HBSE 12th Class Political Science Solutions Chapter 7 समकालीन विश्व में सरक्षा

Haryana State Board HBSE 12th Class Political Science Solutions Chapter 7 समकालीन विश्व में सरक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Political Science Solutions Chapter 7 समकालीन विश्व में सरक्षा

HBSE 12th Class Political Science समकालीन विश्व में सरक्षा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पदों को उनके अर्थ से मिलाएँ
(i) विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स –CBMs) – (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज़
(ii) अस्त्र-नियन्त्रण – (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा-मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया
(iii) गठबन्धन – (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
(iv) निःशस्त्रीकरण – (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश।
उत्तर:
(i) विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स -CBMs) – (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान प्रदान की नियमित प्रक्रिया।
(ii) अस्त्र-नियन्त्रण – (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश
(iii) गठबन्धन – (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
(iv) नि:शस्त्रीकरण – (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज़।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसको आप सुरक्षा का परम्परागत सरोकार/सुरक्षा का अपारम्परिक सरोकार/ खतरे की स्थिति नहीं का दर्जा देंगे
(क) चिकेनगुनिया/डेंगी बुखार का प्रसार
(ख) पड़ोसी देश से कामगारों की आमद
(ग) पड़ोसी राज्य से कामगारों की आमद
(घ) अपने इलाके को राष्ट्र बनाने की माँग करने वाले समूह का उदय
(ङ) अपने इलाके को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की माँग करने वाले समूह का उदय।
(च) देश की सशस्त्र सेना को आलोचनात्मक नज़र से देखने वाला अखबार।
उत्तर:
(क) अपारम्परिक सरोकार
(ख) पारम्परिक सरोकार
(ग) खतरे की स्थिति नहीं
(घ) अपारम्परिक सरोकार
(ङ) खतरे की स्थिति नहीं
(च) पारम्परिक सरोकार।

HBSE 12th Class Political Science Solutions Chapter 7 समकालीन विश्व में सरक्षा

प्रश्न 3.
परम्परागत और अपारम्परिक सुरक्षा में क्या अन्तर है ? गठबन्धनों का निर्माण करना और उनको बनाये रखना इनमें से किस कोटि में आता है ?
अथवा
सुरक्षा की पारम्परिक और अपारम्परिक अवधारणा में कोई चार अंतर बताइये।
अथवा
सुरक्षा की पारम्परिक और अपारम्परिक अवधारणाओं में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
परम्परागत और अपारम्परिक सुरक्षा में निम्नलिखित अन्तर पाए जाते हैं

पारम्परिक सुरक्षा अपारम्परिक सुरक्षा
(1) पारम्परिक सुरक्षा की धारणा का सम्बन्ध मुख्य रूप से बाहरी खतरों से होता है। (1) अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में केवल बाहरी खतरा ही नहीं, बल्कि अन्य खतरनाक खतरों एवं घटनाओं को भी शामिल किया जाता है।
(2) पारम्परिक सुरक्षा की धारणा में एक देश को दूसरे देश के सैन्य खतरे की चिन्ता रहती है। (2) अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में एक देश को केवल दूसरे देश के सैन्य खतरे की चिन्ता ही नहीं रहती बल्कि अन्य स्रोतों से होने वाले खतरों की भी चिन्ता रहती है।
(3) पारम्परिक सुरक्षा की धारणा में एक देश की सेना व नागरिकों को दूसरे देश की सेना से खतरा होता है। (3) अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में देश के नागरिकों को विदेशी सेना के साथ-साथ देश की सरकारों के हाथों से भी बचाना आवश्यक होता है।
(4) पारम्परिक सुरक्षा की धारणा में खतरे का स्रोत विदेशी राष्ट्र या देश होता है। (4) अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में खतरे का स्रोत विदेशी राष्ट्र के साथ-साथ कोई अन्य भी हो सकता है।
(5) पारम्परिक सुरक्षा की धारणा में बाहरी आक्रमण के समय एक राष्ट्र तीन उपायों से उससे छुटकारा पा सकता है-

(क) आत्मसमर्पण करके

(ख) आक्रमणकारी राष्ट्र की बातें मानकर तथा

(ग) आक्रमणकारी राष्ट्र को युद्ध में हराकर।

(5) अपारम्परिक सुरक्षा की धारण्णा में एक राष्ट्र प्राकृतिक आपदाओं, आतंकवाद तथा महामारियों को समाप्त करके लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

गठबन्धन निर्माण एवं उसको बनाये रखना: गठबन्धन का निर्माण एवं उसको बनाये रखना, पारम्परिक सुरक्षा की धारणा की कोटि में आता है।

प्रश्न 4.
तीसरी दनिया के देशों और विकसित देशों की जनता के सामने मौजद खतरों में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
तीसरी दुनिया के देशों और विकसित देशों की जनता के सामने पैदा होने वाले खतरों में पहला अन्तर यह है, कि जहां विकसित देशों के लोगों को केवल बाहरी खतरे की आशंका रहती है, परन्तु तीसरी दुनिया के देशों को आन्तरिक व बाहरी दोनों प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त तीसरी दुनिया के लोगों को पर्यावरण असन्तुलन के कारण विकसित देशों की जनता के मुकाबले अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 5.
आतंकवाद सुरक्षा के लिए परम्परागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरम्परागत ?
उत्तर:
अपरम्परागत सुरक्षा।

