Haryana State Board HBSE 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Hindi Solutions Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में
HBSE 9th Class Hindi इस जल प्रलय में Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे ?
उत्तर-
ज्योंहि बाढ़ आने की खबर सुनी तो वे घरों में आवश्यक सामग्री एकत्रित करने लगे। लोग ईंधन, आलू, मोमबत्ती दियासलाई, पीने का पानी व दवाइयाँ आदि जमा करने लगे तथा बाढ़ आने की प्रतीक्षा करने लगे। लोग घरों से निकल-निकलकर बाढ़ के पानी को देखने के लिए आ-जा रहे थे।
प्रश्न 2.
बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था ?
उत्तर-
लेखक पहले भी कई बार बाढ़ को देख चुका था। उसने कई बार बाढ़-पीड़ितों की सहायता भी की थी। यह नगर जोकि उसका अपना नगर था, में पानी किस प्रकार घुसा और उस पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह जानना बिल्कुल नया अनुभव होगा। इसलिए लेखक को नगर में घुसते हुए पानी को देखने की उत्सुकता थी। उसने रिक्शावाले को भी यही कहा था, “चलो, पानी कैसे घुस आया है, वही देखना है।”
प्रश्न 3.
सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है ?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं ?
उत्तर–
पानी कहाँ तक आ गया है’ नगर का प्रत्येक व्यक्ति यही जानने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा था। उसके इस कथन से नागरिकों की उत्सुकता, सुरक्षा और कौतूहल की भावना व्यक्त होती है। नगर के सब लोग इस नए अनुभव को अपनी आँखों से देखना चाहते थे। वे जीवन-मृत्यु के इस खेल के मोह को छोड़ नहीं पाए थे। उनका इस खेल में गहन आकर्षण था।
प्रश्न 4.
‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर-
लेखक ने बाढ़ के निरंतर बढ़ते हुए जल को मृत्यु का तरल दूत’ कहकर पुकारा है, क्योंकि बाढ़ के पानी ने न जाने कितने लोगों को मौत की गोद में सुला दिया है और न जाने कितने घरों को तबाह कर दिया है। यही कारण है कि लेखक ने बाढ़ के जल को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा है।
प्रश्न 5.
आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर-
आपदाओं से निपटने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं
(क) सरकार को संभावित खतरों या आपदाओं से निपटने के लिए साधन तैयार रखने चाहिएँ। उन सभी साधनों को सदा तैयार रखना चाहिए जो बाढ़ में या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय काम में लाए जाते हैं।
(ख) सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं में बराबर तालमेल बनाए रखना चाहिए, ताकि आपदा के समय इकट्ठे काम कर सकें।
(ग) स्वयंसेवी संगठनों को बिना किसी मतभेद के आपदा के समय मन लगाकर काम करना चाहिए।
(घ) सरकार द्वारा समय-समय पर स्वयंसेवी संगठनों को पुरस्कृत भी किया जाना चाहिए।
प्रश्न 6.
‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…..अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है ?
उत्तर-
इस कथन के माध्यम से लेखक ने जन-साधारण के मन में बैठी ईर्ष्या, द्वेष की भावना को अभिव्यक्त किया है। गाँव और शहर में भेद सदा ही बना रहा है। अतः नगर और गाँव के लोगों के मन में आपसी कटुता भी घर कर जाती है। यह कटुता ही उस गाँव के व्यक्ति के इस कथन से अभिव्यक्त हुई है। ग्रामीण चाहता है कि इन पटनावासियों का भी ग्रामीणों की भाँति ही नुकसान हो, तब इन्हें पता चलेगा कि बाढ़ से क्या-क्या कष्ट भोगने पड़ते हैं।
प्रश्न 7.
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी ?
उत्तर-
बाढ़ के आने का खतरा बढ़ता जा रहा था इसलिए अन्य सामानों की दुकानें बंद होती जा रही थीं। परंतु पान की बिक्री बढ़ गई थी, क्योंकि बाढ़ को देखने के लिए बहुत-से लोग वहाँ एकत्रित हो गए थे। वे बाढ़ से भयभीत नहीं थे, अपितु हँसी-खुशी और कौतूहल से युक्त थे। इसलिए वे समय गुजारने के लिए वहाँ खड़े थे। ऐसे में पान खाने की इच्छा उत्पन्न होना स्वाभाविक था।
इसलिए यह बात सही है कि दूसरे सामान की दुकानें बंद होने लगी थीं, किंतु पान की दुकान पर भीड़ बढ़ रही थी और पान की बिक्री भी अचानक बढ़ गई थी।
प्रश्न 8.
