Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
1. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने विकास के स्तर को मापने के लिए किस एक आकांक्षा को आधार नहीं बनाया?
(A) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन
(B) शिक्षित एवं ज्ञानवान होना
(C) समृद्ध एवं धनाढ्य होना
(D) उत्तम जीवन के लिए सभी संसाधनों का होना
उत्तर:
(C) समृद्ध एवं धनाढ्य होना
2. विकास का तात्पर्य है-
(A) व्यक्ति की शिक्षा में सुधार
(B) संपत्ति में वृद्धि
(C) जीवन की गुणवत्ता
(D) शारीरिक बल में वृद्धि
उत्तर:
(C) जीवन की गुणवत्ता
3. मानव विकास को जिस पैमाने पर मापा जाता है, उसका मान कितना होता है?
(A) 0-10
(B) 0-1
(C) 1-100
(D) A से Z
उत्तर:
(B) 0-1
4. मानव विकास के मध्यम वर्ग का पैमाना कितना माना जाता है?
(A) 0.6 से 0.7
(B) 0.5 से 0.65
(C) 0.5 से 0.8
(D) 0.550 से 0.700
उत्तर:
(D) 0.550 से 0.700
5. मानव विकास सूचकांक के सबसे निचले पायदान पर कौन-सा देश बैठा है?
(A) बुरूंडी
(B) केन्या
(C) सियरालियोन
(D) नाइजीरिया
उत्तर:
(D) नाइजीरिया
6. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मानव विकास में उन्नति नहीं करता?
(A) पौष्टिक भोजन की उपलब्धता
(B) कल्याणकारी योजनाएँ
(C) महिला सशक्तीकरण
(D) युद्ध एवं अराजकता
उत्तर:
(D) युद्ध एवं अराजकता
7. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मानव विकास का ह्रास नहीं करता?
(A) एड्स की बीमारी
(B) लगातार सूखा एवं अकाल
(C) उच्च प्रौद्योगिकी
(D) आर्थिक विकास की जड़ता
उत्तर:
(C) उच्च प्रौद्योगिकी
8. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम कब से मानव विकास प्रतिवेदन प्रकाशित कर रहा है?
(A) सन् 1988 से
(B) सन् 1990 से
(C) सन् 1992 से
(D) सन् 1999 से
उत्तर:
(B) सन् 1990 से
9. विश्व का कौन-सा एकमात्र देश है जिसने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति का अधिकारिक माप घोषित किया है?
(A) श्रीलंका
(B) भूटान
(C) नेपाल
(D) अमेरिका
उत्तर:
(B) भूटान
10. डॉ० महबूब-उल-हक कहाँ के अर्थशास्त्री थे?
(A) भारत के
(B) पाकिस्तान के
(C) इंग्लैण्ड के
(D) अफगानिस्तान के
उत्तर:
(B) पाकिस्तान के
11. मानव गरीबी सूचकांक और मानव विकास सूचकांक किसके द्वारा प्रयुक्त किए जाते हैं?
(A) UNDP द्वारा
(B) UNICEF GRT
(C) UNESCO ART
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) UNDP द्वारा
12. मानव विकास मापन का सूचकांक है-
(A) मानव विकास सूचकांक
(B) मानव गरीबी सूचकांक
(C) (A) व (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) (A) व (B) दोनों
13. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रिया जीवन-पर्यंत चलती है?
(A) वृद्धि
(B) विकास
(C) स्वास्थ्य
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) विकास
14. किस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने विकास का मुख्य ध्येय स्वतंत्रता में वृद्धि के रूप में देखा है?
(A) अभिजीत बनर्जी
(B) डॉ० महबूब-उल-हक
(C) प्रो० अमर्त्य सेन
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) प्रो० अमर्त्य सेन
15. मानव विकास का स्तंभ नहीं है-
(A) समता
(B) सशक्तीकरण
(C) स्वतंत्रता
(D) सतत् पोषणीयता
उत्तर:
(C) स्वतंत्रता
B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए
प्रश्न 1.
मानव विकास सूचकांक का अधिकतम संभावित मान लिखें।
उत्तर:
1.
प्रश्न 2.
