Author name: Prasanna

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किस प्रकार के जनन में अधिक सफल विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर-
लैंगिक जनन में अधिक सफल विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2.
प्राणी की दूसरी पीढ़ी में क्या विशेषताएँ दिखाई देती हैं?
उत्तर-
अपने से पहली पीढ़ी से प्राप्त विभिन्नताएँ तथा उनसे कुछ नई विभिन्नताएँ, दूसरी पीढ़ी में दिखाई देती हैं।

प्रश्न 3.
जैव विकास प्रक्रम का आधार क्या बनता
उत्तर-
पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्त (variants) ।

प्रश्न 4.
क्या सभी स्पीशीज में सभी विभिन्नताओं के अस्तित्व बने रहने की सम्भावना एक समान होती है?
उत्तर-
नहीं, प्रकृति के अनुसार विभिन्नताएँ अलगअलग होंगी।

प्रश्न 5.
मानव के लक्षणों की वंशानुगति का नियम किस बात पर आधारित है?
उत्तर-
माता और पिता दोनों समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ अपनी सन्तान को स्थान्तरित या संचरित करते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 6.
मेण्डल के एक प्रयोग में बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद पुष्यों वाले मटर के पौधों से कराया गया। F1 संतति में क्या परिणाम प्राप्त होंगे? (CBSE 2018)
उत्तर-मेण्डल के प्रयोगानुसार जब बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद पुष्पों वाले मटर के पौधों से करवाया जाएगा तो F, संतति में सभी बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधे प्राप्त होंगे।

प्रश्न 7.
मेण्डल ने लम्बे मटर के पौधे और बौने मटर के पौधे लिए और इनमें संकरण द्वारा F1 संतति उत्पन्न की। उन्होंने इस संतति F2 में क्या प्रेक्षण किया? (CBSE 2018)
उत्तर-
F1 संतति के सभी मटर के पौधे लम्बे होंगे।

प्रश्न 8.
प्रभाविता क्या है?
उत्तर-
प्रथम पीढ़ी में प्रदर्शित लक्षण, प्रभाविता कहलाता है।

प्रश्न 9.
अप्रभाविता क्या है?
उत्तर-
प्रथम पुत्रीय पीढ़ी में छिपा रहने वाला लक्षण अप्रभाविता है।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए चित्र में कौन-सा लक्षण प्रभावी है व कौन सा अप्रभावी है ?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 1
पुष्प का गुलाबी रंग प्रभावी लक्षण है एवं सफेद रंग अप्रभावी है।

प्रश्न 11.
प्रोटीन का जीन क्या है?
उत्तर-
डी.एन.ए. का वह भाग जिसमें किसी प्रोटीन के संश्लेषण के लिए सूचना होती है, उसे प्रोटीन का जीन कहते हैं।

प्रश्न 12.
प्रत्येक कोशिका में गुणसूत्र की कितनी प्रतिकृति होती हैं?
उत्तर-
दो प्रतिकृति। एक नर से तथा दूसरी मादा से प्राप्त होती है।

प्रश्न 13.
पुरुषों में कौन-से लैंगिक गुणसूत्र पाये जाते
उत्तर-
पुरुषों में लैंगिक गुणसूत्र X तथा Y होते हैं।

प्रश्न 14.
स्त्रियों में कौन-से लैंगिक गुणसूत्र होते
उत्तर-
स्त्रियों में लैंगिक गुणसूत्र XX होते हैं।

प्रश्न 15.
यदि पक्षी हरी पत्तियों की झाड़ियों में लाल एवं हरे ,गों में से हरे भृगों को न देख सकें तो परिणाम क्या होगा?
उत्तर-
हरे ,गों की संतति लगातार बढ़ती जाएगी और लाल ,गों की संख्या लगातार कम होती जाएगी।

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प्रश्न 16.
जैव विकास की परिकल्पना का सार क्या है?
उत्तर-
किसी समष्टि में कुछ जीवों की आवृत्ति पीढ़ियों में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
अभिलक्षण क्या है ?
उत्तर-
विशेष स्वरूप या विशेष प्रकार्य अभिलक्षण कहलाता है।

प्रश्न 18.
लैंगिक कोशिकाओं के डी. एन. ए. में कौन-से परिवर्तन नहीं किए जा सकते हैं?
उत्तर-
कायिक ऊतकों में होने वाले परिवर्तन।

प्रश्न 19.
किन दो वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर सिद्ध किया था कि जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ था जो जीवन के लिए आवश्यक थे ?
उत्तर-
स्टेनले मिलर तथा हेराल्ड यूरे ने।

प्रश्न 20.
अभिलक्षण के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  1. पौधों में श्वसन होता है।
  2. हमारे दो हाथ तथा दो पैर होते हैं।

प्रश्न 21.
जीवाश्म किसे कहते हैं ?
उत्तर-
चट्टानों में जीवधारियों के परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं।

प्रश्न 22.
समजात अंगों का एक उदाहरण लिखिए। (मा. शि. बो. 2012)
उत्तर-
पक्षी के पंख तथा मनुष्य का हाथ।

प्रश्न 23.
समवृत्ति अंगों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पक्षियों के पंख तथा तितली के पंख।

प्रश्न 24.
आनुवंशिकता किसे कहते हैं?
उत्तर-
जीवों में जनकीय लक्षणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशागत होने को आनवंशिकता कहते हैं।

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प्रश्न 25.
विभिन्नता किसे कहते हैं?
उत्तर-
समान माता-पिता और समान जाति होने पर भी सन्तानों में रंग-रूप, बुद्धिमत्ता, कद आदि में अन्तर पाया जाता है। इसे विभिन्नता कहते हैं।

प्रश्न 26.
किसी परिवार में लड़कियों का बार-बार उत्पन्न होना कई लोगों की दृष्टि में माँ के कारण होता है। क्या आप इस बात से सहमत हैं?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि लिंग का निर्धारण पिता के गुणसूत्रों के कारण होता है।

प्रश्न 27.
बायोजेनेटिक नियम क्या है?
उत्तर-
जीव-जन्तु भ्रूण-विकास के समय अपने पूर्वजों के जातीय विकास की उत्तरोत्तर अवस्थाओं को दर्शाते हैं। इसे बायोजेनेटिक नियम कहते हैं।

प्रश्न 28.
सरीसृपों तथा स्तनधारियों के बीच संयोजक कड़ी का नाम लिखिए।
उत्तर-
बत्तख चौंच प्लेटीपस (Duckbilled Platepus)।

प्रश्न 29.
मानव शरीर में उपस्थित कुछ अवशेषी अंगों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  • निमेषक पटल की झिल्ली।
  • अकल दाढ़।
  • पुरुषों में चूचुक व छाती के बाल।

प्रश्न 30.
उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
जीवधारियों में अकस्मात होने वाले परिवर्तनों को उत्परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 31.
फॉसिल डेटिंग क्या है? (RBSE 2016)
उत्तर-
वह विधि जिसके द्वारा जीवाश्मों की आयु का निर्धारण किया जाता है, फॉसिल डेटिंग कहलाती है।

प्रश्न 32.
जंगली गोभी से किन-किन सब्जियों का विकास हुआ?
उत्तर-
पत्तागोभी, फूलगोभी, केल।

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प्रश्न 33.
मनुष्य का जन्तु वैज्ञानिक नाम लिखिए।
उत्तर-
होमो सेपियन्स (Homo sapiens)।

प्रश्न 34.
जीन्स कहाँ स्थित होते हैं? उत्तर-गुणसूत्रों पर। प्रश्न 35. अर्धगुणसूत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
कोशिका विभाजन की मध्यावस्था के समय गुणसूत्रों के लम्बाई में विभाजित होने पर बने गुणसूत्रों को अर्धगुणसूत्र कहते हैं।

प्रश्न 36.
ट्रांसजीनी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-
ऐसे जीवधारी जो एक बाह्य डी.एन.ए. से जीन धारण करते हैं उन्हें ट्रांसजीनी जीव या आनुवंशिक रूपांतरित जीव कहते हैं।

प्रश्न 37.
एक संकर प्रसंकरण से आप क्या समझते
उत्तर-
जिस प्रसंकरण में केवल एक ही जोड़ी लक्षणों का चयन किया जाता है, एक संकर प्रसंकरण कहलाता है।

प्रश्न 38.
ए.आई.ओपेरिन ने कौन-सा मत प्रस्तुत किया था?
उत्तर-
ए. आई. ओपेरिन के अनुसार जीवन का उद्भव समुद्र के अन्दर रासायनिक पदार्थों के संयोजन से हुआ।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जैव विविधता क्या है? इसके विभिन्न स्तर कौन से हैं ?
उत्तर-
जैव विविधता (Biodiversity)-पृथ्वी पर जन्तुओं एवं पेड़-पौधों की लाखों प्रजातियाँ पायी जाती हैं। इन सभी में संरचनात्मक एवं क्रियात्मक अन्तर पाए जाते हैं, इन अन्तरों को ही जैव विविधता कहते हैं।

जैव विविधता के विभिन्न स्तर निम्नलिखित हैं-

  • आनुवंशिक विविधता
  • प्रजाति विविधता
  • पारितान्त्रिक विविधता।।

प्रश्न 2.
जीवों में विभिन्नताएँ किस प्रकार उत्पन्न होती
उत्तर-
जीवों में विभिन्नताएँ निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न होती हैं

  1. अन्तर्निहित प्रवृत्ति-लैंगिक जनन के दौरान पैतृक गुणसूत्र एवं मातृक गुणसूत्रों के बीच जीन विनिमय होता है इस दौरान युग्मक बनते समय कुछ परिवर्तन उत्पन्न हो जाते हैं इसलिए लैंगिक जनन में विविधता अन्तर्निहित हो जाती है।
  2. DNA की प्रतिकृति बनाने में उत्परिवर्तन-DNA की प्रतिकृति बनते समय इसमें कुछ त्रुटि रह जाती है। इसके फलस्वरूप संतति जीव में अत्यधिक विविधता उत्पन्न होती

प्रश्न 3.
आनुवंशिकता की परिभाषा लिखिए। आनुवंशिकता के सम्बन्ध में मेण्डल का क्या योगदान है?
उत्तर-
जीव-विज्ञान की वह शाखा जिसमें एक जीव के लक्षणों का उसकी संतति में वंशागत होने तथा उसमें उत्पन्न विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। ग्रेगर जॉन मेण्डल ने मटर के पौधों पर अपने प्रयोग किये तथा वंशागति के नियम प्रतिपादित किए। उन्होंने अपने कार्यों को सन् 1866 में “ब्रुन सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री” में प्रकाशित कराया। मेण्डल के कार्यों के आधार पर उन्हें आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है।

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प्रश्न 4.
मेण्डल के कार्य का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-
आस्ट्रिया के निवासी ग्रेगर जॉन मेण्डल (18221884) ने गिरजाघर के उद्यान में मटर के पौधों पर अनेकों प्रयोग किये। उन्होंने मटर के सात जोड़ी विपर्यासी लक्षणों को चुना, जैसे-पौधे की ऊँचाई, पुष्प का रंग, बीज की आकृति, पुष्पों की स्थिति, बीजों का रंग, फली का आकार, तथा फली का रंग। मेण्डल ने विभिन्न गुणों के पौधों के बीच संकरण के प्रयोग किये तथा तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि पौधों में पाये जाने वाले लक्षणों का नियन्त्रण विशेष इकाइयों (कारक) द्वारा होता है। ये कारक ही बाद में ‘जीन’ कहलाए। मेण्डल के योगदान के आधार पर इन्हें आनुवंशिकी का पिता या जनक कहते हैं।

प्रश्न 5.
मेण्डल के आनुवंशिकता के प्रभाविता (प्रबलता) के नियम को समझाइए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रभाविता का नियम-जब एक जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले पौधों के बीच संकरण कराया जाता है तो प्रथम पीढ़ी में इनमें से केवल एक लक्षण परिलक्षित अथवा प्रकट होता है तथा दूसरा छिप जाता है। प्रकट होने वाला लक्षण प्रभावी तथा छिपा हुआ लक्षण अप्रभावी होता है। समयुग्मजी समयुग्मजी पैतृक (शुद्ध लंबे पौधे) ।
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प्रश्न 6.
उस पादप का नाम लिखिए जिसका उपयोग मेण्डल ने अपने प्रयोगों में किया था। जब उन्होंने लम्बे और बौने पादपों का संकरण कराया तो उन्हें F1, और F2, पीढ़ियों में संततियों के कौन से प्रकार प्राप्त हुए? F2 पीढ़ी में उन्हें प्राप्त पौधों में अनुपात लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
मेण्डल ने अपने प्रयोगों में मटर (pisum sativum) के पादप का उपयोग किया। F1 पीढ़ी में सभी पादप लम्बे तथा F2 पीढ़ी में लम्बे तथा बौने दोनों प्रकार के पादप प्राप्त हुए। चूँकि F2 पीढ़ी में 3 पादप लम्बे तथा 1 पादप छोटा प्राप्त हुआ इसलिए F2 पीढ़ी में प्राप्त पादपों का अनुपात 3 : 1 है। .
अथवा
प्रत्येक का एक-एक उदाहरण देते हुए उपार्जित और आनुवंशिक लक्षणों के बीच दो अन्तरों की सूची बनाइए।
उत्तर-

उपार्जित लक्षणआनुवंशिक लक्षण
(i) ये लक्षण जीव द्वारा अपने जीवनकाल में अपने शरीर में विकसित किये जाते हैं।ये लक्षण जीव को अपने माता-पिता से आनुवांशिक रूप में प्राप्त होते हैं।
(ii) ये लक्षण जनन कोशि- काओं के जीनों में परिवर्तन नहीं लाते हैं।ये लक्षण जनन कोशि काओं के जीनों में परिवर्तन लाते हैं।
(iii) उदाहरण : लम्बे समय तक भूखे रहने के कारण शरीर के भार में कमी होना।उदाहरण : बालों का रंग, आँख की पुतली का रंग।

प्रश्न 7.
किसी एकल जीव द्वारा अपने जीवनकाल में उपार्जित लक्षण अगली पीढ़ी में वंशानुगत क्यों नहीं होते? व्याख्या कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
एक जीव के ऐसे लक्षण (अथवा विशेषता) जो वंशानुगत नहीं होते परंतु वातावरण की प्रतिक्रियास्वरूप उसके द्वारा अपने जीवनकाल में उपार्जित किए जाते हैं, उपार्जित लक्षण कहलाते हैं। जीव के उपार्जित लक्षण उसकी भावी पीढ़ियों में वंशानुगत नहीं होते क्योंकि ये लक्षण उस व्यक्ति या जीव की जनन कोशिकाओं के डी.एन.ए. में परिवर्तन नहीं ला पाते।
उदाहरण : एक खिलाड़ी द्वारा अपने खेल को खेलने के लिए अपनी मांसपेशियों को विशेष प्रकार से तैयार करना। ऐसे लक्षणों को उपार्जित लक्षण कहते हैं।

प्रश्न 8.
किसी दिए गए हरे तने वाले गुलाब के पौधे को GG से दर्शाया गया है तथा भूरे तने वाले गुलाब के पौधे को gg से दर्शाया गया है। इन दोनों पौधों के बीच संकरण कराया गया है।
(a) नीचे दिए गए अनुसार अपने प्रेक्षणों की सूची बनाइए :
(i) इनकी F1 संतति में तने का रंग,
(ii) यदि F1 संतति के पौधों का स्व:परागण कराया जाए तो F2 संतति में भूरे तने वाले पौधों की प्रतिशतता,
(iii) F2 संतति में GG और Gg का अनुपात।
(b) इस संकरण की जांच के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
उत्तर-
(a)
(i) F1 संतति में तने का रंग हरा होगा।
(ii) F2 संतति में भूरे तने वाले पौधे की प्रतिशतता 25% होगी।
(iii) F2 संतति में GG और Gg का अनुपात 1 : 2 होगा।

(b) इस संकरण के आधार पर हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि गुलाब के पौधे में तने का हरे रंग का लक्षण प्रभावी लक्षण है जबकि तने के भूरे रंग का लक्षण अप्रभावी लक्षण है। ये दोनों लक्षण एक-दूसरे में समाते नहीं हैं परन्तु अगली संतति में एक-दूसरे से अलग-अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 9.
एक जीनी वंशागति तथा बहुजीनी वंशागति में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
एक जीनी वंशागति तथा बहुजीनी वंशागति में अन्तर-

एक जीनी वंशागतिबहुजीनी वंशागति
1. एक जोड़ी जीन के माध्यम से एक जीनी वंशागति बनती है।1. अनेक जोड़ी जीनों के माध्यम से बहुजीनी वंशागति बनती है।
2. जनक स्पष्टतः दो लक्षण प्ररूपी वर्गों के अन्तर्गत आते हैं।2 शद्ध नस्ल वाले नक दो लक्षण प्ररूपी वर्गों के अन्तर्गत आते हैं।
3. प्रथम पीढ़ी की सभी संततियों में केवल प्रभावी लक्षण दिखाई देते हैं क्योंकि एक जीन पूर्ण रूप से दूसरे जीन पर प्रभावी होते हैं।3. प्रथम पीढ़ी की संततियाँ किसी भी जनक के साथ मिलती-जुलती नहीं होती वरन् उनमें मध्यवर्ती लक्षण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
पौधों में मात्रात्मक वंशागति सम्बन्धी एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
इसके लिए नर एवं मादा पौधों या पुष्पों का चयन किया जा सकता है। कृत्रिम परागण द्वारा उनके निषेचन का नियन्त्रण भी किया जा सकता है। प्रत्येक संकरण से असंख्य संततियाँ उत्पन्न होती हैं। अतः परिणामों का सांख्यिकीय विश्लेषण करना आसान हो जाता है। गेहूँ के दानों का रंग गहरे लाल रंग से सफेद रंग के बीच मध्यवर्ती रंग, तीन जोड़ी जीनों के कारण उत्पन्न होता है।

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प्रश्न 11.
नयी जाति (स्पीशीज़) के उद्भव में कौन-से कारक सहायक हैं? समझाइए। [राज. 2015]
उत्तर-
नयी जाति के उद्भव में निम्नलिखित कारक सहायक हैं-

  • लैंगिक प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न परिवर्तन
  • आनुवंशिक अपवहन
  • प्राकृतिक चयन
  • दो उपसमष्टियों का एक-दूसरे से भौगोलिक प्रथक्करण। इसके कारण समष्टियों के सदस्य परस्पर प्रजनन नहीं कर पाते।

प्रश्न 12.
बहुभुक्षण (Starvation) के कारण यदि किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो क्या इस कारण से उसकी अगली पीढ़ी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव पड़ेगा? क्यों?
उत्तर-
यदि बहुभुक्षण (भोजन की कमी) के कारण किसी प्राणी के भार में अत्यधिक कमी आ जाती है तो उसकी अगली पीढ़ी पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका प्रभाव केवल कायिक ऊतकों पर ही होगा और कायिक ऊतकों पर होने वाले परिवर्तन लैंगिक कोशिकाओं के DNA में वंशागत नहीं होते हैं। अत: बहुभुक्षण का अगली पीढ़ी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 13.
उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? ये जैव विकास में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर-
जीवों में अकस्मात् लक्षणों में होने वाले परिवर्तनों को उत्परिवर्तन कहते हैं। उत्परिवर्तन वंशागत होते हैं तथा इनके द्वारा नई-नई जातियों की उत्पत्ति होती है। ह्यूगो डी वीज के उत्परिवर्तन सिद्धान्त के अनुसार नई जातियों की उत्पत्ति छोटी-छोटी क्रमिक भिन्नताओं के कारण नहीं होती बल्कि उत्परिवर्तन के फलस्वरूप नई जातियों की उत्पत्ति होती है। जैव विकास का मूल आधार विभिन्नताएँ होती हैं। विभिन्नताएँ पर्यावरण के प्रभाव से या जीन ढाँचों में परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न होती हैं। ह्यूगो डी वीज ने. वंशागत विभिन्नताओं की उत्पत्ति का मूल कारण उत्परिवर्तन को बताया। अत: उत्परिवर्तन जैव विकास में सहायक होते |

प्रश्न 14.
डार्विन कौन थे? उन्होंने जैव विकास के अध्ययन के सम्बन्ध में क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन (1809-1882) ब्रिटेन के एक प्रसिद्ध प्रकृतिवादी वैज्ञानिक थे। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में बीगल नामक जहाज पर विभिन्न देशों के विभिन्न जीवजन्तुओं का अध्ययन किया। उन्होंने विकास के सम्बन्ध में प्राकृतिक वरण (Natural selection) का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। उन्होंने 1859 में जैव विकास के सम्बन्ध में एक लेख अपनी पुस्तक प्राकृतिक वरण द्वारा जातियों की उत्पत्ति में प्रकाशित किया।

प्रश्न 15.
“अध्ययन के दो क्षेत्र-‘विकास’ और ‘वर्गीकरण’ परस्पर जुड़े हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
जीवों का वर्गीकरण उनकी कुछ मिलती-जुलती समानताओं तथा अंतरों पर आधारित है। जीवों की समानता उनके समूह निर्माण में सहायक है। समूहों से उनका वर्गीकरण सरलता से किया जा सकता है। कुछ जीवों में कुछ आधारभूत विशेषताएँ समान हो सकती हैं। दो संततियों में जितनी विशेषताएँ समान होंगी, वे संततियाँ उतनी ही निकटता से एक-दूसरे से संबंधित होंगी। जितना निकट संबंध उन दोनों संततियों में होगा उससे उनके एक ही पूर्वज के होने का प्रमाण मिलेगा। अतः हम यह कह सकते हैं कि संततियों का वर्गीकरण उनके जैव-विकासीय संबंधों को दर्शाता है।

प्रश्न 16.
समजात संरचनाएँ क्या होती हैं? कोई उदाहरण दीजिए। क्या यह आवश्यक है कि समजात संरचनाओं के पूर्वज सदैव ही समान हों? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
समजात संरचनाएँ-वे अंग जो मूल रूप से अलग-अलग जीवों में एक जैसी संरचना वाले होते हैं, परन्तु उनमें उनके कार्य अलग-अलग होते हैं, समजात संरचनाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण-मनुष्य की बाज, मेंढक की अगली टांगें, घोड़े की अगली टांगें आदि।हाँ, यह आवश्यक है कि समजात संरचनाओं वाले विभिन्न प्रकार के जीवों के पूर्वज सदैव समान होते हैं क्योंकि ऐसे जीव जैव विकास होने के कारण एक -दूसरे से अलग प्रकार के जीव बन गए, परन्तु अपने समान पूर्वजों के समजात अंगों को उसी रूप में अपनी अगली पीढ़ियों में ले जाते चले गए हैं।

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प्रश्न 17.
(a) निम्नलिखित का समजात अंग और समरूप अंग में वर्गीकरण कीजिए :
(i) ब्रोकोली और पत्तागोभी
(ii) अदरक और मूली
(iii) पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाहु
(ii) चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख।
(b) उस प्रमुख लक्षण का उल्लेख कीजिए जो दिए गए अंगों के युगल का वर्गीकरण समजात अथवा समरूप अंगों में करता है।
(CBSE 2020)
उत्तर-
(a)

  • ब्रोकोली और पत्तागोभी समजात अंग हैं।
  • अदरक और मूली समरूप अंग हैं।
  • पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाहु समजात अंग हैं।
  • चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख समरूप अंग हैं।

(b) यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना एक जैसी होती है, परन्तु वह कार्य अलग करते हैं तो वे समजात अंग होंगे। यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना अलग-अलग है, परन्तु वह अंग उन जीवों में कार्य एक जैसा करते हैं तो वे समरूप अंग होंगे।

प्रश्न 18.
“व्यक्ति-वृत्त में जाति-वृत्त की पुनरावृत्ति होती है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
जीवधारी के भ्रूणीय परिवर्तन के समय उसके विकास क्रम की पुनरावृत्ति होती है अतः इसे पुनरावृत्ति का सिद्धान्त (Recapitulation theory) कहते हैं। इस सिद्धान्त का प्रतिपादन अर्नेस्ट हेकल ने किया। इसके अनुसार, जीवधारी व्यक्ति वृत्त (भ्रूणीय विकास) में पूर्वजों के विकासीय इतिहास को दोहराता है। उदाहरण के लिए, किसी स्तनधारी भ्रूण के परिवर्तन के समय भ्रूणावस्था पहले मछली से, फिर उभयचर से तथा उसके बाद सरीसृप से मिलती है। हेकल के अनुसार, प्रत्येक जीव भ्रूण परिवर्तन या व्यक्ति वृत्त मे जाते-वृत्त की पुनरावृत्ति करता है। इस सिद्धान्त को हैकल का प्रजाति-आवर्तन नियम भी कहते हैं।

प्रश्न 19.
समजात तथा समवृत्ति अंगों में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए। (नमूना प्र. प. 2012, CBSE 2015)
उत्तर-
समजात तथा समवृत्ति अंगों में अन्तर-

समजातसमवृत्ति अंग
(i) ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में एक समान होते है।ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में भिन्न होते हैं।
(ii) इन अंगों की कार्यिकी आकारिकी में अन्तर होता हैं।इन अंगों की कार्यिकी समान होने के कारण ये समान दिखाई देते हैं।
(ii) इनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं।इनके कार्य समान हो सकते हैं।
उदाहरण-मेंढ़क के अग्र पाद, पक्षी के पंख तथा मनुष्य के हाथ।उदाहरण-पक्षी तथा कीट के पंख।

प्रश्न 20.
समजात तथा समवृत्ति अंगों के चित्र द्वारा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 21.
आर्कियोप्टेरिक्स को सरीसृप तथा पक्षी वर्ग के बीच की कड़ी क्यों माना जाता है?
उत्तर-
आर्कियोप्टेरिक्स में सरीसृप तथा पक्षियों दोनों के लक्षण समान पाये जाते थे। इसलिए इसे संयोजक कड़ी माना जाता है।

यह लक्षण निम्न प्रकार से हैं सरीसृपों के लक्षण-

  • इनकी पूँछ लम्बी होती थी।
  • जबड़े में दाँत उपस्थित थे।
  • लम्बे नुकीले नखरयुक्त तीन उँगलियाँ थीं।
  • शरीर छिपकली के समान था।

पक्षियों के गुण –

  • शरीर पर पंख उपस्थित थे
  • चोंच उपस्थित थी।
  • अग्र पाद पक्षियों की भाँति थे।

प्रश्न 22.
गोभी का रूपान्तरण विभिन्न सब्जियों में कैसे हुआ? समझाइए।
उत्तर-
लगभग 2000 वर्ष पूर्व से ही मनुष्य जंगली गोभी को एक खाद्य पौधे के रूप में उगाता रहा है। जंगली गोभी से ही मनुष्य ने चयन द्वारा विभिन्न सब्जियों को विकसित किया है। यह वास्तव में प्राकृतिक वरण न होकर कृत्रिम चयन था। कुछ किसान चाहते थे कि इसकी पत्तियाँ पास-पास हों, फलस्वरूप पत्ता गोभी का कृत्रिम चयन किया गया। कुछ किसान पुष्पों की ऊँचाई को रोकना चाहते थे अतः फूल गोभी विकसित हुई। कुछ ने फूले हुए तने के भाग का चयन किया जिससे गाँठ गोभी विकसित हुई। इसके अलावा कुछ लोगों ने चौड़ी पत्तियों का चयन किया जिससे ‘केल’ नामक सब्जी की उत्पत्ति हुई। .विकास को प्रगति के समान नहीं मानना चाहिए।

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प्रश्न 23.
क्या ऐसा मानना उचित होगा कि मानव का विकास चिम्पैंजी से हुआ?
उत्तर-
नहीं, यह मानना उचित नहीं है। बहुत समय पूर्व मानव और चिम्पैंजी के पूर्वज एक समान थे या एक ही थे। वे पूर्वज न तो मानव जैसे थे और न ही चिम्पैंजी जैसे। एक ही पूर्वज से आदि मानव और आदि चिम्पैंजी का विकास हुआ था। समय एवं परिस्थितियों के अनुसार आदि मानव से आधुनिक मानव और आदि चिम्पैंजी से आधुनिक चिम्पैंजी का विकास हुआ।

प्रश्न 24.
जैव विकास हुआ है इसे निम्नलिखित द्वारा कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए : (CBSE 2018, RBSE 2016)
(a) समजात अंग;
(b) समरूप अंग;
(c) जीवाश्म
उत्तर-
(a) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना अलग-अलग जीवों में एक जैसी होती है परन्तु इनका इन जीवों में कार्य भिन्न-भिन्न होता है।
उदाहरण-मनुष्य की बांहे, घोड़े व शेर आदि की अगली टांगें एक-दूसरे के समजात अंग हैं। इनके बुनियादी ढाँचे से पता चलता है कि ये एक ही पूर्वजों से विकसित हुए हैं।

(b) समरूप अंग-वे अंग, जो अलग-अलग जीवों में कार्य तो एक जैसा करते हैं परन्तु उनकी मूल संरचना एक-दूसरे से भिन्न होती है, समरूप अंग कहलाते हैं।
उदाहरण-पक्षियों, चमगादड़ों तथा कीटों के पंख समरूप अंग हैं। इन अंगों के अध्ययन से पता चलता है कि इनमें तो समानता है परन्तु इनके डिज़ाइन और संरचना बहुत अलग है।

(c) जीवाश्म-लुप्त हुए जीवों के अंगों के कुछ अवशेष अथवा चट्टानों पर पाये जाने वाले उनके अंगों के छाप जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्मों के अध्ययन से जैव विकास होने के प्रमाण मिलते हैं तथा यह पता चलता है कि सरल जीवों से ही जटिल जीवों का विकास हुआ है। उदाहरण-आर्कियोप्टेरिक्स जीवाश्म के अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि उसमें कुछ गुण सरीसृप वर्ग के तथा कुछ गुण पक्षी वर्ग के विकसित हुए थे। इससे पता चलता है कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जाति उद्भवन से क्या तात्पर्य है? जाति उद्भवन के लिए उत्तरदायी चार कारकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन स्वपरागित स्पीशीज़ के पादपों के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
एक जाति के जीवों में जैव विकास में हुए परिवर्तनों के कारण, एक नई जाति के जीवों के बनने को जाति उद्भव कहते हैं।
जाति उद्भव के चार कारक :

  1. एक ही जाति के जीवों में परिवर्तनशील वातावरण में रहने के लिए अपने शरीर के लक्षणों में कुछ परिवर्तन लाना।
  2. एक ही जाति की समष्टियों का भौगोलिक रूप से विलग होना।
  3. एक ही जाति की समष्टियों में आनुवंशिक विचलन।
  4. एक ही जाति के जीवों में आए शारीरिक परिवर्तनों का अगली संतति में जाने के लिए प्राकृतिक चयन।

एक ही जाति की समष्टियों में आनुवांशिक विचलन, स्वपरागित स्पीशीज़ के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे पादपों में कभी भी आनुवांशिक विचलन संभव नहीं है।

प्रश्न 2.
मटर के उन दो स्थूल रूप से दिखाई देने वाले लक्षणों की सूची बनाइए जिनका अध्ययन मेण्डल ने अपने प्रयोगों में किया था। मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर-
मेण्डल द्वारा अध्ययन किए गए मटर के पौधे के स्थूल रूप से दिखाई देने वाले दो लक्षण है
(i) लम्बे तथा बौने पौधे।
(ii) गोल तथा झुर्शीदार बीज।
मेण्डल ने जब मटर के एक लम्बे पौधे का मटर के एक बौने पौधे के साथ संकरण करवाया तो उसने देखा की F1 संतति के सभी पौधे लम्बे होते हैं। जब F1 संतति के पौधों के बीच स्वनिषेचन करवाया गया तो F2 संतति में लम्बे तथा बौने पौधों का अनुपात 3 : 1 था। इससे पता चलता है कि लम्बे पौधे का लक्षण, बौने पौधे के लक्षण पर प्रभावी है अर्थात् प्रभावी लक्षण के सामने, F1 संतति में बौना लक्षण स्वयं को दर्शाने में सक्षम नहीं था।

उपरोक्त स्थिति को प्रवाह आरेख की सहायता से दर्शाया जा सकता है:
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 4

प्रश्न 3.
मेण्डल के स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
उत्तर-
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment)-इसके अनुसार दो जोड़ी विपर्यासी (Contrasting) लक्षणों वाले दो पौधों के बीच संकरण (Cross) कराया जाता है तो इन लक्षणों का पृथक्करण स्वतन्त्र रूप से होता है। एक लक्षण की वंशागति दूसरे को प्रभावित नहीं करती है।

उदाहरण के लिए; जब मेण्डल ने गोल एवं पीले बीज वाले पौधे का संकरण झरींदार एवं हरे बीज वाले पौधे के साथ कराया तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे गोल एवं पीले बीज वाले उत्पन्न हुए। जब F1 पीढ़ी के पौधों में स्वपरागण होने दिया तो F2 पीढ़ी में चार प्रकार के पौधे उत्पन्न हुए जिन्हें आगे चैकरबोर्ड में दर्शाया गया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 5
इस चैकरबोर्ड से F2 पीढ़ी में निम्न परिणाम प्राप्त हुए-

  • 9 पौधे गोल एवं पीले बीज वाले,
  • 3 पौधे गोल एवं हरे बीज वाले,
  • 3 पौधे झुरींदार एवं पीले बीज वाले,
  • 1 पौधा झुरींदार एवं हरे बीज वाला।

अतः उपर्युक्त प्रयोग से लक्षणों का स्वतन्त्र अपव्यूहन प्रकट हो जाता है।

प्रश्न 4.
DNA की संरचना तथा महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल (DNA)-
डी.एन.ए. की खोज सर्वप्रथम फ्रेड्रिक मीशर ने की थी। सुकेन्द्रकी कोशिकाओं में यह केन्द्रक के अन्दर पाया जाता है। इसकी अल्प मात्रा माइटोकॉण्ड्रिया तथा क्लोरोप्लास्ट में भी होती है। डी.एन.ए. न्यूक्लिओटाइड एकलकों की बनी लम्बी शृंखलाओं का बना होता है। प्रत्येक न्यूक्लिओटाइड में एक पेन्टोज शर्करा (डिऑक्सीराइबोज) का अणु, एक फॉस्फोरिक अम्ल अणु तथा एक नाइट्रोजनी क्षारक (एडेनीन, ग्वानीन, साइटोसीन तथा थाइमीन में से कोई एक) होता है। DNA की आण्विक संरचना-वाटसन तथा क्रिक ने DNA की संरचना का द्वि-रज्जुकी मॉडल प्रस्तुत किया।

इस मॉडल के अनुसार-

  • DNA, द्विचक्राकार रचना (double helical structure) है, जिसमें पॉलीन्यूक्लिओटाइड की दोनों श्रृंखलाएँ एक अक्ष रेखा पर एक-दूसरे के विपरीत दिशा में कुंडलित अथवा रस्सी की भाँति ऐंठी हुई होती हैं।
  • दोनों श्रृंखलाओं का निर्माण फॉस्फेट एवं शर्करा के अनेक अणुओं के मिलने से होता है। नाइट्रोजनी क्षारक श्रृंखला के पार्श्व में होते हैं।
  • डी.एन.ए. के प्रत्येक अणु में पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रृंखलाएँ प्रतिसमान्तर होती हैं।
  • फॉस्फेट तथा शर्करा अणु एक सीढ़ी की भाँति रीढ़ बनाते हैं, जबकि क्षारक सीढ़ी में पग दण्डों का कार्य करते
  • दोनों शर्करा-फॉस्फेट श्रृंखलाओं के बीच दुर्बल हाइड्रोजन बन्ध होते हैं।
  • एडीनीन तथा थाइमीन के बीच द्वि-हाइड्रोजन बन्ध (≡) तथा ग्वानीन एवं साइटोसीन के बीच त्रि-हाइड्रोजन (=) बन्ध होते हैं।
  • डी.एन.ए. की दोनों श्रृंखलाएँ सर्पिलाकार रूप से ऐंठी हुयी होती हैं जिनका व्यास 20Ā होता है।
  • दो नाइट्रोजनी क्षारकों के बीच 3.4 A की दूरी होती
  • DNA के प्रत्येक मोड़ में 10 न्यूक्लिओटाइड जोड़ियाँ होती हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 6

DNA का अणुमॉडल। DNA का महत्त्व –

  • डी.एन.ए. का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य, आनुवंशिक सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाना है।
  • डी.एन.ए. कोशिका की सभी जैविक क्रियाओं का नियन्त्रण करता है।
  • DNA प्रतिकृतिकरण द्वारा कोशिका विभाजन की क्रिया सम्पन्न होती है।
  • DNA से mRNA का संश्लेषण होता है जो प्रोटीन का संश्लेषण करने में सूचनाओं का वहन करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 5.
(a) यदि हम शुद्ध लम्बे (प्रभावी) मटर के पौधों का संकरण शुद्ध बौने (अप्रभावी) मटर के पौधों से कराएँ तो हमें F1,पीढ़ी के मटर के पौधे प्राप्त होते हैं। अब यदि हम F1, पीढ़ी के इन मटर के पौधों का स्वपरागण कराएँ, तो हमें F2, पीढ़ी के मटर के पौधे प्राप्त होते हैं।
(i) F1 पीढ़ी के पौधे कैसे दिखाई देते हैं?
(ii) F2 पीढ़ी में लम्बे पौधों और बौने पौधों का अनुपात क्या है?
(iii) उन पौधों के प्रकार का कारण सहित उल्लेख कीजिए जो F1 पीढ़ी में नहीं पाए गए, परन्तु F2 पीढ़ी में दृष्टिगोचर हो गए।
(b) समजात अंग क्या हैं? एक उदाहरण दीजिए। क्या यह आवश्यक है कि समजात अंगों के पूर्वज हमेशा समान हों? (CBSE 2019) (RBSE 2017)
उत्तर-
(a)
(i) F1 पीढ़ी के सभी पौधे लम्बे होंगे।
(ii) F2 पीढ़ी में लम्बे व बोने पौधों का अनुपात 3 : 1 होगा।
(iii) F1 पीढ़ी में बौने पौधे नहीं पाये गये थे, यह मेण्डल के प्रभावी नियमानुसार है। जिसमें प्रभावी लक्षण के सामने, अप्रभावी लक्षण दिखाई नहीं पड़ता है। लम्बे पौधे का लक्षण प्रभाव है, जबकि बौने पौधे का लक्षण अप्रभावी है।

(b) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना एक जैसी होती है, परन्तु अलग-अलग जीवों में उनके कार्य अलग-अलग होते हैं, उन्हें समजात अंग कहते हैं। उदाहरण-पक्षियों के पंख व मनुष्य की बाजू। हाँ, यह आवश्यक है कि समजात अंगों वाले जीवों के पूर्वज एक समान थे, तथा एक ही प्रकार के जीवों से उनके इन समजात अंगों में कुछ परिवर्तनों से नये प्रकार के जीवों का विकास हुआ है। यह आवश्यक है कि विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सजातीय संरचनाओं में हमेशा समान पूर्वज हों अन्यथा बुनियादी योजना, आंतरिक संरचना विकास या उत्पत्ति में कोई समानता नहीं होगी।

प्रश्न 6.
मनुष्य में लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है? आरेख बनाकर समझाइए। [RBSE 2017] (मा. शि. बोर्ड नमूना प्र. प. 2012)
उत्तर-
मनुष्य में लिंग निर्धारण (Sex Determination in Man)-मनुष्य में लिंग निर्धारण लिंग गुणसूत्रों द्वारा होता है। मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से 22 जोड़ी गुणसूत्र आटोसोम्स कहलाते हैं जबकि 23वाँ जोड़ा लिंग गुणसूत्र कहलाता है। पुरुषों में 23वें जोड़े के गुणसूत्रों में एक गुणसूत्र X तथा दूसरा गुणसूत्र Y होता है। स्त्रियों में 23 वें जोड़े के दोनों गुणसूत्र X (अर्थात् XX) होते हैं। X गुणसूत्र मादा सन्तान के लक्षण धारण करते हैं जबकि Y गुणसूत्र नर सन्तान के लक्षण धारण करते हैं; अन्य सभी ऑटोसोम्स दैहिक लक्षणों को धारण करते हैं।

युग्मक बनते समय पुरुष के आधे शुक्राणुओं में X गुणसूत्र तथा आधे शुक्राणुओं में Y गुणसूत्र होते हैं। मादा में केवल एक ही युग्मक (अण्डाणु) का निर्माण होता है, जिसमें ‘X’ गुणसूत्र स्थित होता है। जब पुरुष का ‘X’ गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु से निषेचन करता है तो पैदा होने वाली सन्तान लड़की (XX) होती है। यदि पुरुष का ‘Y’ गुणसूत्र वाला शुक्राणु, अण्डाणु से निषेचन करता है तो उत्पन्न होने वाली सन्तान लड़का (XY) होती है। लिंग निध परिण प्रक्रिया को आरेख में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 7.
“आनुवंशिकता का गुणसूत्र मत” की व्याख्या कीजिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
आनुवंशिकता का गुणसूत्र मत (Chromosomal Theory of Inheritance)-FCET 77891 arat (Sutton and Boveri) ने सन् 1902 में गुणसूत्रों द्वारा आनुवंशिकता के सम्बन्धों का अध्ययन किया तथा निम्नलिखित नियम प्रतिपादित किए-

  • एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण व कोशिका विभाजन के समय गुणसूत्र तथा मेण्डल के कारकों के बीच समानता होती है।
  • युग्मक निर्माण के समय दोनों जनकों से गुणसूत्र अलग होते हैं।
  • जीन्स गुणसूत्रों पर रैखिक क्रम में व्यवस्थित होते हैं।

अतः सट्न तथा बावेरी के अनुसार, जीन गुणसूत्र का एक भाग होता है। मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं तथा उन पर 30000-40000 जीन्स होते हैं। गुणसूत्रों पर जीन्स एक निश्चित बिन्दु पर होते हैं जिसे लोकस कहते हैं। आण्विक आधार पर जीन DNA का वह छोटे से छोटा खण्ड होता है जो एक प्रोटीन अणु का निर्माण करता है।

प्रश्न 8.
डार्विन के विकासवाद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin, 1819. 1882)-एक प्रकृति विज्ञानी थे। उन्होंने विभिन्न जीव-जन्तुओं का अध्ययन किया तथा अपनी पुस्तक “प्राकृतिक चयन द्वारा जातियों का विकास’ में लेख प्रस्तुत किए। उनके

विकास सिद्धान्त को प्राकृतिक वरण कहते हैं। यह निम्न तथ्यों पर आधारित है-

  • जीवों में सन्तान उत्पत्ति की प्रचुर क्षमता।
  • जीवन संघर्ष (अन्त:जातीय तथा अन्तराजातीय संघर्ष)।
  • प्राकृतिक वरण।
  • योग्यतम की उत्तरजीविता।
  • वातावरण के प्रति अनुकूलन।
  • नयी जातियों की उत्पत्ति ।

डार्विन ने बताया कि सभी जीवों में सन्तान उत्पन्न करने की अपार क्षमता होती है लेकिन उसकी सभी संततियाँ जीवित नहीं रहती। इसका कारण है जीवन संघर्ष। जीवों में आवास, भोजन एवं प्रजनन के लिए अन्तराजातीय तथा अन्तः जातीय संघर्ष होता है। जो जीव जीवन संघर्ष एवं पर्यावरण के लिए सफल होते हैं, वे जीवित रहते हैं। जीवों में अपने पर्यावरण के प्रति विभिन्नताएँ वंशानुगत होती हैं। यदि ये विभिन्नताएँ पर्यावरण के अनुकूल होती हैं तो जीव का प्राकृतिक चयन होता है व इस प्रकार नई जातियों की उत्पत्ति होती है।

प्रश्न 9.
लैमार्कवाद के मुख्य बिन्दुओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। लैमार्कवाद की क्या आलोचना थी?
उत्तर-
जीन बैप्टिस्ट डी लैमार्क (1744-1829) फ्रांस के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उन्होंने जैव विकास सम्बन्धी अपने विचारों को फिलोसोफिक जुलोजिक नामक पुस्तक में 1809 में प्रस्तुत किया।

लैमार्कवाद के प्रमुख आधार बिन्दु संक्षेप में निम्न प्रकार-
1. वातावरण का सीधा प्रभाव-लैमार्क के अनुसार जीवों पर उनके वातावरण का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी रचना तथा स्वभाव बदल जाता है।

2. अंगों का उपयोग तथा अनुपयोग-लैमार्क ने बताया कि जीवों में कुछ परिवर्तन उनकी आवश्यकता के अनुसार होते हैं। ऐसे अंगों का विकास अधिक होता है जिनका प्रयोग अधिक होता है। प्रयोग न किये जाने वाले अंग कमजोर होते जाते हैं और अन्ततः विलुप्त हो जाते हैं, इन्हें उपार्जित लक्षण कहते हैं।

3. उपार्जित लक्षणों की वंशागति-उपार्जित लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होते हैं तथा अन्त में नई जाति निर्मित होती है। उदाहरण के लिए; ऊँचे पेड़ों की पत्तियों को खाने के लिए जिराफ की लम्बी गर्दन का होना।

आलोचना-बीजमान (1892) ने लैमार्क की कड़ी आलोचना की। उन्होंने लगातार कई पीढ़ियों तक चूहों की पूँछ काटी और देखा कि सभी पीढ़ियों में चूहों की पूँछ में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और सिद्ध किया कि उपार्जित लक्षण वंशागत नहीं होते हैं।

प्रश्न 10.
भ्रूणीय अध्ययन कैसे विकास को प्रमाणित करते हैं ?
उत्तर-
नर तथा मादा युग्मकों के संयुग्मन के पश्चात् युग्मनज का निर्माण होता है। युग्मनज से भ्रूण तथा भ्रूण से नई संतति का विकास होता है। जन्म से पहले कशेरुकी प्राणियों के भ्रूणों में आश्चर्यजनक समानताएँ पायी जाती हैं. जैसे-
1. मेढ़क का भेक शिशु (Tadpole) लार्वा छोटी-सी मछली के समान पानी में उतरता दिखाई देता है। उसमें गलफड़ों की दरारों के अतिरिक्त पूँछ भी होती है। लेकि: वयस्क मेंढक एवं मछली के रूप, आकार एवं गुणों में अनेक विषमताएँ होती हैं।

2. कबूतर के अण्डे में जन्म से पहले उसके बच्चे की पक्षी की तरह चोंच नहीं होती, बल्कि सरीसृपों की तरह दाँत जैसी रचना होती है पर जन्म के समय उसमें चोंच होती है।

3. मेंढ़क, सरीसृप, पक्षी तथा मानव तक के अनेक कशेरुकियों के भ्रूणों में मछलियों की भाँति गलफड़ों की दरारें दिखाई देती हैं परन्तु बाद में ये फेफड़ों में बदल जाते हैं।

अर्नेस्ट हेकल ने ऐसे पर्यवेक्षणों के आधार पर जातिवृत्त पुनरावृत्ति का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। उनके अनुसार उच्च कशेरुकियों का विकास मछली जैसे समान पूर्वजों से जैव विकास की लम्बी प्रक्रिया से हुआ होगा। उनके अनुसार मत्स्य वर्ग से स्तनधारियों का प्रवर्तन हुआ होगा पर इसके बीच अन्य अवस्थाएँ आई होंगी, जैसे मत्स्य → उभयचर → सरीसृप → पक्षी → स्तनधारी।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. जब मटर के लम्बे पौधे का संकरण बौने पौधे के साथ कराया जाता है तो प्रथम पुत्रीय पीढ़ी में उत्पन्न पौधे होंगे –
(a) सभी लम्बे पौधे
(b) सभी बौने पौधे
(c) आधे लम्बे तथा आधे बौने पौधे
(d) तीन पौधे लम्बे तथा एक पौधा बौना।
उत्तर-
(a) सभी लम्बे पौधे।

2. निम्न में से परीक्षण संकरण (Test cross) है –
(a) Tt xTt
(b) TT xTt
(c)TT x TT
(d) Tt x TT.
उत्तर-
(d) Tt x TT.

3. जैव विकास के सिद्धान्त का मुख्य सम्बन्ध है
(a) स्वतः उत्पादन से
(b) वातावरण की स्थिति से
(c) विशिष्ट सृष्टि से
(d) धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तन से।
उत्तर-
(d) धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तन से।

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4. निम्नलिखित में से कौन-से समजात अंग हैं
(a) पक्षी एवं चमगादड़ के पंख
(b) चमगादड़ के पंख व मनुष्य के हाथ
(c) कीट एवं पक्षी के पंख
(d) तितली, पक्षी तथा चमगादड़ के पंख।
उत्तर-
(b) चमगादड़ के पंख व मनुष्य के हाथ।

5. निम्नलिखित में से कौन से समरूप अंग हैं
(a) चिड़िया के पंख एवं कीट के पंख
(b) मनुष्य के हाथ एवं चिड़िया के पंख
(c) घोड़े के अग्रपाद एवं ह्वेल के चप्पू
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(a) चिड़िया के पंख एवं कीट के पंख।

6. जीवाश्म कैसे बनते हैं –
(a) जन्तु के पूर्ण रूप से नष्ट हो जाने से
(b) जीव-जन्तुओं के चट्टानों में दब जाने से
(c) जीव-जन्तुओं के सड़ने से
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(b) जीव-जन्तुओं के चट्टानों में दब जाने से।

7. जैव विकास में उत्परिवर्तन का महत्त्व होता है-
(a) आनुवंशिक अपवहन
(b) जननिक पृथक्करण
(c) जननिक भिन्नताएँ
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) जननिक भिन्नताएँ।

8. जीवाश्मों की आयु का निर्धारण किस विधि से किया जाता है –
(a) एक्सरे विधि
(b) फॉसिल डेटिंग
(c) फॉसिल फोटोग्राफी
(d) एम. आर. आई. ।
उत्तर-
(b) फॉसिल डेटिंग।

9. योग्यतम की उत्तरजीविता सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया –
(a) लैमार्क ने
(b) डार्विन ने
(c) मेण्डल ने
(d) डी ब्रीज ने।
उत्तर-
(b) डार्विन ने।

10. जैव विकास का प्रमाण हो सकता है/सकते हैं
(a) जीवाश्म
(b) अवशेषी अंग
(c) समवृत्ति अंग
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

11. मेण्डल के द्विसंकर क्रॉस का F2 पीढ़ी में अनुपात था
(a) 1 : 1 : 1 : 1
(b) 12 : 2 : 1:1
(c) 9:3 : 3 : 1
(d) 4: 4: 4: 4.
उत्तर-
(c) 9:3 : 3 : 1.

