Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 3 मानव विकास Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 3 मानव विकास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
1. मानव के समग्र विकास के लिए अवसरों की प्राप्ति तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार कहलाता है
(A) जनगणना
(B) साक्षरता
(C) सकल घरेलू उत्पाद
(D) मानव विकास
उत्तर:
(D) मानव विकास
2. मानव विकास सूचकांक के कितने मापदंड हैं?
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 5
उत्तर:
(B) 3
3. मानव विकास के पहले प्रतिवेदन में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम कब प्रस्तुत किया गया?
(A) वर्ष 1970 में
(B) वर्ष 1975 में
(C) वर्ष 1985 में
(D) वर्ष 1990 में
उत्तर:
(D) वर्ष 1990 में
4. सन् 2018 में भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य कितना था?
(A) 0.533
(B) 0.790
(C) 0.582
(D) 0.568
उत्तर:
(B) 0.790
5. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार सबसे अधिक साक्षरता दर किस राज्य में थी?
(A) बिहार में
(B) केरल में
(C) हरियाणा में
(D) जम्मू-कश्मीर में
उत्तर:
(B) केरल में
6. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार सबसे कम साक्षरता दर किस राज्य में है?
(A) बिहार में
(B) केरल में
(C) हरियाणा में
(D) जम्मू-कश्मीर में
उत्तर:
(A) बिहार में
7. कौन-सा केंद्र-शासित प्रदेश साक्षरता दर के साथ प्रथम स्थान पर है?
(A) चण्डीगढ़
(B) लक्षद्वीप
(C) दमन और दीव
(D) दादरा और नगर हवेली
उत्तर:
(B) लक्षद्वीप
8. सन् 2011 के अनुसार, भारत के किस राज्य में सबसे अधिक मानव विकास सूचकांक (0.600 से अधिक) था?
(A) बिहार में
(B) केरल में
(C) उत्तर प्रदेश में
(D) सिक्किम में
उत्तर:
(B) केरल में
9. सन् 2011 के अनुसार, भारत के किस राज्य में सबसे कम मानव विकास सूचकांक (0.300 से 0.400) था?
(A) बिहार में
(B) केरल में
(C) उत्तर प्रदेश में
(D) सिक्किम में
उत्तर:
(A) बिहार में
10. सन् 2011 के अनुसार, भारत में कितने प्रतिशत लोग साक्षर हैं?
(A) 74.04%
(B) 65.38%
(C) 59.4%
(D) 80.30%
उत्तर:
(A) 74.04%
11. भारत में औसत जीवन प्रत्याशा कितनी है?
(A) 62 वर्ष
(B) 63 वर्ष
(C) 65 वर्ष
(D) 68 वर्ष
उत्तर:
(C) 65 वर्ष
12. 1999-2000 के आँकड़ों के अनुसार भारत में निर्धनता का प्रतिशत कितना था?
(A) 25.3%
(B) 26.1%
(C) 27.2%
(D) 28.5%
उत्तर:
(B) 26.1%
13. मानव विकास का प्रमुख तत्त्व नहीं है?
(A) शिक्षा
(B) दीर्घ व स्वस्थ जीवन
(C) उच्च जीवन स्तर
(D) बेरोज़गारी
उत्तर:
(D) बेरोज़गारी
14. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में जन्म-दर कितनी थी?
(A) लगभग 22 प्रति हजार
(B) लगभग 24 प्रति हजार
(C) लगभग 26 प्रति हजार
(D) लगभग 28 प्रति हजार
उत्तर:
(C) लगभग 26 प्रति हजार
15. प्रजनन दर, मानव विकास के कौन-से संकेतक से संबंधित है?
(A) सामाजिक संकेतक
(B) स्वास्थ्य संकेतक
(C) आर्थिक संकेतक
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(B) स्वास्थ्य संकेतक
16. जन्म के समय संभावित आयु क्या कहलाती है?
(A) जन्म-दर
(B) जनगणना
(C) जीवन प्रत्याशा
(D) साक्षरता
उत्तर:
(C) जीवन प्रत्याशा
17. निम्न जीवन स्तर का प्रतीक है-
(A) गरीबी
(B) कुपोषण
(C) निरक्षरता
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
18. उच्च जीवन स्तर का प्रतीक है
(A) शिक्षा
(B) रोजगार
(C) आय
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
19. निम्नलिखित में से मानव विकास सूचकांक मापना का आर्थिक संकेतक नहीं है-
(A) आय
(B) वेतन
(C) शिक्षा
(D) रोजगार
उत्तर:
(C) शिक्षा
20. निम्नलिखित में से मानव विकास सूचकांक मापना का स्वास्थ्य संकेतक है-
(A) अशोधित जन्म-दर
(B) अशोधित मृत्यु-दर
(C) शिशु मृत्यु-दर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
21. स्वस्थ जीवन का सूचक है-
(A) जीवन प्रत्याशा
(B) कुल प्रजनन दर
(C) अशोधित मृत्यु-दर व जन्म-दर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
22. किसके विचार में व्यक्तिगत मितव्ययता, सामाजिक धन की न्यासधारिता और अहिंसा एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी है?
