Author name: Prasanna

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

HBSE 7th Class Hindi रहीम की दोहे Textbook Questions and Answers

दोहे से

प्रश्न 1.
पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।
उत्तर :
वास्तविकता का वर्णन करने वाले दोहे कहि रहीम संपति सर्ग, बनत बहुत बहु रीति। विपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।। अन्य सभी दोहे उदाहरण के माध्यम से संदेश देते हैं खैर खून खाँसी खुसी, और प्रीति मदपान। रहिमन दा न दवें, जानत सकल जहाना। जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।। तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहि सुजान।। थोथे बादर पवार के, ज्यों रहीम पहरात। धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।। धरती की-सी रीत है, सीत घाम औं मेह जैसी परे सो सहि रहे. त्यों रहीम यह देह।

प्रश्न 2.
रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बदलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर :
रहीम ने आश्विन (क्वार) के महीने में आकाश में छाने वाले बादलों की तुलना निर्धन हो गए व्यक्तियों से इसलिए की है क्योंकि दोनों बड़बड़ा कर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते। बादल बरस नहीं पाते, निर्धन व्यक्ति का धन लौटकर नहीं आता।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

दोहों से आगे

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए :
(क) तरुवर फल ………………. सहि सुजान।।
(ख) धरती की-सी ………” यह देह।।
उत्तर :
(क) हम परोपकारी बन जाएँगी, लालच त्याग देंगे।
(ख) यदि हम इस दोहे के वर्णित यथार्थ को जीवन में स्वीकार कर लें तो हम कभी दुःखी नहीं रहेंगे। हम हर स्थिति में संतुष्ट रहेंगे।

HBSE 7th Class Hindi रहीम की दोहे Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सच्चा मित्र कब साथ नहीं छोड़ता?
उत्तर :
सच्चा मित्र विपत्ति काल में साथ नहीं छोड़ता।

प्रश्न 2.
परोपकार की शिक्षा किन-किनके उदाहरण से मिलती है?
उत्तर :
तरुवर (पेड़) और सरवर (तालाब) के उदाहरण से।

प्रश्न 3.
किस मास के गरजने वाले बादल व्यर्थ हैं?
उत्तर :
क्वार मास के गरजने वाले बादल व्यर्थ हैं।

प्रश्न 4.
धरती हमें क्या शिक्षा देती है?
उत्तर :
धरती हमें सहनशीलता की शिक्षा देती है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रहीम ने सच्चे मित्र की क्या पहचान बताई है?
उत्तर :
रहीम ने सच्चे मित्र की यह पहचान बताई है कि वह विपत्ति की घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहता है। जो मित्र विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरता है, वही सच्चा मित्र है।

प्रश्न 2.
रहीम के दोहों से अनुप्रास अलंकार के उदाहरण छाँट कर लिखिए।
उत्तर :
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण :

  1. बनत बहुत बहु रोति। (‘व’ वर्ण की आवृत्ति)
  2. खैर खून खाँसी खुसी (‘ख’ वर्ण की आवृत्ति)
  3. जाल पर जल जात (‘ज’ वर्ण की आवृत्ति)
  4. छाँडति छोह (‘छ’ वर्ण की आवृत्ति)
  5. संपत्ति संचहि सुजान (‘स’ वर्ण की आवृत्ति)।

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रहीम की दोहे दोहों की सप्रसंग व्याख्या

1. कहि रहीम ……….. साँचे मीत॥

शब्दार्थ : संपत्ति सगे = धन होने पर अपने (Wealth)। बहुत रीत = तरह-तरह से (Different type)। विपत्ति = मुसीबत (Trouble)। कसौटी = जाँच (Test)। कसे = जो कसा जाए,खरा उतरे (Tested)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा रहीमदास द्वारा रचित है।

व्याख्या : रहीम कहते हैं कि जब धन मनुष्य के पास रहता है तब अनेक प्रकार के लोग सगे-संबंधी और रिश्तेदार बनने लगते हैं पर ऐसे लोगों को सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। सच्चा मित्र तो वही होता है, जो मुसीबत रूपी कसौटी पर खरा उतरता है। जैसे खरा सोना कसौटी के पत्थर पर खरा उतरता है, उसी प्रकार सच्चा मित्र हर विपत्ति की घड़ी में साथ निभाता है।

विशेष : ‘विपत्ति-कसौटी’ में रूपक अलंकार है। ‘बनत बहुत बहु’ में अनुप्रास अलंकार है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. लोग कब सगे बनने का प्रयास करते हैं?
2. सच्चा मित्र कौन होता है?
उत्तर:
1. जब किसी के पास धन-सम्पत्ति होती है तब लोग उसके सगे बनने का प्रयास करते हैं।
2. सच्चा मित्र वह होता है जो विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरता है अर्थात् मुसीबत के समय काम आता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘संपत्ति सगे’ में किस अलंकार का प्रयोग है?
(क) अनुप्रास
(ख) पुनरुक्ति
(ग) यमक
(घ) श्लेष
उत्तर :
(क) अनुप्रास

2. साँचा मीत किसे कहा गया है?
(क) विपति की कसौटी पर खरा उतरने वाला
(ख) सच बोलने वाला
(ग) संपत्ति हड़पने वाला
(घ) मिलने वाला
उत्तर :
(क) विपति की कसौटी पर खरा उतरने वाला

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2. खैर खून ………………… सकल जहान॥

शब्दार्थ : खैर – कत्था (Catechu)। बैर – शत्रुता (Enmity)। प्रीति = प्रेम (Love)। मदपान = शराब पीना (Drinking alcohol)। दाबै ” दबाने से (To press)। सकल = सारा (Whole)। जहान = संसार (I World)!

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा रहीमदास द्वारा रचित है। इसमें नीति संबंधी बात बताई गई है।

व्याख्या : रहीमदास बताते हैं कि कत्था, खून, खाँसी, खुशी, शत्रुता और प्रेम तथा शराब पीना दबाने या छिपाने से दबते-छिपते नहीं हैं। इनको सारा संसार जान ही जाता है। पान में कत्थे का रंग लाली लाता ही है. खून दिख जाता है, खाँसी रोकी या छिपाई नहीं जा सकती, बैर-प्रीति भी प्रकट होकर रहती है. शराबी की चाल भी उसका पता बता देती है। इनको दबाया नहीं जा सकता।

विशेष : ‘ख’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. किस-किसको दबाया नहीं जा सकता?
2 ‘जानत सकल जहान’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
1. कत्था, खून, खाँसी, खुशी, बैर-प्रीति और मदिरा सेवन को दबाया नहीं जा सकता।
2. इसका अर्थ है– इस बात को सारा संसार जानता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘खैर खून खाँसी खुसी’ में किस अलंकार का प्रयोग है?
(क) पुनरुक्ति
(ख) अनुप्रास
(ग) यमक
(घ) श्लेष
(ख) अनुप्रास

2. ‘जहान’ शब्द किस भाषा का है?
(क) हिंदी का
(ख) उर्दू का
(ग) पंजाबी का
(घ) अंग्रेजी का
उत्तर :
(ख) उर्दू का

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3. जाल परे ………………… छाँड़ति छोह॥

शब्दार्थ : तजि – त्यागना (To leave)। मीन – मछली (Fish)। नीर – पानी (Water)। छाँड़ति – छोड़ती (To leave)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा रहीमदास द्वारा रचित है।

व्याख्या : जब नदी या तालाब के पानी में जाल पड़ता है तब पानी तो मछलियों का मोह त्याग कर बह जाता है लेकिन मछली तब भी पानी का मोह नहीं त्यागती। वह या तो पानी में ही रहती है या पानी के बिना अपने प्राण त्याग देती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. ‘जल को मछलियों से कोई मोह नहीं होता’-कैसे?
2. मछलियाँ किसके प्रति अपना लगाव नहीं छोड़ पाती?
उत्तर:
1. जल को मछलियों से कोई मोह (लगाव) नहीं होता, इसका प्रमाण है, जाल में मछलियों के फंसते ही जल उन्हें छोड़कर आगे बह जाता है।
2. मछलियाँ जल के प्रति अपना मोह नहीं छोड़ पाती। वे जल के लिए तड़पती रहती हैं और जल से बाहर होते ही अपने प्राण त्याग देती हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘छाँडति छोह’ में किस अलंकार का प्रयोग है?
(क) अनुप्रास
(ख) यमक
(ग) श्लेष
(घ) पुनरुक्ति
उत्तर :
(क) अनुप्रास

2. इस दोहे के रचयिता हैं
(क) रहीम
(ख) कबीर
(ग) तुलसी
(घ) सूर
उत्तर :
(क) रहीम

4. तरूवर फल ………… संचहि सुजान।

शब्दार्थ: तरुवर = वृक्ष (Tree)। सरवर – नदी (River)। पान = पानी (IWater)। परकाज = दूसरों का काम, परोपकार (For others)। संचहि . जोड़ता है (Collects)। सुजान – चतुर, बुद्धिमान (Intelligent)

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा रहीमदास द्वारा रचित है और हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित है।

व्याख्या : रहीमदास परोपकार का महत्त्व बताते हुए कहते हैं कि वृक्ष कभी अपने फल नहीं खाते और नदियाँ कभी अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं। वे इन्हें दूसरों को ही देती हैं। इसी प्रकार बुद्धिमान लोग दूसरों की भलाई के लिए ही धन-संपत्ति का संग्रह करते हैं।

विशेष : ‘संपति-संचहि सुजान’ में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. तरुवर क्या नहीं करते?
2. तालाब क्या करता है?
3. बुद्धिमान लोग किसके लिए सम्पत्ति जोड़ते हैं?
उत्तर:
1. तरुवर अर्थात् पेड़ अपने फल नहीं खाते।
2 तालाब अपना पानी कभी नहीं पीते।
3. बुद्धिमान दूसरों की भलाई करने के लिए सम्पत्ति जोड़ते

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. इस दोहे से हमें किसकी शिक्षा मिलती है?
(क) परोपकार की
(ख) धन जोड़ने की
(ग) फल खाने की
(घ) पानी पीने की
उत्तर :
(क) परोपकार की

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

5. थोथे बादर …………. पाछिली बात।

शब्दार्थ : थोथे = खाली (Empty)। घहरात = घहराते हैं (To make noise)। पाछिली – पिछली (Previous)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा रहीमदास द्वारा रचित है।
व्याख्या : रहीमदास बताते हैं कि जिस प्रकार क्वार के महीने में खाली बादल केवल घहरा कर रह जाते हैं, बरस नहीं पाते, उसी प्रकार धनी व्यक्ति यदि गरीब हो जाए तो पिछली बातों याद को करके ही रह जाता है। वह कुछ कर नहीं पाता।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कवि ने क्वार मास के बादलों को कैसा बताया है?
2. यदि धनी पुरुष निर्धन हो जाए तो वह क्या करता है?
उत्तर:
1. कवि ने क्वार मास के बादलों को थोथा अर्थात् बेकार गरजने वाला बताया है।
2 यदि कोई धनी पुरुष निर्धन हो जाए तो वह पिछली बातों का जिक्र करता रहता है, जो व्यर्थ है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘थोथे बादर’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर :
(ग) विशेषण

2. ‘पाछिली’ शब्द कैसा है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(ग) देशज

6. धरती की ……………. यह देह॥

शब्दार्थ : रीत = नियम (Rule)। सीत – सर्दी (Winter)। घाम = धूप, गर्मी (Summer)। मेह – वर्षा (Rain)। देह = शरीर (Body)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग : यह दोहा रहीमदास द्वारा रचित है। दो चीजों की समानता बताते हुए रहीम कहते हैं

व्याख्या : जिस प्रकार यह धरती सर्दी, गर्मी और वर्षा सभी ऋतुओं को सह लेती है उसी प्रकार हमारा शरीर भी सभी प्रकार के कष्टों को सहन कर लेता है। जिस पर जैसी विपत्ति पड़ती है, उसे सह लेता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. धरती क्या-क्या सह लेती है?
2. हमारा शरीर भी कैसा है?
उत्तर:
1. धरती शीत (सर्दी), घाम (धूप) और मेह (वर्षा) आदि ऋतुओं के प्रभाव को सह लेती है।
2. हमारा शरीर भी सभी प्रकार की स्थितियों को सहने वाला है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘घाम’ शब्द कैसा है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(क) तत्सम

2. इए दोहे के रचयिता हैं
(क) रहीम
(ख) कबीर
(ग) तुलसी
(घ) सूरदास
उत्तर :
(ग) तुलसी

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अपूर्व अनुभव Summary in Hindi

रहीम की दोहे कवि-परिचय

जीवन-परिचय :
रहीम का पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था। रहीम अपने समय के वीर योद्धा, कुशल राजनीतिज्ञ और सहृदय कवि थे। इनका जन्म सन् 1556 ई. में लाहौर (पश्चिम पंजाब, पाकिस्तान) में हुआ था। ये अकबर के संरक्षण बैरमखाँ के पुत्र थे। रहीम अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। ये अकबर के प्रधान सेनापति और मंत्री भी थे। ये वीर योद्धा थे और बड़े कौशल से सेना का संचालन करते थे। इनकी दानशीलता भी काफी प्रसिद्ध थी। कहते हैं अंत समय तक इनके यहाँ से किसी याचक को निराश नहीं लौटना पड़ा। सन् 1627 में इनकी मृत्यु हो गई। इनका मकबरा दिल्ली में बना हुआ है।

अध्ययन और ज्ञानार्जन में रुचि होने पर भी इन्हें युद्ध-क्षेत्र में ही अपने जीवन का अधिकतर समय व्यतीत करना पड़ा। इन्होंने अपने जीवन में अनेक उतार-चढाव देखे। अपनी बहादुरी और पराक्रम के लिए सूबेदारी और जागीरें भी मिलीं, सम्राट जहाँगीर के कोप के कारण दारिद्र्य भी भोगना पड़ा। अरबी, तुर्की, फारसी तथा संस्कृत के ये पंडित थे। हिंदी काव्य के ये मर्मज्ञ थे और हिंदी कवियों का बड़ा सम्मान करते थे।

रचनाएँ :
रहीम ने अनेक काव्य-ग्रंथों का प्रणयन किया है जिनमें से ‘रहीम सतसई’, ‘शृंगार सतसई’, ‘मदनाष्टक’, ‘रहीम रत्नावली’, ‘रासपंचाध्यायी’ तथा ‘बरवै नायिका भेद वर्णन’ प्रमुख हैं। इनकी रचनाओं का पूर्ण संग्रह ‘रहीम रत्नावली’ के नाम से प्रकाशित हुआ है। इन्होंने फारसी भाषा में भी ग्रंथों की रचना की है।

विशेषताएँ :
रहीम बड़े लोकप्रिय कवि थे। इनके नीति के दोहे तो सर्वसाधारण की जिह्वा पर रहते हैं। इनके दोहों में कोरी नीति की नीरसता नहीं है। उनमें मार्मिकता तथा कवि हृदय की सच्ची संवेदना भी मिलती है। दैनिक जीवन की अनुभूतियों पर आधारित दृष्टांतों के माध्यम से इनका कथन सीधे हृदय पर चोट करता है। इनकी रचना में नीति के अतिरिक्त भक्ति तथा शृंगार की भी सुंदर व्यंजना हुई है।

अगर रहीम जन-साधारण में अपने दोहों के लिए प्रसिद्ध थे, तो उन्होंने कवित्त, सवैया, सोरठा तथा बरवै छंदों में भी सफल काव्य रचना की है। रहीम का ब्रज और अवधी भाषाओं पर समान अधिकार था। इनकी भाषा सरल, स्पष्ट तथा प्रवाहपूर्ण है। इनकी रचना में भारतीय जीवन के सजीव चित्र अंकित हैं। रहीम ने खड़ी बोली में भी कुछ पद्य लिखे हैं।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Textbook Questions and Answers

पाठ से

प्रश्न 1.
यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया ? लिखिए।
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियोग्रस्त था अतः स्वयं पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। वह तोत्तो-चान की मदद से ही पेड़ पर चढ़ सका। इसके लिए तोत्ता-चान को भारी परिश्रम करना पड़ा।

पहले तो वह चौकीदार की झोपड़ी से एक सीढ़ी लाई। उसे पेड़ के सहारे लगा दिया। पर यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी नहीं चढ़ पाया। फिर तोत्तो-चान चौकीदार की झोपड़ी से एक तिपाई-सीढ़ी खींचकर लाई। बहुत प्रयास के बाद वह ऊपर तो पहुँच गया। फिर तोतो-चान ने उसकी पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर ऊपर खींचा। इस प्रकार यासुकी-चान पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचने में सफल हो सका।

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प्रश्न 2.
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अगल थे। दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए।
उत्तर :
पेड़ से बच्चों का नाता गहरा था। वे एक-एक पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे। वे उन पर चढ़ते थे और आनंदित होते थे। बाग के पेड़ों पर वे खूब मजा लेते थे। बाग में उनकी गतिविधियों को देखकर यासुकी-चान को अपनी अपंगता पर हताशा होती होगी। उसके मन में उदासी छा जाती होगी। वह अपनी विवशता पर दुःखी होता होगा।

प्रश्न 3.
पाठ में खोजकर देखिए-कब सुरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर :
जब यासुकी-चान और तोत्तो-चान एक सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक जा पहुँचे तब उन पर सूरज का ताप पर पड़ रहा था। उन्हें काफी पसीना आ रहा था। वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींच रही थी तभी बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया कर उन्हें कड़कती धूप से बचाने लगा।
यह मौसम का बदलाव था।

प्रश्न 4.
“यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ……..” अंतिम मौका था।” इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
उत्तर :
लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि यासुकी-चान के लिए स्वयं अपने बूते पर चढ़ना लगभग असंभव था। उसे हर बार तोत्तो-चान जैसा सहयोगी मिल पाना कठिन था। एक बार पेड़ पर चड़ने पर ही उसे घोर परिश्रम करना पड़ा था।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

पाठ से आगे

प्रश्न 1.
तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं ?
उत्तर :
हम जोखिम भरा काम करना पसंद करेंगे क्योंकि कुछ पाने के लिए जोखिम तो उठाना ही पड़ता है।

प्रश्न 2.
हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की आर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर :
एक बार की बात है कि हम एक नदी के किनारे पिकनिक पर गए हुए थे तभी एक लड़का पानी में उतर गया। पानी की लहर उसे बहाकर दूर तक ले गई। वह चिल्लाने लगा-बचाओ-बचाओ। मैंने उसकी आवाज सुन ली। मैं दौडकर उस तक गया। मैं तैरना जानता था। अत: कपड़े उतारकर नदी के पानी में कूद गया। मैंने उस तक पहुँचकर उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी ओर खींचने लगा। यद्यपि मैं भी घबरा रहा था, पर उसे किनारे तक खींच लाया। उसके पेट में पानी भर गया था अत: उसे जमीन पर लिटाकर कमर पर दबाव डाला। इससे उसके मुंह के रास्ते पेट का पानी निकल गया। थोड़ी देर में वह ठीक हो गया।
तब तक अध्यापक एवं अन्य साथी आ गए थे। सभी ने मेरी प्रशंसा की। मुझे अपने साहस पर हैरानी हो रही थी।

HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तोत्तो-चान ने किसको क्या निमत्रंण दिया?
उत्तर :
तोते-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का निमंत्रण दिया।

प्रश्न 2.
बच्चे किसे अपनी निजी सम्पत्ति मानते थे?
उत्तर :
बच्चे अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी सम्पत्ति मानते थे।

प्रश्न 3.
यासुकी-चान किस रोग से ग्रस्त था?
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियो रोग से ग्रस्त था।

प्रश्न 4.
तोत्तो-चान को यासुकी-चान कहाँ मिला?
उत्तर :
उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला।

प्रश्न 5.
तोत्तो-चान यासुकी-चान को कहाँ ले गई?
उत्तर :
तोत्तो-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

प्रश्न 6.
यासुकी-चान बिना सहारे के सीढ़ी पर क्यों नहीं चढ़ पाया?
उत्तर :
यासुको-चान के हाथ-पैर बहुत कमजोर थे।

प्रश्न 7.
तोत्तो-चान को चौकीदार के घर से क्या मिल गया?
उत्तर :
उसे वहाँ से एक तिपाई सीढ़ी मिल गई।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तोत्तो-चान कौन थी? उसकी हार्दिक इच्छा क्या थी?
उत्तर :
तोत्तो-चान एक जापानी लड़की थी। उसकी यह हार्दिक इच्छा थी कि उसका अपंग साथी यासुकी-चान उसके पेड़ पर आकर उसकी चीजों एवं दुनिया को देखे।

प्रश्न 2.
तोत्तो-चान के चरित्र की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
तोत्तो-चान एक सहृदय बालिका है। उसके मन में अपने साथी के लिए असीम प्यार एवं सम्मान की भावना है। वह उसे भी वह खुशी देना चाहती हैं जो दूसरे बालकों को मिलती है। तोत्तो-चान परोपकारी है। वह दूसरों का भला करती है। तोत्तो-चान परिश्रमी है। वह परिश्रमपूर्वक सीढ़ी तथा तिपाई झोंपड़ी से खींचकर ले आती है।

प्रश्न 3.
यासुकी-चान किसी पेड़ को अपना क्यों नहीं कह पाता?
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियोग्रस्त है। उसके हाथ-पैर काम नहीं करते। अत: वह किसी भी पेड़ पर चढ़ नहीं पाता। यही कारण है कि वह किसी पेड़ को अपना नहीं कह पाता। कोई पेड़ उसकी निजी संपत्ति नहीं बन सकता।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

अपूर्व अनुभव गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. बच्चे अपने ……………………….. जरूर डाँटते।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. बच्चे अपने पेड़ को क्या मानते थे ?
2. किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व क्या करना पड़ता था?
3. कोन, किस कारण पंड़ पर नहीं चढ़ पाता था ?
4. किसने, किसको, कहाँ आमंत्रित किया था?
उत्तर :
1. बच्चे अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे।
2 किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व उस पेड़ के स्वामी से शिष्टतापूर्वक पूछना पड़ता था-“माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ ?”
3. यासुकी-चान किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था क्योंकि उसको पोलियो था। वह किसी पेड़ को अपनी संपत्ति भी नहीं मानता था।
4. तोत्तो-चान ने यासुकी चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. बच्चे किसे अपनी सम्पत्ति मानते थे?
(क) स्वयं को
(ख) अपने पेड़ को
(ग) अपनी जगह को
(घ) किसी को नहीं
उत्तर :
(ख) अपने पेड़ को

