Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Hindi Rachana Patra-Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Hindi Rachana पत्र-लेखन
1. अवकाश माँगते हुए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
सेंट कोलंबस स्कूल,
चंडीगढ़।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे कल रात्रि से ज्वर आ रहा है। डॉक्टर ने ‘वायरल फीवर’ बताया है और चार दिन तक पूर्ण विश्राम का परामर्श दिया है। अत: मैं दिनांक…………….. से ………….. तक चार दिन विद्यालय आने में असमर्थ हूँ।
कृपया मुझे इन चार दिनों का अवकाश प्रदान कर कृतार्थ करें।
धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
मेहुल मैदीरत्ता
कक्षा..
दिनांक…………
2. विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र (S.L.C.) प्राप्त करने के लिए प्रधानाचार्य को आवेदन-पत्र लिखो।
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
समरफील्ड पब्लिक स्कूल,
नई दिल्ली।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं इस स्कूल का सातवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मेरे पिताजी का स्थानांतरण मुंबई हो गया है। अगले सप्ताह हमारा परिवार मुंबई चला जाएगा। मुझे वहीं के किसी स्कूल में प्रवेश लेना होगा। इस कार्य हेतु मुझे विद्यालय त्यागने का प्रमाण पत्र (S.L.C.) प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
मंयक
दिनांक…………
3. आर्थिक सहायता हेतु प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल,
टैगोर गार्डन,
नई दिल्ली।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं इस विद्यालय की आठवीं कक्षा की अत्रा हूँ। मैं सातवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में सभी वर्गों में प्रथम स्थान पर रही थी। मैंने चार सौ मीटर की दौड़ में मंडल स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था।
पिछले तीन मास से हमारा परिवार आर्थिक समस्या से ग्रस्त है। पिताजी दुर्घटनाग्रस्त होकर बिस्तर पर हैं। उनको पूरी तरह ठीक होने में अभी छह मास का समय लगेगा। परिवार में पिताजी ही एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं। उनके इलाज पर भी काफी पैसा लग रहा है।
ऐसी विषम स्थिति में मुझे कक्षा की मासिक फीस जमा कराने में अत्यन्त कठिनाई आ रही है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि छ: मास के लिए मेरी फीस माफ की जाए तथा ‘छात्रनिधि’ से मुझे कुछ आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
आपकी इस सामयिक सहायता के लिए मैं आपकी सदैव आभारी रहूंगी।
धन्यवाद सहित,
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या
कनिका छाबड़ा
कक्षा –
दिनांक…………
4. अपने मोहल्ले की गंदगी हटवाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम (पश्चिमी क्षेत्र),
राजौरी गार्डन,
नई दिल्ली।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि राजौरी गार्डन क्षेत्र में गंदगी का साम्राज्य है। यहां पिछले एक मास से सफाई ही नहीं हुई है। सफाई-कर्मचारियों से कई बार प्रार्थना की, किन्तु उसका कोई प्रभाव नहीं हुआ। सड़कों पर भी गंदगी जमा हो रही है।
कूड़े के ढेरों पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मलेरिया फैलने की पूरी आशंका है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि यहां सफाई का उचित प्रबंध करवाएं, ताकि हम स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकें।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