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए ?
उत्तर-
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने एक सप्ताह का भोजन रखने का प्रबंध किया। उसने किताबों के अलावा गैस की स्थिति के बारे में पत्नी से जानकारी ली। उसने ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, सिगरेट, पीने का पानी और नींद की गोलियों का प्रबंध भी किया।
प्रश्न 9.
बाढ़-पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है ?
उत्तर-
बाढ़-पीड़ित क्षेत्र में अकसर पकाही घाव हो जाते हैं। गंदे पानी से लोगों के पाँवों की उंगलियाँ गल जाती हैं और तलवों में भी घाव हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त हैजा, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों के फैलने की भी आशंका हो जाती है।
प्रश्न 10.
नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया ?
उत्तर-
एक के लिए दूसरे का पानी में कूद पड़ने से कुत्ते और नवयुवक के आत्मीय संबंध का बोध होता है। वे दोनों एक-दूसरे के सच्चे साथी थे। उनमें मानवीय होने या पशु होने का भेदभाव भी नहीं था। वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। कुत्ते को यदि नाव में स्थान नहीं दिया जाता तो नवयुवक भी नाव में नहीं बैठता और युवक के बिना कुत्ता नहीं रह सकता, वह बिना किसी डर के पानी में कूद पड़ता है।
प्रश्न 11.
‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप-रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा ?
उत्तर-
लेखक बाढ़ के दृश्य को पूरी तरह अनुभव कर लेना चाहता था। उधर उसका लेखक मन चाहता है कि वह बाढ़ के दृश्यों को पूर्ण रूप से संजो ले। यदि उसके पास मूवी कैमरा होता या टेप-रिकॉर्डर या कलम होती तो वह बाढ़ का निरीक्षण करने की बजाए उसका चित्रण करने में लग जाता। तब जीवन को साक्षात भोगने का अवसर उसके हाथ से निकल जाता।
प्रश्न 12.
आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
मीडिया जहाँ समस्याओं की ओर हमारा ध्यान खींचकर उनका हल प्रस्तुत करता है वहीं कभी-कभी वे समस्याओं के हल की अपेक्षा उनको बढ़ावा देते हैं। कुछ दिन पूर्व रेल में लगाई आग को इस रूप में प्रस्तुत किया गया जिससे रेल में लगी आग में मरे लोगों की पहचान करने व अन्य सहायता के काम करने की अपेक्षा लोगों में सांप्रदायिकता की भावना को भड़का दिया। इससे अनेक स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम दंगे हो गए। इस प्रकार मीडिया कभी-कभी समस्याओं के हल की अपेक्षा समस्याएँ उत्पन्न कर देता है।
प्रश्न 13.
अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सन् 1978 में टांगरी नदी का बाँध टूट जाने के कारण अंबाला छावनी व उसके आस-पास के क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी। वहाँ के पूरे सदर बाजार में चार-पाँच फुट पानी जमा हो गया था। सभी दुकानों के अंदर पानी घुस जाने के कारण लाखों करोड़ों रुपयों की हानि हुई थी। कुछ निचले क्षेत्रों में तो 8-9 फुट की ऊँचाई तक पानी चढ़ आया था। लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर जान बचाई थी। प्रातः होते-होते आस-पास के क्षेत्रों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। अनेक दूध बेचने वाले ग्वालों के पशु पानी में बह कर मर गए थे। दूसरे दिन जब पानी उतरा तो पता चला कि कुछ लोगों की पानी में डूबने के कारण मृत्यु हो गई थी, उनमें बच्चे व बूढ़े ही अधिक थे। उस बाढ़ के दृश्य को देखने वाले लोगों के दिल आज भी उसे याद करके काँप उठते हैं।
HBSE 9th Class Hindi इस जल प्रलय में Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
‘इस जल प्रलय में’ नामक पाठ का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘इस जल प्रलय में’ नामक पाठ में लेखक ने बाढ़ के दृश्य का सजीव चित्रण किया है। लेखक ने विभिन्न लोगों की बाढ़ आने पर होने वाली भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाओं का वर्णन सूक्ष्मतापूर्वक किया है। इसी प्रकार बाढ़ के आने पर या बाढ़ के आने की संभावना से उत्पन्न मानसिक वातावरण का वर्णन करना भी इस पाठ का उद्देश्य है। लेखक ने बताया है कि बाढ़ के आने की खबर सुनते ही लोगों के मन में भय-सा समा गया। लोगों ने अपना सामान समेटना आरंभ कर दिया और बाढ़ के आने पर जिन-जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उन वस्तुओं को भी एकत्रित करना आरंभ कर दिया। जिन लोगों ने बाढ़ के दृश्य को पहले कभी नहीं देखा था, उनके मन की दशा का भी सुंदर एवं सजीव चित्रण किया गया है। बाढ़ के समय सरकार के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था आदि का उल्लेख करके लेखक ने बाढ़ के दृश्य को संपूर्णता के साथ प्रस्तुत किया है। यही इस पाठ का प्रमुख लक्ष्य है।
प्रश्न 2.