2. थासुकी-चान को क्या रोग था?
(क) पोलियो
(ख) अंधापन
(ग) बहरापन
(घ) हकलापन
उत्तर :

3. यासुकी-चान को किसके लिए आमंत्रित किया गया था?
(क) खाना खाने के लिए
(ख) पेड़ पर चढ़ने के लिए
(ग) आपस में मिलने के लिए
(घ) कहीं चलने के लिए
उत्तर :
(ख) पेड़ पर चढ़ने के लिए

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

2. यासुकी-चान ……………… क्या करे वह?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. तोत्तो-चान ने पेड़ पर चढ़ने का क्या उपाय किया था?
2. क्या यासुकी-चान सीढ़ी पर चढ़ गया? क्यों?
3. तोत्तो-चान ने क्या प्रयास किया?
4. दोनों की क्या दशा थी?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी पेड़ तक घसीट लाई थी और उसे तने के सहारे लगा दिया था ताकि द्विशाखा तक पहुँचा जा सके।
2. नहीं, यासुकी-चान पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाया। पोलियो के कारण उसके हाथ-पैर बहुत कमजोर थे।
3. तोत्तो-चान यासुकी-धान को पीछे से धकियाने लगी, जिससे वह सौढ़ी पर चढ़ सके।
4. यासुकी-चान ने अपना पैर सीढ़ी से हटा लिया। वह हताशा में सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान ने भी समझ लिया कि यह काम उतना आसान नहीं है जितना उसने समझा था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. यासुकी-चान का कौन-सा अंग कमजोर था?
(क) मस्तिष्क
(ख) हाथ-पैर
(ग) आँखें
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ख) हाथ-पैर

2. पेड़ से नीचे कौन उतर आया?
(क) यासुकी-चान
(ख) तोत्तो-चान
(ग) वायु चान
(घ) माओ चान
उत्तर :
(ख) तोत्तो-चान

3. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था?
(क) आसान
(ख) कठिन
(ग) पक्का
(घ) ठीक
उत्तर :
(ख) कठिन

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

3. यासुकी-चान ……………. रही थी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. किसकी क्या इच्छा थी?
2. तोत्तो-चान किस प्रयास में लगी थी?
3. तोत्तो-चान ने क्या उपाय किया?
4. तोतो-चान किस बात पर हैरान थी?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान की यह हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े।
2. जय तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का उदास-लटका चेहरा देखा तो वह उसे हँसाने के प्रयास में लग गई। उसने अपना गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाए।
3. तोत्तो-चान चौकीदार के छप्पर की चोर दौड़ी गई। वहाँ उसे एक तिपाई-सीढ़ी मिल गई इसे थामे रहना भी जरूरी नहीं था।
4. तोत्तो-चान इस बात पर हैरान थी कि उसमें इतनी शक्ति कहाँ से आ गई कि वह तिपाई-सीढ़ी को यहाँ तक खींच लाने में सफल हो सकी। यह तिपाई-सीढ़ी द्विशाखा तक पहुंच गई।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘यह उसकी हार्दिक इच्छा थी’-किसकी?
(क) यासुकी-चान की
(ख) तोत्तो-चान की
(ग) दोनों की
(घ) किसी की नहीं
उत्तर :
(ख) तोत्तो-चान की

2. उदास कौन था?
(क) यासुकी-चान
(ख) तोत्तो-चान
(ग) कोई नहीं
(घ) सभी
उत्तर :
(क) यासुकी-चान

3. तोत्तो-चान को चौकीदार के छप्पर से क्या वस्तु मिली?
(क) तिपाई-सीढ़ी
(ख) चारपाई
(ग) कुरसी
(घ) स्टूल
उत्तर :
(क) तिपाई-सीढ़ी

4. तिपाई की ऊपरी सीढ़ी कहाँ तक पहुँच गई?
(क) छत तक
(ख) द्विशाखा तक
(ग) पेड़ तक
(घ) घर तक
उत्तर :
(ख) द्विशाखा तक

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

4. काफी मेहनत …………. लड़ाते रहे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. किसकी, किस मेहनत के बाद यासुको-चान पेड़ की द्विशाखा पर पहुंच पाया था?
2. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान से क्या कहा?
3. यासुकी-चान ने किस मुद्रा में क्या पूछा?
4. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़कर क्या अनुभूति हुई?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान की पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर उसे पूरी ताकत से ऊपर खींचा था। तभी वह पेड़ की द्विशाखा पर पहुंच पाया था।
2. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान के सम्मान में सिर झुकाकर कहा कि मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।
3. यासुकी-चान ने मुसकराते हुए तोत्तो-चान से पूछा कि क्या वह अंदर आ सकता है ?
4. यासुकी-चान ने पेड़ पर चढ़कर दुनिया की नई झलक देखी। इसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। उसे पेड़ पर चढ़ने का विचित्र अनुभव हुआ।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया?
(क) अपने पेड़ पर
(ख) जमीन पर
(ग) तिपाई पर
(घ) सीढ़ी पर
उत्तर :
(क) अपने पेड़ पर

2. यासुकी-चान ने क्या पूछा?
(क) क्या पेड़ पर स्वागत है?
(ख) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
(ग) क्या मैं पेड़ पर चढ़ सकता हूँ?
(घ) क्या ऐसे चढ़ा जाता है?
उत्तर :
(ख) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?

3. यासुकी-चान ने पेड़ पर क्या देखा?
(क) दुनिया की नई झलक
(ख) पेड़ों का दृश्य
(ग) नीला आसमान
(घ) सभी कुछ
उत्तर :
(क) दुनिया की नई झलक

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

अपूर्व अनुभव Summary in Hindi

अपूर्व अनुभव पाठ का सार

इस कहानी में दो पात्र हैं-एक बालिका तोत्ता-चान और उससे एक साल बड़ा लड़का यासुकी-चान। यासुकी-चान को पोलियों था अतः वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। सभागार में शिविर लगने के दो दिन बाद तोखे चान को एक साहसपूर्ण काम करने का दिन आया। उसने अपंग यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता दिया। तोमोए में प्रत्येक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्ता-चान अक्सर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती थी।

सभी बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व पूछना पड़ता था। यासुकी-चान पोलियोग्रस्त होने के कारण किसी पेड़ को अपना नहीं मान पाता था। घर से निकलते समय तोत्तो चान ने झूठ बोला था कि वह यासुकी-चान के घर डेनेनचोफु जा रही है पर उसने रॉकी को सच बता दिया था। जब तोत्तो-चान स्कूल पहुँची तो उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला। जैसे ही यासुकी चान ने तोत्तो चान को देखा, वह पैर घसीटता हुआ उसकी ओर आया।

तोत्ता-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई। वह चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी घसीट लाई और उसे तने के सहारे ऐसे लगा दिया, जिससे वह द्विशाखा तक पहुँच जाए। उसने सीढ़ी को पकड़ लिया और यासुकी-चान को ऊपर चढ़ने की कोशिश करने को कहा, पर उसके हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह बिना सहारे के पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाया।

वह सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान कोई और उपाय सोचने लगी। वह चौकीदार के छप्पर से एक तिपाई-सीढ़ी खींच लाई। वह सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी। यासुकी-चान ने घबराकर तिपाई-सीढ़ी की ओर देखा। उसे पसीना आ रहा था। उसने निश्चय के साथ पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा। तोत्तो-चान उसकी मदद कर रही थी।

यासुको-चान पूरी शक्ति के साथ जूझ रहा था और आखिर वह ऊपर पहुँच गया, पर तभी सारी मेहनत बेकार होती लगने लगी। तोत्तो चान तो सीढ़ी पर से द्विशाखा पर छलांग लगाकर पहुँच गई, पर यासुकी-चान को सीढ़ी से पेड़ पर लाने की हर कोशिश बेकार रही। तोत्तो चान की रुलाई छूटने को थी, क्योंकि वह चाहती थी कि वह यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर तमाम नई-नई चीजें दिखाए।

तोत्तो चान ने यासुकी-चान की पोलियो से पिचकी और अकड़ी उँगलियों को अपने हाथ में थाम लिया और बोली-“तुम लेटे रहो, मैं तुम्हें पेड़ पर खींचने की कोशिश करती हूँ।” यह कहकर वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। काफी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। तोत्तो ने सम्मान से सिर झुकाकर कहा-“मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।” यासुकी-चान ने मुस्कराते हुए पूछा-“क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?”

उस दिन यासुकी-घान ने दुनिया की एक ऐसी नई झलक देखी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी थी। वे दोनों गप्पें लड़ाते रहे। यासुकी-चान ने उमंग में भरकर बताया कि उसकी बहन अमेरिका में है। उसने एक चीज टेलीविजन के बारे में बताया है। वह कहती है कि इसमें वह सूमो-कुश्ती भी देख सकेगा। तोत्तो-चान सोचती रही कि सूमो पहलवान किसी डिब्बे में कैसे
समा सकता है।

अपूर्व अनुभव शब्दार्थ

उदास = निराश, दु:खी होना (Sad)। छप्पर = झोंपड़ी के ऊपर घास-पूस की छत (Hut), तिपाई = तीन पाँवों/पैरों वाली (Stool)। धामे = पकड़े (Caught)। तरबतर = लथपथ, डूबे हुए (Drenched)। तमाम = समस्त, सारी (Total)। जोखिम = खतरा (Danger)। भरोसा = विश्वास (Belief) झिझकता हुआ = हिचक या संकोच के साथ धीरे-धीरे (Hesitated)। सम्मान से = आदर के साथ (With regard)। झलक = तस्वीर (Picture)। सूमों = (जापानी पहलवान जो कुश्ती लड़ते हैं उन्हें सूमों बोला जाता है।) (A wrestler)। ताकना = देखना (To see)। आमंत्रित = बुलाया हुआ (Invited) स्थिर = टिका हुआ (Stable)। संपत्ति = प्रापर्टी (Property)। हताशा = निराशा (Distress)। हैरान = आश्चर्यचकित (Surprised)। सभागार = बैठक करने का बड़ा कक्ष (Meeting Place)। शिविर = किसी निश्चित उद्देश्य से एकत्र होना (Camp)। द्विशाखा = दो शाखाएँ (Two wigs)। निजी = अपनी (Own)। सूना = खाली-खाली, सुनसान (Empty place)। उत्तेजित = जोश में आना (Excited)। भेद = अंतर (Difference)।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

HBSE 7th Class Hindi चिड़िया की बच्ची Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?
उत्तर :
निम्नलिखित बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था –

  • माधवदास ने संगमरमर की नई कोठी बनवाई है।
  • उसके पास धन की कोई कमी नहीं है।
  • वह चिड़िया से कहता है
  • मेरे पास बहुत-सा सोना-मोती है। सोने के एक बहुत सुंदर घर मैं तुम्हें बना दूंगा, मोतियों की झालर उसमें लटकेगी।
  • मेरी कोठियों पर कोठियाँ हैं, बगीचों पर बगीचे हैं।

निम्नलिखित बातों से प्रतीत होता है कि वह सुखी नहीं था :

  • खयाल-ही-खयाल में संध्या को स्वप्न की भांति गुजार देते हैं।
  • जी भरकर भी कुछ खाली सा रहता है।
  • मेरा महल भी सूना है। वहाँ कोई भी चहकता नहीं।
  • मेरा दिल वीरान है। वहाँ कब हँसी सुनने को मिलती है?

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प्रश्न 2.
माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
माधवदास चिड़िया से यार-बार ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत सुंदर और प्यारी लगी। उसे देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो गया। वह उसे देखते रहना चाहता था। इससे उसके मन का एकाकीपन दूर होता था। माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से नि:स्वार्थ मन से नहीं था। चिड़िया को देखने से उसके मन को संतुष्टि कर अनुभव हो रहा था। वह अपने मन के सुख के लिए चिड़िया को अपने बगीचे में रखना चाहता था।

प्रश्न 3.
माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ माधवदास की नज़र में चिड़िया की जिद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
चिड़िया और माधवदास के मनोभावों में भारी अंतर था। माधवदास अभी भी अपनी धन-दौलत को सभी कुछ समझ रहा था। उसका विचार था कि सोने, चाँदी, महल आदि से सभी को वश में किया जा सकता है।

जबकि चिड़िया प्रकृति-प्रेमी है। उसे अपनी स्वच्छंदता प्यारी है। वह धन-दौलत को कुछ नहीं समझती। उसे अपनी माँ की गोद सबसे मूल्यवान और प्यारी प्रतीत होती है। यही कारण है कि चिड़िया माधवदास के बार-बार समझाने पर भी सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं के लालच में नहीं आती।

प्रश्न 4.
कहानी के अंत में नही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पड़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर :
कहानी के अंत में चिड़िया सेठ के नौकर के पंजे के चंगुल से भाग निकलती है और उड़कर सीधी माँ की गोद में जाकर सुबकने लगती है। इस बात को पढ़कर हमें बहुत अच्छा लगा। हाँ, यदि सेठ का नौकर उसे पकड़कर पिंजरे में डाल देता तो हमें बहुत बुरा लगता। उसके भाग निकलने से उसकी स्वच्छंदता कायम रहती है। पक्षी को बंधन में रहना कतई पसंद नहीं होता। वह किसी भी लोभ में नहीं फँसता। उसे तो प्रकृति में स्वच्छंद उड़ान भरना प्रिय लगता है। वह घोंसले में रहकर और माँ का सान्निध्य पाकर खुश रहता है।

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प्रश्न 5.
‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?
उत्तर :
हमारी जिंदगी में भी माँ का बहुत महत्त्व है। जिस प्रकार चिड़िया बार-बार माँ के पास जाने की रट लगाए रहती है, उसी प्रकार हम भी अपनी माँ के पास जाने की चाह रखते हैं। माँ हमें जन्म देती है, हमारा पालन-पोषण करती है, हमें सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराती है तथा दु:ख की घड़ी में हमें ढाढस बंधाती है। हम माँ के ऋण से उऋण नहीं हो सकते। माँ हमारे सुख की सच्ची साथी होती है।

प्रश्न 6.
इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर :
हम कहानी का शीर्षक ‘सुखी कौन? देना चाहेंगे। इसका कारण यह है कि सुखी धन-दौलत में नहीं मिलता। सुखी वह है जो प्रकृति की गोद में रहकर स्वच्छंद जीवन बिताता है। सेठ सुख नहीं है जबकि चिड़िया सुखी है।

कहानी से आगे

1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।
उत्तर :
इस प्रकार का स्वाभाविक अनुशासन का रूप हमें प्रकृति के विभिन्न रूपों में मिलता है
‘सूर्य’ अपने नियत समय पर निकलता है और छिपता है। वह एक दिन के लिए भी छुट्टी नहीं करता। ‘चंद्रमा की भी यही स्थिति है।
‘ऋतु-चक्र’ भी अनुशासन का पालन करता है।

2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-“स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें
उत्तर :
(क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता।
(ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।
(ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता।
हमें अपनी स्वाधीनता पसंद है। हम किसी भी कीमत पर पराधीनता को स्वीकार नहीं करेंगे। यह बिल्कल सही है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता।

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HBSE 7th Class Hindi चिड़िया की बच्ची Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सेठ का नाम क्या था?
उत्तर :
सेठ का नाम माधवदास था।

प्रश्न 2.
सेठ ने क्या काम किया था?
उत्तर :
सेठ ने अपनी नई कोठी बनवाई थी।

प्रश्न 3.
सेठ में क्या-क्या गुण थे?
उत्तर :
सेठ में कोई व्यसन नहीं था। ये कला प्रेमी थे तथा सुंदर अभिरुचि वाले व्यक्ति थे।

प्रश्न 4.
सेठ माधवदास को चिड़िया कैसी लगी?
उत्तर :
सेठ माधवदास को चिड़िया बहुत सुंदर पर मनमानी लगी।

प्रश्न 5.
सेठ के प्रस्ताव का चिड़िया पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
सेठ के प्रस्ताव पर चिड़िया सकुथा गई।

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प्रश्न 6.
सेठ चिड़िया को क्या देना चाहता था?
उत्तर :
सेठ चिड़िया को सुंदर घर तथा काफी धन देना चाहता था।

प्रश्न 7.
चिड़िया को सबसे प्यारी कौन लगती थी?
उत्तर :
चिड़िया को अपनी माँ सबसे प्यारी लगती थी।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक दिन संध्या के समय सेट माधवदास ने अपने बगीचे में क्या दृश्य देखा?
उत्तर :
एक दिन सेठ जी ने देखा कि संध्या समय उनके देखते-देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा-सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज निकाल रही थी।

प्रश्न 2.
माधवदासने चिड़िया को क्या-क्या प्रलोभन दिए?
उत्तर :
माधवदास ने चिड़िया को ये प्रलोभन दिए –

  • मैं तुम्हें एक सुंदर घर बनवाकर दूंगा।
  • उसमें मोतियों की झालर लटकेगी।
  • तुम्हें सोना-मोती दूंगा।
  • यह बगीचा उसी का होगा।

प्रश्न 3.
चिड़िया ने सेठ के प्रस्ताव को ठुकराते हुए क्या कहा?
उत्तर :
चिड़िया ने सेठ के प्रस्ताव को ठुकराते हुए यह कहा कि उसकी समझ में सेठ की बातें नहीं आती। उसकी माँ के घोंसले के बाहर बहुत-सी धूप बिखरी रहती है। उसकी माँ उसे प्यार करती है।

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प्रश्न 4.
चिड़िया को अंत में क्या बोध हुआ तथा वह कहाँ जा पहुँची?
उत्तर :
चिड़िया को अंत में किसी व्यक्ति के कठोर, स्पर्श का बोध हुआ। जैसे ही किसी ने उसके शरीर को छुआ वह चीखी और चिंचिया कर उड़ गई। वह उड़ती हुई एक ही साँस में माँ के पास पहुँच गई तथा माँ की गोद में सिसकने लगी।

चिड़िया की बच्ची गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. माधवदास ने …………………….. मिलती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. माधवदास ने किसका निर्माण करवाया?
2. माधवदास किस स्वभाव के व्यक्ति हैं?
3. वे शाम को कहाँ, किस प्रकार बैठते हैं?
4. उन्हें किसमें तृप्ति मिलती है?
उत्तर:
1. माधवदास ने एक संगमरमर की कोठी और उसके सामने सुहावने बगीचे का निर्माण करवाया।
2. माधवदास कला-प्रेमी और सुंदर अभिरुचि वाले हैं।
3. वे शाम को कोठी के बाहर चबूतरे पर तख़्त डलवाकर मसनद के सहारे गलीचे पर बैठते हैं।
4. उन्हें प्रकृति की छटा निहारने में तृप्ति मिलती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. माधवदास की कोठी किससे बनी है?
(क) लाल पत्थर से
(ख) संगमरमर से
(ग) सीमेंट से
(घ) सफेद पत्थरों से
उत्तर :
(ख) संगमरमर से

2. माधवदास के पास धन की
(क) कमी है
(ख) कमी नहीं है
(ग) दिक्कत है
(घ) स्थिति पता नहीं
उत्तर :
(ख) कमी नहीं है

3. उनके पास समय
(क) काफी है
(ख) कम है
(ग) अच्छा है
(घ) पता नहीं
उत्तर :
(क) काफी है

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

2. उस दिन …………………. होती थी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. उस दिन संध्या को क्या हुआ?
2 चिड़िया कैसी थी?
3. चिड़िया को क्या पता नहीं था?
4. वह कैसी मालूम देती थी?
उत्तर:
1. उस दिन संध्या के समय एक चिड़िया गुलाब की डाली पर आ बैठी।
2. चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी। उसके पंख चमकदार थे; शरीर पर चित्रकारी थी।
3. चिड़िया को माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था।
4. चिड़िया बहुत खुश मालूम देती थी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. चिड़िया कहाँ आ बैठी थी?
(क) गुलाब की डाली पर
(ख) नीम की डाली पर
(ग) कदंव के पेड़ पर
(घ) पीपल के पेड़ पर
उत्तर :
(क) गुलाब की डाली पर

2. चिड़िया की गरदन कैसी थी?
(क) लाल
(ख) गुलाबी
(ग) नीली
(घ) स्याह
उत्तर :
(क) लाल

3. चिड़िया क्या कर रही थी?
(क) पर हिला रही थी
(ख) कभी फुदकती थी
(ग) दोनों काम
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(ग) दोनों काम

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

3, माधवदास ने ………………. न रहो?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. माधवदास ने चिड़िया से क्या कहा?
2. माधवदास का महल कैसा है?
3. माधवदास ने चिड़िया से क्या प्रार्थना की?
उत्तर:
1. माधवदास ने चिड़िया से कहा-तुम बड़ी भोली हो। तुम्हें देखकर मेरा मन खुश हो जाता है।
2. माधवदास का महल सूना है। वहाँ कोई भी.चहकता नहीं।
3. माधवदास ने चिड़िया से अपने महल में ही रहने की प्रार्थना की।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘भोली चिड़िया’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) विशेषण
(ग) क्रिया
(घ) सर्वनाम
उत्तर :
(ख) विशेषण

2. ‘तुम प्यारी हो।’-रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर :
(ख) सर्वनाम

3. माधवदास कौन है?
(क) एक सेठ
(ख) एक कला प्रेमी
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ग) दोनों

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

4. तुम सेठ ………………. होना चाहिए?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. चिड़िया क्या नहीं जानती?
2. चिड़िया ने माँ के बारे में क्या कहा?
3. मालामाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
1. चिड़िया यह नहीं जानती कि सामने वाला व्यक्ति सेठ है। वह सेठ को भी नहीं जानती।
2. चिड़िया ने कहा कि उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है और वह उसकी प्रतीक्षा करती होगी।
3. मालामाल धनी व्यक्ति को कहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. चिड़िया स्वयं को कैसा बताती है?
(क) समझदार
(ख) अनसमझ
(ग) प्यारी
(घ) मूर्ख
उत्तर :
(ख) अनसमझ

2. क्या चिड़िया मालामाल होना चाहती थी?
(क) हाँ
(ख) नहीं
(ग) पता नहीं
(घ) कुछ-कुछ
उत्तर :
(ख) नहीं

3. चिड़िया की राह कौन देख रही होगी?
(क) माँ
(ख) सखी
(ग) पड़ोसन
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(क) माँ