(A) महात्मा गाँधी
(B) विवेकानंद
(C) यू०एन०डी०पी०
(D) शूमाकर
उत्तर:
(A) महात्मा गाँधी
23. भारत को ……………… मानव विकास दर्शाने वाले देशों में रखा गया है।
(A) निम्न
(B) मध्यम
(C) उच्च
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) मध्यम
24. विकास का प्रतीक समझा जाता है-
(A) औद्योगीकरण व कंप्यूटरीकरण
(B) उन्नत व आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ
(C) वैयक्तिक सुरक्षा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी
B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए
प्रश्न 1.
मानव विकास सूचकांक (2001) के अनुसार अधिकतम सूचकांक (0.600 से अधिक) वाले भारत के एक राज्य का नाम लिखें।
उत्तर:
केरल।
प्रश्न 2.
सन् 2001 के मानव विकास सूचकांक के औसत सूचकांक वाले भारत के एक राज्य का नाम लिखें।
उत्तर:
तमिलनाडु।
प्रश्न 3.
कौन-सा केंद्र-शासित प्रदेश साक्षरता-दर के साथ प्रथम स्थान पर है?
उत्तर:
लक्षद्वीप।
प्रश्न 4.
मानव विकास सूचकांक के कितने मापदंड हैं?
उत्तर:
तीन।
प्रश्न 5.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार सबसे कम साक्षरता दर किस राज्य में है?
उत्तर:
बिहार में।
प्रश्न 6.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत के किस राज्य में सबसे अधिक मानव विकास सूचकांक है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 7.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार सबसे अधिक साक्षरता दर किस राज्य में है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 8.
भारत के किस राज्य में सबसे कम मानव विकास सूचकांक है?
उत्तर:
बिहार में।
प्रश्न 9.
सन् 2011 के अनुसार भारत में कितने प्रतिशत (%) लोग साक्षर हैं?
उत्तर:
74.04 प्रतिशत।
प्रश्न 10.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता दर कितनी थी?
उत्तर:
64.84% या 65.38%।
प्रश्न 11.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में पुरुषों की साक्षरता दर कितनी थी?
उत्तर:
75.26%।
प्रश्न 12.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में महिलाओं की साक्षरता दर कितनी थी?
उत्तर:
53.67% या 54.16%।
प्रश्न 13.
सन 2001 की जनगणना के अनुसार भारत का कौन-सा राज्य सर्वाधिक साक्षर है?
उत्तर:
केरल (90.92%)।
प्रश्न 14.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत का कौन-सा राज्य न्यूनतम साक्षर है?
उत्तर:
बिहार (47.53%)।
प्रश्न 15.
सन् 1993 की मानव विकास रिपोर्ट का प्रमुख मुद्दा क्या था?
उत्तर:
लोगों की प्रतिभागिता एवं उनकी सुरक्षा।
प्रश्न 16.
‘स्माल इज़ ब्यूटीफुल’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
शूमाकर।
प्रश्न 17.
‘मानव विकास सूचकांक’ के लिए एक सामाजिक संकेतक का नाम लिखें।
उत्तर:
साक्षरता।
प्रश्न 18.
मानव विकास सूचकांक’ मापने के लिए एक स्वास्थ्य संकेतक का नाम लिखें।
उत्तर:
अशोधित जन्म-दर।
प्रश्न 19.
मानव विकास सूचकांक मापने के लिए एक आर्थिक संकेतक का नाम लिखें।
उत्तर:
वेतन।
प्रश्न 20.
भारत में औसत जीवन प्रत्याशा कितनी है?
उत्तर:
लगभग 65 वर्ष।
प्रश्न 21.
यू०एन०डी०पी० मानव विकास रिपोर्ट (2018) के अनुसार भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य कितना है?
उत्तर:
भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.790 है।
प्रश्न 22.
मानव विकास रिपोर्ट (2018) के अनुसार भारत के किस राज्य में मानव सूचकांक अधिकतम है?
उत्तर:
केरल में।
प्रश्न 23.
मानव विकास का क्या लक्ष्य है?
उत्तर:
मानव का कल्याण करना।
प्रश्न 24.
एक स्वस्थ जीवन के सूचक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- रोग व पीड़ा से मुक्त जीवन
- यथोचित दीर्घायु।
प्रश्न 25.
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट (2011) के अनुसार भारत में कितने प्रतिशत व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे हैं?
उत्तर:
लगभग 21.92%।
प्रश्न 26.