गाँव के लोगों के पशु प्रेम पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
गाँव के लोग पशुओं को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। वे उनके सुख-दुःख से प्रभावित होते हैं। कुत्ता एक स्वामिभक्त प्राणी है। वह मनुष्य का सबसे अच्छा साथी है। सन् 1949 में जब महानंदा में बाढ़ आई थी, तो बीमारों को बाढ़ से बाहर ले जाने के लिए एक नाव मँगवाई गई। जब एक बीमार युवक अपने कुत्ते को लेकर नाव पर चढ़ने लगा तो डॉक्टर ने उस कुत्ते को ले जाने से मना कर दिया। उस नवयुवक ने उत्तर दिया कि यदि कुत्ते को नाव में नहीं ले जाने दिया गया तो मैं भी नाव पर नहीं जाऊँगा। यही काम कुत्ते ने भी किया, वह भी नाव से झट से नीचे कूद गया। इससे पता चलता है कि गाँव के लोगों के मन में पशुओं व जानवरों के प्रति बहुत प्रेम होता है।
प्रश्न 3.
‘मुसहरी’ कौन थे? वे अपनी किस विशेषता के लिए प्रसिद्ध रहे हैं ?
उत्तर-
‘मुसहरी’ आदिवासियों की एक जाति है। उनका प्रमुख व्यवसाय दोने-पत्तल बनाना है। इस जाति के लोगों की प्रमुख विशेषता उनकी जिंदादिली होती है। बाढ़ की मुसीबत भी उनकी इस विशेषता को नहीं छीन सकती। जब लेखक को पता चला कि ‘मुसहरी’ समाज के लोग बाढ़ में घिरे हुए हैं और मांस-मछली खाकर गुजारा कर रहे हैं। तो वह सेवादल के साथ उनके गाँव में पहुंचा वहाँ उसने देखा गाँव में ऊँचे स्थान पर एक मंच बनाया हुआ है और एक काला-कलूटा नट अपनी रूठी हुई दुल्हन का अभिनय कर रहा है और पुरुष बना नट उसे मनाने का अभिनय कर रहा है। ढोलक और मंजीरे पर आनंदोत्सव चल रहा है। वहाँ के लोग मुसीबत के समय में भी आनंदोत्सव मना रहे थे। इससे पता चलता है कि ‘मुसहरी’ जाति के लोग जिंदादिल होते हैं।
प्रश्न 4.
पठित पाठ के आधार पर राजेन्द्र नगर में आई बाढ़ के दृश्य का चित्रण कीजिए। .
उत्तर-
पटना नगर का राजेन्द्र नगर एक प्रमुख स्थान है। इस क्षेत्र में बाढ़ का पानी पश्चिम दिशा से प्रवेश हुआ था। पानी डोली के आकार में आगे बढ़ रहा था। उसके मुख पर मानो फेन (झाग) था। इसे देखने पर ऐसा लगा कि मानो उसके आगे-आगे किलोल करते हुए बच्चों की एक टोली आ रही है। पानी के समीप आने पर पता चला कि मोड़ पर रुकावट आने पर पानी उछल रहा था। धीरे-धीरे आस-पास शोर मच गया था। कोलाहल, चीख-पुकार और तेज बहने वाले पानी की कलकल ध्वनि। पानी धीरे-धीरे फुटपाथ को पार करके आगे बढ़ने लगा। थोड़ी ही देर में गोलंबर के गोल पार्क में भी पानी भर गया। पानी इतनी तेजी से बढ़ रहा था कि थोड़ी ही देर में दीवार की ईंटें एक-एक करके डूबने लगी थीं। पानी में बिजली के खंभे और पेड़ों के तने भी डूबते जा रहे थे।
प्रश्न 5.