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

5. इतने में ……………. सुबकने लगी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. चिड़िया को क्या बोध हुआ?
2. कठोर स्पर्श पर चिड़िया ने क्या प्रतिक्रिया दी?
3. वह उड़ती हुई कहाँ जा पहुँची?
उत्तर:
1. चिड़िया को बोध हुआ कि किसी का कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू रहा है।
2. उस कठोर स्पर्श से चिड़िया चीखी और चिचियाई।
3. यह चिड़िया उड़ती हुई एक साँस में माँ की गोद में जा गिरी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘कठोर स्पर्श’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर :
(ग) विशेषण

2. यह कठोर स्पर्श किसका हो सकता है?
(क) सेठ का
(ख) माधवदास का
(ग) नौकर का
(घ) किसी का भी
उत्तर :
(ग) नौकर का

3. माँ की गोद में चिड़िया क्या करने लगी?
(क) रोने
(ख) सुबकने
(ग) हँसने
(घ) सोने
उत्तर :
(ख) सुबकने

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चिड़िया की बच्ची Summary in Hindi

चिड़िया की बच्ची पाठ का सार

एक सेठ थे-माधवदास। उन्होंने संगरमरमर की नई कोठी ‘बनवाई और उसमें सुहावना बगीचा भी लगाया। उन्हें कला से बहुत प्रेम था। उनके पास धन की कोई कमी न थी। उन्हें बगीचे में फूल-पौधे और फव्वारों से उछलता पानी देखना बहुत अच्छा लगता था। वे मित्रों से विनोद-चर्चा अथवा हुक्के की नली को मुँह में दयाए संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते थे।

एक दिन की बात है कि वे मसनद के सहारे बैठे थे। मन कुछ खाली-सा था। तभी सामने गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आ बैठी। वह बड़ी रंग-बिरंगी और प्यारी लग रही थी। माधवदास को वह चिड़िया बड़ी अच्छी लगी। उसने चिड़िया से कहा, “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है।

सुनो चिड़िया, तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो।” चिड़िया तो घबरा गई। वह बोली.-“मुझे मालूम नहीं था कि यह बगीचा आपका है। मैं अभी चली जाती हूँ। पलभर साँस लेने के लिए मैं यहाँ टिक गई थी।” सेठ माधवदास ने उससे बार-बार आग्रह किया वह यहीं रहे और इस संगमरमर की कोठी तथा बगीचे को अपना ही समझे।

चिड़िया इसके लिए तैयार न हुई। वह बार-बार यही कहती रही कि मैं अपनी माँ के पास जा रही हूँ। अब साँझ हो गई है। मेरी । माँ मेरी बाट देख रही होगी। सेठ ने उसे अपना परिचय दिया और कहा कि वह जो कुछ माँगेगी, वही उसे मिलेगी। चिड़िया को सेठ से कुछ भी नहीं चाहिए था। वह मालामाल नहीं होना चाहती थी।

वह सोने को भी नहीं जानती थी। सेठ को लगा कि चिड़िया नादान है। सेठ ने एक बटन दबा दिया। उसकी आवाज सनकर कोठी के भीतर से एक दास झपटकर बाहर आया। सेठ ने दास को इशारा कर दिया और वह चिड़िया को पकड़ने का उपाय करने लगा। चिड़िया के मन के भीतर चैन नहीं था।

वह सेठ से कहने लगी-” सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।” तभी चिड़िया को लगा कि कोई कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू गया है। वह चीखकर एकदम उड़ी। वह नौकर के फैले पंजे से निकल गई और एक ही साँस में माँ के पास जा पहुँची। वह माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी। माँ ने उसे छाती से चिपकाकर पूछा-“क्या है मेरी बच्ची?” चिड़िया बस सुबकंती रही। वह पलक मींचकर माँ की छाती से चिपककर सो गई।

चिड़िया की बच्ची शब्दार्थ

सुहावना = सुदर (Beautiful)। व्यसन = बुरी आदत (Addiction)। अभिरुचि = अच्छी रुचि (Good taste)। रकाबी = तश्तरी (Plate)। निहारते – देखते (To see)। गुजारना – बिताना (To spend)। प्रकाश = रोशनी (Light)। स्वच्छंदता – आजादी (Freedom)। सकुचाना = झिझकना (To hesitate)। भयभीत = डरी हुई (Feared)। प्रफुल्लित = प्रसन्न चित्त (Cheerful)। वीरान = सुनसान (Lonely)। मालामाल = धनी (Rich)। किस्मत = भाग्य (Luck)। अनगिनती = जिनकी गिनती न हो सकी Countless): देह = शरीर (Body)। राह = रास्ता (Parh)। ढाढस = तसल्ली (Solace)। तृप्ति = संतुष्टि (Satisfaction)।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान

HBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और सोफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानों नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।

  • इस प्रकार की दूसरी एकरूपता दिखाने वाली उपमाओं को कविता से खोजकर सूची बनाइए।

उत्तर :
एकरूपता दिखाने वाली उपमाएँ
1. पहाड़ – किसान
2. नदी – चादर
3. पलाश का जंगल – दहकती अँगीठी
4. अंधकार – भेड़ों का गल्ला।

प्रश्न 2.
शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए
(क) शाम कब से शुरू हुई ?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर :
(क) सायं छह बजे शुरू हुई।
(ख) आधे घंटे का समय लगा।
(ग) आसमान में लालिमा छा गई, आकाश पीला-पीला हो गया और अंत में सूरज आँखों से ओझल हो गया।

प्रश्न 3.
मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो-‘सुनते हो’। आगे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए –
कबूतर, कौआ, मैना, तोता, चील, हंस.
उत्तर:

  1. कबूतर-गुटरगूं
  2. कौआ-काँव-काँव
  3. चील-चें-चें

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कविता से आगे

प्रश्न 1.
इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा ?
उत्तर :
पीला, सुनहरा, सफेद, लाल रंगों का प्रयोग करना होगा।

प्रश्न 2.
शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए
पक्षी, खिलाड़ी, फलवाले, माँ, पेड़-पौधे, पिताजी, किसान, बच्चे.
उत्तर :

  1. पक्षी : घोंसलों की ओर लौट जाते हैं।
  2. खिलाड़ी : खेलना बंद कर देते हैं।
  3. फल वाले : फल बेचते हैं।
  4. माँ : बच्चों के लिए खाना पकाने की तैयारी करती है।
  5. पेड़-पौधे : सोने लगते हैं।
  6. पिताजी : घर लौट आते हैं।
  7. किसान : खेतों से लौट आते हैं। गाय-भैंसों का दूध निकालते हैं।
  8. बच्चे : गृह कार्य करते हैं।

प्रश्न 3.
हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है
संध्या का झुटपुट, कौओं का झुटपुट, चहक रही है चिड़ियाँ, टी वी टी टुर-टुर,
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा ? लिखिए।
उत्तर :
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने संध्याकालीन दृश्य का किसान के रूप में रूपक बाँधकर प्रस्तुत किया है जबकि कवि पंत ने संध्याकाल में विभिन्न पक्षियों की आवाजों को सुनवाया है।

HBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कविता में पहाड़ को किस रूप में दर्शाया गया है?
उत्तर :
कविता में पहाड़ को साफा बाँधे किसान के रूप में दर्शाया गया है।

प्रश्न 2.
इस किसान के घुटनों पर क्या है?
उत्तर :
इस किसान के घुटनों पर चादर है।

प्रश्न 3.
किसे अंगीठी बताया गया है और क्यों?
उत्तर :
पलाश के जंगल को अँगीठी बताया गया है क्योंकि पलाश के लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते प्रतीत होते हैं।

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प्रश्न 4.
‘भेड़ों के गल्ले-सा’ किसे कहा गया है?
उत्तर :
अंधकार को भेड़ों के गल्ले-सा कहा गया है।

प्रश्न 5.
मोर की आवाज़ कैसी लगी?
उत्तर :
जैसे किसी के कहा हो-‘सुनते हो?’

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
किसको किस रूप में चित्रित किया गया है ?
पहाड़, नदी, पलाश के जंगल को, डूबते सूरज को, आकाश को
उत्तर :

  1. पहाड़ को : किसान के रूप में
  2. नदी को : चादर के रूप में
  3. पलाश के जंगल को : दहकती अँगीठी के रूप में।
  4. डूबते सूरज को : चिलम के रूप में।
  5. आकाश को : किसान के साफे के रूप में।

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प्रश्न 2.
चिलम औंधी क्यों हो गई?
उत्तर :
सूरज चिलम के रूप में था। अंधकार होते ही सूरज डूब गया और इसके साथ चिलम का आकार भी गायब हो गया। इससे ऐसा लगा कि किसान की चिलम औंधी हो गई है।

शाम एक किशान काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. आकाश का …………… गल्ले-सा।

शब्दार्थ: आकाश = आसमान (Sky)सूरज = सूर्य (Sun), बहकना = जलना (To burn)

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग :
प्रस्तुत पक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘शाम : एक किसान’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हैं। इसमें कवि ने जाई की शाम में पहाड़ को एक किसान के रूप में चित्रित किया है।

व्याख्या :
कवि जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण करते हुए कहता है कि इस दृश्य में पहाड़ एक किसान की तरह दिखाई देता है। आकाश उसके सिर के साफे के समान है। सूरज चिलम के समान प्रतीत होता है जिसे वह दम लगाकर खींचता – है। पहाड़ के नीचे नदी बहती रहती है और यह नदी पहाड़ रूपी किसान के घुटनों पर पड़ी चादर के समान प्रतीत होती है। सर्दी भगाने के लिए इस किसान के पास अंगीठी दहक रही है। पलाश के लाल-लाल फूलों को अंगीठी का रूप दिया गया है। पूरब दिशा में क्षितिज पर होता अंधकार झुंड में बैठी भेड़ों जैसा प्रतीत होता है। पश्चिम दिशा में डूबता सूरज इस पहाड़ रूपी किसान की चिलम है। यह पूरा दृश्य शांत है।

विशेष :
1. प्रकृति का मनोहारी चित्रण किया गया है।
2. ‘भेड़ों का गल्ला-सा’ में उपमा अलंकार है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कॉन, किस रूप में बैठा है?
2. नदी किसके समान प्रतीत होती है?
3. किसे दहकती अंगीठी बताया गया है?
4. अंधकार कैसा लग रहा है?
उत्तर:
1. पहाड़ एक किसान के रूप में बैठा है। उसने सिर पर साफा बाँध रखा है तथा चिलम पी रहा है।
2 पहाड़ के नीचे की नदी किसान के घुटनों पर पड़ी चादर के समान प्रतीत होती है।
3. पलाश के लाल-लाल फूलों को दहकती अंगीठी बताया गया है।
4. अंधकार दूर सिमटा भेड़ों के गल्ले के समान लग रहा है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. इस कविता के रचयिता कौन है?
(क) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(ख) सुमित्रानंदन पंत
(ग) रघुवरदयाल सक्सेना
(घ) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर :
(ख) सुमित्रानंदन पंत

2. पहाड़ किस रूप में है?
(क) किसान के रूप में
(ख) साफा बाँधे हुए
(ग) चिलम खींचता
(घ) ये सभी रूप
उत्तर :
(घ) ये सभी रूप

3. कौन-सी अंगीठी दहक रही है?
(क) पलाश के जंगल की
(ख) कोयले की
(ग) लकड़ी की
(घ) प्रकृति की
उत्तर :
(क) पलाश के जंगल की

4. ‘भेड़ों के गल्ले-सा’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) उपमा
(ग) रूपक
(घ) यमक
उत्तर :
(ख) उपमा

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2. अचानक – बोला …………………….. छा गया।

सप्रसंग व्याख्या
प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘शाम : एक किसान’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना है। इसमें कवि ने जाडे की शाम में पहाड़ को एक किसान के रूप में चित्रित किया है।

व्याख्या :
कवि जाड़े की संध्या का चित्रण करते हुए बताता है कि अभी तक सारा वातावरण शांत था। अचानक मोर बोल उठता है, मानो किसी ने आवाज़ लगाई हो-‘सुनते हो?’ इसके बाद प्रकृति में सारा दृश्य घटना में बदल जाता है–चिलम उलट जाती है, आग बुझ जाती है, धुआँ उठने लगता है.सूरज डूब जाता है, शाम ढल जाती है और रात का अँधेरा छा जाता है।

विशेष : संध्याकालीन वातावरण का सजीव चित्रण किया गया है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. इस कविता के रचयिता कौन हैं?
2 इस कविता में किस वातावरण का चित्रण है?
3. दृश्य में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर:
1. इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हैं।
2. इस कविता में जाड़े की एक संध्या के वातावरण का चित्रण है।
3. मोर के बोलते ही अर्थात् संध्या के होते ही सारा प्राकृतिक वातावरण बदल जाता है-सूरज डूब जाता है, रात का अंधेरा छाने लगता है। लगता है, चिलम औंधी हो गई है, आग बुझ गई है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. अचानक कौन बोल उठा?
(क) मोर
(ख) किसान
(ग) तांता
(घ) किसान की पत्नी
उत्तर :
(क) मोर

2. “चिलम औंधी होना’ किसका प्रतीक है?
(क) सूरज डूबने का
(ख) सूरज चमकने का
(ग) दिन छपने का
(घ) रात होने का
उत्तर :
(क) सूरज डूबने का

3. कौन-सा शब्द ‘सूरज’ का पर्यायवाची नहीं है
(क) रवि
(ख) दिनकर
(ग) भास्कर
(घ) शशि
उत्तर :
(घ) शशि

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शाम एक किशान Summary in Hindi

शाम एक किशान कवि-परिचय

प्रश्न : कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के जीवन एवं साहित्य का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर :
जीवन एवं साहित्यिक परिचय :
आधुनिक हिंदी साहित्य की नई कविता के कवियों में श्री सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का नाम अग्रगण्य है। आपका जन्म 15 सितंबर, 1927 को उत्तर ‘प्रदेश स्थित बस्ती में हुआ। आपने एंग्लों संस्कृत विद्यालय, बस्ती से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और क्वीस कॉलेज वाराणसी में प्रवेश लिया।

तत्पश्चात् आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन करने के उपरांत आपने आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर के रूप में कार्य किया। सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने कुछ दिन दिनमान के प्रमुख उपसंपादक पद पर भी कार्य किया। बाद में बच्चों की पत्रिका ‘पराग’ का संपादन कार्य भी किया। आपका देहावसान 25 सितंबर, 1984 को हुआ।

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ‘तीसरा तारसप्तक’ के कवि हैं। छायावाद के उपरांत नई कविता के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सुमित्रानंदन पंत ने सक्सेना जी की साहित्य कला दृष्टि की सराहना की है तथा उन्हें सहज-प्रयत्न कवि और नए कवियों में कलाबोध का पारखी बताया है। उनके काव्य में रोमानियत और सम-सामयिकता पाई जाती है। वे समष्टि चेतना और व्यष्टि चेतना के प्रति सजग हैं। आपने कविता के नए-नए विषयों की ओर ध्यान दिया है। सक्सेना जी ने जीवन के विविध पक्षों को अपनी कविता में नए रंग-ढंग से व्यक्त किया है।

भाषा-शैली :
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना खड़ी बोली के कवि हैं। उन्हें छंदमुक्त कविता अभीष्ट है। आपकी भाषा सरल और स्पष्ट है। कविता में कहीं-कहीं तीखे व्यंग्य पाए जाते हैं। कविता में बिंब योजना और प्रतीकात्मकता विशेष रूप से परिलक्षित होती है। भाषा प्रसाद गुण युक्त है। भाषा में तत्सम शब्दों के साथ स्थानीय शब्दों का अदभुत समन्वय है तथा कल्पना की प्रधानता है। चित्रात्मकता के साथ मानवीकरण उनकी अनूठी विशेषता है।

रचनाएँ : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आपकी साहित्यिक कृतियाँ निम्न प्रकार हैं

काव्य कृतियाँ : काठ की घंटियाँ, बाँस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, जंगल का दर्द, खूटियों पर टंगे लोग आदि।

नाटक : बकरी, कल फिर भात आएगा, लड़ाई, अब गरीबी हटाओ, राज-बाज बहादुर और रानी रूपमती आदि।

उपन्यास : पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल। लेख संग्रह : चरचे और चरखे आदि।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान

शाम एक किशान कविता का सार

‘शाम : एक किसान’ शीर्षक कविता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने जाड़े की शाम के दृश्य को एक किसान के रूप में दर्शाया है। यह कविता एक रूपक है। इस कविता में शाम के दृश्य और किसान के बीच एकरूपता दिखाई गई है।

जिस प्रकार किसान सिर पर साफा बाँधकर चिलम खींचता या पीता है, उसी प्रकार पहाड़ (जो एक किसान के रूप में है) आकाश रूपी साफा बाँधकर और सूरज की चिलम को खींचता दिखाई देता है। जिस प्रकार किसान के घुटनों पर चादर पड़ी रहती है उसी प्रकार शाम के घुटनों पर नदी पड़ी रहती है। सर्दी भगाने के लिए किसान अँगीठी जलाता है।

शाम की अँगीठी है-पलाश के जंगल। इनमें लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते हैं। अंधकार भेड़ों के गल्ले के समान दूर छिपकर बैठा रहता है। तभी अचानक बोल उठा, मानो कोई आवाज़ दे रहा हो। उस समय वह चिलम उल्टी हो गई, धुआँ उठने लगा और सूरज डूब गया तथा चारों ओर अंधेरा छा गया।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

HBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Textbook Questions and Answers

नाटक से

प्रश्न 1.
नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों ?
उत्तर :
नाटक में हमें सबसे बुद्धिमानी पात्र लैटरबॉक्स लगा। इसका कारण यह है कि उसे पढ़ना-लिखना आता है। वह लड़की के प्रति सच्ची सहानुभूति रखता है। वह बच्ची को उसके पापा से मिलवाने की योजना बनाता है। वह गुड़िया को उसके घर पहुँचाने के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाता है।

प्रश्न 2.
पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसी हुई ?
उत्तर :
पेड़ और खंभा पास-पास खड़े हैं। एक बार जब आँधी आई तब खंभा पेड़ के ऊपर ही आ गिर पड़ा था। पेड़ खड़ा था अतः खंभा संभल गया। पेड़ ने उसे अपने ऊपर झेल लिया। इस प्रयास में पेड़ खुद जख्मी हो गया था। बाद में उसका गरूर झड़ गया और दोनों में दोस्ती हो गई।

प्रश्न 3.
लैंटरबॉक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स को सभी लाल ताऊ कहकर इसलिए पुकारते थे क्योंकि वह लाल रंग का था। दूसरा रंग था ही नहीं। वह ताऊ की तरह बातें भी करता है। अत: लोग उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।

प्रश्न 4.
लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर :
लाल ताऊ अन्य पात्रों से इस प्रकार भिन्न है क्योंकि वही एक ऐसा पात्र है जो पढ़ा-लिखा है। वह कुछ भजन गा भी लेता है। लाल ताऊ अपने अंदर की चिट्ठियाँ पढ़ लेता है। वह किसी से डरता नहीं है। वह तो अपने मन की बोरियत दूर करने के लिए दूसरों के पत्र पढ़ता है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

प्रश्न 5.
नाटक में बच्ची को बचाने वाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं ? लिखिए।
उत्तर :
नाटक में बच्ची को बचाने वालों में एक ही सजीव पात्र है और वह है-कौआ।
हमें उसकी ये बातें मजेदार लगीं –

  • वह दुष्ट चोर है कौन ? पहले उसे नजर तो आने दीजिए।
  • ताऊ, एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे ? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।
  • खूब हँसी उड़ाई।
  • सुबह जब हो जाए तो पेड़ राजा, तो आप अपनी घनी छाया इस पर किए रहें। वह आराम से देर तक सोई रहंगी।

प्रश्न 6.
क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी एक लड़की को घर नहीं पहुंचा पा रहे थे ?
उत्तर :
सभी पात्र मिलकर भी एक लड़की को उसके घर इसलिए नहीं पहुंचा पा रहे थे क्योंकि किसी को उसके घर का पता मालूम नहीं था। वह लड़की भी इतनी भोली थी वह अपने मुहल्ले, गली का नाम तथा घर का नंबर तक नहीं जानती थी। वह अपने पापा का नाम भी नहीं जानती थी क्योंकि वह बहुत छोटी थी। उन्होंने इस काम के लिए पुलिस की मदद लेने की बात सोची।

नाटक से आगे

1. अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर :
सभी बच्चे अपने-अपने घर का पता लिखें तथा चित्र बनाकर रास्ता भी बताएँ।

2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर :
इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ इसलिए रखा गया होगा क्योंकि बच्ची को उसके नपापा मिल नहीं रहे थे। नाटक के अंत में लैटरबॉक्स कहता भी है-“किसी को अगर इस प्यारी-सी बच्ची के पापा मिल जाएँ तो उन्हें जितनी जल्दी हो सके यहाँ ले आइए।”
अन्य शीर्षक : खोई हुई बच्ची।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

3. क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं ?
उत्तर :
बच्ची को पुलिस थाने ले जाकर उसकी रिपोर्ट लिखवा देनी चाहिए। पुलिस अपने साधनों से उसके पापा को खोज निकाल लेगी।
दूसरा उपाय यह हो सकता है कि टी.वी. पर मीडिया के माध्यम से बच्ची को दिखाया जाए और उसके बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी दे दी जाए। यह सूचना बच्ची के पापा तक भी पहुँच जाएगी और उनको खोज लिया जाएगा।

HBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
खंभे को बरसात की रात क्यों नहीं पसंद थी?
उत्तर :
खंभे को बरसात की रात में भीगते हुए तेज हवा के बीच बल्ब को पकड़कर एक टाँग पर खड़ा रहना पड़ता था। अत: बरसात की रात उसे पसंद नहीं थी।

प्रश्न 2.
किस घंटना को याद कर पेड़ थर-थर काँपने लगता है?
उत्तर :
बरसात की एक रात में पेड़ के ऊपर आसमान से बिजली आ गिरी थी। उस घटना को याद कर पेड़ थर-थर काँपने लगता है।

प्रश्न 3.
खंभा बीमार क्यों नहीं पड़ता ?
उत्तर :
खंभे की तबीयत लोहे की है अत: वह कभी बीमार नहीं पड़ता।

प्रश्न 4.
पेड़ पर मौसम का अधिक प्रभाव क्यों नहीं पड़ता?
उत्तर :
पेड़ ने पत्तों का कोट पहना हुआ है। इसलिए उस पर सर्दी, बारिश या धूप का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

प्रश्न 5.
लोगों का ध्यान खींचने के लिए कौआ क्या करेगा?
उत्तर :
कौआ ज़ोर-ज़ोर से काँव-काँव करके लोगों का ध्यान खींचेगा।