भारत का विश्व में मानव विकास सूचकांक-2011 में कौन-सा स्थान था?
उत्तर:
134वाँ।
प्रश्न 27.
भारत का विश्व में मानव विकास सूचकांक-2001 में कौन-सा स्थान था?
उत्तर:
126वाँ।
प्रश्न 28.
किसी एक राज्य का नाम लिखें जहाँ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनसंख्या (5% से कम) न्यूनतम है।
उत्तर:
गोवा।
प्रश्न 29.
किसी एक राज्य का नाम लिखें जहाँ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनसंख्या (10% से कम) न्यूनतम है।
उत्तर:
हरियाणा।
प्रश्न 30.
किसी एक राज्य का नाम लिखें जिसमें 40% से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है?
उत्तर:
बिहार।
अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव विकास से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानव के समग्र विकास के लिए अवसरों की प्राप्ति तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार मानव विकास कहलाता है।
प्रश्न 2.
मानव विकास को ‘साध्य’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
क्योंकि हर प्रकार का विकास मनुष्य के लिए किया जाता है। इसलिए मानव विकास साध्य है।
प्रश्न 3.
मानव विकास सूचकांक में कौन-से तीन मापदंड हैं?
उत्तर:
- दीर्घायु
- ज्ञान तथा
- उच्च जीवन-स्तर।
प्रश्न 4.
मानवीय विकास को मापने के लिए प्रयोग किए जाने वाले सूचकांक बताएँ।
उत्तर:
- स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक
- आर्थिक सूचकांक
- सामाजिक सूचकांक।
प्रश्न 5.
भारत में गरीबी के कोई चार कारण बताएँ।
उत्तर:
- अज्ञानता
- गरीबी
- निरक्षरता
- बीमारी व कुपोषण।
प्रश्न 6.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में जन्म-दर और मृत्यु-दर कितनी थी?
उत्तर:
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में जन्म-दर 26 प्रति हजार तथा मृत्यु-दर 8 प्रति हजार।
प्रश्न 7.
प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय कैसे निकाली जाती है?
उत्तर:
प्रश्न 8.
जनसंख्या कारक का पर्यावरण पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या का संसाधनों पर दबाव पड़ता है जिससे या तो वे समाप्त हो जाते हैं या उनका अभाव हो जाता है या उनका अतिशोषण होता है। इससे पर्यावरण का ह्रास होता है।
प्रश्न 9.
भारत में ग्रामीण गरीबी क्यों घट रही है?
उत्तर:
शिक्षा के प्रसार के कारण ग्रामीण गरीबी घट रही है। पढ़े-लिखे ग्रामीण आजीविका या रोजगार के लिए नगरों की ओर जा रहे हैं। रोजगार मिलने पर वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं। अब पढ़े-लिखे ग्रामीण सरकारी नौकरी हेतु अच्छी तैयारी कर स्थायी रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इस कारण भारत में ग्रामीण गरीबी घट रही है।
प्रश्न 10.
मानव संसाधन विकास और मानव विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव संसाधन विकास और मानव विकास में निम्नलिखित अंतर हैं-
मानव संसाधन विकास | मानव विकास |
1. मानव संसाधन विकास का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के उचित दोहन से है। | 1. मानव विकास का उद्देश्य मानव के समग्र विकास से है। |
2. इसमें केवल आर्थिक विकास ही सम्मिलित है। | 2. इसमें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास को सम्मिलित किया जाता है। |
प्रश्न 11.
मानव विकास और आर्थिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास और आर्थिक विकास में निम्नलिखित अंतर हैं-
मानव विकास | आर्थिक विकास |
1. मानव विकास का उद्देश्य मानव के समग्र विकास से है। | 1. आर्थिक विकास को प्रति व्यक्ति आय तथा सकल राष्ट्रीय उत्पाद जैसे संकेतकों के द्वारा मापा जाता है। |
2. इसमें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास को सम्मिलित किया जाता है। | 2. आर्थिक विकास एक साधन है। |
प्रश्न 12.
शिशु मृत्यु-दर क्या है?
उत्तर:
प्रति हजार जीवित जन्में बच्चों में से वर्ष में एक वर्ष से कम आयु वाले मृत बच्चों की संख्या को शिशु मृत्यु-दर कहते हैं।
प्रश्न 13.
मानव विकास रिपोर्ट-2011 के अनुसार भारत के उच्च मानव विकास सूचकांक मूल्य वाले किन्हीं आठ राज्यों को सूचीबद्ध करें।
उत्तर:
- केरल (0.790)
- हिमाचल प्रदेश (0.652)
- गोवा (0.617)
- पंजाब (0.605)
- महाराष्ट्र (0.572)
- तमिलनाडु (0.570)
- हरियाणा (0.552)
- गुजरात (0.527)।
प्रश्न 14.
