HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

अभ्यास केन प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं?
(A) असम
(B) राजस्थान
(C) बिहार
(D) तमिलनाडु
उत्तर:
(A) असम

2. निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था?
(A) कलपक्कम
(B) राणाप्रताप सागर
(C) नरोरा
(D) तारापुर
उत्तर:
(D) तारापुर

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3. निम्नलिखित में कौन-सा खनिज ‘भूरा हीरा’ के नाम से जाना जाता है?
(A) लौह
(B) मैंगनीज़
(C) लिग्नाइट
(D) अभ्रक
उत्तर:
(C) लिग्नाइट

4. निम्नलिखित में कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है?
(A) जल
(B) ताप
(C) सौर
(D) पवन
उत्तर:
(B) ताप

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
अभ्रक (Mica) का मुख्य अयस्क पिग्माटाइट है जो आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों में पाया जाता है। अभ्रक उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। यहाँ विश्व का लगभग 80% अभ्रक उत्पन्न किया जाता है। इसका उपयोग विद्युतीय उपकरण, वायुयान मोटर और राडार बनाने में किया जाता है। भारत में अभ्रक उत्पादक राज्यों का विवरण इस प्रकार है

  1. आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश के नैल्लोर व खम्भात क्षेत्र से अभ्रक प्राप्त किया जाता है। नैल्लोर से उत्तम किस्म के अभ्रक का उत्पादन किया जाता है।
  2. राजस्थान-राजस्थान में अभ्रक पेटी जयपुर से उदयपुर तक फैली हुई है। यहाँ अभ्रक के खनन का भविष्य उज्ज्वल है।
  3. झारखंड यहाँ के अभ्रक उत्पादक क्षेत्र हैं-हजारीबाग और सिंहभूम।
  4. बिहार-यहाँ अभ्रक की लंबी पेटी पाई जाती है। इस पेटी को ‘विश्व का अभ्रक भंडार’ कहा जता है। गया, मुंगेर यहाँ के प्रमुख अभ्रक उत्पादक क्षेत्र हैं।
  5. अन्य उत्पादक राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र आदि हैं।

प्रश्न 2.
नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
नियंत्रित परिस्थितियों में अणुओं के टूटने से पैदा होने वाली ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा कहलाती है। यह ऊर्जा के अणु टूटने से बनती है, इसलिए इसे परमाणु ऊर्जा भी कहते हैं।

भारत के प्रमुख नाभिकीय या परमाणु ऊर्जा केंद्र-

  1. तारापुर – महाराष्ट्र
  2. काकरापाड़ा – गुजरात
  3. रावतभाटा – राजस्थान
  4. कैगा – कर्नाटक
  5. कल्पक्कम – तमिलनाडु
  6. नरोरा – उत्तर प्रदेश

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प्रश्न 3.
अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
बॉक्साइट और ताँबा प्रमुख अलौह धातुएँ हैं।
1. बॉक्साइट-बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य ओडिशा (उड़ीसा) है। यहाँ के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्र हैं कालाहांडी और संभलपुर। अन्य महत्त्वपूर्ण उत्पादक राज्य हैं-गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि। बॉक्साइट के गौण . उत्पादक राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु व गोवा आदि हैं।

2. ताँबा-ताँबे की प्राप्ति धारवाड़ क्रम की शिष्ट एवं फाइलाइट शैलों की शिराओं से होती है। भारत में ताँबे के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं-राजस्थान (खेतड़ी, सिंघाना, झुंझुनु, अलवर), मध्यप्रदेश (बालाघाट), झारखंड (सिंहभूम) आंध्र प्रदेश (गुंटूर, अन्निगुण्डल), कर्नाटक (हासन, चित्रदुर्ग) आदि हैं।

प्रश्न 4.
ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के वे स्रोत जिनके प्रयोग की पहले से परंपरा न रही हो, वे ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत कहलाते हैं। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय तरंगों की ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा तथा बायोगैस सम्मिलित हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
ऊर्जा एवं शक्ति के साधन के रूप में खनिज तेल का प्रचार एवं प्रसार बढ़ रहा है। पेट्रोलियम या खनिज तेल का उपयोग मुख्य रूप से नए प्रकार के इंजनों, जलयानों या वायुयानों में किया जाता है। यह कच्चे रूप में प्राप्त किया जाता है तथा उत्पादक क्षेत्र से तेल शोधन-शालाओं तक पहुंचाया जाता है, जहाँ इसके शोधन से गैसोलिन, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, डीज़ल, मोम तथा मशीनों को चिकना करने का स्नेहक (Lubricant) प्राप्त होता है।