मानव विकास सूचकांक का प्रतिपादन कब किया गया?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक का प्रतिपादन सन् 1990 में किया गया।
प्रश्न 3.
भारत के किस राज्य में सबसे अधिक मानव विकास सूचकांक है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 4.
मानव विकास की अवधारणा किस विद्वान की देन है?
उत्तर:
डॉ० महबूब-उल-हक की।
प्रश्न 5.
मानव विकास को जिस पैमाने पर मापा जाता है, उसका मान कितना होता है?
अथवा
मानव विकास सूचकांक का स्कोर क्या है?
उत्तर:
0-1।
प्रश्न 6.
मानव विकास के अति उच्च वर्ग का पैमाना कितना होता है?
उत्तर:
अति उच्च वर्ग का पैमाना 0.800 से ऊपर।
प्रश्न 7.
मानव विकास रिपोर्ट किसके द्वारा दी जाती है?
अथवा
विश्व मानव विकास रिपोर्ट का प्रकाशन करने वाली संस्था का नाम लिखिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)।
प्रश्न 8.
कौन-सा कारक मानव विकास का ह्रास नहीं करता?
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिकी।
प्रश्न 9.
मानव विकास सूचकांक सर्वाधिक विश्वसनीय माप क्यों नहीं है?
उत्तर:
क्योंकि यह बिना आय वाला माप है।
प्रश्न 10.
मानव विकास सूचकांक की गणना में भारत किस श्रेणी में आता है?
उत्तर:
मध्यम श्रेणी में।
प्रश्न 11.
मानव विकास सूचकांक को कितने सूचकों से प्रदर्शित किया जाता है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक को तीन सूचकों से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 12.
मानव विकास सूचकांक के सर्वोच्च पायदान पर कौन-सा देश है?
उत्तर:
नार्वे।
प्रश्न 13.
HDI का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
Human Development Index.
प्रश्न 14.
GNH का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
Gross National Happiness.
प्रश्न 15.
HPI का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
Human Poverty Index.
प्रश्न 16.
UNDP का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
United Nations Development Programme.
प्रश्न 17.
किस देश ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता की अवधारणा प्रस्तुत की?
उत्तर:
भूटान ने।
प्रश्न 18.
मानव विकास के कितने स्तंभ हैं?
उत्तर:
मानव विकास के चार स्तंभ हैं।
प्रश्न 19.
मानव विकास के सबसे निचले पायदान पर कौन-सा देश है?
उत्तर:
नाइजीरिया।
प्रश्न 20.
किन देशों का स्कोर 0.550 से 0.700 के बीच होता है?
उत्तर:
मध्यम सूचकांक वाले देशों का।
प्रश्न 21.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम कब से मानव विकास रिपोर्ट (प्रतिवेदन) प्रकाशित कर रहा है?
उत्तर:
वर्ष 1990 से।
अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विकास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
गुणवत्ता में हुए सकारात्मक परिवर्तन को विकास कहते हैं।
प्रश्न 2.
मानव विकास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
सन् 1990 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास को इस प्रकार परिभाषित किया गया है, “मानव विकास मनुष्य की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवन-यापन की सुविधाओं के स्तर को विकसित करने की प्रक्रिया है।”
प्रश्न 3.
मानव विकास का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी परिस्थितियों को उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन जी सकें।
प्रश्न 4.
1990 की रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास के तीन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष कौन-से हैं?
अथवा
मानव विकास के सूचक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन या स्वास्थ्य
- शिक्षा व ज्ञान का प्रसार
- संसाधनों तक पहुँच।
प्रश्न 5.
दक्षिण-पूर्वी एशिया के दो अर्थशास्त्रियों के नाम लिखें जिन्होंने मानव विकास की अवधारणा सर्वप्रथम प्रस्तुत की।
उत्तर:
डॉ० महबूब-उल-हक एवं डॉ० अमर्त्य सेन।
प्रश्न 6.
मानव विकास के उपागम कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- आय उपागम
- कल्याण उपागम
- क्षमता उपागम
- न्यूनतम आवश्यकता उपागम।
प्रश्न 7.
