HBSE 6th Class Hindi Vyakaran वाक्य विचार

Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Hindi Vyakaran Vakya Vichar वाक्य विचार Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Hindi Vyakaran वाक्य विचार

मनुष्य अपने भावों या विचारों को वाक्य में ही प्रकट करता है। वाक्य में शब्दों का निश्चित क्रम होता है। कभी-कभी एक शब्द को भी वाक्य के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। जैसे-

  • राकेश – शशंक, तुम कहां जा रहे हो ?
  • शशांक – स्कूल।

यहां शशांक ने केवल ‘स्कूल’ कहकर उत्तर दिया है।

वाक्य के अंग (Parts of Sentence) : वाक्य के दो अंग होते हैं :
1. उद्देश्य (Subject)
2. विधेय (Predicate)

1. उद्देश्य (Subject) : वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे-

  • मोहन खेलता है।
  • पक्षी डाल पर बैठा है।

इन वाक्यों में ‘मोहन’ और ‘पक्षी’ उद्देश्य हैं।

2. विधेय (Predicate) : उद्देश्य के विषय में जो कुछ – कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं। जैसे-

  • मोहन खेलता है।
  • पक्षी डाल पर बैठा है।

इन वाक्यों में ‘खेलता है’ और ‘डाल पर बैठा है’ विधेय हैं।

यह भी जानें : उद्देश्य में कर्ता मूल होता है तथा कभी-कभी उसका विस्तार भी किया जाता है। जैसे-
मेरा पुत्र मोहन खेलता है।
यहाँ भी कर्ता ‘मोहन’ ही है। पर ‘मेरा पुत्र’ कर्ता का विस्तार है।

विधेय में क्रिया मूल होता है। सकर्मक क्रिया में कर्म भी विधेय का विस्तार ही अंश होता है। कर्म और क्रिया दोनों का विस्तार ‘विधेय का विस्तार’ कहलाता है। जैसे-

  • मोहन पत्र लिखता है।
  • मोहन लंबा पत्र लिखता है।
  • मोहन लंबा पत्र नित्य लिखता है।

इन तीनो वाक्यों में रेखांकित अंश विधेय हैं। दूसरे और तीसरे वाक्यों में विधेय का विस्तार किया गया है।

निम्नलिखित वाक्यों में उद्देश्य और विधेय की ओर ध्यान दीजिए :

उद्देश्य विधेय
श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया।
आप क्या कर रहें हैं ?
प्रतापी सम्राट अशोक ने युद्ध न करने की शपथ लो।
मेरा बड़ा भाई राम कल कोलकाता जाएगा।
मैं मंत्री को पत्र लिख रहा हूँ।

HBSE 6th Class Hindi रचना वाक्य विचार

वाक्य-रचना (Construction of Sentence):
वाक्य शब्दों या पदों का मात्र समूह नहीं होता है। प्रत्येक वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक पद किसी-न-किसी संबंध से परस्पर जुड़ा रहता है। यह संबंध ही पदों के समूह को वाक्य का रूप प्रदान करता है। इस संबंध को दो प्रकार से समझा जा सकता है।
1. पदक्रम और
2. अन्विति। वाक्य-रचना की दृष्टि से ये दोनों तत्त्व अनिवार्य हैं। ॥

वाक्य के भेद (Kinds of Sentence) :
(क) अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं :
1. विधानवाचक (Assertive) : इसमें क्रिया करने का सामान्य कथन होता है।
जैसे- सौरभ पढ़ता है।
2. निषेधवाचक (Negative) : इसमें किसी कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है।
जैसे- वह आज काम नहीं करेगा।

3. प्रश्नवाचक (Interrogative) : इस वाक्य में प्रश्न के पूछे जाने का बोध होता है।
जैसे- वह क्या कर रहा है?