प्रश्न 6.
नाटक के अंत में लैटरबॉक्स क्या बोलता है?
उत्तर :
मैं लाल ताऊ बोल रहा हूँ। आप में से किसी को अगर इस प्यारी-सी बच्ची के पापा मिल जाएँ, तो उन्हें जितनी जल्दी हो सके यहाँ ले आइए।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एकांकी में सब पात्रों को कैसे पता चलता कि उन्हें आदमी को डराकर भागने के लिए क्या करना है ?
उत्तर :
जब नाच के समय खूब रंग जमने लगता है तब थोड़ी देर में सब अलग भागकर एक-दूसरे के कान में फुसफुसाकर बताते हैं कि उन्हें उस आदमी को डराकर भगाने के लिए क्या करना है।

प्रश्न 2.
पापा खो गए हैं-ऐसा पोस्टर पर लिखा था। इसके साथ पोस्टर पर किस भंगिमा में नाचने वाली लड़की खड़ी होगी?
उत्तर :
वह लड़की कुछ उदास, कुछ डरी-सहमी और दुबकी-सी खड़ी होगी।

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प्रश्न 3.
एकांकी में अलग-अलग पात्र अपने विचार प्रकट करते हैं और अपना परिचय भी देते हैं ताकि श्रोता उस पात्र को पहचान और समझ न सकें। जैसे आदमी अपने बारे में बताता है कि वह बच्चे उठाने वाला आदमी है। कहानी में या फिर वास्तव में ऐसा अक्सर नहीं होता है।
उत्तर :
पाठक या श्रोता पात्रों का परिचय संवाद के माध्यम से जानता है। संवाद पात्र के स्वरूप को उजागर करते हैं।

प्रश्न 4.
लैटरबॉक्स बाकी पात्रों से कैसे अलग है ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स अन्य पात्रों से इस मायने में भिन्न है:

  • वह पढ़ा-लिखा है।
  • वह चिट्ठी पढ़ता है, दोहे गुनगुनाता है और बातचीत भी करता है।

प्रश्न 5.
लड़की को उसके घर पहुँचाने का क्या उपाय सोचा गया ?
उत्तर :
लड़की को उसके घर पहुँचाने का कौए ने यह उपाय बताया-पेड़ राजा इस पर अपनी घनी छाया किए रहें। खंभे महाराज जरा टेढ़े होकर खड़े रहें। इसलिए पुलिस को लगेगा कि एक्सीडेंट हो गया है। वह इस छोटी लड़की को देख कर इसके घर का पता लगाएगी। कौआ काँव-काँव करके लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा।

प्रश्न 6.
लैटरबॉक्स बाकी पात्रों से कैसे अलग है ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स अन्य पात्रों से इस मायने में भिन्न है :

  • वह पढ़ा-लिखा है।
  • वह चिट्ठी पढ़ता है, दोहे गुनगुनाता है और बातचीत भी करता है।

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पापा खो गए गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. तब भी …………….. जी होता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. उपर्युक्त कथन किसका है?
2. बरसात की रातों को क्यों बुरा बताया जा रहा है?
3. बिजली का खंभा क्या करना चाहता है?
उत्तर:
1. उपर्युक्त कथन बिजली के खंभे का है।
2. बरसात की रातों को बिजली का खंभा बुरा इसलिए बताता है क्योंकि इनमें उसे रात भर भीगना पड़ता है तथा बादलों के पानी की मार खानी पड़ती है। उसे एक टाँग पर खड़ा रहना पड़ता है।
3. बिजली का खंभा अपने बल्ब को फेंककर दूर कहीं भाग जाना चाहता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. खंभे की बातों को कौन सुन रहा है?
(क) पेड़
(ख) बादल
(ग) लेटर बॉक्स
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(क) पेड़

2. खंभा किसे कसकर पकड़े रहता है?
(क) स्वयं को
(ख) बल्ब को
(ग) लड़की को
(घ) हवा को
उत्तर :
(ख) बल्ब को

3. इस एकांकी नाटक के रचयिता हैं
(क) विजय बहादुर
(ख) विजय तेंदुलकर
(ग) सचिन तेंदुलकर
(घ) कोई अन्य
उत्तर :
(ख) विजय तेंदुलकर

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

2. यहीं मेरा ……………. ही है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. यह कथन किसका है?
2. पहले क्या-क्या नहीं था?
3. सामने क्या था?
4. किसमें अकड़ की बात की जा रही है?
उत्तर:
1. यह कथन पेड़ का है।
2. पहले ऊँचे-ऊचे घर नहीं थे, सड़क नहीं थी। तब सिनेमा का बड़ा-सा पोस्टर और उसमें नाचने वाली औरत नहीं थीं।
3. सामने केवल समुद्र था।
4. बिजली के खंभे में अकड़ की बात की जा रही है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘यहीं मेरा जन्म हुआ।’ किसका जन्म हुआ?
(क) पेड़ का
(ख) खंभे का
(ग) समुद्र का
(घ) किसी अन्य का
उत्तर :
(क) पेड़ का

2. पेड़ के सामने क्या था?
(क) समुद्र
(ख) खंभा
(ग) पोस्टर
(घ) नाचने वाली औरत
उत्तर :
(क) समुद्र

3. किसी नाक ऊँची थी?
(क) पेड़ की
(ख) खंभे की
(ग) लड़की की
(घ) सभी की
उत्तर :
(ख) खंभे की

4. किसने आवाज़ नहीं लगाई?
(क) पेड़ ने
(ख) खंभे ने
(ग) लोगों ने
(घ) लड़की ने
उत्तर :
(क) पेड़ ने

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

3. में बच्चे …………………….. मुमकिन नहीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. यह बच्चे उठाने वाला कौन है?
2. लड़की की क्या दशा थी?
3. वक्ता को क्या लगी है।
4. वह क्या करना चाहता है?
उत्तर:
1. यह बच्चा उठाने वाला भिखारी जैसा एक आदमी है।
2. लड़की गहरी नींद सो रही थी, उस पर बेहोशी का प्रभाव है।
3. वक्ता अर्थात् आदमी को भूख लगी है। उसके पेट में चूहे दौड़ रहे हैं।
4. वह खाने की तलाश करना चाहता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. आदमी के पास लड़की कहाँ से आई है?
(क) उसने उसे एक घर से उठाया है
(ख) वह लड़की उसके पास आ गई है
(ग) वह लड़की नींद में चलकर आई है
(घ) कोई उसे वहाँ छोड़ गया है
उत्तर :
(क) उसने उसे एक घर से उठाया है

2. वह क्यों नहीं उठेगी?
(क) वह भूखी है
(ख) वह सो रही है
(ग) उसे बेहोशी की दवा दी गई है
(घ) वह घबराई हुई है
उत्तर :
(ग) उसे बेहोशी की दवा दी गई है

3. ‘मुमकिन’ शब्द का अर्थ है
(क) संभव
(ख) असंभव
(ग) माँगना
(घ) मारना
उत्तर :
(क) संभव

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

4. ये तो …………….. चीगी ।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. कान ठीक लग रहे हैं? किसे?
2. लड़की के दिमाग में कौन-कौन से प्रश्न उठते हैं?
3. लड़की को डर क्यों लग रहा है?
उत्तर:
1. लैटरबॉक्स, बिजली का खंभा. पेड़ और कौआ-लड़की को सब ठीक लग रहे हैं।
2. लड़की के दिमाग में ये प्रश्न उठते हैं-मैं कहाँ हूँ? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ हैं? मम्मी कहाँ है?
3. लड़की को डर इसलिए लग रहा है कि चारों ओर अँधेरा है, रात है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. ‘नि:स्तब्ध’ शब्द का अर्थ है
(क) शात
(ख) अशांत
(ग) अच्छा
(घ) बुरा
उत्तर :
(क) शात

2. डर किसे लग रहा है?
(क) पेड़ को
(ख) खंभे को
(ग) लड़की को
(घ) सभी को
उत्तर :
(ग) लड़की को

3. लड़की क्या करेगी?
(क) बोलेगी
(ख) चीखेगी
(ग) भागेगी
(घ) हँसेगी
उत्तर :
(ख) चीखेगी

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

पापा खो गए Summary in Hindi

पापा खो गए एकांकी का सार

नाटक की विभिन्न घटनाएँ सड़क पर घटती हैं। रात के समय बिजली का खंभा और पेड़ बातें करते हैं। बरसात की रात बिजली के खंभे को अच्छी लगती है क्योंकि तब उसे भीगते रहना पड़ता है। पेड़ भी बताता है कि एक रात आसमान की बिजली गिर पड़ी थी। वह उसे याद करके काँप उठता है। खंभा अपनी तबीयत को लोहे की बताता है जो कभी बीमार नहीं पड़ता। तभी लैटरबॉक्स उनक बातचीत में शामिल हो जाता है। वह एक दोहे का चरण गुनगुनाता है तो कौआ कहता है कि कौन है जो रात के वक्त इतनी मीठी आवाज लगाकर मेरी नींद खराब करता है। लैटरबाक्स किसी की चिट्ठी पढ़ने लगता है तो पेड़ और खंभा उसे समझाते हैं कि किसी की चिट्ठी पढ़ना ठीक नहीं है।

तभी एक गुंडा-बदमाश आदमी आता है। वह कहता है कि मैं बच्चे उठाने वाला चोर हूँ। बच्चा बेचाने की अच्छी कीमत मिल जाती है। उसके पास एक छोटी सी लड़की थी। पेड़, खंभा और लैटरबाक्स को कुछ गड़बड़ी की आशंका होती है। वे कौए को भी जगाते हैं। दुष्ट आदमी खाने की तलाश में जाता है तो पेड़, खंभा, लैटरबाक्स तथा कौआ बच्ची के बचाव के बारे में चिंतित हो जाते हैं। तब तक वह छोटी लड़की जाग चुकी होती है।

वह इन सबके पास आकर खड़ी हो जाती है। वह कहती है कि मुझे डर लग रहा है। लैटरबॉक्स उसके पास आकर उसे न घबराने को कहता है। लड़की को जब पता चलता है कि लैटर बॉक्स बोलता है तो वह बहुत खुश होती है। वे दोनों बातें करते हैं। लैटर बॉक्स लड़की का पता-ठिकाना जानना चाहता है. पर लड़की को कुछ ठीक से मालूम नहीं है। धीरे-धीरे पेड़, खंभा और कौवा भी बातचीत में शामिल हो जाते हैं। अब लड़की को डर नहीं लगता। वह सबके साथ खेलने लगती है। पोस्टर की लड़की भी उसके साथ नाचने लगती है।

तभी वह दुष्ट आदमी आ जाता है। सब चुप हो जाते हैं। वह लड़की को ढूँढता है। लड़की बचने का प्रयास करती है। पेड़, लैटर बॉक्स, खंभा और पोस्टर सभी लपक-झपक कर बीच में आते हैं और लड़की नहीं मिलती तो सब मिलकर उसे ढूँढते हैं और थपकी देकर उसे सुला देते हैं।

खंभा, पेड आदि के सामने समस्या है कि लडकी को उसके घर कैसे पहुँचाएँ। उसे तो अपने पापा का नाम भी नहीं मालूम। वे एक योजना बनाते हैं। सुबह होती है। सड़क पर सोई लड़की पर पेड़ झुककर छाया किए हुए है। खंभा टेढ़ा खड़ा है। देखने में लगता है जैसे कोई दुर्घटना हो गई हो। कौवा शोर मचाकर लोगों का ध्यान खींचता है। पोस्टर पर लिखा है-मेरे पापा खो गए हैं। लैटर बॉक्स सरकता हुआ लोगों से कहता है-इस प्यारी बच्ची के पास मिल जाएँ तो यहाँ ले आइए।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

पापा खो गए शब्दार्थ

भंगिमा – मुद्रा (Posture)। हड़बड़ी – जल्दबाजी (Hurry)। आफत = मुसीबत (Trouble)। गरूर – घमंड (Proud)। संतुलन – बराबर बने रहना (Balance)। पदन्यास = कदम रखना (To move)। चौकस = सावधान (Alert)। मुमकिन नहीं – असंभव (Not possible)। करीब से = निकट से (From near)। गश्त – फेरी (Round)। निस्तब्ध = शांत (Calm) स्वीकृति – मंजूरी (Permission)। दुबक जाना – छिप जाना (To hide)। संरक्षण = रखवाली (To watch)। चकमा = धोखा (Deceipt)। आनंदित – प्रसन्न (Happy)। प्रेक्षक – दर्शक (Spectator).

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

HBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Textbook Questions and Answers

पाठ से

प्रश्न 1.
रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
रक्त के बहाव को रोकने के लिए चोट के स्थान पर एक साफ कपड़ा बाँध देना चाहिए। दबाव पड़ने से रक्त का बहना कम हो जाता है।

प्रश्न 2.
खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
खून को भानुमती का पिटारा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें लाखों कण तरह-तरह के होते हैं। इनमें कुछ कण लाल तो कछ कण सफेद तथा कुछ रंगहीन होते हैं। तरल भाग प्लाज्मा होता है। रंगहीन कण (प्लेटलैट्स) प्लाज्मा में तैरते रहते हैं। यह सब भानुमती के पिटारे के समान प्रतीत होता है।

प्रश्न 3.
एनीमिया से बचने के लिए हमको क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर:
एनीमिया से बचने के लिए हमें हरी सब्जियाँ, फल, दूध, अंडा और गोश्त खाना चाहिए। पौष्टिक आहार से ही एनीमिया से बचा जा सकता है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

प्रश्न 4.
पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:
पेट में कीड़े इसलिए हो जाते हैं कि हम दूषित जल पीते हैं और हम खाने से पहले हाथों को पूरी तरह साफ नहीं करते।

प्रश्न 5.
रक्त के सफेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
रक्त के सफेद कणों को वीर सिपाही इसलिए कहा गया है क्योंकि ये हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। जब रोगाणु हमारे शरीर पर धावा बोलने की कोशिश करते हैं तब ये सफेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और उनको शरीर में घर नहीं बनाने देते।

प्रश्न 6.
ब्लड-बैंक में रक्त-दान से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
ब्लड-बैंक में रक्तदान ये यह लाभ है कि यहाँ आपात स्थिति के लिए रक्त जमा रहता है। यहाँ हर किस्म का रक्त- समूह तैयार रखा जाता है। रक्त को ब्लड-बैंक में सुरक्षित रखा जाता है तथा यह जरूरत के समय उपलब्ध हो जाता है।

प्रश्न 7.
साँस लेने पर साफ हवा से जो आक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है?
सफेद कण
लाल कण
साँस नली
फेफड़े
उत्तर:
लाल कण।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

पाठ से आगे

प्रश्न 1.
रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है:
जस्ता
शीशा
लोहा
प्लैटिनम
उत्तर:
लोहा।

प्रश्न 2.
बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है:
टायफायड
मलेरिया
डेंगू
फाइलेरिया
उत्तर:
डेंगू।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

HBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दिव्या किस रोग से ग्रस्त थी?
उत्तर:
दिव्या अनीमिया रोग से ग्रस्त थी।

प्रश्न 2.
प्लाज्मा कैसा होता है?
उत्तर:
प्लाज्मा रक्त का वह भाग होता है जो तरल होता है।

प्रश्न 3.
बिंबाणु (प्लेटलेट) कहाँ तैरते रहते हैं?
उत्तर:
बिंबाणु प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।

प्रश्न 4.
लाल कण बनावट में कैसे होते हैं?
उत्तर:
लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह होते हैं।

प्रश्न 5.
लाल कणों का जीवनकाल कितना होता है?
उत्तर:
लाल कणों का जीवनकाल लगभग चार महीने होता है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

प्रश्न 6.
लाल कणों के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
इनके निर्माण के लिए प्रोटीन, लौह तत्त्व और विटामिन रूपी कच्चे माल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 7.
पेट के कीड़े शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं?
उत्तर:
ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य खदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।

प्रश्न 8.
बिंबाणुओं का क्या काम है?
उत्तर:
बिंबाणुओं का काम है-चोट लगने पर रक्त जमाव की क्रिया में मदद करना।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अनिल दिव्या को अस्पताल क्यों ले गया?
उत्तर:
दिव्या दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जा रही थी। उसे हर समय थकान का अनुभव होता था तथा काम में मन नहीं लगता था। उसकी भूख भी कम होती जा रही थी। अतः अनिल उसे डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल ले गया था।

प्रश्न 2.
सूक्ष्मदर्शी यंत्र क्या होता है?
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी यंत्र से छोटी चीजें भी बड़े रूप में दिखाई देती हैं। रक्त कणों को इसकी सहायता से बड़े रूप में देखा जाता है। तब इनकी गिनती की जा सकती है।

प्रश्न 3.
रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर:
रक्त कणों का निर्माण हड्डियों के बीच के भाग मज्जा में होता है। मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो रक्त कणों के निर्माण कार्य में लगे रहते हैं।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

प्रश्न 4.
टाँके कब लगाए जाते हैं? क्यों?
उत्तर:
जब चोट का घाव गहरा होता है तब टाँके लगाए जाते हैं। इससे खून का बहना रुक जाता है।

प्रश्न 5.
कौन-सा व्यक्ति रक्तदान कर सकता है?
उत्तर:
अठारह वर्ष से अधिक उम्र का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। एक बार में लगभग 300 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है। रक्तदान से कमज़ोरी नहीं आती।

रक्त और हमारा शरीर गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. दिव्या अनिल … ………….. दिखाई दीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. दिव्या कौन है?
2. दिव्या की दशा कैसी है?
3. डॉक्टर ने दिव्या के बारे में क्या कहा?
4. दिव्या को कहाँ भेज दिया गया?
उत्तर:
1. दिव्या अनिल की छोटी बहन है।
2. दिव्या शारीरिक रूप से शुरू से ही कमजोर है। कुछ दिनों से उसे हर समय थकान महसूस होती रहती है। उसकी भूख भी कम हो गई है। उसका किसी काम में मन ही नहीं लगता।
3. अस्पताल में डॉक्टर ने दिव्या को देखकर कहा कि ऐसा लगता है कि दिव्या के शरीर में खून की कमी हो गई है। इसकी जाँच करवाते हैं।
4. दिव्या को रक्त की जाँच करवाने के लिए पास के एक कमरे में भिजवा दिया गया।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दिव्या कौन है?
(क) अनिल की बड़ी बहन
(ख) अनिल की छोटी बहन
(ग) अनिल की बेटी
(घ) सामान्य लड़की
उत्तर:
(ख) अनिल की छोटी बहन

2. दिव्या को क्या महसूस होता है?
(क) थकान
(ख) मन न लगना
(ग) भूख में कमी
(घ) ये सभी बातें
उत्तर:
(क) थकान

3. दिव्या के शरीर में किसकी कमी लगती थी?
(क) खून की
(ख) पानी की
(ग) माँस की
(घ) वायु की
उत्तर:
(क) खून की

4. डॉक्टर ने दिव्या को कहाँ भेज दिया?
(क) रक्त की जाँच करने वाले कमरे में
(ख) दवा लेने के कमरे में
(ग) बाहर प्रतीक्षालय में
(घ) बड़े डॉक्टर के पास
उत्तर:
(क) रक्त की जाँच करने वाले कमरे में

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2. इतना सुनते ……………………………. हो जाएगी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. डॉक्टर दीदी ने क्या किया?
2. उसने अनिल से क्या कहा?
3. जब अगले दिन अनिल अस्पताल गया तब डॉक्टर दीदी क्या कर रही थी?
4. डॉक्टर दीदी ने अनिल को क्या बताया?
उत्तर:
1. डॉक्टर दीदी ने दिव्या की उँगली से रक्त की कुछ बूंदें ली और एक छोटी-सी शीशी में डाल दी और एक स्लाइड पर लगा दी।
2. डॉक्टर दीदी ने अनिल से कल अस्पताल आकर रिपोर्ट ले जाने के लिए कहा।
3. जब अगले दिन अनिल अस्पताल गया तब डॉक्टर दीदी एक सूक्ष्मदर्शी यंत्र के द्वारा उस स्लाइड की जाँच कर रही थी जिस पर दिव्या के रक्त की बूंदें लगी थीं।
4. डॉक्टर दीदी ने अनिल को बताया कि उसकी बहन दिव्या को अनीमिया है। चिंता की कोई बात नहीं है। कुछ दिन दवा लेने पर वह ठीक हो जाएगी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दिव्या के शरीर के किस अंग से रक्त लिया गया?
(क) बाजू से
(ख) उँगली से
(ग) पैर से
(घ) हथेली से
उत्तर:
(ख) उँगली से

2. रक्त की बूंदों का क्या किया गया?
(क) शीशी में डाली गई।
(ख) स्लाइड पर लगाई गई
(ग) दोनों काम किए गए
(घ) देखा गया
उत्तर:
(ग) दोनों काम किए गए

3. डॉक्टर दीदी क्या कर रही थीं?
(क) मरीजों को देख रही थीं
(ख) सूक्ष्मदर्शी यंत्र से स्लाइड की जाँच कर रही थीं
(ग) रक्त ले रही थीं ।
(घ) कुछ नहीं कर रही थीं।
उत्तर:
(ख) सूक्ष्मदर्शी यंत्र से स्लाइड की जाँच कर रही थीं

4. दिव्या को कौन-सा रोग बताया गया?
(क) अनीमिया
(ख) वायरल बुखार
(ग) हदय रोग
(घ) पेट में कीडे
उत्तर:
(क) अनीमिया

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

3. देखने में ……………….. रहते हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. देखने में रक्त कैसा लगता है?
2. सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखने पर यह कैसा प्रतीत होता है?
3. रक्त के कौन-कौन से भाग होते हैं?
4. प्लेटलेट्स क्या होते हैं?
उत्तर:
1. देखने में रक्त लाल द्रव (तरल पदार्थ) के समान दिखाई देता है।
2. सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखने पर यही रक्त भानुमती के पिटारे से कम दिखाई नहीं देता।
3. रक्त के दो भाग होते हैं-एक भाग तरल होता है जिसे हम प्लास्मा कहते हैं, दूसरा वह जिसमें छोटे-बड़े कई तरह के कण होते हैं। ये कण लाल और सफेद होते हैं।
4. जिन रक्त कणों का कोई रंग नहीं होता, उन्हें प्लेटलेट्स कहते हैं। ये कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. रक्त किसके समान दिखाई देता है?
(क) द्रव के समान
(ख) भानुमती के पिटारे के समान
(ग) पानी के समान
(घ) माँस के समान
उत्तर:
(क) द्रव के समान

