Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
भाग-I : सही विकल्प का चयन करें
1. अपवाह शब्द व्याख्या करता है
(A) नदी तंत्र की
(B) पर्वत श्रृंखला की
(C) वायुमंडल की
(D) प्राणी मंडल की
उत्तर:
(A) नदी तंत्र की
2. भारतीय नदियों को कितने अपवाह तंत्रों में बाँटा गया है?
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
उत्तर:
(B) 2
3. हिमालय से निकलने वाली नदी है-
(A) सिंधु
(B) ब्रह्मपुत्र
(C) गंगा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
4. सिंधु नदी का उद्गम होता है
(A) गंगोत्री से
(B) यमुनोत्री से
(C) मानसरोवर झील के निकट तिब्बत से
(D) अमरकंटक से
उत्तर:
(C) मानसरोवर झील के निकट तिब्बत से
5. गंगा का उद्गम स्थल है
(A) देवप्रयाग
(B) अमरकंटक
(C) मानसरोवर
(D) गंगोत्री
उत्तर:
(D) गंगोत्री
6. यमुना का उद्गम स्थल है
(A) यमुनोत्री
(B) गंगोत्री
(C) देवप्रयाग
(D) इलाहाबाद
उत्तर:
(A) यमुनोत्री
7. प्रायद्वीपीय उच्च भूमि से आने वाली गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं
(A) चंबल
(B) बेतवा
(C) सोन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
8. ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थल है-
(A) अमरकंटक
(B) गंगोत्री
(C) तिब्बत में मानसरोवर झील के पूर्व में
(D) नेपाल में
उत्तर:
(C) तिब्बत में मानसरोवर झील के पूर्व में
9. खारे पानी की झील है
(A) डल झील
(B) चिल्का झील
(C) सांभर झील
(D) पुलीकट झील
उत्तर:
(C) सांभर झील
10. निम्नलिखित में से कौन-सी मीठे पानी की झील है?
(A) डल
(B) भीमताल
(C) बड़ापानी
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
11. निम्नलिखित में से कौन-सी मानव-निर्मित झील है?
(A) गुरुगोबिंद सागर झील
(B) डल झील
(C) वूलर झील.
(D) भीमताल
उत्तर:
(A) गुरुगोबिंद सागर झील
12. प्रायद्वीपीय भारत की कौन-सी नदी पूर्व की ओर बहती है?
(A) ताप्ती
(B) महानदी
(C) नर्मदा
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) महानदी
13. गंगा नदी पर कौन-सी प्रांतीय राजधानी स्थित है?
(A) पटना
(B) कोलकाता
(C) लखनऊ
(D) भुवनेश्वर
उत्तर:
(A) पटना
14. जोग प्रपात किस नदी से संबंधित है?
(A) गोदावरी
(B) महानदी
(C) शरवती
(D) नर्मदा
उत्तर:
(C) शरवती
15. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी अरब सागर में गिरती है?
(A) गोदावरी
(B) महानदी
(C) कृष्णा
(D) माही
उत्तर:
(D) माही
16. ‘दक्षिण की गंगा’ या ‘वृद्ध गंगा’ किस नदी को कहा जाता है?
(A) गोदावरी
(B) कृष्णा
(C) महानदी
(D) कावेरी
उत्तर:
(A) गोदावरी
17. निम्नलिखित में से कौन-सी खारे पानी की झील है?
(A) सांभर
(B) वूलर
(C) डल
(D) गोविंद सागर
उत्तर:
(A) सांभर
18. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी मैकाल श्रेणी से नहीं निकलती?
(A) तापी
(B) नर्मदा
(C) सोन
(D) महानदी
उत्तर:
(A) तापी
19. कौन-सी नदी गंगा के बाएं किनारे पर नहीं मिलती है?
(A) चंबल
(B) गोमती
(C) घाघरा
(D) कोसी
उत्तर:
(A) चंबल
20. काली और तिस्ता नदियों के बीच हिमालय का कौन-सा भाग पड़ता है?
(A) पंजाब हिमालय
(B) कुमाऊं हिमालय
(C) नेपाल हिमालय
(D) असम हिमालय
उत्तर:
(C) नेपाल हिमालय
21. अमरकंटक पठार से कौन-सी नदी नहीं निकलती?
(A) सोन
(B) गोदावरी
(C) नर्मदा
(D) महानदी
उत्तर:
(B) गोदावरी
22. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी डेल्टा नहीं बनाती?
(A) गंगा
(B) गोदावरी
(C) तापी/ताप्ती
(D) महानदी
उत्तर:
(C) तापी/ताप्ती
23. हिमालय से निकलने वाली निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी एक पूर्ववर्ती नदी है?
(A) घाघरा
(B) घाघर
(C) यमुना
(D) सतलुज
उत्तर:
(D) सतलुज
24. चेमयुंगडुंग हिमनद से कौन-सी नदी निकलती है?
(A) घाघरा
(B) ब्रह्मपुत्र
(C) लोहित
(D) बूढ़ी दिहिंग
उत्तर:
(B) ब्रह्मपुत्र
25. चिल्का झील स्थित है-
(A) कर्नाटक तट पर
(B) उत्तरी सरकार तट पर
(C) कोंकण तट पर
(D) मालाबार तट पर
उत्तर:
(B) उत्तरी सरकार तट पर
26. ‘दक्षिण का उद्यान’ कहा जाने वाला तंजाऊर जिला किस नदी के डेल्टा में बसा है?