प्रश्न 6.
सुरक्षा के परम्परागत परिप्रेक्ष्य में बताएँ कि अगर किसी राष्ट्र पर खतरा मण्डरा रहा हो तो उसके सामने क्या विकल्प होते हैं ?
उत्तर:

  • शत्रु देश के सामने आत्मसमर्पण कर देना।
  • शत्रु देश को युद्ध से होने वाले खतरों एवं हानि से डरना।
  • शत्रु देश के साथ युद्ध करके, उसे पराजित करना।

प्रश्न 7.
‘शक्ति-सन्तुलन’ क्या है ? कोई देश इसे कैसे कायम करता है ?
उत्तर:
शक्ति सन्तुलन का अर्थ-शक्ति सन्तुलन का अर्थ है कि किसी भी देश को इतना सबल नहीं बनने दिया जाए कि वह दूसरों की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाए। शक्ति सन्तुलन के अन्तर्गत विभिन्न राष्ट्र अपने आपसी शक्ति सम्बन्धों को बिना किसी बड़ी शक्ति के हस्तक्षेप के स्वतन्त्रतापूर्वक संचालित करते हैं। इस प्रकार यह एक विकेन्द्रित व्यवस्था है, जिसमें शक्ति तथा नीतियां निर्माणक इकाइयों के हाथों में ही रखी जाती हैं।

1. सिडनी बी० फे० के अनुसार, “शक्ति सन्तुलन सभी राष्ट्रों में इस प्रकार की व्यवस्था है, कि उनमें से किसी भी सदस्य को इतना सबल बनने से रोका जाए, कि वह अपनी इच्छा को दूसरों पर न लाद सके।”न्थो के अनसार, “शक्ति सन्तलन अन्तर्राष्टीय सम्बन्धों में सामान्य सामाजिक सिद्धान्त की अभिव्यक्ति है।” शक्ति सन्तुलन बनाये रखने के उपाय-एक देश निम्नलिखित उपाय करके शक्ति सन्तुलन को कायम रख सकता है

(1) शक्ति सन्तुलन बनाने के लिए एक साधारण तरीका गठजोड़ एवं प्रति गठजोड़ है। यह प्रणाली बहुत पुरानी है। इसका उद्देश्य होता है, किसी राष्ट्र की शक्ति बढ़ाना। छोटे और मध्यम राज्य इस प्रणाली द्वारा अपना अस्तित्व बनाए रखते हैं।

(2) शक्ति सन्तुलन बनाये रखने का एक तरीका शस्त्रीकरण एवं निःशस्त्रीकरण है। शक्ति सन्तुलन बनाये रखने के लिए विभिन्न राज्यों ने समय-समय पर शस्त्रीकरण एवं नि:शस्त्रीकरण पर जोर दिया है।

(3) शक्ति सन्तुलन बनाए रखने के लिए क्षतिपूर्ति भी एक महत्त्वपूर्ण साधन है। क्षतिपूर्ति का अर्थ यह है, कि एक राज्य को उतना वापिस देना, जितना उससे लिया गया है, ताकि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शक्ति सन्तुलन बना रहे।

(4) बफर राज्य के माध्यम से शत्रु राज्यों को दूर रखकर युद्ध को रोका जा सकता है।

(5) किसी राज्य में हस्तक्षेप करके अथवा अहस्तक्षेप द्वारा भी शक्ति सन्तुलन स्थापित किया जा सकता है।

(6) विरोधियों को बांटना और उनमें से किसी को तटस्थ बना देना और किसी को मित्र बना लेना भी सन्तुलन बनाए रखने का एक तरीका है।

(7) सन्तुलनधारी द्वारा भी सन्तुलन बनाया जा सकता है, जैसे कि वर्तमान समय में अमेरिका विभिन्न राज्यों के बीच एक सन्तुलन की भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न 8.
सैन्य गठबन्धन के क्या उद्देश्य होते हैं ? किसी ऐसे सैन्य गठबन्धन का नाम बताएँ जो अभी मौजूद है। इस गठबन्धन के उद्देश्य भी बताएँ।
उत्तर:
सैन्य गठबन्धन का उद्देश्य विरोधी देश के सैन्य हमले को रोकना अथवा उससे अपनी रक्षा करना होता है। सैन्य गठबन्धन बनाकर एक विशेष क्षेत्र में शक्ति सन्तुलन बनाये रखने का प्रयास किया जाता है। वर्तमान समय में नाटो नाम का एक सैन्य गठबन्धन कायम है। नाटो के मुख्य उद्देश्य हैं

  • यूरोप पर हमले के समय अवरोध की भूमिका निभाना।
  • सैन्य एवं आर्थिक विकास के अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए यूरोपीय देशों को सुरक्षा छतरी प्रदान करना।
  • भूतपूर्व सोवियत संघ के साथ होने वाले सम्भावित युद्ध के लिए यूरोप एवं अमेरिका के लोगों को मानसिक तौर पर तैयार रखना।