2. रक्त के तरल भाग को क्या कहते हैं?
(क) प्लाज्मा
(ख) प्लेटलेट
(ग) मज्जा
(घ) अस्थि
उत्तर:
(क) प्लाज्मा

3. प्लेटलेट्स के कणों का रंग कैसा होता है?
(क) कुछ लाल
(ख) कुछ सफेद
(ग) कुछ रंगहीन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

4. प्लाज्मा में क्या तैरते रहते हैं?
(क) प्लेटलेट्स
(ख) कीड़े
(ग) अणु
(घ) बिंबाणु
उत्तर:
(क) प्लेटलेट्स

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

4. लाल कण …………….. अगले दिन।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. लाल कण बनावट में कैसे होते हैं?
2. रक्त कण लाल क्यों नजर आते हैं?
3. लाल रक्त कण क्या काम करते हैं?
4. लाल रक्त कणों का जीवन काल कितना होता है?
उत्तर:
1.लाल रक्त कण बनावट में बालूशाही की तरह होते हैं। ये गोल होते हैं और दोनों तरफ से दबे हुए होते हैं।
2. रक्त कण लाल इसलिए नजर आते हैं क्योंकि इसकी एक बूंद में इनकी संख्या लाखों में होती है। एक मिलीलिटर रक्त में 40-50 लाख कण मिलते हैं।
3. ये लाल रक्त कण शरीर के लिए दिन-रात काम करते हैं। ये साँस की साफ हवा को शरीर के हर हिस्से में पहुंचाते हैं।
4. इन लाल रक्त कणों का जीवन काल लगभग चार महीने होता है। चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. लाल कण बनावट में किसके समान होते हैं?
(क) बालूशाही की तरह
(ख) लड्डू की तरह
(ग) कीड़ों की तरह
(घ) पता नहीं
उत्तर:
(क) बालूशाही की तरह

2. रक्त की एक बूंद में कितने लाल कण होते हैं?
(क) सैकड़ों
(ख) हजारों
(ग) लाखों
(घ) करोड़ों
उत्तर:
(ग) लाखों

3. एक मिलीलीटर रक्त में कितने लाल रक्त कण होते
(क) 20 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) 40-55 लाख
(घ) 60 लाख
उत्तर:
(ग) 40-55 लाख

4. ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से में कौन पहुंचाता
(क) सफेद रक्तकण
(ख) लाल रक्तकण
(ग) श्वास क्रिया
(घ) फेफड़े
उत्तर:
(ख) लाल रक्तकण

5. लाल कणों का जीवन काल कितना होता है?
(क) चार महीने
(ख) छह महीने
(ग) एक वर्ष
(घ) पाँच वर्ष
उत्तर:
(क) चार महीने

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

5. शरीर में ………………. कहते हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. शरीर के रक्त कण खत्म क्यों नहीं हो पाते?
2. रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है?
3. कारखानों को किस कच्चे माल की आवश्यकता होती है? यह कहाँ से मिलता है?
4. कच्चा माल न मिल पाने पर क्या दशा हो जाती है?
उत्तर:
1. शरीर में हर समय रक्त कण बनते रहते हैं जो नष्ट हुए कणों का स्थान ले लेते हैं। अत: शरीर के रक्त कण खत्म नहीं हो पाते।
2. हड़ियों के बीच के भाग को मज्जा कहते हैं। मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो रक्त कणों के निर्माण में लगे रहते हैं।
3. रक्त कण बनाने के लिए इन कारखानों को प्रोटीन, लौह तत्त्व और विटामिन रूपी कच्चे माल की आवश्यकता होती है। उन्हें यह कच्चा माल हरी सब्जियों, फल, दूध, अंडे और गोश्त से मिल जाता है।
4. जब इन कारखानों को कच्चा माल उचित मात्रा में नहीं मिल पाता तब रक्त कण नहीं बन पाते और रक्त में इन कणों की कमी हो जाती है। लाल कणों की कमी को ही अनीमिया कहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए।

1. रक्त कणों के निर्माण के कारखाने कहाँ होते हैं?
(क) हड्डियों में
(ख) मज्जा में
(ग) पेट में
(घ) हृदय में
उत्तर:
(ख) मज्जा में

2. रक्त कण निर्माण के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
(क) प्रोटीन
(ख) लौह तत्व
(ग) विटामिन
(घ) सभी की
उत्तर:
(घ) सभी की

3. ये तत्व किसमें मिलते हैं?
(क) फल-सब्जियों में
(ख) दूध में
(ग) अंडा- गोश्त में
(घ) इन सभी में
उत्तर:
(घ) इन सभी में

4. रक्त में लाल कणों की कमी से कौन सा रोग हो जाता है?
(क) अनीमिया
(ख) रक्तचाप
(ग) पेट दर्द
(घ) श्वासरोग
उत्तर:
(क) अनीमिया

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6. अनीमिया बहुत ……………… न घूमें।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है?
2. पेट के कीड़े क्यों होते हैं? ये शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं?
3. इनसे बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिएँ?
4. दूसरी किस्म के कीड़े कौन से हैं?
उत्तर:
1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार न खाया जाना है। पौष्टिक आहार की कमी अनीमिया रोग उत्पन्न करती है।
2. पेट के कीड़े दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
3. इनसे बचने के लिए यह जरूरी है कि हम पूरी सफाई से बनाए भोजन को खाएँ। भोजन करने से पूर्व हाथों को अच्छी तरह धो लेना चाहिए तथा केवल साफ पानी ही पीना चाहिए।
4. दूसरी किस्म के कीड़ों के अंडे जमीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न लार्वे चमड़ी के रास्ते शरीर में घुसकर आँतों में अपना घर बना लेते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है?
(क) साँस न लेना
(ख) पौष्टिक आहार की कमी
(ग) पूरा पानी न पीना
(घ) व्यायाम न करना
उत्तर:
(ख) पौष्टिक आहार की कमी

2. पेट के कीड़े किसके द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं?
(क) दूषित जल द्वारा
(ख) दूषित खाद्य पदार्थों द्वारा
(ग) इन दोनों द्वारा
(घ) साँस द्वारा
उत्तर:
(ग) इन दोनों द्वारा

3. भोजन करने से पूर्व हमें क्या करना चाहिए?
(क) हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए
(ख) पर्याप्त पानी पीना चाहिए
(ग) आराम से बैठना चाहिए।
(घ) दूध पीना चाहिए
उत्तर:
(क) हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए

4. पेट के कीड़ों के लार्वे शरीर में कहाँ अपना घर बना लेते हैं?
(क) आँतों में
(ख) हड्डियों में
(ग) पेट में
(घ) फेफड़ों में
उत्तर:
(क) आँतों में

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

7. प्लेटलेट कणों …………. जाता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. प्लेटलेट कणों का क्या काम है?
2 प्लाज्मा क्या है? इसकी प्रोटीन क्या काम करती है?
3. रक्त का निकलना बंद कैसे हो जाता है?
उत्तर:
1. प्लेटलेट कणों का यह काम है कि वह चोट लगने पर रक्त को जमाने की क्रिया में मदद करते हैं।
2. रक्त के तरल भाग को प्लाज्मा कहते हैं। इसमें एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जो रक्त नली की कटी फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है।
3. प्लेटलेट कण इस जाले से चिपक जाते हैं और इससे दीवार में आई दरार भर जाती है और रक्त का बाहर निकलना बंद हो जाता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. प्लेटलेट कणों का क्या काम है?
(क) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना
(ख) रक्त को प्रवाहित करना
(ग) प्लाज्मा बनाना
(घ) कुछ नहीं
उत्तर:
(क) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना

2. प्लाज्मा में क्या वस्तु होती है?
(क) प्रोटीन
(ख) विटामिन
(ग) रक्त कण
(घ) लाल कण
उत्तर:
(क) प्रोटीन

3. विशेष किस्म की प्रोटीन क्या काम करती है?
(क) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है
(ख) प्लेटलेट्स बनाती है
(ग) रक्त बहाती है
(घ) कुछ नहीं करती
उत्तर:
(क) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है

4. कौन-से कण जाले से चिपकते हैं?
(क) प्लेटलेट्स
(ख) लाल कण
(ग) प्लाज्मा
(घ) सभी
उत्तर:
(क) प्लेटलेट्स

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

रक्त और हमारा शरीर Summary in Hindi

रक्त और हमारा शरीर पाठ का सार

दिव्या अनिल की छोटी बहन है। पिछले कुछ दिनों से वह हर समय थकान महसूस करती रहती थी। अस्पताल में जाने पर डॉक्टर ने देखकर उसे जाँच के लिए दूसरे कमरे में भेज दिया। वहाँ बैठी डॉक्टर ने उसकी उँगली से खून की कुछ बूंदें लेकर एक स्लाइड बनाई। अगले दिन डॉक्टर ने बताया कि दिव्या को अनीमिया (खून की कमी) है।

अनिल के पूछने पर डॉक्टर ने उसे रक्त के बारे में समझाया। रक्त देखने में तो लाल द्रव सा है पर सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमें अनेक चीजें दिखाई पड़ती हैं। तरल भाग प्लाज्मा कहलाता है। कछ लाल, कछ सफेद और कछ बिना रंग के कण (प्लेटलेटस) होते हैं जो प्लाज्मा में तैरते हैं। एक मिलीलीटर रक्त में चालीस लाख से पचास लाख तक लाल कण होते हैं। यही वजह है खून लाल रंग का दिखाई देता है।

शरीर में नए रक्त कणों के लिए प्रोटीन लौह और विटामिनों की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार न लेने से ये रक्त कण नहीं बन पाते और शरीर में खून की कमी हो जाती है। सफेद कण शरीर के लिए वीर सिपाही हैं। ये रोगाणुओं का डटकर मुकाबला करते हैं। प्लेटलेट कण चोट लगने पर घाव की दीवार में प्लाज्मा की एक विशेष प्रोटीन के साथ चिपक कर घाव बंद कर देते हैं और रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है।

बहुत अधिक खून बह जाने पर घायल व्यक्ति को उसके खून के ही वर्ग का खून चढ़ाया जाता है। देश में अनेक रक्त बैंक खोले गए हैं जहाँ पर इच्छित व्यक्ति अपना खून दान करते हैं। रक्त दान से शरीर में कमजोरी नहीं आती। रक्त दान करने वाले व्यक्ति की उम्र अठारह साल से अधिक व उसे स्वस्थ होना चाहिए।

रक्त और हमारा शरीर शब्दार्थ

रक्त = खून (Blood)। दरवाजे पर दस्तक देना = दरवाजा खटखटाना (To knock at the door)! सूक्ष्मदर्शी सूक्ष्म जीवों को देखने का यंत्र (Microscope)। अनीमिया – खून की कमी (Anaemia)। भानुमती का पिटारा = अनेक वस्तुओं से मिला-जुला (Pandora’s box)। जीवनकाल = उम्र (Life span)। उपयुक्त = उचित (Proper)। धावा बोलना = हमला करना (Attack)। लाभप्रद – फायदेमंद (Useful)। आपात स्थिति = अचानक आई मजबूरी (Emergency)। रक्तदान – खून देना (Donation of blood)। जरूरतमंद – जिसे आवश्यकता हो (Needy)।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला

HBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर:
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें बंचता था। कभी वह मिठाई बेचता, तो कभी खिलौने बेचता और कभी मुरली बेचता था। वह बच्चों को पसंद आने वाली चीजें ही बेचता था। बच्चे एक चीज से उकता न जाएँ इसलिए चीजें बदल-बदलकर बेचता था। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह चीजें तैयार करवाता था तथा बच्चों में उत्सुकता बनाए रखना चाहता था।

प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन-से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर:
मिठाईवाले में अनके गुण थे।

  • उसका स्वर बहुत मीठा था। वह गा-गाकर चीजें बेचता था।
  • बच्चों के प्रति उसका व्यवहार अत्यंत कोमल एवं प्रेमपूर्ण था।
  • वह लाभ कमाने के चक्कर में नहीं रहता था।
  • वह सदा सच बोलता था।
  • उसके हृदय में बच्चों के लिए ममता थी।

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प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर:
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता! विजय बाबू अपने पक्ष के समर्थन में यह तर्क प्रस्तुत करते हैं-फेरीवाले झूठे और मक्कार होते हैं। वे सभी को एक समान दर पर सामान देते हैं. पर पहले अधिक दाम बताकर फिर कम करके ग्राहक पर अहसान का बोझ लाद देते हैं।
मुरलीवाला तर्क देता है-

  • ग्राहक को वस्तु की लागत कीमत का पता नहीं होता।
  • दुकानदार चाहे हानि उठाकर भी चीज बेचे फिर भी ग्राहक समझता है कि दुकानदार लूट रहा है।
  • ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता।

प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर:
खिलौने वाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौनों का मोल भाव करने लग जाते थे। खिलौनावाला उनको मनचाहे खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें पाकर उछलने-कूदने लगते थे।।

प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था। उसने उसका स्वर पहचान लिया था।

प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला क्यों भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
दादी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस पर उसने भावुक होकर बताया-वह भी अपने नगर का प्रतिष्ठित आदमी था। उसके पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और दो छोटे बच्चे भी थे। विधाता की लीला सभी को ले गई। वह तो अपने बच्चों को इन बच्चों में खोजता है। उसे पैसों की कोई कमी नहीं है। वह इन चीजों को बच्चों में बेचकर संतोष का अनुभव करता है. कमाता नहीं।

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प्रश्न 7.
“अब इस बार ये पैसे न लूँगा” कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:
चुन्न-मुन्नू ने मिठाई मांगी तो मिठाईवाले ने मिठाई की दो पुड़ियाँ उन्हें ऐसे ही दे दी। रोहिणी ने भीतर से पैसे फेंके तो मिठाईवाला बोला “अब इस बार ये पैसे न लूँगा।” मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे लग रहा था कि वह अपने ही बच्चों को मिठाई दे रहा है।

प्रश्न 8.
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर:
आज प्रायः औरतें चिक के पीछे से बातें नहीं करतीं। हाँ. कुछ मुस्लिम परिवारों में यह रिवाज अब भी है। वे स्त्रियाँ परदा करती हैं। गाँव की स्त्रियाँ भी परदा करती हैं। मेरी राय में यह ठीक नहीं है।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा। सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बुनिए?
उत्तर:
मिठाईवाले के परिवार के साथ कोई दुर्घटना घटी होगी। मिठाई वाले का परिवार कहीं जा रहा होगा कि उन्हें किसी दुर्घटना का शिकार होना पड़ा होगा और उस दुर्घटना में मिठाईवाले की पत्नी और बच्चे मर गए होंगे।

प्रश्न 2.
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें तुम्हें सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हाट-मेलं. शादी में हमें निम्नलिखित चीजें ज्यादा आकर्षित करती हैं

  1. खिलौने
  2. मिठाइयाँ
  3. चाट-पकौड़ी
  4. गोलगप्पे
  5. चाऊमीन।

खिलौनों को कारीगर घरों में बनाते हैं, जबकि मिठाइयों और चाट-पकौड़ी को वहीं मेले या शादी में बनाया जाता है। इनके चेहरे पर परिश्रम झलकता है।

प्रश्न 3.
इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कम करता है। इस मिजाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढिए और पढ़िए।
उत्तर:
ऐसी कहानियाँ विद्यार्थी पुस्तकों से पढ़ें।

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HBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चे खिलौने देखकर कैसे हो जाते थे?
उत्तर:
बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे।

प्रश्न 2.
रोहिणी क्या सोचने लगी?
उत्तर:
रोहिणी सोचने लगी-खिलौने इतने सस्ते में कैसे दे गया?

प्रश्न 3.
नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर:
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया।

प्रश्न 4.
ग्राहक हमेशा क्या सोचता है?
उत्तर:
ग्राहक हमेशा यह सोचता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है।

प्रश्न 5.
मुरलीवाले का स्वर कैसा था? उत्तर: मुरलीवाले का स्वर मीठा और स्नेहसिक्त था। प्रश्न 6. रोहिणी मकान की छत पर क्या कर रही थी?
उत्तर:
रोहिणी स्नान करके मकान की छत पर बाल सुखा रही थी।

प्रश्न 7.
मिठाईवाला पहले क्या था?
उत्तर:
वह पहले एक व्यवसायी था।

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लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विजयबाबू और मिठाईवाले के वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
विजयबाबू: क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?
मिठाईवाला: बाबू जी, वैसे तो भाव तीन पैसे का है, पर मैं आपको दो पैसे में ही दे दूंगा।
विजयबाबू: क्यों झूठ बोलता है? देता तो सभी को दो पैसे की होगा, पर मुझ पर एहसान का बोझ लादना चाहता है।
मिठाईवाला: बाबू जी. आपको इसकी लागत का पता तक नहीं है। हम चाहे हानि उठाकर भी अपना सामान क्यों न बेचें, पर आप हमें ठग ही समझते हैं।
विजयबाबू: अच्छा, अच्छा। बहस के लिए मेरे पास समय नहीं है। जल्दी से दो मुरली दे दे।

प्रश्न 2.
खिलौनेवाले की मधुर आवाज का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर:
खिलौनेवाले की मधुर आवाज सुनकर बच्चे अपना खेल बीच में ही छोडकर खिलौनेवाले के आस-पास जमा हो जाते और उसे घेरकर खड़े हो जाते। खिलौनेवाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता।

प्रश्न 3.
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार क्यों फैल गया?
उत्तर:
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार इसलिए फैल गया क्योंकि वह मुरली बजाने और गाना गाने में उस्ताद था। लोगों को उसने मुरली बजाकर और मधुर गीत गा-गाकर रिझा लिया था। चारों ओर उसी की चर्चा होने लगी थी।

प्रश्न 4.
रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले और मुरलीवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
वास्तव में खिलौनेवाला, मुरलीवाला और मिठाईवाला व्यक्ति एक ही था। वही बार-बार चीजें बदलकर बच्चों को खश करने आता था। रोहिणी ने जब मिठाईवाले का मृदुल स्वर सुना तो उसे वह परिचित स्वर लगा। मुरलीवाला भी इसी प्रकार के स्वर में गाता था अतः उसे उसका स्मरण हो आया।

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प्रश्न 5.
मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
उत्तर:
मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की ये विशेषताएँ बताई-ये रंग-बिरंगी हैं। ये खट्टी-मीठी हैं तथा जायकेदार हैं। ये मुंह में देर तक टिकती हैं। बच्चे इन्हें बड़े चाव से चूसते हैं। ये खाँसी को दूर करती हैं। आकार में ये चपटी, गोल और पहलदार हैं।

प्रश्न 6.
मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा और क्या मिलता था?
उत्तर:
मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा संतोष, धीरज और असीम सुख मिलता था। वह बच्चों के निकट रहना चाहता था और अपने व्यवसाय में वह यह अवसर पा रहा था।

प्रश्न 7.
रोहिणी को मिठाईवाले के संबंध में जानने की उत्सुकता क्यों थी?
उत्तर:
रोहिणी को जब यह पता चला कि यह मिठाईवाला ही पहले खिलौनेवाला और मुरलीवाला बनकर आया था तो वह उसके बारे में जानने को उत्सुक हो उठी। वह जानना चाहती थी कि यह व्यक्ति इतने कम दामों पर अपनी चीजें क्यों बेचता है?

