Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा
HBSE 7th Class Science वन: हमारी जीवन रेखा InText Questions and Answers
बूझो/पहेली
प्रश्न 1.
पहेली को याद आया कि उसने अपने विद्यालय की पावं दीवार पर पीपल का एक पौधा उगा हुआ देखा था। क्या आप यह समझने में उसकी सहायता कर सकते हैं कि वह वहाँ कैसे उग आया ?
उत्तर:
पीपल के फल गोल तथा स्वादिष्ट होते हैं। इनके अन्दर असंख्य सूक्ष्म बीज होते हैं। पके फलों को पक्षियों द्वारा खा लिया जाता है। पक्षियों के उदर में फल तो पच जाते हैं पर बीज नहीं पचते। ये बीज पक्षियों की बीट के साथ बाहर आते हैं। पक्षियों की बीट दीवारों, अन्य वृक्षों आदि पर गिरती हैं तो ये दीवारों या तनों की छाल में एकत्र थोड़ी-सी मिट्टी में ही उग आते हैं। ये इन स्थानों पर काफी बड़े हो सकते हैं।
प्रश्न 2.
यदि वन लुप्त हो जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
पर्यावरण सन्तुलन बिगड़ जायेगा। वन्य जीवन में उथल-पुथल हो जायेगा। पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ जाएगा। इसके कारण जन्तु-जीवन भी खतरे में आ जाएगा।
HBSE 7th Class Science वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
समझाइए कि वन में रहने वाले जन्तु किस प्रकार वनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते
उत्तर:
जन्तु कुछ विशेष प्रकार के पादपों के बीजों के प्रकीर्णन में सहायक होते हैं। जन्तुओं के क्षयमान मल से नवोद्भिदों को उगने के लिये पोषकता भी प्राप्त होती है। कुछ बीज तो ऐसे होते हैं जो जन्तुओं के पेट में जाकर और मल के साथ बाहर निकलकर ही अंकुरण कर पाते हैं। इस प्रकार जन्तु वनों की वृद्धि और पुनर्जनन में सहायक होते हैं।
प्रश्न 2.
समझाइए कि वन, बाढ़ की रोकथाम किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर:
वन अनेक प्रकार से बाढ़ की रोकथाम करते हैं, जैसे-
(i) वनों के कारण वर्षा जल सीधे जमीन पर नहीं गिरता।
(ii) घना तथा विस्तृत वितरण होने पर वर्षा भी एक ही स्थान पर नहीं होती और वर्षा का पानी जमीन में रिसकर चला जाता है।
(iii) पेड़-पौधों की जड़ें मिट्टी को बाँधे रखती हैं जिससे मृदा का क्षरण नहीं होता है।
(iv) जल के साथ बहने वाली मृदा नदियों में पहुँचकर उन्हें अवरुद्ध कर देती है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
(v) इस प्रकार पेड़-पौधे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बाढ़ नियन्त्रण में सहायक होते हैं।
प्रश्न 3.
अपघटक किन्हें कहते हैं ? इनमें से किन्हीं दो के नाम बताइए। ये वन में क्या करते हैं ?
उत्तर:
अपघटक – ऐसे सूक्ष्म जीव जो मृत पेड़-पौधों तथा जन्तुओं एवं इनके अपशिष्टों का अपघटन करके इन्हें ह्यूमस में परिवर्तित कर देते हैं, अपघटक कहलाते हैं।
उदाहरण – जीवाणु एवं मशरूम अपघटक की श्रेणी में आते हैं। वन में अपघटक पेड़-पौधों से गिरी पत्तियों, मृत जन्तुओं के शरीरों का अपघटन करके मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाते हैं।
प्रश्न 4.
वायुमण्डल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच सन्तुलन को बनाए रखने में वनों की भूमिका को समझाइए।
उत्तर:
सभी हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में वायुमण्डल से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं तथा ऑक्सीजन मुक्त करते हैं। इस प्रकार वन वायुमण्डल में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के सन्तुलन को बनाये रखते हैं।
प्रश्न 5.
