Class 9

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

Haryana State Board HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

HBSE 9th Class Physical Education शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य Textbook Questions and Answers

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न [Long Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा से आप क्या समझते हैं? इसके लक्ष्यों पर प्रकाश डालिए। अथवा शारीरिक शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषाएँ बताएँ। इसके लक्ष्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Physical Education):
शारीरिक शिक्षा ऐसी शिक्षा है जो वैयक्तिक जीवन को समृद्ध बनाने में प्रेरक सिद्ध होती है। शारीरिक शिक्षा, शारीरिक विकास के साथ शुरू होती है और मानव-जीवन को पूर्णता की ओर ले जाती है, जिसके परिणामस्वरूप वह एक हृष्ट-पुष्ट और मजबूत शरीर, अच्छा स्वास्थ्य, मानसिक योग्यता और सामाजिक एवं भावनात्मक संतुलन रखने वाला व्यक्ति बन जाता है। ऐसा व्यक्ति किसी भी प्रकार की चुनौतियों अथवा परेशानियों से प्रभावी तरीके से लड़ने में सक्षम होता है। शारीरिक शिक्षा के विषय में विभिन्न शिक्षाशास्त्रियों के विचार निम्नलिखित हैं

1. सी० ए० बूचर (C.A. Bucher):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा, संपूर्ण शिक्षा पद्धति का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य नागरिक को शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक तथा सामाजिक रूप से शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से, जो गतिविधियाँ उनके परिणामों को दृष्टिगत रखकर चुनी गई हों, सक्षम बनाना है।”

2. सी० सी० कोवेल (C.C.Cowell):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा व्यक्ति-विशेष के सामाजिक व्यवहार में वह परिवर्तन है जो बड़ी माँसपेशियों तथा उनसे संबंधित गतिविधियों की प्रेरणा से उपजता है।”

3. जे० बी० नैश (J. B. Nash):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र का वह भाग है जो बड़ी माँसपेशियों से होने वाली क्रियाओं तथा उनसे संबंधित प्रतिक्रियाओं से संबंध रखता है।”

4. ए० आर० वेमैन (A. R. Wayman):
के मतानुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह भाग है जिसका संबंध शारीरिक गतिविधियों द्वारा व्यक्ति के संपूर्ण विकास एवं प्रशिक्षण से है।” ।

5. आर० कैसिडी (R. Cassidy):
के अनुसार, “शारीरिक क्रियाओं पर केंद्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं, वे ही शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं।”

6. जे० एफ० विलियम्स (J. E. Williams):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा मनुष्य की उन शारीरिक क्रियाओं को कहते हैं, जो किसी विशेष लक्ष्य को लेकर चुनी और कराई गई हों।”

7. सी० एल० ब्राऊनवैल (C.L. Brownwell):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा उन परिपूर्ण एवं संतुलित अनुभवों का जोड़ है जो व्यक्ति को बहु-पेशीय प्रक्रियाओं में भाग लेने से प्राप्त होते हैं तथा उसकी अभिवृद्धि और विकास को चरम-सीमा तक बढ़ाते हैं।”

8. निक्सन व कोजन (Nixon and Cozan):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा की पूर्ण क्रियाओं का वह भाग है जिसका संबंधशक्तिशाली माँसपेशियों की क्रियाओं और उनसे संबंधित क्रियाओं तथा उनके द्वारा व्यक्ति में होने वाले परिवर्तनों से है।”

9. डी०ऑबरटियूफर (D. Oberteuffer):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा उन अनुभवों का जोड़ है जो व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियों से प्राप्त हुई है।”

उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी पहलू है जिसमें शारीरिक गतिविधियों या व्यायामों द्वारा व्यक्ति के विकास के प्रत्येक पक्ष प्रभावित होते हैं। यह व्यक्ति के व्यवहार और दृष्टिकोण में आवश्यक परिवर्तन करती है। इसका उद्देश्य न केवल व्यक्ति का शारीरिक विकास है, बल्कि यह मानसिक विकास, सामाजिक विकास, भावनात्मक विकास, बौद्धिक विकास, आध्यात्मिक विकास एवं नैतिक विकास में भी सहायक होती है अर्थात् यह व्यक्ति का संपूर्ण या सर्वांगीण विकास करती है। संक्षेप में, विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं का तुलनात्मक अध्ययन करने से हमें निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है

(1) शारीरिक शिक्षा साधारण शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण अंग है।
(2) शारीरिक शिक्षा का माध्यम शिक्षा के साथ-साथ क्रियाएँ हैं। जब तक ये क्रियाएँ शक्तिशाली नहीं होंगी, शरीर के सारे अंगों का पूरी तरह से विकास नहीं हो सकता।
(3) शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य केवल शारीरिक विकास ही नहीं, बल्कि सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक विकास करना भी है।
(4) आज की शारीरिक शिक्षा वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें क्रियाओं का चुनाव इस प्रकार किया जाता है जिससे इसके उद्देश्य की पूर्ति की जा सके।
(5) शारीरिक शिक्षा संबंधी क्रियाओं द्वारा व्यक्ति अपने शरीर में सुधार करता है और इसे मजबूत बनाता है।
(6) यह शिक्षा शरीर की कार्य-कुशलता व क्षमता में वृद्धि करती है।

शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य (Aims of Physical Education)-शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य विद्यार्थी को इस प्रकार तैयार करना है कि वह एक सफल एवं स्वस्थ नागरिक बनकर अपने परिवार, समाज व राष्ट्र की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता या योग्यता उत्पन्न कर सके और समाज का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनकर सफलता से जीवनयापन करते हुए जीवन का पूरा आनंद उठा सके। विभिन्न विद्वानों के अनुसार शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य निम्नलिखित हैं

1.जे० एफ० विलियम्स (J. E. Williams):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य एक प्रकार का कुशल नेतृत्व तथा पर्याप्त समय प्रदान करना है, जिससे व्यक्तियों या संगठनों को इसमें भाग लेने के लिए पूरे-पूरे अवसर मिल सकें, जो शारीरिक रूप से आनंददायक, मानसिक दृष्टि से चुस्त तथा सामाजिक रूप से निपुण हों।”

2. जे० आर० शर्मन (J.R. Sherman):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य है कि व्यक्ति के अनुभव को इस हद तक प्रभावित करे कि वह अपनी क्षमता से समाज में अच्छे से रह सके, अपनी जरूरतों को बढ़ा सके, उन्नति कर सके तथा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम हो सके।”

3. केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय (Central Ministry of Education):
के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा को प्रत्येक बच्चे को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से स्वस्थ बनाना चाहिए और उसमें ऐसे व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का विकास करना चाहिए ताकि वह दूसरों के साथ प्रसन्नता व खुशी से रह सके और एक अच्छा नागरिक बन सके।”

दी गई परिभाषाओं का अध्ययन करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। इसके लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए जे०एफ० विलियम्स (J.E. Williams) ने भी कहा है कि “शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है।”

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 2.
शारीरिक शिक्षा से आपका क्या अभिप्राय है? इसके उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा का अर्थ (Meaning of Physical Education):
शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह अभिन्न अंग है, जो खेलकूद तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से व्यक्ति में एक चुनी हुई दिशा में परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इससे केवल बुद्धि तथा शरीर का ही विकास नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र एवं आदतों के निर्माण में भी सहायक होती है।

शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य (Objectives of Physical Education):
उद्देश्य, लक्ष्य की तरह अदृश्य या अपूर्ण नहीं है, बल्कि ये साधारण भाषा में लिखे जाते हैं। ये किसी भी मापक द्वारा तोले जा सकते हैं। ये गिनती में बहुत अधिक हैं तथा किसी मुख्य स्थान पर जाने के लिए निर्धारक का काम करते हैं। नि:संदेह इनकी प्राप्ति व्यक्तियों तथा सिद्धांतों द्वारा ही होती है, परंतु प्रत्येक हालत में सब उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसका भाव यह नहीं है कि उद्देश्यों का कोई महत्त्व ही नहीं है, इनके द्वारा ही बच्चों या विद्यार्थियों के आचरण में कई तरह के परिवर्तन तथा सुधार किए जा सकते हैं। विभिन्न विद्वानों ने शारीरिक शिक्षा के भिन्न-भिन्न उद्देश्य बताएँ हैं, जो निम्नलिखित प्रकार से हैं

1. हैगमैन तथा ब्राऊनवैल (Hagman and Brownwell) के अनुसार, शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(i) शारीरिक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी करना (Increase in Physical Health)
(ii) गति या तकनीकी योग्यताओं में बढ़ोतरी करना (Increase in Motor Skills)
(iii) ज्ञान में वृद्धि करना (Increase in Knowledge)
(iv) अभिरुचि में सुधार लाना (Improvement in Aptitude)।

2. जे०बी०नैश (J. B. Nash) के अनुसार, शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(i) शारीरिक अंगों का विकास (Development of Organic)
(ii) नाड़ी-माँसपेशियों संबंधी विकास (Neuro Muscular Development)
(iii) अर्थ समझने की योग्यता का विकास (Development of Inter-pretative Ability)
(iv) भावनात्मक विकास (Emotional Development)।

3. बॅक वाल्टर (Buck Walter) ने शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को तीन भागों में विभाजित किया है
(i) सेहत या स्वास्थ्य में सुधार करना (Improvement in Health),
(ii) खाली समय का उचित प्रयोग (Proper or Worthy use of Leisure Time),
(iii) नैतिक आचरण (Ethical Character)।

4. लास्की (Laski) के अनुसार शारीरिक शिक्षा के पाँच उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(i) शारीरिक विकास (Physical Development),
(ii) नाड़ी-माँसपेशियों के समन्वय में विकास (Development of Neuro-Muscular Co-ordination),
(iii) भावनात्मक विकास (Emotional Development),
(iv) सामाजिक विकास (Social Development),
(v) बौद्धिक विकास (Intellectual Development)।

5. इरविन (Irwin) के अनुसार शारीरिक शिक्षा के पाँच उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(i) शारीरिक विकास (Physical Development),
(ii) भावनात्मक विकास (Emotional Development),
(iii) सामाजिक विकास (Social Development),
(iv) मानसिक विकास (Mental Development),
(v) मनोरंजक गतिविधियों में निपुणता या मनोरंजक विकास (Skill in Recreation Activities or Development of Recreation)।

6. चार्ल्स ए० बूचर (Charles A. Bucher) ने अपनी पुस्तक ‘शारीरिक शिक्षा की बुनियाद’ में शारीरिक शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं
(i) शारीरिक विकास (Physical Development),
(ii) गतिज विकास (Motor Development),
(iii) मानसिक विकास (Mental Development),
(iv) मानवीय संबंधों का विकास (Development of Human Relations)।

उपर्युक्त वर्णित उद्देश्यों के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि शारीरिक शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं
1.शारीरिक विकास (Physical Development):
शारीरिक शिक्षा संबंधी क्रियाएँ शारीरिक विकास का माध्यम हैं । शारीरिक क्रियाएँ माँसपेशियों को मजबूत करने, रक्त का बहाव ठीक रखने, पाचन-शक्ति में बढ़ोतरी करने और श्वसन क्रिया को ठीक रखने में सहायक होती हैं। शारीरिक क्रियाएँ न केवल भिन्न-भिन्न प्रणालियों को स्वस्थ और ठीक रखती हैं, बल्कि उनके आकार, शक्ल और कुशलता में भी बढ़ोतरी करती हैं। शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक तौर पर स्वस्थ बनाना और उसके व्यक्तित्व के प्रत्येक पहलू को निखारना है।

2. मानसिक विकास (Mental Development):
शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होना चाहिए।शारीरिक शिक्षा ऐसी क्रियाएँ प्रदान करती हैं, जो व्यक्ति के दिमाग को उत्तेजित करती हैं। उदाहरणस्वरूप बास्केटबॉल की खेल के दौरान एक टीम के खिलाड़ियों ने विरोधी टीम के खिलाड़ियों से बॉल बचा कर रखनी होती है। इसके साथ अपना निशाना भी देखना होता है और अपनी शक्ति का अन्दाज़ा लगाकर बॉल को ऊपर बास्केट में डालना होता है। जो खिलाड़ी केवल शारीरिक तौर पर शक्तिशाली हो और मानसिक तौर पर उसकी प्रफुल्लता पूरी न हो, वह कभी अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सकता। इसलिए खेल खेलने वाले व्यक्ति का शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी हो जाता है। शारीरिक शिक्षा मानसिक विकास के लिए उचित वातावरण प्रदान करती है।

3. संवेगात्मक या भावनात्मक विकास (Emotional Development):
शारीरिक तौर पर स्वस्थ और मानसिक तौर पर चुस्त व्यक्ति भी कई बार बहुत भावुक हो जाते हैं। ये जीवन में साधारण समस्याओं को हंसते-हंसते सुलझा देने के स्थान पर उनको एक बड़ी समस्या बनाकर उनमें उलझ जाते हैं। वे अपनी खुशी, दुःख, पसन्द और ईर्ष्या को ज़रूरत से अधिक महत्ता देते हैं। ऐसा करने से उनका बहुमूल्य समय और शक्ति व्यर्थ चले जाते हैं और वे अच्छे परिणाम प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। खेलें शारीरिक भावनाओं पर नियन्त्रण करने की कला सिखाती हैं। शारीरिक शिक्षा कई प्रकार के ऐसे अवसर पैदा करती है, जिनसे शरीर का भावनात्मक या संवेगात्मक विकास होता है। खेल में बार-बार जीतना या हारना दोनों हालातों में भावनात्मक पहलू प्रभावित होते हैं। इससे खिलाड़ियों में भावनात्मक स्थिरता उत्पन्न होती है। इसलिए उन पर जीत-हार का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। शारीरिक शिक्षा खिलाड़ियों को अपनी भावनाओं पर काबू रखना सिखाती है।

4. सामाजिक विकास (Social Development):
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे समाज में मिल-जुलकर रहना पड़ता है। शारीरिक शिक्षा भिन्न-भिन्न प्रकार के लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करती है। उनमें एकता व एकबद्धता लाती है। खेल में धर्म, जाति, श्रेणी, वर्ग या क्षेत्र आदि के आधार पर किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता। इस तरह से शारीरिक शिक्षा कई ऐसे अवसर प्रदान करती है जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है और सामाजिक व नैतिक विकास में वृद्धि होती है; जैसे एक-दूसरे से. मिलकर रहना, एक-दूसरे का सम्मान करना, दूसरों की आज्ञा का पालन करना, बड़ों का सम्मान करना, नियमों का पालन करना आदि।

5. सांस्कृतिक विकास (Cultural Development)”
शारीरिक शिक्षा संबंधी खेल और क्रियाकलापों के दौरान विभिन्न संस्कृतियों के व्यक्ति व खिलाड़ी आपस में मिलते हैं और एक-दूसरे के बारे में जानते हैं व उनके रीति-रिवाजों, परंपराओं और जीवन-शैली के बारे में परिचित होते हैं, जिससे सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

6. चरित्र या नैतिक निर्माण (Character or Moral Development):
यदि सभी व्यक्तियों को अपने आस-पास के सभी नियमों को निभाते हुए सरलता से जीवन जीना आ जाता है तो वे सुलझे हुए इंसान बन जाते हैं। खेलें खेलते हुए यदि खिलाड़ियों को रैफ़री का निर्णय पसन्द न भी आए तो भी वे उसकी आज्ञा का पालन हैं और कोई दुर्व्यवहार नहीं करते। इस प्रकार खेल के मैदान में ही आज्ञा पालन, सत्य बोलना, समय के पाबन्द रहना, अनुशासन में रहना, बड़ों का कहना मानना, छोटों से प्यार करना, पड़ोसियों के साथ मेल-जोल से रहना, आदि गुण सीखे जाते हैं।

7. गतिज विकास (Motor Development):
शारीरिक शिक्षा संबंधी क्रियाएँ शरीर में ज्यादा-से-ज्यादा तालमेल बनाती हैं। अगर शारीरिक शिक्षा में उछलना, दौड़ना, फेंकना आदि क्रियाएँ न हों तो कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं किया जा सकता। मानवीय शरीर में सही गतिज विकास तभी हो सकता है जब नाड़ी प्रणाली और माँसपेशीय प्रणाली का संबंध ठीक रहे। इससे कम थकावट और अधिक-से-अधिक कुशलता प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

निष्कर्ष (Conclusion)-दिए गए विवरण से स्पष्ट है कि शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों का क्षेत्र बहुत विशाल है। शारीरिक शिक्षा, एक सामान्य शिक्षा के रूप में शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होती है। यह व्यक्ति या छात्र में आंतरिक कुशलताओं का विकास करती है और उसमें अनेक प्रकार के छुपे हुए गुणों को बाहर निकालती है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 3.
शिक्षा के क्षेत्र में शारीरिक शिक्षा क्यों आवश्यक है? वर्णन करें। अथवा हमें शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता किन कारणों से पड़ती है? वर्णन करें।
उत्तर:
शिक्षा के क्षेत्र में शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता या उपयोगिता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान युग में शारीरिक शिक्षा पूरे विश्व के स्कूल-कॉलेजों में पाठ्यक्रम का महत्त्वपूर्ण अंग बन गई है। एच०सी० बॅक (H.C. Buck) के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा कार्यक्रम का वह भाग है जो माँसपेशियों के क्रियाकलापों के माध्यम से बच्चों की वृद्धि, विकास तथा शिक्षा से संबंधित है।” आज के मनुष्य को योजनाबद्ध खेलों और शारीरिक शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। आधुनिक संदर्भ में शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता या उपयोगिता निम्नलिखित प्रकार से है

1. शारीरिक विकास (Physical Development):
शारीरिक विकास शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से होता है। शारीरिक क्रियाएँ माँसपेशियों को मजबूत, रक्त का संचार सही, पाचन-शक्ति में बढ़ोतरी तथा श्वसन क्रिया को ठीक रखती हैं। शारीरिक क्रियाएँ अलग-अलग प्रणालियों को स्वस्थ और ठीक रखती हैं । शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को शारीरिक तौर पर स्वस्थ बनाना है। नियमित रूप में किया जाने वाला व्यायाम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति की निपुणता और सामर्थ्य में वृद्धि करता है। इस कारण शारीरिक क्रियाकलाप शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए बहुत आवश्यक है।

2. नियमबद्ध वृद्धि एवं विकास (Harmonious Growth and Development):
नियमित रूप से वृद्धि और विकास शारीरिक शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है। सभी सजीव वस्तुएँ वृद्धि करती हैं। जैसे एक छोटा-सा बीज बड़ा होकर एक भारी पेड़ बन जाता है। शारीरिक शिक्षा का संबंध भी वृद्धि और विकास से है। व्यायाम करने से माँसपेशियाँ मजबूत बनती हैं। नियमित रूप से किया जाने वाला शारीरिक अभ्यास विभिन्न अंगों में वृद्धि एवं विकास करता है। इसलिए आज हमें इसकी बहुत आवश्यकता है।

3. अच्छे नागरिक के गुणों का विकास (Development of Qualities of Good Citizen):
शारीरिक शिक्षा खेलकूद के माध्यम से अच्छे नागरिकों के गुणों को विकसित करती है; जैसे खेलों के नियमों की पालना करना, खेलों में आपसी तालमेल बनाना, हार व जीत में संयम रखना, दूसरों का आदर करना, देशभक्ति की भावना आदि।

4. मानसिक विकास (Mental Development):
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का विकास भी होना चाहिए। शारीरिक और मानसिक दोनों के मिलाप से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है। जब कोई व्यक्ति शारीरिक क्रियाओं में भाग लेता है तो उसके शारीरिक विकास के साथ-साथ उसका मानसिक विकास भी होता है।

5. नेतृत्व का विकास (Development of Leadership):
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व करने के अनेक अवसर होते हैं। उदाहरणतया, हॉकी की टीम के कैप्टन को निष्पक्षता और समझदारी से खेलना पड़ता है। कई बार प्रतियोगिताओं का आयोजन करना भी नेतृत्व के गुणों के विकास में सहायक होता है। इसलिए हमें शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता पड़ती है।

6. गतिज विकास (Motor Development):
शारीरिक क्रियाएँ शरीर में अधिक-से-अधिक तालमेल बढ़ाती हैं। यदि शारीरिक क्रियाओं में कूदना, दौड़ना, फेंकना आदि न हो तो कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता। मानवीय शरीर में सही गतिज विकास तभी हो सकता है जब नाड़ी प्रणाली और माँसपेशी प्रणाली का संबंध ठीक रहे। शारीरिक शिक्षा विभिन्न शारीरिक प्रणालियों की कार्यक्षमता को सुचारु करने में सहायक होती है।

7. भावनात्मक विकास (Emotional Development):
शारीरिक क्रियाएँ कई प्रकार के ऐसे अवसर पैदा करती हैं जिनसे भावनात्मक विकास होता है। खेल में बार-बार विजयी होना या हारना, दोनों अवस्थाओं में भावनात्मक स्थिरता आती है। इसलिए खिलाड़ी पर जीत-हार का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सिखाती है। जिस व्यक्ति का अपने संवेगों पर नियंत्रण होता है वह सफलता की ओर अग्रसर होता है। इसलिए हमें शारीरिक शिक्षा की अधिक आवश्यकता है।

8. सामाजिक विकास (Social Development):
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में मिल-जुलकर सम्मानपूर्वक जीना चाहता है। शारीरिक शिक्षा की क्रियाओं द्वारा व्यक्ति का सामाजिक विकास होता है जैसे कि एक-दूसरे को सहयोग देना, दूसरों का सम्मान करना और आज्ञा का पालन करना, अनुशासन, वफादारी, सहनशीलता, सदाचार, नियमों व कर्त्तव्यों की पालना, नियमबद्धता इत्यादि। ये सभी गुण मित्रता और भाईचारे में वृद्धि करते हैं। इसलिए शारीरिक शिक्षा हमारे लिए उपयोगी एवं आवश्यक है।

9. स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान (Knowledge of Health Education):
स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य संबंधी विस्तृत जानकारी होना आवश्यक है। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को एक अच्छा जीवन व्यतीत करने का मार्ग दर्शाती है। शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा के
अंतर्गत जन-संपर्क के रूप में कार्य करती है, जो सेहत और रोगों से संबंधी जानकारी प्रदान करती है। यह लोगों को अपनी आदतों और जीवन व्यतीत करने के तौर-तरीकों का विकास करने की प्रेरणा देती है।

निष्कर्ष (Conclusion)-उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि शारीरिक गतिविधियाँ नियमित रूप से वृद्धि करने में सहायक होती हैं। इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में हमें शारीरिक शिक्षा की अति आवश्यकता पड़ती है। इसकी उपयोगिता देखते हुए इसका क्षेत्र दिन-प्रतिदिन विस्तृत होता जा रहा है। अतः हम यह कह सकते हैं कि शारीरिक शिक्षा को हमें विशाल स्तर पर सर्व-प्रिय बनाना चाहिए और इसे न केवल शिक्षा के क्षेत्र तक सीमित रखना चाहिए बल्कि इसे ग्रामीण या अन्य क्षेत्रों तक भी पहुँचाना चाहिए।

प्रश्न 4.
आधुनिक संदर्भ में शारीरिक शिक्षा के महत्त्व का वर्णन कीजिए। अथवा शारीरिक शिक्षा का क्या महत्त्व है? वर्णन करें।
उत्तर:
आज का युग एक मशीनी व वैज्ञानिक युग है, जिसमें मनुष्य स्वयं मशीन बनकर रह गया है। इसकी शारीरिक शक्ति खतरे में पड़ गई है। मनुष्य पर मानसिक तनाव और कई प्रकार की बीमारियों का संक्रमण बढ़ रहा है। मनुष्य को नीरोग एवं स्वस्थ रखने में शारीरिक शिक्षा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शारीरिक शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए रूसो (Rousseau) ने कहा”शारीरिक शिक्षा शरीर का एक मजबूत ढाँचा है जो मस्तिष्क के कार्य को निश्चित तथा आसान करता है।” शारीरिक शिक्षा के महत्त्व को निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है

1. शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है (Physical Education is Useful for Health):
अच्छा स्वास्थ्य अच्छी जलवायु की उपज नहीं, बल्कि यह अच्छी खुराक, व्यक्तिगत स्वच्छता, उचित आराम, अनावश्यक चिंताओं से मुक्ति और रोग-रहित जीवन है। आवश्यक डॉक्टरी सहायता भी स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए ज़रूरी है। बहुत ज्यादा कसरत करना, परन्तु आवश्यक खुराक न खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जो व्यक्ति खेलों में भाग लेते हैं, उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है। खेलों में भाग लेने से शरीर की सारी शारीरिक प्रणालियाँ सही ढंग से काम करने लग जाती हैं। ये प्रणालियाँ शरीर में हुई थोड़ी-सी कमी या बढ़ोतरी को भी सहन कर लेती हैं। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति खेलों में अवश्य भाग ले। आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए डॉ० राधाकृष्णन (Dr. Radha Krishanan) ने कहा है, “मजबूत शारीरिक नींव के बिना कोई राष्ट्र महान नहीं बन सकता।”.

2. शारीरिक शिक्षा हानिकारक मनोवैज्ञानिक व्याधियों को कम करती है (Physical Education decreases Harmful Psychological Disorders):
आधुनिक संसार में व्यक्ति का ज्यादा काम दिमागी हो गया है। जैसे प्रोफैसर, वैज्ञानिक, गणित-शास्त्री, दार्शनिक आदि सारे व्यक्ति मानसिक कामों से जुड़े हुए हैं। मानसिक काम से हमारे स्नायु संस्थान (Nervous System) पर दबाव बढ़ता है। इस दबाव को कम करने के लिए काम में परिवर्तन आवश्यक है। यह परिवर्तन मानसिक शांति पैदा करता है। सबसे लाभदायक परिवर्तन शारीरिक कसरतें हैं। जे०बी० नैश (J.B. Nash) का कहना है कि “जब कोई विचार दिमाग में आ जाता है तो हालात बदलने पर भी दिमाग में चक्कर लगाता रहता है।” अतः स्पष्ट है कि शारीरिक क्रियाएँ करने से हमारी मानसिक थकान कम होती है।

3. शारीरिक शिक्षा भीड़-भाड़ वाले जीवन के दुष्प्रभाव को कम करती है (Physical Education decreases the side effects of Congested Life):
आजकल शहरों में जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है। इस बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण कई समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। शहरों में यातायात वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मोटरों, गाड़ियों और फैक्टरियों का धुआँ निरंतर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। अतः शारीरिक शिक्षा से लोगों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में शारीरिक शिक्षा संबंधी खेल क्लब बनाकर लोगों को अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

4. शारीरिक शिक्षा सुस्त जीवन के बुरे प्रभावों को कम करती है (Physical Education corrects the harmful effects of Lazy Life):
आज का युग मशीनी है। दिनों का काम कुछ घण्टों में हो जाता है. जिसके कारण. मनुष्य के पास काफी समय बच जाता है जो गुजारना बहुत मुश्किल होता है। बिना काम के जीवन सुस्त और क्रिया-रहित हो जाता है। ऐसी हालत में लोगों को दौड़ने-कूदने के मौके देकर उनका स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है। जब तक व्यक्ति योजनाबद्ध तरीके से खेलों और शारीरिक क्रियाओं में भाग नहीं लेगा, तब तक वह अपने स्वास्थ्य को अधिक दिनों तक तंदुरुस्त नहीं रख पाएगा।

5. शारीरिक शिक्षा सम्पूर्ण व्यक्तित्व बनाने में सहायता करती है (Physical Education helps in making Proper Personality):
शारीरिक शिक्षा मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व में बढ़ोतरी करती है। यह बहु-पक्षीय प्रगति करती है। इससे शरीर के प्रत्येक पक्ष का विकास होता है, जिससे मनुष्य का सम्पूर्ण व्यक्तित्व बनता है।

6. शारीरिक शिक्षा मनोरंजन प्रदान करती है (Physical Education provides the Recreation):
मनोरंजन जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है। मनोरंजन व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक खुशी प्रदान करता है। इसमें व्यक्ति निजी प्रसन्नता और संतुष्टि के कारण अपनी इच्छा से भाग लेता है। शारीरिक शिक्षा और मनोरंजन में गहरा संबंध है। शारीरिक शिक्षा मनुष्य को कई प्रकार की क्रियाएँ प्रदान करती है जिससे उसको मनोरंजन प्राप्त होता है।

7. शारीरिक शिक्षा शारीरिक संस्थानों का ज्ञान प्रदान करती है (Physical Education Provides the Knowledge of Human Body System):
शारीरिक शिक्षा मानवीय शरीर की सभी प्रणालियों का ज्ञान प्रदान करती है। यह किसी भी व्यक्ति के . शरीर की विभिन्न प्रणालियों पर व्यायाम द्वारा पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी देती है। यह विभिन्न रोगों से व्यक्ति को अपने शारीरिक अंगों की रक्षा करने संबंधी जानकारी देती है।

8. खाली समय का सही उपयोग (Proper Use of Leisure Time):
शारीरिक शिक्षा खाली समय के सही उपयोग में सहायक होती है। खाली समय में व्यक्ति शारीरिक क्रियाकलापों द्वारा कोई अच्छा कार्य कर सकता है। जैसे कि वह खाली समय में कोई खेल, खेल सकता है। यदि वह बाहर जाकर नहीं खेल सकता तो घर में ही खेल सकता है जिससे व्यक्ति का मन सामाजिक कुरीतियों की तरफ नहीं जाता।

9. अच्छे नागरिक के गुणों का विकास (Development Qualities of Good Citizen):
शारीरिक शिक्षा खेलकूद के माध्यम से अच्छे नागरिकों के गुणों को विकसित करती है। जैसे खेलों के नियमों की पालना करना, खेलों में आपसी तालमेल बनाना, हार व जीत में संयम रखना, दूसरों के प्रति आदर व सम्मान की भावना, देशभक्ति की भावना जो लोकतांत्रिक जीवन में आवश्यक है, को विकसित करती है। 1

10. सांस्कृतिक विकास (Cultural Development):
शारीरिक शिक्षा खेल व शारीरिक गतिविधियों की प्रक्रिया है। खेलों और क्रियाकलापों के दौरान विभिन्न संस्कृतियों के खिलाड़ी आपस में मिलते हैं और एक-दूसरे के बारे में जानते हैं। वे एक-दूसरे के रीति-रिवाज़ों, परंपराओं और जीवन-शैली से परिचित होते हैं, जिससे सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

11. राष्ट्रीय एकता का विकास (Development of National Integration):
शारीरिक शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिससे राष्ट्रीय एकता में वृद्धि की जा सकती है। खेलें खिलाड़ियों में सांप्रदायिकता, असमानता, प्रांतवाद और भाषावाद जैसे अवगुणों को दूर करती है। इसमें खिलाड़ियों को ऐसे अनेक अवसर मिलते हैं, जब उनमें सहनशीलता, सामाजिकता, बड़ों का सत्कार और देश-भक्ति की भावना जैसे गुण विकसित होते हैं। ये गुण उनमें राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं और उनके व्यक्तित्व को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार खेलकूद में भाग लेने से मातृत्व या राष्ट्रीयता की भावना विकसित होती है। ..

12. शारीरिक शिक्षा और सामाजिक एकता (Physical Education and Social Cohesion):
सामाजिक जीवन में कई तरह की भिन्नताएँ होती हैं; जैसे अलग भाषा, अलग संस्कृति, रंग-रूप, अमीरी-गरीबी, शक्तिशाली-कमज़ोर आदि । इन भिन्नताओं के बावजूद मनुष्य को सामाजिक इकाई में रहना पड़ता है। शारीरिक शिक्षा भिन्न-भिन्न प्रकार के लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करती है। उनमें एकता व एकबद्धता लाती है।खेल में धर्म, जाति, श्रेणी, वर्ग या क्षेत्र आदि के आधार पर किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता। इस तरह से शारीरिक शिक्षा कई ऐसे अवसर प्रदान करती है जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है और सामाजिक व नैतिक विकास में वृद्धि होती है; जैसे एक-दूसरे से मिलकर रहना, एक-दूसरे का सम्मान करना, दूसरों की आज्ञा का पालन करना, बड़ों का सम्मान करना, नियमों का पालन करना आदि।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 5.
शारीरिक शिक्षा के मुख्य सिद्धांतों का वर्णन करें। उत्तर-शारीरिक शिक्षा के मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं
(1) शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा का एक अभिन्न अंग है जो व्यक्ति के संपूर्ण विकास में सहायक होता है।

(2) शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रमों को शामिल किया जाता है जिनमें भाग लेकर छात्र या व्यक्ति अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने में समर्थ हो सके। इससे अच्छे संवेगों का विकास होता है और बुरे संवेगों का निकास होता है।

(3) शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम या गतिविधियाँ ज्ञान संबंधी तथ्यों को सीखने में योगदान देती हैं।

(4) शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम गतिक कौशल, शारीरिक सुयोग्यता एवं पुष्टि तथा स्वास्थ्य में सुधार करने वाले होने चाहिएँ। .

(5) शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम छात्रों की रुचियों, आवश्यकताओं एवं पर्यावरण पर आधारित होने चाहिएँ।

(6) शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों में छात्रों का पूर्ण चिकित्सा-परीक्षण किया जाना चाहिए, क्योंकि बिना चिकित्सा परीक्षण के किसी को यह पता नहीं चल सकता कि छात्र किस प्रकार की असमर्थता का सामना कर रहा है।

(7) शारीरिक शिक्षा का महत्त्वपूर्ण माध्यम शारीरिक क्रियाएँ हैं। जब तक ये क्रियाएँ व्यवस्थित एवं प्रभावशाली नहीं होंगी, तब तक व्यक्ति या छात्रों के सभी अंगों का पूरी तरह से विकास नहीं हो सकता।

(8) शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत वैज्ञानिक प्रक्रिया पर आधारित हैं। इसमें क्रियाओं का चुनाव इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि इसके उद्देश्यों की पूर्ति पूर्णत: की जा सके।

(9) शारीरिक शिक्षा की गतिविधियों द्वारा छात्रों के आचरण में कई प्रकार के महत्त्वपूर्ण परिवर्तन एवं सुधार किए जा सकते हैं; जैसे नियमों की पालना करना, सहयोग देना, दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना आदि।

(10) शारीरिक शिक्षा के बारे में जानकारी सामान्य भाषा में देनी चाहिए और यह जानकारी भरपूर होनी चाहिए।

(11) शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रमों को भी शामिल करना चाहिए जिनमें छात्रों की स्वाभाविक इच्छाओं एवं आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।

(12) शारीरिक क्रियाओं का चयन छात्रों की आयु, लिंग के अनुसार होना चाहिए।

प्रश्न 6.
संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में शारीरिक शिक्षा का क्या योगदान है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास को अपना उद्देश्य बनाती है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि शारीरिक शिक्षा मनुष्य के संपूर्ण विकास में सहायक होती है। यह बात निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट होती है
1. नेतृत्व का विकास (Development of Leadership):
शारीरिक शिक्षा में नेतृत्व करने के अनेक अवसर प्राप्त होते हैं; जैसे क्रिकेट टीम में टीम का कैप्टन, निष्पक्षता, सूझ-बूझ और भावपूर्ण ढंग से खेल की रणनीति तैयार करता है। जब किसी खेल के नेता को खेल से पहले शरीर गर्माने के लिए नियुक्त किया जाता है, तब भी नेतृत्व की शिक्षा दी जाती है। कई बार प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करना भी नेतृत्व के विकास में सहायता करता है।

2. अनुशासन का विकास (Development of Discipline):
शारीरिक शिक्षा हमें अनुशासन का अमूल्य गुण भी सिखाती है। हमें अनुशासन में रहते हुए और खेल के नियमों का पालन करते हुए खेलना पड़ता है। इस प्रकार खेल अनुशासन की भावना में वृद्धि करते हैं। खेल में अयोग्य करार दिए जाने के डर से खिलाड़ी अनुशासन भंग नहीं करते। वे अनुशासन में रहकर ही खेलते हैं।

3. सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार का विकास (Development of Sympathetic Attitude):
खेल के दौरान यदि कोई खिलाड़ी घायल हो जाता है तो दूसरे सभी खिलाड़ी उसके प्रति हमदर्दी की भावना रखते हैं। ऐसा फुटबॉल अथवा क्रिकेट खेलते समय देखा भी जा सकता है। जब भी किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो सभी खिलाड़ी हमदर्दी प्रकट करते हुए उसकी सहायता के लिए दौड़ते हैं। यह गुण व्यक्तित्व निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

4. अच्छे नागरिक के गुणों का विकास (Development of Qualities of Good Citizen):
शारीरिक शिक्षा खेलकूद के माध्यम से अच्छे नागरिकों के गुणों को विकसित करती है। जैसे खेलों के नियमों की पालना करना, खेलों में आपसी तालमेल बनाना, हार व जीत में संयम रखना, दूसरों के प्रति आदर व सम्मान की भावना, देशभक्ति की भावना आदि।

5.शारीरिक विकास (Physical Development):
शारीरिक शिक्षा संबंधी क्रियाएँ शारीरिक विकास का माध्यम हैं। शारीरिक क्रियाएँ माँसपेशियों को मजबूत, रक्त का बहाव ठीक रखने, पाचन-शक्ति में बढ़ोतरी और श्वसन क्रिया को ठीक रखने में सहायक हैं। शारीरिक क्रियाओं से खिलाड़ी या व्यक्ति का शरीर मजबूत, शक्तिशाली, लचकदार और प्रभावशाली बनता है।

6. मानसिक विकास (Physical Development):
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का विकास भी होना चाहिए। शारीरिक और मानसिक दोनों के मिलाप से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है। जब कोई व्यक्ति शारीरिक क्रियाओं में भाग लेता है तो उसके शारीरिक विकास के साथ-साथ उसका मानसिक विकास भी होता हैं।

7. उच्च नैतिकता की शिक्षा (Lesson of High Morality):
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति में खेल-भावना (Sportsmanship) उत्पन्न करती है। यह इस बात में भी सहायता करती है कि खिलाड़ी का स्तर नैतिक दृष्टि से ऊँचा रहे तथा वह पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ अपने उद्देश्य की ओर अग्रसर होता रहे। संक्षेप में, शारीरिक शिक्षा खिलाड़ी का उच्च स्तर का नैतिक विकास करने में सहायक होती है।

8. भावनात्मक संतुलन (Emotional Balance):
भावनात्मक संतुलन भी व्यक्तित्व के पूर्ण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शारीरिक शिक्षा और खेलों द्वारा पैदा होता है। शारीरिक शिक्षा खिलाड़ी में अनेक प्रकार से भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है। बच्चे को बताया जाता है कि वह विजय प्राप्त करने के बाद आवश्यकता से अधिक प्रसन्न न हो और हार के गम को भी । सहज भाव से ले। इस तरह भावनात्मक संतुलन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए अत्यावश्यक है।

9. सामाजिक विकास (Social Development):
शारीरिक शिक्षा समूचे व्यक्तित्व का विकास इस दृष्टि से भी करती है कि व्यक्ति में अनेक प्रकार के सामाजिक गुण आ जाते हैं। उदाहरणतया सहयोग, टीम भावना, उत्तरदायित्व की भावना और नेतृत्व जैसे गुण भी बच्चे में खेलों द्वारा ही उत्पन्न होते हैं। ये गुण बड़ा होने पर अधिक विकसित हो जाते हैं। फलस्वरूप बच्चा एक अच्छा नागरिक बनता है।

10. अच्छी आदतों का विकास (Development of Good Habits):
अच्छी आदतें व्यक्तित्व की कुंजी होती हैं । शारीरिक शिक्षा से खिलाड़ी.या व्यक्ति में अच्छी आदतों का विकास होता है; जैसे दूसरों का आदर व सम्मान करना, बड़ों का आदर करना, समय का पाबंद होना, नियमों का पालन करना, समय पर भोजन करना, व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना आदि। ये सभी संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)-उपर्युक्त विवरण से हम कह सकते हैं कि शारीरिक शिक्षा व्यक्तियों या बच्चों में न केवल भीतरी गुणों को ही व्यक्त करती है, अपितु यह उनके व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक होती है। यह उनमें कई प्रकार के सामाजिक व नैतिक गुण पैदा करती है और उनमें भावनात्मक संतुलन बनाए रखती है। शारीरिक क्रियाओं द्वारा व्यक्ति में कुर्बानी, निष्पक्षता, मित्रता की भावना, सहयोग, स्व-नियंत्रण, आत्म-विश्वास और आज्ञा की पालना करने जैसे गुणों का विकास होता है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 7.
शारीरिक शिक्षा के अध्यापक के व्यक्तिगत गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा के अध्यापक के व्यक्तिगत गुण निम्नलिखित हैं

1. व्यक्तित्व (Personality):
अच्छा व्यक्तित्व शारीरिक शिक्षा के अध्यापक का सबसे बड़ा गुण है, क्योंकि व्यक्तित्व बहुत सारे गुणों का समूह है। एक अच्छे व्यक्तित्व वाले अध्यापक में अच्छे गुण; जैसे कि सहनशीलता, पक्का इरादा, अच्छा चरित्र, सच्चाई, समझदारी, ईमानदारी, मेल-मिलाप की भावना, निष्पक्षता, धैर्य, विश्वास आदि होने चाहिएँ।

2. चरित्र (Character):
शारीरिक शिक्षा का अध्यापक एक अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति होना चाहिए, क्योंकि उसका सीधा संबंध विद्यार्थियों से होता है। यदि उसके अपने चरित्र में कमियाँ हैं तो वह कभी भी विद्यार्थियों के चरित्र को ऊँचा नहीं उठा पाएगा।

3. नेतृत्व के गुण (Qualities of Leadership):
शारीरिक शिक्षा के अध्यापक में एक अच्छे नेता के गुण होने चाहिएँ क्योंकि उसने ही विद्यार्थियों से शारीरिक क्रियाएँ करवानी होती हैं और उनसे क्रियाएँ करवाने के लिए सहयोग लेना होता है। यह तभी संभव है जब शारीरिक शिक्षा का अध्यापक अच्छे नेतृत्व वाले गुण अपनाए।

4. दृढ़ इच्छा शक्ति (Strong Will Power):
शारीरिक शिक्षा का अध्यापक दृढ़ इच्छा शक्ति या पक्के इरादे वाला होना चाहिए। वह विद्यार्थियों में दृढ़ इच्छा शक्ति की भावना पैदा करके उन्हें मुश्किल-से-मुश्किल प्रतियोगिताओं में भी जीत प्राप्त करने के लिए प्रेरित करे।

5. अनुशासन (Discipline):
अनुशासन एक बहुत महत्त्वपूर्ण गुण है और इसकी जीवन के हर क्षेत्र में जरूरत है। शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य भी बच्चों में अनुशासन की भावना पैदा करना है। शारीरिक शिक्षा का अध्यापक बच्चों में निडरता, आत्मनिर्भरता, दुःख में धीरज रखना जैसे गुण पैदा करता है। इसलिए जरूरी है कि शारीरिक शिक्षा का अध्यापक खुद अनुशासन में रहकर बच्चों में अनुशासन की आदतों का विकास करे ताकि बच्चे एक अच्छे समाज की नींव रख सकें।

6. आत्म-विश्वास (Self-confidence):
किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्म-विश्वास का होना बहुत आवश्यक है। शारीरिक शिक्षा का अध्यापक बच्चों में आत्म-विश्वास की भावना पैदा करके उन्हें निडर, बलवान और हर दुःख में धीरज रखने वाले गुण पैदा कर सकता है।

7. सहयोग (Co-operation):
शारीरिक शिक्षा के अध्यापक का सबसे बड़ा गुण सहयोग की भावना है। शारीरिक शिक्षा के अध्यापक का संबंध केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं है बल्कि मुख्याध्यापक, बच्चों के माता-पिता और समाज से भी है।

8. सहनशीलता (Tolerance):
शारीरिक शिक्षा का अध्यापक बच्चों से अलग-अलग क्रियाएँ करवाता है। इन क्रियाओं में बच्चे बहुत सारी गलतियाँ करते हैं। उस वक्त शारीरिक शिक्षा के अध्यापक को सहनशील रहकर उनकी गलतियों पर गुस्सा न करते हुए गलतियाँ दूर करनी चाहिएँ। यह तभी हो सकता है अगर शारीरिक शिक्षा का अध्यापक सहनशीलता जैसे गुण का धनी हो।

9.त्याग की भावना (Spirit of Sacrifice):
शारीरिक शिक्षा के अध्यापक में त्याग की भावना का होना बहुत जरूरी है। त्याग की भावना से ही अध्यापक बच्चों को प्राथमिक प्रशिक्षण अच्छी तरह देकर उन्हें अच्छे खिलाड़ी बना सकता है। –

10. न्यायसंगत (Fairness):
शारीरिक शिक्षा का अध्यापक न्यायसंगत या न्यायप्रिय होना चाहिए, क्योंकि अध्यापक को न केवल शारीरिक क्रियाएँ ही करवानी होती हैं बल्कि अलग-अलग टीमों में खिलाड़ियों का चुनाव करने जैसे निर्णय भी लेने होते हैं। न्यायप्रिय और निष्पक्ष रहने वाला अध्यापक ही बच्चों से सम्मान प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 8.
शारीरिक शिक्षा के बारे में क्या-क्या गलत धारणाएँ या भ्रांतियाँ प्रचलित हैं? वर्णन करें।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह अभिन्न अंग है, जो खेलकूद तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से व्यक्ति में एक चुनी हुई दिशा में परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इससे केवल बुद्धि तथा शरीर का ही विकास नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र एवं आदतों के निर्माण में भी सहायक होती है। अत:शारीरिक शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के संपूर्ण (शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं संवेगात्मक आदि) व्यक्तित्व का विकास होता है।

शारीरिक शिक्षा के बारे में गलत धारणाएँ (Misconception about Physical Education):
शारीरिक शिक्षा के बारे में लोगों की अलग-अलग धारणाएँ हैं। कुछ लोग शारीरिक शिक्षा को क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स आदि समझ लेते हैं। इसके कारण इस विषय संबंधी गलत धारणाएँ प्रचलित हो जाती हैं। इस विषय संबंधी कुछ भ्रांतियाँ या गलत धारणाएँ निम्नलिखित हैं

(1) यह एक आम भ्रांति है कि शारीरिक प्रशिक्षण और शारीरिक शिक्षा एक ही वस्तु है। परंतु ये दोनों भिन्न शब्द हैं। प्रशिक्षण वह कार्यक्रम है जो सेना में सैनिकों को शक्ति या शौर्य प्रदर्शन हेतु दिया जाता है। दूसरी ओर शारीरिक शिक्षा का अर्थ है-अभिव्यक्ति, आत्म-अनुशासन, कल्पनाशील विचार, आयोजन में भाग लेना आदि।

(2) लोगों की यह आम धारणा है कि शारीरिक शिक्षा के द्वारा शरीर को ही स्वस्थ बनाया जा सकता है। शारीरिक शिक्षा का संबंध केवल शारीरिक स्फूर्ति को बनाए रखने वाली शारीरिक क्रियाओं अथवा व्यायाम से ही है। अत: कोई भी इस प्रकार की क्रिया जिसका उद्देश्य व्यायाम करने से या शरीर को स्फूर्ति प्रदान करना हो, शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत मानी जाती है। परन्तु
यह धारणा गलत है।

(3) कुछ लोग मानते हैं कि शारीरिक शिक्षा द्वारा वे अपने बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल नहीं कर सकते। उनका मानना है कि यह समय एवं पैसे की बर्बादी है जो कि ग़लत धारणा है। वास्तव में शारीरिक शिक्षा से बच्चों को आगे बढ़ने की शक्ति एवं प्रेरणा मिलती है। यह उनका पूर्ण रूप से शारीरिक विकास करने में सहायक होती है जिसके कारण वे सभी कार्य अधिक कुशलता एवं क्षमता से करने में समर्थ होते हैं।

(4) कुछ लोग यह सोचते हैं कि शारीरिक शिक्षा व्यक्ति या खिलाड़ी के लिए कोई कैरियर या व्यवसाय नहीं है। परन्तु यह गलत है, क्योंकि वर्तमान में विभिन्न सरकारी विभागों में खिलाड़ियों के लिए नौकरियों में आरक्षण दिया जा रहा है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में खिलाड़ियों के चयन की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

(5) कुछ लोगों की धारणा है कि शारीरिक शिक्षा केवल खेल है। खेल के लिए किसी प्रकार के निर्देश की आवश्यकता नहीं होती और न ही निरीक्षण आवश्यक होता है परन्तु यह एक नकारात्मक अवधारणा है।

(6) कुछ लोग शारीरिक शिक्षा को पी०टी० कहते हैं। वास्तव में पी०टी० अंग्रेजी में फिजिकल ट्रेनिंग शब्दों के प्रथम दो अक्षर – हैं। ये शब्द सेना में प्रयोग किए जाते हैं जो प्रात:काल सैनिकों को स्वस्थ रखने के लिए कराए जाते हैं। शारीरिक शिक्षा को पूर्ण से पी०टी० कहना गलत है।

(7) कुछ लोग शारीरिक शिक्षा को सामूहिक ड्रिल कहते हैं परन्तु सामूहिक ड्रिल और शारीरिक शिक्षा में बहुत अंतर है। शारीरिक शिक्षा से सर्वांगीण विकास होता है और सामूहिक ड्रिल से केवल शारीरिक विकास होता है। शारीरिक शिक्षा में स्वतंत्रता व विविधता रहने से वातावरण आनंददायी बनता है और सामूहिक ड्रिल में पुनरावृत्ति अधिक होने से थकान और उदासीन वृत्ति आ जाती है।

(8) कुछ लोग जिम्नास्टिक को शारीरिक शिक्षा कहते हैं। जिम्नास्टिक के द्वारा तो केवल शरीर को अधिक लचीला बनाया जाता है। परन्तु शारीरिक शिक्षा संपूर्ण विकास का पहलू है।

(9) कुछ लोगों की धारणा है कि शारीरिक शिक्षा संबंधी गतिविधियों से विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता फैलती है परन्तु यह गलत धारणा है। एक खिलाड़ी खेल गतिविधियों से अनेक आवश्यक नियमों की जानकारी प्राप्त करता है। एक अच्छा खिलाड़ी सदा अनुशासित ढंग से व्यवहार करता है और खेलों के नियमों के अनुसार खेलता है। वह न केवल खेल के मैदान में नियमों का अनुसरण करता है बल्कि अपने वास्तविक जीवन में भी नियमों का अनुसरण करता है।

(10) कुछ लोग यह सोचते हैं कि शारीरिक शिक्षा का अर्थ केवल खेलों में भाग लेना है। परन्तु वास्तव में शारीरिक गतिविधियों में भाग लेकर व्यक्ति या खिलाड़ी शारीरिक रूप से मजबूत एवं सुडौल बनता है और इन गतिविधियों का उसके स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

(11) कुछ लोगों की धारणा है कि वीडियो गेम शारीरिक शिक्षा की गतिविधि है जिससे शारीरिक विकास होता है परन्तु यह गलत धारणा है। वीडियो गेम से मनोरंजन तो हो सकता है परन्तु शारीरिक विकास नहीं।

(12) कुछ लोगों की धारणा है कि शारीरिक शिक्षा की गतिविधियों में भाग केवल सक्षम व धनी व्यक्ति/खिलाड़ी ही लेते हैं, परन्तु यह गलत धारणा है। खेल गतिविधियों में कोई भी भाग ले सकता है। इनमें अमीरी-गरीबी आदि प्रवृत्तियों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। सभी अपना, अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन समान रूप से करते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न [Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा की परम्परागत अवधारणा को आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा की अवधारणा व्यक्तियों के लिए कोई नई नहीं है। वास्तव में इसकी जड़ें बहुत प्राचीन हैं। प्राचीन समय में विचारों के आदान-प्रदान का सर्वव्यापी माध्यम शारीरिक गतिविधियों एवं शारीरिक अंगों का हाव-भाव था। प्राचीन समय में दौड़ने, कूदने, छलांग लगाने, युद्ध करने तथा शिकार करने आदि को ही शारीरिक शिक्षा का अभिन्न अंग माना जाता है। उस समय मानव इन सभी क्रियाओं का प्रयोग अपनी रक्षा करने और आजीविका कमाने के लिए करता है। पुरातन समय में कुशल, योद्धा एवं योग्य नागरिक बनाने के लिए जो शारीरिक क्रियाएँ करवाई जाती थीं, वे शारीरिक प्रशिक्षण कहलाती थीं। इन गतिविधियों या क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य शारीरिक विकास था अर्थात् व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत एवं शक्तिशाली बनाना था।

प्रश्न 2.
शारीरिक शिक्षा की आधुनिक अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा की आधुनिक अवधारणा के अंतर्गत शारीरिक शिक्षा न केवल शारीरिक विकास करती है बल्कि यह मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक विकास भी करती है अर्थात् इसका उद्देश्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। इस अवधारणा के अनुसार शारीरिक शिक्षा का मुख्य लक्ष्य शिक्षा है न कि स्वास्थ्य, शारीरिक क्रियाएँ या प्रशिक्षण। शिक्षाशास्त्रियों के अनुसार यह शिक्षा का ही एक महत्त्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग है क्योंकि शारीरिक क्रियाओं व खेलों द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जाता है। चार्ल्स ए० बूचर के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा समस्त शिक्षा प्रणाली का ही एक आधारभूत अंग है।”

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 3.
शारीरिक शिक्षा समाजीकरण की प्रक्रिया को किस प्रकार से प्रभावित करती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा समाजीकरण का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। व्यक्ति किसी भी खेल में खेल के नियमों का पालन करते हुए तथा अपनी टीम के हित को सामने रखते हुए भाग लेता है। वह अपनी टीम को पूरा सहयोग देता है। वह हार-जीत को समान समझता है। उसमें अनेक सामाजिक गुण; जैसे सहनशीलता, धैर्यता, अनुशासन, सहयोग आदि विकसित होते हैं। इतना ही नहीं, प्रत्येक पीढ़ी कुछ-न-कुछ खास परंपराएँ व नियम भावी पीढ़ी के लिए छोड़ जाती है जिससे विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा के माध्यम से परिचित करवाया जाता है। इस प्रकार शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के समाजीकरण में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रश्न 4.
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एक शिक्षक क्या भूमिका निभा सकता है?
उत्तर:
वर्तमान में स्कूल ही एकमात्र ऐसी प्राथमिक संस्था है, जहाँ शारीरिक शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यार्थी स्कूलों में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान शिक्षकों से सीखते हैं। मुख्याध्यापक व शिक्षक-वर्ग विद्यार्थियों के लिए शारीरिक शिक्षा का कार्यक्रम बनाकर उन्हें शिक्षा देते हैं जिनसे विद्यार्थी यह जान पाते हैं कि किन तरीकों और साधनों से वे अपने शारीरिक संस्थानों व स्वास्थ्य को सुचारु व अच्छा बनाए रख सकते हैं। शिक्षकों द्वारा ही उनमें अपने शरीर व स्वास्थ्य के प्रति एक स्वस्थ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जा सकता है और उनको अच्छे स्वास्थ्य हेतु प्रेरित किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(1) शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक तौर पर स्वस्थ बनाना अर्थात् संपूर्ण शारीरिक विकास करना है ताकि वह – अपने जीवन को सफल बना सके।

