर्तमान में विलुप्त हो चुके हैं-

  • जीवाश्म उन जीवों के पृथ्वी पर अस्तित्व की पुष्टि करते हैं।
  • इन जीवाश्मों की तुलना वर्तमान काल में उपस्थित समतुल्य जीवों से कर सकते हैं।

इनकी तुलना से अनुमान लगाया जा सकता है कि वर्तमान में उन जीवाश्मों के जीवित स्थिति के काल के सापेक्ष क्या विशेष परिवर्तन हुए हैं, जो जीवधारियों को जीवित रखने के प्रतिकूल हो गए हैं।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 173)

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई देने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं?
उत्तर-
मानव में आकृति, आकार, रंग-रूप आदि भिन्नता का कारण भौतिक पर्यावरण के कारकों से भौतिक लक्षणों में होने वाले परिवर्तन हैं। उनकी जैविक संरचना के लक्षणों में कोई परिवर्तन नहीं होता है इसीलिए उनके अंगों में कोई परिवर्तन नहीं आता। परन्तु भौगोलिक परिस्थितियों में परिवर्तनों के कारण उनके आकार, रंग तथा दिखाई देने वाली आकृति में परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं, जबकि वे एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 2.
विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी आदि में उद्विकास के आधार पर इनके शरीरों में जीवधारियों के वंशों की विविधता के अस्तित्व के लक्षण विद्यमान होते हैं। यद्यपि चिम्पैंजी का शारीरिक अभिकल्प अन्य की अपेक्षा अधिक विकसित है; लेकिन अन्य जीवाणु, जैसे-मकड़ी, मछली आदि के अभिकल्पों को अविकसित नहीं कहा जा सकता ये शरीर की प्रतिकूलता को अनुकूलता में परिवर्तित कर देते हैं, जैसे-गर्म झरने, गहरे समुद्रों के गर्म स्रोत तथा अन्टार्कटिका में बर्फ आदि में उपस्थित जीवधारियों के लक्षण जो उन्हें उत्तरजीविता के योग्य बनाते हैं। जैव विकास के आधार पर यह इनकी विशेषतायें हैं। अभिकल्प को उत्तम या अधम नहीं कहा जा सकता।

HBSE 10th Class Science अनुवांशिकता एवं जैव विकास InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 9.1 (पा. पु. पृ. सं. 157)

प्रेक्षण (Observation)-कक्षा में बहुत कम छात्र/छात्राओं की कर्ण पालि जुड़ी हुई है। इसका कारण उनके माता-पिता से प्राप्त वंशानुगत गुण हैं।

क्रियाकलाप 9.2 (पा. पु. पृ. सं. 158)

प्रेक्षण एवं निष्कर्ष (Observation and Result)-हम मेंण्डल के द्वारा किए गए प्रयोग को दोहराकर मटर में भिन्न-भिन्न प्रकार के बीजों के इस संयोजन से इस अनुपात को प्राप्त कर सकते हैं।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 2

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
अपने घर को पर्यावरण-मित्र बनाने के लिए आप उसमें कौन-कौन से परिवर्तन सुझा सकते हैं ?
उत्तर-
अपने आवास को पर्यानुकूलित या पर्यावरण मित्र बनाने के लिए हम निम्न परिवर्तन कर सकते हैं-

  • हम अपने घर के आस-पास कूड़ा करकट, गंदगी, जल एकत्रण आदि न होने दें।
  • बिजली से चलने वाले उपकणों का प्रयोग न करने की स्थिति में उनके स्विच ऑफ कर दें जिससे विद्युत अपव्यय रोका जा सके।
  • हम अपने घर में नलों से टपकते पानी को बन्द करना चाहिए। व्यर्थ ही पानी को खर्च न करें।
  • प्रयोग किये गए प्लास्टिक के डिब्बे, बोतलों एवं अन्य सामान को पुनः प्रयोग करें या उन्हें पुनः चक्रण के लिए भेज दें।
  • आवासीय कूड़े एवं व्यर्थ पदार्थों को कूड़ादान में ही डालें।
  • लकड़ी, कोयला के स्थान पर LPG का प्रयोग भोजन बनाने के लिए करें।

प्रश्न 2.
क्या आप अपने विद्यालय में कुछ परिवर्तन सुझा सकते हैं जिनसे इसे पर्यानुकूलित बनाया जा सके।
उत्तर-
हम अपने विद्यालय में निम्नलिखित परिवर्तन करके इसे पर्यानुकूलित बना सकते हैं-

  • अपने विद्यालय भवन को साफ-सुथरा रखें तथा इसके आस-पास कूड़ा-करकट व गन्दगी एकत्र न होने दें।
  • इससे निकलने वाले कूड़े को कहीं दूर खाली भूमि में गड्ढा खोदकर उसमें दबा दें, जिससे इसका विघटन हो जाए।
  • विद्यालय में बगीचे की स्थापना करें और इसमें उत्पन्न पत्तियाँ एवं कूड़े-करकट की खाद बनाकर पौधों के पोषण के लिए प्रयोग करें।
  • हम अपने साथियों को पेड़-पौधों की रक्षा के लिए जाग्रत करें।
  • शौचालय तथा मूत्रालय की नियमित सफाई कराएँ।
  • अनावश्यक विद्युत खर्च न होने दें।
  • पानी का अपव्यय न होने दें।
  • विद्यालय भवन हवादार एवं प्रकाश आने योग्य हो जिससे पंखे एवं बल्बों की कम से कम आवश्यकता हो।
  • विद्यालय प्रांगण में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएँ।
  • पॉलीथीन का प्रयोग न करें।

प्रश्न 3.
इस अध्याय में हमने देखा कि जब हम वन एवं वन्य जन्तुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार सामने आते हैं। इनमें किसे वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिए जा सकते हैं ?
उत्तर-
वन एक प्राकृतिक संसाधन हैं जो हमारे जीवन के लिए प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अनिवार्य हैं। वन के प्रमुख चार दावेदार हैं-
1. वन के अन्दर तथा इनके आस-पास रहने वाले लोग जो वन तथा वन्य उत्पादों पर निर्भर रहते हैं। कुछ उत्पादों को वे प्रत्यक्ष रूप से जीवन यापन हेतु प्रयोग कर लेते हैं तथा कुछ उत्पादों को बेचकर अपनी जीवन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं |

2. उद्योगपति जो वन में उत्पन्न एक प्रकार के उत्पाद पर अपना प्रभुत्व एवं नियंत्रण रखते हैं वे इन उत्पादों को अपने नियंत्रण में चल रहे उद्योगों में कच्चे पदार्थों के रूप में प्रयोग करते हैं।

3. सरकारी वन विभाग वन की भूमि पर अपना अधिकार रखते हैं तथा वन तथा उसके उत्पादों पर अपना नियंत्रण रखते हैं। वनों में सभी उत्पाद उन्हीं के माध्यम से विक्रय किए जाते हैं जिनसे प्राप्त धनराशि सरकार के पास चली जाती है।

4. ऐसे व्यक्ति जो प्रकृति एवं वन्य प्राणियों से स्नेह रखते हैं, उसे उसी प्राकृतिक रूप में बनाए रखना चाहते हैं। उपर्युक्त सभी चारों प्रकार के दावेदारों (Stake holder) में से चौथे प्रकार के दावेदार जो प्रकृति के प्रेमी हैं और वे वन्य प्राणियों एवं प्राकृतिक वनस्पति को अपनी प्राकृतिक अवस्था में ही बनाए रखना चाहते हैं को ही प्रबन्धन एवं वन एवं उसके उत्पादों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए। दूसरे शब्दों में वे ही वास्तव में पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित रखने के अधिकारी हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 4.
अकेले व्यक्ति के रूप में आप निम्न के प्रबन्धन में क्या योगदान दे सकते हैं (a) वन एवं वन्य जन्तु, (b) जल संसाधन, (c) कोयला एवं पेट्रोलियम। राज. 2015]
उत्तर-
(a) वन एवं वन्य जन्तु-मैं व्यक्तिगत रूप से वन एवं वन्य जन्तु प्रबंधन में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहूँगा। उन्हें वन एवं वन्य जीवन के महत्व के बारे में अवगत कराना चाहूँगा। इसके साथ यह प्रबन्ध भी करूँगा कि वन सम्पदा को अनावश्यक क्षति न हो एवं इन संसाधनों का दरुपयोग न हो। स्थानीय नागरिकों की सहमति एवं सक्रिय भागीदारी से वन सम्पदा को समृद्ध करने का मेरा उद्देश्य है।

(b) जल संसाधन-हम अपनी दैनिक आवश्यकता से कहीं अधिक जल व्यय करते हैं। नलों से पानी का रिसाव होता रहता है, नलों को खुला छोड़ देते हैं। पाइप लाइनों के फट जाने से जल की बहुत बर्बादी होती है इस अपव्यय को बचाने के लिए मैं प्रयास करूंगा। मैं अपने घर में इस अपव्यय को रोकने का प्रयास करूँगा तथा लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करूँगा।

(c) कोयला एवं पेट्रोलियम-ऊर्जा की बचत के लिए मैं निम्न प्रयास करूंगा-

  • मैं अपनी मोटर बाइक के स्थान पर बस से यात्रा करूँगा।
  • मैं यह चाहूँगा कि हम कई साथी पैदल विद्यालय तक जाएँ।
  • घर में ऊर्जा की बचत के लिए बल्ब के स्थान पर ट्यूबलाइटें एवं CFL का प्रयोग करूँगा।
  • मैं दिन के समय अधिकतर कार्य करूँगा जिससे रात में अधिक समय तक प्रकाश की आवश्यकता न हो।
  • मैं लोगों को यह समझाऊँगा कि वे अपने वाहनों के इंजनों को लाल बत्ती होने पर चालू न रखें।
  • मै अपने घर के जनरेटर को अनावश्यक रूप से नहीं चलाने दूँगा।
  • ठंड के दिनों में सिगड़ी का प्रयोग न करके गर्म कपड़े पहनूँगा जिससे कोयले की खपत कम होगी।

प्रश्न 5.
अकेले व्यक्ति के रूप में आप विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम करने के लिए क्या कर सकते हैं?
उत्तर-
विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत को कम करने के लिए हम निम्नलिखित युक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं-

  • हम अनावश्यक ऊर्जा खपत को रोकने के लिए बल्ब के स्थान पर CFL का प्रयोग कर सकते हैं, ठंड से बचने के लिए हीटर या कोयले की सिगड़ी के स्थान पर ऊनी कपड़ों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • जल की खपत कम करने के लिए इसके अपव्यय को रोक सकते हैं, हम पाइपों का रिसना बन्द कर सकते हैं।
  • छोटी-छोटी दूरियाँ तय करने के लिए पैदल या साइकिल से जा सकते हैं।
  • स्वचालित वाहनों का इंजन लाल बत्ती होने पर बन्द कर सकते हैं।
  • लिफ्ट के स्थान पर सीढ़ियों द्वारा जा सकते हैं।
  • सोलर उपकरणों का प्रयोग खाना पकाने, पानी गर्म करने आदि कार्यों के लिये सकते हैं।
  • खाद्य पदार्थों के अपव्यय को रोक सकते हैं। .
  • घरों में लकड़ी जलाने के स्थान पर LPG का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
निम्न से सम्बन्धित ऐसे पाँच कार्य लिखिए जो आपने पिछले एक सप्ताह में किए हैं
(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण,
(b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को और बढ़ाया है
उत्तर-
(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

