Haryana State Board HBSE 12th Class Economics Solutions Chapter 2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Economics Solutions Chapter 2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
उपभोक्ता का बजट सेट उन वस्तुओं के सभी बंडलों का संग्रह है, जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाजार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।
प्रश्न 2.
बजट रेखा क्या है?
उत्तर:
बजट रेखा वह रेखा है जो दो वस्तुओं के ऐसे विभिन्न बंडलों को दिखाती है, जिन्हें उपभोक्ता दी हुई कीमतों और दी। हुई आय पर खरीद सकता है।
प्रश्न 3.
बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर क्यों होती है? समझाइए।
उत्तर:
बजट रेखा दो वस्तुओं की अधिकतम इकाइयाँ दर्शाती है जिन्हें एक उपभोक्ता अपनी दी हुई आय से दोनों वस्तुओं को दी गई कीमतों पर खरीद सकता है। मान लीजिए कि एक उपभोक्ता की आय 1000 रुपए है और दो वस्तुओं x तथा y की कीमतें क्रमशः 2 रुपए और 5 रुपए प्रति इकाई है। इस प्रकार वह अपनी आय से x की अधिकतम 500 इकाइयाँ तथा y की शून्य इकाई खरीद सकेगा अथवा y की 200 इकाइयाँ और x की शून्य इकाई खरीद सकेगा। इस प्रकार x की 500 और y की 200 इकाइयों के अंदर ही एक उपभोक्ता x और की इकाइयाँ खरीदेगा। मान लीजिए, वह x की 200 और y की 120 इकाइयाँ खरीदता है। अगर । वह ) की अधिक इकाइयाँ खरीदना चाहता है, तो उसे x वस्तु की कुछ इकाइयों का त्याग करना पड़ेगा। इस प्रकार दोनों वस्तुओं की इकाइयों में ऋणात्मक (विपरीत) संबंध होता है। इसी संबंध के कारण बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर होती है
प्रश्न 4.
एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमशः 4 रुपए तथा 5 रुपए है। उपभोक्ता की आय 20 रुपए है
(i) बजट रेखा के समीकरण को लिखिए।
(ii) उपभोक्ता यदि अपनी संपूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
(iii) यदि वह अपनी संपूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
(iv) बजट रेखा की प्रवणता क्या है?
उत्तर:
(i) बजट रेखा का समीकरण निम्नलिखित होगा
p1x1 + p2x2 = M
4x1 + 5x2 = 20
(ii) बजट रेखा समीकरण
4x1 + 5x2 = 20
चूँकि x2 = 0
इसलिए 4x1 + 5 x 0 = 20
4x1 = 20
x1 = \(\frac { 20 }{ 4 }\) = 5
अतः यदि उपभोक्ता अपनी संपूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी 5 इकाइयों का उपभोग कर सकता है।
(iii) बजट रेखा समीकरण-
4x1 + 5x2 = 20
चूँकि x1 = 0
इसलिए 4 x 0 + 5x2 = 20
5x2 = 20
x2 = \(\frac { 20 }{ 5 }\) = 4
अतः यदि उपभोक्ता अपनी संपूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी 4 इकाइयों का उपभोग कर सकता है।
(iv) बजट रेखा की प्रवणता = \(\frac{p_{1}}{p_{2}}\)
= \(\frac { 4 }{ 5 }\) = 0.8
नोट-प्रश्न 5, 6 तथा 7 प्रश्न 4 से संबंधित हैं।
प्रश्न 5.
यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 रुपए हो जाती है, परंतु कीमत अपरिवर्तित रहती है तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर:
उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बजट रेखा का समीकरण निम्नलिखित प्रकार से बदल जाएगा
4x1 + 5x2 = 40
इस समीकरण के अनुसार-
4x1 + 5 x 0 = 40
4x1 = 40
x1 = \(\frac { 40 }{ 4 }\) = 10
4 x 0 + 5x2 = 40
5x2 = 40
x2 = \(\frac { 40 }{ 5 }\) = 8
इस प्रकार, उपभोक्ता अपनी आय से वस्तु 1 की अधिकतम 10 और वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकेगा। बजट रेखा में निम्नलिखित परिवर्तन होगा-
रेखाचित्र में AB प्रारंभिक बजट रेखा है। जब उपभोक्ता की आय 20 रुपए से बढ़कर 40 रुपए हो जाती है, तो बजट रेखा AB से बढ़कर A,B, हो जाएगी।
प्रश्न 6.
यदि वस्तु 2 की कीमत में एक रुपए की गिरावट आ जाए परंतु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन न हो, तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?
उत्तर:
पुरानी P2 = 5
नई P2 = 5 – 1 = 4 रुपए
इसलिए नई x2 = 20 = 5 इकाइयाँ
p2 में परिवर्तन से बजट रेखा में निम्नलिखित परिवर्तन आएगा-
रेखाचित्र में AB प्रारंभिक बजट रेखा है, जबकि A1B नई बजट रेखा है।
प्रश्न 7.
अगर कीमतें और उपभोक्ता की आय दोनों दुगुनी हो जाए, तो बजट सेंट कैसा होगा?
उत्तर:
पुरानी M = 20
नई M = 20 x 2 = 40 रुपए
पुरानी P1 = 4
नई P1 = 4 x 2 = 8 रुपए
नई x1 = \(\frac { 40 }{ 8 }\) = 5 इकाइयाँ
पुरानी p2 = 5
नई p2 = 5 x 2 = 10 रुपए
नई x2 = \(\frac { 40 }{ 10 }\) = 4
इकाइयाँ चूँकि बजट रेखा के सभी तत्त्व (x1 और x2) पूर्ववत हैं इसलिए बजट रेखा में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा।
प्रश्न 8.
मान लीजिए कि कोई उपभोक्ता अपनी पूरी आय का व्यय करके वस्तु 1 की 6 इकाइयाँ तथा वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकता है। दोनों वस्तुओं की कीमतें क्रमशः 6 रुपए तथा 8 रुपए हैं। उपभोक्ता की आय कितनी है?
उत्तर:
वस्तु 1 की इकाइयाँ (x1) = 6
वस्तु 1 की कीमत (p1) = 6
वस्तु 2 की इकाइयाँ (x2) = 8
वस्तु 2 की कीमत (p2) = 8
बजट रेखा समीकरण के अनुसार
M = p1x1 + p2x2
= 6 x 6 + 8 x 8
= 36 + 64
= 100
रुपए इस प्रकार उपभोक्ता की आय 100 रुपए है।
प्रश्न 9.
मान लीजिए, उपभोक्ता दो ऐसी वस्तुओं का उपभोग करना चाहता है जो केवल पूर्णांक इकाइयों में उपलब्ध हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत 10 रुपए के बराबर ही है तथा उपभोक्ता की आय 40 रुपए है।
(i) वे सभी बंडल लिखिए, जो उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं।
(ii) जो बंडल उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं, उनमें से वे बंडल कौन-से हैं जिन पर उपभोक्ता के पूरे 40 रुपए व्यय हो जाएँगे?
उत्तर:
(i)
M = 40
p = 10
x1 = \(\frac { 40 }{ 10 }\) = 4 इकाइयाँ
p2 = 10
x2 = \(\frac { 40 }{ 10 }\) = 4 इकाइयाँ
उपभोक्ता के लिए उपलब्ध बंडल निम्नलिखित होंगे
(0,0) (0, 1) (0, 2) (0, 3) (0, 4)
(1,0) (1, 1) (1, 2) (1, 3)
(2, 0) (2, 1) (2, 2)
(3,0) (3, 1)
(4,0)
(ii) वे बंडल जिन पर उपभोक्ता के पूरे 40 रुपए व्यय हो जाएँगे, निम्नलिखित हैं
(0,4) (1,3) (2, 2) (3, 1) (4,0)
प्रश्न 10.
