HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 टिकट अलबम Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

HBSE 6th Class Hindi टिकट अलबम Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
अलबम पर किसने और क्यों लिखा? इसका असर क्लास के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर:
अलबम पर नागराजन के मामा ने यह लिखा- ए. एम. नागराजन। ‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है और मेरा रहेगा।’

यह उसने इसलिए लिखा ताकि कोई इसे चुराए नहीं। इस लिखे का क्लास के दूसरे लड़के-लड़कियों पर यह असर हुआ कि लड़कों ने इसे अपने अलबम में उतार लिया और लड़कियों ने कॉपियों तथा किताबों में टीप लिया।

प्रश्न 2.
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्या के मन की क्या दशा हुई?
उत्तर:
पहले राजप्पा के अलबम की धूम रहती थी, पर बाद में नागराजन का अलबम हिट हो गया। सभी उसकी ओर आकर्षित होने लगे। इससे राजप्पा के मन को बहुत ठेस पहुंचीं। वह मन-ही-मन कुढ़ने लगा। वह नागराजन को नीचा दिखाने के उपाय सोचता रहता।

प्रश्न 3.
अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर:
अलबम चुराते समय राजप्पा घबरा रहा था। उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। तब उसका पूरा शरीर जल रहा था। वह जानता था कि उसने गलत काम किया है।

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प्रश्न 4.
राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अंगीठी में क्यों डाल दिया?
उत्तर:
राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अंगीठी में इसलिए डाल दिया ताकि वह जलकर नष्ट हो जाए। वह पुलिस की पकड़ में नहीं आना चाहता था। वह चोर नहीं कहलवाना चाहता था।

प्रश्न 5.
लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर:
जिस प्रकार मधुमक्खी धीरे-धीरे शहद एकत्रित करके छत्ते में जमा करती है, उसी प्रकार राजप्पा जगह-जगह से टिकटें लाकर इकट्ठा करता था और उन्हें अपने अलबम में लगाता था। दोनों के काम में काफी समानता थी।

कहानी से आगे

1. टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। क्या तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोच सकते हो जिन्हें जमा किया जा सकता है? उनके नाम लिखो।
उत्तर:
पंखों, पत्तों, फूलों, बीजों, चित्रों आदि को जमा किया जा सकता है।

2. टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्या और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे?
उत्तर:
राजप्या ने घर-घर घूम-घूमकर टिकट एकत्रित किए थे। उसने एक देश के टिकट देकर दूसरे देश के टिकट लिए थे तथा अलबम में लगाए थे। इस काम में उसने बहुत परिश्रम किया था।
नागराजन का टिकट-अलबम मामा ने भिजवाया था, अत: उसे कोई परिश्रम नहीं करना पड़ा था।

3. इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है। जैसे, देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
उत्तर:
अन्य आधार हो सकते हैं-

  1. काल के आधार पर
  2. रंगों के आधार पर
  3. कीमत के आधार पर
  4. आकार के आधार पर।

4. कई लोग चीजें इकट्ठा कर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
उत्तर:
इसके पीछे यही प्रेरणा होती होगी कि उनका नाम सारा संसार जान जाए। उन्हें प्रसिद्धि पाने की इच्छा रहती होगी।

भाषा की बात

1. निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढकर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्या बनाओ।
खोसना, जमघट, टटोलना, कुड़ना, अगुआ, पुचकारना, खलना, हेकड़ी
उत्तर:
खोंसना: उसने साड़ी का पल्लू खोंस लिया।
जमघट: यहाँ पर लड़कों का जमघट लगा हुआ है।
टटोलना: सभी को अपनी जेब टटोलनी चाहिए।
कढ़ना: दूसरों की तरक्की पर कुढ़ना नहीं चाहिए।
अगुआ: वह लड़कों का अगुआ बनकर चला।
पुचकारना: रोते बच्चे को पुचकारना चाहिए।
खलना: मुझे तुम्हारी बातें खल रही हैं।
हेकड़ी: मुझे ज्यादा हेकड़ी मत दिखाओ, वरना पीट दूंगा।

2. कहानी में व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उल्टा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो।
उत्तर:
नीची आँखों
बगैर टिकट
शर्म-बेशर्म
नीचे-ऊपर
गीला-सूखा
अच्छे-बुरे
तेज-धीमी