  • पानी के संरक्षण के लिए टपकने वाली नल की टोटियों को बदलवाया है तथा पाइपों की मरम्मत कराई है।
  • अनावश्यक बल्ब एवं लाइटें बन्द करा दी हैं।
  • अनेक कार्यों के लिए सोलर ऊर्जा का प्रयोग किया है।
  • कई स्थानों तक पैदल गए हैं।
  • हर लाल बत्ती पर बाइक का इंजन बन्द किया है।

(b) प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय

  • कई रातों में बिजली जलाकर सो गया।
  • सुबह-सुबह मार्निंग वाक पर न जाकर टी.वी. देखता रहा।
  • टी.वी. चलाकर बाहर काफी देर तक बातें करता रहा।
  • बस से जाने के बजाय दूसरे शहर अपनी बाइक से गया।
  • मैंने कई जगह लाल बत्ती होने पर अपनी बाइक का इंजन बंद नही किया।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 7.
इस अध्याय में उठाई गई समस्याओं के आधार पर आप अपनी जीवन शैली में क्या परिवर्तन लाना चाहेंगे जिससे हमारे संसाधनों के संपोषण को प्रोत्साहन मिल सके?
उत्तर-
संसाधनों के संपोषण के लिए हम तीन आर (3’R’) की संकल्पना का पालन करेंगे। 3 ‘R’ संकल्पना के पालन का अर्थ है

  • कम उपयोग (Reduce)-किसी संसाधन का कम-से कम प्रयोग करेंगे।
  • पुनः चक्रण (Recycle)-प्लास्टिक, कागज, धातु, काँच आदि को पुनः चक्रण के लिए भेजेंगे।
  • पुनः उपयोग (Reuse)-कुछ वस्तुओं को कई बार कई कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। जैसे-प्रयोग की गई बोतलें, डिब्बे आदि।

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन InText Questions and Answers

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 303)

प्रश्न 1.
पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन से परिवर्तन ला सकते हैं ?
उत्तर-
पर्यावरण मित्र बनने के लिए हमें तीन प्रकार के ‘R’ को अपनाना होगा। ये हैं-
(i) कम उपयोग (Reduce)
(ii) पुनः चक्रण (Recycle)
(iii) पुनः प्रयोग (Reuse)।

(i) कम उपयोग (Reduce)-इसका अर्थ है हमें कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। हम बिजली के पंखे बंद करके बिजली बचा सकते हैं। व्यर्थ बहते हुए पानी की बचत कर सकते हैं। हमें भोजन भी नष्ट नहीं होने देना चाहिए।

(ii) पुनः चक्रण (Recycle)- इसका अर्थ है कि हमें प्लास्टिक, कागज, काँच, धातु की वस्तुएँ तथा ऐसे ही पदार्थो का पुनः चक्रण करके उपयोगी वस्तुएँ बनानी चाहिए।

(iii) पुनः प्रयोग (Reuse)-पुनः उपयोग के तरीके में हम किसी वस्तु का बार-बार प्रयोग कर सकते हैं। लिफाफों को फेंकने की अपेक्षा हम इनको फिर से उपयोग में ला सकते हैं। प्लास्टिक की बोतलों तथा डिब्बों का उपयोग रसोईघर में वस्तुओं को रखने के लिए कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजना के क्या लाभ हो सकते हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधनों जैसे पेट्रोलियम, जल, वन आदि के अत्यधिक उपयोग से केवल कुछ ही लोग लाभान्वित होंगे और संपूर्ण पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा जिसके परिणाम लंबे समय तक रहेंगे। संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजनाओं से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से ये योजनाएँ सफल नहीं होती हैं।

प्रश्न 3.
कम अवधि की परियोजनाओं के लाभ, लम्बी अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई परियोजनाओं के लाभ से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
1. कम अवधि के उद्देश्य से लाभ केवल व्यक्तिगत होता है परन्तु लम्बी अवधि के उद्देश्य का लाभ संपूर्ण समुदाय को होता है। उदाहरण के लिए अल्पावधि के लाभ में वृक्षों को काट दिया जाता है परन्तु दीर्घ अवधि में लाभ हेतु वहाँ वृक्षों की पुनः स्थापना की जाती है।

2. अल्पावधि के लाभ में वृक्षों को काटकर समतल भूमि प्राप्त की जा सकती है परन्तु दीर्घावधि में वन अपने अस्तित्व में बने रहकर और पर्यावरण में गैसीय संतुलन एवं वर्षा के स्रोत का कारण बनते हैं।

3. अल्पावधि के लाभ में वन की भूमि को आवासीय एवं औद्योगिक अथवा कृषि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है परंतु दीर्घावधि में वन भूमि की उर्वरा शक्ति नियमित रहती है तथा मृदा अपरदन नहीं होता।

प्रश्न 4.
क्या आपके विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए ? संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन सी ताकतें कार्य कर सकती हैं?
उत्तर-
हमारा देश एक विकासशील देश है, इसमें संसाधनों का समान वितरण बहुत आवश्यक है। समान वितरण से हमारा अभिप्राय है कि प्राकृतिक संसाधनों का सभी के लिए समान लाभ हेतु वितरण, चाहे व्यक्ति गरीब हों या अमीर। सरकारी एजेंट तथा कुछ स्वार्थी तत्व संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कार्य करते हैं वे अपने अधिकतम लाभ के लिए ही प्रयास करते हैं। स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं को नजरंदाज किया जाता है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 308)

प्रश्न 1.
हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर-
हमें वनों का संरक्षण निम्न कारणों से करना चाहिए-

  • हमें वनों से इमारती लकड़ी एवं जलाने की लकड़ी प्राप्त होती है।
  • वनों से हमें फल, मेवे, सब्जियाँ, औषधियाँ आदि प्राप्त होती हैं।
  • अनेक उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति होती है, जैसे-कागज उद्योग।
  • वन पर्यावरण में गैसीय संतुलन बनाने में सहायता करते हैं।
  • वृक्षों के वायवीय भागों से पर्याप्त मात्रा में जल का वाष्पन होता है जो बादलों का निर्माण एवं आकर्षण करते हैं।
  • ये मृदा अपरदन एवं बाढ़ नियंत्रण में सहायता करते

हमें वन्य जीवन का संरक्षण निम्न कारणों से करना चाहिए-

  • वन्य प्राणी स्थलीय खाद्य श्रृंखला की निरंतरता के लिए उत्तरदायी हैं।
  • वन्य प्राणियों से हमें अनेक बहुमूल्य पदार्थ जैसे-कस्तूरी, खाल, ऊन, सींग, फर, मधु, दाँत, वसा आदि प्राप्त होते हैं।
  • वन्य प्राणी पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 2.
संरक्षण के लिए कुछ उपाय सुझाइए।
उत्तर-
वनों एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं

  1. वनों में अन्दर तथा वनों के समीप रहने वाले लोगों को वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें, इनसे होने वाले लाभों एवं इनकी कमी से होने वाली हानियों के बारे में जाग्रत करना चाहिए।
  2. जहाँ से वनों को काटा जा चुका है वहाँ नये वनों का विकास करना चाहिए तथा उसमें विभिन्न वन्य जीवों को छोड़ना चाहिए।
  3. हमें वनों एवं वन्य उत्पादों के विकल्पों की खोज करनी चाहिए जिससे वनों पर कम से कम निर्भर रहना पड़े।
  4. वनों के काटे जाने तथा वन्य प्राणियों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 311)

प्रश्न 1.
अपने निवास क्षेत्र के आस-पास जल संग्रहण की परंपरागत पद्धति का पता लगाइए।
उत्तर-
वर्षा के जल को एकत्रित करना “जल संग्रहण” कहलाता है, इसे जल प्रबन्धन के नाम से भी जाना जाता है। हमारे देश में विभिन्न राज्यों में जल संग्रहण के लिए अलग-अलग प्रणालियाँ अपनाई जाती हैं। इसमें से कुछ तो बहुत प्राचीन हैं। भूमि के अन्दर गड्ढे खोदकर वर्षा का जल एकत्र करना. कुएँ बनाकर. छत पर गिरे वर्षा जल को बड़े टैकों में एकत्र करके, तालाब बनाकर, चैकडैम बनाकर जल का संग्रहण किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
इस पद्धति की पेय जल व्यवस्था (पर्वतीय क्षेत्रों में, मैदानी क्षेत्र अथवा पठार क्षेत्र) से तुलना कीजिए।
उत्तर-
पर्वतीय क्षेत्रों में जल व्यवस्था मैदानी क्षेत्रों से भिन्न होती है। जैसे-हिमाचल प्रदेश की जल वितरण प्रणाली को कुल्ह कहते हैं। पहाड़ी नदियों में बहने वाले जल को मानव निर्मित छोटी-छोटी नालियों से पहाड़ी पर निचले इलाकों तक ले जाया जाता है। कुल्हों में बहने वाले पानी का प्रबन्धन गाँवों के निवासियों की आपसी सहमति से किया जाता है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत कृषि के मौसम में जल सबसे दूरस्थ गाँवों को दिया जाता है फिर उत्तरोत्तर ऊँचाई पर स्थित इलाके उस जल का प्रयोग करते हैं। मैदानी इलाकों में बड़ी-बड़ी नदियों से नहरें निकाल कर या तालाबों में संचित जल द्वारा या फिर नलकूपों द्वारा जल की व्यवस्था की जाती है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 3.
अपने क्षेत्र में जल के स्त्रोत का पता लगाइए। क्या इस स्त्रोत से प्राप्त जल उस क्षेत्र के सभी निवासियों को उपलब्ध है ?
उत्तर-
हमारा क्षेत्र एक बड़ा नगर है, अतः यहाँ की जल प्रणाली के अनुसार जल का स्थानीय स्रोत बड़ी टंकी है जिसमें नदी से पंपिंग स्टेशन द्वारा पानी पाइप लाइन द्वारा संग्रहित किया जाता है। इस जल का वितरण पाइप लाइनों द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र को किया जाता है। इसी से सभी लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं।

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 16.1. (पा. पु.पृ. सं. 298)

प्रश्न 1.
कार्बनडाइऑक्साइड के उत्सर्जन के नियमन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक का पता लगाइए।
उत्तर-
क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol दिसम्बर 1997) जिस पर भारत ने अगस्त 2002 में हस्ताक्षर किए। भारतवर्ष को 1990 के स्तर पर पहुँचने के लिए 2008-12 की अवधि में CO2, तथा अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 5.2% की कमी लाकर इन मानकों को प्राप्त करना है।