‘एकदिष्ट अधिमान’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एकदिष्ट अधिमान’ का अर्थ यह है कि एक उपभोक्ता दो वस्तुओं के विभिन्न बंडलों में से उस बंडल को अधिमान देता है, जिसमें इन वस्तुओं में से कम-से-कम एक वस्तु की अधिक मात्रा हो और दूसरे बंडल की तुलना में दूसरी वस्तु की मात्रा भी कम न हो।
प्रश्न 11.
यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ हो सकता है?
उत्तर:
यदि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ नहीं हो सकता। वह बंडल (10, 8) का चुनाव करेगा, क्योंकि इस बंडल में दोनों वस्तुओं की इकाइयाँ दूसरे बंडल की दोनों वस्तुओं की इकाइयों से अधिक हैं।
प्रश्न 12.
मान लीजिए कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10), (10, 9) तथा (9,9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं?
उत्तर:
यदि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो हम विभिन्न बंडलों को निम्नलिखित प्राथमिकता देंगे-
बंडल | प्राथमिकता |
(10, 10) | I |
(10, 9) | II |
(9, 9) | III |
प्रश्न 13.
मान लीजिए कि आपका मित्र, बंडल (5, 6) तथा (6, 6) के बीच तटस्थ है। क्या आपके मित्र के अधिमान एकदिष्ट हैं?
उत्तर:
यदि हमारा मित्र बंडल (5, 6) और (6, 6) के बीच तटस्थ है तो उसके अधिमान एकदिष्ट नहीं हैं, क्योंकि बंडल (6,6) से उसे बंडल (5, 6) की तुलना में अधिक संतुष्टि प्राप्त होगी। अधिमान एकदिष्ट के रूप में उसे बंडल (5, 6) की तुलना में बंडल (6,6) को प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्रश्न 14.
मान लीजिए कि बाज़ार में एक ही वस्तु के लिए दो उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन इस प्रकार हैं-
d1 (p) = 20 – p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से कम या बराबर हो तथा
d2 (p) = 0 किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक हो।
d2 (p) = 30 – 2p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से कम या बराबर हो और
d2 (p) = 0 किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक हो।
बाज़ार माँग फलन को ज्ञात कीजिए। उत्तर
d1 (p) = 20 – p …..(i)
d2 (p) = 30 – 2p ….(ii)
बाज़ार माँग (d1 + d2) = 50 – 3p इस प्रकार बाज़ार माँग 15 रुपए से कम या बराबर वाली कीमत पर 50-3p होगी और 15 रुपए से अधिक कीमत पर शून्य (0) होगी।
प्रश्न 15.
मान लीजिए, किसी वस्तु के लिए 20 उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन एक-जैसे हैं
d (p) = 10 – 3p किसी ऐसी कीमत के लिए जो \(\frac { 10 }{ 3 }\) से कम हो अथवा बराबर हो तथा
d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत पर जो \(\frac { 10 }{ 3 }\) से अधिक है।
बाज़ार माँग फलन क्या है?
उत्तर
उपभोक्ताओं की संख्या = 20
एक उपभोक्ता का माँग फलन = d(p) = 10 – 3p क्योंकि p ≤ \(\frac { 10 }{ 3 }\)
चूँकि सभी 20 उपभोक्ताओं के माँग फलन एक-जैसे हैं, अतः बाज़ार माँग फलन व्यक्तिगत माँग फलन का 20 गुना होगा।
बाज़ार माँग फलन = 20(10 – 3p) क्योंकि p ≤ \(\frac { 10 }{ 3 }\)
= 200 – 60p क्योंकि p ≤ \(\frac { 10 }{ 3 }\)
प्रश्न 16.
