HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

Haryana State Board HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Textbook Exercise Questions, and Answers.

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

HBSE 10th Class Science कार्बन एवं इसके यौगिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एथेन का आण्विक सूत्र-C2H2, है। इसमें
(a) 6 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
उत्तर-
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं।

प्रश्न 2.
ब्यूटेनॉन, चर्तु-कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल।
उत्तर-
(c) कीटोन।

प्रश्न 3.
खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है
(c) ईंधन आई है
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर-
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।

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प्रश्न 4.
CH3Cl में आबन्ध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबन्ध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर-
CH3Cl,
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CH3CI में आबन्ध संरचना-एकल सहसंयोजक आबन्ध है।

प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए
(a) एथेनॉइक अम्ल
(b)H2S
(c) प्रोपेनोन
(d) F2
उत्तर-
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प्रश्न 6.
समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर-
समजातीय श्रेणी यौगिकों का एक समूह या परिवार होता है जिसमें एक समान क्रियात्मक समूह विद्यमान रहता है परन्तु श्रृंखला की लम्बाइयाँ अलग-अलग होती हैं। अतः इन यौगिकों के रासायनिक गुण एकसमान होते हैं। उदाहरण, ऐल्केन समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n+2 होता है। इस श्रेणी के सदस्य मेथेन CH4, एथेन C2H6 प्रोपेन C3H8 ब्यूटेन C4H10…. आदि हैं।

प्रश्न 7.
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनोइक अम्ल में आप कैसे अन्तर करेंगे? [CBSE 2015]
उत्तर-
एथेनॉल तथा एथेनोइक अम्ल के बीच अन्तर निम्नलिखित हैं –

एथेनॉलएथेनोइक अम्ल
भौतिक गुण
1. इसका लिटमस पत्र पर . कोई प्रभाव नहीं होता।
1. यह अम्लीय होने के कारण नीले लिटमस को लाल कर देता है।
2. इसकी गन्ध अच्छी होती है।2. इसकी गन्ध तीक्ष्ण तथा यह स्वाद में खट्टा होता है।
3. इसका क्वथनांक 391 K है।3. इसका क्वथनांक 351 K है।
4. इसका गलनांक 156 K है।4. इसका गलनांक 290 K है।
रासायनिक गुण
5. इसमें सोडियम धातु डालने पर हाइड्रोजन गैस बुदबुदाहट के साथ निकलती है।
5. इसमें सोडियम धातु डालने पर हाइड्रोजन गैस बुदबुदाहट के साथ नहीं निकलती है।
6. इसमें सोडियम बाइ- कार्बोनेट मिलाने पर CO2, गैस नहीं निकलती है।6. इसमें सोडियम बाइकार्बोनेट मिलाने पर CO2 गैस निकलती है।

प्रश्न 8.
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है ? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर-
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो इसके अणु के दो सिरे दो भिन्न गुणधर्मों को प्रदर्शित करते हैं, जल में विलयशील हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोकार्बन में विलयशील हाइड्रोफोबिक। यह जल में घुलनशील नहीं होते हैं। पानी में डालने पर साबुन का आयनिक सिरा जल के भीतर होता है, जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ (दूसरा सिरा) जल के बाहर होती है। जल के अन्दर इन अणुओं की विशेष व्यवस्था होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह बनने के कारण होता है या जिसमें हाइड्रोफोबिक पूँछ बड़े समूह के भीतरी हिस्से में वन होती है, जबकि उसका आयनिक सिरा बड़े समूह की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं। साबुन एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में घुल जाता है त्र इसलिए मिसेल का निर्माण नहीं करता है।

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प्रश्न 9.
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता
उत्तर-
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के 5] रूप में करने के निम्नलिखित कारण हैं-
(i) ये स्वच्छ ईंधन तर होते हैं तथा धुआँ उत्पन्न नहीं करते हैं।
(ii) इनका उच्च कैलोरी मान होता है।
(iii) इनको जलाने पर हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं होती हैं।
(iv) इनका ज्वलन ताप मध्यम होता है।

प्रश्न 10.
कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झोग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर-
जल की कठोरता का कारण कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के लवण होते हैं। जब कठोर जल साबुन से अभिक्रिया करता है तो साबुन कैल्सियम तथा मैग्नीशियम यह लवणों के साथ अभिक्रिया करके अविलेय पदार्थ बना देता है। ये अविलेय पदार्थ जल में झाग की परत बनाते हैं।