प्रश्न 2.
इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए कि हम इन मानकों को प्राप्त करने हेतु क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
CO2, उत्पन्न करने वाले उद्योगों को सीमित करके, उद्योगों में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करके जिससे CO2, तथा अन्य ग्रीन हाउस गैसें उत्पन्न न हों। कार्बनिक अपशिष्टों को जलाना बन्द करके तथा अधिक से अधिक वन रोपण द्वारा इन मानकों को प्राप्त किया जा सकता है।

क्रियाकलाप 16.2. (पा. पु. पृ. सं. 299)

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र शहर/गाँव में कार्य करने वाले संगठनों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
अनेक गैर सरकारी संगठनों में (NGOs), ऐसी एक अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदों की संस्था ग्रीन पीस मूवमेण्ट (Green Peace Movement) है। भारत का ‘चिपको आन्दोलन’ पर्यावरण संघ आदि भी ऐसी ही गैर सरकारी संस्थायें हैं। प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, नगर महापालिका, क्षेत्रीय पालिका आदि पर्यावरण के प्रति जागरूकता के प्रचार-प्रसार हेतु सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

प्रश्न 2.
पता लगाइए कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आप क्या योगदान कर सकते हैं ?
उत्तर-
हम इसमें अपनी सहभागिता बनाकर, पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। वृक्षारोपण अभियान चलाकर अनेक स्थानों पर पौधे लगा सकते हैं। हम 3R तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं। विद्यालयों, कॉलेजों में ईको क्लब (Eco Clubs) बन हैं जो इस प्रकार के कार्यों में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

क्रियाकलाप 16.3. (पा. पु. पृ. सं. 300)

प्रश्न 1.
सार्वसूचक (universal indicator) लिटमस कागज की सहायता से अपने घर में आपूर्ति किये जा रहे पानी का pH ज्ञात करना।
उत्तर-
यूनिवर्सल इण्डीकेटर अथवा लिटमस कागज की सहायता से ज्ञात होता है कि हमारे घर के पानी का pH लगभग 7 है।

प्रश्न 2.
अपने अड़ोस-पड़ोस के जलाशय (तालाब, झील, नदी, झरने) का pH भी ज्ञात करना। ताकि यह बताया जा सके कि जल प्रदषित है अथवा नहीं।
उत्तर-
नगरों में वितरित किये जाने वाले जल में विरंजक चूर्ण या क्लोरीन मिलाई जाती है जिससे जल का pH 7 के लगभग हो जाता है। तालाबों के पानी का pH 7 से कम 5-6 है।

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प्रश्न 3.
क्या अपने प्रेक्षणों के आधार पर आप बता सकते हैं कि जल प्रदूषित है अगवा नहीं।
उत्तर-
pH 7 से कम से कम जल अम्लीय होता है तथा इसे प्रदूषित माना जाता है।

क्रियाकलाप 16.4. (पा. पु. पृ. सं. 301)

प्रश्न 1.
क्या कई वर्षों के अंतराल पर आप किसी गाँव अथवा शहर में गए हैं ? यदि हाँ, क्या पिछले बार की अपेक्षा नए घर एवं सड़कें बन गई हैं ? आपके विचार में इनके निर्माण के लिए आवश्यक वस्तुएँ कहाँ से प्राप्त हुई होंगी?
उत्तर-
हाँ। पिछली बार की अपेक्षा कुछ नए घर एवं सड़कों का निर्माण हुआ है। इनके निर्माण में ईंट, पत्थर, लोहा, सीमेण्ट, लकड़ी, कोलतार, काँच आदि का प्रयोग किया गया है, जो विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त किए गए हैं।

प्रश्न 2.
उन पदार्थों की सूची बनाइए तथा उनके स्रोत का भी पता लगाइए।
उत्तर-
ईंट – मृदा से
पत्थर – खानों से
लोहा – खानों से संशोधित करके
सीमेण्ट – चट्टानों, रेत, कंकड़ों से उद्योगों द्वारा निर्मित
काँच – खानों में
जल – मृदा से
लकड़ी – वनों से
प्लास्टिक – उद्योगों से

प्रश्न 3.
अपने द्वारा बनाई गई सूची की चर्चा अपने सहपाठियों के साथ कीजिए। क्या आप ऐसे उपाय सुझा सकते हैं जिनसे इन वस्तुओं के उपयोग में कमी लाई जा सके।
उत्तर-
इन वस्तुओं के उपयोग में कमी लाई जा सकती है। ईंटों की दीवारों पर प्लास्टर न किया जाए। संगमरमर के स्थान पर सीमेंट फर्श डाला जाए, बड़ी खिड़कियों के स्थान पर ईंटों की जाली बनवायी जाए इत्यादि।

क्रियाकलाप 16.5. (पा. पु. पृ. सं. 302)

प्रश्न 1.
अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी व प्रकृति संरक्षण के लिए परंपरागत तरीकों का अवलोकन करें।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

क्रियाकलाप 16.6. (पा. पु. पृ. सं. 304)

प्रश्न 1.
जिन वन उत्पादों का आप प्रयोग करते हैं उनकी एक सूची बनाइए।
उत्तर-
फल, पुष्प, शुष्क फल, लकड़ी, मधु, पशुओं का चारा तथा औषधियाँ।

प्रश्न 2.
आपके विचार में वन के निकट रहने वाला कोई व्यक्ति किन वस्तुओं का उपयोग करता होगा?
उत्तर-
वन के निकट रहने वाला व्यक्ति पशुओं के लिए चारा, फल, पुष्प, शुष्क फल, लकड़ी, औषधियाँ आदि का प्रयोग करता होगा।

प्रश्न 3.
वन के अन्दर रहने वाला व्यक्ति किन वस्तुओं का उपयोग करता होगा?
उत्तर-
वन के अन्दर रहने वाला व्यक्ति वनों से आवास, पत्तों के वस्त्र, ईंधन, झोंपड़ी बनाने के लिए घास-पात, भोजन के लिए फल, शिकार आदि वस्तुओं को प्राप्त करता होगा।

क्रियाकलाप 16.7. (पा. पु. पृ. सं. 305)

प्रश्न 1.
किन्हीं दो वन उत्पादों का पता लगाना जो किसी उद्योग के आधार हैं।
उत्तर-
वृक्ष, इमारती लकड़ी एवं प्लाईवुड उद्योग तथा कागज उद्योग के आधार हैं।

प्रश्न 2.
चर्चा करना कि यह उद्योग लंबे समय तक संपोषित हो सकता है। अथवा क्या हमें इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने की आवश्यकता है?
उत्तर-
ये उद्योग लंबे समय तक संपोषित हो सकते हैं यदि कच्चे माल को उचित रूप से प्रयोग किया जाए। प्लाइवुड के लिए कच्चा माल एवं इमारती लकड़ी को हम जिन वनों से प्राप्त करते है यदि उन्हें काटा गया है तो इनके स्थान पर नये पौधों को लगाया जाए। इसके साथ ही हमें इन उत्पादों की खपत को भी कम करना चाहिए जिससे इन उद्योगों से हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक दबाव उत्पन्न न हो।

क्रियाकलाप 16.8. (पा. प. प.सं. 307)

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के लिए ‘आराम गृह’ (Rest house) का निर्माण करना।
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यानों में आराम गृह बनवाने से पर्यावरण की क्षति होगी। पर्यटकों के आने-जाने से जंगली जीवों के प्राकृतिक जीवन में हस्तक्षेप होगा। पर्यटकों द्वारा फैलाया गया प्रदूषण जीवों के लिए घातक होगा।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय उद्यानों में पालतू पशुओं को चराना।
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान में पशुओं के चराने से एक ओर उद्यान की वनस्पति नष्ट होगी और वन्य शाकाहारी प्राणियों के लिए भोजन में कमी होगी वहीं दूसरी ओर पालतू पशु वन्य माँसाहारी जन्तुओं के शिकार हो जाएँगे।

प्रश्न 3.
पर्यटकों द्वारा प्लास्टिक बोतल, थैलियाँ तथा अन्य कचरा राष्ट्रीय उद्यान में फेंकना।
उत्तर-
पर्यटक प्लास्टिक बोतल, थैलियाँ, कूड़ा-कचरा फेंकेंगे जिससे उद्यान गंदा हो जाएगा और प्रदूषण फैलेगा।

क्रियाकलाप 16.9. (पा. पु. पृ. सं. 308)

प्रश्न 1.
महाराष्ट्र के एक गाँव में जल की कमी की दीर्घकालीन समस्या से जूझ रहे ग्रामीण एक जल मनोरंजन पार्क का घेराव कर लेते हैं। इस पर चर्चा करना कि क्या यह उपलब्ध जल का समुचित उपयोग है।
उत्तर-
यह जल का समुचित उपयोग नहीं हैं। ग्रामीणों की जल समस्या का निराकरण पहले होना चाहिए इसके बाद मनोरंजन की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।

क्रियाकलाप 16.10. (पा. पु. पृ. सं. 308)

प्रश्न 1.
एटलस की सहायता से भारत में वर्षा के पैटर्न का अध्ययन करना।
उत्तर-
वर्षा का पैटर्न-
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन 1

प्रश्न 2.
ऐसे क्षेत्रों की पहचान करना जहाँ पर जल की प्रचुरता है तथा ऐसे क्षेत्रों की जहाँ जल की बहुत कमी है।
उत्तर-
लद्दाख, राजस्थान और गुजरात के पश्चिमी क्षेत्र में वर्षा की कमी है। उत्तर-पूर्व क्षेत्रों में तथा पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में वर्षा की अधिकता है। पशु

क्रियाकलाप 16.11. (पा. पु. प्र. सं. 312)

प्रश्न 1.
कोयले का उपयोग ताप-बिजलीघरों में एवं पेट्रोलियम उत्पाद जैसे कि डीजल एवं पेट्रोल का यातायात के विभिन्न साधन जैसे मोटर वाहन, जलयान एवं वायुयान में प्रयोग किया जाता है। आज के युग में विद्युत् साधित्रों एवं यातायात में विद्युत के प्रयोग के कारण वास्तव में हम इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। अतः क्या हम कुछ ऐसी युक्ति सोच सकते हैं जिससे कोयला एवं पेट्रोलियम के उपयोग को कम किया जा सके ?
उत्तर-

  • विद्युत चलित वाहनों के अधिक प्रयोग से।
  • सौर ऊर्जा चलित वाहनों से।
  • मेट्रो गाड़ियाँ चला कर ।
  • प्राइवेट वाहनों की संख्या कम करके।
  • सरकारी यातायात को बढ़ावा देकर।

क्रियाकलाप 16.12. (पा. पु. पृ. सं. 313)