सशक्तीकरण (Empowerment) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सशक्तीकरण का अर्थ है कि लोगों में अपने विकल्प चुनने की ताकत पैदा की जाए। यह ताकत बढ़ती हुई स्वतंत्रता, क्षमता और उत्पादकता से आती है। सुशासन और लोकोन्मुखी नीतियों से लोगों को सशक्त किया जा सकता है। मानव विकास के लिए जरूरी है कि सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों और विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तीकरण हो।
प्रश्न 8.
मानव गरीबी सूचकांक क्या है?
उत्तर:
मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास से संबंधित है जो मानव विकास में कमियों को दर्शाता है।
प्रश्न 9.
मानव विकास सूचकांक के चार वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- अति उच्च वर्ग 0.800 से ऊपर
- उच्च वर्ग 0.701 से 0.799 के बीच
- मध्यम वर्ग 0.550 से 0.700 के बीच तथा
- निम्न वर्ग 0.549 से नीचे।
प्रश्न 10.
कल्याण उपागम क्या है?
उत्तर:
कल्याण उपागम के अनुसार सरकार द्वारा लोगों के कल्याणकारी कार्यक्रमों; जैसे-शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सुख-साधनों पर अधिक खर्च करके मानव विकास के स्तरों को बढ़ा सकती है। यह उपागम मनुष्य को सभी विकासात्मक गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखता है।
प्रश्न 11.
विकासहीन वृद्धि से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी निश्चित अवधि में किसी नगर की जनसंख्या 5 लाख से 10 लाख हो जाती है तो कहा जाता है कि नगर की वृद्धि हुई। लेकिन यदि उस नगर में आवास, पेय जल, ऊर्जा, परिवहन, शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएँ पहले जैसी रहती हैं और उनमें कोई बेहतरी नहीं होती तो इसे विकासहीन वृद्धि माना जाएगा।
प्रश्न 12.
सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (GNH) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रसन्नता की कीमत पर भौतिक प्रगति नहीं की जा सकती। सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता हमें विकास के आध्यात्मिक, भौतिकता एवं गुणात्मक पक्षों को सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है। भूटान विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जिसने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति का अधिकारिक माप घोषित किया है।
प्रश्न 13.
अति उच्च सूचकांक वाले किन्हीं चार देशों के नाम लिखें।
उत्तर:
- नार्वे
- ऑस्ट्रेलिया
- स्विट्ज़रलैंड
- जर्मनी।
प्रश्न 14.
मध्यम सूचकांक वाले किन्हीं चार देशों के नाम लिखें।
उत्तर:
- मलेशिया
- बहामस
- कुवैत
- बेलारूस।
प्रश्न 15.
निम्न सूचकांक वाले किन्हीं चार देशों के नाम लिखें।
उत्तर:
- माली
- नाइजीरिया
- मोजांबिक
- बरूंडी।
प्रश्न 16.
मानव विकास सूचकांक क्या है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास में प्राप्तियों का मापन करता है। यह स्वास्थ्य, शिक्षा एवं संसाधनों में निष्पादन के आधार पर देशों का क्रम तैयार करता है। यह क्रम 0 से 1 के बीच के स्कोर/अंक पर आधारित है। यह प्रदर्शित करता है कि मानव विकास के प्रमुख क्षेत्रों में क्या उपलब्धि हुई है।
प्रश्न 17.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रयुक्त मानव विकास मापन के दो महत्त्वपूर्ण सूचकांक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रयुक्त मानव विकास मापन के दो महत्त्वपूर्ण सूचकांक हैं-
- मानव विकास सूचकांक (Human Development Index)
- मानव गरीबी सूचकांक (Human Poverty Index)।
प्रश्न 18.
मानव विकास सूचकांक तथा मानव गरीबी सूचकांक में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक तथा मानव गरीबी सूचकांक में निम्नलिखित अंतर हैं-
मानव विकास सूचकांक | मानव गरीबी सूचकांक |
1. मानव विकास सूचकांक मानव विकास में उपलब्धियों को मापता है। | 1. मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास में कमियों को मापता है। |
2. यह वितरण के बारे में कुछ नहीं कहता। | 2. यह शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संसाधनों के वितरण के स्तर को मापता है। |
3. यह एक आय उपाय है। | 3. यह एक गैर-आय उपाय है। |
प्रश्न 19.