4. आज्ञावाचक (Command or Order) : इसमें आज्ञा या अनुमति देने का भाव होता है।
जैसे- तुम अभी चले जाओ। (आज्ञा)
अब आप जा सकते हैं। (अनुमति)

5. संदेहवाचक (Doubr) : इस प्रकार के वाकय में किसी कार्य के होने के बारे में संदेह प्रकट किया जाता है।
जैसे- वह शायद ही यह काम करे।

6, इच्छावाचक (Will or Hope) : इस प्रकार के वाक्यों में वक्ता की इच्छा, आशीर्वाद, शुभकामना आदि का बोध होता है।
जैसे- ईश्वर तुम्हें दीर्घायु बनाए।

7. संकेतवाचक (Conditional) : इस वाक्य में एक क्रिया दूसरी पर निर्भर होती है।
जैसे- यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।

HBSE 6th Class Hindi रचना वाक्य विचार

8. विस्मयादिवाचक (Exclamatory) : इन वाक्यों में घृणा, शोक, हर्ष, विस्मय आदि के भाव प्रकट होते हैं।
जैसे :

  • वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया।
  • छिः छि कितनी गंदी जगह है ?

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं :
1. सरल वाक्य (Simple Sentence)
2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence)
3. मिश्र वाक्य (Complex Sentence)

1. सरल वाक्य (Simple Sentence) : जिस वाक्य में एक – उद्देश्य और एक विधेय हो उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं। उदाहरण :

  • लड़के खेल रहे हैं।
  • तेज़ वर्षा हो रही है।

2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) : समान स्तर के दो या अधिक सरल वाक्य जिस वाक्य में जुड़े हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। उदाहरण :

  • वर्षा हो रही है और धूप निकली हुई है।
  • आप चाय लेंगे अथवा शर्बत मंगवाऊँ।

3. मिश्र वाक्य (Complex Sentence) : जिस वाक्य में एक सरल वाक्य (मुख्य उप वाक्य) हो तथा एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। उदाहरण :

  • उसने कहा कि मैं स्कूल जाऊंगा। (संज्ञा उपवाक्य)
  • वह छात्र प्रथम आएगा, जो पीछे बैठा है। (विशेषण उपवाक्य)
  • जब भी जाना चाहें, आप चले जाइए। (क्रिया विशेषण उपवाक्य)

आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं :

  1. संज्ञा उपवाक्य (Noun Clause)
  2. विशेषण उपवाक्य (Adjective Clause)
  3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य (Adverb Clause)

HBSE 6th Class Hindi रचना वाक्य विचार

1. संज्ञा उपवाक्य : जो उपवाक्य वाक्य में संज्ञा का काम करते हैं, वे संज्ञा उपवाक्य कहलाते हैं। इस उपवाक्य से पहले ‘कि’ का प्रयोग होता है और कभी-कभी ‘कि’ का लोप भी हो जाता है। जैसे-

  • मुझे विश्वास है कि आप दीवाली हर घर जरूर आएँगे।
  • तुम नहीं आओगे, मैं जानता था।

2. विशेषण उपवाक्य : विशेषण उपवाक्य मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त किसी संज्ञा की विशेषता बताता है। हिंदी में ‘जो’ (जिस, जिसे आदि) वाले उपवाक्य प्रायः विशेषण उपवाक्य होते हैं। जैसे

  • आपकी वह पुस्तक कहां है, जो आप कल लाए
  • जो आदमी पत्र बांटता है, वह डाकिया होता है।
  • जिसे आप ढूंढ रहे हैं, वह मैं नहीं हूँ।
    अधिकतर विशेषण उपवाक्य के प्रारम्भ या अंत में प्रयुक्त होते हैं ; जैसे
  • जो पैसे मुझे मिले थे, वे खर्च हो गए। (प्रारंभ में)
  • वे पैसे खर्च हो गए, जो मुझे मिले थे। (अंत में)

3. क्रिया विशेषण उपवाक्य : यह उपवाक्य सामान्यत: मुख्य उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है। ये क्रिया विशेषण उपवाक्य किसी काल, स्थान, रीति, परिमाण, कार्य-कारण आदि का द्योतन करते हैं। इसमें जब, जहां, जैसा, ज्यों-ज्यों आदि समुच्चयबोधक अव्यय प्रयुक्त होते हैं; जैसे-

  • जब बारिश हो रही थी, तब मैं घर में था। (कालवाची)
  • जहाँ तुम पढ़ते थे, वहीं मैं पढ़ता था। (स्थानवाची)
  • जैसा आप ने बताया था, वैसा मैंने किया। (रीतिवाची)

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