प्रश्न 8.
फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?
उत्तर:
फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता इसलिए थी क्योंकि वह उन बच्चों में अपने मरे हुए बच्चों की छवि देखता था। उसे विश्वास था कि वे कहीं-न-कहीं जन्मे तो होंगे ही। वह उनको ही खोजता फिरता था। यही कारण था कि वह उन बच्चों के प्रति ममता का भाव रखता था। इससे उसे असीम संतोष मिलता था।

प्रश्न 9.
मिठाईवाला बच्चों के लिए ही चीजें लेकर क्यों आया था? सही उत्तर छाँटिए
(क) वह अधिक पैसा कमाना चाहता था।
(ख) वह लोगों को आकर्षित करना चाहता था।
(ग) वह लोगों में नाम कमाना चाहता था।
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
उत्तर:
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।

प्रश्न 10.
मिठाईवाले की व्यथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मिठाईवाला एक व्यथित व्यक्ति है। वह धनी-मानी व्यक्ति होते हुए भी गली-गली मुरली, खिलौने तथा मिठाई बेचता फिरता है। इस काम से उसकी व्यथा कुछ कम होती है। उसका एक भरा-पूरा परिवार था। ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र है। उसकी सुंदर पत्नी और प्यारे बच्चे असमय ही ईश्वर को प्यारे हो गए। उसका हृदय व्यथा के सागर में डूब गया। उसने अपने जीने का माध्यम ढूंढ निकाला। वह बच्चों के सलोने मुखों में अपने बच्चों की छवि निहारता है। इससे उसे संतोष मिलता है।

प्रश्न 11.
एक दिन नगर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर:
एक दिन नगर में यह समाचार फैल गया कि यहाँ एक मुरलीवाला आया है। मुरली बजाने में वह बहुत उस्ताद है। वह मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली भी बेचता है और वह भी दो-दो पैसे में। इतने कम दाम में तो उसे कुछ भी नहीं मिलता होगा।

प्रश्न 12.
मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने क्या अनुभव किया?
उत्तर:
मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने अनुभव किया कि बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करने वाला कोई फेरीवाला कभी पहले नहीं आया। वह सस्ता सौदा बेचता है तथा भला आदमी जान पड़ता है।

प्रश्न 13.
इस कहानी का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
इस कहानी का उद्देश्य है कि व्यक्ति परोपकार करके अपने दुःख को कमकर सकता है। व्यक्ति मीठी वाणी और सद्व्यवहार से सबका मन मोह लेता है। बच्चों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

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प्रश्न 14.
बच्चे खिलौनेवाले से क्यों खुश रहते थे?
उत्तर:
खिलौनेवाला बच्चों को डाँटने-फटकारने के स्थान पर प्यार करता था। वह उन्हें तरह-तरह के खिलौने दिखाता था और उनकी पसंद के खिलौने उन्हें अत्यंत कम दामों पर दे देता था। वह बच्चों के साथ अत्यंत मीठे स्वर में बात करता था। वह बच्चों में लोकप्रिय हो गया था।

प्रश्न 15.
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने कैसे व्यक्ति का चित्रण किया है?
उत्तर:
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने एक ऐसे धनी और प्रतिष्ठित व्यक्ति की मन:स्थिति का चित्रण किया है, जिसने असमय ही अपनी पत्नी एवं बच्चों को खो दिया। वह अपने बच्चों के साथ बहुत लगाव रखता था। वह नगर के अन्य बच्चों को अपनी चीजों एवं मधुर वाणी से इसलिए लुभाता है क्योंकि वह उनमें अपने बच्चों की छवि देखता है। इससे उसे मानसिक शांति का अनुभव होता है।

मीठाईवाला गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. उसके …………….. खोल देता।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. मकानों में हलचल क्यों मच जाती थी?
2. युवतियाँ कहाँ, किस रूप में झाँकने लगती थीं?
3. बच्चे कहाँ खेलते थे?
4. खिलौनेवाला क्या करता था?
उत्तर:
1. जब खिलौनेवाला मीठे स्वर में गलियों में आवाज़ देता-‘खिलौनेवाला’ तब उसे सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती थी।
2. युवतियाँ अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर, घर की चिकों को उठाकर नीचे की ओर झाँकने लगती थीं।
3. बच्चे गलियों और उनके मध्य समाए छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते थे।
4. खिलौनेवाला बच्चों के झुंड के बीच बैठकर अपने खिलौनों की पेटी खोल देता था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. खिलौने वाला का स्वर कैसा था?
(क) स्नेह से भरा
(ख) कर्कश
(ग) तीखा
(घ) अजीब-सा
उत्तर:
(क) स्नेह से भरा

2. युवतियाँ कहाँ देखने लगती थीं?
(क) ऊपर की ओर
(ख) नीचे की ओर
(ग) भीड़ की ओर
(घ) कहीं नहीं
उत्तर:
(ख) नीचे की ओर

3. इस कहानी के लेखक हैं
(क) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(ख) भगवती चरण वर्मा
(ग) प्रेमचंद
(घ) जैनेंद्र
उत्तर:
(क) भगवती प्रसाद वाजपेयी

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2. नगर भर …………………………………… करता था?”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
2. लोग क्या कहने लगे?
3. मुरलीवाले का हुलिया किस प्रकार का बताया गया?
4. पहले यह व्यक्ति क्या काम करता था?
उत्तर:
1. नगर भर में दो-चार दिनों में यह समाचार फैल गया कि मुरलीवाला आया है।
2. लोग यह कहने लगे कि वह व्यक्ति मुरली बजाने में बड़ा उस्ताद है। वह गाना सुना कर और मुरली बजा कर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।
3. मुरलीवाले का यह हुलिया बताया गया- वह 30-32 वर्ष का होगा। वह गोरा- पतला युवक है। वह बीकानेरी रंगीन साफा बाँधता है।
4. पहले यही व्यक्ति खिलौने बेचा करता था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
(क) मुरलीवाले के आने का
(ख) खिलौनेवाले के आने का
(ग) गुब्बारवाले के आने का
उत्तर:
(क) मुरलीवाले के आने का

2. वह आदमी कैसे मुरली बेचता है?
(क) मुरली बजाकर
(ख) गाना सुनाकर
(ग) दोनों काम करके
(घ) कुछ नही करके
उत्तर:
(ग) दोनों काम करके

3. मुरलीवाले की उन कितनी होगी?
(क) बीस वर्ष
(ख) पच्चीस वर्ष
(ग) 30-32 वर्ष
(घ) पचास वर्ष
उत्तर:
(ग) 30-32 वर्ष

4. वह कैसा साफा बाँधता है?
(क) बीकानेरी
(ख) जोधपुरी
(ग) जयपुरी
(घ) अजमेरी
उत्तर:
(क) बीकानेरी

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3. प्रतिदिन इसी ………………….. गए हैं।”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1, प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी और क्यों?
2. बच्चों को कैसा स्वर सुनाई पड़ता था?
3. मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को क्या स्मरण हो आया?
4. विजय कौन थे? उनसे रोहिणी ने क्या कहा?
उत्तर:
1. सारे नगर में प्रतिदिन मुरलीवाले की चर्चा होती थी क्योंकि प्रत्येक गली में उसकी मुरली की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती थी।
2. बच्चों को मुरलीवाले का मादक-मृदुल स्वर सुनाई पड़ता था बच्चों को बहलाने वाला, मुरलिया वाला।
3. मुरलीवाले के स्वर को सुनकर रोहिणी को मन-ही-मन खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। वह भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।
4. विजय रोहिणी के पति थे। रोहिणी ने उनसे मुरलीवाले को बुलाने के लिए कहा क्योंकि उसे चुन्नू-मुन्नू के लिए मुरली खरीदनी थी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी?
(क) मुरलीवाले की
(ख) मिठाईवाले की
(ग) खिलौनेवाले की
(घ) किसी की नहीं
उत्तर:
(क) मुरलीवाले की

2. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(क) मिठाईवाले का
(ख) खिलौनेवाले का
(ग) फेरीवाले का
(घ) सभी का
उत्तर:
(ख) खिलौनेवाले का

3. रोहिणी उठकर किसके पास गई?
(क) अपने पति विजय बाबू के पास
(ख) मुरलीवाले के पास
(ग) वृद्धा माँ के पास
(घ) बच्चों के पास
उत्तर:
(क) अपने पति विजय बाबू के पास

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4. विजय बाबू ………………………… …. भाव पड़ी हैं।”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. विजय बाबू क्यों मुस्करा दिए?
2 विजय बाबू ने मुरलीवाले से क्या कहा?
3. मुरलीवाले ने क्या सफाई दी?
4. क्या आप उसकी बात से सहमत हैं?
उत्तर:
1. विजय बाबू मुरलीवाले की इस बात पर मुस्करा दिए कि मुरली है तो तीन पैसे की, पर आपको दो पैसे में ही दे दूंगा। विजय बाबू को लगा कि यह तो मुझ पर अहसान लाद रहा है।

2. विजय बाबू ने मुरलीवाले से यह कहा कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होंगे, पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो।

3. मुरलीवाले ने यह सफाई दो-आपको मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हजार मुरलियाँ बनवाई थीं अतः मुझे इस भाव पड़ी हैं अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती।

4. हाँ, हम मुरलीवाले की बात से सहमत हैं। वह मुनाफा कमाने के लिए मुरली नहीं बेचता।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. कौन मुसकराया?
(क) विजय बाबू
(ख) रोहिणी
(ग) खिलौनेवाला
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) विजय बाबू

2. विजय ने मुरलीवाले पर क्या तोहमत लगाई?
(क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है
(ख) तुम लोगों को ठगने की आदत होती है
(ग) तुम लोगों को अपना माल बेचना होता है
(घ) तुम लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता
उत्तर:
(क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है

3. मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थीं?
(क) सौ
(ख) पाँच सौ
(ग) एक हजार
(घ) पाँच हजार
उत्तर:
(ग) एक हजार

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5. अतिशय गंभीरता ………….. …. नहीं है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. मिठाईवाला पहले क्या था?
2. उसके पास क्या-क्या था?
3. बाहर-भीतर क्या था?
4. समय ने क्या कर दिया?
उत्तर:
1. मिठाईवाला पहले अपने शहर का एक प्रतिष्ठित आदमी था।
2. उसके पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़ा, नौकर-चाकर, पत्नी तथा दो बच्चे थे।
3. बाहर संपत्ति का वैभव था और भीतर सांसारिक सुख था।
4. समय ने ऐसी लीला खेली कि उसका सभी कुछ चला गया।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. मिठाईवाले का संसार कैसा था?
(क) सोने का
(ख) चाँदी का
(ग) खिलौनों का
(घ) नौकरों का
उत्तर:
(क) सोने का

2. उसकी पत्नी कैसी थी?
(क) सुंदर
(ख) सुशील
(ग) सामान्य
(घ) अच्छी
उत्तर:
(क) सुंदर

3. ‘सजीव खिलौने’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर:
(ग) विशेषण

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला

मीठाईवाला Summary in Hindi

मीठाईवाला कहानी का सार

मिठाईवाला एक धनी एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हुए भी बच्चों को मिठाई एवं खिलौने इसलिए बेचता है क्योंकि वह उनमें अपने खोए हुए बच्चों की छवि देखता है। वह गलियों में घूम-घूमकर बड़े मीठे स्वर में आवाज दे-देकर अपनी चीजें बेचता रहता है। उसकी मीठी आवाज सुनकर स्त्रियाँ चिकों से झांकने लगती तथा बच्चों के झुंड उसे घेर लेते। खिलौने वाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता। बच्चे अपनी तोतली बोली में खिलौनों का मोल-भाव करते। बच्चे उससे खिलौने लेकर खुशी से उछलने लगते। सभी बच्चे अपने-अपने खिलौने को बढ़िया बताते।

एक दिन राय विजय बहादुर के बच्चे उससे खिलौने ले गए। उनकी माँ रोहिणी को वे खिलौने बहुत सस्ते लगे। छह महीने बाद नगर में समाचार फैल गया कि एक मुरली वाला आया है और वह मुरली बजा-बजाकर बेचता है। वह 30-40 वर्ष की आयु का दुबला-पतला गोरा युवक है। यह वही खिलौने वाला व्यक्ति निकला।

रोहिणी ने उस मुरली वाले का स्वर सुना तो उसे तत्काल उस खिलौने वाले की याद आई। रोहिणी ने अपने पति से मुरली वाले को बुलाने को कहा। विजय बाबू ने मुरली वाले से पूछा “क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?” तभी बालक आकर इकट्ठे हो गए और मुरली माँगने लगे। मुरली वाले ने विजय बाबू के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा-“वैसे तो तीन-तीन पैसे के हिसाब से हैं, पर आपको दो-दो पैसे में दे दूंगा।” इस पर विजय बाबू ने कहा-“तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत हो जाती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसों में, पर एहसान का बोझ मुझ पर लाद रहे हो? यह उत्तर सुनकर मुरली वाले को हैरानी हुई क्योंकि वह लागत भाव पर ही मुरली बेच रहा था।

विजय बाय दो मुरलियाँ खरीद कर चले गए। मरली वाले ने बच्चों को उनकी पसंद की मुरलियाँ दे दी। फिर वह आगे चला गया। रोहिणी को मुरली वाले का स्वर बहुत मीठा लगता था। फिर कई महीने तक मुरली वाला न आया। आठ महीने बीतने के बाद गली में मुरली वाले की आवाज फिर सुनाई दी। रोहिणी ने बूढ़ी दादी से उस मुरलीवाले को बुलवाया। इस बार वह मिठाई बेच रहा था। उसके पास तरह-तरह की रंग-बिरंगी मिठाइयाँ थीं। वह एक पैसे की 16 गोलियाँ दे रहा था।

रोहिणी ने दादी से चार पैसे की मिठाई लेने को कहा। रोहिणी ने बातों ही बातों में उससे पूछ लिया कि वही पहले मुरली बेचता था। रोहिणी उसके बारे में जानना चाहती थी। मिठाई वाले ने कहा कि पुरानी बातें सुनकर आपको दुःख ही होगा। रोहिणी के बहुत जोर देने पर उसने बताया-मैं भी नगर का धनी एवं सम्मानित व्यक्ति था। सुंदर पत्नी और खिलौने से सुंदर बच्चे भी थे, पर एक दिन सब चले गए अर्थात् मर गए। अब अपना अकेलापन काटने के लिए ही इन चीजों को बेचता रहता हूँ।

इन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता हूँ। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है, पर इससे मन को संतोष मिलता है। यह कहकर उसकी आँखों में आँसू आ गए। तभी रोहिणी के बच्चे आ गए। वे मिठाई मांगने लगे। मिठाई वाले ने मिठाई से भरी कागज की दो पुड़िया उन्हें दे दी। रोहिणी ने अंदर से पैसे फेंक दिए पर मिठाई वाले ने वे पैसे न लिए और आवाज लगाता हुआ गली में आगे बढ़ गया।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला

मीठाईवाला शब्दार्थ

मीठे स्वर = मीठी बोली (Sweet voice)। विचित्र = अनोखा (Strange)। स्नेहाभषिक्त = स्नेह अभिषिक्त = प्रेम में भीगे (With love a affection)। अंतर्व्यापी- अंत:+व्यापी = भीतर तक फैले (Spread inside)। उद्यान = बगीचा (Garden)। पुलकित = प्रसन्न (Joyful)। सागर = समुद्र (Sea)। इच्छानुसार = इच्छा के अनुसार (According desire)। हिलोर = लहर (Wave)। निरखना = देखना (To see)। उस्ताद = गुरु (Teacher)। आकार-प्रकार = रूप, बनावट (Shape)। मादक = नशा पैदा करने वाला (Intoxicating)। मृदुल = कोमल (Tender)। स्मरण = याद(Memorize)।हर्ष = खुशी (Happiness)। ग्राहक = खरीददार (Customer)। दस्तूर = तरीका (System)। विस्मयादि = विस्मय+आदि = आश्चर्यसूचक (Exclamatory)। धीरज = धैर्य (Patience)। असीम = सीमा रहित (Unlimited)। प्रतिष्ठित = सम्मानित (Respected)। कोलाहल = शोर-शराबा (Noise)। संशय शक,संदेह (Doubt) विधाता ईश्वर (God) तत्काल = तुरंत (Immediately)। क्षीण = कमजोर (I Weak)।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 4 कठपुतली

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 4 कठपुतली Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 4 कठपुतली

HBSE 7th Class Hindi कठपुतली Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
उत्तर:
कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि उसे चारों ओर से धागों के बंधन में बांध रखा गया था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र होना चाहती थी।

प्रश्न 2.
कठपुतली को अपने पाँबों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन क्यों नहीं खड़ी होती ?
उत्तर:
कठपुतली अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा तो रखती है लेकिन वह खड़ी नहीं होती। इसका कारण है उसके पैरों में स्वतंत्र रूप से खड़े होने की शक्ति नहीं है। इच्छा के साथ अपनी शक्ति और प्रयास की भी आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को कैसी लगी और क्यों?
उत्तर:
पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को बहुत अच्छी लगी। वे भी स्वतंत्र होना चाहती थीं और अपने मन के अनुसार चलना चाहती थीं।

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प्रश्न 4.
पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि- ‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे आगे ? इन्हें तोड़ दो/ मुझे मेरे पैरों पर छोड़ दो’-तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि…’यह कैसी इच्छा/ मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपना विचार व्यक्त कीजिए

  • उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।
  • उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
  • वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपायों को सोचने लगी।
  • वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

उत्तर:
कहने और करने में बहुत अंतर होता है। पहली ‘कठपुतली ने स्वतंत्र होने की इच्छा तो प्रकट कर दी, पर फ़िर उसे स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी कि वह किस प्रकार स्वतंत्र हो पाएगी। अभी उसकी उम्र कम थी अत: उसे अभी दूसरे के सहारे की जरूरत थी। स्वतंत्रता पाकर उसे बनाए रखने के लिए विशेष उपाय करने पड़ते हैं। अब उसके ऊपर अन्य कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी भी आ गई थी। दूसरों की आजादी के लिए काम करना बहुत सरल नहीं होता।

कविता से आगे

1. ‘बहुत दिन हुए/हमें अपने मन के छंद छुए।’ इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-
(क) बहुत दिन हो गए. मन में कोई उमंग नहीं आई।
(ख) बहुत दिन हो गए. मन के भीतर कविता-सी कोईबात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
(ग) बहुत दिन हो गए. गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
उत्तर:
(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोईबात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।

2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए
(क) सन् 1857 ……………..
(ख) सन् 1947 ……………..
उत्तर:
(क) सन् 1857 1. महारानी लक्ष्मीबाई 2. तात्या टोपे।
(ख) सन् 1947, 1. भगतसिंह 2. नेताजी सुभाषचंद्र बोस।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 4 कठपुतली

HBSE 7th Class Hindi कठपुतली Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कठपुतलियाँ किसका प्रतीक है?
उत्तर:
कठपुतलियाँ सामान्य जनों की प्रतीक हैं। वे अपनी मर्जी का जीवन नहीं जी पा रहीं।

प्रश्न 2.
एक कठपुतली क्या हो सकती है?
उत्तर:
एक कठपुतली नेता हो सकती है। प्रश्न 3, धागे किसके प्रतीक है? उत्तर: धागे गुलामी के बधन के प्रतीक हैं

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘कठपुतली’ कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
कठपुतली’ कविता के माध्यम से कवि स्वतंत्रता का महत्त्व बताना चाहता है। परतंत्रता के बंधन व्यक्ति को बहुत दुःखी करते हैं। वह इनसे मुक्ति चाहता है। वह बंधनों को तोड़ना चाहता है। बंधनों में जकड़कर व्यक्ति मन की इच्छा को प्रकट नहीं कर पाता है। स्वतंत्र होना और उसे बनाए रखना बहुत जरूरी है, भले ही यह कठिन क्यों न हो।

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कठपुतली गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. कठपुतली ………………….. छोड़ दो।

शब्दार्थ: बली: खाली, जोश में आई (Excited)। पाँव: पैर (Feer)|

प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘कठपुतली’ से लिया गया है। इस कविता के रचयिता भवानीप्रसाद मिश्र हैं।

व्याख्या:
इस काव्यांश में एक कठपुतली अपनी हालत को देखकर गुस्से में उबल पड़ी। वह गुस्से में आकर बोल पड़ी–मेरे आगे-पीछे ये धागे क्यों बाँध रखे हैं अर्थात् तुम लोगों ने मुझे धागों में बाँधकर गुलाम बना रखा है। मुझे आजादी चाहिए अत: इन धागों (बंधनों) को तोड़ दिया जाना चाहिए। मुझे अपने पैरों पर खड़ा होने दिया जाए। मैं अपने पैरों से ही चलना चाहती हूँ. धागों के सहारे नहीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. कठपुतली क्यों गुस्से से उबल पड़ी?
2 कठपुतली ने क्या कहा?
3. ‘मुझे मेरे पाँव पर छोड़ दो’-से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
1. कठपुतली स्वयं को धागों से बंधे देखकर तथा दूसरे के इशारे पर नाचते देखकर गुस्से से उबल पड़ी।
2. कठपुतली ने कहा कि मेरे आगे-पीछे धागे क्यों है? इन्हें तोड़ दिया जाए।
3. कठपुतली आत्मनिर्भर होना चाहती है। वह अपनी इच्छानुसार नाचना या कार्य करना चाहती है। वह स्वयं चलना चाहती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चनकर लिखिए

1. इस कविता के रचयिता कौन हैं?
(क) मैथिलीशरण गुप्त
(ख) भवानीप्रसाद मिश्र
(ग) सुमित्रानंदन पंत
(घ) अन्य
उत्तर:
(ख) भवानीप्रसाद मिश्र

2. कठपुतली को किनसे परेशानी थी?
(क) धागों से
(ख) गुस्से से
(घ) किसी से नहीं
उत्तर:
(क) धागों से

3. इस काव्यांश में कठपुतली के मन का कौन-सा भाव प्रकट होता है-
(क) स्वतंत्रता का
(ख) गुस्से का
(ग) खड़े होने का
(घ) तोड़ने का
उत्तर:
(ख) गुस्से का

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2. सुनकर बोली.. ………………….. में जगी?

शब्दार्थ: छंद = कविता, मन की इच्छा (Desire)|

प्रसंग: प्रस्तुत पक्तियाँ भवानीप्रसाद मिश्र की कविता ‘कठपुतली’ से अवतरित हैं। एक कठपुतली की बात का प्रभाव अन्य कठपुतलियों पर भी पड़ता है।

व्याख्या:
जब एक कठपुतली विद्रोह कर आजाद होने की बात कहती है तो अन्य कठपुतलियों को भी उसकी बात अच्छी लगती है। वे भी बंधन तोड़कर स्वतंत्र होना चाहती हैं। अन्य कठपुतलियाँ भी कहने लगती हैं-हमें भी अपने मन की इच्छा को प्रकट किए हुए बहुत दिन हो गए अर्थात् हम भी काफी समय से पराधीनता का जीवन जी रही हैं। हम भी स्वतंत्र होना चाहती हैं।

जब पहली कठपुतली पर अन्य सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की ज़िम्मेदारी आती है तो वह सोचने लगती है कि यह मेरे मन में कैसी इच्छा जाग गई? अब वह सोच-समझकर कदम उठाना जरूरी समझती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. किसकी बात सुनकर कौन बोली?
2 उन्होंने क्या कहा?
3. पहली कठपुतली मन में क्या सोचने लगी?
उत्तर:
1. पहली कठपुतली की बात सुनकर अन्य कठपुतलियाँ बोली।
2 अन्य कठपुतलियों ने भी अपनी आजादी की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि हम बहुत दिनों से अपने मन की बात नहीं कर पाई हैं। हम भी स्वतंत्रता चाहती हैं।
3. पहली कठपुतली सोचने लगी कि उसके मन में यह स्वतंत्रता की कैसी इच्छा जग गई है? इसका क्या परिणाम होगा?