प्रश्न 1.
आपने वाहनों से निकलने वाली गैसों के यूरोI(Euro-I), एवं यूरो-II एवं यूरो-III मानक के विषय में तो अवश्य ही सुना होगा। यह पता लगाना कि यह मानक वायु प्रदूषण कम करने में किस प्रकार सहायक हैं ?
उत्तर-
ये मानक सभी वाहन उद्योगों को वायु प्रदूषण कम करने हेतु ऐसे वाहन निर्मित करने हेतु विवश करते हैं जो कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, NOX.आदि पर नियंत्रण रखने हेतु प्रबंध करते हैं। इससे वाहन प्रदूषण कम फैलाते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

HBSE 10th Class Science हमारा पर्यावरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं?
(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलों के छिलके, केक एवं नीबू का रस
(d) केक, लकड़ी एवं घास।
उत्तर-(c) एवं (d)।

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं?
(a) घास, गेहूँ तथा आम
(b) घास, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, मछली तथा बकरी
उत्तर-
(b) घास, बकरी तथा मानव।

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं?
(a) बाजार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना।
(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना।
(c) माँ द्वारा स्कूटर विद्यालय छोड़ने की बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डाले)?
उत्तर-
एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर देने से पारिस्थितिक असंतुलन उत्पन्न हो जाएगा। प्रकृति में सभी आहार श्रृंखलाएँ अनेक कड़ियों से मिलकर बनी हैं। इसकी प्रत्येक कड़ी एक पोषी स्तर कहलाती है। यदि आहार श्रृंखला की किसी भी कड़ी (पोषी स्तर) को समाप्त कर दें तो उससे पहले के पोषी स्तर में जीवों की संख्या अत्यधिक बढ़ जाएगी और उसके बाद के पोषी स्तर के लिए भोजन अनुपलब्ध होने के कारण संख्या घट जाएगी। उदाहरण के लिए यदि हम प्रथम पोषी स्तर (हरी घास) को नष्ट कर दें तो इन पर निर्भर करने वाले सभी जीव भूखे मर जाएँगे।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 5.
क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलगअलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है ?
उत्तर-
नहीं, यदि एक पोषी स्तर के जीवों को नष्ट कर दिया जाए तो पहले तथा बाद के पोषी स्तरों में आने वाले जीवधारी प्रभावित होंगे और पहले तीव्रता से तत्पश्चात् धीमी गति से सभी पोषी स्तर प्रभावित होंगे। किसी भी पोषी स्तर (trophic level) के सभी जीवधारी पारितंत्र में बिना किसी हानि के अथवा क्षति के समाप्त नहीं होते।

प्रश्न 6.
जैविक आवर्धन (Biological Magnification) क्या है ? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैव आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?
उत्तर-
फसलों में अनेक रसायनों जैसे-कीटनाशी, पीड़कनाशी, शाकना ी तथा उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। इनका कुछ भाग मृदा में मिल जाता है जो पौधों द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है. जबकि इनका कछ भाग वर्षा जल के साथ घुल कर जलाशयों में चला जाता है। जलीय पौधे इन्हें अवशोषित करते हैं जिससे यह खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं। ये रसायन अजैव निम्नीकरणीय होते हैं जो आहार श्रृंखला के विभिन्न पोषीस्तरों में संचित होते जाते हैं, इस प्रक्रम को जैव आवर्धन कहते हैं। हाँ, विभिन्न पोषी स्तरों में रसायनों की सान्द्रता भिन्न-भिन्न होती है। जैसे-जैसे आहार श्रृंखला की श्रेणी बढ़ती जाती है रसायनों की सांद्रता में भी अधिकता होती रहती है और उसका प्रभाव भी बढ़ता जाता है।

प्रश्न 7.
हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-कौन सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ? .
उत्तर-
हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों जैसे-प्लास्टिक, चमड़ा, काँच, डी. डी. टी. आदि से युक्त कचरे से अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं-

  • प्लास्टिक जैसे पदार्थों को निगल लेने से शाकाहारी जन्तुओं की मृत्यु हो सकती है।
  • नाले-नालियों में अवरोध उत्पन्न होता है।
  • मृदा प्रदूषण बढ़ता है।
  • जीवधारियों में जैविक आवर्धन होता है।
  • जल एवं वायु प्रदूषण बढ़ता है।
  • पर्यावरण अस्वच्छ होता है।
  • पारिस्थितिक संतुलन में अवरोध उत्पन्न होता है।
  • भूमि की उत्पादकता कम होती है।

प्रश्न 8.
यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय ही, तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर-
यदि हमारे द्वारा (उत्पादित) सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो निपटान आसानी से कर दिया जाएगा। जैव निम्नीकरणीय पदार्थ सरलता से सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित कर दिए जाते हैं। अतः इनसे हमारे पर्यावरण पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 9.
ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है ? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ? (CBSE 2016)
उत्तर-
ओजोन परत सूर्य की पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है। यह सूर्य से आने वाले हानिकारक विकिरण को सोख लेती है। यह विकिरण हमारे शरीर में विभिन्न व्याधियों जैसे-कैंसर, त्वचा रोग, आँखों के रोग आदि उत्पन्न कर सकता है। रेफ्रिजरेशन वक्स, एरोसोल, जेट यानों आदि से उत्सर्जित रसायन जैसे-क्लोरोफ्लुओरो कार्बन्स (CFCs) ओजोन परत का क्षरण करते हैं जिससे सूर्य की पराबैगनी किरणों (UV-rays) के पृथ्वी पर आने की सम्भावना बढ़ रही है अतः ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिन्ता का विषय है।

ओजोन परत की क्षति को रोकने के लिए 1987 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) में सर्वसम्मति से यह पारित हुआ कि क्लोरोफ्लुओरो कार्बन का उत्पादन 1986 के स्तर पर सीमित रखा जाए। मांट्रियल प्रोटोकॉल में 1987 में यह पारित हुआ कि 1998 तक इसके प्रयोग में 50% तक की कमी लायी जाए। धीरे-धीरे सभी देश इस समस्या से निपटने के लिए अग्रसर हो रहे हैं।

HBSE 10th Class Science हमारा पर्यावरण InText Questions and Answers

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 292)

प्रश्न 1.
पोषी-स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए। (RBSE 2016) (नमूना प्रश्न पत्र 2012)
उत्तर-
पोषी-स्तर (Trophic Level) हरे पौधे सौर ऊर्जा की सहायता से अपना भोजन बनाते हैं। इन पौधों को शाकाहारी प्राणियों द्वारा खाया जाता है जिन्हें मांसाहारी प्राणियों द्वारा भोजन के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस प्रकार से खाद्य के आहार के अनुसार विभिन्न प्राणियों में एक श्रृंखला निर्मित होती जाती है जिसे आहार श्रृंखला कहते है। आहार श्रृंखला की प्रत्येक कड़ी पोषी स्तर कहलाती है। एक आहार श्रृंखला नीचे दी गई है-
घास → कीट → मेंढ़क → सर्प → बाज

उपरोक्त आहार श्रृंखला में पाँच पोषी स्तर हैं –

  • प्रथम पोषी स्तर घास है जो कि स्वयंपोषी है और उत्पादक कहलाती है।
  • द्वितीय पोषी स्तर कीट है जो शाकाहारी है और प्राथमिक उपभोक्ता कहलाता है।
  • तृतीय पोषी स्तर मेंढ़क है जो मांसाहारी है और द्वितीयक उपभोक्ता कहलाता है।
  • चतुर्थ पोषी स्तर सर्प है जो मांसाहारी है और तृतीयक उपभोक्ता कहलाता है।
  • पंचम पोषी स्तर बाज़ है जो मांसाहारी है और चतुर्थ उपभोक्ता कहलाता है।

प्रश्न 2.
पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
पारितंत्र में अपमार्जकों (scavengers) का प्रमुख स्थान है। जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीव अपमार्जकों का कार्य करते हैं। ये पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के मृत शरीरों पर आक्रमण कर जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में बदल देते हैं। इसी प्रकार कचरा जैसे- सब्जियों एवं फलों के छिलके, जन्तुओं के मल-मूत्र, पौधों के सड़े-गले भाग अपमार्जकों द्वारा ही विघटित कर दिए जाते हैं। इस प्रकार पदार्थों के पुनः चक्रण में अपमार्जक सहायता करते हैं और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 295)

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं तथा कुछ अजैव-निम्नीकरणीय ?
उत्तर-
ऐसे अपशिष्ट पदार्थ जो सूक्ष्म जीवधारियों द्वारा अपघटित होकर अपेक्षाकृत सरल एवं अहानिकारक पदार्थों में बदल दिए जाते हैं, जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण के लिए शाक-सब्जियों, फलों आदि के अवशेष तथा मल-मूत्र आदि पदार्थों को सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित कर दिया जाता है। कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो इन सूक्ष्म जीव धारियों द्वारा अपघटित नहीं किये जा सकते हैं। ये लम्बे समय तक प्रकृति में बने रहते हैं। यह पदार्थ अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं जैसे-प्लास्टिक, पॉलीथीन, काँच, डी. डी. टी. आदि।

प्रश्न 2.
ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर-
जैव निम्नीकरणीय पदार्थ निम्न प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-

  • जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के सूक्ष्म जीवों द्वारा विघटन से मुक्त विषाक्त एवं दुर्गन्धमय गैसें पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं।
  • कार्बनिक जैव निम्नीकरणीय पदार्थों की अधिकता से ऑक्सीजन की कमी हो जाने से सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। इसके फलस्वरूप अपघटन क्रिया प्रभावित होती है और पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है।

प्रश्न 3.
ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर-
अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ निम्न प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-

  • अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ लम्बे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ये पदार्थ विभिन्न पदार्थों के चक्रण में रुकावट उत्पन्न करते हैं।
  • अनेक कीटनाशक तथा पीड़कनाशक रसायन खाद्य श्रृंखला के माध्यम से जीवधारियों तथा मनुष्य के शरीर में पहुँचकर उसे क्षति पहुचाते हैं।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 296)

प्रश्न 1.
ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ? (CBSE 2016)
उत्तर-
ओजोन एक गैस है जिसका अणुसूत्र ‘o,’ है तथा इसका प्रत्येक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। ओजोन गैस की परत वायुमंडल के समताप मण्डल में पायी जाती है। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है। अतः पृथ्वी के जीवों को पराबैंगनी किरणों के घातक प्रभाव से बचाती है। पराबैंगनी किरणें ऑक्सीजन अणुओं को विघटित करके स्वतंत्र ऑक्सीजन (Nascent Oxygen; O) परमाणु बनाती हैं। ऑक्सीजन के ये स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओजोन बनाते हैं।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 1
यदि वायुमण्डल में ओजोन परत नहीं होती तो हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँच जाती और मानव सहित विभिन्न जीवधारियों में घातक रोग जैसे कैंसर, आँख के रोग आदि उत्पन्न करती।

प्रश्न 2.
आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं ?
उत्तर-
कचरा निपटान की समस्या कम करने में हम निम्नलिखित योगदान कर सकते हैं-