12. पर्यावरणीय विभिन्नताएँ समावेशित होती हैं-
(a) डी. एन. ए. में
(b) आर. एन. ए. में
(c) प्रोटीन्स में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(b) आर. एन. ए. में।

13. निम्न में से किससे फूलगोभी का विकास हुआ
(a) कृष्य फूलगोभी से
(b) कृष्य बन्दगोभी से
(c) जंगली बन्दगोभी से
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) जंगली बन्दगोभी से।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. मेण्डल के अनुसार आनुवंशिक कारकों को ………………………………………. कहा जाता है।
उत्तर-
जीन,

2. जीवधारियों में पायी जाने वाली विशेष संरचनाएँ जो ………………………………………. का वहन करती हैं।
उत्तर-
जीन्स,

3. अनेक जीवधारियों में भ्रूण अपने ………………………………………. के लक्षण दर्शाते हैं।
उत्तर-
पूर्वजों,

4. डी.एन.ए. की खोज सर्वप्रथम ………………………………………. ने की।
उत्तर-
फ्रेड्रिक मीशर,

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5. मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्र होते हैं, जिनमें से 22 जोड़ी गुणसूत्र ………………………………………. कहलाते हैं जबकि 23 वाँ जोड़ा ………………………………………. गुणसूत्र कहलाता है।
उत्तर-
ओटोसोम्स, लिंग।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)
(i)

सूची Aसूची B
1. उत्परिवर्तन(i) विकासवाद
2. डार्विन(ii) TT, tt
3. मेण्डल(iii) डी वीज
4. अवशेषी अंग(iv) लैमार्क
5. समयुग्मजी(v) कर्ण पल्लव की पेशियाँ
6. उपार्जित लक्षण(vi)मटर

उत्तर-

सूची Aसूची B
1. उत्परिवर्तन(iii) डी वीज
2. डार्विन(i) विकासवाद
3. मेण्डल(vi) मटर
4. अवशेषी अंग(v) कर्ण पल्लव की पेशियाँ
5. समयुग्मजी(ii) TT, tt
6. उपार्जित लक्षण(iv) लैमार्क

(ii)
सूची A को सूची B से मिलाइए।

सूची Aसूची B
1. डी.एन.ए.(i) जीव अवशेष
2. होमो सेपियंस(ii) घोड़े व मनुष्य के हाथ
3. जीवाश्म(iii) आनुवंशिकी के नियम
4. समजात अंग(iv) जीवन की उत्पत्ति सिद्धान्त
5. मेण्डल(v) आनुवंशिक पदार्थ
6. हल्डेन(vi) मानव

उत्तर-

सूची Aसूची B
1. डी.एन.ए.(v) आनुवंशिक पदार्थ
2. होमो सेपियंस(vi) मानव
3. जीवाश्म(i) जीव अवशेष
4. समजात अंग(ii) घोड़े व मनुष्य के हाथ
5. मेण्डल(iii) आनुवंशिकी के नियम
6. हल्डेन(iv) जीवन की उत्पत्ति सिद्धान्त

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जीवों में जनन क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए।

प्रश्न 2.
DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribonuclic Acid)।

प्रश्न 3.
जनन की मूल घटना क्या है?
उत्तर-
DNA द्वारा प्रतिकृति बनाना।

प्रश्न 4.
किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का सम्बन्ध किससे है?
उत्तर-
जनन से।

प्रश्न 5.
गुणसूत्र कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
कोशिका में स्थित केन्द्रक में।

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प्रश्न 6.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
प्रजाति (Species) की उत्तरजीविता बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 7.
एककोशिकीय जीवों में वंश वृद्धि कैसे होती
उत्तर-
कोशिका विभाजन या विखण्डन द्वारा।

प्रश्न 8.
दो ऐसे जीवों के नाम लिखिए जिनमें पुनरुद्भवन द्वारा जनन होता है?
उत्तर-

  1. हाइड्रा,
  2. प्लेनेरिया।

प्रश्न 9.
ऊतक संवर्धन क्या है ?
उत्तर-
पौधे के किसी अंग या ऊतक का संवर्धन कराकर नये पौधे तैयार करना ऊतक संवर्धन कहलाता है।

प्रश्न 10.
मनुष्य में बनने वाली वे संरचनाएँ क्या हैं जिनमें गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है ?
उत्तर-
नर युग्मक तथा मादा युग्मक।

प्रश्न 11.
यौवनारम्भ (Puberty) किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह आयु जिससे लड़के एवं लड़कियों में द्वितीयक लक्षण प्रारम्भ होने लगते हैं, यौवनारम्भ कहलाती|

प्रश्न 12.
जनन कोशिकाओं में निषेचन से क्या बनता है?
उत्तर-
युग्मनज (Zygote)।

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प्रश्न 13.
निषेचन के पश्चात् निषेचित अण्ड कहाँ स्थापित होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 14.
लड़कों के किन्हीं दो द्वितीयक लक्षणों को लिखिए।
उत्तर-

  1. कंधे चौड़े होना,
  2. आवाज का भारी होना।

प्रश्न 15.
लड़कियों के कोई दो द्वितीयक लक्षण लिखिए।
उत्तर-

  • स्तनों का विकास,
  • नितम्बों का चौड़ा होना।

प्रश्न 16.
कलम द्वारा उगाये जाने वाले दो पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • गुलाब,
  • गन्ना ।

प्रश्न 17.
दो एकलिंगी पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • पपीता,
  • कद्।

प्रश्न 18.
भ्रूण को पोषण कहाँ से तथा किसके द्वारा प्राप्त होता है?
उत्तर-
भ्रूण को पोषण माँ से तथा अपरा (Placenta) के द्वारा पोषण प्राप्त होता है।

प्रश्न 19.
ऐसे जीव क्या कहलाते हैं जो शिशु को जन्म देते हैं?
उत्तर-
जरायुजी (Viviparous)।

प्रश्न 20.
कृत्रिम प्रवर्धन क्या है?
उत्तर-
वांछित गुणों वाले पौधों से कायिक प्रजनन द्वारा नये पौधे तैयार करना।

प्रश्न 21.
संकर प्रजनन क्या होता है?
उत्तर-
दो विभिन्न प्रजातियों के नर तथा मादा द्वारा लैंगिक जनन संकर प्रजनन कहलाता है।

प्रश्न 22.
बीजाण्ड कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर-
पुष्प में अण्डाशय के अन्दर।

प्रश्न 23.
परागण किसे कहते हैं?
उत्तर-
परागकोष से परागकणों का वर्तिकाग्र (Stigma) तक पहुँचना परागण कहलाता है।

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प्रश्न 24.
अण्ड-प्रजकों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-

  1. छिपकली,
  2. मुर्गी।

प्रश्न 25.
उभयलिंगी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-
वे जीव जिनमें नर एवं मादा युग्मक एक ही जीव द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, उभयलिंगी जीव कहलाते हैं।

प्रश्न 26.
पौधे के प्रमुख जननांग क्या हैं?
उत्तर-

  • पुंकेसर (Androecium),
  • स्त्रीकेसर (Gyanoecium)।

प्रश्न 27.
परागण के दो प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • स्व-परागण (SelfPollination),
  • पर-परागण (Cross Pollination)।

प्रश्न 28.
स्त्रीकेसर के कौन-से भाग होते हैं?
उत्तर-

  • अण्डाशय (Ovary),
  • वर्तिका (Style), तथा
  • वर्तिकाग्र (Stigma)।

प्रश्न 29.
अपरा (Placenta) क्या है? (RBSE 2017)
उत्तर-
भ्रूण को गर्भाशय से जोड़ने वाली एक नालवत् संरचना जो भ्रूण को पोषण उपलब्ध कराती है।

प्रश्न 30.
प्लेसेन्टा के दो कार्य लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-

  • भ्रूण को पोषण प्राप्त कराना।
  • उत्सर्जी पदार्थों को माँ के रुधिर में पहुँचाना।

प्रश्न 31.
IUCD क्या है ?
उत्तर-
IUCD (Intrauterian contraceptive device) नारी गर्भाशय में लगायी जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भनिरोधक का कार्य करती है।

प्रश्न 32.
दो यौन-संचारित रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • गोनोरिया,
  • सिफलिस।

प्रश्न 33.
दो गर्भ निरोधक युक्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • कण्डोम,
  • कॉपर ‘टी’।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज़ की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
जनन-जीवों द्वारा लैंगिक अथवा अलैंगिक प्रजनन विधियों द्वारा अपने ही जैसे जीवों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए अति आवश्यक है। जनन प्रक्रिया द्वारा किसी स्पीशीज़ की समष्टि में मृत्यु होने के कारण जीवों की संख्या घटने को पुनः पहले की संख्या के अनुपात के बराबर लाया जा सकता है। इस प्रकार जनन प्रक्रिया किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि को एक विशेष स्थान पर स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होती है।

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प्रश्न 2.
प्रोटीन संश्लेषण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
प्रोटीन संश्लेषण DNA के नियन्त्रण में कोशिका के अन्दर होता है। प्रोटीन्स एन्जाइमों के रूप में विभिन्न उपापचयी क्रियाओं का संचालन करते हैं। इन क्रियाओं द्वारा जीव में वृद्धि होती है। वृद्धि का अन्तिम परिणाम जनन होता है।

प्रश्न 3.
DNA का प्रतिकृतिकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
एक ही प्रजाति के जीवों में DNA की समान मात्रा पायी जाती है। संतति जीवों में DNA की मात्रा का सन्तुलन बनाए रखने के लिए DNA का प्रतिकृतिकरण होता है। DNA ही पुत्री पीढ़ियों में विभिन्न लक्षणों का नियमन करता है।

प्रश्न 4.
विभिन्नताएँ क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
जीवधारियों में अपने जनकों की अपेक्षा कुछ अन्तर उत्पन्न होना विभिन्नताएँ कहलाती हैं। इनके द्वारा जीव स्वयं को बदलते पर्यावरण के अनुरूप अनुकूलित कर लेता है। ऐसे जीव जिनमें लम्बे समय से विभिन्नता उत्पन्न नहीं हुई है, वे पर्यावरण के साथ तालमेल नहीं कर पाते हैं और वे प्रायः विलुप्त होने लगते हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
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प्रश्न 6.
अमीबा में द्विखण्डन को चित्र की सहायता से समझाइए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अमीबा एक कोशिकीय जीव है। इसकी कोशिका पहले लम्बी हो जाती है, साथ ही इसका जीवद्रव्य और केन्द्रक भी लम्बाई में फैल जाता है।
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अब इसके बीचों- बीच एक खाँच उत्पन्न होती है जो कोशिकाद्रव्य एवं केन्द्रक को दो भागों में विभाजित कर देती है। इस प्रकार दो सन्तति या पुत्री अमीबा बन जाते हैं।

प्रश्न 7.
उन दो प्रेक्षणों की सूची बनाइए जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि दी गयी स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाती है। (CBSE 2019)
उत्तर-
स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन को दर्शाने वाले दो प्रेक्षण-

  • कोशिका झिल्ली के मध्य भाग में एक खांच बनने लगती है।
  • केन्द्रक लम्बा होने लगता है तथा बीच में से पतला होने लगता है। अगली अवस्था में वह दो भागों में विभाजित होता दिखाई देता है। इन प्रेक्षणों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि दी गई स्लाइड अमीबा में द्विखण्डन दर्शाने के लिए तैयार है।

प्रश्न 8.
कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है, उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए। (CBSE 2016)
उत्तर-
इस प्रक्रिया का नाम मुकुलन प्रजनन विधि है।
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प्रश्न 9.
जीवों के जनन के संदर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिक जीवों में ‘पुनरुद्भवन’ की, प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है? (CBSE 2016)
उत्तर-
“पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन)-जब किसी छोटे प्राणी का शरीर कुछ विशेष टुकड़ों में बँट जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा एक नये जीव में विकसित हो जाता है तो इसे पुनर्जनन कहते हैं। प्लेनेरिया तथा हाइड्रा जैसे सरल एवं बहुकोशिकीय प्राणी पुनर्जनन दर्शाते हैं।

हाइड्रा में पुनरुद्भवन’-

  • यदि हाइड्रा का शरीर कई टुकड़ों में बंट जाता है तो प्रत्येक टुकड़ा अपने खोए हुए अंगों को पुनर्जीवित करके एक पूर्ण हाइड्रा में विकसित हो जाता है।
  • इन जीवों में अपने शरीर के अंग की कोशिकाओं से शरीर का पुनर्जनन, विकास तथा वृद्धि की प्रक्रिया द्वारा होता
  • हाइड्रा के शरीर की कोशिकाओं का कटा हुआ भाग एक संपूर्ण कोशिका/कोशिकाओं का गोला बनाने के लिए विभाजित होता रहता है।
  • तब कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के विशेष उत्तक बनाने लगती हैं जो फिर से जीव के पूरे शरीर का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 10.
प्लाज्मोडियम में बहुविखण्डन को समझाइए।
उत्तर-
प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी) में कोशिका के चारों ओर एक रक्षी आवरण बन जाता है। इस आवरण के अन्दर केन्द्रक अनेक बार विभाजित होता है। प्रत्येक पुत्री केन्द्रक के चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा भी एकत्र हो जाती है। अनुकूल मौसम में बाह्य आवरण फट जाता है तथा पुत्री केन्द्रक स्वतन्त्र जीव के रूप में बाहर निकल आते हैं।
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प्रश्न 11.
स्पाइरोगाइरा में अलैंगिक जनन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
स्पाइरोगाइरा (Spirogyra) में अलैंगिक जनन खण्डन द्वारा होता है। स्पाइरोगाइरा एक तन्तुवत् शैवाल है जिसमें आयताकार कोशिकाएँ एक लड़ी के रूप में व्यवस्थित होती हैं। जब स्पाइरोगाइरा का तन्तु टुकड़ों में टूट जाता है तो प्रत्येक खण्ड नये जीव में विकसित हो जाता है।
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प्रश्न 12.
हाइड्रा में मुकुलन को चित्र द्वारा समझाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
हाइड्रा में कायिक प्रजनन मुकुलन (Budding) द्वारा होता है। हाइड्रा में आधार से कुछ ऊपर की कुछ कोशिकाएँ विभाजित होकर एक बटन जैसी रचना बनाती हैं। इस रचना को कलिका कहते हैं। यह कलिका वृद्धि करती है और इसके अग्र भाग पर छोटे-छोटे स्पर्शक बन जाते हैं। यह अब एक शिशु हाइड्रा का रूप ले लेती है और मातृ जीव से अलग होकर स्वतन्त्र जीवन यापन करती हैं।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 13.
कायिक प्रवर्धन के लाभ लिखिए।
उत्तर-

  • इससे प्राप्त पौधे जनकों के समान लक्षणों वाले होते हैं अतः कायिक प्रवर्धन से वांछित पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
  • वे पौधे जो बीजों द्वारा उत्पन्न नहीं होते हैं उन्हें कायिक प्रवर्धन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
  • कम समय में अधिक संख्या में और बड़े पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं।
  • इन्हें प्रयोगशालाओं में तैयार किया जा सकता है।

प्रश्न 14.
ब्रायोफिल्लम् में कायिक जनन किस प्रकार होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
ब्रायोफिल्लम् में पत्तियों द्वारा कायिक प्रजनन होता है | इसमें पत्तियों के / किनारों की खाँचों से पर्णकलिका पर्णकलिकाएँ निकल आती हैं जिनमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। ये कलिकाएँ पत्तियों से विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।
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प्रश्न 15.
राइजोपस में अलैंगिक प्रजनन किस प्रकार होता है ? (CBSE 2020)
उत्तर-
राइजोपस (ब्रेड फर्कंद) का कायिक शरीर कवक जाल होता है। कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का विकास होता है जिनके शीर्ष पर गोलाकार संरचनाएँ बीजाणु-धानी बनाती हैं। इनमें बीजाणुओं का निर्माण (Spore formation) होता है। ये बीजाणु हवा द्वारा प्रकीर्णित होते हैं। प्रत्येक बीजाणु अंकुरण करके नये कवक जाल का निर्माण करता है।
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प्रश्न 16.
लैंगिक जनन में महत्त्वपूर्ण घटना क्या होती है? इसका क्या महत्त्व है? [CBSE 2015, 2017]
उत्तर-
लैंगिक जनन में नर तथा मादा युग्मकों का मिलन होता है। ये युग्मक गुणसूत्रों के अर्धसूत्रण से बनते हैं। युग्मों के संलयन के पश्चात् गुणसूत्रों की संख्या यथावत हो जाती है। ऐसा होने से नये संयोग बनते हैं।

प्रश्न 17.
पुष्प के विभिन्न भागों के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-
एक प्रारूपिक पुष्प में निम्नलिखित भाग पाए जाते हैं

  1. बाह्य दलपुंज (Calyx)-यह पुष्प के सबसे बाहर की ओर स्थित होते हैं। ये कलिका अवस्था में पुष्पीय अंगों की रक्षा करते हैं।
  2. दलपुंज (Corolla)-ये विभिन्न रंगों के होते हैं और परागण के लिए कीटों को आकर्षित करते हैं।
  3. पुंकेसर (Androecium)-ये पुष्प के नर जननांग हैं। पुंकेसर के परागकोष में परागकणों का निर्माण होता है।
  4. स्त्रीकेसर (Gyanoecium)-ये पुष्प के मादा जननांग हैं। इनमें अण्डपों का निर्माण होता है।

प्रश्न 18.
स्व-परागण तथा पर-परागण में क्या अन्तर है? (CBSE 2020)
उत्तर-
स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर

स्व-परागण (Self-Pollination)पर-परागण (Cross-Pollination)
1. इसमें एक पुष्प के परा गकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं।एक पुष्प के परागकण उसी जाति के किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचते हैं।
2. इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना कम होती है।इससे परागकणों के नष्ट होने की सम्भावना अधिक होती है।
3. इससे उत्पन्न बीज कम ओजस्वी होते हैं।इससे उत्पन्न बीज अधिक ओजस्वी होते हैं।
4. इस क्रिया से विभिन्न- ताओं की सम्भावना कम होती है।इस क्रिया से विभिन्नताओं की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 19.
वतिकाग्र पर परागकणों के अंकुरण का नामांकित चित्र बनाइए। (CBSE 2020)
उत्तर-
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 20.
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है, तब क्या होगा? समझाइये। (RBSE 2016)
उत्तर-
यदि अंड का निषेचन नहीं होता है तो यह लगभग 1 दिन तक जीवित रहता है। अंडाश्य से प्रत्येक 1 माह एक अंड का मोचन होता है। गर्भाशय की अंदरूनी दीवार मोटी स्पंजी हो जाती है। निषेचन ना हो पाने की स्थिति में इस परत की आवश्यकता नहीं रहती, अत: इसकी परत धीरे-धीरे टूटकर योनि मार्ग से रक्त व म्यूकस के रूप में बाहर निकलती है। यह चक्र लगभग हर माह में होता है।

प्रश्न 21.
लड़कों एवं लड़कियों में उत्पन्न होने वाले तीन-तीन द्वितीयक लक्षणों को बताइए।
उत्तर-
लड़कों में-

  • दाढ़ी एवं मूंछ उगना।
  • जननांगों का विकसित होना ।
  • आवाज भारी होना।

लड़कियों में-

  1. स्तनों का विकास होना।
  2. जननांगों का विकास होना।
  3. आवाज पतली होना।

प्रश्न 22.
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्या हैं? उनके दो-दो कार्य लिखिए।
उत्तर-
मानव में नर तथा मादा जनन तन्त्र क्रमशः वृषण तथा अण्डाशय हैं।
वृषण के कार्य-

  • शुक्राणुओं का निर्माण करना।
  • नर हॉर्मोन्स का स्रावण करना।

अण्डाशय के कार्य-

  • अण्डाणु का निर्माण करना।
  • मादा हॉर्मोन्स का स्रावण करना।

प्रश्न 23.
नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं?
उत्तर-
नर मानव में वृषण उदर गुहा के बाहर थैले जैसी रचना वृषण कोष (Scrotum) में पाये जाते हैं। शुक्राणु शरीर के ताप से 3°C कम ताप पर सक्रिय होते हैं। वृषण कोषों का ताप शरीर के ताप से निम्न होता है। इसीलिए वृषण शरीर से बाहर स्थित होते हैं।

प्रश्न 24.
अण्डाणु तथा शुक्राणु में क्या अन्तर है?
उत्तर-
अण्डाणु तथा शुक्राणु में अन्तर-

अण्डाणु (Ovum)शुक्राणु (Sperm)
1. यह मादा जनन कोशिका1. यह नर जनन कोशिका
2. यह आकार में शुक्राणु से बड़ा होता है।2. यह अण्डाणु से छोटा होता है।
3. यह प्रायः गोलाकार होता है।3. यह पुच्छ युक्त होता है।
4. यह अचल होता है।4. यह सचल होता है।

प्रश्न 25.
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
लैंगिक जनन तथा अलैंगिक जनन में अन्तर

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
1. इस प्रकार जनन प्रायः उच्च श्रेणी के जीवों में होता है।1. इस प्रकार का जनन प्रायः निम्न श्रेणी के जीवों में होता है।
2. इसमें नर तथा मादा जीवों की आवश्यकता होती2. इसमें केवल एक जीव की आवश्यकता होती
3. इसमें निषेचन होता है।3. इसमें निषेचन नहीं होता है।
4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न होते हैं।4. इससे उत्पन्न सन्तानों में नये गुण उत्पन्न नहीं होते है।
5. इस क्रिया में बीजाणु नहीं बनते हैं।5. इस क्रिया में बीजाणु बनते हैं।

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प्रश्न 26.
निम्न रेखाचित्र पर अंकित A, B, C, D तथा E के नाम तथा इनका एक-एक कार्य लिखिए।
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उत्तर-
A. फैलोपियन नलिका-निषेचन क्रिया सम्पन्न करना।
B. अण्डाशय-अण्ड का निर्माण करना।
C. गर्भाशय-गर्भ धारण करना।
D. गर्भाशय मुख-शुक्राणु को ग्रहण करना।
E. योनि-मैथुन क्रिया के लिए स्राव उत्पन्न करना।

प्रश्न 27.
लैंगिक संचारित रोग क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैंगिक संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases)- ऐसे रोग जो लैंगिक संसर्ग द्वारा संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में स्थानान्तरित होते हैं, लैंगिक संचारित रोग कहलाते हैं। उदाहरण-एड्स (AIDS), सिफिलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonnorhoea) आदि ।

प्रश्न 28.
(a) मनुष्य में उस अंग का नाम लिखिए जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है। उस हार्मोन का नाम लिखिए तथा उसका कार्य भी लिखिए।
(b) स्त्री के जनन तंत्र के उस अंग का नाम लिखिए जहाँ निषेचन होता है।
(c) विकसित होता भ्रूण माता के शरीर से किस प्रकार पोषण प्राप्त करता है? इसका वर्णन कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) मनुष्य का वह अंग जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हॉर्मोन भी उत्पन्न करता है : वृषण जो हार्मोन उत्पन्न हुआ है : टेस्टेस्टेरॉन हॉर्मोन। टेस्टेस्ट्रॉन के कार्य-यह हार्मोन लड़कों में किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों तथा जनन अंगों के परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। जैसे-किशोरों में चेहरे पर दाढ़ी-मूछों का विकसित होना आदि।
(b) स्त्री के जनन तंत्र का वह अंग जहाँ निषेचन होता है : अण्डवाहिका
(c) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लैसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।

प्रश्न 29.
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ लिखिए? इनमें से कौन-सी विधि पुरुष के लिए उपयोग नहीं की जा सकती? इन विधियों को अपनाने से एक परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ-

  • यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में पुरुष शिश्न को ढकने वाले कंडोम तथा स्त्रियाँ डायाफ्राम का प्रयोग करती हैं।
  • हार्मोन विधि (रासायनिक विधि)-इस विधि में स्त्रियों को गोलियाँ (मौखिक तथा यौनिक) दी जाती हैं जो उनके हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती हैं ताकि वह गर्भधारण न कर सकें।
  • शल्य विधि-इस विधि में शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रूक जाता है तथा स्त्रियों की अण्डवाहिनी को बाधित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंड गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता। हार्मोन विधि का प्रयोग पुरुषों द्वारा नहीं किया जा सकता।

इन विधियों को अपनाने से पस्विार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर प्रभाव-गर्भरोधक विधियों को अपना कर एक परिवार बच्चों की संख्या को सीमित कर सकते हैं जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी। ऐसे परिवारों में कम बच्चे होने से माता-पिता उनको अच्छी शिक्षा तथा अच्छा पोषण दे पायेंगे जिससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यही नहीं इन विधियों को अपनाने से बढ़ती जनसंख्या जैसी भयानक समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।

प्रश्न 30.
अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन के बीच एक अन्तर लिखिए। अलैंगिक जनन करने वाली अथवा लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ में से किसके द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग हो सकते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
अलैंगिक जनन में केवल एक जनक भाग लेता
लैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों जनक भाग लेते हैं।
लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं क्योंकि लैंगिक जनन में दो प्रकार की जनन कोशिकाओं में डी.एन. ए. अणुओं की प्रतिकृति बनने के कारण, नई संतति में अधिक विभिन्नताएँ आती हैं, इसलिए उनमें उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं। नीचे दिए गए अनुच्छेद और पढ़ी गई सम्बन्धित संकल्पनाओं की व्याख्या के आधार पर

(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं

  • लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
  • लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।

(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।

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प्रश्न 31.
मानव जनसंख्या की वृद्धि सभी मनुष्यों की चिन्ता का विषय है। किसी समष्टि में जीवन दर और मृत्यु दर उसके आकार को निर्धारित करते हैं। जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं। जनन के लिए लैंगिक परिपक्वता आनुक्रमिक होती है और यह तब होती है जब सामान्य शरीर में वृद्धि हो रही होती है। किसी सीमा तक लैंगिक परिपक्वता का यह अर्थ नहीं होता कि शरीर अथवा मस्तिष्क लैंगिक क्रिया अथवा बच्चे उत्पन्न करने योग्य हो गया है।

समष्टि के आकार को नियंत्रित करने के लिए मानव द्वारा विभिन्न गर्भनिरोध युक्तियाँ उपयोग की जा रही हैं।
(a) लड़के एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के दो सामान्य लक्षणों की सूची बनाइए।
(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या का क्या परिणाम होता है?
(c) गर्भ-निरोधन की कौन-सी विधि शरीर का हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है? .
(d) समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले दो कारक लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) लड़कों एवं लड़कियों में लैंगिक परिपक्वता के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं

  • लड़कों के वृषण में शुक्राणुओं का बनना शुरु हो जाता है और लड़कियों के अण्डाणु में अण्डों का बनना प्रारम्भ हो जाता है।
  • लड़कों के चेहरों पर मूंछे तथा दाढ़ी आने लगती हैं जबकि लड़कियों का मासिक चक्र आरम्भ हो जाता है एवं जननांगों और बगलों पर बाल उगने लगते हैं।

(b) अविवेचित मादा भ्रूण हत्या के परिणामस्वरूप मादा बच्चों का अनुपात लगातार कम होता जाता है जिससे जनसंख्या में नर व मादा बच्चों का अनुपात असंतुलित हो जाता है।
(c) गर्भ-निरोधन की रासायनिक विधि, जिसमें स्त्री गोलियों के रूप में रासायनिक दवाइयाँ मुख द्वारा लेती है, जो हॉर्मोनी-संतुलन परिवर्तित कर देती है।
(d) जीवन दर व मृत्यु दर समष्टि (जनसंख्या) के आकार को निर्धारित करने वाले कारक हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। [राज. 2015]
उत्तर-
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्न प्रकार हैं-
(i) विखण्डन (Fission)-यह अनेक एककोशिकीय जीवों जैसे प्रोटोजोअन्स (अमीबा, पैरामीशियम, लीशमानिया) तथा जीवाणुओं में होता है। इस प्रक्रिया में एककोशिकीय जीव विभाजित होकर दो नये जीवों को उत्पन्न करता है। उत्पन्न संतति जीव जनक कोशिका के लक्षण वाले होते हैं।

(ii) खण्डन (Fragmentation)- यह कुछ तन्तुवत् शैवालों (जैसे-स्पाइरोगाइरा) तथा कुछ कवकों में होता है। इस प्रक्रिया में जीव का तन्तुवत् शरीर अनेक खण्डों में टूट जाता है तथा प्रत्येक खण्ड नये जीव का निर्माण करता है।

(iii) द्वि-विखण्डन (Binary Fission)-इसमें जीव का शरीर विभाजित होकर दो पुत्री जीवों को जन्म देता है। जैसे पैरामीशियम, अमीबा, लीशमानिया आदि। विखण्डन में यह आवश्यक नहीं है कि समान आनुवंशिक पदार्थ पुत्री कोशिकाओं में पहुँचें, जबकि द्विविखण्डन में आनुवंशिक पदार्थ की समान मात्रा संतति में पहुँचती है।

(iv) बहु विखण्डन (Multiple Fission)-इसमें जनक कोशिका अपने ऊपर एक आवरण बना लेती है। इसके अन्दर केन्द्रक विभाजित होकर अनेक पुत्री केन्द्रक बनाता है। इनके चारों ओर जीवद्रव्य की थोड़ी-थोड़ी मात्रा एकत्र हो जाती है, जिससे छोटी-छोटी असंख्य पुत्री कोशिकाएँ बन जाती हैं। अनुकूल मौसम में आवरण के फटने पर पुत्री कोशिकाएँ स्वतन्त्र हो जाती हैं। इस प्रकार का अलैंगिक जनन अमीबा, प्लाज्मोडियम आदि में पाया जाता है।

(v) मुकुलन (Budding)-इस विधि में जीव से एक छोटी कलिका निकलती है। यह कलिका मातृ जीव से पृथक् होकर संतति जीव में बदल जाती है। इस प्रकार का जनन हाइड्रा, यीस्ट आदि में पाया जाता है।

(vi) बीजाण निर्माण (Spore Formation)-इस प्रकार का अलैंगिक जनन राइजोपस, म्यूकर आदि में पाया जाता है। इसमें कवक जाल से ऊर्ध्व तन्तुओं का निर्माण होता है। इन तन्तुओं के शीर्ष पर गोलाकार बीजाणुधानी बनती है। बीजाणुधानी में सूक्ष्म बीजाणुओं का निर्माण होता है। बीजाणुधानी के फटने पर बीजाणु वायु द्वारा प्रकीर्णित हो जाते हैं। बीजाणु अंकुरण करके नया कवक जाल बनाते हैं।

(vii) पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों में जीव का स्वस्थ कोशिका युक्त भाग नये जीव का निर्माण कर लेता है, इसे पुनरुद्भवन कहते हैं। प्लेनेरिया, स्पंजों, हाइड्रा आदि के शरीर को टुकड़ों में काट देने पर प्रत्येक टुकड़ा नये जीव का निर्माण कर लेता है।

(viii) कायिक जनन (Vegetative Propagation)अनेक पौधों में ऐसी संरचनाएँ होती हैं जिनसे नये पौधों का निर्माण हो जाता है। उदाहरण के लिए अदरक के प्रकन्द, आलू के कन्द, अरबी के घनकन्द, ब्रायोफिलम् की पर्ण कलिका इत्यादि। कत्रिम रूप से कायिक प्रजनन कलम. रोपण, कलिकायन, आदि विधियों द्वारा कराया जाता है।

प्रश्न 2.
पुनरुद्भवन क्या है? प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुनरुद्भवन (Regeneration)-कुछ जीवों के शरीर को छोटे-छोटे खण्डों में काट देने पर कटे हुए प्रत्येक खण्ड में नया जीव बनाने की क्षमता होती है। इस क्षमता को पुनरुद्भवन कहते हैं; जैसे-स्पंज, हाइड्रा, प्लेनेरिया आदि। प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन अथवा पुनर्जनन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा सम्पादित होता है। इन कोशिकाओं के क्रम प्रसरण द्वारा अनेक कोशिकाएँ बन जाती हैं। कोशिकाओं के इस समूह में परिवर्तन के दौरान विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ एवं ऊतक बनते हैं। यह परिवर्तन अत्यधिक व्यवस्थित रूप में
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 11
एवं क्रम से होता है जिसे परिवर्धन कहते हैं। परन्तु पुनरुद्भवन जनन के समान नहीं है। इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक जीव के किसी भी भाग को काटकर सामान्यतः नया जीव उत्पन्न नहीं होता है।

प्रश्न 3.
कृत्रिम कायिक प्रवर्धन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मानव द्वारा पौधों में कृत्रिम ढंग से कराये जाने वाले कायिक जनन को कृत्रिम कायिक प्रवर्धन कहते हैं। यह निम्न विधियों द्वारा सम्पन्न किया जाता है
(i) कलम लगाना (Cutting)-कुछ पौधों के परिपक्व तने के टुकड़ों (कलम) को भूमि में तिरछा गाड़ दिया जाता है। इससे कुछ दिनों बाद नया पौधा विकसित हो जाता है; जैसे-गुलाब, गन्ना, गुड़हल आदि।

(ii) दाब लगाना (Layering)-कुछ पौधों की नर्म शाखाओं पर छाल हटाकर वलय बनाकर इस स्थान को भूमि में दबा देने से इस स्थान से जड़ें निकल आती हैं और नये पौधे का निर्माण हो जाता है; जैसे- मोगरा, नीबू, बोगेनविलिया आदि।

(iii) गूटी लगाना (Gootee)-इसमें पौधे की एक वर्ष पुरानी शाखा पर एक वलय बनाकर हॉर्मोन युक्त क्ले मृदा को लपेट कर बाँध दिया जाता है। मृदा को नम रखने की भी व्यवस्था कर दी जाती है। वलय के स्थान से इसमें जड़ें उत्पन्न हो जाती हैं। अब इसे मातृ पौधे से काटकर अलग कर लिया जाता है; जैसे-अमरूद. फाइकस आदि।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

(iv) रोपण (Grafting)- इस विधि में वांछित लक्षणों वाले पौधे की शाखा का रोपण अवांछित लक्षण वाले पौधे के ऊपर किया जाता है। इसमें दोनों पौधों की समान शाखाओं को छीलकर आपस में चिपकाकर बाँध देते हैं। कुछ समय बाद ये दोनों शाखाएँ आपस में जुड़ जाती हैं। अब वांछित शाखा के निचले भाग तथा अवांछित शाखा के ऊपरी भाग को काटकर अलग कर देते हैं।

प्रश्न 4.
पौधों में परागण की विभिन्न विधियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पौधों में परागण वायु, जल, कीट तथा पक्षियों द्वारा होता है।
1. वायु द्वारा परागण (Anemophily)-अनेक पौधों में वायु द्वारा परागण होता है। ऐसे पौधों में पुष्प प्रायः छोटे, पूर्ण खुले हुए होते हैं। इनमें सुगंध, मकरंद एवं रंग का अभाव होता है। इन पुष्पों में परागकण हल्के होते हैं।

2. जल द्वारा परागण (Hydrophily)-प्रायः जल में उगने वाले पौधों, जैसे-कमल, हाइड्रिला, वैलिसनेरिया आदि में जल द्वारा परागकण मादा जननांग तक पहुँचते हैं। इन पौधों में परागकण तैरने वाले होते हैं। इनके मादा पुष्प में भी विशिष्ट अनुकूलन पाए जाते हैं।

3. कीटों द्वारा परागण (Entomophily)-अनेक कीट परागकणों के वाहक का कार्य करते हैं; जैसे-मधुमक्खी, बरं, तितली आदि। कीट परागित पुष्प सुगंध एवं मकरंद युक्त तथा चटकीले रंगों के होते हैं जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कीट मकरंद (Nectar) प्राप्ति के लिए इन पर बैठते हैं और परागकणों को अपने ऊपर चिपकाकर ले जाते हैं। जब ये दूसरे पुष्प पर जाते हैं, तो कुछ परागकण उस पर गिर जाते हैं और परागण हो जाता है; जैसे-सरसों, अंजीर, गूलर, साल्विया आदि।

4.जन्तु परागण (Zoophily)-अनेक जन्तु, जैसे-पक्षी, चमगादड़, घोंघे आदि भी अनेक पौधों में परागण क्रिया सम्पन्न कराते हैं; जैसे-सेमल, बिगोनिया, कदम्ब एवं अन्य फलदार पौधे।

प्रश्न 5.
निषेचन की परिभाषा देते हुए पौधों में इसकी क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
निषेचन (Fertilization)-नर तथा मादा युग्मकों के संलयन (fusion) को निषेचन कहते हैं।
परागण (Pollination) के पश्चात्, परागकण वर्तिकाग्र (Stigma) पर अंकुरण प्रारम्भ कर देते हैं। वर्तिकान से सरल पदार्थ अवशोषित करके परागकण से एक पराग नलिका निकलती है। यह पराग नलिका परागकण में स्थित जनन छिद्र से बाहर निकलती है। परागकण का वर्षी केन्द्रक पराग नलिका के अग्र छोर पर तथा दो नर केन्द्रक (युग्मक) इसके पीछे होते हैं। पराग नलिका वर्तिका (Style) के ऊतकों को भेदती हुई भ्रूण कोष (Embryo sac) में प्रवेश करती है। यह अपने दोनों नर केन्द्रकों को भ्रूण कोष में छोड़ देती है।
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परिपक्व भ्रूण कोष में एक अण्डकोशिका, दो सहायक कोशिका, तीन प्रतिव्यासांत (Antipodles) कोशिका तथा एक द्वितीयक केन्द्रक होता है। द्वितीयक केन्द्रक (2n) को छोड़कर अन्य सभी केन्द्रक अगुणित (n) होते हैं। द्वितीयक केन्द्रक का निर्माण दो ध्रुवीय केन्द्रकों के संलयन से होता पराग नलिका द्वारा भ्रूण कोष में छोड़े गये दोनों नर केन्द्रकों में से एक नर केन्द्रक अण्डकोशिका के केन्द्रक से संलयित होकर द्विगुणित युग्मनज (Zygote) बनाता है। दूसरा नर केन्द्रक द्वितीयक केन्द्रक से संलयित होकर त्रिगुणित (3n) भ्रूणपोष केन्द्रक बनाता है। युग्मनज से भ्रूण का तथा भ्रूणकोष केन्द्रक से भ्रूणपोष का विकास होता है।

प्रश्न 6.
पुरुष के जननांगों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पुरुष के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. वृषण (Testes)-पुरुष में एक जोड़ी वृषण उदरगुहा से बाहर, थैले जैसी रचना वृषण कोश (Scrotal Sac) में स्थित होते हैं। प्रत्येक वृषण के अन्दर अनेक अत्यधिक पतली तथा कुण्डलित नलिकाएँ, शुक्राणु नलिकाएँ (Seminiferous tubules) होती हैं। इनमें स्थित शुक्रजनन कोशिकाएँ (Spermatocytes) शुक्राणुजनन की क्रिया द्वारा शुक्राणुओं (Sperms) का निर्माण करती हैं।

2. अधिवृषण (Epididymis)-अधिवृषण वृषणों के ऊपर स्थित अति कुण्डलित नलिकाएँ होती हैं। शुक्राणु वृषण से इन नलिकाओं में आते हैं।

3.शुक्रवाहिनी (Vas deferens)-अधिवृषण का अन्तिम छोर एक संकरी नली में खुलता है। इसे शुक्रवाहिनी कहते हैं। दोनों ओर की शुक्रवाहिनी उदर गुहा में प्रवेश करके शुक्राशय से मिल जाती हैं।

4. शुक्राशय (Seminal Vesicle)-यह थैलीनुमा रचना होती है। शुक्रवाहिनी उदरगुहा में पहुँचकर मूत्रनली के साथ लूप बनाती हुई शुक्रवाहिनी में खुलती है। शुक्राशय में शुक्राणु एकत्र होते हैं। शुक्राशय में पोषक तरल स्रावित होता है। शुक्राणुओं सहित इस तरल को वीर्य (semen) कहा जाता है।
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5. मूत्रमार्ग (Urethra)-शुक्राशय एक संकरी नली के द्वारा, जिसे स्खलन नलिका (ejaculatory duct) कहते हैं, मूत्राशय के संकरे मार्ग में खुलता है। पुरुष में मैथुन क्रिया के लिए मूत्र मार्ग एक मांसल अंग शिश्न (Penis) में स्थित होता है। बाद में यह एक छिद्र द्वारा बाहर खुलता है। इसे मूत्र जनन छिद्र कहते हैं। मैथुन के समय शिश्न भाग के द्वारा मादा की योनि में प्रवेश करके वीर्य को शरीर के अन्दर भेजने का कार्य करता है।

6. सहायक ग्रन्थियाँ (Assessory glands)-उपर्युक्त अंगों के अतिरिक्त पुरुषों में प्रोस्टेट (Prostate), काउपर्स (Cowper’s) तथा पीनियल (Penial) ग्रन्थियाँ उपस्थित होती हैं जो अपने-अपने स्राव वीर्य में स्रावित करती हैं तथा शुक्राणुओं की सुरक्षा करती हैं।

प्रश्न 7.
स्त्री के जनन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (CBSE 2017, 2018)
उत्तर-
स्त्री के जनन तन्त्र में निम्नलिखित अंग होते हैं-
1. अण्डाशय (Ovary)-स्त्री में एक जोड़ी अण्डाशय होते हैं। ये अण्डाकार, भूरे रंग की रचनाएँ हैं जो उदर गुहा में, गर्भाशय में दोनों ओर एक-एक करके स्थित होते हैं। अण्डाशय में अण्डजनन की क्रिया द्वारा अगुणित अण्ड (egg) का निर्माण होता है।

2. अण्डवाहिनी (Oviduct)-दोनों अण्डाशयों के समीप स्थित झालरदार मुखिका से एक-एक अण्डवाहिनी निकलती है जो मध्य भाग में फैलोपियन नलिका कहलाती है। दोनों ओर की नलिकाएँ गर्भाशय के ऊपरी भाग में खुलती हैं। अण्डाशय में मुक्त अण्ड अण्डवाहिनी के फैलोपियन भाग में आता है जहाँ अण्ड का निषेचन होता है।
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3. गर्भाशय (Uterus)-गर्भाशय एक माँसल रचना है, जिसका ऊपरी भाग चौड़ा तथा निचला भाग संकरा होता है। दोनों ओर की अण्डवाहिनियाँ गर्भाशय के चौड़े भाग में ऊपर की ओर खुलती हैं। निषेचित अण्ड गर्भाशय की भीतरी भित्ति में निर्मित सूक्ष्मांकुरों (microvilli) में रोपित होता है तथा शिशु के जन्म तक भ्रूण का विकास इसी में होता है।

4. योनि (Vagina)- गर्भाशय का निचला भाग एक संकरी एवं लचीली माँसल नलिका में खुलता है जिसे योनि कहते हैं। मैथुन के समय पुरुष का वीर्य इसी नलिका में स्खलित होता है और गर्भाशय मुखिका से होते हुए शुक्राणु फैलोपियन नलिका में पहुँचता है।

5. भग (Vulva)-योनि बाहर की ओर एक छिद्र द्वारा खुलती है जिसे भग कहते हैं। इसे सुरक्षित रखने के लिए इसके दोनों ओर दो माँसल ओष्ठ होते हैं। दोनों ओष्ठों के जुड़ने के स्थान पर ऊपर की ओर एक भग शिश्न होता है।

6. बर्थोलिन ग्रन्थि (Bartholin’s gland)-यह एक विशेष प्रकार का तरल पदार्थ स्रावित करती है। यह स्राव मैथुन को सुगम बनाता है तथा शुक्राणुओं की जीवाणुओं से रक्षा करता है।

प्रश्न 8.
जनन स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? गर्भधारण रोकने के विभिन्न उपाय लिखिए। [CBSE 2015, 2016, 2019]
उत्तर-
जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health)- लैंगिक क्रिया द्वारा गर्भधारण की सम्भावना सदैव बनी रहती है। गर्भधारण की अवस्था में स्त्री के शरीर एवं भावनाओं की माँग एवं आपूर्ति बढ़ जाती है और यदि वह गर्भधारण के ‘लिए तैयार नहीं है तो इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अतः गर्भधारण को रोककर स्वास्थ्य को बनाए रखना जनन स्वास्थ्य कहलाता है। गर्भ धारण रोकने के उपाय-

  1. रोधक विधियाँ (Barrier Methods)-इसमें कंडोम तथा डायफ्राम का प्रयोग किया जाता है। ये युक्तियाँ शुक्राणुओं को अण्डाणु से मिलने में रोधक का कार्य करती हैं जिससे निषेचन नहीं होता है।
  2. रासायनिक विधियाँ (Chemical Methods)सगर्भता को रोकने में महिलाएँ दो प्रकार की गोलियों का उपयोग करती हैं-मुखीय गोलियाँ तथा योनि गोलियाँ। ये गोलियाँ शुक्राणुओं या अण्डाणुओं को निष्क्रिय कर देती हैं।
  3. शल्य विधियाँ (Operation Methods)-इस विधि में पुरुष नसबंदी (Vasectomy) या स्त्री नसबन्दी (Tubectomy) करायी जाती है।
  4. अन्तः गर्भ निरोधक विधियाँ (Intra-uterine Contraceptive Device)-चिकित्सकों द्वारा कॉपर ‘टी’ का रोपण गर्भाशय के अन्दर करने से गर्भधारण क्रिया नहीं होती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए(i) एड्स, (ii) सुजाक, (iii) आतशक।
उत्तर-
(i) एड्स (AIDS)-यह एक लैंगिक संचारित रोग है। इसे एक्वायर्ड इम्युनो डैफीशिएंसी सिण्ड्रोम (Ac quired Immuno Deficiency Syndrome) कहते हैं। यह एक विषाणु ह्यूमेन-इम्यूनो डैफीशिएंसी वाइरस (HIV) द्वारा होता है। यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति की लिम्फोसाइट (lymphocytes) कोशिकाओं को नष्ट करके शरीर की प्रतिरोधकता को समाप्त कर देता है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। यह रोगः असुरक्षित सहवास, संक्रमित सुई का प्रयोग, संक्रमित रुधिर आधान द्वारा संचारित होता है। इस रोग का परीक्षण एलिशा परीक्षण द्वारा किया जाता है। अभी तक इस रोग का इलाज पूर्ण रूप से नहीं किया जा सका है।

(ii) सुजाक (Gonorrhoea)-यह रोग यौन संक्रमित नर या मादा के साथ शारीरिक सम्बन्धों द्वारा संचारित होता है। यह विषाणु द्वारा होता है। रोगाणु कटी हुई त्वचा या घावों द्वारा शरीर में प्रवेश करके यौन अंगों तक पहुँच जाता है। इस रोग के प्रमुख लक्षण लम्बे समय तक बुखार, त्वचा में खुजली, जननांगों पर फुसियाँ निकलना आदि हैं। इसका एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा उपचार सम्भव है।

(iii) आतशक (Syphilis)- यह रोग स्पिरोचेट जीवाणु (Spirochete Bacterium) ट्रिपोनीमा पैलीडम (Treponema pallidum) द्वारा फैलता है। इस रोग में जनन तन्त्र, मूत्र नली आदि की झिल्ली प्रभावित होती हैं। इसका निदान किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
(a) “कण्डोम का उपयोग यौन क्रिया में सम्मिलित दोनों लिंगों (पुरुष एवं स्त्री) के लिए लाभकारी होता है।” दो कारण सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए।
(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ गर्भधारण को रोकने में किस प्रकार सहायता करती हैं?
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात किसे कहते हैं? किसी स्वस्थ समाज को यह किस प्रकार प्रभावित करता है? (किसी एक परिणाम का उल्लेख कीजिए)। [CBSE 2020]
उत्तर-
(a)

  • कण्डोम के उपयोग से दोनों लिंग यौन संक्रमित रोगों से बच जाते हैं।
  • कण्डोम स्त्री व पुरुष दोनों को अनचाही संतान होने के भय से मुक्ति दिलाता है।

(b) गर्भ निरोधक गोलियाँ, मादा के अण्डाशय के हॉर्मोनों को नियन्त्रित करके अण्डोत्सर्ग क्रिया को रोक देती हैं जिसके कारण अण्डाणु निषेचन के लिए अण्डाशय से बाहर नहीं निकल पाता है।
(c) लिंग चयनात्मक गर्भपात का अर्थ है कि एक विशेष लिंग वाले भ्रूण का गर्भपात करवाना। हमारे देश में अधिकतर मादा भ्रूण का गर्भपात करवाया जाता रहीं है, परन्तु ऐसा करना अब एक कानूनी अपराध बन गया है। .. परन्तु इस प्रकार के गर्भपात यदि निरंतर होते रहे तो समाज में नर तथा मादा मनुष्यों के अनुपात का संतुलन बिगड़ जाएगा जो कि स्वस्थ समाज के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. अमीबा में जनन की अलैंगिक विधि है-
(a) विखण्डन
(b) बहुविखण्डन
(c) (a) व (b) दोनों
(d) युग्मक लयन ।
उत्तर-
(c) (a) व (b) दोनों।

2. मादा-मानव में निषेचन कहाँ होता है ?
(a) गर्भाशय में
(b) अण्डाशय में
(c) योनि में
(d) फैलोपियन नलिका में।
उत्तर-
(d) फैलोपियन नलिका में।

3. बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) मनुष्य में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में।
उत्तर-
(d) मॉस में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

4. तने द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) पोदीने में
(b) हल्दी में
(c) अदरक में
(d) सभी में।
उत्तर-
(d) सभी में।

5. पौधे के जननांग हैं-
(a) पुंकेसर
(b) स्त्रीकेसर
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) बाह्य दल।
उत्तर-
(c) (a) तथा (b) दोनों।

6. मनुष्य में अण्डाशयों की संख्या होती है
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार।
उत्तर-
(b) दो।

7. परागकणों का निर्माण होता है-
(a) परागकोष में
(b) भ्रणकोष में
(c) भ्रूणपोष में
(d) पुष्पासन में।
उत्तर-
(a) परागकोष में।

8. आलू में कायिक जनन होता है-
(a) जड़ से
(b) कन्द से
(c) तने से
(d) पुष्प से।
उत्तर-
(b) कन्द से।।

9. ब्रायोफिल्लम में कायिक जनन होता है
(a) जड़ कलिका से
(b) स्तम्भ कलिका से
(c) पूर्ण कलिका से
(d) शीर्ष कलिका से।
उत्तर-
(c) पूर्ण कलिका से।

10. अण्डाशय से अण्ड उत्सर्जन को कहते हैं-
(a) अण्डोत्सर्ग
(b) अण्डजनन ।
(c) रजोचक्र
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(a) अण्डोत्सर्ग।

11. किस रचना द्वारा गर्भस्थ भ्रूण माता से पोषण प्राप्त करता है-
(a) रुधिर वाहिनी
(b) गर्भनाल
(c) आमाशय
(d) अण्डवाहिनी।
उत्तर-
(b) गर्भनाल।

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12. नर हॉर्मोन है-
(a) टेस्टोस्टेरॉन
(b) प्रोजेस्ट्रॉन
(c) एस्ट्रोजन
(d) ऑक्सीटोसिन।
उत्तर-
(a) टेस्टोस्टेरॉन।

13. नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलयन से बनता-
(a) युग्मनज (Zygote)
(b) भ्रूण (Embryo)
(c) अण्डप (Carpel)
(d) ये सभी।
उत्तर-
(a) युग्मनज (Zygote)

14. द्विनिषेचन पाया जाता है-
(a) आवृत्तबीजी में
(b) अनावृत्तबीजी में
(c) शैवाल में
(d) फर्न में।
उत्तर-
(a) आवृतबीजी में।

15. एकलिंगी पुष्प पाए जाते हैं-
(a) सरसों में
(b) गुड़हल में
(c) तरबूज में
(d) अमरूद में।
उत्तर-
(c) तरबूज में।

16. लैंगिक जनन के लिए आवश्यक है-
(a) DNA का विघटन
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण
(c) प्रोटीन का प्रतिकृतिकरण
(d) ये सभी।
उत्तर-
(b) DNA का प्रतिलिपिकरण।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ………………………. प्रक्रिया स्पंजों, हाइड्रा आदि में मुख्य रूप से पायी जाती हैं।
उत्तर-
पुनरुद्भवन,

2. मनुष्य में गर्भ की अवधि ………………………. है।
उत्तर-
40 सप्ताह,

3. एक ही जीव में नर तथा मादा जननांगों का पाया जाना ………………………. कहलाती है।
उत्तर-
उभयलिंगता,

4. पुष्प में ………………………. तथा ………………………. पाये जाते हैं।
उत्तर-
नर जननांग, मादा जननांग,

5. हाइड्रा जैसे कुछ प्राणी जुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग ………………………. के लिए करते हैं।
उत्तर-
मुकुलन |

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सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न प्रश्नों में सही मिलान कीजिए|
(a)

सूची Aसूची B
1. अपरा या ऑवल(i) अमीबा
2. द्विखण्डन(ii) स्तनधारी
3. कलम(iii) केंचुआ
4. द्विलिंगी(iv) नर जननांग
5. पुंकेसर(v) गुलाब
6. स्त्रीकेसर(vi) मादा जननांग

उत्तर:-

सूची Aसूची B
1. अपरा या ऑवल(ii) स्तनधारी
2. द्विखण्डन(i) अमीबा
3. कलम(v) गुलाब
4. द्विलिंगी(iii) केंचुआ
5. पुंकेसर(iv) नर जननांग
6. स्त्रीकेसर(vi) मादा जननांग

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(b)

सूची Aसूची B
1. आलू(i) लैंगिक जनन
2. प्याज(ii) कन्द द्वारा कायिक जनन
3. राइजोपस(iii) मुकुलन
4. यीस्ट(iv) पुनर्जनन
5. · हाइड्रा(v) बीजाणु समासंघ
6. मनुष्य(vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन

उत्तर-

सूची Aसूची B
1. आलू (ii) कन्द द्वारा कायिक जनन
2. प्याज(iv) पुनर्जनन
3. राइजोपस(v) बीजाणु समासंघ
4. यीस्ट(iii) मुकुलन
5. · हाइड्रा(vi) शल्क कन्द द्वारा प्रजनन
6. मनुष्य(i) लैंगिक जनन

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्थानीय हॉर्मोन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे हॉर्मोन्स जो स्रावित होने वाले स्थान. पर ही प्रयुक्त हो जाते हैं, स्थानीय हॉर्मोन कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
विशिष्ट रासायनिक संदेश वाहक किसे माना. जाता है?
उत्तर-
हॉर्मोन्स को।

प्रश्न 3.
युग्मानुबन्धन (Synaps) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तत्रिका कोशिकाओं के आपसी सम्बन्ध को युग्मानुबन्धन कहते हैं।

प्रश्न 4.
जड़ों का भूमि के अन्दर प्रवेश करना किस प्रकार की गति है?
उत्तर-
अनुवर्तनी।

प्रश्न 5.
तीन प्रकार के न्यूरॉन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. मोटर न्यूरॉन,
  2. संवेदी न्यूरॉन,
  3. बहुध्रुवी न्यूरॉन।

प्रश्न 6.
पत्तियों का पौधों से गिरना किस हॉर्मोन के प्रभाव के कारण होता है ?
उत्तर-
एब्सीसिक अम्ल ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 7.
कौन-सा रसायन सूचनाओं को एक तंत्रिका से दूसरी तंत्रिका पर स्थानान्तरित करता है ?
उत्तर-
ऐसीटिल कोलीन।

प्रश्न 8.
प्रतिवर्ती चाप कहाँ बनते हैं ?
उत्तर-
मेरुरज्जु में।

प्रश्न 9.
फेरोमोन्स क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे रासायनिक पदार्थ जो एक जीव द्वारा स्रावित होते हैं तथा दूसरे जीव पर प्रभाव डालते हैं, फेरोमोन्स कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
एड्रीनलीन हॉर्मोन का एक कार्य बताइए।
उत्तर-
यह आपातकालीन स्थिति में शरीर को संकट से बचने के लिए तैयार करता है।

प्रश्न 11.
प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन का कार्य बताइए।
उत्तर-
प्रोजेस्ट्रॉन गर्भाशय में भ्रूण के सही विकास के लिए आवश्यक होता है।

प्रश्न 12.
गुरुत्वानुवर्तन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वानुवर्तन (Geotropism)- जड़ों द्वारा गुरुव के प्रभाव से भूमि में नीचे की ओर वृद्धि करना, गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है।

प्रश्न 13.
फाइटोक्रोप तथा फाइटोहॉर्मोन्स में क्या अन्तर है?
उत्तर-
फाइटोक्रोम प्रकाश अवशोषक वर्णक हैं तथा ये पुष्पन व अंकुरण में सहायता करते हैं। फाइटो हॉर्मोन पौधों के वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 14.
प्रकाश किस प्रकार वृद्धि को प्रभावित करता
उत्तर-
हरितलवक प्रकाश का अवशोषण करके पौधों के लिए भोजन तैयार करने में सहायक होते हैं जो प्रकाश संश्लेषण विधि से पूर्ण होता है।

प्रश्न 15.
दीर्घ प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए लम्बे प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, दीर्घ प्रदीप्तिकाली गधे कहलाते हैं; जैसे-तम्बाकू।

प्रश्न 16.
अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिन्हें पुष्पन के लिए आल्य प्रकाश काल की आवश्यकता होती है, अल्प प्रदीप्तिकाली पौधे कहलाते हैं; जैसे-गेहूँ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 17.
दिवस निरपेक्ष पौधे क्या होते हैं?
उत्तर-
ऐसे पौधे जिनके पुष्पन पर प्रकाश की अवधि . का कोई प्रभाव नहीं होता है, दिवस निरपेक्ष पादप कहलाते हैं; जैसे-मिर्च।

प्रश्न 18.
पादप गतियाँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
पादप गतियाँ मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं

  1. अनुवर्तनी गतियाँ,
  2. अनुकुंचनी गतियाँ।

प्रश्न 19.
मस्तिष्क के किस भाग में बुद्धिमत्ता, वेतनता एवं इच्छा शक्ति का केन्द्र होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के प्रमस्तिष्क भाग में।

प्रश्न 20.
हाइपोथैलेमस का क्या कार्य है ?
उत्तर-
यह समस्थापन तथा पीयूष ग्रन्थि का नियमन करता है तथा यह संवेदी अंगों के लिए नियंत्रण केन्द्र होता है।

प्रश्न 21.
रसायनानुवर्तन क्या है? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
किसी रसायन के प्रति पादप गति को रसायनानुवर्तनी गति कहते हैं। उदाहरण-परागनली का वर्तिका में प्रवेश।

प्रश्न 22.
क्रेनियम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाला कंकाल जो तीन परतों का बना होता है, क्रेनियम (Cranium) कहलाता

प्रश्न 23.
तंत्रिका कोशिका (Neuron) के तीन भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. तंत्रिका काय (Cyton),
  2. तंत्रिकाक्ष (Axon),
  3. वृक्षाभ (Dendrite)।

प्रश्न 24.
मेडुला ओब्लोंगेटा का क्या कार्य है ?
उत्तर-
अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखना।

प्रश्न 25.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग बुद्धि तथा स्मरण का केन्द्र है ?
उत्तर-
प्रमस्तिष्क (cerebrum)। .