दक्षिणी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के उच्च स्तरों के दो कारण बताइए।
उत्तर:
दक्षिणी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के उच्च स्तरों के कारण निम्नलिखित हैं-
1. साक्षरता अधिकांश दक्षिणी भारत के राज्यों की साक्षरता दर उत्तरी भारत के राज्यों से अधिक है। यहाँ शिक्षा का प्रसार व्यापक रूप से है जिस कारण इनका जीवन स्तर अच्छा है।
2. धनी एवं सीमांत वर्ग-यहाँ धनी एवं सीमांत वर्गों की जनसंख्या अधिक है। कम ही राज्य ऐसे हैं जहाँ की अर्थव्यवस्था पिछड़ी हुई है। अधिकांश राज्यों की अर्थव्यवस्था अच्छी है। इसी कारण यहाँ मानव विकास के उच्च स्तर हैं।
प्रश्न 15.
मानव विकास सूचकांक मापने के कौन-कौन-से संकेतक हैं?
अथवा
मानव विकास सूचकांक को मापने वाले संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक मापने वाले संकेतक निम्नलिखित हैं-
- स्वास्थ्य संकेतक-अशोधित जन्म-दर, अशोधित मृत्यु-दर, कुल प्रजनन दर, जीवन प्रत्याशा आदि।
- सामाजिक संकेतक-साक्षरता, शिक्षा, स्त्री साक्षरता आदि।
- आर्थिक संकेतक आय, वेतन, रोजगार, सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय आदि।
- मानव संकेतक-ज्ञान, कौशल, योग्यता आदि।
प्रश्न 16.
मानव विकास की कुंजी क्या है?
उत्तर:
मानव विकास की कुंजी भूख, गरीबी, अज्ञानता, निरक्षरता और अन्य प्रकार के विकारों से मुक्ति है।
प्रश्न 17.
वर्तमान में विकास का प्रतीक किसे समझा जाता है?
उत्तर:
- औद्योगीकरण
- कम्प्यूटरीकरण
- बृहत् शिक्षा प्रणाली
- उन्नत व वैज्ञानिक चिकित्सा सुविधाएँ
- वैयक्तिक सुरक्षा आदि।
प्रश्न 18.
भारत में आर्थिक दृष्टि से निम्न मानव विकास के तीन प्रतीक क्या हैं?
उत्तर:
भारत में आर्थिक दृष्टि से निम्न मानव विकास के प्रतीक निम्नलिखित हैं-
- बेरोजगारी
- प्रति व्यक्ति आय कम होना
- गरीबी।
प्रश्न 19.
भारत के किस राज्य में गरीबों की संख्या सबसे कम तथा किसमें सबसे अधिक है?
उत्तर:
भारत के गोवा में गरीबों की संख्या सबसे कम है तथा ओडिशा व बिहार में सबसे अधिक है।
प्रश्न 20.
केरल और लक्षद्वीप में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से अधिक क्यों है?
उत्तर:
केरल और लक्षद्वीप में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से अधिक होने का मुख्य कारण अधिक नगरीकरण होना है और यहाँ की अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं का शिक्षा प्रसार में अधिक योगदान देना है। इनके अतिरिक्त कुछ ईसाई मिशनरियों ने भी शिक्षा-प्रसार में योगदान दिया है।
प्रश्न 21.
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट 2001 एवं 2011 के अनुसार भारत के कोई तीन सर्वोच्च मानव विकास सूचकांक मूल्य वाले राज्यों के नाम बताएँ।
उत्तर:
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट-2001 के अनुसार-
- केरल (0.638)
- पंजाब (0.537)
- तमिलनाडु (0.531)।
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट-2011 के अनुसार-
- केरल (0.790)
- हिमाचल प्रदेश (0.652)
- गोवा (0.617)।
प्रश्न 22.
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट 2001 एवं 2011 के अनुसार भारत के कोई तीन न्यूनतम मानव विकास सूचकांक मूल्य वाले राज्यों के नाम बताएँ।
उत्तर:
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट-2001 के अनुसार-
- बिहार (0.367)
- असम (0.386)
- उत्तर प्रदेश (0.388)।
भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट-2011 के अनुसार-
- छत्तीसगढ़ (0.358)
- ओडिशा (0.362)
- बिहार (0.367)।
प्रश्न 23.
भारत में जीवन प्रत्याशा बढ़ने के कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर:
- बढ़ती खाद्य सुरक्षा
- चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं का फैलाव।
प्रश्न 24.
भारत में मानव विकास में पाई जाने वाली कोई दो असमानताएँ बताएँ।
उत्तर:
- जिन राज्यों का मानव विकास सूचकांक उच्च है उनकी साक्षरता दर अधिक है तथा जिन राज्यों का मानव विकास सूचकांक निम्न है उनकी साक्षरता दर कम है।
- उच्च मानव सूचकांक वाले राज्यों का आर्थिक विकास अच्छा है और निम्न मानव सूचकांक वाले राज्यों का आर्थिक विकास कम है।
प्रश्न 25.