(A) पेन्नार
(B) कावेरी
(C) बैगाई
(D) कृष्णा
उत्तर:
(B) कावेरी
भाग-II : एक शब्द या वाक्य में उत्तर दें
प्रश्न 1.
भारत की नदियों के दो बड़े वर्ग कौन-से हैं?
उत्तर:
- हिमालय की नदियाँ
- प्रायद्वीपीय नदियाँ।
प्रश्न 2.
सिन्धु नदी का उद्गम क्षेत्र बताइए।
उत्तर:
तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट।
प्रश्न 3.
ब्रह्मपुत्र नदी ने किस पर्वत-चोटी के पास महाखण्ड (Gorge) बनाया है?
उत्तर:
नामचा बरवा।
प्रश्न 4.
बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी किस नाम से प्रवेश करती है?
उत्तर:
जमना।
प्रश्न 5.
गंगा की उन दो शीर्ष नदियों के नाम बताइए, जो देवप्रयाग में एक-दूसरे से मिलती हैं?
उत्तर:
अलकनन्दा तथा भागीरथी।
प्रश्न 6.
गंगा किस स्थान पर मैदानी भाग में प्रवेश करती है?
उत्तर:
हरिद्वार।
प्रश्न 7.
गंगा के बाएँ किनारे की मुख्य सहायक नदियों के नाम बताइए।
अथवा
गंगा नदी की दो सहायक नदियों के नाम लिखें।
उत्तर:
रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी।
प्रश्न 8.
प्रायद्वीपीय भारत का सबसे बड़ा तंत्र कौन-सा है?
उत्तर:
गोदावरी।
प्रश्न 9.
प्रायद्वीपीय भारत की कौन-सी नदी को ‘वृद्ध गंगा’ या ‘दक्षिणी गंगा’ कहा जाता है?
उत्तर:
गोदावरी।
प्रश्न 10.
प्रायद्वीपीय भारत की अरब सागर में गिरने वाली दो सबसे बड़ी नदियों के नाम बताएँ।
उत्तर:
नर्मदा, ताप्ती।
प्रश्न 11.
तिब्बत में सिंधु नदी को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
सिंगी खंबान या शेरमुख।
प्रश्न 12.
दरार घाटियों में बहने वाली दो नदियों के नाम लिखें।
उत्तर:
नर्मदा और ताप्ती।
प्रश्न 13.
उत्तरी भारत की नदियों तथा प्रायद्वीपीय भारत की नदियों के मध्य जल-विभाजक का नाम बताएँ।
उत्तर:
विन्ध्य-सतपुड़ा श्रेणी।
प्रश्न 14.
एक ट्रांस हिमालयी नदी का नाम बताएँ जो सिन्धु की सहायक नदी बनती है?
उत्तर:
सतलुज।
प्रश्न 15.
प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी का नाम बताएँ।
उत्तर:
गोदावरी।
प्रश्न 16.
दक्षिणी भारत की कौन-सी नदी ज्वारनदमुख बनाती है?
उत्तर:
नर्मदा।
प्रश्न 17.
कृष्णा नदी कहाँ-से निकलती है?
उत्तर:
महाबलेश्वर से।
प्रश्न 18.
बांग्लादेश में गंगा नदी किस नाम से बहती है?
उत्तर:
पद्मा के नाम से।
प्रश्न 19.
प्रायद्वीपीय भारत की बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों के नाम लिखें।
उत्तर:
महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी।
प्रश्न 20.
जल संभर क्षेत्र के आकार के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियों को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
तीन भागों में।
प्रश्न 21.
पूर्ववर्ती जल-प्रवाह के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सिन्धु नदी, ब्रह्मपुत्र नदी, सतलुज नदी इत्यादि।
प्रश्न 22.
झेलम नदी कहाँ से निकलती है?
उत्तर:
यह नदी शेषनाग झील से निकलकर अन्त में वूलर झील में मिलती है।
प्रश्न 23.
नदियाँ अपनी घाटी को पीछे कैसे सरकाती हैं?
उत्तर:
शीर्ष कटाव व सरिता-हरण से।
प्रश्न 24.
हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदियों में से कौन-सी नदियाँ पुरानी हैं?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय नदियाँ।
प्रश्न 25.
सतलुज नदी का उद्गम स्थल बताइए।
उत्तर:
कैलाश पर्वत के दक्षिण में मानसरोवर झील के निकट राक्षस ताल से निकलती है।
प्रश्न 26.
डेल्टाई मैदान में गंगा किन नामों से जानी जाती है?
उत्तर:
भागीरथी व हुगली।
प्रश्न 27.
सन्दरवन डेल्टा का निर्माण कौन-सी नदी करती है?
उत्तर:
गंगा।
प्रश्न 28.
साबरमती नदी का उद्गम क्षेत्र बताइए।
उत्तर:
अरावली की पहाड़ियों में डूंगरपुर ज़िला।
प्रश्न 29.
अन्तःस्थलीय अपवाह का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
घग्घर नदी।
प्रश्न 30.
हिमालय की नदियों की प्रवृत्ति कैसी है?
उत्तर:
मानसूनी भी और हिमनदीय भी।
प्रश्न 31.
प्रायद्वीपीय नदियों की प्रवृत्ति कैसी है?
उत्तर:
मानसूनी।
प्रश्न 32.
खम्भात की खाड़ी में गिरने वाली किसी नदी का नाम बताइए।
उत्तर:
माही।
प्रश्न 33.
प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य जल विभाजक का नाम क्या है?
