Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 13 महासागरीय जल Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Geography Important Questions Chapter 13 महासागरीय जल
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
भाग-I : सही विकल्प का चयन करें
1. पृथ्वी के कितने % भाग पर जल है?
(A) 70.8%
(B) 30%
(C) 29.2%
(D) 28%
उत्तर:
(A) 70.8%
2. पृथ्वी के कुल जल का कितने % भाग महासागरों में विद्यमान है?
(A) 70%
(B) 81%
(C) 97%
(D) 99%
उत्तर:
(C) 97%
3. दक्षिणी गोलार्द्ध के कितने % भाग पर जल है?
(A) 70%
(B) 81%
(C) 99%
(D) 97%
उत्तर:
(B) 81%
4. महासागरों की औसत गहराई कितनी है?
(A) 2225 मीटर
(B) 3322.5 मीटर
(C) 3525.5 मीटर
(D) 3732.5 मीटर
उत्तर:
(B) 3322.5 मीटर
5. सबसे बड़ा महासागर कौन-सा है?
(A) अंध महासागर
(B) प्रशांत महासागर
(C) हिंद महासागर
(D) आकटिक महासागर
उत्तर:
(B) प्रशांत महासागर
6. प्रशांत महासागर धरातल के कितने भाग पर विस्तृत है?
(A) 1/3
(B) 1/5
(C) 1/7
(D) 1/8
उत्तर:
(A) 1/3
7. किस महासागर में सर्वाधिक गर्त पाए जाते हैं?
(A) अंध महासागर में
(B) प्रशांत महासागर में
(C) हिंद महासागर में
(D) आर्कटिक महासागर में
उत्तर:
(B) प्रशांत महासागर में
8. महाद्वीपीय मग्नतट पर विश्व के कितने % खनिज तेल व प्राकृतिक गैस के भंडार पाए जाते हैं?
(A) 15%
(B) 20%
(C) 25%
(D) 30%
उत्तर:
(C) 25%
9. समुद्री तट के समीप वाला एक समुद्री भाग जो लगभग 200 मीटर तक गहरा होता है, कहलाता है
(A) महाद्वीपीय मग्नतट
(B) महाद्वीपीय ढाल
(C) गंभीर सागरीय मैदान
(D) महासागरीय गर्त
उत्तर:
(A) महाद्वीपीय मग्नतट
10. जलमग्न गों का जन्म किस कारण होता है?
(A) वलन अथवा भ्रंशन
(B) उत्थापन
(C) अवतलन
(D) निमज्जन
उत्तर:
(A) वलन अथवा भ्रंशन
11. विश्व के प्रसिद्ध सदस्य क्षेत्र ग्रांड बैंक तथा डॉगर बैंक कहाँ पर स्थित है?
(A) नितल मैदान
(B) महान् झीलों के किनारे
(C) महाद्वीपीय ढाल
(D) महाद्वीपीय मग्नतट
उत्तर:
(D) महाद्वीपीय मग्नतट
12. विश्व की सबसे गहरी खाई कौन-सी है?
(A) प्यूरिटो रिको
(B) सुंडा गर्त
(C) मेरियाना खाई
(D) मिंडनाओ खाई
उत्तर:
(C) मेरियाना खाई
13. मेरियाना खाई किस महासागर में है?
(A) अटलांटिक महासागर में
(B) हिंद महासागर में
(C) प्रशांत महासागर में
(D) आर्कटिक महासागर में
उत्तर:
(C) प्रशांत महासागर में
14. गाईऑट किसे कहते हैं?
(A) सपाट शीर्ष वाले अंतः समुद्री कटक
(B) सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वत
(C) समुद्री तली पर स्थित प्रतिरोधी चट्टानों के टीले
(D) समुद्री तली पर अवसादों के निक्षेप
उत्तर:
(B) सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वत
15. महासागरीय जल के लिए ऊष्मा का स्रोत क्या है?
(A) सूर्य
(B) गर्म समुद्री धाराएँ
(C) ज्वालामुखी
(D) ज्वारीय ऊर्जा
उत्तर:
(A) सूर्य
16. निम्नलिखित में से कौन-सा महासागर उत्तरी अमेरिका को स्पर्श नहीं करता?
(A) अटलांटिक महासागर
(B) प्रशांत महासागर
(C) हिंद महासागर
(D) आर्कटिक महासागर
उत्तर:
(C) हिंद महासागर
17. निम्नलिखित में से सबसे कम गहरा सागर कौन-सा है?
(A) उत्तरी सागर
(B) बाल्टिक सागर
(C) हडसन की खाड़ी
(D) पीत सागर
उत्तर:
(D) पीत सागर
18. गंभीर सागरीय मैदानों की गहराई कितनी होती है?
(A) 3000-6000 मीटर
(B) 6000-8000 मीटर
(C) 2000-4000 मीटर
(D) 8000-10,000 मीटर
उत्तर:
(A) 3000-6000 मीटर
19. सामान्यतः महासागरीय जल का तापमान कितना रहता है?
(A) -2°C से 25°C
(B) -5°C से 33°C
(C) -10°C से 35°C
(D) 5°C से 30°C
उत्तर:
(B) -5°C से 33°C
20. डॉल्फिन उभार क्या है?
(A) एक समुद्रतटीय पठार जो डॉल्फिन के प्रजनन के लिए संरक्षित स्थली मानी जाती है
(B) आल्प्स पर्वत के उत्तरी भाग में भ्रंशोत्थ पर्वत
(C) वह पठार जिसे कोलोरेडो नदी ने काटकर विश्वविख्यात कैनयन बनाया है
(D) उत्तरी अंध महासागर में मध्य अटलांटिक कटक का नाम
उत्तर:
(D) उत्तरी अंध महासागर में मध्य अटलांटिक कटक का नाम
21. महाद्वीपीय मग्नतट, महासागर के कितने % भाग पर फैला है?
(A) 2.5%
(B) 3.5%
(C) 5.4%
(D) 7.5%
उत्तर:
(D) 7.5%
22. सबसे अधिक तापमान वाले सागर का क्या नाम है?
(A) लाल सागर
(B) पीत सागर
(C) बाल्टिक सागर
(D) उत्तरी सागर
उत्तर:
(A) लाल सागर
23. किस समुद्र में सर्वाधिक लवणता पाई जाती है?
(A) लाल सागर
(B) मृत सागर
(C) उत्तरी सागर
(D) बाल्टिक सागर
उत्तर:
(B) मृत सागर
24. महाद्वीपीय ढाल, महासागरों के कुल क्षेत्रफल के कितने % भाग पर विस्तृत है?
(A) 4.5%
(B) 5.2%
(C) 6.5%
(D) 7.5%
उत्तर:
(C) 6.5%
25. किस महासागर का आकार अंग्रेजी के ‘S’ अक्षर जैसा है?
(A) अंध महासागर
(B) प्रशांत महासागर
(C) हिंद महासागर
(D) आर्कटिक महासागर
उत्तर:
(A) अंध महासागर
26. किस समुद्र में सबसे कम लवणता पाई जाती है?
