HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

HBSE 6th Class Science पदार्थों का पृथक्करण InText Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.
पहेली जानना चाहती है कि ऐसे पदार्थों को पृथक् करने की हमें आवश्यकता ही क्यों होती है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले हमें उसमें मिश्रित हानिकारक तथा अनुपयोगी पदार्थों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी हम उपयोगी पदार्थों को भी पृथक् करते हैं जिनकी हमें अलग से उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
नमक कहाँ से आता है?
उत्तर:
समुद्र के जल में अत्यधिक मात्रा में लवण मिले होते हैं। इन्हीं लवणों में से एक लवण साधारण नमक है। जब समुद्र के जल को बड़े-बड़े उथले गड्ढों में भरकर छोड़ दिया जाता है तो सूर्य की गर्मी से जल गर्म होकर वाष्पन द्वारा धीरे-धीरे वाष्प में बदलने लगता है। कुछ समय बाद सारा जल वाष्पित हो जाता है तथा ठोस लवण नीचे बच जाता है।

प्रश्न 3.
यदि हम जल की मात्रा निश्चित रखकर किसी पदार्थ की मात्रा निरन्तर बढ़ाते जायें तो क्या होगा?
उत्तर:
एक निश्चित मात्रा के बाद पदार्थ घुलना बंद कर देगा। अब यह विलयन संतृप्त विलयन बन जाता है।

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

HBSE 6th Class Science पदार्थों का पृथक्करण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक् करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
जब दो या दो से अधिक पदार्थ मिलाए जाते हैं तो वह मिश्रण कहलाता है। कभी-कभी किसी मिश्रण के विभिन्न अवयव उपयोगी नहीं होते बल्कि हानिकारक होते हैं, इसलिए मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है।
उदाहरण- अनाज, दाल आदि में उपस्थित कंकड़ तथाभूसे के कण हानिकारक होते हैं अतः हम इन्हें निकाल देते हैं।

प्रश्न 2.
निष्यावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
जब वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक् किया जाता है तो इसे निष्पावन कहते हैं।
प्रायः किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्न से पृथक् करने के लिए करते हैं।

प्रश्न 3.
पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक् करेंगे?
उत्तर:

  • हस्तचयन द्वारा ऐसा कर सकते हैं।
  • हस्तचयन द्वारा गेहूँ, चावल तथा दालों से कुछ बड़े मिट्टी के कों, पत्थर तथा भूसे को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?
उत्तर:
छालन द्वारा छोटे कण छलनी के छिद्रों द्वारा निकल जाते हैं, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी में रह जाती हैं।
उपयोग-छालन द्वारा पत्थर के टुकड़े, भूसा तथा डंडियाँ जो निष्पावन तथा श्रेशिंग के बाद गेहूँ में रह जाते हैं, को दूर किया जाता है।

प्रश्न 5.
रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक् करेंगे?
उत्तर:

  • मिश्रण को एक गिलास में थोड़ी देर के लिए रख देते हैं।
  • मिश्रण के भारी अवयव गिलास की तल्ली में बैठ जायेंगे। इसे अवसादन कहते हैं।
  • साफ जल ऊपरी परत के रूप में आ जायेगा।
  • इस जल को धीरे-धीरे अन्य गिलास में ले लेते हैं। इसे निस्तारण कहते हैं।

प्रश्न 6.
आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक् करना सम्भव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?
उत्तर:
हाँ, यह निम्न प्रकार से किया जा सकता है

  1. चीनी और आटे के मिश्रण में पर्याप्त जल मिलाते हैं।
  2. अब इसे छान लेते हैं।
  3. फिल्टर पेपर पर आटा एकत्र हो जाता है।
  4. आटा प्राप्त करने के लिए इसे सुखा लेते हैं।
  5. छना भाग चीनी व पानी का मिश्रण है।
  6. चीनी प्राप्त करने के लिए जल का वाष्पन कर लेते हैं।
  7. बर्तन में चीनी प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 7.
पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
पंकिल जल से हम स्वच्छ जल निम्न प्रकार प्राप्त कर सकते हैं

