HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 15 नौकर

Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 15 नौकर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 15 नौकर

HBSE 6th Class Hindi नौकर Textbook Questions and Answers

निबंध से

प्रश्न 1.
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने कौन-सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर :
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने थाली के गेहूँ बीनने का काम करवाया। उन्हें तो यह उम्मीद थी कि गाँधी जी उन्हें लिखने-पढ़ने का काम देंगे। गाँधी जी उनके मन की बात ताड़ गए थे।

प्रश्न 2.
‘आश्रम में गाँधी जी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ से तीन अलग-अलग प्रसंग अपने शब्दों में लिखो जो इस बात के प्रमाण हों।
उत्तर :
1. साबरमती आश्रम में गाँधी जी आटा पीसने का काम खुद करते थे जबकि इसे आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।
2. वे आश्रम में सब्जियाँ स्वयं छीलते थे और उनकी सफाई का पूरा-पूरा ध्यान रखते थे।
3. गाँधी जी आश्रम के बड़े-बड़े पतीलों को स्वयं साफ करते ये सभी काम प्राय: नौकर-चाकर करते हैं।

प्रश्न 3.
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गाँधी जी ने क्या किया?
उत्तर :
लंदन में भारतीय छात्रों ने गाँधी जी को शाकाहारी भोज पर बुलाया था। छात्र स्वयं भोजन बनाने के काम में लगे थे। तीसरे पहर समय से पहले पहुंचकर गाँधी जी भी उनके कामों में मदद देने जा पहुंचे। छात्रों ने उन्हें पहचाना नहीं। शाम को ही वे जान पाए कि यही महाशय उनके अतिथि हैं।

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प्रश्न 4.
गाँधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर :
श्रीमती पोलक का बच्चा माँ का दूध पीना छोड़ता ही नहीं था। इससे वे काफी कमजोर हो गई थीं। बच्चा उन्हें रात-भर जगाए रहता था। गाँधी जी ने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। वे बच्चे को श्रीमती पोलक के बिस्तर से उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा लेते थे। उनके पास बच्चा कभी रोता नहीं था और आराम से सोता रहता था। एक पखवाड़े तक माँ से अलग सुलाने के बाद बच्चे ने माँ का दूध पीना छोड़ दिया।

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करने या करवाने का कौन-सा तरीका गाँधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर :
आश्रम में गाँधी जी स्वयं काम करते थे तथा दूसरों से काम करवाने में सख्ती बरतते थे। पर वे अपना काम किसी और से करवाना पसंद नहीं करते थे। वे किसी के पूछने पर उसे तुरंत काम बता देते थे। गाँधी जी को स्वयं काम करते देखकर कोई भी काम करने से मना नहीं कर पाता था। वे काम करने वालों को कभी नौकर नहीं समझते थे, वरन् उन्हें भाई या बहन मानते थे। वे काम करने वालों को धन्यवाद देना भी नहीं भूलते थे।

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निबंध से आगे

1. गाँधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने के क्या लाभ हैं? लिखो।
उत्तर :
गाँधी जी बहुत पैदल चलते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टालस्टॉय बाड़ी में रहते थे तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में प्राय: 42 मील तक पैदल चल लेते थे। वे घर में बना कुछ नाश्ता लेकर सुबह दो बजे ही निकल पड़ते थे। पैदल चलने के बहुत लाभ हैं। यह शरीर का सबसे अच्छा व्यायाम है। इससे शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। हमारा काम समय पर हो जाता है। पैदल चलना हमें स्वस्थ रखता है।

2. अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो कि ये काम घर के कौन-से सदस्य अक्सर करते हैं? तुम नीचे बनी तालिका की सहायता ले सकते हो।

काम में माँ पिता भाई बहन चाचा दादी अन्य
1. घर का सामान लाना।
2. घर की सफाई करना
3. बिस्तर रखना
4. खाना बनाना

अब यह देखो कि कौन सबसे ज्यादा काम करता है और कौन सबसे कम। कामों का बराबर बँटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर शिक्षक को बताओ।
उत्तर :
सबसे ज्यादा काम करती है- माँ
सबसे कम काम करता हूँ- मैं
घर के सभी कामों के लिए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।