स्वच्छ भारत मिशन के कोई दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर:
- अपरम्परागत ईंधन के साधनों; जैसे पवन व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना।
- जल से होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए प्रत्येक घर में पीने लायक पानी की उचित व्यवस्था करना।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव विकास के अंतर्गत जनसंख्या संसाधनों और विकास के बीच संघर्ष और अंतर्विरोधों का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
सर रॉबर्ट माल्थस पहले ऐसे विद्वान् थे जिन्होंने मानव जनसंख्या की तुलना में संसाधनों के अभाव के विषय में चिंता व्यक्त की। उनके अनुसार संसाधनों की उपलब्धता का होना इतना महत्त्वपूर्ण नहीं है जितना कि उनका सामाजिक वितरण, क्योंकि संसाधनों का वितरण असमान है। विकसित और समृद्ध देश और लोग संसाधनों के विशाल भंडारों तक पहुँच सकते हैं और उनका अधिकाधिक संसाधनों पर नियंत्रण करने के लिए किए गए प्रयत्नों और विशेषता को प्रदर्शित करने के लिए प्रयोग करना ही जनसंख्या संसाधनों और विकास के बीच संघर्ष और अंतर्विरोधों का प्रमुख कारण है।
भारतीय संस्कृति लंबे समय से ही जनसंख्या संसाधनों और विकास के प्रति संवेदनशील रही है तभी तो यहाँ के प्राचीन ग्रंथ भी प्रकृति के तत्त्वों के बीच संतुलन के प्रति चिंतित थे।
प्रश्न 2.
जीवन प्रत्याशा पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
जन्म के समय संभावित आयु लोगों की आयु में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
(1) 1951 में पुरुष जीवन प्रत्याशा 37.1 वर्ष थी जो बढ़कर 2011 में 62.6 वर्ष हो गई है।
(2) इसी प्रकार स्त्री जीवन प्रत्याशा 1951 में 36.2 वर्ष से बढ़कर 2011 में 64.6 वर्ष हो गई है। स्त्रियों में जीवन प्रत्याशा की वृद्धि एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। जीवन प्रत्याशा का बढ़ना जहां एक ओर बढ़ती खाद्य सुरक्षा की ओर इशारा करता है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार का भी सूचक है।
(3) 1951 में भारत में अनाजों व दालों की प्रति व्यक्ति व प्रतिदिन उपलब्धि 394.9 ग्राम थी, वह 2011 में बढ़कर 444.5 ग्राम हो गई।
प्रश्न 3.
मानव विकास क्यों आवश्यक है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास निम्नलिखित कारणों से आवश्यक माना जाता है
- मानव विकास से संबंधित सभी प्रक्रियाओं का अंतिम उद्देश्य मानवीय दशाओं को सुधारना तथा लोगों के लिए विकल्पों को बढ़ाना है।
- मानव विकास उच्चतर उत्पादकता का साधन है। स्वस्थ, शिक्षित और कुशल श्रमिक अधिक उत्पादन करने में सक्षम होते हैं।
- इसलिए मानव विकास में विनिवेश न्याय-संगत माना जाता है।
- मानव विकास परिवार के आकार को छोटा करने में सहायक है।
- मानव विकास भौतिक पर्यावरण के संरक्षण में सहायक है, क्योंकि गरीबी के घटने से वनों की कटाई, मरुस्थलीकरण तथा मृदा-अपरदन को रोका जा सकता है।
- मानव विकास स्वस्थ, सुदृढ़ और सभ्य समाज के निर्माण में सहायक होता है जिससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती हैं और सामाजिक स्थिरता बढ़ती है।
- मानव विकास सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ाता है तथा सामाजिक अशांति को कम करने में सहायक है।
प्रश्न 4.
भारत में संपूर्ण साक्षरता में प्रादेशिक भिन्नताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सन 2001 में भारत की साक्षरता-दर 64.84% थी। इसमें पुरुष साक्षरता 75.3% तथा स्त्रियों की साक्षरता 53.7% थी। भारत की साक्षरता-दर में प्रादेशिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। सन् 2011 के आँकड़ों के अनुसार भारत की साक्षरता में प्रादेशिक विभिन्नताओं के लक्षण निम्नलिखित हैं
- केरल की साक्षरता दर 93.9% है जो भारत में सर्वाधिक साक्षरता दर वाला राज्य है, जबकि बिहार में साक्षरता दर 63.8% है जो भारत के सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों का तुलना में सबसे कम है।
- लक्षद्वीप (92.3%) तथा मिजोरम (91.6%) का साक्षरता दर में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान है।
- कुल 22 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- कुल 13 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है।
- ऊँची साक्षरता दर वाले (72% से अधिक) राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश हैं केरल, मिजोरम, लक्षद्वीप, गोवा, दिल्ली, चंडीगढ़, पुद्दुचेरी, अण्डेमान और निकोबार द्वीप समूह तथा दमन व दीव।
प्रश्न 5.