खनिज तेल अवसादी या तलछटी चट्टानों में पाया जाता है, जो भारत में 17 लाख वर्ग कि०मी० क्षेत्र में फैला है। भारत में ये क्षेत्र या तो समुद्र तटवर्ती भागों में हैं या सतलुज-गंगा के मैदान में, जहाँ पर परतदार चट्टानें अधिक हैं। भारत में वर्तमान समय में तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी भारत तथा राजस्थान, कावेरी, कृष्णा तथा गोदावरी के बेसिन में या बॉम्बे हाई में स्थित है। खनिज तेल उत्पादन की दृष्टि से हमारी स्थिति संतोषजनक नहीं है क्योंकि हमारे तेल-स्रोत अधिकांशतः उत्तरी-पूर्वी राज्यों तक ही सीमित हैं। हमें अपनी घरेलू माँग की पूर्ति के लिए तेल का आयात करना पड़ता है। हम केवल अपनी 40% आवश्यकता की पूर्ति करने में सक्षम हैं। उत्तरी-पूर्वी राज्यों में डिगबोई, नहारकटिया, मसीपुर तथा बदरपुर प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र हैं।

उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र के अलावा पश्चिमी क्षेत्र जिसमें गुजरात तथा मुंबई (बॉम्बे) हाई से तेल का उत्पादन शुरू हो गया है, जिसका तेल उत्पादन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। खंभात की खाड़ी में अंकलेश्वर प्रमुख तेल क्षेत्र है। मुंबई (बॉम्बे) हाई तथा गुजरात में बड़ी मात्रा में तेल प्राप्ति के कारण काफी हद तक घरेलू माँग की पूर्ति हो रही है। उत्तरी-पूर्वी तेल क्षेत्रों का कच्चा तेल शोधन के लिए गुवाहटी के निकट नूनमती तथा बिहार में बरौनी की तेल शोधन-शालाओं में साफ किया जाता है, जबकि गुजरात के कोयली (बड़ौदा) तथा मुंबई (बॉम्बे) हाई का तेल ट्रॉम्बे की शोधन-शालाओं में परिष्करण हेतु लाया जाता है। भारत में लगभग 22 परिष्करणशालाएँ कार्यरत हैं, जिनकी क्षमता 534 लाख टन प्रतिवर्ष से अधिक तेल शोधन की है।

प्रश्न 2.
भारत में जल विद्युत पर एक निबंध लिखें।
उत्तर:
भारत में जल-शक्ति के विशाल भण्डार हैं। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह कोयले से उत्पन्न धुएं तथा उसके हानिकारक प्रभावों से मुक्त रहती है। इसे श्वेत कोयला भी कहा जाता है। कोयला तथा पेट्रोलियम के समाप्त हो जाने पर हमें जल-विधुत पर निर्भर रहना पड़ेगा। हम जल भण्डार का उचित प्रयोग करके जल विद्युत के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।

जल-विद्युत उत्पादन के लिए दशाएँ (Conditions for Production of Water Power)-जल विद्युत उत्पादन के लिए अनुकूल दशाएँ निम्नलिखित हैं
1. लगातार जल प्रवाह (Constant Water Flow)-भारत के जिन क्षेत्रों में स्थाई जल-प्रवाह है, वहां जल-विद्युत का अच्छा विकास देखा गया है। दक्षिणी भारत में दोनों तरफ समुद्र तट होने के कारण तथा उपयुक्त वर्षा के कारण उत्तरी भारत की अपेक्षा ज्यादा जल-विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं।

2. उच्चावच (Relief)-जल-विद्युत का उत्पादन ऊंचाई पर निर्भर करता है क्योंकि इसमें पानी को ऊंचाई से गिराकर बिजली पैदा की जाती है। जल-प्रपात पहाड़ी तथा पठारी भागों में अधिक पाए जाते हैं। नदियों पर कृत्रिम बांध बनाकर भी बिजली तैयार की जाती है। दक्षिणी भारत में अरब सागर के तट के समानांतर सहयाद्रि पर्वत फैले हैं।

3. तापमान (Temperature)-जल-विद्युत के लिए तापमान हिमांक के ऊपर रहना चाहिए। इसके लिए समशीतोष्ण जलवायु कि इसमें न तो जल का अधिक सुखा पड़ता है और न ही जल जमता है। उत्तरी भाग की नदियों का पानी जम जाने के कारण यहां बिजली संयंत्र कई-कई दिनों तक बंद हो जाते हैं।