सुनना-सुनाना

राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तम भी कोई गंभीर शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ। कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुःखांत होती हैं। इस कहानी के अंत में तुम क्या मानोगे? बताओ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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HBSE 6th Class Hindi टिकट अलबम Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
क्या राजप्पा नागराजन का अलबम देखना चाहता था?
उत्तर:
राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की इच्छा कभी नहीं प्रकट की। लेकिन जब दूसरे लड़के देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता। सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था।

प्रश्न 2.
राजप्पा के अलबम को किसने, कितने में खरीदना चाहा था? राजप्या ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
स्कूल-भर में राजप्पा का अलबम सबसे बड़ा था। सरपंच के लड़के ने उसके अलबम को पच्चीस रुपए में खरीदना चाहा था, पर राजप्या नहीं माना। “घमंडी कहीं का”, राजप्पा बड़बड़ाया था। फिर उसने तीखा जवाब दिया था, “तुम्हारे घर में जो प्यारी बच्ची है न, उसे दे दो न तीस रुपए में।” सारे लड़के उहाका मारकर हंस पड़े थे।

प्रश्न 3.
राजप्पा के व्यवहार में क्या परिवर्तन आ गया था?
उत्तर:
राजप्या मन-ही-मन कुढ़ता रहता था। स्कूल जाना अब उसे खलने लगा था और लड़कों के सामने आने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर-घुसा हो गया था। दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। सहसा जाने क्या सोचकर उठता, उठकर अलमारी खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है।

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प्रश्न 4.
राजप्या नागराजन के घर जाकर क्या करने लगा?
उत्तर:
नागराजन की बहन मीनाक्षी के नीचे चले जाने पर राजप्पा मेज पर बिखरी किताबों को टटोलने लगा। अचानक उसका हाथ दराज के ताले से टकरा गया। उसने ताले को खींचकर देखा। बंद था, क्यों न उसे खोलकर देख लिया जाए। मेज पर से उसने चाबी ढूंढ़ निकाली।

सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा। फिर जल्दी में दराज खोली। अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज के नीचे खोंस लिया और दराज बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा।

प्रश्न 5.
पुलिस के भय से राजप्पा ने अलबम का क्या किया?
उत्तर:
राजप्पा के घर के दरवाजा खटकने की आवाज तेज हो गई। राजप्मा ने तकिए के नीचे से अलबम उठाया और ऊपर भागा। अलमारी के पीछे छिपा दे। नहीं। पुलिस ने अगर तलाशी ली तो पकड़ा जाएगा। अलबम को कमीज के नीचे छिपाकर वह नीचे आ गया। बाहर का दरवाजा अब भी बज रहा था। राजप्पा बाथरूम में घुस गया। वहाँ की जलती अंगीठी में उसने नागराजन का अलबम डाल दिया।

प्रश्न 6.
राजप्पा की पूछ क्यों घट गई?
उत्तर:
जब से नागराजन के पास नया अलबम आया है तब से राजप्पा की पूछ घट गई। अब उसका अलबम पुराना पड़ गया था।

प्रश्न 7.
नागराजन अपना अलबम लड़कों को कैसे दिखाता था?
उत्तर:
नागराजन अपना अलबम लड़कों को शांतिपूर्वक दिखाता था। वह इसे किसी को हाथ नहीं लगाने देता था।

प्रश्न 8.
राजप्या टिकटें कैसे एकत्रित करता था?
उत्तर:
राजप्या टिकटें जमा करने के लिए सुबह आठ बजे से ही लड़कों के घरों के चक्कर लगाता था। वह आस्ट्रेलिया के दो टिकटों के बदले फिनलैंड का एक टिकट ले लेता था। इसी प्रकार पाकिस्तान के दो टिकटों के बदले रूप का एक टिकट ले लेता था।

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प्रश्न 9.
किसने नागराजन को एक ही दिन में मशहूर कर दिया?
उत्तर:
सिंगापुर से आए एक अलबम के पार्सल ने नागराजन को एक ही दिन में मशहूर कर दिया।

प्रश्न 10.
एक दिन राजप्पा ने क्या तय कर लिया?
उत्तर:
एक दिन राजप्पा ने तय कर लिया अब वह और अपमान नहीं सहन करेगा और नागराजन के अलबम को हथिया कर रहेगा।