भाषा की बात

1.(क) ‘पिसाई’ संज्ञा है, जो ‘पीस’ क्रिया के अंत में ‘ई’ प्रत्यय जोड़ने से बनी है। किसी शब्द के अंत में कुछ जोड़ा जाए, तो उसे प्रत्यय कहते हैं।
नीचे ऐसी कुछ और संज्ञाएँ लिखी हैं। बताओ कि ये किन क्रियाओं से बनी हैं

बुआई बोना कटाई काट
सिंचाई सौंच रोपाईं रोप
कताई कात रंगाई रंग

(ख) हर काम-धंधे और हर क्षेत्र की अपनी अलग भाषा और शब्द-भंडार होता है। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि वे क्षेत्र कौन-से हैं।
उत्तर :
1. खेती का क्षेत्र।
2. कपड़े रँगने का क्षेत्र।

2. हमारे आसपास ऐसे कई घरेलू काम हैं, जिन्हें अब काम नहीं समझा जाता और कम महत्त्व दिया जाता है। कपड़े सिलना इनमें से एक है। नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। आसपास के बड़ों से या दर्जी से पूछो और प्रत्येक शब्द को एक-दो वाक्यों में समझाओ। इस सूची में और शब्द भी जोड़ो।
तुरपाई – ………………..
कच्ची सिलाई – ………………..
बखिया – ………………..
चोर सिलाई – ………………..
उत्तर :
तुरपाई – इस कमीज की तुरपाई कौन करेगा?
बखिया – इस कपड़े की बखिया उधड़ गई है।
कच्ची सिलाई – कच्ची सिलाई देर तक नहीं चलती।
चोर सिलाई – चोर सिलाई दिखाई नहीं देगी।

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3. नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग?
कालिख, भराई, चक्की, रोशनी, जेल, सेवा, पतीला.
उत्तर :
कालिख – स्त्रीलिंग
जेल – स्त्रीलिंग
भराई – स्त्रीलिंग
चक्की – स्त्रीलिंग
पतीला – पुल्लिग
रोशनी – स्त्रीलिंग
यह हमने वाक्य-प्रयोग द्वारा जाना।

HBSE 6th Class Hindi नौकर Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
गाँधी जी आश्रम के भंडार में क्या-क्या काम करते थे?
उत्तर :
कुछ वर्षों तक गाँधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडार में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गाँधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए।

प्रश्न 2.
आश्रम में बरतनों के बारे में क्या नियम था? गाँधी जी इसका पालन कैसे करते थे?
उत्तर :
आश्रम का एक नियम यह था कि सब लोग अपने बरतन खुद साफ करें। रसोई के बरतन बारी-बारी से कुछ लोग दल बाँधकर धोते थे। एक दिन गाँधी ने बड़े-बड़े पतीलों को खुद साफ करने का काम अपने ऊपर लिया। इन पतीलों की पेंदी में खूब कालिख लगी थी। राख भरे हाथों से वह एक पतीले को खूब जोर-जोर से रगड़ने लगे।

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प्रश्न 3.
आश्रम के निर्माण के समय क्या समस्या आई? इससे जुड़ी एक घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
जब आश्रम का निर्माण हो रहा था उस समय वहाँ आने वाले कुछ मेहमानों को तंबुओं में सोना पड़ता था। एक नवागत को पता नहीं था कि अपना बिस्तर कहाँ रखना चाहिए, इसलिए उसने बिस्तर को लपेटकर रख दिया और यह पता लगाने गया कि उसे कहाँ रखना है। लौटते समय उसने देखा कि गाँधीजी खुद उसका बिस्तर कंधे पर उठाए रखे चले जा रहे हैं।

प्रश्न 4.
गाँधी जी को क्या बात बिल्कुल पसंद नहीं थी? पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर :
शरीर से जब तक बिल्कुल लाचारी न हो तब तक गाँधी को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। हर प्रकार का काम करने की उनमें अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का तो नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था।

