Haryana State Board HBSE 8th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Viram-Chinh विराम-चिह्न Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न
‘विराम’ शब्द का अर्थ है – रुकना या ठहरना। चलते-चलते या काम करते हुए व्यक्ति थोड़ा आराम करना चाहता है। इसी प्रकार लिखते समय लेखक अपने विचारों एवं भावों को सरल और सुबोध बनाने के लिए जहाँ कहीं रुकता है, वहीं विराम-चिह्न का प्रयोग करता है। इससे वाक्य-विन्यास और भावों की अभिव्यक्ति में स्पष्टता आ जाती है और सौंदर्य भी बढ़ जाता है।
नीचे दिए वाक्य पड़िए:
1. रोको मत जाने दो।
2. रोको, मत जाने दो।
3. रोको मत, जाने दो।
पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं होता। दूसरे और तीसरे वाक्य में अर्थ तो स्पष्ट है पर अल्प विराम की स्थिति के कारण अर्थ एक-दूसरे से उलट है।
हिन्दी में प्रमुख विराम-चिह्न निम्नलिखित हैं :
1. पूर्ण विराम (Full Stop) [।]
2. अल्प विराम (Comma) [,]
3. अर्थ विराम (Semi Colon) [:]
4. प्रश्नसूचक (Question Mark) [?]
5. विस्मयादिबोधक (Sign of Erclamation) [!]
6. अवतरण या उद्धरण चिह्न (Inverted Commas) [” “]
7. योजक (Hyphen) [-]
8. निर्देशक (Dash) [_]
9. कोष्ठक (Bracket) [()]
10. हंसपद (Sign of left out) [^]
इनमें से कुछ विराम-चिह्न वाक्य के अंत में लगते हैं और कुछ वाक्य के बीच में।
1. पूर्ण विराम (1) (Full Stop) : सामान्य कथन वाले सभी प्रकार के वाक्यों – सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य के अंत में पूर्ण विराम लगाया जाता है, जैसे
(क) आओ।
(ख) राम अच्छां लड़का है।
(ग) उसने कहा कि राम कल आ जाएगा।
(घ) प्रात:काल होगा और चिड़िया चहचहा उठेंगी।
2. अल्प विराम (,)(Comma) : अल्प विराम वाक्य के बीच में लगाया जाता है। इसके विभिन्न प्रयोग देखिए :
(क) दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई भारत के महानगर हैं।
(ख) कश्मीर की झीलें, बरफ से ढकी चोटियाँ, उद्यान और वहाँ के सीधे-सादे लोग पर्यटकों को आकृष्ट करते हैं।
(ग) हाँ, तुम ठीक कहते हो।
(घ) नहीं, वह ऐसा नहीं कर सकता।
(छ) 15 अगस्त, 1947 को देश स्वतंत्र हुआ।
(च) महोदय, पूज्य पिताजी।
3. अर्थ विराम (;)(Semi Colon) : पूर्ण विराम से कम देर रुकने के लिए अर्ध विराम का प्रयोग होता है। इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है:
(क) अब खूब परिश्रम करो ; परीक्षा सिर पर आ गई है।
(ख) मुझे बाजार से कपड़े, जूते, मोजे ; किताबें, कापियाँ ; कुछ मसाले खरीदने हैं।
4. प्रश्नसूचक चिह्न (?) (Sign of Interrogatiion) : प्रश्नसूचक चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है,
जैसे- तुम्हारा क्या नाम है?
5. विस्मयादिबोधक या संबोधन घिन (!)(Sign of Exclamation) : हर्ष, विषाद, घृणा, आश्चर्य, भय, प्रार्थना आदि सूचक पदों, पदबंधों, उपवाक्यों के अंत में इसे लगाया जाता है, जैसे-
(क) आह ! उसे कितनी पीड़ा हो रही है।
(ख) इतनी लंबी दीवार !
(ग) कैसा सुंदर दृश्य है!
(घ) साथियो ! अब बलिदान का समय आ गया है।
6. अवतरण या उद्धरण चिह्न (“..”) (Inverted Commas): अवतरण चिह्न के दो रूप हैं-
इकहरा (‘….’) और दुहरा (….”)। दोनों के प्रयोग की स्थिति देखिए :
इकहरे अवतरण चिह्न (……) का प्रयोग
1. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’।
2. इस कवि की रचना ‘परिमल’ लोकप्रिय है।
3. ‘नंदन’ बच्चों की पत्रिका है।
4. इस बालक पर यह कहावत लागू होती है-‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’।
दुहरे अवतरण चिह्न (“…”) का प्रयोग- गाँधी जी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है।”
7. योजक चिह्न (-) (Hyphen) : इस चिह्न का प्रयोग सामासिक पदों या पुनरुक्त और युग्म शब्दों के मध्य किया जाता है,
जैसे- भारत-रत्न, सुख-दुख, घर-घर, देश-विदेश।
8. निर्देशक चिह्न (_)(Dash) : यह चिह्न योजक से थोड़ा बड़ा होता है। इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता
(क) तुलसीदास का कथन है-“राम की महिमा अपार है।”
(ख) राम ने कहा -“लक्ष्मण, मेरा धनुष-बाण लाओ।”
(ग) उसकी किसी से नहीं बनती-न मित्रों से, न कर्मचारियों से और न घर के लोगों से।
9. कोष्ठक () (Bracket) : कोष्ठक का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है:
(क) दिशाएँ चार होती हैं-
(1) पूर्व
(2) पश्चिम
(3) उत्तर
(4) दक्षिण।
(ख) संज्ञा के तीन भेद हैं-
(क) व्यक्तिवाचक
(ख) जातिवाचक
(ग) भाववाचक।
(ग) भरत (दशरथ के पुत्र) महा तपस्वी थे।
10. हंसपद (त्रुटिपूरक) (^) (Sign of left out) : लिखते समय जब कोई अंश छूट जाता है तब उसके लिए इस चिह्न का प्रयोग करके छूटा अंश ऊपर लिख दिया जाता है, जैसे
अभ्यास
1. निम्नलिखित वाक्यों में उचित स्थान पर सही विराम-चिह्न का प्रयोग कीजिए :
1. कौन गा रहा है
2. सभी एक साथ चिल्ला उठे हम भी चलेंगे
3. विशेषण के चार भेद हैं गुणवाचक संख्यावाचक परिमाणवाचक संकेतवाचक
4. सूरदास की प्रसिद्ध रचना सूरसागर है।
5. जीवन क्या है सोचता हूँ तो एक ही उत्तर मिलता है युद्ध
2. विराम चिह्न लिखो-संबोधन, अल्प विराम, हंसपद, योजक चिह्न।