कुन्दन लाल,
सचिव, बी ब्लॉक, राजौरी गार्डन
निवासी संघ
दिनांक…………
5. डाकपाल को शिकायती पत्र
सेवा में,
डाकपाल महोदय,
मुख्य डाकघर,
रमेश नगर,
नई दिल्ली ।
महोदय,
मैं आपका ध्यान रमेश नगर (ई. ब्लाक) के डाकिए की लापरवाही की ओर दिलाना चाहती हूँ।
इस क्षेत्र का डाकिया नियमित रूप से डाक वितरण नहीं करता। दिन में दो बार डाक बाँटने के स्थान पर वह केवल एक ही बार आता है। उसके आने का समय निश्चित नहीं है। वह हमारे पत्र इधर-उधर फेंक जाता है। यद्यपि हमने लैटरबॉक्स लगा रखा है, पर वह पत्र उसमें नहीं डालता। उसकी इस लापरवाही के कारण हमारे अनेक आवश्यक पत्र गुम हो जाते हैं। अनियमित डाक-वितरण के कारण अनेक पत्र विलंब से मिलते हैं।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप इस क्षेत्र के डाकिए को तत्परता से काम करने के निर्देश दें, ताकि हमें सुचारू रूप से डाक-वितरण का कार्य हो सके।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रचना मैदीरत्ता
ई-249-250, रमेश नगर, नई दिल्ली।
दिनांक…………
6. पुस्तक-विक्रेता को पत्र
सेवा में,
प्रबंधक महोदय,
जीवन बुक्स इंटरनेशनल (प्रा.) लि.,
मानसरोवर गार्डन,
नई दिल्ली।
मान्यवर,
आपका भेजा सूचीपत्र प्राप्त हुआ। मुझे निम्नलिखित पुस्तकों की शीघ्र आवश्यकता है। कृपया नवीनतम संस्करण की ही पुस्तकें भिजवाएँ। मैं सौ रुपए का बैंक-ड्राफ्ट अग्रिम भेज रहा हूँ। कृपया पुस्तकें वी.पी.पी. द्वारा मेरे पते पर शीघ्र भिजवाने की व्यवस्था करें।
1. जीवन भारती (भाग-8) 3 प्रति
2. जीवन हिन्दी व्याकरण एवं रचना (भाग-7) 2 प्रति
3. जीवन इंटरएक्टिव गणित (भाग-3) 2 प्रति
सधन्यवाद,
भवदीय
धनालक्ष्मी
44/6, टी नगर, चेन्नई (तमिलनाडु)
दिनांक………..
संलग्न – इंडियन बैंक का ड्राफ्ट – ई-74027
7. जन्मदिन पर आमंत्रित करते हुए मित्र को पत्र
5/62. बैंक स्ट्रीट,
बंगलूर
दिनांक…
प्रिय मित्र राहुल,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हें यह जानकर अत्यंत हर्ष होगा कि दिनांक…………. को मेरा जन्मदिन है। इस अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम निम्नलिखित है :
दिनांक..
सायं 7 बजे – केक काटने की रस्म
सायं 7.30 से 8.30 तक – सांस्कृतिक कार्यक्रम
रात्रि 8.30 बजे – प्रीतिभोज
इस समारोह में भाग लेने के लिए मैं तुम्हें आमंत्रित करता हूँ। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम समय से पूर्व ही आ जाओगे। अपनी बहन चीकू को भी साथ लेते आना।
तुम्हारा प्रिय मित्र
मनोज
8. मित्र द्वारा निमंत्रण-पत्र का उत्तर
7/452, गनहिल रोड,
मसूरी।
दिनांक …………
प्रिय मित्र निशान्त,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा निमंत्रण पत्र मिला। जन्म दिन के पावन अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करो।
जन्मदिन के अवसर पर मैं एक छोटा-सा उपहार कोरियर द्वारा भेज रहा हूँ। इसे स्वीकार कर कृतार्थ करना। जन्मदिन समारोह में मैं स्वयं तो उपस्थित नहीं हो पाऊँगा। इन दिनों माता जी अस्वस्थ चल रही हैं। उन्हें छोड़कर आना उचित नहीं होगा। आशा है तुम मेरी विवशता को समझोगे।
एक बार पुनः जन्मदिन की शुभकामनाएँ अपने माता-पिता को मेरा चरण-स्पर्श कहना।
तुम्हारा प्रिय मित्र
राहुल
9. आपका मित्र परीक्षा में अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण हुआ, उसे बधाई देते हुए पत्र लिखिए।
सैक्टर-7, कोठी नं. 1218,
पंचकुला।
दिनांक………….