प्रश्न 26.
मस्तिष्क के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अग्र मस्तिष्क (Fore brain)।
  2. मध्य मस्तिष्क (Mid brain)।
  3. पश्च मस्तिष्क (Hind brain) ।

प्रश्न 27.
पौधे का प्रकाश की ओर वृद्धि करना किस हॉर्मोन के कारण होता है?
उत्तर-
ऑक्सिन।

प्रश्न 28.
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए।
उत्तर-
घेघा।

प्रश्न 29.
मादा हॉर्मोन का नाम लिखिए।
उत्तर-
एस्ट्रोजन।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अभिग्राहक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
अभिग्राहक प्राणियों में विशेष प्रकार की संरचना वाले तंत्रिका अंग हैं, जो प्रकाश, ध्वनि एवं गन्ध द्वारा बाह्य सूचनाओं का ज्ञान कराते हैं। इन्हें क्रमशः प्रकाशग्राही (photoreceptor), ध्वनिग्राही (Audio receptor) एवं गंधग्राही (olfactory receptor) कहते हैं। अभिग्राही सम्बन्धित क्रियाओं से उद्दीपन प्राप्त करके मस्तिष्क को प्रेषित करते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 2.
निम्नलिखित का एक-एक कार्य लिखिए(a) डेन्ड्राइट (b) एक्सॉन (c) सिनेप्स।
उत्तर-
(a) डेन्ड्राइट शरीर की ग्राहियों में स्थित होते हैं। और संवेदनाओं को ग्रहण करते हैं।
(b) एक्सॉन डेन्ड्राइट द्वारा ग्रहण की गई सूचनाओं को न्यूरॉन के अन्तिम छोरों तक पहुँचाते हैं।
(c) सिनेप्स एक न्यूरॉन से सूचनाओं को दूसरे न्यूरॉन पर स्थानान्तरित करते हैं।

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए आरेख के (a) से (e) तक के भागों के नाम लिखिए।
(b) 11-(e)
आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं के क्रम का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) ग्राही,
(b) संवेदी तंत्रिका कोशिका,
(c) मेरुरज्जु,
(d) प्रतिसारण तंत्रिका कोशिका,
(e) प्रेरक तंत्रिका कोशिका।

आरेख में दर्शायी गयी घटनाओं का क्रम :

  • ग्राही अंग द्वारा ऊष्मीय उद्दीपन को प्राप्त करना।
  • संवेदी तंत्रिका द्वारा उस उद्दीपन को विद्युत लहर के रूप में मेरुरज्जु तक ले जाना।
  • मेरुरज्जु की प्रतिसारण तंत्रिका द्वारा उसका विश्लेषण।
  • भुजा की पेशियों द्वारा उद्दीपन के प्रति कार्य करना।

प्रश्न 4.
अन्तर्मुखी क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
अन्तर्मुखी क्रिया सामान्यतः स्वतः होने वाली अनुक्रिया है। यह तंत्रिका प्रणाली युक्त जन्तुओं में पाया जाने वाला सामान्य व्यवहार का रूप है। उदाहरणार्थ, किसी व्यक्ति का हाथ गर्म वस्तु पर पड़ने पर वह तुरन्त हाथ हटा लेता है। वास्तव में इस प्रक्रिया का संदेश तंत्रिकाओं के माध्यम से रीढ़ की हड्डी से हाथ की माँसपेशियाँ तक पहुँचने वाली तंत्रिकाओं को सचेत कर देना है, जिसका – तात्कालिक परिणाम यह होता है कि माँसपेशियों में सिकुड़न होती है तथा हाथ खींच लिया जाता है।

प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती चाप को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 1

प्रश्न 6.
मानव मस्तिष्क का नामांकित चित्र बनाइए। (मा. शि. बोर्ड 2012)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 2

प्रश्न 7.
मानव प्रमस्तिष्क के विभिन्न भागों को चित्र द्वारा दर्शाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 3

प्रश्न 8.
मस्तिष्क के विभिन्न भाग विशिष्ट कार्यों से संबद्ध हैं। मानव मस्तिष्क के उस भाग का नाम लिंखिए जो निम्नलिखित कार्य करता है: .
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना
(b) वमन (उल्टी आना)
(c) किसी पेंसिल को उठाना
(d) साइकिल चलाना
उत्तर-
(a) पेट पूरा भरा होने की संवेदना-अग्र-मस्तिष्क।
(b) वमन (उल्टी आना)-पश्चमस्तिष्क का मेडुला भाग।
(c) किसी पेंसिल को उठाना-अनुमस्तिष्क ।
(d) साइकिल चलाना-अनुमस्तिष्क।

प्रश्न 9.
कानों को सन्तुलन अंग क्यों कहते हैं ? .
उत्तर-
कान सुनने के अलावा सन्तुलन का कार्य भी करते हैं। अंतः कर्ण की अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं की तुम्बिका नलियाँ, सैक्युलस तथा यूट्रिकुलस शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करती हैं। यूट्रिकुलस तथा सैक्युलस के मैकुला तथा अर्द्धचन्द्राकार नलिकाओं के तुम्बिका (ampulla) में स्थित संवेदी कूटों द्वारा गतिक सन्तुलन नियन्त्रित होता है। जब शरीर एक ओर झुक जाता है तो तुम्बिकाओं में स्थित ऑटोकोनिया उसी ओर जाकर संवेदी कूटों को उद्दीपन प्रदान करते हैं। इससे तंत्रिका आवेग उत्पन्न होता है और मस्तिष्क में शरीर के झुकने की सूचना पहुँच जाती है। मस्तिष्क प्रेरक तंत्रिकाओं द्वारा सम्बन्धित पेशियों को सूचना भेजकर शरीर का सन्तुलन बनाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 10.
निम्नलिखित अंगों पर अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र का क्या प्रभाव पड़ता है-
(i) हृदय,
(ii) रक्त वाहिनियाँ,
(iii) नेत्र
(iv) ट्रेकिया,
(v) लार ग्रन्थियाँ,
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि,
(vii) मूत्राशय,
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ।
उत्तर
(i) हृदय-स्पंदन दर बढ़ जाती है।
(ii) रक्त वाहिनियाँ-संकुचित होने से, रुधिर दाब बढ़ जाता है।
(iii) नेत्र-उपतारा फैल जाता है।
(iv) ट्रेकिया-ट्रेकिया फैलने से, अधिक वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है।
(v) लार ग्रन्थियाँ-लार का स्रावण कम होता है।
(vi) अधिवृक्क ग्रन्थि-एड्रीनलीन हॉर्मोन का स्रावण प्रेरित करता है।
(vii) मूत्राशय-संकुचन कर, मूत्र त्याग को प्रेरित करता है।
(viii) स्वेद ग्रन्थियाँ-पसीना स्रावण को प्रेरित करता है।

प्रश्न 11.
शरीर में मस्तिष्क किस प्रकार सुरक्षित रहता
उत्तर-
मस्तिष्क शरीर का अत्यन्त कोमल अंग है। इसमें अरबों की संख्या में तंत्रिकाएँ (Neurons) उपस्थित होती हैं। इसको सुरक्षित रखने के लिए इसके ऊपर तीन आवरण या तंत्रिकाएँ (Menings) होती हैं।

ये निम्न हैं-

  • सबसे बाहर की ओर दृढ़तानिका या ड्यूरामेटर,
  • बीच वाली परतं जाल तानिका या एरेकोइड, तथा
  • सबसे अन्दर की ओर मृदुतानिका या पियामेटर होती है।

इन आवरणों के बीच-बीच में एक तरल भरा होता है जो मस्तिष्क की आघातों से सुरक्षा करता है।

प्रश्न 12.
तंत्रिका तंत्र कैसे कार्य करता है? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिकाओं के दूमिका सिरे ग्राही अंगों से सूचनाएँ ग्रहण करके इन्हें मेरुरज्जु में पहुँचाते हैं। यहाँ पर ये सूचनाएँ संसाधित होती हैं। इसके पश्चात् इनका स्थानान्तरण आवेग के रूप में कार्यकारी पेशियों को कर दिया जाता है जिससे वांछित क्रिया सम्पन्न होती है।

प्रश्न 13.
वृद्धि गति तथा स्फीति गति के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वृद्धि गति तथा स्फीति गति में अन्तर-

वद्धि गतिस्फीति गति
1. यह एक दिशा से हो रहे उद्दीपन के प्रति अनु- क्रिया करती है।इसमें उद्दीपन की दिशा का कोई प्रभाव नहीं होता है।
2. यह कोशिकाओं की असमान वृद्धि के कारण होती है।स्फीति गति कोशिकाओं की स्फीति गति में परि वर्तन आने के कारण होती है।
3. वृद्धि गति अनुत्क्रमणीय होती है।स्फीति गति उत्क्रमणीय होती है।

प्रश्न 14.
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर कीजिए।
उत्तर-
अनुवर्तनी गति तथा अनुचलन गति में अन्तर

अनुवर्तनी गति(Tropic Movement)अनुचलन गति (Tactic Movement)
1. इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण करता है।इसमें उद्दीपन गति की दिशा का निर्धारण नहीं करता है।
2. यह स्थिर पौधों द्वारा प्रदर्शित वक्रता गति होती है। अतः यह अनुवर्तन गति होती है।इसमें सम्पूर्ण पादप या उसके किसी भाग में स्थान परिवर्तन होता है, अत: यह अनुचलन गति है।
3. उद्दीपन के आधार पर अनुवर्तनी गति अनेक प्रकार की हो सकती है। जैसे-प्रकाशानुवर्तन, गुरुत्वानुवर्तन, रसायना नुवर्तन आदि।उद्दीपन के आधार पर अनुचलन गति भी अनेक प्रकार की होती है। जैसे-प्रकाशानुचलन, ताप अनुचलन आदि।

प्रश्न 15.
बीजांकुरण में जड़ें सदैव भूमि की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। क्यों ? प्रयोग द्वारा समझाइए। (मा. शि. बो. 2012)
उत्तर-
बीजांकुरण में जड़ों का भूमि की ओर जाना धनात्मक गुरुत्वानुवर्तन तथा प्ररोह का ऊपर की ओर वृद्धि करना धनात्मक प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्रयोग-बुरादे या रेत में कुछ बीजों को अंकुरित कराते हैं। इनमें प्ररोह ऊपर की ओर तथा जड़ें नीचे की ओर वृद्धि करती हैं। यदि गमले को क्षैतिज लिटा दिया जाए तो भी जड़ें नीचे की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 4

प्रश्न 16.
शीर्ष प्रमुखता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
शीर्ष प्रमुखता (Apical Dominance)-यह ऑक्सिन नामक पादप हॉर्मोन्स का एक प्रमुख गुण है। ऑक्सिन प्ररोह शीर्ष में स्रावित होता है। इसके प्रभाव से प्ररोह पर स्थित कक्षस्थ कलिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और पौधों में शीर्ष वृद्धि अधिक होती है। यदि पौधे के शीर्ष भाग को काट दिया जाए तो इनमें उपस्थित ऑक्सिन हट जाता है और पार्श्व कलिकाएँ वृद्धि करने लगती हैं। इसे शीर्ष प्रमुखता कहते हैं। इसीलिए माली हेज लगाने के लिए शीर्ष कलिकाओं को काट देते हैं।

प्रश्न 17.
अनिषेक फलन क्या है ? इसमें ऑक्सिन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
अनिषेक फलन (Parynenocarpy)-बीज रहित फलों का निर्माण होना अनिषेक फलन कहलाता है। अनिषेक फलन ऑक्सिन द्वारा कृत्रिम रूप से प्रेरित किया जा सकता है। यदि अनिषेचित वर्तिकान पर निश्चित सान्द्रता वाले ऑक्सिन घोल का लेपन करके इसे परागण होने से रोक दिया जाता है तो ऐसा करने से फल का निर्माण तो होता है लेकिन इनमें बीजों का निर्माण नहीं होता है।

प्रश्न 18.
अपृतनाशन में ऑक्सिन की भूमिका लिखिए।
उत्तर-
फसल से अवांछनीय पौधों का उन्मूलन करना अपृतनाशन कहलाता है। कुछ ऑक्सिन्स जैसे-2-4-D, 2-4, 5T आदि का छिड़काव करने से कुछ द्विबीजपत्री पौधे (चौड़ी पत्ती । वाले) नष्ट हो जाते हैं। इनके छिड़कने से एकबीजपत्री पौधे,जैसे-गेहूँ, जौ, आदि पर कोई खास प्रभाव नहीं होता है।

प्रश्न 19.
हमारे शरीर में हॉर्मोन्स का महत्त्व बताइए।
उत्तर-
हॉर्मोन्स हमारे शरीर में वृद्धि, परिवर्धन, परिपक्वन एवं जनन की बहुत-सी क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं। ये विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं की दर तथा उनकी लयात्मक विविधताओं का एवं ऊर्जा व्यय का नियमन भी करते हैं। हॉर्मोन्स तंत्रिका तंत्र की क्रियाविधि का भी नियमन करते हैं। किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व और उसका आचरण मुख्यतः अन्तःस्रावी ग्रन्थियों पर ही निर्भर होता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 20.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) सरल गलगंड,
(ii) अवटुवामनता,
(iii) मिक्सिडिया।
उत्तर-
(i) सरल गलगंड-यह आहार में आयोडीन की कमी के कारण होता है। इसकी कमी से थायरॉक्सिन के निर्माण में कमी हो जाती है, जिससे थायरॉइड ग्रन्थि फूल जाती है और गर्दन सूजी हुई दिखाई देती है।
(ii) अवटुवामनता-इसमें बालकों में वृद्धि कम होती है। बालक बौना तथा मन्द बुद्धि रह जाता है। यह थायरॉक्सिन के अल्प स्त्रावण से होता है।
(iii) मिक्सिडिया-थायरॉक्सिन के अल्प स्रावण से यह रोग वयस्कों में होता है। इससे हाथ-पैरों में सूजन हो जाती है।

प्रश्न 21.
पीयूष ग्रन्थि से स्रावित होने वाले चार हॉर्मोन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • वृद्धि हॉर्मोन (Growth hormone),
  • थायरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन (Thyroid stimulating hormone),
  • एड्रीनो कोर्टिकोट्रोपिक हॉर्मोन (Adreno cortico tropic hormone),
  • गोनेडो उद्दीपक हॉर्मोन (Gonado stimulating hormone)।

प्रश्न 22.
कोई गिलहरी आतंक की परिस्थिति में है। वह अपने शरीर को लड़ने के लिए अथवा वहाँ से भागने के लिए तैयार करती है। उसके शरीर में तत्काल होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए जिससे कि वह गिलहरी लड़ अथवा भाग सके। (CBSE 2020)
उत्तर-
ऐसे समय में गिलहरी की अधिवृक्क ग्रन्थि द्वारा एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है और फिर शरीर के सभी भागों में पहुँच जाता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन और श्वसन दर बढ़ जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर, गिलहरी के शरीर को इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।
अथवा
बहुकोशिकीय जीवों की कोशिकाओं के बीच संचार के साधन के रूप में विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर क्यों होता है? (CBSE 2020)
उत्तर-
विद्युत आवेग तंत्रिकाओं द्वारा अंगों तक जाता है इसलिए जीव के किसी अंग की सभी कोशिकाओं तक जल्दी से इसका संचार नहीं हो पाता, जबकि रासायनिक संचरण में हॉर्मोन का प्रवाह, रक्त परिवहन द्वारा होता है। ये हॉर्मोन किसी अंग की कोशिकाओं को कार्य करने के लिए जल्दी से प्रेरित करते हैं तथा रक्त परिसंचरण द्वारा उस अंग तक पहुँच भी जल्दी जाते हैं। इसलिए विद्युत आवेग की तुलना में रासायनिक संचरण बेहतर माना जाता है।

प्रश्न 23.
पादप हॉर्मोन क्या होते हैं? निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी हॉर्मोन के नाम लिखिए।
(i) तने की वृद्धि में सहायक
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करना
(iii) वृद्धि का संदमन
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक (CBSE 2019)
उत्तर-
पादप हॉर्मोन-यह एक प्रकार के रसायन होते हैं जो पौधे के विकास एवं वृद्धि की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
(i) तने की वृद्धि में सहायक-जिबरेलिन हॉर्मोन।
(ii) कोशिका विभाजन को प्रेरित करनासाइटोकाइनिन हॉर्मोन।
(iii) वृद्धि का संदमन-एब्सिसिक अम्ल (ABA) हॉर्मोन।
(iv) कोशिका की लम्बाई में वृद्धि में सहायक- ऑक्सि हॉर्मोन।

प्रश्न 24.
अग्नाशय ग्रन्थि से स्रावित होने वाले हॉर्मोन का नाम तथा कार्य लिखिए। इसकी कमी से होने वाले रोग का नाम लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
अग्नाशय ग्रंथि से स्रावित होने वाले हॉर्मोनइन्सुलिन का कार्य रक्त में शर्करा का स्तर कम रखना होता है। इसकी कमी से मधुमेह नाम की बीमारी होती है।

प्रश्न 25.
अण्डाशय तथा वृषण से स्रावित हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. अण्डाशय से स्रावित हार्मोन-एस्ट्रोजन्स (Estrogens)। कार्य-ये जननांगों (गर्भाशय, योनि, स्तन आदि) के विकास को प्रेरित करते हैं। इनके कारण द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास होता है। यह रजोधर्म को प्रारम्भ करता है।
  2. वृषण से स्रावित हॉर्मोन-एण्ड्रोजन्स (Androgens)। कार्य-ये लैंगिक परिपक्वता, जननांगों के विकास, द्वितीयक लैंगिक लक्षण आदि के विकास में सहायक हैं। पुरुषों की भारी आवाज, अधिक मजबूत शरीर, दाढ़ी, मूंछ आदि इसी के प्रभाव से विकसित होते हैं।

प्रश्न 26.
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन का स्त्रावण किस ग्रन्थि से होता है ? इसके कार्य लिखिए।
उत्तर-
एड्रीनलीन तथा नॉर-एड्रीनलीन हॉर्मोन्स अधिवृक्क ग्रन्थि के मैडुला भाग से स्रावित होते हैं।

  • एडीनलीन या एपीनेफ्रीन प्रमुख हॉर्मोन है। यह ग्लाइकोजेनोलाइसिस तथा वसा के विघटन को प्रेरित करता है। यह हृदय स्पंदन दर, श्वास दर, ग्लूकोज की खपत एवं उपापचय दर को बढ़ाता है। यह संकट की अवस्था में शरीर को उग्र प्रतिक्रिया के लिए तैयार करता है।
  • नॉर-एड्रीनलीन या नॉर-एपीनेफ्रीन अल्प मात्रा में स्रावित होता है। यह रुधिर दाब बढ़ाता है तथा हृदय की संकुचनशीलता को नियन्त्रित करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया को उपयुक्त उदाहरण द्वारा समझाइए।(RBSE 2010, CBSE 2017)
उत्तर-
“बहुत सी क्रियाएँ बाह्य उद्दीपनों के कारण अनुक्रिया (response) के रूप में घटित होती हैं, इन्हें प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहते हैं।” काँटा चुभते ही पैर को झटके से ऊपर खींचना, गर्म वस्तु छू जाने पर हाथ खींचना, तीव्र प्रकाश में आँख की पुतली का सिकुड़ना, खाँसना, छींकना, पलक झपकना आदि प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण हैं।

प्रतिवर्ती क्रियाएँ रीढ़ रज्जु से नियन्त्रित होती हैं। मस्तिष्क को निकाल देने पर ये कुछ समय के लिए चलती रहती हैं। अतः प्रतिवर्ती क्रिया किसी उद्दीपन के प्रति अंग या अंगों के तंत्र द्वारा तीव्र गति से की जाने वाली स्वचालित अनुक्रिया है। __रीढ़ रज्जु से रीढ़ तंत्रिकाएँ निकलती हैं। प्रत्येक रीढ़ तंत्रिका पृष्ठ मूल तथा अधर मूल से मिलकर बनती है। पृष्ठ मूल में संवेदी तन्तु तथा अधर मूल में चालक तन्तु होते हैं। संवेदी अंग उद्दीपन को ग्रहण कर संवेदी तन्तुओं द्वारा रीढ़ रज्जु तक पहँचाते हैं, इसके फलस्वरूप रीढ़ रज्ज से अनक्रिया के लिए आवेश चालक तन्तओं द्वारा सम्बन्धित माँसपेशियों को मिलता है और अंग अनुक्रिया करता है।

इस प्रकार संवेदी अंगों से, संवेदनाओं को संवेदी तन्तुओं द्वारा रीढ़ रज्जु तक आने या रीढ़ रज्जु से प्रेरणा के रूप में अनुक्रिया करने वाले अंगों की माँसपेशियों तक संदेश पहुँचाने के मार्ग को प्रतिवर्ती चाप (Reflex arc) तथा होने वाली क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex action) कहते हैं। महत्त्व-बाह्य तथा आन्तरिक उद्दीपनों के फलस्वरूप होने वाली ये क्रियाएँ सुषुम्ना द्वारा नियन्त्रित होती हैं। इससे मस्तिष्क पर कार्य दबाव कम हो जाता है। क्रिया होने के पश्चात् मस्तिष्क को सूचना प्रेषित कर दी जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 5

प्रश्न 2.
मानव के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) – इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आते हैं। मस्तिष्क शरीर का मुख्य नियन्त्रक एवं समन्वयन केन्द्र होता है।

मस्तिष्क (Brain)-मस्तिष्क अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अंग है। यह अत्यधिक कोमल होता है जो कपाल (Cranium) में सुरक्षित रहता है। यह चारों ओर से त्रिस्तरीय झिल्ली से घिरा होता है। बाहरी दृढ़ झिल्ली दृढ़ तानिका (Duramater), मध्य वाली झिल्ली मृदुतानिका (Piamater) तथा आन्तरिक झिल्ली जालतानिका (Arachoid) कहलाती है।

मस्तिष्क के प्रमुख तीन भाग होते हैं –
1. अग्र मस्तिष्क-इसके अन्तर्गत घ्राण पिण्ड, प्रमस्तिष्क तथा डाएनसिफलॉन आते हैं। घ्राण पिण्ड गंध -ज्ञान के, प्रमस्तिष्क स्मृति, सोचने-विचारने, तर्क शक्ति आदि के तथा डाएनसिफलॉन भूख, प्यास, नींद, ताप नियन्त्रण, उपापचय आदि के केन्द्र होते हैं।

2. मध्य मस्तिष्क-मध्य मस्तिष्क का अधिकांश भाग अनुमस्तिष्क से ढका होता है। यह दृष्टि ज्ञान कराता है।
3. पश्च मस्तिष्क-इसके अन्तर्गत अनुमस्तिष्क, पोन्स तथा मस्तिष्क पुच्छ आता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 6

  • पोन्स-अनुमस्तिष्क के सामने तथा मस्तिष्क पुच्छ के ऊपर स्थित होता है। यह हृदय स्पंदन तथा श्वसन आदि क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
  • अनुमस्तिष्क-प्रमस्तिष्क के पश्च भाग के नीचे स्थित गोलाकार भाग होता है। यह शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करता है।
  • मस्तिष्क पुच्छ (Medulla oblongata)-मस्तिष्क का पश्च बेलनाकार भाग है, यह शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है।

मेरुरज्जु या सुषुम्ना (Spinal Cord)-मस्तिष्क का पश्च भाग लम्बा होकर कपाल के पश्च छोर पर उपस्थित महारन्ध्र से निकलकर रीढ़ की हड्डी में फैला रहता है। यही मेरुरज्जु कहलाता है। रीढ़ की हड्डी कशेरुकाओं की बनी होती है तथा इसके मध्य में एक तंत्रिका नाल होती है। इसी तंत्रिका नाल में मेरुरज्जु स्थित होती है। मेरुरज्जु मस्तिष्क से प्राप्त तथा मस्तिष्क को जाने वाले आवेगों के लिए पथ प्रदान करता है। यह प्रतिवर्ती क्रियाओं के संचालन एवं नियमन के कार्य भी करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के कार्यों का वर्णन कीजिए –
1. ऑक्सिन्स
2. जिबरेलिन्स,
3. एसीसिक अम्ल
4. सायटोकाइनिन,
5. इथाइलीन।
उत्तर-
1. ऑक्सिन (Auxins)-ऑक्सिन्स के अन्तर्गत अनेक हॉर्मोन्स आते हैं, जैसे-इंडोल ऐसीटिक एसिड (IAA), इंडोल ब्यूटाइरिक एसिड (IBA), नैफ्थलीन ऐसीटिक एसिड (NAA), 2-4 डाइफिनोल ऐसीटिक एसिड (2-4, D) आदि ।

इनके कार्य निम्नलिखित हैं

  • कोशिकाओं में विवर्धन करना।
  • कोशिका विभाजन में सहायता करना।
  • फलों व पत्तियों को असमय गिरने से रोकना।
  • कायिक प्रजनन में सहायता करना।
  • खरपतवार नियन्त्रण।

2. जिबरेलिन्स (Gibberellins)-ये भी विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे GA1, GA2, GA3, आदि।

इनके कार्य निम्नलिखित हैं-

  • तनों की लम्बाई में वृद्धि करना।
  • बीजों के अंकुरण को बढ़ानां
  • कलिका प्रसुप्ति को कम करना।
  • पुष्पों के खिलने में सहायता करना।
  • कुछ पौधों में अनिषेक फलन उत्पन्न करना।

3. एब्सीसिक अम्ल (Abscissic Acid)-इसे वृद्धि रोधक हॉर्मोन कहते हैं।

इसके निम्नलिखित कार्य हैं ।

  • पौधों की वृद्धि को नियन्त्रित करता है।
  • सूखे की स्थिति में रन्ध्रों को बन्द करता है।
  • बीजों एवं कलियों में अंकुरण का संदमन करता
  • प्रोटीन के संश्लेषण को प्रोत्साहित करता है।

4. सायटोकाइनिन्स (Cytokinins)-

इसके कार्य निम्नलिखित हैं-

  • कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
  • जीर्णता को नष्ट करता है।
  • सुप्तावस्था को नष्ट करता है।
  • पोषक पदार्थों के स्थानान्तरण में सहायक होता है।

5. इथाइलीन (Ethylene)-यह एक गैसीय हॉर्मोन है।

इसके निम्नलिखित कार्य हैं-

  • फलों के पकने में सहायक होता है।
  • मादा पुष्पों की संख्या बढ़ाता है।
  • विलगन को प्रेरित करता है।
  • तनों के फूलने में सहायक होता है।

प्रश्न 4.
मानव शरीर में पायी जाने वाली प्रमुख अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों के नाम, उनसे स्त्रावित हॉर्मोन्स तथा कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
मानव शरीर में पायी जाने वाली प्रमुख अन्तः स्रावी ग्रन्थियाँ निम्नलिखित हैं-

1.पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland)-इससे निम्नलिखित हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं-

  • वृद्धि हॉर्मोन (GH)-यह अस्थियों तथा ऊतकों की वृद्धि को नियन्त्रित करता है।
  • एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन (ADH)-यह वृक्क द्वारा जल के पुनः अवशोषण को नियमित करता है।
  • ACTH-यह कार्टिसोन निर्माण के लिए अधिवृक्क कॉर्टेक्स को उत्तेजित करता है।
  • FSH-यह एस्ट्रोजन सावण के लिए अण्डाशय को उत्तेजित करता है।
  • TSH- यह थायरॉक्सिन के स्रावण के लिए थायरॉइड ग्रन्थि को उत्तेजित करता है।

2. थायरॉइड (Thyroid)- इससे थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित होता है। थायरॉक्सिन उपापचय तथा वृद्धि की दर नियमित करता है। इसकी कमी से पेंघा रोग हो जाता है तथा शरीर में शिथिलता आ जाती है। इसकी अधिकता से भीमकायिकता रोग उत्पन्न हो जाता है।

3. अग्न्याशय (Pancreas)-इसकी. लैंगरहैंस की द्वीपिकाओं की बीटा कोशिकाओं से इन्सुलिन का स्रावण होता है। इन्सुलिन शर्करा के उपापचय का नियमन करता है। इसकी कमी से रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और शरीर में कमजोरी आती है, ऐसी स्थिति को मधुमेह (Diabetes) कहते हैं।

4. अधिवृक्क ग्रन्थि (Adrenal gland)- इससे कार्टिसोन का स्रावण होता है। कार्टिसोन (Cortison) प्रोटीन को शर्करा में बदलने का कार्य करता है।

5. अण्डाशय (Ovary)-इससे एस्ट्रोजन का स्रावण होता है। एस्ट्रोजन (Estrogen) मादा लक्षणों का विकास करता है।

6. वृषण (Testes)- इनसे टेस्टोस्टेरॉन का स्रावण होता है।

7. टेस्टोस्टेरॉन (Testosteron)-यह नर लक्षणों का विकास करता है।

प्रश्न 5.
हॉर्मोन नियमन की पुनर्भरण क्रियाविधि क्या है? इस परिघटना की व्याख्या इन्सुलिन का उदाहरण लेकर कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
वह क्रियाविधि जिसके माध्यम से हमारे शरीर में ग्रंथियों द्वारा स्रावित होने वाले हॉर्मोनों के समय व मात्रा को नियंत्रित किया जाता है, हॉर्मोन की पुनर्भरण क्रियाविधि कहलाती है।

उदाहरण-जब रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, तो अग्नाश्य की कुछ विशेष प्रकार की कोशिकाएँ, प्रतिक्रिया स्वरूप, अधिक मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन करती हैं। इसके विपरीत जब रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है तो अपने आप ही इन्सुलिन की मात्रा कम स्रावित होने लगती है।

प्रश्न 6.
“हमारे शरीर में नियन्त्रण और समन्वय का कार्य तंत्रिका तंत्र और हॉर्मोनी तंत्र द्वारा मिलकर किया जाता है।” किसी उदाहरण की सहायता से इस कथन की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
तंत्रिका तंत्र, बाहर के उद्दीपनों को, शरीर की ग्राही कोशिकाओं से प्राप्त करके, मस्तिष्क अथवा मेरुरज्जु तक संदेश भेजता है, फिर प्रेरक तंत्रिकाओं द्वारा कार्य कर अंगों को उस पर क्रिया करने के लिए प्रेरक संदेश भेजता जाता है। तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित क्रियाएँ एच्छिक अथवा अनैच्छिक दोनों प्रकार की हो सकती हैं। हॉर्मोन तंत्र में अन्तःस्रावी ग्रंथियों द्वारा रासायनिक हॉर्मोन स्रावित होते हैं। यह हॉर्मोन रक्त द्वारा उस अंग तक पहुँचते हैं, जिस अंग की क्रिया पर उन्हें नियंत्रण करना होता है। उदाहरण के लिए, अग्नाश्य ग्रंथि द्वारा इन्सुलिन हॉर्मोन स्रावित होता है और यह हॉर्मोन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है।

प्रश्न 7.
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कार्यविधि तथा हार्मोन कार्यविधि में अंतर :

तंत्रिका कार्यविधिहार्मोन कार्यविधि
1. इसमें बाहरी उद्दीपन तथा उसकी प्रतिक्रिया रासा- यनिक तथा विद्युत तरंग के रूप में तंत्रिका कोशि- काओं में से प्रवाहित होती है।1. हार्मोन, अन्त:स्रावी ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न होकर रक्त द्वारा उस अंग तक पहुँचते हैं, जिसके कार्य को उस हार्मोन ने नियंत्रित करना होता है।
2. तंत्रिका वेग अपने कार्यों को शीघ्रता से पूरा करती हैं।2. हार्मोन अपने कार्यों को धीरे-धीरे पूरा करते हैं।
3. तंत्रिकाओं द्वारा पेशियों से कार्य करवा कर उद्दीपन के प्रति प्रतिक्रिया काफी तीव्रता से होती है।3. हार्मोनों द्वारा प्रतिक्रिया तंत्रिकाओं की अपेक्षा इतनी तीव्रता से नहीं हो पाती है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में अन्तर लिखिए
(i) अन्तःस्रावी तथा बहिस्स्रावी ग्रन्थियाँ
(ii) अनुकंपी तथा परानुकंपी तंत्रिका तंत्र
(iii) हॉर्मोन तथा एन्जाइम। [RBSE 2015]
उत्तर-
(i) अन्तःस्रावी तथा बहि स्रावी ग्रन्थियों में अन्तर

अन्तःस्त्रावी ग्रन्थिबहिःस्रावी ग्रन्थि
1. ये नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ हैं।1. ये नलिकायुक्त ग्रन्थियाँ हैं।
2. इनके स्राव को रुधिर द्वारा गंतव्य तक पहुँचाया जाता है।2. इनका स्राव नलिकाओं द्वारा शरीर के भीतर तक पहुँचता है।
3. ये विशेष अंगों की उचित वृद्धि और कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं।3. ये भोजन एवं बाह्य पदार्थों पर कार्य करने में निपुण होती हैं।

(ii) अनुकंपी तथा परानुकंपी तंत्रिका तंत्र में अन्तर

अनुकंपी तंत्रिका तंत्रपरानुकंपी तंत्रिका तंत्र
1. यह मेरुरज्जु के दोनों तरफ गुच्छकों की एक दोहरी कड़ी होती है। प्रत्येक में 18 गुच्छक (ganglion) होते हैं।1. ये भी जोड़ीदार होते हैं लेकिन ये आंतरिक अंगों के समीप नहीं होते हैं।
2. तंत्रिका तन्तु इन गुच्छकों को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तथा आंतरिक अंगों से जोड़ते हैं।2. यह तंत्र मस्तिष्क से निकलता है तथा मेरुरज्जु के पश्च भाग तक स्थित होता है।

(iii) हॉर्मोन्स तथा एन्जाइम में अन्तर-

हॉर्मोन्सएन्जाइम
1. ये कार्बनिक पदार्थ हैं जो अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होते हैं।1. ये भी कार्बनिक पदार्थ हैं जो बहिस्रावी ग्रन्थियों के पाचक रस में पाए जाते हैं।
2. इनका बहन रुधिर द्वारा होता है।2. इनका वहन नलिकाओं द्वारा होता है।
3. ये उपापचयी क्रिया में प्रयुक्त हो जाते हैं।3. ये उपापचयी क्रिया में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।
4. ये ग्लाइकोप्रोटीन, स्टी- रॉइड या पॉलीपेप्टाइड होते हैं।4. ये प्रोटीन होते हैं।

प्रश्न 9.
मानव में पायी जाने वाली विभिन्न अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियों का वर्णन कीजिए। [RBSE 2015]
उत्तर-
अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ (Endocrine glands) –
अन्तःस्रावी अथवा एण्डोक्राइन (endocrine) ग्रन्थियों से अभिप्राय ऐसी ग्रन्थियों से है, जो आन्तरिक रूप से स्रावण करती हैं। इनमें नलिकायें न पायी जाने के कारण इन्हें नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ (ductless glands) भी कहते हैं। ग्रन्थियों से स्रावित होने वाले विशिष्ट पदार्थों को हॉर्मोन्स (hormones) कहते हैं। हॉर्मोन्स का शरीर के विभिन्न अंगों तक संचरण रुधिर प्रवाह के माध्यम से होता है।

मनुष्य में निम्नलिखित अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं-
1. पीयूष ग्रन्थि (Pituitary gland)-यह मस्तिष्क में स्थित होती है।
2. थाइरॉइड ग्रन्थि (Thyroid gland)-यह गले में स्थिति होती है।
3. पैराथाइरॉइड ग्रन्थि (Parathyroid gland)-यह भी गले में स्थित होती है।
4. एड्रीनल ग्रन्थि (Adrenal gland)-यह उदर में वृक्क के पास स्थित होती है।
5. थाइमस ग्रन्थि (Thymus gland)-यह वक्ष में स्थित होती है।
6. पीनियल काय (Pineal body)-यह मस्तिष्क में स्थित होते है।

उपर्युक्त अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के अतिरिक्त वृक्क (kidneys), वृषण (testes), अण्डाशय (ovary), प्लैसेन्टा, आहारनाल (alimentary canal), त्वचा आदि ऐसे अंग हैं जिनमें हॉर्मोन्स का स्रावण होता है। अग्न्याशय से भी हॉर्मोन्स का स्त्रवण होता है तथा यह एक मिश्रित ग्रन्थि (अन्तःस्रावी व बहिःस्रावी दोनों प्रकार की) होती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

प्रश्न 10.
निम्नलिखित के कार्य लिखिए
(i) ऑक्सीटोसिन
(ii) वेसोप्रेसिन
(iii) प्रोलैक्टिन
(iv) प्रेरक तंत्रिका
(v) मिश्रित तंत्रिका
(vi) साहचर्य तंत्रिका
(vii) संवेदी तंत्रिका
(viii) फीरोमोन्स
(ix) एसीटिलकोलीन
(x) फ्लोरीजेन
उत्तर-
(i) ऑक्सीटोसिन (Oxytosin)-यह हॉर्मोन गर्भवती स्त्री के गर्भाशय के प्रबल संकुचनों को प्रेरित करता है, जिससे बच्चे का जन्म होता है।
(ii) वेसोप्रेसिन (Vasopresin)-यह हॉर्मोन रक्त चाप के बढ़ने पर रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है। यह वृक्क नलिकाओं में से जल के पुनः अवशोषण को भी बढ़ाता है।
(iii) प्रोलैक्टिन (Prolactin)-यह हॉर्मोन दुग्ध ग्रन्थियों में दुग्ध उत्पादन की प्रेरणा देता है।
(iv) प्रेरक तंत्रिका (Motor Neuron)-ये आवेग को मुख्य तंत्रिका तंत्र से प्रेरक (पेशी या ग्रन्थि) में ले जाता है।
(v) मिश्रित तंत्रिका (Mixed Neuron)-इनके अन्दर संवेदना एवं प्रेरण दोनों के गुण होते हैं।
(vi) साहचर्य तंत्रिका (Associate Neuron)-ये संवेदी एवं प्रेरक तंत्रिकाओं के बीच साहचर्य बनाए रखते हैं।
(vii) संवेदी तंत्रिका (Sensory Neuron)-आवेग को सूचना ग्राही से मुख्य तंत्रिका तंत्र में ले जाना।
(viii) फीरोमोन्स (Feromones)-ये विशेष रासायनिक पदार्थ हैं जिन्हें जन्तु द्वारा दूसरे जन्तुओं को भगाने, स्वयं की रक्षा करने या जोड़ा बनाने के लिए शरीर से बाहर छोड़ा जाता है।
(ix) ऐसीटिलकोलीन (Acetylcholine)-यह एक्सॉन के अन्तिम सिरों से निकलकर अगले न्यूरॉन में एक नया आवेग प्रारम्भ करता है।
(x) फ्लोरीजेन (Florigen)-ये उद्दीपन को पत्तियों से पुष्पों तक ले जाता है तथा पुष्पों के खिलने में सहायक है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective type Qusetions)

1. निम्न में से कौन-सी ग्रन्थि मास्टर ग्रन्थि कहलाती है-
(a) थायरॉइड ग्रन्थि
(b) पीयूष ग्रन्थि
(c) अग्न्याशय
(d) एड्रीनल ग्रन्थि।
उत्तर-
(b) पीयूष ग्रन्थि।

2. अग्न्याशय से स्त्रावित हॉर्मोन है
(a) वृद्धि हॉर्मोन
(b) थायरॉक्सिन
(c) प्रोलैक्टिन
(d) इन्सुलिन।
उत्तर-
(d) इन्सुलिन।

3. इन्सुलिन हॉर्मोन के अल्प सावण से किस रोग के होने की सम्भावना होती है –
(a) पीलिया
(b) घेंघा
(c) मधुमेह
(d) तपेदिक।
उत्तर-
(c) मधुमेह।

4. किस हॉर्मोन की कमी से घेघा (goiter) रोग होता है-
(a) ऑक्सीटोसिन
(b) थायरॉक्सिन
(c) पिट्यूसिन
(d) प्रोलैक्टिन।
उत्तर-
(b) थायरॉक्सिन।

5. थायरॉक्सिन के निर्माण के लिए किस तत्व की आवश्यकता होती है-
(a) आयोडीन
(b) आयरन
(c) कैल्सियम
(d) सल्फर।
उत्तर-
(a) आयोडीन।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

6. तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक एवं संरचनात्मक इकाई है
(a) मस्तिष्क
(b) मेरुरज्जु
(c) केशिका
(d) तंत्रिका।
उत्तर-
(d) तंत्रिका।

7. मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौन-सा होता है
(a) प्रमस्तिष्क
(b) अनुमस्तिष्क
(c) मेडुला ओब्लोंगेटा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) प्रमस्तिष्क। .

8. निम्न में से कौन-सी अनैच्छिक क्रिया है
(a) लिखना
(b) कूदना
(c) थूकना,
(d) पलक झपकना।
उत्तर-
(d) पलक झपकना। .