बाढ़ जैसी भयानक आपदाओं से बचने के लिए आप कुछ उपाय सुझाइए। [H.B.S.E. March, 2018]
उत्तर-
बाढ़ जैसी आपदाओं से बचने के लिए हमें सर्वप्रथम अपने जरूरी सामान को सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए। हमें : बाढ़ के पानी को देखकर घबराना नहीं चाहिए अपितु दूसरों का भी साहस बंधाना चाहिए। बाढ़ के आने पर बिजली के उपकरणों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। घर में करंट आने का खतरा बढ़ जाता है। यदि फोन की सुविधा है तो पुलिस व अन्य सरकारी कार्यालयों को सूचना दे देनी चाहिए ताकि लोगों को बाढ़ जैसी आपदा से बचाने में सहायता मिल सके।
प्रश्न 6.
लेखक ने किसे गंवार और मुस्टंडा कहा था और क्यों ?
उत्तर-
लेखक ने दानापुर के एक अधेड़ ग्रामीण को गँवार एवं मुस्टंडा कहा था, क्योंकि उसका शरीर पूर्णतः स्वस्थ और मजबूत था। उसकी वाणी और व्यवहार असभ्य था। उस व्यक्ति ने पटनावासियों पर अपना सारा गुस्सा निकालते हुए कहा था “ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनिया बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए….. अब बूझो!” निश्चित रूप से ये शब्द कठोर और द्वेषपूर्ण थे। इसी कारण लेखक ने उसके लिए गंवार तथा मुस्टंडा शब्द प्रयोग किए थे।
प्रश्न 7.
बाढ़ के आने पर शहर के कुछ मनचले लोगों की कैसी प्रतिक्रिया हुई थी ?
उत्तर-
बाढ़ के आने पर नगर के कुछ मनचले लोगों को हँसी-मजाक की बातें सूझ रही थीं। वे बाढ़ की समस्या के प्रति जरा भी गंभीर नहीं थे। वे कह रहे थे कि अच्छा है, पूरा पटना नगर डूब जाए जिससे सबके पाप मिट जाएँगे। कुछ कह रहे थे कि गोलघर की मुंडेर पर बैठकर ताश खेली जाए। कुछ कह रहे थे कि इनकम टैक्स वालों को अपनी आसामियों पर इसी समय छापा मारना चाहिए। वे कहीं नहीं भाग सकेंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘इस जल प्रलय में शीर्षक पाठ हिंदी साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आता है ?
(A) संस्मरण
(B) निबंध
(C) रिपोर्ताज
(D) कहानी
उत्तर-
(C) रिपोर्ताज
प्रश्न 2.
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ के लेखक कौन हैं ?
(A) मृदुला गर्ग
(B) फणीश्वरनाथ रेणु
(C) जगदीश चंद्र माथुर
(D) शमशेर सिंह बहादुर
उत्तर-
(B) फणीश्वरनाथ रेणु
प्रश्न 3.
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ में किस सन् की प्रलयंकारी बाढ़ की घटना का वर्णन है ?
(A) सन् 1978 की
(B) सन् 1977 की
(C) सन् 1976 की
(D) सन् 1975 की
उत्तर-
(D) सन् 1975 की
प्रश्न 4.
प्रस्तुत पाठ में किस नगर में आई बाढ़ का उल्लेख किया गया है ?
(A) पटना
(B) पूर्णिया
(C) बस्ती
(D) बराऊनी
उत्तर-
(A) पटना
प्रश्न 5.
फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म कब हुआ था ?
(A) सन् 1901 में
(B) सन् 1911 में
(C) सन् 1921 में
(D) सन् 1922 में
उत्तर-
(C) सन् 1921 में
प्रश्न 6.
श्री रेणु का देहांत कब हुआ था ?
(A) सन् 1977 में
(B) सन् 1987 में
(C) सन् 1990 में
(D) सन् 1996 में
उत्तर-
(A) सन् 1977 में
प्रश्न 7.
लेखक ने ‘डायन कोसी’ नामक रिपोर्ताज किस सन् में लिखा ?