समझाइए कि वनों में कुछ भी व्यर्थ क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
पेड़-पौधों की गिरी हुई, पत्तियाँ, कूड़ा-करकट, जन्तुओं के मृत शरीर, हड्डियाँ आदि सभी को सूक्ष्म जीव अपघटित करके अपना पोषण प्राप्त कर लेते हैं तथा अनेक पदार्थों को मृदा में मिला देते हैं।
प्रश्न 6.
ऐसे पाँच उत्पादों के नाम बताइए जिन्हें हम वनों से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर;
कागज, गोंद, मसाले, फल, रेशा, शहद आदि।
प्रश्न 7.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) कीट, तितलियाँ, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पीय पादपों की ……….. में सहायता करते हैं।
(ख) वन परिशुद्ध करते हैं ………………. और ………………. को।
(ग) शाक वन में ………………. परत बनाते हैं।
(घ) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जन्तुओं की लीद ………………. को समृद्ध करते हैं।
उत्तर;
(क) परागण
(ख) जल, हवा
(ग) सतही
(घ) ह्यूमस।
प्रश्न 8.
हमें अपने से दूर स्थित वनों से सम्बन्धित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिन्तित होने की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर:
वन हमारे लिए अति उपयोगी संसाधन हैं। ये वायु को शुद्ध करने के साथ-साथ जल-चक्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वन वर्षा कराने, बाढ़ नियन्त्रण आदि में भी हमारे लिये उपयोगी हैं। वनों से हमें अनेक वस्तुएँ एवं खाद्य प्राप्त होते हैं। इसलिए हमें सभी प्रकार के वनों से सम्बन्धित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिन्तित होने की आवश्यकता है।
प्रश्न 9.
समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जन्तुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
वनों में अनेक खाद्य श्रृंखलाएँ मिलती हैं तथा – सभी परस्पर सम्बद्ध होती हैं। यदि किसी एक खाद्य श्रृंखला में कोई विघ्न पड़ता है, तो अन्य खाद्य श्रृंखलाएँ प्रभावित होती हैं। उदाहरण के लिये; घास को कीटों द्वारा खाया जाता है जिन्हें मेंढक खाते हैं, मेंडक को सर्प खा लेते हैं। इस प्रकार बनी श्रृंखला, खाद्य शृंखला कहलाती है।
वन की प्रत्येक कड़ी एक-दूसरी कड़ी पर निर्भर होता है। किसी एक घटक को अलग कर देने पर अन्य सभी घटक प्रभावित होते हैं।
प्रश्न 10.
चित्र (पा. पु. पृष्ठ 228) में चित्रकार, चित्र को नामांकित करना और तीरों द्वारा दिशा दिखाना भूल गया है। तीरों पर दिशा को दिखाइए और चित्र को निम्नलिखित नामों द्वारा नामांकित कीजिए
बादल, वर्षा, वायुमण्डल, कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, पादप, जन्तु, मृदा, अपघटक, मूल, भौमजल स्तर।
उत्तर:
नामांकित चित्र
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन-सा वन उत्पाद नहीं
(i) गोंद
(ii) प्लाईवुड
(iii) सील करने की लाख
(iv) कैरोसीन।
उत्तर:
(iv) कैरोसीन।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य सही नहीं है
(i) वन, मृदा को अपरदन से बचाते हैं।
(ii) वन में पादप और जन्तु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
(iii) वन जलवायु और चल चक्र को प्रभावित करते हैं।
(iii) मृदा, वनों की वृद्धि और पुनर्जनन में सहायक होती
उत्तर:
(ii) वन में पादप और जन्तु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
प्रश्न 13.
