HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

HBSE 10th Class Civics जाति, धर्म और लैंगिक मसले Textbook Questions and Answers

प्रश्न-1.
जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भदेभाव होता है। या वे कमजोर स्थिति में होती हैं।
उत्तर-
भारत जैसे पुरुष-प्रधान समाजों में स्त्रियों के साथ अनेकों प्रकार का भेदभाव होता है। इनमें मुख्यतया निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है :

  • परिवार में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को कम सुविध पएँ दी जाती हैं;
  • पारिवारिक कानून अधिकांशतः पुरुषों के पक्ष में होते
  • प्रायः परिवारों में लड़कियों की शिक्षा पर कम ध्यान दिया जाता हैं;
  • अनेकों परिवारों में उन्हें बोझ समझा जाता हैं; उनके विरुद्ध उत्पीड़न के उदाहहरण हम देख सकते हैं।
  • समाज में स्त्रियों की स्थिति चार-दिवारी में सिमट कर रह गयी हैं;
  • सार्वजनिक क्षेत्र में उनकी भूमिका निम्नतर समझी जाती

प्रश्न-2.
विभिन्न तरह की साम्प्रदायिक राजनीति का ब्यौरा दें और एक-एक उदाहरण भी दें।
उत्तर-
साम्प्रदायिकता धर्म का नकारात्मक रूप है। इसे राजनीतिक लक्ष्यों की प्राप्ति का साधन कहा जा सकता है। साम्प्रदायिक राजनीति के अनेक उदाहरण सामने आए हैं। राजनीतिक दल चुनावों में उम्मीदवारों को धर्म के आधार पर टिकट देते हैं। चुनाव-अभियान में धर्म अक्सर सहारा लिया जाता है। राज्यतंत्र में पंथ-निरपेक्षता के जोश में धार्मिक प्रतिनिधित्व छिपे जाने के उदाहरण मिलते हैं। लोक-सेवाओं में भी साम्प्रदायिकता की भूमिका देखी जा सकती हैं।

प्रश्न-3.
बताइए कि भारत में किस तरह अभी भी जातिगत असमानताएँ हैं?
उत्तर-
भारत में जाति के अस्तित्व व उसकी भूमिका को भूलाया नहीं जा सकता। संविधान में छुआछूत के उन्मूलन के बावजूद भी तथा अनेकों कानूनों के चलते जो जाति के आध र पर भेदभाव की समाप्ति से जुड़े हैं, आज भी हमारे देश में जातिगत असमानताएँ हैं। अनुसूचित जातियों के साथ आज भी दुव्यवहार के अनेकों उदाहरण देखे जा सकते हैं। गरीब व उतपीड़न निम्न स्तर की जातियों के लोग आज भी राजनीतिक संरक्षण की मांग करते दिखायी पड़ते हैं। उच्चतर जाति के लोग निम्नतर जाति के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं।

प्रश्न-4.
दो कारण बताएँ कि क्यों सिर्फ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते।
उत्तर-
(क) जाति हमारे समाज के आधारभूत तत्वों के नींव में बस चुकी हैं।
(ख) भारत जैसे देश में आज भी समाज, अर्थव्यवस्था, राज्यतंत्र में जाति के आधार पर निर्णय किए जाते हैं।

प्रश्न-5.
भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की क्या स्थिति हैं?
उत्तर-
एक अनुमान के अनुसार, भारत में विधायिकओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व केवल 8.3% हैं। स्थानीय स्वशासी इकाईयों में महिलाओं के लिए कुल सीटों का एक तिहाई आरक्षण अवश्य हे। राज्यों की विधानसभओं में स्त्रियों का प्रतिनिधित्व 5% से भी कम है। लोकसभा में महिलओं के प्रतिनिधित्व को लेकर सहमति नहीं हो पायी है।

प्रश्न-6.
किन्ही दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत की धर्म-निरेपक्षता बनाते हैं;
उत्तर-
(क) भारत में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में अंगीकार नहीं किया गया है।
(ख) भारत का संविधान सभी नागरिकों और समुदायों को किसी भी धर्म का पालन करने व प्रचार करने की स्वंतत्रता देता

प्रश्न-7.
जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय होता है :
(क) स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएं
(ग) बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात।
(घ) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना।
उत्तर-
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गयी असमान भमिकाएँ।

प्रश्न-8.
भारत में यहां औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था हैं :
(क) लोकसभा (ख) विधानसभा (ग) मंत्रिमंडल (घ) पंचायती राज की संस्थनाएँ
उत्तर
(घ) पंचायती राज की संस्थाएँ

प्रश्न-9.
सांप्रदायिक राजनीति के अर्थ संबंधी निम्नलिखित कथनों पर गौर करें। सांप्रदायिक राजनीति इस धारणा पर आधारित हैं कि : .
(अ) एक धर्म दूसरों से श्रेष्ठ हैं।
(ब) विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिक के रूप में खुशी-खुशी साथ रह सकते हैं।
(स) एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
(द) एक धार्मिक समूह का प्रभुत्व बाकी सभी धर्मों पर कायम करने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इनमें से कौन या कौन-सा-कौन कथन सही हैं?
उत्तर-
(ग) ‘अ’ और ‘स’ सही हैं।

प्रश्न-10.
भारतीय संविधान के बारे में इनमें कौर-सा कथन गलत हैं?
(क) यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता हैं।
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
(ग) सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आजादी देता है।
(घ) किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।
उत्तर-
(ख) सही है।

प्रश्न-11.
……….. पर आधारित सामाजिक विभाजन भारत में ही है।
उत्तर-
जाति।

प्रश्न-12.
सूची
उत्तर सूची I और सूची II का मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब खोजें।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले 1
उत्तर-
‘रे’ ख, क, घ, ग सही है।

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