Haryana State Board HBSE 8th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Visheshan विशेषण Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण
संज्ञा की विशेषता बताने वाले शब्दों को ‘विशेषण’ कहते हैं। जिस शब्द की विशेषता बताई जाती है उसे ‘विशेष्य’ कहा जाता है।
जैसे- काला घोड़ा।
इसमें काला – विशेषण है।
घोड़ा – विशेष्य है।
कभी-कभी विशेष्य के अनुसार विशेषण के लिंग-वचन बदल जाते हैं। जैसे-
अच्छा लड़का – अच्छे लडके
अच्छी लड़की – अच्छी लड़कियाँ
विशेषण के भेद (Kinds of Adjective):
1. गुणवाचक विशेषण (Qualitative Adjective)
2. संख्यावाचक विशेषण (Numeral Adjective)
3. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjective)
4. सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective)
1. गुणवाचक विशेषण (Qualitative Adjective) :
जो विशेषण शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकार, अवस्था, स्थिति आदि की विशेषता का बोध कराए, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-
लंबी सड़क, ताजा आम, सच्ची बात, हरे पत्ते आदि।
यह विशेषण कई प्रकार की विशेषताओं का बोधक हो सकता हैं-
गुण बोधक : अच्छा, बुरा, सुन्दर, लाल, शिष्ट आदि।
काल बोधक : पुराना, नया, दैनिक, वार्षिक आदि।
स्थान बोधक : बनारसी, लखनवी, राष्ट्रीय, देसी आदि।
दिशा बोधक : पूर्वी, पश्चिमी, भीतरी, बाहरी आदि।
आकार बोधक : लंबा, विशाल, चौकोर, चौड़ा आदि।
स्वाद बोधक : खट्टा, मीठा, कड़वा, नमकीन आदि।
2. संख्यावाचक विशेषण (Numeral Adjective) :
जो विशेषण किसी संज्ञा की संख्या या क्रम का बोध कराए, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- चार केले, पांचवां व्यक्ति।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं :
(क) निश्चित संख्यावाचक : इनसे निश्चित संख्या का बोध होता है।
जैसे- दस पुस्तकें, तीसरा बालक।
(ख) अनिश्चित संख्यावाचक : इनसे निश्चित संख्या का बोध नहीं होता।
जैसे- कुछ लोग, थोड़े आदमी।।
3. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjective) : नाप-तोल बताने वाले विशेषण परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे- दार मीटर कपड़ा, दो किलो चीनी। . परिमाणवाचक विशेषण के भी दो भेद हो सकते हैं –
(क) निश्चित परिमाणवाचक : इसमें निश्चित मात्रा का ज्ञान होता है।
जैसे- तीन लीटर दूध।
(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक : इसमें निश्चित मात्रा का ज्ञान नहीं होता।
जैसे- थोड़ा दूध, कुछ फल।
4. सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective) : जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-
यह पुस्तक मेरी है। कोई आदमी रो रहा है। ऐसे विशेषण तीन प्रकार के होते हैं –
(क) सर्वनाम से बने जैसे- ‘कौन’ सर्वनाम से सार्वनामिक विशेषण है- कैसे, कितना, कितने।
(ख) मूल सर्वनाम का विशेषण के रूप में प्रयोग : इन्हें संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं। ये सदा संज्ञा से पहले आते हैं। जैसे
यह पुस्तक, वे लोग।
(ग) सर्वनाम के संबंधकारकीय रूप
जैसे- ‘मैं’ से ‘मेरा’ ‘तुम’ से ‘तुम्हारा’ ‘वह’ से ‘उसका’ ‘हम’ से ‘हमारा’
विशेषणों की रचना (Formations of Adjective):
2. सर्वनाम शब्दों से विशेषण बनाना
3. क्रिया शब्दों से विशेषण बनाना
4. अव्यय शब्दों से विशेषण बनाना