प्रिय नरेंद्र
सप्रेम नमस्ते।
अभी-अभी तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर कि तुमने अपने विद्यालय में सर्वाधिक 96 प्रतिशत अंक पाए हैं, मुझे कितनी खुशी हुई, कैसे लिखू। मेरी बधाई स्वीकार करें।
प्रिय मित्र 96% अंक प्राप्त करना खुशी की बात तो है, परन्तु आश्चर्य की नहीं, क्योंकि तुम्हारी प्रतिभा किसी से छिपी नहीं है। हाँ, इस परिणाम से तुम्हारे ऊपर एक नई जिम्मेदारी आ गई है। वह यह कि अब भविष्य की परीक्षाओं में तुम इस प्रतिशत को बिल्कुल नीचे नहीं आने दोगे, वरन् ऊंचा ही उठाओगे। इसके लिए तुम्हें चाहे जितना परिश्रम करना पड़े। मेरी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ हैं।
अपने मम्मी-पापा को मेरी ओर से बधाई देना। बच्चों को प्यार।
शेष कुशल है।
तुम्हारा मित्र
भारत मैदीरत्ता
10. अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए, जिसमें परिश्रम का महत्त्व समझाया गया हो।
5/2, कमला नगर,
दिल्ली।
दिनांक………….
प्रिय अनुज,
शुभाशीर्वाद।
आशा है तुम स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे। कल माताजी का पत्र प्राप्त हुआ, जिससे पता चला कि इस वर्ष तुम्हें केवल 52% अंक प्राप्त हुए हैं। इतने कम अंक तुम्हें पहले कभी नहीं मिले। संभवत: तुम्हारे परिश्रम में कोई कमी रह गई है।
प्रिय भाई, परिश्रम के बिना जीवन में कोई सफलता नहीं मिलती। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। किसी कवि ने सच ही कहा-
“विद्या, धन उद्यम बिना, कहो सो पावै कौन?
बिना डुलाए ना मिले, ज्यों पंखा की पौन।”
जो व्यक्ति परिश्रम करने से जी चुराता है, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता। परिश्रम के बलबूते पर तो मूर्ख भी चतुर बन जाता है। कालिदास जैसा वज मूर्ख परिश्रम के बलबूते पर ही संस्कृत का इतना प्रकांड विद्वान बन सका।
आशा है तुम परिश्रम के महत्त्व को समझ गए होगे। अगली कक्षा में तुम्हें 75% अंक प्राप्त करने हैं। इसके लिए अभी से परिश्रम करना आरंभ कर दो।
माता जी को सादर-प्रणाम।
तुम्हारा शुभचिंतक
लवाशीष
11. सखी को ग्रीष्मावकाश साथ-साथ बिताने के लिए पत्र
561, सिविल लाइन,
देहरादून।
दिनांक…
प्रिय सखी गरिमा,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। हमारी वार्षिक परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं। परीक्षा-परिणाम घोषित होने के पश्चात् हमारा विद्यालय दो मास के ग्रीष्मावकाश के लिए बंद हो जाएगा। तुम्हारे विद्यालय में भी अगले मास ग्रीष्मावकाश हो जाएगा।
तुम्हें स्मरण होगा कि पिछले वर्ष तुमने मेरे यहाँ आकर ग्रीष्मावकाश का एक मास बिताने का वायदा किया था। मेरी भी हार्दिक इच्छा है हम दोनों एक मास साथ-साथ रहें। अगले मास देहरादून का मौसम भी सुहावना हो जाएगा। हम यहाँ से एक सप्ताह के लिए मसूरी भी चलेंगे। हम दोनों नृत्य एवं संगीत की कक्षा में दो सप्ताह के कोर्स में भी प्रवेश लेंगे।
अपने कार्यक्रम से मुझे शीघ्र सूचित करना।
शेष कुशल !
तुम्हारी प्रिय सखी
पूजा भारती
12. पिताजी से रुपये मंगवाने के लिए पत्र
न्यू कांवेंट स्कूल, कोचीन।
दिनांक…………..
पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ पर कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि घर पर भी सब कुशल होंगे। मेरी पढ़ाई बिल्कुल ठीक चल रही है। मुझे आशा है कि मैं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो जाऊँगा। अगले सप्ताह हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को भ्रमण के लिए कुछ ऐतिहासिक स्थानों पर ले जाया जाएगा। मैंने भी वहाँ जाने के लिए नाम लिखवा दिया है। इस कार्यक्रम के लिए विद्यालय ने पचास-पचास रुपये प्रति विद्यार्थी जमा करवाए हैं। इसके अतिरिक्त कुछ पैसे और भी खर्च हो जाएँगे। अतः आप सौ रुपये शीघ्र धनादेश द्वारा भेजने की कृपा करें।
आपका स्नेहभाजन,
कपिल
13. मित्र के पिता की मृत्यु पर शोक पत्र
शाम नाथ मुखर्जी मार्ग, दिल्ली-110006
दिनांक…
प्रिय राजेश,
आपका पत्र 23 तारीख का लिखा हुआ मिला। जब मैंने आपके पिताजी की मृत्यु का समाचार उसमें पढ़ा तो मुझे उस पर एकाएक विश्वास न हुआ। पिछले मास की 30 तारीख को तो मैं उनसे मिला था।
मुझे ऐसी स्वप्न में भी कल्पना नहीं थी कि उनकी मृत्यु इतनी निकट है। प्रिय मित्र, यहाँ मनुष्य असमर्थ हो जाता है। धनी या निर्धन, बलवान या निर्बल, राजा या रंक, मूर्ख या विद्वान सभी एक दिन ईश्वर के नियमानुसार काल का ग्रास बन जाते हैं। भगवान की इच्छा बलवती है। अत: धैर्य और सब्र के सिवा चारा ही क्या है ? मुझे आशा है कि तुम धीरज से काम लोगे तथा सब्र के साथ पूज्य माता जी तथा गीता को धीरज तथा सांत्वना दोगे।
ईश्वर से प्रार्थना है कि स्वर्गवासी आत्मा को सद्गति प्रदान करे तथा आप सबको दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
तुम्हारे दुःख में दुःखी
राजनाथ विज
14. बड़ी बहन की ओर से छोटे भाई को कुसंगति की हानियाँ बताते हुए पत्र
पी.एम.जी., टी नगर,
चेन्नई।
दिनांक ……………
प्रिय रंजन,
शुभाशीर्वाद।
कल माताजी का पत्र मिला। इसे पढ़कर ज्ञात हुआ कि आजकल तुम्हारा मन पढ़ाई में न लगकर बुरे लड़कों की संगति में लगता है। यही कारण है कि प्रथम सत्र की परीक्षा में अनुत्तीर्ण भी हो गए हो।
प्रिय भाई ! बुरे लोगों की संगति जीवन को बर्बाद करके रख देती है। इससे तुम्हारा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। सभी विद्वानों ने सत्संगति का बड़ा महत्त्व बताया है। इससे हमारा जीवन निरंतर प्रगति की ओर जाता है। हमें सज्जनों के वचनों को सुनकर उनका पालन करना चाहिए। कुसंगति तो कालिमा के समान है जिससे हमारा भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
कहा गया है
‘जैसी संगति बैठिए, तैसोई फल होत’।
आशा है, तुम सत्संगति में अपना मन लगाओगे और पुनः शिकायत का अवसर नहीं दोगे।
माता जी को प्रणाम कहना।
तुम्हारी शुभचिंतिका
वंदना वर्मा
15. छोटी बहन को परीक्षा में सफलता प्राप्त होने पर बधाई-पत्र
एम 28/104, यमुना विहार,
दिल्ली-110062
दिनांक : …………..