उत्तर:
पश्चिमी घाट।
अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रायद्वीपीय पठार की नदियों की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
इन नदियों ने चौड़ी, संतुलित व उथली घाटियों का निर्माण किया है। यहाँ की सभी नदियाँ आधार तल को प्राप्त कर चुकी हैं।
प्रश्न 2.
नदी तन्त्र क्या है?
उत्तर:
मुख्य नदी तथा उसकी सहायक नदियों से मिलकर बना तन्त्र नदी तन्त्र कहलाता है।
प्रश्न 3.
अपवाह-तन्त्र क्या है?
उत्तर:
स्थान विशेष में एक निश्चित क्रम में प्रवाहित होने वाली नदियों एवं उनकी शाखाओं के सम्मिलित अध्ययन को अपवाह-तन्त्र कहते हैं।
प्रश्न 4.
अपवाह द्रोणी क्या है?
उत्तर:
धरातल का वह क्षेत्र जिसका जल एक ही नदी तन्त्र द्वारा बहाकर ले जाया जाता है, अपवाह द्रोणी कहलाता है।
प्रश्न 5.
अन्तःस्थलीय अपवाह क्या होता है?
उत्तर:
ऐसी नदियाँ जो किसी सागर में न गिरकर स्थलमण्डल की किसी झील अथवा मरूभूमि में विलीन हो जाती हैं।
प्रश्न 6.
नदी प्रवृत्ति क्या होती है?
उत्तर:
नदी में ऋतुवत् जल-विसर्जन को उसकी प्रवृत्ति कहा जाता है।
प्रश्न 7.
नर्मदा नदी कौन-सा विख्यात जल-प्रपात बनाती है और कहाँ बनाती है?
उत्तर:
जबलपुर के नीचे भेड़ाघाट की संगमरमर शैलों को काटते हुए मनोरम धुआँधार प्रपात बनाती है।
प्रश्न 8.
जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जल विभाजक का कार्य दो पड़ोसी प्रवाह श्रेणियों को अलग करना है। यह विभाजक अपनी एक ओर की ढाल पर बहने वाली नदियों को एक ओर तथा दूसरी ढाल पर बहने वाली नदियों को दूसरी ओर मोड़ देता है। हिमालय पर्वत एक प्रमुख जल विभाजक है।
प्रश्न 9.
भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है?
उत्तर:
भारत की सबसे विशाल नदी द्रोणी गंगा नदी द्रोणी है। इसकी लंबाई लगभग 2500 कि०मी० है।
प्रश्न 10.
सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती हैं?
उत्तर:
सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट से निकलती है और गंगा नदी गंगोत्री नामक हिमानी से निकलती है।
प्रश्न 11.
गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं?
उत्तर:
गंगा नदी की दो मुख्य धाराएँ हैं-भागीरथी और अलकनंदा। ये दोनों धाराएँ उत्तराखंड के देवप्रयाग में आपस में मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं।
प्रश्न 12.
हिमालय के तीन प्रमुख अपवाह-तन्त्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत की विभिन्न श्रेणियों से अनेक नदियाँ उतरकर भारत की ओर प्रवाहित होती हैं। इन समस्त नदियों को तीन अपवाह-तन्त्रों में विभाजित किया जाता है
- सिन्धु अपवाह-तन्त्र
- गंगा अपवाह-तन्त्र
- ब्रह्मपुत्र अपवाह-तन्त्र।
प्रश्न 13.
किसी देश का अपवाह-तन्त्र किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
किसी भी देश का अपवाह-तन्त्र वहाँ की धरातलीय रचना, भूमि के ढाल, शैलों के स्वभाव, विवर्तनिक क्रियाओं, जल की प्राप्ति एवं अपवाह क्षेत्र के भू-गर्भिक इतिहास पर निर्भर करता है।
प्रश्न 14.
गंगा तथा महानदी डेल्टा के बीच बहने वाली नदियों के नाम लिखें।
उत्तर:
गंगा नदी का डेल्टा पश्चिमी बंगाल में तथा महानदी का डेल्टा ओडिशा में फैला हुआ है। इनके बीच फैले राज्यों बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में ब्राह्मणी तथा स्वर्णरेखा नदियाँ बहती हैं।
प्रश्न 15.
गंगा अपवाह-तन्त्र की रचना कौन-सी नदियाँ करती हैं?
उत्तर:
गंगा अपवाह-तन्त्र का निर्माण हिमालय एवं प्रायद्वीपीय उच्च भागों से निकलने वाली नदियों द्वारा होता है। हिमालय के हिमाच्छादित भागों से आने वाली गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, गोमती तथा कोसी नदियाँ और प्रायद्वीपीय उच्च भागों से निकलने वाली चम्बल, बेतवा, टोंस, केन, सोन, इत्यादि नदियाँ गंगा अपवाह-तन्त्र का निर्माण करती हैं।
प्रश्न 16.
अपवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
निश्चित वहिकाओं के माध्यम से हो रहे जल-प्रवाह को अपवाह कहते हैं।
प्रश्न 17.
वृक्षाकार अपवाह प्रतिरूप किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी अपवाह की आकृति वृक्ष के समान हो तो ऐसे अपवाह के प्रतिरूप को वृक्षाकार अपवाह प्रारूप कहते हैं।
प्रश्न 18.
जालीनुमा अपवाह प्रतिरूप किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब मुख्य नदियाँ एक-दूसरे के समानांतर प्रवाहित होती हो और सहायक नदियाँ उनसे समकोण पर मिलती हो तो अपवाह के ऐसे प्रारूप को जालीनुमा अपवाह प्रारूप कहते हैं।
प्रश्न 19.