(A) सन् 1938 में
(B) सन् 1948 में
(C) सन् 1958 में
(D) सन् 1965 में
उत्तर-
(B) सन् 1948 में
प्रश्न 8.
‘जय गंगा’ नामक रिपोर्ताज की रचना किस वर्ष में की गई थी ? ‘
(A) सन् 1927 में
(B) सन् 1937 में
(C) सन् 1947 में
(D) सन् 1957 में
उत्तर-
(C) सन् 1947 में
प्रश्न 9.
लेखक को बाढ़ की पीड़ा को भोगने का अनुभव कब हुआ था ?
(A) सन् 1967 को
(B) सन् 1970 को
(C) सन् 1975 को
(D) सन् 1977 को
उत्तर-
(A) सन् 1967 को
प्रश्न 10.
कितने घंटे तक निरंतर वर्षा होने पर पटना में बाढ़ आई थी ?
(A) बारह
(B) अठारह
(C) बीस
(D) चौबीस
उत्तर-
(B) अठारह
प्रश्न 11.
सन् 1967 में किस नदी का पानी पटना नगर में घुस गया था ?
(A) पुनपुन
(B) कोसी
(C) गंगा
(D) कावेरी
उत्तर-
(A) पुनपुन
प्रश्न 12.
लेखक जब रिक्शा में बैठकर बाढ़ का पानी देखने निकला तो उनके साथ कौन था ?
(A) उनका एक रिश्तेदार
(B) आचार्य कवि-मित्र
(C) पत्रकार मित्र
(D) कैमरा मैन
उत्तर-
(B) आचार्य कवि-मित्र
प्रश्न 13.
‘स्वगतोक्ति’ का आशय है-
(A) अपने आप में कुछ बोलना
(B) अपनी प्रशंसा आप करना
(C) स्वयं से बातें करना
(D) दूसरों को अपनी बात कहना
उत्तर-
(A) अपने आप में कुछ बोलना
प्रश्न 14.
कवि ने ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा है ?
(A) अपने मित्र को
(B) बाढ़ के पानी को
(C) लोगों के समूह को
(D) काली घटा को
उत्तर-
(B) बाढ़ के पानी को
प्रश्न 15.
“चलो, पानी कैसे घुस गया है, वही देखना है।” ये शब्द किसने किसे कहे हैं ?
(A) लेखक ने मित्र से ।
(B) लेखक ने रिक्शावाले से
(C) लेखक के मित्र ने रिक्शावाले से
(D) एक राहगीर ने लेखक से
उत्तर-
(B) लेखक ने रिक्शावाले से
प्रश्न 16.
“ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए ….. अब बूझो!” इस कथन से ग्रामीण की कौन-सी भावना अभिव्यक्त हुई है ?
(A) आपसी सद्भाव
(B) परस्पर मैत्रीभाव
(C) ईर्ष्या-द्वेष
(D) घृणा भाव
उत्तर-
(C) ईर्ष्या-द्वेष
प्रश्न 17.
लेखक के अनुसार साहित्यिक गोष्ठियों में कैसे आदमी की तलाश रहती है ?
(A) शहरी आदमी की
(B) मध्यवर्ग के आदमी की
(C) अमीर आदमी की
(D) आम आदमी की
उत्तर-
(D) आम आदमी की
प्रश्न 18.
कौन-सा समाचार दिल दहलाने वाला था ?
(A) पानी स्टूडियो की सीढ़ियों तक आ गया है
(B) पानी से स्टूडियो डूब गया है
(C) अगले चौबीस घंटों में जोरदार वर्षा होगी
(D) बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ता आ रहा है
उत्तर-
(A) पानी स्टूडियो की सीढ़ियों तक आ गया है
प्रश्न 19.
अन्य दुकानों की अपेक्षा पान वालों की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी ?
(A) लोगों को भूख लगी हुई थी
(B) पान सस्ते हो गए थे
(C) ‘पान खाना’ समय गुजारने का अच्छा साधन था
(D) पान खाने से पानी का आतंक कम हो रहा था
उत्तर-
(C) ‘पान खाना’ समय गुजारने का अच्छा साधन था
प्रश्न 20.
गांधी मैदान में लेखक ने क्या देखा था ?
(A) भीड़
(B) बच्चों को खेलते हुए
(C) हरी घास को पानी में डूबते हुए
(D) नेता को भाषण देते हुए
उत्तर-
(C) हरी घास को पानी में डूबते हुए
प्रश्न 21.