एक ऐसे बाज़ार को लीजिए, जहाँ केवल दो उपभोक्ता हैं तथा मान लीजिए, किसी वस्तु के लिए उनकी माँगें इस प्रकार हैं-
p | d1 | d2 |
1 | 9 | 24 |
2 | 8 | 20 |
3 | 7 | 18 |
4 | 6 | 16 |
5 | 5 | 14 |
6 | 4 | 12 |
वस्तु के लिए बाज़ार माँग की गणना कीजिए।
उत्तर:
वस्तु के लिए बाज़ार माँग तालिका
कीमत रुपए (p) | उपभोक्ता (1) द्वारा माँगी गई मात्रा (d1) | उपभोक्ता (2) द्वारा माँगी गई मात्रा (d2) | बाज़ार माँग (d1 + d2) |
1 | 9 | 24 | 33 |
2 | 8 | 20 | 28 |
3 | 7 | 18 | 25 |
4 | 6 | 16 | 22 |
5 | 5 | 14 | 19 |
6 | 4 | 12 | 16 |
प्रश्न 17.
सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सामान्य वस्तुएँ वे होती हैं जिनकी माँगी गई मात्रा में वृद्धि होती है। जब उपभोक्ता की आय बढ़ती है तथा वस्तु की मात्रा में कमी आती है, तब उपभोक्ता की आय कम होती है; जैसे गेहूँ, मलाईयुक्त दूध, फल आदि।
प्रश्न 18.
निम्नस्तरीय वस्तुओं को परिभाषित कीजिए तथा कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
निम्नस्तरीय वस्तुएँ ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जिनके लिए माँग उपभोक्ता की आय के विपरीत दिशा में जाती है। उपभोक्ता की आय बढ़ने पर इनकी माँग घटती है और आय घटने पर इनकी माँग बढ़ती है। उदाहरण के लिए, मोटे अनाज, मोटा कपड़ा, घटिया मार्क वाली वस्तुएँ, टोंड दूध आदि।
प्रश्न 19.
स्थानापन्न को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।
उत्तर:
स्थानापन्न वस्तुएँ वे होती हैं जो एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग होती हैं; जैसे चाय-कॉफी, चीनी-गुड़।
प्रश्न 20.
पूरकों को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर:
जिन वस्तुओं का साथ-साथ उपयोग किया जाता है उन्हें पूरक वस्तुएँ कहा जाता है; जैसे चाय-चीनी, जूते तथा जुराबे, टॉर्च तथा सैल।
प्रश्न 21.
माँग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
माँग की कीमत लोच से हमारा अभिप्राय उस दर से है जिसके अनुसार वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से वस्तु की माँग में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 22.
एक वस्तु की माँग पर विचार करें। 4 रुपए की कीमत पर इस वस्तु की 25 इकाइयों की माँग है। मान लीजिए वस्त की कीमत बढ़कर 5 रुपए हो जाती है तथा परिणामस्वरूप वस्तु की माँग घटकर 20 इकाइयाँ हो जाती है। कीमत लोच की गणना कीजिए।
उत्तर:
p0 = 4
q0 = 25
p1 = 5
q0 = 20
कीमत की लोच = \(\frac{\Delta q}{\Delta p} \times \frac{p^{0}}{q^{0}}\)
= \(\frac{25-20}{5-4} \times \frac{4}{25}=\frac{5}{1} \times \frac{4}{25}\)
= \(\frac { 20 }{ 25 }\) = 0.8
इस उदाहरण में माँग की लोच 0.8 या इकाई से कम (eD < 1) या कम लोचदार है।
प्रश्न 23.
माँग वक्र D (p) = 10 – 3p को लीजिए। कीमत \(\frac { 5 }{ 3 }\) पर लोच क्या है?
