HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

HBSE 10th Class Science विद्युत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25.
उत्तर-
(d) 25.

संकेत-प्रत्येक कटे भाग का प्रतिरोध R/5 होगा।
अतः तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{1}{R / 5}+\frac{1}{R / 5}+\frac{1}{R / 5}+\frac{1}{R / 5}+\frac{1}{R / 5}\)
\(\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{5}{R}+\frac{5}{R}+\frac{5}{R}+\frac{5}{R}+\frac{5}{R}=\frac{25}{R}\)
अतः \(\frac{R}{R^{\prime}}\) = 25

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता ?
(a) PR
(b) IR2
(c)VI
(d)V2/R.
उत्तर-
(b) IR2

प्रश्न 3.
किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 v; 100 w है। जब इसे 110V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100W
(b) 75w
(c) 50 W
(d) 25 W
उत्तर-
(d) 25 W.
संकेतसूत्र P= \(\frac{\mathrm{v}^2}{\mathrm{R}}\) अतः बल्ब का प्रतिरोध R = \(\frac{v^2}{P}\)
R = \(\frac{220 \times 220}{100}\) = 484Ω
∴ द्वितीय स्थिति में शक्ति खर्च P1 = \(\frac{v_1^2}{R}\)
= \(\frac{110 \times 110}{484}\) =25 W

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प्रश्न 4.
दो चालक तार जिनके पदार्थ, लम्बाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पावक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1.
उत्तर-
(c) 1 : 4.

संकेत-यदि एक तार का प्रतिरोध R हो तो श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध R1 = 2R व पार्श्व संयोजन का प्रतिरोध R2 = \( \frac{\mathrm{R}}{2}\) होगा।
यदि विभवान्तर V है तो ऊष्माओं का अनुपात
\(\frac{\mathrm{H}_1}{\mathrm{H}_2}=\frac{\mathrm{V}^2 / \mathrm{R}_1}{\mathrm{~V}^2 / \mathrm{R}_2}=\frac{\mathrm{R}_2}{\mathrm{R}_1}=\frac{\mathrm{R} / 2}{2 \mathrm{R}}=\frac{1}{4}\)

प्रश्न 5.
किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है ?
उत्तर-
दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को दोनों बिन्दुओं के बीच में पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6.
किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8Ωm है। 100 प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुना व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अन्तर आएगा?
हल : दिया है प्रतिरोधकता ρ = 1.6 x 10-8 Ωm,
प्रतिरोध R=10Ω
व्यास 2r= 0.5 mm
∴ त्रिज्या r = \(\frac{0.5}{2}\) mm = 2.5 x 10-4m
∵ R = ρ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
∴ तार की लम्बाई l = \(\frac{R \times A}{\rho}\)
= \(\frac{10 \times \pi \mathrm{r}^2}{\rho}\)
= \(\frac{10 \times 3.14 \times\left(2.5 \times 10^{-4}\right)^2}{1.6 \times 10^{-8} \Omega \mathrm{m}} \)
= 12.26 x 103m = 122.6 m
व्यास दोगुना करने पर त्रिज्या r दोगुनी तथा अनुप्रस्थं क्षेत्रफल (A = πr²) चार गुना हो जाएगा।
∵ R ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\)
∴ क्षेत्रफल चार गुना होने पर प्रतिरोध एक चौथाई रह जाएगा।
अतः नया प्रतिरोध R1 = \(\frac{1}{4}\) R = \(\frac{1}{4} \times 10\) = 2.5 Ω

प्रश्न 7.
किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर v के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान आगे दिए गए हैं –
I(ऐम्पियर),: 0.5 1.0 2.0 3.0 4.0
v(वोल्ट): 1.6 3.4 6.7 10.2 13.2
V और I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
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हल : अभीष्ट ग्राफ के लिए उपयुक्त चित्र देखिए। प्रतिरोधक का प्रतिरोध, ग्राफ के ढाल के बराबर होगा।
R= \(\frac{\Delta V}{\Delta I}\)
अर्थात्
दिए गए आँकड़ों से,
V 1 =3.4V, V2 = 10.2V
तथा संगत धाराएँ I1 = 1.0A
I2 = 3.0A
ΔV=V2 -V1
= 10.2 – 3.4=6.8V