जन संपर्क विभाग ने लोगों के लिए क्या संदेश दिया था ?
(A) वे रात को भी सावधान रहें
(B) वे पानी की चिंता छोड़ दें
(C) अपना सारा सामान लेकर छत पर बैठ जाएँ
(D) वे बाढ़ के समय जागते रहें
उत्तर-
(A) वे रात को भी सावधान रहें
प्रश्न 22.
बाढ़ आने पर मनचले लोग कैसी बातें कर रहे थे ?
(A) बाढ़ का नजारा अत्यंत सुंदर होता है
(B) बाढ़ आने से लूट का मजा आता है
(C) इनकम टैक्स वालों के लिए छापा मारने का सही मौका है
(D) यह मौज मस्ती का अवसर है
उत्तर-
(C) इनकम टैक्स वालों के लिए छापा मारने का सही मौका है
प्रश्न 23.
लेखक के अनुसार बाढ़ पीड़ितों को सबसे अधिक आवश्यकता किन चीजों की होती है ?
(A) भोजन की
(B) पानी की
(C) लकड़ी की
(D) दवाइयों की
उत्तर-
(D) दवाइयों की
प्रश्न 24.
लेखक चाहकर भी अपने मित्रों व स्वजनों से बात क्यों नहीं कर सका था ?
(A) वह थक गया था
(B) वे उससे नाराज थे
(C) टेलीफोन बंद हो चुके थे
(D) लेखक घबराया हुआ था
उत्तर-
(C) टेलीफोन बंद हो चुके थे
प्रश्न 25.
आपकी दृष्टि में बाढ़ में सबसे मार्मिक दृश्य क्या था ?
(A) छाती भर पानी में खड़ी गर्भवती महिला
(B) लोगों का चिल्लाना
(C) पशुओं का डूबना
(D) लोगों द्वारा सामान इकट्ठा करना
उत्तर-
(A) छाती भर पानी में खड़ी गर्भवती महिला
प्रश्न 26.
कौन-सी जाति के लोग बाढ़ से घिरे होने पर हँसी दिल्लगी नहीं छोड़ते ?
(A) ब्राह्मण
(B) यादव
(C) मुसहरी
(D) राजपूत
उत्तर-
(C) मुसहरी
इस जल प्रलय में Summary in Hindi
इस जल प्रलय में पाठ-सार/गद्य-परिचय
प्रश्न-
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ का सार/गद्य-परिचय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘इस जल प्रलय में’ शीर्षक पाठ में लेखक ने बाढ़ का वर्णन किया है। लेखक बिहार की राजधानी पटना में रहता है। उसका गाँव ऐसे क्षेत्र में है जहाँ हर वर्ष पश्चिम, पूर्व और दक्षिण की कोसी, पनार, महानंदा और गंगा की बाढ़ से पीड़ित लोग शरण लेते हैं। परती (बंजर भूमि) पर गाय, बैल, भैंस तथा बकरों के झुंड को देखकर लोग सहज ही बाढ़ की भयंकरता का अनुमान लगा लेते हैं। लेखक को तैरना नहीं आता। वह बाढ़ पर कई लेख लिख चुका है। लेखक ने विभिन्न वर्षों में आई बाढ़ों का वर्णन करते हुए बताया है कि सन् 1967 में भयंकर बाढ़ आई। तब उसका पानी राजेंद्रनगर, कंकड़बाग तथा अन्य निचले हिस्सों में भर गया था। तब लोगों ने आवश्यक सामग्री एकत्रित कर ली थी तथा बाढ़ की प्रतीक्षा करने लगे थे। इसी बीच कभी राजभवन तो कभी मुख्यमंत्री निवास के बाढ़ में डूबने के समाचार आते रहे। कॉफी हाउस भी पानी में डूब चुका था। लेखक अपने एक अंतरंग मित्र के साथ रिक्शा में बैठकर बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों को देखने के लिए निकलता है। उस समय दूसरे लोग भी बाढ़ का पानी देखकर लौट रहे थे। सभी लोगों की यह जानने की जिज्ञासा थी कि पानी कहाँ तक आ गया है और कहाँ तक आने की संभावना है। लेखक भी पहले तो लौटने का विचार कर रहा था, किंतु तभी उसने कुछ और आगे जाने का मन बना लिया। वह रिक्शा में बैठकर गांधी मैदान की ओर चल दिया। गांधी मैदान की रेलिंग के सहारे खड़े हजारों लोग बाढ़ के पानी को देख रहे थे।
