HBSE 7th Class Hindi रचना अनुच्छेद लेखन

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Hindi Rachana Anuchchhed-Lekhan अनुच्छेद लेखन Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Rachana अनुच्छेद लेखन

किसी एक वाक्य, सूक्ति या काव्य-पंक्ति के विषय में सात-आठ पंक्तियाँ लिखना अनुच्छेद-लेखन’ कहलाता है। एक अनुच्छेद में एक विचार या भाव का ही विस्तार किया जाता है। सामान्यतः यह 70-80 शब्दों का होता है। अनुच्छेद का रोचक होना आवश्यक उदाहरण के लिए कुछ अनुच्छेद दिए जा रहे हैं :

1. प्रातःकाल का दृश्य

प्रात:काल का दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है। इस समय आकाश के रूप में क्षण-क्षण परिवर्तन होता है। ऐसा लगता है जैसे कोई जादू-म्ग होल को मारनों से बाहर निकलकर चहचहाने लगते हैं। ठंडी हवा बहने लगती है। इससे हमारा मन और तन आनंदित हो उठते हैं। हरी घास पर पड़ी ओस की बूँदै मोती-सी चमकती प्रतीत होती हैं। बाग-बगीचों में रंग-बिरंगे फूल मुस्करा रहे होते हैं। पार्कों में लोग सैर और व्यायाम करते दिखाई देते हैं। वास्तव में प्रात:काल का दृश्य मन में आशा और उमंग का संचार कर देता है।

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2. पुस्तकालय

पुस्तकालय में पुस्तकों का संग्रह होता है। सभी विद्यालयों में पुस्तकालय तो होते ही हैं, इसके साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर लोग पुस्तकालय खोलते हैं। पुस्तकालय ज्ञान के केन्द्र हैं। इनमें मिलने वाली पुस्तकों को पढ़कर जहां हमारा ज्ञान बढ़ता है, वहीं हमारा मनोरंजन भी होता है। पुस्तकालय से निर्धन विद्यार्थी पुस्तकें लेकर पढ़ाई करते हैं। पुस्तकालय के अपने कुछ नियम होते हैं। हमें उनका पालन करना चाहिए। पुस्तकालय में शांति बनाए रखनी चाहिए।

3. जैसा करोगे, वैसा भरोगे

इस संसार का नियम है – जैसा करोगे, वैसा भरोगे। यहां व्यक्ति जैसा काम करता है, उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है। अच्छा कार्य करके व्यक्ति अच्छा फल भोगता है और बुरा काम करके उसे दंड भुगतना ही पड़ता है। कई बार ऐसा भी देखने में आता है कि बुरा कर्म करने वाला फल-फूल रहा है। यह स्थिति अधिक समय तक नहीं रहती। बुरे काम का अंत बुरा अवश्य होता है। आम खाने के लिए आम की गुठली ही बोनी पड़ती है। अतः मनुष्य को चाहिए कि ऐसे अच्छे कर्म करे जिससे दूसरों को भी शीतलता मिले और स्वयं भी सुख-शांति पा सके।

4. परिश्रम की महिमा

परिश्रम सफलता की कुंजी है। व्यक्ति को परिश्रम से नहीं घबराना चाहिए। परिश्रम से कठिन से कठिन काम भी आसान हो जाता है। परिश्रम से जी चुराने वाला व्यक्ति आलसी बन जाता है। आलसी व्यक्ति के जीवन का कोई लाभ नहीं होता। उसमे कार्य के प्रति उमंग, उत्साह और जोश नहीं होता। जो व्यक्ति परिश्रम करता है, वह कठिनाइयों से कभी नहीं घबराता। परिश्रमी व्यक्ति सदा सफलता प्राप्त करता है। हमें अपना काम सदैव परिश्रमपूर्वक करना चाहिए।

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5. अनेकता में एकता

अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। इस विशाल देश में ऊपरी तौर पर अनेक प्रकार की विभिन्नताएं दिखाई देती है। कहीं पर्वत हैं तो कहीं हरे-भरे मैदान और कहाँ गहरे समुद्र। इस देश में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। यहां वेशभूषा और खान-पान की दृष्टि से भी अनेक विभिन्नताएँ हैं। विभिन्न प्रांतों में मौसम भी एक समान नहीं होता। धर्म भी अनेक हैं। इन सभी विभिन्नताओं के होते हुए भी भारत एक है। इन विभिन्नताओं की तह में एकता की भावना छिपी हुई है। भारत की संस्कृति एक है। सभी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

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