प्रश्न 5.
तालाब की भराई के समय गाँधी जी ने अपने साथियों की आवभगत किस प्रकार की?
उत्तर :
एक बार किसी तालाब की भराई का काम चल रहा था, जिसमें गाँधी के साथी लगे हुए थे। एक सुबह काम खत्म करके वे लोग फावड़े, कुदाल और टोकरियाँ लिए जब वापस लौटे तो देखते हैं कि गाँधी ने उनके लिए तश्तरियों में नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके रखे हैं। एक साथी ने पूछा, ‘आपने हम लोगों के लिए यह सब कष्ट क्यों किया? क्या यह उचित है कि हम आपसे सेवा कराएँ?’ गाँधी जी ने मुस्कराकर उत्तर दिया, क्यों नहीं। मैं जानता था कि तुम लोग थके-माँदे लौटोगे। तुम्हारा नाश्ता तैयार करने के लिए मेरे पास खाली समय था।’

प्रश्न 6.
गाँधी जी गाँवों के दौरे के समय पत्र कब लिखते थे?
उत्तर :
जब गाँधी गाँवों का दौरा कर रहे होते, उस समय रात को यदि लिखते समय लालटेन का तेल खत्म हो जाता तो वे चंद्रमा की रोशनी में ही पत्र पूरा कर लेना ज्यादा पसंद करते थे, लेकिन सोते हुए अपने किसी थके हुए साथी को नहीं जगाते थे।

प्रश्न 7.
आश्रम में किसी सहायक को रखते समय गाँधी जी का क्या आग्रह रहता था? क्यों?
उत्तर :
जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गाँधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, ‘नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।’

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प्रश्न 8.
गाँधी जी घर के लिए आटा कैसे तैयार करते थे?
उत्तर :
गाँधी जी जरूरत का महीन या बारीक आटा सुबह हाथ की चक्की पीस कर तैयार कर लेते थे।

प्रश्न 9.
दक्षिण अफ्रीका की जेल में महात्मा गाँधी क्या कार्य कर चुके थे?
उत्तर :
दक्षिण अफ्रीका की जेल में महात्मा गाँधी सैकड़ों कैदियों को दो बार का भोजन परोसने का काम कर चुके थे।

प्रश्न 10.
गाँधी जी को क्या बात पसंद नहीं थी?
उत्तर :
गाँधी जी को यह बात पसंद नहीं थी कि उन्हें बूढ़ा या महात्मा होने के कारण कोई उनका काम करे।

प्रश्न 11.
गाँधी जी लिखते समय किस बात का ध्यान रखते थे?
उत्तर :
गाँधी जी रात को लालटेन की रोशनी में पत्र लिखते थे। जब तेल खत्म हो जाता तब वे चंद्रमा की रोशनी में पत्र पूरा करते थे।

प्रश्न 12.
बच्चों के बारे में गाँधीजी क्या मानते थे?
उत्तर :
गाँधी जी मानते थे कि बच्चे के विकास में माँ-बाप का प्यार और देखभाल अनिवार्य है।

प्रश्न 13.
गाँधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे की देखभाल कैसे की?
उत्तर :
रात के समय गाँधी जी श्रीमती पोलक के बच्चे को उसके बिस्तर से उठा कर अपने बिस्तर पर लिटा देते थे। वह चारपाई के पास एक बरतन में पानी भरकर रख लेते थे ताकि बच्चे को प्यास लगने पर पानी पिला सकें।

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नौकर गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. आश्रम में गाँधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस जमाने में वे बैरिस्टरी से हजारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बंटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गाँधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे।

प्रसंग : प्रस्तुत पक्तियाँ अनु बंद्योपाध्याय द्वारा रचित लेख ‘नौकर’ से ली गई हैं। इनमें गाँधी जी की कर्मठता पर प्रकाश डाला गया है।

व्याख्या :
आश्रम में रहते हुए गाँधी जी अनेक ऐसे परिश्रम के काम स्वयं करते थे जिन्हें प्रायः नौकर-चाकर करते हैं। एक समय था जब गाँधी जी वकालत से हजारों रुपये कमाते थे। उनके पास रुपयों की कोई कमी नहीं थी। इसके बावजूद वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसते थे।