(A) आर्कटिक सागर
(B) काला सागर
(C) लाल सागर
(D) बाल्टिक सागर
उत्तर:
(A) आर्कटिक सागर
भाग-II : एक शब्द या वाक्य में उत्तर दें
प्रश्न 1.
पृथ्वी के कुल जल का कितने प्रतिशत भाग महासागरों में विद्यमान है?
उत्तर:
97 प्रतिशत भाग।।
प्रश्न 2.
दक्षिणी गोलार्द्ध के कितने प्रतिशत भाग पर जल का आवरण है?
उत्तर:
81 प्रतिशत भाग पर।
प्रश्न 3.
सबसे बड़ा महासागर कौन-सा है?
उत्तर:
प्रशान्त महासागर।
प्रश्न 4.
महासागरों की औसत गहराई कितनी है?
उत्तर:
3322.5 मीटर।
प्रश्न 5.
प्रशान्त महासागर धरातल के कितने भाग पर विस्तृत है?
उत्तर:
1/3 भाग पर।
प्रश्न 6.
महाद्वीपीय मग्नतट, महासागर के कितने प्रतिशत भाग पर फैला है?
उत्तर:
7.5 प्रतिशत भाग पर।
प्रश्न 7.
महाद्वीपीय मग्नतट पर विश्व के कितने प्रतिशत खनिज तेल व प्राकृतिक गैस के भण्डार पाए जाते हैं?
उत्तर:
25 प्रतिशत।
प्रश्न 8.
हिन्द महासागर की सबसे गहरी खाई का नाम लिखिए।
उत्तर:
सुंडा खाई।
प्रश्न 9.
गाईऑट का शीर्ष कैसा होता है?
उत्तर:
सपाट।
प्रश्न 10.
महासागरीय नितल की गहराइयों को किस वैज्ञानिक विधि द्वारा मापा जाता है?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों द्वारा।
प्रश्न 11.
महाद्वीपीय मग्नतट की औसत चौड़ाई कितनी होती है?
उत्तर:
80 कि०मी०।
प्रश्न 12.
किस महासागर के मध्य में ‘S’ आकार की समुद्री कटक पाई जाती है?
उत्तर:
अटलांटिक महासागर में।
प्रश्न 13.
किस महासागर में सर्वाधिक गर्त पाए जाते हैं?
उत्तर:
प्रशान्त महासागर में।
प्रश्न 14.
सबसे बड़ा महासागर कौन-सा है?
उत्तर:
प्रशान्त महासागर।
प्रश्न 15.
किस महासागर का आकार अंग्रेजी के ‘S’ अक्षर जैसा है?
उत्तर:
अन्ध महासागर।
प्रश्न 16.
सबसे अधिक तापमान वाले सागर का क्या नाम है?
उत्तर:
लाल सागर।
प्रश्न 17.
महासागरों की औसत लवणता कितनी है?
उत्तर:
35 प्रति हज़ार अंश।
प्रश्न 18.
किस समुद्र में सर्वाधिक लवणता पाई जाती है?
उत्तर:
मृत सागर।
प्रश्न 19.
महासागरीय जल में दैनिक तापान्तर (Daily Range of Temperature) कितना होता है?
उत्तर:
नगण्य (Negligible)।
प्रश्न 20.
पृथ्वी के कितने प्रतिशत भाग पर जल है?
उत्तर:
लगभग 71 प्रतिशत भाग पर।
प्रश्न 21.
महासागरों की सबसे गहरी खाई का नाम क्या है?
उत्तर:
मेरियाना खाई (11,033 मीटर)।
प्रश्न 22.
अत्यधिक उच्चावच वाले जलमग्न कटकों की लम्बाई कितनी है?
उत्तर:
75,000 कि०मी० से अधिक।
प्रश्न 23.
महाद्वीपीय ढाल की प्रवणता बताइए।
उत्तर:
2° से 5° तक।
प्रश्न 24.
प्रशान्त महासागर में कितने द्वीप हैं?
उत्तर:
20,000 से भी अधिक।
प्रश्न 25.
समुद्र के एक घन किलोमीटर जल में लवणों की कितनी मात्रा होती है?
उत्तर:
1 करोड़ 10 लाख टन लवण।
प्रश्न 26.
महाद्वीपीय ढाल की गहराई कितनी होती है?
उत्तर:
इसकी गहराई 200 से 3,000 मीटर तक होती है।
प्रश्न 27.
गम्भीर सागरीय मैदानों की गहराई कितनी होती है?
उत्तर:
3000 से 6000 मीटर तक।
प्रश्न 28.
गम्भीर सागरीय मैदानों का विस्तार कितना है?
उत्तर:
कुल महासागरीय तल के 77 प्रतिशत भाग पर।
प्रश्न 29.
प्रशान्त महासागर का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर:
16.52 करोड़ वर्ग कि०मी० (पृथ्वी के क्षेत्रफल का 1/3 भाग)।
प्रश्न 30.
मध्य अटलांटिक कटक (Mid Atlantic Ridge) के दो भागों के नाम लिखें।
उत्तर:
उत्तर में डाल्फिन उभार तथा दक्षिण में चैलेंजर उभार।
प्रश्न 31.
उभरा हुआ विशाल समुद्री स्थल हवाई उभार (Hawaiin Swell) कहाँ पर है?
उत्तर:
यह प्रशान्त महासागर में स्थित है।
प्रश्न 32.
अन्ध महासागर में पाए जाने वाले दो ज्वालामुखी द्वीपों (Volcanic Islands) के नाम लिखें।
उत्तर:
- कैनरी द्वीप और
- केपवर्डे द्वीप।
प्रश्न 33.
हिन्द महासागर में पाए जाने वाले एक सक्रिय ज्वालामुखी का नाम बताइए।
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी में निकोबार द्वीप के पास बैरन द्वीप।
प्रश्न 34.
अरब सागर में पाए जाने वाले ‘मूंगे के द्वीप’ कौन-से हैं?
उत्तर:
लक्षद्वीप व मालद्वीप।
प्रश्न 35.
महाद्वीपीय ढाल महासागरों के कुल क्षेत्रफल के कितने प्रतिशत भाग पर विस्तृत है?
उत्तर:
6.5 प्रतिशत भाग पर।
प्रश्न 36.
महासागरीय जल का सामान्य तापमान कितना रहता है?
उत्तर:
लगभग -5° सेल्सियस से 33° सेल्सियस तक।
अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जलीय चक्र की तीन प्रक्रियाएँ कौन सी हैं?
उत्तर:
- वाष्पीकरण
- संघनन तथा
- वर्षण।
प्रश्न 2.
रचना के आधार पर महाद्वीपीय मग्नतट कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
- नदियों से निर्मित
- हिमानीकृत
- प्रवालभित्ति निर्मित।
प्रश्न 3.