9. दो तंत्रिकाओं के बीच खाली स्थान कहलाता है –
(a) एक्सॉन
(b) न्यूरॉन
(c) सिनेप्स
(d) दुमिका।
उत्तर-
(c) सिनेप्स।

10. निम्न में से नर हॉर्मोन है-
(a) एड्रीनलीन
(b) इन्सुलिन
(c) टेस्टोस्टेरॉन
(d) एस्ट्रोजन।
उत्तर-
(c) टेस्टोस्टेरॉन।

11. निम्न में से कौन-सा आपातकालीन हॉर्मोन है-
(a) एड्रीनलीन
(b) थायरॉक्सिन
(c) एस्ट्रोजन
(d) प्रोजेस्ट्रॉन।
उत्तर-

(a) एड्रीनलीन।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
(a)

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. ऑक्सिन(i) समन्वयन
2. जिब्रेलिन(ii) कोशिका विभाजन
3. एब्सीसिक अम्ल(iii) फल परिपक्वन
4. इथाइलीन(iv) रन्ध्र बन्द होना
5. साइटोकाइनिन(v) तना दीर्धीकरण
6. हार्मोन(vi) कोशिका विवर्धन

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

(b)

स्तम्भ ।स्तम्भ ॥
1. मधुमेह(i) आयोडीन
2. घेघा(ii) इन्सुलिन
3. नर हॉर्मोन(iii) एस्ट्रोजन
4. मादा हॉर्मोन(iv) टेस्टोस्टेरॉन
5. मस्तिष्कावरण(v) न्यूरॉन
6. साइटॉन(vi) सुरक्षा

(c)

स्तम्भ Iस्तम्भ ॥
1. इन्सुलिन(i) वृषण
2. थाइरॉक्सिन(ii) अण्डाशय
3. एड्रीनलीन(iii) पीयूष
4. वृद्धि हॉर्मोन(iv) अधिवृक्क
5. एस्ट्रोजन(v) थाइरॉइड
6. टेस्टोस्टेरॉन(vi) अग्न्याशय

उत्तर-
(a)

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. ऑक्सिन  (vi) कोशिका विवर्धन
2. जिब्रेलिन(v) तना दीर्धीकरण
3. एब्सीसिक अम्ल(iv) रन्ध्र बन्द होना
4. इथाइलीन(iii) फल परिपक्वन
5. साइटोकाइनिन(ii) कोशिका विभाजन
6. हार्मोन(i) समन्वयन

(b)

स्तम्भ ।स्तम्भ ॥
1. मधुमेह(i) आयोडीन
2. घेघा(ii) इन्सुलिन
3. नर हॉर्मोन(iii) एस्ट्रोजन
4. मादा हॉर्मोन(iv) टेस्टोस्टेरॉन
5. मस्तिष्कावरण(v) न्यूरॉन
6. साइटॉन(vi) सुरक्षा

(c)

स्तम्भ Iस्तम्भ ॥
1. इन्सुलिन (vi) अग्न्याशय
2. थाइरॉक्सिन(v) थाइरॉइड
3. एड्रीनलीन(iv) अधिवृक्क
4. वृद्धि हॉर्मोन(iii) पीयूष
5. एस्ट्रोजन(ii) अण्डाशय
6. टेस्टोस्टेरॉन(i) वृषण

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. मस्तिष्क का सबसे बड़ा हिस्सा ………………………………. है।
उत्तर-
सेरेब्रम,

2. …………………………. शरीर का मुख्य समन्वय केंद्र है।
उत्तर-
मस्तिष्क,

3. पीयूष ग्रन्थि को ………………………………. कहते हैं।
उत्तर-
मास्टर ग्रंथि,

4. ……………………………… फलों को पकाने में सहायक गैसीय हॉर्मोन
उत्तर-
इथाइलीन,

5. मस्तिष्क ………………………………….. में बन्द होता है।
उत्तर-
कपाल गुहा।

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 5 जैव प्रक्रम

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very ShortAnswer Type Questions)

प्रश्न 1.
किन्हीं दो एककोशिक जीवों के नाम लिखिए। (मा.शि.बोर्ड 2012)
उत्तर-अमीबा, पैरामीशियम।

प्रश्न 2. पोषण क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा के स्रोत को भोजन के रूप में शरीर के अन्दर लेना पोषण, कहलाता है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी पर ऊर्जा का अन्तिम स्रोत क्या है ?
उत्तर-
सूर्य।

प्रश्न 4.
कवक अपना भोजन कहाँ से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
सड़े-गले मृत कार्बनिक पदार्थों से।

प्रश्न 5.
श्वसन क्रिया में उत्पन्न ऊर्जा किस रूप में संचित होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 6.
अमीबा में किस प्रकार का पाचन होता है ?
उत्तर-
अमीबा में अन्त:कोशिकीय पाचन होता है।

प्रश्न 7.
मनुष्य के पाचन का प्रकार क्या है ?
उत्तर-
मनुष्य में पाचन बाह्य कोशिकीयं प्रकार का होता है।

प्रश्न 8.
प्रकाश-संश्लेषी जीवाणु में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है?
उत्तर-
स्वपोषी।

प्रश्न 9.
परजीवी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे जीव जो भोजन दूसरे जीवों से प्राप्त करते हैं किन्तु उन्हें मारते नहीं है।

प्रश्न 10.
हमारे शरीर में CO2, का परिवहन किसके द्वारा होता है?
उत्तर-
रुधिर द्वारा बाइकार्बोनेट के रूप में।

प्रश्न 11.
मनुष्य के दो अन्तःपरजीवियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
फीताकृमि तथा प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी)।

प्रश्न 12.
पित्त रस का निर्माण कहाँ होता है तथा यह कहाँ एकत्र होता है ?
उत्तर-
पित्त रस का निर्माण यकृत में होता है तथा यह पित्ताशय में एकत्र होता है।

प्रश्न 13.
माँ के रुधिर से भ्रूण को पोषण प्रदान करने वाली संरचना का नाम लिखिए। राज. 2015]
उत्तर-
अपरा (Placenta)।

प्रश्न 14.
रुधिर प्लाज्मा किसका वहन करता है?
उत्तर-
प्लाज्मा, भोजन, CO2, तथा नाइट्रोजनी वर्ण्य पदार्थों का विलीन रूप में वहन करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 15.
रसारोहण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पौधों में जड़ों द्वारा अवशोषित जल व खनिजों का ऊपर की ओर चढ़ना रसारोहण कहलाता है।

प्रश्न 16.
वृक्क के अतिरिक्त मनुष्य में अन्य उत्सर्जी अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • यकृत,
  • त्वचा,
  • फेफड़े।

प्रश्न 17.
मछली, मच्छर, केंचुआ तथा कुत्ते के श्वसनांगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मछली-क्लोम, मच्छर-श्वास नलिका, केंचुआ-त्वचा, कुत्ता-फेफड़े।

प्रश्न 18.
वाष्पोत्सर्जन क्या है ?
उत्तर-
पौधे के वायवीय भागों से जल का जलवाष्प के रूप में उड़ना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है।

प्रश्न 19.
रन्धों के दो कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. रन्ध्रों के द्वारा गैसों का विनिमय होता है।
  2. रन्ध्रों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होता है।

प्रश्न 20.
मनुष्य का रुधिर लाल क्यों दिखाई देता
उत्तर-
मनुष्य का रुधिर हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण लाल दिखाई देता है।

प्रश्न 21.
पौधों की पत्तियाँ हरी क्यों दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
पर्णहरित की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 22.
जठर ग्रन्थियाँ कहाँ पायी जाती हैं ?
उत्तर-
आमाशय में।

प्रश्न 23.
पेसमेकर यन्त्र का कार्य लिखिए।
उत्तर-
हृदय गति के असामान्य हो जाने पर पेसमेकर हृदय स्पंदन को नियमित करता है।

प्रश्न 24.
उत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उपापचय के फलस्वरूप बने नाइट्रोजनी वर्म्य पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाना उत्सर्जन कहलाता है।

प्रश्न 25.
केशिका गुच्छ कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर-
बोमैन सम्पुट (Bowman’s capsule) में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 26.
रन्ध्र कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर-
कोमल तनों एवं पत्तियों पर।

प्रश्न 27.
पौधे के संवहन बण्डल में कौन-से ऊतक पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जाइलम तथा फ्लोएम।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सजीवों के चार लक्षण लिखिए।
उत्तर-

  1. सजीव गति करते हैं।
  2. इनमें श्वसन होता है।
  3. ये पोषण एवं पाचन करते हैं।
  4. इनमें वृद्धि होती है।

प्रश्न 2.
पोषण, गैस-विनिमय तथा उत्सर्जन के सन्दर्भ में एक कोशिकीय जीविता क्यों उत्तम है ? ..
उत्तर-
किसी भी एक कोशिकीय जीव की पूरी सतह पर्यावरण के सम्पर्क में रहती है अतः इन्हें भोजन ग्रहण करने के लिए, गैसों का आदान-प्रदान करने के लिए या वयं पदार्थों के निष्कासन के लिए किसी विशेष अंग की आवश्यकता नहीं होती है। अतः इनमें ऊर्जा का व्यय भी कम होता है।

प्रश्न 3.
पोषण किसे कहते हैं ? विभिन्न प्रकार की पोषण विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पोषण-जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा के स्रोत को भोजन के रूप में शरीर के अन्दर लेना पोषण कहलाता है।
पोषण के प्रकार –
I. स्वपोषी पोषण
II. विषमपोषी पोषण
1. मृतोपजीवी पोषण
2. प्राणी समभोजी पोषण
3. परजीवी पोषण
4. सहजीवी पोषण
5. परभक्षी पोषण।

प्रश्न 4.
परपोषी जीव किस प्रकार स्वपोषी जीवों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर-
स्वपोषी (Autotrophic) जीव अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। इसका कुछ भाग तो पौधों द्वारा स्वयं उपयोग कर लिया जाता है और शेष भाग संचित कर लिया जाता है। विषमपोषी अपना भोजन स्वयं तैयार नहीं करते हैं और स्वपोषियों द्वारा संचित भोजन को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 5.
पोषण सभी जीवों के लिए आवश्यक है। क्यों?
अथवा
जीव को भोजन की क्यों आवश्यकता होती हैं?
उत्तर-
सभी जीवों को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। प्रोटीन शरीर की टूट-फूट की मरम्मत के लिए आवश्यक होती है। यह उचित वृद्धि और परिवर्धन के लिए भी आवश्यक है। इसीलिए सभी जीवों के लिए भोजन आवश्यक है।

प्रश्न 6.
भोजन के पाचन में पित्त रस की क्या भूमिका
अथवा
पित्त रस भोजन को पचाने में किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर-
पित्त रस का स्रावण यकृत से होता है। यह निम्न प्रकार भोजन को पचाने में सहायक है-

  • यह आंत्र में भोजन की अम्लीयता को समाप्त करके माध्यम को क्षारीय बनाता है जिससे कि आंत्र में एन्जाइम भोजन का पाचन कर सके।
  • यह वसा अणुओं को छोटी-छोटी ग्लोब्यूल, में तोड़ देता है जिससे वसाओं का पाचन सुगम हो जाता है।

प्रश्न 7.
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम में होने वाली मुख्य तीन घटनाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (मा. शि. बोर्ड. राज. 2012)
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम के दौरान निम्नलिखित घटनाएँ होती हैं-
1. क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना-यह प्रक्रिया क्लोरोप्लास्ट के ग्रेना भाग में होती है। ग्रेना में उपस्थित क्लोरोफिल अणु प्रकाश ऊर्जा अवशोषित करके इलेक्ट्रॉन निष्कासित करते हैं।

2. प्रकाश द्वारा जल के अणुओं का प्रकाशीय अपघटन होता है जिससे ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन आयन बनते हैं। ऑक्सीजन वायुमण्डल में चली जाती है।

3. उपरोक्त दोनों क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न इलेक्ट्रॉन तथा हाइड्रोजन आयनों से परिपाचन पदार्थ का निर्माण होता है जो क्लोरोप्लास्ट के स्ट्रोमा भाग में कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन कर देता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 8.
पत्ती की अनुप्रस्थ काट के आरेख में उन कोशिकाओं को प्रदर्शित कीजिए जिनमें क्लोरोफिल पाया जाता है ?
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 1

प्रश्न 9.
अमीबा में पोषण की विधि लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
एक कोशिकीय जीव होने के कारण अमीबा में भोजन कोशिका की सम्पूर्ण सतह से ग्रहण किया जाता है। यह सूक्ष्म कीटों तथा डायटम्स को खाता है। जल में तैरते हुए भोज्य कण जब अमीबा के सम्पर्क में आते हैं तो अमीबा में पादाभ उत्पन्न हो जाते हैं। ये पादाभ भोजन कण को चारों ओर से घेर लेते हैं और एक रिक्तिका बना लेते हैं जिसे खाद्यधानी कहते हैं। खाद्यधानी में भोजन कणों का पाचन कर लिया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 2

प्रश्न 10.
यकृत के कार्य लिखिए।
उत्तर-
यकृत के निम्नलिखित कार्य हैं-

  1. यकृत पित्त रस का स्रावण करता है, जो आमाशय से आये भोजन को क्षारीय बनाता है, वसा के इमल्सीकरण में सहायक होता है, भोजन को सड़ने से रोकता है एवं आहार नाल में क्रमाकुंचन गति को उद्दीपित करता है।
  2. यकृत ग्लाइकोजन के रूप में भोजन का संचय करता है।
  3. यकृत में ग्लूकोजिनोलाइसिस की क्रिया होती है जिसमें आवश्यकता पड़ने पर ग्लाइकोजन से ग्लूकोज बनता है।
  4. यकृत में ग्लाइकोनियोजेनेसिस की क्रिया होती है जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अमीनो एवं वसीय अम्लों से ग्लूकोज का निर्माण होता है।
  5. यकृत वसा एवं विटामिन्स का संचय करता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित को किस रूप में संग्रहित किया जाता है?
(i) पौधों में अनुपयोगी कार्बोहाइड्रेट
(ii) मनुष्यों में भोजन से उत्पन्न ऊर्जा। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) पौधों में अनुपयोगी कार्बोहाइड्रेट मंड के रूप में संग्रहित रहता है।
(ii) मनुष्यों में भोजन से प्राप्त ऊर्जा ATP या ADP के रूप में संग्रहित रहती है।

प्रश्न 12.
तालिका के रूप में स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण के बीच तीन विभेदनकारी अभिलक्षणों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-

स्वपोषी पोषणविषमपोषी पोषण
(i) भोजन प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्वयं बनाया जाता है।भोजन स्वयं न बनाकर दूसरे जीवों से प्राप्त किया जाता है।
(ii) प्रायः क्लोरोफिल वाले हिस्से में होता है-हरे पौधे एवं शैवाल।क्लोरोफिल का अभाव प्रायः कवक, जन्तुओं एवं कुछ जीवाणुओं में।
(iii) सौर ऊर्जा को रासा यनिक ऊर्जा (भोजन) में बदलते हैं।रासायनिक ऊजां का भोजन के रूप में उपभोग करते हैं।
(iv) भोजन स्टार्च के रूप में संचित होता है।भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित होता है।

प्रश्न 13.
“जैव-विकास तथा जीवों का वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।” इस कथन की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
जैव विकास से अभिप्राय, क्रमिक परिवर्तनों द्वारा प्रारम्भिक निम्न कोटि के सरल जीवों से जटिल जीवों की उत्पत्ति है। वर्गीकरण में इन्हीं जीवों को समानता तथा विभिन्नता के आधार पर समूहों और उपसमूहों में रखा जाता है। दो जीवों (प्रजातियों) में जितनी अधिक समानतायें पायी जाती हैं, वह उतनी ही एक-दूसरे से सम्बन्धित होती हैं। अतः वर्गीकरण की सहायता से दो जीवों के बीच में सम्बन्ध पता किया जा सकता है। अतः जैव विकास और वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।

प्रश्न 14.
जैव-विकास क्या है? इसे प्रगति के समान नहीं माना जा सकता। एक उपयुक्त उदाहरण की सहायता से व्याख्या कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
प्रारम्भिक निम्न कोटि के सरल जीवों से क्रमिक परिवर्तनों द्वारा उच्च कोटि एवं जटिल जीवों की उत्पत्ति को जैव-विकास कहते हैं। जैव-विकास को प्रगति के समान नहीं माना जा सकता, क्योंकि जैव-विकास से सरल जीवों से जटिल जीवों की उत्पत्ति/उद्भव होती है परन्तु सरलतम जीव भी जटिल जीवों के साथ अस्तित्व में रहते हैं। उदाहरण के लिए, मानव का विकास चिंपैंजी से नहीं हुआ है, परन्तु दोनों के ही पूर्वज समान थे।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 15.
निश्वसन तथा उच्छवसन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
निश्वसन-वह प्रक्रिया जिसमें वातावरण से वायु अन्दर खींची जाती है, निश्वसन कहलाती है। उच्छवसन-वह प्रक्रिया जिसमें फेफड़ों से वायु बाहर निकाली जाती है, उच्छवसन कहलाती है।

प्रश्न 16.
किसी कीट की प्रत्येक कोशिका में वायु कैसे प्रवेश करती है?
अथवा
कीट किस प्रकार श्वसन करते हैं?
उत्तर-
कीटों में श्वसन वायु नलिकाओं द्वारा होता है जिन्हें देकिया (Trachea) कहते हैं। ट्रेकिया वायु को सीधे ही कोशिकाओं तक पहुँचाती है। वातावरण से वायु ट्रेकिओल्स में प्रवेश करती है जहाँ से यह कोशिकाओं और ऊतकों में पहुँचती है।

प्रश्न 17.
पौधों में श्वसन क्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर-
पौधों में ऑक्सी तथा अनॉक्सी दोनों प्रकार का श्वसन पायो जाता है। ऑक्सी श्वसन वायु की उपस्थिति में होता है। इसमें रन्ध्रों द्वारा ऑक्सीजनयुक्त वायु उपरन्ध्रीय गुहा में प्रवेश करती है तथा CO2, युक्त वायु बाहर निकलती है। यह प्रक्रिया पौधों में लगातार होती रहती है जिसमें गैसीय विनिमय दो चरणों में होता है-

  • श्वसनी कोशिकाओं तथा अन्त:कोशिकीय वायु के बीच गैसों का विनिमय।
  • वातावरणीय वायु तथा अन्त:कोशिकीय वायु में विनिमय।

प्रश्न 18.
वातरन्ध्र क्या हैं ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर-
वातरन्ध्र (Lenticels)-वातरन्ध्र पौधों के तनों में पाये जाने वाले सूक्ष्म छिद्र हैं जो बाह्य त्वचा के फटने पर बनते हैं और गैसों का विनिमय करते हैं। वातरन्ध्रों के निर्माण के समय कॉर्क कैम्बियम बाहर की ओर कॉर्क न बनाकर पतली भित्ति वाली मृदुतकीय कोशिकाओं को बनाता है जिन्हें पूरक कोशिकाएँ कहते हैं। इन पूरक कोशिकाओं के निर्माण के कारण बाह्य त्वचा टूट जाती है, और वातरन्ध्र बन जाते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 3

प्रश्न 19.
मनुष्य में श्वास लेने की क्रियाविधि के दो आधारों को समझाइए।
उत्तर-
मनुष्य में श्वासोच्छ्वास की क्रिया दो चरणों में पूर्ण होती है-
1. निश्वसन (Inspiration)-वायुमण्डलीय वायु को खींचकर पंकड़ों में भरने की क्रिया निश्वसन कहलाती है। इस क्रिया के लिए मस्तिष्क के श्वसन केन्द्र से उद्दीपन प्राप्त होता है। इसके कारण बाह्य इंटरकास्टल पेशियाँ संकुचित होती हैं जिससे पसलियाँ बाहर की ओर झुक जाती हैं। इसी समय डायफ्राम की अरीय पेशियाँ संकुचित तथा उदर पेशियाँ शिथिल हो जाती हैं, जिससे वक्षीय गुहा का आयतन बढ़ जाता है। इसके साथ ही फेफड़े का आयतन भी बढ़ जाता है, फलस्वरूप श्वास मार्ग से होती हुई वायु फेफड़ों में भर जाती है।

2.निःश्वसन (Expiration)-फेफड़ों की वायु का बाहर निकाला जाना नि:श्वसनं कहलाता है। मस्तिष्क के श्वसन केन्द्र से उद्दीपन प्राप्त होने पर अन्तः इंटरकास्टल पेशियाँ, संकुचित डायफ्राम की पेशियाँ शिथिल तथा उदर गुहा की पेशियाँ संकुचित होती हैं, फलस्वरूप वक्षीय गुहा के साथ फेफड़ों का आयतन कम हो जाता है। अतः फेफड़ों की वायु श्वसन मार्ग से होती हुई बाहर निकल जाती है।

प्रश्न 20.
निश्वसन तथा निःश्वसन में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
निश्वसन एवं निःश्वसन में अन्तर-

निश्वसन (Inspiration)निःश्वसन (Expiration)
1. इसमें ऑक्सीजन युक्त वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है।1. इसमें CO2 युक्त वायु फेफड़ों से बाहर निकलती है।
2. इसमें बाह्य अन्तरापर्युक पेशियों तथा डायफ्राम की अरीय पेशियों में संकुचन होता है।2. इसमें अन्तः अन्तरापर्शक पेशियों तथा अरीय पेशियों में संकुचन होता है।
3. इसमें डायफ्राम चपटा तथा स्टर्नम नीचे की ओर झुक जाता है।3. इसमें डायफ्राम गुम्बद नुमा तथा स्टर्नम ऊपर खिसक जाता है।
4. इसमें पसलियाँ बाहर और आगे की ओर खिसकती है।4. इसमें पसलियाँ भीतर और पीछे की ओर खिसकती है।
5. इसमें प्लूरल गुहाओं का आयतन बढ़ जाता है।5. इसमें प्लूरल गुहाओं का आयतन कम हो जाता है।

प्रश्न 21.
कठिन व्यायाम का श्वसन दर पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्यों ?
उत्तर-
सामान्य अवस्था में मनुष्य की श्वास दर (Breathing rate) 15-18 प्रति मिनट होती है। कठिन परिश्रम या व्यायाम के बाद यह दर बढ़कर 20-25 प्रति मिनट हो जाती है। इसका कारण है कि व्यायाम के समय अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अत्यधिक ऊर्जा प्राप्ति के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसीलिए कठोर व्यायाम के बाद श्वास दर बढ़ जाती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 22.
प्रकाश संश्लेषण तथा श्वसन में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण तथा श्वसन में अन्तर-

प्रकाश संश्लेषण(Photosynthesis)श्वसन  (Respiration)
1. यह एक सृजनात्मक क्रिया है।1. यह एक विघटनात्मक क्रिया है।
2. यह क्लोरोफिल युक्त पादप कोशिकाओं में होती है।2. यह सभी जीवित भागों में होती है।
3. यह क्रिया सूर्य के प्रकाश पर निर्भर है।3. इसमें प्रकाश की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं होता।
4. इसमें CO2 ग्रहण की जाती है तथा O2 निकलती4. इसमें O2 ग्रहण की जाती है तथा CO2 निकलती
5. इसमें ऊर्जा अवशोषित की होती है।5. इसमें ऊर्जा उत्सर्जित जाती है।
6. इस क्रिया में शुष्क भार में वद्धि होती है।6. इस क्रिया में शुष्क भार में कमी होती है।

प्रश्न 23.
पौधों में परिसंचरण के सम्बन्ध में वहन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पत्तियों द्वारा बनाए गए भोजन को पौधे के विभिन्न भागों में पहुँचाने की प्रक्रिया को वहन कहते हैं। यह परिसंचरण की भाँति ही आवश्यक है क्योंकि पौधे के प्रत्येक भाग को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसे पौधे इस भोजन से प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 24.
मनुष्य के फेफड़ों का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 4

प्रश्न 25.
धमनी एवं शिरा में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
धमनी एवं शिरा में अन्तर-

धमनी (Arteries)शिरा (Veins)
1. ये मोटी और लचीली दीवार वाली नलिकाएँ हैं।1. ये पतली और दृढ़ दीवार वाली संकरी नलिकाएँ हैं।
2. ये शुद्ध रुधिर को हृदय से शरीर में विभिन्न अंगों में पहुँचाती हैं (पल्मोनरी धमनी को छोड़कर)।2. ये अशुद्ध रुधिर को शरीर के अंगों से हृदय में लाती हैं (पल्मोनरी शिरा को छोड़कर)।
3. इनमें वाल्व अनुपस्थित होते हैं।3. वाल्व उपस्थित होते हैं।
4. इनमें रुधिर का बहाव तीव्र व झटके के साथ होता है।4. इनमें रुधिर का बहाव सामान्य व धीरे-धीरे होता है।
5. ये अधिक गहराई में उपस्थित होती हैं।5. ये माँस में कम गहराई पर स्थित होती हैं।

प्रश्न 26.
खुला परिसंचरण तथा बन्द परिसंचरण तन्त्र में अन्तर कीजिए। .
उत्तर-
खला परिसंचरण तथा बन्द परिसंचरण तन्त्र में अन्तर

खुला परिसंचरणबन्द परिसंचरण
1. इसमें रुधिर किसी प्रकार की वाहनियों में नहीं बहता है।1. इसमें रुधिर महीन, लचीली धमनियों एवं शिराओं में बहता है।
2. इसमें रुधिर आंतरांगों के आस-पास पाया जाता है।2. इसमें रुधिर हृदय से विभिन्न अंगों को पम्प किया जाता है।
3. इसमें किसी प्रकार का दाब उत्पन्न नहीं होता है।3. इसमें रुधिर दाब उत्पन्न होता है।

प्रश्न 27.
शरीर में O2 तथा CO2 के परिवहन व्यवस्था का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य का हृदय अपने एक चक्र में रुधिर को दो बार पम्प करता है जिसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं। फेफड़ों में उपस्थित वायु कूपिकाओं से ऑक्सीजन लेकर फुफ्फुस महाशिरा हृदय में खुलती है। ऑक्सीजनयुक्त रुधिर हृदय से अब महाधमनी द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों को भेजा जाता है। शरीर के ऊतकों से CO2 युक्त रुधिर शिराओं से महाशिरा में आता है जो CO2 युक्त रुधिर को पुनः हृदय में लाती है। CO2 युक्त रुधिर अब हृदय फुफ्फुस धमनी द्वारा फेफड़ों में भेज देता है। फेफड़ों में जाकर CO2 वायु कूपिकाओं में चली जाती है जहाँ से CO2 वायु के साथ बाहर निकाल दी जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 5

प्रश्न 28.
रुधिर एवं लसीका में भेद कीजिए।
उत्तर-
रुधिर एवं लसीका में अन्तर-

रुधिर (Blood)लसीका (Lymph)
1. यह लाल रंग का होता है।1. यह रंगहीन या हल्के पीले रंग का होता है।
2. इसमें रुधिर कणिकाएँ RBCs, WBCs तथा बिम्बाणु उपस्थित होती हैं।2. इसमें कणिकाएँ अनुप स्थित होती हैं।
3. इसमें हीमोग्लोबिन होता है।3. इसमें हीमोग्लोबिन नहीं होता है।
4. यह हृदय से अंगों तक तथा अंगों से हृदय तक बहता है।4. यह केवल एक ही दिशा में बहता है अर्थात् ऊतकों से हृदय की ओर।
5. इसमें श्वसन वर्णक, ऑक्सीजन, CO2 एवं  वर्ण्य पदार्थ होते हैं।5. इसमें अल्प मात्रा में प्रोटीन होते हैं।

प्रश्न 29.
फ्लोएम में भोजन का संवहन किस प्रकार होता है? फ्लोएम ऊतक का चित्र खींचिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
फ्लोएम द्वारा पत्तियों में निर्मित खाद्य पदार्थों का पौधे के विभिन्न भागों को स्थानान्तरण होता है। फ्लोएम द्वारा खाद्य पदार्थों का स्थानान्तरण ATP की ऊर्जा का उपयोग करके होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 6
ऊर्जा द्वारा फ्लोएम का परासरण दाब बढ़ जाता है जिससे जल इसमें प्रवेश कर जाता है। यह दाब पदार्थों को फ्लोएम से उस ऊतक तक ले जाता है जहाँ दाब कम होता है। यह फ्लोएम को पादप की आवश्यकतानुसार पदार्थों का स्थानान्तरण करता है।

प्रश्न 30.
मानवों में वहन तंत्र के दो प्रकारों की सूची बनाइए तथा इनमें से किसी एक के कार्य लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
मानवों में वहन तंत्र के दो प्रकार –

  • रक्त परिवहन,
  • लसीका परिवहन तंत्र।

मनुष्य में दो वहन तंत्र के कार्य हैं-

  1. यह ऑक्सीजन, प्रोटीन्स, खनिज आदि को शरीर के – एक भाग से दूसरे भाग में पहुँचाता है।
  2. यह विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों को विभिन्न अंगों से मुख्य उत्सर्जी अंगों तक पहुँचाता है।

प्रश्न 31.
डायलिसिस क्या है ? नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
अपोहन या डायलिसिस (Dialysis)- यदि किसी लवण एवं मंड के विलयन को सैलोफेन की थैली में भरकर उसे आसवित जल में लटका दिया जाए तो लवण के आयन सैलोफेन से होते हुए आसवित जल में प्रवेश कर जाते हैं और स्टार्च थैली के अन्दर ही रह जाता है। यह प्रक्रिया डायलिसिस कहलाती है।

नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला इसीलिए कहा जाता है क्योंकि नेफ्रॉन की प्यालेकार संरचना बोमैन सम्पुट में उपस्थित केशिका गुच्छ की दीवारों से रुधिर छनता है।  रुधिर में उपस्थित प्रोटीन के अणु बड़े होने के कारण नहीं ) छन पाते जबकि ग्लूकोज एवं लवण अणु छोटे होने के कारण छन जाते हैं। इस प्रकार नेफ्रॉन डायलिसिस की थैली की 7 तरह कार्य करता है। वृक्कों के अनियमित कार्य करने पर डायलिसिस विधि द्वारा रोगी में वृक्क का कार्य कराया जाता है।

प्रश्न 32.
पौधों और जन्तुओं में वर्त्य पदार्थ क्या हैं?
अथवा
पौधों और जन्तुओं के उत्सर्जी पदार्थ बताइए।
उत्तर-
जन्तुओं में उत्सर्जी पदार्थ-CO2 पित्तवर्णक, नत्रजनी पदार्थ, अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल, लवण व जल। पौधों के उत्सर्जी पदार्थ-अमोनिया जो पत्तियों में एकत्र होती है, गोंद, रेजिन, घुलनशील वर्ण्य पदार्थ।

प्रश्न 33.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं? इसके दो कार्य लिखिए।
अथवा
(a) स्थानान्तरण किसे कहते हैं? पादपों के लिए यह क्यों आवश्यक है?
(b) स्थानान्तरण के फलस्वरूप पादपों में पदार्थ कहाँ पहुँचते हैं? (CBSE 2019)
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन एक जैव प्रक्रम है इसमें पानी की अत्यधिक मात्रा पौधों के वायवीय भाग (प्रायः पत्तियों की सतह पर अवस्थित रन्ध्र) द्वारा जल वाष्प में परिवर्तित होती है। इसके निम्नलिखित कार्य हैं-

  • जड़ों से पानी एवं खनिज को पत्तियों तक पहुँचाना (परिवहन में सहायक)।
  • पौधों को गर्मियों में ठंडा रखना, वातावरण को ठंडा करना।
  • पत्तियों द्वारा निर्मित कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज को पौधों के अन्य भागों में स्थानान्तरित करना।

अथवा
(a) स्थानान्तरण से अभिप्राय है, पौधे के सभी भागों में आवश्यक पदार्थों; जैसे-जल, खनिज, भोज्य पदार्थ, पादप हॉर्मोन की पूर्ति करना एवं वर्ण्य पदार्थों को इकट्ठा कर उन्हें पौधे से अलग करने में सहायता करना ताकि पौधे स्वस्थ एवं व्यवस्थित जीवन प्राप्त कर सकें।
(b) स्थानान्तरण के फलस्वरूप जल एवं खनिज जाइलम के रास्ते पौधों के ऊपरी भाग में एवं भोज्य पदार्थ फ्लोइम के द्वारा पौधों के विशिष्ट भाग, जड़/तना/पत्ती/बीज/फल में एकत्र होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 34.
मानव में परिसंचरण तंत्र के निम्नलिखित घटकों में से प्रत्येक का एक कार्य लिखिए-(CBSE 2016)
(a) रुधिर वाहिनियाँ,
(b) लिम्फ,
(c) हृदय
उत्तर-
(a) रुधिर वाहिनियाँ-ये पूरे शरीर में रक्त को लेकर जाती हैं।
(b) लिम्फ-इसकी लिम्फोसाइड कोशिकाएँ रोगोत्पादक पदार्थों, जीवाणुओं आदि को नष्ट करती हैं।
(c) हृदय-यह पूरे शरीर में रुधिर को पम्प करता है अर्थात् रुधिर का परिसंचरण करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रकाश-संश्लेषण क्या है? प्रकाश-संश्लेषण की क्रियाविधि का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
(नमूना प्रश्न-पत्र 2012) पौधे अपना भोजन कैसे बनाते हैं ? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis)प्रकाश-संश्लेषण वह प्रक्रिया है, जिसमें हरे पौधे क्लोरोफिल की सहायता से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में जल एवं CO2, द्वारा भोजन (ग्लूकोज) का निर्माण करते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 7

प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया दो प्रावस्थाओं में पूर्ण होती हैं-
प्रकाशिक अभिक्रिया (Light Dependent Reaction)-यह प्रकाश की उपस्थिति में तथा क्लोरोप्लास्ट के ग्रेना में होती है। इस अभिक्रिया में-
(i) सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके क्लोरोफिल अणु उत्तेजित होकर इलेक्ट्रॉन मुक्त करते हैं। ये इलेक्ट्रॉन विभिन्न पथों से होकर इलेक्ट्रॉनग्राही NADP तक पहुँचते हैं। इन पथों में कई स्थानों पर ATP का भी निर्माण होता है।
(ii) प्रकाश के द्वारा ही जल का प्रकाशिक अपघटन होता है जिससे यह हाइड्रोजन तथा हाइड्रॉक्सिल आयनों में टूट जाता है।
4H2O → H+ + 4OH

(iii) 4H+ तथा 4 इलेक्ट्रॉनों को NADP ग्रहण करके NADPH, बनाता है।
4H++ 4e + 2NADP → 2NADPH2

(iv) 4OH संघनित होकर पानी तथा ऑक्सीजन बनाते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 8
उपर्युक्त क्रिया में ऑक्सीजन वायु में मुक्त हो जाती है तथा इलेक्ट्रॉन क्लोरोफिल को पुनः उत्तेजित करने में काम आते हैं। इस प्रकार प्रकाशिक अभिक्रिया से ATP, NADPH2 तथा O2 बनते हैं।

B. अप्रकाशिक अभिक्रिया (Light Independent Reactions)-इस क्रिया में प्रकाश की उपस्थिति या अनुपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं होता है। यह क्रिया हरितलवक के ग्रेना में होती है। इसमें CO,, ATP तथा . NADPH, के संयोग से ग्लूकोज का निर्माण होता है।
6CO2 + 12ATP + 12NADPH2 → C6H12O6 + 12 ADP+ 12 NADP

प्रश्न 2.
(a) मानव उत्सर्जन तंत्र का निर्माण करने वाले अंगों के नाम लिखिए।
(b) मानव शरीर में मूत्र किस प्रकार बनता है, का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) मानव उत्सर्जन तंत्र का निर्माण करने वाले अंग हैं-एक जोड़ा वृक्क, एक मूत्रवाहिनी, एक मूत्राशय तथा एक मूत्रमार्ग।

(b) कार्यविधि (मूत्र बनने की क्रियाविधि)-वृक्काणु में स्थित कोशिक गुच्छ इस क्रिया का प्रारंभ करते हैं जो निम्नलिखित चरणों में होते हैं –

  • निस्यंदन या छानना-रक्त में उपस्थित नाइट्रोजनी वर्ण्य; जैसे-यूरिया और यूरिक अम्ल। कोशिका गुच्छ द्वारा छाना जाता है जो नलिका के आकार में छनकर जमा हो जातेहै।
  • चयनित पुनः अवशोषण-प्रारंभिक निस्यंदन के पश्चात् कुछ पदार्थ; जैसे-ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, लवण तथा प्रचुर मात्रा में जल, शेष रह जाते हैं। जैसे-जैसे ये पदार्थ मूत्र के साथ इस नलिका में प्रवाहित होते हैं, इन पदार्थों का चयनित पुनः अवशोषण होता है। जल की मात्रा आवश्यकतानुसार ही अवशोषित होती है। प्रत्येक वृक्क में बनने वाला मूत्र एक लंबी नलिका, मूत्रवाहिनी (Ureter) में प्रवेश करता है। जो वृक्क को मूत्राशय से जोड़ती है। मूत्राशय (Urinary Bladder) में मूत्र मूत्रवाहिनी द्वारा एकत्र होता है।

प्रश्न 3.
कारण दीजिए
(a) अलिंद की तुलना में निलय की पेशीय भित्तियाँ मोटी होती हैं।
(b) पौधों में परिवहन निकाय धीमा होता है।
(c) जलीय कशेरुकियों में रुधिर परिसंचरण स्थलीय कशेरुकियों में रुधिर परिसंचरण से भिन्न होता है।
(d) दिन में जाइलम में जल और खनिजों की गति रात्रि की तुलना में अधिक होती है।
(e) शिराओं में वाल्व होते हैं जबकि धमनियों में नहीं होते। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) अलिंद की तुलना में निलय की पेशीय भित्तियाँ मोटी होती हैं क्योंकि निलय संपूर्ण शरीर में रुधिर भेजता है, जबकि अलिंद विभिन्न अंगों से आए रक्त को ग्रहण करता है। के कारण अलिंद में रक्त दाब कम होता है।

(b) पौधों में परिवहन वाष्पोत्सर्जन पर निर्भर करता है और वाष्पोत्सर्जन क्रिया दिन में तेजी से होती है क्योंकि जब रंध्र खुले होते हैं तब वाष्पोत्सर्जन कर्षण, जाइलम में जल की गति के लिए मुख्य प्रेरक बल होता है।

(c) स्थलीय कशेरुकियों में ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इनमें दोहरा परिसंचरण होता है जबकि जलीय कशेरुकियों के हृदय में केवल दो चेंबर होते हैं और एक चक्र में एक बार ही रक्त हृदय में जाता है अर्थात् इकहरा परिसंचरण होता है क्योंकि इनमें उच्च ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

(d) दिन में जाइलम में जल और खनिजों की गति रात्रि की तुलना में अधिक होती है क्योंकि दिन में रंध्र खुले होते हैं और वाष्पोत्सर्जन कर्षण, जाइलम में जल की गति के लिए मुख्य प्रेरक बल होता है।

(e) शिराओं में वाल्व होते हैं जो यह सुनिश्चित करता है कि, अलिंद में संकुचन के समय रक्त उल्टी दिशा में न प्रवाहित हो जाए।

प्रश्न 4.
(a) जलीय जीवों और स्थलीय जीवों की साँस लेने की दरों में अंतर क्यों होता है? व्याख्या कीजिए।
(b) मानव श्वसन-तंत्र का आरेख खींचिए और उस पर ग्रसनी, श्वासनली, फुफ्फुस, डायाफ्राम तथा कूपिका कोश का नामांकन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a) जलीय जीवों में श्वास दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा द्रत गति से होती है। जलीय जीव श्वसन हेतु जल में विलेय ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में विलेय ऑक्सीजन की मात्रा सीमित होती है। स्थलीय जीव वायु से लेते हैं, जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा काफी अधिक होती है। ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु जलीय जीव की तुलना में स्थलीय को लाभ होता है क्योंकि वह ऑक्सीजन वायु द्वारा घिरा होता है जिससे वह किसी भी मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण कर सकता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 9

प्रश्न 5.
रन्ध्र क्या हैं ? इनके खुलने तथा बन्द होने की क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रन्ध्र (Stomata)-रन्ध्र विशेष प्रकार के छिद्र हैं जो दो वृक्काकार रक्षक कोशिकाओं (guard cells) से घिरे होते हैं। रन्ध्र मुख्यतः पत्तियों पर तथा कुछ कोमल तनों पर भी उपस्थित होते हैं। रन्ध्रों से होकर जल वाष्प के रूप में उड़ता है। इस क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। रन्ध्रों का खुलना तथा बन्द होना रक्षक कोशिकाओं की क्रियाशीलता पर निर्भर करता है। प्रत्येक रक्षी कोशिका की बाह्य भित्ति पतली तथा भीतरी भित्ति मोटी होती है।

रक्षक कोशिका में हरितलवक उपस्थित होते हैं। दिन के समय सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में रक्षक कोशिकाओं में ग्लूकोज का निर्माण होता है तथा CO2 की कमी से कोशिकाओं का pH बढ़ता है, फलस्वरूप कोशिका का परासरण दाब बढ़ जाता है। रक्षक कोशिकाओं में समीपवर्ती कोशिकाओं से जल प्रवेश करता है जिससे वे फूल जाती हैं। ऐसा होने से रक्षक कोशिका की भीतरी भित्ति में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे रन्ध्र खुल जाते हैं। रात्रि के समय रक्षक कोशिकाओं में ग्लूकोज का निर्माण बन्द हो जाता है तथा CO2, का स्तर बढ़ जाता है जिससे कोशिका की अम्लीयता बढ़ जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 10
‘कोशिका से जल समीपवर्ती कोशिकाओं में जाने लगता है जिससे वे पिचक जाती हैं और भीतरी भित्ति शिथिल हो जाती है और रन्ध्र बन्द हो जाते हैं। चूँकि रन्ध्र दिन में खुलते हैं अतः दिन के समय वाष्पोत्सर्जन क्रिया होती है।

प्रश्न 6.
मनुष्य की आहारनाल का सचित्र वर्णन कीजिए। (मा. शि. बोर्ड. राज. 2012)
उत्तर-
मनुष्य की आहारनाल (Elementary Canal in Human)-मनुष्य की आहार नाल 8 से 10 मीटर लम्बी होती है जो मुख से लेकर गुदा तक फैली होती है।
आहार नाल को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है-
1. मुख एवं मुखगुहा (Mouth and Buccal cavity)-मुख एक अनुप्रस्थ दरार के रूप में होता है जो दो माँसल होठों द्वारा घिरा होता है। यह अन्दर की ओर मुखगुहा में खुलता है। मुखगुहा के फर्श पर एक जिह्वा तथा दाएँबाएँ एवं सामने जबड़े उपस्थित होते हैं। जबड़ों में गर्तदन्ती, विषमंदन्ती तथा द्विवारदन्ती दाँत लगे होते हैं। मुखगुहा में लार ग्रन्थियों की नलिकाएँ खुलती हैं।

2. ग्रसनी (Pharynx)-मुखगुहा पीछे की ओर ग्रसनी में खुलती है। ग्रसनी मुखगुहा तथा ग्रासनली के बीच का छोटा-सा भाग होता है। यह घाटीद्वार (glottis) द्वारा श्वासनली में और ग्रसिका (gullet) द्वारा ग्रासनली में खुलता है।

3. ग्रासनली (Oesophagus)-यह पतली तथा लम्बी नलिका है। इसमें अनुलम्ब पेशीय वलय पाये जाते हैं। इसका पश्च भाग डायफ्राम को भेदकर उदर गुहा में प्रवेश करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

4. आमाशय (Stomach)-इसे तीन भागों-कार्डियक, फण्डिक तथा पाइलोरिक आमाशय में बाँटा जाता है। ग्रासनली तथा आमाशय के जुड़ने के स्थान पर कार्डियक अवरोधनी वाल्व उपस्थित होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 11

5. छोटी आँत (Small intestine)-यह आहार नाल का संकरा तथा लम्बा भाग होता है। इसकी लम्बाई लगभग 6.5 मीटर होती है। आहार नाल का U-आकार का भाग जो आमाशय तथा छोटी आंत के बीच स्थित होता है, ग्रहणी (duodenum) कहलाता है। जिस स्थान पर आमाशय ग्रहणी में खुलता है वहाँ पायलोरिक अवरोधनी वाल्व होता है।

6. बड़ी आँत (Large intestine)- यह आहार नाल का अन्तिम भाग है। वह स्थान जहाँ छोटी आँत, बड़ी आँत से जुड़ती है, वहाँ इलियोसीकल वाल्व पाया जाता है। बड़ी आँत के चार भाग होते हैं-आरोही कोलन, अनुप्रस्थ कोलन अवरोही कोलन तथा पेल्विक कोलन। बड़ी आँत का पश्च छोर मलाशय में खुलता है।

7. मलाशय (Rectum)-यह एक थैले के आकार की रचना है। इसका अन्तिम भाग गुदानाल कहलाता है जो गुदा (anus) द्वारा बाहर खुलता है। गुदानाल के अन्त में गुदा अवरोधनी पायी जाती है।

प्रश्न 7.
(a) रुधिर के किन्हीं अवयवों का उल्लेख कीजिए।
(b) शरीर में ऑक्सीजन-प्रचुर रुधिर के गमन का पथ लिखिए।
(c) अलिंद और निलय के बीच वाल्वों का कार्य लिखिए।
(d) धमनी और शिरा के संघटनों के बीच कोई एक संरचनात्मक अन्तर लिखिए।
अथवा
(a) उत्सर्जन की परिभाषा लिखिए।
(b) वृक्क में उपस्थित आधारी निस्यंदन एकक का नाम लिखिए।
(c) मानव के उत्सर्जन तंत्र का आरेख खींचिए और उस पर उत्सर्जन तंत्र के उस भाग का नामांकन कीजिए
(i) जो मूत्र तैयार करता है।
(ii) जो लम्बी नलिका है और वृक्क से मूत्र संचित करती है।
(iii) जिसमें मूत्र त्यागने तक मूत्र भण्डारित रहता है। (CBSE 2018)
उत्तर-
(a) रुधिर के दो अवयव लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिका है।
(b) शरीर में ऑक्सीजन प्रचुर रुधिर सबसे पहले बायें अलिंद में एकत्र होता है। फिर रक्त बायें अलिंद से बायें निलय में प्रवेश करता है। इस दौरान बायाँ अलिंद संकुचित हो जाता है तथा बायाँ निलय शिथिल हो जाता है। बायें निलय की भित्ति मोटी होती है। जब यह संकुचित होता है तो ऑक्सीजनित रुधिर धमनियों द्वारा शरीर के सम्पूर्ण अंग तंत्रों तक पहुँच जाता है।
“बायाँ अलिंद → बायाँ निलय → महाधमनी → धमनियाँ अंग तंत्र।

(c) अलिंद और निलय के बीच वाल्व रक्त के वापस प्रवाह को रोकता है।
(d) धमनियों की भित्ति मोटी, मजबूत व लचीली होती है, क्योंकि हृदय रुधिर को अधिक दाब से प्रवाहित करता है जिससे धमनियों पर दबाव पड़ता है। शिराओं की भित्ति पतली होती है।
अथवा
(a) शरीर से हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
(b) वृक्क में आधारी निस्यंदन एकक का नाम नेफ्रॉन
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 12
(i) वृक्क
(ii) मूत्रवाहिनी
(iii) मूत्राशय।

प्रश्न 8.
मनुष्य के आमाशय में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है ? (मा. शि. बो. राज., 2015)
उत्तर-
आमाशय में भोजन का पाचन-आमाशय में भोजन पहुँचने पर इसकी क्रमाकुंचन गति से भोजन की लुग्दी (chyme) बन जाती है। आमाशय की दीवारों में उपस्थित जठर ग्रन्थियाँ जठर रस (gastric juice) का स्रावण करती हैं। जठर रस में 97-99% जल, 0.2% श्लेष्म, 0.5% HCl तथा पेप्सिन, जठर लाइपेज एवं रेनिन एन्जाइम होते हैं। वयस्क मनुष्य में रेनिन का अभाव होता है। HCl की उपस्थिति के कारण जठर रस अम्लीय प्रकृति (ph लगभग 2-3.5) का होता है।

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निष्क्रिय पेप्सिनोजन को सक्रिय पेप्सिन में बदलता है तथा भोजन के साथ आये जीवाणु एवं सूक्ष्म जीवों को मारता है। यह भोजन को सड़ने से रोकता है तथा भोजन के कड़े भागों को घोलता है।
1. पेप्सिन एन्जाइम प्रोटीन को प्रोटिओजेज तथा पेप्टोन्स में बदल देता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 13
2. जठर लाइपेज वसाओं का आंशिक पाचन करता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 14

3. रेनिन एन्जाइम प्रोरेनिन के रूप में स्रावित होता है। यह HCl के प्रभाव से सक्रिय रेनिन में बदल जाता है। रेनिन दूध की कैसीन प्रोटीन को अघुलनशील कैल्सियम पैरा-कैसीनेट में बदलता है। आमाशय में भोजन 3-4 घण्टे तक रुकता है। जठर निर्गमी अवरोधनी द्वारा अधपचा भोजन धीरे-धीरे ग्रहणी में धकेला जाता है।

प्रश्न 9.
मनुष्य की छोटी आँत्र में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है? (मा. शि. बोर्ड. राज., 2012)
अथवा
मनुष्य की आहार नाल में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट का पाचन किस प्रकार होता है?
उत्तर-
छोटी आँत्र में भोजन का पाचन- भोजन का पाचन मुख्यतः छोटी आँत्र के ग्रहणी भाग में होता है। ग्रहणी में पित्त रस तथा अग्न्याशयी रस भोजन में मिल जाते हैं। छोटी आँत्र में स्थित लिबरकुहन की दरारों से आन्त्रीय रस का स्रावण होता है।

पित्त रस वसा का इमल्सीकरण करता है। यह (लुग्दी) काइम की अम्लता को समाप्त करके इसे क्षारीय बनाता है तथा आँत्र की क्रमाकुंचन गति को बढ़ाता है। पित्त लवण कोलेस्ट्रॉल को घुलनशील बनाए रखता है। अग्न्याशयी रस का pH 7.5-8.3 होता है, जिसमें 96% जल तथा शेष पाचक एन्जाइम तथा लवण होते हैं।

इसमें निम्नलिखित एन्जाइम होते हैं-

I. प्रोटीन पाचक एन्जाइम निम्न हैं-

1. ट्रिप्सिन-इसका स्रावण निष्क्रिय ट्रिप्सिनोजन के – रूप में होता है। यह आन्त्रीय एन्टेरोकाइनेज की उपस्थिति में सक्रिय ट्रिप्सिन में बदल जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 16
2. काइमोट्रिप्सिन-यह निष्क्रिय काइमोट्रिप्सिन के रूप में स्रावित होता है और पेप्सिन के प्रभाव से सक्रिय काइमोट्रिप्सिन में बदल जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 17

II. कार्बोहाइड्रेट पाचक एन्जाइम-अग्न्याशयी रस में अग्न्याशयी एमिलेस एन्जाइम पॉली सैकेराइड को डाइ सैकेराइड में बदलता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 18

III. वसा पाचक एन्जाइम-अग्न्याशयी लाइपेज या स्टिऐप्सिन इमल्सीकृत वसा का पाचन करता है।
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IV. न्यूक्लिएजेज-ये न्यूक्लिक अम्लों का पाचन करते-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 20
आन्त्रीय रस का pH 7.5-8.3 तक होता है और यह क्षुद्रान्त्र की ग्रन्थियों से स्रावित होता है। इसमें निम्न एन्जाइम होते हैं
(I) प्रोटीन पाचक एन्जाइम-इन्हें सामूहिक रूप से इरैप्सिन कहते हैं। ये पॉली-पेप्टाइड्स को अमीनो अम्लों में तोड़ते हैं।
(II) कार्बोहाइड्रेट पाचक एन्जाइम निम्न हैं1. माल्टेज-यह माल्टोज शर्करा को ग्लूकोज में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 21
2. लैक्टेज-यह लैक्टोज शर्करा को ग्लूकोज तथा गैलेक्टोज. में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 22
3. सुक्रेज-यह सुक्रोज को ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज में तोड़ता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 23
III. वसा पाचक एन्जाइम-अवशेष वसा का पाचन आन्त्रीय लाइपेज करता है।
IV. न्यूक्लिओटाइड्स का पाचन-न्यूक्लिओटाइडेज न्यूक्लिओटाइड्स को न्यूक्लिओसाइड्स तथा फॉस्फेट में तोड़ता है तथा न्यूक्लिओसाइडेज न्यूक्लिओसाइड्स को नाइट्रोजनी क्षारकों तथा शर्करा में तोड़ते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

प्रश्न 10.
मनुष्य में पायी जाने वाली पाचक ग्रन्थियों तथा उससे प्रभावित हॉर्मोन्स के नाम तथा प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर-
मनुष्य के पाचन तन्त्र में निम्नलिखित पाचक ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं –

  1. लार ग्रन्थि-इसका स्राव मुख गुहा में खुलता है। इसमें टायलिन एन्जाइम पाया जाता है। टायलिन भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट को माल्टोज शर्करा में परिवर्तित करता है।
  2. यकृत एवं पित्ताशय-यकृत में स्थित पित्ताशय से पित्त रस स्रावित होता है। यद्यपि इसमें कोई एन्जाइम नहीं होता है परन्तु फिर भी यह पाचन क्रिया को सुगम बनाता है।
  3. जठर ग्रन्थि-ये आमाशय की दीवार में स्थित होती है और जठर रस का स्रावण करती है। इसमें पेप्सिन, जठर लाइपेज तथा रेनिन एन्जाइम होते हैं। पेप्सिन प्रोटीन का, जठर लाइपेज वसा का तथा रेनिन, कैसीन प्रोटीन का पाचन करते हैं।
  4. अग्न्याशय-इससे ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन, एमिलेस, लाइपेज तथा न्यूक्लिएज एन्जाइम स्रावित होते हैं।
  • ट्रिप्सिन प्रोटीन का पाचन करता है।
  • काइमोट्रिप्सिन प्रोटीन्स को पेप्टोन्स तथा पॉली पेप्टाइड में तोड़ता है।
  • एमिलेस स्टार्च को माल्टोज में परिवर्तित करता
  • लाइपेज इमल्सीकृत वसा को वसीय अम्लों तथा ग्लिसरॉल में परिवर्तित करता है।
  • न्यूक्लिएज RNA तथा DNA को इनके घटक अणुओं में तोड़ते हैं।

प्रश्न 11.
मनुष्य के श्वसन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
मनुष्य का श्वसन तन्त्र-मनुष्य में श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है। मनुष्य के श्वसन को फुफ्फुसीय श्वसन (pulmonary respiration) कहते हैं। मनुष्य के श्वसन तन्त्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है
1. श्वसन मार्ग
2. फेफड़े।