भारत में 1951 से 2001 की अवधि में साक्षरता दर में प्रगति हुई है। वर्णन करें।
उत्तर:
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में साक्षरता दर तेजी से बढ़ी है। इसका वर्णन इस प्रकार है-
(1) साक्षरता दर 1951 में 18.33 प्रतिशत थी जो बढ़कर 2001 में 64.84 प्रतिशत हो गई। भारत के इतिहास में पहली बार 2001 की जनगणना में साक्षर लोगों की संख्या निरक्षर लोगों से अधिक है। पिछले दशक में 3.20 करोड़ निरक्षरों की संख्या कम हुई है।
(2) भारत में 80.30 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या तथा केवल 59.4 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या साक्षर है।
(3) 82.14 प्रतिशत पुरुष तथा 65.46 प्रतिशत स्त्रियाँ साक्षर हैं। स्पष्ट है कि देश में स्त्रियों और पुरुषों की साक्षरता दर में काफी अंतर है।
(4) ग्रामीण और शहरी स्त्रियों की साक्षरता दर में तो और भी अधिक अंतर है। उदाहरणतः ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री साक्षरता दर केवल 46.70 प्रतिशत है जबकि नगरीय स्त्री साक्षरता दर 73.20 प्रतिशत है।
(5) 1991-2001 के दौरान भारत में 7 वर्षों से अधिक आयु की जनसंख्या में 17.16 करोड़ की वृद्धि हुई है। जबकि इसी दशक में 20.36 करोड़ अतिरिक्त व्यक्ति साक्षर हुए हैं (20.36–17.16 =
3.20 करोड़ निरक्षर पिछले दशक में कम हुए हैं)
दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में मानव विकास के सामाजिक संकेतकों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
मानव विकास के सामाजिक सशक्तीकरण के सूचकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास तभी संभव है जब लोगों को भूख, गरीबी, अज्ञानता व निरक्षरता से छुटकारा मिले। सामाजिक संकेतकों के अंतर्गत साक्षरता, विशेष रूप से महिला साक्षरता, छात्र-अध्यापक अनुपात और स्कूल जाने वाले बच्चों का नामांकन बिम्ब आदि को शामिल किया जाता है। शिक्षा से प्राप्त विवेक मनुष्य को गरीबी के दुष्चक्र से निकालने की राह दिखाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में साक्षरता दर तेजी से बढ़ी है। साक्षरता दर 1951 में 18.33 प्रतिशत थी जो बढ़कर 2011 में लगभग 74 प्रतिशत हो गई।
प्रादेशिक भिन्नताओं के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों और स्त्रियों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, कृषि मज़दूर इत्यादि जैसे हमारे समाज के सीमांत या कमज़ोर तबकों में साक्षरता का प्रतिशत कम है। यद्यपि सीमांत वर्गों में साक्षरों का प्रतिशत सुधरा है तथापि धनी और सीमांत वर्गों की जनसंख्या के बीच साक्षरता के अनुपात का अन्तर समय के साथ बढ़ा है।
भारत में प्रारम्भिक शिक्षा को सर्वशिक्षा अभियान बनाकर राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया गया है। भारत में प्रारम्भिक शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया गया है। सशक्तीकरण का अर्थ है कि लोगों में अपने विकल्प चुनने की ताकत पैदा की जाए। यह ताकत बढ़ती हुई स्वतंत्रता, क्षमता और उत्पादकता से आती है। सुशासन और लोकोन्मुखी नीतियों से लोगों को सशक्त किया जा सकता है। मानव विकास के लिए जरूरी है कि सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों और विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तीकरण हो।
प्रश्न 2.