(2) शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी बहुत आवश्यक होता है। अतः शारीरिक शिक्षा मानसिक विकास में भी सहायक होती है। बुद्धि के बल पर हम बड़ी-से-बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं।

(3) सामाजिक, नैतिक, चारित्रिक एवं गत्यात्मक विकास भी शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य हैं। इन उद्देश्यों की पूर्ति होने पर हम अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और समाज व देश के अच्छे नागरिक बनकर देश की उन्नति में भागीदार बन सकते हैं।

प्रश्न 6.
“आधुनिक शिक्षा को पूरा करने के लिए शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता है।”इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्राचीनकाल में विद्या का प्रसार बहुत कम था। उस समय पिता ही पुत्र को पढ़ा देता था या शिक्षा आचार्य दे दिया करते थे। परंतु वर्तमान युग में प्रत्येक व्यक्ति के पढ़े-लिखे होने की आवश्यकता है। बच्चा विभिन्न क्रियाओं में भाग लेकर अपना शारीरिक विकास करता है। इसलिए बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। शारीरिक शिक्षा केवल शारीरिक निर्माण तक ही सीमित नहीं है, वास्तव में यह बच्चे का मानसिक, भावनात्मक, नैतिक और सामाजिक पक्ष का भी विकास करती है। आधुनिक शिक्षा को पूरा करने के लिए शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

प्रश्न 7.
“शारीरिक शिक्षा बढ़ रहे स्कूली दायित्व को पूरा करती है।” इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तर:
प्राचीनकाल में शिक्षा का प्रसार बहुत कम था। बच्चा प्राथमिक शिक्षा अपने माता-पिता और भाई-बहनों से प्राप्त करता था। स्कूलों तथा कॉलेजों का प्रचलन बिल्कुल नहीं था। परंतु आधुनिक युग में शिक्षा का क्षेत्र बहुत बढ़ गया है। जगह-जगह पर स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। आज के युग में बच्चे को छोटी आयु में ही स्कूल भेज दिया जाता है। घर में बच्चा अनुसरण करके अथवा गलतियाँ करके बहुत कुछ सीख जाता है। अभिभावक व स्कूल के अध्यापक उसकी गलतियों में सुधार करते हैं । बच्चा सहयोग और सहायता करना सीख जाता है। पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा का मिश्रण सीखने की क्रिया को ओर आसान और रुचिपूर्ण बनाता है। परिणामस्वरूप शारीरिक शिक्षा बढ़ रहे स्कूली दायित्व को पूरा करती है।

प्रश्न 8.
शारीरिक शिक्षा, स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में कैसे सहायता करती है?
उत्तर:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे समाज के साथ रहना पड़ता है। यदि व्यक्ति को सफल जीवन व्यतीत करना है तो उसे स्वयं को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखना होगा। इस कार्य में शारीरिक शिक्षा उसको महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करती है। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करती है और उन्हें विकसित करने में सहायक होती है। शारीरिक शिक्षा कई ऐसे अवसर प्रदान करती है जिससे व्यक्ति में अनेक सामाजिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। इसके माध्यम से वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहता है, एक-दूसरे को सहायता करता है, दूसरों की भावनाओं की कदर करता है और मनोविकारों व बुरी आदतों से दूर रहता है। इस प्रकार शारीरिक शिक्षा, स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में सहायता करती है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 9.
शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभदायक है?
उत्तर:
अच्छा स्वास्थ्य अच्छी जलवायु की उपज नहीं, बल्कि यह अच्छी खुराक, व्यक्तिगत स्वच्छता, उचित आराम, अनावश्यक ज़्यादा कसरत करना, परन्तु आवश्यक खुराक न खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जो व्यक्ति खेलों में भाग लेते हैं, उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है। खेलों में भाग लेने से शरीर की सारी शारीरिक प्रणालियाँ सही ढंग से काम करने लग जाती हैं। ये प्रणालियाँ शरीर में हुई थोड़ी-सी कमी या बढ़ोतरी को भी सहन कर लेती हैं। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति खेलों में अवश्य भाग ले।

प्रश्न 10.
शारीरिक शिक्षा राष्ट्रीय एकता में कैसे सहायक होती है?।
असमानता, प्रांतवाद और भाषावाद जैसे अवगुणों को दूर करती हैं। इसमें खिलाड़ियों को ऐसे अनेक अवसर मिलते हैं, जब उनमें सहनशीलता, सामाजिकता, बड़ों का सत्कार, देश-भक्ति और राष्ट्रीय आचरण जैसे गुण विकसित होते हैं। ये गुण उनमें राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं और उनके व्यक्तित्व को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः खेलकूद में भाग लेने से मातृत्व या राष्ट्रीयता की भावना विकसित होती है।

प्रश्न 11.
शारीरिक शिक्षा घरेलू तथा पारिवारिक जीवन में क्या योगदान देती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा घरेलू तथा पारिवारिक जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को न केवल अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने की कुशलता प्रदान करती है, बल्कि यह उसे अपने परिवार एवं समाज के स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी सहायता करती है। किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य जितना अच्छा होगा, उसका पारिवारिक जीवन भी उतना ही अच्छा होगा। शारीरिक शिक्षा अनेक सामाजिक व नैतिक गुणों जैसे सहनशीलता, धैर्यता, अनुशासन, सहयोग, बंधुत्व, आत्मविश्वास, अच्छा आचरण आदि को विकसित करने में सहायक होती है। शारीरिक शिक्षा अवसाद, चिन्ता, दबाव व तनाव को कम करती है। यह अनेक रोगों से बचाने में सहायक होती है, क्योंकि इसकी गतिविधियों द्वारा रोग निवारक क्षमता बढ़ती है। ये सभी विशेषताएँ घरेलू तथा पारिवारिक जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं।

प्रश्न 12.
खाली समय का सदुपयोग किस प्रकार किया जा सकता है? संक्षेप में लिखें। अथवा “शारीरिक शिक्षा खाली समय का सदुपयोग करना सिखाती है।” समझाइए।
उत्तर:
किसी ने ठीक ही कहा है कि “खाली दिमाग शैतान का घर होता है।” (An idle brain is a devil’s workshop.) यह आमतौर पर देखा जाता है कि खाली या बेकार व्यक्ति को हमेशा शरारतें ही सूझती हैं। कभी-कभी तो वह इस प्रकार के अनैतिक कार्य करने लग जाता है, जिनको सामाजिक दृष्टि से उचित नहीं समझा जा सकता। खाली या बेकार समय का सदुपयोग न करके उसका दिमाग बुराइयों में फंस जाता है। शारीरिक शिक्षा में अनेक शारीरिक क्रियाएँ शामिल होती हैं। इन क्रियाओं में भाग लेकर हम अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं। अतः शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को खाली समय का सदुपयोग करना सिखाती है।

खाली समय का प्रयोग यदि खेल के मैदान में खेलें खेलकर किया जाए तो व्यक्ति के हाथ से कुछ नहीं जाता, बल्कि वह कुछ प्राप्त ही करता है। खेल का मैदान जहाँ खाली समय का सदुपयोग करने का उत्तम साधन है, वहीं व्यक्ति की अच्छी सेहत बनाए रखने का भी उत्तम साधन है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति को एक अच्छे नागरिक के गुण भी सिखा देता है। इसलिए हम दावे के साथ कह सकते हैं कि खाली समय का सदुपयोग करने के लिए खेल का मैदान ही योग्य साधन है।

प्रश्न 13.
शारीरिक शिक्षा के मुख्य क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा का क्षेत्र बहुत विशाल है। इसके मुख्य क्षेत्रों का वर्णन निम्नलिखित है
1. शोधक क्रियाएँ-इन क्रियाओं द्वारा विद्यार्थियों के शारीरिक अंगों की कमजोरियों में सुधार किया जा सकता है। प्रायः ये कमज़ोरियाँ माँसपेशियों के अवगुणों के कारण होती हैं।

2. खेल-कूद क्रियाएँ-इन क्रियाओं में एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, हॉकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल, तैरना और किश्ती चलाना आदि शामिल हैं।

3. मौलिक क्रियाएँ-इस क्षेत्र में शरीर का संतुलन ठीक रखने के लिए चलना-फिरना, भागना, चढ़ना और उतरना इत्यादि क्रियाएँ शामिल हैं।

4. लयबद्ध क्रियाएँ-नाचना और गाना मनुष्य का स्वभाव है। इस स्वभाव से मनुष्य अपनी खुशी और पीड़ा को प्रकट करता है। शारीरिक शिक्षा में लोक-नाच और ताल-भरी क्रियाओं का विशेष स्थान है। टिपरी, डम्बल, लोक-नाच, लेजियम, उछलना और जिम्नास्टिक्स जैसी क्रियाएँ शामिल हैं।

5. यौगिक क्रियाएँ-यौगिक क्रियाएँ केवल खेलों और बीमारी के उपचार के लिए ही लाभदायक नहीं हैं, बल्कि इन क्रियाओं द्वारा शरीर और आत्मा का निर्माण भी किया जा सकता है।

6. मनोरंजन-शारीरिक शिक्षा में मनोरंजन का विशेष स्थान है। विकसित देशों में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक को मनोरंजन की शिक्षा अवश्य दी जाती है। इसमें नाच, नाटक, पहाड़ों की सैर, कैंप लगाने, लंबी सैर, मछली पकड़ना, बागवानी और कुदरत के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। इन क्रियाओं से व्यक्ति का विकास आसानी से हो सकता है।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न [Very Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह अभिन्न अंग है, जो खेलकूद तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से, व्यक्तियों में एक चुनी हुई दिशा में, परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इससे केवल बुद्धि तथा शरीर का ही विकास नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र एवं आदतों के निर्माण में भी सहायक होती है।शारीरिक शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के संपूर्ण (शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक) व्यक्तित्व का विकास होता है।

प्रश्न 2.
शारीरिक शिक्षा को परिभाषित कीजिए। अथवा . शारीरिक शिक्षा की कोई दो परिभाषाएँ लिखें।
उत्तर:
1. ए०आर० वेमैन के मतानुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह भाग है जिसका संबंध शारीरिक गतिविधियों द्वारा व्यक्ति के संपूर्ण विकास एवं प्रशिक्षण से है।”
2. आर० कैसिडी के अनुसार, “शारीरिक क्रियाओं पर केंद्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं, वे ही शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं।”

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 3.
प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री जे०एफ०विलियम्स के अनुसार शारीरिक शिक्षा क्या है?
उत्तर:
जे० एफ० विलियम्स के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य एक प्रकार का कुशल नेतृत्व तथा पर्याप्त समय प्रदान करना है, जिससे व्यक्तियों या संगठनों को इसमें भाग लेने के लिए पूरे-पूरे अवसर मिल सकें, जो शारीरिक रूप से आनंददायक, मानसिक दृष्टि से चुस्त तथा सामाजिक रूप से निपुण हों।”

प्रश्न 4.
शारीरिक शिक्षा का प्रमुख लक्ष्य क्या है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा का प्रमुख लक्ष्य विद्यार्थी को इस प्रकार तैयार करना है कि वह एक सफल एवं स्वस्थ नागरिक बनकर अपने परिवार, समाज व राष्ट्र की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता या योग्यता उत्पन्न कर सके और समाज का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनकर सफलता से जीवनयापन करते हुए जीवन का पूरा आनंद उठा सके। .

प्रश्न 5.
सैन्ट्रल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के अनुसार शारीरिक शिक्षा का क्या लक्ष्य है?
उत्तर:
सैन्ट्रल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा को प्रत्येक बच्चे को शारीरिक, मानसिक एवं भावात्मक रूप से स्वस्थ बनाना चाहिए और उसमें ऐसे व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का विकास करना चाहिए ताकि वह प्रसन्नता एवं खुशी से रह सके और एक अच्छा नागरिक बन सके।”

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय योजना के अनुसार शारीरिक शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा वह शिक्षा है जो बच्चों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व तथा उसकी शारीरिक प्रक्रियाओं द्वारा उसके शरीर, मन और आत्मा के पूर्ण-रूपेण विकास हेतु दी जाती है। अतः शारीरिक शिक्षा केवल शरीर की शिक्षा ही नहीं अपितु संपूर्ण शरीर का ज्ञान है।

प्रश्न 7.
हमें बेकार या खाली समय का सदुपयोग कैसे करना चाहिए?
उत्तर:
हमें बेकार या खाली समय का सदुपयोग खेलें खेलकर करना चाहिए। खेलें खेलने से जहाँ बेकार समय का सदुपयोग हो जाता है, वहीं खेलों द्वारा शारीरिक रूप से अभ्यस्त होकर शरीर में सुंदरता, शक्ति और चुस्ती-स्फूर्ति आ जाती है। शरीर की कार्यकुशलता बढ़ जाती है और शरीर नीरोग रहता है।

प्रश्न 8.
बेकार व्यक्ति का मन शैतान का घर क्यों कहलाता है?
उत्तर:
बेकार व्यक्ति आमतौर पर बुरे व्यक्तियों की संगत में बैठते हैं, जिसके फलस्वरूप वे कई प्रकार की समाज विरोधी बुराइयों में फंस जाते हैं। बेकार व्यक्ति को शरारतें ही दिखाई देती हैं । चोरी, हेरा-फेरी और नशे की आदत बेकार व्यक्तियों में अधिकतर पाई जाती है। बेकार व्यक्ति लोगों का विश्वास गंवा बैठता है। इसलिए बेकार व्यक्ति का मन शैतान का घर कहलाता है।

प्रश्न 9.
शारीरिक शिक्षा के कोई दो सिद्धांत बताएँ।
उत्तर:
(1) शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा का एक अभिन्न अंग है जो व्यक्ति के संपूर्ण विकास में सहायक होता है।
(2) शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रमों को शामिल किया जाता है जिनमें भाग लेकर छात्र या व्यक्ति अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने लगे। इससे अच्छे संवेगों का विकास होता है और बुरे संवेगों का निकास होता है।

प्रश्न 10.
मानसिक विकास में शारीरिक शिक्षा या क्रियाओं का क्या योगदान है?
उत्तर:
एक कथन के अनुसार, “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग का वास होता है।” भाव यह है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का विकास भी होना चाहिए। शारीरिक और मानसिक दोनों के मिलाप से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है। जब कोई व्यक्ति शारीरिक क्रियाओं में भाग लेता है तो उसके शारीरिक विकास के साथ-साथ उसका मानसिक विकास भी होता है। शारीरिक क्रियाओं से व्यक्ति की कल्पना-शक्ति, तर्क-शक्ति एवं स्मरण-शक्ति बढ़ती है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 11.
शारीरिक शिक्षा का ज्ञान व्यक्ति को अच्छा कार्यक्रम बनाने में कैसे सहायता करता है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को शरीर से संबंधित विभिन्न गतिविधियों और उसे करने की सही तकनीकों की जानकारी प्रदान करती है। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को उसके विभिन्न पक्षों; जैसे शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक आदि का ज्ञान प्रदान करती है। इसलिए शारीरिक शिक्षा का ज्ञान व्यक्ति को अच्छा कार्यक्रम बनाने में सहायता करता है।

प्रश्न 12.
शारीरिक शिक्षा सांस्कृतिक विकास को कैसे बढ़ावा देती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा खेल व शारीरिक गतिविधियों की प्रक्रिया है। खेलों और शारीरिक क्रियाकलापों के दौरान विभिन्न संस्कृतियों के खिलाड़ी आपस में मिलते हैं और एक-दूसरे के बारे में जानते हैं। वे एक-दूसरे के रीति-रिवाजों, परंपराओं और जीवन-शैली से परिचित होते हैं, जिससे सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

प्रश्न 13.
शारीरिक शिक्षा नेतृत्व का विकास कैसे करती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व करने के अनेक अवसर होते हैं। जब किसी खिलाड़ी को शरीर गर्माने के लिए नियुक्त किया जाता है तो उस समय भी नेतृत्व की शिक्षा दी जाती है। कई बार प्रतियोगिताओं का आयोजन करना भी नेतृत्व के गुणों के विकास में सहायता करता है। उदाहरणतया, हॉकी की टीम के कैप्टन को निष्पक्षता और समझदारी से खेलना पड़ता है। …

प्रश्न 14.
शारीरिक शिक्षा अनुशासन की भावना कैसे विकसित करती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा हमें अनुशासन की अमूल्य भावना सिखाती है। हमें अनुशासन में रहते हुए और खेल के नियमों का पालन करते हुए खेलना पड़ता है। इस प्रकार खेल अनुशासन की भावना में वृद्धि करते हैं। खेल में अयोग्य करार दिए जाने के डर से खिलाड़ी अनुशासन भंग नहीं करते। वे अनुशासन में रहकर ही खेलते हैं।

प्रश्न 15.
चार्ल्स बूचर के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य बताएँ।
उत्तर:
चार्ल्स बूचर ने अपनी पुस्तक ‘शारीरिक शिक्षा की बुनियाद’ में शारीरिक शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य बताए हैं
(1) शारीरिक विकास,
(2) गतिज विकास,
(3) मानसिक विकास,
(4) मानवीय संबंधों का विकास।

प्रश्न 16.
जे० बी० नैश के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य बताएँ।
उत्तर:
जे० बी० नैश के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(1) शारीरिक अंगों का विकास,
(2) नाड़ी-माँसपेशियों संबंधी विकास,
(3) अर्थ समझने की योग्यता का विकास,
(4) भावनात्मक विकास।

प्रश्न 17.
इरविन के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य बताएँ।
उत्तर:
इरविन के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
(1) शारीरिक विकास,
(2) भावनात्मक विकास,
(3) सामाजिक विकास,
(4) मानसिक विकास,
(5) मनोरंजक गतिविधियों में निपुणता या मनोरंजक विकास।

प्रश्न 18.
लास्की के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य बताएँ।
उत्तर:
लास्की के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(1) शारीरिक विकास,
(2) नाड़ी-माँसपेशियों के तालमेल में विकास,
(3) भावनात्मक विकास,
(4) सामाजिक विकास,
(5) बौद्धिक विकास। .

प्रश्न 19.
शारीरिक शिक्षा भावनात्मक संतुलन में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा अनेक प्रकार से भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है। बच्चे को बताया जाता है कि वह विजय प्राप्त करने के बाद आवश्यकता से अधिक प्रसन्न न हो और हार के गम को भी सहज भाव से ले। शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की अपने भावों को नियंत्रित करने में सहायता करती है।

प्रश्न 20.
खेलों या शारीरिक शिक्षा द्वारा व्यक्ति का सामाजिक व नैतिक विकास कैसे होता है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा भिन्न-भिन्न प्रकार के लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करती है। उनमें एकता व एकबद्धता लाती है। खेल में धर्म, जाति, श्रेणी, वर्ग या क्षेत्र आदि के आधार पर किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता। इस तरह से शारीरिक शिक्षा कई ऐसे अवसर प्रदान करती है जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है और सामाजिक व नैतिक विकास में वृद्धि होती है; जैसे एक-दूसरे से मिलकर रहना, एक-दूसरे का सम्मान करना, दूसरों की आज्ञा का पालन करना, बड़ों का सम्मान करना, नियमों का पालन करना आदि।

HBSE 9th Class Physical Education शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]

प्रश्न 1.
जे०बी० नैश के अनुसार शारीरिक शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जे० बी० नैश के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा के बड़े क्षेत्र का वह अंग है जो बड़ी माँसपेशियों से होने वाले कार्य तथा उनसे संबंधित प्रतिक्रियाओं से संबंध रखता है।”

प्रश्न 2.
आर० कैसिडी के अनुसार शारीरिक शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
आर० कैसिडी के अनुसार, “शारीरिक क्रियाओं पर केंद्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं, वे ही शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं।”

प्रश्न 3.
ए० आर० वेमैन के अनुसार शारीरिक शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ए० आर० वेमैन के मतानुसार, “शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह भाग है जिसका संबंध शारीरिक गतिविधियों द्वारा व्यक्ति के संपूर्ण विकास एवं प्रशिक्षण से है।”

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 4.
“शारीरिक शिक्षा शरीर का एक मजबूत ढाँचा है जो मस्तिष्क के कार्य को निश्चित एवं आसान करता है।” यह कथन किसका है?.
उत्तर:
यह कथन रूसो का है।

प्रश्न 5.
“शारीरिक क्रियाओं पर केंद्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं, वे ही शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं?” यह कथन किसने कहा? .. .
उत्तर:
यह कथन आर० कैसिडी ने कहा।

प्रश्न 6.
मध्यकाल में शारीरिक शिक्षा कहाँ दी जाती थी?
उत्तर:
मध्यकाल में शारीरिक शिक्षा गुरुकुल में दी जाती थी।

प्रश्न 7.
शारीरिक शिक्षा किन अनुभवों का अध्ययन है? उ
त्तर:
शारीरिक शिक्षा उन सभी शारीरिक अनुभवों का अध्ययन है, जो शारीरिक अभ्यास द्वारा प्रकट होते हैं।

प्रश्न 8.
सामाजिक रूप से शारीरिक क्रियाएँ मनुष्य को किस प्रकार का बनाती हैं?
उत्तर:
सामाजिक रूप से शारीरिक क्रियाएँ मनुष्य को सक्षम बनाती हैं।

प्रश्न 9.
शारीरिक शिक्षा को पहले कौन-कौन-से नामों से जाना जाता था?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा को शारीरिक सभ्यता, शारीरिक प्रशिक्षण, खेल और कोचिंग आदि नामों से जाना जाता था।

प्रश्न 10.
शारीरिक रूप से शारीरिक क्रियाएँ मनुष्य को किस प्रकार का बनाती हैं?
उत्तर:
शारीरिक रूप से शारीरिक क्रियाएँ मनुष्य को स्वस्थ एवं मजबूत बनाती हैं।

प्रश्न 11.
किस प्रकार की शिक्षा मानसिक विकास के लिए उचित वातावरण प्रदान करती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा मानसिक विकास के लिए उचित वातावरण प्रदान करती है।

प्रश्न 12.
शारीरिक शिक्षा व मनोरंजन के केन्द्रीय सलाहाकार बोर्ड की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा व मनोरंजन के केन्द्रीय सलाहाकार बोर्ड की स्थापना सन् 1950 में हुई।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 13.
“मजबूत शारीरिक नींव के बिना कोई राष्ट्र महान् नहीं बन सकता।” यह कथन किसका है?
उत्तर:
यह कथन डॉ० राधाकृष्णन का है।

प्रश्न 14.
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के शरीर को कैसा बनाती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के शरीर को मजबूत एवं तंदुरुस्त बनाती है।

प्रश्न 15.
सफल जीवन व्यतीत करने के लिए किसकी सबसे अधिक जरूरत है?
उत्तर:
सफल जीवन व्यतीत करने के लिए सुडौल, मजबूत व स्वस्थ शरीर की सबसे अधिक जरूरत है।

प्रश्न 16.
मनुष्य किस प्रकार का प्राणी है?
उत्तर:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।

प्रश्न 17.
शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के किन पक्षों का विकास करती है?
अथवा
शारीरिक शिक्षा किस क्षेत्र के विकास में मदद करती है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, व्यक्तिगत, बौद्धिक आदि पक्षों का विकास करती है।

प्रश्न 18.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शारीरिक शिक्षा का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा मित्रता, सद्भावना तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देती है।

प्रश्न 19.
शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है-शरीर की शिक्षा।

प्रश्न 20.
शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
शारीरिक वृद्धि एवं विकास करना।

बहुविकल्पीय प्रश्न [Multiple Choice Questions]

प्रश्न 1.
मनुष्य कैसा प्राणी है?
(A) अलौकिक
(B) सामाजिक
(C) प्राकृतिक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) सामाजिक

प्रश्न 2.
जे०बी० नैश के अनुसार शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(A) शारीरिक अंगों का विकास
(B) नाड़ी-माँसपेशीय संबंधी विकास
(C) भावनात्मक विकास
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 3.
“शारीरिक शिक्षा शरीर का मजबूत ढाँचा है जो मस्तिष्क के कार्य को निश्चित एवं आसान करता है।” यह कथन है
(A) रूसो का
(B) अरस्तू का
(C) प्लेटो का
(D) सुकरात का
उत्तर:
(A) रूसो का

प्रश्न 4.
लयात्मक क्रियाओं में शामिल हैं
(A) नाचना
(B) लो क-नृत्य
(C) लेजियम
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 5.
शारीरिक शिक्षा किस विकास में मदद करती है?
(A) मानसिक विकास में ।
(B) भावनात्मक विकास में ।
(C) सामाजिक विकास में
(D) सर्वांगीण विकास में
उत्तर:
(D) सर्वांगीण विकास में

प्रश्न 6.
हैगमैन और ब्राऊनवैल ने शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को कितने भागों में बाँटा है?
(A) तीन
(B) चार
(C) पाँच
(D) छह
उत्तर:
(B) चार

प्रश्न 7.
जे०बी० नैश ने शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को कितने भागों में बाँटा है?
(A) चार
(B) तीन
(C) पाँच
(D) छह
उत्तर:
(A) चार

प्रश्न 8.
बी० वाल्टर ने शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को कितने भागों में बाँटा है?
(A) चार
(B) दो
(C) पाँच
(D) तीन
उत्तर:
(D) तीन

प्रश्न 9.
लास्की ने शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों को कितने भागों में बाँटा है?
(A) तीन
(B) चार
(C) पाँच
(D) छह
उत्तर:
(C) पाँच

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 3 शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य

प्रश्न 10.
‘शारीरिक शिक्षा की बुनियाद’ (Foundation of Physical Education) नामक पुस्तक लिखी है
(A) चार्ल्स ए० बूचर ने
(B) लास्की ने
(C) जे०बी० नैश ने
(D) बी० वाल्टर ने
उत्तर:
(A) चार्ल्स ए० बूचर ने

प्रश्न 11.
शारीरिक शिक्षा का क्षेत्र है
(A) विकट
(B) सरल
(C) सीमित
(D) विशाल
उत्तर:
(D) विशाल

प्रश्न 12.
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में सम्मिलित गतिविधियाँ हैं
(A) एथलेटिक्स
(B) जिम्नास्टिक्स
(C) मनोरंजनात्मक गतिविधियाँ
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य Summary

शारीरिक शिक्षा का अर्थ, लक्ष्य एवं उद्देश्य परिचय

शारीरिक शिक्षा की अवधारणा बहुत प्राचीन है। प्राचीन समय में इसका प्रयोग अव्यवस्थित रूप से था जो आज पूर्णत: व्यवस्थित हो चुका है। इसलिए शिक्षाशास्त्रियों ने शारीरिक शिक्षा की अवधारणा को पुनः परिभाषित किया है। शारीरिक शिक्षा की आधुनिक अवधारणा के अंतर्गत शारीरिक शिक्षा न केवल शारीरिक विकास करती है, बल्कि यह मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक आदि विकास भी करती है अर्थात् इसका उद्देश्य व्यक्ति या छात्र का सर्वांगीण विकास करना है। शिक्षाशास्त्रियों के अनुसार शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का ही एक महत्त्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग है क्योंकि शारीरिक क्रियाओं व खेलों द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।

चार्ल्स ए० बूचर (Charles A. Bucher) के अनुसार, “शारीरिक शिक्षा समस्त शिक्षा प्रणाली का ही एक आधारभूत अंग है।” आज शारीरिक क्रियाएँ या गतिविधियाँ न केवल मनोरंजन या शक्ति प्रदर्शन के ही साधन मानी जाती हैं, बल्कि ये बालक के विकास के विभिन्न पक्षों को प्रभावित कर उनके विकास में सहायक होती हैं। आज यह माना जाने लगा है कि शारीरिक शिक्षा की आधुनिक अवधारणा से न केवल व्यक्ति की मूल भावनाओं या संवेगों को एक नई दिशा मिलती है, बल्कि उसमें अनेक नैतिक एवं मूल्यपरक गुणों का भी विकास होता है। इससे मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होती है। आज शारीरिक शिक्षा न केवल शारीरिक प्रशिक्षण, शारीरिक सुयोग्यता एवं सामूहिक ड्रिल की प्रक्रिया है, बल्कि यह बहु-आयामी एवं उपयोगी प्रक्रिया है जो जीवन एवं स्वास्थ्य के प्रत्येक पहलू के लिए अति आवश्यक है।

संक्षेप में, शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह अभिन्न अंग है, जो खेलकूद तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से व्यक्ति में एक चुनी हुई दिशा में परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इससे केवल बुद्धि तथा शरीर का ही विकास नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र एवं आदतों के निर्माण में भी सहायक होती है। अतः शारीरिक शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के संपूर्ण (शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं संवेगात्मक आदि) व्यक्तित्व का विकास होता है।

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HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व

Haryana State Board HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व

HBSE 9th Class Physical Education व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व Textbook Questions and Answers

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न [Long Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य से क्या अभिप्राय है? इसके आवश्यक नियमों का वर्णन कीजिए। अथवा व्यक्तिगत स्वास्थ्य क्या है? इसको सुधारने वाले तरीकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार करने वाले साधनों या ढंगों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ (Meaning of Personal Health):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य दो शब्दों से मिलकर बना है’व्यक्ति’ एवं स्वास्थ्य’। इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य की सफाई के सिद्धांत जो व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार में लाए जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति को स्वयं ही प्रयत्नशील होना पड़ता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधी आचरण; जैसे शरीर की स्वस्थता, दाँतों की सफाई,Meaning and Importance of Personal Health आँखों की सफाई, बालों की सफाई, हाथों की सफाई, भोजन या आहार, व्यायाम तथा मद्यपान संबंधी नियमों का पालन आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इनके प्रति लापरवाही हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। उदाहरण के लिए, दाँतों की सफाई न करने से दाँतों पर जमे रोगाणुओं से दाँतों में कृमि एवं अन्य विकार पैदा हो सकते हैं। इसलिए हमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य के आवश्यक नियम या तरीके (Important Rules or Methods of Personal Health)-व्यक्तिगत स्वास्थ्य को ठीक तथा स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने जीवन में स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करने की आदत डालनी चाहिए। ये नियम देखने में बड़े साधारण-से लगते हैं लेकिन इनका पालन करना हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य मानव जीवन की आधारशिला होती है। केवल, एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपने जीवन को सफलता के पथ पर अग्रसर कर सकता है। स्वस्थ व्यक्ति के लिए असंभव कार्य भी संभव हो जाता है, जबकि अस्वस्थ व्यक्ति के लिए ऐसा करना कठिन होता है। अतः व्यक्ति को हमेशा व्यक्तिगत रूप से स्वयं को स्वस्थ बनाने के लिए प्रयासशील रहना चाहिए। इसलिए हमें अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए निम्नलिखित तरीकों या नियमों को अपनाना चाहिए

1. शारीरिक स्वस्थता (Physical Fitness):
हमें अपने शरीर की सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। प्रतिदिन ताजे पानी से नहाना चाहिए। स्वास्थ्य हेतु शुद्ध जल, शुद्ध वायु एवं संतुलित आहार के साथ-साथ शारीरिक स्वस्थता पर नियमित रूप से ध्यान देना चाहिए।

2. दाँतों की सफाई (Cleanliness of Teeth):
सुबह स्नान करने से पहले तथा रात्रि को सोने से पहले अपने दाँतों को मंजन, दातुन या ब्रश से साफ करना चाहिए। .

3. नाखूनों की सफाई (Cleanliness of Nails):
हमें अपने नाखूनों को समय-समय पर काटते रहना चाहिए। यदि इनमें मैल होगी तो वह खाते समय भोजन के साथ हमारे शरीर के अंदर चली जाएगी और हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाएगी।

4. कपड़ों की सफाई (Cleanliness of Clothes):
हमें कपड़े साफ-सुथरे, मौसम के अनुसार तथा ढीले पहनने चाहिएँ। गंदे कपड़े साफ शरीर को भी गंदा कर देते हैं।

5. नाक द्वारा साँस लेना (Breathing by Nose):
साँस हमेशा नाक द्वारा ही लेनी चाहिए। नाक से साँस लेने से वायु एक तो साफ होकर अंदर जाती है और दूसरे फेफड़ों तक पहुँचते-पहुँचते थोड़ा गर्म भी हो जाती है।

6. भोजन का उचित समय (Proper Time of Diet/Food):
भोजन प्रतिदिन उचित समय पर ही करना चाहिए। भोजन अच्छी तरह चबाकर और धीरे-धीरे करना चाहिए। भोजन संतुलित एवं पौष्टिक होना चाहिए।

7. मादक वस्तुओं का सेवन निषेध (No use of Drugs or Intoxicants):
मादक वस्तुओं के प्रयोग से सदैव बचना चाहिए। इससे शरीर को नुकसान होता है। सिग्रेट, तम्बाकू, शराब आदि पीने की आदत कभी नहीं डालनी चाहिए।

8. खुले वातावरण में व्यायाम (Exercise in Open Environment):
अपनी अवस्था, काम और स्वास्थ्य के अनुसार प्रतिदिन खुले वातावरण में व्यायाम अवश्य करना चाहिए। इससे शरीर चुस्त एवं गठीला बनता है।

9. जल्दी सोना और जल्दी उठना (Early to bed and Early to rise):
हमें रात को जल्दी सोना तथा प्रातः जल्दी उठना चाहिए। इससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। बेंजामिन फ्रैंकलिन के अनुसार, “जल्दी सोना और जल्दी उठना, व्यक्ति को समृद्ध, स्वस्थ एवं बुद्धिमान बनाता है।”

10. शुद्ध एवं संतुलित भोजन (Pure and Balanced Diet):
हमारा भोजन शुद्ध एवं सादा होना चाहिए। हमें सदैव संतुलित भोजन करना चाहिए।

11. उचित मुद्रा (Correct Posture):
चलते-फिरते, काम करते समय, पढ़ते समय एवं सोते समय उचित मुद्रा (आसन) का ध्यान रखना चाहिए। ऊपर वर्णित नियमों का पालन करने से प्रत्येक व्यक्ति अपने-आपको स्वस्थ रख सकता है। अपने-आपको स्वस्थ रखना भी एक महान् देश सेवा है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्वव

प्रश्न 2.
आँखों की सफाई और संभाल या देखभाल हेतु हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
आँखें मनुष्य के शरीर का कोमल अंग हैं। सुंदर आँखें सुंदरता की निशानी हैं। इनकी सफाई और रक्षा ध्यान से करनी चाहिए। आँखों को कई प्रकार के रोग हो जाते हैं; जैसे आँखों का फ्लू, कुकरे, आँखों की सूजन और आँखों की खुजली आदि। आँखों की सफाई और संभाल निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है

(1) तेज प्रकाश और अंधेरे में आँखों से काम नहीं लेना चाहिए। नंगी आँख से सूर्यग्रहण नहीं देखना चाहिए।
(2) बहुत कम और बहुत तेज प्रकाश में तथा नीचे को झुककर कभी नहीं पढ़ना चाहिए। .
(3) पुस्तक को बहुत निकट रखकर नहीं पढ़ना चाहिए। पढ़ते समय पुस्तक आँखों से लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी पर होनी चाहिए।
(4) आँखों में पसीना नहीं पड़ने देना चाहिए। आँखों को हमेशा स्वच्छ व शुद्ध पानी से नियमित रूप से धोना चाहिए।
(5) बहुत देर तक एक स्थान पर नजर नहीं टिकानी चाहिए।
(6) आँखों की सफाई करने के लिए स्वयं का स्वच्छ रूमाल प्रयोग में लेना चाहिए।
(7) पढ़ते समय कुर्सी और मेज व्यक्ति के कद के अनुसार होना चाहिए।
(8) खसरा और छोटी माता जैसी बीमारियों के दौरान बच्चों की आँखों का ध्यान रखना चाहिए।
(9) खट्टी चीजें, तेल, लाल मिर्च, तम्बाकू, शराब और अफीम आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(10) सिनेमा और टेलीविजन अधिक निकट बैठकर नहीं देखना चाहिए।
(11) प्रतिदिन आँखों पर ठंडे पानी के छीटें मारने चाहिएँ।
(12) तेज धूप एवं धूल से बचने के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग अधिक लाभदायक है।
(13) आँखों की निकट एवं दूर की दृष्टि की जाँच नेत्र चिकित्सक से कराकर चिकित्सक की सलाह के अनुसार चश्मे आदि का प्रयोग करना चाहिए।
(14) आँखों के लिए विटामिन ‘ए’ युक्त खाद्य पदार्थों; जैसे गाजर, पपीता, पत्तेदार सब्जियाँ, दूध, मक्खन, घी, आम आदि का प्रयोग करना चाहिए।
(15) सुबह सूर्य निकलने के समय दो मिनट तक सूर्य की ओर अवश्य देखना चाहिए, परंतु तेज रोशनी में नहीं देखना चाहिए।
(16) आँखों को बिना गर्दन हिलाए चारों ओर घुमाना चाहिए।
(17) चलती बस या ट्रेन में कभी नहीं पढ़ना चाहिए। इससे आँखों पर अधिक दबाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का संक्षेप में वर्णन कीजिए
(क) व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान
(ख) त्वचा की सफाई
(ग) नाक की देखभाल।
उत्तर:
(क) व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान (Personal Health Science):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जो हमें तंदुरुस्ती और नीरोग रहने की शिक्षा देती है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान में अरोग्यता प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करने पर बल दिया गया है। जिंदगी केवल जीवित रहने के लिए नहीं, अपितु रोग-रहित रहने के लिए भी है। रोग-रहित रहना ही व्यक्तिगत अरोग्यता प्राप्त करना है। स्वास्थ्य विज्ञान में व्यक्तिगत अरोग्यता एक ऐसी धारा है, जिसके नियमों को अपनाकर मनुष्य अरोग्य रह सकता है। बचपन मनुष्य की संपूर्ण जिंदगी का आधार होता है। इस कारण निजी अरोग्यता नियमों का पालन मनुष्य को बचपन से ही करना चाहिए।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान के मौलिक नियम निम्नलिखित हैं
(1) अंगों और कपड़ों की सफाई
(2) अंगों और कपड़ों का सही प्रयोग
(3) अंगों की सुरक्षा
(4) संतुलित व पौष्टिक भोजन का प्रयोग
(5) शारीरिक बीमारियों से बचने के लिए उचित प्रबंध आदि।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान मनुष्य को रहन-सहन, खाने-पीने, शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम करने का ढंग बताता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान का उद्देश्य है कि मनुष्य को दवाइयों के प्रयोग के बिना स्वस्थ बनाना। इसलिए व्यक्ति को खाने-पीने की वस्तुओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का ज्ञान प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। पर्यावरण को साफ कैसे रखना है, कौन-सी वस्तु का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है आदि का ज्ञान व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान से मिलता है।

(ख) त्वचा की सफाई (Cleanliness of Skin):
त्वचा हमारे शरीर की चारदीवारी है। यह हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को ढकती है और उसकी रक्षा करती है। यह हमारे शरीर का तापमान ठीक रखती है। इसके द्वारा हमारे शरीर में से पसीना और अन्य बदबूदार पदार्थों का निकास होता है। इसको स्पर्श करने से ही किसी बाहरी वस्तु के गुण और लक्षणों का ज्ञान होता है। त्वचा शरीर को सुंदरता प्रदान करती है। इसलिए हमें अपनी त्वचा की नियमित सफाई करनी चाहिए और इसकी सफाई का सबसे उत्तम ढंग प्रतिदिन स्वच्छ पानी से स्नान करना या नहाना है। नहाने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक है

(1) नहाने से पहले पेट साफ और खाली होना चाहिए।
(2) खाने के तुरंत पश्चात् नहीं नहाना चाहिए।
(3) व्यायाम अथवा बहुत थकावट के एकदम पश्चात् नहीं नहाना चाहिए।
(4) सर्दियों में नहाने से पहले धूप में शरीर की मालिश करें। यह शरीर को विटामिन ‘डी’ देने के लिए उपयोगी होता है।
(5) ताजे और स्वच्छ पानी से नहाना लाभदायक होता है।
(6) नहाने के लिए साबुन का प्रयोग कम करना चाहिए। नहाने के लिए उपयुक्त साबुन, जिसमें क्षार की मात्रा कम हो, प्रयोग में लेना हितकर है।
(7) नहाने के पश्चात् शरीर को साफ तौलिए या साफ कपड़े से पौंछकर स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए।
(8) शरीर को पौंछने के लिए अपने स्वयं का ही तौलिया काम में लाना चाहिए।

(ग) नाक की देखभाल (Care of Nose):
नाक श्वास लेने और सूंघने की शक्ति रखती है। नाक की संभाल शरीर के बाकी अंगों की तरह करनी चाहिए। इसको बीमारी से बचाने के लिए साफ वायु में श्वास लेना चाहिए। जिस व्यक्ति को जुकाम लगा हो, उसके पास नहीं बैठना चाहिए। नाक में उँगली नहीं मारनी चाहिए और किसी का रूमाल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। नाक को जोर से साफ नहीं करना चाहिए। इसकी सफाई हेतु स्वच्छ रूमाल का प्रयोग करना चाहिए। हमें हमेशा नाक द्वारा श्वास लेना चाहिए। नाक में छोटे-छोटे बाल होते हैं। वायु के कीटाणु और मिट्टी इनमें रुक जाती हैं जिससे हमारे अंदर साफ वायु जाती है। नाक के बालों को कभी भी काटना और तोड़ना नहीं चाहिए। यदि हमारे नाक के अंदर ये बाल न हों तो हमारे शरीर के अंदर गंदी हवा प्रवेश कर जाएगी और हमारा शरीर रोग का शिकार हो जाएगा। इसलिए हमें नाक की देखभाल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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प्रश्न 4.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधित नियमों के बारे में लिखिए तथा बालों की सही प्रकार से सफाई करने की विधि बताइए।
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधित नियम (Rules related to Personal Health)-व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधित प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं
(1) शरीर के आंतरिक अंगों; जैसे दिल, फेफड़े, जिगर, आमाशय, तिल्ली, गुर्दे और बाहरी अंग; जैसे हाथ, आँख, कान, नाक, त्वचा, पैर और बाल आदि की नियमित सफाई व संभाल करनी चाहिए।
(2) समय-समय पर अपने शरीर का नियमित डॉक्टरी परीक्षण करवाना चाहिए।
(3) हमेशा खुश व प्रसन्न रहना चाहिए।
(4) हमेशा साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिएँ। पहनावा ऋतु और मौसम के अनुसार होना चाहिए।
(5) खुले एवं स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। घर हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए।
(6) हमेशा नाक द्वारा श्वास लेनी चाहिए।
(7) नियमित शारीरिक क्रियाएँ या व्यायाम करने चाहिएँ।
(8) हमें हमेशा संतुलित एवं पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
(9) हमें पर्याप्त विश्राम करना चाहिए और उचित समय तक सोना चाहिए।

बालों की सफाई करने की विधि (Method of Cleanliness of Hair):
पुराने समय में बालों के रख-रखाव व निखार के लिए महिलाएँ अनेक प्राकृतिक तरीके इस्तेमाल करती थीं, जिनसे उनके बाल वास्तव में ही काले, घने, मजबूत और चमकदार होते थे। आज के युग में कई तरह के साबुन और अन्य चीजों से बालों को धोने या साफ करने के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा है। इनसे बाल पोषक तत्त्व हासिल करने के स्थान पर समय से पूर्व टूट कर गिरने लगते हैं, साथ ही सफेद होने लगते हैं। हमें भूलकर भी बालों के साथ ज्यादा प्रयोग नहीं करने चाहिएँ। ऐसा करने से बाल कमजोर होकर असमय टूटने लगते हैं। इसलिए बालों की सही प्रकार से सफाई करनी चाहिए, ताकि ये मजबूत, काले व चमकदार बने रहें। बालों की सफाई हेतु निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए

(1) खट्टी दही में चुटकी भर फिटकरी मिला लें, साथ ही थोड़ी-सी हल्दी भी मिला लें। इस मिश्रण को सिर के बालों में लगाने से सिर की गंदगी तो दूर होती ही है, साथ ही बाल भी निखर जाते हैं।
(2) बालों को धोने के बाद गोलाकार कंघी से बालों में भली प्रकार से ब्रश करना चाहिए। इसके बाद सिर के बालों की जड़ों में उंगली घुमाते हुए अपना हाथ ऊपर से नीचे की ओर फिराएँ। ऐसा करने से बाल हमेशा मुलायम बने रहते हैं।
(3) धूल-मिट्टी के प्रभाव से सिर के बाल रूखे एवं बेजान से हो जाते हैं । इनसे छुटकारा पाने के लिए उत्तम किस्म के शैम्पू से बालों को धोना चाहिए।
(4) कुदरती साधनों के इस्तेमाल से बालों को सुंदर बनाया जा सकता है। बालों को अच्छी तरह धोने के बाद बालों में ताजी मेहंदी पीसकर लगानी चाहिए। कुछ समय बाद बालों को पानी से धो लेना चाहिए।
(5) बालों को पानी में भीगे आँवलों से धोना चाहिए। बालों को आँवले से धोने से बाल चमकदार व मुलायम बनते हैं।
(6) पसीना बालों की जड़ों में पहुंचने पर बालों को नुकसान होता है। इसलिए नियमित अंतराल पर उचित विधि द्वारा बालों को साफ करना चाहिए।
(7) बालों को गर्म पानी में धोने से ये कमजोर होते हैं। इसलिए बालों को हमेशा गुनगुने पानी से ही धोना चाहिए।
(8) कंघी हमेशा बालों को सुखाने के बाद ही करनी चाहिए। गीले बालों में कंघी करने से बाल कमजोर हो सकते हैं।

प्रश्न 5.
दाँतों की सफाई पर विस्तृत नोट लिखें। अथवा दाँतों की देखभाल हेतु हमें किन-किन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
दाँतों के न रहने से मुँह का स्वाद चला जाता है और चेहरे की खूबसूरती भी समाप्त हो जाती है। गंदे दाँतों से स्वयं को और दूसरों को बदबू भी आती है। यदि दूध के दाँतों का ध्यान अच्छी प्रकार न रखा जाए तो पक्के दाँत शुरू से कमजोर हो सकते हैं जोकि टूटने के उपरांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं। दाँत साफ न रहने के कारण इनके ऊपर जो इनैमल और इंटीन की तह होती है, वह दाँत गंदे रहने से नष्ट हो जाती है। फिर दाँतों के नीचे तक कीटाणु चले जाते हैं और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं। इसलिए हमें नियमित रूप से दाँतों की सफाई करनी चाहिए। दाँतों की संभाल और सफाई निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है

(1) हमें मिठाई, चीनी, टॉफियाँ आदि अधिक नहीं खानी चाहिएँ।
(2) दाँतों में कभी भी कोई तीखी चीज़ नहीं मारनी चाहिए।
(3) कठोरै बोतलों के ढक्कन अथवा कठोर खाने वाली चीजें दाँतों से न खोलें/तोड़ें।
(4) हमें बहुत अधिक गर्म और ठंडी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
(5) किसी दूसरे का ब्रश प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
(6) दाँतों को रेत, कोयले की राख आदि से साफ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे दाँतों की ऊपरी परत को हानि पहुँचती है।
(7) पान, गुटका, तम्बाकू आदि दाँतों एवं मसूड़ों के लिए घातक होते हैं। इसलिए इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
(8) यदि दाँत खराब हो जाएँ तो निकलवा लेने चाहिएँ ताकि छूत के कारण दूसरे दाँत भी खराब न हो जाएँ।।
(9) प्रतिदिन सुबह उठकर और रात को सोने से पहले ब्रश करना चाहिए और खाना खाने के पश्चात् कुल्ला करना चाहिए।
(10) दाँतों की मजबूती के लिए कैल्शियम एवं विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों; जैसे गाजर, मूली, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, … आँवला, नींबू, टमाटर, बन्दगोभी आदि का सेवन करना चाहिए।

प्रश्न 6.
कानों एवं नाखूनों की सफाई पर संक्षिप्त नोट लिखें। अथवा कानों तथा नाखूनों की सफाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
कानों की सफाई (Cleanliness of Ears):
कान सुनने की शक्ति रखते हैं। कान की बाहरी बनावट टेढ़ी और कठोर दिखाई देती है परंतु अंदर इसका पर्दा नाजुक होता है। यदि कान में कोई फोड़ा अथवा फुसी हो जाए तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कोई तेज दवाई डालने से कान के पर्दे को नुकसान पहुँच सकता है। कान में कभी भी कोई नुकीली चीज़ नहीं मारनी चाहिए। इससे कान में चोट लग सकती है। यदि कान में दर्द है तो समय पर इसका इलाज करवाना चाहिए, नहीं तो पीब (Pus) पड़ने का डर होता है और पर्दा भी गल सकता है। कान को साफ करने के लिए खुरदरे और मोटे तिनके पर अच्छी प्रकार से रूई लपेटकर हाइड्रोजन परऑक्साइड में भिगोकर साफ करें। यह सप्ताह में एक बार अवश्य करें। नहाने के पश्चात् कान के बाहरी भाग को जरूर साफ करना चाहिए। स्वयं को शोरगुल से दूर रखना चाहिए।

नाखूनों की सफाई (Cleanliness of Nails):
हाथों व पैरों की उँगलियों के आगे कठोर बढ़ा हुआ भाग नाखून होता है। इसकी सफाई मनुष्य के शरीर के बाकी अंगों की भाँति बहुत जरूरी है। नाखूनों को साफ न करने से कई हानियाँ हो सकती हैं। अतः नाखूनों की सफाई के लिए निम्नलिखित कार्य करने चाहिएँ
(1)नाखून बढ़ने नहीं देने चाहिएँ अर्थात् समय-समय पर बढ़े हुए नाखूनों को काटते रहना चाहिए, ताकि इनमें मैल आदि न जमा हो सके।
(2) खाना खाने से पहले और बाद में हाथ साबुन आदि से धोने चाहिएँ।
(3) नाखून दाँतों से नहीं तोड़ने चाहिए। इससे नाखूनों के बीच वाली मैल मुँह द्वारा हमारे शरीर के अंदर पहुँच जाती है और कई प्रकार की बीमारियाँ पैदा करती है।
(4) नाखून ब्लेड और कैंची से भी नहीं काटने चाहिएँ, बल्कि इनको नेलकटर से काटना चाहिए।
(5) नाखूनों को सोडियम कार्बोनेट के पानी से धोना चाहिए।
(6) कठोर, खुरदरे, पीले, काले अथवा सफेद धब्बों वाले नाखून डॉक्टर को जरूर दिखा लेने चाहिएँ।
(7) कई फैशन के तौर पर अपने नाखून बढ़ा लेते हैं परंतु ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
(8) पैरों के नाखून भी काटने आवश्यक हैं। इनको न काटने से उँगलियों में दर्द होना शुरू हो जाता है।

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प्रश्न 7.
व्यायाम क्या है? व्यायाम करने से हमें क्या-क्या लाभ होते हैं?
अथवा
व्यायाम हमारे लिए क्यों आवश्यक है? इसके क्या-क्या फायदे हैं?
उत्तर:
व्यायाम का अर्थ (Meaning of Exercise):
कुछ विशेष तथा तेज शारीरिक क्रियाएँ जो मनुष्य अपनी इच्छानुसार करता है, व्यायाम कहलाता है। जिस प्रकार भोजन, जल और वायु जीवन के लिए आवश्यक हैं उसी प्रकार व्यायाम भी शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। व्यायाम न करने से शरीर आलसी एवं रोगी हो जाता है, जबकि व्यायाम करने से शरीर चुस्त, फुर्तीला व सक्रिय बनता है। व्यायाम करने से शरीर नीरोग रहता है। बुद्धि व स्मरण शक्ति तेज होती है, जिससे मनुष्य दिन-प्रतिदिन उन्नति करता है। व्यायाम से अनेक प्रकार की दुर्बलताएँ दूर हो जाती हैं। इसलिए हमारे लिए व्यायाम बहुत आवश्यक है।
व्यायाम करने के लाभ या फायदे (Advantages of doing Exercise)-व्यायाम करने से होने वाले लाभ. निम्नलिखित हैं

(1) व्यायाम करने से शरीर की माँसपेशियाँ लचकदार तथा मजबूत बनती हैं। शरीर में कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
(2) व्यायाम करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट रहता है और बुढ़ापा देर से आता है।
(3) व्यायाम करने से भूख अधिक लगती है और पाचन क्रिया ठीक रहती है।
(4) व्यायाम करने से क्षयरोग, दमा और कब्ज आदि नहीं हो सकते। अत: व्यायाम करने से शरीर नीरोग रहता है।
(5) व्यायाम करने से रात को नींद अच्छी आती है।
(6) व्यायाम करने से रक्त का संचार तेज होता है। वृक्क (Kidneys) में रक्त के अधिक पहुँचने से उसके सारे विषैले पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
(7) व्यायाम करने से शरीर के सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं।
(8) व्यायाम करने से नाड़ी प्रणाली स्वस्थ रहती है। ज्ञानेंद्रियों की शक्ति बढ़ जाती है।
(9) व्यायाम करने से फेफड़ों में ऑक्सीजन अधिक पहुँचती है और कार्बन-डाइऑक्साइड भी बाहर निकलती है।
(10) व्यायाम शरीर की बहुत-सी कमियों तथा जोड़ों के रोगों को दूर करने में सहायक होता है।
(11) व्यायाम से हृदय बलशाली हो जाता है तथा धमनियाँ, शिराएँ और केशिकाएँ आदि मजबूत बनती हैं।
(12) व्यायाम करने से टूटी कोशिकाओं को ऑक्सीजन तथा ताजा रक्त मिलता है। इस प्रकार इनकी मुरम्मत हो जाती है।
(13) व्यायाम करने से शरीर में फूर्ति बढ़ती है और आलस्य दूर होता है।
(14) व्यायाम करने से स्मरण शक्ति, तर्क शक्ति एवं कल्पना शक्ति बढ़ती है।

प्रश्न 8.
सोते समय हमें क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिएँ?
उत्तर:
थकान को दूर करने के लिए तथा व्यय हुई शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए हमें आराम के साथ-साथ नींद की नितांत आवश्यकता होती है। इसलिए परमात्मा ने काम के लिए दिन और विश्राम के लिए रात को बनाया। जब हम प्रकृति के इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो अनेक प्रकार के कष्ट सहते हैं। पूरी नींद लेने से थकी माँसपेशियाँ और दिमाग भी ताजा हो जाता है। इसलिए गहरी नींद में सोना भोजन से भी अधिक आवश्यक है।