1. श्वसन मार्ग-श्वसन मार्ग से होकर वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है तथा बाहर जाती है। साँस लेने तथा निकालने की क्रिया श्वासोच्छ्वास (breathing) कहलाती है। वायु मार्ग के निम्नलिखित भाग हैं-

  • नासा मार्ग-एक जोड़ी बाह्य नासाद्वार नासिका के अग्र छोर पर स्थित होते हैं। नासाद्वार से ग्रसनी तक के पथ को नासा मार्ग कहते हैं। यह नासा पट द्वारा दो भागों में बँटा होता है।
  • ग्रसनी-इस भाग में नासा मार्ग तथा मुख ग्रहिका दोनों खुलते हैं। ग्रसनी का नासाग्रसनी कण्ठ द्वार द्वारा वायुनाल में खुलता है।
  • स्वर यन्त्र-यह श्वासनाल का सबसे ऊपरी भाग है। स्वर यन्त्र में वाक् रज्जु उपस्थित होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 24

 

  • ट्रेकिया-वायुनाल ग्रीवा से होकर वक्ष गुहा में प्रवेश करती है। वायुनाल की भित्ति में उपास्थि के बने C आकार के छल्ले होते हैं जो इसे पिचकने से रोकते हैं।
  • श्वसनी-वक्षगुहा में प्रवेश करने के पश्चात् वायुनाल दो श्वसनियों में विभाजित हो जाती है। प्रत्येक श्वसनी अपनी ओर के फेफड़ों में प्रवेश करती है।

2. फेफड़े (Lungs)-वक्षगुहा में दो फेफड़े हृदय के पार्यों में स्थित होते हैं। प्रत्येक फेफड़ा गुलाबी, कोमल एवं स्पंजी रचना है। प्रत्येक फेफड़ा प्लूरल कला से घिरा होता है। – फेफड़ों में महीन नलिकाओं का जाल फैला रहता है। इस जाल को श्वसनी वृक्ष कहते हैं। श्वसनी की छोटी शाखाओं को श्वसनिका कहते हैं। ये श्वसनिकाएँ पुनः विभाजित होकर द्वितीयक एवं तृतीयक श्वसनिकाएँ बनाती हैं। अन्ततः ये वायु कूपिकाओं में खुलती हैं। वायु कूपिकाएँ गैस-विनिमय के लिए सतह धरातल उपलब्ध कराती हैं।

प्रश्न 12.
मनुष्य के हृदय की संरचना तथा इसकी क्रिया-विधि का वर्णन कीजिए। (नमूना प्रश्न-पत्र 2012) (RBSE 2015, 17)
उत्तर-
मनुष्य का हृदय वक्ष गुहा में बाईं ओर स्थित होता है। इसका आकार बन्द मुटठी के बराबर होता है। मनुष्य के हृदय के चार भाग होते हैं-दो अलिंद तथा दो निलय। इन्हें दायाँ अलिंद, बायाँ अलिंद, दायाँ निलय तथा बायाँ निलय में विभेदित कर सकते हैं। अलिंद ऊपर की ओर तथा निलय नीचे की ओर होता है। दायाँ अलिंद दाएँ निलय में तथा बायाँ अलिंद बाएँ निलय में खुलता है। बाएँ अलिंद तथा बाएँ निलय के बीच द्विवलनी कपाट तथा दाएँ अलिंद तथा दाएँ निलय के बीच त्रिवलनी कपाट होता है। बाएँ निलय का सम्बन्ध अर्द्धचन्द्राकार वाल्व द्वारा महाधमनी से तथा दाएँ निलय का सम्बन्ध अर्द्धचन्द्राकार वाल्व द्वारा फुफ्फुसीय महाधमनी से होता है। दाएँ अलिंद से महाशिरा आकर मिलती है तथा बाएँ अलिंद से फुफ्फुस शिरा आकर मिलती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 25
हृदय की क्रियाविधि-हृदय के अलिंद तथा निलय में संकुचन (systole) एवं शिथिलन (diastole) क्रियाएँ होती हैं। ये क्रियाएँ एक लयबद्ध तरीके से होती हैं। हृदय की एक धड़कन के साथ एक हृदय चक्र (Cardiac cycle) पूर्ण होता है।

एक चक्र पूर्ण होने में निम्न अवस्थाएँ होती-

  1. शिथिलन-इस अवस्था में दोनों अलिंद शिथिल अवस्था में रहते हैं जिससे दोनों अलिंदों में रुधिर एकत्र होता है।
  2. अलिंद संकुचन-इस अवस्था में अलिंद निलय कपाट खुल जाते हैं और रुधिर निलयों में चला जाता है। दायाँ अलिंद सदैव बाएँ अलिंद से कुछ पहले संकुचित होता है।
  3. निलय संकुचन-निलयों के संकुचन के समय अलिंद-निलय कपाट बन्द हो जाते हैं एवं महाधमनियों के अर्द्धचन्द्राकार कपाट खुल जाते हैं जिससे रुधिर महाधमनियों में चला जाता है।
  4. निलय शिथिलन-संकुचन के पश्चात् निलयों में शिथिलन होता है। और अर्द्ध चन्द्राकार कपाट बन्द हो जाते हैं तथा अलिंद निलय कपाट खुल जाते हैं। इससे रुधिर पुनः अलिंद से निलयों में आ जाता है

प्रश्न 13.
रक्त दाब (Blood Pressure) किसे कहते हैं ? इसे मापने के लिए किस यन्त्र का उपयोग किया जाता है तथा इसे किस प्रकार मापते हैं?
उत्तर-
रक्त दाब (Blood Pressure)-रुधिर वाहिकाओं की भित्ति के विरुद्ध जो दाब उत्पन्न होता है उसे रक्त दाब कहते हैं। यह दाब शिराओं की अपेक्षा धमनियों में बहुत. अधिक होता है। धमनी के अन्दर रुधिर का दाब निलयप्रकंचन (Systole) के दौरान प्रकंचन दाब तथा निलय अनुशिथिलन (diastole) के दौरान धमनी के अन्दर का दाब अनुशिथिलन दाब कहलाता है। सामान्य प्रकुंचन दाब लगभग 120 mm (पारे के) तथा अनुशिथिलन दाब लगभग 80 mm (पारे के) होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 26
जाती है रुधिर दाब का मापन रुधिर दाबमापी (Sphygmomanometes) – द्वारा किया जाता है। उच्च रुधिर दाब को अति तनाव भी कहते हैं और इसका कारण धमनिकाओं का सिकुड़ना है। इससे रुधिर प्रवाह में प्रतिरोध बढ़ जाता है। इससे धमनी फट सकती है तथा आन्तरिक रक्तस्त्रवण हो सकता है।

प्रश्न 14.
मनुष्य के उत्सर्जी तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। (Rbse 2017)
उत्तर-
मनुष्य के नुख्या उत्सर्जी अंग वृक्क (Kidney)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 27
हैं। वृक्क संख्या में दो होते हैं जो रीढ़ की हड्डी के इधर-उधर देहगुहा में स्थित होते हैं। प्रत्येक वृक्क सेम के बीज के आकार का तथा भूरे रंग की संरचना है। प्रत्येक वृक्क लगभग 10 सेमी लम्बा, 6 सेमी चौड़ा तथा 2.5 सेमी मोटा होता है। दायाँ वृक्क बाएँ की अपेक्षा कुछ नीचे स्थित होता है। सामान्यतः एक वयस्क पुरुष के वृक्क का भार 125-170 ग्राम होता है, परन्तु स्त्री के वृक्क का भार 115-155 ग्राम होता है। वृक्क का बाहरी किनारा उभरा हुआ होता है किन्तु भीतरी किनारा फँसा हुआ होता है जिससे मूत्र नलिका निकली होती है। इस स्थान को हाइलस कहते हैं। मूत्र नलिका एक पेशीय थैलेनुमा मूत्राशय में खुलती है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) ATP
(ii) परासरण नियमन
(iii) होमियोस्टैसिस।
उत्तर-
(i) ATP- अधिकांश कोशिकीय प्रक्रमों के लिए ए.टी.पी. (Adenosine Triphosphate) ऊर्जा मुद्रा है। श्वसन क्रिया में विमोचित ऊर्जा का उपयोग ADP तथा अकार्बनिक फॉस्फेट से ATP अणु बनाने में किया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम 28
इन ATP का प्रयोग शरीर की विभिन्न क्रियाओं के संचालन में किया जाता है। ATP के एक उच्च ऊर्जा बन्ध के खण्डित होने से 30.5 kJ/mol के तुल्य ऊर्जा मुक्त होती है।

(ii) परासरण नियमन (Osmoregulation)- प्रत्येक प्राणी का उसके पयावरण के साथ जल एवं लवणों का एक निकट का सम्बन्ध रहता है। शरीर के अन्दर जल एवं लवणों का एक अनुकुलतम सान्द्रण बनाए रखना अत्यन्त आवश्यक है। इसे परासरण नियमन कहते हैं। मानव शरीर में वृक्क परासरण नियमन का कार्य करता है। अमीबा में कुंचनशील रिक्तिका यह कार्य करती है।

(iii) होमियोस्टैसिस (Homeostasis)-वृक्क शरीर में उत्सर्जी पदार्थों के उत्सर्जन के अतिरिक्त शरीर में जल, अम्ल, क्षार तथा लवणों का सन्तुलन बनाये रखने में भी सहायक होते हैं। वृक्क शरीर में जल की अतिरिक्त मात्रा को मूत्र द्वारा बाहर निकालते हैं। अमोनिया रुधिर में H की अधिकता को कम करके रुधिर में अम्ल-क्षार सन्तुलन बनाने में सहायक है। अतः शरीर में जल, ताप, लवणों एवं अन्य क्रियाओं की समानता बने रहने को होमियोस्टैसिस कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. पौधों में प्रकाश-संश्लेषण क्रिया सम्पन्न होती है-
(a) माइटोकॉण्ड्रिया में
(b) हरितलवक में
(c) केन्द्रक में
(d) जड़ में।
उत्तर-
(b) हरितलवक में।

2. निम्नलिखित में से स्वपोषी है –
(a) मनुष्य
(b) फफूंद
(c) हरा शैवाल
(d) अमरबेल।
उत्तर-
(c) हरा शैवाल।

3. लार में उपस्थित एन्जाइम है-.
(a) लाइपेज
(b) टायलिन
(c) पेप्सिन
(d) रेनिन।
उत्तर-
(b) टायलिन।

4. वायवीय श्वसन में ग्लूकोज के विखण्डन से उत्पन्न ATP की संख्या होती है –
(a) 2
(b) 8
(c) 16
(d) 38.
उत्तर-
(d) 38.

5. कोशिका की ऊर्जा मुद्रा है
(a) ATP
(b) RNA
(c) DNA
(d) ADP.
उत्तर-
(a) ATP.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

6. मनुष्य में सामान्य प्रकुचन रुधिर दाब तथा अनुशिथिलन रुधिर दाब क्रमशः होता है –
(a) 100 एवं 60
(b) 120 एवं 80
(c) 140 एवं 100
(d) 160 एवं 120.
उत्तर-
(b) 120 एवं 80.

7. मनुष्य द्वारा निश्वसन में फेफड़ों द्वारा खींची गयी वायु में ऑक्सीजन का प्रतिशत होता है –
(a) 16%
(b) 21%
(c) 0.03%
(d) 78%
उत्तर-
(b)21%.

8. मनुष्य के रुधिर में पाया जाने वाला श्वसन वर्णक है-
(a) हीमोसायनिन
(b) क्लोरोफिल
(c) हीमोग्लोबिन
(d) जैन्थोफिल।
उत्तर-
(c) हीमोग्लोबिन।

9. उत्सर्जन की क्रिया में भाग लेने वाली वृक्क की इकाई
(a) केशिका
(b) रुधिराणु
(c) कूपिका
(d) वृक्काणु।
उत्तर-
(d) वृक्काणु।

10. प्रकाश-संश्लेषण में पौधे द्वारा निकाली गयी O2 आती
(a) CO2 से
(b) जल से
(c) ग्लूकोज से
(d) ATP से।
उत्तर-
(b) जल से।

11. रुधिर से मूत्र का पृथक्करण होता है
(a) यकृत में
(b) वृक्क में
(c) आमाशय में
(d) मूत्राशय में।
उत्तर-
(b) वृक्क में।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सप्राण या जीवित वस्तुओं को ……………………………… कहते हैं।
उत्तर-
सजीव,

2. मनुष्य के शरीर में परिवहनं मुख्यतः ……………………………… द्वारा होता है।
उत्तर-
रूधिर,

3. शरीर में विभिन्न पदार्थों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचरण ……………………………… कहलाता है।
उत्तर-
परिवहन,

4. पौधों के हरे भागों से जल का जलवाष्प के रूप में उड़ना ……………………………… कहलाता है।
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन,

5. मानव पाचन तंत्र ……………………………… तथा उससे सम्बन्ध ……………………………… का बना होता है।
उत्तर-
आहारनाल, ग्रंथियाँ।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 6 जैव प्रक्रम

समेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
(a)

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. घास(i) मृतोपजीवी
2. हिरण(ii) उत्पादक (स्वपोषी)
3. अमर बेल(iii) मांसाहारी
4. बाघ(iv) शाकाहारी
5. कवक(v) परजीवी
6. मनुष्य(vi) सर्वाहारी

उत्तर-

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. घास(ii) उत्पादक (स्वपोषी)
2. हिरण(iv) शाकाहारी
3. अमर बेल(v) परजीवी
4. बाघ(iv) शाकाहारी (iii) मांसाहारी
5. कवक(i) मृतोपजीवी
6. मनुष्य(vi) सर्वाहारी

(b)

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. पर्णहरित(i) ऊर्जा ग्रह
2. हीमोग्लोबिन(ii) ऊर्जा मृदा
3. एन्जाइम(iii) जैविक उत्प्रेरक
4. ए.टी.पी(iv) श्वसन वर्णक
5. माइटोकॉन्ड्रिया(v) प्रकाश संश्लेषी वर्णक
6. रुधिर(vi) तरल ऊतक

उत्तर-

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. पर्णहरित(v) प्रकाश संश्लेषी वर्णक
2. हीमोग्लोबिन(iv) श्वसन वर्णक
3. एन्जाइम(iii) जैविक उत्प्रेरक
4. ए.टी.पी(ii) ऊर्जा मृदा
5. माइटोकॉन्ड्रिया(i) ऊर्जा ग्रह
6. रुधिर(vi) तरल ऊतक

(c)

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. जाइलम(i) मनुष्य
2. फ्लोएम(ii) ऊतक द्रव्य
3. दोहरा परिसचरण(iii) खाद्य पदार्थ
4. एकल परिसंचरण(iv) जल व लवण
5. लसीका तंत्र(v) मछली
6. कूपिका(vi) श्व सन सतह

उत्तर-

स्तम्भ Iस्तम्भ II
1. जाइलम(iv) जल व लवण
2. फ्लोएम(iii) खाद्य पदार्थ
3. दोहरा परिसचरण(i) मनुष्य
4. एकल परिसंचरण(v) मछली
5. लसीका तंत्र(ii) ऊतक द्रव्य
6. कूपिका(vi) श्व सन सतह

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर-
तत्वों के गुणों के आधार पर।

प्रश्न 2.
डॉबेराइनर ने तत्वों का वर्गीकरण कब किया था?
उत्तर-
सन् 1817 में।

प्रश्न 3.
डॉबेराइनर के त्रिक की क्या विशेषता है?
उत्तर-
इसकी विशेषता यह है कि त्रिक के मध्य तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्वों के परमाणु भार का लगभग माध्य है।

प्रश्न 4.
अष्टक नियम की परिभाषा क्या है? (RBSE 2016)
उत्तर-
जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु भार के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है तो प्रत्येक आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणों के समान होते हैं।

प्रश्न 5.
न्यूलैंड्स कितने द्रव्यमान तक के तत्वों का वर्गीकरण कर पाया? .
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान 40 तक।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 6.
मेन्डेलीफ का आवर्त नियम लिखिए।
उत्तर-
तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 7.
लघु एवं दीर्घ आवर्त किसे कहते हैं? .
उत्तर-
पहले तीन आवर्तों को तत्वों की संख्या कम होने के कारण लघ आवर्त कहते हैं तथा तत्वों की अधिकता के कारण चौथे से सातवें तक के आवर्तों को दीर्घ आवर्त कहते हैं।

प्रश्न 8.
निष्क्रिय तत्व क्या हैं?
उत्तर-
निष्क्रिय तत्व वे होते हैं जो अन्य तत्वों से संयोजित होने के लिए सक्रिय नहीं होते। ऐसे तत्व के सबसे बाहरी कोश में 8 इलेक्ट्रॉन विद्यमान होते हैं।

प्रश्न 9.
समूहों के गुण लिखिए।
उत्तर-

  • परमाणु का निश्चित संख्या अन्तराल,
  • इलेक्ट्रॉनों की संरचना,
  • संयोजकता,
  • परमाणु भार,
  • धात्वीय प्रकृति,
  • रासायनिक गुण।

प्रश्न 10.
आवर्त सारणी का आधुनिक रूप क्या है?
उत्तर-
बोहर ने ज्ञात तत्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते — क्रम में रखकर एक सारणी बनाई जिसे आवर्त सारणी का दीर्घ रूप या आधुनिक रूप कहते हैं।

प्रश्न 11.
दीर्घ आवर्त सारणी का आधार क्या है?
उत्तर-
परमाणु संख्या और इलेक्ट्रॉन का वितरण।

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प्रश्न 12.
निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के किस समूह में हैं?
उत्तर-
सभी निष्क्रिय तत्व आवर्त सारणी के शून्य समूह में हैं।

प्रश्न 13.
दीर्घ आवर्त सारणी में क्या दोष हैं?
उत्तर-
इसमें हाइड्रोजन की स्थिति निश्चित नहीं है तथा यह परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण नियमित नहीं दिखाती।

प्रश्न 14.
परमाणु का आकार कम कब होता है?
उत्तर-
जब नाभिक में बढ़ा धन आवेश इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर आकृष्ट करता है तब परमाणु के आकार में कमी आती है।

प्रश्न 15.
वैद्युत ऋणात्मकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी परमाणु के द्वारा इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करने की प्रवृत्ति उसकी वैद्युत ऋणात्मकता कहलाती है।

प्रश्न 16.
Ei, Be, B, Na को बढ़ती आयनन ऊर्जा के क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर-
Na <Li<B

प्रश्न 17.
(i) समस्थानिक किसे कहते हैं?
(ii) आधुनिक आवर्त नियम लिखिए।
(iii) दो उत्कृष्ट गैसों के नाम लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
(i) वो तत्व जिनमें प्रोटॉन की संख्या समान परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न होती है, समस्थानिक कहलाते हैं।
(ii) तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।
(iii) आर्गन व क्रिप्टॉन।

प्रश्न 18.
Lit, Nat, K+ में किसकी आयनिक त्रिज्या सबसे कम है?.
उत्तर-
Lit.

प्रश्न 19.
वैद्युत ऋणात्मकता किस अवस्था में सारणी में घटती है?
उत्तर-
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर।

प्रश्न 20.
आयनन ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु की तटस्थ अवस्था से उसकी बाह्यतम कक्षा से इलेक्ट्रॉन अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को उस तत्व की आयनन ऊर्जा कहते हैं।

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प्रश्न 21.
आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्त एवं समूहों की संख्या लिखिए। [राज. 2015]
उत्तर-
आवर्त – सात ।
समूह – अठारह

प्रश्न 22.
मेन्ड्रेलीफ की आवर्त सारणी में समूहों तथा आवतों की संख्या लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में नौ समूह तथा सात आवर्त हैं।

प्रश्न 23.
उन तत्वों को बताइए जिनकी खोज मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी बनने के बाद हुई।
उत्तर-
स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga) तथा जर्मेनियम (Ge) आदि ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें आवर्त सारणी बनने के बाद खोजा गया था।

प्रश्न 24.
उपधातु.क्या होती है?
उत्तर-
वे तत्व जो धातुओं तथा अधातुओं दोनों के अभिलाक्षणिक गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
किसी आवर्त में बाईं से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार किस प्रकार बदलता है?
उत्तर-
किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार घटता जाता है परन्तु आवर्त के अन्तिम तत्व का परमाणु आकार अपने से पहले तत्व से अधिक होता है।

प्रश्न 26.
शून्य समूह के तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
उक्ता हीलियम (He), नीऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr), जीनॉन (Xe), रेडॉन (Rn)।

प्रश्न 27.
न्यूलैंड्स अष्टक नियम के क्या दोष थे?
उत्तर-
यह नियम केवल Ca जिसका परमाणु द्रव्यमान 40 है तक ही सीमित रहा। इसके बाद के भारी तत्व इस नियम से वर्गीकृत नहीं किये जा सके।

प्रश्न 28.
किसी आवर्त और समूह में तत्वों के धात्विक गुण किस प्रकार बदलते हैं?
उत्तर-
आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर धात्विक गुण घटता है तथा वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है।

प्रश्न 29.
किसी समूह में सबसे नीचे पाये जाने वाले तत्व में कौन-सा गुण अधिक होता है?
उतर-
धात्विकता का गुण।

प्रश्न 30.
संशोधित आवर्त सारणी में किन-किन आवों में उपसमूह नहीं हैं?
उतर-
तेर संशोधित आवर्त सारणी के प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सप्तम आवर्तों में उपसमूह नहीं होते हैं।

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प्रश्न 31.
निम्नलिखित के नाम बताइए-
(i) आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में स्थित कोई धातु,
(ii) हैलोजेन परिवार में स्थित कोई दो अधातु,
(ii) सर्वाधिक सक्रिय हैलोजेन।
उत्तर-
(i) ऐलुमिनियम,
(ii) क्लोरीन तथा ब्रोमीन,
(iii) फ्लु ओरीन।

प्रश्न 32.
आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर निम्नलिखित में क्या परिवर्तन होता है?
(1) परमाणु आकार,
(ii) धात्विक गुण,
(iii) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या। [राज. 2015]
उत्तर-
(i) परमाणु आकार – घटता है।
(ii) धात्विक गुण – घटता है।
(iii) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या – बढ़ती है।

प्रश्न 33.
आवर्त सारणी के दीर्घ रूप में कौन-कौन से तत्वों को रखा गया है?
उत्तर-
आवर्त सारणी के तल में परमाणु संख्या 58 से 71 तक लैन्थेनॉइड तथा 90 से 103 तक ऐक्टिनॉइड के तत्वों को दो श्रेणियों में रखा गया है।

प्रश्न 34.
तीन तत्वों A,B,C में से A और C के परमाणु भार 35.5 तथा 127 हैं। डॉबेराइनर के त्रिक के आधार पर B का परमाणु भार ज्ञात करो।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 1

प्रश्न 35.
निम्नलिखित को बढ़ती आयमिक त्रिज्या के क्रम में व्यवस्थित कीजिए-. ..’,
Al3+,Mg2+,Na+,O2-,F
उत्तर-
Al3+ < Mg2+<Na+,F <O2-

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या की अपेक्षा परमाणु सँख्यो को अच्छा आधार क्यों माना गया है?
उत्तर-
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है। नाभिक तत्व के केन्द्र में स्थित है तथा इसमें प्रोटॉन व न्यूट्रॉन स्थित होते हैं। वास्तव में तत्वों के गुण इलेक्ट्रॉनिक वितरण से सम्बन्धित हैं, जैसे-जैसे परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक वितरण भी परिवर्तित होता जाता है। इस कारण से परमाणु संख्या तत्वों के वर्गीकरण का अच्छा आधार है।

प्रश्न 2.
आवर्तिता से क्या तात्पर्य है? क्या किसी एक समूह के तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं? इस कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
आवर्तिता -किसी निश्चित समय के बाद तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति, आवर्तिता कहलाती है। आवर्त सारणी में तत्वों के गुणों में प्रदर्शित समता-विषमता का अध्ययनं करना आवर्ती गुण के नाम से जाना जाता है। गुण इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करते हैं जो नाभिक के चारों ओर लगातार गति करते हैं। बाह्यतम कक्ष में समान इलेक्ट्रॉन संख्या वाले तत्व समान गुण प्रकट करते हैं। किसी भी वर्ग के सभी तत्वों के गुण समान होते हैं, जैसे-लीथियम और सोडियम के सबसे बाहरी कक्ष में एक-एक इलेक्ट्रॉन है, इसलिए इनके गुण समान हैं।

प्रश्न 3.
संक्रमण तत्व किन्हें कहते हैं? इनकी विभिन्न. श्रेणियाँ बताइए।
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी के s ब्लॉक तथा p-ब्लॉक के मध्य के तत्वों को संक्रमण तत्व कहते हैं। इन तत्वों में परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ-साथ इलेक्ट्रॉन भरे जाने का क्रम, बाह्यतम कक्ष से पहली कक्ष के d-उपक्ष से सम्बन्धित होता है। इसलिए इन्हें d- ब्लॉक तत्व कहते हैं। इसमें III-B, IV-B (4), V-B (5),VI-B (6), VII-B (7), VIII (8, 9, 10) तथा II-B आदि दस ऊर्ध्वाधर श्रेणियाँ हैं।

प्रश्न 4.
मेन्डेलीफका आवर्त नियम क्या है? मेन्डेलीफ आवर्त सारणी की दो विशेषताएँ लिखिए। .
उत्तर-
मेन्डेलीफ का आवर्त नियम-इस नियम के अनुसार, “तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।”
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी की दो विशेषताएँ-

  • प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने बढ़ते परमाणु भारों के क्रम में व्यवस्थित हैं।
  • एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए
(i) लैन्थेनॉइड्स
(ii) ऐक्टिनॉइड्स।
उत्तर-
(i) लैन्थेनॉइड्स-परमाणु क्रमांक 58 से 71 वाले तत्वों (Ce से Lu) के गुण समान होते हैं। परमाणु क्रमांक 57 वाले तत्व लैन्थेनम (La) के बाद आते हैं, अतः इन्हें लैन्थेनॉइड्स कहा जाता है।
(ii) ऐक्टिनॉइड्स-परमाणु क्रमांक 90 से 103 वाले तत्वों (Th से Lr) के गुण समान होते हैं। ये परमाणु क्रमांक 89 वाले तत्व ऐक्टिनियम (Ac) के बाद आते हैं, अतः इन्हें ऐक्टिनॉइड्स कहा जाता है।

प्रश्न 6.
नये तत्वों की खोज में मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की क्या उपयोगिता है?
उत्तर-
मेन्डेलीफ ने अपनी मूल आवर्त सारणी में नये तत्वों के लिये कई खाली स्थान छोड़ दिये थे तथा इन तत्वों के गुणों के बारे में जानकारी भी दी थी। इस सारणी के ज्ञान से ही नये तत्वों को खोजने में काफी सहायता मिली। इन तत्वों की खोज के बाद पाये गये इन तत्वों के गुण मेन्डेलीफ के द्वारा बताये गये गुणों के समान ही थे। उदाहरण- स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga), जर्मेनियम (Ge), आदि की खोज काफी समय बाद हुई थी।

प्रश्न 7.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित हैं।
  2. एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते
  3. प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर तत्वों की ऋण विद्युत संयोजकता कम होती है जबकि धन विद्युत संयोजकता बढ़ती जाती है।
  4. तत्वों का परमाणु भार उसका मौलिक गुण होता है।
  5. आवर्त सारणी में रिक्त स्थानों के तत्वों के गुणधर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।

प्रश्न 8.
आवर्त सारणी के चतुर्थ समूह में आयनिक त्रिज्या का क्रम स्पष्ट कीजिए तथा आयनन विभव पर इसके प्रभाव का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
आवर्त सारणी के चतुर्थ समूह में परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ समान आवेश धनायनों की आयनिक त्रिज्याओं में वृद्धि होती हैं क्योंकि तत्वों के बाह्य कोश की मुख्य क्वाण्टम संख्या में वृद्धि होती है, जैसे –

आयनC4+Si4+Sn4+
आयनिक त्रिज्या (Å में)0.160.400.69

आयनन विभव का मान जितना कम होता हैं परमाणु त्रिज्या उतनी ही बड़ी होती है अर्थात् आयनन विभव के घटने पर आयनिक त्रिज्या बढ़ती है।

प्रश्न 9.
आवर्त सारणी के एक ही आवर्त में परमाणु आकार किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर-
आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर चलने पर तत्वों के परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ-साथ तत्वों के परमाणुओं के आकार घटते हैं।

LiBeBCNOF
1.230.890.800.770.750.730.72 (Å में)

प्रश्न 10.
लघु आवर्त तथा दीर्घ आवर्त से क्या तात्पर्य है? आवर्त सारणी में कितने लघु आवर्त तथा कितने दीर्घ आवर्त होते हैं।
उत्तर-
लघ आवर्त जिन आवों में तत्वों की संख्या 8 होती है। उन्हें लघु आवर्त कहते हैं। दीर्घ आवर्त जिन आवर्तों में तत्वों की संख्या 8 से अधिक होती है, उन्हें दीर्घ आवर्त कहते हैं। आवर्त सारणी में प्रथम तीन आवर्त (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) लघु आवर्त कहलाते हैं। इनमें प्रथम आवर्त में दो तत्व हैं, जबकि द्वितीय व तृतीय आवर्त में आठ-आठ तत्व हैं। आवर्त सारणी में बाद के चार आवर्त (चतुर्थ, पंचम, षष्ठम तथा सप्तम) दीर्घ आवर्त कहलाते हैं। इनमें चतुर्थ व पंचम आवों में 18-18 तत्व हैं, जबकि षष्ठम आवर्त में 32 तत्व हैं और सप्तम आवर्त अपूर्ण है।

प्रश्न 11.
बेरियम (परमाणु क्रमांक 56) की आवर्त सारणी में स्थिति की विवेचना कीजिए तथा निम्नलिखित के उत्तर दीजिए
(i) यह धातु है या अधातु।
(ii) यह सीजियम से बड़ा है या छोटा।
(iii) इसकी संयोजकता क्या है?
(iv) बेरियम क्लोराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
Ba (परमाणु क्रमांक 56)= 2, 8, 18, 18, 8, 2। यह छठे आवर्त तथा II A समूह में स्थित है। (∵ कोशों की – संख्या 6 है तथा संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 है।)

  • यह धातु है क्योंकि यह आवर्त सारणी में बाईं ओर – तथा समूह में नीचे की ओर स्थित है।
  • यह सीजियम (Cs) से छोटा होता है क्योंकि आवर्त में बाईं से दाईं ओर चलने पर परमाणु आकार घटता है। Ba तथा Cs एक ही आवर्त में स्थित हैं तथा Ba, Cs के दाईं ओर स्थित है।
  • इसमें 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं। यह दो इलेक्ट्रॉनों को त्यागकर द्विसंयोजक धनायन बना सकता है।
  • बेरियम क्लोराइड का सूत्र BaCl2 है।

प्रश्न 12.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है? समझाइए-(i) धात्विक गुण, (ii) हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता।
उत्तर-
(i) धात्विक गुण-एक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु का आकार कम होता है जबकि आयनन विभव में वृद्धि होती है अतः धनविद्युती गुण या धात्विक गुणों में कमी आती है, जैसे-द्वितीय आवर्त में Li एवं Be कार्बन से अधिक धनविद्युती हैं तथा कार्बन फ्लुओरीन की तुलना में अधिक धनविद्युती है। सामान्यतः आवर्त सारणी के निचले भाग के तत्व अधिक धात्विक तथा ऊपरी दाएँ भाग के तत्व अधिक अधात्विक होते हैं।

(ii) हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता-हाइड्रोजन के अनुसार संयोजकता प्रथम वर्ग 1 से 4 तक बढ़ती है तथा उसके उपरान्त 4 से 1 तक घटती है।
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 13.
निम्नलिखित गुण एक आवर्त तथा वर्ग में किस प्रकार परिवर्तित होते हैं
(i) धात्वीयता,
(ii) परमाणु आकार या परमाणु त्रिज्या,
(iii) विद्युत ऋणात्मकता,
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता।
उत्तर-
(i) धात्वीयता-किसी आवर्त में आगे की ओर जाने पर धात्विक लक्षण क्रमशः घटता जाता है और अधात्विक लक्षण क्रमशः बढ़ता है। किसी वर्ग में नीचे की ओर जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है तथा अधात्विक गुण घटता है।
(ii) परमाणु आकार-आवर्त में आगे की ओर जाने से परमाणु आकार (परमाणु त्रिज्या) घटता है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने से परमाणु आकार बढ़ता है।
(iii) विद्युत ऋणात्मकता-आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है। शून्य वर्ग को छोड़कर तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर इसका मान घटता है।
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता-आवर्त में आगे की ओर जाने से इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर यह घटती है।

प्रश्न 14.
किसी आवर्त के तत्वों की ऋणविद्युती प्रकृति तथा हाइड्रोजन के प्रति संयोजकता में किस प्रकार परिवर्तन होता है?
उत्तर-
ऋणविद्युती प्रकृति में परिवर्तन-किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों की ऋणविद्युती प्रकृति या विद्युत-ऋणात्मकता परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ-साथ क्रमशः बढ़ती है।

तत्वLiBeBCNOF
विद्युत् ऋणात्मकता1.01.52.02.53.03.54.0

संयोजकता में परिवर्तन-किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर हाइड्रोजन के सापेक्ष तत्वों की संयोजकताएँ क्रमशः 1 से 4 तक बढ़ती हैं। पुनः 4 से 1 तक क्रमशः घटती हैं।
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प्रश्न 15.
निम्नलिखित गुण एक आवर्त तथा वर्ग में किस प्रकार परिवर्तित होते हैं
(a) परमाणु आकार
(b) विद्युत ऋणात्मकता।
उत्तर-
(a) परमाणु आकार-आवर्त में आगे की ओर जाने से परमाणु आकार (परमाणु त्रिज्या) घटता है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने से परमाणु आकार बढ़ता है।
(b) विद्युत ऋणात्मकता-आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है।(शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर इसका मान घटता है।

प्रश्न 16.
यह कैसे सत्यापित किया जा सकता है कि आधुनिक आवर्त सारणी विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है?
अथवा
किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8,4 है :
(a) आधुनिक आवर्त सारणी में इस तत्व की समूह संख्या और आवर्त संख्या लिखिए।
(b) इस तत्व का नाम और इसका एक भौतिक गुणधर्म लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के आधार पर रखा है जिसमें विभिन्न तत्वों के परमाणु जिनके बाहरी कोष की संख्या समान है, उन्हें एक ही आवर्त में रखा गया है तथा जिनके अंतिम कोष में इलेक्ट्रॉन संख्या समान है, उन्हें एक ही समूह में रखा गया हैं अतः आधुनिक आवर्त सारणी विभिन्न तत्वों के परमाणु के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है।
अथवा
(a) आधुनिक आवर्त सारणी में इस तत्व को समूह (ग्रुप) 14 तथा 3 आवर्त में रखा गया है।
(b) यह तत्व सिलिकॉन है। यह एक उपधातु है।

प्रश्न 17.
तत्वों के समूह की संयोजकता के आधार पर, प्रत्येक के लिए कारण सहित पुष्टि करते हुए, नीचे दिए गए यौगिकों के आण्विक-सूत्र लिखिए।
(i) समूह (ग्रुप) 1 के तत्वों का ऑक्साइड
(ii) समूह 13 के तत्वों का हैलाइड
(iii) समूह 2 के तत्व A और समूह 17 के तत्व B के संयोजन से बने यौगिक।
उत्तर-
(i) समूह 1 के तत्वों के अंतिम कोष में एक इलेक्ट्रॉन है। अत: इनकी संयोजकता एक है। इसलिए M2O ऑक्साइड बनायेंगे।
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(ii) समूह 13 के तत्वों की संयोजकता 3 है क्योंकि अंतिम कोष में 3 इलेक्ट्रॉन है। अतः ये M2O3, प्रकार के हैलाइड बनायेंगे।
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(iii) समूह 2 के तत्व A की संयोजकता 2 है तथा समूह 17 के तत्व B की संयोजकता 1 है। अतः इनके संयोग से बना तत्व AB2, होगा।
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प्रश्न 18.
उस तत्व X का नाम, प्रतीक और इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए जिसकी परमाणु संख्या 11 है।
अथवा
क्या नीचे दिए गए तत्वों के समूह डॉबेराइनर के प्रिक के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं?
(a) Na, Si, CI
(b) Be, Mg, Ca : इन तत्वों के परमाणु द्रव्यमान इस प्रकार हैं –
Be-9,Na-23, Mg-24, Si-28, CI-35, Ca-40 प्रत्येक प्रकरण में अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
यह सोडियम तत्व है जिसका प्रतीक Na है तथा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है।।
अथवा
(a) नहीं, क्योंकि इन तत्वों के गुण अलग-अलग हैं। हालांकि S1, का परमाणु द्रव्यमान Be और Ca के औसत द्रव्यमान के बराबर है।
(b) हाँ, क्योंकि इनके गुण समान है तथा Mg (मैग्नीशियम) का द्रव्यमान Be तथा Ca का औसत द्रव्यमान है।

प्रश्न 19.
आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्तों और समूहों की संख्या लिखिए।
(i) किसी आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर, तथा
(ii) किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक अभिलक्षणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में 7 आवर्त और 18 समूह होते हैं।
(i) आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है जिससे तत्वों की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घटती जाती है।

MgAlSiPSCl
2,8,22,8,32,8,42,8,52, 8,62,8,7

(ii) समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर संयोजी इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता जाता है, क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं। इसलिए यह इलेक्ट्रॉन सुगमतापूर्वक निकल जाते हैं। अतः धात्विक अभिलक्षण आवर्त में बायीं से दायीं ओर घटता जाता है और समूह में ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ता जाता है।
Li(2,1)
Na (2,8, 1)

प्रश्न 20.
Na, Mg और AI आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व हैं जिनकी समूह संख्या क्रमशः 1, 2 और 13 है। इनमें से किस तत्व की
(a) संयोजकता अधिकतम,
(b) परमाणु त्रिज्या अधिकतम, तथा
(c) रासायनिक अभिक्रियाशीलता अधिकतम है? प्रत्येक के लिए अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
Na-2,8,1
Mg – 2, 8,2
Al-2, 8,3
(a) अधिकतम संयोजकता Al की होगी, क्योंकि इसके बाहरी कोश में 3 इलेक्ट्रॉन होते हैं। अत: यह तीन इलेक्ट्रॉन त्याग सकता है।
(b) Na की परमाणु त्रिज्या अधिकतम होगी, क्योंकि आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती हैं क्योंकि संयोजी इलेक्ट्रॉनों का नाभिकीय आवेश बढ़ जाता है, जिससे तत्वों का आकार घटता जाता है।
(c) रासायनिक अभिक्रियाशीलता Na की अधिकतम होती है, क्योंकि इसके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन होता है
और वह इसका आसानी से त्याग कर सकता है। आवर्त में बायें से दाईं ओर जाने पर तत्वों की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है।

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प्रश्न 21.
दीर्घाकार आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
दीर्घाकार आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • इस आवर्त सारणी में 7 आवर्त तथा 18 वर्ग हैं।
  • इसमें धातु तथा अधातु तत्वों को अलग-अलग स्थान पर रखा गया है।
  • अक्रिय गैस तत्वों को आंवर्त सारणी के दाईं ओर शून्य वर्ग में रखा गया है।
  • A तथा B उपवर्गों को अलग-अलग कर दिया गया है।
  • लैन्थेनॉइड तथा ऐक्टिनॉइड तत्वों को आवर्त सारणी के बाहर स्थान दिया गया है।

प्रश्न 22.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में तत्वों के निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है
(i) धात्विक गुण
(ii) आयनन विभव।
उत्तर-
(i) धात्विक गुण-एक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु का आकार कम होता है जबकि आयनन विभव में वृद्धि होती है। अतः धनविद्युती या धात्विक गुणों में कमी आती है, जैसे-द्वितीय आवर्त में Li तथा Be कार्बन से अधिक धनविद्युती हैं तथा कार्बन फ्लुओरीन की तुलना में अधिक धनविद्युती है।
(ii) आयनन विभव-द्वितीय आवर्त के तत्वों का आयनन विभव कम होता है, परन्तु वर्ग IA के तत्वों के आयनन विभव से अधिक होता है। द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर आयनन विभव बढ़ता जाता है।

प्रश्न 23.
तत्व X का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है-

KLM
286.

(i) आवर्त सारणी में तत्व X की वर्ग संख्या क्या है?
(ii) आवर्त सारणी में तत्व की आवर्त संख्या क्या है?
(iii) X के परमाणु में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या है?
(iv) X की संयोजकता क्या है?
(v) क्या यह धातु है या अधातु?
उत्तर-
(i) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं इसलिए आवर्त सारणी में तत्व X की वर्ग संख्या 6 + 10 = 16 है।
(ii) तत्व X में उनके परमाणु में 3 इलेक्ट्रॉन कोश (K, L और M) हैं। इसलिए तत्व X की आवर्त संख्या 3 है अर्थात् यह आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त का तत्व है।
(iii) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं।
(iv) तत्व X में 6 संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं इसलिए इसे अपना अष्टक पूरा करने तथा स्थायी होने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है। अतः तत्व की संयोजकता 2 हैं।
(v) वर्ग 16 के तत्व अधातु हैं इसलिए X अधातु है।

प्रश्न 24.
दो तत्व A तथा B आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त में क्रमशः समूह 2 और 13 में स्थित है। तालिका के रूप में, इन दोनों तत्वों की नीचे दी गई विशेषताओं की तुलना कीजिए। (CBSE 2016)
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(b) इनके परमाणुओं के आकार
(c) इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रवृत्ति
(d) इनके ऑक्साइडों के सूत्र
(e) इनके धात्विक लक्षण
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र
उत्तर-
(a) इनमें से A है Mg B = AI इलेक्ट्रॉनों की व्या A में 12 है। इलेक्ट्रॉनों की या B में 13 है।
(b) Mg के परमाणु का आकार AI के परमाणु से बड़ा होगा।
(c) Mg= 2, 8,2 यह दो इलेक्ट्रॉनों का त्याग करेगा।
(d) Al= 2, 8,3 यह 3 इलेक्ट्रॉनों का त्याग करता है।
Mg की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति अधिक होती है। इनके ऑक्साइड सूत्र हैं –
Mgo – मैग्नीशियम ऑक्साइड
Al2O3 – ऐल्युमीनियम ऑक्साइड
(e) Mg का धात्विक लक्षण AI से ज्यादा होता है, क्योंकि यह 2 इलेक्ट्रॉनों का त्याग आसानी से करता है। .
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र MgCl2, AlCl2.

प्रश्न 25.
दो तत्त्व ‘P’ और ‘Q’ आधुनिक आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के क्रमश: समूह-1 और समूह-2 के सदस्य हैं। इनके निम्नलिखित लक्षणों/गुणधर्मों की तालिका के रूप में तुलना कीजिए : [CBSE.2015]
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(b) इनके परमाणुओं का साइज़
(c) इनकी धात्विक प्रवृत्ति
(d) इनकी इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति
(e) इनके ऑक्साइडों के सूत्र ए
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र।
उत्तर-
(a)

समूह-1समूह-2
समूह-1 के तत्वों में सह संयोजी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है।समूह – 2 के तत्वों के सह संयोजी कोश में 2 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है।

(b) परमाणु का साइज-समूह एक के तत्वों के परमाणु गों का आकार समूह दो के तत्वों की तुलना में बड़ा होता है।
(c) धात्विक प्रकृति-दोनों समूह के तत्व धातु होते हैं। समूह एक के तत्वों का धात्विक गुण समूह 2 के तत्वों की तुलना में अधिक होता है। ..
(d) इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रकृति-समूह एक के तत्वों की इलैक्ट्रॉन त्यागने की प्रकृति समूह दो की तुलना में अधिक होती है।

(e) ऑक्साइडों के सूत्र-समूह-1- P2O
समूह-2-QO
(f) समूह-1 -PCl
समूह-2-QCl

प्रश्न 26.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी का सिद्धान्त लिखिए। इसकी एक उपलब्धि व दो कमियाँ लिखें।
उत्तर-
मेन्डेलीफ़ की आवर्त सारणी का सिद्धान्ततत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन होते हैं। उपलब्धि-मेन्डेलीफ के आवर्त नियम में उस समय तक न खोजे गये तत्वों, जैसे-गैलियम (Ga), स्कैण्डियम (Sc), और जर्मेनियम (Ge), के लिये आवर्त सारणी में रिक्त स्थान छोड़ दिये व उनके गुणों के बारे में भी बताया था, जो बाद में सही सिद्ध हुये।

कमियाँ-

  1. मेन्डेलीफ ने हाइड्रोजन की सही स्थिति के बारे में नहीं बताया।
  2. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में अक्रिय गैसों की स्थिति स्पष्ट नहीं थी।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 27.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है.
(i) धनविद्युती गुण
(ii) ऑक्साइडों की प्रकृति।
उत्तर-
(i) धनविद्युती गुण-द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर क्षार धातु (Li) से हैलोजेन फ्लु ओरीन (F) तक तत्वों का धनविद्युती लक्षण या विद्युत्-धनात्मक गुण क्रमशः घटता है। .
(ii) ऑक्साइडों की प्रकृति-द्वितीय आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों के ऑक्साइडों का क्षारीय गुण क्रमशः घटता है।
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प्रश्न 28.
पहले समूह के किन्हीं दो तत्वों के नाम और उनके इलेक्ट्रॉन-विन्यास लिखिए। इन इलेक्ट्रॉन-विन्यासों में आपको क्या समानता दिखाई देती है? इन तत्वों में से किसी एक तत्व के ऑक्साइड का सूत्र लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
वह दो तत्व जो पहले समूह में आते हैं, वह हैं, Li और Na
Li लीथियम 2,1 Na
सोडियम 2,8,1
इन दोनों के संयोजी कोश में सिर्फ एक ही इलेक्ट्रॉन है। सोडियम के ऑक्साइड का सूत्र है
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प्रश्न 29.
आधुनिक आवर्त सारणी में आठ तत्वों की स्थितियाँ नीचे दिए अनुसार हैं। यहाँ तत्वों की परमाणु संख्या कोष्ठक में दर्शायी गयी है। (CBSE 2016)
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(i) Ca का इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखें।
(ii) Rb में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या का अनुमान लगाइए।
(iii) Sr में कोशों की संख्या क्या है?
(iv) अनुमान लगाइए कि K धातु है अथवा अधातु।
(v) इन तत्वों में किसका आकार सबसे बड़ा है?
(vi) Be,Ca,Mg और Rb को इनके परमाणु के साइज के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-
(i) Ca का इलेक्ट्रॉन विन्यास है. K L M N 28.8 2
(ii) Rb में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
(iii) Sr में कोशों की संख्या = 5
(iv) K धातु है, क्योंकि यह अपने बाहरी कोश में से एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है।
(v) इन तत्वों में से Rb का आकार सबसे बड़ा है।
(vi) Be

प्रश्न 30.
कोई तत्व ‘X’ आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त 3 तथा समूह 13 में स्थित है।
(a) ‘X’ में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा इसकी संयोजकता निर्धारित कीजिए।
(b) ‘x’ की तत्व ‘Y’ (परमाणु संख्या = 8) से अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का अणुसूत्र लिखिए।
(c) ‘X’ की क्लोरीन (CI) से अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का नाम और सूत्र लिखिए। (Cbse 2016)
उत्तर-
(a) X= 13, 2, 8,3
संयोजकता इलेक्ट्रॉन तथा संयोजकता = 3
(b)Y=8, 2, 6 संयोजकता = 2.
X2Y3
(c) XCl3

प्रश्न 31.
कोई तत्व P (परमाणु संख्या 20) किसी अन्य तत्व Q (परमाणु संख्या 17) से अभिक्रिया करके कोई यौगिक बनाता है। नीचे दिए गए प्रश्नों का कारण सहित उत्तर दीजिए : आधुनिक आवर्त सारणी में P और की स्थितियाँ, तथा P और Q की अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का अणु सूत्र लिखिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
P परमाणु संख्या 20
P=2,8,8,2
P की स्थिति : समूह ऊर्ध्व स्तंभ-2
क्षैतिज पंक्ति -4
Q की स्थिति-परमाणु संख्या 17
Q=2,8,7
ऊर्ध्व स्तंभ-7
क्षैतिज पंक्ति-3
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प्रश्न 32.
आधुनिक आवर्त सारणी के ऊर्ध्व स्तम्भों और क्षैतिज पंक्तियों के नाम लिखिए। किसी ऊर्ध्व स्तम्भ में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक अभिलक्षण में क्या परिवर्तन होता है? किसी क्षैतिज पंक्ति में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या के साइज में क्या परिवर्तन होता है? उपर्युक्त दोनों प्रकरणों के उत्तरों के पक्ष में कारण दीजिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं, जिन्हें समूह कहा जाता है तथा 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं, जिन्हें आवर्त कहते हैं। किसी ऊर्ध्व स्तम्भ में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक अभिलक्षण में वृद्धि होती हैं क्योंकि तत्वों में कोशों की सख्या बढ़ती है जिससे नाभिक और संयोजी इलेक्ट्रॉन के बीच आकर्षण कम हो जाता है जिससे तत्व आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग कर देते हैं।

आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है क्योंकि आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर कोशों की संख्या समान रहती है। जिससे प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ता जाता है। नाभिकीय आवेश बढ़ने से तत्व का नाभिक इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर अधिक आकर्षण बल से खींचता है। अतः तत्वों का आकार घटता जाता है।

प्रश्न 33.
आधुनिक आवर्त सारणी के संदर्भ में तत्वों के गुणधर्म में आवर्तिता क्या है? समान समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान क्यों होते हैं? किसी आवर्त में बायीं ओर से दायीं ओर जाने पर तत्वों की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति में क्या परिवर्तन होता है? इस परिवर्तन का कारण लिखिए। (Cbse 2017)
उत्तर-
आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार, तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में क्षैतिज पंक्तियों में व्यवस्थित करने पर नियमित अन्तर में गुणों की पुनरावृत्ति होती है, इसे गुणों में आवर्तिता कहते हैं। समान समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं, क्योंकि इनके बाहरी कोश में समान इलेक्ट्रॉन होते हैं।
किसी आवर्त में बार्थी ओर से दायीं ओर जाने पर तत्वों के इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। क्योंकि आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर कार्य करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी के प्रमुख दोष लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के दोषमेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में अनेक दोष पाए गए। मुख्य दोष निम्न थे-
1. हाइड्रोजन का स्थान (Position of hydrogen)मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान अनिश्चित है। हाइड्रोजन प्रथम समूह के क्षारीय धातु तथा सप्तम समूह के हैलोजनों तत्वों से गुणों में समानता प्रदर्शित करता है। अतः यह निश्चित नहीं हो पाया कि हाइड्रोजन को प्रथम समूह में रखा जाए अथवा सप्तम समूह में।

2. समस्थानिकों का स्थान (Position of isotopes)आवर्त सारणी में समस्थानिकों को कोई स्थान नहीं दिया गया है। परमाणु क्रमांक के आधार पर वर्गीकरण करने पर यह दोष दूर हो गया।