4. मांग (Demand)-उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिणी भारत में औद्योगिक विकास अधिक हुआ जिस कारण इस क्षेत्र में बिजली की मांग अधिक रहती है। भाखड़ा नांगल बांध से मुंबई को बिजली सप्लाई नहीं की जा सकती है।

5. ऊर्जा संसाधन (Energy Resources)-दक्षिणी भारत में कोयला कम पाया जाता है। यहां विद्युत, जल द्वारा निर्मित की जाती है। इस क्षेत्र में बहुत तीव्र ढाल और दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से काफी वर्षा होती है। उत्तर:पश्चिमी भारत में जल-विद्युत में कोयले का इस्तेमाल किया जाता है।

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वितरण-भारत में जल विद्युत उत्पादन के प्रमुख केंद्र निम्नलिखित हैं
1. महाराष्ट्र (Maharashtra)-इस राज्य के जल-विद्युत केंद्र निम्नलिखित हैं-
(i) टाटा जल-विद्युत योजना (Tata Water Power Project)-पुणे के समीप लोनावला क्षेत्र में नीलामूला, बलट्रान, लोनावला झीलों में जल भण्डारों के आधार पर टाटा कम्पनी ने सन् 1915 में इस शक्ति गृह को स्थापित किया। यहां से पुणे तथा मुम्बई के औद्योगिक क्षेत्र को विद्युत की आपूर्ति की जाती है।

(ii) कोयना परियोजना (Koena Project) यह कृष्णा नदी की सहायक नदी पर मुंबई से 240 किलोमीटर दूर स्थित है। कोयना शक्ति गृह, ट्राम्बे वाष्प शक्ति गृह तथा चोला वाष्प शक्ति गृह को आपस में जोड़कर जल एवं ताप-विद्युत संघटन क्रम (Hydrothermal Grid) बनाया गया है। इन शक्ति गृहों से मुम्बई तथा निकटवर्ती ढाणे, कल्याण तथा पुणे क्षेत्रों को बिजली उपलब्ध करवाई जाती है।

2. कर्नाटक (Karnatka) इस राज्य के जल-विद्युत केंद्र निम्नलिखित हैं
(i) महात्मा गांधी जलविद्युत केंद्र (Mahatama Gandhi Water Power Centre) इसे सन् 1949 में कृष्णा नदी पर जोग जल-प्रपात पर स्थापित किया गया।

(ii) शिवसमुद्रम परियोजना (Shivsamudaram Project) यह बिजली संयंत्र कावेरी नदी पर शिवसमुद्रम नामक स्थान पर स्थित है। यहां से कोलार सोने की खानों तथा बंगलुरू, मैसूर और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों को बिजली की आपूर्ति की जाती है।

(iii) शिम्सा परियोजना (Shimsa Project)-इस परियोजना को सन् 1920 में कावेरी नदी की सहायक शिम्सा नदी के जल-प्रपात पर स्थापित किया गया है। इससे कर्नाटक राज्य को बिजली दी जाती है।

3. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)-उत्तर प्रदेश में निम्नलिखित जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं
(i) गंगा विद्युत संगठन क्रम प्रणाली (Ganga Electric Organisation Serial)- हरिद्वार से मेरठ तक इस क्रम प्रणाली का विकास है। इसमें सलावा पलेरा, सुमेरानी गजनी, मुहम्मदपुर विद्युत केंद्र हैं।

(ii) माताटीला बांध (Matatila Dam) इसे बेतवा नदी पर झांसी के निकट स्थापित किया गया है।

(iii) रिहन्द परियोजना (Rihand Project)-मिर्जापुर जिले में पिपरी नामक स्थान पर रिहन्द नदी पर यह विद्युत-गृह स्थापित है।

4. उत्तराखण्ड (Uttarakhand)-उत्तराखण्ड के जल-विद्युत केंद्र निम्नलिखित हैं
(i) शारदा विद्युत संगठन क्रम प्रणाली (Sharda Electricity Organisation Serial System)-यह शारदा नहर पर तीन जल विद्युत केंद्र के साथ स्थापित है। इसे गंगा विद्युत संगठन क्रम से मिलाया गया है। इससे नैनीताल, अल्मोड़ा तथा उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को बिजली दी जाती है।