सोते समय हमें निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिएँ
(1) सोने का कमरा साफ-सुथरा तथा हवादार होना चाहिए।
(2) खिड़कियाँ व रोशनदान हवादार होने चाहिएँ।
(3) प्रतिदिन नियमित समय पर सोना चाहिए।
(4) सोने से दो घंटे पहले कुछ नहीं खाना चाहिए।
(5) मुँह ढककर कभी नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से कार्बन-डाइऑक्साइड फेफड़ों में चली जाती है और ऑक्सीजन नहीं मिलती।
(6) सोने के कमरे में कोयले की अंगीठी जलती हुई छोड़कर कभी नहीं सोना चाहिए।
(7) रात को जल्दी सोना चाहिए और प्रातः जल्दी उठना चाहिए।
(8) रात को सोने से पूर्व चाय या कॉफी के स्थान पर दूध पीना चाहिए।
(9) गर्मियों में सोने से पहले स्नान करना चाहिए। सर्दियों में गर्म पानी से मुँह-हाथ धो लेने चाहिएँ।
(10) सोने वाले स्थान के पास पशु नहीं बाँधने चाहिएँ।
(11) सोते समय शरीर पर हल्के कपड़े होने चाहिएँ।
(12) रात को वृक्षों के नीचे सोना हानिकारक है। इसका कारण यह है कि रात के समय वृक्ष कार्बन-डाइऑक्साइड गैस छोड़ते हैं और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। इसलिए ऐसे वातावरण में साँस लेना हानिकारक है।
(13) चिंता, क्रोध तथा दुःखों को भूलकर बिना किसी तनाव के सोना चाहिए।
(14) गर्मी के मौसम में यदि बाहर सोना हो तो मच्छरदानी का प्रयोग करें।
(15) पलंग या चारपाई कद के अनुसार होनी चाहिए। इस पर बिछा हुआ बिस्तर मौसम के अनुसार तथा साफ-सुथरा होना चाहिए।
(16) चारपाई खटमल रहित होनी चाहिए क्योंकि वे मनुष्य का रक्त चूसते हैं तथा गहरी नींद नहीं सोने देते।

प्रश्न 9.
अच्छी मुद्रा या आसन (Good Posture) के लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शरीर की किसी एक स्थिति को मुद्रा नहीं कहा जाता। हम अपने शरीर को कई अलग-अलग ढंगों से टिकाते हैं। शरीर को स्थिर रखने की स्थितियों को मुद्रा या आसन कहा जाता है। शरीर को बिना तकलीफ उठाना, बैठाना, घुमाना आदि मुद्रा में ही आते हैं । शरीर की प्रत्येक प्रकार की स्थिति ठीक हो अथवा गलत मुद्रा ही कहलाएगी। परंतु गलत और ठीक मुद्रा में बहुत
अंतर होता है। ठीक मुद्रा देखने में सुंदर व आकर्षक लगती है। इससे शरीर की माँसपेशियों पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। ठीक मुद्रा वाला व्यक्ति काम करने, चलने-फिरने में चुस्त और फुर्तीला लगता है। भद्दी मुद्रा व्यक्ति के शरीर के लिए अनावश्यक बोझ बन जाती है। इसलिए हमेशा शरीर की स्थिति प्रत्येक प्रकार का आसन (Posture) प्राप्त करते समय ठीक रखनी चाहिए। संक्षेप में, अच्छी मुद्रा के निम्नलिखित लाभ हैं
(1) शरीर को अच्छी स्थिति में रखने से हिलाना-डुलाना आसान हो जाता है और शरीर के दूसरे भागों पर भी भार नहीं पड़ता।
(2) अच्छी मुद्रा शरीर में आत्मविश्वास पैदा करती है।
(3) अच्छी मुद्रा मन को प्रसन्नता एवं खुशी प्रदान करती है।
(4) अच्छी मुद्रा वाले व्यक्ति की कार्य करने में शक्ति कम लगती है।
(5) अच्छी मुद्रा हड्डियों और माँसपेशियों को संतुलित रखती है।
(6) अच्छी मुद्रा वाले व्यक्ति को बीमारियाँ कम लगती हैं।

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प्रश्न 10.
भद्दी मुद्रा के कारणों का उल्लेख करते हुए मुद्रा ठीक करने के ढंगों का वर्णन कीजिए। अथवा मुद्रा संबंधी विकार बताइए। मुद्रा संबंधी विकार ठीक करने के तरीकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मुद्रा संबंधी विकार या विकृतियाँ (Postural Deformities): मुद्रा संबंधी विकार या विकृतियाँ निम्नलिखित हैं
(1) कूबड़पन,
(2) कमर का आगे निकलना,
(3) रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा होना,
(4) दबी हुई छाती होना,
(5) घुटनों अथवा टखनों का भिड़ना,
(6) गोल कंधे,
(7) टेढ़ी गर्दन,
(8) चपटे पैर आदि।

भद्दी मुद्रा के कारण (Cause of Incorrect Posture): भद्दी मुद्रा के निम्नलिखित कारण हैं
(1) भोजन की कमी के कारण शरीर कमजोर हो जाता है, इस कारण मुद्रा भी ठीक नहीं रहती।
(2) व्यायाम न करने से मुद्रा भद्दी हो जाती है।
(3) घर अथवा स्कूल में सही ढंग से बैठने का प्रबंध न होना।
(4) भारी बैग को ठीक ढंग से न पकड़ना।
(5) तंग कपड़े और तंग जूते पहनना भी मुद्रा के लिए हानिकारक हैं।
(6) पढ़ते समय बैठने के लिए सही कुर्सी या मेज का न होना और कुर्सी पर ठीक से न बैठना।

मुद्रा ठीक रखने के ढंग या तरीके (Methods of Keep Right to Posture): मुद्रा ठीक करने के ढंग निम्नलिखित हैं
(1) बच्चों को ठीक मुद्रा के बारे में जानकारी देनी चाहिए। स्कूल में अध्यापकों और घर में माँ-बाप का कर्त्तव्य है कि बच्चों
की खराब मुद्रा को ठीक करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
(2) भोजन की कमी के कारण आई कमजोरी को ठीक करना चाहिए।
(3) बच्चों को न तो तंग कपड़े डालने चाहिएँ और न ही तंग जूते।
(4) हमें गलत ढंग से न तो चलना चाहिए और न ही पढ़ना और बैठना चाहिए।
(5) हमें उचित और पूरी नींद लेनी चाहिए।
(6) बच्चों के स्कूल बैग का भार हल्का होना चाहिए।
(7) आवश्यकतानुसार डॉक्टरी परीक्षण करवाते रहना चाहिए ताकि मुद्रा-त्रुटि को समय पर ठीक किया जा सके।
(8) हमारे घरों, स्कूलों और कॉलेजों में ठीक मुद्रा की जानकारी देने वाले चित्र लगे होने चाहिएँ।
(9) घरों और स्कूलों में पूरे कद वाला शीशा लगा होना चाहिए जिसके आगे खड़े होकर बच्चा अपनी मुद्रा देख सके।
(10) सोते समय शरीर को अधिक मोड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित आसनों या मुद्राओं (Postures) पर संक्षिप्त नोट लिखें
(क) बैठने की मुद्रा
(ख) खड़े होने की मुद्रा
(ग) चलने की मुद्रा
(घ) लेटने की मुद्रा।
उत्तर:
(क) बैठने की मुद्रा (Posture of Sitting):
कई कामों में हमें अधिक देर तक बैठना पड़ता है। अधिक देर बैठने से धड़ की माँसपेशियाँ थक जाती हैं और धड़ में कई दोष आ जाते हैं। बैठते समय रीढ़ की हड्डी सीधी, छाती आमतौर पर खुली, कंधे समतल, पेट स्वाभाविक तौर पर अंदर की ओर, सिर और धड़ सीधी स्थिति में होने चाहिए। बच्चे स्कूल में अधिक समय बैठते हैं परंतु घर में चलते-फिरते रहते हैं। बैठने वाला स्थान हमेशा खुला और समतल होना चाहिए। बैठने वाला स्थान साफ-सुथरा हो। देखा जाता है कि कई व्यक्ति सही ढंग से बैठकर नहीं पढ़ते। पढ़ते समय हमें ऐसी मुद्रा में बैठना चाहिए जिससे आँखों व शरीर पर कम-से-कम दबाव पड़े। लिखने के लिए मेज या डैस्क का झुकाव आगे की ओर होना चाहिए। हमें कभी भी सिर झुकाकर न तो पढ़ना चाहिए और न ही लिखना चाहिए। इससे हमारी रीढ़ की हड्डी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गलत ढंग से बैठने से शरीर में कई विकार पैदा हो सकते हैं।

(ख) खड़े होने की मुद्रा (Posture of Standing):
गलत ढंग से खड़े होने अथवा चलने से भी शरीर में थकावट आ जाती है। खड़े होने के दौरान शरीर का भार दोनों पैरों पर बराबर होना चाहिए। खड़े होने के दौरान पेट सीधा, छाती फैली हुई और धड़ सीधा होना चाहिए। ठीक ढंग से खड़े होने से हमारे शरीर में रक्त की गति ठीक रहती है। यदि आपको अधिक देर खड़े होना पड़े तो दोनों पैरों पर बदल-बदल कर खड़े होना चाहिए ताकि प्रत्येक टाँग पर शरीर का भार बारी-बारी पड़े।

(ग) चलने की मुद्रा (Posture of Walking):
हमारी चाल हमेशा सही होनी चाहिए। ठीक चाल से अच्छा प्रभाव पड़ता है। चलते समय पंजे और एड़ियों पर ठीक भार पड़ना चाहिए। अच्छी चाल वाला व्यक्ति प्रत्येक मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित करता है। चलते समय पैरों का अंतर समान रहना चाहिए। हाथ आगे पीछे आने-जाने चाहिएँ। घुटने आपस में टकराने नहीं चाहिएँ। चलते समय पैरों की रेखाएँ चलने की दिशा की रेखा के समान होनी चाहिएँ।

(घ) लेटने की मुद्रा (Posture of Lying):
लेटते समय हमारा शरीर विश्राम अवस्था में और शांत होना चाहिए। सोते समय शरीर प्राकृतिक तौर पर टिका होना चाहिए। हमें सोते समय कभी भी गलत ढंग से नहीं लेटना चाहिए। इससे हमारे रक्त के संचार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे श्वास क्रिया भी रुक जाने का खतरा पैदा हो सकता है। गर्दन अथवा अन्य किसी भाग की. नाड़ी आदि चढ़ जाने का खतरा रहता है।

प्रश्न 12.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. व्यायाम (Exercises):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को व्यायाम अर्थात् शारीरिक गतिविधियाँ काफी प्रभावित करती हैं। व्यायाम करने से शरीर की उचित वृद्धि एवं विकास होता है। व्यायाम शरीर के सभी अंगों की कार्यक्षमता को सुचारू करने में सहायक होता है। व्यायाम करने से न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य का विकास होता है बल्कि यह सर्वांगीण विकास में सहायक होता है।

2. भोजन (Food):
हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सबसे अधिक भोजन प्रभावित करता है। यदि हमारे भोजन में सभी आवश्यक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में हैं तो इनका हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। हमारे शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। इसलिए हमारा भोजन संतुलित एवं पौष्टिक होना चाहिए।

3. नशीले पदार्थों से परहेज (Away from Intoxicants):
हमारे स्वास्थ्य के लिए नशीले पदार्थों का सेवन सबसे अधिक हानिकारक है। इन पदार्थों के सेवन से हमारे शरीर के सभी पहलुओं या पक्षों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इनके सेवन से हमारा शरीर अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। इसलिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन पदार्थों के सेवन से स्वयं को बचाना चाहिए।

4. भोजन संबंधी आदतें (Food Related Habits):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए भोजन करने संबंधी आदतें भी महत्त्वपूर्ण होती हैं। खाने-पीने की आदतें जितनी उचित होंगी, व्यक्ति का स्वास्थ्य भी उतना अच्छा होगा।

5. चिकित्सा जाँच (Medical Checkup):
नियमित चिकित्सा जाँच स्वास्थ्य के सभी पक्षों को प्रभावित करती है। नियमित चिकित्सा जाँच से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता हैं और शारीरिक अंग रोगमुक्त रहते हैं।

6. आसन (Posture):
आसन भी हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए हमें उचित आसन की आदत डालनी चाहिए।

7. विश्राम एवं निद्रा (Rest and Sleep):
विश्राम एवं निद्रा न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं बल्कि सभी प्रकार के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। सामान्य तौर पर व्यक्ति को आठ घंटे तक सोना चाहिए। लंबी अवधि तक कार्य करने के बीच में थोड़ा-बहुत विश्राम कर लेना चाहिए।

8. अच्छी आदतें (Good Habits):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को अच्छी आदतें भी प्रभावित करती हैं। अच्छी आदतें हमारी दिनचर्या को प्रभावित करती हैं; जैसे जल्दी सोना, जल्दी उठना, दाँतों पर नियमित ब्रश करना, स्नान करने के बाद नाश्ता करना आदि। अच्छी आदतों से हमारा आसन और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्वव

प्रश्न 13.
व्यक्तित्व के विकास में स्वास्थ्य की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अधिकांश लोग स्वास्थ्य के महत्त्व को नहीं समझते। हम जब भी स्वास्थ्य की बात करते हैं तो हमारा ध्यान शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित रहता है। हम शरीर के अन्य पहलुओं के बारे में नहीं सोचतें। अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता हम सभी को है। एक व्यक्ति को स्वस्थ तभी कहा जाता है जब उसका शरीर स्वस्थ एवं मन साफ व शांत हो। वास्तव में अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना संपूर्ण स्वास्थ्य का नाम है जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य एवं बौद्धिक स्वास्थ्य आदि शामिल हैं। स्वास्थ्य का व्यक्ति के व्यक्तित्व को सुधारने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। स्वास्थ्य निम्नलिखित प्रकार से व्यक्तित्व में अपना योगदान देता है

(1) स्वास्थ्य जीवन को बढ़ाने के लिए कौशल और ज्ञान को विकसित करने की क्षमता बढ़ाता है। हमारी बौद्धिक क्षमता हमारी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है जिससे हमारा व्यक्तित्व आकर्षिक बनता है।
(2) अच्छे स्वास्थ्य का हमारे शरीर के प्रत्येक पहलू पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। हमारा शरीर चुस्त, फुर्तीला एवं मजबूत बनता है जिससे हमारा व्यक्तित्व काफी आकर्षित लगता है।
(3) स्वास्थ्य संबंधी जानकारी होने से शरीर नीरोग रहता है जो शरीर रोगमुक्त होता है और उसका जीवनकाल भी अधिक होता है अर्थात् शरीर को विकारों से मुक्त बनाए रखता है और हमेशा अच्छा महसूस कराता है।
(4) अच्छे स्वास्थ्य से खुशी एवं प्रसन्नता महसूस होती है। प्रसन्नता एवं खुशी से व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है।
(5) किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को उसका स्वभाव सबसे अधिक प्रभावित करता है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर एवं बीमार होता है उसमें अनेक विकार पैदा हो जाते हैं; जैसे क्रोध करना, चिंता करना, घृणा करना आदि। परन्तु जो व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ या रोगमुक्त होता है वह अपने मनोविकारों पर नियंत्रण करने में समर्थ होता है। इस प्रकार स्वास्थ्य व्यक्ति के स्वभाव को सुधारने में सहायक होता है जिससे उसका व्यक्तित्व अन्य व्यक्तियों से अधिक आकर्षित एवं अच्छा होता है।
(6) अच्छे स्वास्थ्य से शारीरिक सुंदरता में वृद्धि होती है। शारीरिक सुंदरता का आकर्षण व्यक्तित्व के विकास में योगदान देता है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि आप सुंदर नहीं हैं तो आपका व्यक्तित्व आकर्षक नहीं हो सकता।
(7) अच्छा स्वास्थ्य व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और आत्मविश्वास व्यक्तित्व की कुंजी है।

निष्कर्ष (Conclusion):
उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि अच्छा स्वास्थ्य व्यक्तित्व की कुंजी है। आकर्षित व्यक्तित्व से कोई भी व्यक्ति किसी को भी प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य न केवल व्यक्तित्व के विकास में सहायक होता है बल्कि यह शरीर के प्रत्येक पहलू के विकास में सहायक होता है। इसलिए हमें स्वास्थ्य के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

लघूत्तरात्मक प्रश्न [Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
कानों की सफाई करते समय किन-किन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
कान सुनने की शक्ति रखते हैं। कान की बाहरी बनावट टेढ़ी और कठोर दिखाई देती है परंतु अंदर इसका पर्दा नाजुक होता है। यदि कान में कोई फोड़ा अथवा फुसी हो जाए तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कोई तेज दवाई डालने से कान के पर्दे को .. नुकसान पहुंच सकता है। कान में कभी भी कोई नुकीली चीज़ नहीं मारनी चाहिए। इससे कान में चोट लग सकती है। यदि कान में दर्द है तो समय परं इसका इलाज करवाना चाहिए, नहीं तो पीब (Pus) पड़ने का डर होता है और पर्दा भी गल सकता है। कान को साफ करने के लिए खुरदरे और मोटे तिनके पर अच्छी प्रकार से रूई लपेटकर हाइड्रोजन परऑक्साइड में भिगोकर साफ करें। यह सप्ताह में एक बार अवश्य करें। नहाने के पश्चात् कान के बाहरी भाग को जरूर साफ करना चाहिए। स्वयं को शोरगुल से दूर रखना चाहिए।

प्रश्न 2.
नाखूनों की सफाई करते समय किन-किन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
नाखूनों की सफाई के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
(1) नाखून बढ़ने नहीं देने चाहिएँ अर्थात् समय-समय पर बढ़े हुए नाखूनों को काटते रहना चाहिए, ताकि इनमें मैल आदि न जमा हो सके।
(2) खाना खाने से पहले और बाद में हाथ साबुन आदि से धोने चाहिएँ।
(3) नाखून दाँतों से नहीं तोड़ने चाहिएँ। इससे नाखूनों के बीच वाली मैल मुँह द्वारा हमारे शरीर के अंदर पहुँच जाती है और कई प्रकार की बीमारियाँ पैदा करती है।
(4) नाखून ब्लेड और कैची से भी नहीं काटने चाहिएँ, बल्कि इनको नेलकटर से काटना चाहिए।
(5) नाखूनों को सोडियम कार्बोनेट के पानी से धोना चाहिए।
(6) कठोर, खुरदरे, पीले, काले अथवा सफेद धब्बों वाले नाखून डॉक्टर को जरूर दिखा लेने चाहिएँ।
(7) कई फैशन के तौर पर अपने नाखून बढ़ा लेते हैं परंतु ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

प्रश्न 3.
व्यायाम करने के कोई पाँच लाभ बताएँ। उत्तर-व्यायाम करने से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं
(1) व्यायाम करने से शरीर की माँसपेशियाँ लचकदार तथा मजबूत बनती हैं। शरीर में कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
(2) व्यायाम करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट रहता है और बुढ़ापा देर से आता है।
(3) व्यायाम करने से भूख अधिक लगती है और पाचन क्रिया ठीक रहती है।
(4) व्यायाम करने से रात को नींद अच्छी आती है।
(5) व्यायाम करने से रक्त का संचार तेज होता है। वृक्क (Kidneys) में रक्त के अधिक पहुंचने से उसके सारे विषैले पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

प्रश्न 4.
बालों की सफाई न रखने या करने से होने वाली हानियाँ बताएँ। उत्तर-यदि बालों को सही ढंग से साफ न किया जाए तो इससे निम्नलिखित हानियाँ हो सकती हैं
(1) बालों की सफाई न करने से सिर में सिकरी (Dandruff) हो जाती हैं।
(2) बालों की नियमित सफाई न करने से ये कमजोर हो जाते हैं।
(3) सिर में जुएँ आदि हो जाती हैं।
(4) बालों की सफाई न करने से बाल सड़ने लगते हैं।
(5) समय से पहले बाल सफेद होने लगते हैं।

प्रश्न 5.
भद्दी मुद्रा के मुख्य कारण बताएँ।
उत्तर:
भद्दी मुद्रा के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
(1) भोजन की कमी के कारण शरीर कमजोर हो जाता है, इस कारण मुद्रा भी ठीक नहीं रहती।
(2) व्यायाम न करने से मुद्रा भद्दी हो जाती है।
(3) घर अथवा स्कूल में सही ढंग से बैठने का प्रबंध न होना।
(4) भारी बैग को ठीक ढंग से न पकड़ना।
(5) तंग कपड़े और तंग जूते पहनना भी मुद्रा के लिए हानिकारक हैं।
(6) पढ़ते समय बैठने के लिए सही कुर्सी या मेज का न होना और कुर्सी पर ठीक से न बैठना।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्वव

प्रश्न 6.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले किन्हीं चार कारकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले चार कारक निम्नलिखित हैं
(1) व्यक्तिगत स्वास्थ्य को व्यायाम अर्थात् शारीरिक गतिविधियाँ काफी प्रभावित करती हैं। व्यायाम करने से शरीर की उचित वृद्धि एवं विकास होता है। व्यायाम शरीर के सभी अंगों की कार्यक्षमता को सुचारु करने में सहायक होता है। व्यायाम करने से न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य का विकास होता है बल्कि यह सर्वांगीण विकास में सहायक होता है।

(2) हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सबसे अधिक भोजन प्रभावित करता है। यदि हमारे भोजन में सभी आवश्यक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में हैं तो इनका हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। हमारे शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। इसलिए हमारा भोजन संतुलित एवं पौष्टिक होना चाहिए।

(3) हमारे स्वास्थ्य के लिए नशीले पदार्थों का सेवन सबसे अधिक हानिकारक है। इन पदार्थों के सेवन से हमारे शरीर के सभी पहलुओं या पक्षों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इनके सेवन से हमारा शरीर अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। इसलिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन पदार्थों के सेवन से स्वयं को बचाना चाहिए।

(4) व्यक्तिगत स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए भोजन करने संबंधी आदतें भी महत्त्वपूर्ण होती हैं। खाने-पीने की आदतें जितनी उचित होंगी, व्यक्ति का स्वास्थ्य भी उतना अच्छा होगा।

प्रश्न 7.
हमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
हमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ती है
(1) एक अच्छा, स्वस्थ व सुडौल शरीर बनाने के लिए।
(2) माँसपेशियों में निरंतर शक्ति संचार बनाए रखने के लिए।
(3) दाँतों को नष्ट होने से बचाने के लिए।
(4) त्वचा को साफ-सुथरा व स्वस्थ रखने तथा रोगों से मुक्त रखने के लिए।
(5) संक्रमण रोगों की रोकथाम एवं बचाव करने के लिए।
(6) आँख, कान एवं नाक को स्वस्थ तथा रोगों से मुक्त रखने के लिए।
(7) व्यक्ति में ऊर्जा या शक्ति को बनाए रखने तथा कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए।
(8) शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति को बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 8.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ
(1) आयु और आवश्यकतानुसार व्यायाम अथवा सैर करें।
(2) पौष्टिक और संतुलित भोजन खाएँ।
(3) प्रतिदिन स्नान करके साफ व स्वच्छ कपड़े पहनें।
(4) समय-समय पर शरीर का डॉक्टरी परीक्षण करवाएँ।
(5) अच्छी आदतों को अपनाएँ।

प्रश्न 9.
त्वचा के हमारे शरीर के लिए क्या लाभ हैं?
अथवा
त्वचा के प्रमुख कार्य क्या हैं?
उत्तर:
त्वचा के हमारे शरीर के लिए निम्नलिखित लाभ या कार्य हैं-
(1) त्वचा शरीर को ढककर रखती है।
(2) यह शरीर का तापमान स्थिर रखती है।
(3) यह शरीर के अंदर बीमारी के कीटाणुओं को प्रवेश होने से रोकती है।
(4) त्वचा शरीर को सुंदरता प्रदान करती है।

प्रश्न 10.
त्वचा की सफाई के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? अथवा नहाते समय हमें किन नियमों की पालना करनी चाहिए?
उत्तर:
त्वचा हमारे शरीर की चारदीवारी है। यह हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को ढकती है और उसकी रक्षा करती है। यह हमारे शरीर का तापमान ठीक रखती है। इसके द्वारा हमारे शरीर में से पसीना और अन्य बदबूदार पदार्थों का निकास होता है। इसको स्पर्श करने से ही किसी बाहरी वस्तु के गुण और लक्षणों का ज्ञान होता है। त्वचा शरीर को सुंदरता प्रदान करती है। इसलिए हमें अपनी त्वचा की नियमित सफाई करनी चाहिए और इसकी सफाई का सबसे उत्तम ढंग प्रतिदिन स्वच्छ पानी से स्नान करना या नहाना है। नहाने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक है
(1) नहाने से पहले पेट साफ और खाली होना चाहिए।
(2) खाने के तुरंत पश्चात् नहीं नहाना चाहिए।
(3) व्यायाम अथवा बहुत थकावट के एकदम पश्चात् नहीं नहाना चाहिए।
(4) सर्दियों में नहाने से पहले धूप में शरीर की मालिश करें। यह शरीर को विटामिन ‘डी’ देने के लिए उपयोगी होता है।
(5) ताजे और स्वच्छ पानी से नहाना लाभदायक होता है।
(6) नहाने के लिए साबुन का प्रयोग कम करना चाहिए। नहाने के लिए उपयुक्त साबुन, जिसमें क्षार की मात्रा कम हो, प्रयोग में लेना हितकर है।
(7) नहाने के पश्चात् शरीर को साफ तौलिए या साफ कपड़े से पौंछकर स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिएँ।
(8) शरीर को पौंछने के लिए अपने स्वयं का ही तौलिया काम में लाना चाहिए।

प्रश्न 11.
बालों की सफाई और संभाल कैसे करनी चाहिए?
उत्तर:
बालों की सफाई और संभाल निम्नलिखित प्रकार से करनी चाहिए
(1) नहाने के पश्चात् बालों को तेल लगाएँ परंतु बाल बहुत चिकने न हों।
(2) प्रतिदिन सुबह और सोने से पहले बालों में कंघी करनी चाहिए।
(3) हमें कभी भी गिले बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए।
(4) बालों को हमेशा हर्बल व प्राकृतिक शैंपू से ही धोना चाहिए।
(5) बालों पर कंघी करने के बाद इसको साफ कर लेना चाहिए और दूसरों की कंघी कभी भी प्रयोग नहीं करनी चाहिए।
(6) बालों की चमक एवं मजबूती हेतु सप्ताह में एक बार बालों पर तेल की मालिश जरूर करनी चाहिए।

प्रश्न 12.
व्यायाम करते समय कौन-कौन-सी सावधानियाँ अपनानी चाहिएँ? उत्तर-व्यायाम करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ अपनानी चाहिएँ
(1) व्यायाम सदैव खुली हवा, खुली जगह पर करना चाहिए अर्थात् खुले एवं स्वच्छ वातावरण में करना चाहिए। इससे रक्त में अधिक ऑक्सीजन जाती है।
(2) व्यायाम करने के शीघ्र बाद नहाना नहीं चाहिए। इससे स्वास्थ्य बिगड़ने का डर रहता है।
(3) व्यायाम प्रात:काल या सायंकाल करना चाहिए। खाना खाने के तुरंत बाद किसी भी प्रकार का व्यायाम लाभदायक नहीं होता।
(4) शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों एवं वृद्धों को आसान व्यायाम करने चाहिएँ।
(5) व्यायाम के बाद थोड़ा विश्राम करना चाहिए।
(6) व्यायाम करने के पश्चात् कुछ समय शरीर को ढीला छोड़कर लंबे तथा गहरे साँस लेने चाहिएँ।
(7) बीमारी में या बीमारी से उठने के शीघ्र बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए।
(8) व्यायाम करते समय न अधिक तंग और न अधिक खुले कपड़े पहनने चाहिएँ।
(9) व्यायाम सदा सावधानी से और नियमों के अनुसार ही करना चाहिए।

प्रश्न 13.
दाँतों की संभाल कैसे की जानी चाहिए?
उत्तर:
दाँतों की संभाल अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है, इसलिए इनकी संभाल के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ.
(1) प्रतिदिन सुबह-शाम ब्रश करना चाहिए।
(2) बहुत गर्म और बहुत ठंडी चीजें खाने से परहेज करें।
(3) यदि दाँत में खोल हो जाए तो तुरंत भरवा लेना चाहिए।
(4) प्रतिदिन कीकर, नीम और फलाही या टाहली की दातुन यदि संभव हो तो करें।
(5) प्रतिदिन खाने के पश्चात् साफ पानी से कुल्ला करें और सुबह-शाम दंत-मंजन करें।

प्रश्न 14.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य की महत्ता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
हमारे लिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे लिए निम्नलिखित प्रकार से उपयोगी होता है
(1) जो व्यक्ति अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति सजग रहता है उसका व्यक्तित्व आकर्षित एवं प्रभावित होता है।
(2) शरीर की छवि आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास आदि को प्रभावित करती है। अत: व्यक्तिगत स्वास्थ्य से आत्मविश्वास में बढोत्तरी होती है।
(3) व्यक्तिगत स्वास्थ्य के कारण अनेक प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है।
(4) व्यक्तिगत स्वास्थ्य के कारण शारीरिक अंगों; जैसे आँख, नाक, कान, त्वचा, दाँत आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
(5) व्यक्तिगत स्वास्थ्य के कारण हमारी कार्यक्षमता एवं योग्यता में वृद्धि होती है।
(6) व्यक्तिगत स्वास्थ्य के कारण हमारा शरीर नीरोग रहता है। हमारे शरीर की रोग निरोधक क्षमता पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
(7) व्यक्तिगत स्वास्थ्य हमारे आसन को ठीक करने में सहायक होता है।
(8) यह हमारी हीन भावनाओं को दूर करने में सहायक होता है।
(9) यह हमारे व्यक्तित्व को आकर्षक एवं प्रभावशाली बनाने में हमारी सहायता करता है।
(10) यह हमारी अच्छी आदतों को विकसित करने में सहायता करता है।

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प्रश्न 15.
लेटते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
लेटते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
(1) लेटते समय शरीर विश्राम की स्थिति में होना चाहिए।
(2) तकिया बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए।
(3) सोते समय शरीर प्राकृतिक रूप से टिका होना चाहिए।
(4) सोते समय कठोर गद्दे का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे गद्दे पर लेटने से शरीर का आसन सही रहता है।
(5) कभी भी लेटकर नहीं पढ़ना चाहिए।

प्रश्न 16.
मुद्रा ठीक रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
मुद्रा ठीक रखने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ
(1) बच्चों को ठीक मुद्रा के बारे में जानकारी देनी चाहिए। स्कूल में अध्यापकों और घर में माँ-बाप का कर्तव्य है कि बच्चों की खराब मुद्रा को ठीक करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
(2) भोजन की कमी के कारण आई कमजोरी को ठीक करना चाहिए।
(3) बच्चों को न तो तंग कपड़े पहनने चाहिएँ और न ही तंग जूते।
(4) हमें गलत ढंग से न तो चलना चाहिए और न ही पढ़ना और बैठना चाहिए।
(5) उचित और पूरी नींद लेनी चाहिए।
(6) बच्चों के स्कूल बैग का भार हल्का होना चाहिए।
(7) आवश्यकतानुसार डॉक्टरी परीक्षण करवाते रहना चाहिए ताकि मुद्रा-त्रुटि को समय पर ठीक किया जा सके।
(8) हमारे घरों, स्कूलों और कॉलेजों में ठीक मुद्रा की जानकारी देने वाले चित्र लगे होने चाहिएँ।
(9) घरों और स्कूलों में पूरे कद वाला शीशा लगा होना चाहिए जिसके आगे खड़े होकर बच्चा अपनी मुद्रा देख सके।
(10) सोते समय शरीर को अधिक मोड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 17.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रमुख नियमों का उल्लेख कीजिए। उत्तर-व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं
(1) शरीर के आंतरिक अंगों; जैसे दिल, फेफड़े, जिगर, आमाशय, तिल्ली, गुर्दे और बाहरी अंग; जैसे हाथ, आँख, कान, नाक, दाँत, त्वचा, पैर और बाल आदि की जानकारी प्राप्त करके इनकी संभाल करनी चाहिए।
(2) अपनी आयु के अनुसार और समय पर नींद लेनी चाहिए।
(3) समय-समय पर अपने शरीर का डॉक्टरी परीक्षण करवाना चाहिए।
(4) सदा साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिएँ और संतुलित भोजन का प्रयोग करना चाहिए।
(5) कपड़ों और घर को सदा साफ रखना चाहिए।
(6) सदा प्रसन्न रहना चाहिए।
(7) ऋतु और मौसम के अनुसार पहनावा पहनना चाहिए।
(8) खुले एवं स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए।
(9) सदा नाक द्वारा श्वास लेनी चाहिए।

प्रश्न 18.
हाथों की सफाई करने की विधि बताइए।
उत्तर:
हाथ हमारे शरीर के ऐसे अंग हैं, जिनके द्वारा प्रत्येक कार्य किए जाते हैं; जैसे-खाना-पीना, लिखना, घरेलू कार्य करना आदि। हमें खाना खाते समय, खाना खाने के बाद तथा किसी भी कार्य को करने के बाद अच्छी तरह हाथ साफ करने चाहिएँ। हाथ साफ करने की विधि निम्नलिखित हैं
(1) पानी के बहाव को समायोजित करें जिससे यह छलके न।
(2) अपने हाथों को गीला करें।
(3) अपने गीले हाथों पर साबुन लगाकर अच्छे से रगड़ें।
(4) हथेलियों, हाथों के पिछले भाग और कलाइयों पर झाग मलें। अपने हाथों को सभी तरफ, अपनी उंगलियों के बीच और अपने नाखूनों के आस-पास कम-से-कम 20 सेकिण्ड तक रगड़ें। अपने नाखूनों के नीचे और आस-पास सफाई करने के लिए नाखून के ब्रश या किसी पुराने टूथब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
(5) अपने हाथों को चलते पानी से अच्छी तरह से धोएँ।
(6) पानी के नल को बन्द करने के लिए अपने हाथ में कागज़ या साफ तौलिए का उपयोग करें। इससे आपका साफ हाथ नल के हैंडल, जो साफ नहीं होता, से छूने से बचा रहता है।
(7) अब अपने हाथों को सुखा लें।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न  [Very Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य दो शब्दों से मिलकर बना है-‘व्यक्ति’ एवं स्वास्थ्य’। इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य की सफाई के सिद्धांत जो व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार में लाए जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति को स्वयं ही प्रयत्नशील होना पड़ता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधी आचरण; जैसे शरीर की स्वस्थता, दाँतों की सफाई, आँखों की सफाई, बालों की सफाई, हाथों की सफाई, भोजन, आहार, व्यायाम तथा मद्यपान संबंधी नियमों का पालन आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इनके प्रति लापरवाही हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। उदाहरण के लिए, दाँतों की सफाई न करने से दाँतों पर जमे रोगाणुओं से दाँतों में कृमि एवं अन्य विकार पैदा हो सकते हैं। इसलिए हमें व्यक्तिगत स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

प्रश्न 2.
त्वचा की सफाई रखनी क्यों आवश्यक है? अथवा त्वचा की सफाई की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
यदि त्वचा की सफाई न रखी जाए तो पसीना और त्वचा में से निकले हुए बदबूदार पदार्थ शरीर पर जम जाते हैं, जिसके कारण शरीर को त्वचा की बीमारियाँ लगने का डर रहता है। इसलिए त्वचा की सफाई रखना उतना ही आवश्यक है, जितना कि जीवित रहने के लिए भोजन।

प्रश्न 3.
अच्छी मुद्रा क्या है?
उत्तर:
अच्छी मुद्रा का अर्थ, व्यक्ति के सही एवं उचित संतुलन से है जब वह बैठा हो, खड़ा हो, पढ़ रहा हो, पैदल चल रहा हो, भाग रहा रहो या कोई क्रिया कर रहा हो। इसका अर्थ यह है कि अच्छी मुद्रा शरीर की वह स्थिति है जिससे व्यक्ति को थकान महसूस नहीं होती या बहुत कम होती है।

प्रश्न 4.
बालों की सफाई क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
बालों की सफाई करने से बाल मजबूत और स्वस्थ बने रहते हैं। बालों को हमेशा हर्बल या प्राकृतिक शैंपू से साफ करना चाहिए, क्योंकि इससे बालों को आवश्यक पोषण मिलता है और लम्बे समय तक बाल सुरक्षित रहते हैं।

प्रश्न 5.
गीले बालों में कंघी क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर:
गीले बालों में कंघी करने से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं। इसलिए गीले बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। गीले बालों को सुखाने के बाद ही कंघी करनी चाहिए।

प्रश्न 6.
कान के पर्दे के बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
कान का पर्दा एक नर्म झिल्ली का बना हुआ होता है, जिसका बचाव बहुत आवश्यक होता है। इसलिए गले की बीमारियों और जुकाम का तुरंत इलाज किया जाए। कान में कोई सख्त और तीखी चीज न डाली जाए। कान में दर्द होने पर कानों में बोरिक एसिड ग्लिसरीन में मिलाकर डालें। मोटे तिनके पर रूई लपेटकर हाइड्रोजन परऑक्साइड में भिगोकर कान साफ करें।

प्रश्न 7.
क्या ठीक चाल शरीर को आकर्षक बनाती है?
अथवा
व्यक्तिगत स्वास्थ्य में चलने की उचित मुद्रा किस प्रकार से सहायक है?
अथवा
चलने की सही मुद्रा क्या है?
उत्तर:
अंग्रेजी भाषा में इसको गेट और पंजाबी में चाल अथवा तोर आदि कहा जाता है। हमारी चाल हमेशा सही होनी चाहिए। ठीक चाल से अच्छा प्रभाव पड़ता है। चलते समय पंजे और एड़ियों पर ठीक भार पड़ना चाहिए। अच्छी चाल वाला व्यक्ति प्रत्येक मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित करता है। चलते समय पैरों का अंतर समान रहना चाहिए। हाथ आगे-पीछे आने-जाने चाहिए। घुटने आपस में टकराने नहीं चाहिएँ। चलते समय पैरों की रेखाएँ चलने की दिशा की रेखा के समान होनी चाहिएँ।

प्रश्न 8.
नाक के बाल किस प्रकार से लाभदायक हैं?
उत्तर:
हमें हमेशा नाक द्वारा श्वास लेना चाहिए। नाक में छोटे-छोटे बाल होते हैं। वायु के कीटाणु और मिट्टी इनमें रुक जाती हैं जिससे हमारे अंदर साफ वायु जाती है। नाक के बालों को कभी भी काटना और तोड़ना नहीं चाहिए। यदि हमारे नाक के अंदर ये बाल न हों तो हमारे शरीर के अंदर गंदी हवा प्रवेश कर जाएगी और हमारा शरीर रोग का शिकार हो जाएगा।

प्रश्न 9.
हमें किस आसन में लेटना चाहिए? अथवा व्यक्तिगत स्वास्थ्य में लेटने की उचित मुद्रा किस प्रकार से सहायक है? अथवा लेटने की सही मुद्रा क्या है?
उत्तर:
लेटते समय हमारा शरीर विश्राम अवस्था में और शांत होना चाहिए। सोते समय शरीर प्राकृतिक तौर पर टिका होना चाहिए। हमें सोते समय कभी भी गलत ढंग से नहीं लेटना चाहिए। इससे हमारे रक्त के संचार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे श्वास क्रिया भी रुक जाने का खतरा पैदा हो सकता है। गर्दन अथवा अन्य किसी भाग की नाड़ी आदि चढ़ जाने का खतरा रहता है।

प्रश्न 10.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य में संतुलित एवं पौष्टिक भोजन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
स्वस्थ जीवन जीने के लिए भोजन ही मुख्य आधार होता है। वास्तव में हमें भोजन की आवश्यकता न केवल शरीर की खोई हुई शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए होती है, बल्कि शरीर की वृद्धि एवं विकास के लिए और शरीर को नीरोग रखने के लिए भी होती है। इसलिए इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु व्यक्ति को संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। ऐसा भोजन करने से शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 2 व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्वव

प्रश्न 11.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले किन्हीं तीन कारकों के नाम बताएँ।
उत्तर:
(1) व्यायाम,
(2) उचित आसन,
(3) विश्राम एवं निद्रा।

प्रश्न 12.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य हेतु.हमें कौन-कौन-सी सफाई करनी चाहिए?
उत्तर:
(1) कपड़ों की सफाई,
(2) आँखों की सफाई,
(3) कान, नाक की सफाई,
(4) दाँतों की सफाई,
(5) मुँह की सफाई,
(6) नाखूनों की सफाई,
(7) त्वचा व बालों की सफाई आदि।

प्रश्न 13.
व्यक्तिगत सफाई (Personal Cleanliness) क्या है?
उत्तर:
व्यक्तिगत सफाई या स्वच्छता से अभिप्राय व्यक्ति का तन, मन और आत्मा से शुद्ध और निर्मल होना है। इसमें व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वच्छता शामिल है। व्यावहारिक रूप में व्यक्तिगत सफाई का तात्पर्य शरीर के अंगों की साफ-सफाई से है।

प्रश्न 14.
नाक साफ न करने से क्या हानि हो सकती है?
उत्तर:
नाक साफ न करने से हमारे शरीर के अंदर गंदी हवा व धूल-कण प्रवेश कर जाएँगे और हमारा शरीर रोगग्रस्त हो जाएगा; जैसे जुकाम आदि हो जाना।

प्रश्न 15.
आराम और नींद में क्या अंतर है?
उत्तर:
आराम और नींद दोनों ही हमारी खोई हुई ऊर्जा या शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। आराम या विश्राम के लिए हमारी आखें कभी-कभी बंद रहती हैं, परन्तु हमारा मस्तिष्क सचेत अवस्था में होता है और सक्रिय रूप से कार्य करता है। आराम की अवस्था में हमें आस-पास की गतिविधियों की जानकारी रहती है। दूसरी ओर, नींद की अवस्था में हमारा मस्तिष्क सक्रिय रूप से कार्य नहीं करता। इस अवस्था में हमें आस-पास के वातावरण व गतिविधियों के बारे में कोई चेतना नहीं रहती।

HBSE 9th Class Physical Education व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]

प्रश्न 1.
हमें अपने बढ़े हुए नाखून किससे काटने चाहिएँ?
उत्तर:
हमें अपने बढ़े हुए नाखून नेलकटर से काटने चाहिएँ।

प्रश्न 2.
हमें शुद्ध और साफ वायु कैसे प्राप्त हो सकती है?
उत्तर:
खुली वायु में रहने और नाक द्वारा श्वास लेने से शुद्ध और साफ वायु प्राप्त हो सकती है।

प्रश्न 3.
त्वचा शरीर में से अनावश्यक पदार्थों का निकास किस रूप में करती है?
उत्तर:
त्वचा शरीर में से अनावश्यक पदार्थों का निकास पसीने के रूप में करती है।

प्रश्न 4.
त्वचा शरीर को क्या प्रदान करती है?
उत्तर:
त्वचा शरीर को सुंदरता प्रदान करती है।

प्रश्न 5.
त्वचा की सफाई का सबसे उत्तम ढंग कौन-सा होता है?
उत्तर:
ताजे पानी से स्नान करना।

प्रश्न 6.
बालों की सुंदरता के लिए बालों का किस प्रकार का होना आवश्यक है?
उत्तर:
घना, मजबूत व चमकदार।

प्रश्न 7.
बालों की सफाई न रखने से बालों में क्या पड़ जाती हैं?
उत्तर:
बालों की सफाई न रखने से बालों में सिकरी व जुएँ पड़ जाती हैं।

प्रश्न 8.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य का कोई एक नियम बताएँ।
उत्तर:
खुले एवं स्वच्छ वातावरण में रहना।

प्रश्न 9.
नाक द्वारा श्वास क्यों लेना चाहिए?
उत्तर:
नाक द्वारा श्वास लेने से हवा कीटाणुरहित, गर्म होकर व छनकर फेफड़ों में प्रवेश करती है।

प्रश्न 10.
दाँतों की संभाल के लिए क्या नहीं खाना चाहिए?
उत्तर:
दाँतों की संभाल के लिए अधिक मिठाइयाँ, ठंडी चीजें व अधिक गर्म चीजें नहीं खानी चाहिएँ।

प्रश्न 11.
त्वचा की कितनी परतें होती हैं?
उत्तर:
त्वचा की दो परतें होती हैं।

प्रश्न 12.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य हेतु कोई एक अच्छी आदत बताएँ।
उत्तर:
जल्दी सोना और जल्दी उठना।

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प्रश्न 13.
हमें कैसे वातावरण में सैर करनी चाहिए?
उत्तर:
हमें स्वच्छ एवं खुले वातावरण में सैर करनी चाहिए।

प्रश्न 14.
हमें किस प्रकार का भोजन करना चाहिए?
उत्तर:
हमें पौष्टिक एवं संतुलित भोजन करना चाहिए।

प्रश्न 15.
कान की सफाई किस प्रकार करनी चाहिए?
उत्तर:
कान की सफाई खुरदरे तिनके पर रुई लपेटकर ग्लिसरीन का प्रयोग करके करनी चाहिए।

प्रश्न 16.
हमें दाँतों की सफाई कब करनी चाहिए?
उत्तर:
हमें दाँतों की सफाई सुबह स्नान करने से पहले और रात को सोने से पहले करनी चाहिए।

प्रश्न 17.
हमें कपड़े किसके अनुसार पहनने चाहिएँ?
उत्तर:
हमें कपड़े मौसम के अनुसार पहनने चाहिएँ।

प्रश्न 18.
हमें कब नहीं नहाना चाहिए?
उत्तर:
हमें व्यायाम करने और खाना खाने के तुरंत बाद नहीं नहाना चाहिए।

प्रश्न 19.
वयस्क व्यक्ति को कितने घंटे सोना चाहिए?
उत्तर:
वयस्क व्यक्ति को लगभग 8 घंटे सोना चाहिए।

प्रश्न 20.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा कैसे दिया जा सकता है?
उत्तर:
शरीर के अंगों की उचित सफाई करके व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सकता है।

प्रश्न 21.
आँखों की सफाई न करने से कौन-सा रोग सामान्यतया हो सकता है?
उत्तर:
सामान्यतया आँखों की सफाई न करने से फ्लू नामक रोग हो सकता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न [Multiple Choice Questions]

प्रश्न 1.
आँखों की सफाई न रखने से कौन-से रोग हो जाते हैं?
(A) आँखों का फ्लू
(B) आँखों की जलन
(C) कुकरे
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 2.
व्यक्ति के जीवन की अनमोल वस्तु कौन-सी है?
(A) आराम
(B) पैसा
(C) स्वास्थ्य
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) स्वास्थ्य

प्रश्न 3.
व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी नियमों की पालना कब से आरंभ की जानी चाहिए?
(A) युवावस्था से
(B) प्रौढ़ावस्था से
(C) बुढ़ापे में
(D) बचपन से
उत्तर:
(D) बचपन से

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प्रश्न 4.
हमें स्नान कब करना चाहिए?
(A) शौचादि के पश्चात्
(B) खाना खाने से पहले
(C) (A) और (B) दोनों ।
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) (A) और (B) दोनों

प्रश्न 5.
व्यायाम अथवा कार्य करने के पश्चात् कब नहाना चाहिए?
(A) तुरंत
(B) 5 मिनट बाद…
(C) शरीर को ठंडा करने के बाद
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) शरीर को ठंडा करने के बाद

प्रश्न 6.
नहाने से पहले धूप में बैठकर शरीर की मालिश किस मौसम में करनी चाहिए?
(A) गर्मियों में
(B) सर्दियों में
(C) वर्षा में
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) सर्दियों में

प्रश्न 7.
आँखों की सफाई हेतु हमें ध्यान देना चाहिए
(A) आँखों की नियमित सफाई की ओर
(B) आँखों के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थ की ओर
(C) आँखों की नियमित चिकित्सा जाँच की ओर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 8.
शरीर का सबसे कोमल अंग कौन-सा है?
(A) नाक
(B) कान
(C) आँख
(D) सिर
उत्तर:
(C) आँख

प्रश्न 9.
नंगी आँख से सूर्य की ओर कब बिल्कुल नहीं देखना चाहिए?
(A) सूर्योदय के समय
(B) सूर्यास्त के समय
(C) सूर्यग्रहण के समय
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) सूर्यग्रहण के समय

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प्रश्न 10.
पढ़ते समय किताब आँखों से कितनी दूर रखनी चाहिए?
(A) लगभग 40 सेंटीमीटर
(B) लगभग 60 सेंटीमीटर
(C) लगभग 30 सेंटीमीटर
(D) लगभग 50 सेंटीमीटर
उत्तर:
(C) लगभग 30 सेंटीमीटर

प्रश्न 11.
दाँतों के लिए कौन-से वृक्ष की दातुन करना लाभदायक होता है?
(A) नीम की
(B) कीकर की
(C) फलाही या टाहली की
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 12.
कान का कौन-सा भाग बहुत नर्म झिल्ली का बना होता है?
(A) बाह्य कान
(B) आंतरिक कान
(C) कान का पर्दा
(D) कर्णपट उ
त्तर:
(C) कान का पर्दा

प्रश्न 13.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के नियम निम्नलिखित हैं
(A) नियमित डॉक्टरी परीक्षण करवाना चाहिए
(B) स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए
(C) संतुलित एवं पौष्टिक भोजन खाना चाहिए
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 14.
“जल्दी सोना और जल्दी उठना, व्यक्ति को समृद्ध, स्वस्थ एवं बुद्धिमान बनाता है।” यह कथन है
(A) बेंजामिन फ्रैंकलिन का
(B) स्वामी विवेकानंद का
(C) गाँधी जी का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) बेंजामिन फ्रैंकलिन का

प्रश्न 15. कान की सफाई करनी चाहिए
(A) सिर की सूई से
(B) खुरदरे मोटे तिनके पर रूई लपेटकर
(C) कठोर एवं नोकदार सिलाई से
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) खुरदरे मोटे तिनके पर रूई लपेटकर

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प्रश्न 16.
खाना खाते समय क्या करना चाहिए?
(A) खाना खाने से पहले हाथ और नाखून साबुन से धोने चाहिएँ
(B) भोजन चबाकर खाना चाहिए
(C) भोजन बिना बोले करना चाहिए
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 17.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य हेतु निम्नलिखित कथन सही है
(A) प्रतिदिन उठने के बाद साफ पानी से मुँह धोना चाहिए
(B) शौच से निवृत्त के बाद दाँतों की सफाई करनी चाहिए
(C) हमेशा हाथ धोकर ही भोजन करना चाहिए
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 18.
हमें त्वचा की देखभाल हेतु करना चाहिए
(A) नियमित रूप से ताजे पानी से नहाना चाहिए
(B) स्वयं को धूल भरे वातावरण से दूर रखना चाहिए
(C) त्वचा की नियमित सफाई करनी चाहिए।
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व Summary

व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एवं महत्त्व परिचय

प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का पूरी तरह आनंद लेना चाहता है। जीवन का पूरा आनंद तभी लिया जा सकता है जब व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा हो। अच्छा स्वास्थ्य आचरण व नियमों पर निर्भर करता है। हमारा दैनिक आचरण, रहन-सहन, खान-पान, व्यवहार विचार आदि हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य (Personal Health):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य से अभिप्राय है कि हम कैसे अपने-आपको मेहनत करने के योग्य, स्वस्थ तथा नीरोग बना सकते हैं जिससे हम अपने जीवन का अधिक-से-अधिक लाभ समाज और देश को दे सकें तथा अपने-आपको नीरोग बना सकें। अतः हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य ही व्यक्ति की सबसे बड़ी संपत्ति है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘व्यक्ति’ एवं ‘स्वास्थ्य’। इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य की सफाई के सिद्धांत जो व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार में लाए जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति को स्वयं ही प्रयत्नशील होना पड़ता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधी आचरण; जैसे शरीर की स्वस्थता, दाँतों की सफाई, आँखों की सफाई, बालों की सफाई, हाथों की सफाई, भोजन या आहार, व्यायाम तथा मद्यपान संबंधी नियमों का पालन आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इनके प्रति लापरवाही हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य की आवश्यकता (Importance of Personal Health):
व्यक्तिगत स्वास्थ्य व्यक्ति को निम्नलिखित बातों में सहायता करता है
(1) एक अच्छा, स्वस्थ व सुडौल शरीर बनाने में।
(2) मांसपेशियों में निरंतर शक्ति संचार बनाए रखने में।।
(3) दाँतों को नष्ट होने से बचाने में।
(4) त्वचा को साफ-सुथरा व स्वस्थ रखने तथा रोगों से मुक्त रखने में।
(5) संक्रमण रोगों की रोकथाम एवं बचाव करने में। आँख, कान एवं नाक को स्वस्थ तथा रोगों से मुक्त रखने में।
(6) व्यक्ति में ऊर्जा या शक्ति को बनाए रखने तथा कार्यक्षमता बढ़ाने में।
(7) शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति को बनाए रखने में।

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HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

Haryana State Board HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

HBSE 9th Class Physical Education स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व Textbook Questions and Answers

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न [Long Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य का अर्थ व परिभाषा बताएँ। इसका हमारे लिए क्या महत्त्व है? अथवा स्वास्थ्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं? इसकी हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
स्वास्थ्य का अर्थ (Meaning of Health):
स्वास्थ्य से सभी परिचित हैं। सामान्यतया पारस्परिक व रूढ़िगत संदर्भ में स्वास्थ्य से अभिप्राय बीमारी की अनुपस्थिति से लगाया जाता है, परंतु यह स्वास्थ्य का विस्तृत अर्थ नहीं है। स्वास्थ्य व्यक्ति का वह गुण है, जिसमें वह मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है तथा जिसके सभी शारीरिक संस्थान व्यवस्थित रूप से सुचारु होते हैं। इसका अर्थ न केवल बीमारी अथवा शारीरिक कमजोरी की अनुपस्थिति है, अपितु शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूर्णत: स्वस्थ होना भी है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति का मन या आत्मा प्रसन्नचित्त और शरीर रोग-मुक्त रहता है।

स्वास्थ्य की परिभाषाएँ (Definitions of Health): विद्वानों ने स्वास्थ्य को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है
1. जे०एफ० विलियम्स (J.E. Williams) के अनुसार, “स्वास्थ्य जीवन का वह गुण है, जिससे व्यक्ति दीर्घायु होकर उत्तम सेवाएं प्रदान करता है।”

2. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-W.H.O.) के अनुसार, “स्वास्थ्य केवल रोग या विकृति की अनुपस्थिति को नहीं, बल्कि संपूर्ण शारीरिक, मानसिक व सामाजिक सुख की स्थिति को कहते हैं।”

3. वैबस्टर्स विश्वकोष (Webster’s Encyclopedia) के कथनानुसार, “उच्चतम जीवनयापन के लिए व्यक्तिगत, भावनात्मक और शारीरिक स्रोतों को संगठित करने की व्यक्ति की अवस्था को स्वास्थ्य कहते हैं।”

4. रोजर बेकन (Roger Bacon) के अनुसार, “स्वस्थ शरीर आत्मा का अतिथि-भवन और दुर्बल तथा रुग्ण शरीर आत्मा का कारागृह है।”

स्वास्थ्य का महत्त्व या उपयोगिता (Importance or Utility of Health)-अच्छे स्वास्थ्य के बिना कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर सकता। अस्वस्थ व्यक्ति समाज की एक लाभदायक इकाई होते हुए भी बोझ बन जाता है। एक प्रसिद्ध कहावत है- “Health is Wealth.” अर्थात् स्वास्थ्य ही धन है। यदि हम संपूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो हम जिंदगी में बहुत-सा धन कमा सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य का न केवल व्यक्ति को लाभ होता है, बल्कि जिस समाज या देश में वह रहता है, उस पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है। अतः स्वास्थ्य का हमारे जीवन में निम्नलिखित प्रकार से भी विशेष महत्त्व है