प्रश्न 11.
अपू ने आकर राजप्पा को क्या बताया?
उत्तर:
अपू ने राजप्पा को बताया कि नागराजन का अलबम कहीं खो गया है।

प्रश्न 12.
राजप्पा की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
उत्तर:
जब राजप्पा ने अलबम अँगीठी में डाल दिया और वह जलने लगा तब उसे देखकर राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए।

टिकट अलबम गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. अब राजप्पा के अलबम को कोई पूछने वाला नहीं था। वाकई उसकी शान अब घट गई थी। राजप्पा के अलबम की लड़कों ने काफी तारीफ की थी। मधुमक्खी की तरह उसने एक-एक करके टिकट जमा किए थे। उसे तो बस एक यही धुन सवार थी। सुबह आठ बजे वह घर से निकल पड़ता। टिकट जमा करने वाले सारे लड़कों के चक्कर लगाता।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘वसंत’ में संकलित पाठ ‘टिकट-अलबम’ से लिया गया है। यह पाठ मूलतः तमिल में लिखा गया है, जिसका हिंदी अनुवाद सुमति अय्यर ने किया है।

व्याख्या:
पहले राजप्पा के अलबम की धूम थी। पर जब स नागराजन के पास उसके मामा द्वारा भेजा गया अलबम आया है तब से राजप्पा के अलबम को कोई नहीं पूछता। अब उसके अलबम की शान घट गई है। पहले राजप्पा के अलबम की काफी प्रशंसा हुई थी। राजप्पा ने इस अलबम के टिकट बड़े परिश्रमपूर्वक जमा किए थे।

उसे हर समय तरह-तरह के टिकट जमा करने की धुन सवार रहती थी। इस काम के लिए वह सुबह आठ बजे घर से निकल जाता था। वह उन लड़कों के घर चक्कर लगाया करता था जो टिकट जमा करने का शौक रखते थे। इस प्रकार उसने अपना टिकट अलबम तैयार किया था।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. अब किसके अलबम की पूछ नहीं रह गई थी?
2. पहले क्या स्थिति थी?
3. राजप्पा को क्या धुन सवार थी?
4. राजप्पा ने टिकटें कैसे जमा की थीं?
उत्तर:
1. अब राजप्या के अलबम की पूछ लड़कों में नही रह गई थी।
2. पहले लड़के राजप्पा के अलबम की काफी तारीफ़ करते थे।
3. राजप्पा को तरह-तरह की टिकटें जमा करने की धुन सवार थी।
4. राजप्पा प्रात: आठ बजे से ही अपने घर से निकल जाता था और लड़कों के चक्कर लगाकर टिकटें जमा करता रहता था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. अब किसे, कोई पूछने वाला नहीं था?
(क) राजप्पा को
(ख) राजप्पा के अलबम को
(ग) नागराजन को
(घ) नागराजन के अलबम को
उत्तर:
(ख) राजप्पा के अलबम को

2. राजप्पा ने मधुमक्खी की तरह क्या काम किया था?
(क) शहद इकट्ठा किया
(ख) टिकटें इकट्ठी की
(ग) अलबम तैयार की
(घ) घूमा-फिरा
उत्तर:
(ख) टिकटें इकट्ठी की

3. राजप्पा को क्या धुन सवार थी?
(क) टिकटें जमा करने की
(ख) लड़कों के घर जाने की
(ग) प्रात:काल उठने की
(घ) घूमने-फिरने की
उत्तर:
(क) टिकटें जमा करने की

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2. उस दिन शाम उसने जैसे तय कर लिया था, वह नागराजन के घर गया। अब कोई कितना अपमान सहे! नागराजन के हाथ अचानक एक अलबम लगा है, बस यही ना। वह क्या जाने टिकट कैसे जमा किए जाते हैं! एक-एक टिकट की क्या कीमत होती है वह भला क्या समझे! सोचता होगा, टिकट जितना बड़ा होगा, वह उतना ही कीमती होगा। या फिर सोचता होगा, बड़े देश का टिकट कीमती होगा। वह भला क्या समझे!