महाद्वीपीय मग्नतट के दो आर्थिक महत्त्व बताइए।
उत्तर:
- मत्स्य क्षेत्रों का स्थित होना
- खनिज तेल, प्राकृतिक गैस तथा बालू, बजरी का मिलना।
प्रश्न 4.
समुद्री पर्वत (Sea Mount) किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल में डूबे ऐसे पर्वत जिनकी चोटी नितल से 1,000 मीटर से अधिक ऊँची हो।
प्रश्न 5.
गतॊ या जलमग्न खाइयों की रचना क्यों होती है?
उत्तर:
वलन अथवा भ्रंशन के कारण जलमान खाइयों की रचना होती है।
प्रश्न 6.
महासागरीय गों के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- मेरियाना गर्त
- पियोर्टो टिको गर्त
- फिलीपिन्स गर्त
- प्लैनेट गर्त
प्रश्न 7.
महासागरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- प्रशान्त महासागर
- अन्ध महासागर
- हिन्द महासागर
- आर्कटिक महासागर।
(कई विद्वान् अण्टार्कटिक महासागर अथवा दक्षिणी महासागर को पाँचवाँ महासागर मानते हैं।)
प्रश्न 8.
समुद्री केनियन के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- ओश्नोग्राफ़र केनियन
- बेरिंग केनियन
- प्रिबिलोफ़ केनियन
- हडसन केनियन।
प्रश्न 9.
वर्तमान में मनुष्य द्वारा भक्षण किए जाने वाले प्रमुख समुद्री खाद्य पदार्थों के नाम बताइए।
उत्तर:
- मछली
- मोलस्क
- क्रस्टेशियन।
प्रश्न 10.
महासागरीय जल के गर्म होने की दो प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
- सौर विकिरण का अवशोषण
- पृथ्वी के आन्तरिक भाग की ऊष्मा।
प्रश्न 11.
महासागरीय जल के ठण्डा होने की तीन प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
- विकिरण
- संवहन तथा
- वाष्पीकरण।
प्रश्न 12.
महासागरीय जल का तापमान किन तत्त्वों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
अक्षांश, प्रचलित पवनें, महासागरीय धाराएँ, समीपवर्ती स्थलखण्ड, लवणता और प्लावी हिमशैल।
प्रश्न 13.
भूमध्य रेखा (0°), 40° तथा 60° अक्षांश पर महासागरीय जल का तापमान कितना होता है?
उत्तर:
- भूमध्य रेखा पर 26°C
- 40° अक्षांश पर 14°C, 60° अक्षांश पर 1°C
प्रश्न 14.
महासागरों में लवणता के स्रोत बताइए।
उत्तर:
- महासागरों के निर्माण के समय अधिकांश लवण उसके जल में घुल गए थे।
- नदियाँ
- लहरें
- ज्वालामुखी उभेदन
- रासायनिक क्रियाएँ।
प्रश्न 15.
समुद्री जल में पाए जाने वाले सात प्रमुख लवणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- सोडियम क्लोराइड
- मैग्नीशियम क्लोराइड
- मैग्नीशियम सल्फेट
- कैल्शियम सल्फेट
- पोटाशियम सल्फेट
- कैल्शियम कार्बोनेट
- मैग्नीशियम क्रोमाइड।
प्रश्न 16.
महासागरों में मिलने वाले दो प्रमुख लवणों के नाम तथा उनकी मात्रा लिखिए।
उत्तर:
- सोडियम क्लोराइड = 77.8 प्रतिशत
- मैग्नीशियम क्लोराइड = 10.9 प्रतिशत।
प्रश्न 17.
महासागरीय लवणता को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- स्वच्छ व मीठे जल की आपूर्ति
- वाष्पीकरण की दर व मात्रा
- समुद्री धाराएँ आदि।
प्रश्न 18.
सागरीय जल का उच्चतम वार्षिक तापमान तथा न्यूनतम वार्षिक तापमान किस-किस महीने में अंकित किया जाता है?
उत्तर:
क्रमशः अगस्त व फरवरी के महीनों में।
प्रश्न 19.
वार्षिक तापान्तर की सबसे अधिक मात्रा किस महासागर में और कहाँ पाई जाती है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- उत्तरी-पश्चिमी अन्ध महासागर में न्यूफाउण्डलैण्ड के निकट (20°C)
- उत्तरी-पश्चिमी प्रशान्त महासागर में व्लाडिवॉस्टक के निकट (25°C)।
प्रश्न 20.
महासागरों का जल खारा क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि महासागरों और समुद्रों के जल में अनेक प्रकार के लवण घुले हुए होते हैं।
प्रश्न 21.
महाद्वीपीय मग्नतट क्या होता है?
उत्तर:
किसी महाद्वीप के मन्द ढाल वाले किनारे जो समुद्र के नीचे डूबे रहते हैं और जिनका विस्तार महाद्वीपीय ढाल तक होता है, महाद्वीपीय मग्नतट कहलाते हैं।
प्रश्न 22.
पृथ्वी को जलीय ग्रह क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से घिरा होने के कारण यह जलीय ग्रह कहलाता है। पृथ्वी पर पर्याप्त जल का होना ही इसे सौरमण्डल के ग्रहों में विशिष्टता प्रदान करता है।
प्रश्न 23.
खुले महासागर की औसत लवणता कितनी होती है?
उत्तर:
खुले महासागर की औसत लवणता 35 प्रति हजार होती है।
प्रश्न 24.
विवर्तनिक संचरण (Tectonic Movements) क्या होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के आन्तरिक भाग से उठने वाले अन्तर्जात बल दो तरह के संचलन उत्पन्न करते हैं-(1) क्षैतिज संचलन, (2) लम्बवत् संचलन। ये दोनों गतियाँ भूतल पर अनेक विषमताएँ उत्पन्न करती हैं। ऐसे संचलनों को विवर्तनिक संचरण कहते हैं।
प्रश्न 25.
महासागरीय नितल की गहराई कैसे मापते हैं?
उत्तर:
महासागरीय नितल की गहराई गम्भीरता मापी यन्त्र (Sonic Depth Recorder) द्वारा मापी जाती है। इस यन्त्र से ध्वनि तरंगें महासागरीय नितल में भेजी जाती हैं। इन तरंगों की गति तथा समय से इसकी गहराई मापी जा सकती है।
प्रश्न 26.
विश्व का सबसे गहरा स्थान कौन-सा है?
उत्तर:
विश्व में सबसे गहरा स्थान प्रशान्त महासागर में गुआम द्वीपमाला के निकट मेरिआना गर्त है। जिसकी गहराई 11,033 मीटर है। यदि माउण्ट एवरेस्ट को इस गर्त में डुबो दिया जाए तो इसकी चोटी समुद्र जल की सतह से 2 कि०मी० नीचे रहेगी।
प्रश्न 27.
महाद्वीपीय ढाल क्या होती है?