(1) स्वास्थ्य मानव व समाज का आधार स्तंभ है। यह वास्तव में खुशी, सफलता और आनंदमयी जीवन की कुंजी है।
(2) अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी होते हैं।
(3) स्वास्थ्य के महत्त्व के बारे में अरस्तू ने कहा-“स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है।” अतः इस कथन से भी हमारे जीवन में स्वास्थ्य की उपयोगिता व्यक्त हो जाती है।
(4) स्वास्थ्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को सुधारने व निखारने में सहायक होता है।
(5) अच्छे स्वास्थ्य से हमारा जीवन संतुलित रहता है।
(6) किसी भी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य व आर्थिक विकास में प्रत्यक्ष संबंध पाया जाता है। यदि किसी देश के नागरिक शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तो उस देश का आर्थिक विकास भी उचित दिशा में होगा।
(7) स्वास्थ्य की महत्ता बताते हुए गाँधी जी ने कहा-“स्वास्थ्य ही असली धन है न कि सोने एवं चाँदी के टुकड़े।”

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 2.
स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं का वर्णन कीजिए। अथवा स्वास्थ्य के विभिन्न रूपों अथवा आयामों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य का अर्थ (Meaning of Health)-स्वास्थ्य व्यक्ति का वह गुण है, जिसमें वह मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है तथा जिसके सभी शारीरिक संस्थान व्यवस्थित रूप से सुचारु होते हैं। स्वास्थ्य का अर्थ न केवल बीमारी अथवा शारीरिक कमजोरी की अनुपस्थिति है, अपितु शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ होना भी है। यह ऐसी अवस्था . है जिसमें व्यक्ति का मन या आत्मा प्रसन्नचित और शरीर रोग-मुक्त रहता है।
स्वास्थ्य के विभिन्न आयाम या पहलू (Dimensions or Aspects of Health) स्वास्थ्य के विभिन्न आयाम या पहलू निम्नलिखित हैं

1. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health):
शारीरिक स्वास्थ्य संपूर्ण स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। इसके अंतर्गत हमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त होती है। शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए आवश्यक है कि उसके सभी शारीरिक संस्थान सुचारु रूप से कार्य करते हों। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को न केवल शरीर के विभिन्न अंगों की रचना एवं उनके कार्यों की जानकारी होनी चाहिए, अपितु उनको स्वस्थ रखने की भी जानकारी होनी चाहिए। शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति समाज व देश के विकास एवं प्रगति में भी सहायक होता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने शारीरिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाने हेतु संतुलित एवं पौष्टिक भोजन, व्यक्तिगत सफाई, नियमित व्यायाम, चिकित्सा जाँच और नशीले पदार्थों के निषेध आदि की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

2. मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health):
मानसिक या बौद्धिक स्वास्थ्य के बिना सभी स्वास्थ्य अधूरे हैं, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य का संबंध मन की प्रसन्नता व शांति से है अर्थात् इसका संबंध तनाव व दबाव मुक्ति से है। यदि व्यक्ति का मन चिंतित एवं अशांत रहेगा तो उसका कोई भी विकास पूर्ण नहीं होगा। आधुनिक युग में मानव जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि उसका जीवन निरंतर तनाव, दबाव व चिंताओं से घिरा रहता है। परन्तु जिन व्यक्तियों का मानसिक स्वास्थ्य उत्तम होता है वे आधुनिक संदर्भ में भी स्वयं को चिंतामुक्त अनुभव करते हैं। मानसिक अस्वस्थता के कारण न केवल मानसिक रोग हो जाते हैं बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी गिर जाता Meaning and Importance of Health Education है और शारीरिक कार्य-कुशलता में भी कमी आ जाती है। अत: व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए तनाव व दबाव से दूर रहना चाहिए, उचित विश्राम करना चाहिए और सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

3. सामाजिक स्वास्थ्य (Social Health):
सामाजिक स्वास्थ्य भी स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण रूप है। यह व्यक्ति की सामाजिक सुरक्षा पर निर्भर करता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी होने के नाते समाज के नियमों, मान-मर्यादाओं आदि का पालन करता है। यदि एक व्यक्ति अपने परिवार व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत है तो उसे सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति कहा जाता है। सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति सैद्धांतिक, वैचारिक, आत्मनिर्भर व जागरूक होता है। वह अनेक सामाजिक गुणों; जैसे आत्म-संयम, धैर्य, बंधुत्व, आत्म-विश्वास आदि से पूर्ण होता है। समाज, देश, परिवार व जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण रचनात्मक व सकारात्मक होता है।

4. संवेगात्मक या भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health):
संवेगात्मक स्वास्थ्य में व्यक्ति के अपने संवेग; जैसे डर, गुस्सा, सुख, क्रोध, दुःख, प्यार आदि शामिल होते हैं। इसके अंतर्गत स्वस्थ व्यक्ति का अपने संवेगों पर पूर्ण नियंत्रण होता है। वह प्रत्येक परिस्थिति में नियंत्रित व्यवहार करता है। हार-जीत पर वह अपने संवेगों को नियंत्रित रखता है और अपने परिवार, मित्रों व अन्य व्यक्तियों से मिल-जुल कर रहता है।

5. आध्यात्मिक स्वास्थ्य (Spiritual Health):
आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति उसे कहा जाता है जो नैतिक नियमों का पालन करता हो, दूसरों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करता हो, सत्य व न्याय में विश्वास रखने वाला हो और जो दूसरों को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न पहुँचाए आदि। ऐसा व्यक्ति व्यक्तिगत मूल्यों से संबंधित होता है। दूसरों के प्रति सहानुभूति एवं सहयोग की भावना रखना, सहायता करने की इच्छा आदि आध्यात्मिक स्वास्थ्य के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं। आध्यात्मिक स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु मुख्यतः योग व ध्यान सबसे उत्तम माध्यम हैं। इनके द्वारा आत्मिक शांति व आंतरिक प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 3.
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा बताएँ तथा इसके प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Health Education)-स्वास्थ्य शिक्षा मनुष्य को स्वास्थ्य के उन सभी मौलिक सिद्धांतों या पहलुओं के बारे में जानकारी देती है जो स्वस्थ जीवन के अच्छे ढंगों, आदतों और व्यवहार का निर्माण करके मनुष्य को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करते हैं। स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने विचार निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त किए हैं

1. डॉ० थॉमस वुड (Dr. Thomas Wood):
के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा उन अनुभवों का समूह है, जो व्यक्ति, समुदाय और सामाजिक स्वास्थ्य से संबंधित आदतों, व्यवहारों और ज्ञान को प्रभावित करते हैं।”

2. प्रसिद्ध स्वास्थ्य शिक्षक ग्राऊंट (Grount):
के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा से अभिप्राय है कि स्वास्थ्य के ज्ञान को शिक्षा द्वारा व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में बदलना है।”

3.विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation):
के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षाशारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रहने की स्थिति को कहते हैं न कि केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ या रोगमुक्त होने को।”

इस प्रकार स्वास्थ्य शिक्षा से अभिप्राय उन सभी बातों और आदतों से है जो व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान देती हैं। स्वास्थ्य शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य (Main Objectives of Health Education)-स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं

1. सामाजिक गुणों का विकास (Development of Social Qualities):
स्वास्थ्य शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति में अच्छे सामाजिक गुणों का विकास करके अच्छा नागरिक बनाना है। स्वास्थ्य शिक्षा जहाँ सर्वपक्षीय विकास करके अच्छे व्यक्तित्व को निखारती है, वहीं कई प्रकार के गुण; जैसे सहयोग, त्याग-भावना, साहस, विश्वास, संवेगों पर नियंत्रण एवं सहनशीलता आदि का भी विकास करती है।

2. सर्वपक्षीय विकास (All Round Development):
सर्वपक्षीय विकास से अभिप्राय व्यक्ति के सभी पक्षों का विकास करना है। वह शारीरिक पक्ष से बलवान, मानसिक पक्ष से तेज, भावात्मक पक्ष से संतुलित, बौद्धिक पक्ष से समझदार और सामाजिक पक्ष से स्वस्थ हो। सर्वपक्षीय विकास से व्यक्ति के व्यक्तित्व में बढ़ोत्तरी होती है। वह परिवार, समाज और राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है।

3. उचित मनोवृत्ति का विकास (Development of Right Attitude):
स्वास्थ्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल निर्देश देकर ही पूरा नहीं किया जा सकता बल्कि इसे पूरा करने के लिए सकारात्मक सोच की अति-आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य संबंधी उचित मनोवृत्ति का विकास तभी हो सकता है, जब प्रत्येक व्यक्ति अपनी आदतें और व्यवहार इस प्रकार परिवर्तित करे कि वे उसकी आवश्यकताओं का अंग बन जाएँ।

4. स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान (Knowledge about Health):
पुराने समय में बच्चों और जन-साधारण में स्वास्थ्य संबंधी बहुत अज्ञानता थी, परन्तु समय बदलने से रेडियो, टी०वी०, अखबारों और पत्रिकाओं ने संक्रामक बीमारियों और उनकी रोकथाम, मानसिक चिंताओं और उन पर नियंत्रण और संतुलित भोजन के गुणों के बारे में वैज्ञानिक ढंग से जानकारी साधारण लोगों तक पहुँचाई है। यह ज्ञान उन्हें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रेरित करता है।

5. स्वास्थ्य संबंधी नागरिक ज़िम्मेदारी का विकास (To Develop Civic Sense related Health):
स्वास्थ्य शिक्षा का उद्देश्य छात्रों या व्यक्तियों में स्वास्थ्य संबंधी नागरिक ज़िम्मेदारी या उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना है।

6. आर्थिक कुशलता का विकास (Development of Economic Efficiency):
आर्थिक कुशलता का विकास तभी हो सकता है अगर स्वस्थ व्यक्ति अपने कामों को सही ढंग से करें। अस्वस्थं मनुष्य अपनी आर्थिक कुशलता में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकता। स्वस्थ व्यक्ति जहाँ अपनी आर्थिक कुशलता में बढ़ोत्तरी करता है, वहीं उससे देश की आर्थिक कुशलता में भी बढ़ोत्तरी होती है। इसीलिए स्वस्थ नागरिक समाज व देश के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं । उनको देश की बहुमूल्य संपत्ति कहना गलत नहीं होगा।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 4.
स्वास्थ्य शिक्षा से क्या अभिप्राय है? इसकी महत्ता पर प्रकाश डालिए। अथवा स्वास्थ्य शिक्षा क्या है? इसकी हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है? वर्णन करें।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए उसके महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning of Health Education and Definition):
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ उन सभी आदतों से है जो किसी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान देती हैं । यह शिक्षा मनुष्य को स्वास्थ्य के उन सभी मौलिक सिद्धांतों के बारे में जानकारी देती है जो स्वस्थ जीवन के अच्छे ढंगों, आदतों और व्यवहार का निर्माण करके मनुष्य को आत्म-निर्भर बनने में सहायता करते हैं। अतः स्वास्थ्य शिक्षा एक ऐसी शिक्षा है जिसके बिना मनुष्य की सारी शिक्षा अधूरी रह जाती है। इस प्रकार स्वास्थ्य शिक्षा से अभिप्राय उन सभी बातों और आदतों से है जो व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान देती हैं। विश्व “स्वास्थ्य संगठन के शारीरिक रूप से स्वस्थ या रोगमुक्त होने को।”

स्वास्थ्य शिक्षा की महत्ता या उपयोगिता (Importance or Utility of Health Education):
स्वास्थ्य की हमारे जीवन में विशेष उपयोगिता है। स्वस्थ व्यक्ति ही समाज, देश आदि के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अरस्तू ने कहा था कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य शिक्षा व्यक्ति को स्वास्थ्य से संबंधित विशेष जानकारियाँ प्रदान करती है, जिनकी पालना करके व्यक्ति स्वच्छ एवं सुखदायी जीवन व्यतीत कर सकता है। अतः स्वास्थ्य शिक्षा हमारे लिए निम्नलिखित कारणों से महत्त्वपूर्ण व उपयोगी है

1. मानवीय संबंधों को सुधारना (Improvement in Human Relations):
स्वास्थ्य शिक्षा अच्छे मानवीय संबंधों का निर्माण करती है। स्वास्थ्य शिक्षा विद्यार्थियों को यह ज्ञान देती है कि किस प्रकार वे अपने दोस्तों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों व समुदाय के

2. बीमारियों से बचाववरोकथाम के विषय में सहायक (Helpful Regarding Prevention and Control of Diseases):
स्वास्थ्य शिक्षा संक्रामक-असंक्रामक बीमारियों से बचाव व उनकी रोकथाम के विषय में हमारी सहायता करती है। इन बीमारियों के फैलने के कारण, लक्षण तथा उनसे बचाव व इलाज के विषय में जानकारी स्वास्थ्य शिक्षा से ही मिलती है।

3. शारीरिक विकृतियों को खोजने में सहायक (Helpful in Discovering Physical Deformations):
स्वास्थ्य शिक्षा शारीरिक विकृतियों को खोजने में सहायक होती है। यह विभिन्न प्रकार की शारीरिक विकृतियों के समाधान में सहायक होती है।

4. स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक आदतों को बढ़ाने में सहायक (Helpful in increase the Desirable Health Habits):
स्वास्थ्य शिक्षा जीवन के सिद्धांतों एवं स्वास्थ्य की अच्छी आदतों का विकास करती है; जैसे स्वच्छ वातावरण में रहना।

5. सामाजिक गुणों का विकास (Development of Social Qualities):
स्वास्थ्य शिक्षा व्यक्ति में सामाजिक गुणों का विकास करके उसे अच्छा नागरिक बनाने में सहायक होती है। स्वास्थ्य शिक्षा जहाँ सर्वपक्षीय विकास करके अच्छा व्यक्तित्व निखारती है, वहीं इसके साथ-साथ यह और कई प्रकार के गुण; जैसे सहयोग, त्याग-भावना, साहस, विश्वास, संवेगों पर नियंत्रण एवं सहनशीलता आदि का भी विकास करती है।

6. स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान (Knowledge about Health):
पुराने समय में बच्चों और साधारण लोगों में स्वास्थ्य संबंधी बहुत अज्ञानता थी, परन्तु समय बदलने से रेडियो, टी०वी०, अखबारों और पत्रिकाओं ने शारीरिक बीमारियों और उनकी रोकथाम, मानसिक चिंताओं और उन पर नियंत्रण और संतुलित भोजन के गुणों के बारे में वैज्ञानिक ढंग से जानकारी साधारण लोगों तक पहुँचाई है। स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान के कारण व्यक्तियों का जीवन सुखमय व आरामदायक हुआ है।.

7. स्वास्थ्यप्रद आदतों का विकास (Development of Healthy Habits):
आदत बालक के साथ जीवनपर्यन्त चलती हैं। अत: बालक को स्वास्थ्यप्रद आदतों को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर साफ-सफाई का ध्यान, सुबह जल्दी उठना, रात को जल्दी सोना, खाने-पीने तथा शौच का समय निश्चित होना ऐसी स्वास्थ्यप्रद आदतों को अपनाने से व्यक्ति स्वस्थ तथा दीघार्यु रह सकता है। यह स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा ही सम्भव है।

8. प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी प्रदान करना (Provide the Knowledge of FirstAid):
स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की जा सकती है जिसके अंतर्गत व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा के सामान्य सिद्धांतों की तथा विभिन्न परिस्थितियों में; जैसे साँप के काटने पर, डूबने पर, जलने पर, अस्थि टूटने आदि पर प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी प्रदान की जाती है। इस प्रकार की दुर्घटनाएँ कहीं पर भी तथा किसी के भी साथ घट सकती हैं तथा व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। ऐसी जानकारी स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा ही दी जा सकती है।

9. जागरूकता एवं सजगता का विकास (Development of Awareness and Alertness):
स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा एक स्वस्थ व्यक्ति सजग एवं जागरूक रह सकता है। उसके चारों तरफ क्या घटित हो रहा है उसके प्रति वह हमेशा सचेत रहता है। ऐसा व्यक्ति अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरूक रहता है।

10. सकारात्मक दृष्टिकोण (Positive View):
स्वास्थ्य शिक्षा से व्यक्ति की सोच काफी विस्तृत होती है। वह दूसरे व्यक्तियों को भली-भांति समझता है। उसकी सोच संकीर्ण न होकर व्यापक दृष्टिकोण वाली होती है।

प्रश्न 5.
स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों के विभिन्न सिद्धांतों या नियमों का ब्योरा दें। अथवा स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रमों के लिए किन-किन बातों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए? अथवा आप अपने स्कूल में स्वास्थ्य शिक्षण कार्यक्रम को कैसे अधिक प्रभावशाली बनाएँगे?
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा के मुख्य सिद्धांतों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी सिद्धांत अथवा नियम निम्नलिखित हैं
(1) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम बच्चों की आयु और लिंग के अनुसार होना चाहिए।
(2) स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी देने का तरीका साधारण और जानकारी से भरपूर होना चाहिए।
(3) स्वास्थ्य शिक्षा पढ़ने-लिखने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए अपितु उसकी प्राप्तियों के बारे में कार्यक्रम बनाने चाहिएँ।
(4) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम लोगों या छात्रों की आवश्यकताओं, रुचियों और पर्यावरण के अनुसार होना चाहिए।
(5) मनुष्य का व्यवहार ही उसका सबसे बड़ा गुण है, जिसमें उसकी रुचि ज्यादा है वह उसे सीखने और करने के लिए तैयार रहता है। इसलिए कार्यक्रम बनाते समय बच्चों की उत्सुकता, रुचियों और इच्छाओं का ध्यान रखना चाहिए।
(6) स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी देते समय जीवन से संबंधित मुश्किलों पर भी बातचीत होनी चाहिए।
(7) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्तर के अनुसार बनाना चाहिए।
(8) स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम ऐसे होने चाहिएँ जो बच्चों की अच्छी आदतों को उत्साहित कर सकें ताकि वे अपने सोचने के तरीके को बदल सकें।
(9) स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों में बुरी आदतों को छोड़ने और अच्छी आदतों को ग्रहण करने हेतु फिल्में, चार्ट, टी०वी०, रेडियो आदि माध्यमों के प्रयोग द्वारा बच्चों को प्रेरित किया जाना चाहिए।
(10) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम केवल स्कूलों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अंग होना चाहिए।
(11) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम रुचिपूर्ण, शिक्षा से भरपूर और मनोरंजनदायक होना चाहिए।
(12) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम प्रस्तुत करते समय लोगों में प्रचलित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। यह भाषा उनकी आयु और समझने की क्षमता के अनुसार होनी चाहिए।
(13) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम बनाते समय संक्रामक-असंक्रामक बीमारियों के बारे में व उनकी रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
(14) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम केवल एक व्यक्ति तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसका क्षेत्र विशाल होना चाहिए।
(15) स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम लोगों की आंतरिक भावनाओं को जानकर ही बनाना चाहिए।
(16) स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम में पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर के विषय शामिल होने चाहिएँ।

प्रश्न 6.
स्कूली स्वास्थ्य कार्यक्रम के विभिन्न तत्त्व या घटक कौन-कौन-से हैं? वर्णन कीजिए।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा के मुख्य क्षेत्रों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र बहुत विशाल है। यह केवल स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है। इसमें स्वास्थ्य ज्ञान के अतिरिक्त और बहुत-से घटक शामिल हैं, जिनका आपस में गहरा संबंध होता है। ये सभी घटक बच्चों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं। स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम के विभिन्न घटक या क्षेत्र निम्नलिखित हैं

1. स्वास्थ्य सेवाएँ (Health Services):
छात्रों को शिक्षा देने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना भी विद्यालय का मुख्य उत्तरदायित्व माना जाता है। स्वास्थ्य सेवाएँ वे सेवाएँ हैं जिनके माध्यम से छात्रों के स्वास्थ्य की जाँच की जाती है और उनमें पाए जाने वाले दोषों से माता-पिता को अवगत करवाया जाता है ताकि समय रहते उन दोषों का उपचार किया जा सके। इन सेवाओं के अंतर्गत स्कूल के अन्य कर्मचारियों एवं अध्यापकों के स्वास्थ्य की भी जाँच की जाती है।

आधुनिक युग में स्वास्थ्य सेवाओं की बहुत महत्ता है। स्वास्थ्य सेवाओं की सहायता से बच्चे और वयस्क अपने स्वास्थ्य का स्तर , ऊँचा उठा सकते हैं। साधारण जनता को ये सेवाएँ सरकार की ओर से मिलनी चाहिएँ, जबकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल की ओर से ये सुविधाएँ मिलनी चाहिएँ। स्वास्थ्य सेवाओं का कार्य बच्चों में संक्रामक रोगों को ढूँढकर उनके माता-पिता की सहायता से ठीक करना है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए डॉक्टर, नर्स, मनोरोग चिकित्सक और अध्यापक विशेष योगदान दे सकते हैं।

2. स्वास्थ्यपूर्णस्कूली जीवन या वातावरण (HealthfulSchool Living or Environment):
स्वास्थ्यपूर्ण स्कूली वातावरण का अर्थ है कि स्कूल में संपूर्ण स्वच्छ वातावरण का होना या ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिससे छात्रों की सभी क्षमताओं एवं योग्यताओं को विकसित किया जा सके। स्कूल का स्वच्छ वातावरण ही छात्रों के सामाजिक-भावनात्मक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और साथ-ही-साथ उन्हें अधिक-से-अधिक सीखने हेतु प्रेरित करता है।

बच्चे के स्कूल का वातावरण, रहने का स्थान और काम करने का स्थान स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। जिस देश के बच्चे और नवयुवक स्वस्थ होते हैं वह देश प्रगति के रास्ते पर अग्रसर होता है, क्योंकि आने वाला भविष्य उनसे बंधा होता है। बच्चा अपना अधिकांश समय स्कूल में गुजारता है। बच्चे का उचित विकास स्कूल के वातावरण पर निर्भर करता है । यह तभी संभव हो सकता है, अगर साफ़-सुथरा व स्वच्छ स्कूल अर्थात् वातावरण हो। स्वच्छ वातावरण बच्चे और वयस्क दोनों को प्रभावित करता है। स्वच्छ वातावरण केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावात्मक और नैतिक विकास में भी सहायक होता है।

3. स्वास्थ्य अनुदेशन या निर्देशन (Health Instructions):
स्वास्थ्य निर्देशन का आशय है-स्कूल के बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना। बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी ऐसी जानकारी देना कि वे स्वयं को स्वच्छ एवं नीरोग बना सकें।स्वास्थ्य निर्देशन स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों एवं दृष्टिकोणों का विकास करते हैं। ये बच्चों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाते हैं । इनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराना है ताकि वे स्वयं को स्वस्थ रख सकें। स्वास्थ्य संबंधी निर्देशन में वे सभी बातें आ जाती हैं जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती हैं; जैसे अच्छी आदतें, स्वास्थ्य को ठीक रखने के तरीके और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना आदि। शरीर की बनावट एवं संरचना, संक्रामक रोगों के लक्षण एवं कारण, इनकी रोकथाम या बचाव के उपायों के लिए बच्चों को फिल्मों या तस्वीरों आदि के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। स्वास्थ्य निर्देशन की जानकारी प्राप्त कर बच्चे अनावश्यक विकृतियों या कमजोरियों का शिकार होने से बच सकते हैं।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 7.
स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
स्वास्थ्य के प्रमुख निर्धारक तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक या तत्त्व निम्नलिखित हैं

1. वंशानुक्रमण (Heredity):
व्यक्ति के मानसिक व शारीरिक गुण जीन (Genes) द्वारा निर्धारित होते हैं। जीन या गुणसूत्र को ही वंशानुक्रमण (Heredity) की इकाई माना जाता है। अतः वंशानुक्रमण द्वारा व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। बहुत-सी बीमारियाँ हैं जो वंशानुक्रमण द्वारा आगामी पीढ़ी को भी हस्तान्तरित हो जाती हैं।

2. वातावरण (Environment):
अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ वातावरण का होना बहुत आवश्यक होता है। यदि वातावरण प्रदूषित है तो ऐसे वातावरण में व्यक्ति अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।

3. संतुलित व पौष्टिक भोजन (Balanced and Nutritive Diet):
भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है। यदि हमारा भोजन संतुलित एवं पौष्टिक है तो इसका हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा

4. सामाजिक-सांस्कृतिक कारक (Social and Cultural Factors):
वातावरण के अतिरिक्त व्यक्ति का अपना सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण भी उसके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यदि व्यक्ति और उसके सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण के बीच असामंजस्य है तो इसका उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसीलिए व्यक्ति को अपने अच्छे स्वास्थ्य हेतु सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। इसमें न केवल उसका कल्याण है बल्कि समाज व देश का भी कल्याण है।

5. आर्थिक कारक (Economic Factors):
स्वास्थ्य आर्थिक कारकों से भी प्रभावित होता है। यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है अर्थात् गरीब है तो वह अपने परिवार के सदस्यों के लिए न तो संतुलित आहार की व्यवस्था कर पाएगा और न ही उन्हें चिकित्सा सुविधाएँ दे पाएगा। इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी है तो वह अपने परिवार के सदस्यों की सभी आवश्यकताएँ पूर्ण कर पाएगा।

प्रश्न 8.
स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए? अथवा अच्छे स्वास्थ्य हेतु हमें किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए? उत्तर-स्वस्थ रहने के लिए हमें निम्नलिखित आवश्यक नियमों का पालन करना चाहिए

1. शारीरिक संस्थानों या अगों का ज्ञान (Knowledge of Body Systems or Organs):
हमें अपने शरीर के संस्थानों या अंगों; जैसे दिल, आमाशय, फेफड़े, तिल्ली, गुर्दे, कंकाल संस्थान, माँसपेशी संस्थान, उत्सर्जन संस्थान आदि का ज्ञान होना चाहिए।

2. डॉक्टरी जाँच (Medical Checkup):
समय-समय पर अपने शरीर की डॉक्टरी जाँच भी करवानी चाहिए।

3. पर्याप्त निद्रा व विश्राम (Proper Sleep and Rest):
रात को समय पर सोना चाहिए और शरीर को पूरा विश्राम देना आवश्यक है।

4. व्यायाम (Exercises):
प्रतिदिन व्यायाम या सैर आदि करनी आवश्यक है। हमें नियमित योग एवं आसन आदि भी करने चाहिएँ।

5. नाक से साँस लेना (Breathing by Nose):
हमें हमेशा नाक द्वारा साँस लेनी चाहिए। नाक से साँस लेने से हमारे शरीर को शुद्ध हवा प्राप्त होती है, क्योंकि नाक के बाल हवा में उपस्थित धूल-कणों को शरीर के अंदर जाने से रोक लेते हैं।

6. साफ वस्त्र (Clean Cloth):
हमें हमेशा साफ-सुथरे और ऋतु के अनुसार कपड़े पहनने चाहिएँ।

7. शुद्ध एवं स्वच्छ वातावरण (Pure and Clean Environment):
हमें हमेशा शुद्ध एवं स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए।

8. संतुलित भोजन (Balanced Diet):
हमें ताजा, पौष्टिक और संतुलित भोजन खाना चाहिए।

9. शुद्ध आचरण (Good Conduct):
हमेशा अपना आचरण व विचार शुद्ध व सकारात्मक रखने चाहिएँ और हमेशा खुश एवं सन्तुष्ट रहना चाहिए। कभी भी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए। हमेशा बड़ों का आदर करना चाहिए।

10. मादक वस्तुओं से परहेज (Away from Intoxicants):
अफीम, शराब, चरस, गाँजा, तंबाकू और दूसरी नशीली वस्तुओं के प्रयोग से बचना चाहिए।

11. उचित मनोरंजन (Proper Recreation):
आज के इस दबाव एवं तनाव-युक्त युग में स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु मनोरंजनात्मक क्रियाओं का होना अति आवश्यक है। हमें मनोरंजनात्मक क्रियाओं में अवश्य भाग लेना चाहिए। इनसे हमें आनंद एवं संतुष्टि की प्राप्ति होती है।

12. नियमित दिनचर्या (Daily Routine):
समय पर उठना, समय पर सोना, समय पर खाना, ठीक ढंग से खड़े होना, बैठना, चलना, दौड़ना आदि क्रियाओं से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। कपड़ों की सफाई व आस-पास की सफाई दिनचर्या के आवश्यक अंग होने चाहिएँ।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 9.
छात्रों के स्वास्थ्य संबंधी सुधार हेतु शारीरिक शिक्षा का अध्यापक क्या भूमिका निभा सकता है? अथवा शारीरिक शिक्षा का अध्यापक विद्यार्थियों के स्वास्थ्य निर्माण में क्या भूमिका निभाता है? वर्णन करें।
उत्तर:
छात्र अपना अधिकांश समय स्कूल में व्यतीत करते हैं। जितना वे स्कूल के वातावरण में सीखते हैं उतना शायद ही कहीं ओर सीखते हैं। स्कूल के वातावरण में सबसे अधिक वे अध्यापकों से प्रभावित होते हैं । उनको अपना आदर्श मानते हैं। स्कूल में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वह विद्यार्थियों को अच्छे स्वास्थ्य हेतु प्रेरित करता है। शारीरिक शिक्षा का अध्यापक बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए निम्नलिखित उपाय कर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देता है या दे सकता है

(1) शारीरिक शिक्षा का अध्यापक छात्रों को उनके व्यक्तिगत स्वास्थ्य हेतु प्रेरित करता है। वह व्यक्तिगत स्वास्थ्य के महत्त्व को ब्रताकर उनके स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।

(2) वह विद्यार्थियों को नियमित दिनचर्या के महत्त्व बताता है। वह छात्रों को नियमित समय पर सोने एवं उठने के लिए प्रोत्साहित करता है। जो छात्र नियमित समय पर सोते एवं उठते हैं वे हमेशा चुस्त एवं फुर्तीले होते हैं। उनमें आलस्य नहीं होता।

(3) वह छात्रों को स्वास्थ्य की महत्ता बताकर उनको अपने स्वास्थ्य हेतु जागरूक करता है। “स्वास्थ्य ही धन है।” यह कथन इस प्रक्रिया में बहुत महत्त्वपूर्ण है।

(4) वह अभिभावकों को भी स्वास्थ्य संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी देकर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है ताकि अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य की ओर विशेष रूप से ध्यान दे सकें।

(5) वह स्कूल में स्वास्थ्य संबंधी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करवाकर भी छात्रों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।

(6) अधिकांश शारीरिक शिक्षा के अध्यापक चुस्त एवं फुर्तीले होते हैं। वे अपने व्यक्तित्व से भी छात्रों को प्रभावित कर सकते हैं।
(7) वह छात्रों को संक्रामक बीमारियों के कारणों से अवगत करवाता है तथा उनकी रोकथाम के उपाय से भी परिचित करवाता है।
(8) वह छात्रों को भोजन के आवश्यक तत्त्वों की महत्ता के बारे में बताता है। यदि भोजन में सभी आवश्यक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में विद्यमान होंगे तो इसका इनके स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

(9) वह विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों के दुष्परिणामों से अवगत करवाता है।
(10) वह विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों को विकसित करने में सहायता करता है।
(11) शारीरिक शिक्षा का अध्यापक स्कूल में अनेक शारीरिक क्रियाएँ करवाता है जिनका छात्रों के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 10.
स्वास्थ्य शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। उनको इस बात का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है कि वे अपने तन व मन को किस प्रकार से स्वस्थ रख सकते हैं। एक पुरानी कहावत है-“स्वास्थ्य ही जीवन है।” अगर धन खो दिया तो कुछ खास नहीं खोया, लेकिन यदि स्वास्थ्य खो दिया तो सब कुछ खो दिया। अतः सुखी व प्रसन्नमय जीवन व्यतीत करने के लिए उत्तम स्वास्थ्य का होना बहुत आवश्यक है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपने परिवार, समाज तथा देश के लिए हर प्रकार से सेवा प्रदान कर सकता है, जबकि अस्वस्थ या बीमार व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। तन व मन को स्वस्थ व प्रसन्न रखने में स्वास्थ्य शिक्षा महत्त्वपूर्ण योगदान देती है, क्योंकि स्वास्थ्य शिक्षा में वे सभी क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं जिनसे व्यक्ति में स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ती है और इनके परिणामस्वरूप उसका स्वास्थ्य तंदुरुस्त रहता है। स्वास्थ्य शिक्षा को बहुत-से कारक प्रभावित करते हैं जिनमें से प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं

1. संतुलित भोजन (Balanced Diet):
संसार में प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहता है और स्वस्थ जीवन हेतु भोजन ही मुख्य आधार है। वास्तव में हमें भोजन की जरूरत न केवल ऊर्जा या शक्ति की पूर्ति हेतु होती है बल्कि शरीर की वृद्धि, उसकी क्षतिपूर्ति और उचित शिक्षा प्राप्त करने हेतु भी होती है। अतः स्पष्ट है कि संतुलित भोजन स्वास्थ्य शिक्षा को प्रभावित करता है।

2. शारीरिक व्यायाम (Physical Exercise):
स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को शारीरिक व्यायामों द्वारा लचीला एवं सुदृढ़ बनाता है। शारीरिक व्यायाम की क्रियाओं द्वारा पूरे शरीर को तंदुरुस्त बनाया जा सकता है। कौन-से व्यायाम कब करने चाहिएँ और कब नहीं करने चाहिएँ, का ज्ञान स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा प्राप्त होता है।

3. आदतें (Habits):
आदतें भी स्वास्थ्य शिक्षा को प्रभावित करती हैं। प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव व आदतें अलग-अलग होती हैं । बालक की स्वास्थ्य शिक्षा उसके स्वभाव एवं आदत पर निर्भर करती है। बच्चों में अच्छी आदतों का विकास किया जाए, ताकि वह एक सफल नागरिक बन सके। अच्छी आदतों वाला व्यक्ति उचित मार्ग पर अग्रसर होकर तरक्की करता है। स्वास्थ्य शिक्षा अच्छी आदतों का विकास करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है।

4. बीमारी (Illness):
स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा है कि “एक कमजोर आदमी जिसका शरीर या मन कमजोर है वह कभी भी मज़बूत काया का मालिक नहीं बन सकता।” अत: बीमारी भी स्वास्थ्य शिक्षा को प्रभावित करती है। एक बीमार बालक कोई भी शिक्षा प्राप्त करने में पूर्ण रूप से समर्थ नहीं होता। स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से एक स्वस्थ व्यक्ति या बालक प्रायः बीमारियों से मुक्त रहता है।

5. जीवन-शैली (Life Style):
जीवन-शैली जीवन जीने का एक ऐसा तरीका है जो व्यक्ति के नैतिक गुणों या मूल्यों और दृष्टिकोणों को प्रतिबिम्बित करता है। यह किसी व्यक्ति विशेष या समूह के दृष्टिकोणों, व्यवहारों या जीवन मार्ग का प्रतिमान है। स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करने हेतु एक स्वस्थ जीवन-शैली बहुत आवश्यक होती है। एक स्वस्थ जीवन-शैली व्यक्तिगत रूप से पुष्टि के स्तर को बढ़ाती है। यह हमें बीमारियों से बचाती है और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है। इसके माध्यम से आसन संबंधी विकृतियों में सुधार होता है। इसके माध्यम से मनोवैज्ञानिक शक्ति या क्षमता में वृद्धि होती है जिससे तनाव, दबाव व चिंता को कम किया जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि एक स्वस्थ जीवन-शैली स्वास्थ्य शिक्षा को प्रभावित करती है।

6. वातावरण (Environment):
स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करने हेतु स्वच्छ वातावरण का होना बहुत आवश्यक है। वातावरण दो प्रकार के होते हैं-
(i) आन्तरिक वातावरण,
(ii) बाह्य वातावरण। दोनों प्रकार के वातावरण बालक को प्रभावित करते हैं।
शिक्षा प्राप्त करने हेतु स्कूली वातावरण विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। बिना वातावरण के कोई भी विद्यार्थी किसी प्रकार का ज्ञान अर्जित नहीं कर सकता। इसलिए स्कूल प्रबन्धों को स्कूली वातावरण की ओर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए, ताकि विद्यार्थी बिना किसी बाधा के ज्ञान अर्जित कर सकें।

लघूत्तरात्मक प्रश्न [Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य हैं

(1) विद्यालय में स्वास्थ्यपूर्ण वातावरण बनाए रखना।
(2) बच्चों में ऐसी आदतों का विकास करना जो स्वास्थ्यप्रद हों।
(3) रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना तथा प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी देना।
(4) सभी विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का निरीक्षण करना व निर्देश देना।
(5) सभी विद्यार्थियों में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान तथा अभिव्यक्ति का विकास करना।
(6) व्यक्तिगत सफाई तथा स्वच्छता के बारे में जानकारी देना।
(7) स्वास्थ्य संबंधी आदतों का विकास करना।
(8) रोगों से बचने का उपाय करना और शारीरिक रोगों की जांच करना।
(9) निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य शिक्षा के उपर्युक्त उद्देश्यों को अपनाते हुए हम इस लक्ष्य को प्राप्त करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के स्तर को ऊपर उठा सकते हैं।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 2.
स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत हमें किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान स्वयं में ही सरल उपाय है जिसके द्वारा रोगों को फैलने से रोका जा सकता है। हमें स्वास्थ्य शिक्षा । के अंतर्गत निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए तथा उनका प्रचार करना चाहिए

  1. विभिन्न खाद्य-पदार्थों में कौन-कौन-से पोषक तत्त्व उपलब्ध होते हैं?
  2. विभिन्न रोगों के क्या कारण होते हैं? वे किस प्रकार फैलते हैं तथा उनसे बचने के तरीके क्या हैं?
  3. स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत स्तर पर अच्छी आदतों का ज्ञान तथा सामुदायिक स्तर पर अच्छी परंपराओं की आवश्यकता।
  4. विभिन्न नशीले व मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले कुप्रभावों तथा दुष्परिणामों की जानकारी।
  5. खाद्य-पदार्थों को पकाने तथा उन्हें संगृहीत करने की विधियाँ।
  6. वातावरण को किस प्रकार स्वच्छ रखा जा सकता है?
  7. घरेलू या औद्योगिक स्तर पर उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों के निपटान की विधियाँ।

प्रश्न 3.
स्वास्थ्य शिक्षा का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? अथवा – स्वास्थ्य शिक्षा हमारे लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था-“एक कमजोर आदमी जिसका शरीर या मन कमजोर है वह कभी भी मजबूत काया का मालिक नहीं बन सकता।” अतः स्वास्थ्य शिक्षा हमारे लिए निम्नलिखित कारणों से महत्त्वपूर्ण है.

(1) स्वास्थ्य शिक्षा अच्छे मानवीय संबंधों में वृद्धि करती है। स्वास्थ्य शिक्षा विद्यार्थियों को यह ज्ञान भी देती है कि किस प्रकार वे अपने दोस्तों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों व समुदाय के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कार्य कर सकते हैं।

(2) स्वास्थ्य शिक्षा कई प्रकार की बीमारियों के बचाव व रोकथाम के विषय में हमारी सहायता करती है। विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने के कारण, लक्षण, उनसे बचाव व इलाज के विषय में जानकारी स्वास्थ्य शिक्षा से ही मिलती है।

(3) स्वास्थ्य शिक्षा व्यक्ति में सामाजिक गुणों का विकास करके उसे अच्छा नागरिक बनाने में सहायक होती है। स्वास्थ्य शिक्षा जहाँ सर्वपक्षीय विकास करके अच्छा व्यक्तित्व निखारती है, वहीं इसके साथ-साथ यह और कई प्रकार के गुण; जैसे . सहयोग, त्याग-भावना, साहस, विश्वास, संवेगों पर नियंत्रण एवं सहनशीलता आदि का भी विकास करती है।

प्रश्न 4.
स्वस्थ व्यक्ति किसे कहते हैं? अच्छे स्वास्थ्य के कोई दो लाभ बताएँ। .
उत्तर:
स्वस्थ व्यक्ति-स्वस्थ व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों की बनावट और उनके कार्य ठीक-ठाक होते हैं। वह हर प्रकार के मनोवैज्ञानिक, मानसिक व सामाजिक तनावों से मुक्त होता है। केवल शारीरिक रोगों से मुक्त व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ नहीं होता, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति को रोग घटकों से भी मुक्त होना चाहिए।
अच्छे स्वास्थ्य के लाभ:
(1) अच्छे स्वास्थ्य से व्यक्ति का जीवन सुखमय व आनंदमय होता है।
(2) अच्छे स्वास्थ्य का न केवल व्यक्तिगत लाभ होता है, बल्कि इसका सामूहिक लाभ भी होता है। इसका समाज व देश पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अच्छे स्वास्थ्य वाला व्यक्ति ही देश के आर्थिक विकास में सहायक हो सकता है।

प्रश्न 5.
अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में स्वास्थ्य शिक्षा किस प्रकार सहायक होती है?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक तौर पर विकारों तथा तनावों को दूर करने की आवश्यकता है, परंतु भारतवर्ष में बहुत-से लोग इस बात से भी अनभिज्ञ हैं कि कौन-कौन-से रोग किस-किस कारण से होते हैं? उनकी रोकथाम कैसे की जा सकती है तथा उनके बचाव के क्या उपाय हैं? केवल रोगों के निदान से ही स्वास्थ्य कायम नहीं होता। इसके लिए बाह्य कारक; जैसे प्रदूषण तथा सूक्ष्म-जीवों के संक्रमण से भी बचाव अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य शिक्षा संतुलित आहार और उनमें पौष्टिक तत्त्व की कितनी-कितनी मात्रा होनी चाहिए आदि की जानकारी देने में हमारी सहायता करती है। स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा ही हमें किसी रोग के कारण, लक्षण और उनकी रोकथाम के उपायों का पता चलता है। स्वास्थ्य शिक्षा ही हमें पर्यावरण से संबंधित आवश्यक जानकारी देती है।

प्रश्न 6.
स्वास्थ्य शिक्षा के प्रमुख सिद्धांतों का उल्लेख करें।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं

  1. स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम व पाठ्यक्रम बच्चों की आयु और रुचि के अनुसार होना चाहिए।
  2. स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी देने का तरीका साधारण और जानकारी से भरपूर होना चाहिए।
  3. स्वास्थ्य शिक्षा पढ़ने-लिखने तक ही सीमित नहीं रखनी चाहिए अपितु उसकी प्राप्तियों के बारे में कार्यक्रम बनाने चाहिएँ।
  4. स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम छात्रों की आवश्यकताओं, इच्छाओं और पर्यावरण के अनुसार होना चाहिए।
  5. स्वास्थ्य शिक्षा में स्वास्थ्य के सभी पक्षों की विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए।

प्रश्न 7.
स्वास्थ्यपूर्ण विद्यालयी वातावरण हेतु किन मुख्य बातों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
स्वास्थ्यपूर्ण विद्यालयी वातावरण हेतु निम्नलिखित बातों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए

(1) अध्यापकों को अपना पाठ्यक्रम बच्चों की इच्छाओं, आवश्यकताओं एवं रुचियों के अनुसार बनाना चाहिए। इसके लिए अध्यापक को अपने अनुभव का प्रयोग करना चाहिए।
(2) बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यालय का भवन रेलवे स्टेशनों, सिनेमाघरों, कारखानों, यातायात सडकों आदि से दूर होना चाहिए।
(3) बच्चों के संपूर्ण विकास हेतु अध्यापकों एवं छात्रों में सहसंबंध होना चाहिए।
(4) विद्यालय की समय-सारणी का विभाजन छात्रों के स्तर के अनुसार होना चाहिए।

प्रश्न 8.
स्कूल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख उपाय या अभिकरण बताएँ। अथवा आजकल स्कूलों में बच्चों को अपने परिवेश के बारे में जागरूक बनाने हेतु अपनाए गए प्रमुख तरीके बताएँ।
उत्तर:
वर्तमान समय में स्कूलों में स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को जागरूक बनाने के लिए नए-नए तरीके या उपकरण अपनाए जा रहे हैं। इनका विवरण निम्नलिखित है
1. मेडिकल निरीक्षण:
अनेक स्कूल सर्वप्रथम तो उस समय निरीक्षण की माँग करते हैं, जब बच्चे स्कूल में प्रवेश पाते हैं और उसके बाद वे नियमित अंतराल के बाद मेडिकल निरीक्षण करवाने पर जोर डाल सकते हैं । इसके अंतर्गत वे शारीरिक माप, स्वास्थ्य जाँच, बोलने एवं सुनने की जाँच तथा खून की जाँच करवाते हैं। इसके अतिरिक्त दाँतों की देखभाल, संचरणीय रोगों के लक्षण, कारण एवं इसकी रोकथाम के उपायों आदि की जानकारी भी सेमिनारों के माध्यम से दी जाती है।

2. रोगों से मुक्ति के कार्यक्रम:
अधिकतर स्कूल अनेक रोगों से मुक्ति के कार्यक्रम चलाते हैं; जैसे पल्स पोलियो, टी०बी०, मलेरिया, हेपेटाइटिस-बी, चेचक आदि।

3. एड्स जागरूकता संबंधी कार्यक्रम:
स्कूल राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिकतर भयानक बीमारियों; जैसे एड्स को नियंत्रण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

4. प्राथमिक सहायता और आपातकालीन सेवाओं के पाठ्यक्रम:
स्कूलों के आधुनिक तरीकों के अंतर्गत विद्यार्थियों को कक्षाओं तथा पाठ्यक्रम के माध्यम से प्राथमिक सहायता तथा आपातकालीन सेवाओं की जानकारी दी जाती है।

प्रश्न 9.
स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार के प्रमुख उपाय बताएँ। उत्तर-स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं

  1. स्वास्थ्य शिक्षा का पाठ्यक्रम बच्चों की आवश्यकताओं एवं रुचियों के अनुसार होना चाहिए।
  2. स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रम व्यावहारिक जीवन से संबंधित होने चाहिएँ।
  3. स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत स्वास्थ्य संबंधी आदतें, पर्यावरण प्रदूषण, प्राथमिक उपचार, बीमारियों की रोकथाम आदि को चित्रों या फिल्मों की सहायता से समझाया या दिखाया जाना चाहिए।
  4. स्वास्थ्य शिक्षा में वाद-विवाद और भाषण आदि को अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
  5. स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत स्वास्थ्यपूर्ण कार्यक्रमों को अधिक-से-अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि बच्चों को नियमित डॉक्टरी जाँच और अन्य सुविधाओं से लाभ हो सके।
  6. स्वास्थ्य शिक्षा में उन सभी पक्षों को शामिल करना चाहिए, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक हों।

प्रश्न 10.
हमारे जीवन में अच्छे स्वास्थ्य की महत्ता या उपयोगिता पर प्रकाश डालिए। अथवा स्वास्थ्य (Health) का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य के बिना कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर सकता। अस्वस्थ व्यक्ति समाज की एक लाभदायक इकाई होते हुए भी बोझ बन जाता है। अतः स्वास्थ्य का हमारे जीवन में निम्नलिखित प्रकार से विशेष महत्त्व है

(1)स्वास्थ्य मानव व समाज का आधार स्तंभ है। यह असल में खुशी, सफलता और आनंदमयी जीवन की कुंजी है।
(2)अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी होते हैं।
(3) स्वास्थ्य के महत्त्व के बारे में अरस्तू ने कहा था-“स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है।” अतः इस कथन से भी हमारे जीवन में स्वास्थ्य की उपयोगिता व्यक्त हो जाती है।
(4) स्वास्थ्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को सुधारने व निखारने में सहायक होता है।
(5) स्वास्थ्य हमारे जीवन को उचित व संतुलित बनाने में सहायक होता है।
(6) किसी भी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य व आर्थिक विकास में प्रत्यक्ष संबंध पाया जाता है यदि किसी देश के नागरिक स्वस्थ होंगे तो आर्थिक विकास भी अच्छा होगा।

प्रश्न 11.
स्कूल के स्वास्थ्य कार्यक्रम में शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
स्कूल के स्वास्थ्य कार्यक्रम में शिक्षक निम्नलिखित प्रकार से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

  1. शिक्षक छात्रों को स्वास्थ्य कार्यक्रम की उपयोगिता बताकर उन्हें अपने स्वास्थ्य हेतु प्रेरित कर सकता है।
  2. वह छात्रों को व्यक्तिगत सफाई के लिए प्रेरित कर सकता है, ताकि छात्र स्वयं को नीरोग एवं स्वस्थ रख सकें।
  3. शिक्षक छात्रों को संक्रामक रोगों के कारणों एवं रोकथाम के उपायों की जानकारी दे सकता है।
  4. शिक्षक को चाहिए कि वह स्वास्थ्य शिक्षा की विषय-वस्तु से संबंधित विभिन्न सेमिनारों का आयोजन करे।
  5. वह छात्रों को अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करे।

प्रश्न 12.
स्वास्थ्य अनुदेशन या निर्देशन से आप क्या समझते हैं? अथवा विद्यालयी स्वास्थ्य निर्देशन पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
स्वास्थ्य निर्देशन का आशय है-स्कूल के बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी ऐसी जानकारी देना कि वे स्वयं को स्वस्थ एवं नीरोग बना सकें। स्वास्थ्य निर्देशन स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों एवं दृष्टिकोणों का विकास करते हैं। ये बच्चों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाते हैं । इनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराना है ताकि वे स्वयं को स्वस्थ रख सकें। स्वास्थ्य संबंधी निर्देशन में वे सभी बातें आ जाती हैं जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती हैं; जैसे अच्छी आदतें, सेहत को ठीक रखने के तरीके और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना आदि। शरीर की बनावट एवं संरचना, संक्रामक रोगों के लक्षण एवं कारण, इनकी रोकथाम या बचाव के उपायों के लिए बच्चों को फिल्मों या तस्वीरों आदि के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। स्वास्थ्य निर्देशन की जानकारी प्राप्त कर बच्चे अनावश्यक विकृतियों या कमजोरियों का शिकार होने से बच सकते हैं।

प्रश्न 13.
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा में क्या अंतर है?
उत्तर:
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा में परस्पर अटूट संबंध है। दोनों एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं, क्योंकि आज एक ओर जहाँ स्वास्थ्य शिक्षा को शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत पढ़ाया जाता है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य शिक्षा के अध्ययन में भी शारीरिक शिक्षा के पक्षों पर जोर दिया जाता है। फिर भी इनमें कुछ अंतर है। शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत शारीरिक गतिविधियों या क्रियाओं पर विशेष बल दिया जाता है, जबकि स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 14.
अभिभावकों को शिक्षित करके बच्चों में होने वाले रोगों की रोकथाम किस प्रकार की जा सकती है?
अथवा
माता-पिता किस प्रकार बच्चों की रोगों से बचाव हेतु सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
अभिभावकों को शिक्षित करके बच्चों में होने वाले रोगों की रोकथाम निम्नलिखित उपायों द्वारा की जा सकती है

  1. अभिभावकों को उचित एवं संतुलित आहार तथा विशेष परिस्थितियों में भोजन की आवश्यकताओं का ज्ञान कराने से बच्चों में कुपोषण से होने वाले रोगों की रोकथाम की जा सकती है।
  2. बच्चों के जन्म के समय मृत्यु होने की घटनाएँ बहुत अधिक होती हैं। इससे बचने के लिए गर्भवती स्त्री को गर्भकाल में पौष्टिक आहार देना चाहिए तथा टैटनस के टीके भी लगवाने चाहिएँ।
  3.  जन्म के बाद बच्चों में रोगों के कारण मृत्यु होने की घटनाएँ अधिक संख्या में होती हैं। इनकी रोकथाम के लिए आवश्यक है कि अभिभावक अपने बच्चों को समय-समय पर प्रतिरक्षी टीके लगवाएँ।
  4. बच्चों के रोगी होने का एक प्रमुख कारण माताओं द्वारा स्तनपान न कराना है। महिलाओं को यह ज्ञान कराना आवश्यक है कि बच्चे के लिए माँ का दूध सर्वोत्तम आहार है। इससे बच्चे को सभी पोषक तत्त्व तथा प्रतिजैविक पदार्थ प्राप्त होते हैं।
  5. अभिभावकों को विभिन्न रोगाणुओं से संक्रमण के तरीके तथा उनसे बचाव के उपायों की शिक्षा देकर भी बच्चों को इनसे होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है।

प्रश्न 15.
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महत्त्व पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
उत्तर:
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम से बच्चे अनेक बीमारियों की रोकथाम तथा उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य तथा स्वच्छता की जानकारी स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक है। स्कूल के दिनों में बच्चों में जिज्ञासा की प्रवृत्ति अति तीव्र होती है। उनकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए ये कार्यक्रम अति आवश्यक होते हैं। सभी स्कूली छात्र कक्षा के अनुसार समान आयु के होते हैं, इसलिए उनकी समस्याएँ भी लगभग एक-जैसी होती हैं और उनके निदान के प्रति दृष्टिकोण भी एक-जैसा ही होता है। इसलिए स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम सभी छात्रों के लिए समान रूप से उपयोगी होते हैं। स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को पोषक तत्त्वों एवं खनिज-लवणों की जानकारी की महत्ता बताई जाती है जो उनकी संपूर्ण जिंदगी में सहायक होती है। स्कूल के दिनों के दौरान विद्यालयी स्वास्थ्य कार्यक्रम अनेक अच्छी आदतों के निर्माण में सहायक हैं जो समाज के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 16.
स्कूल में स्वास्थ्य निर्देशन के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
स्कूल में स्वास्थ्य निर्देशन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. बच्चों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य की जानकारी देना।
  2. बच्चों को स्वास्थ्य के विषय में पर्याप्त ज्ञान देना।
  3. स्वास्थ्य संबंधी महत्त्वपूर्ण नियमों या सिद्धांतों की जानकारी देना।
  4. संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों की जानकारी देना।
  5. बच्चों को अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने हेतु प्रेरित करना।
  6. अच्छी आदतें एवं सेहत को ठीक रखने के उपाय बताना।

प्रश्न 17.
विद्यालयी स्वास्थ्य सेवाओं पर संक्षिप्त नोट लिखें। अथवा विद्यालयी स्वास्थ्य सेवाओं से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
छात्रों को शिक्षा देने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना भी विद्यालय का मुख्य उत्तरदायित्व माना जाता है। विद्यालयी स्वास्थ्य सेवाएँ, वे सेवाएँ हैं जिनके माध्यम से छात्रों के स्वास्थ्य की जाँच की जाती है और उनमें पाए जाने वाले दोषों से माता-पिता को अवगत करवाया जाता है ताकि समय रहते उन दोषों का उपचार किया जा सके। इन सेवाओं के अंतर्गत स्कूल के अन्य कर्मचारियों एवं अध्यापकों के स्वास्थ्य की भी जाँच की जाती है। इनके अंतर्गत छाों को स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा प्रदान की जाती है और उन्हें सभी प्रकार की बीमारियों के लक्षणों, कारणों, रोकथाम या बचाव के उपायों की जानकारी प्रदान की जाती है। स्कूल/विद्यालय में ऐसी सुविधाओं को विद्यालयी स्वास्थ्य सेवाएँ (School Health Services) कहा जाता है। आधुनिक युग में इन सेवाओं की बहुत आवश्यकता है।