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. अन्य कठपुतलियाँ क्या बोलीं?
(क) हमें आजादी नहीं चाहिए
(ख) बहुत दिनों से हमने अपने मन के छंद नहीं छुए
(ग) हमारे मन की बात मन में ही है
(घ) तुम ठीक कहती हो
उत्तर:
(ख) बहुत दिनों से हमने अपने मन के छंद नहीं छुए

2. ‘पहली कठपुतली’-रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) क्रिया
(घ) विशेषण
उत्तर:
(घ) विशेषण

3. ‘कठपुतलियाँ’ किसकी प्रतीक हैं?
(क) खिलौनों की
(ख) आम लोगों की
(ग) स्वतंत्रता की
(घ) पता नहीं
उत्तर:
(ख) आम लोगों की

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कठपुतली Summary in Hindi

कठपुतली पाठ का सार

प्रश्न: भवानी प्रसाद मिश्र के जीवन और कवित्व के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 1914 में होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) में हुआ। इनकी रचनाओं में ऐसी नवीनता, अम्लानता और सरलता पाई जाती है, जो आज के किसी दूसरे कवि में दृष्टिगोचर नहीं होती। विषय का चयन और वर्णन करने का ढंग इनका अपना है। इनके काव्य की शक्ति किसी असाधारण तत्त्व पर निर्भर न रहकर साधारण को ही असाधारण बनाने में है। इनकी रचनाएँ हृदय प्रेरित हैं।

प्रारंभ में इनकी ख्याति ‘गीत-फरोश’ शीर्षक कविता के कारण अचानक हुई। यह कविता एकालाप नाटकीय कथोपकथन का विलक्षण आकर्षण और माधुर्य लिए हुए है। यह रचना आज के पाठक की गिरी हुई रुचि और काव्य के मूल्यों की डांवाडोल स्थिति की सूचक है। एक प्रकार से आज के युग में यह एक तीखा व्यंग्य है, जब कविता का उचित मूल्य और महत्त्व नहीं आँका जाता।

श्री मिश्र की रचनाओं को पढ़कर पहला प्रभाव जो पाठक के मन पर पड़ता है, वह यह कि ये प्रकृति के बड़े प्रेमी थे। प्रकृति के साथ इन्होंने कुछ ऐसी गहरी आत्मीयता स्थापित कर ली थी कि ये उसे स्थान-स्थान पर संबोधित करते पाए जाते हैं। मध्य प्रदेश तो जैसे इनकी रचनाओं में सोते से जाग उठा। विंध्याचल, नर्मदा और रेवा इनकी साँसों में बसते थे। दुःख है कि मार्च, 1985 में इनका देहांत हो गया।

इनकी कविताएँ जीवन के प्रेम की कविताएँ हैं, जीवन के दुःख संघर्ष की कविताएँ, जीवन के आनंद की कविताएँ, सुख-ढूँढ़ने से ही सुख मिलता है और दुख ढूँढने से दुख, यह बात इन्होंने अपनी रचनाओं में हजार तरह से समझाई है। अत: इनकी कविताएँ मूल रूप से आस्तिक भाव की, जीवन के आनंद की और कर्म-प्रेरणा की रचनाएँ हैं। वे जीवन की आलोकमयी दृष्टि की परिचायिका हैं।

भवानीप्रसाद मिश्र के विचारों पर भारतीय विचारधारा का गंभीर प्रभाव पाया जाता है-विशेष रूप से गाँधीवाद का। बीसवीं शताब्दी में प्रचलित अन्य लोक-कल्याणकारी विचारधाराओं से भी ये किसी सीमा तक प्रभावित रहे। विशेष बल इन्होंने इस बात पर दिया कि हमारा जीवन सहज और सरल होना चाहिए। इस प्रकार भवानीप्रसाद मिश्र की रचनाओं में प्राणों की पूरी ऊष्मा, जीवन की पूरी गंभीरता, सहज प्रसन्नता तथा सहजता पाई जाती है।

रचनाएँ: गीतफरोश, चकित है दु:ख, अँधेरी कविताएँ, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, अनाम तुम आते हो, इदं न मम।

कठपुतली कविता का सार

इस कविता में कठपुतलियाँ अपनी स्वतंत्रता की इच्छा प्रकट करती हैं। एक कठपुतली गुस्से में आकर बोली कि मेरे आगे-पीछे धागे क्यों बंधे हैं ? इन धागों को तोड़कर मुझे आजाद कर दो ताकि मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकूँ और चल सकूँ। उसकी बात सुनकर अन्य कठपुतलियों ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई। वे भी आजाद होना चाहती थीं। फिर पहली कठपुतली यह सोचने लगी कि यह मेरे मन में कैसी इच्छा उत्पन्न हो गई। अब उस पर नई जिम्मेदारी आ गई थी। वह सोचने लगती है कि मेरी इस इच्छा का क्या परिणाम होगा? क्या वह अपनी स्वतंत्रता को सँभाल पाएगी? क्या वह पूरी तरह से अपने पैरों पर खड़ी हो पाएगी? क्या वह आजादी का सही उपयोग कर पाएगी? पहली कठपुतली सोच-समझ कर ज़रूरी कदम उठाना चाहती है।

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

HBSE 7th Class Hindi हिमालय की बेटियाँ Textbook Questions and Answers

लेख से

प्रश्न 1.
नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?
उत्तर:
नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। प्रायः ‘गंगा मैया, यमुना मैया’ कहा जाता है। इसके बावजूद लेखक नदियों को और भी कई रूपों में देखता है। वे रूप हैं-

  • बेटी के रूप में: नागार्जुन नदियों को हिमालय पर्वत की बेटियों के रूप में देखता है।
  • प्रेयसी के रूप में: कालिदास के मेघदूत का प्रसंग बताकर नागार्जुन इन्हें प्रेयसी का रूप देता है। वैसे नदियाँ समुद्र की प्रेयसियाँ हैं क्योंकि नदियाँ उसी की बाँहों में समाने को बेचैन रहती हैं।
  • बहन के रूप में: अनेक कवियों ने भी नदियों का वर्णन बहन के रूप में किया है।

प्रश्न 2.
सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई
उत्तर:
सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं में कुछ नहीं है। दयालु हिमालय के पिघले दिल की एक-एक बूंद इकट्ठा होकर ये महानद बनी है। ये नदियाँ लुभावनी है।

प्रश्न 3.
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
उत्तर:
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये नदियाँ लोगों के लिए माता के समान पवित्र एवं कल्याणकारी है। इनमें ममता की भावना होती है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

प्रश्न 4.
हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उत्तर:
हिमालय की यात्रा में लेखक ने इनकी प्रशंसा की है:

  • गंगा-यमुना
  • पौधों से भरी घाटियाँ
  • उपत्यकाएँ
  • विभिन्न प्रकार के पेड़।

लेख से आगे

प्रश्न 1.
नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए।
उत्तर:
नदी पर कविता

नदी: कामधेनु

-त्रिलोचन

नदी ने कहा था: मुझे बाँधो
मनुष्य ने सुना और
तैरकर धारा को पार किया।
नदी ने कहा था: मुझे बाँधो
मनुष्य ने सुना और
सपरिवार धारा को
नाव से पार किया।
नदी ने कहा था: मुझे बांधो
मनुष्य ने सुना और
आखिर उसे बाँध लिया
बाँध कर नदी को
मनुष्य दुह रहा है
अब वह कामधेनु है।

प्रश्न 2.
गोपालसिंह नेपाली की कविता ‘हिमालय और हम’ पढ़िए। हिमालय को कवि किस रूप में प्रस्तुत करता है, उसकी तुलना प्रस्तुत पाठ के हिमालय वर्णन से कीजिए।
उत्तर:
हिमालय और हम-गोपाल सिंह नेपाली
[1] गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।
इतनी ऊंची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही,
पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वत राज यही,
अंबर में सिर, पाताल चरन
मन इसका गंगा का बचपन
तन वरन-वरन, मुख निरावरन
इसकी छाया में जो भी है, वह मस्तक नहीं झुकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।

[2] अरुणोदय की पहली लाली, इसको ही चूम निखर जाती,
फिर संध्या की आँतम लाली, इस पर ही झूम बिखर जाती।
इन शिखरों की माया ऐसी,
जैसा प्रभात संध्या वैसी,
अमरों को फिर चिंता कैसी,
इस धरती का हर लाल खशी से उदय-अस्त अपनाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।

[3] हर संध्या को इसकी छाया, सागर सो लंबी होती है,
हर सुबह वही फिर गंगा की, चादर सी लंबी होती है।
इसकी छाया में रंग गहरा,
है दंश हरा, परदेश हरा,
हर मौसम है, संदेश भरा।
इसका पद-तल छूने वाला, वेदों की गाथा गाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का, कुछ ऐसा ही नाता है।।

[4] जैसा वह अटल, अविचल, वैसे ही हैं भारतवासी,
हैं अमर हिमालय धरती पर, तो भारतवासी अविनाशी।
कोई क्या हमको ललकारे
हम कभी न हिंसा से हारे
दु:ख देकर तुमको क्या मारे
गंगा का जल जो भी पी ले, वह दुःख में भी मुसकांता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का, कुछ ऐसा ही नाता है।।

इस कविता में कवि बताता है कि हिमालय पर्वत पर्वतों का राजा है और उसका भारत के साथ विशेष संबंध है। इस पर्वत की चोटी विश्व भर में सबसे ऊँची है। यही कारण है कि यह इस पृथ्वी का ताज है। पहाड़ों से भरी हुई इस पृथ्वी पर हिमालय ही पर्वतों का राजा है। इस पर्वत का सिर आकाश में है तो इसके चरण समुद्र में हैं। सागर इसके चरण धोता है। इसी से गंगा नदी निकलती है जो इसके मन के समान है। इसका शरीर तो ढका हुआ है पर इसका मुख उपड़ा हुआ है। शरीर पर हरियाली ही इसका आवरण है। इस पर्वत की छाया में भारत देश है जो कभी किसी के सामने सिर नहीं झुकाता है। भारत का इस पर्वत के साथ विशेष नाता है।

हिमालय पर्वत इतना बड़ा है कि शाम के समय इसकी छाया समुद्र के समान बड़ी होती है। प्रात:काल होते ही गंगा नदी चादर के समान बहती दिखाई देती है। इसकी छाया गहरी होती है। देश-परदेश सभी जगह हरियाली छाई रहती है। प्रत्येक मौसम संदेश देता सा जान पड़ता है। इसके पैरों में बसा भारत वेदों की गाथा गाता रहता है अर्थात् वेदों की कहानी कहता है। पर्वतराज हिमालय से भारत का विशेष नाता है।

प्रात:काल जब सूर्य निकलता है तो उसकी पहली लालिमा इस हिमालय की चोटी को चूमकर ही निखरती है अर्थात् पहली किरण इसी पर पड़ती है। शाम के समय भी छिपते सूर्य की लाली इसी चोटी पर बिखर कर अपनी छटा दिखाती है। इन चोटियों की विशेषता ही कुछ ऐसी है कि यहाँ सवेरे और शाम का वातावरण एक समान प्रतीत होता है। यहाँ किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है। इस पृथ्वी पर रहने वाला हर व्यक्ति इस सूर्य के उगने और छिपने अर्थात् सुख-दुःख को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार करता है। भारत का इस हिमालय के साथ विशेष प्रकार का रिश्ता है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

प्रश्न 3.
यह लेख 1947 में लिखा गया था। तब से हिमालय से निकलनेवाली नदियों में क्या-क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर:
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अब प्रदूषण का शिकार हो गई। गंगा और यमुना नदियाँ अब अपनी पवित्रता खो बैठी हैं।

प्रश्न 4.
अपने संस्कृत शिक्षक से पूछिए कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा क्यों कहा है?
उत्तर:
हिमालय में देवताओं का वास है अतः कालिदास हिमालय को देवात्मा कहा है।

HBSE 7th Class Hindi हिमालय की बेटियाँ Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक ने इस पाठ में किनका वर्णन किया है?
उत्तर:
लेखक ने इस पाठ में हिमालय से निकलने वाली नदियों का वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
हिमालय पर्वत पर नदियों का रूप कैसा दिखाई देता है?
उत्तर:
हिमालय पर्वत पर नदियों का रूप दुबला-पतला दिखाई देता है।

प्रश्न 3.
नदियाँ कहाँ भागी जाती है?
उत्तर:
नदियाँ समुद्र की ओर भागी जाती हैं।

प्रश्न 4.
कौन-सी दो नदियाँ महानदों के रूप में समुद्र की ओर प्रवाहित होती रही हैं?
उत्तर:
सिंधु और ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 5.
हिमालय और समुद्र में क्या रिश्ता है?
उत्तर:
हिमालय और समुद्र में ससुर और दामाद का रिश्ता है।

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

प्रश्न 6.
काका कालेलकर ने नदियों को क्या कहा है?
उत्तर:
काका कालेलकर ने नदियों को ‘लोकमाता’ कहा है।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक ने किन्हें हिमालय की बेटियाँ कहा है और क्यों?
उत्तर:
लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों को हिमालय की बेटियाँ कहा है। ये नदियाँ हिमालय से निकली है तथा इनका बचपन हिमालय की गोद में ही बीता है। अत: ये उसी की बेटियाँ हैं।

प्रश्न 2.
हिमालय पर चढ़कर लेखक ने नदियों का क्या रूप देखा?
उत्तर:
जब लेखक हिमालय के कंधे पर चढ़ा तब उसने देखा कि वहाँ ये नदियाँ दुबले-पतले रूप में थीं। वहाँ ये नदियाँ उछलती-कूदती, हँसती थीं। मैदान में उतरकर ये विशाल रूप धारण कर लेती हैं।

प्रश्न 3.
नदियाँ कहाँ भागी जाती हैं?
उत्तर:
नदियाँ पर्वत की गोद से निकल कर मैदानों (समतल) की ओर भागी जाती हैं, पर यहीं इनकी भाग-दौड़ समाप्त नहीं हो जाती। ये समुद्र से मिलने के लिए उसी की ओर भागी चली जाती हैं।

प्रश्न 4.
सिंधु और ब्रह्मपुत्र क्या हैं?
उत्तर:
सिंधु और ब्रह्मपुत्र दो महानद हैं। इन्हें नदी कहा जाता है। ये स्वयं में कुछ नहीं हैं। दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद को इकट्ठा करके इन दोनों नदियों में जल-दान किया है। ये दोनों समुद्र की ओर प्रवाहित होती हैं।

प्रश्न 5.
कालिदास के विरही यक्ष ने क्या कहा था?
उत्तर:
विरही यक्ष ने मेघदूत से कहा था कि वेत्रवती (बेतवा) नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना। तुम्हारी प्रेयसी तुम्हें पाकर बहुत प्रसन्न होगी।

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हिमालय की बेटियाँ गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. अभी तक ……………….. हो जाती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. लेखक ने अभी तक किन्हें दूर से देखा था?
2 दूर से वे कैसी लगती थी?
3. लेखक के मन में नदियों के प्रति कैसे भाव थे?
4. हिमालय के कंधे पर चढ़कर लेखक को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर:
1. लेखक ने अभी तक हिमालय की बेटियों अर्थात् नदियों को दूर से देखा था।
2. दूर से ये नदियाँ एक संभ्रांत महिला के समान शांत प्रतीत होती थीं।
3. लेखक के मन में इन नदियों के प्रति आदर और श्रद्धा के भाव थे। वह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता था।
4. हिमालय के कंधे पर चढ़कर लेखक को पता चला कि वहाँ तो गंगा-यमुना, सतलुज आदि नदियाँ दुबली-पतली हैं, पर समतल मैदान में पहुंचकर इनका आकाश विशाल हो जाता है। उनके रूप में यह एक बड़ा परिवर्तन है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. अभी तक लेखक ने नदियों को कैसे देखा था?
(क) पास से
(ख) दूर से
(ग) पहाड़ से
(घ) मैदान से
उत्तर:
(ख) दूर से

2. लेखक को नदियाँ कैसी लगती थीं?
(क) शांत
(ख) गंभीर
(ग) संभ्रांत महिला के समान
(घ) ये सभी रूप
उत्तर:
(घ) ये सभी रूप

3. लेखक नदियों की धारा में क्या करता था?
(क) डुबकियाँ लगाता था
(ख) नाव चलाता था
(ग) खेलता था
(घ) कुछ नहीं करता था
उत्तर:
(क) डुबकियाँ लगाता था

4. समतल मैदान में पहुँचकर नदियाँ कैसी हो जाती हैं?
(क) दुबली
(ख) पतली
(ग) विशाल
(घ) टेडी
उत्तर:
(ग) विशाल

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2. कहाँ ये …………… क्या है?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1, नदियों का हृदय कैसा प्रतीत होता है और यह कैसे पता चलता है?
2 नदियों का लीला निकेतन क्या है?
3. इन्हें कब बीती बातें याद करने का मौका मिलता होगा?
4. हिमालय का चित्रण किस रूप में किया गया है? वह क्या करता होगा?
उत्तर:
1. नदियों का हृदय अतृप्त प्रतीत होता है। इसका पता इससे चलता है कि अपने पिता (हिमालय) का प्यार पाकर भी ये बेचैन हैं और निरंतर आगे भागी जा रही हैं।
2. नदियों के लीला निकेतन हैं-बरफ जली नंगी पहाड़ियाँ, पौधों से भरी घाटियाँ, टेबललैंड हरी-भरी घाटियाँ।
3. ये नदियाँ जब खेलते-खेलते दूर निकल जाती हैं तब देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफेदा, कैल के जंगलों में पहुँच कर इन्हें बीती बातों को याद करने का मौका मिल जाता होगा।
4. हिमालय का चित्रण एक बूढ़े पिता के रूप में किया गया है। वह अपनी इन शैतान बेटियों (नदियों) के लिए अपना सिर धुनता होगा।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. कौन भाग रहा है?
(क) हिमालय
(ख) नदियाँ
(ग) मैदान
(घ) लेखक
उत्तर:
(ख) नदियाँ

2. ‘अतृप्त’ शब्द का अर्थ है
(क) असंतुष्ट
(ख) प्यासा
(ग) भरना
(घ) भूखा
उत्तर:
(क) असंतुष्ट

3. ‘बुड्ढा हिमालय’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) विशेषण
(ग) सर्वनाम
(घ) क्रिया
उत्तर:
(ख) विशेषण

4. हिमालय की बेटियाँ कैसी हैं?
(क) शांत
(ख) नटखट
(ग) तेज
(घ) गंभीर
उत्तर:
(ख) नटखट

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3. जिन्होंने मैदानों …………………………… होती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1, मैदान में इन नदियों के किस रूप की कल्पना करना कठिन है?
2 माँ-बाप की गोद में खेलने वाली बालिकाएं कौन हैं?
3. पहाड़ी आदमियों को क्या आकर्षक प्रतीत नहीं होता और क्यों?
4. गद्यांश में किसे ससुर और किसे दामाद कहा गया है और क्यों?
उत्तर:
1. मैदान में नदियों के उस रूप की कल्पना करना कठिन है कि ये बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर कैसे खेला करती थीं।
2 माँ-बाप की गोद में खेलने वाली बालिकाएँ हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ ही हैं।
3. पहाड़ों से निकलने वाली नदियों (बालिकाओं के समान) का रूप पहाड़ी आदमियों को आकर्षक प्रतीत नहीं होता।
4. गद्यांश में हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहा गया है। नदी हिमालय की पुत्री है और समुद्र में जा मिलती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. ‘बूढ़े हिमालय’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया।
उत्तर:
(क) संज्ञा

2. इस पाठ के लेखक हैं
(क) नागार्जुन
(ख) मुकार्जन
(ग) नीलकंठ
(घ) अर्जुन
उत्तर:
(क) नागार्जुन

3. हिमालय की बेटियाँ कौन हैं?
(क) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
(ख) हिमालय की चोटियाँ
(ग) बालिकाएँ
(घ) समुद्र
उत्तर:
(क) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ

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4. काका कालेलकर ……………. हो गया।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. काका कालेलकर ने नदियों को क्या कहा है?
2 लेखक नदियों को और किन-किन रूपों में देखने को कहता है?
3. एक दिन लेखक की कैसी भावना हुई?
4. किस काम से लेखक का मन ताजा हो गया?
उत्तर:
1. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।
2. लेखक नदियों को बेटी, प्रेयसी, बहन के रूपों में भी देखने को कहता है।
3, एक दिन थो-लिङ् (तिब्बत) में लेखक का मन उचट गया, तबीयत ढीली थी।
4. लेखक सतलुज के किनारे बैठ गया। पैर लटका दिए। इससे तन-मन ताज़ा हो गया और वह गुनगुनाने लगा।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. नदी को लोकमाता किसने कहा?
(क) काका
(ख) कालेलकर
(ग) काका कालेलकर
(घ) नागार्जुन
उत्तर:
(ख) कालेलकर

2. कवियों ने नदियों को किसका स्थान दिया है?
(क) प्रेयसी का
(ख) बेटी का
(ग) बहन का
(घ) अन्य का
उत्तर:
(ग) बहन का

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हिमालय की बेटियाँ Summary in Hindi

हिमालय की बेटियाँ पाठ का सार

इस पाठ में लेखक हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियों को उसकी बेटियाँ बताता है। अभी तक उसने इन्हें दूर से ही देखा था। उनके प्रति लेखक के मन में आदर-सम्मान का भाव था। एक बार जब वह हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो उसे उनका भिन्न रूप सामने आया। हिमालय पर्वत पर गंगा-यमुना-सतलुज दुबली-पतली दिखाई देती है और मैदानों में पहुँचकर विशाल रूप धारण कर लेती हैं। इन नदियों की बाल लीला देखकर उसे आश्चर्य होता है। उसे ये नदियाँ भागती प्रतीत होती हैं।

पिता (हिमालय) का भरपूर प्यार पाकर भी ये अतृप्त बनी रहती हैं। लगता है ये अपने प्रियतम (समुद्र) से मिलने को बेचैन रहती हैं। ये घाटियों, उपजाऊ भूमि, तरह-तरह के वृक्षों के जंगलों में से गुजर जाती हैं। हो सकता है बूढ़ा हिमालय इन अपनी नटखट लड़कियों (नदियों) के सिर धुनता होगा। सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों के ऐसे नाम हैं जिनके सुनते ही रावी, सतलुज, व्यास, चिनाव, झेलम, काबुल, कपिशा, गंगा, यमुना, सरय, गंडक, कोसी आदि नदियाँ बेटियों के रूप में सामने नाचने लगती हैं। वह समुद्र बड़ा भाग्यशाली है जिसे सिंधु और ब्रह्मपुत्र-दोनों बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला है। लेखक हिमालय को समुद्र (दामाद) का ससुर बताता है।

कालिदास के विरही यक्ष ने मेघदूत से कहा था-वेत्रवती (वेतवा) नदी को प्रेम का फल देते जाना. इससे तुम्हारी प्रेयसी खुश हो जाएगी। महाकवि को भी नदियों का सचेतक रूप पसंद था। काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। लेखक का कहना है कि उन्हें बेटियों के रूप में देखने में कोई हर्ज नहीं है। इनमें प्रेयसी की भावना उत्पन्न करनी चाहिए। अनेक कवियों ने इन्हें बहन का स्थान दिया है। एक बार की बात है कि लेखक धो-लिङ् (तिब्बत) गया था। तब उसका मन उचाट था, तबीयत भी ढीली थी अत: वह सतलज नदी के पानी में पैर लटका कर बैठ गया। थोड़ी ही देर में उसका मन ताजा हो गया। वह गुनगुनाने लगा..

जय हो सतलज बहन तुम्हारी
लीला अचरज बहन तुम्हारी
हुआ मुदित मन हटा खुमारी
जाऊँ मैं तुम पर बलिहारी
तुम बेटी यह बाप हिमालय
चिंतित पर, चुपचाप हिमालय
प्रकृति नटी के चित्रित पट पर
अनुपम अद्भुत छाप हिमालय
जय हो सतलज बहन तुम्हारी!