  1. पंकिल जल को किसी बर्तन में थोड़ी देर के लिए ऐसे ही रख देते हैं।
  2. कीचड़ नीचे तली में बैठ जायेगी। इसे अवसादन कहते हैं।
  3. ऊपरी परत स्वच्छ जल की होगी।
  4. इसे निस्तारण द्वारा अलग कर लेते हैं।
  5. कीचड़ के कणों को अलग करने के लिए इसे फिर छान लें। छानने को निस्पंदन कहते हैं।

प्रश्न 8.
रिक्त स्थानों को भरिए
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक् करने की विभि को ………………… कहते हैं।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ………………… कहलाती है।
(ग) समुद्र के जल से नमक ………………… प्रक्रिया द्वारा पृथक किया जाता है।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं। इसके पश्चात् स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक् कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ………………… कहते हैं।
उत्तर:
(क) श्रेसिंग
(ख) निस्यंदन
(ग) वाष्पन
(घ) निस्तारण।

प्रश्न 9.
सत्य अथवा असत्य ?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्पंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
(ग) चाय की पत्तियों का चाय से पृथक्करण निष्यंदन द्वारा किया जा सकता है।
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य।

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प्रश्न 10.
जल में चीनी तथा नीबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ डालकर इसे ठंडा करना चाहते है। इसके लिए शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना सम्भव होगा?
उत्तर:
(1) हमें शिकंजी में चीनी घोलने के बाद बर्फ डालनी चाहिए।
(2) बर्फ डालने से पहले चीनी घोलना अधिक सम्भव होता है। ठंडे पानी में चीनी घोलना कठिन होता है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

1. दही से मक्खन को निकाला जाता है-
(क) छानन द्वारा
(ख) मंथन द्वारा
(ग) वाष्पन द्वारा
(घ) निष्पावन द्वारा
उत्तर:
(ख) मंथन द्वारा

2. गेंहूँ, चावल आदि से कंकड़ निकालने की प्रचलित विधि है
(क)निस्पावन
(ख) ग्रेसिंग
(ग) हस्त चयन
(घ) फटकना
उत्तर:
(ग) हस्त चयन

3. किस प्रक्रिया में पवन की आवश्यकता होती है?
(क) निष्पावन में
(ख) हस्त चयन में
(ग) चालन में
(घ) निष्यंदन में
उत्तर:
(क) निष्पावन में

4. समुद्र जल से नमक पृथक् किया जाता है
(क) संघनन द्वारा
(ख) निष्यंदन द्वारा
(ग) निष्पावन द्वारा
(घ) वाष्पन द्वारा
उत्तर:
(घ) वाष्पन द्वारा

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II. रिक्त स्थान : निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए

1. मक्खन को पृथक करने के लिए दूध या दही का …………………. किया जाता है।
2. कभी-कभी …………………. का कार्य बैलों की सहायता से किया जाता है।
3. …………………. का उपयोग पवनों अथवा वायु के झोकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है।
4. जल को उसके वाष्प में बदलने की प्रक्रिया को …………………. कहते हैं।
उत्तर:
1. मंथन
2. बेंसिंग
3. निष्पावन
4. वाष्पन।

III. समेलन : कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. छलनी(i) आटा छानना
2. निस्तारण(ii) चाय की पत्ती को द्रव से पृथक करना
3. चालन(ii) पानी से नमक पृथक करना
4. वाष्पन(iv) पानी को मिट्टी से पृथक करना

उत्तर:

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. छलनी(ii) चाय की पत्ती को द्रव से पृथक करना
2. निस्तारण(iv) पानी को मिट्टी से पृथक करना
3. चालन(i) आटा छानना
4. वाष्पन(ii) पानी से नमक पृथक करना

IV. सत्य/असत्य : निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छोटिए

1. अशुद्धियों को दूर करने के लिए पृथक्कर प्रक्रिया आवश्यक होती है।
2. हस्त चयन द्वारा दाल एवं चावल से कंकड़ों को पृथक् किया जाता है।
3. वाष्पन द्वारा किसी भी प्रकार की अशुद्धि को दूर किया जा सकता है।
4. श्रेसिंग में मशीनों का उपयोग भी किया जाता है।
उत्तर:
1. सत्य,
2. सत्य
3. असत्य,
4. सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से कैसे पृथक् किया जाता है?
उत्तर:
चालनी (छलनी) द्वारा।