संध्या हो चुकी थी। बहुत-से लोग पान की दुकान के सामने खड़े समाचार सुन रहे थे। पानी स्टूडियो तक आ चुका था। समाचार दिल दहलाने वाला था। किंतु लोग कुछ ज्यादा परेशान नहीं थे। वे अन्य दिनों की भाँति ही हँस-खेल रहे थे। उस पान वाले की बिक्री अवश्य बढ़ गई थी। कोई भी व्यक्ति बाढ़ से भयभीत नहीं दिखाई दे रहा था। हमारे ही चेहरे दुःखी लग रहे थे। कुछ लोग कह रहे थे कि एक बार पटना भी पूरी तरह से डूब जाए तो सारे पाप धुल जाएँगे। वे ताश खेलने के लिए बैठना चाहते थे कि तभी उनके मन में विचार आया कि इनकम टैक्स वालों को इसी समय छापा मारना चाहिए। उन्हें बहुत-सा माल एक ही स्थान पर मिल जाएगा।
लेखक अपने मकान पर पहुँचा ही था कि उसी समय लाउडस्पीकर से घोषणा करने वाली गाड़ी उनके मुहल्ले में पहुंची। वह घोषणा कर रही थी कि ‘भाइयो! ऐसी संभावना है कि बाढ़ का पानी रात के बारह बजे तक लोहानीपुर, कंकड़बाग और राजेंद्रनगर में घुस सकता है। अतः आप लोग सावधान रहें। लेखक घर में गैस की स्थिति का पता लगाता है। वह फिर सोने की कोशिश करता है पर नींद कहाँ आती है। वह उठ जाता है और कुछ लिखना चाहता है तो उसके मन में अनेक पुरानी यादें आने लगती हैं।
लेखक याद करता हुआ लिखता है कि 1947 में मनिहारी में बाढ़ आई थी। लेखक गुरु जी के साथ बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए उस क्षेत्र में गया था। उनकी हिदायत थी कि हर नाव पर दवा, माचिस तथा किरासन तेल अवश्य रहना चाहिए।
इसी प्रकार सन् 1949 में लेखक महानंदा की बाढ़ से घिरे बापसी थाना के एक गाँव में लोगों की सहायता के लिए पहुंचा। वे नाव पर चढ़ाकर बीमारों को कैंप तक ले जाना चाहते थे कि एक बीमार के साथ उसका कुत्ता भी चढ़ गया। किंतु दूसरे लोगों द्वारा एतराज करने पर वह व्यक्ति अपने कुत्ते समेत नाव से नीचे कूद गया था। लेखक सहायता के लिए कुछ और आगे गया तो पता चला कि वहाँ लोग कई दिनों से मछली व चूहों को झुलसाकर खा रहे हैं। जब ये लोग एक टोले के पास पहुंचे तो पता चला कि ऊँची-सी जगह पर मंच बनाकर ‘बलवाही’ लोक नाटक कर रहे हैं। लाल साड़ी पहने काला-कलूटा ‘नटुआ’ दुलहिन के हाव-भाव दिखला रहा था। वहाँ बैठे लोगों के चेहरों पर जरा भी बाढ़ का भय नहीं था।
इसी प्रकार सन् 1967 की बाढ़ में जब पुनपुन का पानी राजेंद्रनगर में घुस आया था, तो एक नाव पर कुछ सजे-धजे युवक-युवतियों की टोली किसी फिल्म में देखे हुए कश्मीर का आनंद घर बैठे लेने के लिए निकली थी। नाव पर चाय बन रही थी। एक युवती अनोखी अदा से नैस्कैफे के पाउडर को मथकर ‘एस्प्रेसो’ बना रही थी। दूसरी लड़की रंगीन पत्रिका पढ़ रही थी। एक युवक उस युवती के सामने घुटनों पर कोहनी टेककर डायलॉग बोल रहा था। ट्रांजिस्टर पर कोई फिल्मी गाना बज रहा था। लेखक रात के ढाई बजे तक जागता रहा, किंतु तब तक बाढ़ का पानी नहीं आया था। सभी लोग जागते रहे। उस समय लेखक के मन में अपने मित्रों के प्रति चिंता हुई कि न जाने किस हाल में होंगे। लेखक को नींद नहीं आ रही थी। वह फिर लिखने बैठ गया पर इस समय वह क्या लिखे। पाँच बजे लेखक फिर आवाज़ सुनता है कि पानी आ रहा है। वह दौड़कर छत पर गया। उसने देखा कि चारों ओर से लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। पानी की लहरों का नृत्य भी दिखाई दे रहा था। पानी तेज गति से सब कुछ अपने साथ समेटता हुआ आगे बढ़ रहा था। लेखक बाढ़ को तो बचपन से देखता हुआ आ रहा था, किंतु पानी इस तरह आता उसने कभी न देखा था।
कठिन शब्दों के अर्थ –
(पृष्ठ-1) : पीड़ित = दुःखी। पनाह = शरण। ट्रेन = रेलगाड़ी। विशाल = बहुत बड़ी। सपाट = सरल, सीधी। परती = वह जमीन जो जोती-बोई न जाती हो। विभीषिका = भयंकरता। रिलीफवर्कर = राहत पहुंचाने वाला कार्यकर्ता। प्रस्तुत किया = लिखा। छुटपुट = छोटे-छोटे। .