सूक्ष्म जीवों द्वारा मृत पादपों पर क्रिया करने से बनने वाले एक उत्पाद का नाम है
(i) बालू
(ii) मशरूम
(iii) ह्यूमस
(iv) काष्ठ।
उत्तर:
(iii) ह्यूमस
HBSE 7th Class Science वन: हमारी जीवन रेखा Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. किसी वन में होते हैं
(क) वृक्ष और जन्तु
(ख) सूक्ष्म जीव-जन्तु
(ग) अपघटक व जीवाणु
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
2. वन आवास है
(क) गौर का
(ख) शूकरों का
(ग) बन्दरों का
(घ) इन सभी का
उत्तर:
(घ) इन सभी का
3. वन्य उत्पाद नहीं है
(क) शहद
(ख) काष्ठ
(ग) खनिज लवण
(घ) जड़ी-बूटी।
उत्तर:
(ग) खनिज लवण
4. उत्पादक हैं
(क) घास
(ख) ट्ड्डिा
(ग) मेढ़क
(घ) गरूड़
उत्तर:
(क) घास
5. वन
(क) वायु शुद्ध करते हैं
(ख) वर्षा कराते हैं
(ग) मृदा अपरदन रोकते हैं
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
II. रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. हरे भरे वन हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितना हमारे ………… हैं।
2. वन, जल ………… के रूप में भी कार्य करते हैं।
3. वृक्षों की शाखाओं व पत्तियों से बनी छतरी आकार की संरचना ………… कहलाती है।
4. वन वर्षा जल के ………… का कार्य करते हैं।
उत्तर:
1. फेफड़े
2. शोधन तंत्रों
3. वितान
4. प्राकृतिक अवशोषक।
III. सुमेलन
कॉलम ‘A’ के शब्दों को कॉलम ‘B’ के शब्दों से मिलान कीजिए-
कॉलम A | कॉलम B |
1. ह्यूमस | (a) हरे पौधे |
2. प्रकाश संश्लेषण | (b) अपघटक |
3. कैटरपिलर | (c) उगते हुए बीज |
4. नवोदभिद् | (d) लार्वा |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
1. ह्यूमस | (b) अपघटक |
2. प्रकाश संश्लेषण | (a) हरे पौधे |
3. कैटरपिलर | (d) लार्वा |
4. नवोदभिद् | (c) उगते हुए बीज |
IV. सत्य/असत्य
निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. वनों में सूक्ष्म जीवों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
2. शेर वन में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं, उनका वनों से कोई सम्बन्ध नहीं होता।
3. वन एक गतिक सजीव इकाई है।
4. वन व्यर्थ में जल उड़ाते है, पर्यावरण में इनकी कोई भूमिका नहीं होती है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जब वन में कोई जन्तु मर जाता है, तो उसका क्या होता है ?
उत्तर:
वह माँसाहारी जीवों, जैसे- गिद्ध, कौआ, सियार और सूक्ष्म जीवों का आहार बनता है।
प्रश्न 2.
जब आपके शहर में तेज वर्षा होती है, तो क्या होता है ?
उत्तर:
तेज वर्षा होने पर जगह-जगह पानी भर जाता है। कई बार तो बाढ़ आ जाती है।
प्रश्न 3.
वन दिन-प्रतिदिन क्यों खत्म हो रहे हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के कारण, उद्योगों एवं सड़कों आदि के बनाने के कारण।
प्रश्न 4.
वन पर्यावरण के फेफड़े क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रकार हमारे फेफड़े शुद्ध वायु को हमारे शरीर में भेजते हैं उसी प्रकार वन वायु को शुद्ध करते हैं।
प्रश्न 5.
दो वन्य जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
सियार, सिंह।
प्रश्न 6.
दो वन्य वृक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर:
शीशम, बाँस।
प्रश्न 7.
कैनोपी क्या होती हैं ?
उत्तर:
बड़े वृक्षों की शाखाएँ छत जैसी आकृति बनाती हैं, इन्हें वितान (कैनोपी) कहते हैं।
प्रश्न 8.
पौधों को उनके आकार के आधार पर कितने भागों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर:
तीन भागों में शाक, झाड़ी तथा वृक्ष।
प्रश्न 9.
वन में पायी जाने वाली किसी आहार श्रृंखला को बनाइए।
उत्तर:
घास → कीट → मेंढक → सर्प → मोर।
प्रश्न 10.
वन भूमि की सतह पर आपको क्या दिखाई देता है ?