3. दुर्लभ मृदा तत्वों का स्थान (Position of rare earth elements) आवर्त सारणी में समूह के एक आवर्त में एक ही तत्व को स्थान दिया गया है लेकिन तृतीय समूह के छठवें आवर्त में 14 दुर्लभ मृदा तत्वों (Ce-,,Lu) को एक साथ रखा गया है। इन तत्वों के गुण आपस में अत्यधिक समान होते हैं।

4. ऐक्टिनॉइड्स का स्थान (Position of actinides) दुर्लभ मृदा तत्वों के समान तृतीय समूह के सप्तम आवर्त में 14 ऐक्टिनॉइड्स ( Th-Lu) को एक साथ रखा गया है।

5. आठवें समूह के तत्वों का स्थान (Position of eighth group elements)-आठवें समूह में एक खाने में तीन तत्वों को एक साथ रखा गया है जबकि अन्य समूहों में एक खाने में एक ही तत्व को रखा गया है।
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6. कुछ समान गुणों वाले तत्वों को पृथक् समूहों में स्थान (Some elements similar in properties placed in different groups)-कुछ समान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह के बजाए अलग-अलग समूहों में रखा गया है। उदाहरणार्थ, कॉपर तथा मरकरी, सिल्वर तथा थैलियम, बेरियम तथा लैड।

7. कुछ असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में स्थान (Some elements dissimilar in propertiés placed in same group)-कुछ असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में स्थान दिया गया है। उदाहरणार्थ, सिक्का धातुओं (Coinage metals) तथा क्षारीय धातु, मैंगनीज तथा हैलोजन।

8. कुछ अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणु भार वाले तत्वों से पहले रखना (Some elements with more atomic weight placed before to lighter elements)-कुछ अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणुओं वाले तत्वों से पहले स्थान दिया गया है।

उदाहरणार्थ-

  • आर्गन (39.9) को पोटैशियम (39.1) से पहले।
  • कोबाल्ट (58.9) को निकल (58.7) से पहले।
  • टेलुरियम (127.6) को आयोडीन (126.9) से पहले।
  • थोरियम (232.1) को प्रोटेक्टीनियम (231) से पहले रखा गया है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 2.
मेन्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी के दोष बताइए। दीर्घाकार अथवा प्रवर्तित आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
मेन्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी के दोष-परमाणु भार के बजाए परमाणु क्रमांक को आधार मानकर बनाई गई आवर्त सारणी में अनेक दोष स्वयं दूर हो गए।

उदाहरणार्थ-

  • समस्थानिकों को स्थान
  • अधिक परमाणु भार वाले तत्व की कम परमाणु भार वाले तत्व से पहले स्थिति।

लेकिन निम्न दोष अभी भी शेष हैं-

  1. हाइड्रोजन की स्थिति-हाइड्रोजन की स्थिति अनिश्चित है क्योंकि यह IA क्षारीय धातुओं तथा VIIA (हैलोजनों) दोनों उप-समूहों के तत्वों से गुणों में समानता प्रदर्शित करती है।
  2. असमान तत्वों को एक ही समूह में तथा समान तत्वों को विभिन्न समूहों में रखना-उदाहरणार्थ, IA तथा IB के तत्वों को एक ही समूह में तथा Cu, Hg तथा Pt को अलग-अलग समूहों में रखा गया है।
  3. आठवें समूहके साथ तीन तत्वों को रखना-आठवें समूह में एक ही आवर्त में एक साथ तीन तत्वों को रखा गया है। उदाहरणार्थ, Fe Co Ni, Ru Rh Pd, Os Ir Pt
  4. दुर्लभ मृदा तत्वों तथा ऐक्टिनॉइड्स की स्थिति-दुर्लभ मृदा तत्वों तथा ऐक्टिनॉइड्स को सारणी से पृथक् नीचे स्थान, दिया गया है।
  5. धातु तथा अधातुओं की स्थिति-एक ही समूह में धातु तथा अधातु दोनों को एक साथ रखा गया है।

दीर्घाकार अथवा प्रवर्धित आवर्त सारणी (Oblong Form or Extended Formof Periodic Table)-यह आवर्त सारणी बोर (Bohr) सारणी भी कहलाती है, क्योंकि यह बोर के द्वारा दिए गए परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के विन्यास पर आधारित है। रॉग (Raug), वर्नर (Werner), तथा बरी (Bury) ने इलेक्ट्रॉनों के विन्यास के आधार पर इस सारणी को प्रस्तुत किया जिसे दीर्घाकार अथवा प्रवर्धित आवर्त सारणी कहते हैं।

इस आवर्त सारणी में प्रथम दो आवतों को विभाजित कर दिया गया है तथा उप-समूहों को अलग करके 18 ऊवधिर (Vertical) खानों में विभाजित किया गया है जिन्हें समूह (Groups) कहते हैं। IA तथा IIA समूह के तत्वों को बाई तरफ रखा गया है। यह तत्व अत्यधिक धनात्मक प्रकृति के होते हैं। सारणी के दाई ओर IIHA, IVA, VA, VIA, VIIA तथा शून्य समूह के तत्वों को रखा गया है। VIIA समूह के हैलोजन तत्व अत्यधिक ऋणात्मक प्रकृति के होते हैं। आवर्त सारणी के मध्य भाग में संक्रमण तत्वों (IIIB से VIIB, VII, IB, IIB) को रखा गया है। लैन्थेनॉइड्स तथा ऐक्टिनॉइड्स को सारणी से नीचे अलग स्थान दिया गया है।

दीर्घाकार आवर्त सारणी की विशेषताएँ-

  1. यह सारणी सरल है तथा याद रखने में आसान है।
  2. इस आवर्त सारणी में तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा स्थिति में एक समन्वय है।
  3. इसमें उप-समूहों को अलग कर देने से भिन्न-भिन्न गुणों वाले तत्व एक ही समूह में नहीं हैं।
  4. इसमें धातु तथा अधातु सारणी में पृथक् हो गए हैं। धातु (धनात्मक) बाईं तरफ, अधातु (ऋणात्मक) दाईं तरफ तथा संक्रमण तत्व सारणी के मध्य भाग में स्थित हैं।
  5. परमाणु क्रमांक के बढ़ने पर तत्वों के गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है।

प्रश्न 3.
मेन्डेलीफ के आवर्त नियम का उल्लेख कीजिए। (Rbse 2017)
उत्तर-
रूसी रसायनशास्त्री डिमित्री एनवानोवीच मेन्डेलीफ (Dimitri Invanovich Mendeleev) – ने सन् 1869 में माना कि “तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।” इसके अनुसार यदि विभिन्न तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते हुये क्रमानुसार रखा जाए तो निश्चित अन्तर के बाद समान गुणों वाले तत्व प्रकट होते हैं।

मेन्डेलीफ ने 63 कार्ड लेकर उस समय उपलब्ध 63 तत्वों के नाम एवं गुण लिखकर समान गुणों वाले तत्वों के काड़ों को पृथक् करके उनको दीवार पर एक पिन से लगा दिया। तत्वों के परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित करने पर प्रत्येक वर्ग के सभी तत्व अनेक गुणों में समान थे। प्रत्येक सातवें तत्व के बाद आने वाले तत्व के गुण पहले वाले तत्व के समान पाए गए। इस आधार पर तत्वों की व्यवस्था धात्वीय गुण, घनत्व अथवा किसी अन्य गुण पर आधारित व्यवस्था से अच्छी पाई गई। इस प्रकार उन्होंने नियम दिया कि “तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं।”
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 12

प्रश्न 4.
(a) मेन्डेलीफ के आवर्त नियम को चुनौती देने वाले किन्हीं तीन प्रेक्षणों की सूची बनाइए।
(b) आधुनिक आवर्त सारणी में,
(i) किसी आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर,
(ii) किसी समूह (ग्रुप) में ऊपर से नीचे जाने पर, तत्वों के धात्विक लक्षणों में किसी प्रकार विचरण होता है?
अथवा
चार तत्वों A, BC और D के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का तीन कोशों में वितरण इस प्रकार है कि इन तत्वों के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमशः 1, 3, 5 और 7 है। आधुनिक आवर्त सारणी में इन तत्वों की समूह (गुप) संख्या लिखिए। B और D परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा B और D के संयोग से बने योगिक का आण्विक सूत्र लिखिए। (Cbse 2019)
उत्तर-
(a) मैण्डलीव के नियम को चुनौती देने वाले तीन बिन्दु निम्नवत् हैं-

  • आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान विवादास्पद है, इसे एल्कली समूह के साथ एवं हेलोजन समूह के साथ रखा गया है।
  • समस्थानिकों को स्थान देना सम्भव नहीं है। .
  • कहीं-कहीं तत्वों के परमाणु भार का क्रम टूट गया है। अधिक परमाणु भार वाले तत्वों को कम परमाणु भार वाले तत्वों से पहले रखा गया है। जैसे-सिलिकॉन (28Si) से पहले एल्युमिनियम (29Al) CO के बाद Ni को।
  • अंतिम समूह चौथे, पाँचवें एवं छठवें आवर्त में एक साथ तीन-तीन तत्वों को रखा गया है-Fe, Co, Ni.

(b) आधुनिक आवर्त सारणी में धात्विक लक्षणों में परिवर्तन

  • बायें से दायें जाने पर तत्वों के धात्विक गुण में कमी होती है क्योंकि तत्वों द्वारा इलेक्ट्रॉन को छोड़ने की प्रवृत्ति कम होती है। तत्वों के परमाणु के नाभिक में नाभिकीय बल बढ़ता है।
  • ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक गुण बढ़ते हैं क्योंकि नाभिकीय बल घटता है तथा इलेक्ट्रॉन के छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 13
∴ B, D.के संयोग से बने यौगिक का अणुसूत्र BD3 है।

प्रश्न 5.
(a) आधुनिक आवर्त सारणी का विकास डॉबेराइनर, न्यूलैण्ड तथा मेण्डलीफ के प्रारम्भिक प्रयासों के कारण हो पाया है। इन तीनों प्रयासों की एक-एक उपलब्धि और एक-एक सीमा की सूची बनाइए।
(b) उस वैज्ञानिक का नाम लिखिए जिसने सर्वप्रथम यहदर्शाया कि किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
(c) आधुनिक आवर्त नियम लिखिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
(a)
(1) डॉबेराइनर की उपलब्धि और सीमाइन्होंने तीन-तीन तत्वों के समूह बनाए। इन समूहों को डॉबेराइनर का त्रिक/त्रय कहा गया। डॉबेराइनर ने बताया कि इन तत्वों को इनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो परमाणुओं के द्रव्यमान का लगभग औसत होता है।
Li 6.9
Na 23
K 39
सीमा-डॉबेराइनर का सिद्धान्त प्रत्येक त्रिक पर लागू नहीं हो सका।
उदाहरण : यह सिद्धान्त N, P As पर लागू नहीं हो पाया।
वह उस समय उपस्थित तत्वों के तीन ही त्रय को पहचान पाया था।

(2) न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धान्त-न्यूलैंड्स ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया तथा यह बताया कि प्रत्येक आठवाँ तत्व पहले तत्व से गुणों में समानता दिखाता है।

सीमाएँ-
(i) यह सिद्धान्त केवल कैल्शियम तत्व तक ही लागू हो सका।
(ii) न्यूलैंड्स का अष्टक नियम केवल हल्के तत्वों के लिए ही लागू हो सका। यह नियम भारी परमाणु के भारी तत्वों का स्थान निर्धारित करने में असफल रहा।

(3) मेण्डलीफ की उपलब्धियाँ-

  • मेण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में भविष्य में ज्ञात होने वाले तत्वों के लिए अनुमानित रिक्त स्थान दिए हैं।
  • मेण्डलीफ की आवर्त सारणी के ज्ञान से ही नए तत्वों को खोजने में काफी सहायता मिली।

सीमाएँ-

  • मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को नियत स्थान नहीं दिया जा सका।
  • समस्थानिक मैण्डलीफ के आवर्त नियम के लिए एक चुनौती थी।

(b) हेनरी मोज्ले ने सर्वप्रथम दर्शाया कि किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्महै।
(c) आधुनिक आवर्त सारणी-इस नियम के अनुसार तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के अनुसार व्यवस्थित किया गया है।

आधुनिक आवर्त नियम-

  • तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुण उनके परमाणु संख्या के आवर्ती फलन होते हैं।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया गया है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह तथा 7 आवर्त हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धान्त कैसे तत्वों के लिए ठीक से लागू हो पाया
(a) भारी
(b) कठोर
(c) हल्के
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) हल्के।

2. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को क्या कहा गया –
(a) ग्रुप
(b) आवर्त
(c) रेखीय
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) आवर्त।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

3. समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार कैसे प्रभावित होता है –
(a) घटता है
(b) बढ़ता है
(c) समान रहता है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) बढ़ता है।

4. मेन्डेलीफ के वर्गीकरण का आधार है
(a) परमाणु संख्या
(b) परमाणु द्रव्यमान
(c) भौतिक अवस्था
(d) धातु एवं अधातु।
उत्तर-
(b) परमाणु द्रव्यमान।

5. आधुनिक आवर्त सारणी में समूहों की संख्या है –
(a) 8
(b) 18
(c) 7
(d) 17.
उत्तर-
(b) 18.

6. AI(परमाणुसंख्या 13) को किस समूह में रखा गया है –
(a) तीसरे
(b) 13वें
(c) दूसरे
(d) आठवें।
उत्तर-
(b) 13वें।

7. A, B और C डॉबेराइनर के त्रिक तत्व हैं। यदि A का परमाणु द्रव्यमान 7 तथा C का 39 है तो B का परमाणु द्रव्यमान होगा –
(a) 32
(b) 11
(c) 23
(d) 46.
उत्तर-
(c) 23.

8. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में किस तत्व को सही स्थान नहीं मिला?
(a) सोडियम
(b) पौटेशियम
(c) नीऑन
(d) हाइड्रोजन।
उत्तर-
(d) हाइड्रोजन।

9. L-कोश द्वितीय आवर्त में कितने तत्व हैं?
(a) 4
(b) 8
(c) 12
(d) 16.
उत्तर-
(b) 8.

10. F, CI, Br, I तथा A कौन-से समूह के तत्व हैं? .
(a) 2
(b) 7
(c) 12
(d) 17.
उत्तर-
(d) 17.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

11. निम्न में से किसमें अधिकतम अधात्विक गुण हैं ?
(a) Cl
(b) F
(c) Br
(d) I.
उत्तर-
(b) E

12. एक तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,8,1 है। इसके लिए कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इसकी संयोजकता – 1 है
(b) इसकी संयोजकता + 1 है
(c) यह I A समूह में उपस्थित है
(d) यह चौथे (IV) आवर्त में आता है।
उत्तर-
(c) यह IA समूह में उपस्थित है।

13. किसी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या हो सकती है –
(a) n2
(b) 2n2
(c) 5n2
(d) 4n2.
उत्तर-
(b) 2n2

14.
तत्वों का प्रथम आवर्ती वर्गीकरण किसने प्रस्तुत किया. था?
(a) डॉबेराइनर
(b) जे. ए. आर. न्यूलैंड्स
(c) मेन्डेलीफ
(d) लोथर मेयर।
उत्तर-
(c) मेन्डेलीफ।

15. आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के किस लक्षण पर आधारित है?
(a) संयोजकता
(b) परमाणु द्रव्यमान
(c) परमाणु आकार
(d) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।
उत्तर-
(d) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।

16. आवर्त सारणी का दीर्घाकार रूप आधारित है
(a) परमाणु भार परं
(b) परमाणु द्रव्यमान पर
(c) परमाणु क्रमांक पर
(d) परमाणु त्रिज्या पर।
उत्तर-
(c) परमाणु क्रमांक पर।

17. आधुनिक आवर्त सारणी को किसने विकसित किया था –
(a) लोथर मेयर
(b) नील बोर
(c) मेन्डेलीफ
(d) मोजले।
उत्तर-
(d) मोजले।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

18. मेन्डेलीफ का आवर्त नियम आधारित है
(a) संयोजकता पर
(b) परमाणु भार पर
(c) परमाणु क्रमांक पर
(d) परमाणु आयतन पर।
उत्तर-
(b) परमाणु भार पर।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी को ……………………. तथा ……………………. में बाँटा गया है।
उत्तर-
आवर्तों, वर्गों,

2. तीसरे आवर्त में Na; Mg व AI ……………………. है तथा P, S, Clव Ar ……………………. ।
उत्तर-
धातुएँ, अधातुएँ,

3. सारणी में तिरछी रेखा के दाईं ओर ……………………. स्थित हैं।
उत्तर-
अधातुएँ,

4. धातुओं के ऑक्साइड ……………………. तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः ……………………. होते हैं।
उत्तर-
क्षारकीय, अम्लीय,

5. आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं जिन्हें ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
समूह।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न को सुमेलित कीजिए –

कॉलम Aकॉलम Bकॉलम C
1. यूरेनियमसमूह 17सिक्का धातु
2. चाँदीऑक्सीजन समूहगैस
3. एल्युमीनियमसंक्रमण तत्वपीला ठोस
4. फ्लु ओरीनबोरॉन समूहरेडियोएक्टिव
5. सल्फरएक्टिनॉइडउभयधर्मी

उत्तर-
1. यूरेनियम – एक्टिनाइड – रेडियोएक्टिव
2. चाँदी – संक्रमण तत्व – सिक्का धातु
3. ऐल्युमीनियम – बोरॉन समूह – उभयधर्मी
4. फ्लु ओरीन – समूह 17 – गैस
5. सल्फर – ऑक्सीजन समूह – पीला ठोस।

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
सहसंयोजक यौगिक विद्युत् के दुर्बल चालक क्यों होते हैं ?
उत्तर-
इन यौगिकों में आयन अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते जो विद्युत् चालन के लिए आवश्यक हैं अतः सहसंयोजक यौगिक विद्युत के दुर्बल चालक होते हैं।

प्रश्न 2.
यौगिकों में कितने प्रकार के सहसंयोजी आबन्ध उपस्थित रहते हैं ?
उत्तर-
यौगिकों में सहसंयोजी आबन्ध तीन प्रकार के होते हैं-

  • एकल सहसंयोजी आबन्ध,
  • द्वि-सहसंयोजी आबन्ध,
  • त्रि-सहसंयोजी आबन्ध।

प्रश्न 3.
शृंखलन क्या है ? .
उत्तर-
कार्बन तत्व का वह गुण जिसके कारण इसके परमाणु एक-दूसरे से जुड़कर एक दीर्घ श्रृंखला बना सकते हैं, श्रृंखलन कहलाता है।

प्रश्न 4.
किसी चक्रीय असंतृप्त कार्बन यौगिक का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
बेन्जीन (C6H6)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 1

प्रश्न 5.
एथीन का आण्विक सूत्र लिखिए और उसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 6.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य मेथेन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 3

प्रश्न 7.
कार्बन डाइऑक्साइड के लिए एक परीक्षण दीजिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 8.
सहसंयोजी आबन्ध किस प्रकार बनते हैं? (CBSE 2020)
उत्तर-
दो परमाणुओं के बीच सबसे बाहरी कक्ष के इलेक्ट्रॉन साझा करने से सहसंयोजी आबन्ध बनते हैं।

प्रश्न 9.
जन्तुओं तथा वनस्पतियों की वसाओं तथा तेलों में उपस्थित एस्टरों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
ग्लिसरॉइड्स।

प्रश्न 10.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथीन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 4

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 5

प्रश्न 11.
उस समजातीय श्रेणी के द्वितीय और तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य एथाइन है। (CBSE 2017)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 6

प्रश्न 12.
उस समजातीय श्रेणी के पहले दो सदस्यों के अणुसूत्र लिखिए जिसका प्रकार्यात्मक समूह-CI है। (CBSE 2017)
उत्तर-
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प्रश्न 13.
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या लिखिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
07

प्रश्न 14.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन को जलाने पर उत्पन्न ज्वाला की प्रकृति क्या होती है ?
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन एक स्वच्छ नीली ज्वाला के साथ जलता है।

प्रश्न 15.
हीरे व ग्रेफाइट की संरचना कैसी होती है ?
उत्तर-
हीरा – प्रबल त्रिआयामी संरचना,
ग्रेफाइट – षट्कोणीय संरचना।

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प्रश्न 16.
एथेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C2H6
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प्रश्न 17.
प्रोपेन का संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर-
सूत्र : C3H8
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प्रश्न 18.
ब्यूटेन का सूत्र लिखिए व संरचनाएँ बनाइए।
उत्तर-
सूत्र: C4H10
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प्रश्न 19.
साइक्लोहेक्सेन का आण्विक और संरचना सूत्र लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
सूत्र : C6H12
संरचनाम
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प्रश्न 20.
प्रोपेनोन में उपस्थित प्रकार्यात्मक समूह का नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्रोपेनोन में एल्कोहॉल समूह उपस्थित है।

प्रश्न 21.
ऐल्कोहॉल को वायु में जलाने पर क्या होता
उत्तर-
ऐल्कोहॉल वायु में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प, ऊष्मा तथा प्रकाश देता है।

प्रश्न 22.
उस एल्कोहॉल का नाम और संरचना लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
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प्रश्न 23.
उस एल्कोहॉल का नाम और अणुसूत्र लिखिए जिसके एक अणु में 4 कार्बन परमाणु होते हैं। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 13

प्रश्न 24.
कार्बोक्सिलिक अम्ल की प्रकृति दुर्बल है अथवा प्रबल ?
उत्तर-
दुर्बल अम्ल।

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प्रश्न 25.
एथेनॉल की ऑक्सीजन से अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
C2H5OH+O2 →CH3COOH+H2O.

प्रश्न 26.
ऑक्सीकरण कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन पदार्थों में ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है, उन्हें ऑक्सीकरण कारक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट अम्ल क्या हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीकरण कारक।

प्रश्न 28.
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम तथा संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
फॉर्मिक एसिड का IUPAC नाम मेथेनॉइक अम्ल है। इसका संरचनात्मक सूत्र :HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 14 है।

प्रश्न 29.
संकलन अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संकलन अभिक्रिया ऐसी अभिक्रिया है जिसमें एक असन्तुष्ट हाइड्रोकार्बन किसी अन्य पदार्थ से मिलकर केवल एक यौगिक उत्पन्न करता है।

प्रश्न 30.
संकलन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 31.
किण्वन क्या है?
उत्तर-
किण्वन वह क्रिया है जिसमें शक्कर तथा स्टार्च के अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं और साथ में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।

प्रश्न 32.
प्रतिहिम किसे कहते हैं ? इसका उपयोग कहाँ होता है ?
उत्तर-
ऐल्कोहॉल तथा जल के मिश्रण को प्रतिहिम कहते हैं। इसका उपयोग ठण्डे देशों में वाहनों के रेडिएटरों में होता है।

प्रश्न 33. साबुन कैसे बनता है ?
उत्तर-
साबुन, तेल अथवा वसा से बनता है जो वसा अम्ल या ग्लिसरॉल के एस्टर होते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 34.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ? .
उत्तर-
वसा को विघटित करने की क्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 35.
ग्लिसरॉल का उपयोग कहाँ किया जाता
उत्तर-
ग्लिसरॉल का उपयोग औषधियों, विस्फोटक पदार्थ, रंग रोगन आदि में किया जाता है।

प्रश्न 36.
अपमार्जक किससे बनते हैं ?
उत्तर-
अपमार्जक पेट्रोलियम से प्राप्त हाइड्रोकार्बनों से बनते हैं।

प्रश्न 37.
साबुन पानी में घुलकर क्या बनाता है ?
उत्तर-
साबुन पानी में घुलकर मिसेल बनाता है।

प्रश्न 38.
किण्वन क्रिया किस तापमान पर होती है ?
उत्तर-
किण्वन क्रिया 20-30°C पर होती है।

प्रश्न 39.
ऐल्डिहाइड वर्ग का सामान्य सूत्र क्या है ?
उत्तर-
CnH2n+1 CHO.

प्रश्न 40.
प्रतिस्थायी अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरीन का हाइड्रोजन के परमाणुओं से विस्थापन को प्रतिस्थायी अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 41.
भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-
असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का।

प्रश्न 42.
जल किस कारण कठोर बनता है ?
उत्तर-
कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवणों के कार्बो नेट, सल्फेट तथा क्लोराइड के कारण।

प्रश्न 43.
कार्बोनायल यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड और कीटोन वर्ग को कार्बोनायल यौगिक कहते हैं, क्योंकि इनमें कार्बोनायल वर्ग (-CO या -C=0) विद्यमान होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए और इसके अणु में कार्बन और ऑक्सीजन के बीच आबन्ध की प्रकृति लिखिए। अथवा
प्रत्येक के लिए कारण देते हुए कार्बन के इन दो गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके कारण हमारे चारों ओर विशाल संख्या में कार्बन के यौगिक दिखाई देते हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
CO2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 16
कार्बन तथा ऑक्सीजन के मध्य द्विआबंध (संयोजी) होते हैं।
अथवा

  • कैटीनेशन-यह वह गुण है जिससे कार्बन अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ बन्ध बनाते हैं।
  • चर्तुसंयोजक-कार्बन की चार संयोजकता होने के कारण यह अन्य परमाणुओं के साथ बन्ध बनाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 2.
किम यौगिकों को (i) ऐल्केन, (ii) ऐल्कीन और (iii) ऐल्काइन कहते हैं? C4H10 इनमें से किससे संबंधित है? इस यौगिक के दो संरचनात्मक समस्थानिक खींचिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(i) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n+2 होता है, उन्हें एल्केन कहते हैं।
(ii) जिनका यौगिक सूत्र CnH2n होता है, उन्हें एल्कीन कहते हैं।
(iii) जिन यौगिकों का यौगिक सूत्र CnH2n-2 होता है, उन्हें ऐल्काइन कहते
C4H10 एल्केन है, जिसे ब्यूटेन कहते हैं।
C4H10 के संरचनात्मक सपस्थानिक हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 17

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से ऐल्कीन एवं एल्काइन की पहचान कीजिए :
(i) C2H6
(ii) C3H4
(iii) C3H6
(iv) C3H8
उत्तर-
(iii) ऐल्कीन है और (ii) एल्काइन है।

प्रश्न 4.
(a) कार्बन के दो विशिष्ट लक्षण लिखिए जिनके कारण वह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है। कार्बनिक यौगिकों में आबन्ध की प्रकृति लिखिए।
(b) एथेन के दो उत्तरोत्तर सदस्यों के सूत्र लिखिए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(a)
(i) चतुःसंकलन.
(ii) श्रृंखलन . .
सहःसंयोजक बन्ध

(b) C3H8 और C4H10 प्रोपेन और ब्यूटेन

प्रश्न 5.
एथाइन की इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना का चित्रण कीजिए। एथाइन और ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। आपके विचार से इस कार्य के लिए एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जा सकता है? [CBSE 2015]
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 18
एथाइन और आक्सीजन का मिश्रण दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग अवांछनीय पदार्थ बनने के कारण किया जाता है।

प्रश्न 6.
(i) क्या होता है जब मेथेन ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है?
(ii) क्या होता है जब मेथेन की क्रिया नाइट्रिक अम्ल से करते हैं?
उत्तर-
(i) मेथेन ओजोन के द्वारा ऑक्सीकृत होकर फॉर्मेल्डिहाइड बनाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 19
(ii) मेथेन नाइट्रिक अम्ल से क्रिया कर नाइट्रोमिथेन बनाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 20

प्रश्न 7.
संतृप्त व असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में अन्तर लिखें।
उत्तर-

संतृप्त हाइड्रोकार्बनअसंतृप्त हाइड्रोकार्बन
1. ये कम क्रियाशील होते हैं।1. ये अधिक क्रियाशील होते हैं।
2. ये ब्रोमीन जल का रंग नहीं उड़ाते है।2. ये ब्रोमीन जल का भूरा रंग उड़ा देते हैं।
3. ये ओजोन के साथ ओजोनाइट नहीं बनाते हैं।3. ये ओजोन के साथ क्रिया करके ओजोनाइट बनाते हैं।
4. ये प्रतिस्थापित क्रियायें प्रदर्शित करते हैं।4. ये मुख्यतः योगात्मक अभिक्रिया प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 8.
किसी परखनली में 3mL एथेनॉल लेकर उसे जल-ऊष्मक में धीरे-धीरे गर्म किया गया। इस विलयन में 5% क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट विलयन को पहले बूंद-बूंद करके और फिर आधिक्य में मिलाया गया।
(i) KMnO4 का 5% विलयन किस प्रकार बनाया जाता है?
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट की भूमिका का उल्लेख कीजिए। इसे आधिक्य में मिलाने पर क्या होता है?
(iii) इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) 5 ग्राम (KMnO4) को 95 mL गर्म पानी में घोल कर मिलाने से, 5% (KMnO4) का विलयन प्राप्त होगा।
(ii) इस अभिक्रिया में क्षारीय पौटेशियम परमैंगनेट (KMnO4) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। अधिक मात्रा में KMnO4 डालने पर विलयन का रंग बैंगनी हो जायेगा। इसका कारण यह है कि KMnO4 की अधिक मात्रा क्रिया में भाग नहीं लेती क्योंकि क्रिया के लिए एथेनॉल शेष नहीं बचती।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 21

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 9.
(a)
(i) एथेनॉल,
(ii) एथेनॉइक अम्ल की संरचनाएँ खींचिए।
(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन की उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया क्यों माना जाता है? इस अभिक्रिया में उपयोग होने वाले ऑक्सीकरण का नाम लिखिए।
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल (C2H5OH) की संरचना
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 22
(ii) एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) की संरचना
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 23

(b) एथेनॉल के एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रिया माना जाता है क्योंकि इस परिवर्तन में एथेनॉल के अणु में एक ऑक्सीजन के परमाणु का योग होता है तथा 2 हाइड्रोजन के परमाणुओं की हानि होती है। क्षारीय KMnO4 का विलयन इस अभिक्रिया में ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 10.
उन दो रासायनिक गुणधर्मों की सूची बनाइए जिनके आधार पर एथेनॉल और एथेनॉइक अम्ल के बीच विभेदन किया जा सकता है और व्याख्या कीजिए यह विभेदन किस प्रकार किया जा सकता है?
अथवा
असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में दो कार्बन परमाणुओं के बीच बहुआबंध होते हैं तथा यहयौगिक संकलन अभिक्रिया दर्शाते हैं। संतृप्त और असंतृप्त कार्बन यौगिकों में से कौन से यौगिक अधिक अभिक्रियाशील होते हैं? एथेन और में एथीन के बीच विभेदन करने के लिए एक परीक्षण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
रासायनिक गुणधर्मों के अनुसार एथेनॉल एवं एथेनाइँक अम्ल निम्न प्रकार से हैं-
(i) सोडियम के साथ एथेनॉल रासायनिक क्रिया करके सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है जबकि एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ सोडियम एसीटेट एवं जल बनाता है।
2Na + 2C2H5 OH → 2C2H5ONa + H2
NaOH + CH3COOH → CH3COONa +H2O

(ii) सोडियम कार्बोनेट के साथ एथेनॉइक अम्ल क्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, पानी एवं CO2, बनाता है जबकि एथेनॉल यह अभिक्रिया नहीं देता।
CH3COOH + Na2CO3 →CHCOONa + H2O + CO2,
अथवा
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक अभिक्रियाशील होते हैं क्योंकि कार्बन युगल में बहु आबन्ध होते हैं। जैसे-एथेन ब्रोमीन जल के साथ क्रिया नहीं करता जबकि एथीन के साथ करता है। एथेन स्वच्छ एवं नीली ज्वाला के साथ जलता है जबकि एथीन पीली ज्वाला के साथ काला धुआँ उत्पन्न करता है।

प्रश्न 11.
कोई यौगिक ‘X’ आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 443 K पर गर्म करने पर कोई असंतृप्त यौगिक ‘Y’ बनाता है। यौगिक ‘X’ सोडियम धातु से भी अभिक्रिया करता है जिसमें कोई रंगहीन गैस ‘Z’ निकलती है। ‘X’ ‘Y’ तथा ‘Z’ को पहचानिए। ‘Y’ उत्पन्न होने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए तथा न इसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका का उल्लेख भी कीजिए। (CBSE 2018)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 24
सोडियम ऐथोक्साइड Z = H2, (हाइड्रोजन गैस) इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में काम करता है, जो एथेनॉल से जल को अलग करता हैं।

प्रश्न 12.
(a) कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक क्यों होते हैं?
(b) किसी ऐसे संतृप्त यौगिक का नाम और उसकी संरचना दीजिए जिसमें कार्बन परमाणु वलय के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस यौगिक में उपस्थित एकल आबन्धों की संख्या लिखिए।
उत्तर-
(a) कार्बन इलेक्ट्रॉन की साझेदारी करके सहसंयोजी आबंध बनाता है। चूंकि इलेक्ट्रॉन बंधित अवस्था में होते हैं, इसलिए कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं।
(b) वह श्रृंखला जिसमें कार्बन-कार्बन के मध्य एकल बंध उपस्थित होता है, उसे हम संतृप्त यौगिक कहते हैं। उदाहरण-साइक्लोहेक्सेन (C6H12)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 25
इस यौगिक में एकल आबंधों की संख्या = 18

प्रश्न 13.
क्या होता है जब (प्रत्येक प्रकरण में रासायनिक समीकरण भी लिखिए।)-
(a) एथेनॉल वायु में जलता है?
(b) एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के आधिक्य में 443k पर गर्म किया जाता है?
(c) एथेनॉल में सोडियम का टुकड़ा डाला जाता है? (CBSE 2017)
उत्तर-
(a) C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+3H2O+ ऊर्जा
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 26

प्रश्न 14.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए (CBSE 2017)
(i) CH3COOC2H5+NaOH →
(ii) CH3COOH+NaOH →
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 31
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 27

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

प्रश्न 15.
नीचे दिये गये रासायनिक समीकरणों को पूरा कीजिए
(i) C2H5OH+O2
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 32
(iii) CH3COOH + NaHCO3 → (CBSE 2017)
उत्तर –
(i) C2H5 OH+3O2 → 2CO2 +3H2O+ ऊर्जा
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 28
(iii) CH3COOH+NaHCO3 → CH3COONa +H2O+CO2

प्रश्न 16.
दो कार्बन यौगिकों के अणुसूत्र C4H8 और C3H8 है। इनमें से किस यौगिक की संकलन अभिक्रिया दर्शाने की अधिक संभावना हो सकती है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। इस प्रकरण में संकलन अभिक्रिया की प्रक्रिया की व्याख्या के लिए रास क समीकरण भी दीजिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
C4H8, यह एक असंतृप्त पौगिक है और CHA एक संतृप्त यौगिक है। असंतृप्त यौगिक हमेशा संकलन अभिक्रिया देते हैं, क्योंकि इनमें द्विआबन्ध होता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 29

प्रशन 17.
एथेनॉइक अम्ल की निम्नलिखित के साथ अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण दीजिए
(a) सोडियम
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(c) एथेनॉल
प्रत्येक अभिक्रिया में बने प्रमुख उत्पाद का नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 30

प्रश्न 18.
किसी एल्डिहाइड और किसी कीटोन दोनों को समान अणु सूत्र, जैसे C3H6O द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इनकी संरचनाएँ और नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच के संबंध का उल्लेख कीजिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
क्योंकि दोनों अवयवों का समान अणुसूत्र है इसलिए हम इनको संरचनात्मक समावयव कहेंगे। इस एल्डिहाइड का नाम = प्रोपेनल
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 33

प्रश्न 19.
किसी परखनली, जिसमें अणुसूत्र C2H6O का कोई कार्बन यौगिक ‘X’ भरा है, में सोडियम धातु का टुकड़ा गिराए जाने पर तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस, ‘Y’ बाहर निकलती है। परखनली के मुख पर जलती तीली लाने पर यह गैस पॉप ध्वनि से जलती है। ‘x’ और ‘Y’ को पहचानिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। जब आप ‘x’ को आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं, तो जो उत्पाद बनता है, उसका नाम और संरचना लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
X= एथेनॉल, C2H5OH
Y=H2 गैस
2C2H5OH + 2Na→2C2H5ONa + H2
एथेनॉल को सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर एथीन बनता है।
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प्रश्न 20.
एथेनॉइक अम्ल के सोडियम एथेनॉएट में परिवर्तन को दर्शाने के लिए तीन विभिन्न अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए तथा प्रत्येक प्रकरण में इन समीकरणों को संतुलित भी कीजिए। एथेनॉइक अम्ल तथा सोडियम एथेनॉएट के अतिरिक्त अन्य सभी अभिकर्मकों और उत्पादों के नाम भी लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
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प्रश्न 21.
CNG का पूरा नाम लिखिये एवं इसके प्रमुख . घटक की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
उत्तर-
CNG-Compressed Natural Gas – CNG का मुख्य घटक मेथेन CH4, है। इसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना निम्न है
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प्रश्न 22.
ऐस्टरीकरण किसे कहते हैं? इसके निर्माण की विधि व सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रिया लिखिये।
उत्तर-
ऐस्टरीकरण अभिक्रिया (Estrification Reaction)-ऐथेनॉइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके ऐस्टर बनाते हैं। यह अभिक्रिया ऐस्टरीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
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प्रश्न 23.
एथेनॉइक अम्ल के कोई दो गुणधर्म बताइये तथा इसकी निम्न के साथ अभिक्रिया समझाइये।
(a) एस्टरीकरण
(b) क्षार के साथ अभिक्रिया
(c) सोडियम कार्बोनेट से क्रिया।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म-
1. एथेनॉइक अम्ल को ऐसीटिक अम्ल कहा जाता है तथा यह कार्बोक्सिलिक अम्ल के समूह से सम्बन्ध रखता है।
2. शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290K होता है।
(a) एस्टरीकरण अभिक्रिया-एथेनॉइक अम्ल किसी · अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथेनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर बनाते हैं।
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(b) क्षारक के साथ अभिक्रिया-खनिज अम्ल की भाँति एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रॉक्साड (NaOH) से अभिक्रिया करके सोडियम एथेनोएट बनाता है।
NaOH+CH3COOH→ CH3COONa+H2O
(c) सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके सोडियम ऐसीटेट, जल एवं कार्बन डाईऑक्साइड का निर्माण करता है।
2CH3COOH+Na2CO3 → 2CH3COONa +H2O + CO2

प्रश्न 24.
साबुनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके पुनः ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहा जाता है क्योंकि इससे साबुन तैयार किया जाता है।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इस श्रेणी का सूत्र बताइये तथा इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना लिखें। (RBSE 2017)
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन-हाइड्रोजन व कार्बन से बने वे यौगिक जिनमें एकल बन्ध पाया जाता है, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इस श्रेणी का सूत्र CnH2n+2 होता है। इस श्रेणी के प्रथम छः सदस्यों की संरचना निम्नवत् है –
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प्रश्न 2.
कार्बन के अपररूपों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
कार्बन के अनेक अपररूप हैं। कार्बन के परमाणुओं के परस्पर आबन्धन के तरीकों के आधार पर ही इनमें अन्तर होता है।
1. हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबन्धित होता है जिससे एक दृढ़ त्रिआयामी संरचना बनती है।
2. ग्रेफाइट में कार्बन के प्रत्येक परमाणु का आबन्धन कार्बन के तीन अन्य परमाणुओं के साथ एक ही तल पर होता है जिससे षट्कोणीय व्यूह मिलता है। इनमें से एक आबन्ध द्विबन्धी होता है जिसके कारण कार्बन की संयोजकता पूर्ण होती है। ग्रेफाइट की रचना में षट्कोणीय तल एक-दूसरे के ऊपर व्यवस्थित होते हैं।
3. शुद्ध कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब एवं ताप पर उपचारित करके हीरे को संश्लेषित किया जाता है। ये संश्लिष्ट हीरे आकार में छोटे होते हैं।
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4. फुलेरीन कार्बन अपररूप का अन्य वर्ग है। सबसे पहले C-60 की पहचान की गई जिसमें कार्बन के परमाणु फुटबाल के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस अणु को अमेरिकी आर्किटेक्ट बकमिसटर फुलर के नाम पर फुलेरीन नाम दिया गया है।

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प्रश्न 3.
मेथेन, एथेन और एथीन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। (RBSE 2015)
उत्तर-
(1) मेथेन-सूत्र : CH4
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(2) एथेन-सूत्र : C2H6
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(3) एथीन-सूत्र : C2H4.
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प्रश्न 4.
विवृत श्रृंखला, शाखित श्रृंखला तथा वलय संरचना में प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
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उदाहरण-
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प्रश्न 5.
समजातीय सीरीज की परिभाषा दीजिये। इसके प्रमुख गुण बताइये। ऐसी समजातीय श्रेणी का नाम बतायें जो निम्नलिखित सामान्य सूत्रों द्वारा प्रदर्शित होती है [RBSE 2015; CBSE 2019]
CnH2n -2, CnH2n +2
CnH2n, तथा CnH2n +1OH
प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य का संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
समजातीय श्रेणी-कार्बनिक यौगिकों को एक ही क्रियात्मक समूह वाले, रासायनिक दृष्टि के समान एवं एक ही सामान्य सूत्र से निरूपति किए जा सकने वाले यौगिकों के समूहों में बाँटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक समूह को समजातीय श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी में रखे गए निकटतम दो सदस्यों के आण्विक सूत्रों में (-CH2) ग्रुप का अन्तर होता है। एक समजातीय श्रेणी के प्रत्येक स को समजातीय कहते हैं।

समजातीय श्रेणी के प्रमुख गुण-
1. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
2. दो संलग्न सदस्यों में एक कार्बन परमाणु तथा 2 हाइड्रोजन परमाणुओं का अन्तर होता है।
3. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के रासायनिक गुण एक समान होते हैं।
4. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के भौतिक गुणों में थोड़ा सा अन्तर होता है।
5. दो संलग्न सदस्यों के आण्विक द्रव्यमान में अन्तर 14 amu होता है।
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प्रश्न 6.
(a) बेन्जीन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) बेन्जीन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित त्रिबंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से एधन कौनसी है? इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(i) C2H2
(ii) C2H4
(iii) C2H6 (RBSE 2016)
उत्तर-
(i) C2H2
(b) वेन्जीन के संग्चना पत्र में तीन ‘दबंध और एक एकल बंध होता है। इसमें कोई त्रिबंध नहीं होता है।
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(c) C2H6.7 एकल बंध

प्रश्न 7.
(a) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र लिखिए।
(b) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(c) निम्नलिखित में से ऐथीन कौन सी है। उसमें उपस्थित द्विबंध की संख्या लिखिए।
(i) C2H2,
(ii) C2H4
(iii) C2H6(RBSE 2016)
उत्तर-
(a) C6H12 :
(b) साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में 16 एकल बंध होते हैं।
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(c) C2H4 इसमें एक द्वि-आबन्ध होता है।

प्रश्न 8.
(a) नीचे दिए गए परिवर्तनों को कार्यान्वित कीजिए-
(i) एथेनॉल को एथीन में,
(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में।
(b) संकलन अभिक्रिया और प्रतिस्थापन अभिक्रिया के बीच विभेदन कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
(a)
(i) एथेनॉल को एथीन में –
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इस अभिक्रिया में सांद्र H2SO4 अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है।

(ii) एथेनॉल को एथेनॉइक अम्ल में –
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इस अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4, का विलयन ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है।
(b)

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प्रश्न 9.
उस यौगिक का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए जो सभी एल्कोहॉली पेय पदार्थों का महत्त्वपूर्ण अवयव है। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण तथा उत्पाद का नाम लिखिए, जल यह यौगिक
(i) सोडियम धातु से अभिक्रिया करता है।
(ii) गर्म सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करता
अथवा
मेथेन क्या है? इसकी इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना खींचिए। इस यौगिक में बनने वाले आबन्धों का प्रकार लिखिए। इस प्रकार के यौगिक
(i) विद्युत के कुचालक तथा
(ii) कम गलनांक और कम क्वथनांक वाले क्यों होते हैं? क्या होता है जब इस यौगिक का ऑक्सीजन में दहन होता है? (CBSE 2019)
उत्तर-
सभी एल्कोहाल का महत्त्वपूर्ण अवयव C2H5OH है।
उपयोग-इसका उपयोग विभिन्न दवाओं जैसे-टिंचर आयोडीन, कफ सीरप आदि बनाने में किया जाता है।
(i)
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अथवा
मीथेन एक संतप्त हाइड्रोकार्बन है जिसमें एक कार्बन परमाणु से चार हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं और कार्बन का अष्टक पूर्ण करते हैं।
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इस यौगिक में सभी बन्ध संयोजी बन्ध हैं।
(i) ये विद्युत के कुचालक होते हैं क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
(ii) इनके गलनांक व क्वथनांक कम होते हैं क्योंकि इनमें संयोजी बंध होते हैं। जब इसका ऑक्सीजन में दहन होता है तो CO2, जल व ऊष्मा उत्पन्न होती है।
CH4 + 2O2,→ CO2, +2H2O+ ऊष्मा

प्रश्न 10.
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन क्या होते हैं? इनका नामकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन कार्बन के वे यौगिक हैं जिनमें कार्बोनिल (>C = 0) समूह उपस्थित होता है। ऐल्डिहाइड में ऑक्सीजन के अलावा कार्बोनिल समूह एक ओर ऐल्किल समूह से तथा दूसरी ओर हाइड्रोजन समूह से जुड़ा रहता है। कीटोन में कार्बोनिल समूह दो एल्किल समूहों से जुड़ा रहता है। दोनों एल्किल समूह समान या भिन्न हो सकते हैं, जैसे-
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यहाँ R तथा R’ ऐल्किल समूह को व्यक्त करते हैं।

ऐल्डिहाइड तथा कीटोन का नामकरण-ऐल्केन (alkane) के नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर al (अल) अनुलग्न लगाने पर ऐल्डिहाइड का नाम प्राप्त होता है, जैसे- फॉर्मेल्डिहाइड, मेथेन से व्युत्पन्न होता है अतः इसको मेथेनल (Methanal) कहते हैं। ऐल्केन नाम के सिरे पर स्थित -e (ई) के स्थान पर -one (ओन) अनुलग्न लगाकर संगत कीटोन का नाम प्राप्त होता है। ऐसीटोन एक सरलतम कीटोन है जो प्रोपेन से व्युत्पन्न होता है। अतः इसको प्रोपेनोन (Propanone) कहते हैं।

प्रश्न 11.
कुछ यौगिकों को हाइड्रोकार्बन क्यों कहा जाता है? ऐल्केन, ऐल्कीन और ऐल्काइन की समजातीय श्रेणियों का सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य की संरचना भी खींचिए। ऐल्कीन को ऐल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया का नाम लिखिए और रासायनिक समीकरण द्वारा इस अभिक्रिया के होने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को भी दर्शाइए। (CBSE 2017)
उत्तर-
जो यौगिक हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बनते हैं उनको हम हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
ऐल्केन सूत्र = CnH2n + 2
ऐल्कीन सूत्र = CnH2n
ऐल्काइन सूत्र = CnH2n – 2
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प्रश्न 12.
कुछ प्रमुख क्रियात्मक समूहों को उदाहरण सहित सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर –
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प्रश्न 13.
कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म लिखिए। प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है। (RBSE 2017)
उत्तर-
कार्बन यौगिकों के प्रमुख रासायनिक गुणधर्म निम्नवत् हैं-
(1) दहन-कार्बन अपने सभी अपररूपों में ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करता है और ऊष्मा तथा प्रकाश के साथ CO, उत्पन्न करता है। उदाहरण के लिए,
C+ O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
C2H5OH+ 3O2 → 2CO2+ 3H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन स्वच्छ ज्वाला के साथ जलते हैं और असंतृप्त कार्बन काले धुएँ वाली पीली ज्वाला उत्पन्न करते हैं।

(2) ऑक्सीकरण-कार्बन यौगिकों को दहन के द्वारा सरलता से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट ऐल्कोहॉलों को अम्लों में ऑक्सीकृत कर देते हैं-
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प्रतिस्थापन अभिक्रिया-संतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिकतर अभिकर्मकों की उपस्थिति में क्रिया नहीं करते परन्तु सूर्य के प्रकाश के उपस्थित होने पर क्लोरीन का हाइड्रोकार्बन में संकलन होता है। क्लोरीन अति तीव्र अभिक्रिया में एक-एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं का प्रतिस्थापन करती है जिस कारण उच्च समजातीय एल्केन के साथ अनेक उत्पादों का निर्माण होता है जो निम्न प्रकार है- .
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प्रश्न 14.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सांद्र H2SO4, के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ” बनाता है जो निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतृप्त यौगिक ‘R’ बनाता ‘R’ के एक अणु दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। P, Q और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2016)
उत्तर-
यौगिक P C2H5OH एथेनॉल है।
यौगिक Q CH2 = CH2 एथीन है।
यौगिक R CH3 – CH3 एथेन है।

रासायनिक समीकरण-
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प्रश्न 15.
निम्नलिखित पदों की व्याख्या कीजिए –
(i) एस्टरीकरण
(ii) साबुनीकरण ।
(iii) विकार्बोक्सिलीकरण (CBSE 2017)
उत्तर-
(i) एस्टरीकरण-ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सि लिक अम्ल की परस्पर अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त जो यौगिक बनता है, उसे एस्टर कहते हैं तथा इस अभिक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं।
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(ii) साबुनीकरण-जब किसी तेल या वसा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करते हैं तो तेल या वसा संगत अम्ल के सोडियम लवण (साबुन) तथा ग्लिसरॉल में बदल जाते हैं। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं-
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(iii) विकार्बोक्सिलीकरण-एथेनोइक अम्ल के सोडियम लवण (सोडियम एथेनोएट) को सोडालाइम (3 भाग NaOH + 1 भाग Cao) के साथ गर्म करने पर मेथेन गैस बनती है। चूँकि इस अभिक्रिया में कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) से एक CO2 अणु निकल जाता है, अतः इस . अभिक्रिया को विकार्बोक्सिलीकरण कहते हैं
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प्रश्न 16.
एथेनॉइक अम्ल की रासायनिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल कुछ धातुओं तथा धातु कार्बोनेट तथा हाइड्रॉक्साइड बाईकार्बोनेट से क्रिया करता है।
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(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से क्रिया
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प्रश्न 17.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए। [CBSE 2015]
उत्तर-
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2
बुदबुदाहट के साथ CO2 , गैस निकलती है।
जब CO2, गैस को Ca(OH)2 के विलयन से गुजारा जाता है तो चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 + CO2 →CaCO3, + H2O .