प्रश्न 18.
प्रो० एण्डर्सन के अनुसार स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
प्रो० एण्डर्सन (Prof. Anderson) के अनुसार स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. सभी तरह के रोगों के कारणों व लक्षणों का पता लगाना तथा इलाज व रोकथाम के उपाय ढूंढना।
  2. छात्रों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को समझना।
  3. छात्रों का नियमित डॉक्टरी निरीक्षण करवाना।
  4. छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक परीक्षण देना।
  5. छात्रों में अपने स्वास्थ्य हेतु जागरूकता पैदा करना।
  6. छात्रों को पर्यावर्णिक स्वास्थ्य या आस-पास के स्वास्थ्य की महत्ता समझाना।
  7. छात्रों को व्यक्तिगत व पर्यावरण की स्वच्छता या सफाई की उपयोगिता बताना।
  8. छात्रों में स्वास्थ्य संबंधी अभिरुचियों का विकास करना।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न [Very Short Answer Type Questions]

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
स्वास्थ्य व्यक्ति का वह गुण है, जिसमें वह मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है तथा जिसके सभी शारीरिक संस्थान व्यवस्थित रूप से सुचारु होते हैं। इसका अर्थ न केवल बीमारी अथवा शारीरिक कमजोरी की अनुपस्थिति है, अपितु शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ होना भी है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति का मन या आत्मा प्रसन्नचित और शरीर रोग-मुक्त रहता है।

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प्रश्न 2.
स्वास्थ्य की कोई दो परिभाषा लिखें।
उत्तर:
(1) जे०एफ० विलियम्स के अनुसार, “स्वास्थ्य जीवन का वह गुण है, जिससे व्यक्ति दीर्घायु होकर उत्तम सेवाएँ प्रदान करता है।”
(2) विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, “स्वास्थ्य केवल रोग या विकृति की अनुपस्थिति को नहीं, बल्कि संपूर्ण शारीरिक, मानसिक व सामाजिक सुख की स्थिति को कहते हैं।”

प्रश्न 3.
विद्यालयी स्वास्थ्य कार्यक्रम के विभिन्न अंग कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:
(1) स्वास्थ्य सेवाएँ,
(2) स्वास्थ्यपूर्ण स्कूली वातावरण,
(3) स्वास्थ्य निर्देश।

प्रश्न 4.
सर्वपक्षीय विकास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सर्वपक्षीय विकास से अभिप्राय व्यक्ति के सभी पक्षों का विकास करना है। वह शारीरिक पक्ष से बलवान, मानसिक पक्ष से तेज़, भावात्मक पक्ष से संतुलित, बौद्धिक पक्ष से समझदार और सामाजिक पक्ष से स्वस्थ हो। सर्वपक्षीय विकास से व्यक्ति के व्यक्तित्व में बढ़ोत्तरी होती है। वह परिवार, समाज और राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है।

प्रश्न 5.
स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम मुख्यतः कैसे होने चाहिएँ?
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रम रुचिकर, मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद होने चाहिएँ, ताकि इनमें सभी बढ़-चढ़कर भाग ले सकें। ये बच्चों की रुचि, स्वास्थ्य के स्तर तथा वातावरण की आवश्यकता के अनुसार तथा व्यावहारिक भी होने चाहिएँ, ताकि इनसे स्वास्थ्य संबंधी सभी पहलुओं की उचित जानकारी प्राप्त हो सके।

प्रश्न 6.
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ लिखते हुए कोई एक परिभाषा लिखें।
अथवा
डॉ० थॉमस वुड के अनुसार स्वास्थ्य शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य शिक्षा मनुष्य को स्वास्थ्य के उन सभी मौलिक सिद्धांतों या पहलुओं के बारे में जानकारी देती है जो स्वस्थ जीवन के अच्छे ढंगों, आदतों और व्यवहार का निर्माण करके मनुष्य को आत्मनिर्भर बनने में सहायता करते हैं। डॉ० थॉमस वुड के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा उन अनुभवों का समूह है, जो व्यक्ति, समुदाय और सामाजिक स्वास्थ्य से संबंधित आदतों, व्यवहारों और ज्ञान को प्रभावित करते हैं।”

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प्रश्न 7.
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के आवश्यक कारक बताएँ।
उत्तर:
(1) व्यक्तिगत तथा पर्यावरण स्वच्छता,
(2) व्यायाम तथा उचित विश्राम,
(3) भोजन में पौष्टिक तत्त्व एवं खनिज-लवण,
(4) स्वच्छ भोजन व जल का उपयोग।

प्रश्न 8.
विद्यालयी स्वास्थ्य निर्देशन के कोई दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर:
(1) बच्चों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य की महत्ता की जानकारी देना,
(2) बच्चों को स्वास्थ्य के विषय में पर्याप्त ज्ञान देना।

प्रश्न 9.
स्वास्थ्यपूर्ण विद्यालयी जीवन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
स्वास्थ्यपूर्ण स्कूली जीवन का अर्थ है कि स्कूल में संपूर्ण स्वच्छ वातावरण का होना या ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिससे छात्रों की सभी क्षमताओं एवं योग्यताओं को विकसित किया जा सके। स्कूल का स्वच्छ वातावरण ही छात्रों के सामाजिक-भावनात्मक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और साथ-ही-साथ उन्हें अधिक-से-अधिक सीखने हेतु प्रेरित करता है।

प्रश्न 10.
स्वास्थ्य अनुदेशन के कोई दो मार्गदर्शक सिद्धांत बताइए।
उत्तर:
(1) स्वास्थ्य संबंधी किसी विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता करवाना।
(2) स्वास्थ्य के सभी पहलुओं से संबंधित साहित्य स्कूल पुस्तकालय में उपलब्ध करवाना।

प्रश्न 11.
विद्यालयी स्वास्थ्य सेवाओं के कोई तीन उद्देश्य लिखें।
उत्तर:
(1) छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना,
(2) उन्हें स्वास्थ्य के नियमों से अवगत कराना,
(3) उन्हें संक्रामक व असंक्रामक रोगों के कारणों और उनकी रोकथाम या बचाव के उपायों की जानकारी देना।

प्रश्न 12.
स्वस्थ व्यक्ति के कोई दो गुण लिखें।
उत्तर:
(1) स्वस्थ व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक एवं सुंदर होता है,
(2) वह चुस्त एवं फुर्तीला होता है।

प्रश्न 13.
पोषण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जीव की वृद्धि, विकास, अनुरक्षण एवं सभी सजीव प्रक्रमों को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक सभी पदार्थों (पोषकों) के अधिग्रहण को पोषण कहते हैं।

प्रश्न 14.
स्वस्थ व्यक्ति की क्या पहचान है?
अथवा
स्वस्थ व्यक्ति की मुख्य विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
(1) स्वस्थ व्यक्ति अपने सभी कार्य अच्छे से एवं तीव्रता से करने में समर्थ होता है।
(2) उसके शरीर में फूर्ति एवं लचकता होती है।
(3) उसके शारीरिक संस्थान सुचारु रूप से कार्य करते हैं और उनकी कार्यक्षमता अधिक होती है।
(4) उसका मन शांत और शरीर स्वस्थ होता है।

प्रश्न 15.
विद्यार्थियों के लिए स्वस्थ रहना क्यों अधिक महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
विद्यार्थी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करना होता है। शिक्षा प्राप्त करने हेतु विद्यार्थी का स्वास्थ्य बहुत महत्त्वपूर्ण होता है, इसलिए विद्यार्थियों के लिए स्वस्थ रहना अधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि अस्वस्थ विद्यार्थी के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन होता है। किसी ने ठीक ही लिखा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है। अच्छे स्वास्थ्य के द्वारा ही विद्यार्थी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। अच्छी शिक्षा प्राप्त करके वह देश के विकास में अपना योगदान देता है।

प्रश्न 16.
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं । स्कूल में जाने वाले बच्चे किसी राष्ट्र को सशक्त व मजबूत बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समस्त राष्ट्र का उत्तरदायित्व उनके कोमल कंधों पर टिका होता है। इसलिए स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य ही स्कूल प्रणाली का महत्त्वपूर्ण तथा प्राथमिक मुद्दा है। अतः स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम वह ग्रहणित प्रक्रिया है जिसको स्कूली स्वास्थ्य सेवाओं, स्वास्थ्यप्रद स्कूली जीवन और स्वास्थ्य निर्देश में बच्चों के स्वास्थ्य के विकास के लिए अपनाया जाता है।

HBSE 9th Class Physical Education स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]

प्रश्न 1.
“स्वास्थ प्रथम पूँजी है।” यह किसका कथन है?
उत्तर:
यह कथन इमर्जन का है।

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प्रश्न 2.
किसके बिना मानसिक स्वास्थ्य अधूरा है?
उत्तर:
शारीरिक स्वास्थ्य के बिना मानसिक स्वास्थ्य अधूरा है।

प्रश्न 3.
सोफी के अनुसार, स्वास्थ्य शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर:
सोफी के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े व्यवहार से संबंधित है।”

15 प्रश्न 4.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्वास्थ्य शिक्षा किसे कहते हैं?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रहने की स्थिति को कहते हैं न कि केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ या रोगमुक्त होने को।”

प्रश्न 5.
“स्वस्थ शरीर आत्मा का अतिथि-भवन और दुर्बल तथा रुग्ण शरीर आत्मा का कारागृह है।” यह कथन किसने कहा?
उत्तर:
यह कथन रोजर बेकन ने कहा।

प्रश्न 6.
“स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है।” यह कथन किसने कहा?
उत्तर:
यह कथन अरस्तू ने कहा।

प्रश्न 7.
किसी देश का कल्याण किसके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है?
उत्तर:
किसी देश का कल्याण उस देश के नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

प्रश्न 8.
स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत आने वाले कोई दो कार्यक्रमों के नाम बताएँ।
उत्तर:
(1) एड्स जागरूकता संबंधी कार्यक्रम,
(2) मेडिकल निरीक्षण कार्यक्रम।

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प्रश्न 9.
प्राचीनकाल में स्वास्थ्य शिक्षा का संबंध किससे था?
उत्तर:
प्राचीनकाल में स्वास्थ्य शिक्षा का संबंध स्वास्थ्य निर्देशन से था।

प्रश्न 10.
विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को मनाया जाता है।

प्रश्न 11.
‘प्रोटीन’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
उत्तर:
प्रोटीन’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम जे० बरजेलियास ने किया।

प्रश्न 12.
“एक कमजोर आदमी जिसका शरीर या मन कमजोर है वह कभी भी मजबूत काया का मालिक नहीं बन सकता।” यह कथन किसने कहा?
उत्तर:
यह कथन स्वामी विवेकानंद जी ने कहा।

प्रश्न 13.
W.H.O. का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
World Health Organisation

प्रश्न 14.
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम तीन प्रकार के होते हैं।

प्रश्न 15.
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी कोई एक समस्या बताएँ।
उत्तर:
डॉक्टरों व अस्पतालों का अभाव।

प्रश्न 16.
शहरों में स्वास्थ्य संबंधी प्रमुख समस्या क्या है?
उत्तर:
यातायात वाहनों की अधिकता के कारण प्रदूषण बढ़ना।

प्रश्न 17.
जन-साधारण को स्वास्थ्य-संबंधी उपयोगी जानकारी देने वाले माध्यम या साधन बताएँ।
उत्तर:
टेलीविजन, रेडियो, वार्तालाप, भाषण, अखबार आदि।

प्रश्न 18.
अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन कैसा होता है?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन शांत एवं सुखमय होता है।

प्रश्न 19.
आनन्दमय जीवन की कुंजी क्या है?
उत्तर:
आनन्दमय जीवन (Felicitious Life) की कुंजी स्वस्थ शरीर अर्थात् स्वास्थ्य है।

प्रश्न 20.
वंशानुक्रम क्या है? उत्तर-जो गुण या विशेषता हम अपने जन्म के समय प्राप्त करते हैं, उसे ही वंशानुक्रम कहते हैं।

प्रश्न 21.
स्वास्थ्य का कोई एक पहलू बताएँ।
उत्तर:
शारीरिक स्वास्थ्य।

प्रश्न 22.
मानसिक स्वास्थ्य का क्या अर्थ है?
उत्तर:
दबाव व तनाव से मुक्ति।

बहुविकल्पीय प्रश्न [Multiple Choice Questions]

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य का शाब्दिक अर्थ है
(A) स्वस्थ शरीर
(B) स्वस्थ दिमाग
(C) स्वस्थ आत्मा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 2.
स्वास्थ्य हृष्ट-पुष्ट होने की एक दशा है।” यह कथन किसके अनुसार है?
(A) यूनिसेफ के
(B) विश्व स्वास्थ्य संगठन के
(C) अंग्रेज़ी पद के
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अंग्रेजी पद के

प्रश्न 3.
स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम किसको ध्यान में रखकर तय करना चाहिए?
(A) बच्चों की आयु और लिंग को
(B) बच्चे के स्वास्थ्य को
(C) बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्तर को
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4.
“स्वास्थ्य ही असली धन है, न कि सोने एवं चाँदी के टुकड़े।” यह कथन है
(A) महात्मा गाँधी का
(B) डॉ० थॉमस वुड का
(C) हरबर्ट स्पेंसर का
(D) जे०एफ०विलियम्स का
उत्तर:
(A) महात्मा गाँधी का

प्रश्न 5.
स्कूल स्वास्थ्य के चरण हैं
(A) स्वास्थ्य सेवाएँ
(B) स्कूली वातावरण
(C) स्वास्थ्य निर्देश
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 6.
स्वास्थ्य के आयाम हैं
(A) शारीरिक स्वास्थ्य
(B) मानसिक स्वास्थ्य
(C) सामाजिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 7.
किसने स्वास्थ्य को प्रथम पूँजी’ कहा?
(A) स्वामी विवेकानंद ने
(B) इमर्जन ने
(C) गाँधी जी ने
(D) डॉ० थॉमस वुड ने
उत्तर:
(B) इमर्जन ने

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प्रश्न 8.
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य हैं
(A) स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान देना
(B) उचित मार्गदर्शन करना
(C) स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों का विकास करना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 9.
प्राचीनकाल में स्वास्थ्य शिक्षा का संबंध किससे था?
(A) स्वास्थ्य सेवाओं से
(B) स्वास्थ्य अनुदेशन से
(C) स्वास्थ्य निरीक्षण से
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) स्वास्थ्य अनुदेशन से

प्रश्न 10.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
(A) न्यूयार्क में
(B) पेरिस में
(C) जेनेवा में
(D) लंदन में
उत्तर:
(C) जेनेवा में

प्रश्न 11.
साधारण जनता को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है
(A) रेडियो द्वारा
(B) टेलीविजन द्वारा
(C) अखबार द्वारा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 12.
स्कूल स्वास्थ्य प्रणाली का सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्राथमिक मुद्दा है
(A) स्कूल का प्रबंधन
(B) बच्चों का स्वास्थ्य
(C) बच्चों की पढ़ाई
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) बच्चों का स्वास्थ्य

प्रश्न 13.
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम मुख्यतः कितने प्रकार का होता है?
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 5.
उत्तर:
(B) 3

प्रश्न 14.
स्वास्थ्य शिक्षा का कार्यक्रम होना चाहिए
(A) रुचिपूर्ण
(B) शिक्षा से भरपूर
(C) मनोरंजनात्मक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

HBSE 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व

प्रश्न 15.
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उत्तरदायी कारक है
(A) व्यक्तिगत तथा घरेलू स्वच्छता
(B) व्यायाम तथा विश्राम
(C) संतुलित व पौष्टिक आहार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 16.
विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है?
(A) 7 अप्रैल को
(B) 8 मार्च को
(C) 14 अप्रैल को
(D) 15 मार्च को
उत्तर:
(A) 7 अप्रैल को

प्रश्न 17.
W.H.0. का पूरा नाम है
(A) Organisation of World Health
(B) World Health Organisation
(C) World Healthy Organisation
(D) Health World Organisation
उत्तर:
(B) World Health Organisation

प्रश्न 18.
व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक क्षमता की पूर्णरूपेण समन्वित स्थिति को क्या कहते हैं?
(A) स्वास्थ्य
(B) स्वस्थता
(C) सुयोग्यता
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) स्वास्थ्य

स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व Summary

स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व परिचय

स्वास्थ्य (Health):
अच्छा स्वास्थ्य होना जीवन की सफलता के लिए बहुत आवश्यक है, क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य से कोई व्यक्ति किसी निर्धारित उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल हो सकता है। आरोग्य व्यक्ति को स्वस्थ कहना बहुत बड़ी भूल है। स्वस्थ व्यक्ति उसे कहा जाता है जिसकी सभी शारीरिक प्रणालियाँ ठीक ढंग से कार्य करती हों और वह स्वयं को वातावरण के अनुसार ढालने में सक्षम हो। प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है। कुछ लोगों के लिए यह बीमारी से छुटकारा है तो कुछ के लिए शरीर और दिमाग का सुचारु रूप से कार्य करना। स्वास्थ्य का शाब्दिक अर्थ स्वस्थ शरीर, दिमाग तथा मन से चुस्त-दुरुस्त होने की अवस्था है, विशेष रूप से किसी बीमारी या रोग से मुक्त होना है। अत: स्वास्थ्य कोई लक्ष्य नहीं, बल्कि जीवन में उपलब्धि प्राप्त करने का साधन है। महात्मा गौतम बुद्ध (Mahatma Gautam Budh) ने स्वास्थ्य के बारे में कहा- “हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें अन्यथा हम अपने मन को सक्षम और शुद्ध नहीं रख पाएंगे।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-W.H.O.):
के अनुसार, “स्वास्थ्य केवल रोग या विकृति की अनुपस्थिति को नहीं, बल्कि संपूर्ण शारीरिक, मानसिक व सामाजिक सुख की स्थिति को कहते हैं।” अतः स्वास्थ्य के नए दर्शन-शास्त्र को निम्नलिखित बातों से समझा जा सकता है

(1) स्वास्थ्य एक आधारभूत अधिकार है।
(2) स्वास्थ्य समस्त संसार का सामाजिक ध्येय है।
(3) स्वास्थ्य विकास का अभिन्न अंग है।
(4) स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता की धारणा का केंद्र बिंदु है।

स्वास्थ्य शिक्षा (Health Education):
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ उन सभी आदतों से है जो किसी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान देती हैं। इसका संबंध मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से है। यह शिक्षा मनुष्य को स्वास्थ्य के उन सभी मौलिक सिद्धांतों के बारे में जानकारी देती है जो स्वस्थ जीवन के अच्छे ढंगों, आदतों और व्यवहार का निर्माण करके मनुष्य को आत्म-निर्भर बनाने में सहायता करते हैं। अत: यह एक ऐसी शिक्षा है जिसके बिना मनुष्य की सारी शिक्षा अधूरी रह जाती है।

डॉ० थॉमस वुड (Dr. Thomas Wood):
के अनुसार, “स्वास्थ्य शिक्षा उन अनुभवों का समूह है, जो व्यक्ति, समुदाय और सामाजिक स्वास्थ्य से संबंधित आदतों, व्यवहारों और ज्ञान को प्रभावित करते हैं।”

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HBSE 9th Class Physical Education Solutions Haryana Board

Haryana Board HBSE 9th Class Physical Education Solutions

HBSE 9th Class Physical Education Solutions in Hindi Medium

HBSE 9th Class Physical Education Solutions in English Medium

  • Chapter 1 Meaning and Importance of Health Education
  • Chapter 2 Meaning and Importance of Personal Health
  • Chapter 3 Meaning, Aims and Objectives of Physical Education
  • Chapter 4 Role of Physical Education in the Development of Individual and Society
  • Chapter 5 Meaning, Definition and Values of Yoga
  • Chapter 6 Role of Various Competitive Games & Sports in Physical Education
  • Chapter 7 Effects of Drinking, Smoking and Abuses of Drugs
  • Chapter 8 Safety Education and First Aid

HBSE 9th Class Physical Education Question Paper Design

Class: 9th
Subject: Health & Physical Education
Paper: Annual or Supplementary
Marks: 60
Time: 3 Hours

1. Weightage to Objectives:

ObjectiveKUATotal
Percentage of Marks403525100
Marks24211560

2. Weightage to Form of Questions:

Forms of QuestionsESAVSAOTotal
No. of Questions3761228
Marks Allotted1521121260
Estimated Time70702515180

3. Weightage to Content:

Units/Sub-UnitsMarks
1. Meaning & Importance of Health Education11
2. Meaning & Importance of Personal Health6
3. Meaning, aims and objectives of Physical Education7
4. Role of Physical Education in the development of Individual and Society7
5. Meaning, Definition and Values of Yoga9
6. Role of Various Competitive Games and Sports in Physical Education4
7. Effects of Drinks, Smoking and Abuse of Drugs7
8. Safety Education and First Aid9
Total60

4. Scheme of Sections:

5. Scheme of Options: Internal Choice in Long Answer Question, i.e. Essay Type

6. Difficulty Level:
Difficult: 10% marks
Average: 50% marks
Easy: 40% marks

Abbreviations: K(Knowledge), U(Understanding), A(Application), S(Skill), E(Essay Type), SA(Short Answer Type), VSA(Very Short Answer Type), O(Objective Type).

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HBSE 9th Class English Unseen Passages

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Unseen Passages Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Unseen Passages

इस प्रश्न में एक Para दिया होगा। विद्यार्थियों को उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

COMPREHENSION के प्रश्न को किस प्रकार हल किया जाए?
Comprehension का प्रश्न हल करते समय निम्नलिखित कुछ नियमों को ध्यान में रखो।
1. Passage को ध्यान से पढ़ो और उसे अच्छी प्रकार समझो। अगर कुछ शब्दों के सही अर्थ आप को पता नहीं लग रहे तो भी ध्यान से पढ़ने पर passage का भाव आप को समझ आ जाएगा।
2. पूरे Passage का भाव या Main idea समझो-देखो कि लेखक क्या कहना चाहता है।
3. सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़ो और समझो कि उनमें क्या पूछा गया है।
4. अब Passage में जहाँ-जहाँ इन प्रश्नों के उत्तर हैं, वहाँ निशान लगा लो।
5. प्रत्येक प्रश्न के अंत में उत्तर के चार विकल्प दिए होंगे। विद्यार्थी को उन विकल्पों में से सही उत्तर को छाँटना है।
6. बार-बार विकल्पों को मत बदलिए।

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

What is Comprehension?
Comprehension का अर्थ है किसी बात को अच्छी प्रकार समझना। Comprehension के पैराग्राफ के नीचे दिए गए प्रश्न इस बात को परखने के लिए होते हैं कि आपने उस पैराग्राफ को कितनी अच्छी तरह से समझा है।
इस प्रश्न के उत्तर में छात्र प्रायः दो गलतियाँ करते हैं-
(a) वे पैराग्राफ को अच्छी तरह पढ़ते नहीं हैं और
(b) वे प्रश्नों का उत्तर अपनी भाषा में नहीं देते हैं। वे प्रश्नों के उत्तर बिना भाषा बदले Passage में से नकल कर लेते हैं, चाहे वे ठीक या सही न भी बैठे।

Comprehension का प्रश्न हल करते समय निम्नलिखित कुछ नियमों को ध्यान में रखें-
1. Passage को ध्यान से पढ़ो और उसे अच्छी प्रकार समझो। अगर कुछ शब्दों के सही अर्थ आपको पता नहीं लग रहे
तो भी ध्यान से पढ़ने पर Passage का भाव आपको समझ आ जाएगा।
2. पूरे Passage का भाव या main idea समझो और देखो कि लेखक क्या कहना चाहता है।
3. अब सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़ो और समझो कि उनमें क्या पूछा गया है।
4. अब Passage में जहाँ-जहाँ इन प्रश्नों के उत्तर हैं, वहाँ निशान लगा लो।
5. अब इन प्रश्नों के उत्तर उत्तरपुस्तिका में अपनी भाषा में लिख दीजिए।
6. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर उसी Tense में दो जिस Tense में यह पूछा गया है अर्थात् यदि प्रश्न में do लगा होता है तो
उत्तर verb की Ist form में देते हैं। यदि प्रश्न में does लगा होता है तो उत्तर verb की Ist form + s/es के साथ देते
हैं और यदि प्रश्न में did लगा होता है तो उत्तर verb की 2nd form में देते हैं।
7. प्रश्नों के उत्तर सटीक (To the point) होने चाहिएँ। जो कुछ पूछा गया है, केवल उसी का उत्तर दो। व्यर्थ की बातें मत लिखें।
8. यदि Passage का शीर्षक देने को कहा गया हो तो शीर्षक संक्षिप्त होना चाहिए और उस Passage के theme पर आधास्ति होना चाहिए।
9. उत्तर लिखते समय लिखाई का विशेष ध्यान रखें तथा cutting और overwriting न करें।
10. सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार दें।

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Some Solved Examples

Read the following passages and answer the questions given at the end of each :

Passage 1

The elephant, the largest living land animal on earth has interested man from time immemorial. Its immense size, strength and intelligence has played a very important role in the economy, culture and religion of the country where it is found. Over the past 40 million years, more than 600 species of elephants have roamed the earth. Changes in climate and vegetation caused the extinction of many elephant species. The growth of human civilization also added to their suffering. Today only two species are alive—the African elephant and the Asian elephant. They not only inhabit different geographical regions, but also have distinct physical characteristics. Asian elephants are smaller in size than the African elephants. They are more easily tamed than their larger and wilder African counterparts. In fact humans have used the docile Asian elephants for over 5000 years as beasts of burden, in warfare, and in ceremonial activities.
Questions:
(a) What qualities of an elephant help it to play an important role in the economy of a Country ?
(b) Which species of elephants have survived till today ?
(c) Differentiate between African and Asian elephants. (Give any two points)
(d) Mention any two uses of elephants.
(e) Which word from the passage means ‘domesticated’ ?
Answers:
(a) Its immense size, strength and intelligence help it to play an important role in the economy of a country.
(b) Only two species of elephants—the African elephant and the Asian elephant have survived till today.
(c) (i) The Asian elephants are smaller in size than the African elephants.
(ii) The Asian elephants are more easily tamed than the African elephants.
(d) (i) Elephants are used for carrying burden.
(ii) Elephants are used in ceremonial activities.
(e) tamed

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 2

Junk food is a term describing food that is perceived to be unhealthy or having poor nutritional value, according to Food Standards Agency. The term is believed to have been coined by Michael Jacobson, Director of the Center for Science in the Public Interest in 1972. The term has since become common usage.

Junk food typically contains high levels of fat, salt or sugar and numerous food additives such as monosodium glutamate and tartrazine; at the same time, it is lacking in proteins, vitamins and fiber, among others. It is popular with suppliers because it is relatively cheap to manufacture, has a long shelf life and may not require refrigeration. It is popular with consumers because it is easy to purchase, requires little or no preparation, is convenient to consume and has lots of flavour. Consumption of junk food is associated with obesity, heart disease, Type 2 diabetes and dental cavities. There is also concern about the targeting of marketing at children.
Questions:
(a) What is Junk Food ?
(b) Who coined the term‘Junk Food’?
(c) What does Junk Food lack in ?
(d) Why is Junk Food popular with suppliers ?
(e) Why is Junk Food popular with consumers ?
(f) Find a word in the passage that means‘Many’.
Answers :
(a) Junk food is a term describing food that is perceived to be unhealthy or having poor nutritional value.
(b) Michael Jacobson, Director of the Center for Science in the Public Interest coined the term ‘Junk food’.
(c) Junk food lacks in proteins, vitamins and fiber.
(d) It is popular with suppliers because it is relatively cheap to manufacture, has a long shelf life and may not require refrigeration.
(e) It is popular with consumers because it is easy to purchase, requires little or no preparation, is convenient to consume and has lots of flavour.
(f) Lots of.

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 3

Late in the afternoon, Swami Vivekananda spoke in the great meeting. He was dressed in the yellow robes of a Sanyasi. When he came and stood before the people, they were charmed by his appearance. He was silent for some time and then he felt a divine power in him. He began his speech. He addressed the gathering as ‘Sisters and Brothers of America.’ People clapped their hands and gave him hearty cheers. When the clapping ceased, Swami spoke on Hinduism. He said that the religion of the world were the same. They were all true. Only the paths leading to the goal were different. He also said that Hinduism regards every man, woman and child as a part of God. To a Hindu, the service of man is the true service of God.
Questions:
(a) What time did Vivekananda give his speech ?
(b) What did Swami say about the religions of the world ?
(c) What did he feel in him before his speech ?
(d) What did Swami say about all the religions of the world ?
(e) What did Swami Vivekananda say about Hinduism ?
(f) Find in the passage a word that means ‘stopped’.
Answers:
(a) Vivekananda gave his speech late in the afternoon.
(b) He said that all religions of the world were the same.
(c) He felt a divine power in him before his speech.
(d) He said that all the religions were true. Only the paths leading to the goal were different.
(e) He said that Hinduism regards every man, woman and child as a part of God.
(f) ‘ceased’.

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 4

People often curse poverty as a great evil, and it seems to be an accepted belief that if people only had plenty of money, they would be happy and useful and get more out of life. But the reality is that while palaces give a comfortable life, peace and contentment dwell in cottages. I always pity the sons and daughters of rich parents who are attended by servants and governesses. It is because I know how sweet and happy and pure the home of honest poverty is and how loving and united the members of poor families are in common interests. It is for these reasons that so many strong, eminent and self-reliant men have always sprung from poor families.
Questions :
(a) Why do people want to have plenty of money?
(b) Why have so many strong, eminent and self-reliant men sprung from poor families?
(c) How do people curse poverty? ‘
(d) From where have most of the famous men come?
(e) What does a cottage life give us?
(f) Find the words from the passage having the same meanings as :
(i) live (ii) satisfaction.
Answer:
(a) They think that if they had plenty of money, they would live happily.
(b) The cottages of the poor people have honesty, peace and contentment. Their members love each other. So strong and self-reliant men have sprung from these cottages.
(c) People curse poverty as a great evil.
(d) They have come from the cottages of the poor.
(e) A cottage life gives us contentment.
(f) (i) dwell (ii) contentment.

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 5

The great advantage of early rising is the good start it gives us to our day’s work. The early riser has done a large amount of hard work before other men have got out of bed. In the early morning the mind is fresh, and there are few sounds or other distractions, so the work done at that time is generally well done.

In many cases the early riser also finds time to take some exercise in the fresh morning air, and this exercise supplies him with a fund of energy that will last until the evening. By begining so early, he knows that he has plenty of time to do thoroughly all the work he can be expected to do, and is not tempted to hurry over any part of it.

All his work being finished in good time, he has a long interval of rest in the evening before the timely hour when he goes to bed. He gets to sleep several hours before midnight, at the time when sleep is most refreshing, and after a sound night’s rest rises, early next morning in good health and spirits for the labours of a new day.
Questions :
(a) How is early morning different from other hours of the day?
(b) Why is the early riser not tempted to hurry over his day’s work?
(c) What enables the early riser to go to bed at the proper time?
(d) What are the advantages of going to sleep well before midnight?
(e) How does an early riser find himself for the day’s work?
(f) Find words from the passage having the same meaning as :
(i) utility or use (ii) something that disturbs.
Answer:
(a)In the early morning, the air is fresh and there is no disturbance.
(b) As he has plenty of time, he is not tempted to hurry over his day’s work.
(c) His day’s work is completed in time. This enables an early riser to go to bed at the proper time.
(d) At that time the sleep is most refreshing.
(f) An early riser finds himself in good health and spirits for the labour of a new day.
(i) advantage (ii) distraction.

Passage 6

Rabindra Nath Tagore raised the stature of our country in the eyes of the world. A versatile genius, a literary artist, an educator, a composer, a singer, an actor, R. N. Tagore had all gifts of Nature and fortune in his favours. Bom in a renowned Hindu family, R.N. Tagore pleaded not only for concord with the past but also for freedom from the past. All healthy growth needs continuity and change. We are not free unless our minds are liberated from dead forms, tyrannical restrictions and crippling social habits. Tagore condemned the corruption of many of our social practices. He believed that the essence of life was perpetual renewal and rededication to self development.
Questions: .
(a) Who raised the stature of our country in the eyes of the world ?
(b) Rabindra Nath Tagore was a versatile genius. How ?
(c) What are the essentials of healthy growth according to him ?
(d) When can we be termed as free ?
(e) What is the essence of life according to R.N. Tagore ?
(f) Pick out a word from the passage that means‘Everlasting’.
Answers: .
(a) Rabindra Nath Tagore raised the stature of our country in the eyes of the world.
(b) He was a versatile genius, a literary artist, an educator, a composer, a singer, an actor.
(c) According to Rabindra Nath Tagore, continuity and change are the essentials of healthy growth.
(d) We are not free unless our minds are liberated from dead forms, tyrannical restrictions and crippling social habits.
(e) He believed that the essence of life was perpetual renewal and rededication to self development.
(f) Perpetual.

Passage 7

He saw a most wonderful sight. Through a little hole in the wall the children had crept in, and they were sitting in the branches of the trees. In every tree that he could see there was a little child. And the trees were so glad to have the children back again that they had covered themselves with blossoms and were waving their arms gently above the children’s heads. The birds were flying about and twittering with delight, and the flowers were looking through the green grass and laughing. It was a lovely scene. Only in one comer, it was still winter. It was the farthest comer of the garden, and in it was standing a little boy. He was so small that he could not reach upto the branches of the tree, and he was wandering all around it, crying bitterly. The poor tree was still covered with frost and snow, and the North Wind was blowing and roaring about it. “Climb up ! little boy”, said the tree and it bent its branches as low as it could, but the boy was too tiny.
Questions :
(a) How had the children entered the garden?
(b) Why were the trees so happy?
(c) Why was there still winter in one comer of the garden ?
(d) Why couldn’t the little boy climb up the tree?
(e) What was the North wind doing?
(f) Find out the words from the passage which mean :
(i) chirping (ii) joy.
Answers :
(a) The children had entered the garden through a hole in the wall.
(b) The trees were happy because the children had come back.
(c) There was still winter in one comer because a small boy was standing there. He could not climb the tree.
(d) The little boy couldn’t climb the tree because he was too small.
(e) The North wind was blowing and roaring.
(f) (i) twittering (ii) delight.

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 8

Once there lived a slave in Greece. His name was Androcles. He worked very hard, but his master was very cruel to him. He was badly treated by his master. He was sick of life. He ran away to the forest. He was dead tired so he lay down to rest. Suddenly, he heard the roar of a lion. He was frightened. The lion came towards him. He seemed to be in great pain. The slave saw a big thorn in the lion’s paw. He pulled out the thorn. The lion felt relieved and began to lick the slave’s feet. A few days later, the slave was arrested by his master. He ordered that the slave be thrown before a hungry lion. A big crowd assembled to see the cruel act. The lion was let loose. It recognised Androcles and began to lick his hands. Every one was surprised. Androcles related the whole story and he was set free.
Questions :
(a) Why was the slave sick of life?
(b) Why did the lion cry with pain?
(c) When did the lion feel relieved?
(d) How did the lion thank the slave?
(e) Why did the slave lie down?
(f) Make nouns from : (i) lived (ii) hungry.
Answers:
(a) He was sick of life because he worked hard but his master was very cruel.
(b) The lion cried with pain because it had a thorn in its paw.
(c) The lion felt relieved when the slave pulled out the thorn.
(d) The lion thanked the slave by licking his feet.
(e) He was dead tired so he lay down to rest.
(f) (i) Livelihood (ii) Hunger.

Passage 9

Cheating in examination is a major defect of our education system. The cheating had become so common that students consider it their birthright to use unfair means in the examination. The root cause of this evil lies in our schools. Short-cuts have replaced hard labour. Guides and notes are encouraged in place of textbooks. In all schools examinations, except the Middle and Matric examination, teachers show leniency to the students and pass most of them. Sometimes, even the parents are at fault. They get their undeserving wards promoted to higher class. The students don’t cultivate the habit of self-study and hard work. Then in the Board Examination, students resort to copying. The teachers on duty encourage the students to use unfair means to pass the examinations. The desire to show good results motivates them to adopt wrong methods.
Questions:
(a) What is the major defect of our education system ?
(b) What do students feel about using unfair means in the examination ?
(c) What is used in place of textbooks ?
(d) What leniency do the teachers show ?
(e) Why do teachers encourage the students to use unfair means ?
(f) Which word in the passage means ‘to make use of’?
Answers:
(a) Cheating in examination is the major defect of our education system.
(b) They consider it their birthright to use unfair means in the examination.
(c) Guides and notes are used in place of textbooks.
(d) In non-board classes the teachers pass most of the students.
(e) They do so with the desire to show good results.
(f) ‘adopt’.

HBSE Class 9 English Composition Unseen Passages

Passage 10

The present system of education does not teach us the dignity of labour. A student is not taught or trained to do things with his hands. Manual or physical labour finds no place in education. Educated young men are fit only to be clerks in offices. They look down upon manual labour. They consider it below their dignity to work with their hands in fields or factories.

Vocational education is the need of the hour. We need more and more technicians, engineers and doctors. But, the number of vocational institutions — Engineering and Medical Colleges, Polytechnics and ITI’s is limited. A large number of young men and women, who can do well as technicians, are deprived of technical or vocational training.

The present system of education gives too much importance to English. At many places, it is the medium of instruction. English may be an international language. It may have rich treasures of science and literature. But it can never be our national language. Education must be imparted in the mother tongue. This will save much talent of the country from going waste.
Questions:
(a) What is the greatest drawback of the present system of education ?
(b) What is the need of the hour ?
(c) What is vocational education ?
(d) What should be the medium of instruction in educational institutions ?
(e) Find a word from the passage which means ‘to give
Answers:
(a) The present system of education does not teach us the dignity of labour.
(b) Vocational education is the need of the hour.
(c) The education of engineering and medical is vocational education.
(d) Mother tongue should be the medium of instruction in educational institutions.
(e) imparted.

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HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Grammar Transformation of Sentences  Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

वाक्य के एक रूप को दूसरे रूप में परिवर्तित करना Transformation of sentences कहलाता है। Transformation के निम्न रूप हैं-
1. Simple sentences to Interrogative Sentences.
2. Simple sentences to complex sentences.
3. Simple sentences to compound sentences.
4. Complex sentences to compound sentences.
5. Compound sentences to complex sentences.

  • Affirmative Sentence (साधारण वाक्य):

An affirmative sentence makes a statement. It often starts with a noun or pronoun. It ends with a full stop. An affirmative sentence can be positive or negative.
(एक साधारण वाक्य किसी कथन का वर्णन करता है। यह प्रायः किसी noun या pronoun के साथ आरम्भ होता है। यह Full stop के साथ समाप्त होता है। एक साधारण वाक्य सकारात्मक और नकारात्मक हो सकता है।)

  • Interrogative Sentences (प्रश्नवाचक वाक्य):

An Interrogative sentence asks questions. It ends with a question mark (?) (प्रश्नवाचक वाक्यों में प्रश्न पूछे जाते हैं। इन वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिहून लगता है।)

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

1. प्रश्नवाचक वाक्य दो प्रकार के होते हैं-
प्रश्नवाचक प्रश्नों से शुरू होने वाले वाक्य

Question word + Helping verb + Noun/Pronoun + Verb…?
Img 1

Change Of Affirmative Sentences To Interrogative Sentences

1. Present Indefinite Tense
Noun/Pronoun + verb + object → Helping verb + Noun/Pronoun + verb + object ? यदि Affirmative sentence में verb की Ist form लगी है तो Interrogative sentence को Do से आरम्भ करते हैं। जैसे

You make a noise. → Do you make a noise ?
They play football. → Do they play football ?
The girls perform good dance. → Do the girls perform good dance ?
We wiir the match. → Do we win the match ?
Mohan and Sohan read in 8th class. → Do Mohan and Sohan read in 8th class ?
यदि Affirmative sentence में verb की Ist form के साथ s/es लगा है तो Interrogative sentences को Does से शुरू करते हैं; जैसे-

He sings a song. → Does he sing a song ?
Mohan reads in 8th class. → Does Mohan read in 8th class ?
The teacher teaches a poem. → Does the teacher teach a poem ?
She does not tell a lie. → Doesn’t she tell a lie ?
He runs a race. → Does he run a race ?
I saw a snake. → Did I see a snake ?
You played a joke. → Did you play a joke ?
The teacher taught a poem. → Did the teacher teach a poem ?
They made a mistake. → Did they make a mistake ?
You met me at the station. → Did you meet me at the station ?
Tense से संबंधित शेष वाक्यों को निम्न ढंग से Affirmative से Interrogative में बदलते हैं।
Img 2

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Miscellaneous Exercises

Exercise 1

1. She is making a doll ?
2. They were not coming.
3. I shall do it for you.
4. Radha will paint a picture.
5. He did not tell a lie.
6. I do not make false excuses.
7. She has done her work.
8. You have spoiled my chance.
9. You should go there.
10. He can solve this sum.
Answers:
1. Is she making a doll ?
2. Were they not coming ?
3. Shall I do it for you ?
4. Will Radha paint a picture ?
5. Didn’t he tell a lie ?
6. Don’t I make false excuses ?
7. Has she done her work ?
8. Have you spoiled my chance ?
9. Should you go there ?
10. Can he solve this sum ?

Exercise 2

1. He has told me to leave.
2. He is my best friend.
3. She respects her teachers.
4. I pray to God daily.
5. She hasn’t come yet.
6. They haven’t sent any response.
7. She will be waiting for you. .
8. It has been raining since Monday.
9. He loves me.
10. They honoured the teacher.
Answers:
1. Has he told me to leave ?
2. Is he my best friend ?
3. Does she respect her teachers ?
4. Do I pray to God daily ?
5. Has she not come yet ?
6. Have they not sent any response ?
7. Will she be waiting for you ?
8. Has it been raining since Monday ?
9. Does he love me ?
10. Did they honour the teacher ?

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Types of Sentences:

There are three types of sentences:
Img 3

What is a finite verb?
The verb which is limited by tense, number or person of the subject is called a finite verb.
(जो क्रिया काल, वचन तथा कर्ता के पुरुष से सीमित हो जाती है, उसे finite verb कहते हैं।)

He goes to school.
I am going to school.
I do not go to school.
He does not go to school.

(उपरोक्त सभी वाक्यों में goes, am, do, does आदि सभी finite verbs हैं। ये वचन, काल तथा कर्ता के पुरुष के बदलने के साथ बदलते हैं।)

One finite verb is necessary for one predication.
वाक्य को भागों में बाँटा जा सकता है। Subject तथा Predicate, Subject के बारे में जो कुछ कहा जाए उसे Predicate कहा जाता है।

Whatever is said about the subject is called predicate.
He/does not want to go to school.
He = Subject
does not want to go to school = Predicate
Finite Verb = does

One finite verb = One Predicate = Simple sentence.
In a simple sentence, there is only one Predicate. So there is only one finite verb in it.
एक Simple sentence में एक ही Predicate होता है। इसलिए उसमें एक ही finite verb होता है।

Two finite verbs = Two Predicates = Complex or Compound sentence.
दो Predicates में दो ही finite verbs होंगे। वाक्य या तो complex होगा या फिर compound.

(i) He worked hard so that he could score high marks.
Finite verbs = (i) worked (ii) could
Predicates = (i) worked hard (ii) could score high marks
Sentence = Complex

(ii) (You) Work hard otherwise you will fail.
Finite verbs = (i) work (ii) will

Predicates = (i) work hard (ii) will fail

Sentence = Compound

A Complex sentence has—
(i) One Principal Clause
(ii) One or more Subordinate clause/clauses.

(i) Principal Clause = main clause = independent clause
This clause does not depend on the other clause for its meaning.

(यह clause अपने अर्थ के लिए किसी दूसरी clause पर निभर नहीं करता ।)
(ii) Subordinate Clause = Dependent Clause.
This clause depends on the Principal Clause for its meaning. clause

He will not succeed if he does not work hard.
(i) He will not succeed → Principal Clause
(ii) If he does not work hard → Subordinate Clause.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Exercise 1

Tell whether the following sentences are simple, complex or compound:

1. Work hard otherwise you will fail.
2. I will tell you the whole truth about the matter.
3. Since you say so, I believe it. ,
4. He approached me to get my favour.
5. Two and two make four.
6. She does not want to oblige you.
7. If you have a ticket, you may go inside.
8. You cannot come in until you feel sorry.
9. Walk fast lest you should miss the train.
10. As soon as I reached my house, it started raining.
Answers:
1. compound sentence
2. simple sentence
3. complex sentence
4. simple sentence
5. simple sentence
6. simple sentence
7. complex sentence
8. complex sentence
9. complex sentence
10. complex sentence.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Kinds of Sub ordinate Clauses

There are three kinds of Subordinate Clauses:
(i) Noun Clauses
(ii) Adjective Clauses
(iii) Adverb Clauses

(i) Noun Clauses
A noun in a sentence functions as a subject or an object. So a noun clause also does the function either of subject or of an object.
(एक वाक्य में संज्ञा एक कर्ता या कर्म के रूप में कार्य करती है। इसलिए एक Noun clause भी एक कर्ता या कर्म का कार्य करती है।)
How can we recognise a noun clause in a complex sentence ?

  • Replace the whole subordinate clause with the word‘something’.
  • If the sentence remains grammatical it will be a Noun Clause.

Exercise 2

Pick out the ‘noun clauses’ from the sentences given below:
1. I want to ask if you will go to Delhi tomorrow or not.
2. What he said, he did.
3. How he got this prize is a secret.
4. He know where he was going.
5. I know that you are telling a lie.
6. The rumour that he has been selected as an I.A.S. officer is true.
7. The news that India has won the match brought relief to me.
8. He liked the idea that I have decided to go on a tour.
9. He thanked me for what I did for him.
10. He said that he was a cheat.
Answers:
1. if you will go to Delhi tomorrow or not
2. what he said
3. How he got this prize
4. where he was going
5. that you are telling a lie
6. that he has been selected as an I.A.S. officer
7. that India has won the match
8. that I have decided to go on a tour
9. what I did for him 10. that he was a cheat.
10. that he was a cheat.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

* Different Uses of Noun Clause:

Noun Clause का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है-
(a) As a subject: (Noun Clauses को वाक्य के कर्ता के रूप में प्रयोग कर सकते हैं; जैसे-)
What you said was interesting.
How he got so much money is a mystery.

(b) As an object: (Noun clauses को वाक्य के कर्म (object) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं; जैसे-)
Mohan said that he knew the answer.
We knew where he was hiding.
Have you heard what has happened ?
I know that the scheme is not good.

(c) In apposition to the noun: (इसे संज्ञा के नजदीक लगाकर प्रयोग कर सकते हैं; जैसे-)
The rumour that he is a thief is true.
The news that India has won was pleasing.

(d). In apposition to the object:(Noun Clauses को वाक्य में कर्म (object) के नजदीक लगाकर प्रयोग कर सकते हैं; जैसे-)
He disliked the idea that I should go there.
He welcomed the suggestion that we should see the film.

(e) As a complement: (पूरक के रूप में; जैसे-)
The news was that he had passed.
The fact Was that Griffin was a lawless man.

(f) By using with ‘It’: (Noun Clause को ‘It’ के साथ प्रयोग कर सकते हैं; जैसे-)
I believe it that he does not know the answer.
I doubt it whether he will pass.

(g) As an object of preposition: (इसे preposition का कर्म बना सकते हैं। जैसे-)
He thanked me for what I had done.
He was lost in what I was saying.

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(h) As an object of infinitive: (Noun Clause को infinitive का कर्म बना सकते हैं। जैसे-)
She wanted to say that she was beautiful.
I am sorry to say that Mohan has failed.

(i) As an object of Gerund: (Noun Clause को Gerund का कर्म बना सकते हैं। जैसे-)
She enjoys doing what she likes.
He suggested doing what everyone was doing.

नोट-
1. Noun Clauses की रचना that से या what, where, how, when, who, which or why: जैसे question words से की जाती है। इसके अतिरिक्त जब Noun Clauses में Yes or No questions बनाए जाते हैं तो clause में if या whether का प्रयोग करते हैं; जैसे

Combination of Simple Sentences into a complex sentence by using a noun clause:

(दो वाक्य दिए होंगे। जिनमें से एक वाक्य Noun Clause होता है और दूसरा वाक्य Principal Clause होता है। इन्हें एक वाक्य में जोड़ना है।)

1. यदि Noun Clause Question Word से शुरू होती है और Principal Clause के अन्त में thisit लगा होता है तो Principal Clause को पहले लिखते हैं, This या it को हटा देते हैं और Noun Clause को बाद में लिखते हैं लेकिन Noun Clause को लिखते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि Helping Verb (सहायक क्रिया) को Noun/Pronoun के बाद लिखते हैं।

(a) Where is your pen ? Tell me this.
Tell me where your pen is.

(b) When will the next train arrive ? Go and ask the guard.
Go and ask the guard when the next train will arrive.

2. यदि Noun Clause Question Word से शुरू होती है और This/It Principal Clause के शुरू में लगा होता है तो Noun Clause को वाक्य के शुरू में लिखते हैं और This/lt को हटाकर Principal Clause को वाक्य के अंत में लिखते हैं।

(a) When did he leave the town ? It is a wonder.
When he left the town is a wonder.

(b) What does he do for a living ? It is a mystery.
What he does for a living is a mystery.

3. यदि Noun Clause साधारण वाक्य में है और Principal Clause के अंत में this/it लगा है तो Principal Clause को पहले लिखते हैं (this/it को हटाकर) और उसके बाद that लगाकर Noun Clause को लिखते हैं
(a) He would pass. I knew it.
I knew that he would pass.

(b) The patient will recover soon. The doctor is confident of it.
The doctor is confident that the patient will recover soon.

4. निम्नलिखित परिवर्तनों पर ध्यान दीजिए
(a) (Something को हटाकर योजक शब्द What का प्रयोग करते हैं।)
(i) He said something. I am not impressed by it.
I am not impressed by what he said.

(ii) He does something. It is not known to me.
What he does is not known to me.

(b) (Somewhere और the place को हटाकर योजक शब्द Where का प्रयोग करते हैं।)
He worked somewhere. Tell me the place.
Tell me where he worked.

(c) (The reason को हटाकर योजक शब्द Why का प्रयोग करते हैं।)

(i) You have rejected my application. Tell me the reason.
Tell me why you have rejected my application.

(ii) You come late daily. I want to know the reason.
I want to know why you come late daily.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

(d) (Someone को हटाकर who का प्रयोग करते हैं।)
Someone has stolen your book. I know him.
I know who has stolen your book.

5. (Noun Clause का प्रयोग Verb (क्रिया) के complement के रूप मैं)
(i) He will improve. This is our hope.
Our hope is that he will improve.

(ii) I have not got the money. This is the fact.
The fact is that I have not got the money.

6. (Noun Clause का प्रयोग Noun/Pronoun के object के रूप में)
(i) Who is responsible for the loss ? My question has not been answered.
My question who is responsible for the loss has not been answered.

(ii) India has won the match. The news is true.
The news that India has won the match is true.

Exercise 1

Combine the following pairs of sentences into complex sentences by using Noun Clause:

1. What the thieves did with all the money. It is a mystery.
2. The prices will not come down. You can be sure.
3. He will pass. I am confident.
4. He was saying something. They were listening to it.
5. He has lost his way. This is my fear.
6. He would go on a pilgrimage. He said that.
7. He will win the election. It is clear.
8. The bridge will collapse. The engineers are afraid.
9. They suggested something. We were all against it.
10. He will win a scholarship. I am sure.
Answers:
1. What the thieves did with all the money is a mystery.
2. You can be sure that the prices will not come down.
3. I am confident that he will pass.
4. They were listening to what he was saying.
5. My fear is that he has lost his way.
6. He said that he would go on a pilgrimage.
7. It is clear that he will win the election.
8. The engineers are afraid that the bridge will collapse.
9. We were all against what he suggested.
10. I am sure that he will win a scholarship.

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Exercise 2

Combine the following sentences into complex sentences by using one of the sentences in each set into a Noun Clause:

1. He says something. We can’t rely on that.
2. You demand some money. I am ready to lend it.
3. You are innocent. That is a fact.
4. He would soon pay back the debt. He promised it.
5. He was a party to the plot. It is not a fact.
6. The result will be out tomorrow. I am sure of it.
7. He may be honest. I do not know.
8. The accident took place somewhere. I shall take you to the place.
9. I said something. I am sorry for it.
10. Death keeps no calendar. We all know it.
Answers:
1. I can’t rely on what he says.
2. I am ready to lend you what you demand.
3. The fact is that you are innocent.
4. He promised that he would soon pay back the debt.
5. It is not a fact that he was a party to the plot.
6. I am sure that the result will be out tomorrow.
7. I do not know that he is honest.
8. I shall take you to the place where the accident took place.
9. I am sorry for what I said.
10. We all know that death keeps no calendar.

Exercise 3

Join the following pairs of sentences, into complex sentences using noun clauses:

1. The patiept has died. This is my fear.
2. The police has arrested the murderer. This is the news.
3. He was taking a risk. He realised that.
4. He will get first division. This is certain.
5. The conversation was upsetting him. It was a fact.
6. We should drop the plan. This is my suggestion.
7. There is a lot of corruption in the country. The opposition pointed out this fact.
8. The audience listened to the speech. The speaker gave that speech.
9. The audience followed the speaker. It was a wonder.
10. Mohan has no money. That is a fact.
Answers:
1. My fear is that the patient has died.
2. The news is that the police has arrested the murderer.
3. He realised that he was taking a risk.
4. This is certain that he will get first division.
5. The fact was that the conversation was upsetting him.
6. My suggestion is that we should drop the plan.
7. The opposition pointed out the fact that there was a lot of corruption in the country.
8. The audience listened to what the speaker said.
9. It was a wonder that the audience followed the speaker.
10. The fact is that Mohan has no money.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Exercise 4

Combine the sentences using a noun clause in each case:

1. Why is he coming here? Does Mohan know this?
2. When will I catch the train ? I don’t know this.
3. Why does Mohan beat his brother ? I cannot understand this.
4. The money is missing. This is the fact.
5. When did she leave the town? It is a mystery.
6. How does he earn so much money? Nobody knows this.
7. He would come. I was certain of that.
8. What does the teacher say? Listen to it.
9. He did something. I am not impressed by it.
10. The principal was coming. The whole class knew it.
Answers:
1. Does Mohan know why he is coming here ?
2. I don’t know when I will catch the train.
3.1 can’t understand why Mohan beats his brother.
4. The fact is that the money is missing.
5. When she left the town is a mystery.
6. Nobody knows how he earns so much money.
7. I was certain that he would come.
8. Listen to what the teacher says.
9. I am not impressed by what he did.
10. The whole class knew that the principal was coming.

Exercise 5

Combine the following sentences into a complex sentence in each pair using Noun Clauses:

1. (i) What is your decision? Please let me know.
(ii) When did I see her last? I don’t recollect.
(iii) He works somewhere. I don’t know the place.
(iv) You have rejected my application. Can you tell me the reason?

2. (i) Why has he left the job? We all know.
(ii) Where does he live? I do not know.
(iii) Who are you? I don’t know.
(iv) Why were they late? It is .not clear.

3. (i) When are you coming here? Please inform me.
(ii) Why were they late? It is not clear.
(iii) How does this machine work? I don’t know.
(iv) Where do you live? I don’t remember.
Answers.
1. (i) Please let me know what your decision is.
(ii) I don’t recollect when I saw you last.
(iii) I don’t know where he works
(iv) Can you tell me why you have rejected my application.

2. (i) We all know why he has left the job.
(ii) I don’t know where he lives
(iii) I don’t know who you are.
(iv) Why they were late is not clear.

3. (i) Please inform me when you are coming here
(ii) Why they were late is not clear
(iii) I don’t know how this machine works
(iv) I don’t remember where you live.