उत्तर:
वन भूमि की सतह पर सूखी पत्तियाँ, कीड़ेमकोड़े, गोबर आदि दिखाई देता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वन हमारी किस प्रकार सहायता करते हैं ?
उत्तर:
वन हमारी निम्न प्रकार सहायता करते हैं
(i) वन हमारे वातावरण को शुद्ध करते हैं।
(ii) वन हमें ईंधन के लिए लकड़ी प्रदान करते हैं।
(iii) वर्गों से हमें फल, फूल, ईधन आदि प्राप्त होते हैं।
(iv) वन वर्षा कराने में सहायता करते हैं।
प्रश्न 2.
“वन में इतने सारे वृक्ष हैं। यदि हम कारखाने के लिए कुछ वृक्षों को काट दें, तो क्या फर्क पड़ेगा ?” (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वृक्ष पर्यावरण की रक्षा करते हैं। ये वायु को शुद्ध करते हैं तथा वर्षा होने में मदद करते हैं। वन अनेक वन्य जीवों के आवास भी हैं। वनों से वृक्षों को काटने पर उपरोक्त क्रियाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। .
प्रश्न 3.
यदि वृक्षों की संख्या कम होगी तो जल चक्र किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर:
वृक्ष भीमजल का अवशोषण करके उसका वाष्पोत्सर्जन करते हैं। वृक्षों द्वारा बादलों का आकर्षण भी होता है। जहाँ अधिक वृक्ष होते हैं वहाँ का वातावरण ठण्डा हो जाता है जिससे बादल ठण्डे होकर बरसते हैं। वाष्पीकरण से बादल बनते हैं तथा संघनन द्वारा बरसते हैं। इस प्रकार ये जल-चक्र में सहायता करते हैं। यदि वृक्षों की संख्या कम हो जायेगी तो जल-चक्र प्रभावित होगा।
प्रश्न 4.
मृदा अपरदन क्या है ? वृक्ष मृदा अपरदन को किस प्रकार रोकते हैं?
उत्तर:
जल धारा या तेज पवन द्वारा मृदा को बहाकर ले जाया जाना मृदा अपरदन कहलाता है। वृक्ष मृदा अपरदन को रोकने में निम्न प्रकार से सहायता करते हैं-
(i) वृक्षों का वितान वर्षा की तीव्र बूंदों को जमीन पर सीधे ही नहीं आने देता है जिससे मिट्टी पानी में नहीं घुल पाती।
(ii) वृक्षों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखती हैं जिससे मिट्टी पानी के साथ बह नहीं पाती है।
प्रश्न 5.
वन अपरोपण क्या है ? इसके क्या प्रभाव
उत्तर:
वनों का खत्म होना या कटाई होना अपरोपण कहलाता है। वन अपरोपण के निम्न प्रभाव होंगे।
(i) यदि वन नष्ट होंगे तो वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी, जिससे पृथ्वी का ताप बढ़ेगा।
(ii) पेड़ों और पादपों की अनुपस्थिति में जीवों को खाद्य और आश्रय नहीं मिलेगा।
(iii) पेड़ों की अनुपस्थिति में मृदा, जल को नहीं बाँध पाती है जिससे बाढ़ आती है।
(iv) हमारे जीवन और वातावरण के लिये वन अपरोपण घातक है।
प्रश्न 6.
ह्यूमस का निर्माण कैसे होता है ? यह किस प्रकार लाभदायक है ?