नमामी गंगे परियोजना क्या है?
उत्तर:
यह भारत सरकार का एक एकीकृत जल संरक्षण मिशन है। इसमें राष्ट्रीय नदी गंगा से संबंधित दो महत्त्वपूर्ण उद्देश्य हैं-
- प्रदूषण को कम करना
- इसके संरक्षण और कायाकल्प को पूरा करना।
प्रश्न 20.
नदी प्रवृत्ति क्या होती है?
उत्तर:
नदियों में अलग-अलग मौसम में जल का बहाव भी अलग-अलग होता है। नदी में जल के मौसमी बहाव अर्थात् ऋतुवत् जल-विसर्जन को नदी प्रवृत्ति कहा जाता है।
प्रश्न 21.
जल-विसर्जन क्या होता है?
उत्तर:
किसी समय विशेष पर किसी नदी में बहने वाली जल-राशि को जल-विसर्जन कहा जाता है। जल-विसर्जन के मापने की इकाई को क्यूसेक्स अर्थात् घन फुट प्रति सैकिण्ड अथवा क्यूमेक्स अर्थात् घन मीटर प्रति सैकिण्ड कहते हैं।
प्रश्न 22.
कोसी नदी को ‘बिहार का शोक’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
यह नदी कंचनजंगा से निकलकर बिहार में प्रवेश करती है। यह नदी कई धाराओं में बहती है। रास्ता बदलना तथा आकस्मिक बाढ़ लाना इसका स्वभाव रहा है। यह नदी बिहार में धन, जन तथा फसलों को बाढ़ के कारण अपार क्षति पहुँचाती है। इसलिए इस नदी को बिहार का दुःख या शोक कहा जाता है।
प्रश्न 23.
तटीय नदी तन्त्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पश्चिमी तटीय मैदान में छोटी-छोटी लगभग 600 नदियाँ बहती हैं। इन नदियों के मैदान सँकरे व तल सामान्यतः खड़े ढाल वाले हैं। ये नदियाँ बड़ी मात्रा में तलछट बहाकर लाती हैं। तीव्र गति वाली होने के कारण ये नदियाँ समुद्र तट पर तलछट जमा नहीं कर पातीं। अतः ये नदियाँ डेल्टा बनाने में असमर्थ हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की सभ्यता, संस्कृति एवं आर्थिक विकास में नदियों के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से भारत की नदियाँ सिंचाई, जल-विद्युत् उत्पादन, मत्स्योत्पादन, जल-परिवहन एवं व्यापार का महत्त्वपूर्ण साधन रही हैं। भारतीय नदियों के तटों पर अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केन्द्र स्थापित हुए। नदियों की उपजाऊ घाटियों एवं डेल्टा प्रदेशों में सघन जनसंख्या का निवास पाया जाता है। उपर्युक्त कारणों से भारत की सभ्यता, संस्कृति एवं आर्थिक विकास में नदियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्रश्न 2.
उत्पत्ति के आधार पर भारत की नदियों के दो मुख्य तथा दो गौण वर्ग कौन-से हैं?
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर भारत की नदियों के दो मुख्य वर्ग हैं-
- हिमालय की नदियाँ तथा
- प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ।
इनके अतिरिक्त दो गौण नदी-तन्त्र है-
- तटीय नदी तन्त्र
- अन्तः स्थली अपवाह।
प्रश्न 3.
सिंधु एवं गंगा अपवाह में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
सिंधु एवं गंगा अपवाह में निम्नलिखित अंतर हैं
सिंधु अपवाह | गंगा अपवाह |
1. सिन्धु अपवाह की नदियाँ गॉर्ज का निर्माण करती हैं। | 1. गंगा अपवाह की नदियाँ विशाल मैदानी भाग का निर्माण करती हैं। |
2. इसमें दोआब पाए जाते हैं। | 2. इसमें संगम पाए जाते हैं। |
3. इस अपवाह में बहने वाली नदियाँ मुख्यतः अरब सागर में गिरती हैं। | 3. इस अपवाह में बहने वाल्की नदियाँ मुख्यतः बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। |
प्रश्न 4.
भारतीय प्रवाह तंत्र का उल्लेख कीजिए
अथवा
भौगोलिक आधार पर भारतीय प्रवाह तंत्र को सूचीबद्ध करें।
उत्तर:
प्रश्न 5.
गोदावरी को अक्सर ‘वृद्ध गंगा’ या ‘दक्षिणी गंगा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
गोदावरी दक्षिणी भारत की सबसे बड़ी नदी है। इसका उद्गम स्थान महाराष्ट्र का नासिक ज़िला है। यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसका अपवाह क्षेत्र 1,36,090 वर्ग कि० मी० है और इसका जल-ग्रहण क्षेत्र महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा तथा आन्ध्र प्रदेश तक है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ प्रवरा, पेनगंगा, वेनगंगा, इन्द्रावती, वर्षा, मनेर आदि हैं। अतः इसका आकार तथा विस्तार बहत विशाल है। इसी विशालता, पवित्रता व प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण इसे ‘वृद्ध गंगा’ या ‘दक्षिण की गंगा’ कहा जाता है।
प्रश्न 6.
पश्चिमी तट पर नदियाँ डेल्टा क्यों नहीं बनाती, जबकि वे बड़ी मात्रा में तलछट बहाकर लाती हैं?