“विकास और पर्यावरण हास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
अथवा
जनसंख्या पर्यावरण और विकास में संबंध का वर्णन करें।
उत्तर:
विकास बीसवीं सदी की अनुपम देन माना जाता है। उपभोगवाद की संस्कृति ने अधिक उत्पादन का दौर आरंभ किया। अधिक उत्पादन के लिए हमने प्राकृतिक संसाधनों का तीव्र गति से शोषण किया। आज संसाधनों के अति दोहन और अधिक उत्पादन के फलस्वरूप पृथ्वी की उष्णता बढ़ रही है, ओजोन परत में छिद्र हो रहा है, वनों का विनाश हो रहा है, मृदा अपरदन हो रहा है तथा मरुस्थलीकरण बढ़ रहा है। अधिकतम विकास के नाम पर हमने प्रकृति की सीमाओं को खंडित कर दिया है।
विकास का परिणाम असहनीय बनता जा रहा है। औद्योगिक क्रांति के दौरान अनेक उद्योगों की स्थापना हुई जिससे वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हुई। औद्योगिक क्रांति के बाद विज्ञान एवं तकनीकी विकास ने पर्यावरण को अत्यधिक प्रभावित किया जिसके परिणामस्वरूप आज ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन छिद्रीकरण, जलवायु परिवर्तन तथा पारिस्थितिकीय असंतुलन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जनसंख्या, पर्यावरण और विकास के बीच अटूट संबंध है। पर्यावरण के निम्नीकरण से तथा संसाधनों के लगातार कम होने की स्थिति में विकास जारी नहीं रह सकता। जनसंख्या का पर्यावरण संसाधनों पर दबाव पड़ता है जिससे या तो वे समाप्त हो जाते हैं या उनका अभाव हो जाता है या उनका अतिशोषण होता है। इससे पर्यावरण का ह्रास होता है जबकि मानव विकास में पर्यावरण का अहम् योगदान है। उचित अवसरों की प्राप्ति तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के बिना मानव विकास संभव नहीं है। दूसरे शब्दों में, विकास और पर्यावरण ह्रास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
प्रश्न 3.
भारत के गरीबी अनुपात में प्रादेशिक विषमताओं का वर्णन करें।
उत्तर:
भारत के गरीबी अनुपात में प्रादेशिक विषमताओं का वर्णन निम्नलिखित है
(1) 1973-74 में लगभग 55 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुज़ार रहे थे जो घटकर 1999-2000 में 26.1 प्रतिशत रह गए अर्थात् आज भी भारत के लगभग 26 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुज़ार रहे हैं।
(2) ग्रामीण तथा नगरीय गरीबी में व्यापक असमानताएँ पाई जाती हैं। उदाहरणतः निर्धनता का अनुपात गाँवों में 27.09 प्रतिशत तथा नगरों में 23.62 प्रतिशत और संपूर्ण भारत में (औसत) 26.10% है।
(3) सामान्यतः गरीब वर्ग में बेरोजगार, भूमिहीन, कृषि मजदूर, अनियमित मजदूर, आदिवासी और शारीरिक रूप से चुनौती झेल रहे व्यक्ति आते हैं। देश में गरीबी के स्थानिक अथवा प्रादेशिक विवरण में भारी विषमताएँ हैं जिन्हें अभी कम करना बाकी है। देश के लगभग 75% गरीब ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। राज्य स्तर पर गरीबी के अनुपात तथा इसके कम होने की दर में अत्यधिक विषमताएँ पाई जाती हैं। बड़े राज्यों में ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु महत्त्वपूर्ण हैं जहाँ 1983 में आधी से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे रह रही थी, लेकिन सन् 2019 के आते-आते तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात बहुत कम रह गया जबकि ओडिशा व बिहार में इतना सुधार नहीं हुआ। मध्य प्रदेश, सिक्किम, असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैण्ड इत्यादि राज्यों की 20 प्रतिशत से ज़्यादा जनसंख्या गरीबी की रेखा से नीचे बसर कर रही है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा गोवा में गरीबी कम है।
प्रश्न 4.
पर्यावरण पर मानव के प्रभाव को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यावरण पर मानव का प्रभाव प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से पड़ता है। संसाधनों के दोहन और उपयोग से वायु, जल तथा मिट्टी प्रदूषित होती है जिससे पर्यावरण के विभिन्न संघटकों पर असर पड़ता है। प्राकृतिक संसाधनों के ग्रहण और उपयोग दोनों से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण की गुणवत्ता पर निम्नलिखित तीन कारकों का प्रभाव है
उपयोग किए गए संसाधनों की मात्रा तथा उत्पादन की प्रति इकाई के अनुसार प्रदूषण की उत्पत्ति
प्रति व्यक्ति उत्पादन और उपभोग तथा जनसंख्या।
उपरोक्त कारकों के पर्यावरण पर प्रभाव के विश्लेषण को निम्नलिखित सूत्र द्वारा दर्शाया गया है
I = PAT
यहाँ पर, I = पर्यावरणीय प्रभाव, P = जनसंख्या (वृद्धि और घनत्व), A = प्रचुरता (प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति उपभोग), T = उत्पादन में प्रयुक्त हानिकारक प्रौद्योगिकी।
इसमें जनसंख्या की वृद्धि और घनत्व को पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारक माना जाता है।
जनसंख्या के तेजी से बढ़ने की स्थिति में संसाधनों का दोहन और उपयोग बढ़ जाता है जिससे पर्यावरण दुष्प्रभावित होता है। इसी प्रकार प्रौद्योगिकी के कारण भी पृथ्वी के संसाधनों का अंधा-धुंध दोहन हुआ है जिसने पर्यावरण को अत्यधिक प्रभावित किया – है। मानवीय गतिविधियों का पर्यावरण पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है। जीवाश्म ईंधनों के उपयोग से वायु, जल और भूमि प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार ताप बिजली-घरों में कोयला जलाने से वायु प्रदूषण तीव्र गति से होता है। अतः आज उन्नत प्रौद्योगिकी वाले मानव समाज से पृथ्वी के अस्तित्व को ही खतरा हो गया है।
प्रश्न 5.