ΔI= I2 -I1
= 3.0 – 1.0=2.0A
∴ प्रतिरोध R = \( \frac{\Delta \mathrm{V}}{\Delta \mathrm{I}}=\frac{6.8 \mathrm{~V}}{2.0 \mathrm{~A}}\) = 3.4Ω

प्रश्न 8.
किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
हल : दिया है : V= 12 V, I = 2.5 mA= 2.5 x 10-3A
प्रतिरोध R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{12 \mathrm{~V}}{2.5 \times 10^{-3} \mathrm{~A}}\)
=4.8 x 103 Ω या R=4.8kΩ

प्रश्न 9.
9v की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 122 के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है, 122 के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी ?
हल : दिया है-
R1 = 0.2Ω, R2 = 0.3Ω, R3 = 0.4Ω, R4 = 0.5Ω तथा R5 = 12Ω
श्रेणी संयोजन का कुल प्रतिरोध
R =R1 +R2+R3 + R4 + R5
= 0.2+0.3+0.4+0.5+ 12
R =13.4Ω

∴ परिपथ में प्रवाहित कुल धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{9}{13.4}\) = 0.67A
श्रेणी संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध से होकर इतनी ही धारा प्रवाहित होगी।
∴ 122 के प्रतिरोध में धारा = 0.67A

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प्रश्न 10.
176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत के संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो ?
हल : I=5A, V= 220 V
परिपथ की प्रतिरोधकता R=\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{220}{5} \) = 44Ω
प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध r = 176Ω
यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकताको पार्श्वक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध होगा R = r/n
या 44 = \(\frac{176}{n}\) or n=\(\frac{176}{44}\) = 4

प्रश्न 11.
यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध
(i) 9Ω, (ii) 4Ω हो।
हल :
(i) 9Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए, पहले दो प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में और इसके बाद तीसरे प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा।
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पार्श्व संयोजन का प्रतिरोध \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{6}+\frac{1}{6}=\frac{2}{6}\)
या R = \(\frac{6}{2}\) = 3Ω
यह 3 Ω का प्रतिरोध 6Ω के तीसरे प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में जुड़कर 3 + 6 = 9Ω का प्रतिरोध हो जाएगा।

(ii) 4Ω का प्रतिरोध पाने के लिए पहले 6-60 के दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा और फिर इसके पश्चात् तीसरा प्रतिरोधक इनके पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा।
6Ω – 6 Ω के दो प्रतिरोधकों के श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध 6 + 6 = 12 Ω होगा।
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∴ \(\frac{1}{R}=\frac{1}{6}+\frac{1}{12}=\frac{2+1}{12}=\frac{3}{12}\)
अत: R=\(\frac{12}{3}\) =4Ω

प्रश्न 12.
220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 w है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं ?
हल : माना n बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जाता है, तब परिपथ में कुल शक्ति व्यय
P=n x एक बल्ब की शक्ति
=n x 10 W = 10 nw होगी।
दिया है : V= 220 V, I = 5A
तब P= VI से, (10 nw = 220 V x 5A)
n = \(\frac{220 \times 5}{10}\) = 110
अर्थात् 110 बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 13.
किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियोंA तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 0 है तथा इन्हें पृथक्-पृथक्, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220 V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं ?
हल : दिया है : V = 220 V, कुंडलियों का प्रतिरोध
R1 = R2 = 24Ω
प्रथम स्थिति में : जब किसी एक कुण्डली का प्रयोग किया जाता है तो कुल प्रतिरोध
R1 = R2 = 24Ω
∴ ली गई धारा 1= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{220}{24}\) = 9.17A
द्वितीय स्थिति में : जब दोनों कुण्डलियों को श्रेणीक्रम में प्रयोग किया जाता है तब कुल प्रतिरोध
R= R1 + R2 = 48 Ω
∴ ली गई धारा I= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{220}{48}\) = 4.58 A