प्रश्न 11.
यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर-
साबुन क्षारकीय प्रकृति का होता है इसलिए वह लाल लिटमस को नीला कर देगा। इसका नीले लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 12.
हाइड्रोजनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है ?
उत्तर-
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का द्वि अथवा त्रिबन्ध के दोनों ओर हाइड्रोजन का योग हाइड्रोजनीकरण कहलाता है, जैसे
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औद्योगिक उपयोग-इस प्रक्रिया से वनस्पति तेलों को वनस्पति घी में बदला जाता है, वनस्पति तेलों में द्विआबन्ध (C = C) होता है। निकल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजनीकरण पर ये वनस्पति तेल को वनस्पति घी में बदल देते हैं।
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प्रश्न 13.
दिए गए हाइड़ाकान C2H6, C3H8 C3,H6.. C2H2, एवं CH4. में किसमें संकलन अभिक्रिया होती
उत्तर-
संकलन अभिक्रिया दशनि वाले हाइड्रोकार्बन C3,H6 तथा C2H2 हैं।

प्रश्न 14.
संतृप्त एवं असंतृप्त कार्बन के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर-
ब्रोमीन परीक्षण-

  • थोड़े से यौगिक को गर्म करके उसमें कुछ बूंदें ब्रोमीन जल डालते हैं। ब्रोमीन जल का रंग नहीं उड़ता। इससे यह पता चलता है कि यह संतृप्त कार्बनिक यौगिक है।
  • दिए गए यौगिक में कुछ बूंदें ब्रोमीन जल की डालकर हिलाते हैं। कुछ समय बाद ब्रोमीन जल का रंग उड़ . जाता है। इससे यह पता चलता है कि यह असंतृप्त कार्बनिक यौगिक है।

प्रश्न 15.
साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए। [CBSE 2015]
उत्तर-
साबुन में ऐसे अणु होते हैं जिसके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं। जल में घुलनशील एक सिरे को हाइड्रोफिलिक कहते हैं तथा हाइड्रोकार्बन में विलयशील दूसरे सिरे को हाइड्रोफोबिक कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने आपको इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक सिरा जल के भीतर होता है, जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है। जल के अन्दर इन अणुओं की विशेष व्यवस्था होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है, ऐसा अणुओं का बड़ा समूह बनने के कारण होता है। यह हाइड्रोफोबिक पूँछ समूह के भीतरी हिस्से में होती है, जबकि उसका आयनिक सिरा समूह की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल के रूप में साबुन सफाई करने में सक्षम होता है।
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पाठ्यपुस्तक के अन्तर्गत दिये गये क्रियाकलाप पर आधारित प्रश्नोत्तर (Intext Activities Based Questions And Answers)

HBSE 10th Class Science कार्बन एवं इसके यौगिक  InText Questions and Answers

(पाठ्य-पुस्तक पृ. स. 68)

प्रश्न 1.
CO2, सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी?
उत्तर-
CO2, की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना-
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प्रश्न 2.
सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी ?
उत्तर-
सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं। 16 S = 2, 8, 6
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(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 76)

प्रश्न 1.
पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं ?
उत्तर-
पेन्टेन के तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण किया जा सकता है।
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प्रश्न 2.
कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं, जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर-
(i) श्रृंखलन (Catenation)-कार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ बन्ध बनाने की क्षमता होती है। इस गुण को श्रंखलन कहते हैं। कार्बन के परमाण एकल, द्विबन्ध या त्रिबन्ध के द्वारा आपस में जुड़ सकते हैं।

(ii) चतुःसंयोजकता-कार्बन की संयोजकता चार होने के कारण इसकी अन्य संयोजक तत्वों के परमाणुओं के साथ बन्ध बनाने की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, क्लोरीन तथा अनेक तत्वों के साथ कार्बन के विभिन्न यौगिक बनते हैं।

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प्रश्न 3.
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होंगे?
उत्तर-
C2H10
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प्रश्न 4.
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए
(i) एथेनॉइक अम्ल
(ii) ब्रोमोपेन्टेन
(iii) ब्यूटेनोन-2
(iv) हेक्सेनैल। क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं?
उत्तर-
(i) एथेनॉइक अम्ल की संरचना (CH3COOH)
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(ii) ब्रोमोपेन्टेन की संरचना (C5H11Br)