प्रश्न 9.
पर्यावरण के तेज़ नुकसान से देशों की सुरक्षा को गम्भीर खतरा पैदा हो गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने तर्कों की पुष्टि करें।
उत्तर:
विश्व स्तर पर पर्यावरण तेजी से खराब हो रहा है। पर्यावरण खराब होने से निस्संदेह मानव जाति को खतरा उत्पन्न हो गया, ग्लोबल वार्मिंग से हिमखण्ड पिघलने लगे हैं, जिसके कारण मालद्वीप तथा बांग्लादेश जैसे देश तथा भारत के मुम्बई जैसे शहरों के पानी में डूबने की आशंका पैदा हो गई है। पर्यावरण खराब होने से वातावरण में कई तरह की बीमारियां फैल गई हैं, जिसके कारण व्यक्तियों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है।

प्रश्न 10.
देशों के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है। इस कथन का विस्तार करें।
उत्तर:
विश्व में जिन देशों ने परमाणु हथियार प्राप्त कर रखे हैं, उनका यह तर्क है कि उन्होंने शत्रु देश के आक्रमण से बचने तथा शक्ति सन्तुलन कायम रखने के लिए इनका निर्माण किया है, परन्तु वर्तमान समय में इन हथियारों के होते हुए भी एक देश की सुरक्षा की पूर्ण गारंटी नहीं दी जा सकती। उदाहरण के लिए आतंकवाद तथा पर्यावरण के खराब होने से वातावरण में जो बीमारियाँ फैल रही हैं, उन पर परमाणु हथियारों के उपयोग का कोई औचित्य नहीं है। इसीलिए यह कहा जाता है, कि वर्तमान समय में जो खतरे उत्पन्न हुए हैं, उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है।

HBSE 12th Class Political Science Solutions Chapter 7 समकालीन विश्व में सरक्षा

प्रश्न 11.
भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किस, किस्म की सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए पारम्परिक या अपारम्परिक ? अपने तर्क की पुष्टि में आप कौन-से उदाहरण देंगे ?
उत्तर:
भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए भारत को पारम्परिक एवं अपारम्परिक दोनों प्रकार की सुरक्षा को वरीयता देनी चाहिए। क्योंकि भारत सैनिक दृष्टि से भी सुरक्षित नहीं है, एवं अपारम्परिक ढंग से भी सुरक्षित नहीं है। भारत के दो पड़ोसी देशों के पास परमाणु हथियार हैं, तथा उन्होंने भारत पर आक्रमण भी किया है। अत: भारत को पारम्परिक सुरक्षा की वरीयता देना आवश्यक है। इसके साथ-साथ अपारम्परिक सुरक्षा की दृष्टि से भारत में कई समस्याएं हैं, जिसके कारण भारत को अपारम्परिक सुरक्षा को भी वरीयता देनी चाहिए।

प्रश्न 12.
नीचे दिए गए कार्टून को समझें। कार्टून में युद्ध और आतंकवाद का जो सम्बन्ध दिखाया गया है उसके पक्ष या विपक्ष में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
युद्ध और आतंकवाद का गहरा सम्बन्ध है और पिछले कुछ वर्षों में जो युद्ध लड़े गए हैं उनका प्रमुख कारण आतंकवाद ही था। उदाहरण के लिए 2001 में आतंकवाद के कारण ही अमेरिका ने अफ़गानिस्तान में युद्ध लड़ा। दिसम्बर, 2001 में भारतीय संसद् पर हुए आतंकवादी हमले के कारण भारत एवं पाकिस्तान में युद्ध की स्थिति बन गई थी।

समकालीन विश्व में सरक्षा HBSE 12th Class Political Science Notes

→ वर्तमान समय में मानव सुरक्षा के खतरे बढ़ गए हैं।
→ सुरक्षा का आधारभूत अर्थ है-खतरे से स्वतन्त्रता।
→ राष्ट्रीय सुरक्षा की धारणा को सुरक्षा की पारम्परिक धारणा माना जाता है।
→ 11 सितम्बर, 2001 को अमेरिका पर आतंकवादी हमला हुआ।
→ मानव सुरक्षा देश की आन्तरिक शान्ति एवं कानून व्यवस्था पर भी निर्भर करती है।
→ सुरक्षा के नाम पर कई देशों ने परमाणु हथियारों का निर्माण किया है।
→ सुरक्षा के नाम पर ही निःशस्त्रीकरण की मांग की जाती है।
→ विश्व में ग़रीबी एक महत्त्वपूर्ण समस्या बनी हुई है।
→ विश्व के सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पातीं।
→ विकासशील देशों के अधिकांश लोग विकसित देशों में जाकर रहने की इच्छा रखते हैं, जिससे प्रायः मानवाधिकार की समस्याएं पैदा होती हैं।
→ भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।
→ भारत ने सदैव नि:शस्त्रीकरण का समर्थन किया है।

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