(ii) Adjective Clauses

An adjective qualifies a noun or a pronoun. So an adjective clause also qualifies a noun or a pronoun. (विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है। इसलिए Adjective Clause भी किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताती है।)

जैसे- This is the house where I was born.
(यह वह घर है जहाँ पर मेरा जन्म हुआ था।)

Here, the adjective clause ‘where I was born’ qualifies the house’.
(यहाँ पर adjectiveclause where I was born’ ‘the house’ की विशेषता बताती है।)

How to recognise an adjective clause ?
Conjunction (योजक) से पहले कोई संज्ञा या सर्वनाम अवश्य होंगे; (जैसे उपरोक्त वाक्य में योजक ‘where’ से पहले ‘the house’ था।)

Sub ordinate clause (Adjective Clause) ‘something’ शब्द को अपना स्थान नहीं देगी। (यदि ‘something’ उसके स्थान पर रख भी दिया तो वाक्य निरर्थक हो जाएगा; जैसे)
This is the house something.

(वाक्य निरर्थक है। Main clause से मुख्य verb से यदि प्रश्न किया जाए कि ‘कौन’, ‘कौन-सा’, किसे ?, किसका ? तो subordinate clause उसका उत्तर देती है; जैसे This is the house where I was born.)

Principal Clause = This is the house.
(प्रश्न करो-कौन-सा घर ?)
(उत्तर मिलेगा-where I was borm.)
(जहाँ पर मेरा जन्म हुआ था।)

Similarly we may have one more example:
The boy who is wearing a red shirt is a friend of mine.

Principal Clause = The boy is a friend of mine.
(प्रश्न करो कि कौन-सा लड़का है ?)
(उत्तर Subordinate Clause देगी-)
(‘जिसने लाल कमीज पहन रखी है।’)

‘Whois wearing a red shirt’.
Thus we can recognise an adjective clause.
Conjunctions of relative clauses:
(i) Relative Pronouns: who, whose, whom, which, that etc.
(ii) Relative adverbs when, how, where, why, etc.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Exercise 1

Combine the following pairs of sentences by using defining relative (adjectival) clauses:

1. The man composed this song. He is visiting us tomorrow.
2. I saw several houses. They were quite unsuitable.
3. She was dancing with a student. He had a slight limp.
4. The man was sitting at the desk. He was the manager.
5. This is Jhanda Singh. His son won the scholarship this year.
6. I saw a picture. It fascinated me.
7. I have bought a watch. It shows date.
8. I met Mohan. He gave me ten rupees.
9. I purchased a map. It helped me in finding the way.
10. This is Harish. His pocket was picked yesterday.
11.He painted a picture. It fetched him 10,000 rupees.
12. He is the man. I went to see him.
13. The man was sitting in the chair. I had gone to meet him.
14.1 was waiting for a man. He did not come.
15. He introduced me to Sheela. She has become famous for painting.
Answers:
1. The man who composed this song is visiting us tomorrow.
2. I saw several houses which were quite unsuitable.
3. She was dancing with a student who had a slight limp.
4. The man who was sitting at the desk was the manager.
5. This is Jhanda Singh whose son won the scholarship this year.
6. I saw a picture which fascinated me.
7. I have bought a watch which shows date.
8. I met Mohan who gave the ten rupees.
9. I purchased a map which helped me in finding the way.
10. This is Harish whose pocket yesterday.
11. He painted a picture which fetched him 10,ooo rupees.
12. He is the man with whom I went to see him.
13. The man whom I had gone to meet was sitting in the chair.
14. I was waiting for a man who did not come.
15. He introduced me to Sheela who has become famous for painting.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

(iii) Adverb Clauses

An adverb clause functions as an adverb in the sentence.
(एक adverb clause में क्रिया विशेषण का कार्य करती है।)

Kinds of Adverb Clauses:
1. Adverb Clauses of Time (कब ?):
Conjunctions: when, whenever, while, after, before, since, as soon as etc. You may come to my office whenever you like.
The bell rang after I reached school.
The patient had died before the doctor came.

2. Adverb Clauses of Place (कहाँ ?):
Conjunctions: where, wherever, whence.
I left the car where it broke down.
You may go wherever you like Go whence you came.

3. Adverb Clause of Reason/cause (क्यों ?):
Conjunctions: because, since, as, etc.
I could not attend you properly because I was so busy.
Since you say so, I believe you.

4. Adverb Clause of Manner (कैसे ?):
Conjunctions: as if, as though, as Do as I tell you.
She behaves as though she is a fairy queen.

5. Adverb Clause of Purpose (उद्देश्य):
Conjunctions: that, so that, in order that, for fear that etc.
We eat so that we may live. He drove fast in order that he might reach on time.

6. Adverb Clause of Result (परिभाषा):
Conjunctions: So + adjective + that etc.
He worked so hard that he scored 80% marks.

7. Adverb Clause of Contrast/concession:
Conjunctions: though, although, even though etc.
Although he has crossed seventy, he is very active.
Though he is poor, he is very contented.

8. Adverb Clause of Comparison:
Conjunctions: as-as; so-as; than.
She is not so rude as her mother.
She is as bold as her father.
He speaks more softly than his friends.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

9. Adverb Clause of Condition:
Conjunctions: if, in case, unless, whether, provided that, as long as supposing that, etc.
If you work hard, you will pass.
Unless you work, you cannot succeed in life.

10. Adverb Clause of Proportion:
The higher you go, the cooler it is.

Exercise 1

Combine the following sentences using an Adverb Clause in each case:
1. He injured himself. He was alighting from the bus. (use as or while)
2. The platform became quiet. The train had left. (use when or after)
3. Arrange these books. I have shown you. (use as)
4. I was very upset. I felt like ciying. (use so + adj + that)
5. Your brother is tall. My brother is taller. (use than)
6. You finish the work early. We can play tennis. (use if)
7. It was raining cats and dogs. They were playing football. (use although)
8. Mohan should start very early. It will be better. (use the earlier, the better)
9. My brother could not do homework. There was no power last night. (use because)
10. She dances extremely well. You cannot help clapping. (use so… that)
Answers:
1. He injured himself as/while he was alighting from the bus.
2. The platform became quiet after the train had left
3. Arrange these books as I have shown you.
4. I was so upset that I left like crying.
5. My brother is taller than your brother.
6. If you finish the work early, we can play tennis.
7. Although it was raining like cats and dogs, they were playing football.
8. The earlier Mohan start, the better it wifi be for him.
9. My brother could not do homework because there was no power last night.
10. She dances so extremely well that you cannot help clapping.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Compound Sentences:

A compound sentence has more than one main clauses. These clauses are joined together by co-ordinating conjunctions such as…… (and, but, yet, still, so, therefore, or, otherwise, neither……. nor, not only but also, either……. or)

(एक compound sentence में एक से अधिक main clauses होती हैं। ये clauses co-ordinating conjunctions के द्वारा जुड़ी होती हैं।

Co-ordinating conjunctions के द्वारा जोड़ी गई दोनों clause एक समान status की होती हैं।
He came in.
He saw everything with his own eyes.
He said nothing.
He came in and he saw everything with his own eyes but he kept silent.

(उपरोक्त वाक्य में तीन main clauses को co-ordinating conjunctions का प्रयोग करके जोड़ा गया है अतः यह एक compound sentence (संयुक्त वाक्य) है।)

Examples:
He should work hard or he will fail.
you can either eat an apple or you can drink apple juice.
He is neither intelligent nor is he a hard worker.
He is ill but he is still working.
He closed the shop and then he went to a temple.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Exercise 1

Combine each of the following groups of sentences into compound sentences using co-ordinating conjunctions:
1. He got the best treatment. He is not out of danger.
2. Mohan worked hard. He passed the examination.
3. He was absent. He was fined.
4. Vinod burnt the midnight oil. He did not get 1st division.
5. Kamla went to the market. She purchased a suit.
6. Work hard. You will fail otherwise.
7. Suresh is very rich. He is not happy.
8. You may write with a pen. You may use a pencil.
9. He knocked several times. No one came to open the door.
10. He is honest. He is faithful.
Answers:
1. He got the best treatment, yet he is not out of danger.
2. Mohan worked hard and passed the examination.
3. He was absent, so he was fined.
4. Vinod burnt the midnight oil, but he did not get 1st division.
5. Kamla went to the market and purchased a suit.
6. Work hard or you will fail.
7. Suresh is very rich, yet he is not happy.
8. You may either write with a pen or you may use a pencil.
9. He knocked several times, but no one came to open the door.
10. He is honest as well as faithful.

Exercise 2

Combine each of the following groups of sentences into compound sentences using co-ordinating conjunctions:
1. You may read. You may play.
2. The villager could note read. He could not write.
3. Radha’s marks were not high. She was able to get admission to a College.
4. Suresh is intelligent. His brother is dull.
5.1 lost my way. I asked a passer-by the way. Being new he could not guide me.
6. He took me to his home. He gave me good food. He helped me with money.
7. He taught me. He also gave me books free.
8. He is very rich. He is not proud.
9. Mohan is not at school. He is not at home.
10.1 am tired. I have been working all day.
Answers:
1. You may either read or play.
2 The villager could neither read nor write.
3. Radha’s marks were not high, yet she was able to get admission to a college.
4. Suresh is intelligent, but his brother is dull.
5. I lost my way and asked a passer-by the way, but being new he could not guide me.
6. He took me home, gave me good food and helped me with money.
7. He not only taught me, but also gave me books free.
8. He is very rich yet he is not proud.
9. Mohan is neither at school nor at home.
10. I am tired as I have been working all day.

HBSE 9th Class English Grammar Transformation of Sentences

Exercise 3

Combine each of the following groups of sentences into compound sentences using co-ordinating conjunctions:
1. Gopal passed. His sister failed.
2. Work hard. You will fail.
3.1 help the poor. You tease them.
4. He did not come. He did not send any message.
5. Hire a taxi. You will miss the train.
6. We visited Agra. We visited Mathura also.
7. You should give up smoking. You will suffer from cancer.
8. He talked. The teacher taught.
9. Our team played well. We won the match.
10. Our team played well. We lost the match.
Answers:
1. Gopal passed, but his sister failed.
2. Work hard or you will fail.
3. I help the poor while you tease them.
4. Neither he came nor sent any message.
5. Hire a taxi or you will miss the train.
6. We visited not only Agra but Mathura also.
7. You should give up smoking otherwise you will suffer from cancer.
8. He talked while the teacher taught.
9. Our team played well and we won the match.
10. Our team played well but we lost the match.

Exercise 4

Combine each of the following groups of sentences into compound sentences using co-ordinating conjunctions:
1. The horse reared. The rider was thrown.
2. He is fond of music. He plays very well.
3. He is slow. He is sure.
4. She must weep. She will die.
5. Don’t be a borrower. Don’t be a lender.
6. He is diligent. He will succeed.
7. God made the country. Man made the town.
8. He cannot speak. He cannot write.
9. He is rich. He is not happy.
10. Some praise the work! Some praise the architect.
Answers:
1. The horse reared and the rider was thrown.
2. He is fond of music and he plays very well.
3. He is slow, but he is sure.
4. She must weep or she will die.
5. Neither a borrower nor a lender be.
6. He is diligent and he will succeed.
7. God made the country and man made the town.
8. He can not speak, nor can he write.
9. He is rich yet he is not happy.
10. Some praise the work and some praise the architect.

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HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Haryana State Board HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

HBSE 10th Class English From the Diary of Anne Frank Textbook Questions and Answers

Activity (Page 49)

1. Do you keep a diary ? Given below under ‘A’ are some terms we use to describe a written record of personal experience. Can you match them with their descriptions under ‘B’? (You may look up the terms in a dictionary if you wish.)

AB
(i) JournalA book with a separate space or page for each day, in which you write down your thoughts and feelings or what has happened on that day
(ii) DiaryA full record of a journey, a period of time, or an event, written every day
(iii) LogA record of a person’s own life and experiences (usually, a famous person)
(iv) Memoir(s)A written record of events with times and dates, usually official

Answer:

AB
(i) JournalA written record of events with times and dates, usually official
(ii) DiaryA book with a separate space or page for each day, in which you write down your thoughts and feelings or what has happened on that day
(iii) LogA full record of a journey, a period of time, or an event, written every day
(iv) Memoir(s)A record of a person’s own life and experiences (usually, a famous person)

2. Here are some entries from personal records. Use the definitions above to decide which of the entries might be from a diary, a journal, a log or a memoir.
(i) I woke up very late today and promptly got a scolding from Mum! I can’t help it-how can I miss the FIFA World Cup matches ?
(ii) 10:30 a.m. Went to the office of the Director
01:00 p.m. Had lunch with Chairman
05:45.p.m. Received Rahul at the airport
09:30 p.m. Dinner at home
(iii) The ride to Ooty was uneventful. We rested for a while every 50 km or so, and used the time to capture the magnificent landscape with my HandyCam. From Ooty we went on to Bangalore. What a contrast! The noise and pollution of this once-beautiful city really broke my heart.
(iv) This is how Raj Kapoor found me all wet and ragged outside R.K. Studios. He was then looking for just someone like this for a small role in Mera Naam Joker, and he cast me on the spot. The rest, as they say, is history!
Answer:
(i) Diary,
(ii) Log,
(iii) Journal,
(iv) Memoir.

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Oral Comprehension Check (Page 51)

1. What makes writing in a diary a strange experience for Anne Frank ? (किस बात ने डायरी में लिखना ऐनी फ्रैंक के लिए एक अद्भुत अनुभव बना दिया?)
Answer:
Writing in a diary is a strange experience for Anne because she has never writing anything before. Secondly, she thinks that no one will be interested in the thoughts of a thirteen-year-old-girl, except herself. So it was better to record those thoughts in her diary.
(डायरी में लिखना ऐनी फ्रेंक के लिए एक विचित्र अनुभव है क्योंकि उसने पहले कभी कुछ लिखा नहीं है। दूसरे वह सोचती है कि एक तेरह वर्ष की लड़की के विचारों में कोई भी रुचि नहीं लेगा, सिवाय उसके। इसलिए उन विचारों को डायरी में दर्ज करना उसके लिए बेहतर था।)

2. Why does Anne want to keep a diary?
(ऐनी डायरी क्यों रखना चाहती है?)
Answer:
Anne Frank wants to keep a diary because she has no friend in whom she can confide. Secondly, she cannot discuss her day-to-happenings with anyone. But she would be able to record these happenings in a diary.
(ऐनी इसलिए डायरी रखना चाहती है क्योंकि उसका कोई ऐसा मित्र नहीं है जिसमें वह विश्वास कर सके। दूसरे, वह अपने दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाओं के बारे में किसी से चर्चा नहीं कर सकती है। लेकिन वह इन घटनाओं को डायरी में दर्ज करके रख सकेगी।)

3. Why did Anne think she could confide more in her diary than in people ? (ऐनी ऐसा क्यों सोचती थी कि वह लोगों की अपेक्षा डायरी में अधिक भरोसा रख सकती थी?)
Answer:
Anne Frank does not have a true friend. So she cannot confide her feelings in anyone. She thinks that her diary is her only true friend. So she thinks that she can confide in it better than in person.
(ऐनी फ्रैंक का कोई भी सच्चा मित्र नहीं है। इसलिए वह अपनी भावनाओं के लिए किसी पर भी भरोसा नहीं कर सकती थी। वह मानती है कि उसकी डायरी ही उसकी केवलमात्र सच्ची मित्र है। इसलिए वह मानती है कि वह लोगों की अपेक्षा डायरी पर अधिक भरोसा रख सकती है।)

Oral Comprehension Check (Page 51)

1. Why does Anne provide a brief sketch of her life? (ऐनी अपने जीवन के संक्षिप्त चित्रण का वर्णन क्यों करती है?)
Answer:
Anne thought that no one would believe a word in her entries in her diary, if she did not write about her life. So she provides a brief sketch of her life..
(ऐनी ने सोचा कि यदि उसने अपने जीवन का संक्षिप्त विवरण नहीं दिया तो कोई उसकी डायरी का एक पन्ना भी नहीं पड़ेगा। इसलिए वह अपने जीवन के संक्षिप्त चित्रण का वर्णन करती है।)

2. What tells you that Anne loved her grandmother ? (आपको कैसे पता चलता है कि ऐनी अपनी दादी से प्यार करती थी?)
Answer:
Anne lived with her grandmother for six months when her parents went to Holland. She loved her deeply. When her grandmother died, Anne felt sad. She often thought about her. So she was very close to her grandmother.
(जब ऐनी के माता-पिता हॉलैंड चले गए थे तो वह छः महीने तक अपनी दादी के पास रही थी। वह उससे बहुत अधिक प्यार करती थी। जब उसकी दादी की मृत्यु हुई तो ऐनी बहुत उदास हुई। वह हमेशा उसके बारे में सोचा करती थी। अतः वह उसके बहुत अधिक निकट थी।)

Oral Comprehension Check (Page 54)

1. Why was Mr Keesing annoyed with Anne ? What did he ask her to do? (मि० कीसिंग ऐनी से नाराज क्यों था? उसने उसे क्या करने को कहा?) [B.S.E.H. 2019 (Set-D), 2020 Set-A)]
Answer:
Anne Frank was a chatterbox. She talked and talked in the class. That was why her maths teacher, Mr Keesing was annoyed with her. As a punishment, he ordered her to write an essay on the topic ‘AChatterbox’.
(ऐनी फ्रैंक एक बातूनी लड़की थी। वह कक्षा में बहुत अधिक बातें करती थी। यही कारण था कि उसका गणित अध्यापक मि० कीसिंग उससे नाराज था। सजा के तौर पर उसने उसे ‘एक बातूनी लड़की’ विषय पर एक निबंध लिखने का आदेश दिया।)

2. How did Anne justify her being a chatterbox in her essay ? (ऐनी ने अपने निबंध में अपने बातूनी होने को कैसे सही ठहराया?)
Answer:
In her essay she justified her being a chatterbox. She said that talking was a student’s trait. She wrote that she would do her best to cure herself of this habit. Her mother also talked much. Nothing could be done about inherited traits.

(अपने निबंध में वह अपने बातूनी होने को सही ठहराती है। उसने कहा कि बातें करना एक विद्यार्थी का स्वाभाविक गुण होता है। उसने लिखा कि वह अपनी इस आदत को सुधारने का पूरा प्रयास करेगी। उसकी माँ भी अधिक बातें किया करती थी। वंशानुगत गुणों के विषय में अधिक कुछ नहीं किया जा सकता था।)

3. Do you think that Mr Keesing was a strict teacher ?
(क्या आपके विचार में मि० कीसिंग एक सख्त अध्यापक थे?)
Answer:
Mr Keesing was not a strict teacher. In fact he was a kind and jovial man. He believed that students should be taught practically.
(मि० कीसिंग एक सख्त अध्यापक नहीं थे। वास्तव में वह एक दयालु और खुशमिजाज व्यक्ति थे। वे मानते थे कि विद्यार्थियों को व्यवहारिक रूप से पढ़ाया जाए।)

4. What made Mr Keesing allow Anne to talk in her class ? (किस बात के कारण मि० कीसिंग ने ऐनी को अपनी कक्षा में बातें करने की अनुमति दे दी?)
Answer:
Mr Keesing allowed Anne to talk in the class. He admitted that the joke played by Anne was on him. He took the joke in the right spirit. He read the poem to the class and added his own comments to it.
(मि० कीसिंग ने ऐनी को कक्षा में बात करने की अनुमति प्रदान कर दी। उसने स्वीकार कर लिया कि ऐनी के द्वारा किया गया व्यंग्य उसके ऊपर ही था। उसने व्यंग्य को सही अर्थों में लिया। उसने कविता को पूरी कक्षा में पढ़कर सुनाया और उसमें अपने विचार भी जोड़े।)

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Thinking about the Text

1. Was Anne right when she said that the world would not be interested in the musings of a thirteen-year-old girl ?
(क्या ऐनी का यह कहना सही था कि संसार एक तेरह वर्ष की लड़की के विचारों में रुचि नहीं लेगा?)
Answer:
Yes, Anne was right in saying so. The world is generally interested in reading things of great men. People seldom care for what a teenager has to say.
(हाँ, ऐसा कहने में ऐनी सही थी। दुनिया के लोग प्रायः महान् लोगों की कृतियों को पढ़ने में रुचि लेते हैं। लोग इस बारे मे बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं कि एक किशोरी ने क्या कहा है।)

2. There are some examples of diary or journal entries in the ‘Before You Read’ section. Compare these with what Anne writes in her diary. What language was the diary originally written in ? In what way is Anne’s diary different ?
(‘Before You Read’ वाले भाग में डायरी और रोजनामचों की प्रविष्टियों के कई उदाहरण हैं। इसकी तुलना ऐनी के द्वारा अपनी डायरी में लिखे लेखों से करो। इस डायरी को वास्तविक रूप से किस भाषा में लिखा गया था? ऐनी की डायरी किस प्रकार से भिन्न है?)
Answer:
Anne Frank uses her own genre of writing her diary. She mixes her diary writing with a few things ofjournals or memoirs. Anne’s diary was written originally in Dutch language. It is different as it doesn’t follow the appropriate format. In writing her diary, Anne Frank uses a mixture of a journal, memoir, diary and log.
(ऐनी फ्रैंक डायरी लेखन में अपनी खुद की शैली का प्रयोग करती है। वह अपने डायरी लेखन में रोजनामचों और अपने जीवन वृत्तांतों का मिश्रण करती है। ऐनी की डायरी वास्तविक रूप से डच भाषा में लिखी गई। यह भिन्न इसलिए है क्योंकि यह किसी एक विशिष्ट ढाँचे पर आधारित नहीं लिखी गई है। इसमें रोजनामचे, जीवन वृत्तांत, डायरी और अभिलेखों का वर्णन है।)

3. Why does Anne need to give a brief sketch about her family ? Does she treat ‘Kitty’ as an insider or an outsider ?
(ऐनी को अपने परिवार का संक्षिप्त रूप से वर्णन क्यों करना पड़ता है? क्या वह किट्टी को घर का सदस्य या बाहर वाला मानती है?)
Answer:
Anne thinks that no one will be interested in reading the diary of a thirteen-year-old school girl. She thinks her diary is only her real friend. So she needs to give a brief sketch about her family.
(ऐनी सोचती है कि कोई भी व्यक्ति एक तेरह वर्षीय स्कूल जाने वाली लड़की की डायरी में रुचि लेना पसंद नहीं करेगा। वह सोचती है कि उसकी डायरी ही उसकी सच्ची मित्र है। इसलिए उसे अपने परिवार का एक संक्षिप्त वर्णन देने की जरूरत पड़ती है।)

4. How does Anne feel about her father, her grandmother, Mrs Kuperus and Mr Keesing ? What do these tell you about her ?
(ऐनी अपने पिता, अपनी दादी माँ, श्रीमती क्यूपरस और मि० कीसिंग के विषय में क्या सोचती है? इससे उसके बारे में क्या पता चलता है?)
Answer:
From Anne Frank’s diary we know about many people. She considers her parents adorable’. She loves her grandmother deeply. She feels equally for her headmistress Mrs Kuperus. She also loves her maths teacher Mr Keesing though she calls him “old fogey’. These things tell us that Anne is an affectionate girl.
(ऐनी फ्रेंक की डायरी से हमें बहुत से लोगों के विषय में पता चलता है। वह अपने माता-पिता को ‘प्रशंसनीय’ मानती है। वह अपनी दादी माँ से बहुत प्यार करती है। उसकी यही भावनाएँ अपनी मुख्याध्यापिका श्रीमती क्यूपरस के प्रति हैं। वह अपने गणित अध्यापक मि० कीसिंग से भी प्यार करती है यद्यपि वह उसे ‘बूढ़ा व्यक्ति’ कहती है। ये सभी बातें बताती हैं कि ऐनी एक स्नेहमयी लड़की है।)

5. What does Anne write in her first essay ?
(ऐनी अपने प्रथम निबंध में क्या लिखती है?)
Answer:
In her first essay Anne justifies her habit of talking. She writes that talking is a student’s trait. She would do her best to keep talking under control. She writes that her mother also talked much. She thinks that she had inherited this trait from her mother. Not much can be done about inherited traits.
(अपने प्रथम निबंध में ऐनी बातें करने की अपनी आदत को सही ठहराती है। वह लिखती है कि बातें करना एक विद्यार्थी का गुण होता है। वह अपनी बातें करने की आदत को पूर्ण नियंत्रण में रखने का प्रयास करेगी। वह लिखती है कि उसकी माँ भी बहुत बातें करती थी। वह मानती है कि उसे यह गुण अपनी माँ से विरासत में मिला है। विरासत में मिले गुणों के बारे में अधिक कुछ नहीं किया जा सकता है।)

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6. Anne says teachers are most unpredictable. Is Mr Keesing unpredictable.? How ?
(ऐनी कहती है कि अध्यापक सबसे अधिक ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनके बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। क्या मि० कीसिंग के विषय में भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है? कैसे?)
Answer:
Anne is right when she says that teachers are most unpredictable. Her observation is based on a study of her teacher, Mr Keesing. He is very unpredictable. He is annoyed with Anne Frank for chatting in the class. He gives her extra homework as a punishment. In her essay she justifies her habit of chatting. She fears that after writing the last essay, Mr Keesing would give her extra homework again. But instead he allows Anne to talk in the class. He also doesn’t give her extra homework again.
(ऐनी का यह कहना बिल्कुल सही है कि अध्यापक सबसे अधिक ऐसे प्राणी हैं जिनके बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। उसकी यह अवधारणा अपने अध्यापक मि० कीसिंग के अध्ययन पर आधारित है। उसके बारे में बिल्कुल भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वह ऐनी फ्रेंक से इसलिए नाराज है कि वह उसकी कक्षा में बातें करती है। वह उसे सजा के रूप में अतिरिक्त गृहकार्य देता है। अपने निबंध में वह बातें करने की अपनी आदत को सही ठहराती है। उसे भय है कि अंतिम निबंध लिखने के पश्चात् मि० कीसिंग फिर उसे अतिरिक्त गृहकार्य देंगे। लेकिन इसके विपरीत वह ऐनी को कक्षा में बातें करने की अनुमति प्रदान कर देता है। वे उसे पुनः अतिरिक्त गृहकार्य भी नहीं देता है।)

7. What do these statements tell you about Anne Frank as a person ?
(ये कथन आपको ऐनी फ्रेंक के व्यक्तित्व के बारे में क्या बताते हैं?)
(i) We don’t seem to be able to get any closer, and that’s the problem. Maybe it’s my fault that we don’t confide in each other.
(हम एक-दूसरे के और निकट आते प्रतीत नहीं होते हैं, और यही एक समस्या है। हो सकता है कि यह मेरी गलती है कि हम एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं।)
(ii) I don’t want to jot down the facts in this diary the way most people would, but I want the diary to be my friend. (मैं अपनी डायरी में तथ्यों को इस प्रकार से नहीं लिखना चाहूँगी जैसे कि अधिकतर लोग करते हैं, बल्कि मैं अपनी डायरी को अपनी मित्र बनाना चाहूँगी।)
(iii) Margot went to Holland in December, and I followed in February, when I was plunked down on the table as a birthday present for Margot. (मार्गट दिसंबर में हॉलैंड गई, और मैं फरवरी में गई, जब मुझे मार्गट के लिए जन्मदिन के एक उपहार के रूप में मेज पर रख दिया गया।)
(iv) If you ask me, there are so many dummies that about a quarter of the class should be kept back, but teachers are the most unpredictable creatures on earth. (यदि आप मुझसे ये पूछे तो हमारी कक्षा में इतने अधिक मूर्ख हैं कि लगभग एक चौथाई कक्षा को तो फेल कर दिया जाना चाहिए, लेकिन अध्यापक पृथ्वी पर पाए जाने वाले प्राणियों में सबसे अधिक ऐसे प्राणी हैं जिनके व्यवहार के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता।)
(v) Anyone could ramble on and leave big spaces between the words, but the trick was to come up with convincing arguments to prove the necessity of talking. (कोई भी व्यक्ति इधर-उधर की बातें बोल सकता था और शब्दों के बीच में बड़ा अंतराल दे सकता है। मगर असली
बात थी कि बातें करने की आवश्यकता को सिद्ध करने के लिए तर्कपूर्ण तर्क दिए जाएँ।)
Answer:
(i) Anne is reserved,
(ii) She is self-confident and inventive,
(iii) She is humourous also,
(iv) She is intelligent,
(v) She has a sense of propriety and convincingness.
((i) ऐनी आत्मकेंद्रित है,
(ii) वह आत्म-विश्वासी और आविष्कारी है,
(iii) वह मजाकिया भी है,
(iv) वह तेज बुद्धि वाली है,
(v) उसमें मर्यादा और औचित्य की भावना का समावेश है।)

Thinking about Language

I. Look at the following words.

headmistress
long-awaited
homework
notebook
stiff-backed
outbursts

These words are compound words. They are made up oftwo or more words. Compound words can be:

  1. nouns : headmistress, homework, notebook, outbursts
  2. adjectives : long-awaited, stiff-backed
  3. verbs : sleep-walk, baby-sit

Match the compound words under ‘A’ with their meanings under ‘B’. Use each in a sentence.

AB
1. Heartbreaking— obeying and respecting the law
2. Homesick— think about pleasant things, forgetting about the present
3. Blockhead– –something produced by a person, machine or organisation
4. Law-abiding–producing great sadness
 5. Overdo— an occasion when vehicles/machines stop working
6. Daydream— an informal word which means a very stupid person
7. Breakdown— missing home and family very much
8. Output— do something to an excessive degree

Answer:

AB
1. Heartbreaking–producing great sadness
2. Homesick— missing home and family very much
3. Blockhead–— an informal word which means a very stupid person
4. Law-abiding— obeying and respecting the law
 5. Overdo— do something to an excessive degree
6. Daydream— think about pleasant things, forgetting about the present
7. Breakdown— an occasion when vehicles/machines stop working
8. Output–something produced by a person, machine or organisation

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II. Phrasal Verbs :

A phrasal verb is a verb followed by a preposition or an adverb. Its meaning is often different from the meanings of its parts. Compare the meanings of the verbs get on and run away in (a) and (b) below. You can easily guess their meanings in (a) but in (b) they have special meanings.
(a). She got on at Agra when the bus stopped for breakfast.
Dev Anand ran away from home when he was a teenager.
(b). She’s eager to get on in life. (succeed)
The visitors ran away with the match. (won easily)
Some phrasal verbs have three parts : a verb followed by an adverb and preposition.
(c) Our car ran out of petrol just outside the city limits.
(d) The government wants to reach out to the people with this new campaign.

1. The text you’ve just read has a number of phrasal verbs commonly used in English. Look up the following in a dictionary for their meanings (under the entry for the italicised word).
(i) plunge (right) in
(iii) ramble on
(ii) kept back
(iv) get along with

2. Now find the sentences in the lesson that have the phrasal verbs given below. Match them with their meanings. (You have already found out the meanings of some of them.) Are their meanings the same as that of their parts? (Note that two parts of a phrasal verb may occur separated in the text.)

(i) plunge in – speak or write without focus
(ii) kept back – stay indoors
(iii) move up – make (them) remain quiet
(iv) ramble on – have a good relationship with
(v) get along with — give an assignment (homework) to a person in authority (the teacher)
(vi) calm down – compensate
(vii) stay in – go straight to the topic
(viii)make up for – go to the next grade
(ix) hand in – not promoted
Answer:
(i) plunge in – go straight to the topic
(ii) kept back — not promoted
(iii) move up – go to the next grade
(iv) ramble on – speak or write without focus
(v) get along with – have a good relationship with
(vi) calm down – make (them) remain quiet
(vii) stay in – stay indoors
(viii)make up for – compensate
(ix) hand in – give an assignment (homework) to a person in authority (the teacher)

III. Idioms

Idioms are groups of words with a fixed order, and a particular meaning, different from the meanings of each of their words put together. (Phrasal verbs can also be idioms; they are said to be idiomatic when their meaning is unpredictable.) For example, do you know what it means to meet one’s match’ in English? It means to meet someone who is as good as oneself, or even better, in some skill or quality. Do you know what it means to ‘let the cat out of the bag’? Can you guess ?

1. Here are a few sentences from the text which have idiomatic expressions. Can you say what each means? (You might want toʻconsult a dictionary first.)

(i) Our entire class is quaking in its boots. ………….
………….
(ii) Until then, we keep telling each other not to lose heart. ………………
(iii) Mr Keesing was annoyed with me for ages because I talked so much. ………………….
(iv) Mr Keesing was trying to play a joke on me with this ridiculous subject, but I’d make sure the joke was on him. ………………..
Answer:
‘Let the cat out of the bag’ means ‘let the reality come out’.
(i) Our entire class is talking and talking too much.
(ii) Until then, we keep telling each other that we should not feel discouraged.
(iii) Mr Keesing was annoyed with me for a very long period because I talked so much.
(iv) Mr Keesing was trying to play a joke on me with this ridiculous subject, but I’d make sure that he himself would be the butt of that joke.

2. Here are a few more idiomatic expressions that occur in the text. Try to use them in sentences of your own.
(i) caught my eye
(ii) he’d had enough
(iii) laugh ourselves silly
(iv) can’t bring myself to
Answer:
(i) He tried to hide behind the curtain, but his feet caught my eye.
(ii) I tolerated his nonsense for some time, but then I told him that I had had enough of it.
(iii) When I we saw the fat man slip on a banana peel, we laughed ourselves silly.
(iv) I can’t bring myself to understand my faithful servant has stolen my purse.

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IV. Do you know how to use a dictionary to find out the meanings of idiomatic expressions ? Take, for example, the expression caught my eye in the story. Where–under which word would you look for it in the dictionary ?

Look for it under the first word. But if the first word is a‘grammatical’ word like a, the, for, etc. then take the next word. That is, look for the first meaningful’word in the expression. In our example, It is the word caught.

But you won’t find caught in the dictionary, because it is the past tense of catch. You’ll find caught listed under catch. So you must look under catch for the expression caught my eye. Which other expressions with catch are listed in your dictionary ?

Note that a dictionary entry usually first gives the meanings of the word itself, and then gives a list of idiomatic expressions using that word. For example, study this partial entry for the noun ‘eye’ from the Oxford Advanced Learner’s dictionary 2005.

Eye

  • Noun
  • Part of Body 1 [C] either of the two organs on the face that you see with : The suspect has dark hair and green eyes.
  • Ability to See 3 [sing.) the ability to see: A surgeon needs a good eye and a steady hand.
  • Way of Seeing 4 [C, usually sing.) a particular way of seeing sth : He looked at the design with the eye of an engineer.
    Of Needle 5 [C] the hole in the end of a needle that you put the thread through. IDM be all eyes to be watching sb/sth carefully and with a lot of interest before lin front of sb’s (very) eyes in sb’s presence ; in front of sb : He had seen his life’s work destroyed before his very eyes. Be up to your eyes in sth to have a lot of sth to deal with : We’re up to our eyes in work.

Answer:
The various expressions of catch listed in my dictionary are: pt.pp caught, its various meanings, phrases like catch one’s breath, catch fire, catch somebody with pants/trousers, catch somebody out, catching/catchy (adj.), noun form, etc.

You have read the expression ‘not to lose heart in this text. Now find out the meanings of the following expressions using the word ‘heart’. Use each of them in a sentence of your own.
1. break somebody’s heart
2. close/dear to heart
3. from the (bottom of your) heart
4. have a heart
5. have a heart of stone
6. your heart goes out to somebody
Answer:

  1. When I came to know that my best friend had deceived me, it will broke my heart.
  2. Roy is very close/dear /near to Abhishek’s heart.
  3. A person should love his parents from the bottom of his heart.
  4. Have a heart and face the difficulties.
  5. She had a heart of stone as she has deceived her best boyfriend.
  6. My heart goes out to the poor people who suffer in life.

V. Contracted Forms:

When we speak, we use ‘contracted forms’ or short forms such as these : can’t (for can not or cannot)
I’d (for I would or I had)
she’s (for she is)
Notice that contracted forms are also written with an apostrophe to show a shortening of the spelling of not, would, or is as in the above example.
Writing a diary is like speaking to oneself. Plays (and often, novels) also have speech in written form. So we usually come across contracted forms in diaries, plays and novels.

1. Make a list of the contracted forms in the text. Rewrite them as full forms of two words.
For example : I’ve = I have
Answer:
doesn’t = does not
can’t = cannot
didn’t = did not
you’re = you are/ you were
I’m = I am
l’ve = I have
who’ll = who will.
I’d finished = I had finished
don’t = do not
l’d = I would
it’s = it is
who’s = who is

2. We have seen that some contracted forms can stand for two different full forms:
I’d = I had or I would

Find in the text the contracted forms that stand for two different full forms, and say what these are.
Answer:
I’d worry = I would worry
I’d finished = I had finished
who’s = who has/who is
there’s = there is/there was

Speaking

Here is an extract adapted from a one-act play. In this extract, angry neighbours who think Joe the Inventor’s new spinning machine will make them lose their jobs come to destroy Joe’s model of the machine. You’ve just seen how contracted forms can make a written text sound like actual speech. Try
written text sound like actual speech. Try to make this extract sound more like a real conversation by changing some of the verbs back into contracted forms. Then speak out the lines.
[The door is flung open, and several men tramp in. They carry sticks, and one of them, HOB, has a hammer]

HOB : Now where is your husband, mistress ?
MARY : In his bed. He is sick, and weary. You would not harm him!
HOB : We are going to smash his evil work to pieces. Where is the machine ? SECOND MAN : On the table yonder.
НОВ : Then here is the end of it!
(HOB smashes the model. MARY screams.)
HOB : And now for your husband!
MARY : Neighbours, he is a sick man and almost a cripple. You would not hurt him!
НОВ : He is planning to take away our daily bread … We will show him what we think of him and his ways!
MARY : You have broken his machine … You have done enough …
Answer:
НОВ : Now where’s your husband, Mrs ? MARY
In his bed. He’s sick, and weary. You’d not harm him!
HOB : We’re going to smash his evil work to pieces. Where’s the machine ?
SECOND MAN : On the table yonder
HOB : Then here’s the end of it!
(HOB smashes the model. MARY screams.)
НОВ : And now for your husband !
MARY : Neighbours, he’s a sick man and almost a cripple. You’d not hurt him !
HOB : He’s planning to take away our daily bread …… We’ll show him what we think of him and his ways !
MARY: You’ve broken his machine … You’ve done enough …

Listening

Your teacher will read out an extract from The Diary of Samuel Pepys (given on the next page (60) of the text book) about the great fire of London ! As you listen complete this summary of the happenings.

Summary

This entry in the diary has been made on (a) __by (b) _ . The person who told Pepys about the fire was called (c)__ . She called at (d) _____in the morning. Pepys went back to sleep because (e) __ . Pepys rose again at () __ in the morning. By, then about (8)_ _houses had been burned down. The fire had spread to (h)_ _by London Bridge. Pepys then walked to the (i)_ along with Sir J. Robinson’s (j)_
Answer:
(a) September 2nd (Lord’s Day), (b) Samuel Pepys, (c) Jane, (d) about three, (e) the fire was on the backside of Marke-Lane at the farthest, ) seven, (g) 300, (h) all fish market, (i) Tower, (j) little son.

Writing

Now you know what a diary is and how to keep one. Can you keep a diary for a week recording the events that occur ? You may share your diary with your class, if you wish to. Use the following hints to write your diary.

  • Though your diary is very private, write as if you are writing for someone else.
  • Present your thoughts in a convincing manner.
  • Use words that convey your feelings, and words that “paint pictures’ for the reader. Be brief.

‘Diary language’ has some typical features such as subjectless sentences (Got up late in the morning), sentence fragments without subjects or verbs …too bad, boring, not good), contracted forms (they’re, I’ve, can’t, didn’t, etc.), and everyday expressions which people use in speech. Remember not to use such language in more formal kinds of writing.
Answer:
Yes, I can keep a diary for a week. In fact I keep a diary and record my day to day experiences in it. I like my diary. I have a diary of my own. I write it whenever I have a liking for it. My yesterday’s entry in the diary goes like this :
Today, the class teacher was pleased with me as I stood first in the December tests. Although I had fared well in the tests, yet I was a bit nervous when the teacher was returning our answer-books to us. My heart was beating and my legs were shaking. When my turn came, the teacher did not give me the answer-book at once. Instead, she asked me to come to her. I became very nervous. I thought that she would rebuke.
But my joy knew no bounds when she patted my back and announced that I had stood first. That was a memorable moment.

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

HBSE 10th Class English From the Diary of Anne Frank Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What prompted Anne to maintain a diary?
Answer:
Anne maintained a diary because he had no friend.

Question 2.
Who became Anne’s friend and what was the friend’s name?
Answer:
Anne’s diary became her friend and her name was Kitty.

Question 3.
For whom was Anne’s “a birthday present” and why ?
Answer:
She was a birthday present for her sister because she went to Holland later.

Question 4.
When did she make her first entry in her diary?
Answer:
She made her first entry in her diary on 20th June, 1942.

Question 5.
Which subject did Anne find difficult ?
Answer:
Anne found Mathematics difficult.

Question 6.
Why was Mr Keesing annoyed with Anne ?
Answer:
He was annoyed with Anne because she talked in the class.

Question 7.
What was a strange experience for Anne ?
Answer:
Writing in a diary was a strange experience for Anne.

Question 8.
How old was Anne ?
Answer:
She was thirteen years old.

Question 9.
According to Anne What has more patience than people ?
Answer:
According to Anne paper has more patience than people.

Question 10.
What was the name of Anne’s sister ?
Answer:
Her name was Margot.

Question 11.
What was the name of Anne’s maths teacher ?
Answer:
His name was Mr Keesing.

Question 12.
What was the topic of the first essay, Mr Keesing asked Anne to write ?
Answer:
‘A Chatterbox.’

Question 13.
What was the name of the essay on which Anne had to write the second time?
Answer:
‘An Incorrigible Chatterbox.’

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Question 14.
Who helped Anne to write the essay in poetry ?
Answer:
Anne’s friend Sanne.

Question 15.
What was the title of the third essay?
Answer:
‘Quack, Quack, Quack, said Mistress Chatterbox.”

Question 16.
What was the name of Anne’s mother ?
Answer:
Her mother name was Edith Hollander Frank.

Question 17.
Who was Mrs Kuperus ?
Answer:
She was the headmistress of Anne’s school in 6th standard.

Question 18.
Where did Anne’s family migrate from Germany to ?
Answer:
Her family migrated from Germany to Holland.

Question 19.
Who was Kitty ?
Answer:
It was the name given to her diary by Anne.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Why did Anne think that she was alone ? Give reasons. (ऐनी ऐसा क्यों सोचती थी कि वह अकेली है ? तर्क कीजिए।)।
Answer:
Anne had loving parents and an elder sister. She had loving aunts and a good home. She had a number of friends also. But there was no one in whom she could confide. So she thought that she was alone.
(ऐनी के माता-पिता प्रिय थे एवं एक बड़ी बहन थी। उसकी प्रिय चाचियाँ थीं और एक अच्छा घर था। उसके बहुत-से मित्र भी थे। मगर ऐसा कोई नहीं था जिसे वह दिल की बात बता सकती। इसलिए वह सोचती थी कि वह अकेली है।)

Question 2.
How do you know that Anne was close to her grandmother ? (आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि ऐनी अपनी दादी की प्रिय थी ?)
Answer:
Anne lived with her grandmother for some months when her parents went to Holland. She loved her deeply. When her grandmother died, Anne felt sad. She often thought about her. So she was close to her grandmother.

(जब उसके माता-पिता हॉलैंड में चले गए तो ऐनी कुछ महीनों तक अपनी दादी के साथ रही। वह उसे बहुत प्यार करती थी। जब उसकी दादी की मृत्यु हुई तो ऐनी बहुत उदास हो गई। वह अकसर उसके बारे में सोचती थी। इसलिए वह अपनी दादी की प्रिय थी।)

Question 3.
Where did Anne stay before going to Holland ? (हॉलैंड जाने से पहले ऐनी कहाँ रही ?)
Answer:
Anne’s parents migrated to Holland. They did not take Anne with them. So Anne stayed with her grandmother for some months.
(ऐनी के माता-पिता हॉलैंड चले गए। वे ऐनी को अपने साथ नहीं ले गए। इसलिए ऐनी कुछ महीनों तक अपनी दादी के पास रही।)

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Question 4.
Why was Anne in tears, when she left the Montessori School ? (जब ऐनी ने मॉन्टेसरी स्कूल छोड़ा तो वह रो क्यों रही थी ?)
Answer:
When Anne was in the sixth form in the Montessori School, her teacher was Mrs Kuperus, the headmistress. Anne loved her teacher deeply. She also showed affection to Anne. So when Anne left the Montessori school, she was in tears.
(जब ऐनी मॉन्टेसरी स्कूल में छठी कक्षा में थी तो उसकी अध्यापिका श्रीमती क्यूपरस थी जो मुख्याध्यापिका भी थी। ऐनी को उससे गहरा प्यार था। उसने भी ऐनी के प्रति स्नेह दर्शाया। इसलिए जब ऐनी ने मॉन्टेसरी स्कूल छोड़ा तो वह रो रही थी।)

Question 5.
Why was the entire class quaking in its boots ? (सारी कक्षा की टाँगें क्यों काँप रही थीं (भय से) ?)
Answer:
The time for declaring the annual results was coming closer. Soon a meeting would be held. The teachers would decide whom to pass and whom to retain in the same class. That is why the whole class was quaking in its boots.
(वार्षिक परिणाम घोषित होने का समय निकट आता जा रहा था। शीघ्र ही एक मीटिंग होगी। अध्यापक फैसला करेंगे कि किसे पास किया जाए एवं किसे उसी कक्षा में रखा जाए। इसलिए सारी कक्षा की टाँगें भय से काँप रही थीं।).

Essay Type Question

Question 1.
“Paper has more patience than people.” Elucidate. (“कागज़ में लोगों से अधिक धैर्य होता है।” व्याख्या करो।)
Answer:
Anne Frank felt lonely in the world. She had loving parents, an elder sister and a number of friends. But she was not intimate with anyone. She could talk to them about common everyday matters. But she could not express her inner feelings to them. She wanted a patient listener with a sympathetic heart. But she found that people had no patience to listen to her. She could not relieve the feelings of her heart to anyone. Anne wanted to lighten the burden of ideas in her heart. So she decided to maintain a diary. A diary is not a human being. It has a lot more patience than man. One can express one’s thoughts freely. The diary does not get bored. It is a true friend. It never rejects the offer of friendship. That is why Anne Frank says that paper has more patience than people.
(ऐनी फ्रैंक स्वयं को संसार में अकेला महसूस करती थी। उसके प्रिय माता-पिता, एक बड़ी बहन और बहुत-से मित्र थे। मगर वह किसी के साथ घनिष्ठ नहीं थी। वह उनके साथ रोज के आम मामलों के बारे में बात कर सकती थी। मगर वह अपनी आंतरिक भावनाएँ उन तक व्यक्त नहीं कर सकती थी। उसे सहानुभूतिपूर्ण हृदय वाले किसी धैर्यवान श्रोता की चाहत थी। मगर उसने देखा कि लोगों के पास उसे सुनने का धैर्य नहीं है। वह अपने हृदय की भावनाओं को हर एक के आगे व्यक्त नहीं कर सकती थी। ऐनी अपने दिल के विचारों का बोझ हल्का करना चाहती थी। इसलिए उसने डायरी लिखने का निर्णय लिया। डायरी मनुष्य नहीं होती। इसमें मनुष्य से कहीं अधिक धैर्य होता है। व्यक्ति इससे अपने विचार स्वतंत्रता से व्यक्त कर सकता है। डायरी बोर नहीं होती। यह सच्ची मित्र है। यह कभी भी मित्रता की पेशकश को ठुकराती नहीं है। इसीलिए ऐनी फ्रैंक कहती है कि कागज़ में लोगों की अपेक्षा अधिक धैर्य होता है।)

Question 2.
Give a brief sketch of Anne’s life.
(ऐनी के जीवन का संक्षिप्त चित्रण करो।)
OR
Write the character – sketch of Anne Frank.
(ऐनी फ्रैंक का चरित्र-चित्रण लिखिए।)
Answer:
Anne Frank was a young Jewish girl. She lived with her parents in Germany. But Hitler’s Nazi Party was against the Jews. The Nazis were killing the Jews or forcing them to work in the concentration camps. The Frank family fled from Germany in 1933 and took shelters in Netherlands. But in 1940, Germany attacked Netherlands and captured it. Now the Nazis started arresting the Jews and sending them to the concentration camps. The Frank family went into hiding. They lived secretly in the upper floors of their business premises. They hid there for 25 months. Their non-Jewish friends gave them food.
Anne had started writing her diary before going into hiding. In August 1944, the Germans came to know of their hiding. They were arrested and sent to Germany. Anne, her sister, Margot and her mother soon died in a concentration camp. Her father survived and published part of Anne’s diary. In this diary,Anne gives a moving and tragic account of the difficulties faced by her family and the other Jews.
The part of the diary reproduced in this chapter is about the days when Anne was a schoolgirl and she and her family had not yet moved to the secret quarters.
(ऐनी फ्रैंक एक युवा यहूदी लड़की थी। वह अपने माता-पिता के साथ जर्मनी में रहती थी। मगर हिटलर की नाज़ी पार्टी यहूदियों के विरुद्ध थी। नाज़ी लोग यहूदियों को मार रहे थे या उन्हें यातना शिविरों में काम करने के लिए मजबूर कर रहे थे। फ्रैंक परिवार 1933 में जर्मनी से भाग आया और नीदरलैंड्स में शरण ली। मगर 1940 में जर्मनी ने नीदरलैंड्स पर आक्रमण किया और उस पर कब्जा कर लिया। अब नाज़ियों ने यहूदियों को कैद करना एवं उन्हें यातना शिविरों में भेजना आरंभ कर दिया। फ्रैंक परिवार छिप गया। वे अपने व्यापार के कार्यालय की ऊपरी मंजिल में गुप्त रूप से रहने लगे। वे वहाँ पर 25 महीने छिपे रहे। उनके गैर-यहूदी मित्रों ने उन्हें भोजन दिया।
ऐनी ने छिपने से पहले अपनी डायरी लिखनी आरंभ कर दी थी। अगस्त, 1944 में जर्मन लोगों को उनके छिपने का पता चल गया। उन्हें कैद करके जर्मनी भेज दिया गया। ऐनी, उसकी बहन मार्गट एवं उसकी माता की एक यातना शिविर में मौत हो गई। उसका पिता बच गया और उसने ऐनी की डायरी के एक भाग को प्रकाशित करवाया। इस डायरी में ऐनी अपने परिवार एवं अन्य यहूदियों द्वारा उठाई गई कठिनाइयों का मार्मिक वर्णन करती है।
यहाँ प्रस्तुत डायरी का अंश उन दिनों के बारे में है जब ऐनी स्कूली छात्रा थी और वह एवं उसका परिवार अभी गुप्त स्थान में छिपने के लिए नहीं गया था।)

Question 3.
Why did Mr Keesing punish her ? What was the punishment ? How did Anne finally stop Mr Keesing from punishing her ?
(श्रीमान कीसिंग ने उसे क्या सज़ा दी? सज़ा क्या थी? आखिर ऐनी ने श्रीमान कीसिंग को उसे सजा देने से कैसे रोका ?)
Answer:
Anne Frank was in the habit oftalking in the class. Mr Keesing was her Maths teacher. He was annoyed with Anne as she talked much in the class. He gave her several warnings but it had no effect. One day, he punished her by giving her extra homework. He asked her to write an essay on the subject“A Chatterbox”. Anne wrote the essay, giving very amusing arguments in it. Mr Keesing liked the essay. But Anne again talked in the class. So he gave the task of writing another essay. This time, the subject was, “An Incorrigible Chatterbox.’After that, for two lessons, Anne did not get any punishment. But during the third lesson, Mr Keesing saw Anne talking again. He was very annoyed. He asked her to write another essay. The subject of this essay was, “Quack, Quack, Quack, Said Mistress Chatterbox.” The whole class laughed. Mr Keesing was trying to play a joke on Anne. But she wrote the essay in an amusing way. Mr Keesing liked the essay and did not punish Anne after that.
(ऐनी फ्रैंक को कक्षा में बातें करने की आदत थी। श्रीमान कीसिंग उसका गणित का अध्यापक था। वह उससे इसलिए नाराज़ था क्योंकि वह कक्षा में बहुत अधिक बोलती थी। उसने उसे बहुत चेतावनियाँ दी मगर इसका कोई प्रभाव नहीं हुआ। एक दिन उसने उसे अतिरिक्त गृह-कार्य देकर सज़ा दी। उसने उसे ‘बातूनी लड़की’ विषय पर प्रस्ताव लिखने को कहा। ऐनी ने बड़े मनोरंजक तर्क देकर प्रस्ताव लिखा। श्री कीसिंग को प्रस्ताव पसंद आया। मगर ऐनी ने फिर से कक्षा में बात की। इसलिए उसने उसे एक अन्य प्रस्ताव लिखने को कहा। इस बार विषय था, “न सुधरने वाली बातूनी लड़की” उसके बाद दो पाठों तक ऐनी को कोई सजा नहीं मिली। मगर तीसरे पाठ के दौरान श्री कीसिंग ने ऐनी को फिर से बात करते देखा। वह बहुत नाराज़ हो गया। उसने उसे एक अन्य प्रस्ताव लिखने को कहा। इस प्रस्ताव का विषय था, “कुमारी बातूनी ने कहा, क्वैक, क्वैक, क्वैक” सारी कक्षा हँसने लगी। श्री कीसिंग ऐनी से मज़ाक करने का प्रयत्न कर रहा था। मगर ऐनी ने प्रस्ताव को बड़े मनोरंजक ढंग से लिखा। श्री कीसिंग को प्रस्ताव पसंद आया और उसने उसके बाद ऐनी को सज़ा नहीं दी।)

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Question 4.
How do you assess Anne’s character ? You can choose appropriate words from the following box and write a paragraph.
Responsible; caring and loving; humorous; talkative; sensible; patient; mature for herage; lonely; accurate in herjudgement;childish; intelligent
(आप ऐनी के चरित्र का मूल्यांकन कैसे करते हैं ? आप निम्नलिखित बॉक्स से उपयुक्त शब्द चुन सकते हैं और एक पैरा लिखिए :
जिम्मेदार; परवाह करने वाली एवं प्रिय; हास्यपूर्ण; बातूनी; संवेदनशील; धैर्यवान; अपनी उम्र से अधिक परिपक्व; अकेली; अपने निर्णय में सही; बचकाना; अक्लमंद)
Answer:
Anne was a girl of thirteen years. She was very intelligent. She had a sharp brain. She was different from the other girls of her age. She could think clearly and deeply. She had deep thoughts and ideas that she wanted to share with some one. But she found that her friends were not able to understand her completely. Their mental level was not equal to that of Anne. They could talk to Anne about ordinary everyday matter only. She had loving parents, an elder sister and loving aunts also. But she could not share her deep thoughts with anyone. So she decided to make her diary her friend. She wrote down her inner thoughts and feelings in the diary. Anne had an argumentative mind. She argued in her first essay that parental traits are inherited by children. She had a good sense of humour. Her Maths teacher, Mr Keesing tried to play a joke on her. But she wrote the essay in verse in such a way that the joke was turned on him.