(iii) ब्यूटेनोन-2 की संरचना (C2H5COCH3)
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(iv) हेक्सेनैल की संरचना (C5H11CHO) ।
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हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयवी सम्भव हैं। कार्बन के साथ ब्रोमीन का स्थान बदलने के साथ ब्रोमोपेन्टेन विभिन्न संरचनात्मक समावयवता प्रदर्शित करता ये निम्न प्रकार हैं –
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
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उत्तर-
(i) CH3 – CH2 – Br को एथेन से प्राप्त किया जाता है। इसका अनुलग्न ब्रोमीन है। इसका उपसर्ग ब्रोमो है।
∴ इसका नाम है
ब्रोमो + एथेन = ब्रोमोएथेन
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∴ यह मेथेनैल है।

(iii) यौगिक में छ: कार्बन परमाणु हैं इसलिए यह हैक्सेन है। यौगिक असंतृप्त है और इसमें तीन बन्ध हैं और तीसरा बन्ध श्रृंखला में कार्बन परमाणु के पहले स्थान पर है।
इसलिए यौगिक 1 हेक्साइन है। इसे हेक्साइन भी कह सकते हैं। .

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 79)

प्रश्न 1.
एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
किया जाता है ?
उत्तर-
उत्तर-
एथेनॉइक अम्ल, एथेनॉल से ऑक्सीजन के योग द्वारा उत्पन्न होता है अतः यह एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है।

प्रश्न 2.
ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तर-
वायु तथा एथाइन के मिश्रण को जलाने पर पूर्ण दहन करने हेतु ऑक्सीजन की उपलब्धता अपर्याप्त होगी जिससे ऊष्मा की कम मात्रा का उत्पादन होगा, परन्तु ऑक्सीजन व एथाइन के मिश्रण को जलाने पर पूर्ण दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है । क्या आप बता सकते हैं ही होता है तथा वेल्डिंग हेतु पर्याप्त ऊष्मा का उत्पादन होता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 83)

प्रश्न 1.
प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर सकते हैं ?
उत्तर-
ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में प्रयोग द्वारा विभेद निम्नलिखित रूप से कर सकते हैं-
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प्रश्न 2. ऑक्सीकारक क्या हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीकारक वे पदार्थ हैं जो अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन प्रदान करने की क्षमता रखते हैं तथा स्वयं अपचयित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करते हैं;
जैसे -KMnO4 , Cr2O7,ऑक्सीकारक पदार्थ हैं।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं.-85)

प्रश्न 1,
क्या आप डिटरजेंट का उपयोग करके बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं डिटरजेंट कठोर जल के साथ झाग बनाता है। यह कठोर जल के साथ साबुन की तरह सफेद तलछट तैयार नहीं करता है।

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प्रश्न 2.
लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डण्डे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
साबुन से कपड़ा साफ करने में रगड़ना इसलिए आवश्यक है ताकि साबुन के अणु तेल के धब्बों, मैल के कणों को हटाने के लिए मिसेल बना सकें। मिसेल गन्दे मैल या तेल के धब्बों को हटाने में सहायक होता है।

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क्रियाकलाप 4.1 (पा.पु. पृ. सं. 64)

प्रश्न 1.
(i) सुबह से आपने जिन वस्तुओं का उपयोग अथवा उपभोग किया हो उनमें से दस वस्तुओं की सूची बनाइये।
(ii) इस सूची को अपने सहपाठियों द्वारा बनाई गयी सूची के साथ मिलाइये तथा सभी वस्तुओं को निम्न सारणी में वर्गीकृत करें।
(iii) एक से अधिक सामग्रियों से बनी वस्तुओं को दोनों उपयुक्त वर्गों में रखें।
उत्तर –
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प्रश्न 2.
कार्बन से युक्त यौगिक को जलाने पर क्या उत्पाद बनता है?
उत्तर-
कार्बन युक्त यौगिक को जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनती है।

क्रियाकलाप 4.2 (पा. पु. पृ. सं. 74)

प्रश्न 1.
सूत्रों तथा आणविक द्रव्यमानों में अन्तर की गणना करें-
(a) CH3OH एवं C2H5OH
(b) C2H5OH एवं C3H7OH तथा
(c) C3H7OH तथा C4H9OH.
इन तीनों में समानता देखिए तथा क्या इन्हें समजातीय श्रेणी का कहा जा सकता है?
उत्तर-
1.
(a) CH3OH एवं C2H5OH
(i) सूत्र में अन्तर
C2H5OH-CH3OH=CH2,

(ii) अणुभार में अन्तर
[2×12+5×1+16+ 1] – [12+3+16+1]
= [24+5+17]- [32]
=46- 32
=14