प्रश्न 18.
कार्बनिकं व अकार्बनिक यौगिकों के गुणों में अन्तर लिखो।
उत्तर-
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प्रश्न 19.
साबुन और अपमार्जकों में अन्तर लिखिए। (CBSE 2017,20)
उत्तर-
साबुन तथा अपमार्जक में अन्तर-

साबुन (Soap)अपमार्जक (Detergent)
1. साबुन लम्बी श्रृंखला वाले वसा अम्लों का सोडियम लवण होता है।1. संश्लिष्ट अपमार्जक, लम्बी शृंखला वाले’बेंजीन, सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण’ या लम्बी श्रेणी वाले ऐल्काइल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण’ होता है।
2 साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाता।।2. अपमार्जक कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करता है।
3. साबुन को वनस्पति तेल या जन्तु वसा से बनाया जाता है।3. संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रोकार्बन से बनते है।
4. साबुन जल प्रदूषण नहीं फैलाता।4. अपमार्जक जल प्रदूषण  फैलाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर क्या बनाता है –
(a) ऋणायन
(b) धनायन
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) ऋणायन।

2. सिरके में उपस्थित कार्बनिक अम्ल है
(a) प्रोपेनॉइक अम्ल
(b) मेथेनॉइक अम्ल
(c) एथेनॉइक अम्ल
(d) ब्यूटेनॉइक अम्ल।
उत्तर-
(c) एथेनॉइक अम्ल।।

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3. दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनने वाला आबन्ध कहलाता है –
(a) सहसंयोजी
(b) सर्वतोन्मुखी
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सहसंयोजी।

4. ऐसीटिक अम्ल के कितने प्रतिशत विलयन को सिरका कहा जाता है-
(a)2-3%
(b) 3- 4%
(c) 7-9%
(d) 10-12%.
उत्तर-
(b) 3-4%.

5. श्रृंखलन से कौन-सा तत्व बन्ध बनाने की क्षमता रखता-
(a) हीलियम
(b) हाइड्रोजन
(c) ऑक्सीजन
(d) कार्बन।
उत्तर-
(d) कार्बन।

6. तिहरे बन्ध वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को कहते हैं –
(a) ऐल्केन
(b) ऐल्कीन
(c) ऐल्काइन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) ऐल्काइन।

7. ऐल्डिहाइड के प्रकार्यात्मक समूह का सूत्र है-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 71
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 72

8. आयनिक यौगिकों के गलनांक एवं क्वथनांक होते
(a) निम्न
(b) उच्च
(c) मध्यम
(d) अति निम्न।
उत्तर-
(b) उच्च।

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9. समजातीय श्रेणी के उत्तरोत्तर यौगिकों में अन्तर होता-
(a)
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(b) -CH2
(c)-CH3
(d) =C=
उत्तर-
(b) –CH2

10. ऐल्काइन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n,
उत्तर-
(c) CnH2n

11. ऐल्कीन का सामान्य सूत्र है –
(a) Cn H2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) Cn+2HH2n.
उत्तर-
(a) Cn H2n-2.

12. ऐल्कोहॉल किसके साथ हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता
(a) Zn के साथ
(b) Fe के साथ
(c) AI के साथ
(d) Na के साथ।
उत्तर-
(d) Na के साथ।

13. निम्न में से कौन-सा यौगिक ब्रोमीन जल को रंगहीन करता है –
(a) C3H8
(b) C3H4
(c) C4H10
(d) CCl4.
उत्तर-
(b) C3H4 .

14. साबुनीकरण अभिक्रिया का अध्ययन करते समय आप बीकर में जब समान मात्रा में किसी रंगहीन वनस्पति तेल में NaOH का 20% जलीय विलयन मिलाते हैं, तो क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) मिश्रण का रंग गहरा भूरा हो गया है।
(b) बीकर में तीव्र बुदबुदाहट हो रही है।
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।
(d) बीकर का बाहरी पृष्ठ ठंडा हो गया है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो गया है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ऐल्कीनो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n.

2. ऐल्कोहॉलो का सामान्य रासायनिक सूत्र ………………………………. है।
उत्तर-
CnH2n+1 OH.

3. यदि हाइड्रोकार्बनों में त्रिआबन्ध उपस्थित होता है तो ऐसे हाइड्रोकार्बनों को ………………………………. कहते हैं।
उत्तर-
ऐल्काइन,

4. एथेनॉल वायु में नीली लौ के साथ जलकर ………………………………. तथा ……………………………….. बनाता है।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड, जल

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

5. साइक्लोहेक्सेन के संरचना सूत्र में ………………………………. एकल बंध होते हैं।
उत्तर-
161

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित करें –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 74
उत्तर-
1. (d), 2. (e,i) 3. (f), 4. (a,g) 5. (b, c).

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
धातुओं के कुछ भौतिक गुण लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
धातुएँ भारी, चमकदार, तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। ये ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्यता से क्या तात्पर्य है? –
उत्तर-
किसी पदार्थ को हथौड़े से पीटने पर पतली चादर में परिवर्तित हो जाने के गुण को आघातवर्ध्यता कहते हैं।

प्रश्न 3.
कौन-सी धातु सामान्य ताप पर तरल होती है? (RBSE 2016)
उत्तर-
पारा (Hg)।

प्रश्न 4.
एक्वा-रेजिया क्या है?
उत्तर-
एक्वा रेजिया सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल को 3 : 1 के अनुपात में मिलाकर बना ताजा मिश्रण है जो सोने व प्लैटिनम को गला सकता है।

प्रश्न 5.
तरल अधातु का नाम बताइए।
उत्तर-
ब्रोमीन।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में सबसे कम क्रियाशील धातुओं को छाँटिए-K, Zn, Ag,Au
उत्तर-
Au.

प्रश्न 7.
आयनिक यौगिकों के कठोर होने का क्या कारण है?
उत्तर-
धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं।

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प्रश्न 8.
किसी शुद्ध धातु की अपेक्षा उसके मिश्रातु की विद्युत चालकता एवं गलनांक कैसा होता है?
उत्तर-
विद्युत चालकता एवं गलनांक कम होता है।

प्रश्न 9.
किन्हीं दो धातुओं के नाम लिखिए जो हाइड्रोजन से संयुक्त होकर हाइड्राइड बना सकती हैं।
उत्तर-
सोडियम (Na) तथा कैल्सियम (Ca)।

प्रश्न 10.
दो ऑक्साइडों के नाम लिखिए जो न तो अम्लीय हैं और न ही क्षारीय।
उत्तर-
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)।

प्रश्न 11.
किस अधातु का गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होता है तथा वह अत्यन्त कठोर भी होती है ?
उत्तर-
हीरा (कार्बन)।

प्रश्न 12.
नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं का इलैक्ट्रोनिक विन्यास लिखिए। (RBSE 2016)
उत्तर-
नाइट्रोजन — परमाणु क्रमांक 7 (2, 5)
क्लोरीन – परमाणु क्रमांक 17 (2, 8, 7)

प्रश्न 13.
नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं के मध्य इलैक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण से सोडियम क्लोराइड का बनना दर्शाइए। (RBSE 2017)
उत्तर-
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प्रश्न 14.
मिश्रातु क्या होती है?
उत्तर-
किसी धातु का अन्य धातु या अधातु से बना समांगी मिश्रण मिश्रातु कहलाता है।

प्रश्न 15.
अधातुएँ विद्युत का चालन क्यों नहीं करती हैं?
उत्तर-
अधातुओं के पास मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, इस कारण से ये विद्युत का चालन नहीं करती हैं। ये इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करती हैं तथा ऋणायन बनाती हैं।

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प्रश्न 16.
गोल्ड तथा सिल्वर प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में क्यों पाए जाते हैं?
उत्तर-
गोल्ड तथा सिल्वर बहुत ही कम अभिक्रियाशील हैं, इसलिए ये स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं।

प्रश्न 17.
अभी तक कितने तत्व ज्ञात हैं? किन दो वर्गों में इन सभी तत्वों को बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
अभी तक कुल 114 तत्व ज्ञात हैं। इन तत्वों को इनके गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में बाँटा जा सकता है।

प्रश्न 18.
वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर कौन-सी परत बन जाती है? इस परत का क्या उपयोग है?
उत्तर-
वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत बन जाती है। यह परत धातु को संक्षारित होने से बचाती है।

प्रश्न 19.
धातु तथा अधातु किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं?
उत्तर-
धातु तथा अधातु एक धातु से दूसरी अधातु पर इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा अभिक्रिया करते हैं। .धातुओं का निष्कर्षण (Extraction of Metals)

प्रश्न 20.
अयस्क के संवर्धन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
खनिजों से अवांछित अशुद्धियों को दूर करना अयस्कों का संवर्धन कहलाता है।

प्रश्न 21.
उन धातुओं के नाम बताइए जो अपचायक की भाँति प्रयोग पाई जाती हैं।
उत्तर-
उच्च याशील धातुएँ, जैसे-सोडियम, कैल्सियम अपचायक की भाँति प्रयोग में लाई जाती हैं।

प्रश्न 22.
धातु ऑक्साइड का ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा अपचयित होना कौन-सा प्रक्रम कहलाता है?
उत्तर-
ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा धातु ऑक्साइड का अपचयन ऐलुमिनो थर्मिट प्रक्रम अथवा थर्मिट प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 23.
पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक पायी जाने वाली धातु का नाम बताइए। इस धातु के महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर-
ऐलुमिनियम। इसका महत्त्वपूर्ण अयस्क बॉक्साइट है।

प्रश्न 24.
अशुद्ध धातुओं के शोधन में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली विधि कौन-सी है?
उत्तर-
विद्युत-अपघटनी शोधन।

प्रश्न 25.
विद्युत-अपघटनी शोधन द्वारा शुद्ध की जाने वाली प्रमुख धातुएँ कौन-सी हैं?
उत्तर-
कॉपर, जिंक, टिन, निकिल, सिल्वर तथा सोना।

प्रश्न 26.
कॉपर के एक अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर-
क्यूप्रस सल्फाइड (Cu2S)।

प्रश्न 27.
विद्युत-अपघटनी परिष्करण द्वारा परिष्कृत की जाने वाले तीन धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), टिन (Sn).

प्रश्न 28.
उन धातु ऑक्साइडों के नाम बताइए जो कार्बन के साथ गर्म किए जाने पर धात्विक अवस्था में अपचयित नहीं होते हैं।
उत्तर-
Cr2O3, Mn3O4 अपचायक Al है।

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प्रश्न 29.
गालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
गालक वे पदार्थ हैं जो अयस्क में उपस्थित अम्लीय अशुद्धियों को गलनीय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 30.
निस्तापन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
निस्तापन वह प्रक्रम है जिसमें कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है।

प्रश्न 31.
सोने के आभूषणों में ताँबा क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर-
शुद्ध सोना मुलायम होता है जिससे आभूषण नहीं बनाये जा सकते, इस कारण सोने को कठोरता प्रदान करने के लिए सोने में थोड़ा ताँबा मिलाया जाता है।

प्रश्न 32.
पीतल के अवयव घटक लिखिए।
उत्तर-
ताँबा तथा जस्ता।

प्रश्न 33. नाइट्रोजन के ऑक्साइड के नाम लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन के तीन ऑक्साइड N2O, NO एवं NO2, हैं।

प्रश्न 34.
पीतल किन धातुओं से मिलकर बनती है?
उत्तर-
पीतल कॉपर व जिंक धातु से मिलकर बनती है।

प्रश्न 35.
किस प्रकार के अयस्कों का भर्जन करते है?
उत्तर-
सल्फाइड अयस्कों का भर्जन करते हैं जिससे ये ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं।

प्रश्न 36.
धातुकर्म के विभिन्न पदों को लिखें।
उत्तर-
धातुकर्म के विभिन्न पद निम्न हैं –

  1. अयस्क का पीसना (Pulverisation)
  2. सान्द्रण (Concentration)
  3. अपचयन (Reduction)
  4. शोधन (Purification)।

प्रश्न 37.
किसी एक अम्लीय व क्षारीय गालक का उदाहरण दें।
उत्तर-
अम्लीय गालक – SiO2
क्षारीय गालक – CaO.

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तत्वों को धातुओं अथवा अधातुओं में वर्गीकृत करते समय विचारणीय गुण बताइए।
उत्तर-
तत्वों को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत करते समय निम्नलिखित गुण आवश्यक रूप से विचारणीय होते-

  • चमक,
  • चालकता,
  • कठोरता,
  • वायु में जलना,
  • तन्यता,
  • ध्वनि,
  • अम्लों व जल के साथ अभिक्रिया।

प्रश्न 2.
उपधातुएँ क्या हैं? किन्हीं पाँच उपधातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
कुछ पदार्थ धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, ऐसे पदार्थों को उपधातु कहते हैं। निम्नलिखित पाँच धातुएँ उपधातुएँ हैं आर्सेनिक (As), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), एंटीमनी (Sb), टेलुरियम (Te)।

प्रश्न 3.
जल में विलेय धातु ऑक्साइडों के उदाहरण दीजिए। जल में घोलने पर धातु ऑक्साइड क्या बनाते हैं?
उत्तर-
सोडियम ऑक्साइड तथा पोटैशियम ऑक्साइड जल में विलेय धातु ऑक्साइड हैं।
Na2O(s)+H2O(l) → 2NaOH
K2O (s) + H2O (l) → 2KOH
धातु ऑक्साइड जल में विलेय होकर क्षार बनाते हैं।

प्रश्न 4.
टाइटेनियम धातु की विशेषता क्या है जिसके कारण इसे सामरिक महत्त्व की धातु कहा जाता है?
उत्तर-
टाइटेनियम धातु अल्प अभिक्रियाशील धातु है इसकी तनाव सहने की क्षमता अत्यधिक होती है, यही कारण है कि इसका प्रयोग नाभिकीय संयन्त्रों, सैन्य उपकरणों, गैस टरबाइनों व जेट इंजनों आदि में होता है। यह धातु शीघ्रता से क्षरित नहीं होती है।

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रियाओं का समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन की क्रिया
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर-
(i) आयरन धातु भाप के साथ क्रिया करके आयरन ऑक्साइड व हाइड्रोजन बनाती है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
(ii) जल के साथ कैल्सियम व पोटैशियम की क्रिया होने पर सम्बन्धित हाइड्रॉक्साइड बनते हैं तथा हाइड्रोजन गैस निकलती है।
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प्रश्न 6.
सक्रियता श्रेणी किसे कहते हैं? इसकी एक उपयोगिता लिखें।
उत्तर-
सक्रियता श्रेणी (Activity series) धातुओं की क्रियाशीलता को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो सूची (श्रेणी) प्राप्त होती है, उसे सक्रियता श्रेणी कहते हैं। सक्रियता श्रेणी निम्नवत् है-
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उपयोगिता-इसकी सहायता से हमें तत्वों की क्रियाशीलता की जानकारी होती है।

प्रश्न 7.
विभिन्न धातुओं की जल के साथ अभिक्रियाओं का वर्णन करो। ..
उत्तर-
विभिन्न धातुओं की जल साथ अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं
(i) सोडियम धातु जल के साथ ताव अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।
2Na (s) +2H2O(l) → 2NaOH (aq)+H2 (g)
(ii) मैग्नीशियम धातु ठण्डे जल की बजाय गर्म जल से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।
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ऐलुमिनियम ठण्डे व गर्म जल से अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु यह भाप के साथ अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
2Al (s) +3H2O (g) → Al2O3 (s) +3H2 (g)
रक्त तप्त आयरन भाप से अभिक्रिया करके आयरन (II, III) ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
धातुएँ, जैसे-लैड, कॉपर, गोल्ड, चाँदी, जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं।

प्रश्न 8.
(a) निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए
(i) कैल्सियम धातु जल से अभिक्रिया करती है।
(ii) सिनाबार को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(iii) मैंगनीज डाइऑक्साइड को ऐलुमिनियम पाउडर के साथ गर्म किया जाता है।
(b) मिश्रधातु क्या हैं? मिश्रधातुओं के दो गुणधर्मों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-
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(b) दो या दो से अधिक धातुओं अथवा एक धातु व एक अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं।

मिश्रधातु के दो गुणधर्म-
(i) मिश्रधातु धातुओं की तुलना में अधिक शक्तिशाली होती है।
(ii) मिश्रधातु वायु में रखने पर संक्षारित नहीं होती है।

प्रश्न 9.
अधातु क्या हैं ? इनका दैनिक जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
वे तत्व जो धातुओं की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, अधातु कहलाते हैं। कमरे के ताप पर अधातुएँ या तो ठोस होती हैं या गैस। इनमें केवल ब्रोमीन ही द्रव रूप में होती है। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन आदि अधातुओं के उदाहरण हैं।

दैनिक जीवन में अधातुओं का महत्त्व-

  • वायु में ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही हम सभी साँस लेते हैं तथा यह गैस ज्वलन में सहायक होती है।
  • हाइड्रोजन का उपयोग वनस्पति घी एवं अमोनिया के निर्माण में किया जाता है।
  • नाइट्रोजन का उपयोग अमोनिया, उर्वरकों तथा नाइट्रिक अम्ल के उत्पादन में किया जाता है।
  • सल्फर का उपयोग बारूद बनाने में तथा कवकनाशी दवाइयाँ बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 10.
मिश्रधातु किसे कहते हैं? इसके बनाने के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। अथवा मिश्रधातु किसे कहते हैं? दो उदाहरण दीजिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
मिश्रधातु या मिश्रातु-किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ मिलकर बनाया गया समांगी मिश्रण, मिश्रातु कहलाता है। उदाहरण के लिए; पीतल, कांसा, सोल्डर, स्टील आदि सभी मिश्रातु हैं।

मिश्रातुओं के उपयोग-

  1. मिश्रातु बनाने से कठोरता बढ़ जाती है, जैसे-लोहे में कार्बन की मात्रा मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाया जाता है जो लोहे से अधिक कठोर होता है। सोने में ताँबा मिलाने से उसकी कठोरता बढ़ जाती है।
  2. संक्षारण रोकने के लिए मिश्रातु उपयोगी है, जैसे-लोहे तथा जिंक से बनी मिश्रातु पर जंग नहीं लगता।
  3. घरों में मिश्रातुओं का उपयोग बहुत अधिक होता है। घरों के बर्तन, पंखे, अलमारी आदि में मिश्रातुओं का प्रयोग होता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित की व्याख्या कीजिए
(a) सोडियम क्लोराइड एक आयनी यौगिक है जो ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता है जबकि यह पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है।
(b) नाइट्रिक अम्ल में डुबोने पर ऐलुमिनियम की सक्रियता कम हो जाती है।
(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम जैसी धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) सोडियम क्लोराइड ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता परन्तु पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है क्योंकि सोडियम क्लोराइड के आयन उसकी कठोर संरचना के कारण गतिशील नहीं होते। विद्युत चालन के लिए आयनों का गतिशील होना आवश्यक है। पिघली और जलीय अवस्था में आयन गति के लिए मुक्त होते हैं अतः वे विद्युत संचालित करते हैं।

(b) नाइट्रिक अम्ल एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है इसलिए ऐलुमिनियम को इसमें डुबाने पर, ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत जम जाती है, जिसके कारण इसकी सक्रियता कम हो जाती है।

(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम धातुएँ प्रकृति में मुक्तावस्था में नहीं पाई जाती हैं क्योंकि अधिक क्रियाशील होने के कारण ये अन्य तत्वों के साथ अभिक्रिया करके यौगिकों का निर्माण करती हैं।

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प्रश्न 12.
सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि, सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि से किस प्रकार भिन्न है? उनके लिए भी समान प्रक्रिया क्यों नहीं अपनायी जाती है? इन धातुओं के निष्कर्षण की प्रक्रिया का नाम लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर –

सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण (K, Na, Ca, Mg तथा AI)सक्रियता श्रेणी में मध्य में स्थित धातुओं का निष्कर्षण (Zn, Fe, Pb)
1. इस प्रकार की धातुएँ बहुत अधिक क्रिया- शील होती हैं।1. इस प्रकार की वस्तुएँ मध्यम क्रियाशील होती हैं।
2. इन धातुओं को वैद्युत अपघटन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।2. इन धातुओं के यौगिकों(कार्बोनेट तथा सल्फा- इड) के पहले ऑक्साइड में बदला जाता है फिर उनका अपघटन करके धातु को प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन या भर्जन कहा जाता है।

इन धातुओं के लिए समान प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती क्योंकि सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ अपघटित नहीं किया जा सकता। कार्बन के साथ अपघटित होने की अवस्था में ये धातुएँ कार्बन से क्रिया करके कार्बाइड यौगिक बना देंगी जिससे हम धातु प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

प्रश्न 13.
वात्या भट्टी में हेमेटाइट अयस्क से आयरन के निष्कर्षण में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
लोहे के अयस्क, कोक, चूने के पत्थर को भट्टी में एक साथ रखकर उच्च ताप दिया जाता है। इस उच्च ताप के कारण चूने का पत्थर निम्न रासायनिक अभिक्रिया के रूप में विघटित हो जाता है-
CaCO3 → CaO+CO2,
कैल्सियम ऑक्साइड, सिलिकन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है तथा कैल्सियम सिलिकेट द्रवित रूप में बनाता है।
CaO + SiO2 → CaSiO3
इस प्रकार प्राप्त सिलिकन ऑक्साइड से मुक्त लोहे के ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है।

प्रश्न 14.
धातु शोधन की गलनिक पृथक्करण विधि क्या है?
उत्तर-
धातु शोधन की इस विधि में एक ढलावदार भट्टी का प्रयोग किया जाता है, अशुद्ध धातु को भट्टी के ऊपरी भाग में एक जाली के ऊपर रखा जाता है। भट्टी के ताप को इस प्रकार बढ़ाया जाता है कि वह गलनांक के ऊपर स्थिर रहे। ताप के कारण धातु पिघलकर नीचे आ जाती है तथा अशुद्धियाँ जाली पर शेष रह जाती हैं। टिन, लेड बिस्मथ आदि धातुएँ इसी प्रकार शोधित की जाती हैं।

प्रश्न 15.
खनिज तथा अयस्क में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

खनिजअयस्क
1. उन प्राकृतिक पदार्थों को जिनमें धातुओं के यौगिक पाए जाते हैं, खनिज कहलाते हैं।1. जिन खनिजों से धातुएँ सुविधापूर्वक प्राप्त की जा सकती हैं, उन्हें अयस्क कहते हैं।
2. कुछ खनिजों में आपत्तिजनक अशुद्धियाँ होती हैं जो धातु के निष्कर्षण को बाधित करती हैं।2. इनमें किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक अशुद्धि नहीं होती है।
3. सभी खनिजों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।3. सभी अयस्कों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

प्रश्न 16.
कुछ आयनिक यौगिकों के नामों को उनके सूत्र तथा उनमें उपस्थित आयनों के साथ लिखिए। .
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6

प्रश्न 17.
Ca, Pb,AI,Na,Mg एवं Cuमें से किन-किन धातुओं को विद्युत अपघटनी विधि द्वारा निष्कर्षित किया जाता है और क्यों?
उत्तर-
ऐसी धातुएँ जो अत्यधिक क्रियाशील एवं अत्यधिक धनविद्युती प्रकृति की होती हैं वह अच्छी अपचायक होती हैं। अतः ऐसी धातुओं का निष्कर्षण रासायनिक अपचयन द्वारा नहीं किया जा सकता है। इनका निष्कर्षण केवल विद्युत अपघटनी विधि से ही करते हैं। इस कारण Ca, AI, Na तथा Mg का निष्कर्षण विद्युत अपघटनी विधि से करते हैं।

प्रश्न 18.
प्रमुख मिश्रातुओं के नाम, उनके घटक तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 7

प्रश्न 19.
जंग लगाना किसे कहते हैं? लोहे पर जंग लगने की परिस्थितियों की जाँच के लिए किसी क्रियाकलाप का नामांकित आरेख सहित वर्णन कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
किसी लोहे की वस्तु को काफी समय तक नम वायु में रखने पर, इसके ऊपर भूरे रंग की आयरन ऑक्साइड की परत बनने के प्रक्रम को जंग लगना कहते हैं। (पाठ्य पुस्तक में क्रियाकलाप 3.14 देखिए)।

प्रश्न 20.
जंग लगने से बचाने के कुछ उपायों को बताइए।
उत्तर-
जंग लगने से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं-

  1. तेल या ग्रीस की तह आदि लोहे पर जमा पीतल दी जाए तो नम वायु लोहे के सम्पर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगती है।
  2. लोहे की सतह पर रंग-रोगन करके जंग लगने से बचाया जा सकता है। बसों, कारों, स्कूटर आदि पर एनमल की तह जमाई जाती है।
  3. लोहे पर जस्ते की परत जमा कर (यशदलेपन) इसे जंग लगने से बचाया जाता है, जैसे-लोहे की बाल्टियाँ, चादरों आदि पर यह प्रक्रिया अपनायी जाती है।
  4. निकिल, क्रोमियम आदि धातुओं की तह विद्युत् लेपन के द्वारा लोहे की सतह पर चढ़ाने से जंग नहीं लगती है, जैसे-वाहनों के रिम, हैंडिल आदि।

प्रश्न 21.
निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए।
उत्तर-
हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन के ताप तक गर्म करके उसमें से नमी एवं वाष्पशील पदार्थों को अलग करने की क्रिया को निस्तापन कहते हैं जबकि हवा की मुक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
धातुओं के महत्त्वपूर्ण गुणधर्म लिखिए।
उत्तर-
धातुओं के महत्त्वपूर्ण गुणधर्म निम्नलिखित हैं-

  • धातुएँ ऊष्मा व विद्युत की सुचालक होती हैं तथा लैड व पारा ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
  • धातुओं में चमक होती है, इन पर पॉलिश की जा सकती है।
  • इनमें आघातवर्धनीयता होती है अर्थात् इन्हें पीटकर चादरों में बदला जा सकता है।
  • इनमें तन्यता होती है अर्थात् इन्हें खींचकर इनके तार बनाए जा सकते हैं।
  • इनमें कठोरता होती है परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) धातुएँ होकर भी नरम हैं।
  • धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में रहती हैं। केवल पारा द्रव अवस्था में रहता है।
  • धातुओं का घनत्व उच्च होता है परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) धातुएँ हल्की हैं।
  • धातुएँ प्रबल होती हैं तथा इनके गलनांक व क्वथनांक उच्च होते हैं। परन्तु सोडियम (Na) व पोटैशियम (K) के गलनांक व क्वथनांक निम्न होते हैं।
  • धातुएँ कठोर सतह से टकराकर ध्वनि उत्पन्न करती हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 2.
धातुओं एवं अधातुओं के बीच कैसे विभेद करेंगे? (CBSE 2017)
उत्तर-
धातुओं एवं अधातुओं के गुणों में विभेद भौतिक गुणों में विभेद –
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रासायनिक गुणों में विभेद

धातुएँअधातुएँ
1. धातुओं द्वारा क्षारीय ऑक्साइड का निर्माण होता है जिसमें से कुछ क्षार बनाती हैं।1. अधातुएँ अम्लीय एवं उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
2. धातुएँ धनात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं।2. अधातुएँ ऋणात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं।
3. धातुएँ अपचायक हैं।3. अधातुएँ ऑक्सीकारक हैं।
4. धातुएँ जलीय विलयन में धनायन बनाती हैं।4. अधातुएँ जलीय विलयन में ऋणायन बनाती हैं।

प्रश्न 3.
धातु एवं अधातु किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं? समझाइए।
उत्तर-
धातु एवं अधातु अपने संयोजक कक्ष में पाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर अभिक्रिया करते हैं, उदाहरण के लिए-सोडियम का परमाणु क्रमांक 11 है अतः इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8 1 है। इसके सबसे बाहरी कक्ष में केवल 1 इलेक्ट्रॉन है। यदि यह अपना एक इलेक्ट्रॉन सबसे बाहरी कक्ष से त्याग देता है तब यह Na’ (सोडियम धनायन) प्रदान करता है। दूसरी ओर क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 17 है जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8 7 है। इस प्रकार क्लोरीन के सबसे बाहरी कोश में 7 इलेक्ट्रॉन हैं अतः यह 1 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अपना अष्टक पूर्ण कर सकता है। इससे क्लोराइड ऋणायन Cl प्राप्त होता है।
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प्रश्न 4.
अधातु क्या हैं? इनके रासायनिक गुणधर्मों को बताइए।
उत्तर-
जो तत्व धातुओं की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, अधातु कहलाते हैं। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कार्बन, सल्फर, क्लोरीन आदि अधातुओं के उदाहरण हैं अधातुओं के रासायनिक गुणधर्म-अधातुएँ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करके, ऋण आवेशित आयन (ऋणायन) बनाती हैं। अतः इनको ऋण विद्युत तत्व कहते हैं।
Cl+e → Cl
0+2e → O2-

(i) ऑक्सीजन से अभिक्रिया-अधातुएँ ऑक्सीजन से क्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं।
C(s) + O2(g) → CO2(g)
अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय या उदासीन होते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड अम्लीय ऑक्साइड है जोकि जल में घुलकर अम्ल बनाती है तथा इसका जलीय विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
CO2(g)+ H2O(l) → H2CO3(aq) (कार्बोनिक अम्ल)

(ii) अम्लों से क्रिया-अधातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं। तनु अम्लों से अधातुओं द्वारा हाइड्रोजन का विस्थापन तभी सम्भव है जबकि अभिक्रिया द्वारा उत्पन्न प्रोटॉनों (H+) को इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति की जाए।
H2SO4(aq) → 2H+ (aq) + SO42-(aq)
2H+ (aq) + 2e →H2(g)
धातुएँ इलेक्ट्रान को ग्रहण करने वाली होती हैं।

(iii) क्लोरीन से अभिक्रिया-अधातुएँ क्लोरीन से अभिक्रिया करके क्लोराइड बनाती हैं। ये सह संयोजी यौगिक के रूप में होती हैं जो सामान्यतया वाष्पशील द्रव या गैस होती हैं।
P4(s) + 6Cl2(g) → 4PCl3(g) (फॉस्फोरस ट्राइक्लोराइड)

(iv) हाइड्रोजन से अभिक्रिया-अधातुएँ हाइड्रोजन से क्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

प्रश्न 5.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखकर व्याख्या कीजिए कि क्या होता है जब-
(i) मरक्यूरिक ऑक्साइड को गरम किया जाता है।
(ii) क्यूप्रस ऑक्साइड और क्यूप्रस सल्फाइड के मिश्रण को गरम किया जाता है।
(iii) ऐलुमिनियम की मैंगनीज डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करायी जाती है।
(iv) फेरिक ऑक्साइड को ऐलुमिनियम के साथ अपचयित किया जाता है।
(v) जिंक कार्बोनेट का निस्तापन होता है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) जब मरक्यूरिक ऑक्साइड को 300 °C पर गरम किया जाता है तो यह विघटित हो जाती है तथा पारा धातु (Hg) प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11

(ii) क्यूप्रस ऑक्साइड और क्यूप्रस सल्फाइड के मिश्रण को जब ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम किया जाता है तो ताँबा धातु और सल्फर डाइऑक्साइड गैस प्राप्त होते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

(iii) जब ऐलुमिनियम की मैंगनीज डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करायी जाती है तो MnO, का अपचयन होता है तथा Mn धातु प्राप्त होती है। A1 धातु एक अपचायक का कार्य करता है।
3MnO2(s) + 4AI(s) →3Mn(1) + 2Al2O3 (s)

(iv) फेरिक ऑक्साइड को जब ऐलुमिनियम के साथ अपचयित किया जाता है तो Fe2O3, का अपचयन होता है तथा पिघला हुआ तरल Fe (लोहा) धातु प्राप्त होती है।
Fe2O3 (s) + 2Al(s) → 2Fe(l) + Al2O3 (s)

(v) जिंक कार्बोनेट की विस्थापन अभिक्रिया से कार्बोनेट अयस्क, जिंक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13

प्रश्न 6.
(i) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा मैग्नीशियम क्लोराइड में आबन्ध बनना दर्शाइए तथा इस यौगिक में उपस्थित आयनों की पहचान कीजिए।
(ii) आयनी यौगिक ठोस होते हैं। इसका कारण दीजिए।
(iii) किसी धातु पर भाप की क्रिया को दर्शाने के लिए प्रायोगिक व्यवस्था का नामांकित आरेख खींचिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 14
(ii) आयनी यौगिकों के विपरीत आवेशित आयन परस्पर – अधिक मात्रा के वैद्युत बल के कारण काफी पास पाए जाते हैं, इसलिए आयनिक यौगिक ठोस होते हैं।
(iii)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 15

प्रश्न 7.
कारण बताइए-
(a) प्लेटिनम, सोना तथा चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम पोटैशियम को केरोसिन तेल के अन्दर . संग्रहित किया जाता है।
उत्तर-
(a) प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये संक्षारित भी नहीं होती। ये धातएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं; इसलिए आभूषणों के विभिन्न डिजाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।
(b) सोडियम एवं पोटैशियम धातु का ज्वलन ताप (Ignition Temperature) अत्यन्त ही कम होता है, वायु के सम्पर्क में आते ही यह आग पकड़ लेता है। सोडियम, पोटैशियम का वायु से सम्पर्क रोकने के लिए सोडियम एवं पोटैशियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 8.
अयस्क किसे कहते हैं? ताँबे के परिष्करण की विद्युत अपघटनी विधि का सचित्र वर्णन करें। (CBSE 2018)
उत्तर-
अयस्क (Ores)-जिन खनिजों में किसी विशेष धातुं की मात्रा अधिक रूप से होती है, जिसे निकालना लाभकारी होता है, उन्हें अयस्क कहते हैं।
तांबे के परिष्करण की विद्युत् अपघटनी विधि-इस विधि में अशुद्ध धातु को ऐनोड बनाते हैं तथा उसी धातु की शुद्ध धातु की पट्टी को कैथोड की तरह प्रयुक्त करते हैं। इन दोनों इलेक्ट्रोडों को एक उपयुक्त वैद्युत अपघटनी विश्लेषित्र में रखते हैं जिसमें उसी धातु का लवण घुला रहता है। अधिक क्षारकीय धातुएँ विलयन में रहती हैं तथा कम क्षारकीय धातुएँ ऐनोड पंक में चली जाती हैं।

उदाहरण-ताँबे का शोधन इस विधि से करते हैं। अशुद्ध कॉपर ऐनोड के रूप में तथा शुद्ध कॉपर पत्ती कैथोड के रूप में लेते हैं। कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन वैद्युत अपघटनी होता है तथा वैद्युत अपघटन के परिणामस्वरूप शुद्ध कॉपर ऐनोड से कैथोड की तरफ स्थानान्तरित हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 16
फफोलेदार कॉपर से अशुद्धियाँ ऐनोड पंक के रूप में जमा होती हैं। इनमें ऐण्टिमनी, सिलीनियम, टेल्यूरियम, चाँदी, सोना तथा प्लैटिनम मुख्य धातुएँ होती हैं। इस विधि से प्राप्त धातु में 99.98% शुद्धता होती है।

प्रश्न 9.
(a) थर्मिट प्रक्रिया किसे कहते हैं? इस प्रक्रिया का उपयोग कहाँ किया जाता है? इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(b) इस प्रक्रिया में उपयोग होने वाली धातु ऐलुमिनियम का, धातु की सक्रियता श्रेणी में स्थान कहाँ पर है?
(c) इस प्रक्रिया में उपचयित तथा अपचयित होने वाले पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(a) जब ऐलुमिनियम धातु को आयरन ऑक्साइड के साथ गर्म करके अभिक्रिया करवाई जाती है तो इसे थर्मिट प्रक्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया में गर्म तरल लोहा धातु प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया का उपयोग रेलवे लाइनों की वैल्डिंग करके मरम्मत करने में किया जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 17
(b) ऐलुमिनियम धातु, धातुओं की सक्रियता श्रेणी में अधिक क्रियाशील श्रेणी में आती है।
(c) इस प्रक्रिया में आयरन ऑक्साइड का अपचयन होता है तथा आयरन (लोहा) धातु प्राप्त होती है। ऐलुमिनियम धातु का उपचयन होता है और उससे Al2O3 प्राप्त होता है।

प्रश्न 10.
कार्बन, सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम के ऑक्साइडों से इनकी निजी धातुओं को अपचयित नहीं कर सकती हैं, क्यों? धातुओं की सक्रियता श्रेणी में इन धातुओं को कहाँ रखा गया है? इन धातुओं को इनके अयस्कों से किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? कोई एक उदाहरण लेकर रासायनिक समीकरणों सहित धातु को निष्कर्षित करने की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम धातुएँ, कार्बन से अधिक क्रियाशील हैं, इसलिए इनके ऑक्साइड कार्बन से अपचयित नहीं हो पाते जिसके कारण ये धातुएँ प्राप्त नहीं हो पाती हैं। इन धातुओं को सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर रखा गया है क्योंकि ये अधिक क्रियाशील धातुएँ हैं। इन धातुओं को इनके अयस्कों से वैद्युत अपचयन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।

ऐलुमिनियम धातु का उसके ऑक्साइड अयस्क से निष्कर्षण करना-एक विशेष प्रकार के विद्युत सैल में तरल ऐलुमिनियम ऑक्साइड में से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इसके अपचयन से हमें ऐलुमिनियम धातु तरल रूप में ऋण टर्मिनल (कैथोड) पर प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 18

प्रश्न 11.
कोई धातु X जिसका उपयोग थर्मिट प्रक्रिया में होता है, ऑक्सीजन में गर्म किए जाने पर कोई ऑक्साइड Y बनाती है जो प्रकृति में उभयधर्मी है। X और Y को पहचानिए। ऑक्साइड Y की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रियाओं के सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब ऐलुमिनियम को ऑक्सीजन में गर्म किया जाता है तो ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है जो प्रकृति में उभयधर्मी है।
4Al2 + 3O2 → 2Al2O3
‘X’ ऐलुमिनियम धातु है।
‘Y’ ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) है।
ऐलुमिनियम ऑक्साइड की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया
Al2O3 + 6HCl → 2Alcl3 + 3H2O ऐलुमिनियम ऑक्साइड की सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया-
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O

प्रश्न 12.
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण कारण सहित लिखिए।
(b) दो ऐसी धातुओं के नाम लिखिए जो पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। वह धातुओं की क्रियामाला में किस स्थान पर स्थित हैं? (c) जो धातु, धातुओं की क्रियामाला में सबसे ऊपर पायी जाती है उन्हें उनके ऑक्साइडों से कार्बन के साथ क्रिया अपचयित करके प्राप्त क्यों नहीं किया जा सकता?
उत्तर-
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण-
(i) इनका गलनांक व क्वथनांक उच्च होता हैं क्योंकि उनके विपरीत आवेशित आयन परस्पर अधिक वैद्युत आकर्षण बल के कारण जुड़े रहते हैं।
(ii) अपने जल के विलयन के रूप में यह विद्युत धारा के सुचालक होते हैं क्योंकि विलयनों के रूप में इनके आयन स्वतन्त्र होकर विद्युत धारा को प्रवाहित कर पाते हैं।
(b) सोना तथा प्लेटिनम धातु पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। ये धातुएँ, धातुओं की क्रियामाला में नीचे की ओर स्थित होती हैं।
(c) इन धातुओं के ऑक्साइड कार्बन के साथ क्रिया करके अपने कार्बाइड यौगिक बनाते हैं, इसलिए इनके ऑक्साइडों का अपचयन कार्बन द्वारा नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 13.
एक धातु M प्रकृति में अपने कार्बोनेट अयस्क के रूप में पाया जाता है। इसका उपयोग लोहे के जस्तीकरण के लिए भी किया जाता है। इस धातु M को पहचानिए तथा इसके इस अयस्क का नाम लिखिए। इस अयस्क से इस धातु को कैसे प्राप्त किया जा सकता है? (CBSE 2018)
उत्तर-
धातु M जस्ता (जिंक) है। इसका संकेत Zn है। इसका कार्बोनेट अयस्क (ZnCO3) है जिसे कैलेमाइन अयस्क कहते हैं।
इस अयस्क से Zn धातु प्राप्त करना-
(i) पहले जिंक कार्बोनेट अयस्क को निस्तापन क्रिया द्वारा जिंक ऑक्साइड यौगिक में बदला जाता है। जब जिंक कार्बोनेट को उच्च ताप पर वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह विघटित होकर जिंक ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19
(ii) अब जिंक ऑक्साइड को कार्बन (कोक) के साथ गर्म करने पर ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है, तथा जिंक धातु प्राप्त हो जाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 20

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. इनमें से सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है-
(a) सीसा
(b) पारा
(c) सोडियम
(d) लोहा।
उत्तर-
(c) सोडियम।

2. निम्न धातुओं में से कौन-सी धातु प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती है –
(a) सोडियम
(b) गोल्ड
(c) पोटैशियम
(d) ऐलुमिनियम।
उत्तर-
(b) गोल्ड।

3. जब धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती हैं तो एक आवाज उत्पन्न होती है। इन धातुओं को कहते हैं –
(a) ध्वनिक
(b) सोनोरस
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) उपर्युक्त दोनों।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

4. कौन-सी धातु ठण्डे या गर्म जल से क्रिया नहीं करती
(a) Na
(b) Ca
(c) Mg
(d) Fe.
उत्तर-
(d) Fe.

5. निम्न में से कौन-सी धातुएँ मुक्त अवस्था में प्रकृति में पायी जाती हैं –
(i) Cu
(ii) Au
(iii) Zn
(iv) Ag
(a) (i), (ii)
(b)(i), (iii)
(c) (ii), (iv)
(d) (iii), (iv).
उत्तर-
(c) (ii), (iv).

6. सोने और प्लैटिनम को गलाने वाले अम्ल का नाम है
(a) सान्द्र HCL
(b) एक्वा-रेजिया
(c) सान्द्र नाइट्रिक अम्ल
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) एक्वा-रेजिया।

7. पृथ्वी की भूपर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में मिलने वाली धातु है –
(a) आयरन
(b) कॉपर
(c) ऐलुमिनियम
(d) मर्करी।
उत्तर-
(c) ऐलुमिनियम।

8. कौन-सी अधातु चमकयुक्त होती है ?
(a) सल्फर
(b) ऑक्सीजन
(c) नाइट्रोजन
(d) आयोडीन।
उत्तर-
(d) आयोडीन।

9. कौन-सी अधातु द्रव अवस्था में होती है –
(a) कार्बन
(b) ब्रोमीन
(c) फॉस्फोरस
(d) सल्फर। .
उत्तर-
(b) ब्रोमीन।

10. ऐलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनने की प्रक्रिया को कहते हैं –
(a) ऐनोडीकरण
(b) कैथोडीकरण
(c) तन्यता
(d) कठोरता।
उत्तर-
(a) ऐनोडीकरण।

11. Fe2O3 + 2Al → 2Fe + Al2O3 + ऊष्मा, इस अभिक्रिया का क्या नाम है-
(a) ऐनोडीकरण
(b) थर्मिट
(c) यशदलेपन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) थर्मिट।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

12.कॉपर को खुला छोड़ देने पर उस पर हरे रंग की परत जम जाती है। इसका कारण है –
(a) CuSO4
(b) CuCO3
(c) Cu(NO3)2
(d)CuO.
उत्तर-
(a) CuSO4

13. यशदलेपन में किस धातु की परत चढ़ाई जाती है –
(a) ताँबा
(b) ऐलुमिनियम
(c) जस्ता.
(d) चाँदी।
उत्तर-
(c) जस्ता।

14. सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर-
(c) भर्जन।

15. कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर-
(a) निस्तापन।

16. अमलगम एक मिश्रातु है जो एक या एक से अधिक धातुओं का –
(a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है |
(b) सोडियम के साथ मिश्रण होता है |
(c) कैल्सियम के साथ मिश्रण होता है |
(d) पोटैशियम के साथ मिश्रण होता है।
उत्तर-
(a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है।

17. निम्न में से उदासीन ऑक्साइड है
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) सल्फर डाइऑक्साइड
(d) सल्फर ट्राइऑक्साइड।
उत्तर-
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड।

18. जंग लगने के लिए
(a) केवल वायु की आवश्यकता होती है
(b) केवल जल की आवश्यकता होती है
(c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है
(d) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता नहीं होती है।
उत्तर-
(c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

19. अयस्क से गैंग को दूर करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) भर्जन
(c) समृद्धीकरण
(d) अपचयन।
उत्तर-
(c) समृद्धीकरण।

20. सीसा एवं टिन की मिश्रातु को कहते हैं
(a) अमलगम
(b) सोल्डर
(c) काँसा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) सोल्डर।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर धातुएँ ……………………………… बनाती हैं।
उत्तर-
क्षारकीय ऑक्साइड,

2. भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्वों या यौगिकों को …………………………….. कहते हैं।
उत्तर-
खनिज,

3. रेल की पटरी और मशीन के पुों की दरारों को …………………………….. द्वारा जोड़ा जाता है।
उत्तर-
थर्मिट अभिक्रिया,

4. सोडियम, मैग्नीशियम तथा ऐलुमिनियम धातुएँ, …………………………….. से अधिक क्रियाशील हैं।
उत्तर-
कार्बन,

5. अधातुएँ ऊष्मा की …………………………….. होती हैं, केवल ग्रेफाइट अधातु ऊष्मा की …………………………….. है।
उत्तर-
कुचालक, सुचालक।

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित कीजिये।

कॉलम (1) (धातु)कॉलम (ii) (धातु के अयस्क)
1. ऐलुमिनियम(a) कैलेमाइन (Calamine)
2. आयरन(b) डोलोमाइट (Dolomite)
3. लेड(c) सिनेबार (Cinnabar)
4. मरकरी(d) हीमेटाइट (Haematite)
5. जिंक(e) गैलेना (Galena)
6. कैल्सियम(f) बॉक्साइट (Bauxite)

उत्तर-

कॉलम (1) (धातु)कॉलम (ii) (धातु के अयस्क)
1. ऐलुमिनियम(f) बॉक्साइट (Bauxite)
2. आयरन (d) हीमेटाइट (Haematite)
3. लेड (e) गैलेना (Galena)
4. मरकरी(c) सिनेबार (Cinnabar)
5. जिंक(a) कैलेमाइन (Calamine)
6. कैल्सियम(b) डोलोमाइट (Dolomite)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 2.
निम्न को समेलित करें –

कॉलम-Iकॉलम-II
1. विद्युत अपघटनी अपचयन(a) एल्युमीनियम
2. कार्बन से अपचयन(b) जिंक
3. एल्युमीनियम से अपचयन(c) सोडियम
(d) आयरन
(e) मैग्नीशियम
(f) क्रोमियम

उत्तर-
1. विद्युत अपघटनी अपचयन → (a) एल्युमीनियम, (c) सोडियम
2. कार्बन से अपचयन → (b) जिंक, (d) आयरन
3. एल्युमीनियम से अपचयन → (e) मैग्नीशियम, (f) क्रोमियम

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अम्लों का लिटमस पर प्रभाव क्या होता है?
उत्तर-
अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।

प्रश्न 2.
लिटमस किस रंग का रंजक है?
उत्तर-
बैंगनी रंग का।

प्रश्न 3.
लिटमस किससे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-
थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (Lichen) पौधे से।

प्रश्न 4.
गंधीय सूचक क्या हैं ?
उत्तर-
जिन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है, उन्हें गंधीय सूचक कहते हैं।

प्रश्न 5.
गंधीय सूचकों के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
बारीक कटी प्याज, लौंग का तेल, तनु वैनीला एसेंस।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
हाइड्रोजन गैस किस प्रकार की ध्वनि से जलती
उत्तर-
फट-फट (Pop sound) की ध्वनि से।

प्रश्न 7.
चूने के पानी में CO2 गैस को प्रवाहित करने से क्या होता है ?
उत्तर-
चूने का पानी दूधिया हो जाता है।

प्रश्न 8.
चूने के पानी से अधिक CO2 गुजारने से चूने के पानी का दूधियापन किस कारण समाप्त हो जाता है ?
उत्तर-
जल में विलयशील Ca(HCO3)2 के कारण।

प्रश्न 9.
अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय प्रकृति के।

प्रश्न 10.
ताँबे के बर्तन में दूध-दही क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर-
ताँबे के बर्तन में दूध-दही रखने पर वे बर्तनों के साथ अम्ल अभिक्रिया करके विषैले यौगिक (लवण) बनाते हैं।

प्रश्न 11.
अम्लों में विद्युत प्रवाह किस कारण होता है?
उत्तर-
आयनों के कारण।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 12.
अधिक आर्द्र गैस को किसकी सहायता से शुष्क किया जाता है ?
उत्तर-
कैल्सियम क्लोराइड की सहायता से।

प्रश्न 13.
हाइड्रोजन आयन को किस रूप में दर्शाया जाता है ?
उत्तर-
H+ (aq) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+)।

प्रश्न 14.
अम्लों को तनु करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
जल में सान्द्र अम्ल को धीरे-धीरे मिलाना चाहिए।

प्रश्न 15.
जल में अम्ल या क्षार घुलने की प्रक्रिया ऊष्माशोषी है या ऊष्माक्षेपी ?
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी।

प्रश्न 16.
तनुकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सान्द्रता (H3O+/OH ) में इकाई आयतन की कमी हो जाती है जिसे तनुकरण कहते हैं।

प्रश्न 17.
अनेक सूचकों के मिश्रण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सार्वत्रिक सूचक।

प्रश्न 18.
हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है ?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) ।

प्रश्न 19.
हमारे शरीर में सबसे कठोर पदार्थ कौन-सा
उत्तर-
दाँतों का इनैमल (कैल्सियम फॉस्फेट)।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 20.
अम्लीय ऑक्साइड के नाम लिखिये जिनके द्वारा अम्लीय वर्षा होती है। (RBSE 2016)
उत्तर-
सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2)।

प्रश्न 21.
अम्ल की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
अम्ल वे यौगिक हैं जो पानी में घुलकर हाइड्रोनियम (H3O+) को उत्पन्न करते हैं।
HCI+H2O → H3O+ + Cl

प्रश्न 22.
क्षार की आधुनिक परिभाषा क्या है?
उत्तर-
वे यौगिक जो पानी में घुलकर OH आयन प्रदान करते हैं, उन्हें क्षार कहते हैं, जैसे
K2O+ H2O → 2K+ + 2OH

प्रश्न 23.
उदासीनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी अम्ल का H+ और क्षार का OH परस्पर मिलकर अनायनित जल अणु तैयार करे, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण के लिए- .
HNO3 +KOH → KNO3 + H2O

प्रश्न 24.
किसी क्षार को जल में मिलाने पर क्या होता
उत्तर-
OH जलीय आयनों की वृद्धि।
pH स्केल (pH-Scale)

प्रश्न 25.
दो संश्लेषित सूचकों के नाम लिखिये। [राज. 2015]
उत्तर-
मेथिल ऑरेंज, फीनॉल्फ्थेलिन।

प्रश्न 26.
जठर रस pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर-
लगभग 1.2.

प्रश्न 27.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर-
लगभग 14.