इस काम में उनकी पत्नी कस्तूरबा तथा उनके लड़के भी उनकी मदद करते थे। वे घर में ही आवश्यकता के अनुसार मोटा या बारीक आटा खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में पहुँचकर भी उन्होंने आटा पीसने का काम जारी रखा। वे चक्की को ठीक भी कर लेते थे। इसमें वे घंटों मेहनत करते थे। इस प्रकार वे परिश्रम के कामों से कभी पीछे नहीं हटते थे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. आश्रम में गाँधी जी किस तरह के काम करते थे?
2. गाँधी जी प्रतिदिन सुबह क्या काम करते थे?
3. साबरमती आश्रम में गांधीजी किस काम में घंटों मेहनत करते थे?
उत्तर:
1. आश्रम में गाँधी जी ऐसे अनेक काम करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते थे।
2. गाँधी जी प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसने का काम करते थे।
3. साबरमती आश्रम में गाँधी जी आटा पीसने की चक्की को ठीक करने में घंटों मेहनत करते थे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. इस गद्यांश में किस व्यवसाय का उल्लेख हुआ है?
(क) बैरिस्टरी का
(ख) डॉक्टरी का
(ग) इंजीनियरिंग का
(घ) अन्य
उत्तर :
(क) बैरिस्टरी का

2. चक्की चलाने में गाँधीजी का हाथ कौन बँटाता था?
(क) कस्तूरबा
(ख) लड़के
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ग) दोनों

3. इस गद्यांश में किस आश्रम का उल्लेख है ?
(क) साबरमती
(ख) वर्धा
(ग) सेवाग्राम
(घ) अन्य
उत्तर :
(क) साबरमती

नौकर Summary in Hindi

नौकर पाठ का सार

लेखक बताता है कि महात्मा गाँधी जी आश्रम में ऐसे कई काम करते थे जिन्हें प्राय: नौकर-चाकर करते हैं। जब वे बैरिस्टरी से हजारों रुपये कमाते थे, तब भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। साबरमती आश्रम में भी उन्होंने पिसाई का काम जारी रखा। इस महान् व्यक्ति को आटा पीसते देखकर उनसे मिलने आए व्यक्ति हैरत में पड़ जाते थे। पर गाँधी जी को शारीरिक श्रम के काम में कोई शर्म नहीं आती थी।

वे मिलने आने वाले लोगों को भी इसी प्रकार के काम करने को दे देते थे। कुछ वर्षों तक गाँधी जी ने आश्रम के भंडार को सँभाला। वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। वे सब्जियों की सफाई का पूरा ध्यान रखते थे। वे आश्रमवासियों को स्वयं भोजन परोसते थे। आश्रम का एक नियम यह था कि सब लोग अपने बरतन स्वयं साफ करें। तब गाँधीजी ने बड़े-बड़े पतीलों को साफ करने का काम अपने ऊपर ले लिया। वे बरतनों को पूरी तरह चमकाकर ही चैन लेते थे।

जब आश्रम का निर्माण हो रहा था तब वहाँ आने वाले कुछ मेहमानों को तंबुओं में सोना पड़ता था। एक नए आए व्यक्ति को बिस्तर रखने की जगह का पता न था तो गाँधी जी स्वयं उसका बिस्तर उठाकर नियत स्थान पर ले गए। आश्रम के कुएँ से पानी खींचने का काम भी वे स्वयं करते थे। एक दिन गाँधीजी कुछ अस्वस्थ थे।

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इसके बावजूद वे एक टब में पानी भरकर सिर पर उठाकर आश्रम में ले आए। वे अपने हिस्से का काम किसी दूसरे से करवाना पसंद नहीं करते थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर काफी दूर तक ढोया था। वे वहाँ काफी दूरी तक पैदल चलते थे।

एक बार किसी तालाब की भराई का काम चल रहा था। गाँधीजी ने काम करने वाले साथियों के लिए तश्तरियों में फल आदि तैयार करके रखे। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के जाने-माने नेता के रूप में उनकी मांगें ब्रिटिश सरकार के सामने रखने के लिए एक बार लंदन गए।