(b) C3H7OH एवं C2H5OH
(i) सूत्र में अन्तर
C3H7OH-C2H5OH= CH2

(ii) अणुभार में अन्तर
[3×12+7×1+16+1]-[2×12+5×1+16+1]
= [36+7+16+1]-[24+5+16+1]
=60-46=14

(c) C4H9OH एवं C3H7OH
(i) सूत्र में अन्तर
C4H9OH-C3H7OH = CH2|

(iii) अणुभार में अन्तर
(4×12+ 9.×1+16+ 1) – (3 x 12 +7×1+16+ 1)
= (48+9+ 16 + 1)-(36+7+16-1)
=74-60 = 4
चारों ऐल्कोहॉलों में कार्बन परमाणुओं की संख्या के बढ़ते क्रम में निम्न प्रकार हैं
CH3OH<C2H5OH<C3H7OH<C4H9OH
हाँ, ये चारों ऐल्कोहॉल एक समजात श्रेणी बनाते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रकार्यात्मक समूहों के लिए चार कार्बनों तक के यौगिकों वाली समजातीय श्रेणी तैयार करें
(i) हैलो (-CI और -Br)
(ii) ऐल्डिहाइड(-CHO)
(iii) कीटोन (-Co)
(iv) कार्बोक्सिलिक अम्ल (-COOH)
उत्तर-
दिये गये प्रकार्यात्मक समूहों की, समजात श्रेणी निम्न है
(a) हैलो (-CI और – Br)
CH3Cl, C2H5Cl, C3H7Cl, C4H9Cl एवं CH3Br, C2H5Br, C3H7Br, C4H9Br

(b) ऐल्डिहाइड (CHO)
HCHO, CH3CHO, C2H5CHO, C3H7CHO

(c) कीटोन (-CO)
CH3-CO-CH3, CH3CH2-CO-CH3
CH3CH2-CO-CH2CH3,
CH3CH2CH2 -CO- CH2CH3

(d) कार्बोक्सिलिक अम्ल (-COOH)
H-COOH, CH3COOH,
CH3CH2 -COOH, CH3CH2CH2-COOH

क्रियाकलाप 4.3 (पा. पु. पृ. सं.76)

प्रश्न 1.
ज्वाला की प्रकृति का प्रेक्षण कीजिए तथा लिखिए कि धुआँ हुआ या नहीं।
उत्तर-
वायु की प्रचुर उपस्थिति में संतृप्त हाइड्रोकार्बन नीली धुआँ रहित लौ के साथ जलते हैं। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वायु में पीली लौ की ज्वाला एवं अधिक धुएँ के साथ जलते हैं।

प्रश्न 2.
ज्वाला के ऊपर धातु की एक तश्तरी रखिए। इनमें से किसी भी यौगिक के कारण तश्तरी पर कोई निक्षेपण हुआ?
उत्तर-
नैफ्थलीन और कैम्फर को जलाने पर तश्तरी पर निक्षेपण हुआ।

क्रियाकलाप 4.4 (पा. पु. पृ. सं. 77)

प्रश्न 1.
पीली, कज्जली ज्वाला कब प्राप्त हुई?
उत्तर-
वायु की नियन्त्रित आपूर्ति से अपूर्ण दहन होता है जिसके कारण पीली चमकदार ज्वाला प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
नीली ज्वाला कब प्राप्त हुई?
उत्तर-
जब ऑक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध कराई जाती है तो पूर्ण दहन होता है तथा नीली ज्वाला प्राप्त होती है।

क्रियाकलाप 4.5 (पा. पु. पृ. सं. 78)

प्रश्न 1.
क्या परमैंगनेट का गुलाबी रंग प्रारम्भ में ऐल्कोहॉल में मिलाने पर लुप्त होता है। .
उत्तर-
परमैंगनेट का गुलाबी रंग प्रारम्भ में ऐल्कोहॉल में मिलाने पर तुरन्त लुप्त हो जाता है।

प्रश्न 2.
यदि परमैंगनेट को ऐल्कोहॉल में अधिकता में मिलाया जाता है तो इसका रंग लुप्त नहीं होता है ? क्यों ?
उत्तर-
यदि ऐल्कोहॉल में 5% क्षारीय KMnO4 का विलयन धीरे-धीरे मिलाया जाता है तो इसका रंग विलुप्त हो जाता है क्योंकि यह ऐथेनॉल को एथेनोइक अम्ल में ऑक्सीकृत कर देता है और स्वयं यह मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO2) में अपचयित हो जाता है। लेकिन यदि KMnO4 को अधिकता में मिला दिया जाये तो इसकी मात्रा एथेनॉल को एथेनोइक अम्ल में ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक मात्रा से अत्यधिक है अतः इसका गुलाबी रंग अधिक मात्रा की उपस्थिति के कारण होता है।