उत्तर:
महाद्वीपीय मग्नतट के किनारे और महाद्वीपीय उत्थान के बीच स्थित खड़े अथवा अधिक तीव्र ढाल को महाद्वीपीय ढाल कहा जाता है। इसका ढाल 2° से 5 तक होता है तथा इसकी गहराई 200 मीटर से 3000 मीटर तक होती है।
प्रश्न 28.
जलमग्न कटकों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
सारी दुनिया में पाई जाने वाली जलमग्न कटकें पृथ्वी पर विवर्तनिक हलचलों की गवाह हैं। इनकी रचना ज्वालामुखी क्रिया तथा भू-पटल में विरूपण से होती है।
प्रश्न 29.
महासागरों के जल का दैनिक तापान्तर नगण्य क्यों होता है?
उत्तर:
जल स्थलखण्ड की अपेक्षा धीरे-धीरे गर्म और धीरे-धीरे ठण्डा होता है। इसलिए एक दिन अथवा 24 घण्टों में दिन की गर्मी और रात की ठण्डक का समुद्री जल के तापमान पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता।।
प्रश्न 30.
महासागरों के जल में तापमान के लम्बवत् वितरण को नियन्त्रित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
महासागरों के जल में तापमान के लम्बवत् वितरण को मुख्य रूप से सूर्यातप की मात्रा, जल का घनत्व, वर्षा की अधिकता, हिमखण्ड, भूमध्य रेखा से दूरी और जलमग्न अवरोध नियन्त्रित करते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्थल गोलार्द्ध तथा जल गोलार्द्ध पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी के दोनों गोलार्डों में जल तथा स्थल का वितरण समान नहीं है। अनुमान है कि उत्तरी गोलार्द्ध के 40 प्रतिशत भाग पर जल तथा 60 प्रतिशत भाग पर स्थल है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध के 81 प्रतिशत भाग पर जल तथा 19 प्रतिशत भाग पर स्थल है। जल और स्थल के असमान वितरण के कारण ही पृथ्वी को दो विशिष्ट गोलार्डों में बाँटा जाता है जिन्हें क्रमशः जल गोलार्द्ध तथा स्थल गोलार्द्ध कहा जाता है। जल गोलार्द्ध का केन्द्र न्यूज़ीलैण्ड के दक्षिण-पूर्व में है जबकि स्थल गोलार्द्ध का केन्द्र फ्रांस में ब्रिटेनी (Brittaney) में है। स्थल गोलार्द्ध में पृथ्वी का 83 प्रतिशत स्थलीय भाग है तथा जल गोलार्द्ध में पृथ्वी का 90.5 प्रतिशत जल विद्यमान है।
प्रश्न 2.
महासागरीय नितलों पर पाई जाने वाली सबसे अधिक सामान्य आकृतियों के नाम लिखें।
उत्तर:
महासागरीय नितलों पर महाद्वीपीय मग्नतट, महाद्वीपीय ढाल, महासागरीय मैदान तथा महासागरीय गर्त के अतिरिक्त निम्नलिखित आकृतियाँ देखने को मिलती हैं
- पहाड़ियाँ (Hills)
- निमग्न द्वीप (Guyots)
- टीले (Sea Mounts)
- कटक (Ridges)
- खाइयाँ (Trenches)
- प्रवाल भित्तियाँ (Coral Reefs)
- केनियन (Canyons)।
प्रश्न 3.
महाद्वीपीय मग्नतट के विभिन्न प्रकार बताइए।
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर महाद्वीपीय मग्नतट निम्नलिखित प्रकार के हैं-
- हिमानीकृत मग्नतट।
- बड़ी नदियों के मुहानों के मग्नतट।
- प्रवाल भित्ति मग्नतट।
- द्रुमाकृतिक घाटियों वाले मग्नतट।
- नवीन वलित पर्वत के पार्श्व मग्नतट।
प्रश्न 4.
महासागरीय खाइयों तथा गों को विवर्तनिक उत्पत्ति वाला क्यों समझा जाता है?
उत्तर:
महासागरों की तली में पाए जाने वाले लम्बे, गहरे तथा संकरे खड्ड को महासागरीय गर्त कहा जाता है। इनकी उत्पत्ति समुद्री तली पर दरारें पड़ने तथा वलन (Folding) पड़ने के कारण हुई है। ये गर्त प्रायः उन दुर्बल क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ भूकम्प आते हैं और ज्वालामुखी उद्भेदन होता है। ये अधिकतर वलित पर्वतों तथा द्वीपीय चापों के समान्तर स्थित पाए जाते हैं। इस कारण इन गों को पृथ्वी की हलचलों से जुड़ा और विवर्तनिक उत्पत्ति वाला समझा जाता है।
प्रश्न 5.
महासागरीय नितलों पर अनेक प्रकार के उच्चावच के लिए कौन-सी मुख्य प्रक्रियाएँ उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
महासागरीय नितलों पर अनेक प्रकार के उच्चावच के लिए निम्नलिखित चार मुख्य प्रक्रियाएँ उत्तरदायी हैं
- भूगर्भिक हलचलें (Interior Movements)
- ज्वालामुखी क्रियाएँ (Volcanic Activities)
- अपरदन क्रिया (Erosion)
- निक्षेपण क्रिया (Deposition)।
प्रश्न 6.
आकृति की दृष्टि से महाद्वीपीय ढाल के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
आकृति की दृष्टि से महाद्वीपीय ढाल के पाँच प्रकार होते हैं-
- अधिक तीव्र ढाल, जिनके धरातल केनियन के रूप में कटे होते हैं।
- मन्द ढाल जिन पर लम्बी-लम्बी पहाड़ियाँ तथा बेसिन होती हैं।
- भ्रंशित ढाल।
- सीढ़ीनुमा ढाल।
- वे ढाल जिन पर समुद्री पर्वत स्थित होते हैं।
प्रश्न 7.
महाद्वीपीय उत्थान क्या होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समुद्र के नीचे जहाँ महाद्वीपीय ढाल का अन्त होता है, वहीं मन्द ढाल वाले महाद्वीपीय उत्थान का आरम्भ होता है। इसकी ढाल 0.5° से 1° तक होती है। इसका सामान्य उच्चावच भी कम होता है। गहराई बढ़ने के साथ यह लगभग समतल होकर नितल मैदान में विलीन हो जाता है। यहीं पर महाद्वीपीय खण्डों (Continental Blocks) का अन्त माना जाता है।
प्रश्न 8.
जलमग्न कटकें क्या होती हैं? इनकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
गम्भीर समद्री उद्रेख (कटक) क्या होते हैं?