देश में मानव विकास के आर्थिक संकेतकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक संकेतक मानव विकास का एक महत्त्वपूर्ण संकेतक है। यह वेतन, आय और रोजगार से संबंधित है। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, गरीबी का विस्तार तथा रोजगार के अवसर इसके महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इनका वर्णन अग्रलिखित प्रकार से है
1. सकल राष्ट्रीय उत्पाद-अर्थव्यवस्था और उत्पादकता में विकास का मूल्यांकन सकल राष्ट्रीय उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति आय के द्वारा किया जाता है। सन् 1950-51 में सकल घरेलू उत्पाद स्थिर कीमत (1993-94) पर 1404.66 अरब रुपए था। वर्तमान में . इसमें काफी वृद्धि हो गई है।
2. प्रति व्यक्ति आय–सन् 1950-51 में प्रति व्यक्ति आय स्थिर कीमत पर 3,687 रुपए थी जो बढ़कर 2003 में 10,254 रुपए हो गई। यह वृद्धि 3.4% प्रति वर्ष थी फिर भी निर्धारित दरों में बहुत कम थी।
3. गरीबी उन्मूलन-जीवन की निम्न गुणवत्ता, अभावग्रस्तता, कुपोषण और निरक्षरता आदि गरीबी के प्रमुख लक्षण हैं। गरीबी निम्न मानव जीवन के विकास का प्रतीक है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार भारत में 26% से लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। इसमें प्रादेशिक असमानताएँ भी पाई जाती हैं।
4. रोजगार मानव विकास का महत्त्वपूर्ण आयाम कार्य के अवसर की उपलब्धता है। भारत में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों की कुछ रोजगार की औसत वार्षिक वृद्धि-दर में निरंतर कमी आ रही है। सन् 1999-2000 में कुल 39.7 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ था। इसमें से 5% सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत थे।
प्रश्न 6.
स्वस्थ जीवन के सूचकों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
भारत में मानव विकास सूचकांक मापने के स्वास्थ्य संकेतकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य मानव विकास का मुख्य आधार हैं। रोग और पीड़ा से मुक्त जीवन और यथोचित दीर्घायु एक स्वस्थ जीवन के सूचक हैं। शिशु मर्त्यता, प्रजनन दर, जन्म-दर, स्वास्थ्य सेवाएँ व पर्याप्त पोषण आदि मानव विकास सूचकांक मापने के मुख्य स्वास्थ्य संकेतक हैं। जिन स्वास्थ्य संकेतकों में भारत ने सराहनीय कार्य किया है, वे निम्नलिखित हैं
1. अशोधित मृत्यु-दर-किसी देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों/बच्चों पर मरने वाले बच्चों की संख्या अशोधित मृत्यु-दर कहलाती है। सन् 1951 में मृत्यु-दर 25.1 प्रति हजार थी जो सन् 2011 में घटकर 6.5 रह गई। भारत में मृत्यु-दर तेजी से कम हुई है।
2. अशोधित जन्म-दर-किसी देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों/बच्चों पर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या अशोधित जन्म-दर कहलाती है। सन् 1951 में जन्म-दर 40.8 प्रति हजार थी जो सन् 2011 में घटकर 20.8 रह गई अर्थात् इसमें 19 अंकों की कमी आई है।
3. जीवन प्रत्याशा-जन्म के समय से लेकर संभावित आयु काल को जीवन प्रत्याशा कहते हैं। सन् 1951 में पुरुष जीवन प्रत्याशा 37.1 वर्ष थी जो सन् 2011 में बढ़कर 62.6 वर्ष हो गई। इसी प्रकार सन् 1951 में स्त्री जीवन प्रत्याशा 36.2 वर्ष थी जो सन् 2011 में बढ़कर 64.6 वर्ष हो गई है। इसके बढ़ने का मुख्य कारण निरंतर बढ़ती खाद्य-सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ हैं।
4. कुल प्रजनन दर-भारत ने कुल प्रजनन दर में भी काफी सुधार किया है। सन् 1951 में बच्चा पैदा करने की आयु छः बच्चे प्रति स्त्री थी जो सन् 2011 में घटकर 2.9 रह गई।