प्रिय बहन विमला,
शुभाशीर्वाद।
पूज्य पिताजी के टेलीफोन से अभी-अभी ज्ञात हुआ कि तुम इस वर्ष की परीक्षा में बहुत अच्छे अंकों से सफल हुई हो। इस सुखद समाचार से मेरी प्रसन्नता का पारावार न रहा। मेरी ओर से तुम्हें हार्दिक बधाई। इस परीक्षा के लिए तुमने जो नियमित रूप से जी-तोड़ परिश्रम किया था, उससे मुझे तुम्हारी इस सफलता की पूरी आशा थी। तुमने सिद्ध कर दिया कि परिश्रम तथा दृढ़-संकल्प के बल पर कोई भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
मुझे पूर्ण आशा एवं विश्वास है कि आगामी परीक्षाओं में भी तुम इसी प्रकार शानदार सफलता प्राप्त करके अपने परिवार तथा विद्यालय का नाम ऊँचा करोगी। शेष मिलने पर।
तुम्हारा शुभचिंतक
संजय
16. उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए चाचा जी को पत्र
ए-42, डेम्पियर नगर,
मथुरा (उ.प्र.)।
दिनांक………..
आदरणीय चाचा जी,
सादर प्रणाम।
आपके द्वारा मेरे जन्मदिन पर भेजा हुआ उपहार प्राप्त हुआ। यह उपहार मेरे प्रति आपके स्नेह का परिचायक है। शुभकामना एवं उपहार के लिए मैं आपके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। आशा है आप भविष्य में भी मुझ पर ऐसी कृपा बनाए रखेंगे। उपहार के रूप में एक शानदार घड़ी पाकर मैं बहुत हर्षित हूँ। यह मेरे सभी मित्रों को बहुत पसंद आई। इससे मुझे नियमित पढ़ाई करने में बहुत सहायता मिलेगी।
एक बार पुनः धन्यवाद।
आपका कृपाकांक्षी
मेहुल
17. यात्रा का विवरण देते हुए मित्र को पत्र
परीक्षा भवन,
ग्वालियर
दिनांक…………..
प्रिय मित्र अनिल,
सप्रेम नमस्ते।
कल तुम्हारा पत्र मिला। तुमने अपनी छुट्टियाँ गोवा में सानंद बिताई। यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। तुम जानना चाहते हो कि मेरी छुट्टियाँ कहाँ और कैसे बीती। मैं छुट्टियाँ आरम्भ होते ही अपने चाचा जी के घर शिमला चला गया। वहाँ जाकर तो मजा ही आ गया।
चाचा जी का पुत्र संदीप आयु में मेरे ही समान है। संदीप और मैं प्रतिदिन घूमने जाते। शिमला में हम मालरोड, रिजरोड, छोटा शिमला, संजोली, समरहिल, जतोग, जाखू तथा कुफरी स्थानों पर घूमने गए। एक दिन आलू अनुसंधान केन्द्र तथा पोलो ग्राउंड गए। रात को मालरोड़ का दृश्य तो वास्तव में बड़ा मनभावन होता था। शिमला में एक स्थान है ‘कुसुमपटी’ वहाँ पर चारों ओर रंग-बिरंगे फूल दूर से दिखाई पड़ते हैं, हिमाच्छादित पर्वत शिखर, दाएँ-बाएँ गहरे खड्डे। दोपहर में हम लोग घर के अंदर खेले जाने वाले खेल खेलते तथा अन्त्याक्षरी एवं गपशप करते।
एक दिन सब लोग ‘तत्ता पानी’ नामक स्थान पर पिकनिक मनाने गए। रास्ते में चीड़, देवदार, अखरोट तथा सेब के बाग देखकर मेरा मन आह्लाद से भर गया। उस दिन पिकनिक बहुत आनंददायक रही। मैंने पूरा ग्रीष्मावकाश शिमले में ही बिताया। वहाँ सेब खूब खाए। वहाँ मेरा स्वास्थ्य निखर आया तथा भूख भी बढ़ गई। पता ही नहीं चला, ग्रीष्मावकाश कब व्यतीत हो गया। एक जुलाई को पिताजी के पत्र से याद आया कि अभी गृहकार्य भी करना है। मैंने चाचा जी से मुझे दिल्ली भेजने की प्रार्थना की। उन्होंने आरक्षण कराया। मैंने संदीप को दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। चाचा जी मुझे कालका तक छोड़ने गए। वहाँ मुझे दिल्ली के लिए कालका मेल में बिठाया और मैं पाँच जुलाई को दिल्ली आ गया। इस बार ग्रीष्मावकाश में जो आनन्द आया, वह सदैव याद रहेगा। हाँ, सारी छुट्टियों में तुम्हारी कमी अखरी। तुम भी साथ होते तो आनंद दुगुना हो जाता। अगली बार साथ चलेंगे। लिखना कब आ रहे हो।