प्रश्न 2.
दूध से क्रीम पृथक करने की विधि का नाम बताइये।
उत्तर:
मंथन द्वारा दूध से क्रीम पृथक की जाती है।

प्रश्न 3.
क्या होता है जब रेत तथा बुरादे अथवा सूखी पत्तियों के मिश्रण को हवा में कुछ ऊँचाई से गिराया जाता (क्रियाकलाप)
उत्तर:
रेत जिस स्थान पर गिरता है, पत्तियाँ या बुरादी उससे कुछ दूर गिरता है। ऐसा करने से रेत एवं बुरादा या पत्तियाँ पृथक् हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
बाजार से खरीदे गए दाल, चावल, गेहूँ आदि में किस प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कंकड़, तिनके आदि।

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प्रश्न 5.
नीचे दिये गये कथनों में गहरे काले शब्दों को शुद्ध करके लिखिए
(क) किसी पदार्थ के विलयन को ठण्डा करने पर उसमें और अधिक पदार्थ घोला जा सकता है।
(ख) घर में मक्खन बनाने के लिए श्रेसिंग विधि का प्रयोग किया जाता है।
(ग) जल से नमक प्राप्त करने के लिए छानन विधि का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
(क) गर्म
(ख) मंथन विधि
(ग) वाष्पन विधि।

प्रश्न 6.
एक शब्द में उत्तर दीजिए
(क) भूसा अनाज के भारी बीजों से कैसे पृथक् किया जाता है?
(ख) जल से कूड़े-करकट को कैसे पृथक् करोगे? (ग) दाल में से कंकड़ कैसे अलग करोगे?
(घ) जल में मिट्टी के कणों के तली में बैठ जाने की विधि क्या है?
उत्तर:
(क) निष्पावन
(ख) छानन विधि
(ग) हस्त चयन
(घ) अवसादन।

प्रश्न 7.
चालन विधि का प्रयोग कहाँ किया जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:

  1. चालन द्वारा चाक पाउडर तथा आटा छाना जा सकता है।
  2. चालन द्वारा रेत से कंकड़ पृथक् किए जा सकते हैं।

प्रश्न 8.
शस्य कर्तन के समय अनाज को कैसे पृथक् करते हैं?
उत्तर:
इंडियों से पीट-पीटकर पृथक् करते हैं।

प्रश्न 9.
दूध या दही का मंथन करने पर क्या होता है?
उत्तर:
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन पृथक हो

प्रश्न 10.
हस्तचयन का एक अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर:
हस्तचयन द्वारा दाल में से कंकड़ों को पृथक किया जाता है।

प्रश्न 11.
अवसादन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यह पृथक्करण की एक विधि है, जिसमें भारी कण नीचे बैठ जाते हैं।

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प्रश्न 12.
चालन किसे कहते हैं? एक अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर:
छोटे कणों को हिला-हिलाकर बारीक छिद्रों से होकर पृथक् करना चालन कहलाता है।
अनुप्रयोग आटे को छानना।

प्रश्न 13.
वाष्पन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल का वाष्प के रूप में परिवर्तित होना वाष्पन कहलाता है।

प्रश्न 14.
संघनन किसे कहते हैं? उत्तर-वाष्प का द्रव में परिवर्तित होना संघनन कहलाता लिखिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
श्रेसिंग किसे कहते हैं? इसका एक अनुप्रयोग
उत्तर:
इंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज को पृथक् करने की क्रिया श्रेसिंग कहलाती है।
इस विधि द्वारा गेहूँ, चावल, जौ आदि के अन्न कण पृथक् किये जाते हैं।

प्रश्न 2.
निष्पावन क्या है? इस विधि के एक अनुप्रयोग का विवरण दीजिए।
उत्तर:
निष्पावन भारी तथा हल्के कणों को वायु या हवा द्वारा पृथक् करने की विधि को निष्पावन कहते हैं।
निष्पावन विधि द्वारा भुसे से अन्न कणों को पृथक किया जाता है। इस विधि में मिश्रण को ऊँचाई से गिराते हैं जिससे भूसे के कण हवा द्वारा उड़कर दूर चले जाते हैं।