  • हमें जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय कचरे को अलग-अलग कर लेना चाहिए। अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों को पुनः चक्रण हेतु कारखाने भेज देना चाहिए जिससे इन्हें पुनः प्रयोग में लाया जा सके।
  • जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का प्रयोग ह्यूमस या खाद बनाने के लिए करना चाहिए जिससे पौधों को उच्च कोटि की खाद उपलब्ध हो सके।

HBSE 10th Class Science हमारा पर्यावरण InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 15.1. (पा. पु. पृ. सं. 289)

प्रश्न 1.
जल जीवशाला बनाते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना होगा ?
उत्तर-
मछलियों को तैरने के लिए स्थान, जल, ऑक्सीजन एवं भोजन।

प्रश्न 2.
यदि हम इसमें कुछ पौधे लगा दें तो यह एक स्व निर्वाह तंत्र बन जाएगा। क्या आप सोच सकते हैं कि यह कैसे होता है ?
उत्तर-
पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में 02 निकाल कर जल को स्वच्छ बनाते रहेंगे तथा श्वसन में छोड़ी गई CO2, को भोजन बनाने में काम लेते रहेंगे।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 3.
क्या हम जल जीवशाला बनाने के उपरान्त इसे ऐसे ही छोड़ सकते हैं ? कभी-कभी इसकी सफाई की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
नहीं, हमें जलजीवशाला की समय-समय पर देख-रेख करनी होगी। इसमें जीवाणु उत्पन्न हो सकते हैं जिन्हें हटाने के लिए कभी-कभी जल भी बदलना होगा।

प्रश्न 4.
क्या हमें इसी प्रकार तालाबों एवं झीलों की सफाई भी करनी चाहिए ? क्यों और क्यों नहीं ?
उत्तर-
तालाबों एवं झीलों की भी यदि सम्भव हो तो सफाई करनी चाहिए, क्योंकि तालाबों एवं झीलों में सुपोषण (eutrophication) की संभावना बनी रहती है।

क्रियाकलाप 15.2. (पा. पु. पृ. सं. 289)

प्रश्न 1.
जल जीवशाला बनाते समय क्या आपने इस बात का ध्यान रखा कि ऐसे जन्तुओं को साथ न रखें जो दूसरों को खा जाएँ।
उत्तर-
माँसाहारी मछलियाँ अन्य मछलियों को खा जाएँगी। कृत्रिम पारितंत्र में वे अपनी वंश वृद्धि भी नहीं कर सकती हैं।

प्रश्न 2.
समूह बनाइए तथा चर्चा करें कि उपर्युक्त समूह एक दूसरे पर निर्भर करते हैं?
उत्तर-
मछलियाँ भोजन खाती हैं। उत्सर्जन करती हैं जिससे जलीय पादपों और काई का पोषण होता है और वे मछलियों का भोजन बनते हैं। इससे वे एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

प्रश्न 3.
जलीय जीवों के नाम उसी क्रम में लिखिए जिसमें एक जीव दूसरे जीव को खाता है तथा एक ही श्रृंखला की स्थापना कीजिए जिसमें कम से कम तीन चरण हों।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 2

प्रश्न 4.
क्या आप किसी एक समूह को सबसे अधिक महत्व का मानते हैं? क्यों एवं क्यों नहीं ?
उत्तर-
सभी समूह महत्वपूर्ण हैं परन्तु उत्पादक (पादप) सबसे महत्वपूर्ण हैं। उनके बिना अन्य प्राणियों का जीवन संभव नहीं है।

क्रियाकलाप 15.3. (पा. पु. पृ. स. 292)

प्रश्न 1.
समाचार पत्रों में, तैयार सामग्री अथवा भोज्य पदार्थों में पीड़क एवं रसायनों की मात्रा के विषय में अक्सर ही समाचार छपते रहते हैं। कुछ राज्यों ने इन पदार्थों पर रोक भी लगा दी है। इस प्रकार की रोक के औचित्य पर चर्चा कीजिए।
उत्तर-
पीड़कनाशी जैव आवर्धन द्वारा आहार श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं और अन्ततः मानव में प्रवेश करके अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं। विभिन्न प्रकार के शीतल पेय पदार्थों में इनकी उपस्थिति प्रायः समाचार पत्रों में छपती रहती है। अनेक राज्यों ने इनके प्रयोग पर रोक लगा दी है।

प्रश्न 2.
आपके विचार में इन खाद्य पदार्थों में पीड़क नाशियों का स्रोत क्या है ? क्या यह पीड़कनाशी अन्य खाद्य स्त्रोतों के माध्यम से हमारे शरीर में पहुँच सकते हैं ?
उत्तर-
खेत-खलिहानों में फसलों की सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। ये फसल के माध्यम से धान्यों में पहुँच जाते हैं, साथ ही पशुओं द्वारा खाये गये ‘चारे से उनके मांस एव दूध में भी पहुँच जाते हैं। फल, सब्जियाँ, दालों आदि में भी इनकी मात्रा संचित हो जाती है। जब ये वस्तुएँ मानव द्वारा खायी जाती हैं तो मानव के शरीर में वे संचित हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
किन उपायों द्वारा शरीर में इन पीड़कनाशियों की मात्रा कम की जा सकती है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
फलों एवं सब्जियों को भली भाँति धो लेने से, इन्हें छीलकर इस्तेमाल करने से इन कीटनाशकों से कुछ बचाव किया जा सकता है। विभिन्न स्रोतों से प्राप्त खाद्य पदार्थों के प्रयोग से भी कुछ बचाव हो सकता है।

क्रियाकलाप 15.4. (पा. पु. पृ. सं. 293)

प्रश्न 1.
पुस्तकालय, इंटरनेट अथवा समाचार-पत्रों से पता लगाइए कि वे कौन से रसायन हैं जो ओजोन परत की क्षीणता के लिए उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन, ओजोन परत की क्षीणता के लिए उत्तरदायी हैं |

प्रश्न 2.
पता लगाइए इन पदार्थों के उत्पादन एवं उत्सर्जन के नियमन संबंधी कानून ओजोन क्षरण कम करने में सफल रहे हैं? क्या पिछले कुछ वर्षों में ओजोन छिद्र के आकार में कुछ परिवर्तन आया है?
उत्तर-
रेफ्रिजरेटर्स, अग्निशामकों, ऐरोसोल आदि से उत्सर्जित क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन के कारण ओजोन क्षरण होता है। मांट्रियल प्रोटोकोल के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में ओजोन-छिद्र के आकार में कुछ परिवर्तन आया है।

क्रियाकलाप 15.5. (पा. पु. पृ. सं. 294)

प्रश्न 1.
वे कौनसे पदार्थ हैं जो लम्बे समय बाद भी अपरिवर्तित रहते हैं ?
उत्तर-
लंबे समय तक दूध की खाली थैलियाँ, दवा की खाली बोतलें, स्ट्रिप्स, टूटे जूते आदि अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपरिवर्तित रहते हैं।

प्रश्न 2.
वे कौन-से पदार्थ हैं जिनके स्वरूप व संरचना में परिवर्तन होता है ?
उत्तर-
संदूषित भोजन, सब्जियों के छिलके, चाय की उपयोग की गयी पत्तियाँ, रद्दी कागज आदि पदार्थों की संरचना में परिवर्तन होते हैं।

प्रश्न 3.
जिन पदार्थों के स्वरूप में समय के साथ परिवर्तन आया है, कौन-से पदार्थ अल्पतम समय में अतिशीघ्र परिवर्तित हुए हैं ?
उत्तर-
सबसे कम समय में सूती कपड़े, सब्जियों के छिलके, संदूषित भोजन और चाय की उपयोग की गई पत्तियों का स्वरूप परिवर्तित हुआ है।

क्रियाकलाप 15.6 (पा. पु. पृ. सं. 294)

प्रश्न 1.
अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ कितने समय तक पर्यावरण में इसी रूप में बने रह सकते हैं ?
उत्तर-
जैव और अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों को अपनी संरचना बदलने में अलग-अलग समय लगता है। सूती कपड़ों के चीथड़े प्रायः 1-6 माह, कागज 2-6 माह, फलों व सब्जियों के छिलके 6 माह, ऊनी कपड़े 1-5 वर्ष, लेमिनेटेड डिब्बे 5 वर्ष, चमड़े के जूते 25-40 वर्ष, नाइलॉन/टेरीलीन 30-40 वर्ष, धातुएँ 50 से 100 वर्ष और काँच की बोतलें/बर्तन दस लाख वर्ष में अपनी संरचना बदल लेते हैं। प्लास्टिक का सामान कभी भी विकृत नहीं होता है।

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प्रश्न 2.
आजकल ‘जैव निम्नीकरणीय प्लास्टिक’ उपलब्ध हैं। इन पदार्थों के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त कीजिए तथा पता लगाइए कि क्या उनसे पर्यावरण को हानि हो सकती है अथवा नहीं।
उत्तर-
गेहूँ, मकई या आलू से प्राप्त स्टार्च की लैक्टिक अम्ल से जीवाणुओं की उपस्थिति में क्रिया से जैव निम्नीकरणीय प्लास्टिक बनाया जा रहा है। इसे पॉलीलैक्टाइड (Polylactide) कहते हैं। इनसे पर्यावरण की हानि नहीं होती।

क्रियाकलाप 15.7. (पा. पु. पृ.सं. 295)

प्रश्न 1.
पता लगाइए कि घरों में उत्पादित कचरे का क्या होता है? क्या किसी स्थान से इसे एकत्र करने का कोई प्रबन्ध है?
उत्तर-
आमतौर पर घरों से उत्पन्न कूड़ा-कर्कट किसी बन्द बाल्टी में एकत्र कर लिया जाता है जिसे स्थानीय निकायों के कर्मचारी किसी बड़े स्थान पर ले जाते हैं।

प्रश्न 2.
पता लगाइए कि स्थानीय निकायों (पंचायत, नगर पालिका, आवास कल्याण समिति ‘RWA’) द्वारा इसका निपटान किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
स्थानीय निकाय एकत्र किए गए कचरे को गाड़ियों द्वारा व्यर्थ भूमि के भराव के लिए या खाद बनाने के लिए भेजते हैं।

प्रश्न 3.
क्या वहाँ जैव अपघटित तथा अजैव अपघटित कचरे को अलग-अलग करने की व्यवस्था है?
उत्तर-
हाँ। जैव निम्नीकरणीय कचरे को खाद निर्माण के लिए तथा अजैव निम्नीकरणीय कचरे को पुनः चक्रण हेतु भेज दिया जाता है।

प्रश्न 4.
गणना कीजिए कि एक दिन में घर से कितना कचरा उत्पादित होता है ?
उत्तर-
सामान्यतया एक दिन में घर से 2 से 3 किग्रा कचरा उत्पन्न होता है।