उत्तर:
पश्चिमी घाट से निकलने वाली मुख्य नदियाँ नर्मदा, ताप्ती व अनेक छोटी-छोटी नदियाँ बहुत तेज़ गति से बहकर अरब सागर में गिरती हैं। इसका कारण अरब सागर की ओर पश्चिमी घाट के ढाल का तीव्र होना है। ये नदियाँ अपनी तेज़ गति के कारण अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को गहरे सागर में ले जाती हैं, उनका तट पर जमाव नहीं कर पातीं। नर्मदा और ताप्ती नदियाँ भ्रंश घाटियों में बहती हैं। ये नदियाँ अपने अवसाद को मूल दरारों में भरती रहती हैं। इस कारण ये नदियाँ डेल्टा नहीं बनातीं। इन नदियों के मुहानों पर आने वाला ज्वार-भाटा भी इनके अवसादों को गहरे समुद्र में बहा ले जाता है। एक और कारण भी है-अरब सागर का निर्माण प्रायद्वीपीय खण्ड के पश्चिमी पार्श्व के अवतलन के कारण हुआ था। अतः पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की घाटियाँ भी जल में डूब गई थीं।
प्रश्न 7.
गॉर्ज किसे कहते हैं? भारत की कौन-सी नदियों ने गॉर्ज बनाए हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
पर्वतीय प्रदेशों में नदी युवावस्था में होती है और अपनी लम्बवत् अपरदन क्रिया द्वारा बहुत गहरी तथा संकरी घाटी का निर्माण करती हैं जिसे गॉर्ज़ कहते हैं। गॉर्ज के किनारे खड़े ढालों वाले होते हैं। ये ऐसे क्षेत्रों में बनते हैं, जहाँ चट्टानें कठोर व संक्षारण-प्रतिरोधी होती हैं। विशाल आकार वाले महाखड्ड को कैनयन (Canyon) कहते हैं। सिन्धु, सतलुज, अलकनन्दा, गंडक, कोसी और ब्रह्मपुत्र नदियों ने हिमालय में गॉर्ज बनाए हैं।
प्रश्न 8.
सहायक नदी और वितरिका में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सहायक नदी और वितरिका में अंतर निम्नलिखित हैं-
सहायक नदी | वितरिका |
1. जब एक छोटी नदी एक मुख्य नदी में मिलती है तो वह सहायक नदी कहलाती है। | 1. डेल्टा क्षेत्र में अवसादों की रुकावट के कारण जब नदी कई शाखाओं में बँट जाती है तो उन शाखाओं को वितरिकाएँ कहा जाता है। |
2. सहायक नदी मुख्य नदी में कहीं भी मिल सकती है। | 2. वितरिका सदैव डेल्टा प्रदेश में ही मिलती है। |
3. परिवहन तथा सिंचाई दोनों के लिए सहायक नदी का उपयोग किया जाता है। | 3. मुख्यतः परिवहन के लिए वितरिका उपयोगी होती है। |
4. सहायक नदी मुख्य नदी में अपना जल डालती हैं। | 4. वितरिका मुख्य नदी से जल ले जाती है और दोबारा नदी में नहीं मिलती। |
5. गंगा नदी की सहायक नदी यमुना है। | 5. गंगा नदी की वितरिका हुगली है। |
प्रश्न 9.
अन्तःस्थलीय अपवाह का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसका उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अन्तःस्थलीय अपवाह में उन नदियों को सम्मिलित किया जाता है जो किसी सागर में न गिरकर स्थलमण्डल पर ही किसी झील में विलीन हो जाती हैं अथवा मरुभूमि में ही विलीन हो जाती हैं। आन्तरिक अपवाह प्रदेश उत्तरी कश्मीर, दक्षिण-पूर्वी असम, पश्चिमी राजस्थान और हरियाणा तक सीमित है। राजस्थान की लूनी, माही और साबरमती नदियों को छोड़कर अन्य सभी नदियाँ मरुभूमि में ही विलीन हो जाती हैं अथवा साँभर झील में गिर जाती हैं। हरियाणा की घग्घर नदी भी अन्तःस्थलीय अपवाह का उदाहरण है।
प्रश्न 10.
सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कहाँ है? इसकी पाँच सहायक नदियों के नाम बताइए।
उत्तर:
सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कैलाश पर्वत-श्रेणी के उत्तरी ढलान से तिब्बत में लगभग 5,000 मीटर की ऊँचाई पर मानसरोवर झील है। अपने स्रोत से यह उत्तर तथा उत्तर:पश्चिम दिशा में लगभग 320 कि०मी० बहने के बाद जम्मू-कश्मीर में से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियाँ हैं-
- सतलुज
- व्यास
- रावी
- चिनाब
- झेलम।
प्रश्न 11.