प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘टिकट-अलबम’ पाठ से ली गई हैं। नागराजन के अलबम की प्रशंसा राजप्पा पचा नहीं पा रहा था। उसने नागराजन के अलबम को चुराने की ठान ली।

व्याख्या:
एक दिन शाम को राजप्पा ने तय कर ही लिया कि वह नागराजन का अलबम हथिया कर ही रहेगा। उसने अपने मन में इसकी योजना भी बना ली। अब वह और अपमान नहीं सह सकता था, अत: वह नागराजन के घर जा पहुँचा। वह सोचता था कि नागराजन को तो बना-बनाया अलबम मिल गया। उसे यह भी पता नहीं कि टिकट कैसे जमा किए जाते हैं।

उसने (राजप्पा ने) स्वयं घूम-घूमकर टिकटें जमा की हैं। अत: वह उनकी कीमत जानता है। वह तो शायद यही जानता होगा कि जो टिकट जितना बड़ा है, वह उतना ही कीमती होगा अथवा वह बड़े देशों के टिकटों को कीमती समझता होगा। उसे तो टिकटों के महत्व के बारे में कुछ भी पता नहीं है। भला, इस मूर्ख व्यक्ति के पास इस प्रकार के अलबम की आवश्यकता ही क्या है? इस प्रकार के विचार उसे अलबम हथिया लेने को उकसा रहे थे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. किसने, क्या तय कर लिया था?
2. राजप्पा के अनुसार नागराजन क्या नहीं जानता?
3. नागराजन क्या सोचता होगा?
उत्तर:
1. राजप्पा ने यह तय कर लिया था कि वह नागराजन का अलबम हथिया कर रहेगा।
2. राजप्पा के अनुसार नागराजन यह नहीं जानता कि टिकट कैसे जमा किए जाते हैं। एक-एक टिकट की क्या कीमत होती है।
3. नागराजन यह सोचता होगा कि बड़े देश का टिकट अधिक कीमती होगा। वह बड़े टिकट को भी कीमती समझता होगा।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. राजप्पा कहाँ गया?
(क) नागराजन के घर
(ख) अपने घर
(ग) स्कूल
(घ) घर के बाहर
उत्तर:
(क) नागराजन के घर

2. राजप्पा क्या नहीं सहना चाहता था?
(क) क्रोध
(ख) अपमान
(ग) ईर्ष्या
(घ) उपेक्षा
उत्तर:
(ख) अपमान

3. नागराजन के हाथ अचानक क्या लगा है?
(क) अलबम
(ख) टिकट
(ग) राजप्पा
(घ) घर
उत्तर:
(क) अलबम

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टिकट अलबम Summary in Hindi

टिकट अलबम पाठ का सार

नागराजन को उसके मामाजी ने सिंगापुर से एक अलबम भिजवाया था। वह उसे लड़कों को दिखाया करता था। सभी लड़के नागराजन को घेरकर अलबम देखा करते थे। लड़कियाँ भी उस अलबम को देखने के लिए उत्सुक रहती थीं। पार्वती उन लड़कियों की अगुआ बनकर वह अलबम ले गई। लड़कियों को अलबम दिखाने के बाद वह वापस कर गई। राजप्पा के अलबम को पूछने वाला कोई न था। अब उसकी शान घट गई थी। उसने बड़े परिश्रमपूर्वक टिकट जमा किए थे।

वह एक देश की टिकट देकर दूसरे देश की टिकट लेकर जमा करता रहता था। स्कूल-भर में उसका अलबम सबसे बड़ा था। सरपंच के लड़के ने उसके अलबम को पच्चीस रुपए में खरीदना चाहा था, पर राजप्पा नहीं माना। पर अब उसक अलबम की कोई बात नहीं करता था। प्रत्यक्ष रूप से तो राजप्पा नागराजन के अलबम में रुचि नहीं दिखाता था, पर जब दूसरे लड़के उसे देख रहे होते तो वह नीची आँखों से देख लेता था।

सचमुच नागराजन का अलबम बेहद प्यारा था। उस पर मामा ने मोती जैसे अक्षरों में लिख भेजा था-ए. एम. नागराजना ‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’

लड़कों ने इसे अपने अलबम में उतार लिया। लड़कियों ने झट कॉपियों और किताबों में टीप लिया। राजप्पा मन ही मन कुढ़ता रहता। उसे स्कूल जाना खलने लगा तथा अन्य लड़कों के सामने जाने में उसे शर्म आने लगी। उसे अब अपने अलबम से चिढ़ होने लगी थी। एक दिन वह नागराजन के घर जा पहुंचा। वह नागराजन की मेज के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ देर बाद नागराजन की बहन कामाक्षी ऊपर आई। उसने अपने भाई के अलबम की तारीफ की तो राजप्पा चिढ़ गया।