(ऐनी फ्रैंक तेरह साल की लड़की थी। वह बहुत अक्लमंद थी। उसका दिमाग तेज था। वह अपनी उम्र की अन्य लड़कियों से भिन्न थी। वह स्पष्ट एवं गहरे रूप से सोच सकती थी। उसकी सोच और विचार गहरे थे जिन्हें वह किसी के साथ बाँटना चाहती थी। मगर उसने देखा कि उसके मित्र उसे पूरी तरह नहीं समझ पाते थे। उनका मानसिक स्तर ऐनी के मानसिक स्तर के बराबर नहीं था। वे ऐनी से केवल रोज के साधारण मामलों के बारे में ही बात कर सकते थे। उसके प्रिय माता-पिता, एक बड़ी बहन एवं प्रिय चाचियाँ थीं। मगर वह अपने गहरे विचार किसी के साथ बाँट नहीं सकती थी। इसलिए उसने अपनी डायरी को अपना मित्र बनाने का फैसला किया। उसने डायरी में अपने आंतरिक विचार एवं भावनाएँ लिखीं। ऐनी का दिमाग तर्कशील था। उसने अपने पहले प्रस्ताव में तर्क दिया कि माता-पिता के गुण बच्चों को विरासत में मिलते हैं। उसमें हास्य की अच्छी भावना थी। उसके गणित के अध्यापक ने उसका मजाक उड़ाने का प्रयत्न किया। मगर उसने प्रस्ताव को कविता के रूप में इस प्रकार लिखा कि उसका मजाक उड़ गया।)

Question 5.
Why did Anne Frank maintain a diary? (ऐनी फ्रैंक ने डायरी क्यों लिखी ?)
Answer:
Anne Frank had loving parents. She had loving aunts and uncles. She lived in a good house. She had about thirty friends. Even then she felt lonely. She felt that there was no one with whom she could share her thoughts and feelings. There were a number of things, which she wanted to get off her chest. But she had no true friend. She could not talk to them about anything except ordinary everyday matters. She could have good time with them. But she had no intimate friend. She had no friend in whom she could confide her deeper feelings. So she decided to maintain a diary. She thought that she would treat her diary like her friend. She could note down all her thoughts and feelings in this diary. She named this friend, Kitty. The first entry that she made in the diary was dated 20th June, 1942.

(ऐनी फ्रैंक के माता-पिता प्रिय थे। उसके पास प्रिय चाचियाँ एवं चाचे थे। वह एक अच्छे घर में रहती थी। उसके लगभग तीस मित्र थे। फिर भी वह अकेलापन महसूस करती थी। वह महसूस करती थी कि कोई ऐसा नहीं है जिसके साथ वह अपने विचारों एवं भावनाओं को बाँट सके। ऐसी बहुत-सी बातें थीं जिनका बोझ वह अपने दिल से उतारना चाहती थी। मगर उसका कोई सच्चा मित्र नहीं था। वह उनके साथ रोज की साधारण बातों के अतिरिक्त किसी अन्य विषय पर बात नहीं कर सकती थी। वह उनके साथ अच्छा समय बिता सकती थी। मगर उसका कोई घनिष्ठ मित्र नहीं था। उसका ऐसा कोई मित्र नहीं था जिसको अपनी गहरी भावनाएँ बता सकती। इसलिए उसने डायरी रखने का फैसला किया। उसने सोचा कि वह अपनी डायरी के साथ मित्र जैसा व्यवहार करेगी। वह अपने सारे विचार एवं भावनाएँ इस डायरी में लिख सकती थी। उसने अपनी डायरी का नाम किट्टी रखा। उसने अपनी डायरी में पहली प्रविष्टि 20 जून, 1942 को की।)

Question 6.
What does Anne say about her parents, elder sister and her stay in the Montessori School ? (ऐनी अपने माता-पिता, अपनी बड़ी बहन एवं मॉन्टेसरी स्कूल में अपने समय के बारे में क्या कहती है ?)
Answer:
Anne calls her father very adorable. When her parents married, her father was thirty-six and the mother was twenty-five. Margot was Anne’s elder sister. She was born in Frankfurt in 1926. Three years later, Anne was born. She lived in Frankfurt until she was four. Her father migrated to Holland in 1933. Her mother, Edith Hollander Frank, went with him. Anne and her sister, Margot were sent to Aachenm to stay with their grandmother. Margot went to Holland in December and Anne went three months later. Anne started studying at the Montessori School. She stayed there until she was six at which time she was in the first form. When was in the sixth form, her teacher was Mrs Kuperus, the headmistress. Both loved each other. When she left the school, both Anne and her teacher were in tears.

(ऐनी अपने पिता को पूजनीय कहती है। जब उसके माता-पिता की शादी हुई तब उसके पिता छत्तीस साल के थे और उसकी माँ पच्चीस साल की थी। मार्गट ऐनी की बड़ी बहन थी। उसका जन्म 1926 में फ्रैंकफर्ट में हुआ था। तीन साल बाद ऐनी का जन्म हुआ। वह चार साल की उम्र तक फ्रैंकफर्ट में रही। उसके पिता 1933 में हॉलैंड चले गए। उसकी माता एडिथ हालैंडर फ्रैंक उनके साथ चली गई। ऐनी एवं उसकी बहन मार्गट अपनी दादी के साथ रहने के लिए Aachenm चली गई। मार्गट दिसंबर में हॉलैंड गई और ऐनी तीन महीने बाद गई। ऐनी ने मॉन्टेसरी स्कूल में पढ़ना आरंभ कर दिया। वह वहाँ छह साल की उम्र तक रही जब वह पहली कक्षा में थी। जब वह छठी कक्षा में थी तो मुख्याध्यापिका श्रीमती क्यूपरस, जो उसकी अध्यापिका थी, दोनों एक दूसरे से प्यार करती थीं। जब उसने स्कूल छोड़ा तो ऐनी एवं उसकी अध्यापिका दोनों ही रोने लगीं।)

Question 7.
Anne had loving parents and a number of friends. Even then she thought that she was alone. Why?
(ऐनी के प्रिय माता-पिता एवं बहुत-से मित्र थे। फिर भी वह सोचती थी कि वह अकेली है। क्यों ?)
Answer:
Anne Frank was a thirteen-year-old girl. She had loving parents and an elder sister. She had loving aunts and lived in a good home. She had about thirty friends also. Even then she felt that she was alone in the world. She had no intimate person. She had no true friend with whom she could share her feelings. She could not confide in anyone. She had a number of thoughts that she wanted to express to someone. But she could not get close to anyone. She could have good time with them. She could talk to them about ordinary everyday matters of life. But there was no one with whom she could share the deepest thoughts of his heart. Thus she felt lonely in the world. She wanted a true friend so she decided to make the diary her friend.

(ऐनी फ्रैंक एक तेरह साल की लड़की थी। उसके प्रिय माता-पिता एवं एक बड़ी बहन थी। उसकी प्रिय चाचियाँ थीं एवं वह एक अच्छे घर में रहती थी। उसके लगभग तीस मित्र भी थे। फिर भी वह महसूस करती थी कि वह इस संसार में अकेली है। कोई व्यक्ति उसका घनिष्ठ नहीं था। उसका कोई सच्चा मित्र नहीं था जिसके साथ वह अपनी भावनाएँ बाँट सकती। वह किसी को दिल की बात नहीं बता सकती थी। उसके बहुत-से विचार थे जो वह किसी को व्यक्त करना चाहती थी। मगर वह किसी की घनिष्ठ नहीं बन सकी। वह उनके साथ जीवन की साधारण रोज की बातों के बारे में बात कर सकती थी। मगर ऐसा कोई नहीं था जिसके साथ वह अपने दिल के गहरे विचारों को बाँट सकती। इसलिए वह संसार में अकेली महसूस करती थी। वह एक सच्चा मित्र चाहती थी। इसलिए उसने अपनी डायरी को अपना मित्र बनाने का फैसला किया।)

Question 8.
Why was the whole class shaking in its boots ? How does Anne Frank describe the behaviour of her classmates ?
(सारी कक्षा क्यों डर रही थी ? ऐनी फ्रैंक अपने कक्षा के व्यवहार का वर्णन कैसे करती है ?)
Answer:
The time of the declaration of the annual results was coming closer. The teachers were going to hold their annual meeting. In that meeting they were going to decide which of the students would be promoted to the next class and which of them would be kept back in the same class. As a result, the students were nervous because of the worries of their future. Half the class was making bets. Anne and her friend G.N. laughed heartily as their classmates C.N. and Jacques had staked their entire holiday savings on their bet. They were all the time speculating who would pass and who would not. Anne was angry with many of them. But they would not calm down. There were many dummies in Anne’s class. She felt that at least half of them should not be promoted to the next class. But she also felt that teachers are the most unpredictable persons on earth..

(वार्षिक परीक्षाफल की घोषणा का समय निकट आता जा रहा था। अध्यापक अपनी वार्षिक मीटिंग करने वाले थे। उस मीटिंग में वे इस बात का फैसला करने वाले थे कि किन छात्रों को अगली कक्षा में भेजा जाए एवं किन्हें उसी कक्षा में रखा जाए। परिणामस्वरूप छात्र भविष्य की अपनी चिन्ता के कारण परेशान थे। आधी कक्षा शर्त लगा रही थी। ऐनी एवं उसकी सहेली GN. बहुत हंसी क्योंकि उनके सहपाठी C.N. एवं जेक्स ने अपनी छुट्टियों की सारी बचत को शर्त में लगा दिया था। वे सदा शर्त लगाते रहते थे कि कौन पास होगा और कौन नहीं। ऐनी उनमें से बहुतों के साथ नाराज थी। मगर वे शांत नहीं होते थे। कक्षा में बहुत-से बुद्ध बच्चे थे। वह महसूस करती थी कि उनमें से कम-से-कम आधे अगली कक्षा में नहीं जाएँगे। मगर वह यह भी महसूस करती थी कि शिक्षक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता।)

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Question 9.
Describe the three essays written by Anne Frank. (ऐनी फ्रैंक द्वारा लिखे गए तीन प्रस्तावों का वर्णन करो।)
Answer:
Anne Frank was in the habit of talking in the class. Her Maths teacher, Mr Keesing was annoyed with her. One day, Mr Keesing gave her extra homework as a punishment. He asked her to write an essay on the subject, ‘A Chatterbox’. She gave amusing arguments in her essay. She wrote that it was a trait of a student to talk. Moreover, she could not cure herself of this habit as her mother also talked as much as she did. It was an inherited trait. Mr Keesing liked the essay. But Anne talked again the class. So he asked her to write another essay on the topic, ‘An Incorrigible Chatterbox.’ Now for two lessons, she did not get any punishment. But she talked again. This time, Mr Keesing asked her to write an essay on the topic, ‘Quack, Quack, Quack, Said Mistress Chatterbox.’ Anne wrote this essay in verse form. She wrote about a mother duck and father swan. They had three ducklings. But the father killed the ducklings because they quacked too much. Mr Keesing liked the essay greatly. He read it out to the class. He read it to other classes also. After that he stopped punishing Anne.

(ऐनी फ्रैंक को कक्षा में बोलने की आदत थी। उसका गणित का अध्यापक श्री कीसिंग उससे बहुत नाराज़ था। एक दिन श्री कीसिंग ने उसे सज़ा के तौर पर अतिरिक्त गृह-कार्य दिया। उसने उसे ‘बातूनी लड़की’ विषय पर प्रस्ताव लिखने को कहा। ऐनी फ्रैंक ने अपने प्रस्ताव में मनोरंजक तर्क दिए। उसने कहा बात करना छात्र का गुण है। इसके अतिरिक्त, वह स्वयं को नहीं सुधार सकती, क्योंकि उसकी माता भी उतना ही बोलती थी जितनी कि वह। यह एक विरासत में प्राप्त गुण है। श्री कीसिंग को प्रस्ताव अच्छा लगा। मगर ऐनी कक्षा में फिर से बोली। इसलिए उसे उसने एक अन्य प्रस्ताव ‘न सुधरने वाली बातूनी लड़की’ विषय पर लिखने को कहा। अब दो पाठों तक उसे कोई सज़ा नहीं मिली। मगर उसने फिर से बात की। इस बार श्री कीसिंग ने उसे इस विषय पर प्रस्ताव लिखने का कहा, “क्वैक, क्वैक, क्वैक कुमारी बातूनी ने कहा।” ऐनी ने यह प्रस्ताव कविता में लिखा। उसने बत्तख माता एवं हंस पिता के बारे में लिखा। उनके तीन बच्चे थे। मगर हंस पिता ने उन्हें मार डाला क्योंकि वह बहुत अधिक आवाज़ करते थे। श्री कीसिंग को प्रस्ताव बहुत पसंद आया। उसने इसे कक्षा में पढ़ा। उसने इसे अन्य कक्षाओं में भी पढ़कर सुनाया। उसके बाद उसने ऐनी को सज़ा देना बंद कर दिया।)

Multiple Choice Questions

Question 1.
Anne Frank is …………………….. old.
(A) 10 years
(B) 11 years
(C) 12 years
(D) 13 years
Answer:
(D) 13 years

Question 2.
What does Anne decide ?
(A) writing a diary
(B) making friends
(C) not to write a diary
(D) not to make any friend
Answer:
(A) writing a diary

Question 3.
Who helped Anne to write the essay in verse ?
(A) Shiny
(B) Sanne
(C) Sandra
(D) Sony
Answer:
(B) Sanne

Question 4.
How many real sisters did Anne have ?
(A) one
(B) two
(C) three
(D) none
Answer:
(A) one

Question 5.
Anne had everything on this earth; except ……
(A) a friend
(B) loving parents
(C) a true friend
(D) a loving sister
Answer:
(C) a true friend

Question 6.
What name does Anne give to her Diary?
(A) Margot
(B) Sanne
(C) Kitty
(D) Edith
Answer:
(C) Kitty

Question 7.
Find out the name of Anne’s elder sister.
(A) Margot
(B) Sanne
(C) Kitty
(D) Edith
Answer:
(A) Margot

Question 8.
Anne was born in Frankfurt in Germany, when she was four, her father emigrated to ……….
(A) France
(B) Holland
(C) England
(D) Belgium
Answer:
(B) Holland

Question 9.
When was Anne born ?
(A) in 1929
(B) in 1933
(C) in 1934
(D) in 1935
Answer:
(A) in 1929

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Question 10.
Who was Mrs Kuperus ?
(A) Anne’s mother
(B) Anne’s neighbour
(C) Anne’s friend
(D) Anne’s teacher in sixth form
Answer:
(D) Anne’s teacher in sixth form

Question 11.
On What date did Anne make her first entry in her Diary?
(A) 20 June, 1942
(B) 20 June, 1941
(C) 20 June, 1943
(D) 20 June, 1939
Answer:
(A) 20 June, 1942

Question 12.
Why was Anne’s whole class quaking in boots ?
(A) the teacher was going to check the homework
(B) the teachers were going to announce their annual result
(C) the teacher was going to punish them
(D) the Headmistress was going to visit their class
Answer:
(B) the teachers were going to announce their annual result

Question 13.
In what subject was Anne not sure about her performance ?
(A) Literature
(B) Science and Technology
(C) Computer Education
(D) Maths
Answer:
(D) Maths

Question 14.
Who was Mr Keesing ?
(A) Anne’s English teacher
(B) Anne’s Maths teacher
(C) Anne’s father
(D) Anne’s new neighbour
Answer:
(B) Anne’s Maths teacher

Question 15.
Why did Mr Keesing give extra homework to Anne ? :
(A) she did not do her homework
(B) for talking in Maths period
(C) she was very poor in Maths
(D) the teacher was bias for her
Answer:
(B) for talking in Maths period

From the Diary of Anne Frank Important Passages for Comprehension

Read the following passages and answer the questions that follow :

PASSAGE 1

‘Paper has more patience than people’. I thought of this saying on one of those days when I was feeling a little depressed and was sitting at home with my chin in my hands, bored and listless, wondering whether to stay in or go out. I finally stayed where I was, brooding : Yes, paper does have more patience, and since I’m not planning to let anyone else read this stiff-backed notebook grandly referred to as a ‘diary’, unless I should ever find a real friend, it probably won’t make a bit of difference.

Now I’m back to the point that prompted me to keep a diary in the first place : I don’t have a friend.

Let me put it more clearly, since no one will believe that a thirteen-year-old girl is completely alone in the world. And I’m not. I have loving parents and a sixteen-year-old sister, and there are about thirty people I can call friends. I have a family, loving aunts and a good home. No, on the surface I seem to have everything, except my one true friend.

Word-meanings : patience = forbearance (धैय); depressed = sad (उदास); brooding = thinking (सोचना); on the surface = outwardly (बाहरी रूप से)।

Questions:
(a) Name the chapter.
(b) What saying did she think about ?
(c) How does she refer to the diary?
(d) Why did Anne feel herself alone even after having thirty people around her ?
(e) Find out a word from the passage similar in meaning to ‘Calm’.
Answers :
(a) The name of the chapter is ‘From the Diary of Anne Frank’.
(b) She thought about the saying, ‘Paper has more patience than people.’
(c) She refers to the diary as a real friend.
(d) She did not have a true friend. (e) Patience.

PASSAGE 2

To enhance the image of this long-awaited friend in my imagination, I don’t want to jot down the facts in this diary the way most people would do, but I want the diary to be my friend, and I’m going to call this friend ‘Kitty’.

Since no one would understand a word of my stories to Kitty if I were to plunge right in, I’d better provide a brief sketch of my life, much as I dislike doing so.

My father, the most adorable father I’ve ever seen, didn’t marry my mother until he was thirty-six and she was twenty-five. My sister, Margot, was born in Frankfurt in Germany in 1926. I was born on 12 June 1929. I lived in Frankfurt until I was four. My father emigrated to Holland in 1933. My mother, Edith Hollander Frank, went with him to Holland in September, while Margot and I were sent to Aachen to stay with our grandmother. Margot went to Holland in December, and I followed in February, when I was plunked down on the table as a birthday present for Margot.

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

Word-meanings : Enhance = increase (बढ़ाना); jot down = write (लिखना); plunge = (here) start (आरंभ करना); adorable = loving (प्रिय); emigrated = went to live in another country (विदेश जाना)

Questions :

(a) Who is the writer of these lines ?
(b) What does she want her diary to be ?
(c) What name does she give to her diary?
(d) How old were her parents when they married ?
(e) Where did the writer live until she was four years old ?
Answers :
(a) Anne Frank is the writer of these lines.
(b) She wants her diary to be her friend.
(c) She called her diary ‘Kitty’.
(d) Her father was thirty-six and her mother was twenty-five.
(e) She lived in Frankfurt until she was four.

PASSAGE 3

Our entire class is quaking in its boots. The reason, of course, is the forthcoming meeting in which the teachers decide who’ll move up to the next form and who’ll be kept back. Half the class is making bets. G.N. and I laugh ourselves silly at the two boys behind us, C.N. and Jacques, who have staked their entire holiday savings on their bet. From morning to night, it’s “You’re going to pass”, “No, I’m not”, “Yes, you are”, “No, I’m not”. Even G.’s pleading glances and my angry outbursts can’t calm them down. If you ask me, there are so many dummies that about a quarter of the class should be kept back, but teachers are the most unpredictable creatures on earth.

Word-meanings : Quaking = shaking (हिलना ); forthcoming = imminent (आने वाला); staked = betted (शर्त लगाना ); unpredictable = one whose intentions cannot be guessed at (जिसके इरादों का अनुमान न लग सके)

Questions :

(a) Who is the writer of these lines ?
(b) Why is her entire class quaking in its boots ?
(c) Who have staked their entire holiday savings on their bet ?
(d) What does she think about her class ?
(e) What does she say about teachers ?
Answers :
(a) Anne Frank is the writer of these lines.
(b) The class is shaking in its boots because of the forthcoming results.
(c) C.N. and Jacques have staked their entire holiday savings on their bet.
(d) She says that there are many dummies in her class.
(e) She says that teachers are the most unpredictable creatures on earth.

PASSAGE 4

I get along pretty well with all my teachers. There are nine of them, seven men and two women. Mr Keesing, the old fogey who teaches maths, was annoyed with me for ages because I talked so much. After several warnings, he assigned me extra homework. An essay on the subject, ‘A Chatterbox’. A chatterbox –

what can you write about that ? I’d worry about that later, I decided. I jotted down the title in my notebook, tucked it in my bag and tried to keep quiet.

Word-meanings : Annoyed = angry (नाराज); chatterbox = one who talks a lot (बातूनी); jotted down = wrote (लिखा )

Questions :

(a) Who is the writer of these lines ?
(b) How many teachers were there in her school ?
(c) Who was Mr. Keesing ?
(d) Why was he annoyed with her ?
(e) What punishment did he give her for talking in the class ?
Answers :
(a) Anne Frank is the writer of these lines.
(b) There were nine teachers in her school.
(c) Mr Keesing was her mathematics teacher.
(d) He was annoyed with her for talking in the class.
(e) He asked her to write an essay on the subject ‘A Chatterbox’.

PASSAGE 5

Mr Keesing had a good laugh at my arguments, but when I proceeded to talk my way through the next lesson, he assigned me a second essay. This time it was supposed to be on ‘An Incorrigible Chatterbox’. I handed it in, and Mr Keesing had nothing to complain about for two whole lessons. However, during the third lesson he’d finally had enough. “Anne Frank, as punishment for talking in class, write an essay entitled ‘Quack, Quack, Quack, Said Mistress Chatterbox’.”

The class roared. I had to laugh too, though I’d nearly exhausted my ingenuity on the topic of chatterboxes. It was time to come up with something else, something original. My friend, Sanne, who’s good at poetry, offered to help me write the essay from beginning to end in verse and I jumped for joy. Mr Keesing was trying to play a joke on me with this ridiculous subject, but I’d make sure the joke was on him.

Word-meanings : Assigned = gave (देना, सौंपना); incorrigible = one who cannot be improved (जो न सुधरे); roared = laughed loudly (जोर-से हँसना); verse = poetry (कविता )

Questions :

(a) Who is the writer of these lines ?
(b) What was the title of the second essay assigned to the writer ?
(c) What was the title of the third essay ?
(d) Who offered to help the writer ?
(e) Why did the writer jump for joy ?
Answers :
(a) Anne Frank is the writer of these lines.
(b) The title of the second essay was, “An Incorrigible Chatterbox’.
(c) The title of the third essay was “Quack, Quack, Quack’Said Mistress Chatterbox.
(d) Her friend Sanne, offered to help the writer.
(e) She jumped for joy because she would make the joke on her teacher.

PASSAGE 6

I finished my poem, and it was beautiful! It was about a mother duck and a father swan with three baby ducklings who were bitten to death by the father because they quacked too much. Luckily, Mr Keesing took the joke the right way. He read the poem to the class, adding his own comments, and to several other classes as well. Since then I’ve been allowed to talk and haven’t been assigned any extra homework. On the contrary, Mr Keesing’s always making jokes these days.

Word-meanings : Ducklings = offspring of a duck (बत्तख का बच्चा); quack = voice of a duck (बत्तख की आवाज); on the contrary = on the other hand (इसके विपरीत) I

Questions :

(a) Who is the writer of these lines ?
(b) What was the poem about?
(c) How did the Mr Keesing take the joke ?
(d) What did he do with the poem ?
(e) What has the writer been allowed to do?
Answers :
(a) Anne Frank is the writer of these lines.
(b) The poem was about a mother duck and a father swan with three baby ducklings.
(c) He took the joke in the right way.
(d) He read the poem to class and to several other classes as well. . . (e) She has been allowed to talk.

From the Diary of Anne Frank Summary in English

From the Diary of Anne Frank Introduction in English

Anne Frank was a young Jewish girl. She lived with her parents in Germany. But Hitler’s Nazi Party was against the Jews. The Nazis were killing the Jews or forcing them to work in the concentration camps. The Frank family fled from Germany in 1933 and took shelters in Netherlands. But in 1940, Germany attacked Netherlands and captured it. Now the Nazis started arresting the Jews and sending them to the concentration camps. The Frank family went into hiding. They lived secretly in the upper floors of their business premises. They hid there for 25 months. Their non-Jewish friends gave them food.

Anne had started writing her diary before going into hiding. In August 1944, the Germans came to know of their hiding. They were arrested and sent to Germany. Anne, her sister, Margot and her mother soon died in a concentration camp. Her father survived and published part of Anne’s diary. In this diary, Anne gives a moving and tragic account of the difficulties faced by her family and the other Jews.

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

The part of the diary reproduced in this chapter is about the days when Anne was a schoolgirl and she and her family had not yet moved to the secret quarters..

From the Diary of Anne Frank Summary in English

This chapter is a part of Anne Frank’s diary. Here she tells us about the early days of her life. She says that she decided to start writing a diary because she did not have a friend. Anne was born on 12th June, 1929. She had a sister three years older to her. She lived in Frankfurt until she was four. Her father immigrated to Holland in 1933.

Anne Frank was sent to the Montessori school and stayed there until she was six. She started in the Ist form. When Anne was in the sixth form, her teacher was Mrs Kuperus, the headmistress. Both had great love for each other.

Anne had no one in whom she could confide the feelings of her heart. So she decided to make her diary her friend. She called it “Kitty’. On Saturday 20th June, 1942, Anne Frank made her first entry in her diary. It was in the form of a letter and was addressed to her diary ‘Kitty’. Anne describes her experiences with her Mathematics teacher, Mr Keesing.

Anne writes that one day, Mr Keesing punished her for talking in the class. He gave her extra homework. He asked her to write an essay on ‘A Chatterbox.’ Anne wrote it, but she again talked in the class. Now Mr Keesing asked her to write an essay on ‘An Incorrigible Chatterbox.’ Mr Keesing liked the essays written by Anne Frank.

But Anne could not give up the habit of talking in the class. So, as a punishment, Mr Keesing asked her. to write an essay on an unusual title. “Quack, Quack, Quack,’ said Mistress Chatterbox.” Anne wrote this essay in the form of a poem. It was about a mother duck and the father swan. The father bit the three ducklings to death because they quacked too much. It was a satire on Mr Keesing. But he took the joke in the right way. He read the poem to Anne’s class and other classes also. He allowed Anne to talk in the class and never again gave her extra homework.

From the Diary of Anne Frank Summary in Hindi

From the Diary of Anne Frank Introduction in Hindi

(ऐनी फ्रैंक एक छोटी यहूदी लड़की थी। वह अपने माता-पिता के साथ जर्मनी में रहती थी। मगर हिटलर की नाज़ी पार्टी यहूदियों के विरुद्ध थी। नाज़ी लोग यहूदियों को मार रहे थे या उन्हें यातना शिविरों में काम करने के लिए मजबूर कर रहे थे। फ्रैंक परिवार 1933 में जर्मनी से भाग आया और नीदरलैंड्स में शरण ली। मगर 1940 में जर्मनी ने नीद्रलैंड्स पर आक्रमण किया और उस पर कब्जा कर लिया। अब नाज़ियों ने यहूदियों को कैद करना एवं उन्हें यातना शिविरों में भेजना आरंभ कर दिया। फ्रैंक परिवार छिप गया। वे अपने व्यापार के कार्यालय की ऊपरी मंजिल में गुप्त रूप से रहने लगे। वे वहाँ पर 25 महीने छिपे रहे। उनके गैर-यहूदी मित्रों ने उन्हें भोजन दिया।

ऐनी ने छिपने से पहले अपनी डायरी लिखनी आरंभ कर दी थी। अगस्त, 1944 में जर्मन लोगों को उनके छिपने का पता चल गया। उन्हें कैद करके जर्मनी भेज दिया गया। ऐनी, उसकी बहन मार्गट एवं उसकी माता की एक यातना शिविर में मौत हो गई। उसका पिता बच गया और उसने ऐनी की डायरी के एक भाग को प्रकाशित करवाया। इस डायरी में ऐनी अपने परिवार एवं अन्य यहूदियों द्वारा उठाई गई कठिनाइयों का मार्मिक वर्णन करती है।

यहाँ प्रस्तुत डायरी का अंश उन दिनों के बारे में है जब ऐनी स्कूली छात्रा थी और वह एवं उसका परिवार अभी गुप्त स्थान में छिपने के लिए नहीं गया था।)

From the Diary of Anne Frank Summary in Hindi

यह पाठ ऐनी फ्रैंक की डायरी का भाग है। यहाँ वह हमें अपने जीवन के प्रारंभिक भाग के बारे में बताती है। वह कहती है कि उसने डायरी लिखना इसलिए आरंभ किया, क्योंकि उसका कोई मित्र नहीं था। ऐनी का जन्म 12 जून, 1929 को हुआ। उसकी एक बहन थी जो उससे तीन साल बड़ी थी। वह चार साल की उम्र तक फ्रैंकफर्ट में रही। उसका पिता 1933 में हॉलैंड चला गया।

ऐनी फ्रैंक को मॉन्टेसरी स्कूल भेजा गया और वह वहाँ छह साल की उम्र तक रही। उसने पहली कक्षा से पढ़ाई आरंभ की। जब ऐनी छठी कक्षा में थी तो मुख्याध्यापिका श्रीमती क्यूपरस उसकी शिक्षिका थी। दोनों को एक-दूसरे से बहुत प्यार था।

ऐसा कोई नहीं था जिसे ऐनी अपने दिल की भावनाएँ बता सकती। इसलिए उसने अपनी डायरी को अपना मित्र बनाने का फैसला किया। उसने इसका नाम ‘किट्टी’ रखा। शनिवार 20 जून, 1942 को ऐनी फ्रैंक ने डायरी में पहली प्रविष्टि की। यह एक पत्र के रूप में थी और उसकी डायरी ‘किट्टी’ के नाम थी। ऐनी अपने गणित के अध्यापक श्री कीसिंग के साथ हुए अपने अनुभवों का वर्णन करती है।

ऐनी लिखती है कि एक दिन श्री कीसिंग ने उसे कक्षा में बातें करने के लिए सज़ा दी। उसने उसे अतिरिक्त गृहकार्य दिया। उसने उसे ‘बातूनी लड़की’ पर प्रस्ताव लिखने को कहा। ऐनी ने इसे लिखा मगर वह फिर कक्षा में बोली। अब श्री कीसिंग ने उसे “एक न सुधरने वाली बातूनी लड़की’ पर प्रस्ताव लिखने को कहा। श्री कीसिंग को ऐनी द्वारा लिखे गए प्रस्ताव पसंद आए।

मगर ऐनी कक्षा में बातें करने की आदत को नहीं छोड़ सकी। इसलिए सज़ा के तौर पर, श्री कीसिंग ने उसे एक असाधारण विषय पर प्रस्ताव लिखने को कहा, “ ‘क्वैक, क्वैक, क्वैक’ कुमारी बातूनी ने कहा।” ऐनी ने यह प्रस्ताव कविता के रूप में लिखा। यह एक बत्तख माता एवं हंस पिता के बारे में था। पिता ने बत्तख बच्चों को काटकर मार डाला क्योंकि वह बहुत अधिक बोलते थे। यह श्री कीसिंग पर व्यंग्य था। मगर उन्होंने मज़ाक को सही रूप में लिया। उसने कविता को ऐनी की कक्षा तथा अन्य कक्षाओं में भी पढ़कर सुनाया। उसने ऐनी को कक्षा में बोलने की अनुमति दी और उसके बाद कभी भी उसे अतिरिक्त गृह-कार्य नहीं दिया।

From the Diary of Anne Frank Translation in Hindi

ऐनिलिज मेरी ‘ऐनी’ फ्रेंक (12 जून, 1929 – फरवरी/मार्च 1945) जर्मनी में पैदा हुई एक यहूदी लड़की थी जिसने, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जर्मनी नीदरलैंड पर कब्जा कर रहा था, अपरे परिवार तथा चार अन्य मित्रों के साथ एम्सटर्डम में अपने लेख लिखे। जब नाज़ियों ने जर्मनी में सत्ता हासिल की तो उसका परिवार एम्सटर्डम चला गया, परंतु जब नाजियों का अधिकार नीदरलैंड तक बढ़ गया तो वे सभी उसके जाल में फंस गए। जब यहूदी जनसंख्या के विरुद्ध अंकुश बढ़ गए तो परिवार जुलाई, 1942 में अज्ञात स्थान पर चला गया और ऐनी के पिता के ओटो फ्रेंक के कार्यालय के कमरों में शरण ली। दो वर्ष के अज्ञातवास के बाद इस समूह को धोखा दे दिया गया और उसे यातना शिविर में ले जाया गया जहाँ पर बर्गन-बेल्सन में टाइपस रोग के कारण ऐनी की मृत्यु हो गई, उसकी बहन मार्गट फ्रैंक के आगमन के कुछ ही दिनों के भीतर। उसके पिता ओटो ही समूह में अकेले जीवित बचे और वे युद्ध की समाप्ति के बाद एम्सटर्डम वापिस लौट आए यह देखने के लिए कि ऐनी की डायरी सुरक्षित भी है या नहीं। इस बात से विश्वश्त होकर कि वह एक विशिष्ट रिकॉर्ड है, उसने इसे अंग्रेज़ी भाषा में ‘The Diary of a Young Girl’ शीर्षक के तहत छपवाने के लिए कदम उठाए।

ऐनी फ्रैंक को डायरी उसके तेरहवें जन्मदिन पर दी गई थी। इसमें 12 जून, 1942 से लेकर 1 अगस्त, 1944 तक की प्रमुख घटनाओं का विवरण है। इसे स्पष्ट रूप से वास्तविक डच भाषा से अनेक भाषाओं में अनुवादित किया गया और यह दुनिया की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली किताब बन गई और इस डायरी पर आधारित अनेक फिल्मों, टेलीविजन और सिनेमा के लिए अनेक कार्यक्रम और यहाँ तक कि एक संगीत कार्यक्रम का भी निर्माण किया गया। इसे एक परिपक्व और अन्तर्दृष्टि दिमाग का कार्य बताते हुए यह डायरी नाज़ियों के अधिकार के जीवन में सबसे निकट परीक्षण का वर्णन है। ऐनी फ्रैंक एक प्रसिद्ध लेखिका है और उसने नाज़ी अत्याचार से पीड़ित लोगों का वर्णन किया है।

[PAGE 50] :डायरी में लिखना मेरे जैसे व्यक्ति के लिए सचमुच एक अजीब अनुभव है। केवल इसलिए नहीं कि मैंने पहले कभी कुछ नहीं लिखा है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि मुझे लगता है कि बाद में न मैं न ही अन्य कोई तेरह साल की स्कूली छात्रा के विचारों में कोई रुचि लेगा। खैर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे लिखने का शौक है और इससे बढ़कर मुझे अपने दिल से बहुत-सी चीज़ों के बोझ को हटाने की आवश्यकता है।

“कागज़ में लोगों से अधिक धैर्य होता है।” मैंने इस कहावत के बारे में उन दिनों में से एक दिन सोचा जब मैं कुछ उदास थी और मैं घर पर अपनी ठुड्डी को अपने हाथ पर रखकर बैठी थी, मैं उकताई हई एवं लापरवाह थी और हैरान हो रही थी कि घर पर रुकूँ या बाहर चली जाऊँ। अंत में, मैं वहीं रही जहाँ थी, और सोचती रही।

हाँ, कागज में अधिक धैर्य होता है, और क्योंकि मैं इस सख जिल्द वाली कॉपी जिसे चाव से ‘डायरी’ कहा जाता है, उसे किसी को नहीं पढ़ने दूंगी, हाँ, अगर मुझे कोई सच्चा मित्र मिल गया तो और बात है, इससे शायद ज़रा भी फर्क नहीं पड़ता।

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

अब मैं उस बात पर लौटकर आती हूँ जिसने पहले तो मुझे डायरी रखने के लिए प्रेरित किया, मेरा कोई मित्र नहीं है। लाओ, मैं इस बात को अधिक स्पष्ट रूप से कहूँ क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि एक तेरह साल की लड़की इस संसार में पूरी तरह अकेली हो सकती है। और मैं नहीं हूँ। मेरे माता-पिता बहुत स्नेही हैं और लगभग एक 16 वर्षीय बहन और तीस लोग ऐसे हैं जिन्हें मैं अपना मित्र कह सकती हूँ। मेरा एक परिवार है, प्रिय चाचियाँ हैं और एक अच्छा घर है। नहीं, बाहरी तौर पर तो ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे पास सब कुछ है, सिवाय एक सच्चे मित्र के। मैं जब अपने मित्रों के साथ होती हूँ और वे आनंद उठा रहे होते हैं तो बहुत कुछ सोचती हूँ। मैं रोज के जीवन की साधारण वस्तुओं के अतिरिक्त किसी अन्य के विषय के बारे में बात नहीं कर पाती। ऐसा नहीं लगता कि हम एक-दूसरे के निकट आ रहे हैं और यही मेरी समस्या है। शायद यह मेरा कसूर है कि हम एक-दूसरे को दिल की बात नहीं बता पाते। जो भी है, मामला ऐसा ही है और दुर्भाग्य से इसके बदलने के आसार भी नहीं हैं। इसलिए मैंने डायरी लिखना आरंभ किया है।

इस चिर-प्रतीक्षित मित्र की छवि को अपनी कल्पना में सुधारने के लिए, मैं अपनी डायरी में तथ्यों को इस प्रकार नहीं लिखना चाहती जैसे अधिकतर लोग करते हैं, मगर मैं चाहती हूँ कि डायरी मेरी मित्र बन जाए और मैं इस मित्र को ‘किट्टी’ कहूँगी।

[PAGE 51] : क्योंकि अगर मैंने एकदम लिखना आरंभ कर दिया तो कोई भी व्यक्ति मेरे द्वारा किट्टी को कहा गया कोई भी शब्द नहीं समझ पाएंगा, अच्छा होगा अगर मैं अपने जीवन का संक्षिप्त वृत्तांत हूँ, यद्यपि मुझे ऐसा करना अच्छा नहीं लगता।

मेरे पिता जी, जो मेरे द्वारा अब तक देखे गए पिताओं में सबसे प्रिय थे, उन्होंने तब तक शादी नहीं की जब तक वे छत्तीस साल के नहीं हुए और मेरी माता जी पच्चीस साल की नहीं हुई। मेरी बहन, मार्गट का जन्म 1926 में जर्मनी में फ्रैंकफर्ट में हुआ। मेरा जन्म 12 जून, 1929 को हुआ। मैं तब तक फ्रैंकफर्ट में रही जब तक मैं चार वर्ष की नहीं हो गई। मेरे पिता जी 1933 को हॉलैंड चले गए। मेरी माता, एडिथ हॉलैंडर फ्रैंक, उनके साथ हॉलैंड सितंबर में गई और मुझे एवं मार्गट को हमारी दादी के साथ रहने के लिए आचेन भेज दिया गया। मार्गट हॉलैंड दिसंबर में गई और मैं फरवरी में, जब मुझे जल्दी से मेज पर मार्गट के जन्मदिन के उपहार में रखा गया।

मैंने फौरन मॉन्टेसरी नर्सरी स्कूल में पढ़ाई आरंभ की। मैं छह साल का होने तक वहाँ रही जब मैंने पहली कक्षा में प्रवेश लिया। छठी कक्षा में मेरी अध्यापिका थी मिसेज क्यूपरस, जो मुख्याध्यापिका थी। साल समाप्त होने पर हम दोनों आँसुओं से भरी थीं जबकि हमने एक-दूसरे से हृदय विदारक विदाई ली।

1941 की गर्मियों में दादी बीमार पड़ गई और उसका ऑप्रेशन करना पड़ा, इसलिए मेरा जन्मदिन बिना मनाए बीत गया।
दादी की मृत्यु जनवरी, 1942 में हो गई। कोई नहीं जानता कि मैं उनके बारे में कितना अधिक सोचती हूँ और अभी-भी उनसे प्यार करती हूँ। 1942 का यह जन्मदिन उस अन्य व्यक्ति की कमी को पूरा करने के लिए मनाया गया था और अन्य मोमबत्तियों के साथ दादी की मोमबत्ती भी जलाई गई।

हम चारों अभी-भी ठीक-ठाक हैं और यह बात मुझे 20 जून, 1942 की वर्तमान तारीख तक और मेरी डायरी के गंभीर समर्पण की ओर ले जाती है।

[PAGE 52] :

शनिवार, 20 जून, 1942
प्रियतम किट्टी
हमारी सारी कक्षा बुरी तरह काँप रही है। निस्संदेह कारण है हमारी आने वाली मीटिंग जिसमें अध्यापक यह फैसला करेंगे कि किसको अगली कक्षा में भेजा जाएगा और किसको इसी कक्षा में रखा जाएगा। आधी कक्षा शर्त लगा रही है। G.N. और मैं हमारे पीछे बैठे दो लड़कों C.N. और जैक्स पर हँस-हँसकर पागल हुई जा रही हैं जिन्होंने इस शर्त पर अपनी छुट्टियों की पूरी बचत दाँव पर लगा दी है। सुबह से रात तक यही होता रहता है, “तुम पास हो जाओगे”, “नहीं, मैं नहीं होऊँगा”, “हाँ, तुम हो जाओगे”, “नहीं, मैं नहीं होऊँगा” यहाँ तक कि ‘G’ की प्रार्थना करती हुई नज़रें एवं मेरा गुस्से से फूट पड़ना भी उन्हें शांत नहीं कर सकते। अगर तुम मुझसे पूछो तो इतने बुद्ध छात्र हैं कि लगभग एक-चौथाई कक्षा को इस श्रेणी में रखा जाना चाहिए, मगर अध्यापक इस दुनिया में सबसे अधिक ऐसे प्राणी हैं जिनके बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

मुझे अपनी एवं अपनी सहेलियों की अधिक चिंता नहीं है। हम पास हो जाएँगी। एकमात्र विषय जिसके बारे में मैं निश्चित नहीं हूँ वह गणित है। खैर, हम जो कुछ कर सकते हैं, वह है इंतज़ार करना। तब तक, हम एक-दूसरे से कहते रहते हैं कि हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

मेरी मेरे शिक्षकों के साथ काफी अच्छी बनती है। हमारे यहाँ नौ अध्यापक हैं, सात पुरुष एवं दो महिलाएँ। श्री कीसिंग बूढ़े व्यक्ति, जो हमें गणित पढ़ाते हैं, मेरे साथ काफी लंबे समय तक नाराज़ रहे क्योंकि मैं बहुत बोलती थी। काफी चेतावनियों के बाद उन्होंने मुझे अतिरिक्त गृह-कार्य दे दिया। ‘बातूनी’ विषय पर एक निबंध। बातूनी-आप इसके बारे में क्या लिख सकते हैं। मैंने फैसला किया कि इस बात की चिंता मैं बाद में करूँगी। मैंने अपनी कॉपी में शीर्षक नोट किया, उसे अपने बैग में डाला और शांत रहने का प्रयत्न किया।

उस शाम, जब मैं बाकी का गृह-कार्य समाप्त कर चुकी तो निबंध के बारे में नोट मेरी नज़रों में आया। पेन के कोने को चबाते हुए मैंने इस विषय के बारे में सोचना आरंभ कर दिया। हर व्यक्ति इधर-उधर की बातें बोल सकता है और शब्दों के बीच में बड़े-बड़े खाली स्थान छोड़ सकता है। मगर असली बात थी कि बात करने की आवश्यकता को सिद्ध करने के लिए विश्वासपूर्ण तर्क दिए जाएँ। मैं सोचती रही और अचानक मुझे एक विचार आया। मैंने वे तीन पृष्ठ लिखे जो श्री कीसिंग ने मुझे कहा था और संतुष्ट हो गई। मैंने तर्क दिया कि बातें करना एक छात्र का गुण है और मैं इसे नियंत्रण में रखने का पूरा प्रयत्न करूँगी।

[PAGES 53-54] : लेकिन मैं अपनी इस आदत को पूरी तरह दूर कभी नहीं कर पाऊँगी, क्योंकि मेरी माता जी अगर अधिक नहीं तो कम-से-कम इतना जरूर बोलती थीं जितना मैं बोलती हूँ और आप विरासत में मिले गुणों के बारे में अधिक कुछ नहीं कर सकते।

श्री कीसिंग मेरे तर्कों को पढ़कर बहत हँसे, लेकिन जब मैं अपने अगले पाठ के बीच बोलने लगी तो उन्होंने मुझे दूसरा निबंध दे दिया। इस बार यह था, “एक ठीक न हो सकने वाली बातूनी लड़की।” मैंने यह भी लिखकर दे दिया और श्री कीसिंग के पास अगले दो पाठों तक मुझे शिकायत करने के लिए कुछ नहीं था। लेकिन तीसरे पाठ के दौरान उसका धैर्य जवाब दे गया। “ऐनी फ्रैंक, मेरी कक्षा में बातें करने की सजा के रूप में निबंध लिखो”, “क्वैक, क्वैक, क्वैक, मिस बातूनी ने कहा।

कक्षा जोर से हँसी। मुझे भी हँसना पड़ा, यद्यपि बातूनी लोगों के विषय पर मेरा ज्ञान समाप्त हो गया था। अब समय था कि मैं कुछ और लिखें, कुछ मौलिक। मेरी सहेली सेन, जिसकी कविता अच्छी थी, उसने पेशकश की कि वह सारे निबंध को शुरू से लेकर अंत तक कविता में लिखने में मेरी सहायता करेगी। मैं खुशी से कूदने लगी। इस हास्यास्पद विषय के द्वारा श्री कीसिंग मुझ पर मज़ाक करने का प्रयत्न कर रहे थे, मगर मैं निश्चित रूप से उन पर मजाक करूँगी।

मैंने अपनी कविता पूरी की और यह शानदार थी। यह एक बत्तख माता एवं हंस पिता के बारे में थी जिनके तीन बच्चे थे जिन्हें पिता ने चबाकर मार डाला क्योंकि वे बहुत अधिक बोलती थीं। सौभाग्यवश श्री कीसिंग ने मज़ाक को सही रूप में लिया। उसने कविता को कक्षा में पढ़ा, उस पर अपनी टिप्पणियाँ जोड़ी और कई अन्य कक्षाओं में उसे पढ़ा। उसके बाद से मुझे बात करने की इज़ाजत है और कभी अतिरिक्त गृह-कार्य भी नहीं मिला। इसके विपरीत आजकल श्री कीसिंग सदा मज़ाक करते रहते हैं।

तुम्हारी, ऐनी।

From the Diary of Anne Frank Word-Meanings in Hindi

[PAGE 50) : Musings = thoughts (Paar); depressed = sad (UGIA); brooding = thinking (Hitaat); probably = perhaps (शायद); prompted = encouraged (प्रोत्साहित किया); on the surface = apparently (बाहरी रूप से); fault= mistake (दोष); enhance = increase (बढ़ाना); jot down = write (लिखना)।

[PAGE 51] : Plunge = start (आरंभ करना); adorable = loving (प्रिय); emigrated = migrated (विदेश जाना); plunked down = placed on (रखना); farewell = adieu (अलविदा); celebration = festivity (उत्सव); grandma = grandmother (दादी, नानी); solemn = serious (गंभीर); dedication = dedication (समर्पण)।

PAGE 52] : Quaking in its books = full of fear (डरना); forthcoming = imminent (आने वाला); silly = foolish (मूख); pleading = full of request (प्रार्थना करना); dummies = fools (मूख); quarter = one-fourth (एक-चौथाई); unpredictable=that which cannot be guessed about (जिसके बारे में अनुमान न लग सके); lose heart=feel discouraged (निरुत्साहित होना); get along = deal with (व्यवहार करना); annoyed = angry (नाराज); several = many (बहुत सारे); convincing = reasonable (तर्कसंगत); assigned = gave, entrusted (देना, सौंपना)।

HBSE 10th Class English Solutions First Flight Chapter 4 From the Diary of Anne Frank

[PAGES53-54]: Inherited = got from family (विरासत में मिलना); trait=feature (गुण); chatterbox=talkative (बातूनी); roared = laughed loudly (जोर-से हँसना); exhausted = finished (समाप्त करना); ingenuity = skill (कुशलता); proceeded = continued (जारी रहना); incorrigible = the one who cannot be improved (जो न सुधरे); ridiculous = mocking (हास्यास्पद); duck = a water bird (बत्तख); swan = a bird (हंस); ducklings = young ones of aduck (बत्तख का बच्चा); quack = sound of aduck (बत्तख की आवाज); on the contrary = on the other hand (इसके विपरीत)।

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HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Grammar Preposition Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Grammar Preposition

What is Preposition ?
Preposition अंग्रेजी भाषा के वे छोटे-छोटे शब्द होते हैं जो एक Noun (संज्ञा) तथा दूसरे Noun के बीच में या एक Noun और Verb (क्रिया) के बीच सम्बन्ध बताते हैं।
जैसे-
1. The pen is on the table.
2. She is looking at the picture.
पहले वाक्य में preposition है ‘on’ यह हमें pen का table से सम्बन्ध बताती है कि किताब मेज के “ऊपर” है, नीचे, दाएँ या बाएँ नहीं है।

दूसरे वाक्य में ‘at’ नाम की preposition क्रिया “looking” और संज्ञा the picture का सम्बन्ध बताती है कि देखने का काम तस्वीर ‘पर’ है न कि उसके पीछे, नीचे आदि।

Prepositions का अंग्रेजी भाषा में बहुत महत्त्व है। इनके बिना अंग्रेजी भाषा लिखना लगभग असम्भव है।

Prepositions हिन्दी के ‘साथ’, ‘के’, ‘ऊपर’, ‘नीचे’, ‘आगे’, ‘पर’, ‘भीतर’, ‘बाहर’, ‘द्वारा’, ‘में’, ‘से’ आदि का बोध करवाती हैं। अंग्रेजी भाषा में बहुत-सी prepositions हैं। मगर विद्यार्थियों को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अंग्रेजी में preposition का अर्थ वाक्य के भाव के अनुसार बदलता रहता है अर्थात् एक preposition के कई अर्थ हो सकते हैं।

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

For Example:
I will do this work by 8 o’clock.
(मैं यह काम आठ बजे तक कर लूँगा।)

We escaped by chance.
(हम किस्मत से बच गए।)

He came by bus.
(वह बस के द्वारा आया।)

He will get the work done by hook or by crook.
(वह जैसे-तैसे काम करवा लेगा।)

She sat by her husband.
(वह अपने पति के पास बैठी थी।)

उपर्युक्त वाक्यों में ‘by’ नाम की Preposition का अर्थ वाक्य के भाव के साथ-साथ बदल गया है।

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Some Important Preposition:

कुछ महत्त्वपूर्ण prepositions के प्रयोग इस प्रकार हैं :

1. AT
‘At’ के प्रयोग निम्नलिखित हैं-
(a) स्थान के लिए :
I met her at the Railway station.

(b) ‘पर’ :
He threw stones at the dogs.

(c) त्योहारों के लिए:
People wear new clothes at Diwali.

(d) निश्चित समय के लिए :
Sudha met me at 5 p.m.

2. ABOUT

‘About’ को निम्नलिखित अर्थों में प्रयोग कर सकते हैं :
(a) के बारे में:
They told me about their journey.

(b) ‘लगभग’ :
I have about six hundred rupees in my pocket.

(c) के आस-पास या इधर-उधर :
He went about the forest.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

3. BY

‘By’ का प्रयोग कई अर्थों में होता है; जैसे-
(a) ढंग या बोध के द्वारा :
He came by train

(b) के द्वारा कोई काम होना :
This book has been written by Mohan.

(c) ‘के निकट’ :
He sat by the temple and begged.

(d) ‘तक’
He can do this work by 5 p.m.

(e) माप-तोल के लिए :
Milk is sold by litres.

(f) समय के लिए:
I travelled by the night.

4. BETWEEN

‘Between’ का प्रयोग ‘दो के बीच’ के लिए होता है।
He divided his property between his two sons.
नोट : अगर बात दो से अधिक के बीच की हो तो ‘among’ का प्रयोग करते हैं।
He divided his property among his five sons.

5. FOR
‘For’ का प्रयोग कई अर्थों में होता है :

(a) उद्देश्य के लिए :
He went to America for higher studies.

(b) अवधि या दूरी के लिए:
I have been living in Delhi for ten years. I was ill for a week.
The desert was spread for miles.

(c) ‘कारण’ को बताने के लिए:
He was sent to jail for theft.

(d) ‘दिशा’ :
The bus is leaving for Chandigarh.

(e) प्रभाव को प्रकट करना :
Milk is good for health. Drinking ton much tea is had for you

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

6. FROM

‘From’ के मुख्य अर्थ निम्नलिखित हैं :

(a) ‘से’ आना:
He is coming from Chandigarh.

(b) गति, हलचल, हटाना आदि के लिए:
He rose from his seat.
Remove that cycle from there.

(c) आरम्भ या उद्गम स्थान को दर्शाना :
Tea comes from Assam.
He lived there from March to May.

(d) ‘अलग’, ‘दूर’ :
He is away from me.

7. IN

‘In’ का प्रयोग निम्नलिखित अर्थों के लिए होता है :

(a) में :
He is in the room.

(b) ‘किसी समय में’ को दर्शाने के लिए :
I can do this work in four hours.

(c) महीने, साल, शताब्दी आदि के लिए :
He came here in December.
Nehru died in 1964.

(d) स्थानों के लिए:
She lives in Kolkata.
I met her in the street.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

8. ON

‘On’ के प्रयोग निम्नलिखित हैं :
(a) ‘पर’, के ‘ऊपर’
He is sitting on the roof.

(b) दिन या तारीख के लिए :
He went to Delhi on Sunday.
He came here on 10th March.

(c) किसी विशेष दिन के विशेष भाग के लिए :
Many people gamble on the night of Diwali.

9. TO
‘To’ का प्रयोग निम्नलिखित अर्थों के लिए होता है :
(a) ‘को’ जाना:
He went to Rohtak.

(b) From के बाद To’ का अर्थ ‘तक’ के लिए होता है : :
He worked from 6 p.m. to 8 p.m.

(c) को (देना):
He gave a pen to me.

(d) “भावना’ :
He is rude to her parents.

(e) ‘तुलना’ :
His pen is superior (अधिक श्रेष्ठ) to my pen.
This table is inferior (निम्न श्रेणी) to that table.

10. WITH

‘With’ निम्नलिखित अर्थों को दर्शाता है:

(a) ‘के साथ’ :
He went to Delhi with his friend.

(b) ‘साधन’, ‘के द्वारा :
He killed the lion with a gun.

(c) ‘कारण’
He is dying with hunger.

(d) किसी गुण या शारीरिक विशेषता का होना :
The girl with red hair.
The boy with a limp. (लंगड़ापन)

(e) ‘ढंग’
He fought with bravery.

(f) ‘से’ जैसे ‘से भरा होना
The room was filled with smoke.