प्रायद्वीपीय भारत की पश्चिम की ओर बहने वाली दो मुख्य नदियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय भारत का सामान्य ढाल पूर्व की ओर है। इसलिए अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर खाड़ी बंगाल में प्रवेश करती हैं। पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं। उनमें दो प्रमुख नदियाँ निम्नलिखित हैं
- नर्मदा नदी-यह मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर अरब सागर की खम्भात की खाड़ी में जा गिरती है। इसकी लम्बाई 1,300 कि०मी० है।
- ताप्ती नदी-यह मध्य प्रदेश में महादेव की पहाड़ियों से निकलकर खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। इसकी लम्बाई 338 कि०मी० है।
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हिन्द ब्रह्म नदी अवधारणा की व्याख्या कीजिए। उन मुख्य तर्कों का विवरण दीजिए जिनके आधार पर इस अवधारणा पर आपत्ति की गई है।
उत्तर:
हिन्द-ब्रह्म नदी अवधारणा-भू-गर्भ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शिवालिक पहाड़ियों के संस्तरों का निक्षेपण एक ऐसी विशाल नदी द्वारा किया गया था जो मायोसीन काल में असम से हिमालय के गिरिपद के साथ-साथ अनुदैर्ध्य विस्तार में बहती हुई सुलेमान, किरथर के सहारे उत्तर:पश्चिम कोने तक पहुँचकर दक्षिण में मुड़कर अरब सागर में जा मिलती थी। पेस्को ने इस नदी को हिन्द-ब्रह्म तथा पिलग्रिम ने शिवालिक का नाम दिया। ऐसा विश्वास है कि हिन्द-ब्रह्म नदी सिन्धु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र सहित हिमालय से निकलने वाली सभी नदियों के समस्त जल को अरब सागर तक ले जाती थी। कालान्तर में यह ऐतिहासिक नदी निम्नलिखित तन्त्रों व उपतन्त्रों में बँट गई
- सिन्धु नदी
- पंजाब में सिन्धु नदी की पाँचों सहायक नदियाँ (सतलुज, रावी, चिनाब, ब्यास व झेलम)
- गंगा तथा हिमालय से निकलने वाली उसकी सहायक नदियाँ
- ब्रह्मपुत्र का वह भाग जो असम में है व हिमालय से निकलने वाली उसकी सहायक नदियाँ।
हिन्द-ब्रह्म नदी का उपर्युक्त विच्छेदन निम्नलिखित कारणों से हुआ-
- अत्यन्त नूतन या प्लिस्टोसीन युग में हुई भू-गर्भिक हलचलें जिनमें पोतवार पठार का उत्थान भी सम्मिलित है।
- इस नदी की निचली घाटी में इसकी सहायक नदियों द्वारा शीर्षाभिमुख अपरदन।
इन परिवर्तनों से हिन्द-ब्रह्म नदी की प्रवाह-दिशा में प्रत्यावर्तन हुआ। नदी का उत्तरी-पश्चिमी भाग सिन्धु नदी के रूप में विकसित हुआ तथा मध्य में विच्छेदित हुआ मुख्य धारा का शेष भाग वर्तमान गंगा के रूप में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरने लगा। गंगा ने यमुना को अपनी सहायक नदी के रूप में मिला लिया। इस घटना से पूर्व यमुना सम्भवतः दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती थी और सिन्धु की सहायक नदी थी। सिन्धु तथा गंगा तन्त्रों के बीच सहायक नदियों का विनिमय उनके मध्य स्थित प्रदेश में पिछले प्राअभिनव काल की सामान्य घटना रही है। इस प्रकार हिन्द-ब्रह्म ही वह मूल नदी थी जिससे हिमालय के वर्तमान नदी-तन्त्रों का विकास हुआ है।
प्रश्न 2.
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का विस्तृत वर्णन कीजिए। अथवा प्रायद्वीपीय नदी तंत्र का वर्णन करें।
अथवा
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में गिरने वाली नदियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दक्षिण भारत में अनेक छोटी-बड़ी नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश बंगाल की खाड़ी में, कुछ अरब सागर में व कुछ अन्य खम्भात की खाड़ी में गिरती हैं। पठार की प्रायः सभी नदियाँ करोड़ों वर्षों से अपने मार्गों को काटती चली आ रही हैं। अतः इनकी घाटियाँ चौड़ी और छिछली हैं। नगण्य ढाल क्रम के कारण इन नदियों की अपरदन शक्ति नष्टप्रायः हो चुकी है।
I. बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ-
1. महानदी-यह नदी कोयना और संख नदियों के संगम से मिलकर छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के निकट निकलती है और छत्तीसगढ़ व आन्ध्र प्रदेश से होती हुई ओडिशा में बड़ा डेल्टा बनाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 880 कि० मी० है और अपवाह-क्षेत्र लगभग 1,41,600 वर्ग कि० मी० है। प्रसिद्ध हीराकुड बाँध इसी नदी पर बना हुआ है।
2. गोदावरी यह प्रायद्वीपीय नदियों में सबसे लम्बी नदी है जिसकी लम्बाई 1,465 कि० मी० है। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिमी घाट से निकलती है और आन्ध्र प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है। गोदावरी का कुल अपवाह-क्षेत्र 3,12,812 वर्ग कि० मी० है। अपनी पवित्रता, सौन्दर्य, उपयोगिता, विशाल आकार एवं विस्तार के कारण इसे वृद्ध गंगा तथा दक्षिण गंगा के नाम से भी पुकारा जाता है।