उत्तर:
वनों में पेड़-पौधों से पत्तियाँ गिरती रहती हैं जिससे वन भूमि इनसे ढक जाती है। साथ ही वन भूमि पर जन्तुओं के अपशिष्ट भी गिरते रहते हैं। ऐसी भूमि में सूक्ष्म जीवों की भरमार होती है। ये सूक्ष्म जीव पत्तियों, मल तथा अन्य अपशिष्ट पदार्थों का विघटन करके अपना भोजन प्राप्त करते हैं। फलस्वरूप एक गहरे रंग का पदार्थ बनता है जिसे होमस कहते हैं। घुमस में अनेक कार्बनिक पदार्थ उपस्थित होते हैं। ये मृदा में मिलकर पौधों के लिए पोषण प्रदान करते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वनों से प्राप्त होने वाले विभिन्न उत्पादों को सूचीबद्ध कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
काष्ठ से बनी वस्तुएँ-प्लाईवुड, ईंधन की लकड़ी, बक्से, कागज, माचिस की तीलियाँ , फर्नीचर, खिलौने।
शहद-वनों में मधुमक्खी अपने छत्ते बनाती हैं। औषधियाँ-अनेक जड़ी-बूटियाँ। अन्य-मसाले, फल, चारा, तेल, गोंद आदि ।
प्रश्न 2.
वन में मृदा, पादप, जन्तु और अपघटक किस प्रकार सम्बन्धित होते हैं ? चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मृदा सभी के लिये अत्यन्त आवश्यक कारक है। पौधे मृदा में उगते हैं तथा जन्तु मृदा में रहते हैं। पौधों को जल एवं खनिज लवण मृदा से ही प्राप्त होते हैं। मृदा में ये पदार्थ इनके चक्रण से सूक्ष्म जीवों द्वारा ही आते हैं। मृदा में जल उपस्थित होता है जिसे पौधे अवशोषित करते हैं। वृक्ष एवं पौधे अनेक जन्तुओं का आश्रय तथा भोजन बनते हैं। ये पर्यावरण को शुद्ध करते हैं तथा जन्तुओं के लिए ऑक्सीजन भी देते हैं। अनेक जन्तु पेड़ों के बीजों का प्रकीर्णन करके वनों के पुनर्जनन में सहायता करते हैं। पेड़ों और पौधों के लिए कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है जो कि जन्तुओं द्वारा श्वसन से प्राप्त होती है। इस प्रकार वन में पादप, जन्तु तथा सूक्ष्म जीव परस्पर, सम्बन्धित होते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(क) खाद्य श्रृंखला
(ख) अधोतल
(ग) अपघटक
(घ) वृक्ष वितान।
उत्तर:
(क) खाद्य श्रृंखला: वन में विभिन्न जीव एक-दूसरे से सम्बन्धित होते हैं। जैसे-घास को टिड्डा खाता है, टिड्डे को मेंढ़क खाता है, मेंढ़क को सर्प खाता है तथा सर्प को मोर खाता है। इस प्रकार एक श्रृंखला बन जाती है। इसे खाद्य श्रृंखला कहते हैं।
(ख) अधोतल : वन में विभिन्न आकार के वृक्ष पाये जाते हैं। बहुत से लम्बे वृक्षों के नीचे छोटे वृक्ष भी होते हैं। छोटे वृक्षों द्वारा बनाया गया तल अधोतल कहलाता है।
(ग) अपघटक : मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीव, जैसेकेंचुआ, जीवाणु, कवक, सहस्रपाद, चीटिया, दीमक आदि अपघटक कहलाते हैं। ये मृत पेड़-पौधों, जन्तुओं तथा इनके अपशिष्ट उत्पाद (गोबर, मूत्र) आदि का विघटन करके अपना भोजन प्राप्त करते हैं तथा ह्यूमस का निर्माण करते हैं।
(घ) वृक्ष वितान : वृक्षों के आकार एवं आकृति विभिन्न प्रकार की होती हैं। इनकी शाखाएँ एक विशिष्ट आकृति बनाती हैं जिसे वृक्ष वितान या कैनोपी कहते हैं। उदाहरण के लिए; नीम की कैनोपी गुम्बदाकार होती है तथा चीड़ की कैनोपी छाते के आकार की होती है।
प्रश्न 4.