तृतीय स्थिति में : जब कुण्डलियों को पार्यक्रम में संयोजित किया जाता है, तब
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}=\frac{1}{24}+\frac{1}{24}=\frac{2}{24}\)
R = \(\frac{24}{2}\) = 120
∴ ली गई धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{220}{12}\) = 18.33 A

प्रश्न 14.
निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए :
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन,
(ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पावक्रम संयोजन।
हल :
(i) दिया है, V=6V 1Ω, 2Ω के श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध R= 1+2=3Ω
परिपथ में धारा I= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{6}{3}\) = 2A
श्रेणीक्रम में प्रत्येक प्रतिरोध में धारा 2A ही प्रवाहित होगी अत: 2 Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति
P1, =I2 R = (2)2 x 2 =8 W
(ii) ∵ दोनों प्रतिरोध पार्श्वक्रम में जुड़े हैं ; अतः प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच एक ही विभवान्तर 4 V होगा।
∴ 2Ω के प्रतिरोध द्वारा उपभुक्त शक्ति
P2 = \(\frac{\mathrm{V}^2}{\mathrm{R}}\)
P2 = \(\frac{(4 \mathrm{~V})^2}{2 \Omega}\) = 8W
अतः दोनों दशाओं में 2Ω प्रतिरोधक में समान शक्ति खर्च होगी।

प्रश्न 15.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है, विद्युत मेन्स के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेन्स से कितनी धारा ली जाती है ?
हल : प्रथम बल्ब के लिए V1, = 220 V, P1, = 100 W
माना इसका प्रतिरोध R1, है ता P = V2/R से, .
R1 = \(\frac{\mathrm{V}_1^2}{\mathrm{P}_1}=\frac{(220 \mathrm{~V})^2}{100 \mathrm{~W}}\) = 484 Ω
दूसरे बल्ब के लिए
V2 = 220V, P2= 60W
∴ इसका प्रतिरोध R2 = \(\frac{\mathrm{V}_2^2}{\mathrm{P}_2} \) = \(\frac{(220 \mathrm{~V})^2}{60}=\frac{2420}{3} \Omega\)
माना कि दोनों को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर संयोजन का प्रतिरोध R है, तो \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}=\frac{1}{484}+\frac{8}{2420}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{5+3}{2420}=\frac{8}{2420}\)
∴ \(\frac{1}{R}=\frac{2420}{8}\) = 302.5 Ω
∴ लाइन वोल्टेज V = 220 v
∴ लाइन से ली गई धारा I= \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{220}{302.5}\) = 0.73A

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प्रश्न 16.
किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है : 250 w का टी.वी. सेट जो एक घण्टे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है ?
हल : T.V. सेट के लिए P1, = 250 W
t1, = 1h= 60 x 60s
खर्च की गई ऊर्जा = P1 t1 = 250 x 60 x 60
=9x 105 जूल
तथा विद्युत हीटर के लिए P2 = 120 W, t2, = 10 min =600s
∴ खर्च की गई ऊर्जा = P2 x t2 = 120 x 600=7.2 x 104 जूल
अतः T.V. सेट द्वारा खर्च की गई ऊर्जा अधिक है।

प्रश्न 17.
8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेन्स से 2 घण्टे तक 15A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
हल : दिया है R=8Ω, I = 15A .
विद्युत हीटर में ऊष्मा उत्पन्न होने की दर या विद्युत हीटर की शक्ति
P=I2R
=(15)2 x 8= 1800W .