उत्तर:
अर्थ-महासागरों की तली पर स्थित सैकड़ों कि०मी० चौड़ी तथा हजारों कि०मी० लम्बी जल में डूबी पर्वत-श्रेणियों को जलमग्न कटक या गम्भीर समुद्री उद्रेख कहते हैं।
विशेषताएँ-
- ये जलमग्न कटक पृथ्वी पर सबसे लम्बे पर्वत-तन्त्र का निर्माण करते हैं।
- अत्यधिक उच्चावच वाले इन जलमग्न पर्वतों की कुल लम्बाई 75,000 कि०मी० से अधिक है।
- ये पर्वत-तन्त्र प्रायः महासागरों के मध्य पाए जाते हैं।
- इनके शिखर कहीं-कहीं समुद्र तल से ऊपर निकलकर द्वीपों का निर्माण करते हैं। अजोर्स तथा केपवर्ड द्वीप ऐसी ही निमग्न कटकों की समुद्र से बाहर निकली चोटियाँ हैं।
मिल-अटलांटिक रिज ऐसी समुद्री कटकों का सर्वोत्तम उदाहरण है।
प्रश्न 9.
महासागरीय खाइयाँ या गर्त (Submarine Trenches) क्या होते हैं? इनकी रचना कैसे होती है? गर्तों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर:
अर्थ महासागरीय नितल पर स्थित तीव्र ढाल वाले पतले और गहरे अवनमन (Depressions) को खाई या गर्त कहते हैं। रचना इनकी उत्पत्ति वलन (Folding) अथवा भ्रंशन (Faulting) के कारण होती है।
विशेषताएँ-
- गर्तों की गहराई सामान्यतः 5,500 मीटर होती है।
- ये महासागरों के सबसे गहरे भाग होते हैं जिनका तल महासागरों के औसत नितल से काफी नीचे होता है।
- ये जलमग्न संकीर्ण खाइयाँ अपने निकटवर्ती मोड़दार पर्वतों अथवा द्वीपमालाओं के समानान्तर स्थित होती हैं।
प्रश्न 10.
जलमग्न केनियन क्या होते हैं? इनकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अर्थ महासागरीय नितल पर तीव्र ढाल वाली गहरी व संकरी ‘V’ आकार की घाटियों अथवा गाों को जलमग्न केनियन कहते हैं।
विशेषताएँ-
- ये महासागरों के किनारों पर समुद्र तटों के बाहर मिलती हैं और मुख्यतः महाद्वीपीय मग्नतट, मग्न ढाल तथा उत्थान तक पाई जाती हैं।
- ये तीव्र ढाल वाली गहरी घाटियाँ हैं जिनके किनारे तीव्र ढाल वाले होते हैं।
- नदियों के मुहाने पर बनी अधिकांश कन्दराओं का ढाल मन्द होता है, परन्तु द्वीपों के सहारे बनी कन्दराओं का ढाल अधिक होता है।
- विश्व में लगभग 102 जलमग्न केनियन हैं। विश्व के सबसे अधिक केनियन प्रशान्त महासागर में पाए जाते हैं।
- विश्व के सबसे लम्बे जलमग्न केनियन अलास्का के पास बेरिंग सागर में पाए जाते हैं।
- विश्व में सर्वाधिक विख्यात केनियन हडसन केनियन है जो हडसन नदी के मुहाने से लेकर अन्ध महासागर तक चला गया है।
प्रश्न 11.
जलमग्न केनियनों के प्रमुख प्रकार बताइए।
उत्तर:
जलमग्न केनियन तीन प्रकार के होते हैं-
- छोटे गार्ज जो महाद्वीपीय मग्नतट के बाहरी किनारों से शुरू होकर महाद्वीपीय ढाल तक पहुंचते हैं। न्यू इंग्लैण्ड के पास ओश्नोग्राफर केनियन (Oceanographer Canyon) इसका उदाहरण है।
- वे केनियन, जो किसी नदी के मुहाने से आरम्भ होकर महाद्वीपीय मग्नतट तक फैले होते हैं; जैसे ज़ायरे, मिसीसिपी, हडसन तथा सिन्धु नदी के जलमग्न केनियन।
- ऐसे गहरे कटे वृक्षाकार जलमग्न केनियन जो महाद्वीपीय मग्नतट के किनारे और ढाल पर मिलते हैं; जैसे दक्षिणी कैलिफोर्निया तट के केनियन।
प्रश्न 12.
महासागरीय नितल के अध्ययन का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
महासागरीय नितलों की प्राकृतिक आकृतियाँ समुद्री जल के स्वभाव तथा गति को नियन्त्रित करती हैं। महासागरीय धाराएँ समुद्री जीवों और वनस्पति के साथ-साथ तटवर्ती क्षेत्रों की जलवायु को प्रभावित करती हैं। महासागरीय नितलों का उच्चावच नौसंचालन, मत्स्य-ग्रहण, समुद्री खनन तथा मनुष्य की अन्य महत्त्वपूर्ण क्रियाओं को प्रभावित करता है।
प्रश्न 13.
महाद्वीपों तथा महासागरों की प्रतिध्रुवीय स्थिति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी पर महाद्वीप तथा महासागर एक-दूसरे के विपरीत स्थित हैं, जिसे प्रतिध्रुवीय स्थिति कहते हैं। उदाहरण के लिए, यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीप, प्रशान्त महासागर के अण्टार्कटिका महाद्वीप, आर्कटिक महासागर तथा उत्तरी अमेरिका हिन्द महासागर के विपरीत स्थित है।
प्रश्न 14.
जलमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के जल से डूबे हुए क्षेत्र को जलमण्डल कहते हैं। सम्पूर्ण पृथ्वी के लगभग 71% भाग पर जल का विस्तार है। सम्पूर्ण जलमण्डल को महासागर, सागर, खाड़ियों तथा झीलों आदि में विभक्त किया गया है। ये भूतल के लगभग 36.1 वर्ग करोड़ कि०मी० में फैले हुए हैं। उत्तरी गोलार्द्ध का लगभग 61 प्रतिशत तथा दक्षिणी गोलार्द्ध का 81 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा हुआ है। जल की अधिकता के कारण ही दक्षिणी गोलार्द्ध को जल गोलार्द्ध कहकर पुकारा जाता है।
प्रश्न 15.
महासागरों में पाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण खनिजों के नाम बताइए। इन खनिजों के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
महासागर अनेक प्रकार के धात्विक व अधात्विक खनिजों के स्रोत हैं। समुद्री जल में लवण, मैग्नीशियम तथा ब्रोमीन जैसे खनिज मिलते हैं। इन खनिजों का स्रोत स्थलीय भाग ही हैं। महासागरों में पाए जाने वाले अन्य खनिज गन्धक, खनिज तेल, सोना, मोनोजाइट, टिन व लौह-अयस्क प्रमुख हैं।
प्रश्न 16.
समुद्र में नीचे जाने पर आप ताप की किन परतों का सामना करेंगे? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है?
उत्तर:
समुद्र में नीचे जाने पर महासागर की सबसे ऊपरी परत 500 मीटर मोटी होती है जिसका तापमान 20°C-25°C के बीच होता है। दूसरी परत 500-1000 मीटर गहरी होती है जिसमें गहराई के बढ़ने के साथ तापमान में भी गिरावट आती है। तीसरी परत बहुत ठण्डी होती है जो महासागरीय तल तक विस्तृत होती है।
महासागरों का उच्चतम तापमान उनकी ऊपरी सतह पर होता है, क्योंकि वे सूर्य की ऊष्मा को प्रत्यक्ष रूप से लेते हैं। यह ऊष्मा संवहन द्वारा महासागरों के निचले भाग में पारेषित होती है जिससे गहराई के साथ तापमान घटता है।
प्रश्न 17.