क्या सभी वनों में वृक्ष समान प्रकार के होते हैं ? वृक्षों की लम्बाई, पत्तियों का प्रकार, शिखर आदि को तालिकाबद्ध कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
नहीं, वनों में उस प्रदेश की जलवायवीय स्थितियों के अनुसार वृक्षों में अन्तर पाया जाता है।
कुछ वृक्षों की विशेषताएँ
वृक्ष का नाम | लम्बाई | पत्तियों का आकार | शिखर | पुष्पों का प्रकार | फलों का प्रकार | बीज |
1. आम | 8-12 मी | चौड़ी लम्बाग्र | गुम्बदाकार | अत्यधिक छोटे | रसीले | बड़े |
2. पीपल | 8-12 मी | चौड़ी अण्डाकार | गुम्बदाकार | बहुत छोटे एक गोली जैसी संरचना में बन्द | बेरी प्रकार के | सूक्ष्म |
3. चीड़ | 10-15 मी | सुई के आकार की | सँकरे | नहीं बनते | नहीं बनते | मध्यम तथा काले |
4. अशोक | 12-15 मी | पत्ती चौड़ी तथा लम्बी | सँकरा | छोटे | मध्यम बेर जैसे | बड़े |
प्रश्न 5.
कुछ वृक्षों के शिखर आरेख का चित्र बनाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
वन: हमारी जीवन रेखा Class 7 HBSE Notes in Hindi
→ ‘वन’ विभिन्न पादपों, जन्तुओं और सूक्ष्म जीवों से मिलकर बना एक तन्त्र है।
→ वनों से हमें अनेक उत्पाद मिलते हैं। वनों की सबसे ऊपरी परत वृक्ष शिखर बनाते हैं, जिसके नीचे झाड़ियों द्वारा बनी परत होती है। शाक वनस्पतियाँ सबसे नीचे की परत बनाती हैं।
→ वनों में वनस्पतियों की विभिन्न परतें जन्तुओं, पक्षियों और कीटों को भोजन और आश्रय प्रदान करती हैं।
→ वन में उत्पादक (हरे पौधे) तथा उपभोक्ता (जन्तु) एक-दूसरे से अन्योन्य क्रियाएँ करते हैं।
→ उत्पादक तथा उपभोक्ता मिलकर खाद्य शृंखलाएँ तथा खाद्य जाल बनाते हैं।
→ पादपों तथा जन्तुओं के मृत शरीर को अपघटित करने वाले सूक्ष्म जीव अपघटक कहलाते हैं।
→ वन के सभी घटक एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
→ वन वृद्धि करते और परिवर्तित होते रहते हैं तथा उनका पुनर्जनन हो सकता है।
→ वन में मृदा, जल, वायु और सजीवों के बीच परस्पर क्रिया होती रहती है।
→ वन मृदा को अपरदन से बचाते हैं।
→ जल धारा या तेज पवन द्वारा मृदा की उपजाऊ परत का स्थानान्तरण मृदा अपरदन कहलाता है।
→ मृदा, वनों की वृद्धि करने और उनके पुनर्जनन में सहायक होती है।
→ वन, जलवायु, जल-चक्र और वायु की गुणवत्ता को नियमित करते हैं।
→ वन – जंगल। विभिन्न पादपों, जन्तुओं और सूक्ष्म जीवों का एक तंत्र जो विस्तृत क्षेत्र पर फैला होता है।
→ वृक्ष वितान – वृक्षों की शाखाओं एवं पत्तियों से बनी विशेष आकृति वृक्ष वितान या कैनोपी कहलाती है।
→ वृक्ष शिखर – वृक्ष का तने से ऊपर उठा शाखीय भाग।
→ ह्यूमस – सूक्ष्म जीवों द्वारा मृदा की ऊपरी परत में पेड़पौधों तथा जन्तु अपशिष्टों को सड़ा-गलाकर बनाया गया कार्बनिक पदार्थ जो गहरे रंग का होता है।
→ अपघटक – सूक्ष्म जीव जो पादपों एवं जन्तुओं के मृत शरीरों का अपघटन कर देते हैं।
→ पुनर्जनन – वन्य पदार्थों की पुनः उत्पत्ति।
→ मृदा अपरदन – जलधारा या तेज पवन द्वारा मृदा का नष्ट होना।
→ अधो-तल – वनों के नीचे का स्थान।
→ वन अरोपण – वनों की वृद्धि।
→ वन अपरोपण – वनों की कटाई।