प्रश्न 5.
इसमें से कितना कचरा जैव निम्नीकरणीय है?
उत्तर-
इसका अधिकांश भाग जैव निम्नीकरणीय है।

प्रश्न 6.
गणना कीजिए कि कक्षा में प्रति दिन कितना कचरा उत्पादित होता है ?
उत्तर-
कक्षा में उत्पन्न कचरा प्रायः फटे कागज, धूल, बचे-खुचे खाद्य पदार्थ, पेंसिल की छीलन, चॉक के टुकड़े आदि होता है।

प्रश्न 7.
इसमें कितना कचरा जैव निम्नीकरणीय है और कितना अजैव निम्नीकरणीय है ?
उत्तर-
अधिकांश भाग जैव निम्नीकरणीय होता है।

प्रश्न 8.
इस कचरे से निपटने के कुछ उपाय सुझाइए।
उत्तर-
कचरे को स्कूल में बगीचे में गड्ढा खोदकर दबा देना चाहिए।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

क्रियाकलाप 15.8. (पा. पु. पृ. सं. 295)

प्रश्न 1.
पता लगाइए कि आपके क्षेत्र में मल व्ययन की क्या व्यवस्था है? क्या वहाँ इस बात का प्रबंध है कि स्थानीय जलाशय एवं जल के अन्य स्रोत जल मल से प्रभावित न हों?
उत्तर-
हमारे क्षेत्र में मल व्ययन के लिए भूमिगत सीवरेज की व्यवस्था है। सड़क के एक ओर जलवाही पाइप लाइनें हैं तो दूसरी ओर सीवेज पाइपलाइनें हैं इसलिए पेय जल मल प्रभावित नहीं हो सकता।

प्रश्न 2.
अपने क्षेत्र में पता लगाइए कि स्थानीय उद्योग अपने अपशिष्ट (कूड़े-कचरे एवं तरल अपशिष्ट) के निपटान का क्या प्रबन्ध करते हैं? क्या वहाँ इस बात का प्रबन्धन है जिससे सुनिश्चित हो सके कि इन पदार्थों से भूमि तथा जल का प्रदूषण नहीं होगा।
उत्तर-
गंदे प्रदूषित जल को साफ करके विभिन्न रासायनिक पदार्थों द्वारा उपचारित किया जाता है और नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।

क्रियाकलाप 15.9. (पा. पु. पृ. सं. 296)

प्रश्न 1.
इंटरनेट अथवा पुस्तकालय की सहायता से पता लगाएँ कि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निपटान के समय किन खतरनाक वस्तुओं से आपको सुरक्षापूर्वक छुटकारा पाना है। यह पदार्थ पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में सीसा, कैडमियम, सिलिकॉन, प्लास्टिक आदि आते हैं जो मृदा को प्रदूषित करते हैं। इसका हमारे स्वास्थ्य तथा अन्य जीवों पर कुप्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 2.
पता लगाइए कि प्लास्टिक का पुनः चक्रण किस प्रकार होता है? क्या प्लास्टिक के पुनः चक्रण का पर्यावरण पर कोई प्रभाव होता है ?
उत्तर-
प्लास्टिक को पिघलाकर खिलौने, मग, कंघे, बाल्टियाँ आदि तैयार किए जाते हैं। पुनः चक्रण के समय प्लास्टिक से अनेक हानिकारक गैसें उत्पन्न होती हैं जो वाय को प्रदूषित करती हैं। प्रदूषित वायु से हमारे स्वास्थ्य तथा अन्य जीवों पर बुरा प्रभाव होता है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

HBSE 10th Class Science उर्जा के स्रोत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
गर्म जल प्राप्त करने के लिए हम सौर जल तापक का उपयोग किस दिन नहीं कर सकते?
(a) धूप वाले दिन
(b) बादलों वाले दिन
(c) गरम दिन
(d) पवनों (वायु) वाले दिन।
उत्तर-
(b) बादलों वाले दिन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन जैव-मात्रा ऊर्जा स्त्रोत का उदाहरण नहीं है?
(a) लकड़ी
(b) गोबर गैस
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) कोयला।
उत्तर-
(c) नाभिकीय ऊर्जा।

प्रश्न 3.
जितने ऊर्जा स्रोत हम उपयोग में लाते हैं, उनमें से अधिकांश सौर ऊर्जा को निरूपित करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा स्रोत अन्ततः सौर ऊर्जा से व्युत्पन्न नहीं है?
(a) भूतापीय ऊर्जा
(b) पवन ऊर्जा
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) जैवमात्रा।
उत्तर-
(c) नाभिकीय ऊर्जा।

प्रश्न 4.
ऊर्जा स्त्रोत के रूप में जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना कीजिए और उनमें अन्तर लिखिए।
उत्तर-
जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना-

जीवाश्मी ईंधन सूर्य
1.यह ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत हैं। यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
2. जीवाश्म ईंधन प्रदूषण फैलाते हैं। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा में कोई प्रदूषण नहीं होता।
3. जीवाश्म ईंधन से हमारी सभी ऊर्जाओं की पूर्ति हो सकती है। सौर ऊर्जा से हमारी सभी ऊर्जा सम्बन्धी आवश्य कताओं की पूर्ति सम्भव नहीं है।
4. इससे ऊर्जा प्रत्येक समय, प्रत्येक परिस्थिति में प्राप्त की जा सकती है। बादलों से घिरे आकाश वाले दिन तथा रात्रि में सूर्य से ऊर्जा प्राप्त नहीं की जा सकती।

प्रश्न 5.
जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल विद्युत की तुलना कीजिए और उनमें अन्तर लिखिए।
उत्तर-
जैव मात्रा तथा जल विद्युत की तुलना-

जैव मात्रा जल विद्युत
1. जैव मात्रा से ऊर्जा प्राप्त करने के प्रक्रम में प्रदूषण फैलता है। जल विद्युत ऊर्जा का स्वच्छ स्रोत है।
2. जैव मात्रा द्वारा प्राप्त ऊर्जा को सीमित स्थान में ही प्रयोग किया जा सकता है। जल विद्युत ऊर्जा को लाइनों द्वारा कहीं भी संचरित किया जा सकता है।
3. जैव मात्रा केवल सीमित मात्रा में ही ऊर्जा प्रदान कर सकती है। जल विद्युत ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से ऊर्जा निष्कर्षित करने की सीमाएँ लिखिए
(a) पवनें,
(b) तरंगें,
(c) ज्वार-भाटा।
उत्तर-
(a) पवन ऊर्जा की सीमाएँ-
1. पवन ऊर्जा के निष्कर्षण हेतु पवन ऊर्जा फार्म की स्थापना के लिये बहुत अधिक बड़े स्थान की आवश्यकता होती है।
2. हवा की तेज गति के कारण टूट-फूट और नुकसान की संभावनाएँ अधिक होती हैं।
3. पवन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हवा की गति 15 km/h से अधिक होनी चाहिए।

(b) तरंगों से प्राप्त ऊर्जा की सीमाएँ-समुद्र तल पर जल तरंगें तीव्र वेग से चलने वाली समुद्री हवाओं के कारण उत्पन्न होती हैं। केवल कुछ ही स्थानों पर ये तरंगें इतनी शक्तिशाली होती हैं कि उनसे सम्बद्ध ऊर्जा का दोहन किया जा सके।

(c) ज्वार-भाटा ऊर्जा की सीमाएँ-प्रत्येक ज्वार के समय जल का चढ़ाव इतना पर्याप्त नहीं हो पाता है कि उससे विद्युत उत्पन्न की जा सके। इसके अतिरिक्त समुद्र तट का केवल कुछ ही स्थान बाँध बनाने के लिए अच्छा रहता है। इस कारण से ज्वारीय ऊर्जा को विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत के रूप में नहीं मान सकते।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 7.
ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किस आधार पर करेंगे
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय
(b) समाप्य तथा अक्षय क्या (a) तथा (b) के विकल्प समान हैं ?
उत्तर-
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्रोतयदि कोई ऊर्जा स्रोत एक बार अपनी ऊर्जा दे देने के उपरान्त पुनः ऊर्जा देने की स्थिति में आ सकता है तो ऐसे स्रोतों को नवीकरणीय स्रोतों के वर्ग में रखा जाता है उदाहरण के लिए-जल विद्युत, जैव मात्रा। – यदि कोई ऊर्जा स्रोत अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा दे चुकने के पश्चात् पुनर्जीवित नहीं हो सकता तो ऐसे स्रोत को अनवीकरणीय स्रोतों के वर्ग में रखा जाएगा। उदाहरण के लिएजीवाश्मी ईंधन।

(b) समाप्य तथा अक्षय स्रोत-यदि कोई ऊर्जा स्रोत निश्चित समय तक ऊर्जा प्रदान करने के पश्चात् समाप्त हो जाए तथा उसे पुनः प्राप्त न किया जा सके तो उसे समाप्य ऊर्जा स्रोत माना जाएगा। उदाहरण के लिए जीवाश्मी ईंधन।

यदि किसी ऊर्जा स्रोत को प्रयोग करने के पश्चात् बार-बार फिर से प्राप्त किया जा सकता हो तो उसे अक्षय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। पवन ऊर्जा अक्षय ऊर्जा स्रोत है। ऊपर दिए गए विवरणों से स्पष्ट है कि (a) तथा (b) विकल्प एक जैसे हैं।

प्रश्न 8.
ऊर्जा के आदर्श स्त्रोत में क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-

  • पर्याप्त मात्रा में स्त्रोत द्वारा ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता होनी चाहिए।
  • सरलता से प्रयोग करने की सुविधा से संपन्न होना चाहिए।
  • यह पर्यावरण के लिए हितकारी होना चाहिए।
  • ऊर्जा स्रोत ऐसा होना चाहिए जो दीर्घकाल तक नियत दर पर ऊर्जा प्रदान कर सके।
  • यह आर्थिक रूप से सस्ता होना चाहिए।

प्रश्न 9.
सौर कुकर का उपयोग करने के क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है ?
उत्तर-
सौर कुकर के लाभ-
1. ईंधन का कोई खर्च नहीं होता तथा इससे प्रदूषण नहीं होता है।
2. इसमें धीमी गति से खाना पकता है इसलिए इसके द्वारा पके भोजन, से पोषक तत्व नष्ट नहीं होते।
3. इसमें निरन्तर देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।

सौर कुकर से हानियाँ-
1. यह बहुत अधिक तापमान उत्पन्न नहीं कर सकता है।
2. यह रात्रि में, बरसात में तथा बादल वाले दिनों में काम नहीं करते।
3. सौर कुकर से खाना धीमी गति से पकता है, अतः खाना पकाने में बहुत अधिक समय लगता है।
4. यह 100°C -140°C तापमान प्राप्त करने के लिए 2-3 घंटे ले लेता है। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों का प्रयोग सीमित अवधि में हो पाता है। जिन क्षेत्रों में आकाश में बादल रहते हैं वहाँ यह ठीक से कार्य नहीं कर पाता है वहाँ इनकी सीमित उपयोगिता है।