जलीय चक्र के विभिन्न तत्त्व किस प्रकार अन्तर सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
जल एक चक्र के रूप में महासागर से धरातल और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। जल चक्र पृथ्वी पर, इसके नीचे तथा इसके ऊपर वायुमण्डल में जल के संचलन की व्याख्या करता है। जल गैस, तरल तथा ठोस अवस्था में परिसंचरण करता है। इसका सम्बन्ध महासागरों, वायुमण्डल, भूपृष्ठ, अधःस्थल और जीव-जन्तुओं के बीच जल के सतत् आदान-प्रदान से है। सूर्य की ऊष्मा से महासागरों का जल वाष्पीकरण द्वारा वाष्प के रूप में वायुमण्डल में जाता है फिर यह संघनित होकर वर्षा के रूप में धरातल पर बहता है जिसका कुछ भाग भूमि में रिस जाता है और कुछ भाग नदियों द्वारा महासागरों में पुनः चला जाता है।
प्रश्न 18.
महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-
1. अक्षांश-ध्रुवों की ओर प्रवेशी सौर विकिरण की मात्रा घटने के कारण महासागरों के जल की सतह का तापमान की सतह का तापमान विषुवत् वृत्त से ध्रुवों की ओर घटता चला जाता है।
2. स्थल एवं जल का असमान वितरण-स्थल खण्ड से जुड़े होने के कारण उत्तरी गोलार्द्ध के महासागर दक्षिणी गोलार्द्ध के महासागरों से अधिक मात्रा में ऊष्मा प्राप्त करते हैं।
3. सनातनी पवनें सनातनी पवनें अपने साथ समुद्री जल को बहा ले जाती हैं। इसकी पूर्ति के लिए समुद्र के निचले भाग से ठण्डा जल ऊपर चला जाता है। परिणामस्वरूप तापमान में देशान्तरीय अन्तर आ जाता है।
4. महासागरीय धाराएँ-गर्म महासागरीय धाराएँ ठण्डे क्षेत्रों के तापमान को भी बढ़ा देती हैं जबकि ठण्डी धाराएँ गर्म महासागरीय क्षेत्रों में तापमान को घटा देती हैं। लेब्रेडोर की ठण्डी धारा उत्तरी अमेरिका के उत्तर:पूर्वी तट के नजदीक तापमान को कम कर देती है जबकि गल्फ स्ट्रीम (गर्म धारा) उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट तथा यूरोप के पश्चिमी तट के तापमान को बढ़ा देती है।
प्रश्न 19.
महासागरीय जल के तापमान में अन्तर होने से विभिन्न क्षेत्रों में क्या क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर:
महासागरीय जल के तापमान में अन्तर के कारण महासागरीय जलराशियों में बृहत् स्तर पर संचरण (Circulation) उत्पन्न होता है जिससे समुद्री लहरें और धाराएँ (Currents) चलती हैं। महासागरीय जल का तापमान और धाराओं द्वारा इसका परिवहन न केवल समुद्री जीवन और वनस्पतियों को प्रभावित करता है, अपितु तटवर्ती स्थलीय भागों की जलवायु को भी प्रभावित करता है।
प्रश्न 20.
महासागरीय जल के गर्म होने की विभिन्न प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
महासागरीय जल दो विधियों द्वारा गर्म होता है-
1. सौर विकिरण के अवशोषण द्वारा-सूर्य की किरणें काफी गहराई तक पहुँचकर समुद्री जल को गर्म करती हैं। इससे समद्री जल में पर्याप्त ऊष्मा जमा हो जाती है। समुद्री जल मुख्यतः सूर्यातप से ही गर्म होता है।
2. पृथ्वी के आन्तरिक भाग की ऊष्मा द्वारा-पृथ्वी के तप्त आन्तरिक भाग से महासागरीय नितल में ऊष्मा प्रवेश करती है जिससे समुद्रों का जल गर्म हो जाता है। ऊष्मा का यह स्रोत नगण्य है।
प्रश्न 21.
महासागरीय जल के ठण्डा होने की विधियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महासागरीय जल तीन विधियों द्वारा ठण्डा होता है जिनका संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-
1. विकिरण द्वारा रात के समय समुद्री जल की सतह से ऊष्मा का विकिरण होता है। यह ऊष्मा जल से निकलकर वायुमण्डल में चली जाती है और जल ठण्डा हो जाता है।
2. संवहन द्वारा-समुद्री जल की ऊपरी सतह की ऊष्मा संवहनीय धाराओं द्वारा जल की निचली सतहों में जाती रहती है। इस प्रक्रिया से जल की ऊपरी सतह का तापमान कुछ कम हो जाता है।
3. वाष्पीकरण द्वारा-जल के वाष्पीकरण में जल की ऊष्मा घटती है, ठीक वैसे ही जैसे पसीना सूखने पर हमें ठण्डक का अनुभव होता है। समुद्री जल प्रत्येक तापमान पर वाष्पीकृत होता रहता है।
प्रश्न 22.
महासागरीय जल का वार्षिक अथवा मौसमी तापान्तर किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
महासागरीय जल का वार्षिक अथवा मौसमी तापान्तर निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है-
- सूर्य का आभासी वार्षिक संचरण
- पवन-पेटियों का उत्तर व दक्षिण की ओर खिसकाव
- सागर का आकार
- जलराशियों का पार्श्व विस्थापन।।
प्रश्न 23.
महासागरीय जल का वार्षिक तापान्तर सबसे कम कहाँ और कितना रहता है? इसका कारण भी बताइए
उत्तर:
भूमध्य रेखीय तथा ध्रुवीय प्रदेशों में समुद्री जल का वार्षिक तापान्तर सबसे कम अर्थात् 5.5° होता है। इसका कारण यह है कि भूमध्य रेखा पर सारा साल गर्मी पड़ती है जबकि शीत कटिबन्ध में सारा वर्ष सर्दी पड़ती है। इन दोनों ताप कटिबन्धों में वर्ष भर एक-जैसा मौसम रहने के कारण महासागरीय जल का वार्षिक तापान्तर कम रहता है।
प्रश्न 24.
महासागरीय जल के तापमान के लम्बवत् वितरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
महासागरीय जल के तापमान के लम्बवत् ह्रास की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- लगभग 100 मीटर की गहराई तक तापमान समुद्र तल के तापमान के लगभग बराबर रहता है।
- समुद्र तल से 1,800 मीटर की गहराई पर तापमान 15°C से घटकर 2°C रह जाता है।
- 4,000 मीटर की गहराई पर यह तापमान घटकर 1.6°C ही रह जाता है परन्तु महासागरों के सर्वाधिक गहरे भागों में भी जल का तापमान हिमांक से ऊपर रहता है।
- यदि स्थलीय भागों में अंशतः घिरा हुआ कोई सागर अपने महासागर से किसी जलमग्न कगार (Submerged Cliff) द्वारा अलग हुआ हो तो दोनों जलराशियों में ताप के ह्रास की दर भिन्न होगी।
- वायुमण्डल की भाँति अधस्तलीय (Sub-surface) जल में भी तापमान की विलोमता पाई जाती है।
प्रश्न 25.