अंकल और आंटी को नमस्ते।
तुम्हारा मित्र,
विजय
18. विद्यालय में पीने के पानी की उचित व्यवस्था हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
डी.ए.वी. सीनियर सेकंडरी स्कूल,
पहाड़गंज, नई दिल्ली।
महोदय,
निवेदन है कि हमारे विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। इस विद्यालय में लगभग 100 छात्र हैं, पर उनके लिए केवल एक नल लगा हुआ है, जिसके कारण यहाँ काफी भीड़ जमा हो जाती है। यह नल भी दोपहर 2 से 3 बजे तक बंद रहता है। गरमी के दिनों में तो हमारा बुरा हाल रहता है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि विद्यालय में गरमियों के लिए एक वाटर कूलर का प्रबंध किया जाए। एक नल के स्थान पर चार-पाँच नलों की व्यवस्था की जाए। पेय जल को एकत्रित करने के लिए एक टंकी बनवाई जानी चाहिए।
आशा है, आप हमारी समस्या पर उचित ध्यान देंगे एवं हमें इससे छुटकारा दिलाएंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
लक्ष्य छाबड़ा, अध्यक्ष
विद्यार्थी संघ
दिनांक…………
19. खेलों का उचित प्रबंध कराने के लिए प्रध नाचार्य को प्रार्थना पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
केन्द्रीय विद्यालय,
रायपुर।
महोदय,
निवेदन है कि मैं आपका ध्यान इस विद्यालय की अपर्याप्त खेल-व्यवस्था की ओर दिलाना चाहता हूं।
हमारे विद्यालय में खेल का सामान छात्रों के अनुपात में बहुत कम है। प्रायः हमें खेल अध्यापक से यही उत्तर मिलता है कि स्कूल में खेल का सामान नहीं है। खेल का मैदान भी बहुत असमतल है। ऐसी दशा में स्कूल में खेलों का स्तर गिरना स्वाभाविक ही है। आपको ज्ञात होगा इस वर्ष अन्तर विद्यालय खेल प्रतियोगिता में हमारा विद्यालय दसवें स्थान पर रहा है। यह स्थिति निश्चय ही चिंताजनक है।
आपसे विनम्र प्रार्थना है कि विद्यालय में खेलों का पर्याप्त सामान मंगवाया जाए और छात्रों को खेलने के पर्याप्त अवसर दिए जाएं।
धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
मरुधल,
सचिव, विद्यार्थी संघ
दिनांक………………
20. पेयजल संकट पर जल बोर्ड को पत्र
सेवा में,
प्रबंधक,
दिल्ली जल बोर्ड,
नई दिल्ली।
विषय : रघुबीर नगर में पेयजल संकट
महोदय,
मैं आपका ध्यान रघुबीर नगर क्षेत्र में गत् एक सप्ताह से चल रहे जल संकट की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
इस क्षेत्र में पेयजल की भारी कमी है। पूरे सप्ताह में केवल दो दिन पीने का पानी आया है और वह भी केवल आधे घंटे के लिए। यहाँ के निवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए हैं। न यहाँ कोई जल बोर्ड के पानी का टैंकर आता है। क्षेत्रीय पार्षद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
मैं यहाँ के निवासियों की संस्था के सचिव के नाते आपसे प्रार्थना करता हूँ कि इस क्षेत्र में पानी की पर्याप्त सप्लाई की तुरंत व्यवस्था की जाए, ताकि यहाँ के गरीब निवासी पीने का पानी प्राप्त कर सकें।
सधन्यवाद,
भवदीय
राम अवतार शर्मा
सचिव
रघुबीर नगर निवासी संघ, नई दिल्ली।
दिनांक…………….