हिमालय की बेटियाँ शब्दार्थ

अधित्यकाएँ (स्वी.) = पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि, ‘टेबुललैंड’ (Table land)। उपत्यकाएँ (स्वी.) = पहाड़ के पास की जमीन, तराई, घाटी (Valley)। खुमारी = आलस (Lociness)। चित्रित = बना हुआ चित्र (Picuteri)। नटी = नृत्य करने वाली (Dancer lach)। प्रगतिशील = आगे की ओर बढ़ने वाला (Progressive)। प्रतिदान = बदले में (Inexchange)। प्रेयसी (स्त्री.)- प्रेमिका, पत्नी, प्रियतमा (Beloved)। बंधुर (पु.) – भाई (Brother)। बलिहारी (स्त्री) = निछावर होना (Offering) भाव-भंगी – हाव-भाव (Pasture)। मुदित – प्रसन्न (Happy)। विराट – बड़ा (Big)। विस्मय – आश्चर्य (Surprise)। संभ्रांत = अच्छे कुल का (Ofgood family)। सरसब्ज (वि.) = हराभरा, लहलहाता (Green)। प्रतीत = मालूम (Looks)। कौतूहल – जानने की इच्छा (Curiosity)। मौन = चुप (Silent)। श्रेय – यश (Credit)। जुदा-जुदा = अलग-अलग (Seperate)। सचेतन = जानदार, जागरुक (Conscious)। लुभावना = मनमोहन (Attracting)। अतृप्त = संतुष्ट न होना (Unsatisfier).

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HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

HBSE 7th Class Hindi दादी माँ Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?
उत्तर :
लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की अन्य निम्नलिखित बातों की याद आ जाती है:

  • अपने उन शुभचिंतक मित्रों की जो उसे प्रसन्न करने के लिए छुट्टियों की सूचना देते हैं और पीठ पीछे उसका मजाक उड़ाते हैं।
  • क्वार के महीने की जब रास्ते का कीचड़ विचित्र गंध के साथ सूख जाता है।
  • बचपन में ज्वर का चढ़ना और उसमें दादी माँ की सेवा।
  • किशन भैया की शादी का मौका और उस समय औरतों का चार-पाँच दिन तक गीत और अभिनय का कार्यक्रम।
  • रामी चाची की घटना।

प्रश्न 2.
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी ?
उत्तर :
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए खराब हो गई थी क्योंकि उनके श्राद्ध पर पिताजी ने काफी धन खर्च कर दिया था। धोखेबाज और दिखावी मित्रों ने स्थिति को और भी खराब कर दिया था।

प्रश्न 3.
दादी के स्वाभाव कौन-सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों ?
उत्तर :
दादी के स्वाभाव का वह पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है जिसमें वे दूसरों के प्रति अपनी चिंता रखती है। वे बीमार के पास बैठकर उसकी पूरी देखभाल करती थी, उसकी दवा का प्रबंध अपने ढंग से करती थी। मुँह से भले ही कडवी लगती थीं, पर दूसरों की आर्थिक मदद भी करती थीं। रामी चाची का कर्ज माफ कर नकद रुपए भी दिए ताकि उसकी बेटी का विवाह निर्विघ्न हो जाए। पिताजी को भी अपना स्वर्ण-कंगन देकर आर्थिक चिंता से उबारा था।

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कहानी से आगे

प्रश्न 1.
आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़े, जैसे-क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है?
उत्तर :

  1. क्वार : गरमी का अंत हो रहा होता है। हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाती है। दशहरा इस मास का प्रमुख त्योहार है।
  2. आषाढ़ : यह भास वर्षा का है। इस महीने खूब वर्षा होती है। वर्षा न होने पर गरमी रहती है।
  3. माघ : यह महीना सर्दी का है। माघ के पहले पंद्रह दिन भयंकर सर्दी पड़ती है। फिद सर्दी का जोर घटता चला जाता है।

प्रश्न 2.
‘अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’-लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि किस मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?
उत्तर :
गरमी के मौसम में तेज गरमी पड़ती है। इस मौसम में तरबूज-खरबूज खूब होते हैं। इनके खाने से गरमी का प्रभाव शरीर पर कम पड़ता है। वर्षा के मौसम बारिश होती है। दिन धूप से तपता है। ज्यादा गरमी वर्षा ले आती है। खाने को आम मिलते हैं।

सर्दी : इस मौसम के आते ही गर्मी-वर्षा से छुटकारा मिल जाता है। यह मौसम स्वास्थ्यवर्धक होता है। खाने को सेब, अमरूद, केले. अंगूर आदि फल मिलते हैं।

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HBSE 7th Class Hindi दादी माँ Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक की क्या कमजोरी है?
उत्तर :
लेखक की यह कमजोरी है कि वह थोड़ी सी भी मुश्किल पड़ने पर घबरा उठता है।

प्रश्न 2.
लेखक को हल्की-सी बीमारी क्यों अच्छी लगती है?
उत्तर :
लेखक को हल्का ज्वर या सिर पर हल्का सिरदर्द इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि इसमें खाने के लिए दिन भर नींबू और साबू मिलता है।

प्रश्न 3.
दादी माँ को किनके पचासों नाम याद थे?
उत्तर :
दादी माँ को मुंबई-गाँव की पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे।

प्रश्न 4.
तब बुखार किसके डर से भाग जाता था?
उत्तर :
तब कुनैन मिक्सचर की शीशी की तिताई के डर से बुखार भाग जाता था।

प्रश्न 5.
दादी माँ का उत्साह और आनंद कब देखते बनता था?
उत्तर :
किशन भैया की शादी के अवसर पर दादी माँ का उत्साह और आनंद देखते बनता था।

प्रश्न 6.
दादी माँ किशन के विवाह पर औरतों की किस बात पर बिगड़ी
उत्तर :
जय रात के समय औरतें अभिनय कर रहीं थी तब औरतों ने लेखक व राघव के वहाँ होने पर ऐतराज किया था। इस पर दादी उन पर बिगड पडी।

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प्रश्न 7.
देबू की माँ ने चादर खींचकर क्या कहा?
उत्तर :
देबू की माँ ने कहा-“कहो दादी, यह कौन बच्चा सोया है? बेचारा रोता है शायद, दूध तो पिला दूं।”

प्रश्न 8.
धन किसमें खर्च हो गया था? वह कहाँ का था?
उत्तर :
दादा के श्राद्ध में पिताजी ने काफी धन खर्च कर दिया था। वह घर का नहीं, कर्ज का था।

प्रश्न 9.
दादी नेसंदूकखोलकर क्या वस्तु निकाल कर दी?
उत्तर :
दादी ने संदूक खोलकर सोने का कंगन निकाल कर दिया।

प्रश्न 10.
लेखक को किस सूचना पर सहज विश्वास नहीं हुआ?
उत्तर :
लेखक को दादी माँ की मृत्यु की सूचना पर सहज विश्वास नहीं हुआ।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्वार के महीने में गाँव के वातावरण में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर :
क्वार के आते ही रास्तों का कीचड़ सूख जाता है। मोथा और साई की अधगली घासें, बनप्याज की जड़ें तथा अन्य प्रकार की घासों के बीच सूरज की गर्मी में सड़कर विचित्र गंध देने लगते हैं। गाँव के लड़के झाग भरे जलाशयों में कूदते रहते हैं।

प्रश्न 2.
दादी माँ को बीमारियों का ज्ञान कैसा था तथा वे दवा करने के क्या उपाय करती थीं?
उत्तर :
दादी माँ हाथ, माथा, पेट छूकर भूत, मलेरिया सरसाम, निमोनिया तक का अनुमान लगा लेती थीं। वे लौंग, गुड़-मिश्रित जलधार, गुग्गल और धूप से इलाज करती थीं।

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प्रश्न 3.
दादी माँ के दो रूप इस कहानी में विखाई देते हैं? वे कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
दादी माँ का एक रूप तो वह है जब वे रामी की चाची से मय सूद के अपनी रकम वसूलने की धमकी देती हैं। दूसरा रूप वह है जब वे रामी की चाची की बिटिया की शादी के लिए सारा कर्ज माफ कर देती हैं तथा उसे दस रुपये भी दे देती हैं।

प्रश्न 4.
पिताजी और किशन भैया मन मारे क्यों बैठे थे?
उत्तर :
पिताजी और किशन भैया मन मारे कुछ सोच रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जिन पर रुपये थे, वे लौटाते नहीं थे। लोगों पर काफी बकाया था। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।

दादी माँ गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. कमजोरी ही है ……….. उठती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
2 लेखक की कमजोरी क्या है?
3. मित्र किस प्रकार का दोमुंहा व्यवहार करते हैं?
4. लेखक के सामने क्या नाच उठती है?
उत्तर:
1. यह गद्यांश ‘दादी माँ’ पाठ से लिया गया है।
2. लेखक की कमजोरी यह है कि जरा-सी मुश्किल के आने पर उसका मन प्राय: अनमना हो जाता है। अर्थात वह घबरा जाता है।
3. लेखक के मित्र उसे प्रसन्न करने के लिए मुंह पर तो आने वाली छुट्टियों की सूचना देते हैं और पीठ पीछे उसे कमजोर और घबराने वाला कहकर उसका मजाक उड़ाते हैं। इस प्रकार वे दोमुँहा व्यवहार करते हैं।
4. लेखक की आँखों के सामने शरद ऋतु की शीतल किरणों के समान स्वच्छ, शीतल किसी की धुंधली छाया नाच उठती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. कौन-सा नाम ऋतु का नाम नहीं है?
(क) गरमी
(ख) बरसात
(ग) विकलता
(घ) मेघ
उत्तर :
(घ) मेघ

2. शुभचिंतक कौन होते हैं?
(क) शोभाकारक
(ख) भला सोचने वाले
(ग) चिंतन करने वाले
(घ) अशुभ
उत्तर :
(ख) भला सोचने वाले

3. ‘प्रतिकूलता’ का विलोम शब्द है
(क) अनुकूलता
(ख) विकलता
(ग) व्याकुलता
(घ) विकूलता
उत्तर :
(क) अनुकूलता

4. ‘धुंधली छाया’ में रेखांकित शब्द है
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर :
(ग) विशेषण

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

2. दिन में …………… अनुमान करती।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. कौन, क्यों चादर लपेटे सोया था?
2. दादी माँ किस रूप में आई थीं?
3. दादी ने आते ही क्या किया?
4. वे चारपाई के पास बैठकर क्या करती?
उत्तर:
1. लेखक को बुखार चढ़ा था। दिन में कम था अतः वह चादर लपेटे हुए सोया हुआ था।
2. दादी माँ झागवाले जल में नहाकर आई थी। उसने अपने दुबले-पतले शरीर पर बिना किनारी की धोती पहन रखी थी। उसके सफेद बालों के सिरों से पानी की बूंदें टपक रहीं थीं।
3. दादी ने आते ही लेखक का सिर और पेट छुआ। आँचल की गाँठ खोलकर किसी शक्तिधारी चबूतरे की कुछ मिट्टी मुँह में डाली और कुछ माथे पर लगाई।
4. दादी माँ दिन-रात चारपाई के पास बैठी रहतीं। कभी पंखा से हवा करती, कभी हाथ-पैर को कपड़े से सहलाती, कभी सिर पर दालचीनी का लेप करती और कभी हाथ से छूकर बुखार का अंदाजा लगातीं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दादी माँ कैसे जल में नहा कर आईं थी?
(क) ठंडे
(ख) गरम
(ग) झागवाले
(घ) सफेद
उत्तर :
(ग) झागवाले

2. दादी माँ की धोती कैसी थी?
(क) सफेद
(ख) बिना किनारी की
(ग) दोनों तरह की
(घ) लाल
उत्तर :
(ग) दोनों तरह की

3. दादी माँ के बाल किसके समान सफेद थे?
(क) सन के
(ख) कपड़े के
(ग) धूप के
(घ) साबुन के
उत्तर :
(क) सन के

4. दादी माँ की क्रियाओं से उसका क्या झलकता था?
(क) डर
(ख) स्नेह
(ग) चिंता
(घ) दिखावा
उत्तर :
(ख) गरम मसाले का

5. दालचीनी किसका नाम है?
(क) चीनी का
(ख) गरम मसाले का
(ग) मिठाई का
(घ) दवा का
उत्तर :
(ख) गरम मसाले का

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

3. किशन के ……………. जा सका था।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. किसको शादी की बात का उल्लेख है?
2 विवाह के चार-पाँच रोज पहले क्या किया जाता है?
3. इसमें क्या दृश्य दिखाए जाते हैं?
4. लेखक बारात में क्यों नहीं जा सका?
उत्तर:
1. लेखक के बड़े भैया किशन की शादी का उल्लेख है।
2 विवाह के चार-पाँच रोज़ पहले से ही औरतें रात-रातभर जागकर गीत गाती हैं। विवाह की रात को अभिनय भी किया जाता है।
3. उसमें विवाह से लेकर पुत्रोत्पत्ति तक के सभी दृश्य दिखाए जाते हैं। इनमें सभी पार्ट औरतें करती हैं।
4. लेखक बीमार था अतः वह बारात में नहीं जा सका था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. किसके विवाह के दिनों की बात है?
(क) लेखक के
(ख) किशन के
(ग) राघव के
(घ) ममेरे भाई के
उत्तर :
(ख) किशन के

2. विवाह से चार-पाँच रोज पहले औरतें क्या करती है?
(क) रातभर गीत गाती हैं
(ख) अभिनय करती हैं
(ग) खाना पकाती हैं
(घ) तैयारियां करती हैं
उत्तर :
(क) रातभर गीत गाती हैं

3. ‘पुत्रोत्पत्ति’ का सही संधि-विच्छेद है
(क) पुत्र + उत्पत्ति
(ख) पुत्रो + उत्तपत्ति
(ग) पुत्रो + त्पति
(घ) पुत्र + उत्तपत्ति
उत्तर :
(क) पुत्र + उत्पत्ति

4. विवाह की रात को क्या होता है?
(क) गायन
(ख) अभिनय
(ग) वादन
(घ) खाना
उत्तर :
(ख) अभिनय

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

4. स्नेह और …………………………… करते थे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न:
1. दादी माँ कैसी थी?
2. दादी माँ क्या बात खूब जानतीं थीं?
3. वे क्यों उदास रहती थीं?
4. दादी माँ को यह संसार कैसा प्रतीत होता था? क्यों?
उत्तर:
1. दादी माँ स्नेह और ममता की मूर्ति थीं।
2 दादी माँ यह बात भली प्रकार जानती थी कि परिस्थितियों का घटनाचक्र जीवन को सूखे पत्ते के समान नचाता है अर्थात् मनुष्य का जीवन परिस्थितियों और घटनाओं के वशीभूत होकर चलता है।
3. दादाजी की मृत्यु के बाद दादी माँ बहुत उदास रहती थीं।
4. दादी माँ को यह संसार धोखे की टट्टी मालूम होता था क्योंकि यहाँ कदम-कदम पर धोखा था। दादाजी भी उनको धोखा देकर इस संसार से चले गए थे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दादी माँ किसकी मूर्ति प्रतीत होती थीं?
(क) स्नेह की
(ख) ममता की
(ग) स्नेह-ममता की
(घ) दया की
उत्तर :
(ग) स्नेह-ममता की

2. ‘वात्याचक्र’ कैसा शब्द है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(ग) देशज

3. दादी माँ की उदासी का कारण था
(क) दादा की मृत्यु
(ख) धन की कमी
(ग) लेखक की बीमारी
(घ) संसार का रवैया
उत्तर :
(क) दादा की मृत्यु

4. संसार दादी माँ को कैसा प्रतीत होता था?
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) धोखे की टट्टी
(घ) मिला-जुला
उत्तर :
(ग) धोखे की टट्टी

5. सचमुच मुझे ………………………….. नहीं रहीं?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न:
1. लेखक को दादी माँ कैसी लगों? क्यों?
2 लेखक ने क्या देखा?
3. हाथ में क्या काँप रहा है?
4. पत्र में क्या सूचना दी गई होगी?
उत्तर:
1. लेखक को दादी माँ शापभ्रष्ट देवी-सी लगी। वैसे तो दादी माँ त्याग और ममता की देवी थीं, पर किसी शाप के कारण धरती पर कष्टपूर्ण जीवन जीने आ गई थीं।
2 लेखक ने देखा कि दिन काफी चढ़ आया है, खजूर के पेड़ से उड़कर एक कौआ काले पंख फैलाकर उसकी खिड़की पर बैठ गया था। (अपशकुन की सूचना)
3. लेखक के हाथ में किशन भैया का पत्र काँप रहा है।
4. पत्र में दादी माँ की मृत्यु की सूचना दी गई होगी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. लेखक को दादी माँ कैसी लगी?
(क) देवी
(ख) शापध्रष्ट देवी-सी
(ग) सामान्य
(घ) विशिष्ट
उत्तर :
(ख) शापध्रष्ट देवी-सी

2. कौआ पहले कहाँ बैठा था?
(क) खजूर के पेड़ पर
(ख) खिड़की पर
(ग) नीम के पेड़ पर
(घ) दरवाजे पर
उत्तर :
(ख) खिड़की पर

3. ‘पाँख’ शब्द कैसा है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) दशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(ख) तद्भव

4. लेखक को किस पर विश्वास नहीं होता?
(क) आँखों पर
(ख) दादी की मृत्यु की सूचना पर
(ग) पत्र पर
(घ) किसी पर नहीं
उत्तर :
(ख) दादी की मृत्यु की सूचना पर

HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

दादी माँ Summary in Hindi

दादी माँ पाठ का सार

लेखक की एक कमजोरी है कि जरा सी कठिनाई पड़ते ही प्रायः उसका मन अनमना-सा हो जाता है। लेखक के मित्र और शुभचिंतक उसे आने वाली छुट्टियों की सूचना देकर प्रसन्न करने
का प्रयास करते हैं, पर पीछे से उसका मजाक उड़ाते हैं। लेखक ‘को लगता है कि क्वार के दिन आ गए हैं। चारों ओर पान हिलोरें ले रहा है। मोथा और साई की अधगली घासें, बनप्याज की जड़ें तथा तरह-तरह की बरसाती घासे विचित्र गंध छोड़ती जान पड़ती हैं। रास्तों का कीचड़ सूख गया है।

क्वार के दिनों में गंधपूर्ण झाग भरे जल में कूदकर नहाने के कारण वह बीमार हो गया। वैसे हलकी बीमारी लेखक को अच्छी लगती है। पर इस बार बुखार चढ़ा तो चढ़ता ही चला गया। रजाई पर रजाई ओढ़ी तब रात बारह बजे के बाद उतरा। दिन में चादर लपेटकर सोया था। दादी माँ नहाकर आई थीं। उनके दुबले-पतले शरीर पर सफेद विना किनारी की धोती थी। बाल सफेद सन जैसे थे तथा उनसे पानी की बूंदें टपक रही थीं। उन्होंने आते ही लेखक का सिर और पेट को छुआ।

आँचल की गाँठ खोलकर और चबूतरे की मिद्री मँह में डाली और माथे से लगाई। वह रात-दिन चारपाई के पास बैठी रहती और कभी पंखा झलती, कभी सिर पर दाल-चीनी का लेप करतीं और बार-बार छूकर बुखार का अनुमान लगातीं। वे अनेक प्रकार की जानकारियाँ लेती-जैसे हाँडी में पानी आया कि नहीं? उसे पीपल की छाल से छौंका या नहीं? खिचड़ी में मूंग की दाल एकदम मिल तो नहीं गई? कोई बीमार घर में सीधे तो नहीं चला आया ? आदि।

दादी माँ को गाँव में प्रयुक्त होने वाली पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। जब भी गाँव में कोई बीमार होता, वे वहाँ पहुँच जाती और यही सब बातें करती और दोहरातीं। सफाई की सीख उनसे ली जा सकती थी, दवा में देरी उनसे सहन नहीं होती थी। लेखक को बुखार तो अब भी आता है पर अब वह बात कहाँ ? मेस-महाराज अपने मन से पकाकर खिचड़ी या साबू दे जाता है, डॉक्टर नाड़ी देखकर कुनैन मिक्सर दे जाता है। पर अब बुखार बुलाने का मन नहीं करता।।

किशन भैया की शादी के मौके पर दादी माँ का उत्साह देखते – ही बनता था। उन्होंने घर को सिर पर उठा लिया था। वे सारा काम अपने हाथ से करना चाहती थीं। एक दिन दोपहर को दादी माँ किसी पर बिगड़ रही थी। वे धन्नों से अपने रुपए ब्याज सहित माँग रही थी। रामी की चाची दया की भीख माँग रही थी। बाद में उसी दादी ने पिछला सारा रुपया छोड़ दिया और दस रुपए को नोट देकर कहा-“धन्नो, जैसी तेरी बेटी, वैसी मेरी। दस-पाँच रुपए के लिए हँसाई न हो। देवता है बेटा, देवता।”

किशन के विवाह की बात है। चार-दिन पहले से ही गीत गाने लगे थे। लेखक बीमार होने के कारण बारात में न जा सका था। लेखक को एक चारपाई पर चादर उढ़ाकर सुला दिया। देबू की माँ ने चादर खींच ली। स्नेह और ममता की मूर्ति दादी माँ की एक-एक बात बड़ी अनोखी लगती है। दादा की मृत्यु के बाद से ही वे उदास रहती थी। दादा के श्राद्ध में दादी माँ के मना करने पर भी पिताजी ने जो अतुल संपत्ति व्यय की थी, वह घर की तो नहीं। एक माघ मास के कड़कती ठंड में दादी माँ गीली धोती पहने एक संदूक पदउ दिया जलाए हाथ जोड़कर बैठी थी। लेखक ने उनसे गीली धोती बदलने को कहा तो वे बोली-मुझे सरदी-गरमी नहीं लगती। लेखक ने एक सुबह पिताजी को किशन भैया के साथ उदास बैठे देखा। दादी ने पिताजी की आर्थिक समस्या को सुलझाने के लिए अपना कंगन निकालकर दे दिया।

दादी माँ शब्दार्थ

कठिनाई = मुश्किल (dificulty), शुभचिंतक = भला सोचने वाले (well-wisher),शीत = ठंड (cold), स्वच्छ = साफ (clear), विचित्र = अनोखी (strange), जलाशय = तालाब (pond), शीतलता = ठंडक (coleiness), ज्वर = बुखार (fever), किस्म = प्रकार (type), विश्रचिका = संक्रामक रोग (epedemic), उत्साह = जोश (zeal), निकसार = निकास, निकलने का दरवाजा (exit), निस्तार – छुटकारा (to get rid off), विह्वल – बैचेन (restless), पत्रोत्पत्ति = पत्र + उत्पत्ति बेटा पैदा होना (birth of son),आपत्ति – ऐतराज (objection), अप्रिय जो अच्छा न लगे (not good), सन्नाटा = चुप्पी (silence), विलीन = गायब (disappear).

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