महासागरीय जल में लवणता कहाँ से और कैसे आई है?
अथवा
महासागरों में लवणता की उत्पत्ति के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- कुछ विद्वानों के अनुसार, पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद जब महासागरों का निर्माण हुआ था, शायद उसी समय अधिकांश लवण उनके जल में घुल गए थे।
- इसके पश्चात् स्थल पर बहने वाली नदियों के जल द्वारा घोल के रूप में लाए गए नमक के कारण इसकी मात्रा में बढ़ोतरी होती रही।
- नदियों की भाँति समुद्री तरंगें भी तटीय चट्टानों का अपरदन करके उनमें पाए जाने वाले लवणों को घोलकर समुद्रों में डाल देती हैं।
इस प्रकार सागरीय लवणता का मुख्य स्रोत पृथ्वी का धरातल ही है।
प्रश्न 26.
महासागरों में लवणता का क्या महत्त्व होता है?
अथवा
महासागरीय जल की लवणता किन-किन तत्त्वों को प्रभावित करती है?
अथवा
महासागरीय जल की लवणता की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
महासागरीय लवणनता का महत्त्व अथवा उपयोगिता-
- महासागरों की लवणता न केवल समुद्री जीव-जगत को प्रभावित करती है, अपितु महासागरों की भौतिक विशेषताओं; जैसे तापमान, घनत्व, दबाव और धाराओं इत्यादि को भी प्रभावित करती है।
- समुद्रों का हिमांक (Freezing point) उसकी लवणता पर निर्भर करता है। अधिक खारा जल देर से जमता है।
- इसी प्रकार समुद्री जल का उबलांक (क्वथनांक) बिन्दु भी सामान्य जल से ऊँचा होता है।
- अधिक लवणयुक्त समुद्री जल का वाष्पीकरण न्यूनतम होता है।
- समुद्रों में लवणता की अधिक मात्रा जल का घनत्व बढ़ाती है।
- इसी प्रकार समुद्री जल की सम्पीडनता, मछली, सागरीय जीव व प्लैंकटन आदि लवणता द्वारा ही नियन्त्रित होते हैं।
प्रश्न 27.
महासागरीय जल में मिलने वाले प्रमुख लवणों के नाम और उनकी मात्रा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समुद्र के जल में 47 विभिन्न प्रकार के लवण पाए जाते हैं, जिनमें से निम्नलिखित 7 प्रमुख हैं-
लवण का नाम | कुल लवणों का प्रतिशत |
1. सोडियम क्लोराइड | 77.8 |
2. मैग्नेशियम क्लोराइड | 10.9 |
3. मैग्नेशियम सल्फेट | 4.7 |
4. कैल्शियम सल्फेट | 3.6 |
5. पोटैशियम सल्फेट | 2.5 |
6. कैल्शियम कार्बोनेट | 0.3 |
7. मैग्नेशियम ब्रोमाइड | 0.2 |
योग | 100.0 |
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
महासागरीय अधःस्थल या नितल के उच्चावच का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गहराई तथा आकार के अनुसार महासागरीय नितल पर निम्नलिखित आकृतियाँ पाई जाती हैं-
- महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf)
- महाद्वीपीय ढाल (Continental Slope)
- गम्भीर सागरीय मैदान (Deep Sea Plain)
- महासागरीय गर्त (Ocean Deeps)।
1. महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf)-समुद्र तट के समीप वाला वह समुद्री भाग जो 180 मीटर अर्थात् 100 फैदम गहरा हो ‘महाद्वीपीय मग्नतट’ कहलाता है। वस्तुतः यह महाद्वीप का ही अग्र भाग होता है जो अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है। महाद्वीपीय मग्नतट की चौड़ाई इसके ढाल पर निर्भर करती है। अधिक ढाल वाले मग्नतट की चौड़ाई कम तथा कम ढाल वाले मग्नतट की चौड़ाई अधिक होती है। इस भाग में नदियाँ तथा हिमनदियाँ निक्षेप करती रहती हैं। यहाँ समुद्री लहरें भी तोड़-फोड़ का काम करती रहती हैं। सूर्य की किरणें भी इतनी ही गहराई तक पहुँच पाती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में महाद्वीपीय मग्नतट का विस्तार भिन्न होता है। इनकी औसत चौड़ाई 80 कि०मी० होती है। जबकि साइबेरिया में इसकी चौड़ाई सर्वाधिक अर्थात् 1500 कि०मी० है। कई तटों पर यह बिल्कुल ही नहीं है।
2. महाद्वीपीय ढाल (Continental Slope)-महाद्वीपीय मग्नतट के समाप्त होने पर महासागरीय नितल का ढाल एकदम तीव्र हो जाता है और महाद्वीपीय ढाल आरम्भ हो जाता है। इसकी गहराई 200 मीटर से 3000 मीटर के बीच होती है। महाद्वीपीय ढाल ने महासागरों के कुल नितल का लगभग 6.5 प्रतिशत भाग घेरा हुआ है। इस भाग की ढलान महाद्वीपीय मग्नतट की ढलान की अपेक्षा अधिक होती है। इनका ढाल 2° से 5 तक होता है। यद्यपि यहाँ पर गम्भीर सागरीय पदार्थों का निक्षेप अधिक होता है फिर भी यहाँ काँच के अत्यन्त सूक्ष्म कण पहुँच जाते हैं। नदियों द्वारा लाया गया चीकायुक्त जल इन ढलानों पर बह आता है और समस्त मलबा यहाँ एकत्रित हो आता है। ये ढलान स्थलीय भागों के पर्वतीय ढलानों से मिलते-जुलते होते हैं। इनमें भी पर्वतों के अनुरूप बड़े-बड़े खड्ड पाए जाते हैं। कुछ ढालों पर बीच-बीच में पठार तथा श्रेणियाँ हैं और कुछ ढालों पर भृगु भी देखी जाती है।
3. गम्भीर सागरीय मैदान (Deep Sea Plain)-महाद्वीपीय मग्न ढाल के पश्चात् गम्भीर सागरीय मैदान आरम्भ होते हैं। समुद्र की तली का लगभग 77 प्रतिशत भाग इन मैदानों से घिरा हुआ है। अन्ध महासागर में 55 प्रतिशत, प्रशान्त महासागर में 80.3 प्रतिशत और हिन्द महासागर में 80.1 प्रतिशत इन मैदानों का क्षेत्र है। इनकी औसत गहराई 3,000 से 6,000 मीटर है। इनका क्षेत्रफल लगभग 98 लाख वर्ग मील है। ये एक प्रकार के ऊँचे-नीचे मैदान हैं, परन्तु इनका ढाल क्रमिक होता है।