(पृष्ठ-2) : विनाश लीला = नाश करने वाली क्रिया। अविराम = निरंतर। वृष्टि = वर्षा । हैसियत = शक्ति। प्रतीक्षा = इंतजार। प्लावित = जिस पर बाढ़ का पानी चढ़ आया हो, जो जल में डूब गया हो। अबले = अधिक। अनवरत = निरंतर। अनर्गल = बेतुकी, व्यर्थ। अनगढ़ = बेडौल, टेढ़ा-मेढ़ा। स्वगतोक्ति = अपने आप से कुछ बोलना।
(पृष्ठ-3) : जुबान = जीभ। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। एरिया = क्षेत्र। आतंक = भय। बाबस = अचानक। समय = भय सहित। अस्फुट = अस्पष्ट । अनुनय = प्रार्थना। गैरिक = गेरुए रंग का। आवरण = पर्दा।
(पृष्ठ–4) : आच्छादित = ढका हुआ। शनैः शनैः = धीरे-धीरे। अधेड़ = चालीस वर्ष की आयु वाला। मुस्टंड = बदमाश। गंवार = ग्रामीण। उत्कर्ण = सुनने को उत्सुक। दिल दहलाने वाले = डरा देने वाले। चेष्टा = प्रयास। परेशान = दुःखी। आसन्न = पास आया हुआ। आदमकद = आदमी के कद के बराबर। मुहर्रमी = निराश, आतंकित।
(पृष्ठ-5) : हुलिया = वेशभूषा। धनुष्कोटि = एक स्थान का नाम। माकूल = सही। मौका = अवसर। बा-माल = माल सहित। पूर्ववत् = पहले की भांति । सुधि लेना = ध्यान रखना। अलमस्त = मौजमस्ती मनाने वाला, बेपरवाह। ऐलान करना = घोषणा करना।
(पृष्ठ-6) : गृहस्वामिनी = घर की मालकिन। अंदाज = अनुमान। आकुल = व्याकुल। बेतरतीब = बेढंगे। बालूचर = रेतीला क्षेत्र।
(पृष्ठ-7) : हिदायत = निर्देश। मुसहरी = एक जाति विशेष का नाम। बलवाही = एक लोक-नृत्य का नाम। दुलहिन = नई नवेली।
(पृष्ठ-8) : रिलीफ़ = राहत का सामान । भेला = नाव। झिंझिर = जल-विहार । अनोखी = अद्भुत। डायलॉग = संवाद । वॉल्यूम = ध्वनि। फूहड़ = बेसुरे।
(पृष्ठ-9) : एक्ज़बिशनिम = प्रदर्शनवाद। छूमंतर होना = समाप्त होना। आसन्नप्रसवा = जिसे आजकल में बच्चा होने वाला हो। बेहतर = बढ़िया।
(पृष्ठ-10-11) : उजले = सफेद। आ रहलौ = आ गया है। किलोल करना = क्रीड़ाएँ करना। अतिथिशाला = विश्राम गृह। अवरोध = रुकावट। कलरव = पक्षियों की ध्वनि। नर्तन = नाच। सशक्त = शक्तिपूर्वक। लोप होना = डूब जाना।