प्रश्न 28.
हमारा शरीर कितने pH परास के बीच कार्य करता है?
उत्तर-
हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच काम करता है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 29.
किसकी pH अधिक होगी
(i) रक्त अथवा आसुत जल?
(ii) जठर रस अथवा नींबू का रस? [राज. 2015]
उत्तर-
(i) आसुत जल (pH = 7)
(ii) जठर रस (pH = 1.2)

प्रश्न 30.
मुँह में दाँतों का क्षय कब आरम्भ होता है ?
उत्तर-
pH का मान 5.5 से कम हो जाने पर दाँतों का क्षय आरम्भ हो जाता है।

प्रश्न 31.
कोई विलयन ‘X’ pH पत्र पर उसकी कोई बूंद गिराने पर नारंगी रंग देता है, जबकि कोई अन्य विलयन ‘Y’ pH पत्र पर उसकी बूंद गिराने पर हल्का नीला रंग देता है। इन दोनों विलयनों की प्रकृति क्या है? ‘X’ और ‘Y’ विलयनों के pH निर्धारित कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
‘X’ विलयन की प्रकृति अम्लीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर वह नारंगी रंग देता है। ‘X’ विलयन का pH मान 3 से 5 के बीच हो सकता है, तथा यह हल्का अम्लीय है। Y’ विलयन की प्रकृति क्षारीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर यह हल्का नीला रंग देता है। Y’ विलयन का pH मान 8 से 11 के बीच हो सकता है तथा यह हल्का क्षारीय है।

प्रश्न 32.
बेकिंग पॉउडर किसे कहते हैं ?(CBSE 2020)
उत्तर-
मीठा सोडा व टारटेरिक अम्ल के मिश्रण को बेकिंग पाउडर कहते हैं।

प्रश्न 33.
अग्निशमन यन्त्रों में किन रसायनों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन, सोडियम कार्बोनेट व सल्फ्यूरिक अम्ल का ।

प्रश्न 34.
विरंजक चूर्ण किस प्रकार के चूने से तैयार किया जाता है ? _
उत्तर-
विरंजक चूर्ण, बूझे हुए चूने [Ca(OH)2] से तैयार किया जाता है।

प्रश्न 35.
विरंजक चूर्ण को यदि वायु में खुला छोड़ दिया जाए तो क्या होगा?
उत्तर-
वायु के सम्पर्क में आने पर विरंजक चूर्ण अपघटित हो जाता है तथा क्लोरीन मुक्त होती है।

प्रश्न 36.
बिना बुझे हुए चूने का रासायनिक नाम क्या है ?
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड (CaO).

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प्रश्न 37.
विरंजक चूर्ण को पानी में क्यों मिलाया जाता है ?
उत्तर–
पानी को जीवाणुरहित बनाने के लिए।

प्रश्न 38.
प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने के लिए किसे और कितना गर्म करना पड़ता है ?
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस को बनाने के लिए जिप्सम को 373 K तक गर्म किया जाता है।

प्रश्न 39.
धावन सोडा किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
धावन सोडा पारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस आकार का होता है।

प्रश्न 40.
साधारण नमक किससे बनता है ?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) की अभिक्रिया से।

लघु उत्तरीय प्रश्न (ShortAnswer Type Questions)

प्रश्न 1.
अम्लों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर-
अम्लों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद खट्टा होता है।
  • ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
  • ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
  • ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करते हैं।
  • ये क्षारकों के साथ क्रिया करके लवण एवं पानी बनाते हैं।

प्रश्न 2.
क्षारों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर-
क्षारों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्लों के साथ क्रिया करके लवण व पानी बनाते हैं।
  • ये फीनॉल्पथेलीन के घोल को गुलाबी कर देते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित यौगिकों को दुर्बल एवं प्रबल अम्ल एवं क्षारक में वर्गीकृत कीजिए
(i) CH3COOH
(ii) NH4OH
(iii) NaOH
(iv) Ca(OH)2
(v) HCN
(vi) HClO4
(vii) H3PO4
(viii) H2SO4
(ix) HCl.
उत्तर-
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प्रश्न 4.
आपको तीन परखनलियाँ A, B तथा C दी गई हैं। उनमें क्रमशः आसुत जल, एक अम्लीय विलयन तथा एक क्षारीय विलयन डाले गए हैं। आपको केवल नीले लिटमस पत्र की कतरनें दी गई हैं, इससे आप तीनों की पहचान किस प्रकार करेंगे? (CBSE 2016)
उत्तर-

  • सबसे पहले तीनों लिटमस पत्र की कतरनों को प्रत्येक परखनली में डाला।
  • परखनली A में रखा विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है जो यह दर्शाता है कि इस परखनली में रखा विलयन अम्लीय है।
  • यदि शेष दो विलयनों के रंगों में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होता तो इससे स्पष्ट होता है कि किसी एक विलयन में आसुत जल है तथा अन्य में क्षारीय विलयन है।
  • अब परखनली A का लिटमस पत्र जो नीले रंग से लाल में परिवर्तित हो गया था को शेष दो विलयन में बारी-बारी से डाला।
  • यदि परखनली B में रखा विलयन लाल लिटमस पत्र को पुनः नीले रंग में परिवर्तित कर देता है तो इससे स्पष्ट होता हे कि इस परखनली में क्षारीय विलयन है।
  • परखनली C में लाल लिटमस पत्र के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा अतः इस परखनली में आसुत जल है।

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प्रश्न 5.
नेटल पौधे के डंकनुमा बालों के स्पर्श होने के कारण उत्पन्न पीड़ा को इसी के समीप पाये जाने वाले डॉक पौधे की पत्तियों का रस रगड़कर दूर करते हैं। इसका क्या कारण है?
उत्तर-
नेटल के पौधे में मेथेनॉइक अम्ल होता है जो शरीर में पीड़ा पहुँचाता है। चूंकि डॉक की पत्ती के रस की प्रकृति क्षारीय होती है, यह अम्ल के प्रभाव को समाप्त कर देता है और पीड़ा दूर हो जाती है।
pH- स्केल

प्रश्न 6.
लवण विलयनों के pH मान पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण का pH मान 7 होता है एवं ये उदासीन होते हैं। प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण के pH का मान 7 से कम होता है एवं ये अम्लीय होते हैं तथा प्रबल क्षारक एवं दुर्बल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है एवं ये क्षारकीय होते हैं।
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण NaCl, NaSO4, KCl व KNO3, आदि हैं। इन्हें जल में घोलने पर प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक बनाते हैं तथा ये पूरी तरह एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं।
∴ pH=7 .

(b) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक के लवण NH4Cl, BaCl2, ZnSO4 व CuSO4 हैं। प्रबल अम्ल दुर्बल क्षारक को प्रभावित करता है। अतः pH<7.

(c) दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण Na2CO3, CH3COONa आदि हैं। प्रबल क्षारक दुर्बल अम्ल को प्रभावित करता है। अतः pH>7
(d) दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण COONH4 का विलयन लगभग उदासीन होता है।
∴ pH = 7 (लगभग)

प्रश्न 7.
उन अम्लों एवं क्षारकों की पहचान कीजिए जिनसे सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनता है। अपने उत्तर के समर्थन में रासायनिक समीकरण लिखिए। उल्लेख कीजिए कि क्या यह यौगिक अम्लीय अथवा बारीय अथवा उदासीन है। इसका pH मान भी लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट; दुर्बल कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) तथा प्रबल सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) के क्षार से बनता है।
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यह यौगिक एक क्षारीय यौगिक है क्योंकि यह प्रबल क्षार NaOH से बनता है। इसका pH मान 7 से थोड़ा सा अधिक है।

प्रश्न 8.
pH स्केल किसे कहते हैं? स्पष्ट करो कि मुँह का pH परिवर्तन दन्तक्षय का कारण है। (RBSE 2016)
उत्तर-
किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने हेतु एक स्केल विकसित किया गया है जिसे pH स्केल कहते हैं। . मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का इनैमल (दन्तवल्क) संक्षारित होने लगता है। दाँतों का इनमल कैल्सियम फॉस्फेट से बना होता है जोकि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात् मुँह में अवशिष्ट शर्करा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 9.
अम्ल एवं क्षारक की शक्ति किस पर निर्भर करती है? प्रबल एवं दुर्बल अम्ल क्या हैं?
उत्तर-
अम्ल एवं क्षारक की शक्ति विलयन में क्रमश: (H+) आयन तथा (OH) आयन की संख्या पर निर्भर करती है। अधिक संख्या में + आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं। कम संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
धावन सोडा, जलीय विलयन में अम्लीय अथवा क्षारीय कैसे होता है ?
उत्तर-
धावन सोडा आसानी से पानी में घुल जाता है, इससे क्षारीय घोल बनता है। इसकी जाँच के लिए यदि लाल लिटमस के घोल में इसे डाला जाए तो वह नीले रंग का हो जाता है अतः धावन सोडा का घोल क्षारीय होता है।

प्रश्न 11.
खाने के सोडा के दो महत्त्वपूर्ण गुणधर्म दीजिए।
उत्तर-
खाने का सोडा सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस है जो पानी के साथ क्षारीय घोल बनाता है तथा गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट में बदल जाता है एवं CO2, गैस उत्पन्न होती है।
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प्रश्न 12.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र एवं इसकी जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया को लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र CaSO4.\(1 / 2\)H2O है। प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफेद चूर्ण है . जो जल में मिलाने पर यह पुनः जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ प्रदान करता है।
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प्रश्न 13.
उत्फुल्लन (Eflorescence) की प्रक्रिया क्या है? एक ऐसे यौगिक का नाम लिखिए जो उत्फुल्लन की क्रिया दर्शाता हो, अभिक्रिया भी लिखें।
उत्तर-
सोडियम कार्बोनेट को जब वायु में खुला छोड़ देने हैं तो सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3, 10H2O) से जल के 9 अणु निकल जाते हैं, यह एकल हाइड्रेट (Na2CO3, H2O) के रूप में शेष रहता है। गर्म करने पर यह अपने सारे क्रिस्टलीय जल को खो देता है तथा Na2CO3, के रूप में शेष रहता है। अतः हवा में खुला रखने पर यौगिक में से जल के अणु की स्वतः मुक्त हो जाने की प्रक्रिया उत्फुल्लन (Efflorescence) कहलाती है।

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प्रश्न 14.
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और सन्तुलित कीजिये
(i) NaOH (aq) +Zn (s) →
(ii) CaCO3(s)+H20(l) +CO2(g) →
(iii) HCl(aq) + H2O(l)
अथवा
लवण जल (ब्राइन) के विद्युत अपघटन के समय एनोड पर कोई गैस ‘G’ मुक्त होती है। जब इस गैस ‘G’ को बुझे हुए चूने से प्रवाहित किया जाता है, तो कोई यौगिक ‘C’ बनता है जिसका उपयोग पीने के जल को जीवाणुओं से मुक्त करने के लिए किया जाता है।
(i) ‘G’ और ‘C’ के सूत्र लिखिए।
(ii) होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(iii). यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम क्या है? इसका रासायनिक नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
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अथवा
(i) G का सूत्र = Cl2(क्लोरीन गैस) \
C का सूत्र = CaoCl2
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(iii) यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम विरंजक चूर्ण है।
यौगिक ‘C’ का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड है।

प्रश्न 15.
क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पादों की सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक उत्पाद का एक महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
अथवा
सोडियम कार्बोनेट से धोने का सोडा किस प्रकार बनाया जाता है? इसका रासायनिक समीकरण लिखिए। इस लवण के प्रकार का उल्लेख कीजिए। यह जल की जिस प्रकार की कठोरता को दूर करता है, उसका नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पाद –
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कास्टिक सोडा) NaOH उपयोग-इसका उपयोग साबुन तथा अपमार्जक बनाने में किया जाता है।
(ii) क्लोरीन गैस (Cl2) उपयोग-इसका उपयोग पी.वी.सी. यौगिक (एक प्रकार का प्लास्टिक) बनाने में किया जाता है।
(iii) हाइड्रोजन गैस (H2) उपयोग-इसका उपयोग राकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
अथवा
निर्जल सोडियम कार्बोनेटं को पानी के साथ गर्म करके क्रिस्टलन विधि द्वारा, धोने का सोडा बनाया जाता है।
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धावन सोडा एक क्षारीय लवण है। यह जल की स्थायी कठोरता दूर करता है।

प्रश्न 16.
सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होने वाला कोईलवण ‘P’ गर्म किए जाने पर किसी अन्य लवण ‘0’ में परिवर्तित हो जाता है जिसका उपयोग जल की
कठोरता को दूर करने में किया जाता है तथा कोई गैस ‘R’ – उत्सर्जित होती है। इस गैस ‘R’ को ताजा बने चूने के पानी में से प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है। ‘P’, ‘Q’ और ‘R’ को पहचानिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए रासायनिक समीकरण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
जब बेकिंग सोडा (NaHCO) को जल के साथ गर्म किया जाता है या मिलाया जाता है तो निम्नलिखित अभिक्रिया प्राप्त होती है।
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सोडियम कार्बोनेट को जल की कठोरता दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। उत्सर्जित गैस कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
अतः लवण ‘P’ बेकिंग सोडा (NaHCO3) है।
लवण ‘Q’ सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) है जिसका प्रयोग जल की कठोरता को दूर करने के लिए किया जाता गैस ‘R’ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 17.
टूटी हड्डियों को सहारा देने के लिए डॉक्टर किसी श्वेत पाउडर का उपयोग करते हैं।
(a) इस पाउडर का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए।
(b) इस पाउडर को किस प्रकार बनाया जाता है।
(c) जब इस श्वेत पाउडर को पानी के साथ गूंथा जाता है, तो एक कठोर ठोस पिण्ड प्राप्त होता है। इस परिवर्तन के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(d) इस श्वेत पाउडर का कोई एक और उपयोग ‘लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) पाउडर का नाम-कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट, रासायनिक सूत्र- CaSO4\(\frac{1}{2} \) H2O
(b) जिप्सम को 100° (373 K) पर गर्म करके इस पाउडर को तैयार किया जाता है।
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(d) इसका उपयोग घर के अन्दर की दीवारों तथा छत की सतह को समतल व सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।

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प्रश्न 18.
दो परखनलियों A और B जिनमें क्रमशः तनु HCIऔर NaOH विलयन भरे हैं, में नीले लिटमस का विलयन मिलाया गया है। इनमें से किस परखनली के रंग में परिवर्तन दिखाई देगा? इस रंग परिवर्तन का उल्लेख कीजिए और इसका कारण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
परखनली A में नीले लिटमस के विलयन का रंग लाल हो जाएगा क्योंकि इस परखनली में तनु HCl अम्ल है। अम्ल नीले लिटमस को लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं | HCl एक प्रबल अम्ल है। इसी कारण इसे किसी विलयन में मिलाने पर H+ आयन की सांद्रता बढ़ जाती है जिससे pH मान कम हो जाता है।

प्रश्न 19.
पकौड़ों को स्वादिष्ट और खस्ता बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी लवण का pH मान 9 है। इस लवण को पहचानिए तथा इसके निर्माण के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। (CBSE 2018)
उत्तर-
पकौड़ों को स्वादिष्ट तथा खस्ता बनाने के लिए बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण (NaHCO3) का उपयोग किया जाता है। लवण के निर्माण का रासायनिक समीकरण- .
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
इस लवण के दो उपयोग

  • इसका उपयोग, धावन सोडा के निर्माण में किया जाता है।
  • इसका उपयोग आग बुझाने के संयंत्र में किया जाता है।

प्रश्न 20.
एसीटिक अम्ल को जब एक परखनली में लिखे गये सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के पाउडर पर डालते हैं तो तेज बुलबुलों के साथ एक गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए, तथा इस गैस को पहचानने के लिए एक प्रयोग लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर-
उत्पन्न होने वाली गैस CO2 है। जब CO2 गैस को चूने के पानी में से गुजारते हैं तो यह दूधिया हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

प्रश्न 21.
उस समय आप क्या प्रेक्षण करते हैं जब आप एसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें उस परखनली में मिलाते हैं जिसमें भरा है
(i) फिनॉल्पथैलिन
(ii) आसुत जल
(iii) सार्वत्रिक सूचक
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) फिनॉल्फ्थैलिन रंगहीन रहता है, क्योंकि फिनॉल्पथैलिन अम्ल क्षारीय पदार्थों के साथ रंग में परिवर्तन • दर्शाता है।
(ii) आसुत जल में ऐसीटिक अम्ल घुल जाता है।
(iii) सार्वत्रिक सूचक नारंगी रूप में बदल जाता है।
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण रंगहीन हो जाता
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी अम्ल और किसी क्षार के बीच प्रमुख अन्तर लिखिए।
उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से पद उदासीनीकरण की व्याख्या कीजिए तथा-
(i) अम्लीय
(ii) क्षारीय और
(iii) उदासीन लवणों का बनना स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं। ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। इनका pH मान 7 से कम होता है। क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। इनका pH मान 7 से अधिक होता है। जब अम्ल क्षार के साथ क्रिया करके लवण तथा जल बनाता है तो इन दोनों के बीच होने वाली इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण क्रिया कहते हैं। सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिखा जा सकता है- .
क्षार + अम्ल → लवण + जल
उदाहरण –
NaOH (aq) + HCI (aq) →NaCl (aq) + H2O (l)

(i) जब एक प्रबल अम्ल एक दुर्बल क्षार से अभिक्रिया करता है, तो बनने वाला लवण अम्लीय लवण होता है।
उदाहरण:
H2SO4+Cuo → CuSO4+ H2O

(ii) जब एक दुर्बल अम्ल एक अधिक प्रबल. क्षार से अभिक्रिया करता है तो बनने वाला लवण क्षारीय लवण होता है।
उदाहरण:
NaOH+CH3COOH → CH3COONa + H2O

(iii) जब एक प्रबल अम्ल एक प्रबल क्षार से अभिक्रिया करता है तो बनने वाला लवण उदासीन लवण होता है। उदाहरण ::… .
NaOH + HCl → NaCl+ H2O

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित लवणों के रासायनिक सूत्र लिखिए
(i) सोडियम सल्फेट ।
(ii) कैल्सियम सल्फेट
(iii) कॉपर सल्फेट
(iv) सोडियम क्लोराइड
(v) सोडियम नाइट्रेट
(vi) सोडियम कार्बोनेट
(vii) अमोनियम क्लोराइड
(viii) पोटैशियम सल्फेट।
उत्तर-

लवण कारासायनिक सूत्र
(i)  सोडियमा सल्फेटNa2SO4
(ii) कैल्सियम सल्फेटCaSO4
(iii) कॉपर सल्फेटCuSO4
(iv) सोडियम क्लोराइडNacl
(v) सोडियम नाइट्रेट ,NaNO3,
(vi) सोडियम कार्बोनेटNaNO3
(vii) अमोनियम क्लोराइडNa2CO3
(vii) पोटैशियम सल्फेटK2SO4

प्रश्न 3.
केवल रासायनिक समीकरण लिखिए –
(i) बुझे हुए चूने के साथ क्लोरीन क्रिया करती है।
(ii) विरंजक चूर्ण की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करायी जाती है।
(iii) जिप्सम को 373 K ताप पर गर्म किया जाता है।
(iv) चूने में पानी डाला जाता है।
(v) धावन सोडा को वायु में रखा जाता है।
उत्तर –
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प्रश्न 4.
क्षारक क्या हैं? क्षारकों के गुण तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जल में विलेय होने पर जो यौगिक हाइड्रॉक्साइड आयन उत्पन्न करते हैं, क्षार कहलाते हैं; जैसे-सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)]2 आदि। सभी क्षारकों को क्षार नहीं कहा जा सकता परन्तु सभी क्षार, क्षारक होते हैं। क्षारकों का एक उदाहरण ऐन्टैसिड है जोकि ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड तथा मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड से बनता है।

मसालेदार तला भुना हुआ भोजन अधिक मात्रा में ग्रहण कर लेने पर आमाशय में अम्लता बढ़ जाती है जिसे ऐन्टैसिड के द्वारा दूर किया जाता है। क्षारकों के सामान्य गुण-क्षारकों का स्वाद तीखा एवं कड़वा होता है, स्पर्श चिकना होता है तथा प्रबल क्षार त्वचा पर संक्षारक प्रभाव डालता है। सूचकों पर इनकी क्रिया निम्न प्रकार होती है-

  • लाल लिटमस को नीला कर देता है तथा नीले लिटमस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • फिनॉल्पथेलीन तथा हल्दी के विलयन में क्षार मिलाने पर वह लाल रंग के हो जाते हैं एवं मेथिल ऑरेंज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • क्षारक गर्म करने पर जल उत्पन्न करते हैं तथा ऑक्साइड बनाते हैं।

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अम्लों के साथ क्षारक अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं। अम्ल तथा क्षारकों के बीच यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।

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क्षारकों के जलीय विलयन हाइड्रॉक्साइड (OH) देते हैं, प्रबल क्षारक जल में पूर्णतया विघटित हो जाते हैं, जबकि तनु क्षारक कम मात्रा में विघटित होते हैं।

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उपयोग-क्षारकों को विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है, जैसे-ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग वस्त्र उद्योग तथा ऐन्टैसिड बनाने में, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग क्लीनिंग एजेण्ट तथा अमोनियम लवण बनाने में, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का प्रयोग सफेदी, ब्लीचिंग पाउडर, चमड़ा उद्योग, खारे जल के शोधन आदि में तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग, साबुन, रेयान, कागज आदि उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 5.
(i) हाइड्रोजन आयन [H+] की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ii) अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल को जल में मिलाया जाता है न कि जल को अम्ल में। कारण दीजिये।
(iii) संतरा और इमली में पाये जाने वाले अम्लों के नाम लिखिए।
(iv) क्लोर-क्षार प्रक्रिया किसे कहते हैं। (CBSE, RBSE 2017)
उत्तर-
(i) H+(aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। H+(aq) की जितनी सान्द्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगा। जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता।

(ii) जल में घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आसफलित होकर बाहर आ सकता है। इससे स्थानीय ताप बढ़ जाता है, जिसके कारण उपयोग किया जाने वाला काँच का पात्र भी टूट सकता है।

(iii) संतरा-सिट्रिक अम्ल
इमली-टार्टरिक अम्ल

(iv) सोडियम नोराइड के जलीय विलयन (लवण जल) में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है, इसे क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं।
2NaCl(aq) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + Cl2 (g) + H2 (g)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने में प्रयुक्त स्केल का नाम लिखिये। अम्लीय वर्षा का कारण व इसके दो कुप्रभावों को लिखिए।
उत्तर-
हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने में pH-स्केल प्रयुक्त किया जाता है। वर्षा के जल की pH मान 5.6 से कम हो जाती है तो वह अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहलाती है।

अम्लीय वर्षा के कुप्रभाव-

  1. अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता है तो नदी के जल के pH का मान कम हो जाता है। ऐसी नदी में जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है।
  2. अम्लीय वर्षा के कारण संगमरमर से बना ताजमहल काला पड़ने लगा है क्योंकि कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) वर्षा में उपस्थित अम्ल से क्रिया कर लेता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. विलयन में किस आयन के निर्माण के कारण पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है-
(a) H+
(b) Cl
(c) OH
(d) SO4-2
उत्तर-
(a) H+.

2. हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है –
(a) H2SO4
(b) HNO3
(c) HCl
(d)NaOH.
उत्तर-
(c) HCl.

3. अम्ल –
(a) का स्वाद कड़वा होता है
(b) लाल लिटमस को नीला करता है
(c) कार्बोनेट को विघटित करता है
(d) का स्पर्श फिसलने वाला होता है।
उत्तर-
(c) कार्बोनेट को विघटित्त करता है।

4. तनु अम्ल से अभिक्रिया कर कौन-सा पदार्थ CO2 उत्पन्न नहीं करेगा –
(a) संगमरमर
(b) चूना
(c) चूना पत्थर
(d) मीठा सोडा।
उत्तर-
(b) चूना।

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5. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के जलीय विलयन में उपस्थित है –
(a) H3O+ + Cl
(b) Cl+OH
(c) अनायनित HCl
(d) H3O+ + OH
उत्तर-
(b) Cl+OH.

6. निम्न में से कौन-सा क्षार नहीं है-
(a)NaOH
(b) KOH
(c)NH4OH
(d) C2H5OH.
उत्तर-
(d) C2H5OH.

7. जब पानी में थोड़ी मात्रा में किसी अम्ल को मिलाते हैं तो होने वाली परिघटनाएँ हैं –
(A) तनुकरण
(B) उदासीनीकरण
(C) H3O+ आयन बनना
(D) लवण निर्मित होना
इनमें से सही कथन है-
(a)A और C
(b)B और D
(c) A और B
(d) C और D
उत्तर-
(a) A और C

8. वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, कहलाते हैं –
(a) गंधीय सूचक
(b) संश्लेषित सूचक
(c) लिटमस
(d) ये सभी सूचक।
उत्तर-
(a) गंधीय सूचक।

9. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है, यह क्रिया है-
(a) जल-अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन।
उत्तर-
(c) उदासीनीकरण।

10. किसी विलयन की pH किसकी माप है
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सान्द्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) दोनों (a) व (b).

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11. रक्त का pH मान है-
(a) 0
(b) 2
(c) 4
(d) 7.4.
उत्तर-
(d) 7.4.

12. pH चार्ट के अन्तिम सिरों पर दिखने वाले दो रंग हैं
(a) लाल और नीला
(b) लाल तथा हरा
(c) हरा और लाल
(d) नारंगी तथा हरा (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) लाल और नीला।

13. चार छात्र A,B,C,D जल,नींबू पानी तथा तनुसोडियम बाइकार्बोनेट के विलयनों का pH निकालते हैं। उन्होंने प्रेक्षणों द्वारा प्राप्त pH के नामों को अवरोही क्रम में इस प्रकार व्यवस्थित किया विलयन
A . जल, नींबू पानी, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन जल, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, नींबू पानी – नींबू पानी, जल, सोडियम बाइकार्बोनेट
विलयन D
सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, जल,
नींबू पानी छात्र द्वारा सही क्रम है
(CBSE 2016)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
उत्तर-
(d) D

14. आपके विद्यालय के आस-पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिए गए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर, वह उसे कठोर जल बना देगा –
(a) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड
(b) पौटेशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड
(c) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड (CBSE 2016)
उत्तर-
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड

15. कोई छात्र 25 mL धारिता की चार परखनलियों P, Q, R और S लेकर प्रत्येक परखनली में 10 mL आसुत जल भरता है। वह इन परखनलियों में चार भिन्न लवणों का एक-एक चम्मच इस प्रकार मिलाता है-P में KCl; Q में NaCl; Rमें CaCl, तथा S में MgCl, I तत्पश्चात वह प्रत्येक परखनली में साबुन के विलयन के नमूने का लगभग 2 ml डालता है। प्रत्येक परखनली के पदार्थों की भली-भाँति हिलाने पर उसे जिन परखनलियों में भरपूर झाग मिलने की सम्भावना है, वे परखनलियाँ हैं-
(a) P और Q
(b) R और S
(c) P, Q और R
(d) P, Q और S (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) P और Q

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. चूना-पत्थर, खड़िया और संगमरमर ………………….. के विभिन्न रूप हैं।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. जलीय कॉपर सल्फेट का सूत्र ………………….. है।
उत्तर-
CuSO4.5H2O,

3. जिप्सम का सूत्र ………………….. है।
उत्तर-
CaSO4 . 2H2O,

4. क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में ………………….. उत्सर्जित करते हैं।
उत्तर-
हाइड्रॉक्साइड आयन (OH),

5. वर्षा के जल की pH मान 5.6 से कम हो जाता है तो वह ………………….. कहलाती है।
उत्तर-
अम्लीय वर्षा।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

सुमेलन संबंधी प्रश्न (Matrix Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्न को सुमेलित करें

AB
(1) जिप्सम(a) CaoCl2
(2) बेकिंग सोडा(b) MgSO4.7H2O
(3) ब्लीचिंग पाउडर(c) CasO4. \(\frac{1}{2}\)H2O
(4) एप्सम लवण(d) CaO
(5) बिना बुझा हुआ चूना(e) CaSO4.2H2O
(6) प्लास्टर ऑफ पेरिस(f) NaHCO3,

उत्तर-

AB
(1) जिप्सम(e) CaSO4.2H2O
(2) बेकिंग सोडा(f) NaHCO3,
(3) ब्लीचिंग पाउडर(a) CaoCl2
(4) एप्सम लवण(b) MgSO4.7H2O
(5) बिना बुझा हुआ चूना(c) CasO4. \(\frac{1}{2}\)H2O
(6) प्लास्टर ऑफ पेरिस(d) CaO

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HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Veryshort Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
द्रव्यमान के संरक्षण नियम को लिखिए।
उत्तर-
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश, यही द्रव्यमान के संरक्षण का नियम है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है ?
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रिया के पहले और उसके पश्चात् प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या यदि समान रहती है तो उसे सन्तुलित समीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3.
जल के निर्माण के लिए संयोजन अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
2H2 (g) + O2 (g) → 2H2O (l)

प्रश्न 4.
2Mg + O2 →? उपरोक्त अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए। (RBSE 2017)
उत्तर-
2Mg +O2 → 2MgO

प्रश्न 5.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1
उपर्युक्त अभिक्रिया का प्रयोग कहाँ होता है ?
उत्तर-
श्वेत-श्याम फोटोग्राफी में।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 6.
संक्षारण के कारण चाँदी व ताँबे पर कैसे रंग की परत चढ़ जाती है?
उत्तर-
चाँदी पर-काली तथा ताँबे पर-हरी।

प्रश्न 7.
क्यूप्रिक सल्फेट विलयन में लोहे का टुकड़ा डालने पर किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया होती है ?
उत्तर-
प्रतिस्थापन अभिक्रिया
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 2

प्रश्न 8.
दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है
Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
उत्तर-
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 9.
जंग लगने के लिए आवश्यक कारक कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर-

  • धातु की खुली सतह,
  • ऑक्सीजन की उपस्थिति,
  • नमी की उपस्थिति।

प्रश्न 10.
भोजन के पाचन में किस प्रकार की अभिक्रिया होती है ?
उत्तर-
भोजन के पाचन में वियोजन अभिक्रिया होती है।

‘प्रश्न 11.
रेडॉक्स अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
MnO2 +4HCl → MnCl2 + 2H2O+Cl2

प्रश्न 12.
फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों को गर्म करने पर होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3

प्रश्न 13.
प्राकृतिक गैस का दहन करने पर क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
CO2, H2O और ऊर्जा।

प्रश्न 14.
जंग क्या है ? इसका सूत्र लिखिए।
उत्तर-
जंग मुख्यतः हाइड्रेटेड आयरन (HI) ऑक्साइड (Fe2O3,xH2O) है।

प्रश्न 15.
उस अभिक्रिया का नाम बताइए जिसमें अविलेय लवण प्राप्त होता है?
उत्तर-
अवक्षेपण अभिक्रिया।

प्रश्न 16.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 4
उत्तर-
आयनिक वियोजन (क्योंकि यौगिक आयनों में अपघटित हो रहा है)

प्रश्न 17.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 5
उत्तर-
योगात्मक अभिक्रिया (क्योंकि दो यौगिकों का संयोजन हो रहा है)।

प्रश्न 18.
CH4 + Cl2 →CH3Cl + HCI
उत्तर-
प्रतिस्थापन अभिक्रिया (क्योंकि इसमें एक परमाणु दूसरे के द्वारा विस्थापित हो रहा है)।

प्रश्न 19.
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
उत्तर-
ऊष्मीय वियोजन (क्योंकि इसमें NH4Cl गर्म करने पर विघटित हो रहा है)।

प्रश्न 20.
NH4Cl ⇌ NH4+ + Cl
उत्तर-
आयनिक वियोजन अभिक्रिया (क्योंकि NH4Cl का आयनों में वियोजन हो रहा है)।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक अभिक्रियाओं के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रियाओं के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-

  • भोजन पकाना,
  • अंगूर का किण्वन,
  • श्वसन क्रिया,
  • शरीर द्वारा भोजन को पचाना,
  • गर्मियों में कमरे के ताप पर दूध का फट जाना।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और संतुलित कीजिए
(i) NaOH(aq) +Zn(s)
(ii) CaCO3(s) +H2O(l) +CO2(g) →
(iii) HCl(aq) +H2O → (CBSE 2020)
उत्तर –
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7

प्रश्न 3.
निम्नलिखित समीकरणों को सन्तुलित कीजिए
(i) H2SO4 (aq) + NaOH (ag) →NaSO4 (aq) +H2O(l)
(ii) Ba(OH)2 (aq) + HBr (aq) → BaBr2 (aq) +H2O(l)
(iii) BaCl2 (aq) +Al2(SO4)3 (aq) → AlCl3 (aq) + BaSO4(↓)
(iv) Pb(NO3)2 (aq) + Fe2(SO4)3 (aq) → Fe(NO3)3 (aq) + PbSO4,(↓)
(v) CH4 (g) + O2 (g) →CO2 (g) + H2O(l)
उत्तर-
(i) H2SO4 (aq) + 2NaOH (ag) →Na2SO4 (aq) +2H2O(l)
(ii) Ba(OH)2 (aq) + 2HBr (aq) → BaBr2 (aq) + 2H2O(l)
(iii) 3BaCl2 (aq) +Al2(SO4)3 (aq) → 2AlCl3 (aq) + 3BaSO4(↓)
(iv) 3Pb(NO3)2 (aq) + Fe2(SO4)3 (aq) → 2Fe(NO3)3 (aq) + 3PbSO4(↓)
(v) CH4 (g) + 2O2 (g) → CO2 (g) + 2H2O(l)

प्रश्न 4.
जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल से क्रिया पर गैस X बनती है|
(i) गैस X का नाम दीजिए।
(ii) अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(iii) गैस X की पहचान कैसे करेंगे ? [राज. 2015]
उत्तर-
(i) गैस X = H2, गैस
(ii) Zn + H2SO4 →ZnSO4 +H2
(iii) जब जलती हुई मोमबत्ती को हाइड्रोजन गैस के पास ले जाते हैं, तो यह फट-फट की ध्वनि के साथ जलती गर्म करने पर है|

प्रश्न 5.
किसी चायना डिश में 1 ग्राम कॉपर चूर्ण को लेकर गर्म किया गया। इसे गर्म करने पर क्या परिवर्तन होते हैं? क्या गर्म पदार्थ पर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने पर इसमें कोई दिखाई देने योग्य परिवर्तन होता है? प्रत्येक प्रकरण में बनने वाले पदार्थों के नाम और रंग तथा होने वाली अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-
कॉपर चूर्ण गर्म करने पर ठोस काले रंग के कॉपर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। ” कॉपर ऑक्साइड में H2 गैस प्रवाहित करने पर पुन: भूरे रंग की कॉपर धातु प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 8

प्रश्न 6.
किसी चायना डिश में 2g सिल्वर क्लोराइड लेकर उसे कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है। इस प्रकरण में आप क्या प्रेक्षण करेंगे? होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण दीजिये। इस रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार को पहचानकर लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
चायना डिश में रखे सिल्वर क्लोराइड का विघटन हो जायेगा तथा चमकदार सिल्वर प्राप्त होगी।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

प्रश्न 7.
प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए। ‘
उत्तर-
वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें प्रकाश का अवशोषण होता है, प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। ये अभिक्रियाएँ प्रकाश की उपस्थिति में ही होती हैं।
उदाहरण के लिए-
(i) प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हरे पौधे जल व CO2 की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10
(ii) H2 तथा Cl2 की क्रिया द्वारा HCl का बनना।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 8.
दिखाई देने वाले रंग में होने वाले परिवर्तन का उल्लेख कारण सहित कीजिए जबकि-
(i) सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में खुला रखा जाता है।
(ii) ऑक्सीजन की उपस्थिति में कॉपर के चूर्ण को अत्यधिक गर्म किया जाता है।
(iii) कॉपर सल्फेट विलयन में जिंक का टुकड़ा गिराया जाता है। (CBSE 2020)
उत्तर-
(i) जब सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में खुला रखा जाता है तो चमकदार सफेद चाँदी प्राप्त होती है। यह एक विघटन अभिक्रिया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12
(ii) कॉपर चूर्ण का भूरा रंग काले रंग वाले कॉपर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
2Cu(s)+O2(g) →2CuO(s) कॉपर (II) ऑक्साइड (काला)

(iii) नीले रंग का कॉपर सल्फेट विलयन, रंगहीन जिंक सल्फेट में बदल जाता है तथा जिंक के टुकड़े पर कुछ मात्रा में भूरे रंग का कॉपर धातु जमा हो जाता है। यह एक प्रतिस्थापन अभिक्रिया है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13

प्रश्न 9.
नीचे दी गई प्रत्येक अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए तथा प्रत्येक अभिक्रिया के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण भी लिखिए-
(i) वह अभिक्रिया जिसमें मिश्रण गरम हो जाता है।
(ii) वह अभिक्रिया जिसमें कोई अविलेय पदार्थ बनता है। [CBSE 2020]
उत्तर-
(i) ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया _
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(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया
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प्रश्न 10.
CuO+H2O →Cu+H2O अभिक्रिया में कारण सहित बताइए [राज. 2015]
(i) उपचयित पदार्थ
(ii) अपचयित पदार्थ
(iii) उपचायक पदार्थ
(iv) अपचायक पदार्थ।
उत्तर-
(i) H2, उपचयित पदार्थ है क्योंकि हाइड्रोजन में ऑक्सीजन का संयोग हो रहा है।
(ii) अपचयित पदार्थ Cuo है क्योंकि ऑक्सीजन, कॉपर ऑक्साइड में से निष्कासित हो रही है।
(iii) Cuo उपचायक पदार्थ है क्योंकि Cuo हाइड्रोजन के उपचयन हेतु आवश्यक ऑक्सीजन दे रहा है।
(iv) H3 अपचायक पदार्थ है क्योंकि हाइड्रोजन, कॉपर . ऑक्साइड के निष्कासन के लिए उत्तरदायी है।

प्रश्न 11.
(a) निम्नलिखित अभिक्रियाओं का विभिन्न प्रकारों में वर्गीकरण कीजिए
(i) AgNO3(aq) + NaCl(aq) →AgCI(s) +NaNO3(aq)
(ii) Cao(s) + H2O → Ca(OH)2(aq)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 16
(iv) Zn + CuSO4 → ZnSO4 +Cu
(b) निम्नलिखित कथन को सन्तुलित रासायनिक समीकरण के रूप में रूपान्तरित कीजिए – “बेरियम क्लोराइड, ऐल्युमिनियम सल्फेट से अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम क्लोराइड और बेरियम सल्फेट बनाता है।” (CBSE 2019)
उत्तर-
(a)
(i) द्विविस्थापन अभिक्रिया,
(ii) संयोजन अभिक्रिया,
(iii) अपघटन अभिक्रिया,
(iv) विस्थापन अभिक्रिया।

(b)
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प्रश्न 12.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को संयोजन, वियोजन, विस्थापन तथा द्विविस्थापन के रूप में वर्गीकृत कीजिए
(i)2KClO3 (s) →2KCl(s) +3O2,(g)
(ii) 2KNO3 (s) → 2KNO2 (s) +O2(g)
(iii) MgO (s)+C(s) →CO (g)+Mg(s)
(iv) Zn (s) + 2HCl(aq) →ZnCl2 (aq) + H2(g)
(v) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn(NO3)2 (aq) +2Ag(s)
उत्तर-
(i) वियोजन अभिक्रिया,
(ii) वियोजन अभिक्रिया,
(iii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(iv) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(v) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 13.
जब किसी परखनली में लेड (II) नाइट्रेट का विलयन लेकर उसमें पौटेशियम आयोडाइड का विलयन मिलाते हैं, तो कोई अवक्षेप बनता है-
(a) इस अवक्षेप का क्या रंग होता है? अवक्षेपित यौगिक का नाम लिखिए।
(b) इस अभिक्रिया का सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(c) अभिक्रिया के इन दो प्रकारों की सूची बनाइए जिनमें इस अभिक्रिया को रखा जा सकता है। [CBSE 2019]
उत्तर-
(a) पीले रंग का अवक्षेप प्राप्त होता है। अवक्षेपित यौगिक का नाम लैड आयोडाइड (PbI2) है।
(b) Pb(NO3)2(aq) + 2KI(aq) → PbI2↓ + 2KNO3(aq)
(c) अभिक्रिया के दो प्रकार जिनमें इस अभिक्रिया को रखा जा सकता है।
(i) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया

प्रश्न 14.
नीचे दिए गए प्रत्येक प्रकरण में होने वाली अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए और उसके लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) जिंक सिल्वर नाइट्रेट से अभिक्रिया करके जिंक नाइट्रेट और सिल्वर बनाता है।
(b) पोटैशियम आयोडाइड लैड नाइट्रेट से अभिक्रिया करके पौटेशियम नाइट्रेट और लैड आयोडाइड बनाता है। [CBSE 2019]
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 18

प्रश्न 15.
दी गई अभिक्रिया
MnO2,+4HCl → MnCl2 + 2H2O+Cl2
(a) उपरोक्त के उस यौगिक का नाम लिखिए जिसका
(i) उपचयन,
(ii) अपचयन हुआ है।
(b) उपरोक्त के आधार पर उपचयन और अपचयन की परिभाषा लिखिए। [CBSE 2018]
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 19
(a)
(i) HCl यौगिक का उपचयन .
(ii) MnO2 यौगिक का अपचयन
(b) उपचयन-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का योग अथवा हाइड्रोजन की हानि हो तो ऐसी अभिक्रिया को उपचयन कहते हैं। अपचयन-जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का योग अथवा ऑक्सीजन की हानि होती है तो ऐसी अभिक्रिया को अपचयन कहते हैं।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 16.
क्या होता है, जब सोडियम सल्फेट का विलयन बेरियम क्लोराइड के विलयन में मिलाया जाता है। इसका सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। यह अभिक्रिया किस प्रकार की है? [CBSE 2017]
उत्तर-
इस अभिक्रिया में BaSO4, (बेरियम सल्फेट) के सफेद अवक्षेप बनते हैं।
Na2So (aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।

प्रश्न 17.
संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? बिन बुझे चूने व जल की संयोजन अभिक्रिया लिखिए। [RBSE 2016]
उत्तर-
वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के अणु बनाते हैं, संयोजन या योगात्मक अभिक्रिया कहलाती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 20

प्रश्न 18.
संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? कोयले के दहन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। राज.2015]
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया- जब किसी अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, तो ऐसी अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरणार्थ- कोयले का दहन
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 21

प्रश्न 19.
वियोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? कैल्सियम कार्बोनेट के ऊष्मीय वियोजन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। [राज. 2015]
उत्तर-
वियोजन अभिक्रियाएँ-ऐसी रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें कोई पदार्थ छोटे-छोटे पदार्थों या यौगिकों में विघटित हो जाता है, वियोजन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ- कैल्सियम कार्बोनेट ऊष्मा के द्वारा विघटित होकर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइ
ऑक्साइड बनाता है।
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प्रश्न 20.
(a) वसायुक्त खाद्य पदार्थों को विकृतगंधिता से बचाने के लिए क्या किया जाता है?
(b) CuO+H2 → Cu+H2O
उपरोक्त अभिक्रिया में किस पदार्थ का उपचयन हो रहा है व किसका अपचयन? [RBSE 2017]
उत्तर-
(a) वसायुक्त खाद्य पदार्थ को विकृतगंधिता से बचाने के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाता है।
(b) इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण व कॉपर का अपचयन हो रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रस्तुत अभिक्रियाओं के प्रकार लिखिए-
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 23
उत्तर-
(i) आयनिक वियोजन अभिक्रिया,
(ii) योगात्मक अभिक्रिया,
(iii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया,
(iv) ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया,
(v) आयनिक वियोजन अभिक्रिया,
(vi) उभय अपघटन अभिक्रिया,
(vii) ऊष्मीय अपघटन अभिक्रिया,
(viii) ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया,
(ix) योगात्मक अभिक्रिया,
(x) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 2.
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है ? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में अन्तर-

संयोजन अभिक्रियावियोजन अभिक्रिया
1. इन अभिक्रियाओं में दो या दो से अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक पदार्थ बनाते हैं।1. इन अभिक्रियाओं में एक यौगिक वियोजित होकर दो या दो से अधिक सरल पदार्थ बनाता है।
2. ये अभिक्रियाएँ एक या अनेक तत्वों के आपसी संयोजन से विभिन्न ऊर्जाओं की उपस्थिति में पूर्ण होती हैं।
उदाहरण- (i) NH3 + HCl →NH4Cl
2. ये अभिक्रियाएँ प्रायः ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत् या उत्प्रेरकों के कारण ही सम्भव हो पाती हैं; परन्तु ये संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत होती हैं। उदाहरण-
(i) CaCO3 → CaO + CO2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए तथा अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए-
(i) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (aq)
(ii) जिंक का नेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(iii) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
उत्तर-
(i) 2KBr (aq) + Bal2, (aq) → 2KI (aq) + BaBr2, (aq) (द्विविस्थापन अभिक्रिया)
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 24
(iii) H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g) (संयोजन अभिक्रिया)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को सन्तुलित करके प्रत्येक अभिक्रिया के प्रकार बताइए
(i) CH4Cl+ Cl2 → CH3Cl + HCl
(ii) Na + Cl2 → NaCl
(iii) H2SO4 + NaOH →Na2SO4 + H2O
(iv) Ba(OH)2, + HBr → BaBr2 + H2O
(v) BaCl2 + Al2 (SO4)3 → AlCl3 + BaSO4
उत्तर-
(i) 2CH4Cl+ Cl2 → 2CH3Cl + HCl (प्रतिस्थापन अभिक्रिया)
(ii) 2Na + Cl2 → 2NaCl (योगात्मक अभिक्रिया)
(iii) H2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 + 2H2O (उदासीनीकरण अभिक्रिया)
(iv)Ba(OH)2 + 2HBr → BaBr2 + 2H2O (उदासीनीकरण अभिक्रिया)
(v) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 →2AlCl2 + 2BaSO4 (द्विविस्थापन अभिक्रिया)

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. किस गैस के उपस्थित होने पर मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है –
(a) CO2
(b) CO
(c) H2
(d) O2.
उत्तर-
(d) O2

2. अभिक्रिया के तीर का सिरा किस ओर होता है –
(a) अभिकारक
(b) अवक्षेप
(c) गैस
(d) उत्पाद।
उत्तर-
(a) अभिकारक।

3. दानेदार जिंक पर तनु HCl डालने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है –
(a) H2
(b) SO2
(c) Cl2
(d) O2
उत्तर-
(a) H2.

4. कौन-सा चिह्न उत्पाद के अवक्षेप के रूप में प्राप्त होने पर लगाया जाता है –
(a) ↑
(b) →
(c) ←
(d)↓.
उत्तर-
(d) ↓

5. दाब, उत्प्रेरक, ताप आदि को अभिक्रिया में तीर के निशान के साथ कैसे दिखाया जाता है –
(a) ऊपर
(b) नीचे
(c) आगे
(d) ऊपर या नीचे।
उत्तर-
(d) ऊपर या नीचे।

6. आयरन की भाप के साथ अभिक्रिया करने पर प्राप्त यौगिक है/हैं –
(a) Fe2O3
(b) Fe3O4.
(c) Feo
(d) Fe2O3 और Fe3SO4
उत्तर-
(b) Fe3O4.

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

7. कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करके बुझा हुआ चूना बनाता है।
CaO(s) + H2 O(I)→ Ca(OH)2 (aq)
इस अभिक्रिया का वर्गीकरण अभिक्रियाओं के किस प्रकार में किया जा सकता है? (A) संयोजन अभिक्रिया (B) ऊष्मा उन्मोची अभिक्रिया (C) ऊष्माशोषी अभिक्रिया (D) उपचयन अभिक्रिया। निम्न में से सही विकल्प कौन-सा है?
(a) A और C
(b) C और D
(c) A, C और D
(d)A और B
उत्तर-
(d) A और B.

8. जब हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को कॉपर सल्फेट के नीले विलयन से प्रवाहित किया जाता है तो कॉपर सल्फाइड का काला अवक्षेप प्राप्त होता है तथा इस प्रकार बना सल्फ्यूरिक अम्ल विलयन में रह जाता है यह अभिक्रिया निम्नलिखित में से किसका उदाहरण है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) विस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
उत्तर-
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया।

9. CaO+H2O → Ca(OH)2 उपर्युक्त अभिक्रिया है-
(a) अपघटन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
(c) संयोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(c) संयोजन अभिक्रिया।

10. CuSO4 (aq) +Zn(s) → ZnSO4 (aq) + Cu (s) उपर्युक्त अभिक्रिया है –
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) विस्थापन अभिक्रिया
(c) अपघटन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(b) विस्थापन अभिक्रिया।

11. शाक-सब्जियों का विघटित होकर कम्पोस्ट बनाना कैसी अभिक्रिया है ?
(a) ऊष्माशोषी
(b) ऊष्मासंवेदी
(c) ऊष्माक्षेपी
(d) ऊष्मारोधी।
उत्तर-
(c) ऊष्माक्षेपी।

12. नम वायु में ताँबे की बाहरी सतह पर किस रंग की परत चढ़ जाती है –
(a) भूरी
(b) काली
(c) लाल
(d) हरी।
उत्तर-
(d) हरी।

13. निम्न अभिक्रिया Fe2O3, +3CO → 2 Fe + 3CO2, में अपचयित पदार्थ है-
(a) CO
(b) Fe
(c) CO2
(d) Fe2O3.
उत्तर-
(d) Fe2O3.

14. C2H12O6 (aq) + 6O6 (aq) + 6H2O(l) → 6CO2(aq) +12H2O (l) + ऊर्जा, इस रासायनिक अभिक्रिया का विशेष नाम है –
(a) उत्सर्जन
(b) पाचन
(c) श्वसन
(d) प्रजनन
उत्तर-
(c) श्वसन।

15. अपघटन अभिक्रिया का उदाहरण है
(a) 2SO2+O2 → 2SO3
(b) 2KClO3 → 2KCl+3O2
(c) Mg + 2HCl → MgCl2+H2
(d) HCl + NaOH→ NaCl+H2O.
उत्तर-
(b) 2KCIO3, → 2KCl+3O2.

16. Cl2 +2KI → 2KCI+I2 एक-
(a) संयोजन अभिक्रिया है
(b) अपघटन अभिक्रिया है
(c) विस्थापन अभिक्रिया है
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
उत्तर-
(c) विस्थापन अभिक्रिया है।

HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill In the blanks)

1. सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद ………………………. की परत का निर्माण होता है।
उत्तर-
कैल्सियम कार्बोनेट,

2. श्वसन एक ……………………. रासायनिक अभिक्रिया है।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी,

3. लोहे की वस्तुओं पर जंग उनकी खुली सतह पर …………………. एवं ……………….. के कारण लगती है।
उत्तर-
ऑक्सीजन, नमी,

4. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों के उपचयन से बचाव हेतु हम इनमें………..प्रवाहित कर देते हैं।
उत्तर-
नाइट्रोजन,

5. मैग्नीशियम को वायु की उपस्थिति में जलाने पर ………….. प्राप्त होगा।
उत्तर-
मैग्नीशियम ऑक्साइड।

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न (Matrix Type Questions)

निम्न को सुमेलित कीजिए-
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HBSE 12th Class Sociology Important Questions: Indian Society

  • Chapter 1 Introducing Indian Society Important Questions
  • Chapter 2 The Demographic Structure of the Indian Society Important Questions
  • Chapter 3 Social Institutions: Continuity and Change Important Questions
  • Chapter 4 The Market as a Social Institution Important Questions
  • Chapter 5 Patterns of Social Inequality and Exclusion Important Questions
  • Chapter 6 The Challenges of Cultural Diversity Important Questions
  • Chapter 7 Suggestions for Project Work Important Questions

HBSE 12th Class Sociology Important Questions: Social Change and Development in India

  • Chapter 1 Structural Change Important Questions
  • Chapter 2 Cultural Change Important Questions
  • Chapter 3 The Story of Indian Democracy Important Questions
  • Chapter 4 Change and Development in Rural Society Important Questions
  • Chapter 5 Change and Development in Industrial Society Important Questions
  • Chapter 6 Globalisation and Social Change Important Questions
  • Chapter 7 Mass Media and Communications Important Questions
  • Chapter 8 Social Movements Important Questions

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