सार्थक जीवन की मुख्य विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
सार्थक जीवन केवल दीर्घ नहीं होता। जीवन का कोई उद्देश्य होना भी आवश्यक है। लोग स्वस्थ हों, अपने विवेक व बुद्धि का विकास कर सकते हों, वे समाज में प्रतिभागिता करें और वे अपने उद्देश्यों को पूरा करने में स्वतंत्र हों।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विकास और वृद्धि में अंतर बताइए।
उत्तर:
विकास और वृद्धि दोनों समय के संदर्भ में परिवर्तन को दर्शाते हैं। अंतर बस इतना है कि वृद्धि में परिवर्तन मात्रात्मक होता है। वृद्धि हमेशा मूल्य निरपेक्ष होती है। यदि मात्रा बढ़ जाए तो यह धनात्मक कहलाती है और यदि हास को इंगित करे तो यह ऋणात्मक कहलाती है। इसके विपरीत विकास में परिवर्तन गुणात्मक होता है। विकास तभी संभव है जब वर्तमान दशाओं में वृद्धि हो अर्थात् विकास उस समय होता है जब वृद्धि सकारात्मक हो।
प्रश्न 2.
मानव विकास अवधारणा के अन्तर्गत सतत् पोषणीयता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सतत् पोषणीयता अथवा निर्वहन का मतलब है कि लोगों को विकास करने के अवसर लगातार मिलते रहें। सतत् पोषणीय मानव विकास तभी होगा जब प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिलें। अतः यह जरूरी है कि हम पर्यावरणीय, वित्तीय और मानव संसाधनों का आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए सुविचारित उपयोग करें। यदि हम इन बहुमूल्य संसाधनों का अंधा-धुंध प्रयोग अथवा दुरुपयोग करेंगे तो भावी पीढ़ियों के विकल्प कम हो जाएंगे।
प्रश्न 3.
मानव विकास के हास के कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर:
मानव विकास के ह्रास के कारक निम्नलिखित हैं-
- एड्स जैसी बीमारियों के प्रसार से जीवन-प्रत्याशा में कमी होना।
- लगातार सूखा व अकाल पड़ना।
- आर्थिक विकास की जड़ता।
- युद्ध और अराजकता।
प्रश्न 4.
मानव विकास की अवधारणा में दक्षिण एशियाई अर्थशास्त्रियों का क्या योगदान रहा?
अथवा
मानव विकास की संकल्पना के विकास में डॉ० अमर्त्य सेन के योगदान का वर्णन कीजिए।
अथवा
मानव विकास की संकल्पना के विकास में डॉ० महबूब-उल-हक के योगदान का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॉ० महबूब-उल-हक ने किया था। उन्होंने मानव विकास की कल्पना एक ऐसे विकास के रूप में की जिसका संबंध लोगों के विकल्पों (Choices) में बढ़ोतरी से है ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ दीर्घ जीवन जी सकें। डॉ० अमर्त्य सेन ने भी विकास का मुख्य ध्येय स्वतंत्रता में वृद्धि अथवा परतंत्रता में कमी के रूप में देखा। स्वतंत्रताओं में वृद्धि विकास का प्रभावशाली उपाय है। ये दोनों अर्थशास्त्री लोगों को विकास पर होने वाली किसी भी चर्चा की केन्द्र में लाने में सफल हुए। उन्होंने कहा कि विकल्प स्थिर नहीं हैं बल्कि आवश्यकताओं और हालातों के मुताबिक परिवर्तनशील हैं।
प्रश्न 5.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा परिभाषित मानव विकास की संकल्पना का उल्लेख कीजिए और इसे मापने की विधियाँ बताइए।
अथवा
मानव विकास की संकल्पना को परिभाषित कीजिए। इसके मापने के आधारों का वर्णन करें।
अथवा
मानव विकास की संकल्पना की विवेचना कीजिए।
अथवा
मानव विकास का विचार किन संकल्पनाओं पर आश्रित है? वर्णन करें।
उत्तर:
प्रकृति के संसाधनों का उपयोग तब तक पूर्णतया से नहीं किया जा सकता, जब तक मनुष्य की क्षमताओं का विकास नहीं किया जाता। केवल धन के द्वारा मानव विकास संभव नहीं है। विकास का लक्ष्य लोगों का कल्याण होना चाहिए। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास जन-कल्याण के प्रमुख आधार हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास (UNDP) के अनुसार, “विकास केवल लोगों की आय तथा पूँजी की ही वृद्धि नहीं बल्कि यह मानव की कार्यप्रणाली तथा क्षमताओं में वृद्धि की प्रक्रिया है। मानव विकास लोगों की आकांक्षाओं और उन्हें उपलब्ध जीवन-यापन की सुविधाओं के स्तर को विकसित करने की प्रक्रिया है।”
मानव विकास संकल्पना की विधियाँ/आधार-UNDP के मानव विकास को मापने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण आकांक्षाओं को आधार माना है, जो निम्नलिखित हैं
1. दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन-मनुष्य के जीवन-काल को जन्म के समय संभावित आयु या जीवन-प्रत्याशा से मापा जाता है। उच्च जीवन प्रत्याशा उच्च जीवन स्तर का और निम्न जीवन प्रत्याशा निम्न जीवन स्तर का अभिलक्षण है। विकासशील देशों की जीवन प्रत्याशा 40-65 वर्ष पाई जाती है जबकि विकसित देशों में यह 60-75 वर्ष पाई जाती है।
2. शिक्षित एवं ज्ञानवान होना-शिक्षा और विकास का घनिष्ठ सम्बन्ध है। शिक्षा मनुष्य को विवेकशील बनाकर उसमें आत्मविश्वास जगाती है। विकसित देशों में उच्च साक्षरता दर पाई जाती है जबकि विकासशील देशों में निम्न या मध्यम साक्षरता दर पाई जाती है।
3. संसाधनों की उपलब्धता आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता भी उत्तम जीवन स्तर का आधार माना जाता है। जीवन स्तर को प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में भी व्यक्त किया जाता है।
इस प्रकार मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन किया गया और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा मानव विकास को इस प्रकार परिभाषित किया गया। “लोगों के विकल्पों के परिवर्द्धन की प्रक्रिया और जन-कल्याण के स्तर को ऊंचा उठाना ही मानव विकास है।”
स्त्री, पुरुष और बच्चे विकास की प्रक्रिया के केंद्र-बिंदु होने चाहिएँ। “विकास लोगों के लिए हो, न कि लोग विकास के लिए।” प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की अपेक्षा प्रति व्यक्ति सुविधाएँ बढ़ाने पर बल दिया जाना चाहिए। राष्ट्र की वास्तविक संपदा लोग हैं। इसलिए विकास का मुख्य लक्ष्य मानव-जीवन की समृद्धि होना चाहिए।
प्रश्न 6.
मानव विकास सूचकांक के अनुसार विश्व के उच्च सूचकांक वाले देशों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
उच्च मानव विकास सूचकांक वाले 59 देश हैं। इनका सूचकांक 0.800 से ऊपर है। सर्वोच्च सूचकांक वाले देश क्रमशः हैं नार्वे, आइसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, लग्जमबर्ग, कनाडा, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, आयरलैंड, बेल्जियम, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि।
इन देशों में सामाजिक खंड में बहुत निवेश हुआ है। लोगों और सुशासन में उच्चतर निवेश ने इस वर्ग के देशों को अन्य देशों से अलग कर दिया है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना सरकार की महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता है। इन देशों में उच्च स्तरीय औद्योगिकीकरण पाया जाता है। उच्च मानव स्कोर वाले देश यूरोप में अवस्थित हैं फिर भी गैर-यूरोपीय देशों की संख्या आश्चर्यचकित करने वाली है उन्होंने भी इस सूची में अपना स्थान बनाया है।
प्रश्न 7.