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प्रश्न 3.
नमक, चीनी, सिरका, दूध की जल में कितनी मात्रा को आसानी से घोला जा सकता है? सूची बनाइए। (क्रिया कलाप)
उत्तर:

पदार्थजल में घुलने वाले पदार्थ की मात्रा (चम्मचों की संख्या)
1. नमकचार
2. चीनीपाँच
3. सिरकादस
4. दूधकाफी मात्रा

प्रश्न 4.
अवसादन और निस्तारण से आप क्या समझते
उत्तर:
अवसादन : किसी मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं।
निस्तारण : अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया को निस्तारण कहते हैं।

प्रश्न 5.
द्रवों के मिश्रण को पृथक करने में किस विधि का प्रयोग किया जाता है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
द्रवों के मिश्रण को अवसादन एवं निस्तारण विधि द्वारा पृथक किया जाता है। उदाहरण के लिए तेल एवं जल के मिश्रण को कुछ समय के लिए रखा रहने देते हैं। तेल जल के ऊपर एक पृथक परत के रूप में एकत्र हो जाता है। तेल को निष्तारण विधि द्वारा पृथक कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
जल से नमक पृथक् करने की दो विधियाँ लिखिए।
उत्तर:

  1. नमक युक्त जल को किसी चौडे व उथले बर्तन में रखकर धूप में कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे जल वाष्प बनकर उड़ जाता है तथा नमक शेष रह जाता है।
  2. नमक युक्त जल को किसी बर्तन में धीरे-धीरे गर्म करते हैं जिससे जल वाष्प बन जाता है तथा नमक बर्तन में बच जाता है।

प्रश्न 7.
समुद्र से नमक किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
समुद्र के किनारे छोटे-छोटे आकार की अनेक क्यारियाँ बना ली जाती हैं। अब इन क्यारियों में समुद्र का जल भर दिया जाता है। सूर्य के प्रकाश की गर्मी से जल वाष्प बनकर उड़ता रहता है और नमक क्यारी में बच जाता है। बाद में इसे एकत्र कर लिया जाता है और यह क्रिया पुनः दोहराई जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हम पदार्थों को पृथक् क्यों करते हैं? पृथक्करण का प्रक्रम, उद्देश्य तथा पृथक्कृत अवयवों की तालिका बनाइए। (कोई तीन प्रक्रम) (क्रिया कलाप)
उत्तर:
सारणी- हम पदार्थों को पृथक् क्यों करते हैं?

पृथक्करण प्रफ्रमउद्देश्य जिसके लिए हम पृथक्करण करते हैंप्रथक्कृत अवयर्वों का हम क्या करते हैं
1. चावल से ककड़ पत्थरों को पृथक् करना(क) हानिकारक अवयवों अथवा अशुद्धियों को दूर करना(i) हम अशुद्धियों को फेंक देते हैं।
2. मक्खन निकालने के लिए दूध का मंथन(ख) दो भिन्न परन्तु उपयोगी पदार्थों को पृथक करना(ii) हम दोनों अवयवों का उपयोग करते हैं।
3. चाय की पत्तियाँ पृथक् करना(ग) अनुपयोगी अवयवों को दूर करना(iii) ठेस घटकों को फेंक दिया जाता है।

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प्रश्न 2.
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन पृथक् करने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दूध से क्रीम तथा दही से मक्खन मंथन विधि द्वारा पृथक् किए जाते हैं।
दूध से क्रीम पृथक् करना – दूध को लम्बे-लम्बे सिलिण्डरों में लेकर इन्हें मशीन में रखकर तेजी से घुमाया जाता है। क्रीम के कण हल्के होने के कारण दूध की सतह पर तैरने लगते हैं जिन्हें छानकर पृथक् कर लिया जाता है।

दही से मक्खन पृथक् करना – दही को मथनी में लेकर इसे हस्तचालित मथानी या विद्युत प्रचालित मथानी से तीव्रता घुमाया जाता है। इससे मक्खन दही की सतह पर तैरने लगता है। मक्खन पृथक् करने के बाद छाछ शेष बचती है।