धरातल से नदियों द्वारा बहाकर लाई गई कोई भी वस्तु यहाँ तक नहीं पहुँच पाती। एल्बेट्रॉस (Albatross) अन्वेषक-दल को निरन्तर ध्वनिकरण ounding) द्वारा यह ज्ञात हआ है कि महासागरीय तल का पेंदा बहुत अधिक ऊबड़-खाबड़ है। विस्तृत अन्तःसमुद्री पठार तथा लम्बी आढ़ी-तिरछी कटके (Ridges) यत्र-तत्र मिलती हैं। ऐसी कटकें कहीं-कहीं समुद्र तल से ऊपर निकली होती हैं जो द्वीपों का निर्माण करती हैं। जापान द्वीप इसी प्रकार की कटक के ऊँचे उठे हुए भाग हैं। इनके किनारे बड़े ढालू होते हैं।
महासागरीय तल का धरातल ठोस शैलों का बना हुआ नहीं होता। ये क्षेत्र मूलतः समुद्री जीव-जन्तुओं के अवशेषों, सूक्ष्म वनस्पति पदार्थों तथा कई प्रकार की बारीक पंकों (Oozes) द्वारा ढंके रहते हैं। अधिक गहरे स्थलों पर लाल मृत्तिका और ज्वालामुखी राख के निक्षेप पाए जाते हैं।
4. महासागरीय गर्त (Ocean Deeps)-ये समुद्र की तली में यत्र-तत्र बिखरे हुए पाए जाते हैं। इनके किनारे प्रायः ढले हुए होते हैं, परन्तु क्षेत्रफल में ये बहुत कम हैं। संपूर्ण समुद्र का लगभग 10 हजार वर्गमील क्षेत्र (अर्थात् 6.15 प्रतिशत भाग) घेरे हुए हैं। समुद्र तल के मध्य में इनका पूर्ण अभाव पाया जाता है। ये प्रायः समुद्र तटों की ओर हटकर पाए जाते हैं। जिन समुद्र तटीय भागों में प्रायः भूचाल के झटके और ज्वालामुखी का प्रकोप होता रहता है, वहाँ ये बहुतायत में मिलते हैं।
प्रशान्त महासागर के दोनों किनारों पर ऐसे कई गर्त हैं। ये गहरे गर्त घोर अन्धकार और अत्यन्त शीतल जल से पूर्ण रहते हैं। इन गों की गहराई 3 कि०मी० से 5 कि०मी० के बीच पाई जाती है। संसार का सबसे गहरा गर्त फिलीपीन्स के निकट स्वायर गर्त है जिसकी गहराई 35,400 फुट है। सन् 1957 में सोवियत अनुसन्धान-पोत वित्यात पर सवार सोवियत महासागरविदों ने पश्चिमी प्रशान्त महासागरों में 68 मील गहरे मेरिआनास गर्त की खोज की है जो सभी महासागरों में गहनतम हो सकता है।
संसार के समस्त महासागरों में लगभग 57 गर्मों का ज्ञान हुआ है। इन गर्तों में से 32 प्रशांत महासागर, 19 अटलांटिक महासागर एवं 6 हिन्द महासागर में हैं।
प्रश्न 2.
महासागरों (सागरों) में लवणता के लम्बवत् वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महसागरों (सागरों) में लवणता का लम्बवत् वितरण-
महासागरों (सागरों) में लवणता का लम्बवत वितरण किसी निश्चित नियम का अनुसरण नहीं करता है क्योंकि कहीं पर लवणता गहराई के साथ घटती जाती है तो कहीं बढ़ती है। लवणता का लम्बवत् वितरण प्रायः जल राशि के स्वभाव से प्रभावित है। गहराई की ओर लवणता कम होती जाती है। किन्तु ठण्डी या गर्म जल धाराओं की उपस्थिति के कारण लवणता में अचानक अन्तर उत्पन्न हो जाता है। लवणता के लम्बवत् वितरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) उच्च अक्षांशों में सतह पर लवणता कम होती है, गहराई पर बढ़ती जाती है।
(2) मध्य अक्षांशों में लवणता की वृद्धि 400 मीटर तक होती है तत्पश्चात् अधिक गहराई में कम हो जाती है।
(3) भूमध्य रेखा पर स्वच्छ जल की प्राप्ति के कारण सतह पर लवणता कम होती है, कुछ गहराई पर अधिक लवणता तथा वनों की तरफ पुनः कम लवणता पाई जाती है।
(4) जहाँ अर्द्ध खुले सागर, खुले सागरों में मिलते हैं वहाँ लवणता के वितरण की स्थिति पूर्णतया भिन्न होती है जैसे-भूमध्य सागर में जिब्रान्टर जल संधि के समीप गहराई की तरफ लवणता निरन्तर बढ़ती है। 36.5 प्रतिशत से 38 प्रतिशत हो जाती है, जबकि जिब्रान्टर की पश्चिमी सतह पर 36 प्रतिशत से कम तथा 7,000 मीटर गहराई पर 36.5 प्रतिशत तथा पुनः 1,200 मीटर की गहराई पर 36 प्रतिशत पाई जाती है। इसके बाद लवणता की मात्रा घटती जाती है।
(5) प्रशान्त महासागर व हिन्द महासागर में लवणता की लम्बवत् वितरण में उपर्युक्त प्रकार की स्थिति पाई जाती है।
(6) यह प्रमाणित हो चुका है कि 2000 मीटर की गहराई के बाद लवणता निरन्तर कम होती जाती है।
(7) उत्तरी अटलांटिक महासागर में लवणता का लम्बवत् वितरण दक्षिणी अटलांटिक महासागर से भिन्न है। उत्तरी अटलांटिक महासागर में लवणता के अन्तर की दर अधिक होती है। अटलांटिक महासागर के दक्षिणी सतह पर लवणता 33 प्रतिशत है। 400 मीटर की गहराई पर बढ़कर 34.5 प्रतिशत हो जाती है तथा 1,200 मीटर पर 34.75 प्रतिशत होती है, परन्तु 20° दक्षिणी अक्षांश के समीप सतह पर 37 प्रतिशत है जो घटकर तली के समीप 35 प्रतिशत रह जाती है। इसके विपरीत विषुवत् रेखा पर लवणता 34 प्रतिशत है जबकि गहराई पर 35 प्रतिशत है। अटलांटिक महासागर के लवणता के लम्बवत् वितरण पर ‘S’ आकृति की महासागरीय श्रेणी (Mid Oceanic Ridge) के चैलेन्जर राइज व डाल्फिन राइज का विशेष प्रभाव होता है।
(8) नियमानुसार बढ़ती गहराई के साथ लवणता कम न होकर बढ़ जाती है तो उसे ‘लवण विलोमता’ कहते हैं। यह सभी महासागरों सागरों में पाई जाती है।