उत्तर:
रैखिक माँग वक्र की दिशा में लोच- (eD) = -b\(\frac { p }{ q }\)
= –\(\frac { bp }{ a-bp }\)
दी हुई माँग वक्र D (p) = 10 – 3p
यहाँ a= 10 और b = – 3
कीमत \(\frac { 5 }{ 3 }\) पर q = 10 – 3(\(\frac { 5 }{ 3 }\)) = 5
माँग की लोच = -b\(\frac { p }{ q }\)
= -3\(\frac{\frac{5}{3}}{5}\)
= – 1
अर्थात् माँग की लोच इकाई के बराबर है।
प्रश्न 24.
मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच -0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होती है, तो वस्तु के लिए माँग में कितनी प्रतिशत कमी आएगी?
उत्तर:
eD = – 0.2
% ∆p = 5
eD = \(\frac{\% \Delta q}{\% \Delta p}\)
-0.2 = \(\frac{\% \Delta q}{5}\)
∴ % ∆q = -0.2 x 5 = – 1
इस प्रकार वस्तु की माँग में 1 प्रतिशत की कमी आ जाएगी।
प्रश्न 25.
मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच -0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 10% वृद्धि होती है, तो उस पर होने वाला व्यय किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर:
eD = – 0.2
% ∆p = 10
eD = \(\frac{\% \Delta q}{\% \Delta p}\)
– 0.2 = \(\frac{\% \Delta q}{10}\)
∴ % ∆q = -0.2 x 10
= – 2
प्रश्न 26.
मान लीजिए कि किसी वस्तु की कीमत में 4% की गिरावट होने के परिणामस्वरूप उस पर होने वाले व्यय में 2% की वृद्धि हो गई। आप माँग की लोच के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर:
कीमत में % कमी = 4
कुल व्यय में % वृद्धि = 2
चूँकि कीमत में 4% कमी वस्तु पर होने वाले व्यय में 2% वृद्धि से अधिक है, अतः माँग की लोच इकाई से कम या बेलोचदार है।
उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत HBSE 12th Class Economics Notes
→ उपयोगिता-किसी वस्तु की वह क्षमता जो आवश्यकता को संतुष्ट करती है, उपयोगिता कहलाती है।
→ कुल उपयोगिता-किसी वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त संतुष्टि के कुल जोड़ को कुल उपयोगिता कहते हैं।
→ सीमांत उपयोगिता-सीमांत उपयोगिता (MU) से अभिप्राय वस्तु की एक अधिक इकाई के प्रयोग करने से प्राप्त होने
वाली अतिरिक्त उपयोगिता से है। उदाहरण-
कुल उपयोगिता (TU) जब 10 इकाइयों का उपयोग किया जाता है = 100 यूटिल
कुल उपयोगिता जब 11 इकाइयों का उपयोग किया जाता है = 110 यूटिल
MU11th = TU11 – TU10 = 110 – 100 = 10 यूटिल
→ सीमांत उपयोगिता (MU) और कुल उपयोगिता (TU) में संबंध-सभी इकाइयों की सीमांत उपयोगिता (MU) को जोड़ने पर कुल उपयोगिता (TU) प्राप्त हो जाती है, अतएव TU = ∑MU
सीमांत उपयोगिता (MU) ह्रासमान होती है (ह्रासमान सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार)। यह शून्य या ऋणात्मक हो जाती है। स्पष्ट है कि जब MU = 0 तब TU में कोई वृद्धि नहीं होती। इसलिए जब MU = 0 (शून्य) होती है, तब TU अधिकतम होती है। जब MU ऋणात्मक हो जाती है तब TU घटना शुरू हो जाती है।
→ ह्रासमान सीमांत उपयोगिता का नियम ह्रासमान सीमांत उपयोगिता का नियम बतलाता है कि अन्य बातें समान रहने पर जब किसी वस्तु (जैसे चाय का एक प्याला) की अधिक इकाइयों का निरंतर उपभोग किया जाता है तब प्रत्येक अगली इकाई से मिलने वाली अतिरिक्त उपयोगिता (MU) अवश्य ह्रासमान होती है और शून्य या ऋणात्मक भी हो सकती है।