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क्रियाकलाप 4.6 (पा. पु. पृ. सं. 80)

प्रश्न 1.
आप क्या प्रेक्षित करते हैं?
उत्तर-
हम यह प्रेक्षित करते हैं कि अभिक्रिया के दौरान कोई गैस मुक्त होती है।

प्रश्न 2.
उत्सर्जित गैस की आप कैसे जाँच करेंगे?
उत्तर-
उत्सर्जित गैस के पास एक जलती हुई तीली या मोमबत्ती ले जाने पर यह फट-फट की ध्वनि (pop sound) के साथ जलती है।

क्रियाकलाप 4.7 (पा. पु. पृ. सं. 81)

प्रश्न 1.
क्या लिटमस परीक्षण में दोनों अम्ल सूचित होते हैं?
उत्तर-
हाँ, क्योंकि ये नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं।

प्रश्न 2.
सार्वत्रिक सूचक से क्या दोनों अम्लों के प्रबल होने का पता चलता है?
उत्तर-
नहीं, ऐसीटिक अम्ल दुर्बल अम्ल जबकि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्रबल अम्ल होता है। नोट-एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) को सामान्यतः ऐसीटिक अम्ल कहते हैं। इसका 34% विलयन सिरका कहलाता है जोकि अचार में परिरक्षक के रूप में इस्तेमाल होता है। शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290K होता है इसलिये ठंडी जलवायु में शीत के दिनों में यह जम जाता है इसलिये इसे ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल (Glacial Acetic Acid) कहते हैं।

क्रियाकलाप 4.8 (पा. पु. पृ. सं. 81).

प्रश्न 1.
अभिक्रिया से क्या निष्कर्ष निकलता है?
उत्तर-
एथिल ऐल्कोहॉल एवं ऐसीटिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में क्रिया करके एस्टर बनाते हैं। अभिक्रिया का समीकरण निम्न है –
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प्रश्न 2.
एस्टर की सुगन्ध कैसी होती है?
उत्तर-
एस्टर की सुगन्ध मीठी होती है।

क्रियाकलाप 4.9 (पा. पु. पृ. सं. 82)

प्रश्न 1.
आप क्या प्रेक्षित करते हैं? .
उत्तर-
अभिक्रिया के दौरान बुदबुदाहट के साथ गैस उत्पन्न होती है, यह गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।

प्रश्न 2.
ताजे चूने के जल में इस गैस को प्रवाहित करने पर आप क्या देखते हैं?
उत्तर-
ताजे चूने के जल में CO2 गैस के प्रवाहित करने पर चूने का पानी दूधिया हो जाता है।

प्रश्न 3.
क्या इस परीक्षण से एथेनॉइक अम्ल एवं सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया से उत्पन्न गैस का पता चल सकता है?
उत्तर-
हाँ।

क्रियाकलाप 4.10 (पा. पु. पृ. सं. 83)

प्रश्न 1.
क्या हिलाना बन्द करने के बाद दोनों परखनलियों में आप तेल व जल की परतों को अलग-अलग देख सकते हैं?
उत्तर-
नहीं, केवल परखनली B में एक परत ही दिखाई देती है। इससे सिद्ध होता है कि साबुन में तेल घुल गया है अतः कपड़े इसी प्रकार साफ होते हैं।

प्रश्न 2.
कुछ देर तक दोनों परखनलियों को स्थिर रखिए एवं फिर उस पर ध्यान दीजिए। क्या तेल की परत अलग हो जाती है? ऐसा किस परखनली में होता है?
उत्तर-
परखनली A में तल की परत अलग हो जाती  है|

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क्रियाकलाप 4.11 (पा. पु. पृ. सं. 85)

प्रश्न 1.
किस परखनली में अधिक झाग बनता है?
उत्तर-
आसुत जल वाली परखनली में अधिक झाग बनता है।

प्रश्न 2.
क्या दोनों में झाग की मात्रा समान है?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 3.
किस परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ बनता है?
उत्तर-
कठोर जल वाली परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ बनता है।

क्रियाकलाप 4.12 (पा. पु. पृ. सं. 85)

प्रश्न 1.
दोनों परखनलियों में क्या झाग की मात्रा समान है?
उत्तर-
हाँ, दोनों परखनलियों में झाग की मात्रा समान होती है।

प्रश्न 2.
किस परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ बनता
उत्तर-
किसी भी परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ नहीं बनता है।

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