मानव विकास सूचकांक के अनुसार विश्व के मध्यम सूचकांक वाले देशों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
मध्यम सूचकांक वाले देश 39 हैं जिनका स्कोर 0.550 से 0.700 के बीच है। मध्यम मूल्य सूचकांक वाले देश हैं बहामस, कुवैत, भारत, मकदूनिया, एंटीगुआ और बारबाडोस, मलेशिया, रोमानिया, मॉरीशस, ग्रेनेडा, बेलारूस आदि।
इनमें से अधिकांश देशों का विकास द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की अवधि में हुआ है। इस वर्ग के कुछ देश पूर्वकालीन उपनिवेश थे। अन्य अनेक देशों का विकास 1990 ई० में तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् हुआ है। इनमें से अनेक देश लोकोन्मुखी नीतियों को अपनाकर स्था सामाजिक भेदभाव को दूर करके अपने मानव विकास स्कोर में सुधार कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश देशों में उच्चतर मानव विकास के स्कोर वाले देशों की तुलना में सामाजिक विविधता अधिक पाई जाती है।
प्रश्न 8.
मानव विकास सूचकांक के अनुसार विश्व के निम्न सूचकांक वाले देशों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
निम्न सूचकांक वाले देशों की संख्या 38 है जिनका मानव विकास सूचकांक का स्कोर 0.549 से नीचे है। निम्नतम मूल्य सूचकांक वाले देश हैं नाइजीरिया, सियरा लियोन, बुस्कीनो फासो, माली, चाड, गिनी बिसाऊ, मध्य अफ्रीकन गणराज्य, इथोपिया, बरूंडी, मोजांबिक आदि।
इनमें से अधिकांश देश छोटे हैं जो राजनीतिक उपद्रव, गृहयुद्ध के रूप में सामाजिक स्थिरता, अकाल अथवा बीमारियों की अधिक घटनाओं के दौर से गुजर रहे हैं। इन देशों में सुशासन, सुरक्षा तथा कल्याणकारी योजनाओं में सरकारी निवेश की तत्काल आवश्यकता है।
दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव विकास अवधारणा के चार स्तंभ कौन-से हैं? स्पष्ट करें।
अथवा
मानव विकास अवधारणा के कौन-कौन से स्तंभ हैं? विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर:
मानव विकास का ध्येय लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह संसाधनों के उपयोग के लिए मनुष्यों के काम करने के तरीकों तथा क्षमताओं में उन्नयन की प्रक्रिया है। मानव विकास की सारी सोच चार स्तंभों पर टिकी हुई है। ये हैं-
1. समता (Equity) – समता का आशय ऐसी व्यवस्था करने से है जिससे प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्ध संसाधनों तक समान पहुँच हो सके। लोगों को उपलब्ध अवसर धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म-स्थान तथा आय के भेदभाव के विचार के बिना समान होने चाहिएँ। भारत के संविधान में अनुच्छेद 14-18 के अंतर्गत लोगों को समानता के मूल अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके बावजूद भी लगभग प्रत्येक समाज में भेदभाव की घटनाएँ कभी-न-कभी देखने को मिलती रहती हैं।
2. सतत् पोषणीयता (Sustainability) – यहाँ सतत् पोषणीयता अथवा निर्वहन का मतलब है कि लोगों को विकास करने के अवसर लगातार मिलते रहें। सतत् पोषणीय मानव विकास तभी होगा जब प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिलें। अतः यह जरूरी है कि हम पर्यावरणीय, वित्तीय और मानव संसाधनों का आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए सुविचारित उपयोग करें। यदि हम इन बहुमूल्य संसाधनों का अंधाधुंध प्रयोग अथवा दुरुपयोग करेंगे तो भावी पीढ़ियों के विकल्प कम हो जाएँगे।
3. उत्पादकता (Productivity) – यहाँ उत्पादकता से तात्पर्य मानव श्रम उत्पादकता से है। मनुष्यों के काम करने के तरीकों को बेहतर बनाकर तथा उनमें क्षमताओं का निर्माण करके उत्पादकता में निरंतर वृद्धि की जा सकती है। स्वस्थ शरीर से युक्त हुनरमंद लोग ही किसी राष्ट्र का वास्तविक धन होते हैं। अतः लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने एवं उनके ज्ञान को बढ़ाने के प्रयासों से ही लोगों की कार्य क्षमता बढ़ेगी।
4. सशक्तीकरण (Empowerment) इसका अर्थ है कि लोगों में अपने विकल्प चुनने की ताकत पैदा की जाए। यह ताकत बढ़ती हुई स्वतंत्रता, क्षमता और उत्पादकता से आती है। सुशासन और लोकोन्मुखी नीतियों से लोगों को सशक्त किया जा सकता है। मानव विकास के लिए जरूरी है कि सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों और विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तीकरण हो।
प्रश्न 2.