प्रश्न 18.
निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए
(a) विद्युत लैम्पों के तन्तुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-(a) विद्युत लैम्पों के तन्तुओं में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है, क्योंकि टंगस्टन के बहत पतले तार बनाए जा सकते हैं तथा टंगस्टन का गलनांक 3400°C होता है जो अन्य धातुओं की तुलना में बहुत अधिक होता है।
(b) ब्रेड-टोस्टर, विद्युत इस्तरी आदि के चालक मिश्रधातुओं के इसलिए बनाए जाते हैं, क्योंकि मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता, शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है तथा ताप वृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। इसके अलावा मिश्रधातुओं का ऑक्सीकरण भी कम होता है। फलतः मिश्रधातुओं से बने चालकों की उम्र शुद्ध धात्विक चालकों की तुलना में अधिक होती है।
(c) श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बढ़ने पर अलग-अलग प्रतिरोधकों के सिरों के बीच उपलब्ध विभवान्तर घटता जाता है। अतः परिपथ में धारा भी घटती जाती है। यदि घरों में प्रकाश करने के लिए श्रेणी सम्बद्ध व्यवस्था प्रयोग की जाए तो परिपथ में जितने अधिक संयन्त्र (बल्ब), जुड़े होंगे उनका प्रकाश उतना ही कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त श्रेणीक्रम में सभी संयन्त्र एक साथ एक ही स्विच से कार्य करेंगे व एक साथ एक ही स्विच से बंद होंगे एवं यदि कोई एक भी संयन्त्र खराब हो जाएगा तो शेष सभी उपकरण कार्य करना बन्द कर देंगे। इस कारण से घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता ।
(d) तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अर्थात् RA
(e) कॉपर तथा एलुमिनियम के तारों का प्रतिरोध न्यूनतम है। इस कारण से इनका प्रयोग विद्युत संचारण के लिए प्रयुक्त तारों में किया जाता है। ये दोनों धातुएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं एवं सस्ती भी हैं।

HBSE 10th Class Science विद्युत InText Questions and Answers

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 222)

प्रश्न 1.
विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी विद्युत धारा के सतत तथा बन्द पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।

प्रश्न 2.
विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
विद्युत धारा का S.I. मात्रक ऐम्पियर है। इसे A से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र I = \(\frac{\mathrm{Q}}{t}\) से यदि Q = 1C, 1 = 1s तब I = 1A
अतः यदि आवेश 1 कूलॉम/सेकण्ड की दर से प्रवाहित होता है तब उस चालक में प्रवाहित होने वाली धारा 1A होगी।

प्रश्न 3.
एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
हल : दिया है
Q = 1C
∵ सूत्र Q = n e से,
n = \(\frac{\mathrm{Q}}{e}=\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= \(\frac{10 \times 10^{18}}{1.6}\) = 6.25 × 1018
अतः 1 कूलॉम आवेश में 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन होंगे।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 224)

प्रश्न 1.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर-
विद्युत सेल।

प्रश्न 2.
यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1V है?
उत्तर-
इस कथन का अर्थ है कि 1C के आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1J कार्य करना होगा।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 3.
6 V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है ?
उत्तर-
बैटरी का विभवान्तर 6V अर्थात 6J/C है, अतः । हर एक कूलॉम आवेश को 6J ऊर्जा दी जाएगी।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 232)

प्रश्न 1.
किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लम्बाई 1, उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A तथा उसके पदार्थ पर निम्न प्रकार से निर्भर करता है
R ∝ l, R ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) अत: R= ρ\(\frac{1}{\mathrm{~A}}\)
जहाँ p चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता है।

प्रश्न 2.
समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है ? क्यों ?
उत्तर-
∵ तार का प्रतिरोध RC अतः मोटे तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक है अतः इसका प्रतिरोध कम होगा, इसलिए मोटे तार से धारा आसानी से प्रवाहित हो जाएगी।

प्रश्न 3.
मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवान्तर को उसके पूर्व के विभवान्तर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर-
धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) जब R नियत है तब I∝ V अर्थात् विभवान्तर का मान आधा कर देने पर धारा भी आधी हो जाएगी।

प्रश्न 4.
विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है तथा तापवृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है, इसके अतिरिक्त मिश्रातुओं का ऑक्सीकरण भी कम होता है, इस कारण से टोस्टर, इस्त्री आदि के चालक मिश्रातुओं के बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका (पृ. 298) में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए-
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा वैद्युत चालक है ?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?
उत्तर-
(a) आयरन की प्रतिरोधकता 10 x 10-8 Ω m
तथा मर्करी (Hg) की प्रतिरोधकता 94 x 10-8Ω m है। अतः आयरन (Fe), मर्करी (Hg) की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है।
(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) की प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8Ω m अर्थात् सबसे कम है ; अतः यह सर्वश्रेष्ठ चालक है।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 237)