प्रश्न 10.
ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं ? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर-
ऊर्जा की माँग जनसंख्या वृद्धि के साथ निरंतर बढ़ती जाती है। ऊर्जा किसी प्रकार की हो उसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जीवाश्मी ईंधनों को जलाने पर ये वायु प्रदूषण फैलाते हैं फलस्वरूप पृथ्वी का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। नाभिकीय रिऐक्टर से निकलने वाले कचरे द्वारा खतरनाक विकिरण उत्सर्जित होते हैं जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेय हैं।

ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय-
1. घरों में विद्युत के उपकरणों को आवश्यकता होने पर ही प्रयोग में लाया जाना चाहिए।
2. जीवाश्मी ईंधन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। अलग-अलग वाहनों की बजाय सामूहिक वाहन (सार्वजनिक परिवहन प्रणाली) का प्रयोग करना चाहिए।

HBSE 10th Class Science उर्जा के स्रोत InText Questions and Answers

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 273)

प्रश्न 1.
ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊर्जा का उत्तम स्रोत वह स्रोत है जिसमें निम्नलिखित गुण होते हैं-

  • जिसके प्रति एकांक द्रव्यमान से अधिक ऊर्जा प्राप्त हो सके।
  • जो सरलता से उपलब्ध हो सके।
  • जिसका भण्डारण आसान व परिवहन में आसानी हो।
  • सस्ता हो।

प्रश्न 2.
उत्तम ईंधन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उत्तम ईंधन के निम्नलिखित गुण होते हैं-

  • ईंधन के जलाने पर प्रति एकांक द्रव्यमान से अधिक ऊष्मा प्राप्त हो सके।
  • जलने पर उससे कम से कम धुआँ उत्पन्न हो। ]
  • आसानी से उपलब्ध हो।

प्रश्न 3.
यदि आप अपने भोजन को गरम करने के लिए किसी भी ऊर्जा-स्रोत का उपयोग कर सकते हैं तो आप किसका उपयोग करेंगे और क्यों?
उत्तर-
हम रसोई गैस या माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग करेंगे क्योंकि उपर्युक्त दोनों स्रोत उपयोग में आसान हैं, आर्थिक रूप से सस्ते हैं तथा प्रदूषण भी नहीं फैलाते हैं।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 279)

प्रश्न 1.
जीवाश्मी ईधन की क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर-
जीवाश्मी ईंधन से निम्नलिखित हानियाँ हैं-

  • पृथ्वी पर जीवाश्मी ईंधन का सीमित भण्डार उपलब्ध है अतः इनका संरक्षण आवश्यक है। .
  • जीवाश्मी ईंधन, जलाए जाने पर प्रदूषण फैलाते हैं।
  • ये अम्ल वर्षा करने में भागीदार होते हैं।

प्रश्न 2.
हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहे हैं ?
उत्तर-
हमारे जीवन के लिए प्रत्येक कार्य में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। खाना पकाने, बिजली उत्पन्न करने, कल कारखानों को चलाने हेतु ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसे हम आजकल अधिकतर पेट्रोलियम पदार्थों से पूरा कर रहे हैं। इनका प्रयोग होने पर इन्हें पुनः उत्पन्न नहीं किया जा सकता इस कारण से इनका संरक्षण आवश्यक है। अतः हमें ऐसे नवीकरणीय स्रोतों की ओर ध्यान देना होगा जो कि आसानी से उपलब्ध हैं और जिनका असीमित तथा व्यापक उपयोग किया जा सकता है।

सौर ऊर्जा एक ऐसा स्रोत है जो विभिन्न माध्यमों से ऊर्जा प्रदान करता है। सौर ऊर्जा का सीधा प्रयोग युगों से किया जा रहा है। हमारी आवश्यकताएँ निरंतर बढ़ने के कारण उन्हें पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग में वृद्धि करनी चाहिए ताकि भविष्य में हमें ऊर्जा संकट का सामना न करना पड़े। नवीकरणीय ऊर्जा से वातावरण का प्रदूषण भी रोका जा सकता है।

प्रश्न 3.
हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारंपरिक उपयोग में किस प्रकार सुधार किए गए हैं ?
उत्तर-
प्राचीनकाल में पवन ऊर्जा का उपयोग पालदार नावों को चलाने में एवं पवनचक्की की सहायता से यान्त्रिक कार्य करने के लिए किया जाता था परन्तु अन्य प्रकार की ऊर्जा की तुलना में विद्युत ऊर्जा का उपयोग सबसे अधिक सुविधाजनक है। इसलिए पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जाने लगा है। इसके लिए समुद्र तट के समीप के स्थानों में बहुत सी पवन चक्कियाँ एक साथ लगाकर बड़े-बड़े ऊर्जा फार्म स्थापित किये गये हैं जहाँ पर्याप्त विद्युत ऊर्जा का उत्पादन होता है। इसी प्रकार जल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा के रूप में प्रयोग करने के लिए पहाड़ी ढालों पर बाँध बनाकर जल को एकत्रित किया जाता है। एकत्रित जल को जनित्र की टरबाइन पर डालकर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 285)

प्रश्न 1.
सौर कुकर के लिए कौन सा दर्पण अवतल, उत्तल अथवा समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है ? क्यों ?
उत्तर-
अवतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है क्योंकि यह अपने ऊपर गिरने वाली सम्पूर्ण सौर ऊर्जा को अपने फोकस पर सूक्ष्म बिन्दु के रूप में केन्द्रित कर देता है।

प्रश्न 2.
महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओं
उत्तर-

  • ज्वार-भाटा की ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बाँध बनाने योग्य स्थान सीमित हैं|
  • तरंग ऊर्जा भी केवल उन्हीं स्थानों पर उपयोग की जा सकती है जहाँ तरंगें पर्याप्त शक्तिशाली हों।
  • महासागरीय तापीय ऊर्जा के दोहन की तकनीक बहुत ही कठिन है।

प्रश्न 3.
भूतापीय ऊर्जा क्या होती है ?
उत्तर-
पृथ्वी के आन्तरिक भाग में स्थित, पिघली हुई चट्टानें भूगर्भीय हलचल के कारण केन्द्रीय भाग से सतह की ओर विस्थापित हो जाती हैं तथा गर्म क्षेत्रों का निर्माण करती हैं। जब कभी भूगर्भीय जल इस प्रकार के गर्म क्षेत्रों के संपर्क में आता है तो वाष्प में बदल जाता है तथा इस जल वाष्प को पाइपों की सहायता से बाहर लाकर टरबाइन चलाकर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। पृथ्वी के गर्भ में स्थित उच्च ताप क्षेत्रों से सम्बद्ध ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 4.
नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्व है ?
उत्तर-
अन्य परम्परागत ऊर्जा स्रोत सीमित तथा शीघ्र समाप्त हो जाने वाले हैं जबकि नाभिकीय ऊर्जा बहुत लम्बे समय तक हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है। जीवाश्मी ईंधन से प्राप्त ऊर्जा की तुलना में यूरेनियम के विखण्डन से बहुत अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 285)

प्रश्न 1.
क्या कोई ऊर्जा स्त्रोत प्रदूषण मुक्त हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर-
नहीं, कोई भी ऊर्जा स्रोत पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकता, चाहे ऊर्जा स्रोत कितना ही विकसित क्यों न हो फिर भी वह पर्यावरण को किसी न किसी प्रकार से नुकसान पहुंचाता ही है। सौर सेल को प्रायः प्रदूषण मुक्त कहते हैं परन्तु इस युक्ति के निर्माण में पर्यावरणीय क्षति होती ही है।

प्रश्न 2.
राकेट ईधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग न किया जाता रहा है ? क्या आप इसे CNG की तुलना में अधिक स्वच्छ ईंधन मानते हैं ? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर-
हाइड्रोजन CNG से स्वच्छ ईंधन है क्योंकि यह दहन क्रिया में CO2, को उत्पन्न नहीं करती और न ही इसका अपूर्ण दहन होता है। इसके जलने से केवल जल उत्पन्न होता है। CNG के जलने से CO2, उत्पन्न होती है जो कि ग्रीन हाऊस गैस है और पर्यावरण के लिए हानिकारक है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 286)

प्रश्न 1.
ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप नवीकरणीय मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर-
वायु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं सागरीय ऊर्जा नवीकरणीय स्रोत हैं क्योंकि इनका प्रयोग तब तक किया जा सकता है जब तक हमारे सौर परिवार की समान परिस्थितियाँ बनी रहेंगी।

प्रश्न 2.
ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप समाप्य मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर-
कोयला तथा पेट्रोलियम, दोनों ऊर्जा के दो समाप्य स्रोत हैं। कोयला तथा पेट्रोलियम, दोनों के पृथ्वी पर उपलब्ध भण्डार सीमित हैं तथा जल्दी ही समाप्त हो जाने वाले हैं तथा इन्हें कभी भी पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता, अतः ये दोनों ऊर्जा के समाप्य स्रोत हैं।

HBSE 10th Class Science उर्जा के स्रोत InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 14.1 (पा. पु. पृ. सं. 272)

प्रश्न 1.
प्रातःकाल सोकर उठने से विद्यालय पहुँचने तक आप जिन ऊर्जाओं का उपयोग करते हैं उनमें से ऊर्जा के किन्हीं चार रूपों की सूची बनाइए।
उत्तर-
हम अग्रलिखित ऊर्जा का उपयोग करते हैं

  • ऊष्मीय ऊर्जा खाना पकाने के लिए।
  • घर को प्रकाशित करने के लिए प्रकाशीय ऊर्जा ।
  • साइकिल चलाने और बैग होने के लिए वेशीय ऊर्जा।
  • मित्रों को बुलाने के लिए ध्वनि ऊर्जा।

प्रश्न 2.
इन विभिन्न रूपों की ऊर्जाओं को हम कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
इस विभिन्न रूपों की ऊर्जाओं के स्रोत इस प्रकार हैं-
सौर ऊर्जा – सूर्य
ऊष्मीय ऊर्जा – सूर्य,
LPG पेशीय ऊर्जा – भोजन
प्रकाश ऊर्जा – विद्युत, सूर्य

प्रश्न 3.
क्या हम इन्हें ऊर्जा का स्रोत’ कह सकते हैं ? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर-
सूर्य ऊर्जा का स्रोत है परन्तु अन्य स्रोत ऊर्जा के रूपान्तरण से प्राप्त होते हैं।

क्रियाकलाप 14.2. (पा. पु. पृ. सं. 272)

प्रश्न 1.
उन विविध विकल्पों पर विचार कीजिए जो भोजन पकाने के लिए ईंधन का चयन करते समय हमारे पास होते हैं तथा किसी ईंधन को अच्छे ईंधन की श्रेणी में रखने का प्रयास करते समय आप किन मानदंडों पर विचार करेंगे?
उत्तर-
कोयला, कोक, कैरोसीन, लकड़ी, L.P.G. ईंधन का अच्छा स्रोत होने के कारण इसका कैलोरी मान अधिक होता है। ईंधन प्रदूषण रहित, सस्ता एवं सुलभ होना चाहिए।