वहां उन्हें भारतीय अत्रों ने शाकाहारी भोजन पर आमंत्रित किया। उन छात्रों ने स्वयं ही भोजन बनाने का निश्चय किया था। दोपहर दो बजे एक दुबला-पतला और छरहरा व्यक्ति उनमें शामिल होकर बरतन धोने और सब्जी साफ करने में मदद करने लगा। वह व्यक्ति स्वयं सम्मानित अतिथि गाँधीजी ही थे।

गाँधीजी दूसरों से काम लेने में सख्त थे, पर अपना काम दूसरों से नहीं कराते थे। वे रात को लिखते समय लालटेन का तेल खत्म होने पर चंद्रमा की रोशनी में ही पत्र पूरा कर लेते थे, पर किसी सोए हुए व्यक्ति को जगाते न थे। बच्चों से गाँधी जी को बहुत प्रेम था। वे मानते थे कि बच्चे के विकास के लिए माँ-बाप का प्यार और देखभाल, जरूरी है।

उन्होंने श्रीमती पोलक के बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। कभी-कभी वे रात को एक बजे घर पहुंचते थे. फिर भी बच्चे को श्रीमती पोलक के बिस्तर से उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा लेते थे। रात में बच्चा उनकी चारपाई में आराम से सोता था। इस तरह बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।

गाँधी जी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में वे गोखले का बिस्तर ठीक करते थे, भोजन परोसते थे और उनके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर कांग्रेस अधिवेशन में उन्होंने गंदे पाखाने साफ किए। जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी तब गाँधी जी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। वे उन्हें भाई मानते थे। गाँधी जी ने देखा कि इंग्लैंड में ऊँचे घरानों में घरेलू नौकर को परिवार का आदमी माना जाता था। गाँधी जी नौकरों को नौकर न मानकर भाई या बहन मानते थे।

नौकर शब्दार्थ

बैरिस्टरी = वकालत (Barrister)। फौरन = तुरंत (Immediate)| आमतौर पर = प्रायः (Generally)। मुश्किल = कठिनाई (Difficulty)| भंडार = स्टोर (Store)| बेस्वाद = बिना स्वाद (Without taste)। मददगार = मदद करने वाला (Helper)| अस्वस्थ = बीमार (Sick)। सम्मानित = आदर के योग्य (Respected)। अतिथि = मेहमान (Guest)| समाप्त = खत्म (Finished)। कंपनीधारी = यह विशेषण गाँधी जी के लिए प्रयुक्त किया गया है। वे जिस धोती को धारण करते थे उसका कुछ हिस्सा ऊपर से ओढ़ लेते थे (A word used for Gandhiji’s half dhoti)। बीनना = चुनना, छाँटना (To select)। हैरत = अचंभा, विस्मय (Surprise)| आगंतुक = आने वाला (Guest)| चारा = उपाय (I Way our)| विदा माँगना = जाने के लिए अनुमति माँगना (To seek permission)। हाजमा = पाचन शक्ति (Digestion)। माँजना = रगड़कर साफ करना, चमकाना (To shine)| अद्भुत = अनोखा, आश्चर्यजनक (Strange)। अनुकरण = नकल, किसी की देखा-देखी करना (Follow up)| तश्तरी = थालीनुमा प्लेट (A plate)। छरहरा = चुस्त, फुर्तीला (Active)| सख्त = कठोर, प्रचंड, दुष्कर (Hard) बुहारी = बुहारने वाली चीज, झाड़ (Groom)| शिविर = अस्थायी विश्राम स्थल (Camp)| खाखरा = एक गुजराती व्यंजन (Adish of Gujarat)| चैन = आराम (Rest)| पखवाड़ा = पंद्रह दिन का समय, महीने का आधा भाग (Fortnight)| कारकुन = कारिंदा, काम करने वाला (Worker)| निष्फल = जिसका कोई फल न हो (Useless)। प्रतिदान = किसी ली हुई वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देना (Return)। सामर्थ्य = ताकत, शक्ति. (Capability)।

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