प्रश्न 1.
किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2 V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
हल:
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत 4

प्रश्न 2.
प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
हल:
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत 5
परिपथ में जुड़े 5Ω , 8Ω , व 12Ω का तुल्य प्रतिरोध
R=R1,+R2,+R3,
=5+8+ 12 = 25Ω
∵ बैटरी में तीन सेल श्रेणीक्रम में जुड़ी हैं अतः बैटरी का विभवान्तर V=2 + 2 + 2 = 6V
∵ परिपथ में धारा I = \(\frac{V}{R}=\frac{6}{25}\) = 0.24 A
अतः अमीटर का पाठ्यांक 0.24 A होगा।
12Ω के सिरों पर जुड़े वोल्टमीटर का पाठ्यांक
V3 =IR3, = 0.24 x 12
V3= 2.88 V
अत: वोल्टमीटर का पाठ्यांक 2.88 V होगा।

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(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 240)

प्रश्न 1.
जब (a) 1Ω तथा 106 Ω
(b) 1Ω , 103 तथा 106Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के सम्बन्ध में आप क्या निर्णय करेंगे?
हल :
(a) दिया है R1, = 12,R2, = 106 = 1000000Ω
समान्तर संयोजन के सूत्र \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}\) स
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{1}+\frac{1}{1000000}\)
= \(\frac{1000000+1}{1000000}=\frac{1000001}{1000000}\)
अतः तुल्य प्रतिरोध R = \(\frac{1000000}{1000001} \) = 0.9999 Ω
अतः तुल्य प्रतिरोध, संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम प्राप्त होता है।

(b) दिया है, R1 = 1Ω, R2, = 103Ω = 1000Ω
R3= 1000000Ω
समान्तर संयोजन के सूत्र
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{1}+\frac{1}{1000}+\frac{1}{1000000}\)
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{1}+\frac{1}{1000}+\frac{1}{1000000}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{1000000+1000+1}{1000000}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{1001001}{1000000}\)
∴ तुल्य प्रतिरोध R = \(\frac{1000000}{1001001}\) = 0.999Ω
अतः तुल्य प्रतिरोध, संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम होता है।

प्रश्न 2.
100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक जल फिल्टर 200 V के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है ?
हल : विद्युत इस्तरी, तीनों उपकरणों के बराबर धारा लेती है; अत इस्तरी का प्रतिरोध, उपकरणों के समान्तर संयोजन के तुल्य प्रतिरोध के बराबर होगा।

यहाँ R1, = 100 Ω, R2,= 50 Ω तथा R3, =500 Ω
माना कि इस्तरी का प्रतिरोध R है तो समान्तर संयोजन के सूत्र से,
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}=\frac{1}{100}+\frac{1}{50}+\frac{1}{500}\)
= \(\frac{5+10+1}{500}=\frac{16}{500}\)
∴ विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध R= \(\frac{500}{16}\) = 31.25 Ω
तथा विद्युत इस्तरी द्वारा ली गई धारा
I = \(\frac{V}{R}=\frac{220}{(500 / 16)}\) = 7.04 A

प्रश्न 3.
श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने से निम्नलिखित लाभ होते हैं
(i) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर किसी भी चालक में स्विच का उपयोग करके स्वतन्त्रतापूर्वक विद्युतधारा भेजी जा सकती
(ii) उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने पर सभी उपकरणों को समान विभवान्तर प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 4.
2Ω,3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω, (b) 1Ω हो ?
हल :
(a) यहाँ R1 = 2Ω,R2,=3Ω तथा R3, =6Ω,4Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्ति हेतु 3Ω व 6Ω के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में जोड़कर उन्हें श्रेणीक्रम में चित्रानुसार जोड़ना होगा
अतः3Ω व 6Ω के पार्श्व संयोजन का प्रतिरोध यदि R’ हो, तब
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत 6
\(\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{1}{3}+\frac{1}{6}=\frac{2+1}{6}=\frac{3}{6}\)
∴ R’ = \(\frac{6}{3}\) = 2Ω
यह R’ = 2Ω का प्रतिरोध 20 के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है अतः तुल्य प्रतिरोध R= R1, + R’ = 2 + 2 = 4Ω