3. कृष्णा-इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट पर स्थित महाबलेश्वर के निकट है। गोदावरी के बाद यह प्रायद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी नदी है जिसकी लम्बाई 1,400 कि०मी० लम्बी है। इस नदी का कुल अपवाह-क्षेत्र 2,58,948 वर्ग कि०मी० है जो महाराष्ट्र, कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में विस्तृत है। कोयना, तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा व मूसी इत्यादि इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
4. कावेरी यह नदी कर्नाटक के कुर्ग जिले में पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि श्रेणी से निकलती है और तमिलनाडु राज्य में पत्तनम के निकट बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करती है। 800 कि० मी० लम्बी इस नदी का अपवाह-क्षेत्र लगभग 87,900 वर्ग कि० मी० है, जो केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में फैला है। मैसूर के पठार पर बहते समय यह नदी अनेक सुन्दर जल-प्रपात बनाती है जिनमें शिवसमुद्रम तथा होगेनकाल प्रपात दर्शनीय हैं। इस नदी पर मैटूर सहित अनेक बाँध बनाए गए हैं। कावेरी के डेल्टा में बसा तंजाऊर जिला अपने उपजाऊपन के कारण दक्षिण का उद्यान कहलाता है।
II. अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ
1. नर्मदा यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर विन्ध्याचल और सतपुड़ा पर्वत-श्रेणियों के बीच पश्चिम की ओर बहती हुई भड़ौच के निकट अरब सागर की खम्भात की खाड़ी (Bay of Cambay) में जा मिलती है। इस नदी की लम्बाई 1,300 कि० मी० और अपवाह-क्षेत्र 98,796 वर्ग कि० मी० है। मध्य प्रदेश में जबलपुर के नीचे भेड़ाघाट की संगमरमर चट्टानों में नर्मदा का महाखड्डु और कपिलधारा प्रपात मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
2. ताप्ती-यह नदी मध्य प्रदेश के बेतूल जिले में महादेव की पहाड़ियों से निकलती है। सतपुड़ा श्रेणी के दक्षिण में स्थित दरार घाटी (Rift Valley) में नर्मदा के समानान्तर पश्चिम की ओर बहती हुई खम्भात की खाड़ी में मिल जाती है। ताप्ती नदी 724 कि०मी० लम्बी है। इस नदी का अपवाह-क्षेत्र 65,145 वर्ग कि० मी० है जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात में विस्तृत है।
3. माही नदी-इसकी उत्पत्ति विन्ध्याचल के पश्चिमी भाग से हुई है। यह गुजरात में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
4. साबरमती नदी राजस्थान के डूंगरपुर जिले में अरावली की पहाड़ियाँ इसका उद्गम स्थान है, जो 300 कि०मी० बहने के बाद खम्भात की खाड़ी में गिरती है। इसका अपवाह क्षेत्र 21,600 वर्ग कि०मी० है जो राजस्थान तथा गुजरात में फैला है।।
5. लूनी नदी-यह नदी राजस्थान के अजमेर के दक्षिण-पश्चिम से निकलकर 300 किलोमीटर बहने के बाद कच्छ की खाड़ी में गिरती है।
उपरोक्त नदियों के अतिरिक्त प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में चम्बल, केन, बेतवा तथा सोन प्रमुख नदियाँ हैं, जो प्रायद्वीपीय पठार से निकलकर यमुना तथा गंगा में मिलती हैं, इनकी प्रवाह दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है। चम्बल, केन तथा बेतवा नदियाँ बीहड़-खड्डों से प्रवाहित होती हैं। प्रायद्वीपीय पठार का ढाल उत्तर में सतलुज-गंगा के मैदान की ओर होने के कारण ये नदियाँ उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होती हैं तथा गंगा और यमुना को जल प्रदान करती हैं।
प्रश्न 3.
हिमालय की नदियों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
उत्तर भारतीय नदियों का वर्णन करें।
अथवा
सिन्धु अपवाह तंत्र का वर्णन कीजिए।
अथवा
गंगा अपवाह तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तर भारतीय नदी तंत्र को हिमालयी अपवाह तंत्र भी कहा जाता है। हिमालय की नदियों के अपवाह तंत्र को निम्नलिखित तीन वर्गों में रखा जा सकता है-
- सिन्धु अपवाह तंत्र
- गंगा अपवाह तंत्र
- ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र
(1) सिन्धु अपवाह तंत्र-इस तंत्र के अन्तर्गत उत्तरी भारत की प्रमुख नदियाँ सिन्धु, झेलम, चेनाब, सतलुज, रावी और व्यास सम्मिलित हैं।
1. सिन्धु नदी-यह नदी तिब्बत में 5,180 मीटर की ऊँचाई पर मानसरोवर के निकट से निकलती है। यह अपने उद्गम स्थान से उत्तर:पश्चिम दिशा में 320 किलोमीटर बहने के बाद भारतीय क्षेत्र में पहुँचती है। लद्दाख तथा गिलगित से होकर यह नदी एटक के निकट मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। सिन्धु नदी की लम्बाई लगभग 2,900 कि०मी० तथा जलग्रहण क्षेत्र लगभग 11,66,700 वर्ग कि०मी० है, जिसमें से 3,21,300 वर्ग कि०मी० भारत में है। पाकिस्तान के साथ हुए सिन्धु जल-सन्धि के अनुसार भारत सिन्धु नदी का केवल 20% पानी प्रयुक्त कर सकता है।