(ii) राम गंगा परियोजना (Ram Ganga Project) यह उत्तराखण्ड के गढ़वाल में कालागढ़ स्थान पर रामगंगा नदी पर स्थापित है। यहाँ से कुमाऊं तथा गढ़वाल क्षेत्रों को बिजली दी जाती है।

5. पंजाब (Punjab)-पंजाब की जल-विद्युत परियोजनाएं निम्नलिखित हैं-

  • भाखड़ा नंगल परियोजना यह परियोजना रोपड़ के नजदीक भाखड़ा नामक स्थान पर सतलुज नदी पर बनाई गई है।
  • पोंग बांध परियोजना यह होशियारपुर में तलवाड़ा के निकट पोंग नामक स्थान पर व्यास नदी पर स्थित है।

6. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)-इस राज्य की जल-विद्युत परियोजनाएं इस प्रकार हैं

  • मण्डी परियोजना यहाँ से मण्डी, कांगड़ा घाटी तथा उत्तरी पंजाब को बिजली दी जाती है।
  • पंडोह परियोजना यह व्यास नदी पर पंडोह नामक स्थान पर स्थित है।

7. तमिलनाडु (Tamilnadu) इस राज्य में निम्नलिखित जल-विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं-

  • मैटर परियोजना
  • पापाकारा परियोजना
  • पापनाशम परियोजना
  • कुण्डा परियोजना आदि।

8. केरल (Kerela) केरल राज्य की जल-विद्युत परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं

  • पल्लीवासन परियोजना
  • सेगुलम परियोजना
  • पेरीगल कोथू परियोजना
  • नेरीयामगलम परियोजना
  • पेरियार परियोजना आदि।

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन HBSE 12th Class Geography Notes

→ खनिज (Minerals) : धरातल अथवा भू-गर्भ से खोदकर प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं को खनिज कहा जाता है।

→ धात्विक खनिज (Metallic Minerals) : ऐसे खनिज पदार्थों को, जिनके गलाने से विभिन्न प्रकार की धातुएँ प्राप्त होती हैं, धात्विक खनिज कहते हैं।

→ अधात्विक खनिज (Non-metallic Minerals) : ऐसे खनिज, जिनको गलाने से किसी प्रकार की कोई धात प्राप्त नहीं होती, उसे अधात्विक खनिज कहते हैं।

→ जैव ऊर्जा (Bio Energy) : जैविक उत्पादों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहते हैं।

→ खनिज अयस्क (Mineral Ore) : भूमि से प्राप्त वह कच्ची धातु जिसमें मिट्टी और अन्य अशुद्धियाँ मिश्रित होती हैं।

→ खनन (Mining) : खनन वह आर्थिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा भूमि से खनिजों का निष्कासन किया जाता है। खनन को घातक उद्योग कहा जाता है।

→ ऊर्जा (Energy) : किसी भी कार्य को करने के लिए बल या शक्ति की जरूरत होती है जिसे ऊर्जा कहते हैं।

→ ऊर्जा संसाधन (Energy Resources) : वे संसाधन जिन्हें ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है, ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं।

→ लौह खनिज (Ferrous Minerals) : वे खनिज जिनमें लौह-अयस्क होते हैं, लौह खनिज कहलाते हैं।

→ अलौह खनिज (Non-Ferrous Minerals) : वे खनिज जिनमें लौह-अयस्क नहीं होते, अलौह खनिज कहलाते हैं।

→ नाभिकीय या परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) : नियंत्रित परिस्थितियों में अणुओं के टूटने से पैदा होने वाली ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा कहलाती है। यह ऊर्जा परमाणु के अणु टूटने से बनती है, इसलिए इसे परमाणु ऊर्जा भी कहते हैं।

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→ सौर ऊर्जा (Solar Energy)-सूर्य की गर्मी से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। गुजरात के भुज क्षेत्र में सौर ऊर्जा का एक बड़ा संयंत्र लगा हुआ है।

→ भ-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy) भमि के गर्भ के ताप से प्राप्त ऊर्जा को भू-तापीय ऊर्जा भी कहते हैं।

→ पवन ऊर्जा (Air/Wind Energy)-भारत को विश्व में अब पवन महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है। भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी तमिलनाडु नागरकोइल से मदुरई तक अवस्थित है।

→ पन विद्युत (Hydroelectricity) : पानी से बनाई जाने वाली/ऊर्जा पन विद्युत कहलाती है।

→ जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) : भूमि या समुद्र तल में विभिन्न जीवों के संपीड़न से बना हुआ ईंधन, जीवाश्म ईंधन कहलाता है।

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