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Uses Of Some Important Prepositions

(A)

1. Agree with (किसी व्यक्ति से सहमत होना); I agree with you. (मैं आप से सहमत हूँ।)

2. Agree to (किसी बात, सुझाव आदि से सहमत होना); I agree to your proposal. (मैं आपके सुझाव से सहमत हूँ।)

3. Act upon (या on) (अमल करना); I acted on my father’s advice. (मैंने अपने पिता की सलाह पर अमल किया।)

4. Angry with (किसी व्यक्ति से नाराज होना); He is angry with me. (वह मुझसे नाराज है।)

5. Angry at (किसी बात पर नाराज होना); He is angry at your behaviour. (वह आपके बर्ताव पर नाराज है।)

6. Aim at
(i) (निशाना लगाना); Shayam aimed at the bird. (श्याम ने पक्षी पर निशाना साधा।)
(ii) (लक्ष्य होना); He has aimed at becoming a doctor. (उसने डॉक्टर बनने का लक्ष्य बनाया हुआ है।)

7. Accuse of (का इल्ज़ाम लगाना); He was accused of cheating his friend. (उस पर अपने मित्र को धोखा देने का इल्ज़ाम लगाया गया।)

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8. Apply to (प्रार्थना-पत्र दिया है।); He has applied to the officer for leave. (उसने डॉक्टर प्रार्थना-पत्र दिया है।)

9. Apply for (किसी चीज के लिए प्रार्थना पत्र देना); I have applied for the post of a clerk. (मने क्लर्क के पद के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।)

10. Attend to (ध्यान देना); Please attend to the lecture. (कृपया भाषण पर ध्यान दो।)

11. Abstain from (परहेज करना); You should abstain from smoking. (तुम्हें धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।)

12. Abound in (प्रचुर मात्रा में होना); This pond abounds in fish. (इस तालाब में मछलियाँ प्रचुर मात्रा में हैं।)

13. Acquit of (बरी कर देना); The judge acquitted him of the crime. (जज ने उसे अपराध से बरी कर दिया।)

14. Amazed at (हैरान होना); I was amazed at his progress. (मैं उसकी प्रगति पर हैरान हुआ।)

15. Ashamed of (शर्मसार होना); He was ashamed of his conduct and did not meet me. (वह अपने व्यवहार पर शर्मिन्दा था और मुझे नहीं मिला।)

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(B)

16. Beg for (गिड़गिड़ाना, भीख माँगना); The criminal begged for mercy. (अपराधी ने दया की भीख माँगी।)

17. Benefit from (से फायदा उठाना); He has benefitted from the new scheme. (उसने नई योजना से फायदा उठाया है।)

18. Believe in (में विश्वास करना); He does not believe in God. (उसे भगवान में विश्वास नहीं है।)

19. Base on (पर आधारित करना या होना); This film is based on a famous novel. (यह फिल्म एक प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित है।)

20. Blind to (अनदेखी करना); You are blind to the faults of your brother. (आप अपने भाई के दोषों की अनदेखी करते हैं।)

21. Boast of (डींग मारना); He always boasts of his wealth. (वह सदा अपनी दौलत की डींग मारता रहता है।)

22. Born in (जन्म होना); He was born in a rich family. (उसका जन्म एक अमीर परिवार में हुआ था।)

23. Blame for (दोष देना); He blamed me for his failure. (उसने अपनी असफलता के लिए मुझे दोष दिया।)

24. Backward in (किसी चीज में पिछड़े होना); This area is backward in education. (यह क्षेत्र शिक्षा में पिछड़ा हुआ है।)

25. Belong to (से सम्बन्ध स्थापित रखना); This house belongs to Mohan. (यह धर मोहन से सम्बन्ध रखता है, अर्थात् यह घर मोहन का है।)

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(C)

26. Care for (परवाह करना); I do not care for Mohan. (मैं मोहन की परवाह नहीं करता।)

27. Care about (देखभाल करना); You should take care about your health. (तुम्हें अपने स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए।)

28. Charged with (इल्जाम लगाना); He was charged with murdering a man. (उस पर एक व्यक्ति की हत्या करने का इल्जाम लगाया गया।)

29. Cry for (किसी बात के लिए रोना या चिल्लाना); He is crying for his lost wealth. (वह अपने खोए हुए धन के लिए रो रहा है।)

30. Complain of (शिकायत करना); He complained of low pressure of water. (उसने पानी के कम दबाव की शिकायत की।)

31. Compromise with (समझौता करना); He compromised with me and settled the matter.(उसने मेरे साथ समझौता कर लिया और मामला निपटा दिया।)

32. Capable of (समर्थ होना); He is capable of doing great work. (वह महान कार्य करने में समर्थ है।)

33. Cure of (इलाज करना); The doctor cured me of cold. (डॉक्टर ने मेरे जुकाम का इलाज कर दिया।)

34. Cure for (का इलाज); What is the cure for cold ? (जुकाम का इलाज क्या है?)

35. Careful of (जागरुक, सावधान होना); He is careful of his health. (वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान है।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(D)

36. Deal in (व्यापार करना); He deals in cloth. (वह कपड़े का व्यापार करता है।)

37. Deal with (व्यवहार करना); You must deal with the others politely. (तुम्हें अन्य लोगों से अवश्य ही नम्रता का व्यवहार करना चाहिए।)

38. Depend on (पर निर्भर होना); He depends on his father for all his needs. (वह अपनी आवश्यकताओं के लिए अपने पिता पर निर्भर है।)

39. Die of (किसी बीमारी से मरना); He died of cancer. (वह कैंसर से मर गया।)

40. Die from (कुछ करने से मरना); He died from over eating. (वह अधिक खाने से मर गया।)

41. Die for (किसी उद्देश्य के लिए मरना); He died for his country. (वह अपने देश के लिए मरा।)

42. Different from (से भिन्न); This book is different from your book. (यह पुस्तक तुम्हारी पुस्तक से भिन्न है।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(E)

43. Exception to (अपवाद होना); There is exception to every rule. (हर नियम का अपवाद है।)

44. Escape from (बच निकलना); He escaped from jail. (वह जेल से बच निकला।)

45. Enquire into (छानबीन करना); The police enquired into the matter. (पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।)

46. Equal to (के बराबर); The weight of this packet is equal to the weight of that packet. (इस पैकेट का वजन उस – पैकेट के बराबर है।)

(F)

47. Faithful to (के प्रति वफादार होना); Ram is faithful to his master. (राम अपने मालिक के प्रति वफादार है।)

48. Full of (से भरा होना); I found a purse full of money. (मुझे पैसों से भरा हुआ पर्स मिला।)

49. Fond of (शौकीन होना); I am fond of apples. (मैं सेबों का शौकीन हूँ।)

50. Fire at (किसी पर गोली चलाना); The soldiers fired at the enemy. (सैनिकों ने दुश्मन पर गोली चलाई।)

51. Feed on (पर पलना); The cow feeds on grass. (गाय घास पर पलती है।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(G)

52. Good at (किसी काम में निपुण होना); He is good at English. (वह अंग्रेजी में निपुण है।)

53. Good for (उपयोगी होना); Playing is good for health. (खेलना स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।)

54. Gaze at (ध्यान से देखना); He was gazing at the flower. (वह फूल को ध्यान से देख रहा था।)

55. Guilty of (का दोषी होना); He is guilty of breaking the law. (वह कानून तोड़ने का दोषी है।)

56. Grateful to (कृतज्ञ होना); Mohan is grateful to Ram for helping him. (मोहन सहायता करने के लिए राम का कृतज्ञ है।)

(H)

57. Hope for (आशा करना); He hopes for the best. (उसे शुभ होने की आशा है।)

58. Hopeful of (का आशावान होना); He is hopeful of getting the Ist division. (उसे प्रथम श्रेणी प्राप्त होने की आशा है।)

59. Hungry for (भूखा होना, तीव्र लालसा होना); He is hungry for love. (वह प्यार का भूखा है।)

60. Hint at (इशारा करना); He hinted at the new plan. (उसने नई योजना का इशारा किया।)

61. Hinder from (रोकना); The storm hindered me from reaching the city. (तूफान ने मुझे शहर पहुंचने से रोका।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(I)

62. III with (से ग्रस्त); He is ill with fever. (वह बुखार से ग्रस्त है।)

63. Interfere in (दखल देना); He interfered in my work. (उसने मेरे काम में दखल दिया।)

64. Interested in (में रुचि होना); I am interested in stamp collecting. (मेरी रुचि टिकटें इकट्ठी करने में है।)

65. Insist on (पर जोर देना); He insisted on going to Rewari. (उसने रिवाड़ी जाने पर जोर दिया।)

66. Inferior to (से घटिया); This chair is inferior to that. (यह कुर्सी उससे घटिया है।)

(J and K)

67. Junior to (से कनिष्ठ); Mohan is junior to Sohan. (वह सोहन से कनिष्ठ है।)

68. Jeer at (मजाक उड़ाना); The crowd jeered at the player. (भीड़ ने खिलाड़ी का मजाक उड़ाया।)

69. Jealous of (ईर्ष्या करना); Radha is jealous of her sister. (राधा को अपनी बहन से ईष्ा है।)

70. Knock at (खटखटाना); He knocked at the door for some time. (उसने कुछ देर तक दरवाजा खटखटाया।)

71. Key to (कुंजी होना); Hard work is the key to success. (कठिन मेहनत सफलता की कुंजी है।)

72. Laugh at (पर हँसना); The boys are laughing at the beggar. (लड़के भिखारी पर हंस रहे है।)

73. Loyal to (वफादार होना); We should be loyal to the country. (हमें अपने देश के प्रति वफादार होना चाहिए।)

74, Lead to (की ओर जाना); This road leads to Ambala. (यह सड़क अम्बाला जाती है।)

75. Liking for (रुचि होना); I have a liking for cricket. (मेरी क्रिकेट में रुचि है।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(M and N)

76. Made of (का बना होना); This table is made of wood. (यह मेज लकड़ी की बनी हुई है।)

77. Mix with (से मिलना, संगति करना); You should not mix with bad boys. (तुम्हें बुरे लड़कों की संगति नहीं करनी चाहिए।)

78. Meddle with (दखल देना); Pakistan is meddling with our affairs. (पाकिस्तान हमारे मामलों में दखल दे रहा है।)

79. A need of (आवश्यकता होना); I am in need of money. (मुझे पैसे की आवश्यकता है।)

(O and P)

80. Obliged to (आभारी होना / कृतज्ञ करना); I shall be obliged to you. (मैं आपका आभारी रहूंगा।)

81. Pleased with (प्रसन्न होना); He is pleased with my work. (वह मेरे काम से प्रसन्न है।)

82. Prefer to (प्राथमिकता देना); I prefer tea to coffee. (मैं चाय को कॉफी से अधिक प्राथमिकता देता हूँ।)

83. Popular with (प्रसिद्ध); Mohan is popular with his friends. (मोहन अपने मित्रों में बहुत प्रसिद्ध है।)

84. Prevent from (रोकना); He prevented me from going to Hisar. (उसने मुझे हिसार जाने से रोका।)

85. Protect from (रक्षा करना); Woollen clothes protect us from cold. (गर्म कपड़े ठण्ड से हमारी रक्षा करते हैं।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(Q and R)

86. Quarrel with (किसी व्यक्ति से झगड़ा करना); He quarrelled with me. (उसने मुझसे झगड़ा किया।)

87. Quarrel over (किसी बात पर झगड़ना); He quarrelled over a pen. (उसने एक पैन के बारे में झगड़ा किया।)

88. Recover from (ठीक होना); He has recovered from illness. (बह बीमारी से ठीक हो गया है।)

89, Remind of (याद दिलाना); He reminded me of his application. (उसने मुझे अपने प्रार्थना-पत्र की याद दिलाई।)

90. Rebel against (विद्रोह करना); People rebelled against the cruel king. (लोगों ने क्रूर राजा के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।)

91. Rule over (शासन करना); Akbar ruled over India for a long time. (अकबर ने भारत पर लम्बे समय तक शासन किया।)

92. Repent of (पछताना); He repented of his misdeeds. (वह अपने बुरे कामों पर पछताया।)

(S) 93, Send for (बुला भेजना); They sent for the doctor. (जन्होंने डॉक्टर को बुला भेजा।)

94. Search for (तलाश करना); The police is searching for the thief. (पुलिस चोर की तलाश कर रही है।)

95. Similar to (के समान); This shirt is similar to that. (यह कमीज उस कमीज़ के समान है।)

96. Short of (कमी होना); At present I am short of money. (इस समय मेरे पास पैसे की कमी है।)

97. Sorry for (अफसोस होना); I am sorry for troubling you. (मुझे आपको तंग करने का अफसोस है।)

98. Surrendered to (आत्म-समर्पण करना); The enemy surrendered to our army. (दुश्मन ने हमारी सेना के सामने आत्म-समर्पण कर दिया।)

99. Slow at (धीमे होना); He is slow at learning English. (वह अंग्रेजी सीखने में धीमा है।)

100. Succeed in (सफल होना); Mohan succeeded in getting Ist division. (मोहन प्रथम श्रेणी प्राप्त करने में सफल हुआ।)

101. Stare at (पूर-चूर कर देखना); The old man stared at me for a long time. (बूढ़ा आदमी मुझे बहुत देर तक घूर-यूर कर देखता रहा।)

102. Speak to (से बात करना); Ispoke to him about it. (मैंने उससे इस बारे में बात की।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

(T)

103. Tired of (तंग आ जाना); I am tired of waiting. (मैं इंतजार करने से तंग आ गया हूँ।)

104. Think of (विचार होना); What do you think of this plan? (आपका इस योजना के बारे में क्या विचार है ?)

105. True to (पालन करना); You should be true to your word. (तुम्हें अपने वचन का पालन करना चाहिए।)

106. Talk about (बात करना); Everybody is talking about the new film. (हर व्यक्ति नई फिल्म के बारे में बात कर रहा

107. Threaten to (धमकी देना); The terrorist threatened to blow up the plane. (आतंकवादियों ने जहाज़ को बारुद से उड़ा देने की धमकी दी।)

108. Trust in (विश्वास करना); We should trust in God. (हमें भगवान् में विश्वास करना चाहिए।)

109. Taste for (रुचि होना); She has no taste for painting. (उसकी चित्रकारी में कोई रुचि नहीं है।)

(U to Z)

110. Useful to (व्यक्ति के लिए लाभदायक); This book is useful to me. (यह पुस्तक मेरे लिए लाभदायक है।)

111. Useful for (किसी काम के लिए लाभदायक); This machine is useful for cleaning the wells. (यह मशीन कुएँ साफ करने के लिए लाभदायक है।)

112. Vain of (घमण्डी होना); He is vain of his wealth. (वह अपने धन के बारे में घमण्डी है।)

113. Wait for (प्रतीक्षा करना); He is waiting for the bus. (वह बस की प्रतीक्षा कर रहा है।)

114. Weep for (के लिए रोना); The brothers wept for their lost wealth. (भाई अपनी खोई हुई दौलत के लिए रोए।)

115. Wish for (कामना करना); He wished for good weather. (उसने अच्छे मौसम की कामना की।)

116. Wonder at (हैरान होना); He wondered at the skill of that man. (वह उस व्यक्ति की निपुणता पर हैरान हुआ।)

117. Weary of (तंग आ जाना); I am weary of listening to him. (मैं उसकी बातें सुनकर तंग आ गया हूँ।)

118. Warn against/of (चेतावनी देना); The government warned the terrorists of serious results. (को गम्भीर परिणामों की चेतावनी दी है।)

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

119. Worthy of (के योग्य); He is worthy of respect. (वह सम्मान के योग्य है।)

120. Weak in (में कमजोर); She is weak in Mathematics. (वह गणित में कमजोर है।)

121. Write to (को लिखना); I have written to him about my plan. (मैंने उसे अपनी योजना के बारे में लिखा है।)

122. Worry about (चिंता करना); He worried about the success of his son. (उसे अपने बेटे की सफलता की चिंता हुई।)

123. Witness of (गवाह होना); He is the witness of the whole scene. (वह पूरे दृश्य का गवाह है।)

124, Yield to (हार मानना); The enemy yielded to us. (दुश्मन ने हमारे सामने हार मान ली।)

125. Zeal for (जोश होना); He showed a great zeal for the party. (उसने पार्टी के लिए जोश दिखाया।)

Exercises For Practice (Solved)

Fill in the the blanks with the help of the given prepositions :

Set 1

to,with, at, of, in, over.
1. He is fond …………. music.
2. He fired …………. the beast.
3. Fill this jug …………. milk.
4. My father will come …………. the evening.
Answer:
1. He is fond of music.
2. He fired at the beast.
3. Fill this jug with milk.
4. My father will come in the evening.

Set 2

with, at, over, from, to, on, at.
1. I prefer coffee …………. tea.
2. Why do you prevent me …………. going to the bus stand ?
3. He presided …………. the meeting.
4. He is good …………. English.
Answer:
1. I prefer coffee to tea.
2. Why do you prevent me from going to the bus stand ?
3. He presided over the meeting.
4. He is good at English.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 3

with, at, by, to, on, to.
1. Please listen …………. me.
2. Children depend …………. their parents.
3. Gopal quarrelled …………. me.
4. Radha is known …………. me.
Answer:
1. Please listen to me.
2. Children depend on their parents.
3. Gopal quarrelled with me.
4. Radha is known to me.

Set 4

of, to, at, with, for, in, of.
1. He had to part …………. his watch.
2. Be loyal …………. your country.
3. Don’t laugh …………. the poor man.
4. Her mother died …………. fever.
Answer:
1. He had to part with his watch.
2. Be loyal to your country.
3. Don’t laugh at the poor man.
4. Her mother died of fever.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 5

for, in, to, of, by, at.
1. I remind you …………. your promise.
2. This house is similar …………. yours.
3. He has a zeal …………. music.
4. My sister is good …………. Hindi.
Answer:
1. I remind you of your promise.
2. This house is similar to yours.
3. He has a zeal for music.
4. My sister is good at Hindi.

Set 6

with, up, down, to, on, of, off.
1. The villagers listened …………. those stories and enjoyed them.
2. Then he drove …………. the two bulls.
3. Your name is …………. both your boxes.
4. He met …………. an accident.
Answer:
1. The villagers listened to those stories and enjoyed them.
2. Then he drove off the two bulls.
3. Your name is on both your boxes.
4. He met with an accident.

Set 7

at, of, with, for, from, of.
1. We wish …………. peace.
2. Abstain …………. smoking.
3. I agree …………. Sulabh.
4. I am in need …………. money.
Answer:
1. We wish for peace.
2. Abstain from smoking.
3. I agree with Sulabh.
4. I am in need of money.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 8

with, by, with, till, at, to.
1. The hunter aimed …………. the bird.
2. I spoke …………. Mohini.
3. He writes …………. his left hand.
4. Do not mix …………. bad boys.
Answer:
1. The hunter aimed at the bird.
2. I spoke to Mohini.
3. He writes with his left hand.
4. Do not mix with bad boys.

Set 9

of in, for, against, of, by.
1. He is waiting …………. the train.
2. Mohan is the brother …………. Kamal.
3. Do you believe …………. ghosts?
4. The wheels were.also made …………. wood.
Answer:
1. He is waiting for the train.
2. Mohan is the brother of Kamal.
3. Do you believe in ghosts?
4. The wheels were.also made of wood.

Set 10

of between, under, with, to, on.
1. I don’t agree …………. you.
2. He acted …………. my advice.
3. The chair is made …………. wood.
4. He is obedient …………. his teacher.
Answer:
1. I don’t agree with you.
2. He acted on my advice.
3. The chair is made of wood.
4. He is obedient to his teacher.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 11

with, by, on, at, to, of.
1. The enemy yielded …………. us.
2. The cat jumped …………. the table.
3. He came …………. his brother.
4. He is in need …………. money.
Answer:
1. The enemy yielded to us.
2. The cat jumped on the table.
3. He came with his brother.
4. He is in need of money.

Set 12

in, into, with, at, for, of, to.
1. All the land was covered …………. dust and sand.
2. We have no use …………. talks like these.
3. After the mud-bath it rolls …………. the dust.
4. Are you related …………. Shyam?
Answer: 1. 2. 3. 4. .
1. All the land was covered with dust and sand.
2. We have no use for talks like these.
3. After the mud-bath it rolls into the dust.
4. Are you related to Shyam?

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 13

at, in, for, on, for, by.
1. He acts …………. the advice of his father.
2. Send …………. a doctor at once.
3. He repented …………. his folly.
4. He begged …………. mercy.
Answer:
1. He acts on the advice of his father.
2. Send for a doctor at once.
3. He repented at his folly.
4. He begged for mercy.

Set 14

for, to, from, on, at, with.
1. Gluck went to his room and lay down …………. sleep.
2. The thief climbed …………. the ladder.
3. Did you go to the pump …………. midnight ?
4. The thief placed a ladder …………. the window.
Answer:
1. Gluck went to his room and lay down to sleep.
2. The thief climbed on the ladder.
3. Did you go to the pump at midnight ?
4. The thief placed a ladder with the window.

Set 15

over. at. in, ro, fromon.
1. Gopal has recovered …………. illness.
2. Do not rely …………. him.
3. The D.M. has consented to preside …………. the function.
4. He added a lot of water …………. his milk.
Answer:
1. Gopal has recovered from illness.
2. Do not rely on him.
3. The D.M. has consented to preside over the function.
4. He added a lot of water to his milk.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 16

in, against, during, of, under, with.
1. He warned me …………. danger.
2. He believes …………. God.
3. The purse is full …………. money.
4. Pratap was very pleased …………. his new eye.
Answer:
1. He warned me against danger.
2. He believes in God.
3. The purse is full of money.
4. Pratap was very pleased with his new eye.

Set 17

at, against, in, to, on, from.
1. The foreign rulers put him …………. jail.
2. Hard work is the key …………. success.
3. The villagers were warned …………. flood.
4. She depends …………. her brother.
Answer:
1. The foreign rulers put him in jail.
2. Hard work is the key to success.
3. The villagers were warned against flood.
4. She depends on her brother.

Set 18

at, for, of, at, to, against.
1. He wrote a letter …………. his brother.
2. Beware …………. pickpockets.
3. I wish …………. your success.
4. Some of them shot arrows …………. his face.
Answer:
1. He wrote a letter to his brother.
2. Beware to pickpockets.
3. I wish for your success.
4. Some of them shot arrows at his face.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 19

in, at, on, to, of, at.
1. He wondered …………. your conduct.
2. One should be faithful …………. the elders.
3. The coins fell …………. ground.
4. Mohan threw a ball …………. the wall.
Answer:
1. He wondered at your conduct.
2. One should be faithful to the elders.
3. The coins fell on ground.
4. Mohan threw a ball at the wall.

Set 20

from, on, at, on, by, at.
1. The train is running …………. time.
2. Gessler placed his hat …………. a pole.
3. He ate …………. a wooden bowl.
4. The money is …………. the bottom of the lake.
Answer:
1. The train is running on time.
2. Gessler placed his hat on a pole.
3. He ate from a wooden bowl.
4. The money is at the bottom of the lake.

Set 21

to, for, for, against, of under.
1. Iam short …………. money.
2. The crow searched …………. water.
3. The army rebelled …………. the king.
4. He is famous …………. his honesty.
Answer:
1. I am short of money.
2. The crow searched for water.
3. The army rebelled against the king.
4. He is famous for his honesty.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 22

at, to, by, to, in, on.
1. Please invite all …………. this party.
2. He is knocking …………. the door.
3. Ajit and Suijit met …………. the park.
4. Please attend …………. what I say.
Answer:
1. Please invite all to this party.
2. He is knocking at the door.
3. Ajit and Suijit met in the park.
4. Please attend to what I say.

Set 23

of, for, in, by, from, of
1. Where does this water flow …………. ?
2. But he was afraid …………. the king.
3. He then sent …………. the minister.
4. Hari was ashamed …………. his conduct.
Answer:
1. Where does this water flow from ?
2. But he was afraid of the king.
3. He then sent for the minister.
4. Hari was ashamed of his conduct.

Set 24

with, into, to, against, over, of.
1. The captain is popular …………. all the players.
2. I enquired …………. the matter.
3. Ram was married …………. Sita.
4. I am hard …………. hearing.
Answer:
1. The captain is popular with all the players.
2. I enquired into the matter.
3. Ram was married to Sita.
4. I am hard of hearing.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 25

at, with, to, in, on, in.
1. The boy yielded …………. pressure.
2. She is weak …………. English.
3. I agree …………. you in this matter.
4. I am busy …………. work.
Answer:
1. The boy yielded to pressure.
2. She is weak in English.
3. I agree with you in this matter.
4. I am busy in work.

Set 26

In, at, upon, for, from
1. He jumped …………. the wall.
2. Send …………. a doctor, please.
3. Hanu is weak …………. English.
4. He wondered …………. your conduct.
Answer:
1. He jumped upon the wall.
2. Send for a doctor, please.
3. Hanu is weak in English.
4. He wondered at your conduct.

Set 27

at, to, of, of
1. He is tired …………. work.
2. Leela is good …………. English.
3. The old man died …………. fever.
4. Are you blind …………. your faults?
Answer:
1. He is tired of work.
2. Leela is good at English.
3. The old man died of fever.
4. Are you blind to your faults?

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 28

for, in, to, at, of.
1. I am short …………. money.
2. Don’t laugh …………. others.
3. This wood is inferior …………. that.
4. Trust …………. God.
Answer:
1. I am short of money.
2. Don’t laugh at others.
3. This wood is inferior to that.
4. Trust in God.

Set 29

in, at, during, of, for.
1. Navneet lives …………. Ballabgarh at YMCA.
2. It rained heavily …………. the night.
3. The stool is made …………. wood.
4. They wished …………. peace.
Answer:
1. Navneet lives in Ballabgarh at YMCA.
2. It rained heavily during the night.
3. The stool is made of wood.
4. They wished for peace.

Set 30

on, from, to, at, in.
1. He is knocking …………. the door.
2. A cow feeds …………. grass.
3. He has recovered …………. illness.
4. I prefer coffee …………. tea.
Answer:
1. He is knocking at the door.
2. A cow feeds on grass.
3. He has recovered from illness.
4. I prefer coffee to tea.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 31

to, in, on, for, of.
1. It rained continuously …………. two hours.
2. Please invite all to the party …………. your birthday
3. I prefer coffee …………. tea.
4. He is hopeful …………. a reward.
Answer:
1. It rained continuously for two hours.
2. Please invite all to the party on your birthday
3. I prefer coffee to tea.
4. He is hopeful of a reward.

Set 32

Since, for, in, on.
1. Manu was born at Shivaji Nagar …… Gurugram.
2. Neerja left …………. Banasthali on Monday.
3. I have been living here …………. 1982.
4. His birthday falls …………. 5th October.
Answer:
1. Manu was born at Shivaji Nagar in Gurugram.
2. Neerja left for Banasthali on Monday.
3. I have been living here since 1982.
4. His birthday falls on 5th October.

Set 33

at, for, in, on.
1. Always hope …………. the best.
2. Do not rely …………. his words.
3. Leela is good …………. English.
4. He deals …………. cloth.
Answer:
1. Always hope for the best.
2. Do not rely on his words.
3. Leela is good at English.
4. He deals in cloth.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 34

by, in, at, across.
1. She-swam …………. the river.
2. We went there …………. taxi.
3. The train will arrive …………. 9 : 30 am.
4. The apples are …………. the basket.
Answer:
1. She-swam across the river.
2. We went there by taxi.
3. The train will arrive at 9 : 30 am.
4. The apples are in the basket.

Set 35

with, at, of, of
1. The hunter fired …………. the tiger.
2. Don’t boast …………. your new house.
3. I agree …………. you.
4. All my furniture is made …………. wood.
Answer:
1. The hunter fired at the tiger.
2. Don’t boast of your new house.
3. I agree with you.
4. All my furniture is made of wood.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 36

out of, from, for, with, in
1. The soldiers fought …………. bravery.
2. I bought my shirt …………. Delhi.
3. The lion came …………. its hiding place.
4. I am leaving …………. Chandigarh today.
Answer:
1. The soldiers fought with bravery.
2. I bought my shirt from Delhi.
3. The lion came out of its hiding place.
4. I am leaving for Chandigarh today.

Set 37

at, on, in, to, with.
1. He depends …………. me.
2. Trust …………. God.
3. I prefer coffee …………. tea.
Answer:
1. He depends on me.
2. Trust in God.
3. I prefer coffee to tea.

Set 38

under, for, by, from
1. The Mahabharata was written …………. Ved Vyas.
2. I like him …………. his honesty.
3. Anita is suffering …………. high temperature.
4. I took rest …………. the shade of a tree.
Answer:
1. The Mahabharata was written by Ved Vyas.
2. I like him for his honesty.
3. Anita is suffering from high temperature.
4. I took rest under the shade of a tree.

HBSE 9th Class English Grammar Preposition

Set 39

to, on, in, after
1. Nehru was born …………. a rich family.
2. I will look …………. a rich family.
3. He depends …………. his salary.
4. She is going …………. attend a marriage.
Answer:
1. Nehru was born in a rich family.
2. I will look after a rich family.
3. He depends on his salary.
4. She is going to attend a marriage.

Set 40

for, at, with, of, in.
1. He died …………. fever.
2. My father deals …………. sugar.
3. He wondered …………. your conduct.
Answer:
1. He died of fever.
2. My father deals in sugar.
3. He wondered at your conduct.

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HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Grammar Conjunctions Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Grammar Conjunctions

What are Sentence Connectors or Conjunctions ?
Sentence connectors or conjunctions are those words or phrases which help us in linking sentences. These linkers are used for combining words, phrases or clauses.

Sentences connectors वे शब्द या शब्द-समूह होते हैं जो शब्दों, शब्द-समूहों या उप-वाक्यों को आपस में जोड़ते हैं; जैसे-

Suman and Kusum are sisters.
Work hard or you will fail.
I know that he is a wise man.
The thief ran away when he saw the policeman.
उपरोक्त वाक्यों में and, or, that और when, sentence connectors हैं। And Suman और Kusum नाम के दो शब्दों को जोड़ता है, ‘or’ दो phrases ‘work hard’ और ‘you will fail’ को जोड़ता है और that’तथा’when’उप-वाक्यों (Clauses) को जोड़ते हैं।

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Kinds of Sentence Linkers (Conjunctions) :

Sentence linkers निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-
1. Co-ordinating Conjunctions
2. Subordinating Conjunctions
3. Correlative Conjunctions
अब हम एक-एक करके इनका अध्ययन करेंगे।

1. Co-ordinating Conjunctions (linkers):

दो समान या बराबर के दर्जे वाले शब्दों या phrases (शब्द-समूहों) को जोड़ने वाले conjunctions को co-ordinating conjunctions कहते हैं; जैसे-

कुछ महत्त्वपूर्ण Co-ordinating conjunctions हैं-

and, or, but, only, while, so, for, then, both…….. and, as well as, not only…… but also, either…… or, neither…….. nor, otherwise, else, still (or yet), nevertheless, therefore, etc.

2. Subordinating Conjunctions (linkers):

जो conjunctions किसी subordinate clause को main clause से जोड़ने के लिए प्रयुक्त हों, उन्हें subordinating conjunctions कहते हैं; जैसे-
Wait here till he comes back.
You will fail if you do not work hard.
He sat down after he had delivered the speech.
I met him while I was going to college.

कुछ महत्त्वपूर्ण subordinating conjunctions हैं-
because, as, since, so that, lest, that, in order that, if, provided, as if, unless, otherwise, so ……. that, such …….. that, as …. as, as much as, more than, no less than, though, although, however, as far as, when, before, after, while, till, until, as soon as, no sooner …….. than, as long as, etc.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

3. Correlative Conjunctions (linkers):

जिन conjunctions को जोड़ों (pairs) के रूप में प्रयोग किया जाए, उन्हें correlative conjunctions कहते हैं। ये आपस में एक-दूसरे से या अन्य व्यक्ति या वस्तु से संबंध दर्शाती हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण correlative conjunctions हैं-

either ……… or, neither ……… nor, such ……… as, though ……… yet, such ……… that, both ……… and, as ……… as, as ……… so, so ……… that, no sooner ……… than, scarcely/hardly ……… when, not only ……… but also, rather ……… than.
For example:
Either Ram or Sham has stolen the pen.
He is not such a man as you can hate.
He is both handsome and intelligent.
No sooner had I reached the station than the train started.
Hardly did the teacher leave the class when the students started making a noise.
हम मुख्य sentence linkers (conjunctions) का अध्ययन एक-एक करके करेंगे।

Uses Of Various Sentence Linkers (Connectors)

AS:

(a) It is used to show ‘because’ (“क्योंकि” अर्थात वाक्य के शुरू में कारण को बताने के लिए)
(i) It is raining. I shall not go to the office.
As it is raining, I shall not go to the office.

(ii) I was tired. I sat down to rest.
As I was tired, I sat down to rest.

(b) To show “when” इसका प्रयोग “जब” को बताने के लिए होता है-
I reached the railway station. The train started.
As I reached the station, the train started.

(c) When two works continue together (जब दो कार्य साथ-साथ चलें)
(i) She worked. She sang.
She sang as she worked.

(ii) He stammers. He speaks.
He stammers as he speaks.

(d) To show something happening gradually (शनैः शनैः होने वाले कार्य के लिए)
The sun rises. The fog disappears.
As the sun rises, the fog disappears.

(e) To express ‘the time when’ (वह समय जब” को दर्शाने के लिए)
He was going to the office. I saw him.
I saw him as he was going to the office.

(f) To show ‘manner’ ((“तरीके” को बताने के लिए)
He ordered me. I did the work likewise.
I did the work as he ordered me.

(g) For comparison (तुलना के लिए)
Sita is tall, Gita is equally tall.
Gita is as tall as Sita is.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

SINCE:

(a) It is used to show reason (कारण बताने के लिए)
I was busy. I could not meet him.
Since I was busy, I could not meet him.

(b) To show the length of time for some fixed point (किसी निश्चित बिंदु तक समय की लंबाई के लिए)
Mohan went to Delhi. He has not written to me after that.
Mohan has not written to me since he went to Delhi.

WHILE:

(a) To show the duration of time (समय की अवधि को दर्शाने के लिए)
(i) He was playing in the garden. During that time, sister was working.
While he was playing in the garden, his sister was working.

(ii) The clouds were thundering. The frogs were croaking.
While the clouds were thundering, the frogs were croaking.

(iii) I was playing in the ground. I lost my pen.
I lost my pen while playing in the ground.

(b) To say ‘but’ (‘लेकिन’ को कहने के लिए)
He likes tea. But his brother likes coffee.
He likes tea while his brother likes coffee.

(c) एक समय में दो अलग-अलग व्यक्तियों या समूहों के द्वारा किए जाने वाले अलग-अलग या विपरीत कार्यों का वर्णन करने के लिए-
(i) The teacher was teaching. The boys were making a noise.
The teacher was teaching while the boys were making a noise.

(ii) Some men were going to the fair. Others were coming back.
Some men were going to the fair while others were coming back.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

THAN:

(a) For comparison with comparative degree (तुलना के लिए)

(i) Ram is intelligent. Sham is more intelligent.
Sham is more intelligent than Ram.

(ii) The moon is big. The sun is bigger.
The sun is bigger than the moon.

(b) It is also used with would, rather and no sooner-
(i) I would die. I will not beg.
I would rather die than beg.

(ii) We reached the station. The train started.
No sooner had we reached the station than the train started.

JUST THEN:

‘Just then’ is used to denote some action which takes place suddenly when some other action has already been going on.
(“Just then’का प्रयोग उस कार्य को बताने के लिए होता है जो उचानक तब हो जाए जब कोई और कार्य पहले से ही चल रहा है।)

(i) He prayed to God to send rain. Suddenly clouds appeared in the sky.
He prayed to God to send rain, just then clouds appeared in the sky.

(ii) The students were making a lot of noise. The principal came there.
The students were making a lot of noise, just then the principal came there.

(iii) The thief was coming out of the house. A policeman reached there.
The thief was coming out of the house, just then a policeman reached there.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

JUST BECAUSE:

Just because tells the reason for something. This shows that often the reason for something is trivial and not very important.
(“Just because” किसी चीज का कारण बताता है। इससे पता चलता है कि अकसर किसी चीज का कारण तुच्छ है और महत्त्वपूर्ण नहीं।)

(i) He did not lend you money. You should not hate him for that.
You should not hate him just because he did not lend you money.

(ii) I didn’t complain. You must not suppose that I was satisfied.
Just because I did not complain, you must not suppose that I was satisfied.

UNTIL (तक नहीं):

‘Until’ means up to the time when. For example: the sentence “Let’s wait until the rain stops” means that we should wait up to the time when the rain stops.
(“Until” का अर्थ है जब तक कोई अन्य कार्य नहीं हो जाता।)

(i) They waited for the police. They didn’t move anything up to that time.
They did not move anything until the police came.

(ii) You promise to help her. She will not go up to that time.
She will not go until you promise to help her.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

TILL (तक):

Till is used to tell about some time limit,
(0 We stayed there till 5 o’ clock.
(ii) Please wait here till I return.

IF (यदि):

Future Tense वाले वाक्यों में यदि (option) को व्यक्त करने के लिए।
(i) You will fail if you do not work hard.
(ii) The match shall be cancelled if it rains today.

UNLESS (यदि नहीं):

Future Tense वाले वाक्यों में ‘यदि नहीं’ को व्यक्त करने के लिए
(i) Unless you work hard you will fail.
(ii) I shall not attend the meeting unless I am personally invited.

LEST:

इसका अर्थ है “कहीं ऐसा न हो”; (Lest का प्रयोग चेतावनी देने के लिए should वाले वाक्यों में करते हैं।)
(i) You should work hard. If you don’t, you may fail.
Work hard lest you should fail.

(ii) I ran fast. I feared that I might miss the train.
I ran fast lest I should miss the train.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

WHEN:

इसका अर्थ है “जब” या “उस समय”; जैसे-
(i) They arrived. At that time we were arguing.
When they arrived, we were arguing.

(ii) The police came. It was three o’clock at that time.
It was three o’ clock when the police arrived.

ALTHOUGH:

इसका अर्थ है “यद्यपि” अर्थात किसी कार्य का किसी बात के बावजूद होना या न होना।
He worked hard. He did not succeed.
He did not succeed although he worked hard.

SO….. THAT:

इसमें कोई बात किसी अन्य बात पर आधारित होती है।
He is very poor. He cannot pay his fees.
He is so poor that he cannot pay his fees.

OTHERWISE:

इसका अर्थ है ‘नहीं तो’।
Walk fast. If you don’t, you will miss the train.
Walk fast otherwise you will miss the train.

BEFORE (से पहले):

The doctor came. The patient had already died.
The patient had died before the doctor came.
Look before you leap.

AFTER (के बाद):

Turn off the tap after use.
He posted the letter after he had written it.

BECAUSE (क्यौंकि):

To express the reason farm (कारण बताने के लिए)
(0 He failed. He did not work hard.
He failed because he did not work hard.

(ii) I can’t come to school. I am suffering from fever.
I can’t come to school because I am suffering from fever.

SO/THEREFORE (इसलिए):

To express the result (परिणाम बताने के लिए)
(i) He did not work hard. He failed in all subjects.
He did not work hard so he failed in all subjects.

(ii) Aman is working very hard. She will top the class.
Aman is working very hard, therefore, she will top the class.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

THAT (की):

To combine two simple sentences. (दो साधारण वाक्यों को जोड़ने के लिए)
(i) The earth is round. The teacher told us.
The teacher told us that the earth is round.

(ii) He is a sincere worker. All know this.
All know that he is a sincere worker.

IF (कि क्या):

To combine a simple sentence with an interrogative sentence starting with a Helping verb
(साधारण वाक्यों को सहायक क्रिया से शरू होने वाले प्रश्नवाचक वाक्य के साथ जोड़ने के लिए)

(i) May I take your pen ? Please tell me.
Please tell me if I may take your pen.

(ii) Can you swim? I want to know this.
I want to know if you can swim.

AND (और):

(a) To express two similar qualities and actions
(दो समान विशेषताओं और कार्यों का वर्णन करने के लिए)
(i) Someone pulled the chain and the train stopped.
(ii) He came in and sat beside me.

(b) To express the result according to action (कार्य के अनुकूल परिणाम का वर्णन करने के लिए)
(i) He worked hard and got very good marks.
(ii) He did his best and achieved the goal.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

BUT (लेकिन):

(a) To express two opposite qualities and actions (दो विपरीत गुणों और कार्यों का वर्णन करने के लिए)
(i) The bus overturned but none was injured.
(ii) I went to meet him but he was not at home.

(b) To express the result opposite to action (कार्य के विपरीत परिणाम का वर्णन करने के लिए)
(i) He worked hard but failed.
(ii) Our team played well but lost the match.

WHAT (क्या/जो):

To express something (किसी विषय-वस्तु का वर्णन करने के लिए)
You want something. Tell me this.
Tell me what you want ?

WHEN (कब/जब):

To express point of time (निश्चित समय का वर्णन करने के लिए)
(i) Do you know when the next train will arrive ?
(ii) Someone picked my pocket when I was getting off the train.

WHY (क्यों):

To know the reason (कारण जानने के लिए)
(i) You have rejected my application. Tell me the reason.
Tell me why you have rejected my application.

(ii) I can’t explain why he has not come today.

WHERE (कहाँ जहाँ):

To tell about the place (स्थान का वर्णन करने के लिए)
(i) Tell me where you live.
(ii) This is the place where Gandhiji was born.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

WHO (कौन किसने/जो जिसने):

To tell/know about some person (किसी व्यक्ति के बारे में बताने या जानने के लिए)
(i) Tell me who stole my pen.
(ii) This is the boy who won the fifst prize.

WHOSE (किसका जिसका):

To tell/know about some person (किसी व्यक्ति के बारे में बताने या जानने के लिए)
(i) This is Mrs. Usha. Her son is a doctor.
This is Mrs. Usha whose son is a doctor.

(ii) Do you know whose bag is this ?

WHOM (किसे जिसे जिन्हें):

For person (व्यक्तियों के लिए)
(i) Those die young whom the gods love.
(ii) Tell me whom you gave my book.

WHICH (कौन सी/जो):

To tell/know about some object (किसी चीज के बारे में जानने या बताने के लिए)
(i) Give me the book which is lying on the table.
(ii) The car which I bought last year has been stolen.

HOW (कैसे):

To tell/know about the method (विधि का वर्णन करने के लिए)
(i) He solved the sum. Did he tell you the method ?
Did he tell you how he solved the sum ?

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercises For Practice (Solved)

Exercise 1

Fill in the blanks with appropriate conjunctions:
1. I am very tired. Give me a cup of ………… coffee ………… tea.
2. There are thirty boys ………… twenty girls in the class.
3. I am helping you ………… you are friend of my son.
4. Mohan is tall ………… his brother is short.
5. The current was fast, ………… we swam across the river.
6. She sings ………… a nightingale does.
7. He cried ………… a mad man.
8. ………… the traffic rush was very heavy, I did not reach on time.
9. ………… Kapil Dev is at the crease, our team can hope to achieve a big total.
10. ………… did the teacher enter the class ………….. the boys stood up.
Answers:
1. I am very tired. Give me a cup of either coffee or tea.
2. There are thirty boys and twenty girls in the class.
3. I am helping you because you are friend of my son.
4. Mohan is tall but his brother is short.
5. The current was fast, nevertheless we swam across the river.
6. She sings as a nightingale does.
7. He cried like a mad man.
8. Because the traffic rush was very heavy, I did not reach on time.
9. As long as Kapil Dev is at the crease, our team can hope to achieve a big total.
10. No sooner did the teacher enter the class than the boys stood up.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 2

Complete the sentences given below with appropriate sentence connectors:
1. …………. he says is not correct.
2. …………. he would succeed was beyond doubt.
3. Wait here …………. I return.
4. Strike the iron …………. it is hot.
5. …………. he is my friend, I trust his word.
6. Nothing is more pleasant …………. climbing a mountain.
7. …………. she left the house, she remembered her purse.
8. She speaks English better …………. I do.
9. …………. she was sharpening a pencil, she cut her finger.
10. …………. I was getting off the bus, I slipped and injured my foot.
Answers:
1. What he says is not correct.
2. That he would succeed was beyond doubt.
3. Wait here until he would succeed was beyond doubt.
4. Strike the iron while it is hot.
5. As he is my friend, I trust his word.
6. Nothing is more pleasant than
7. As she left the house, she remembered her purse.
8. She speaks English better than I do
9. While she was sharpening a pencil, she cut her finger.
10. As I was getting off the bus, I slipped and injured my foot.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 3

Use appropriate sentence connectors:
1. Do …………. you are advised.
2. It is Mohan …………. won the 1st prize.
3. Make hay …………. the sun shines.
4. Work hard …………. you should fail.
5. …………. you walk fast, you will miss the train.
6. I waited for him …………. the clock struck seven.
7. The man was angry …………. the vendor had cheated him.
8. …………. the teacher came, the students became silent.
9. We crossed the river …………. the current was; fast.
10. Speak …………. you think fit.
Answers:
1. Do as you are advised.
2. It is Mohan who won the 1st prize.
3. Make hay while the sun shines.
4. Work hard lest you should fail.
5. Unless you walk fast, you will miss the train.
6. I waited for him till the clock struck seven.
7. The man was angry because the vendor had cheated him.
8. As soon as the teacher came, the students became silent.
9. We crossed the river though the current was; fast.
10. Speak when you think fit.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 4

Use suitable sentence connectors into the blank spaces in the following sentences:
1. You will not get the telephone number …………. you put a coin in the slot.
2. …………. you say so, I must believe it.
3. Men will reap …………. they sow.
4. Mohan speaks English better …………. I do.
5. We shall play …………. the bell goes.
6. She could not see clearly …………. it was very dark.
7. I called him yesterday …………. he did not come.
8. Hardly had he reached the platform …………. the train arrived.
9. It has been a year ……….. I saw him.
10. The children were playing ………… the parents were quarrelling.
Answers:
1. You will not get the telephone number unless you put a coin in the slot.
2. Since you say so, I must believe it.
3. Men will reap as they sow.
4. Mohan speaks English better than I do.
5. We shall play until the bell goes.
6. She could not see clearly because it was very dark.
7. I called him yesterday but he did not come.
8. Hardly had he reached the platform when the train arrived.
9. It has been a year since I saw him.
10. The children were playing while the parents were quarrelling.

Exercise 5

Join each pair of sentences using the sentence linkers given in the brackets:
1. You should wait here. He will return soon, (until)
2. He has been ill. He came here in July last, (since)
3. He walks down to his school. He never reaches his school late, (still)
4. The pen is mighty. The sword is not so mighty, (than)
5. Everybody loves him. He is honest, (because)
6. I lay thinking. My friend dropped in just then, (as)
7. People do not like him. He shirks work, (because)
8. I will not rise from my seat. I should be asked to rise, (until)
9. He laughs at me. Any fool will do like that, (as)
10. I bought this house. Two years have passed, (since)
Answers:
1. Wait here until he returns.
2. He has been ill since he came here in July last.
3. He walks down to his school still he never reaches his school late.
4. The pen is mightier than the sword.
5. Everybody loves him because he is honest.
6. As I lay thinking, my friend dropped in.
7. People do not like him because he shirks work.
8. I won’t rise from my seat until I am asked to.
9. He laughs at me just as any fool will do.
10. Two years have passed since I bought this house.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 6

Join the following pair of sentences using the sentence linkers given in the brackets:
1. You should recover fully. You must take light food till then, (until)
2. I Cannot attend my office. I am not feeling well, (because)
3. Remain where you are. Wait for my return, (until)
4. Five months have passed. His father died in May. (since)
5. She took a taxi. It was raining, (because)
6. Mohan was angry. He had suffered loss in business, (because)
7. Do not go. Let me get ready, (until)
8. I do not know the script. I can’t read this letter, (since)
9. I shall give in writing. You desire it. (since)
10. He wastes his time. He cannot pass the test, (as)
Answers:
1. You must take light food until you recover fully.
2. I cannot attend office because I am not feeling well.
3. Remain where you are until I return. ’
4. It is five months since his father died in May.
5. She took a taxi because it was raining.
6. Mohan was angry because he had suffered loss in business.
7. Do not go until I get ready.
8. Since I do not know the script, I can’t read this letter.
9. Since you desire it, I shall give in writing.
10. As he wastes his time, he cannot pass the test.

Exercise 7

Combine the sentences in each of the following pairs into one sentence using the sentence linkers given in the brackets:

1. The water was cold. He crossed the river, (although)
2. He is poor. He is honest, (although) ,
3. He is very rich. He is miserly, (although)
4. The moon is big. The sun is bigger, (than)
5. He came out. He remembered the key. (as)
6. The teacher was teaching. Amit was looking out of the window, (while)
7. He is very poor. He cannot buy a bicycle, (because)
8. Work hard. You will get first division, (and)
9. He can see. He can hear either, (either or)
10. Rakesh was there. His friends were also there, (as well as)
Answers:
1. Although the water was cold, yet he crossed the river.
2. Although he is poor, yet he is honest.
3. Although he is very rich, yet he is miserly.
4. The sun is bigger than the moon.
5. He remembered the key as he came out.
6. Amit was looking out of the window while the teacher was teaching.
7. He cannot buy a bicycle because he is very poor.
8. Work hard and you will get first division.
9. He can either see or hear.
10. Rakesh as well as his friends were there.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 8

Combine the sentences in each of the following pairs into one sentence using the sentence linkers given in the brackets:

1. He wastes his time. He cannot pass the examination, (as)
2. I can not decide the case. I will hear both the parties, (until)
3. The moon is big. The sun is bigger, (than)
4. We have no money. We cannot buy a new dress, (since)
5. The train was crossing the bridge. The accident took place then, (while)
6. I will come back soon. Do not move from here, (till)
7. The sun rose. The fog disappeared, (as)
8. I was playing. I lost my purse, (while)
9. He came here. He has been ill. (since)
10. You did not do your home work. You were punished, (because)
Answers:
1. He cannot pass the examination as he wastes his time.
2. I cannot decide the case until I hear both the parties.
3. The sun is bigger than the moon.
4. Since we have no money, we cannot buy a new dress.
5. The accident took place while the train was crossing the bridge.
6. Do not move from here till I come back.
7. The fog disappeared as the sun rose.
8. I lost my purse while playing.
9. He has been ill since he came here.
10. You were punished because you did not do your home work.

HBSE 9th Class English Grammar Conjunctions

Exercise 9

Combine the sentences in each of the following pairs into one sentence using the sentence linkers given in the brackets:

1. A cell-phone is an essential item these days. You should always keep it with you. (because)
2. You can expect an excellent return. You have invested a lot of money in your business, (as)
3. Work hard. You will not pass, (otherwise)
4. The maintenance of a Maruti car is easy. I want to purchase it. (because)
5. You are very hard working. You are bound to get success, (as)
6. The cat is away. The mice will play, (when)
7. Smriti is ill. I must help Smriti. (since)
8. The pick-pocket saw the policeman. He ran away, (as soon as)
9. Kalidas was a great poet. I like him. (because)
10. Sanjay is tall. Sunil is taller, (than)
Answers:
1. You should always keep a cell-phone with you because it is an essential item these days.
2. You can expect an excellent return as you have invested a lot of money in your business.
3. Work hard otherwise you will not pass.
4. I want to purchase a Maruti car because its maintenance is easy.
5. You are bound to get success as you are very hard working.
6. When the cat is away, the mice will play.
7. Since Smriti is ill, I must help her.
8. As soon as the pick-pocket saw the policeman, he ran away.
9. I like Kalidas because he was a great poet.
10. Sunil is taller than Sanjay.

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HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Haryana State Board HBSE 9th Class English Solutions Grammar Suffixes Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class English Grammar Suffixes

A suffix is a letter or a group of letters that is usually added onto the end of words to change it into a new word.
boy + s = boys
play + ed = played
sing + ing = singing
kind + ness = kindness
general + ly = generally
appoint + ment = appointment
cash + less = cashless

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

List of Suffixes :

1. er – train + er = trainer, teach + er = teacher, preach + er = preacher
2. or – protect + or = protector
3. ness – kind + ness – kindness
4. less – cash + less = cashless
5. al – refuse + al = refusal
6. age – parent + age = parentage
7. dom – free + dom = freedom
8. ee – employ + ee = employee
9. ess – lion + ess = lioness
10. est – tall + est = tallest
11. fy – beauty + fy = beautify
12. hood – child + hood = childhood
13. ian – India + ian = Indian
14. full – house + full = houseful
15. en – light + en = lighten
16. es – bench + es = benches
17. s – toy + s = toys
18. ing – swim + ing = swimming
19. ty – able + ity = ability
20. al – nation + al = national
21. ism – ideal + ism – idealism
22. ation – inform + ation – information
23. ial – judge + ial – judicial
24. ian – library + ian = librarian
25. etic – energy + etic = energetic
26. ial – finance + ial = financial

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Rule 1.
When the suffix ‘full’ is added to a word one l’ is removed. यदि किसी शब्द के साथ ‘full’ का प्रयोग suffix के रूप में किया जाता है तो नए शब्द में full का एक ‘l’ हटा देते हैं;
house + full = houseful
faith + full = faithful

Rule 2.
जिस शब्द के साथ ‘full’ suffix के रूप में प्रयोग होता है, यदि उसके अन्त में ‘Ir लगा है तो उसमें भी एक ‘ हटा देते हैं;

skill + full = skilful
will + full = wilful

Rule 3.
दो या तीन syllables वाला शब्द जो single vowel + single consonant ध्वनि से समाप्त होता है तो उसके साथ ‘ed’ और ‘ing’ की suffix लगाते हैं तो अंतिम consonant को Double कर देते हैं;

pennit + ed = permitted
occur + ed = occured
control + ed = controlled
swim + ing = swimming
begin + ing = beginning

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Rule 4.
यदि शब्द के अन्त में ” लगा है और उससे पहले vowel लगा है तो उसके साथ vowel से शुरू होने वाली suffix लगाते समय ! को double कर देते हैं;

signal + ing = signalling
signal + ed = signalled
repel + ent – repellent
quarrel + ed = quarrelled
travel + er = traveller

Rule 5.
यदि शब्द के अन्त में silent ‘e’ लगा हो तो उसके अन्त में vowel से शुरू होने वाली suffix लगाते समय ‘ए’ को हटा देते हैं;
smoke + ing = smoking
hope + ing = hoping
live + ed = lived
drive + er = driver
tire + ing = tiring

Rule 6.
लेकिन यदि suffix किसी consonant से शुरू होती है तो ” को नहीं हटाते,

hope + full = hopeful
sincere + ly = sincerely
लेकिन *
true + ly = truly
nine + th = ninth
argue + ment = argument

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Rule 7.
यदि वाक्य के अन्त में ‘y’ लगा है और उससे पहले consonant लगा है तो suffix लगाते समय ” को ” में बदल देते हैं;

happy + ly = happily
carry + ed = carried
marry + age = marriage
beauty + full = beautiful
लेकिन *
marry + ing = marrying

Rule 8.
यदि अंत में लगे ” से पहले vowel लगा है तो ‘ को नहीं हटाते;

play + ing = playing
play + ed = played
pray + er = prayer
pray + ed = prayed

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Rule 9.
जब ‘ce’ से समाप्त होने वाले वाक्य के साथ ‘ous’ suffix का प्रयोग किया जाता है तो ‘ce’ में लगे ” को ” में बदल देते हैं;

space + ous = spacious
grace + ous = gracious
malice + ous = malicious
vice + ous = vicious

Rule 10.
जब ‘ie’ से समाप्त होने वाले शब्द के अन्त में ‘ing’ suffix लगाते हैं तो ‘ie’ को ‘y’ में बदल देते हैं

lie + ing = lying
tie + ing = tying
die + ing = dying

HBSE 9th Class English Grammar Suffixes

Exercise

Make new words using suffixes :
1. Great + full
2. Sincere + ly
3. Gamble + ing
4. Cry + ed
5. Try + ing
6. Jump + ed
7. Stop + irig
8. Face + ing
9. Grace + ous
10. Stoop + ed
11. Swim + er
12. Will + full
13. Skim + ed
14. Smoke + ing
15. Use + ing

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