(b) 1 Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए तीनों प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में जोड़ना होगा।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत 7
चित्र-तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु पार्श्व क्रम संयोजन
∴ \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_1}+\frac{1}{\mathrm{R}_2}+\frac{1}{\mathrm{R}_3}\)
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{2}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6}\)
\(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{3+2+1}{6}=\frac{6}{6}\)
अतः R= 1Ω

प्रश्न 5.
4Ω,8Ω, 12 Ω तथा 24 Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम, (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके ?
उत्तर-
(a) यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा
Rs=4Ω+8Ω+ 12Ω + 24Ω=48Ω
(b) न्यूनतम प्रतिरोध पाने के लिए उपर्युक्त चारों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में रखा जाएगा।
\(\frac{1}{R_P}=\frac{1}{4}+\frac{1}{8}+\frac{1}{12}+\frac{1}{24}=\frac{6+3+2+1}{24}=\frac{12}{24}\)
Rp = \(\frac{24}{12}\) = 2 Ω

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 242) .

प्रश्न 1.
किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ?
उत्तर-
विद्युत हीटर की कुण्डली मिश्रधातु नाइक्रोम की बनी होती है। नाइक्रोम की प्रतिरोधकता ताँबे से बहुत अधिक होने के कारण कुण्डली का प्रतिरोध डोरी में प्रयुक्त ताँबे के प्रतिरोध से बहुत अधिक होता है।
विद्युत हीटर में व्यय शक्ति P = I2 R के अनुसार समान धारा I के लिए P ∝ R
अतः विद्युत हीटर कुण्डली में डोरी की तुलना में अधिक शक्ति व्यय होती है जिससे उसकी कुण्डली उत्तप्त हो जाती है जबकि डोरी उत्तप्त नहीं होती है।

प्रश्न 2.
एक घण्टे में 50 w विभवान्तर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानान्तरित करने में उत्पन्न ऊष्मा का परिकलन कीजिए।
हल : दिया है; V = 50 W, स्थानान्तरित आवेश
Q=96000 कूलॉम
आवेश के स्थानान्तरण में खर्च की गई ऊर्जा
W =OV
=96000×50=4800000J
=4.8x 106J

प्रश्न 3.
202 प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
हल : दिया है R = 20Ω, I = 5A, t=30s
∴उत्पन्न ऊष्मा (H) = I2Rt
= (5)2 x 20 x 30 = 15000 जूल
= 1.5 x 104 जूल

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 245)

प्रश्न 1.
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण विद्युत शक्ति द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 2.
`कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घण्टे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
हल : दिया है : V = 220 V, I = 5A, समय t=2 घंटे
∴ मोटर की शक्ति P= VI= 220 x 5 = 1100 W
अत: 2 घंटे में मोटर द्वारा व्यय ऊर्जा W = Pt
∴ W = 1100 Wx 2 h = 2200 Wh
W = 2.2 kWh

HBSE 10th Class Science विद्युत InText Activity Questions and Answers

क्रियाकलाप 12.1 (पा. पु. पृ. सं. 226)

प्रश्न 1.
विभवान्तर V तथ विद्युत धारा I के प्रत्येक युगल के लिए अनुपात V/I परिकलित कीजिए।
उत्तर –
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प्रश्न 2.
V तथा I के बीच ग्राफ खींचिए तथा इस ग्राफ की प्रकृति का प्रेक्षण कीजिए।
उत्तर-
इस क्रियाकलाप में हम यह पाते हैं कि प्रत्येक प्रकरण में VII का मान लगभग एक समान प्राप्त होता है। इस प्रकार V-I ग्राफ मूल बिन्दु से गुजरने वाली एक सरल रेखा होती है। 1827 में जर्मन वैज्ञानिक जार्ज साइमन ओम ने यह बताया कि “किसी धातु के तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उस तार के सिरों के बीच विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है, परन्तु तार का ताप समान रहना चाहिए” इसे ही ओम का नियम कहते हैं । ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है। ।
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चित्र निक्रोम तार के लिए V-I ग्राफ। सरल रेखीय ग्राफ यह दर्शाता है कि जैसे-जैसे तार में प्रवाहित विद्युत धारा बढ़ती है विभवान्तर रैखिकतः बढ़ता है। यही ओम का नियम है।