2. झेलम नदी-यह नदी कश्मीर की शेषनाग झील से निकलकर 120 किलोमीटर उत्तर:पश्चिम दिशा में बहती हुई वूलर झील से मिलती है। इसकी लम्बाई 400 किलोमीटर तथा अपवाह क्षेत्र 28,500 कि०मी० है।
3. चेनाब नदी-यह नदी हिमाचल से निकलती है, जहाँ दो नदियाँ चन्द्र और भागा मिलती हैं। हिमाचल में इसे चन्द्रभागा नदी कहते हैं। यह नदी पश्चिम की ओर पीर-पंजाल के समानान्तर बहती है और अखनूर के पास मैदान में प्रवेश करती है तथा कुछ दूर जाने पर पाकिस्तान में चली जाती है। भारत में यह लगभग 1,200 कि०मी० तक बहती है।
4. सतलुज नदी-यह नदी मानसरोवर झील के निकट राक्षस ताल से लगभग 4,555 मीटर की ऊंचाई से निकलती है। 1,440 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह नदी व्यास नदी में मिल जाती है। शिपकी-ला दर्रे के निकट यह भारत में प्रवेश करती है। पर्वतीय क्षेत्र की यात्रा करने के पश्चात् रूपनगर (रोपड़) के पास यह पंजाब में प्रवेश करती है। भारत की प्रमुख बहु-उद्देश्यीय ‘भाखड़ा-नांगल परियोजना’ इसी नदी पर निर्मित है।
5. रावी नदी-यह पंजाब की सबसे छोटी नदी है, जो धौलपुर पर्वतमाला के उत्तरी तथा पीर-पंजाल में दक्षिण ढालों से बहती हुई मैदानी भाग में प्रवेश करती है।
6. व्यास नदी-यह नदी हिमाचल में स्थित रोहतांग दर्रे के व्यास कुण्ड से निकलती है। यह हिमाचल में कुल्लू, मण्डी और कांगड़ा जिलों से बहती हुई पंजाब में अमृतसर तथा कपूरथला जिलों से बहती हुई कपूरथला के निकट सतलुज में मिल जाती है। इसका अपवाह क्षेत्र 25,900 वर्ग किलोमीटर है तथा कुल लम्बाई 615 किलोमीटर है।
(2) गंगा अपवाह तंत्र-गंगा अपवाह तंत्र उत्तरी भारत का प्रमुख तंत्र है जिसमें गंगा तथा उसकी सहायक नदियाँ सम्मिलित हैं।
1. गंगा नदी-यह नदी अलकनन्दा एवं भागीरथी का सम्मिलित नाम है, जो क्रमशः उत्तराखण्ड के गढ़वाल हिमालय से बद्रीनाथ के निकट तथा गोमुख से निकलकर देवप्रयाग में आपस में मिलकर गंगा के नाम से जानी जाती है। अलकनन्दा बद्रीनाथ के निकट तिब्बत की सीमा से 7,800 मीटर की ऊंचाई से निकलकर विष्णुप्रयाग में धौलीगंगा, नन्दप्रयाग में नन्दाकिनी, कर्णप्रयाग में पिण्डर तथा रुद्रप्रयाग में मन्दाकिनी नदियों का जल ग्रहण कर देवप्रयाग में भागीरथी से मिलती है, जबकि भागीरथी 6,600 मीटर की ऊँचाई से गंगोत्री ग्लेशियर से निकलकर टिहरी में मिलंगना नदी को अपने साथ मिलाकर देवप्रयाग में अलकनन्दा से मिलती है। गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी भाग में प्रवेश करती है। इलाहाबाद में यमुना इसमें मिलती है और इसकी दिशा पूर्वी हो जाती है। बिहार तथा बंगाल होती हुई अन्त में यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
2. यमुना नदी यह गंगा की प्रमुख सहायक नदी है जो गढ़वाल में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। ताजेवाला नामक स्थान से यह उत्तरी मैदान में प्रवेश करती है और यह इलाहाबाद में गंगा में विलीन हो जाती है। चम्बल, बेतवा तथा केन नदियाँ, जो विन्ध्याचल से निकलकर दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हैं, यमुना में मिल जाती हैं।
3. घाघरा नदी-पहाड़ी क्षेत्र में इसे करनाली नदी कहते हैं। यह हिमालय में मप्सातुंग ग्लेशियर से निकलती है, नेपाल के बाद यह भारत में प्रवेश करती है तो शारदा नदी का जल लेकर छपरा के निकट गंगा नदी में मिल जाती है। यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या, फैजाबाद और बलिया जिलों में बहती है।
4. गंडक नदी-यह चीन तथा तिब्बत की सीमा से निकलकर नेपाल से होती हुई बिहार से पटना के पास गंगा में मिल जाती है। नेपाल में इसे नारायणी नदी कहते हैं।
5. कोसी नदी-यमुना के बाद यह नदी गंगा की दूसरी बड़ी सहायक नदी है। यह 730 कि०मी० लम्बी है इस नदी में बाढ़ें अधिक आती हैं तथा अपार जन-धन की हानि होती है, इसलिए इसे ‘बिहार का शोक’ (Sorrow of Bihar) कहते हैं।
(3) ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र यह तिब्बत में मानसरोवर झील के दक्षिण-पूर्व में 85 किलोमीटर की दूरी से निकलती है। तिब्बत में इसकी दिशा हिमालय के समानान्तर पश्चिम से पूर्व की ओर है, जहाँ इसे साँपो (Tsangpo) कहते हैं। भारत में यह नामचा बरवा के निकट दक्षिण की ओर मुड़ जाती है, जहाँ इसे दिहांग (अरुणाचल प्रदेश में) कहते हैं।
उसके बाद असम में प्रवेश करने पर इसे ब्रह्मपत्र के नाम से जाना जाता है। गारो पहाडियों से मडकर यह दक्षिण दिशा में बहती हई दक्षिण-पर्व में मेघना नदी में मिल जाती है। यह भारत की सबसे लम्बी नदी है, जिसकी लम्बाई लगभग 2,900 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में मुख्य रूप से सबनसीरी, भारेली तथा मनास जो इसके दाहिने किनारे मिलती हैं। बाएं किनारे मिलने वाली सहायक नदियों में लुहित, दिहिंग, बूढ़ी दिहिंग तथा कापिली प्रमुख नदियाँ हैं।