→ उपभोक्ता संतुलन-उपभोक्ता संतुलन एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक उपभोक्ता अपनी सीमित आय को व्यय करके अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करता है तथा वह अपनी आय को खर्च करने के वर्तमान ढंग में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना पसंद नहीं करता।
→ उपभोक्ता संतुलन का निर्धारण-एक ही वस्तु के लिए उपभोक्ता संतुलन (अधिकतम संतुष्टि) की स्थिति तब प्राप्त करता है जब वस्तु से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता कीमत के रूप में दी जाने वाली मुद्रा की सीमांत उपयोगिता (MUM ) के बराबर हो जाती है।
→ बजट सेट-बजट सेट उन वस्तुओं के सभी बंडलों का संग्रह है, जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाज़ार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।
→ बजट रेखा बजट रेखा उन सभी बंडलों का प्रतिनिधित्व करती है जिन पर उपभोक्ता की संपूर्ण आय व्यय हो जाती है। बजट रेखा की प्रवणता ऋणात्मक होती है। यदि कीमतों या आय दोनों में से किसी एक में परिवर्तन आता है, तो बजट सेट में परिवर्तन आ जाता है।
→ सुस्पष्ट अधिमान-सभी संभावित बंडलों के संग्रह के विषय में उपभोक्ता के सुस्पष्ट अधिमान हैं। वह उन पर अपनी अधिमानता के अनुसार उनका श्रेणीकरण कर सकता है।
→ अनधिमान वक्र-अनधिमान वक्र सभी बिंदुओं का बिंदुपथ है जो उन बंडलों को प्रदर्शित करते हैं, जिनके बीच उपभोक्ता तटस्थ है।
→ अनधिमान वक्र की प्रवणता-अधिमान की एकदिष्टता से अभिप्राय है कि अनधिमान वक्र की प्रवणता नीचे की ओर है।
→ अनधिमान मानचित्र-उपभोक्ता का अधिमान सामान्यतया अनधिमान मानचित्र द्वारा दर्शाया जा सकता है। उपभोक्ता का अधिमान सामान्यतया उपयोगिता फलन द्वारा भी दर्शाया जा सकता है।
→ उपभोक्ता का चयन-एक विवेकशील उपभोक्ता सदा बजट सेट में से अपने सर्वाधिक अधिमानता बंडल का चयन करता
→ उपभोक्ता का इष्टतम बंडल उपभोक्ता का इष्टतम बंडल बजट रेखा तथा अनधिमान वक्र के बीच स्पर्शिता बिंदु पर स्थित होता है।
→ उपभोक्ता का माँग वक्र-उपभोक्ता का माँग वक्र वस्तु की मात्रा को प्रदर्शित करता है, जिसका चयन उपभोक्ता कीमत के विभिन्न स्तरों पर ऐसी स्थिति में करता है, जब अन्य वस्तुओं की कीमत, उपभोक्ता की आय तथा उनकी रुचियाँ और अधिमान अपरिवर्तित रहते हैं।
→ सामान्य वस्तुओं की माँग-किसी सामान्य वस्तु की माँग में वृद्धि (गिरावट) उपभोक्ता की आय में वृद्धि (गिरावट) के साथ होती है।
→ निम्नस्तरीय वस्तु की माँग-उपभोक्ता की आय में वृद्धि (गिरावट) होने के साथ-साथ निम्नस्तरीय वस्तु की माँग में गिरावट (वृद्धि) होती है।
→ बाज़ार माँग वक्र बाज़ार माँग वक्र बाज़ार में सभी उपभोक्ताओं की माँग को वस्तु की कीमत में विभिन्न स्तरों पर समग्र दृष्टि से देखकर माँग को प्रदर्शित करता है।
→ माँग की कीमत लोच-किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच, किसी वस्तु की माँग के प्रतिशत में परिवर्तन को इसकी कीमत के प्रतिशत-परिवर्तन से भाग देकर प्राप्त किया जाता है।