प्रश्न 2.
क्या तब आपकी पसंद अलग होती जब आप
(a) वन में जीवन निर्वाह कर रहे होते?
(b) किसी सुदूर पर्वतीय ग्राम अथवा छोटे द्वीप पर जीवन निर्वाह कर रहे होते ?
(c) नई दिल्ली में जीवन निर्वाह करते ?
(d) पाँच शताब्दियों पहले जीवन निर्वाह करते ?
उत्तर-
हाँ प्रत्येक स्थिति में पसंद भिन्न-भिन्न होती।
(a) वन में निर्वाह करते समय ईंधन के रूप में लकड़ी, ऊष्मा और प्रकाश के लिये सूर्य और शारीरिक ऊर्जा के लिए फलों आदि पर निर्भर करना पड़ता ।
(b) किसी पर्वतीय ग्राम अथवा छोटे द्वीप पर भी वन में जीवन निर्वाह के समान ऊर्जा के स्रोतों पर निर्भर करना पड़ता।
(c) नई दिल्ली में विद्युत चलित उपकरणों एवं पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भर करते।
(d) पाँच शताब्दी पहले जीवन निर्वाह के लिये, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा, वनों की लकड़ी आदि पर निर्भर रहते।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 3.
उपर्युक्त प्रत्येक परिस्थिति ईंधन की उपलब्धता की दृष्टि से किस प्रकार भिन्न थी ?
उत्तर-
पहले आबादी कम थी और ऊर्जा के सीमित स्रोत उपलब्ध थे। परन्तु जैसे-जैसे विकास हुआ, औद्योगिक क्रांति आई, आबादी बढ़ी, वैसे-वैस मानव ने ऊर्जा के नए स्रोतों को ढूँढना शुरू किया। आज ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों की उपलब्धता धीरे-धीरे कम हो रही है तथा गैर-परम्परागत स्त्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

क्रियाकलाप 14.3. (पा. पु. पृ. सं. 274)

प्रश्न-क्या आप देखते हैं?
उत्तर-
इस प्रयोग में हम यह देखते हैं कि भाप द्वारा पंखुड़ियाँ घूमती हैं जिससे वह यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करने के लिए डायनेमो के शैफ्ट को घुमाती है जिससे बल्ब जलने लगता है।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 1

क्रियाकलाप 14.4. (पा. पु. पृ. सं. 279)

प्रश्न 1.
अपने दादा-दादी अथवा अन्य वयोवृद्धों से पता लगाइए कि वे
(a) अपने विद्यालय कैसे जाते थे ?
(b) अपने बचपन में दैनिक आवश्यकताओं के लिए जल कैसे प्राप्त करते थे ?
(c) मनोरंजन कैसे करते थे ?
उत्तर-
(a) हमारे दादा-दादी अपने विद्यालय पैदल या साइकिल से जाते थे, हम बस या स्कूटर से स्कूल जाते हैं।
(b) वे पानी को कुओं व हैण्डपम्प तथा नदियों से प्राप्त करते थे। हम जल की प्राप्ति नलों से करते हैं। चूँकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ गयी है अतः अधिक ऊर्जा उपभुक्त हो रही है।

प्रश्न 2.
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तरों की तुलना इस प्रश्न के उत्तर से कीजिए कि “अब आप इन कार्यों को कैसे करते हैं ?”
उत्तर-
दादा दादी के युग में मनोरंजन के साधन रामलीला, लोक संगीत, रेडियो आदि थे। आधुनिक युग में मनोरंजन के अनेक साधन, जैसे—मल्टीमीडिया, कम्प्यूटर, मोबाइल, इन्टरनेट आदि मौजूद हैं।

प्रश्न 3.
क्या इन उत्तरों में कोई अन्तर है? यदि हाँ तो किस स्थिति में बाह्य स्रोतों से अधिक ऊर्जा उपभुक्त हुई।
उत्तर-
हाँ, इन उत्तरों में काफी अन्तर है। आधुनिक युग में बाह्य स्त्रोतों से अधिक ऊर्जा उपभुक्त हुई है। क्योंकि वाहनों को चलाने, जल प्राप्ति तथा मनोरंजन के लिए ऊर्जा (ईंधन) की आवश्यकता होती है।

क्रियाकलाप 14.5. (पा. पु. पृ. सं. 280)

प्रश्न 1.
दोनों फ्लास्कों को स्पर्श कीजिए। इनमें कौन तप्त है। आप इन दोनों फ्लास्कों के जल के ताप तापमापी द्वारा भी माप सकते हैं।
उत्तर-
वह फ्लास्क जिसे काले रंग से पेंट किया गया है वह तप्त है।

प्रश्न 2.
क्या आप कोई ऐसा उपाय सोच सकते है जिसके द्वारा इस ज्ञान का उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में कर सकें।
उत्तर-
इस ज्ञान का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में निम्न रूपों से कर सकते हैं-

  • खाना बनाने के बर्तन के आधार को काला पेंट करके।
  • जाड़ों में गहरे रंग के कपड़े पहनकर ।
  • पानी गर्म करने में।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

क्रियाकलाप 14.6. (पा. पु. पृ. सं. 281)

प्रश्न 1.
किसी सौर कुकर/अथवा सौर जल तापक की संरचना तथा कार्य प्रणाली का विशेषकर इस दृष्टि से अध्ययन कीजिए कि उसमें ऊष्मारोधन कैसे किया जाता है तथा अधिकतम ऊष्मा अवशोषण कैसे सुनिश्चित करते
उत्तर-
अधिकतम ऊष्मा अवशोषण के लिए काँच के टुकड़े का उपयोग करते हैं। सामान्य सौर कुकर से लगभग 100°C से 120°C का तापमान उत्पन्न हो सकता है। सौर कुकर
और सौर जल तापक का उपयोग रात के समय नहीं किया जा सकता है। इनसे बहुत अधिक तापमान प्राप्त नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 2.
सस्ती सुलभ सामग्री का उपयोग करके किसी सौर कुकर अथवा सौर जल तापक का डिजाइन बनाकर उसकी संरचना प्राप्त करके यह जाँच कीजिए कि आपके इस निकाय में अधिकतम कितना ताप प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर-
सौर सेल, सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। धूप में रखे जाने पर किसी सौर सेल से 0.5 – 1.0 V तक वोल्टता विकसित होती है तथा यह लगभग 0.7 W विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं। जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती है जिनसे उपयोग के लिए पर्याप्त विद्युत की प्राप्ति हो जाती है। सौर सेलों का रख-रखाव सस्ता है तथा इन्हें कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। सौर सेलों को बनाने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है सौर सेलों के उत्पादन की प्रक्रिया बहुत महँगी है, इसे परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर (चाँदी) का उपयोग होता है जिसके कारण इसकी लागत में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 3.
सौर कुकरों अथवा सौर जल तापकों के उपयोग की सीमाओं एवं विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।
उत्तर-
सौर कुकर-परावर्तक पृष्ठ अथवा श्वेत (सफेद) पृष्ठ की तुलना में काला पृष्ठ अधिक ऊष्मा अवशोषित करता है। सौर कुकरों में सूर्य की किरणों को फोकसित करने के लिए दर्पणों का उपयोग किया जाता है जिससे इनका ताप . उच्च हो जाता है। सौर कुकरों में काँच की शीट का एक ढक्कन होता है।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 2

ट्रैफिक सिग्नलों, परिकलकों तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं। अधिक महँगा होने के कारण सौर सेलों का घरेलू उपयोग अभी तक सीमित है।

क्रियाकलाप 14.7. (पा. पु. पृ. सं. 284)

प्रश्न 1.
कक्षा में इस प्रश्न पर चर्चा कीजिए कि महासागरीय तापीय ऊर्जा, पवनों तथा जैव मात्रा की ऊर्जाओं का अंतिम स्त्रोत क्या है ?
उत्तर-
इन सभी ऊर्जाओं का अंतिम स्रोत सूर्य है इसकी ऊर्जा से ही अन्य ऊर्जाओं का रूपांतरण होता है।

प्रश्न 2.
क्या इस संदर्भ में भूतापीय ऊर्जा तथा नाभिकीय ऊर्जा भिन्न है? क्यों ?
उत्तर-
भूतापीय ऊर्जा के लिए भूमिगत लावा से उत्पन्न ऊष्मा आधार है तो नाभिकीय ऊर्जा भारी नाभिक तत्वों के नाभिको के विखंडन से उत्पन्न ऊर्जा का आधार है।

प्रश्न 3.
आप जल विद्युत ऊर्जा को किस श्रेणी में रखेंगे?
उत्तर-
जल विद्युत एवं तरंग ऊर्जा भी अंततः सूर्य की ऊष्मा द्वारा ही प्राप्त होते हैं।

क्रियाकलाप 14.8. (पा. पु. पृ. सं. 285)

प्रश्न-
1. विविध ऊर्जा स्त्रोतों के विषय में जानकारी एकत्र करके उसके बारे में ज्ञात कीजिए कि उसमें से प्रत्येक पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करता है।
2. प्रत्येक ऊर्जा स्रोत के लाभ तथा हानियों पर वाद-विवाद कीजिए तथा इस आधार पर ऊर्जा का सर्वोतम स्रोत चुनिए।
उत्तर-
स्रोत द्वारा पर्यावरण का नुकसान नहीं होना चाहिए तथा सर्वोतम स्रोत उसी को माना जाना चाहिए जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो तथा उच्च स्तरीय ऊर्जा सस्ते में प्राप्त हो सके तथा उसका भंडारण संभव हो।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

क्रियाकलाप 14.9. (पा. पु. पृ. सं. 286)
प्रश्न-कक्षा में निम्नलिखित समस्याओं पर वादविवाद कीजिए –
(a) यह कहा जाता है कि अनुमानतः कोयले के भंडार आने वाले दो सौ वर्ष के लिए पर्याप्त हैं। क्या इस प्रकरण में हमें चिंता करने की आवश्यकता है कि हमारे कोयले के भंडार रिक्त होते जा रहे हैं? क्यों अथवा क्यों नहीं?
(b) ऐसा अनुमान है कि सूर्य आगामी 5 करोड़ वर्ष तक जीवित रहेगा। क्या हमें यह चिन्ता करनी चाहिए कि सौर ऊर्जा समाप्त हो रही है? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
(c) वाद-विवाद के आधार पर यह निर्णय लीजिए कि कौन सा ऊर्जा स्रोत (a) समाप्य, (b) अक्षय, (c) नवीकरणीय तथा (d) अनवीकरणीय है। प्रत्येक चयन के लिए अपना तर्क दीजिए।
उत्तर-
अध्यापक/अध्यापिकाओं की सहायता से कक्षा में वाद-विवाद कीजिए।