क्रियाकलाप 12.2. (पा. पु. पृ.सं. 228)

क्रिया विधि (Procedure)-
1. एक निक्रोम तार, एक टॉर्च बल्ब, एक 10 W का बल्ब तथा एक ऐमीटर (0-5A परिसर), एक प्लग कुंजी तथा कुछ संयोजी तार लेकर चार शुष्क सेलों (प्रत्येक 1.5 V का) को श्रेणीक्रम में संयोजित करके परिपथ में XY एक अन्तराल छोड़ देते हैं।
2. अन्तराल XY में निक्रोम के तार को जोड़कर परिपथ पूरा करके कुंजी लगाकर ऐमीटर का पाठ्यांक नोट करके प्लग कुंजी को बाहर निकाल लेते हैं।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत 10

3. अब निक्रोम तार के स्थान पर XY में टार्च बल्ब को परिपथ में जोड़कर ऐमीटर का पाठ्यांक लेकर बल्ब में प्रवाहित विद्युत धारा मापते हैं तथा XY में विभिन्न अवयवों को जोड़ने पर ऐमीटर के पाठ्यांक के भिन्न-भिन्न होने का अवलोकन करते हैं।

प्रेक्षण (Observation)-इस क्रियाकलाप से यह पता चलता है कि किसी चालक से होकर इलेक्ट्रानों की गति उसके प्रतिरोध द्वारा मन्द हो जाती है। एक ही आकार के चालकों में जिसमें प्रतिरोध कम होता है वह अच्छा चालक होता है। पर्याप्त आकार के चालकों में जो पर्याप्त प्रतिरोध आरोपित करता है, प्रतिरोधक कहलाता है।

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क्रियाकलाप 12.3. (पा. पु. पृ. सं. 229)

प्रश्न 1.
क्या विद्युत धारा चालक की लम्बाई पर निर्भर करती है?
उत्तर-
हाँ, चालक में प्रवाहित विद्युत धारा चालक की लंबाई के व्युक्रमानुपाती होती है। क्योंकि लंबाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ जाता है व धारा की मात्रा कम हो जाती है।

प्रश्न 2.
क्या विद्युत धारा उपयोग किए जान वाले तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है?
उत्तर-
हाँ, विद्युत धारा चालक के तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के समानुपाती होती है।
I ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~L}}\)
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध कम हो जाता है अत: धारा का मान बढ़ जाता है।

क्रियाकलाप 12.4. (पा. पु. पृ. सं. 234)

प्रश्न-क्या आप एमीटर के द्वारा विद्युत धारा के मान में कोई अंतर पाते हैं?
उत्तर-
ऐमीटर के पाठ्यांक में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है अतः प्रत्येक स्थिति में धारा का मान समान रहता है। अथात् श्रणी क्रम में जुड़े सभा प्रतिरोधका से समान धारा प्रवाहित होती है।

क्रियाकलाप 12.5. (पा. पु. पृ. सं. 234)

प्रश्न-श्रेणी में x वY के बीच वोल्टमीटर V1,V2, V3, लगाने पर कुल विभवान्तर क्या होगा?
उत्तर-
विभवान्तर V, अन्य विभवान्तरों V1,V2, व V3, के योग के बराबर प्राप्त होता है।
V= V1+V2 + V3,

क्रियाकलाप 12.6. (पा. पु. पृ. सं. 237)
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प्रेक्षण (Observation)-प्रेक्षण करने पर यह पाया गया कि कुल विद्युत धारा 1, संयोजन की प्रत्येक शाखा में प्रवाहित होने वाली पृथक् धाराओं के योग के बराबर है।
∴ I= I1+I2+I3

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