कामाक्षी नीचे चली गई। राजप्या मेज पर पड़ी किताबें टटोलने लगा। उसने चाबी से मेज की दराज खोली। अलबम ऊपर ही रखा था। पहला पृष्ठ खोलकर पढ़ा। अलबम को झट कमीज के नीचे खोंस लिया। सीढ़ियों से उतरकर घर की ओर भागा। घर आकर उसने अलयम छिपा दिया। उस समय उसका पूरा शरीर जैसे जलने लगा। गला सूख रहा था। रात आठ बजे अपू आया। उसने बताया- “सुना तुमने, नागराजन का अलबम खो गया। हम दोनों शहर गए हुए थे, लौटकर देखा तो अलबम गायब।”

राजप्पा चुप रहा। उसने अप्पू को किसी तरह टाला। उसके जाने के बाद अलबम को निकालकर देखा और फिर छिपा दिया। रात को उसे नींद नहीं आई। सुबह अप्पू दोबारा आया और राजप्पा से पूछा- “कल तुम उसके घर गए थे? उसके पापा शायद पुलिस को खबर कर दें। उसके पापा डी.एस.पी. के दफ्तर में ही काम करते हैं।”

यह कहकर अपू अपने भाई के साथ चला गया। राजप्या के पापा दफ्तर चले गए थे। राजप्पा के घर के दरवाजे की साँकल खटकी तो उसे पुलिस आने का भय सताने लगा। राजप्पा अलबम को लेकर पिछवाड़े की ओर भागा। बाथरूम में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। वहाँ अँगीठी पर पानी गरम हो रहा था।

राजप्पा ने अलबम को अंगीठी में डाल दिया। अलबम जलने लगा। राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए। माँ के आवाज देने पर गीला तालिया लपेटकर वह बाहर आया और कपडे बदलकर ऊपर गया। वहाँ कुसी पर नागराजन बैठा हुआ था। उसने रोनी सूरत बनाकर कहा- “मेरा अलबम खो गया है यार।” राजप्पा ने उसे दिलासा देते हुए कहा- “रो मत यार।” राजप्पा अपना अलबम उठा लाया। उसने उसे नागराजन को देते हुए कहा- “लो यह रहा मेरा अलयमा अब इसे तुम रख लो।”

नागराजन को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ! उसने फिर पूछा- “ठीक है, मैं इसे रख लेता हूँ। पर तुम क्या करोगे?” राजप्पा बोला- “मुझे नहीं चाहिए।” बहुत जिद करने पर नागराजन उस अलबम को लेकर नीचे उतर गया। राजप्पा ने उसे पुकारकर कहा- “मैं आज रात इसे जी भरकर देखना चाहता हूँ। कल सुबह तुम्हें दे आऊँगा।” नागराजन ने अलबम लौटा दी। राजप्पा अलबम को छाती से लगाकर फूट-फूटकर रोने लगा।

टिकट अलबम शब्दार्थ

जमघट = आदमियों की भीड़, जमाव (Crowd)। टोली = मंडली, झुंड (Group)। उत्सुक = इच्छुक (Eager)। चबेना = चबाकर खाने वाली खाद्य सामग्री (Corn)। पगडंडी = खेत या मैदान में पैदल चलने वालों के लिए बना पतला रस्ता (Footpath)। फिसड्डी = काम में पीछे रह जाने वाला (Slow)। टीपना = हू-ब-हू उतारना, नकल करके लिखना (To copy)। बघारना = पांडित्य दिखाने के लिए किसी विषय की चर्चा करना (To show)। कोरस = एक साथ मिलकर गाना (Corus)। मशहूर = प्रसिद्ध, जाना = माना (Famous)। खलना = अखरना (Displeasing)। टरकाना = खिसका देना, टाल देना (To postpone)। हेकड़ी = जबरदस्ती, बलात कुछ करने की प्रवृत्ति (Rudeness)। भड़ लेना = भड़ा दना, सटा देना, बंद करना (To close)। सांकल = दरवाजा बंद करने के लिए लगाई जाने वाली लोहे की कड़ी (Iron chain)। फालतु = बेकार (Useless अक्सर-प्रायः (Generally)। गायब = खो जाना (Last) गला भर आना = कुछ न कह पाना (Choaked throat)।

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