प्रश्न 3.
निष्पावन विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निष्पावन:
वायु के झोंकों द्वारा हल्की तथा भारी वस्तुओं को पृथक् करने की विधि निष्पावन कहलाती है। अनाज से तिनके, भूसे तथा रेत के कणों को निष्पावन विधि द्वारा पृथक् किया जाता है।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण -1
चित्र : निष्यावन
इस विधि में अशुद्धि युक्त अनाज को किसी पात्र में कुछ ऊँचाई पर ले जाकर धीरे-धीरे गिराया जाता है। हल्के कण जैसे—धूल, भूसा तथा तिनके वायु के झोंके के साथ दूर उड़ जाते हैं जबकि अनाज भारी कण होने के कारण उसी स्थान पर गिरते हैं। इस प्रकार अनाज को प्राप्त कर लिया जाता है।

प्रश्न 4.
पंकिल जल को पृथक् करने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंकिल जल को फिल्टर पत्र द्वारा निस्पंदन करके पृथक् किया जा सकता है। फिल्टर पत्र एक ऐसा निस्पंदक पत्र होता है जिसमें अत्यन्त सूक्ष्म छिद्र होते हैं। फिल्टर पत्र को विभिन्न कोणों पर मोड़कर एक कोन बना लिया जाता है। फिर इस कोन को कीप में रखकर बीकर के ऊपर स्टैण्ड पर कस दिया जाता है। अब कोन के अन्दर पंकिल जल को डालते हैं। शुद्ध जल फिल्टर से छनकर बीकर में एकत्र होता रहता है तथा पंक फिल्टर पत्र के कोन में रह जाती है।
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण -2

HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

पदार्थों का पृथक्करण Class 6 HBSE Notes in Hindi

→ किसी पदार्थ का प्रयोग करने से पहले हमें उसमें से मिश्रित निरर्थक एवं हानिकारक पदार्थों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है।
→ पदार्थों के पृथक्करण की अनेक विधियाँ हैं, जैसे हाथ से चुनना (हस्तचयन), थेसिंग, अवसादन, निस्तारण, नियंदन, वाष्पन, चालन आदि।
→ अनाज से भूसा और पत्थरों को हस्तचयन द्वारा पृथक् किया जाता है। भूसा और अनाज के भारी बीजों को निष्पावन विधि द्वारा पृथक् किया जाता है।
→ डंडियों से अन्न कणों अथवा अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को श्रेसिंग कहते हैं।
→ निष्पावन विधि का उपयोग पवन अथवा वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक् करने में किया जाता है।
→ रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक् किया जा सकता है।
→ द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थों के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक् किया जा सकता है।
→ किसी द्र को उसकी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं। वाष्पन की विधि का उपयोग द्रव में घुले ठोस को पृथक् करने में किया जाता है।
→ जिस विलयन में कोई पदार्थ और अधिक न घुल सके, वह उस पदार्थ का संतृप्त विलयन होता है।
→ किसी पदार्थ के विलयन को गर्म करने पर उसमें और अधिक पदार्थ घोला जा सकता है।
→ जल विलेय पदार्थों की विभिन्न मात्राएँ घोलता है।
→ मंथन – यह वह विधि है जिसमें दही को मथकर मक्खन पृथक् किया जाता है।
→ हस्तचयन – अनाज से कंकड़, मिट्टी के टुकड़े, अनुपयोगी कणों को हाथ से चुनकर अलग करना।
→ श्रेशिंग – इंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज को पृथक् करने की विधि।
→ निष्यावन – किसी मिश्रण के अवयवों को हवा द्वारा पृथक् करने का प्रक्रम।
→ चालन – मिश्रण के दो ऐसे अवयवों जिनके आकारों में अन्तर हो, को पृथक् करने के लिए उपयोगी विधि।
→ अवसादन – मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने की प्रक्रिया।
→ निस्तारण – अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया निस्तारण कहलाती है।
→ निस्पंदन – द्रव में मिश्रित ठोस कणों को पृथक् करने की विधि।
→ बाष्पन – जल को उसके वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।
→ संघनन – जल वाष्प से उसकी द्रव अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं।
→ विलयन – जल में अन्य पदार्थ घोलकर बना द्रव।
→ संतृप्त विलयन – किसी द्रव में कोई अन्य पदार्थ घोलने से विलयन बनता है। ऐसा विलयन जिसमें और अधिक पदार्थ न घोला जा सके संतृप्त विलयन कहलाता है।

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