मानव विकास के चार प्रमुख उपागमों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास को देखने और समझने के अनेक ढंग अथवा उपागम हैं जिनमें चार महत्त्वपूर्ण हैं-
1. आय उपागम (Income Approach) यह मानव विकास के अध्ययन के सबसे पुराने उपागमों में से एक है जिसमें आमदनी के बढ़ने को विकास का होना माना जाता है। इस उपागम में यह माना जाता है कि आय का स्तर किसी व्यक्ति द्वारा भोगी जा रही स्वतंत्रता के स्तर को परिलक्षित करता है। आय के स्तर के ऊँचा या नीचा होने पर मानव विकास का स्तर भी उसी अनुरूप ऊँचा या नीचा होता है।
2. कल्याण उपागम (Welfare Approach)-इस उपागम के अनुसार सरकार द्वारा लोगों के कल्याणकारी कार्यक्रमों; जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सुख-साधनों पर अधिक खर्च करके मानव विकास के स्तरों को, बढ़ा सकती है। यह उपागम मनुष्य को सभी विकासात्मक गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखता है। लोग विकास के प्रतिभागी नहीं हैं, अपितु वे केवल निष्क्रिय लाभार्थी हैं।
3. आधारभूत/न्यूनतम आवश्यकता उपागम (Basic/Minimum Needs Approach)-मूल रूप से यह उपागम अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) की देन है जिसमें मानव विकास के लिए जरूरी छः न्यूनतम आवश्यकताओं की पहचान की गई है। वे हैं-
- स्वास्थ्य
- शिक्षा
- भोजन
- जलापूर्ति
- स्वच्छता और
- आवास।
इस उपागम में परिभाषित वर्गों की मूलभूत आवश्यकताओं पर तो बल दिया गया है, किंतु मानव विकल्पों की ओर ध्यान नहीं दिया गया।
4. क्षमता उपागम (Capability Approach)-इस उपागम का समर्थन प्रो० अमर्त्य सेन ने किया है। इसके अनुसार क्षमताओं को विकसित किए बिना मनुष्य संसाधनों तक नहीं पहुँच सकता। क्षमताओं का निर्माण ही मानव विकास की कुंजी है।
प्रश्न 3.
मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ रुचिकर हैं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ रुचिकर हैं। प्रायः मानव विकास में बड़े देशों की अपेक्षा छोटे देशों का कार्य अच्छा रहा है। इसी तरह मानव विकास में अपेक्षाकृत गरीब राष्ट्रों का कोटि-क्रम अमीर पड़ोसियों से उच्च रहा है। उदाहरण के लिए श्रीलंका, त्रिनिदाद, टोबैगो का मानव विकास सूचकांक भारत के मानव विकास सूचकांक से ऊँचा है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय कम होते हुए भी मानव विकास में केरल का प्रदर्शन पंजाब और गुजरात से बेहतर है। मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों को चार समूहों में बाँटा जा सकता है
मानव विकास के स्तर | मानव विकास सूचकांक के स्कोर/अंक | देशों की संख्या |
अति उच्च | 0.800 से ऊपर | – 59 |
उच्च | 0.701 से 0.799 के मध्य | 53 |
मध्यम | 0.550 से 0.700 के मध्य | 39 |
निम्न | 0.549 से नीचे | 38 |
मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ कुछ अत्यंत रुचिकर परिणाम दर्शाती हैं। प्रायः लोग मानव विकास के निम्न स्तर के लिए लोगों की संस्कृति को दोष देते हैं। मानव विकास के उच्च स्तरों वाले देश सामाजिक क्षेत्रों में अधिक निवेश करते हैं और ये राजनीतिक दृष्टिकोण से स्थिर होते हैं। दूसरी ओर, निम्न स्तरों वाले देश प्रतिरक्षा पर अधिक खर्च करते हैं।